व्याख्यान नोट्स: वर्नियर कैलीपर की सहायता से छोटे कणों का व्यास मापन
परिचय
- विषय: वर्नियर कैलीपर का उपयोग करके छोटे कणों का व्यास कैसे मापा जाए।
- उपकरण: वर्नियर कैलीपर
वर्नियर कैलीपर के घटक
- मुख्य स्केल: सेंटीमीटर में माप प्रदान करता है।
- वर्नियर स्केल: मुख्य स्केल में अंशांकित नहीं होते हुए भी, वर्नियर स्केल के अंश विभाजन के साथ मेल खाता है।
- तंग करने वाला स्क्रू: माप के दौरान कैलीपर को स्थिर रखने में मदद करता है।
मापन की विधि
- उपकरण सेट अप
- मुख्य स्केल पर शून्य को वर्नियर स्केल के शून्य के साथ संरेखित करें।
- मापन प्रक्रिया
- वस्तु को कैलीपर के जबड़ों के बीच रखें।
- स्क्रू को कसें ताकि वस्तु स्थिर बनी रहे।
- पढ़ाई
- मुख्य स्केल पर पढ़ाई को नोट करें।
- वर्नियर स्केल पर वही विभाजन जो मुख्य स्केल के किसी विभाजन के साथ मेल खाता है, उसे नोट करें।
गणना
- गणना: मुख्य स्केल की पढ़ाई + वर्नियर स्केल की पढ़ाई × वर्नियर कॉनस्टेंट
- उदाहरण: अगर मुख्य स्केल पढ़ाई 2.3 सेमी और वर्नियर का मेल खाता विभाजन 0.05 सेमी हो, तो कुल मापन: 2.3 + 0.05 = 2.35 सेमी।
विशेष टिप्स
- सावधानी: हमेशा सुनिश्चित करें कि कैलीपर को मजबूती से पकड़ा गया हो और तंग किया गया हो।
- सटीकता: मापन के दौरान सटीकता और ध्य ान रखें, विशेषकर जब वर्नियर स्केल की पढ़ाई कर रहे हों।
निष्कर्ष
- वर्नियर कैलीपर छोटे कणों के व्यास का सटीक मापन प्रदान करता है।
- सही तकनीक और विधि के पालन से मापन में त्रुटियों से बचा जा सकता है।
नोट: वर्नियर कैलीपर की सहायता से मापन करते समय हमेशा सुनिश्चित करें कि स्केल के सभी विभाजन स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हों और किसी अन्य पढ़ाई के साथ भ्रमित न हों।