पेट्रॉल या डीजल इंजिन, जेट इंजिन या फर स्टीम टर्बाइन्स, दे आर आल हीट इंजिन्स, जानना चाहोगे हाउ हीट इंजिन्स वर्क, उसके लिए पढ़ना पड़ेगा, फिजिक्स का वो ब्रांच दाट डील्स विथ हीट, थर्मोडानिमिक्स, हलो अपरू यह रोशनी फ्रॉम लन और हब द फ्री लर्निंग प्लेटफॉर्म जहां पर आप पढ़ सकते हो फिजिक्स केमिस्ट्री मैट्स बायोलॉजी सबकुछ आप स्लूट लीफ और फ्री ओनली आट लन और हब डॉट कॉम तैयार हो स� थर्मो डाइनेमिक्स थर्मो इस वर्ड का मतलब ही होता है हीट तो फिजिक्स का वह ब्रांच विच डील्स विथ हीट आंट टेंपरेचर उसे हम कहते हैं थर्मो डाइनेमिक्स थर्मो डाइनेमिक्स एक मैक्रोस्कोपिक साइंस है मैक्रो मतलब बड़ा बिग यानि कि यह एक ऐसा ब्रांच है जिसके अंदर हम बल्क सिस्टम की बात करते हम बड़े सिस्टम की बात करते हैं बड़ा सिस्टम बोले तो मतलब हम एक छोटे से बॉल की बात नहीं करेंगे नो नॉट बैट विज बल्क सिस्टम बोले कि यह का मतलब है कि हम बड़े ऑब्जेक्ट ऑब्जेक्ट लेवल पर बात करेंगे यानि कि हम ऑब्जेक्ट के अंदर जैसे कि मॉलिक्यूल एटम एलेक्ट्रॉन प्रोटोन इस लेवल पर हम नहीं जाएंगे यह माइक्रोस्कोपिक लेवल हो जाता है लेट मतलब जो बहुत छोटा होता है तो यहां पर हमारी सारे डिस्कशन हमारी सारी बातें किस लेवल पर होगी माक्रोस्कोपिक लेवल पर होगी या फिर बल्क सिस्टम के लिए होंगी और इसीलिए हम हम कहते हैं कि थर्मोडाइनेमिक्स हम लोग यह देखेंगे कि यह जो थर्मोडाइनेमिक्स है यह फिजिक्स के बाकी ब्रांचे से अलग कैसे है जैसे अभी 11th की फिजिक्स में आप लोगों ने मेकानिक्स पढ़ा है काफी डिटेल में काफी कुछ कवर किया है मेकानिक्स तो सोचने वाली बात यह है कि किसी भी एक सिचुएशन को मेकानिक्स कैसे सोचता है थर्मोडाइनेमिक्स कैसे एक इंटरेस्ट आए कि थर्मोडाइनेमिक्स पढ़ना क्यों है तैट एंड वेरी इंपोर्टेंट तो लेटर सब हमारे पास एक situation है जिसमें एक gun है, एक बंदूख है, जैसे ही उस बंदूख को चलाई गया, तो उसमें से एक bullet निकला, एक गोली निकली, और वो गोली सीधा गया सामने की एक दिवार पे, जहाँ पर उस गोली के लगने से छेद हो गया, ठीक है, ये हमारा situation है, अब मान लो क उसका पूरा focus उसके movement पे है, उसके motion पे है, mechanics has nothing to do with the state of the object, कि भाई उसका temperature कितना है, उसका volume कितना है, इन चीजों से mechanics को कोई मतलब नहीं है, उसका पूरा focus object के motion पे है, दूसरी तरफ, अगर यहाँ पे इसी scenario में, इसी scene में thermodynamics की entry हो जाए, तो thermodynamics कैसे सोचेगा, thermodynamics कुछ ऐसे सोचेगा, कि object का state क्या है, मतलब इसी particular situation, थर्मोडाइनेमिक इसे कुछ इस तरीके से देखेगा अच्छा इसका मतलब यह जो बुलेट थी यह मूव कर रही थी इसकी जो काइनेटिक एनर्जी है जैसे ही यह बुलेट उस वॉल से टकराया इसकी काइनेटिक एनर्जी हीट एनर्जी में बदल गई और इस हीट के जनर पर है हीट के ट्रांसफर पर हीट के ट्रांसफर होने से इंटरनल एनरजी पर क्या हुआ उस पर है तो सिचुएशन वही था लेकिन फिजिक्स के अलग-अलग ब्रांच का जो फोकस है वह अलग-अलग तरीके से था उसी सिचुएशन के लिए ठीक तो चीजों की बात करेंगे हम ही रिलेटेड चीजों की बात करेंगे ही ट्रांसफर की बात करेंगे इंटरनल एनर्जी की भी टेंजेंस के बारे में बात करेंगे तो यह सारा कुछ हमारे आज के वीडियो का एजेंडा होने वाला है तो सबसे पहले बात करेंगे बच्चों अब आट थर्मोडानेमिक इक्विलीब्रियम इक्विलीब्रियम क्या होता है जब हम इसकी डिस्कॉशन मेकानिक में करते हैं मेकानिक में अगर हम कहते हैं कि असिस्टम इजन इक्विलीब्रियम इसका मतलब है कि उस सिस्टम में द नेट फोर्स एक्टिंग ऑन द सिस्टम इज जीरो एक्जैक्टली मतलब उस पर्टिकुलर ऑब्जेक्ट पर या उस है ओवर नेट फोर्स उस पर कितना है जीरो है तो हम कहते हैं कि सिस्टम इज इन मेकानिकल इक्विलिब्रियम अब जब हम थर्मोडानामिक इक्विलिब्रियम की बात कर रहे हैं तो वह यहां पर हम फोर्स की बात तो नहीं करेंगे क्योंकि थर्मोडाइनेमिक्स में हमारा फोकस मोशन पर नहीं, किस पर होता है? स्टेट आफ दा ओब्जेक्ट पर होता है, और स्टेट को कौन बताता है? ओब्जेक्ट का स्टेट क्या है?
यह बताने के लिए कुछ quantities होते हैं, जिन्हें हम कहते हैं थर्मोडाइनेमिक variables, उसके बारे में हम अभी discuss करने वाले हैं in detail, जैसे कि pressure, temperature, volume, etc. तो जब यह सारे variables constant रहते हैं, मतलब time के साथ साथ जब यह variables change नहीं होते हैं, प्रेशर टेंपरेचर वॉल्यू यह जब चेंज नहीं होते हैं तब हम कहते हैं डाट सिस्टम इज अंडर थर्मोडाइनामिक एक्विलीब्रियम तो भी चलो थर्मोडाइनामिक एक्विलीब्रियम का जो एक प्रॉपर डेफिनेशन होगा वह कैसा होगा वह कुछ होगा कि अब बॉडी या फिर सिस्टम इस सेट टू बी इन थर्मोडाइनामिक एक्विलीब्रियम इफ अगर वह सिस्टम इंस्टेंट हो ठीक है अगर वह सिस्टम केमिकल इक्विलीब्रियम इक्विलीब्रियम में हो केमिकल इक्विलीब्रियम मतलब उसका जो केमिकल कॉंपोजीशन है वह अगर कॉंस्टेंट हो एंड अगर वह मेकानिकल इक्विलीब्रियम में हो यानि कि उसका जो प्रेशर है वह प्रेशर अगर कॉंस्टेंट हो तो अगर यह तीनों क्राइटेरिया सैटिसफाई होंगे तो हम कह सकते हैं देट सिस्टम इज अंडर थर्मोडाइनमिक इक्विलीब्रियम ठीक है अब थोड़े ही टाइम से बार-बार मैं सिस्टम वर्ड यूज कर रही हूं एम प्रेटी शॉर यह बहुत बेसिक है तो कि जो भी पार्ट इस पूरे यूनिवर्स का पूरे ब्रह्मांड का जो भी पार्ट इज अंडर ऑब्जर्वेशन मतलब हम जिस पार्ट की बात कर रहे हैं डाइट फॉर एग्जांपल अगर मैं इस बॉटल की बात कर रही हूं तो यह बॉटल मेरा सिस्टम है और इस बॉटल के अलावा इस पूरे यूनिवर्स में जो भी चीजें हैं वह सब कुछ सराउंडिंग से ठीक है मतलब जिस पर्टिकुलर थे सराउंडिंग से तो सबसे पहले डिस्कॉस करेंगे अब थर्मल इक्विलीब्रियम जैसा कि मैंने बताया अगर दो सिस्टम स्थर्मल इक्विलीब्रियम में है थर्मो मतलब ही इसका मतलब है उन दोनों सिस्टम का टेंपरेचर सेम है सिमिलायली अगर एक सिस्टम और उसके सराउंडिंग का टेंपरेचर सेम है तो वह भी थर्मल इक्विलीब्रियम में है ठीक है तो अब कोई भी सिस्टम थर्मल इक्विलीब्रियम में है या नहीं यह दो चीजों पर डिपेंड करेगा पहला सराउंडिंग डिपेंड करेगा और दूसरा नेचर ऑफ द वॉल डेट सेपरेटिंग सिस्टम फ्रॉम द सराउंडिंग सिस्टम और सराउंडिंग के बीच में जो वॉल है वह किस तरीके का वॉल है आप पूछोगे कि मैं यह वॉल के नेचर पर क्यों डिपेंड करेगा इसके बार मैं एक बहुत ही बेहतरीन एग्जांपल देती हूं लेटर सपोस कि आपके पास एक ग्लास में गरम चाय है या गरम पानी है कुछ भी है ठीक है उसको आपने टेबल के ऊपर रख दिया ठीक है जब आप एक घंटे बाद अ उस पानी का या चाय का temperature चेक करोगे तो आपको क्या दिखेगा पहले वो बिल्कुल गरम था और अब वो बिल्कुल ठंडा हो चुका है तो basically हो क्या रहा था जब आपने वो गरम चाय को table पे रखा तो उस चाय का जो temperature था वो बहुत जादा था लेकिन जो surrounding का temperature था वो बहुत कम था तो क्या ये equilibrium पे थे ये नहीं थे करेक्ट मतलब यह हीट फ्लो होने लग गया तो हीट फ्लो होते होते होते होते यह इक्विलीब्रियम पर तब आए जब सराउंडिंग का टेंपरेचर और उस चाय का टेंपरेचर दोनों बराबर हो गया अब एक दूसरा सिनारियो लेते हैं जिसमें हमने उसी चाय को एक थर् भी है लेकिन सर्वांडिंग तो वही है आपके चाय भी आपका वही है चेंज क्या हुआ है सिर्फ वॉल चेंज हुआ है जो थर्मस फ्लास्क का जो वॉल है वह वॉल हीट ट्रांसफर को एंकरेज नहीं करता है वह हीट को अपने से ट्रांसफर इजीली नहीं देता है इसलिए हीट ट्रांसफर स्लोली हो रहा था और इसी वजह से चाय जो है काफी ज्यादा देर तक गरम है तो यहां से क्या पता चला हमें कि कोई भी सिस्टम थर्मल इक्विलीब्रियम में होगी या नहीं होगी यह दो चीज अ पर डिपेंड करता है सराउंडिंग्स पर और नेचर ऑफ द वॉल पर जो सिस्टम और सराउंडिंग को सेपरेट करता है तो बच्चों यहां पर अभी-अभी जो हमने दो डिफरेंट वॉल्स की बात की थी टाइट सेपरेटिंग सिस्टम अंड सराउंडिंग उन वॉल्स को चलो देखते हैं उनके हम उनको हम कहते क्या है ठीक है तो सबसे बाद पहले बात करेंगे उस वॉल्स की जो हमारे इस चाय की कप में हमने देखा था चाय का कप हमने टेबल पर रख दिया तो क्या हुआ एक घंटे बाद चाय बिल्कुल ठंडी हो गई क्यों क्यों कि यह जो वॉल है यह वॉल एलाउट करता है ट्रांसफर ऑफ हीट लाइट तो इस तरह के वॉल को द एक अकंडक्टिंग वॉल डेट एलाउज ट्रांसफर ऑफ हीट फ्रॉम वन सिस्टम टो अनादर उसे हम कहते हैं डायाथर्मिक वॉल क्या कहते हैं उसे हम डायाथर्मिक वॉल यानि कि यहां पर यह हीट का ट्रांसफर तब तक चलते रहेगा जब तक सिस्टम और सराउंडिंग इक्विलीब्रियम एक्विलीब्रियम पर नहीं होंगे क्योंकि heat transfer हो रहा होगा, but heat transfer सिरफ तब तक होगा जब तक दोनों का temperature बराबर ना हो जाए, एक बार दोनों का temperature बराबर हो गया तो उसके बाद further कोई heat transfer नहीं होगी and the system will be in equilibrium with the surroundings, clear हो गया, great, अब बात करते हैं thermos flask की, thermos flask के case में क्या हो यह एडियाबेटिक वॉल तो जब एडियाबेटिक वॉल होता है तो उस केस में क्या होता है जो दोनों सिस्टम होते हैं लेटर सपोस एक सिस्टम ए है एक सिस्टम बी है और उनके बीच में एडियाबेटिक वॉल है इसका मतलब ए और बी के बीच में ही ट्रांसफर नहीं हो तो एह है इसके जो variables हैं जो इसके state को define करते हैं that is PA and VA मतलब pressure और volume उसे इतरा जो system B है उसके जो thermodynamic variables है वो है PB और VB तो हम कह सकते हैं कि PA VA और PB VB जो है they are in equilibrium with each other बात समझ में आई? अट लिस्ट आईडिया लग गया? तो यानि कि हमने यहाँ पर दो तरह के वाल्स की बात की एक तो एडियाबेटिक वाल और दूसरा डायाथर्मिक वाल तो प्यारे बच्चों यहीं से शुरू हो जाएगा हमारा डिसकशन और जीरोथ लॉ और थर्मो डायनेमिक्स जीरोथ लॉ यानि कि पहला लॉ भी नहीं है यह जीरोथ लॉ है तो यह लॉ क्या कहता है यह लॉ कहता है कि अगर हमारे पास दो ऐसे सिस्टम्स हैं विचार इन थर्मल एक्विलिब्रियम विथ थर्ड सिस्टम इंडिविजुअली ठीक है मतलब मान लो कि हमारे पास दो सिस्टम्स है सिस्टम ए और बी और ए और बी यह दोनों इंडिवीजुअली एक सिस्टम सी के साथ थर्मल इक्विलीब्रियम पर है यानि कि ए सी के साथ इक्विलीब्रियम पर है बी भी सी के साथ इक्विलीब्रियम है तो ऐसे सिट्वेशन में यह जो दो सिस्टम से ए और बी डेविल बी इन थर्मल इक्विलीब्रियम विच इस अधर ठीक है यह कहता है जीरों थोड़ा बोलने का मतलब है लेट ए सपोस्ट हमारे पास एक सेट अप है ए बी सी तीन सिस्टम जिसमें हम कहने एसी के साथ इक्विलिब्रियम में है बी सी के साथ इक्विलिब्रियम है इसका मतलब है ए और भी आपस में इक्विलिब्रियम में होंगे बहुत ही लॉजिकल सा लॉ है राइट मतलब इसको अगर आपको समझना हो तो ऐसे समझ लो कि लेट एस से कि आपके आपके मैसेज में नंबर आए हैं नाइंटी और आपके और रोहन के बराबर नंबर आए हैं ठीक है और रोहित और रोहन के भी बराबर नंबर आए हैं कि इसका क्या मतलब हुआ अगर आपके नाइंटी आए हैं तो रोहित के भी 90 ही आए हैं है कि आपके भी रोहन जितने नंबर आए हैं और रोहित के भी रोहन जितने नंबर आए हैं तो यह वहीं बात होगी तो यहां पर एक इसको थोड़ा से एक्सपेरिमेंटली हम देखते हैं जीरों थोड़ा को ठीक है तो लेट एस अपोस्ट हमारे पास इस तरीके का सेटअप है जहां पर एक सिस्टम ए है सिस्टम भी है इनके बीच में एडिबेटिक वॉल है एडिबेटिक वॉल मतलब इस वॉल के थ्रू ही ट्रांसफर नहीं हो सकते हैं जाता है ओके अब ए जो है यह सीखे साथ भी कनेक्टेड ऊपर देखो सिस्टम सी है ए और सी के बीच में जो वॉल है वह कैसा वॉल है डायाथर्मिक सेमिलाइली बी और सी के बीच में जो वॉल है वह किस तरीके का वॉल है डायाथर्मिक ठीक है ओके अब देखो यहां पर सिचुएशन कैसी होगी अब ए और सी के बीच में तो ही ट्रांसफर होते रहेगा तब तक ही ट्रांसफर होगा जब तक ए और सी इक्विलिब्रियम पर ना आ जाए सिमिलाइली बीच और C के बीच में heat transfer होते रहेगा तब तक जब तक B और C equilibrium पे ना आ जाए, ठीक है, अब हमने क्या किया, अब अभी situation मेरा क्या है, कि A C के साथ equilibrium में है, B C के साथ equilibrium पे है, ठीक है, अब हमने क्या किया, अब हमने walls को interchange कर दिये, ठीक है, मतलब हमने A और B के बीच में diathermic wall लगा के बीच में लगा दिया adiabatic wall ठीक है तो अब क्या होगा अब C से या C तक कोई भी heat transfer नहीं होगा लेकिन A और B के बीच में heat transfer allowed है but interestingly हम लोग notice करते हैं कि अब A और B के बीच में कोई heat transfer नहीं होता है allowed है फिर भी नहीं होता है क्यों क्यों नहीं होता है क्यों कि पहले situation में क्या हुआ था A और C equilibrium पे आ गये थे मतलब A और C equilibrium पे आ गये थे और सी दोनों का टेंपरेचर बराबर हो चुका था बी और सी दोनों थर्मल इक्वि���िब्रियम पर आ चुके थे यानि कि बी और सी का टेंपरेचर बराबर हो चुका था तो अब जब हमने ये वाला सेटअप किया तो ए और बी का टेंपरेचर ओलरेडी बराबर है वो ओलरे� हमें क्या समझ में आया कि कोई भी दो सिस्टम अगर individual level पर एक तीसरे सिस्टम के साथ thermal equilibrium पर है इसका मतलब है वो दोनों आपस में भी thermal equilibrium में ही होंगे तो बच्चों अब बात करने वाले हैं हम about thermodynamic state variables हाला कि इन variables के बारे में थोड़ा बहुत हलका फुल का discussion पहले भी मैंने किया है अब यहाँ पे थोड़ा अच्छे से detail में है देखते हैं थर्मो डायनेमिक स्टेट वेरियेबल्स मतलब ऐसी quantities variables मतलब ऐसी quantities जिनकी values change हो सकती हैं तो basically कुछ ऐसे quantities जो किसी भी system के thermodynamic equilibrium state को define करती है ठीक है बहुत दियां से सुनना है कोई भी system का thermodynamic एक एक्विलिब्रियम का स्टेट जो डिफाइन करती है जो क्वांटिटीज उसे हम कहते हैं थर्मो डाइनमिक स्टेट वेरिबल्स जैसे की प्रेशर वॉल्यूम टेंपरेचर मास इंटरनल एनर्जी यह सारे के सारे थर्मोडाइनमिक स्टेट वेरियबल्स है ठीक है बहुत द्यान देने वाली बात है कि आट एनी इंस्टेंट ऑफ टाइम यह जो क्वांटिटीज है यह एक थर्मोडाइनमिक सिस्टम के स्टेट को बता सकता है द्यान देने वाली बात यह भी है कि अगर कोई ऐसा सिस्टम है जो इक्विलिब्रियम पर है ही नहीं तो दो तो यह ऐसे फिजिकल क्वांटिटीज हैं जो किसी सिस्टम के थर्मोडाइनेमिक इक्विलीब्रियम स्टेट को डिफाइन करते हैं ठीक है थर्मोडाइनेमिक इक्विलीब्रियम स्टेट क्या है वह अलड़ी हमने इतनी देर तक डिस्कॉस किया ही है ठीक है बात करें तो यह वैसे वेरियाबल्स होते हैं जो हमें सिर्फ इस टिम का साइज का इंडिकेशन देते हैं दें इंडिकेट तो साइज ऑफ द सिस्टम कि सिस्टम कितना बड़ा है या कितना छोटा है जैसे कि कौन से क्वांटिटीज को हम एक्सट्रेंसिफ वेरियाबल्स के अंडर कैटेगराइज करेंगे जैसे वॉल्यूम इंटरनल एनर्जी कैसे एक्सट्रेंसिफ वेरियाबल्स है किस तरीके से सोचो मान लो मेरे हाथ में यह बॉल है छोटा सा बॉल है छोटा सा बॉल है इसका वॉल्यूम कम है इसका वॉल्यूम कम है उससे हमें कहीं न कहें इसके साइज का एक इंडिकेशन आ रहा है कि यह छोटा होगा अगर वह कि बॉल्यूम बहुत ज्यादा होता तो कहीं न कहीं इंडिकेशन आता कि इसका साइज भी बहुत बड़ा है तैप सिमिलरी मास सिमिलरी इंटरनल एनर्जी इंटरनल एनर्जी क्या होता है थोड़ी देर में डिस्कस करेंगे थोड़ा और डिटेल ठीक है अब इसी तरह दूसरे तरफ आते हैं इंटेंसिव वेरियाबल्स यह वैसे वेरियाबल्स होते हैं जो हमें सिस्टम के साइज के बारे में कोई इंडिकेशन नहीं देते हैं जैसे कि प्रेशर जैसे कि टेंपरेचर टेंपरेचर चाहे कुछ भी है ज्यादा है या कम है उससे सिस्टम के साइज का बिल्कुल भी किसी भी तरीके से कोई लेना देना नहीं है तो इस तरीके से हम थर्मोडानेमिक स्टेट वेरियाबल्स को इंटेंसिव और एक्सटेंसिव इन दो कैटेगरीज में कैटेगराइज कर सकते हैं एक्जांपल के तोर पर let us talk about the equation of state for an ideal gas ideal मतलब बिल्कुल perfect जैसा सब उस जिसके जैसा सब होना चाहते हो तो आईडियल पर्सन राइट तो आईडियल गैस का जो इक्वेशन ऑफ स्टेट होता है तो इस पीवी इज इक्वेल टू एन आर्टी बड़े ध्यान से देखो यहां पर प्रेशर वॉल्यूम टेंप्रेचर यह सारे क्या है स्टेट वेरियबल्स यह एक ऐसा इक्वेशन है जो इन स्टेट वेरियबल्स को कनेक्ट कर रहा है तो पहली से हम कहते हैं इक्वेशन ऑफ स्टेट अ एंट्रेस्टिंग लिए यहां पर हम यह नोटिस करते हैं यह जो सारे के सारे स्टेट वेरियाबल्स हैं यह इंडिपेंडेंट नहीं हो सकते हैं यह एक दूसरे पर डिपेंडेंट है जैसे इसी एक्वेशन को अगर आप देख लो यही कह रहा है कि भी जरूरी है यस जरूरी तो है इसके पीछे दो कारण है पहला कारण यह है कि इंटरनल एनर्जी एक थर्मोडानेमिक स्टेट वेरियबल है तो चुकी हम अभी थर्मोडानेमिक स्टेट वेरियबल के बारे में इतनी बाते कर रहे हैं तो फिर इंटरनल एनर्जी के बारे में भ इन स्टोर्फ चलो तो इंटरनल एनर्जी होता क्या है नाम से पता चल रहा है इट इनटरनल मतलब किसी ऑब्जेक्ट के अंदर यह एनर्जी होता है कहां होता है बेसिकली द सम आफ द काइनेटिक एनर्जीज आंड पोटेंशियल एनर्जीज आफ ओल द मॉलिक्यूल्स इनस कि अंदर टोटल कितना एनर्जी है देट इज इंटरनल एनर्जी ठीक है अब यहां पर एक बहुत इंपोर्टेंट क्वेश्चन शायद बहुत से बच्चों के दिमाग में आ सकता है कि मैं जब आपने यह वीडियो शुरू किया था आपने कहा कि थर्मोडायनमिक उस मैक्रोस्कॉपी यहां पर हम आटम मॉलिक्यूल की बात नहीं करते हैं तो यहां पर आप इंटरनल एनरेजी पर मॉलिक् है ओके इसे मैं क्लारिफाई करूंगी इंटरनल एनर्जी जो है यह एक मैक्रोस्कोपिक वैरियाबल है मतलब इसे हम मैक्रोस्कोपिक लेवल पर हम इस वैरियाबल इसकी बात करते हैं ना कि माइक्रोस्कोपिक लेवल पर यहां पर यह नहीं कह रही हो कि एक मॉलेक्यूल का काइनेटिक एनर्जी या एक मॉलेक्यूल का पोटेंशियल एनर्जी मैं कह रही हूं कि एक बॉडी जो हमें दिख रहा है उस बॉडी के अंदर जितने मॉलेक्यूल से उन सब के काइनेटिक एनर्जी और पोटेंशियल एनर्जी का सम उन सब का सम यानि कि इंटरनल एनर्जी मेरे लिए उस पर्टिकुलर बॉडी का है उसके अंदर चार मॉलिक्यूल एक मॉलिक्यूल दो मॉलिक्यूल का नहीं है रेट बात समझ में आई तो इसलिए यहाँ पर बात मैं मैक्रोसकोपिक लेवल पर ही कर रही हूँ इंटरनल एन बिल्कुल ऐसा हम कर सकते हैं इसके दो तरीके हैं पहला है हीट ट्रांसफर हीट के ट्रांसफर से और दूसरा है वर्क डन उसके ऊपर कुछ वर्क करके ये दो तरीके से हम इंटरनल एनर्जी को चेंज कर सकते हैं कैसे ये मैं थ्योरिटिकली एक्सपेंट बिल्कुल नहीं कर एनर्जी को चेंज कर सकते हैं बिल्कुल अब इस बॉटल को ही देख लो हमने एक बॉटल लिया इसके ऊपर इसके माउथ पर फिक्स कर दिया है एक बलून और उसके बाद इस बॉटल को हमने डाल दिया है एक गरम पानी के पतीले में जैसे हमने ऐसा किया तो क्या हुआ बल� कि तरीका वर्क डन इंटरनल एनर्जी किसी भी सिस्टम का हम तब भी चेंज कर सकते हैं अगर हम उस सिस्टम पर कुछ वर्क करें कुछ काम करें जैसे कि इस बॉटल को फिर से देखो जब हम इस बॉटल को अपने हाथों से प्रेस करते हैं यानि कि वियर्ड वर्क ऑन द सिस्टम तब भी हमारा बलून इनफ्लेट हो रहा है तो प्यारे बच्चों अभी तक तो साफ पता चल गया कि इंटरनल एनर्जी का हीट और वर्क के साथ एक बहुत कि फिर क्लोज कनेक्शन है बहुत लोग डिलेशन है लेकिन यह बात भी ध्यान देना जरूरी है कि जहां इंटरनल एनरजी एक थर्मोडाइनेमिक स्टेट वेरियबल है वहां ही और वर्क यह दोनों स्टेट वेरियबल्स नहीं है ही तो वर्क तो है यह सिर्फ और सिर्फ तरीके है जिससे हम एनरजी का ट्रांसफर कर सकते हैं एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में ठीक है तो बेसिकली ही टॉर वर्क कुछ ऐसे मोड्स ऑफ एनरजी ट्रांसफर है जिससे हम एक सिस्टम के इंटरनल एनर्जी को बदल सकते हैं, एक्साटली वही हमने अभी अभी देखा, इन एक्सपेरिमेंट के थूँ, तो इसलिए प्लीज डू नॉट गेट कन्फ्यूस्ट, तो इसलिए इन्टरनल एनर्जी जो है, इसे बदलने वाला होता है, हीट या वर्क, लेकिन हीट और वर्क नहीं स्टेट वर्याबल हैं, तो बच्चो, आज हम लेगे लिए लुट लोग थर्मोडानिमिक के लिए जा रहे हैं, फर्स लॉफ थर्मोडानेमिक्स यह कहता है कि एनर्जी कैन नीदर भी क्रिएटेड नॉर्ड डेस्ट्रोइड इट कैन ओनली भी ट्रांसफॉर्म्ड फ्रॉम वन फॉर्म टू एनादर हम एनर्जी को ना है आप दो यू फील कुछ देर होने के बाद हमें एक वॉर्म फील होता है एक गर्माहट फील होती है वॉटर्स है जब मैं इन हाथों को ऐसे मूव कर रही हूं इस एडिकल एनर्जी विच इज गेटिंग कनवर्टेड इंटू हीट एनर्जी जिसकी वजह से मुझे गर्माहट फील हो रही है राइट तो दिस इस कोई भी एनर्जी इस प्रोसेस में लॉस्ट नहीं है बेसिकली इट इस गेटिंग ट्रांसफॉर्म्ड फ्रॉम मेकानिकल एनर्जी टू हीट एनर्जी राइट टिक उसी तरीके से अगर मान लो कि यह बॉल है जो इस छट से जमीन पर गिरता है तो इस बॉल के साथ क्या होता है जब यह बॉल इस छट पर था तो वह रेस्ट पर था यानि कि इसकी काइनेटिक एनर्जी जीरो थी लेकिन इसकी जो पोटेंशियल एनर्जी थी वो काफी ज्यादा थी बाइ वर्चू आफ इट्स पोजीशन पर जैसे यह ऊपर से गिरने लगा तो इसकी काइनेटिक एनर्जी बढ़ने लगी और साथ ही साथ इसकी पोटेंशियल एनर्जी घटने लगी तो ओवराल जो टोटल एनर्जी है वो एवरी पॉइंट इन टाइम उतना ही है जस्ट दे तो हमें यह समझ में आएगा कि यह जो लॉ है ना यह बेसिकली तीन चीजों के बीच में एक relation है heat, work and internal energy तो चलो फिर देखते हैं first law of thermodynamics को mathematically अगर इसके mathematical expression को देखे तो वो कुछ ऐसा दिखता है delta Q is equal to delta U plus delta W U मतलब internal energy, W मतलब work done and Q मतलब heat supplied to the system तो कहाने कुछ यू होती है कि जैसे ही हम किसी system में heat supply करते हैं तो आप खुद logic से बताओ कि अगर किसी system पे मैंने heat supply करते हैं किया जैसे एक पतीला पानी का है उसको मैं अगर मैंने ही दिया उसको गर्म किया तो क्या होगा उसका टेंपरेचर बढ़ेगा क्वाइट ऑफियस टाइट तो किसी भी सिस्टम में जैसे ही टेंपरेचर बढ़ेगा जब उसका टेंपरेचर बढ़ेगा तो क्या होगा उसके करते हैं, heat add करते हैं, तो उससे क्या होता है, वो जो heat है, उसमें से कुछ heat या कुछ energy is used up in increasing the internal energy of the system, जो बाकी बच जाता है, that is the work done by the system, right, मतलब, जैसे मालो कि आपने system को delta Q heat supply किया, इसमें से delta U जो है, वो उस system के internal energy को change करने में use हो गया, तो बचा जितना, that is that energy, जिससे वो कि सिस्टम वर्क डन कर सकता है वह वर्क कर सकता है किसी के ऊपर इट एस सिंपल एस डिस्टोरी कि जैसे कि मान लो मम्मी ने तुम्हें सौ रुपए दिए और बोला कि जाओ सब्जी खरीद कर लेगा ठीक है अब उन सौ रुपए में से चुकी आपको सब्जियां खरीद ले जो भी मम्मी ने बोला था तो अब जो बचे हुए पैसे हैं उसको आप अपने इच्छा से खर्च कर सकते हो राइट देट इस दोस्ते रुपीज तो आप कह सकते हो कि मम्मी का जो वह अंड्रेड रुपीज था थे अंड्रेड इज एकवल टू नाइनटी प्लस टेन टाइट सिमिलरली जो हीट हमने सिस्टम को सप्लाई किया वह डेल्टा क्यों था उसमें से सिस्टम के खुद के इंटरनल एनर्जी को इंक्रीज करने के लिए डेल्टा यू यूज हो गया जो बाकी बचा है डेल्टा डबलू देट इस दो वर्क डन बाई दे सिस्टम मतलब उतना वर्क सिस्ट थर्मोडाइनेमिक्स यानि कि यह सिस्टम हमें क्या कह रहा है कि जितनी एनर्जी आप उस सिस्टम को दे रहे हो उतनी ही एनर्जी जो है क्या हो रहा है वही ही कुछ इंटरनल एनर्जी में बदल जा रहा है कुछ वर्क में बदल जा रहा है बट कोई भी चीज ना तो लॉस्ट हो रही है और ना ही क्रिएट हो रही है यह बस एक फॉर्म से दूसरे फॉर्म में बज़ेदार बहुत ही इंट्रेस्टिंग चीज कंक्लूड करते हैं बताएं क्या फिर से वापस इसके mathematical expression को ध्यान से देखो, जो कहता है delta Q is equal to delta U plus delta W, ठीक, क्या इसे मैं ऐसे लिख सकती हूँ कि delta Q minus delta W is equal to delta U, लिख सकती हूँ, बिल्कुल लिख सकती हूँ, अब इसमें एक चीज़ ध्यान दो, ये जो internal energy है, internal energy क्या है, एक state variable है, state variable का मतलब क्या होता है, कि ये state बताता है क इन स्टेट्स पर डिपेंड करता है और इसे पाथ टेकन से कोई मतलब होता मतलब कोई सिस्टम मान लो इनिशियली उसका स्टेट था पीवन वीवन बाद में जाकर उसका स्टेट हो गया पीवन वीवन से पीवन वीवन तक यह कैसे गया शॉर्टकट से गया लॉन रूट से गया उससे कोई मतलब नहीं होता है स्टेट वेरियबल को जो स्टेट वेरियबल होता है उसे सिर्फ इनिशियल स्टेट और फाइनल स्टेट से मतलब होता है तो यानि कि यह जो इंटरनल एनर्जी डेल्टा यू है दिस This is a state variable.
इसका तो यही मतलब हुआ. इस expression से हम कह सकते हैं कि delta Q minus delta W क्या है? delta Q minus delta W should be path independent.
इसको तो path independent होना चाहिए फिर इसका मतलब. लेकिन क्या यह सच में path independent है? चलो देखते हैं. Let us suppose मारे पास एक ऐसा situation है जिसमें एक system initially उस system का state है P1, V1 को अम चाहिए आते हैं कि वो system एक final state पे पहुँचे जो की है P2, V2, अब देखो P1, V1 से P2, V2 तक जाने के कई पाथ है, कई रास्ते हैं, पहला रास्ता हो सकता है कि हम ऐसा करते हैं, पहले volume को constant रखते हैं, P1 को P2 पे ले जाते हैं, उसके बाद pressure को constant रखेंगे और volume को V1 से V2 पे ले जाएंगे तो इस तरीके से हम P1 V1 से P2 V2 में पहुँच जाएंगे ये हमारा option 1 है option 2 हो सकता है कि नहीं ऐसा करते हैं कि पहले जो है वॉल्यूम को V1 से V2 ले जाते हैं और प्रेशर को कॉंस्टेंट रखते हैं, तेके, उसके बाद हम लोग प्रेशर को P1 से P2 ले जाएंगे और वॉल्यूम को कॉंस्टेंट रखेंगे, तैट, उस केस में भी हम final state कहां पहुँचेंगे P2 V2, तैट, तो इसका मतलब P1 V1 से P यह जो चीजें हैं, heat और work, यह दोनों ही क्या है, state variables नहीं है, तो यह ऐसी quantities हैं, जो path dependent हैं, लेकिन interestingly हम notice करते हैं, जब यह जो combination जब साथ में आता है, delta Q minus delta W, then it becomes path independent, नाओ यही सबसे interesting बात थी यहाँ पर, first law of thermodynamics से हम यह conclude करते हैं, कि even though delta Q जो है वो path dependent होता है, डेल्टा W जो है वो path dependent होता है लेकिन ये जो combination है delta Q minus delta W ये path independent होता है and this is equal to the change in internal energy जो की path independent होता है जो की एक thermodynamic state variable है तो चलो बच्चो first of thermodynamics की कुछ और details देखी जाए तो सबसे पहले देखते है scenario 1 या फिर case 1 जहाँ पर हम कह रहे है कि the system undergoes a process such that डेल्टा यू इस इक्वल टू जीरो डेल्टा यू बोले तो चेंज इन इंटरनल एनर्जी अगर जीरो हो जाएगा तो क्या होगा हमारे फर्स्ट लॉग का फर्स्ट लॉग में हमने क्या देखा हमने देखा डेल्टा क्यू इस इक्वल टू डेल्टा यू प्लस डेल्टा डब्लू यही यू है ना इस इक्वल टू जी तो यानि कि मेरा यह मैथमाटिकल एक्सप्रेशन क्या हो जाएगा डेल्टा क्यू इस इक्वल टू डेल्टा डब्लू कि इसका मतलब क्या हुआ इसका मतलब यह हुआ कि जो भी मेरा सिस्टम है उसके अंदर जितना भी क्यों आ रहा है जितना भी डेल्टा क्यों उसमें आ रहा है जितना भी ही आ रहा है वह पूरा का पूरा किसमें यूज हो जा रहा है वह पूरा पूरा वर्क डन हो जा रहा है राइट मतलब उसमें इंटरनल एनर्जी उसमें से कुछ भी कंजीम नहीं कर रहा है जितना क्यों आया उतना वर्क डन हो गया ठीक है यह हमारा केस नंबर वन है वैसे सिनारियोस के लिए जहां पर चेंज इन इंटरनल एनर्जी जीवर है ठीक है अब देखते हैं केस अब देखते हैं केस नंबर टू जो कह रहा है कि अगर सिचुएशन कुछ ऐसा हो डाइट द सिस्टम इज अग्जास इन एस सिलिंडर विद मूवेबल पिस्टन मतलब अब अगर मेरा सिचुएशन कुछ ऐसा है कि लेट एस सपोस एक सिलिंडर है इस तरीके से और इस सिलिंडर के अंदर एक गास है ठीक है और यहां पर है एक पिस्टन जो की मूवेबल है लेट से यह हैंडल है जिस हैंडल से हम इस पिस्टन को मूव करा सकते हैं तो यह मेरा second situation है, तो ऐसे situation में क्या होगा, अब देखो, जैसे ही हमारा piston move होगा, तो क्या involve होगा, work done involve होगा, और वो work done कितना होगा, हमने already पढ़ा है, ये सब कुछ, तो जैसे ही हमारा piston move होगा, तो वहाँ पे क्या involve हो जाएगा, work done involve हो जाएगा, और work done क्या होता है, बच्� एक फोर्स एक डिस्प्लेसमेंट करवाता है यानि कि वर्क डन क्या होता है फोर्स इंटू डिस्प्लेसमेंट होता है यह तो हम बच्पन से पढ़ रहे हैं बच्पन से नहीं भी तो क्लास 8-9 से तो पढ़ी रहे हैं है कि नहीं तो फोर्स इंटू डिस्प्लेसमेंट फोर्स इसको हम क्या लिख सकते हैं अच्छे से सोचो area into displacement मतलब area क्या हो गया let us assume ऐसे सोचते हैं let us suppose कि तुम्हारे पास एक इस तरीके का rectangular shape का card है अब वो card जो है पहले यहाँ पे था वो card अब धिरे धिरे धिरे displace होते होते यहाँ तक चला गया ठीक है तो basically उसने क्या cover किया सोचो अच्छे से सोचो card के area इतना था साथ में उसने इतना डिस्प्लेसमेंट किया इतना जगह और कवर किया इतना लेंथ और कवर किया तो टोटल उसने क्या कवर किया एरिया इंटू लेंथ देट इस वॉल्यूम एक्साटली तो यानि कि एरिया इंटू डिस्प्लेसमेंट को हम क्या लिख सकते हैं इसको हम लिख सकते हैं वॉल्यू जो कहता है delta Q is equal to delta U plus delta W तो यानि कि इसे हम क्या लिख सकते हैं delta Q is equal to delta U plus P delta V और ये हो जाएगा तो इस तरीके का form ले लेगा हमारा first law of thermodynamics जब हम इसकी बात करेंगे एक ऐसे system के लिए जो gas है और जिसे हमने, let's assuming कि जिसे हमने एक cylinder में डाल दिया है जहाँ पर एक movable piston है, तो वैसे situation में जहाँ पर gas आ गया, वहाँ पर उसका pressure आ गया, उसका volume आ गया, तो उसके terms में हम first law of thermodynamics को कुछ इस तरीके से लिख सकते हैं, तो बच्चों हमारा अगला topic है specific heat capacity, है हालांकि इसके बारे में हमने थर्मल प्रॉपर्टीज ऑफ मैटर में भी पढ़ा है या फिर पढ़ोगे लेकिन यहां पर बात हो रही है थर्मोडानेमिक्स की तो ही से डिलेटेड सारे इंपोर्टेंट कॉन्सेप्ट्स का यहां पर कवर होना तो बाइब्बा यह नहीं तो स्पेसिफिक इट केपैसिटी का मतलब होता है तो अमाउंट ऑफ हीट एनर्जी कितनी हीट एनर्जी चाहिए होगी टू रेस द टेंपरेचर ऑफ बॉडी पर यूनिट मास अ कि एक बॉडी का टेंपरेचर रेज करने के लिए जितनी एनर्जी चाहिए पर यूनिट मास उसे हम कहते हैं स्पेसिफिक हीट कैपासिटी स्पेसिफिक हीट कैपासिटी को हम स्मॉल लेटर एस से डिनोट करते हैं साथ ही साथ यह भी बता का मतलब होता है कितनी एनर्जी चाहिए टू रेस टेंपरेचर ऑफ बॉडी देश वहां पर यूनिट मास वाला फंडा नहीं है तो वहां पर हम कहते हैं इट इस बेसिकली हीट कैपेसिटी पर यूनिट मास तो हीट कैपेसिटी को हम डिनोट करते हैं कैपिटल से स्पेसिफिक हीट कैपेसिटी को डिनोट करते हैं स्मॉल से तो इसलिए माथमाटिकली अगर हम देखें तो स्पेसिफिक हीट कैपेसिटी इज इक्वल टू वन बाई एम क्योंकि पर यूनिट मास है इन टू डेल्टा क्यू बाई डेल्टा टी पर यूनिट टेंपरेचर टेंपरेचर कितना रेज हो रहा है वह देखना जरूरी है तो यह डेल्टा क्यू बाई डेल्टा टी कि टेपिसिटी ठीक है तो अब मैथमाइटिकल एक्सप्रेशन को देखते हुए आप मुझे बता सकते हो कि इसकी ऐसा यूनिट क्या होगी स्पेसिफिक हीट के पैसेटी के इसाइड यूनिट क्या होगी बताओ उपर डेल्टा क्यों है यानि कि जूल नीचे क्या है मास्टर टेंपरेचर है तो जूल पर केल्विन पर किलोग्राम यह इसका ऐसा यूनिट हो जाएगा तो यह जो स्पेसिफिक हीट के पैसेटी है यह दो फैक्टर्स पर डिपेंड करता है पहला तो नेचर ऑफ थे सब्सक्राइब और दूसरा टेंपरेचर अब यहां पर एक और कॉन्सेप्ट आता है विच इस मोलर स्पेसिफिक हीट कि इस कपेसिटी अब नाम से पता चल रहा है कि यह भी इसका भी कॉनसेट एग्जैक्टली स्पेसिफिक ही कपेसिटी के जैसा ही है बट स्पेसिफिक केपेसिटी में हम पर यूनिट मास की बात करते थे यहां पर हम पर यूनिट मोल में बात करते हैं इसीलिए इसे मोलर स्पेसिफिक ही कपेसिटी कहा जाता है तो स्पेसिफिक ही कपेसिटी को हम स्पॉलेस डिनोट करते थे मोलर स्पेसिफिक ही कपेसिटी को हम डिनोट करेंगे सी से ठीक है ओके तो इसे हम कैसे डिफाइन करते हैं अमाउंट तो रेज द टेंपरेचर ऑफ वॉडी पर यूनिट मोल एक्सैटली तो माथमाटिकली यह क्या हो जाएगा सीज इक्वल टो वन बाइ म्यू जहां पर म्यू क्या है नंबर ऑफ मोल्स इंटो डेल्टा क्यू बाइ डेल्टा टी ठीक इसके यूनिट की अगर बात करें तो इसका यूनिट हो जाएगा जूल पर केलविन पर मोल पर किलोग्राम के बदले में पर मोल आ जाएगा अगर इसके अब इन कुछ पर यह डिपेंट करता है तो बच्चों अभी हमने क्या देखा कि स्पेसिफिक इट के पैसेटी की जो वैल्यू है यह नेचर ऑफ सब्स्टेंट्स टेंपरेचर के साथ-साथ एक और बहुत इंपोर्टेंट फैक्टर पर डिपेंट करता है जो कि है डे कंडीशन अंडर विच फीट ट्रांसफर टेक्स प्लेस किस कंडीशन में ही ट्रांसफर हो रहा है लाइट तो इसी बात को ध्यान रखते हुए यहां पर हम डिफाइन करेंगे दो ऐसे स्पेसिफिक हीट के पैसेटीज स्पेशिटी फॉर गैसेस जिसे हम आमतौर पर बहुत ज्यादा यूज करते हुए आप देखोगे हमें ठीक है अभी जैसे आगे हम थर्मोडाइनमिक पढ़ेंगे ना तो अक्सरी आप मैथेमाटिकल एक्सप्रेशन में इन स्पेसिफिक हीट के पैसेटीव को देखोगे और यह है सीपी एंड सीवी सीपी एंड सीवी अगर हम एक आइडियल गैस की बात करें ठीक है तो आइडियल गैस के केस में हम देखते हैं सीपी और सीवी में एक relationship होता है which is CP minus CV is equal to R where you R is universal gas constant. अब आप सुचोगे कि ma'am ये अचानक से आपने ये ऐसा expression कैसे लिख दिया?
How do we even know कि ये true है that CP minus CV is equal to R? बई यके नहीं हो रहा है तो चलो इसे Mathematically हम prove कर लेते हैं अब बच्चो हम यह देखते हैं कि CP और CV यानि कि Molar Specific Heat at Constant Pressure and Molar Specific Heat at Constant Volume इन तोनों के बीच में एक्जिस्ट करता है ये Interesting Relation which is CP-CV is equal to R अब देखो इस Relationship को अगर देखो तो it looks so simple right लेकिन दिमाग में ये सवाल आता ही है कि ये Relationship आया कहां से तो चलो सबसे पहले इसको prove करते हैं चीके कि शुरुआत देखेंगे फर्स्ट लॉफ थर्म डाइनमिक से फर्स्ट लॉग क्या कहता था कि डेल्टा क्यू इज इक्वल टू डेल्टा यू प्लस डेल्टा डब्ल्यू लेकिन गास के केस में डेल्टा डब्ल्यू को हम क्या लिख सकते हैं पी डेल्टा वी एक्साटली इसमें किसी को क कि आट कॉंस्टेंट प्रेशर सिमिलाइली सीवी मतलब मोलर स्पेसिफिक हीट कैपेसिटी आट कॉंस्टेंट वॉल्यूम मतलब यहां पर हम दो सिचुएशन की बात करें एक तो कॉंस्टेंट प्रेशर एक कॉंस्टेंट वॉल्यूम तो चलो इन दोनों सिचुएशन को एक करके देखेंगे तो सबसे पहले हम कंसिडर करेंगे आट कॉंस्टेंट वॉल्यूम टिक टो कॉंस्टेंट वॉल्यूम अगर वॉल्यूम कॉंस्टेंट है तो इसका मतलब चेंज इन वॉल्यूम कितना होगा वॉल्यूम हमेशा व ही है तो चेंज इन वॉल्यूम जीरो एक्जाक्टली तो यानि कि कॉंस्टेंट वॉल्यूम बोले तो डेल्टा वी इक्वल टू जीरो यानि कि मेरा यह एक्सप्रेशन हो जाएगा डेल्टा क्यू इस इक्वल टू डेल्टा यू ठीक यहां तक कोई डाउट कोई डाउट नहीं है अब आते हैं हम सीवी पर व्हाट एग्जाक्टली सीवी क्योंकि अभी हम कॉंस्टेंट वॉल्यूम की बात कर रहे हैं ठीक है अगर आप इसे कोई भी भूल चुके हो तो एक बार याद दिला देती हूं कि हमने पढ़ा था स्पेसिफिक हीट के capacity, याद होगा, I hope so, specific heat capacity, जिसे हम denote करते थे small s से, और ये क्या होता था, क्या होता था ये, per unit mass, heat per unit, टेंप्रेचर राइट मतलब कितना ही चाहिए अमाउंट ऑफ इट रिक्वायर्ड टू रेज द टेंप्रेचर ऑफ एन ऑब्जेक्ट पर यूनिट मास राइट कितना ही देना पड़ेगा ताकि उसका टेंप्रेचर बढ़े पर यूनिट मास यह होता था स्पेसिफिक केपासिटी और वहीं अगर हम बात करते थे मोलर स्पेसिफिक हीट केपासिटी की यह सारी बातें हम ऑलरेडी डिसकस कर चुके हैं तो इसे हम सी से डिनोट करते थे इसका भी लॉजिक से होता था पटेट पर यूनिट unit mole, per unit mass की जगह यहाँ पे per unit mole आ जाता है ठीक है, तो यह हमने पहले पढ़ रखा है, ठीक, अब देखो, यहाँ पर अगर मुझे CV की value निकालनी हो, तो CV क्या हो जाएगा, delta Q upon delta T at constant volume, यही तो होगा, exactly यही होगा, अब देखो, यहाँ से इस expression से हम delta Q को क्या लिख सकते हैं, delta U भी लिख सकते हैं, exactly, तो इसे हम लिख सकते हैं, delta U by delta T at constant volume, ठीक है, ओके, तो यानि कि हम लिख सकते हैं CV is equal to delta U by delta T, ये हो गया मेरा expression number 1, ठीक है, 1 क्यों लिखा, क्योंकि अभी हमने सिर्फ constant volume का situation discuss किया है, अब CP निकालना अभी बाकी है, है न, तो चलो बच्चों, अब बात करते हैं at constant pressure की, ठीक है, तो constant pressure में क्या होगा, यही पे जात है तो इट विल बी डेल्टा क्यू बाई डेल्टा टी आट कॉन्स्टेंट प्रेशर अब डेल्टा क्यू को हम क्या लिख सकते हैं डेल्टा यू प्लस पी डेल्टा वी क्योंकि कॉन्स्टेंट प्रेशर में तो ये पी तो पी ही रहेगा क्योंकि पी इस नॉट चेंज इन प प्रेशर यह लिख सकते हैं हम बिल्कुल लिख सकते हैं अब देखो यहां पर एक मज़ेदार बात होने वाली है यह डेल्टा यू बाई डेल्टा टी अब यहां से हमें क्या पता चल रहा है कि भाई यह जो चेंज इन इंटरनल एनर्जी है ना यह प्रेशर वॉल्यूम किसी वी बाइट डेल्टा टी ठीक है तो यानि कि यहां से हम लिख सकते हैं सीपी माइनस सीवी इज एकवेल टू पी डेल्टा वी बाइट डेल्टा टी ठीक है अब लग रहा है कि हम काफी करीब आ रहे हैं सीपी माइनस सीवी इग्वल टू आर प्रूव करना पाएंगे अब यहां पर देखो क्या करेंगे हम हम सभी को पता है कि किसी भी आईडियल गैस के लिए क्योंकि यहां पर इसे बूलना नहीं है यहाँ पर बात किसकी हो रही है बात एक आइडियल गैस की हो रही और ideal gas के लिए जो equation of state होता है वो क्या होता है PV is equal to nRT जहाँ पे n is the number of moles अभी देखो number of moles कहीं भी consider नहीं किया है because उसको मैंने one मान लिया है अभी चीके तो PV is equal to RT हो गया अब अगर हम इसे ऐसे लिखें P delta V is equal to R delta T चलेगा बिल्कुल चलेगा ठीक है तो यानि कि यहां से अग डिल्टा टी ठीक है अब देखो क्या मैजिक हो गया यहां पर क्या है पी इंटू डिल्टा वी बाई डिल्टा टी यानि कि इसकी जगह हम क्या लिख सकते हैं इसकी जगह हमारे लिख सकते हैं तो यह क्या हो गया सीपी माइनस सीवी इज इक्वल टू आर बात समझ में आई सभी को सिंपल था बिल्कुल सिंपल था ज्यादा कुछ मुश्किल था ही नहीं काफी सारे ऐसे डिविशन तो यह तो बड़ा आसान था है कि नहीं तो आई ऑल्सों होप कि जैसे-जैसे मैं इन्हें कर रही हूं आप भी मेरे साथ-साथ कर रहे होगे क्योंकि अगर आप साथ-साथ करोगे तो ही आपको ज्यादा अच्छे समझ में आएगा ठीक है तो चलो आगे बढ़ते दोस्तों अब जब हम सीपी सीवी की बातें कर रहे हैं तो यहां पर एक और इंपोर्टेंट रेशियों की बात आ जाती है जिसे हम कहते हैं स्पेसिफिक हीट रेशियों स्पेसिफिक हीट रेशियों क्या होता है इसे हम गामा से डिनोट करते हैं एंड इट बेसिकली द रेशियों ऑफ सीपी एंड सीवी CP by CV का जो ratio है उसे हम specific heat ratio कहते हैं, ठीक है, अब हम notice करते हैं कि अलग-अलग gases के लिए इस ratio के specific values होते हैं, जैसे अगर हम mono atomic gases की बात करें, जिनके अंदर एक single atom होता है, ठीक है, तो mono atomic gases की अगर हम बात करें, तो वहाँ पर क्या होता है, CV is equal to 3 by 2R, CP is equal to 5 by 2R, इसे अगर आप अ आप ही के लिए easy रहेगा, ठीक है, CV की ये value होती है, CP की ये value होती है, in fact अगर आप चाहो तो tally करके देख लो, यहाँ पर CP minus CV अगर आप करोगे तो क्या आएगा, 5 by 2 minus 3 by 2, आर विच इज इक्वल टू आर है ना वह मैंने पहली बताया था सीपी माइनस सीवी ऑलवेज इक्वल टू आर उसी तरह से अगर हम बात करें डाय एटॉमिक गैसेस की जैसे मान लो कि एच टू एन टू ओ टू इस तरह के डाय एटॉमिक गैसेस की अगर हम बात करें एच टू ओ टू एन टू वगैरह तो यहां पर क्या होते हैं दो नाइट्रोजन के आटम मिलकर एच टू बनाते हैं करेक्ट तो ऐसे सिट्यूएशन में सीवी की वैल्यू होती है फाइव बाइट टू आर और सीपी की वैल्यू वाली होती है 7 by 2 R जहां पर यहां भी अगर आप CP minus CV करोगे तो आपको कितना मिलेगा R मिलेगा अब आप पूछी सकते होगे मैम ये values कहां से आई आप पूछी सकते हो बल्कुल पूछ सकते हो तो बच्चो इनके derivation को मैंने यहां अलग से नहीं किया because इन derivations को हम kinetic theory वाले lesson में discuss कर चुके हैं एक बार फिर से ये बता जरूर दिया because बहुत बार क्या होता है थर्मो डाइनमिक्स के numericals में आपको इनकी help लेनी पड़ती है तो अब एक चीज और और देख रो CV और CP की value अगर आपको पता है तो क्या आप specific heat ratio खुद से नहीं निकाल लोगे अरे ma'am बिलकुल निकाल लेंगे जैसे अगर mono atomic gases की बात करें तो gamma की value कितनी हो जाएगी 5 by 2 R जो की CP की value है divided by 3 by 2 R जो की CV की value है R R 2 2 cancel हो जाएगा तो इसकी value हो जाएगी 5 upon 3 mono atomic gases के लिए ठीक उसी तरीके से अगर die atomic गैसेस की बात करें तो इनके केस में गामा की वैल्यू क्या हो जाएगी CP विच इस सेवन बाई टू आर डिवाइडेड बाई सी वी विच इस फाइव बाई टू आर आर टू सब कैंसल हो गया तो यह आ जाएगा सेवन बाई फाइव तो इस तरीके से मोनोएटोमिक गैसेस के लिए जो हमारा अगला टॉपिक है देट इस क्वासी स्टाटिक प्रोसेस क्वासी स्टाटिक प्रोसेस नाम पर ध्यान दो कि टाइटिक मतलब स्थिर जो एक ही जगह पर है ऐसा प्रोसेस जो एक ही जगह पर है अगर कोई प्रोसेस बिल्कुल वहीं पर है इसका मतलब क्या वह प्रोसेस इवन हो रहा है नॉट रिएली लेकिन इसे हम स्टाटिक प्रोसेस नहीं कह रहे हम एक कॉसी स्टाटिक प्रोसेस तो सबसे पहले तो मैं यह बता दूं कि यह जो कॉसी स्टाटिक प्रोसेस है यह एक हाइपोथेटिकल कंस्ट्रक्ट है हाइपोथेटिकल कंस्ट्रक्ट मतलब होता है कि यह हाइपोथेसिस है पर यह एक कंसेप्ट है जो सोचा गया है जिसके हेल्प से हम कई और सारे और कॉन्सेप्ट को डिराइव कर सकते हैं और वह कॉन्सेप्ट हमारे डेट टू डे लाइफ में डिरेक्टल यूजफूल होते हैं ठीक है तो इस तरह के हाइपोथेसिस को हम बोलते हैं हाइपोथेटिकल कंस्ट्रॉक्ट ठीक ओके अब कॉसिस्टाटिक प्रॉसेस बहुत बहुत बहुत स्लोली अकर करता है यानि कि इट इन फाइनाइट टेसिमली स्लो प्रोसेस इन फाइनाइट टेसिमली स्लो प्रोसेस मतलब जो बहुत ही ज्यादा धीरे धीरे धीरे धीरे प्रोसीट करता है वैसा होता है हमारा कॉसी स्टाटिक प्रोसेस मतलब वो इतना यह स्लोली अकर करते हैं कि दूरिंग देंटायर प्रोसेस द सिस्टम रिमेंट्स इन इक्विलिब्रियम विद्ध सर्वांडिंग्स जैसे मालों को एक सिस्टम है जिसका स्टेट इस डिफाइंड बाई पी कमा वी कमा टी उसका प्रेशर वॉल्यूम चेंज होते जा रहा है लेकिन इतना स्लोली चेंज हो रहा है कि थ्रू आउट वह जो है इस इन इक्विलिब्रियम इट सर्वांडिंग्स तो ऐसा प्रोसेस क्वासिस्टाइटिक होता है तो इसको आप ऐसे समझो लेट सपोस्ट कि मैं यहां पर खड़ी हूं मुझे इस पॉइंट से उस पॉइंट पर जाना है एक ऑप्शन है मैं ऐसे जल्दी से चलकर चली जाओ जिसमें आपको दिखा कि प्रोसेस काफी तेजी से हुआ काफी विजिबल था इस प्रोसेस अगर हम साइंस के टर्म में बात करें तो इस तरह के प्रोसेस को हम किस तरीके से अगर कर सकते हैं जैसे मालों के कोई सिस्टम है जो फिलहाल एक स्टेट में है जो उसका इनिशियल स्टेट एडिटिटिव पी कॉमा टी उसके सर्राउंडिंग के प्रेशर को थोड़ा सा बढ़ा दिया जैसे बढ़ा दिया तो सिस्टम उसके अकॉर्डिंग थोड़ा अपना कि उसके इसाब से अपना प्रेशर चेंज कर लेगा हमने फिर से प्रेशर थोड़ा बढ़ा दिया तो इस तरीके से सराउंडिंग के प्रेशर को धीरे-धीरे धीरे बढ़ाते बढ़ाते हम इस पूरे प्रोसेस को इनफाइनाइट एसिमली स्लो अकर करा सकते सवाल दिमाग में यही आता है कि किस तरह के प्रोसेस को हम क्वासी स्टाटिक प्रोसेस कहेंगे पहला तो वह जो एक्स्ट्रीमली स्लो प्रोसेस है जो बहुत धीरे-धीरे अगर कर रहे हैं दूसरा अ कि वैसे प्रोसेस जहां पर जो टेंपरेचर ग्रेडियंट है वह ज्यादा ना हो यानि कि जो टेंपरेचर डिफरेंस है वह बहुत ज्यादा ना हो क्योंकि अगर टेंपरेचर डिफरेंस बहुत ज्यादा होगा तो अचानक से बहुत ज्यादा ही फ्लो होने नहीं जाते हैं तो कुछ ऐसे प्रोसेस जो बहुत स्लोली अकर कर रहे हो जहां पर एक्सलेरेटिड मोशन ना हो जहां पर टेंपरेचर ग्रेडियंट कम हो इस तरह के प्रोसेस को ही हम कॉसिस्टाटिक प्रोसेस के अंदर कैटेगराइज कर सकते हैं ठीक है तो बच्चों गो जो भी प्रोसेसेस डिसकस कर रहे हैं, they are quasi-static process, यानि कि वो सारे प्रोसेसेस infinitesimally slowly occur कर रहे हैं, तो जहाँ पर मैं mention ना करूँ कि ये जो है वो quasi-static process नहीं है, तो आप assume कर लेना कि बाकी सारे प्रोसेसेस जिनकी हम बात कर रहे हैं, they are assumed to be quasi-static. तो अब डिसकस करेंगे हम कुछ special thermodynamic processes के बारे में, जैसे कि isothermal, isochoric, isobaric and adiabatic.
isothermal, iso मतलब एक सेम थर्मल मतलब ही ऐसे प्रोसेस जिनका टेंपरेशर कॉंस्टेंट रहे आईसो बारिक बार से याद आता है वह वाला बार नहीं बार से याद आता है क्या सोचो सोचो सोचो बार कौन से कॉंटिटी का यूनिट होता है प्रेशर एग्जाटली तो ऐसे वाले सिस्टम्स जिनका प्रेशर कॉंस्टेंट हो देट इज आईसो बारिक तीसरा आईसो को रिक आईसो को रिक मतलब जिनका रह जाए उनको ऐसो कोरिक कहेंगे और एडिबेटिक एडिबेटिक क्या हो सकता है एडिबेटिक वॉल के बारे में बताया था जो ही ट्रांसफर अलाउड करता था तो उसी तरीके से एडिबेटिक प्रोसेस क्या होगा ऐसा प्रोसेस जिसके अंदर एडिबेटिक प्रोसेस तो यहां पर बेसिकली हम चार ऐसे तरह के प्रोसेस के बात करने वाले हैं तो थोड़ा-थोड़ा हम थोड़ा थोड़ा डि� अबी मथमेटिकली भी देखेंगे, ग्राफिकली भी देखेंगे, ताकि आपको थोड़ा सा और बहतर आइडिया लगें। यह यूनिवर्सल गैस कॉंस्टेंट ही है टी भी अब कॉंस्टेंट हो गया है टेंपरेचर भी कॉंस्टेंट हो गया है यानि कि हम इसे क्या लिख सकते हैं पीवी इज इक्वल टू कॉंस्टेंट राइट अब जैसे हमने पीवी इज इक्वल टू कॉंस्टेंट है वह इनवर्सली प्रोपोर्शनल है अगर प्रेशर बढ़ेगा वॉल्यूम घटेगा प्रेशर घटेगा वॉल्यूम बढ़ेगा तो यानि कि अगर हम इसका ग्राफ प्लॉट करें प्रेशर एंड वॉल्यूम तो देखो ग्राफ कैसा दिख रहा है जैसे जिससे वॉल्यूम बढ़ रहा है वैसे वैसे प्रेशर घट रहा है जैसे जिससे वॉल्यूम घट रहा है वैसे वैसे प्रेशर बढ़ रहा है तो यह जो कर्व हमें मिलता है इस कर्व को हम कहते हैं आईसो थर्मल कर्व तो चलो बच्चों बात करेंगे हम आईसो थर्मल एक्सपांशन आफ एन आईडियल गास एक्सपांशन का मतलब ही क्या होता है कि कोई चीज एक्सपांड हो रही है बड़ी हो रही है राइट तो अ� पर हम क्या देख कल्कुलेट करने वाले हैं अभी वर्क डूरिंग आईसो थर्मल एक्सपांशन ऑफ एन आईडियल गैस आईडियल गैस ले रहे हैं यार क्योंकि थोड़ी सी कल्कुलेशन भी सिंपल हो जाती है राइट आईडियल गैस जब तक लेंगे तब तक हम पीवी इ ठीक है, later या फिर final कुछ भी कह लो, बाद में जाके इसका pressure हो जाता है P2 और इसका volume हो जाता है V2, ठीक है, अब हमें क्या calculate करना है, कि जब ये gas isothermally expand कर रहा है, isothermal, isothermal का मतलब क्या होता है, constant temperature, T constant, जब कोई gas constant temperature पे initial state से final state में जा रहा है, या फिर कह लो, कि जब constant टेंपरेचर में उसका वॉल्यूम इंक्रीज हो रहा है तो ऐसा होने में कितना वर्क डन होता है यह हमें कल्कुलेट करना है ठीक है बाद समझ में आई ओके अब मान लो यह तो मैंने अजूम किया कि गैस इनिशियल स्टेट में यहां है और बाद में एक्सपांशन के बाद कि हम कह रहे हैं कि यह गैस एक्सपांड कर रहा है देट मीन्स इसका जो वॉल्यूम है यह बढ़ रहा है सो यह वी से वी प्लस डेल्टा वी हो रहा है राइट यानि कि चेंज इन वॉल्यूम कितना है चेंज इन वॉल्यूम है डेल्टा वी ठीक है तो अब इस एक्सपांशन के दौरान वर्क डन जो है देट इस डेल्टा डब्ली वह कितना हो जाएगा पी डेल्टा वी और थर्मोडाइनेमिक से पड़ी है ठीक है ओके बात समझ तो अगर बच्चों मुझे work done calculate करना हो तो कैसे करेंगे अब यहाँ पर थोड़ी सी mathematics की use करेंगे हम तो let us suppose कि अगर हमें इस gas को एक थोड़ा सा volume उसका increase होना है तो थोड़ा सा work done involved होगा तो वो थोड़ा सा work done is dw छोटा सा work done तो यह छोटा सा work done will be equal to p into dv नेट वर्क डन कैलकुलेट करना हो तो हम इसी को इंटेग्रेट कर देंगे यानि कि हम इसको इंटेग्रेट कर देंगे पी इंटेग्रेशन आफ डी वी कहां से कहां तक इनिशियल वॉल्यूम वी वन से लेकर के फाइनल वॉल्यूम वी तू तक ठीक है किको एक्सपांशन हो टैलकुलेट करेंगे ठीक है तो अब बच्चों यहां पर मैंने क्या बोला हम आईडियल गैस की बात कर रहे हैं तो जुकि हम आईडियल गैस की बात कर रहे हैं तो आईडियल गैस के केस में पी वी क्या होता है पी वी इस इक्वल टू एन आर टी वेरेन इस द नंबर ऑफ मो जगह हम लिख सकते हैं अपन वी तो ये वी भी integration के अंदर चला जाएगा तो integration of dv by v from v1 to v2 ठीक है तो ये क्या हो जाएगा integration of 1 by v dv क्या हो जाएगा ln v exactly तो ये क्या हो जाएगा natural log of v from v1 to v2 तो इसे हम क्या लिख सकते हैं rt एलन वी टू माइनस एलन वी वन ठीक है अब देखो नाचुरल लॉग ऑफ वी टू माइनस नाचुरल लॉग ऑफ वी वन इसको हम क्या लिख सकते हैं एलन वी टू बाई वी वन एक्साक्टली तो यह हो जाएगा आर टी एलन वी टू बाई वी वन तो इसका मतलब यहाँ पर इनवॉल्ड होता है देट इज गिवन बाई आर टी एल एन वी टू बाई वी वन ठीक है यह हमारा आईसो थर्मल एक्सपैंशन का एक्सप्रेशन निकलकर आगे तो बच्चों आईसो थर्मल एक्सपैंशन का एक्सप्रेशन तो हमें मिल हैं अब इसके कुछ स्पेशल यू नो स्पेशल पॉइंट्स देखते हैं ठीक है अब इस नो चीज इन इंटरनल एनर्जी ऑफ एन आईडियल गैस इन आईसो थर्मल प्रोसेस अब बच्चों हमें क्या पता है हमें पता है कि जब कभी भी हम एक आईडियल गैस की बात करते है तो एक आईडियल गैस के केस में जो डेल्टा यू होता है यानि कि जो चेंज इन इंटरनल एनर्जी होता है यह किस पर डिपेंड करता है यह डिपेंड करता है टेंपरेजर पर टेंपरेजर चेंज होता है तो इंटरनल एनर्जी भी चेंज होता है लेकिन अगर मैं कहूं कि मेरा जो प्रोसेस है तो इस आईसो थर्मल प्रोसेस यानि कि मेरा जो टेंपरेजर है देट इस कॉन्स्टेंट अगर टेंपरेजर कॉन्स्टेंट है इसका मतलब मेरा डेल्टा यू क्या हो जाएगा जीरो सो दिस एस समथिंग तो आप रिमेंबर चेंज इन इंटरनल एनर्जी हमेशा टेंप्रेचर के चेंज पर डिपेंट करता है अगर टेंप्रेचर कॉन्सटेंट है तो डेल्टा यू जीरो ठीक है तो ऐसे सिचुएशन में क्या होगा एमाउंट ऑफ हीट सप्लाइड टो द गास इग्वल टो वर्क डॉन बाइट गास बोलने का जत्लब है अगर फर्स्ट लॉक एक बार फिर से याद करो विच इस डेल्टा क्यू इज इक्वल टो डेल्टा यू प्लस डेल्टा डब्लू तो यहां पर क्या हो जाएगा ऐसे सिचुएशन में डेल्टा यू की वैल्यू जाएगी जीरो यानि कि डेल्टा क्यों इस इक्वेल टू डेल्टा डब्ल्यू डेल्टा क्यों क्या है अमाउंट ऑफ इट्स अप्लाइड टू द गास राइट और डेल्टा डब्ल्यू क्या है वर्क डन बाइट गैस सिंपल इस एंट इट तो अब यह स्लाइड को देखते हुए ऐसा लग रहा होगा कि अच्छा यह ट्राइव करते तो वहां से हमें कुछ और मिलता है फिर वहां से कुछ और मिलता है राइट तो बेसिकली यह सारी जो कहानी ना फर्स्ट लॉफ थर्मोडानेमिक से यह घूम रही है उसी के आसपास घूम रही है तो चलो आगे बढ़ते हैं अब भी उस एक्सप्रेशन का डिस्कॉशन खत्म नहीं हुआ है अब यहां पर हम डिस्कॉश करेंगे दो सेनारियों तो यह हमारा आईसो थर्मल एक्सपेंशन का एक्सप्रेशन अब पहला सेनारियो जब हम बात करते हैं आईसो थर्मल एक्सपेंशन कि अब देखो कोई भी गैस अगर उसका वॉल्यूम अगर चेन तो वॉल्यूम दो तरीके से चेंज हो सकता है एक तो वॉल्यूम बढ़ सकता है जिसे हम expansion कहेंगे दूसरा वॉल्यूम घट सक जिसे हम क्या कहेंगे, isothermal compression, compress करना, किसी चीज को compress कर देना, मतलब उसका volume कम हो रहा है, expand कर देना, मतलब उसका volume बढ़ रहा है, तो इन दोनों चीजों को हम इस expression के terms में mathematically discuss करेंगे, तो अगर हम isothermal, एक्सपांशन की बात कर रहे हैं, इसका मतलब V2 is greater than V1, initially अगर V1 था और बाद में अगर V2 है, इसका मतलब V2 V1 से ज्यादा है, इसका मतलब क्या हुआ, अब देखो W is equal to RT LN V2 by V1, ठीक है, mathematically LN V2 by V1, इसका मतलब क्या होता है, इसका मतलब होता है RT LN V2 minus LN V1, ठीक है, अब अगर मैं कह रही हूँ कि वी टू वी वन से ज्यादा है, यानि कि ये एलन वी टू, एलन वी वन से ज्यादा है, यानि कि इस पूरे चीज की जो वाल्यू आएगी, वो पॉजिटिव आएगी, यानि कि जो वर्क डन मेरा आएगा, वर्क डन will be greater than zero, वर्क डन अगर पॉजिटिव है, इसका क्या मतलब है, इसका मतलब है, work is done by the gas, मतलब ये जो gas है, ये gas, वर्क डन कर रहा है, ये काम कर रहा है, अब अबियस्सी बात है, जब हम काम करते हैं, तो हमें किसकी जरूरत होती है, एनर्जी की जरूरत होती है, तो हम एनर्जी को एब्जॉर्ब करते हैं, तब जाके काम करते हैं, ये लॉजिक याद रहेगा, तो यहाँ पर चुकी वर्क जहां वर्क डन पॉजिटिव है इसका मतलब वर्क इस डन बाई दा गास और जब भी गास काम कर रहा है इसका मतलब दे गास एब्सॉर्ब्ड एनरजी सो एट इट इज एब्सॉर्ब्ड वाइट एक इस ठीक है यह क्लियर हो गया ओके अब केस नंबर टू देखते हैं अब क LN V2 minus LN V1, यहाँ पे LN V2 की value कम है और LN V1 की value ज्यादा है, मतलब एक छोटे number से आप बड़े number को subtract कर रहे हो, यानि कि इसका जो answer आएगा that will be negative, तो इसका मतलब इस case में work done की जो value होगी that will be negative, work done की value negative है, मतलब work is done on the gas, work is done on the gas, अब गैस के ऊपर ही काम हो रहा है तो वैसे किसमें ही एब्जॉर्ब नहीं होगा बल्कि ऐसे सिचुएशन में क्या होगा हीट इज रिलीज्ड कि अ तो चलो चलते हैं हम अपने अगले प्रोसेस की तरफ विच एडिया बेटिक प्रोसेस एडिया बेटिक प्रोसेस में क्या होता है एडिया बेटिक वॉल यादी होगा, adiabatic process में, there is no heat flow between system and surroundings, ठीक है, मतलब heat ना तो आ पाएगा, ना जा पाएगा, ओके, तो इसको अगर हम mathematically इसके expression को देखें, so the expression is somewhat like this, pv to the power gamma is equal to constant, जहाँ पे gamma क्या है, discuss किया था, हमने ratio of specific heat capacities, यादा है कुछ, gamma is equal to cp by cv, exactly, लीब, ओके, तो अब यहाँ का जो यह expression है, pv to the, पावर गामा इसके लिए अगर हम एडियाबेटिक प्रोसेसेस के लिए ग्राफ प्लॉट करें तो हमें ग्राफ कुछ ऐसा मिलेगा जहां पर यहां पर भी प्रेशर और वॉल्यूम इनवर्सली प्रोपोर्शनल है तो इस ग्राफ को देखते ही आपको ऐसा लगेगा आईसो यह एक्सप्रेशन वस्पीवी इस इक्वल टू कॉंस्टेंट यहां पर इट इस पीवी टू द पाउर गामा इस इक्वल टू कॉंस्टेंट तो बच्चों अब हम लोग देखेंगे अडिया बेटिक चेंज ऑफ एन आइडियल गैस आइसो थर्मल तो देख लिया हमने कि भाई जब आइसो थर्मली कॉंस्टेंट टेंपरेचर पर जो पर जो पर जो पर जो पर जो पर जो पर जो पर जो पर जो पर जो पर जो पर जो प जब एक गैस एक्सपांड करता है वीवन वॉल्यूम से वीटू वॉल्यूम तक तब वर्क डन हम कैसे कैलकुलेट करते हैं अब एक्जाक्टली उसी सिनारियों के संच सिनारियों को समझेंगे एडिया� यहाँ पर heat का कोई transfer नहीं होता है ठीक है तो यहाँ पर भी हम calculate करने वाले है work done during adiabatic change of an ideal gas ओके ठीक है माल लो कि जो मेरा gas है इसका initial जो state है that is P1 V1 T1 let us say कि इसका change के बाद का जो final state है that is P2 V2 T2 ठीक है तो इसे initial तो final state में ले जाने के लिए जो work done है that is W ठीक? ओके तो let us see चोटा सा work done वही same logic apply करेंगे जो चोटा सा work done है वो कितना हो जाएगा p into चोटा सा change in volume correct okay अच्छा तो अगर मुझे work done निकालना है so that will be integration of dw which is equal to integration of pdv ठीक है अब pressure को भी हमें volume के terms में लिखना होगा okay अब देखो adiabatic processes के लिए हमें क्या पता है adiabatic processes के लिए तो यानि कि हम P को क्या लिख सकते हैं, constant divided by V to the power gamma, यह लिख सकते हैं, तो चलो वही value put कर देते हैं, तो work done will be equal to, let's say कि constant को हमने बाहर रख दिया, ठीक है और integration of dv divided by v to the power gamma जहांपे volume v1 से लेके v2 तक change हो रहा है ठीक है ओके चलो अब इसको integrate करते हैं तो यहाँ पे आ गया constant, अब integration of 1 by v to the power gamma, यानि कि यह क्या हो जाएगा, v to the power minus gamma plus 1 divided by minus gamma plus 1 from v1 to v2, अब यह मत पूछना कि यह कहां से आया, यह simple integration का formula है, ठीक है, क्योंकि हमने integration of v to the power minus gamma dv किया था, तो उस basis पे इसको ऐसे integrate किया है, okay, अब देखो इसे कैसे लिख सकते हैं, अब, माइनस गामा प्लस वन यह तो कॉन्स्टेंट है तो इसे ब्राकेट से बाहर ले आते हैं कॉन्स्टेंट डिवाइडेड बाई वन माइनस गामा और इस ब्राकेट के अंदर क्या रहेगा वी टू टू दी पावर वन माइनस गामा माइनस वी वान टू दी पावर वन माइनस ग है तो भाई यह देख सोचने वाली बात है कॉन्सटेंट को क्या लिखे तो उसके लिए इस इक्वेशन पर वापिस फोकस करो कॉन्सटेंट को हम लिख सकते हैं पीवी टू थी पावर गामा यानि कि कॉन्सटेंट को हम लिख सकते हैं पीवी टू थी पावर गामा या फिर पीवी टू थी पावर गामा कुछ भी लिख सकते ठीक है तो चलो इसको लिखते हैं तो यानि कि यह जो वर्क डन है डेट इज इक्वल टू इस कॉन्सटेंट को लेटर से हम अंदर लेकर जाते हैं तो कॉन्सटेंट कि अंसिंट इंटू वीवन टू दी पावर वन माइनस गामा वैसा हो जाएगा तो बाहर क्या रहेगा वन बाई वन माइनस गामा अंदर क्या हो जाएगा वीडियो वाले टर्म के लिए हम कॉन्स्टेंट को लिख सकते हैं पी टू वीडियो टू दी पावर गामा इंटू वीडियो टू दी पावर वन माइनस गामा माइनस यहां पर भी कॉन्स्टेंट इंटू वीवन टू दी पावर वन माइनस गामा तो बच्चों यहां पर हमने इसे ऐसे कैलकुलेट कर लिया बेसिकली कि क्या किया, यह जो constant है, यहाँ पर, इस constant को, हम यहाँ से क्या लिख सकते हैं, p v2 the power gamma, यानि कि इसे हम p1 v1 to the power gamma भी लिख सकते हैं, या फिर p2 v2 to the power gamma भी लिख सकते हैं, तो वही हमने किया, देखो यहाँ पे p2 v2 to the power gamma लिख दिया, यहाँ पे p1 v1 to the power gamma लिख दिया, ठीक है, गामा, तो सारे powers add हो जाएंगे, तो गामा minus गामा cancel हो जाएगा, तो यहाँ बचेगा V2, उसी तरीके से यहाँ पर P1 V1 हो जाएगा, यहाँ पर भी जो power है उसमें गामा minus गामा cancel हो जाएगा, ठीक है, अब देखो, इसे हम क्या लिख सकते हैं, 1 by 1 minus गामा, P2 V2 को क्या लिख स P1 V1 हो जाएगा R T1 ठीक है clear है यहां तक कोई doubt नहीं तो इसका मतलब इस case में work done को हम क्या लिख सकते हैं देखो दो तरीके है एक option है कि R by 1 minus gamma इंटू t2-t1 लिखो दूसरा option है कि आप r by γामा-1 तो अंदर हो जाएगा t1-t2 है तो यह क्या हो गया दिस इस यॉर वर्क डन ड्यूरिंग एन एडिअबेटिक चेंज राइट इसको अमेज़ टी वर्क टी टू के टर्म्स में लिखा है क्योंकि एडिअबेटिक चेंज में जो टेंपरेजर है वह पॉइंटर नहीं रहता है टेंपरेजर भी टी वर्क कि यहां पर एडिअबिटिक प्रोसेस था तो पी वी टू दे पावर गामा इज इक्वल टू कॉन्स्टेंट था वहाँ पर हमने सीधा आइडियल गैस एक्वेशन का हेल्प लिया था इतना ही फरक था ठीक है तो इस तरीके से हमने यह एक्सप्रेशन निकाल लिया तो बच् ती वन माइनस टी टू विल बी ग्रेटर दन जीरो टाइट इसका क्या मतलब है टी वन इस ग्रेटर दन टी टू अजय को राइट यानि कि जो इनिशियल टेंपरेचर है वो बाद के टेंपरेचर से ज्यादा है यानि कि ऐसे सिचुएशन में डूरिंग द प्रोसेस टेंपरेचर क्या होता है टेंपरेचर डिक्रीजेज तो यानि कि इस एडियाबेटिक चेंज के दोरान टेंपरेचर क्या होता है कि तीवन माइनस टी टू जो है डेटिव लेस दन जीरो इसका मतलब क्या है कि टीवन की जो वैल्यू है डेटिव लेस दन टी टू इसका मतलब है जो फाइनल टेंपरेचर है उसकी वैल्यू ज्यादा है यानि कि एडिबेटिक इस चेंज के दौरान टेंपरेचर क्या हो रहा है टेंपरेचर इंक्रीज हो रहा है हमारा अगला प्रोसेस है आईसो को रिक प्रोसेस जैसा कि मैंने बताया आईसो को रिक मतलब ऐसे प्रोसेस जिनमें वॉल्यूम कॉंस्टेंट रहे वॉल्यूम कॉंस्टेंट consistent रहने से क्या होगा? हमने क्या देखा था?
work done is equal to P delta V यानि कि pressure into change in volume अब इन processes में तो यार volume constant ही रह रहा है तो change in volume is 0 यानि कि work done is equal to 0 यानि कि जब हम isochoric processes की बात करते हैं वहाँ पर जो heat supplied to the system होता है वो पूरा का पूरा heat is used up in changing the internal energy of the system Why? क्योंकि अगर आप first law of thermodynamics के हिसाब से mathematical expression को देखोगे which is delta Q is equal to delta U plus delta W, तो यहाँ पे work done, ऐसे processes के case में work done तो zero हो जाएगा, तो यानि कि delta Q is equal to delta U, right, तो पूरा का पूरा जो heat हम supply कर रहे हैं, वो पूरा का पूरा heat जो है is used up in increasing the internal energy of the system, गया सब्जी खरीदने में ठीक है ओके अब यहां पर देखो एक और छोटी सी चीज इससे आप डिवाइव कर सकते हो अगर इसी को फर्थ राप डिल्टा क्यों बाइट डिल्टा टी करो तो आपके राइट हेंड साइड में क्या हो जाएगा डिल्टा यू बाइट डिल्टा टी करेक्ट एंड विस बिंग डन आट कॉंस्टेंट वॉल्यूम अब डेल्टा क्यों बाइट डिल्टा टी आट कॉंस्टेंट वॉल्यूम क्या होता है सीवी एग्जैक्टली सो सीवी इज इक्वेल्ट डिल्टा यू बाइट डिल्टा टी आट कॉंस्टेंट वॉल्यूम तो चलो बात करते हैं आईसो बारिक प्रोसेस के बारे में आईसो बारिक प्रोसेस जिसमें क्या होता है प्रेशर कॉन्स्टेंट होता है एक्जाटली तो ऐसे सिट्यूएशन में अगर हमें वर्क डन कालकुलेट करना हो तो वर्क डन क्या होता है हमें पता है P डेल्टा V ठीक है तो ये क्या हो जाएगा तो इसे हम लिख सकते हैं nRT2-nRT1 जहां पर n क्या है number of moles सभी को बता है तो इसे हम लिख सकते है nRT2-T1 तो इस तरीके से calculate कर सकते हैं हम work done और इस तरह के processes की अगर बात करें तो यहाँ पर heat absorbed goes partly to increase internal energy and partly to do the work इसका मतलब वही जो हमने first law में पढ़ा था जो हम लिख सकते हैं एक टाइप इस इक्वल टू डेल्टा यू प्लस डेल्टा डब्लू तो यहां पर जैसे आईसो थर्मल प्रोसेस में क्या होता है कि डेल्टा यू जीरो प्र इन एनर्जी टेंप्रेचर डिपेंडेंट होता है, है ना, बट इस वाले प्रोसेस में, आईसो बारिक प्रोसेस में, जो डेल्टा क्यू यानि की जो हीट अब्जॉब्ड होता है, वो पार्टली इंटरनल एनर्जी में यूज होता है, देल्टा यू, और पार्टली वर्क क है तो कुछ इस तरीके का हो जाएगा हमारा फर्स्ट लॉफ थर्मोडाइनमिक्स इन केस आईसो बारिक प्रोसेस अगला प्रोसेस साइक्लिक प्रोसेस साइक्लिक प्रोसेस मतलब ऐसे प्रोसेस जो जहां से शुरू होते हैं घूम फिर के वापस वहीं जाते हैं रेट उसे हम कहते हैं साइक्लिक प्रोसेस मतलब एक पॉइंट से स्टार्ट किया उसके बाद दिल्ली मुंबई साथ जगह पूरा देश घूम लिया और वापस उसी पॉइंट पर आ गए ठीक है तो ऐसे प्रोसेस में क्या होता है देखो ऐसे प्रोसेस में चुकी आपका इनिशियल स्टेट और फाइनल स्टेट दोनों ही सेम जगह पर है तो इसका मतलब ऐसे प्रोसेस का जो इंटरनल एनर्जी होगा देट विल बी इक्वल टू जीरो देट इन इंटरनल एनर्जी डेल्टा यू विल बी इक्वल टू जीरो क्योंकि डेल्टा यू क्या है यह स्टेट वेरियबल है जो इनिशियल स्टे� एक एसा डिवाइस जो हीट को वर्क में कनवर्ट करता है, वेरी सिंपल, हीट को वर्क में कनवर्ट करेगा, इतना ही सिंपल है, सिंपल है बट एक सेटअप है, एक तरीका है जिससे हीट को वर्क में ये कनवर्ट करता है, तो बेसिकली किसी भी हीट इंजिन के तीन में इंप एक लोग टेंपरेचर पर हो तो बेसिकली फंडा कुछ यूं होता है कि एक वर्किंग सब्सक्राइब एक तरफ लोग टेंपरेचर है तो अब एक तरफ लोग टेंपरेचर है तो क्या होगा इसकी वजह से देर विल भी हीट ट्रांसफर और हीट के ट्रांसफर वजह से ही क्या होगा देखिए इन जिन विल इवेंचुअली डू सम वर्क और इस तरीके से ही टेंपरेचर जो है वह कि यह वर्किंग सब्स्टेंस क्या होता है अब बेस्ट ऑन की किस तरह के हीट इंजिन की बात करें फॉर एग्जांपल अगर मैं स्टीम इंजिन की बात कर रही हूं तो वहां पर वर्किंग सब्स्टेंस टीम है अगर मैं लेट से गैसोलीन या फिर डिजल इंजिन की बात कर रही हूं तो वहां पर जो वर्किंग सब्स्टेंस है देट इस फ्यूब वेपर प्लस एयर का मिक्सचर तो कि जो हाई टेंपरेजर पर है उससे हमारा इंजन कुछ ही ले रहा है जो लोग टेंपरेजर है उसमें कुछ दे रहा है और यह लेने और देने के बीच में जो डिफरेंस हो जा रहा है दिफरेंस एंड ही जो है देटर्स गेटिंग टो इंटर वर्क डन ठीक है अब समझेंगे स्टेप बाइ स्टेप घबराओ नहीं ठीक है इसे भी ही टेंजिन की एफिशियन सी हम कैसे डिटरमाइन करते हैं मतलब वह इंजन कितना एफिशियंट है तो एक इंजिन की एफिशियंसी आती है इस कॉन्सेप्ट पर कि भाई उसने हमने उसको इतना ही दिया उसने हमें कितना वर्क दिया, right, so amount of work delivered divided by the input of heat energy given to the engine, तो अगर mathematically देखे, तो efficiency is equal to W by Q1, जहांबे W is the work done by the engine, या फिर output work का, and Q1 is the heat supplied to the engine, जैसे ये अगर मेरा heat engine है, ये hot reservoir से Q1 amount of heat ले रहा है, तो यानि कि ये heat input है, इस engine का, ठीक है, और उधर एक कोई, कोड रिजर्व वायर है देट कोड रिजर्व वायर कुड बीड़ सराउंटिंग तो उसमें वह क्यों टू ही तो भेज रहा है ठीक है लेकिन क्यों और क्यों टू का जो डिफरेंस है तो इसको यहां पर क्यों टू देट इस द वर्क डन बाइट इंजिन टाइट इज आवर आउटपुट करें तो इसका मतलब एफिशियंसी क्या हुआ डब्लू बाइट क्यों या फिर एफिशियंसी को हम लिख सकते हैं क्यों ना स्क्यू टू डिवाइडेड बाइट क्यों ना अब समझ में भी आ गया होगा कि इट इंजिन कैसे काम करता है और टू जर्वा वे रसी ही लेता है कोल्ड रिजर्वायर को ही देता है जो डिफरेंस है देट डिफरेंस इस गिवन एज वर्क तो बच्चों यहां जाता है एक अहम सवाल कि क्या एक हंड्रेड परसेंट एफीशियन हीट इंजन पॉसिबल है क्या ऐसा में इंजन कोई बना सकते हैं ऐसा कोई इंजन बना सकते हैं जो हंड्रेड परसेंट एफीशियन हो यानि कि इसकी एफीशियन सी की वैल्यू वन हो कि ऐसा पॉसिबल है एक्शन ऐसा पॉसिबल नहीं है इस प्रैक्टिकली पॉसिबल नहीं है क्यों पॉसिबल नहीं है इसको हम म टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो टो कि राउंडिंग में दे देता है मतलब यह जो क्यों तो है तो इस लॉस्ट टू द सर्वाउंडिंग तो मतलब क्यों वन ही टिसने हॉट रिजर्व वायर से लिया वर्क डन डब्लू किया और बाकी का जो क्यों तो है उसको इसने क्या किया बाहर छोड़ दिया करेक्ट तो इसका यह मतलब हुआ यहां से इस डायग्राम से हम कह सकते हैं कि क्यों वन जो है देट इज इक्वल टू थ्यू टू प्लस डब्लू यानी कि हम डब्लू को क्या लिख सकते हैं क्यों वन माइनस क्यों तू ठीक है जो work done है that is basically q1 minus q2 मतलब जितना heat इसने hot reservoir से लिया और जितना heat finally loss हो जा रहा है उन दोनों का जो difference है वही उतना ही काम इसने किया है ना तो उसे साब से यहाँ पे हम efficiency जिसे हम eta से denote करते हैं इसको हम क्या लिख सकते हैं q1 minus q2 divided by q1 तो इसे हम क्या लिख सकते हैं 1 minus q2 by q1 ठीक है यह लिख सकते हैं हम बिलकुल लिख सकते हैं है तो बच्चों अब सोचने वाली बात यह है कि इफ अगर हम एक बार के लिए मान लें कि इटा इज इक्वल टू वन चलो एक बार के लिए मान लिया कि हंड्रेड परसेंट एफिशियंट हीट इंजन पॉसिबल है तो उस तरह के ही टेंजन एफिशियंट की वैल्यू कितनी होनी पड़ेगी वन अगर इटा की वैल्यू वन है इस एक्सप्रेशन के मुताबिक इसका मतलब है क्यों टू बाई क्यों वन की वैल्यू कितनी होनी चाहिए जीरो तो अगर इटा की वैल्यू वन है इसका मतलब तो इसका प्रतिकली है कि Q2 की value कितनी होनी पड़ेगी? 0 Q2 क्या है? Heat loss to the surroundings क्या practically ऐसा possible है?
ऐसा आपको लगता है कि practically किसी भी situation में ऐसा possible है कि heat loss to the surroundings will be 0 ऐसा कभी भी practically possible नहीं होगा right? So Q has to be 0 which is practically not पॉसिबल देरफोर हम कह सकते हैं कि एफिशियन सी की वैल्यू कभी भी वान नहीं हो सकती है इसका मतलब कभी भी हंड्रेड परसेंट एफिशियंट हीट इंजिन नहीं हो सकता है इस इंजिन का हमें काफी आइडिया लग गया कि यह कैसे काम करता है अब बात करते हैं रिफ्रीजरेटर की आप प्रिटी शॉर की आप लोगों के घर पर या अपने दूसरों के घर में रिफ्रीजरेटर देखा है जिसके अंदर हम चीजें रखते हैं तो वह ठंडे ठंडा रहता है काफी टाइम तक तो हाउट ए रेफ्रीजरेटर वर्क तो शायद आप सप्राइस होगे यह जानके कि रेफ्रीजरेटर का जो वर्किंग है ना वह एक्साइटली हीट इंजिन का उल्टा है मतलब हीट इंजिन में क्या होता था एक हॉट रिजर्वॉयर से यह हीट लेता था कोल्ड रिजर्वॉयर को हीट यहां पे refrigerator के उपर work done होता है, मतलब it doesn't do work, work is done on it, तो इसके उपर work done होता है, और उसके बाद, it gives that entire heat to the hot reservoir, तो यानि कि यहाँ पर, अगर mathematically इसको देखो, तो it is like Q2 plus W, क्योंकि work is done on the system, is equal to Q1, तो यहाँ पर exactly उल्टा हो रहा है, in heat engine के case में, वो heat लेता था, यहाँ पर Q1 उसको दे रहा है, heat engine के case में work was done by the system, यहाँ पे work is done on the system, right, तो दोनों जो है ना एकटम exactly opposite of each other है, तो जिस तरीके से हमने heat engine के case में उसकी efficiency की बात करी उसी तरीके से refrigerator के case में हम refrigerator के performance की बात करते हैं तो बच्चों जिस तरीके से हम heat engine के case में उनकी efficiency की बात करते थे तिक उसी तरीके से जब हम refrigerator की बात करते हैं तो यहाँ पर हम बात करते हैं इनके coefficient of performance की जिसे short form में कई बार हम COP लिखते हैं that is coefficient of performance coefficient of performance क्या होता है जैसे इगेन इसको मैं efficiency के साथ ही relate करते हुए समझाओंगी तो आप लोगों को समझने में भी थोड़ी आसानी होगी, efficiency को हम eta से denote करते थे, ठीक उसी तरीके से coefficient of performance को हम denote करते हैं alpha से, ठीक है, इसको mathematically कैसे define करते हैं, alpha is equal to Q2 divided by W, ठीक है, Q2 मतलब जितना इसमें input आ रहा है, अ कि इसके ऊपर कुछ वर्क डन होता है W और उसके बाद यह कुछ क्यों वन ही पास करता है टू वह फॉर्ट रिजर्वॉयर इस तरीके से यह काम करता है राइट तो यहां पर इसके अंदर इनपुट जो ही टारा देटिस क्यों तू और इसके पास इसके ऊपर जो वर्क डन हो रहा है देटिस W सब्सक्राइब यह रेशियों को हम कहते हैं कोफीशियंट ऑफ परफॉर्मेंस ठीक है अब जैसे जब ही टेंजन की बात करते थे तो वहां पर हम कहते थे कि एफिशियन सी कैन नेवर बी इक्वल टू वन ठीक है यहाँ पर एलफा की जो वैल्यू है इट कैन वी वान इट कैन वी ग्रेटर दान वान लेकिन अब सोचने वाली बात यह है तो कौन सी ऐसी वैल्यू है जो एलफा की नहीं हो सकती है तो यहाँ पर हम कहेंगे कि एलफा कैन नेवर बी इक्वल टू इनफिनिटी एलफा की वैल् कि चलता है क्यों तू इसके अंदर जा रहा है रेफ्रीजरेटर के अंदर वर्क डन भी इसके ऊपर हो रहा है इसका मतलब क्यों तू प्लस डब्ल्यू इज इक्वल टू क्यों वन यानि कि डब्ल्यू इज इक्वल टू क्यों वन माइनस क्यों तू ठीक है बात समझ में यहां पर ओके अब किसी भी रेफ्रीजरेटर को काम करने के लिए देवार हैस टू बी वर्क डन ऑन इट जब तक आप उस रेफ्रीजरेटर पर कुछ वर्क डन नहीं करोगे वह रेफ्रीजरेटर फंक्शन नहीं करेगा, इसका क्या मतलब है, for a refrigerator W can never be equal to 0, W कभी 0 हो ही नहीं सकता है, ठीक है, अब वापिस आते हैं हम alpha पे, यानि की coefficient of performance पे, जो की क्या है, Q2 by W, या फिर जिसे आप लिख सकते हो, Q2 divided by Q1 minus Q2, कुछ भी लिख लो, अभी अभी मैंने क्या बोला कि किसी भी refrigerator को function करने के लिए, के ऊपर एक वर्क डन का होना मैंनेटरी है यानि कि यह जो डिनोमिनेटर है वर्क डन देश वेल नेवर भी इक्वल टू जीरो जब यह वर्क डन जीरो होगा तब यह एलफा इन्फिनिटी होगा अगर वर्क डन कभी भी जीरो नहीं होगा इसका मतलब एलफा जो है यह कभी भी इन्फिनिटी नहीं होगा इसलिए हमने कहा कि कोफीशेंट ऑफ परफॉर्मेंस जो है यह वन तो यह सेकंड लॉओ ऑफ थर्मोडाइनेमिक्स पर अब सेकंड लॉओ थर्मोडाइनेमिक्स के ऊपर अलग-अलग साइंटिस्ट ने अपने अपने स्टेटमेंट्स दिये थे तो ऐसा ही एक स्टेटमेंट दिया था केल्विन और प्लांक ने जिसे हम कहते हैं केल्विन प्लांक पूरा का पूरा work में convert हो गया, ऐसा possible ही नहीं है, कुछ न कुछ amount of heat जो है, will be lost to the surroundings, ठीक, ठीक इसी तरीके से एक और statement आया on second law of thermodynamics, जिससे दिया था, क्लॉशियस ने, जिससे हम कहते हैं, क्लॉशियस statement, ये statement ये कहता है, कि ऐसा कोई process कभी भी possible ही नहीं है, जिसका sole result है, अगर आप सोच रहे हो कि एक colder object से heat लोगे और एक hotter object को heat दोगे बस that's it है तो ऐसा प्रोसेस भी एग्जिस्ट कर ही नहीं सकता है तो अगर आप इन दोनों डेफिनेशन को मैच करने की कोशिश करो तो आप देखोगे दोनों को अलग-अलग तरीके से बताया गया है बट दोनों का जो कन्क्लूजन है दोनों का जो इंटरप्रेटेशन है वह बेसिकली वही है बट दोनों का जो सारे वह बिल्कुल सेम है दोनों ही यह कह रहा है कि ऐसा वह कहीं न कहीं लॉस्ट होगा ही होगा करेक्ट तो चलो बच्चों कई तरह के प्रोसेस हमने डिस्कस किया अंडर थर्मोडाइनमिक्स अब एक और लास्ट क्लासिफिकेशन ऑफ प्रोसेस डिस्कस करेंगे विच इस रिवर्सिबल एंड इरिवर्सिबल रिवर्सिबल प्रोसेस हम वैसे प्रोसेस को कहते हैं जहां पर हमारा सिस्टम और सर्वाउंडिंग जो है उनको हम रिटर्न बैक कर सकते हैं डिट्रेस बैक कर सकते हैं फ्रॉम फाइनल स्टेट टू निश इनिशियल मालों की उनका कोई भी स्टेट था पी वी टी वहां से वह पी डाश वी डाश टी डाश पर गए और वापिस उनको पी डाश वी डाश टी डाश से जो उनका इनिशियल स्टेट था पी वी टी उन पे लाना अगर पॉसिबल हो कंसीडरिंग कि सिस्टेम और सराउं� अगर ऐसा हुआ तो इस तरह के process को हम कहते हैं reversible process क्योंकि उसको हम reverse कर पा रहे हैं, जिन processes को reverse नहीं कर पाएंगे, they are irreversible process, right, तो किसी भी process को reversible process होने के लिए कुछ-कुछ conditions satisfy करने पड़ते हैं, ठीक है, जैसे कि mainly यहां दो conditions की बात हम करेंगे, जो पहला condition है, that is, it has to be a quasi-static process, quasi कि वह इतना स्लो चलता है ना इतना इनफाइनाइट एसिमली स्लो चलता है कि वह पूरे प्रोसेस के दौरान द इक्विलीब्रियम इज मेंटेंड चुकी इक्विलीब्रियम मेंटेंड रहता है तो उनको रिवर्स करना भी पॉसिबल हो बाता है नाइट तो पहला नहीं होने चाहिए तो अगर आप ऐसे कोई रिवर्सेबल प्रोसेस की एग्जांपल की बात करो तो यू कैन थिंक ऑफ दिस एजन एग्जांपल अगर मैं बात करूं एक आईडियल गैस की देखना इसमें कितने सारे स्टार मार्क लगाऊंगी बिकॉज वी पैसो एक सिलिंडर के अंदर जिसमें एक मूवेबल पिस्टन हो फ्रिक्शन लेस्ट मूवेबल पिस्टन ठीक है सिचुएशन को इमेजन करो गैस कैसा है आईडियल गैस है सिलिंडर के अंदर है पिस्टन कैसा है मूवेबल पिस्टन है लेकिन फ्रिक्शन लेस्ट पिस्टन है ठीक है और इसका कैसा एक्सपांशन हो है आईसो थर्मल एक्सपांशन हो रहा है मतलब आट कॉंस्टेंट टेंपरेचर अगर यह गैस एक्सपांड कर रहा है तो यह जो वह रॉल जो प्रोसेस है दिस प्रोसेस विटर्न आउट टू बी अ रिवर्सिबल प्रोसेस क्योंकि यह जो सेट अप आपने तैयार किया है ना कि गैस भी आपका आइडियल है फ्रिक्शन भी यहां पर नहीं है बिकॉज यू है पुट अफ्रिक्शन लेस्ट पिस्टन अब रियालिटी वेट एग्जिस्ट्स वाट डिफरेंट स्टोरी ऑल टोगेदर क्योंकि मैंने पहली बताया था कॉसी स्टाइटिक जो यह है ही एक हाइपोथेटिकल कॉनसेप्ट राइट वाइट इस कॉनसेप्ट से हम बेसिक समझ पाते हैं और फिर उन बेसिक के हेल्प से हम और कई सारी चीजें डिवाइव कर पाते हैं जो हमारे डेट टू डे लाइफ में हमें काम आती है राइट ओके ठीक है तो यह हमारा एक रिवर्सिबल प्रोसेस है बच्चों हम आ चुके हैं हमारे इस पूरा थर्मोडाइनेमिक्स टॉपिक के थर्मोडाइनेमिक्स के चैप्टर के लास्ट टॉपिक पे विजिस कार्डनॉट इंजिन बड़ा ही फैंसी सा नाम है कार्डनॉट इंजिन पता नहीं कहां से आया ये नाम ये नाम आया है एक फ्रेंच इं कि भी समझ में नहीं आया होगा लेकिन कोई बात नहीं अभी हम लोग इसे डिटेल में समझेंगे पहले समझेंगे कार्य और इंजिन में होता क्या है फिर समझेंगे स्टेप बाइ स्टेप एक कार्य और साइकल में कितने स्टेप्स होते हैं तो यह सारी एक कार्य और इंजिन के साइकल ऑफ प्रोसेसेस को मतलब एक कार्य और इंजिन के पूरे साइकल में कौन-कौन से प्रोसेसेस इनवॉल्ड होते हैं ठीक है तो देखेंगे इसे हम एक सिंपल डायग्राम से है अच्छा सबसे पहले एक कार्नॉट इंजिन क्या है एक ही टेंजिन ही तो है ही टेंजिन का मेन काम क्या होता है यह एक हॉट रिजर्वॉयर से ही लेता है और एक कोल्ड रिजर्वॉयर को ही देता है तो इसका यही काम है एक जगह लिया दूसरे जगह में दिया ठीक है तो देखो यह क्या कर रहा है यह हमारा ही टेंजिन है यह एक हॉट रिजर्वॉयर है जो कि टेंपरेचर टी वन पर है तो यह ही टेंजिन स्टेप नंबर वन हमारा क्या होगा यहां पर हम स्टेप्स भी लिखते रहेंगे स्टेप नंबर अगर वन होगा heat absorption ठीक है heat absorption, यह heat engine जो है hot reservoir से heat absorb करेगा at a constant temperature, this is very very very important, मतलब यह heat absorb तो करेगा, देखो यह Q1 heat absorb करेगा, लेकिन constant temperature में, यानि कि किस तरह का process है, isothermal exactly, तो यानि कि पहला step हमारा क्या होगा, heat absorption isothermally, ठीक है अब देखो दूसरा स्टेप क्या होगा ठीक है भाई इसने हीट एब्जॉर्ब कर लिया ठीक है अब अगला स्टेप क्या है इसको हीट रिलीज करना है राइट अगला मतलब इसके बाद इसको क्या करना है इधर से heat absorb करना है और इधर release करना है लेकिन सोचने वाली बात यह है कि इसने heat को isothermally absorb किया है यानि कि जो system हमारा है वो किस temperature पे है T1 पे है क्योंकि यह अगर T1 था तो यह भी T1 पे ही है क्योंकि T1 temperature पे ही heat absorption हुआ है तो यानि कि step number 2 में क्या हो तो यह और यह यह टीटू पर रहेगा यह भी टीटू पर है कोल्ड रिजर्व वायर तो फिर आईसो थर्मली हीट रिलीज भी होगा बात समझ रहे हो लॉजिकली समझना होगा रटने से नहीं चलेगा तो यानि कि सबसे बहले क्या किया सबसे बहले हमारा हीट इंजीन हीट temperature change हो रहा है, मतलब यह isothermal process नहीं है, यह किस तरह का process है, यह process है adiabatic process, adiabatic क्यों है ma'am, आप पूछोगे, adiabatic इसलिए है बच्चो, क्योंकि जो q1 heat इसने absorb किया, अब उस heat को यह इधर उधर lose नहीं कर रहा है, वो heat as it is है, यानि कि there is no heat transfer, यानि कि this is adiabatic, clear? ग्रेट अब चलेंगे स्टेप नंबर थ्री में अब आप लोग मुझे बताओ स्टेप नंबर थ्री क्या होगा अब मेरा सिस्टम क्या है मेरे सिस्टम के पास हीट है और मेरा सिस्टम के पास क्या है ये सिस्टम T2 टेंपरेचर में है यानि कि अब यहां से यहां पे हीट क्य तो ये heat release भी होगा isothermally, ये हो गया step number 3 and finally step number 4 क्या होगा आप लोग बताओ मुझे, step 1 में heat absorb हुआ, step 2 में system का temperature T1 से T2 में गया, right, ताकि वो heat release करने के state में आ जाए, step 3 में उसने heat release कर दिया, अब cycle को complete करने के लिए system को वापिस T1 temperature पे आना होगा न, क्योंकि ये cycle सिर्फ एक बार चलने से तो चलेगा नहीं, this cycle has to keep on repeating, यानि कि मेरे system को वापिस T2 से T1 आना पड़ेगा, तो fourth step हमारा क्या हो जाएगा, system जो है temperature T2 से temperature T1 में वापिस आएगा, और ये कौन सा वाला process होगा, of course adiabatic, क्योंकि इस process के दोरान कोई भी heat transfer नहीं होगा इन जिनके जब भी हम बात करेंगे, यही चार स्टेप्स इस इंजिन के अंदर होते हैं, और इन ही चार स्टेप्स को हम कहते हैं, car not cycle, ठीक है, देखो, यही पे आप इसको अच्छे से समझ लो, कि यह हो क्या रहा है, तो आप देखना उसके बाद आपको इसके जो बाकी जो ताट स्टेप्स होते हैं, कौन-कौन से स्टेप्स, पहला स्टेप्स, heat absorption, hot reservoir से heat absorb करेगा, isothermally, दूसरा स्टेप्स, अपनी temperature को बढ़ाएगा T1 से T2, तीसरा स्टेप्स, जो heat absorb किया था, अब इसको देने की बारी है, not exactly same heat, तो some amount of heat क्या हो जाएगा, cold reservoir को transfer हो जाएगा, या अब हम लोग क्या करेंगे नेक्स्ट अब हम लोग यही जो चार स्टेप है इनके इनको मैथमाटिकली देखेंगे नेट क्योंकि अभी इस पूरे चैप्टर के अंदर हमने आईसोथर्मल एक्सपैंशन का एक्सप्रेशन निकाला था हमने एडिबेटिक एक्सप्रेशन हैं तो वह आप सेट टू लुक एट कार्नॉट साइकल जैसा कि मैंने पहले भी बताया था सीक्वेंस ऑफ स्टेप्स अ तो एक और बार देख लो कौन-कौन से स्टेप थे पहला स्टेप था आईसो थर्मल एक्सपांशन ऑफ द गास जब वह हीट एब्जॉर्ब कर रहा है दूसरा स्टेप दूसरा स्टेप था एडिबेटिक एक्सपांशन ऑफ द गास जिस समय उसका टेंपरेचर तीसरा isothermal compression of the gas जिस समय वो heat release कर रहा है isothermally चौथा है adiabatic compression of the gas जिस समय उसका temperature change हो रहा है from T2 to T1 ठीक है ओके अब इसको मैथमेटिकली देखेंगे पहला स्टेप आईसो थर्मल एक्सपांशन ऑफ द गैस इसका मतलब मेरा जो गैस है लेट इस एजूम कि मेरा गैस पीवन वीवन टीवन इस स्टेट में था अब आईसो थर्मल एक्सपांशन के बाद यह पीव वीडियो टीव में जाएगा नहीं टीवन में ही रहेगा क्योंकि यह आईसो थर्मल प्रोसेस है भाई टेंप्रेचर चेंज नहीं होगा है ना ओके तो यह जो आईसो थर्मल एक्सपांशन इसके दोरान वर्क डन कितना होगा लेट असे उसे हम W1 से डिनोट करते हैं तो वर्क डन कितना होगा बताओ हमने कालकुलेट किया था वर्क डन डूरिंग एन आइसो थर्मल एक्सपांशन ओफ गास किया था ना तो आइसो थर्मल एक वर्क डन होगा म्यू आर टी एलन वी टू बाई वी वन रेट तो यह हो जा एक्सपैंशन के दौरान वर्कडन कितना होता है?
R by γामा माइनस वन into T1 माइनस T2 ये भी हमने निकाला था तो ये हो जाएगा R by γामा माइनस वन T1 माइनस T2 अब इन expressions को देख करके I am sure आप चौंक नहीं रहे हो because we have already derived this expression कि बही adiabatic change के दौरान वर्कडन कितना होता है isothermal change के दौरान तो we have actually derived these expressions before है ठीक है सिमिलरी अगर हम बात करते हैं आईसो थर्मल कॉमप्रेशन की तो बच्चों यहां पर यह भी देखो जब हम एडिबिटिक एक्सपेंशन की बात कर रहे हैं तो वहां पर जो मेरा यह जो गैस का जो स्टेट चेंज हो रहा है यहां पर क्या हो रहा है पीटू वीटू टी वन में यह था वहां से यह चला जा रहा है पी थी वी थी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी टी thermal compression of the gas तो इसे denote कर लेते हैं हम लोग W3 से तो ये हो जाएगा mu R T2, क्योंकि अब मेरा temperature क्या है? T2 पर है, ओके, तो यहाँ पर क्या हो जाएगा? अब इस दोरान change of state क्या हो रहा है?
P3, V3, T2 तो यह था ही, अब यहाँ से यह हो जाएगा P4, V4, T2, लेकिन T2 ही रहेगा, क्योंकि यह isothermally change हो रहा है, है न? तो यहाँ पर हो जाएगा, mu RT2, यह हो जाएगा LN V4 by V3, ठीक है? यह हो जाएगा, कि यह वाला वर्कडन अब यहां पर एक कैच है यह जो कंप्रेशन हो रहा है ना कंप्रेशन हो रहा है क्यों कंप्रेशन हो रहा है क्योंकि यहां पर ही रिलीज हो रहा है तो यानी कि यह जो वर्कडन है इसमें आपको एक रहने दो लेकिन जब आप टोटल वर्डन कैलकुलेट करोगे वहां पर आप इसको माइनस डब्लू थ्री कर दो अ तो you can opt for any of these, मतलब अगर आप चाहो तो यहाँ पर आप negative sign डाल सकते हो, because यहाँ पर जो work done होगा वो negative होगा, right, क्योंकि यहाँ पर heat release हो रहा है system से, okay, अब जब हम adiabatic compression की बात कर रहे हैं, यहाँ पर temperature तो change हो रहा है, कहां से कहां change हो रहा है, temperature T2 से वापिस T1 की तरफ जा र अब जैसे कि मैंने बताया ये negative sign आप चाहो तो यहां डाल लो because यहाँ पे release की बात हो रही है तो work done will be negative या फिर अगर आप चाहो तो total work done calculate करते टाइम वहाँ पे भी डाल सकते हो तो अब बच्चो जब step wise आपने work done calculate कर लिया चारो step के लिए जब आपने work done calculate कर लिया कि अगर आप total work done निकालोगे तो आप क्या करोगे W1 plus W2 plus W3 plus W4 ठीक है इस तरीके से आप total work done calculate कर सकते हो अब यहाँ पे फिर से, just to avoid confusion, फिर से repeat कर रही हूँ, बहुत से books में आपको ये ऐसे मिलेगा कि W1 plus W2 minus W3 minus W4, why? Because जैसे मैंने बताया था W1 और W2 जो है, ये दोनों heat absorption वाली बात हो रही है, तो इसलिए वहाँ पे work done is positive, W3, W4 में heat release वाली बात हो रही है, इसलिए वहाँ पे work done is negative, तो उस वज़े से बहुत जग़ा आपको यहाँ पर negative sign मिलेगा, लेकिन यहाँ पर, अगर आपने already वो negative sign को यहाँ पर, इनकॉर्पोरेट कर लिया है कि इस तरीके से तो भले ही अगर आप वहां पर डिरेक्ट भी आईड भी करो तो भी चलेगा ठीक है तो इट इज यॉर विश कि आप इधर नेगेटिव ले लोगे या फिर वहां पर आप जाकर सीधा सब्ट्रैक्ट करोगे तो बेसिकली इस तरीके से आप इसकी एफिशियंसी निकालनी होगी तो वह क्या हो जाएगा वर्क डन अपन जो इनपुट था इंजिन का उसमें कितनी उसमें कैसा दिख रहा था यह हमारा ही टिंजिन था राइट यहां पर एक हॉट रिजर्व वायर था और इस हॉट रिजर्व वायर से यह कितना ही ले रहा था क्यों वन ही ले रहा था यानि कि इस उन्जिन में इनपुट कितना जा रहा था क्यों वन रहा था तो इसके एफिशियंसी क्या हो जाएगी डब्ल्यू अपन यू वन टाइट तो इसमें जब आप यह पूरी काल्कुलेशन करते हो तो आप क्या देखते हो आपकी जो एफिशियंसी निकलकर आती है देट इस वन माइनस टी टू अपन टी वन ठीक है तो इस एप्स सिंप्लीफाइड फॉर्मुले के हेल्प से आप क्या कैलकुलेट कर सकते हो आप किसी भी कार्नॉट इंजिन के एफिशियंसी को कैलकुलेट कर सकते हो ठीक है तो आइटिंग विद इस आपको यह समझ में आ गया कि ओवर ऑल एक पूरा कार्नॉट इंजिन होता है वह किस तरीके से ऑपरेट करते हैं अगर आप उसके एक सिंगल साइकल को देखो तो उस एक साइकल के यह चार स्टेप्स होते हैं और उसके बाद यही चार स्टेप्स देखिए प्रिपीटिंग ठीक है बात समझ में आ गए ओके अब बचा क्या अब हमारा बचा इसी का graphical representation तो जब आप अब logically सोचो ग्राफ जब आप बनाओगे तो आप किस angle से सोचोगे क्या सोच के ग्राफ बनाओगे इन ही चार processes को सोच के आप ग्राफ बनाओगे इस step का एक ग्राफ बनेगा इसका एक, इसका एक, इसका एक और वो चारों को जोड दिया तो आपका पूरे Carnot Cycle का ग्राफ बन गया तो चलो अब इसका ग्राफ बनाते हैं तो ग्राफ बनाते हैं लेट अस से एक एकसस में हमने ले लिया है कि या वॉल्यूम और वाइए एक्सेस पर हमने ले लिया प्रेशर ठीक है क्या हो रहा था वहीं सिर्फ उन चार स्टेप्स को अपने दिमाग में रखना है देट इजिट ठीक है तो पहले क्या हो रहा था आईसो थर्मल एक्सपांशन ठीक है आईसो है कि इनिशियल लेट असे यह पीवन वीवन टी वन इस स्टेट में था तो बाइट एंड ऑफ इस प्रोसेस यह कहां पर आ गया पी टू वी टू टी वन पर आ गया तब टेंपरेचर इसका कॉंसिटेंट ही रहा ठीक है तो यह क्या है यह वाला जो कर्व आप देख रहे हो दिस इज हाउ एन आईसो थर्मल कर्व लुक्स लाइक ठीक है चलो बहुत बढ़िया इसके बाद क्या हो रहा था पी टू वी टू टी वन से यह कहां जा रहा था पी थी वी थी टी टू में तम्परेचर चेंज इन जो रहा था, adiabatically, जो adiabatic curve होता है, इन वो इसको मैंने एक secret की तरह रखा था, starting में, मैंने आपको पूछा था एक बार, कुछ time पहले, कि isothermal curve और adiabatic curve, इन दोनों में क्या relation होता है, एक बहुत interesting relation होता है, और वो यह होता है, कि जो adiabatic curves होते हैं न, वो भी isothermal curve जैसे ही मतलब ऐसे समझ लो लेटे से कि आईसो थर्मल करव ऐसा है तो देखो इसका स्लोप जो है काफी ज्यादा है पर अगर इसको और स्टीप कर इसका slope change हो रहा है, right, इसका slope बढ़ जा रहा है, right, तो adiabatic curves के जो slopes होते हैं, वो ज्यादा होते हैं, compared to isothermal curves, ऐसा क्यों होता है, इसको हम prove करेंगे, उसको अभी भी मैं last के लिए छोड़ रही हूँ, ठीक है, okay, तो ये हमारा isothermal curve था, first step के लिए, second step में क्या हो रहा है, P2, V2 स यह है एडिया बेटिक कर्व, ठीक है, आप खुद नोटिस करो, देखो यह वाला कर्व जो है, यह काफी स्टीप है, इसका स्लोप काफी ज्यादा है, कंपेर्ट टू यह वाला कर्व, यह कर्व थोड़ा लेटा हुआ है, लेटा हुआ है, मतलब इसका स्लोप कम है, राइट, expansion, यानि कि volume बढ़ रहा था, इसलिए आप देखो volume x-axis में है, तो यहाँ पे क्या रहा था, volume की जो value थी, वो v1 से ले करके, कहा तक गई थी, v2 तक गई थी, तो volume बढ़ रहा था, because this curve was for isothermal expansion, अब क्या होगा इस point से, isothermal compression, यानि कि volume घटेगा, तो यहाँ से जो curve होता है, वो क� ठीक है और यह कहां पे जाता है तो अब यह जिस point पे जाता है let us say that point is say P4, V4, T2 क्योंकि temperature अभी constant रहेगा this is again isothermal curve तो यह वाला curve भी कौन सा curve है यह वापिस है isothermal curve है ठीक है और यहां से जब यह वापिस यहां पे जाएगा that is again adiabatic curve राइट यह फिर से adiabatic curve आ गया correct तो ये क्या हो गया ये एक पूरा cycle जो है और ये वाला curve में क्या हो गया P4 V4 T2 से ये वापिस P1 V1 T1 में चला गया राइट तो यह एक मेरा पूरा साइकल कवर हो गया पहले आईसो थर्मल फिर एडियामेटिक फिर आईसो थर्मल फिर एडियामेटिक तो इस तरीके से कुछ ऐसा दिखता है हमारा पूरा कार्डनॉट साइकल ग्राफिकली तो चलो प्यारे बच्चों आप देखते हैं कुछ 2 x 10 to the power minus 2 kg of nitrogen, यानि कि इसे अगर हम gram में convert कर ले, तो 20 grams of nitrogen at room temperature, to raise its temperature by 45 degree Celsius, यानि कि ये delta T है, change in temperature कितना होना चाहिए, 45 degree, at constant pressure, constant pressure की बात हो रही है, यानि कि यहाँ पर हम कौन से specific heat capacity की बात करेंगे, चाहिए CP, which is the value of molar specific, heat capacity at constant pressure molecule and mass of N2 is given as 28 N2 ये कैसा है ये diatomic है right तो diatomic molecules के लिए क्या होता है CP और CV की value CP होता है 7 by 2 R और CV होता है 5 by 2 R diatomic gases के लिए यही तो होता है यह हमने पढ़ रखा है पहले ही तो चलो इसके case में चुकी हमें CV से मतलब नहीं यह हमें सिर्फ CP से मतलब है तो इसका CP का value calculate कर लेते हैं सबसे पहले which will be 7 by 2 into R, R की value क्या हो जाएगी 8.3 Joule per Kelvin per Mole, तो यह हो जाएगा 29.05 Joule per Mole per Kelvin, ठीक है तो यह CP की value निकलाई अब बच्चो CP के definition के हिसाब से what is CP molar specific heat का मतलब क्या होता है molar specific heat capacity जो भी कहलो मतलब कितना temperature चाहिए या फिर कितना heat चाहिए to raise the temperature by per unit mole तो बच्चो यह जो CP है यानि कि molar specific heat capacity at constant pressure इसके definition क्या है molar specific heat capacity का मतलब होता है कि कितना heat चाहिए to raise the temperature of a body per unit mole, right?
तो यानि कि definition के हिसाब से this is 1 by n delta Q by delta T. कितना heat energy चाहिए to raise the temperature per unit mole, है न? अब यहाँ पे देखो क्या-क्या दिया हुआ है? CP मेरे पास दिया हुआ है, ठीक है.
और क्या-क्या दिया हुआ है? number of moles मैं calculate कर सकती हूँ क्योंकि मेरे पास molecular mass दिया हुआ है और given mass भी दिया हुआ है. लेट असे नंबर ऑफ मोल्स अगर मुझे कैलकुलेट करना है तो गिवन मास 20 ग्राम्स और मॉलेकुलर मास दिया हुआ है 28 सो दिस इएक्वल टू पॉइंट 714 तो मतलब नंबर ऑफ मोल्स भी हमने कैलकुलेट कर लिया डेल्टा क्यों मतलब कितनी ही टेनर्जी चाहिए देट इस सम्तिंग वि हैफ टो कैलकुलेट एमाउंट ऑफ ही तो यह हमें कैलकुलेट करना है चेंज इन टेंपरेचर दिया हुआ है पॉइंट फाइड डिग्री सेल्चियस राइट तो हो गया यह बहुत ज्यादा इजी तो यह क्या हो जाएगा हीट रिक्शन इस वाइट विल बी इक्वल टू एन इंटू सीपी इंटू डेल्टा टी विद इक्वल टू जी रो पॉइंट सेवन वन फोर इंटू सीपी की वैल्यू है इन टू चेंज इन टेंपरेचर विच इस फ़ॉर्टी फाइव सो दिस कम्स आउट टू बी जी रो पॉइंट नाइन थी फोर कीलो जूल ठीक है तो इतना ही टेनर्जी हमें सप्लाई करना होगा अगर हमें 20 ग्राम्स ऑफ नाइट्रोजन का कॉंस्टेंट प्रेशर में टें करना है by 45 degree Celsius तो चलो बच्चो देखते हैं problem number 2 a cylinder with a movable piston contains 3 moles of hydrogen at standard temperature and pressure ठीक है the walls of the cylinder are made of a heat insulator ok and the piston is insulated by having a pile of sand on it ध्यान देने वाली बात है ये क्योंकि ये जो terms है insulator insulated ये हमें क्या बता रही है कि भाई ये जिस सिल जिन्दर की बात यहाँ पे हो रही है जिसमें ये पिस्टन फिट किया हुआ है है वह सिलिंडर कैसा है इसके अंदर जो प्रोसेस होगा वह कैसा प्रोसेस होने वाला है यह होने वाला है एक एडिअबेटिक प्रोसेस क्योंकि सब कुछ इंसुलेटेड है आप देखो वॉल्स जो है कंटेनर के सिलिंडर के वॉल्स इंसुलेटेड है यानि कि उनसे ही ट्रांसफर नहीं हो सकता है जो पिस्टन है वह भी इंसुलेटेड है तो By what factor does the pressure of the gas increase if the gas is compressed to half its original volume?
मतलब, बोला गया है कि initially जो मेरा gas था, मान लो कि उसका pressure था P1 और volume था V1. बाद में इसका जो pressure है P2 हो गया, let us assume क्योंकि by what factor the pressure of the gas will change? ये P2 ही हमको calculate करना है actually. जब ये बताया गया है कि जो वॉल्यूम है that has become half the original volume, यानि कि ये जो V2 है that is actually equal to half of V1, original volume का half हो गया है, ठीक है, तो ये मेरा situation है, अब आप मुझे ये बताओ कि अगर हमें ये पता है कि मेरा process adiabatic process है, तो adiabatic process के लिए pressure और volume को link करता हुआ कोई relationship हमें पता है क्या, दिल्कुल बता है, adiabatic process के लिए PV2 दा पावर गामा is equal to तो जब हमें यह पता है तो लेट एस मेक यूज ऑफ इट इसका मतलब हम कह सकते हैं कि पी वन वी वन टू द पावर गामा भी इस इक्वल टू कॉंस्टेंट होगा सिमिलेली पी टू वी टू टू द पावर गामा भी वही कॉंस्टेंट होगा तो यानि कि पी वन वी वन टू द पावर गामा इस इक्वल टू पी टू वी टू टू द पावर गामा अब आप पूछोगे कि यह गामा क्या है बताया था ना स्पेसिफिक हीट रेशियो और वहा रहे हैं, यहाँ पर हम hydrogen की बात कर रहे हैं, which is H2, तो diatomic gas के लिए gamma की value होती है कितनी, 1.4, तो बस हो गया आपका problem solve, तो यानि कि P2 की value अगर calculate करनी है, तो यह हो जाएगा P1 V1 to the power gamma, divided by V2 to the power gamma, यानि कि इसको हम लिख सकते हैं, P1 into V1 by V2 to the power gamma, ठीक है, अब देखो इसको क्या लिख सकते हैं, P1 की value दी भी है, क्या हमें pressure की value हमारी क्या है, अच्छा हमें तो factor निकाल लिए है, तो pressure की value हमें चाहिए नहीं, so P1, V1 by V2 क्या हो जाएगा, V1 by V2 will be equal to 2, so this will be equal to 2 to the power gamma that is 1.4, therefore हम क्या कह सकते हैं, P2 will be equal to 2 to the power 1.4 into P1, 2 to the power 1.4 की अगर आप value calculate करोगे, तो this will come out to be 2.64, 2 to the power 1.4 की अगर आप value calculate करोगे, तो this will come out to be 2.64, तो यानि कि आप क्या कहोगे, कि जो pressure है, that will become 2.64 times of P1, यानि कि initial pressure का वो 2.64 times हो जाएगा, तो मतलब इसमें पुछा गया है by what factor, P2 की value exactly नहीं निकालनी थी, यह निकालना था कि P2, P1 का कितना हो जाएगा, तो P2, तो पीवन का 2.64 times हो जाएगा, तो चलो बच्चो देखते हैं problem number 3, जो कि हमारा much awaited discussion है, which is compare the slopes of adiabatic and isothermal curves, मैंने पहले ही बोला था कि adiabatic curves जो होते हैं, वो ज्यादा steep होते हैं, यानि कि उनका slope ज्यादा होता है, but exactly क्या होता है, कितना होता है, वो हम अब calculate करेंगे, ठीक है, यह भी ideal gas के लिए PV is equal to NRT, यानि कि PV is equal to constant, यह होता है, right, तो अगर मान लो मुझे slope निकालना है, तो basically हमें DP by DV निकालना है, क्योंकि अगर आप graph plot करोगे, तो graph तो कुछ यूँ होगा न, V x axis के along है, P y axis के along है, तो अगर slope निकालोगे तो आप DP by DV निकालना चाहरे हो, तो let us suppose अगर मैं D by DV करूँ इसका, तो यह क्या हो जाएगा, this will be equal to, जीवल टू जीवल का डिफरेंसिएशन तो जीवल होगा तो यह हो जाएगा पी डीवी बाई डीवी प्लस वी डीपी बाई डीवी से दिस इग्वल टू जीवल तो यानी कि यह क्या हो जाएगा पी इस इक्वल टू माइनस वी डीपी बाई डीवी यानी कि डीपी बाई डीवी जो कि हमारा स्लोप है तो यह हमारा स्लोप है जब हम किस की बात कर रहे हैं, so this is basically slope of isothermal process, which is minus P by V, ठीक है, तो इसलिए negative में slope है, इसलिए आपने देखा होगा कि isothermal process का जो graph होता है, वो ऐसा होता है, higher value से नीचे की तरफ जा रहा है, so basically this is the slope of आईसो थर्मल प्रोसेस अब बात करते हैं एडियाबेटिक प्रोसेस क तो बच्चो एडियाबेटिक प्रोसेस के लिए क्या होता है हमें पता है p v to the power gamma is equal to constant ठीक है यहाँ पर भी हमें dp by dv निकालना है तो अगर हम d by dv of यह वाली चीज को करें so this will be equal to 0 तो यह हो जाएगा p साइड में रखा d by dv of v to the power gamma यानि कि gamma v to the power gamma minus 1 plus v to the power gamma dp by dv इस इक्वल टू जीरो तो यानि कि यहां से हम क्या लिख सकते हैं वी टू द पावर गामा डीपी बाई डीवी इस इक्वल टू माइनस पी गामा वी टू द पावर गामा माइनस वन तो यानि कि सिंपल कैलकुलेशन कर रही हूं मैं तो डीपी बाई डीवी क्या हो जाएगा गामा माइनस वन और नीचे भी वी टू दा पावर वन है, तो इसको अगर आप देखो तो ये क्या जाएगा, माइनस गामा इंटू पी बाई वी, अब आप कंप्यर करो इससे यहाँ पे स्लोप आया था माइनस पी बाई वी, यहाँ पे स्लोप आया माइनस गामा इंटू पी एडियाबेटिक प्रोसेस तो इससे क्या पता चला कि एडियाबेटिक प्रोसेस का स्लोप ज्यादा होगा इस वजह से अगर आईसो थर्मल कर वैसा दिखता है तो एडियाबेटिक कर वैसा दिखता है जो ज्यादा स्टीप होता है क्योंकि इसका नंबर फॉर एक वेशन करें और स्टीम इंजिन डेलिवर्स 5.4 इंटू 10 टो दे पावर 8 जूल ऑफ वर्क पर मिनट एंड सर्विस 3.6 इंटू 10 टो दे पावर 9 जूल पर मिनिट फ्रॉम एट्स बॉयलर अब देखो यहां भी जो भी बातें हो रही है वह पर मिनिट में हो रही है ठीक है तो यानि कि हम भी पर मिनिट में बातें करते हैं इन वन मिनिट क्या हो रहा है तो स्टीम इंजिन काम कितना कर रहा है वन मिनिट में 5.4 इंटू 10 टू द प अगर ये मेरा heat engine है तो यहाँ पे इसका hot reservoir होगा जो कि यहाँ पे boiler है जिससे ये let us say q1 heat लेगा ये कुछ work done करेगा w और उसके बाद ये कुछ q2 heat जो है ये किसको देगा ये cold reservoir को देगा तो इस logic के हिसाब से जो q1 है total q1 है q1 में से कुछ heat जो है इस work done में use हो जाएगा और बाकी का बचा हुआ cold reservoir में चला जाएगा है कि नहीं कि वैसे कैलकुलेट कर सकते हैं अब यहां पर इस क्वेश्चन में वर्क डन दिया हुआ है बॉयलर से वह कितना ही ले रहा है यानि कि क्यों वन जो है वह भी दिया हुआ है एस 3.6 इंटू 10 टू द पावर नाइन जूल पूछा गया है वह इस द एफिशियंसी ऑफ द इंजिन हाउ मच हीट इस वेस्टेड पर मिनट अब देखो जो ही टीपोल्ड रिजर्व वायर में जा रहा है देट इज बेसिकली द ही टेट इज गिटिंग लॉस्ट टू द सराउंडिंग्स आप कह सकते हो यानि कि देट इज द हीट लॉस्ट तो क्यों तो की वैल्यू यहां आप कैसे निकालोगे Q1-W तो यह वही करते हैं चलो Q2 हो जाएगा Q1 that is 3.6 into 10 to the power 9 minus 5.4 into 10 to the power 8 तो यह हो जाएगा 3.16 into 10 to the power 9 जूल तो इतना जूल per minute क्योंकि हम अपनी सारी calculation per minute के लिए कर रहे हैं ठीक है तो कितना टू टेंड टू द पावर नाइन अब एफिशियन सी कैसे निकालेंगे एफिशियन सी वह में पता है एफिशियन सी इज आउटपुट यानि कि जितना वर्क डन डिवाइडेड बाई जितना इनपुट वर्क इसका आया फ्रॉम द फॉर्ट रिजरवायर द ब्रॉयलर से जितना ही टाया उससे डिवाइड कर दिया राइट तो यानि कि एफिशियन सी विल बी इक्वल टू डब्लू के वैल्यू यहां पर दी हुई है एस 5.4 इंटू टेंड टू द पावर 8 डिवाइडेड बाई कितना ही टेस्ट ने बॉयलर से लिया 3.6 x into 10 to the power 9 efficiency हम generally percentage में निकालते हैं तो 100 से multiply कर दिया, so this comes out to be approximately 15%, तो इस particular heat engine की जो efficiency है, that will be 15%.
तो बच्चा बाटे, इसी के साथ हम आ पहुंचे हैं इस वीडियो के end तक, और हमेशा की तरह मुझे पूरी उमीद है कि अगर आपनी वीडियो पूरा देखा है, यानि कि अगर आप अभी तक मेरे साथ हो, तो thermodynamics के concept जरूर हुए होंगे crystal clear, बाकि अपना confidence बढ़ानी के लिए और अच्छी तैयारी के लिए जितना हो सके questions practice करते हैं, ते रहो, problems practice करते रहो, और उससे आपके जो concepts है, और clear होते चलेंगे, तो सभी लोग ध्यान से रहो, take care, see you, bye-bye.