हेलो एवरीवन सो हाय दिस इज़ सौरव ब्रेना इस वीडियो में हम डिटेल वन शॉट ऑफ इलेक्ट्रो केमिस्ट्री की बात करेंगे साथ में हम इंपॉर्टेंट प्रोड्यूस कर सकते हैं और इसका दूसरा पार्ट क्या है यूज ऑफ इलेक्ट्रिकल एनर्जी तो हम इलेक्ट्रिकल एनर्जी से क्या कर सकते हैं नॉन स्पॉन्टेनियस केमिकल ट्रांसफॉर्मेशन और नॉन स्पॉन्टेनियस केमिकल रिएक्शन कर सकते हैं जो रिएक्शन खुद से नहीं होता उसको इलेक्ट्रिकल एनर्जी से कर सकते हैं तो इन दो चीजों के बारे में हम बात करेंगे इलेक्ट्रो केमिस्ट्री में सबसे पहले स्पॉन्टेनियस रेडॉक्स रिएक्शन स्पॉन्टेनियस रेडॉक्स मतलब इसमें ऑक्सीडेशन और रिडक्शन होता है तो इस रिएक्शन से क्या होगा स्पॉन्टेनियस रेडॉक्स रिएक्शन से प्रोडक्शन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी होता है और ये जो डिवाइस है जिसमें स्पॉन्टेनियस रेडॉक्स रिएक्शन होता है उसे इलेक्ट्रोकेमिकल सेल कहते हैं और इसमें डेल्टा जीी क्या होता है नेगेटिव होता है वेरस नॉन स्पॉन्टेनियस रेडॉक्स रिएक्शन को करने के लिए इलेक्ट्रिसिटी की रिक्वायरमेंट होती है तो इसमें बाय यूज ऑफ इलेक्ट्रिकल एनर्जी नॉन स्पॉन्टेनियस रेडॉक्स रिएक्शन होता है और जिस डिवाइस में नॉन स्पॉन्टेनियस रेडॉक्स रिएक्शन होता है उसे इलेक्ट्रोलिटिक सेल कहते हैं और इस प्रोसेस को इलेक्ट्रोलिसिस कहते हैं और इसमें जो डेल्टा जीी है वो पॉजिटिव होता है सबसे पहले हम बात करेंगे इलेक्ट्रोकेमिकल सेल की ये एक ऐसा डिवाइस है जिसमें केमिकल एनर्जी को कन्वर्ट किया जाता है इलेक्ट्रिकल एनर्जी में इसे गलवेकर्त और इलेक्ट्रोकेमिकल सेल भी कहा जाता है इसमें ना रेडॉक्स रिएक्शन होता है कैरिड आउट इन इनडायरेक्ट मैनर तो इनडायरेक्ट मैनर में रेडॉक्स रिएक्शन होता है सो इसमें इवॉल्व होता है अकेंपोरा ऑक्सीडेशन और रिडक्शन तो एक वेसल में ऑक्सीडेशन होता है तो उसे ऑक्सीडेशन हाफ कहते हैं और दूसरे वेसल को रिडक्शन हाफ कहते हैं नेक्स्ट है डेनियल सेल ये स्पेशल टाइप ऑफ इलेक्ट्रोकेमिकल सेल है इसमें क्या होगा जो एक वेसल होगा उसमें जिंक स्ट्रिप को डिप किया गया है जिंक सल्फेट सॉल्यूशन में और दूसरे वेसल में क्या होगा कॉपर स्ट्रिप इज डिप इन कॉपर सल्फेट सॉल्यूशन तो इसे हम दो सेपरेट बीकर में लेते हैं कंसंट्रेशन ऑफ zn20 एंड कॉपर 2+ आयन इज यूनिटी अब zn20 आयन कहां से आएगा znso4 कॉपर 2+ आएगा cuso4 तो इन दोनों की जो कंसंट्रेशन है वो क्या होना चाहिए यूनिटी यूनिटी मतलब 1 मोलर और 1 मोल पर लीटर द टू मेटलिक स्ट्रिप व्हिच एक्ट एज इलेक्ट्रोड अब ये जो जिंक और कॉपर की स्ट्रिप है इसे हम इलेक्ट्रोड भी कहते हैं दे आर कनेक्टेड बाय द कंडक्टिंग वायर उन दोनों को कनेक्ट किया जाएगा कंडक्टिंग वायर से जो इलेक्ट्रिसिटी कंडक्ट कर पाता है थ्रू वोल्ट मटर तो वोल्ट मटर वोल्टेज को मेजर करने में यूज़फुल होता है तो उससे कनेक्ट किया जाता है और डेनियल सेल की वोल्टेज होती है 1.1 वोल्ट और साथ में दो सॉल्यूशन को जॉइन किया जाता है बाय एन इनवर्टेड यूट्यूब तो यहां पे एक इनवर्टेड यूट्यूब होता है जिसे सॉल्ट ब्रिज कहा जाता है तो यह सॉल्यूशन को जॉइन करता है और यह सर्किट को कंप्लीट करता है अब जो सॉल्ट ब्रिज है इसके अंदर ना सेमी सॉलिड पेस्ट होता है यह पेस्ट बनता है इलेक्ट्रोलाइट से इलेक्ट्रोलाइट इसमें ले सकते हैं kclo3 nh4cl और साथ में इसमें अगार अगार या जेलेट भी ले सक सकते हैं तो जेलेट या आगार आगार के साथ इलेक्ट्रोलाइट को मिक्स किया जाता है सेमी सॉलिड पेस्ट बनता है अब आगार आगार जो जेलेट होते हैं ना ये पोरस होते हैं तो इसमें आयस इजली मूव कर सकते हैं नेक्स्ट हम डेनियल सेल की बात करेंगे इसमें जिंक को डिप किया गया था जिंक सल्फेट में जो वन मोलर था कॉपर को डिप किया गया था कॉपर सल्फेट में जो वन मोलर है यहां पे सॉल्ट ब्रिज है और यहां वायर से कनेक्ट किया है जो कंडक्टिंग वायर है जैसे कनेक्ट किया ना वायर से उसमें क्या होता है जो जिंक है ना ये ना ऑक्सीडेशन शो करता है तो जिंक सॉलिड जो है कन्वर्ट होता है zn20 एक्वास तो ये आइंस बनाता है सॉल्यूशन में चले जाते हैं प्लस टू इलेक्ट्रॉन ये रिलीज करता है तो इसमें ऑक्सीडेशन होता है तो इस हाफ को हम क्या कहते हैं ऑक्सीडेशन हाफ कहते हैं अब जिस इलेक्ट्रोड पे ऑक्सीडेशन होता है तो उसे हम एनोड कहते हैं अब दो इलेक्ट्रॉन यहां पे मूव किए यहां पे क्या होता है जो कॉपर 2 प्लस सॉल्यूशन में प्रेजेंट था वो क्या करता है दो इलेक्ट्रॉन को गेन करता है और यहां पे चला जाता है अगर देखोगे यहां पे एनोड की जो रॉड है वो क्या हो रही है यहां पे थिन हो रही है और यहां पे रॉड क्या हो रही है थिक हो रही है तो यहां पे रिडक्शन हो रहा है तो इसे रिडक्शन हाफ कहते हैं तो कॉपर 2 प्लस जो एक्वास है उसने दो इलेक्ट्रॉन गेन करके कॉपर सॉलिड बनाया है तो रॉड यहां पे थिक हो रहा है और जिस इलेक्ट्रोड पे क्या हो रहा है रिडक्शन हो रहा है तो उसे कैथोड कहते हैं अगर चार्ज की बात की जाए तो जिंक यहां पे इलेक्ट्रॉन लूज कर रहा है तो यहां पे ना कंसंट्रेशन ऑफ इलेक्ट्रॉन बढ़ जाता है तो यहां पे नेगेटिव चार्ज बढ़ जाता है तो एनोड पे नेगेटिव चार्ज होता है और ये इलेक्ट्रॉन यहां पे अट्रैक्ट कर रहे हैं तो यहां पे पॉजिटिव चार्ज होता है और कॉपर 2+ प यहां पे जा रहा है तो कैथोड पे पॉजिटिव चार्ज और एनोड पे नेगेटिव चार्ज होता है अब सॉल्ट ब्रिज का क्या यूज है ओवर ए पीरियड ऑफ टाइम क्या होता है यहां पे zn20 की कंसंट्रेशन इंक्रीज होने लग जाती है पॉजिटिव चार्ज इंक्रीज होता है एज अ रिजल्ट जब जिंक ना इलेक्ट्रॉन लूज करता है तो ये इलेक्ट्रॉन ना इस पॉजिटिव चार्ज को अट्रैक्ट करते हैं सिमिलरली यहां पे क्या होता है यहां पे कॉपर 2 प् क्या होता है यहां पे जा रहा होता है रॉड की तरफ जा रहा होता है रिडक्शन में तो यहां पे so4 2 नेगेटिव की कंसंट्रेशन क्या होती है क्योंकि सॉल्यूशन में so4 भी है so4 2 नेगेटिव की कंसंट्रेशन इंक्रीज होती है तो वो इलेक्ट्रॉन को रिपेल करता है एज ए रिजल्ट ओवर ए पीरियड ऑफ टाइम क्या होता है जो सेल है वो काम करना बंद कर देता है क्योंकि यहां पे इलेक्ट्रॉन य अट्रैक्ट कर रहा है और ये रिपेल कर रहा है तो हम चाहते हैं सेल की ये जो चार्ज है ना वो क्या हो जाए एक्यूमेन ऑफ चार्ज कम हो जाए तो हम सॉल्ट ब्रिज यूज़ करते हैं तो ये क्या करता है सॉल्ट ब्रिज न्यूट्रलाइज कर देता है सॉल्यूशन को तो हमने सपोज kclo4 तो इसे न्यूट्रलाइज कर देगा एज ए रिजल्ट जो सेल है वो काम करता रहेगा ठीक है नेक्स्ट अगर बात की जाए कि इसे रिप्रेजेंट कैसे करते हैं तो यहां पे ऑक्सीडेशन हो रहा है तो हम लिखेंगे जिंक वर्टिक लाइन zn20 साथ में कंसंट्रेशन लिखेंगे 1 मोलर तो ये ऑक्सीडेशन हाफ को रिप्रेजेंट कर रहा है यहां पे जिंक की ऑक्सीडेशन हो रही है ये डबल वर्टिकल लाइन ना सॉल्ट ब्रिज को रिप्रेजेंट करता है यहां पे हमने नहीं करता इन ईदर ऑफ द कंपार्टमेंट सेकंड डज नॉट इंटरफेयर विद द नेट सेल रिएक्शन तो नेट सेल रिएक्शन के साथ भी इंटरफेयर नहीं करता इनर्ट इलेक्ट्रोलाइट फंक्शन ऑफ सॉल्ट ब्रिज की बात करेंगे इट अलो फ्लो ऑफ करंट बाय कंपलीटिंग द सर्किट जो सर्किट है उसे कंप्लीट करता है एज ए रिजल्ट फ्लो ऑफ करंट होता है इट मेंटेन इलेक्ट्रिकल न्यूट्रलिज्म है ना तो इनर्ट इलेक्ट्रोलाइट क्या कर देता है उसको न्यूट्रलाइज कर देता है तो फ्लो ऑफ करंट जो है वो मेंटेन रहता है रिप्रेजेंटेशन ऑफ गलवानिक सेल की बात करेंगे जो m है रिप्रेजेंट करता है सिंबल ऑफ़ द एलिमेंट एंड m n प्लस रिप्रेजेंट इट्स कटाय ऑक्सीडेशन हाफ में क्या होगा मेटल को पहले लिखेंगे उसके बाद उसकी कटाय के साथ कंसंट्रेशन रिडक्शन हाफ में हम कटाय लिखेंगे कंसंट्रेशन वर्टिकल लाइन से सेपरेट करेंगे मेटल को हमने ऑलरेडी पढ़ा जो जिंक है वो बनाता है zn20 पर वर्टिकल लाइन से सेपरेट हो रहा है डक्शन हाफ बना रहा है और ये जो दो लाइंस है वर्टिकल लाइंस ये सॉल्ट ब्रिज को रिप्रेजेंट करते हैं तो ये है रिप्रेजेंटेशन ऑफ केल्वे निक सेल नेक्स्ट है व्हेन एक्सटर्नल वोल्टेज इज अप्लाइड हमें पता है जो डेनियल सेल है इसकी वोल्टेज होती है 1.1 वोल्ट अगर आप एक्सटर्नल वोल्टेज अप्लाई करोगे अपोजिट ऑफ सेल पोटेंशियल तो क्या होगा सबसे पहले जो आपने एक्सटर्नल वोल्टेज अप्लाई किया अब वो लेस है 1.1 वोल्ट से सो एज ए रिजल्ट क्या होगा इसकी जो वोल्टेज है उसकी वोल्टेज ज्यादा है एज कंपेयर्ड टू एक्सटर्नल वोल्टेज तो जो फ्लो ऑफ इलेक्ट्रॉन है वो सेम रहेगा तो फ्लो ऑफ इलेक्ट्रॉन विल बी फ्रॉम जिंक रॉड टू द कॉपर रॉड बट जो फ्लो ऑफ इलेक्ट्रॉन है ना क्योंकि वोल्टेज कम हो गया वो स्लो डाउन हो जाएगा और हमें पता है जो फ्लो ऑफ इलेक्ट्रॉन होता है ना तो उसके अपोजिट डायरेक्शन में फ्लो ऑफ करंट होता है तो फ्लो ऑफ करंट होगा फ्रॉम कॉपर टुवर्ड्स द जिंक तो इसमें क्या होगा जो जिंक 2 प्स है वो डिजॉल्वेशन में एट द एनोड और जो कॉपर 2+ है वो कॉपर पे डिपॉजिट हो जाए जाएगा ठीक है अगर एक्सटर्नल वोल्टेज इज इक्वल टू 1.1 वोल्ट तो इसकी वोल्टेज है 1.1 वोल्ट आपने अपोजिट वोल्टेज लगाया 1.1 वोल्ट तो ओवरऑल सेल का वोल्टेज कितना हो जाएगा जरो हो जाएगा सो देयर विल बी नो फ्लो ऑफ इलेक्ट्रॉन र करंट और इसमें कोई केमिकल रिएक्शन नहीं होगा नेक्स्ट केस है अगर एक्सटर्नल वोल्टेज 1.1 वोल्ट से ज्यादा है अगर 1.1 वोल्ट से ज्यादा है ना तो फ्लो ऑफ इलेक्ट्रॉन ना रिवर्स हो जाता है क्योंकि इसका 1.1 वोल्ट था और आपने बाहर से अपोजिट डायरेक्शन में 1.1 वोल्ट से ज्यादा आपने वोल्टेज दिया तो फ्लो ऑफ इलेक्ट्रॉन कहां से हो जाएगा कॉपर से जिंक की तरफ हो जाएगा और फ्लो ऑफ करंट हो जाएगा जिंक से कॉपर की तरफ ठीक है अब कॉपर जो है वो डिजॉल्ड्रिंग अगर आप यहां पे रिएक्शन को देखोगे ना तो यहां पे नॉन स्पॉन्टेनियस रिएक्शन हो रहा है सो दैट्ची सेल भी कहते हैं नेक्स्ट है इलेक्ट्रोड पोटेंशियल व्हेन ए स्ट्रिप ऑफ मेटल मेटल का स्ट्रिप है ब्रॉट इन कांटेक्ट विद सॉल्यूशन उसे डिप किया गया है सॉल्यूशन में कंटेनिंग इट्स नाइन तो उसी की आइंस प्रेजेंट होनी चाहिए जैसे जिंक को डिप करते थे जिंक सल्फेट में तो उसमें zn20 आयन होता था कॉपर को डिप करते थे कॉपर सल्फेट में वहां पे कॉपर 2+ आयन प्रेजेंट होता था अब इसमें दो केस होते हैं सबसे पहले अगर आपने मेटल को उसी के सॉल्यूशन वाली आयन में डिप किया मेटल हैव हाई टेंडेंसी टू गेट ऑक्सीडो मेटल ना ऑक्सीडो सकता है मतलब जो मेटल रॉड में है वो सॉल्यूशन में आयस बनाएगा mn1 और इलेक्ट्रॉन रिलीज करेगा n इलेक्ट्रॉन सो एज ए रिजल्ट क्या होगा सॉल्यूशन में आयस इंक्रीज होंगे रॉड पे इलेक्ट्रॉन इंक्रीज हो जाएंगे ओवर ए पीरियड ऑफ टाइम यहां पे पॉजिटिव चार्ज आएगा नेगेटिव चार्ज आएगा और उसके बाद क्या होगा कुछ ऑक्सीडेशन पोटेंशियल कहते हैं सिमिलरली क्या हो सकता है मेटल आयन हैव ग्रेटर टेंडेंसी टू गेट रिड्यूस्ड जो मेटल की आयन है ना mnnit.ac.in चार्ज को हम रिडक्शन पोटेंशियल कहते हैं तो अगर आपने देखा दोनों में क्या हो रहा है सेपरेशन ऑफ चार्ज हो रहा है एट इक्विलियम यहां पे पॉजिटिव था यहां पे नेगेटिव था यहां पे नेगेटिव था यहां पे पॉजिटिव था इसे सेपरेशन ऑफ चार्ज कहते हैं रिजल्ट इन द इलेक्ट्रिकल पोटेंशियल डिफरेंस तो दोनों में क्या आ रहा है पोटेंशियल डिफरेंस आ रहा है बिटवीन द मेटल एंड द सॉल्यूशन ऑफ इट्स आयन इसे इलेक्ट्रोड पोटेंशियल कहते हैं सो इलेक्ट्रोड पोटेंशियल में ऑक्सीडेशन पोटेंशियल भी हो सकता है और रिडक्शन पोटेंशियल भी हो सकता है और ये डिपेंड किस पे करता है इलेक्ट्रोड पोटेंशियल नेचर ऑफ मेटल कितना टेंडेंसी है मेटल का कि वो ऑक्सीडो जाए कितना टेंडेंसी है कि वो रिड्यूस हो जाए उसकी आइंस पे डिपेंड करता है कंसंट्रेशन ऑफ आयस कितनी है और टेंपरेचर पे डिपेंड करता है अभी हमने देखा जो ऑक्सीडेशन हाफ होता है वहां पे मेटल की टेंडेंसी होती है टू लूज इलेक्ट्रॉन और वहां पे ऑक्सीडेशन पोटेंशियल होता है वेयर एस रिडक्शन हाफ में क्या होता है जो आयस है वो इलेक्ट्रॉन गेन करके मेटल पे आते हैं वहां पे रिडक्शन पोटेंशियल होता है अगर आप दोनों हाफ को कनेक्ट करोगे तो आपको सेल पोटेंशियल मिलता है बट सेल पोटेंशियल कैलकुलेट करने के लिए ना हमारे पास एक ही टर्म होना चाहिए क्योंकि ऑक्सीडेशन पोटेंशियल और रिडक्शन पोटेंशियल दो डिफरेंट टर्म है हम दोनों को माइनस नहीं कर सकते सो दैट्ची कन्वेंशन ने क्या किया जो इलेक्ट्रोड पोटेंशियल है उसे रिप्रेजेंट किया रिडक्शन पोटेंशियल चाहे ऑक्सीडेशन हाफ है रिडक्शन हाफ है हम दोनों को कैसे रिप्रेजेंट करेंगे रिडक्शन पोटेंशियल की फॉर्म में ताकि हम एक दूसरे को माइनस कर पाएं तो रिडक्शन पोटेंशियल एंड ऑक्सीडेशन पोटेंशियल ऑफ इलेक्ट्रोड आर न्यूमेरिकली इक्वल तो किसी भी इलेक्ट्रोड का रिडक्शन पोटेंशियल और ऑक्सीडेशन पोटेंशियल जो है न्यूमेरिकली क्या होता है इक्वल होता है बट उसमें अपोजिट साइन होता है सपोज आपके पास कैथोड था आपको उसका रिडक्शन पोटेंशियल पता है तो आप वो लिख लोगे और आपके पास एनोड में ऑक्सीडेशन पोटेंशियल है तो आप क्या करोगे जो ऑक्सीडेशन पोटेंशियल का वैल्यू है उसका साइन आप रिवर्स कर दोगे तो आपको एनोड का भी रिडक्शन पोटेंशियल मिल जाएगा उसके बाद आप उसे माइनस कर सकते हो द रिडक्शन पोटेंशियल ऑफ इलेक्ट्रोड व्हेन द कंसंट्रेशन ऑफ इट्स आयन इन सॉल्यूशन इज 1 मोल पर लीटर सपोज हम रिडक्शन पोटेंशियल एक इलेक्ट्रोड की बात कर रहे हैं और आयन की कंसंट्रेशन है 1 मोल पर लीटर और टेंपरेचर है 298 केल्विन उसे हम तब कहते हैं स्टैंडर्ड इलेक्ट्रोड पोटेंशियल और स्टैंडर्ड रिडक्शन पोटेंशियल उसे नोट से रिप्रेजेंट करते हैं सपोज हमारे पास गैस इलेक्ट्रोड है तो ये गैस जो है वो ऑक्सीडेशन और रिडक्शन कर सकता है तब स्टैंडर्ड कंडीशन क्या होता है वन बार प्रेशर होता है टेंपरेचर होता है 298 केल्विन और वन मोलर कंसंट्रेशन आयन का होना चाहिए वन मोलर मींस वन मल पर लीटर नेक्स्ट है सेल पोटेंशियल और ईएमएफ ऑफ द सेल सेल पोटेंशियल क्या होता है पोटेंशियल डिफरेंस बिटवीन टू इलेक्ट्रोड हमारे पास दो इलेक्ट्रोड है गैल्वेद में कैथोड और एनोड उसका जो पोटेंशियल डिफरेंस है उसे ही हम सेल पोटेंशियल और e ऑफ द सेल कहते हैं इसे वोल्ट में मेजर किया जाता है नेक्स्ट है ईएमएफ ईएमएफ होता है इलेक्ट्रोमोटिव फोर्स ये भी पोटेंशियल डिफरेंस होता है बिटवीन द टू टर्मिनल मतलब दो इलेक्ट्रोड का पोटेंशियल डिफरेंस व्हेन नो करंट इज ड्रॉन फ्रॉम द सेल जब कोई करंट ड्रॉ नहीं हुई है तो जो मैक्सिमम पोटेंशियल डिफरेंस होता है उसे ईए कहते हैं अब e ऑफ़ द सेल किसके इक्वल होता है e ऑफ कैथोड - e ऑफ एनोड कैथोड की वैल्यू हमेशा ज्यादा होती है तो e ऑफ कैथोड - e ऑफ एनोड होता है e सेल और ये हमेशा पॉजिटिव होता है e ऑफ़ द सेल इज आल्सो इक्वल टू e राइट - e लेफ्ट क्योंकि राइट में कैथोड होता है लेफ्ट में एनोड होता है अगर हमें स्टैंडर्ड कंडीशन दिया हुआ है कैथोड और एनोड में जो आइंस है वोह 1 मोलर है और टेंपरेचर 298 केल्विन है तो हम स्टैंडर्ड इलेक्ट्रोड पोटेंशियल भी ले सकते हैं तब हम लिखेंगे e न ऑफ द सेल इज इक्वल ट e न ऑफ कैथोड - e न ऑफ एनोड ठीक है स्टैंडर्ड कंडीशन में नेक्स्ट हमें एग्जांपल दिया है कॉपर सॉलिड 2ag + एक्वास रिजल्ट इन फॉर्मेशन ऑफ कॉपर 2+ एक्वास + 2ag सॉलिड सेल की रिप्रेजेंटेशन करेंगे पहले हम क्या लिखेंगे एनोड लिखेंगे कॉपर सॉलिड टू कॉपर 2 प्स यह वर्टिकल लाइन से हम सेपरेट करते हैं यह ऑक्सीडेशन हाफ रिप्रेजेंट करता है दो वर्टिकल लाइन सॉल्ट ब्रिज रिप्रेजेंट करता है + 2ag यह क्या है हमारा कैथोड है और रिडक्शन हाफ यह रिप्रेजेंट करता है अब e ऑफ़ द सेल कैसे लिखेंगे याद रखना हम रिडक्शन पोटेंशियल ऑफ कैथोड माइनस रिडक्शन पोटेंशियल ऑफ एनोड लिखेंगे सो e ऑफ ए + 2ag लिखेंगे - ऑफ e ऑफ कॉपर 2 + 2 कॉपर कॉपर 2+ 2 कॉपर इसलिए लिखा क्योंकि हम जो इलेक्ट्रोड पोटेंशियल है वो रिडक्शन पोटेंशियल की फॉर्म में लिख रहे हैं तो दोनों में हम ना ऐसे शो करेंगे e ऑफ ag2 - e ऑफ कॉपर 2+ 2 कॉपर क्योंकि हम रिडक्शन पोटेंशियल एक दूसरे का माइनस कर रहे हैं नेक्स्ट है स्टैंडर्ड हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड द एब्सलूट वैल्यू ऑफ़ e न कैन नॉट बी डिटरमाइंड सपोज हमारे पास सिर्फ एक ही हाफ है उसका जो एब्सलूट वैल्यू ऑफ़ e नो है स्टैंडर्ड इलेक्ट्रोड पोटेंशियल हम पता नहीं कर सकते बिकॉज़ वंस इक्विलियम इज रीच बिटवीन द इलेक्ट्रोड एंड सॉल्यूशन इन हाफ सेल तो हमें पता है अगर आप एक हाफ की बात कर रहे हो तो वहां पे इलेक्ट्रोड होता है मेटल का होता है और सॉल्यूशन में उसकी आइंस होते हैं तो दोनों के बीच में क्या आ जाता है इक्विलियम आ जाता है ओवर ए पीरियड ऑफ टाइम नो फर्द डिस्प्लेसमेंट ऑफ चार्ज अकर तो नेट डिस्प्लेसमेंट ऑफ चार्ज उसपे नहीं होता सो अगर आपके पास सिर्फ एक ही हाफ है ना तो उसका आप इलेक्ट्रोड पोटेंशियल पता नहीं कर सकते इट शुड बी कनेक्टेड टू अनदर हाफ विद डिफरेंट इलेक्ट्रोड पोटेंशियल तो अगर आपको इलेक्ट्रोड पोटेंशियल पता करना है तो आपको दूसरे हाफ के साथ उसे कनेक्ट करना पड़ेगा जिसका डिफरेंट इलेक्ट्रोड पोटेंशियल है तो हमें वोल्टेज मिल सकता है इस डिफिकल्टी को ओवरकम करने के लिए हम रेफरेंस इलेक्ट्रोड यूज करते हैं और जो कॉमन रेफरेंस इलेक्ट्रोड हम यूज करते हैं उसका नाम है स्टैंडर्ड हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड जिसे ए भी कहते हैं और इसका इलेक्ट्रोड पोटेंशियल आर्बिटल टेकन एज ज जीरो तो इसका जो इलेक्ट्रोड पोटेंशियल है हमने जरो लिया है तो अगर हमें किसी भी हाफ का क्या पता करना होता है स्टैंडर्ड इलेक्ट्रोड पोटेंशियल तो हम उसे एस के साथ स्टैंडर्ड हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड के साथ कनेक्ट करते हैं हमें कुछ वोल्टेज मिलता है और उस वोल्टेज को यूज़ करके हम उस हाफ का स्टैंडर्ड इलेक्ट्रोड पोटें पता कर सकते हैं सो इन ऑर्डर टू डिटरमाइंड द स्टैंडर्ड इलेक्ट्रोड पोटेंशियल ऑफ़ इलेक्ट्रोड द इलेक्ट्रोड इन स्टैंडर्ड कंडीशन इलेक्ट्रोड स्टैंडर्ड कंडीशन में होना चाहिए मतलब आइंस की कंसंट्रेशन व मोलर टेंपरेचर 298 केल्विन होना चाहिए वो कनेक्ट होना चाहिए स्टैंडर्ड हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड से एसज से टू कॉन्स्टिट्यूशन ए सेल तो हमारा सेल बन जाएगा और उस सेल के वोल्टेज से हम उस हाफ का स्टैंडर्ड इलेक्ट्रोड पोटेंशियल पता कर सकते हैं जो स्टैंडर्ड हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड होता है कंसिस्ट ऑफ प्लैटिनम इलेक्ट्रोड यहां पे प्लैटिनम इलेक्ट्रोड होता है कोटेड विद प्लैटिनम ब्लैक तो यहां पे देखेंगे यहां पे हमारा एक प्लैटिनम की वायर होगी यहां पे एक प्लैटिनम की फाइल है अब ये जो प्लैटिनम की फाइल है इसमें फाइनली डिवाइडेड प्लैटिनम होगा उसे प्लैटिनम ब्लैक कहते हैं तो ये क्या होता है पाउडर्ड फॉर्म ऑफ प्लैटिनम को प्लैटिनम की फाइल पे क्या किया जाता है कोट किया जाता है उसे ही प्लैटिनम इलेक्ट्रोड कहते हैं अब ये जो इलेक्ट्रोड है इसे प्लेस किया जाता है एक बीकर में और इसमें एक्व सॉल्यूशन ऑफ सम एसिड होना चाहिए और जो एसिड है उसमें h प् की कंसंट्रेशन होनी चाहिए 1 मोलर कंसंट्रेशन तो यहां पे 1 मोलर h+ की कंसंट्रेशन होगा साथ में यहां से ना हाइड्रोजन गैस को बबल किया जाता है कंटीन्यूअसली बबल थ्रू सॉल्यूशन एट टेंपरेचर ऑफ 298 केल्विन हाइड्रोजन गैस वन बार प्रेशर पे होना चाहिए और 298 केल्विन पे इसे बबल किया जाता है अब जो ए है ना ये ऑक्सीडेशन और रिडक्शन दोनों कर सकता है डिपेंड करता है कि आपने किस इलेक्ट्रोड के साथ इसे कनेक्ट किया तो ऑक्सीडेशन और रिडक्शन एट ए टेक प्लेस एट प्लैटिनम फ तो इसी प्लैटिनम फाइल में ऑक्सीडेशन और रिडक्शन हो सकता है अगर सपोज आपने किसी इलेक्ट्रोड के साथ कनेक्ट किया तो यह ऑक्सीडेशन शो कर रहा है तो ये एनोड की तरह काम करेगा इसमें क्या होगा जो h2 गैस है ना ट् वाइस h+ तो h+ बना देगा प्लस टू इलेक्ट्रॉन रिलीज करेगा तो ये ऑक्सीडेशन करेगा और इस हाफ को हम रिप्रेजेंट करते हैं pt2 h21 बार वर्टिकल लाइन h+ 1m ठीक है सिमिलरली यह क्या कर सकता है एज ए कैथोड काम कर सकता है अगर आपने किसी हाफ के साथ इसे कनेक्ट किया है तो क्या होगा ट् वाइस h+ तो यहां पे जो एक्वास h+ है वो दो इलेक्ट्रॉन गेन करके h2 गैस बना सकता है इस हाफ को लिखेंगे h+ 1 मोलर वर्टिकल लाइन h21 बार कमा pt1 है मेजरमेंट ऑफ स्टैंडर्ड इलेक्ट्रोड पोटेंशियल इलेक्ट्रोड इन स्टैंडर्ड कंडीशन को हम कनेक्ट करेंगे एसई से स्टैंडर्ड हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड से और पोटेंशियल डिफरेंस को मेजर करेंगे यूजिंग वोल्ट मीटर एग्जांपल है हमारे पास जिंक इलेक्ट्रोड कंटेनिंग व मोलर zn20 2 प् आयन तो जिंक इलेक्ट्रोड को डीप किया है जो इलेक्ट्रोलाइट है उसमें जिंक 2 प् आयन है 1 मोलर तो ये स्टैंडर्ड कंडीशन में है उसे एज के साथ कनेक्ट किया और हमने ऑब्जर्व किया जो फ्लो ऑफ इलेक्ट्रॉन हैं वो हो रहा है जिंक से एस की तरफ मतलब जो जिंक है का जो इलेक्ट्रोड है वो ना ऑक्सीडेशन कर रहा है और ए रिडक्शन कर रहा है और अगर आप इक्वेशन बनाओगे तो ऐसा होगा जिंक जो है z ए2 प में कन्वर्ट हो रहा है तो जो h+ है वो क्या कर रहा है रिडक्शन कर रहा है h2 बना रहा है हमने फ्लो इलेक्ट्रॉन से यह पता किया और हमने वोल्टेज देखा वोल्टेज था 0.76 वोल्ट वोल्ट मीटर से हमने मेजर किया ठीक है हमें पता है e नट ऑफ द सेल किसके इक्वल होता है e न ऑफ कैथोड माइनस e न ऑफ एनोड क्योंकि इलेक्ट्रॉन जिंक से ए की तरफ जा रहे थे तो जिंक क्या है एनोड है ए कैथोड है तो हम लिखेंगे कैथोड हो जाएगा e न ऑफ h+ वर्टिकल लाइन 1/2 h2 - ऑफ e न ऑफ zn20 ठीक है ये हमने मेजर किया था हमें मिला था 0 . 76 अब ए का e न का वैल्यू हमें पता है ये हमने लिया हुआ है 0 माइ ऑफ e0 ऑफ zn20 2 zn20 n हो जाएगा - 0.76 वोल्ट तो स्टैंडर्ड इलेक्ट्रोड पोटेंशियल ऑफ सिंक हमें मिल गया - 0.76 वोल्ट यूजिंग ए नेक्स्ट एग्जांपल है स्टैंडर्ड कॉपर इलेक्ट्रोड को कनेक्ट किया गया एसे से और हमने ऑब्जर्व किया जो फ्लो ऑफ इलेक्ट्रॉन है वो एसज से कॉपर की तरफ हो रहा है मतलब ए में ऑक्सीडेशन हो रहा है यह एनोड की तरफ काम कर रहा है वेयर एस कॉपर में रिडक्शन हो रहा है और यह कैथोड की तरह काम कर रहा है दोनों का पोटेंशियल डिफरेंस आया 0.34 वोल्ट जो हमने वोल्ट मटर से मेजर किया ठीक है तो यहां पे क्या हो रहा है जो h2 है वो क्या कर रहा है ए ऑक्सीडेशन कर रहा है तो h2 कन्वर्ट इनटू 2 h+ वेयर एज कॉपर 2+ में रिडक्शन हो रहा है कन्वर्ट इनटू कॉपर हमें पता है e न ऑफ द सेल इ e न ऑफ कैथोड - e न ऑफ एनोड तो कॉपर यहां पे कैथोड है तो लिखेंगे e न ऑफ कॉपर 2 + 2 कॉपर - e न ऑफ h+ वर्टिकल लाइन 1/2 ऑफ h2 तो e न ऑफ सेल हमें पता है 0.34 वोल्ट है और ये स्टैंडर्ड हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड है इसका e नो का वैल्यू ज़ीरो होता है तो हमें e नो ऑफ cu2 टू cu0 34 वोल्ट तो स्टैंडर्ड इलेक्ट्रोड पोटेंशियल ऑफ कॉपर आपको मिल गया 0.34 वोल्ट नेक्स्ट है इलेक्ट्रोकेमिकल सीरीज हम डिफरेंट इलेक्ट्रोड को ना एसज के साथ कनेक्ट करके उनकी वैल्यूज पता कर सकते हैं स्टैंडर्ड इलेक्ट्रोड पोटेंशियल की तो डिफरेंट मेटल स्लश मेटल आयन हैव डिफरेंट वैल्यू ऑफ स्टैंडर्ड इलेक्ट्रोड पोटेंशियल और अगर इन वैल्यूज को हम अरेंज करेंगे इंक्रीजिंग और डिक्रीजिंग वैल्यू में तो हमारा इलेक्ट्रोकेमिकल सीरीज बनता है इसकी एप्लीकेशन की बात करेंगे हम इसमें कंपेयर कर सकते हैं रिलेटिव ऑक्सीडेशन एंड रिड्यूस पावर तो हम देख सकते हैं कौन सा स्ट्रांग और ऑक्सीडेंट है कौन सा स्ट्रांग रिड्यूस एजेंट है जैसे फर्स्ट है सब्सटेंस विद ग्रेटर रिडक्शन पोटेंशियल जिसका e नो का वैल्यू क्या है सबसे ज्यादा है है जिस हाफ का ग्रेटर टेंडेंसी टू अंडरगो रिडक्शन तो जिसका नोट का वैल्यू ज्यादा होता है उसकी ज्यादा टेंडेंसी है कि वो रिडक्शन करें अगर वो खुद क्या कर रहा है रिडक्शन कर रहा है तो दूसरे की वो क्या करता है ऑक्सीडेशन करता है तो वो बेटर ऑक्सीडो एजेंट होगा ठीक है सब्सटेंस विद लोअर रिडक्शन पोटेंशियल जिसका रिडक्शन पोटेंशियल कम है मतलब क्या है उसकी ग्रेटर टेंडेंसी है टू अंडरगो ऑक्सीडेशन तो वो ऑक्सीडेशन करेगा अगर वो खुद ऑक्सीडेशन करेगा तो दूसरे की वो क्या करेगा रिडक्शन करेगा तो वो बेटर रिड्यूस एजेंट होगा नेक्स्ट हमने इलेक्ट्रोकेमिकल सीरीज में कुछ एलिमेंट्स को अरेंज किया है डिक्रीजिंग ऑर्डर ऑफ स्टैंडर्ड इलेक्ट्रोड पोटेंशियल जो फ्लोरीन है उसका सबसे हाईएस्ट वैल्यू है 2.87 वेयर एज लिथियम का लोएस्ट वैल्यू है - 3.05 अब याद रखना जिसका वैल्यू ज्यादा होता है ना नट का वो उतना इजली रिडक्शन शो करता है ठीक है फ्लोरीन का सबसे ज्यादा है तो वह सबसे इजली रिडक्शन शो करेगा और जो इजली रिडक्शन शो करता है वह स्ट्रांग ऑक्सीडेंट होता है तो फ्लोरीन स्ट्रांगेस्ट ऑक्सीडेंट है और जैसे-जैसे वैल्यू कम होगा वैसे वो क्या होगा इजली ऑक्सीडेशन शो कर सकता है और जो इजली ऑक्सीडेशन शो करता है वो स्ट्रांग रिड्यूस एजेंट होता है तो ये इंक्रीजिंग ऑर्डर ऑफ रिड्यूस एजेंट है ये इंक्रीजिंग ऑर्डर ऑफ ऑक्सीडेंट है तो स्ट्रांगेस्ट ऑक्सीडेंट फ्लोरीन है और स्ट्रांगेस्ट रिड्यूस एजेंट लिथियम होता है सेकंड है कैलकुलेट द नोट ऑफ़ द सेल सपोज हमारे पास दो हाफ का स्टैंडर्ड इलेक्ट्रोड पोटेंशियल हमें पता है तो हम e न ऑफ़ द सेल पता कर सकते हैं हमें पता है e न ऑफ़ द सेल होता है e न ऑफ कैथोड - e न ऑफ एनोड इलेक्ट्रोड विद हायर e नो जिस इलेक्ट्रोड का हायर e नो होगा हमें पता है वो इजली रिडक्शन कर सकता है तो वह कैथोड काम करेगा और जिसका लोअर e नो होगा वो एनोड काम करेगा एग्जांपल दिया 2023 का ये क्वेश्चन है + ने एक इलेक्ट्रॉन लिया ए तो ये रिडक्शन कर रहा है तो इसका रिडक्शन पोटेंशियल दिया है 0.80 वोल्ट fe2 प दो इलेक्ट्रॉन गेन कर रहा है रिडक्शन कर रहा है तो इसका भी रिडक्शन पोटेंशियल दिया है - 0.44 वोल्ट e न ऑफ द सेल इज e न ऑफ कैथोड - e न ऑफ एनोड तो जिसका हायर वैल्यू होता है वह कैथोड होगा तो सिल्वर यहां पे कैथोड होगा 0.80 माइनस जिसका लोअर वैल्यू है वो एनोड होता है तो आयरन यहां पे एनोड होगा - 0.44 ये प्लस हो जाएगा ये वैल्यू आ जाएगा a न ऑफ़ द सेल 1.24 वोल्ट तो ऐसे हम e नो कैलकुलेट कर सकते हैं थर्ड है प्रिडिक्ट फीजिबल ऑफ रेडॉक्स रिएक्शन तो स्टैंडर्ड इलेक्ट्रोड पोटेंशियल को कंपेयर करके हम प्रिडिक्ट कर सकते हैं वेदर जो रिएक्शन है वह पॉसिबल है या नहीं है इन डॉक्स रिएक्शन स्पीशीज अंडरगोइंग रिडक्शन शुड हैव हायर e नो वैल्यू जो रिडक्शन कर रहा है ना तो उसका हायर e नॉ का वैल्यू होना चाहिए सपोज हमें ये रिएक्शन दिया हुआ है और पूछा यह पॉसिबल है या नहीं है zn20 प् कॉपर रिजल्ट इन फॉर्मेशन ऑफ़ zncl2 प तो हम क्या करेंगे सबसे पहले e न का वैल्यू देखेंगे अब e न ऑफ़ कॉपर 2+ 2 कॉपर है 0.34 वोल्ट और न है जिंक 2+ 2 जिंक - 0.76 वोल्ट तो कॉपर की वैल्यू ज्यादा है तो इसे क्या करना चाहिए रिडक्शन करना चाहिए बट यहां पे कॉपर क्या कर रहा है ऑक्सीडेशन कर रहा है जिंक का वैल्यू कम है तो इसे ऑक्सीडेशन करना चाहिए बट यहां पे जिंक क्या कर रहा है रिडक्शन कर रहा है तो ये जो रिएक्शन है वो फीजिबल नहीं है और एक्चुअल रिएक्शन क्या होना चाहिए था क्योंकि कॉपर का वैल्यू क्या है ज्यादा है तो कॉपर शुड डू रिडक्शन और जिसका वैल्यू कम है वो ऑक्सीडेशन करेगा तो यह रिएक्शन क्या होगा फीजिबल होगा नेक्स्ट हम बात करेंगे नस्ट इक्वेशन की अभी हमने स्टैंडर्ड इलेक्ट्रोड पोटेंशियल कैलकुलेट किया था बट उसमें कंसंट्रेशन ऑफ आयन क्या होना चाहिए वन मोलर होना चाहिए सपोज कंसंट्रेशन ऑफ आयन वन मोलर से डिफरेंट है तो उस केस में ना हम इलेक्ट्रोड पोटेंशियल को कैलकुलेट करने के लिए नस्ट इक्वेशन यूज़ करते हैं तो वैल्यू ऑफ इलेक्ट्रोड पोटेंशियल चेंजेज विद द वेरिएशन इन कंसंट्रेशन ऑफ आयस तो अगर आप कंसंट्रेशन ऑफ आयन चेंज करते हो तो इले इलेक्ट्रोड पोटेंशियल भी चेंज होता है और जो क्वांटिटेशन रिलेशनशिप है बिटवीन द कंसंट्रेशन ऑफ आयस तो कंसंट्रेशन ऑफ़ आयस और इलेक्ट्रोड पोटेंशियल के बीच में जो रिलेशनशिप है उसे हम नस्ट इक्वेशन कहते हैं तो आप डिफरेंट कंसंट्रेशन पे भी इलेक्ट्रोड पोटेंशियल पता कर सकते हो जैसे हमें दिया है mnnit.ac.in स्टैंडर्ड इलेक्ट्रोड पोटेंशियल e न ऑफ mn2 m ये तब लेते हैं जब कंसंट्रेशन वन मोलर होता है माइनस ऑफ r t लेते हैं वन कर देते हैं ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि जो मेटल है उसकी कंसंट्रेशन कांस्टेंट रहती है और जो नस्ट इक्वेशन है ये रिलेशनशिप किसके बी बिटवीन है कंसंट्रेशन ऑफ आयस तो कंसंट्रेशन ऑफ आइंस और इलेक्ट्रोड पोटेंशियल के बीच में रिलेशनशिप है तो जो मेटल का कंसंट्रेशन है वो कांस्टेंट रहता है तो इसको हम यूनिटी कर देते हैं सो इलेक्ट्रोड पोटेंशियल इज इक्वल टू स्टैंडर्ड इलेक्ट्रोड पोटेंशियल - rt1 बाय कंसंट्रेशन ऑफ द आयस तो हैं r क्या है यहां पे गैस कांस्टेंट है इसका वैल्यू है 8.314 जूल्स पर केल्विन पर मोल f यहां पे है फेडेज कांस्टेंट ये होता है चार्ज ऑफ 1 मोल ऑफ इलेक्ट्रॉन तो इसे लिखते हैं 96 487 कूलम पर मोल टेंपरेचर है केल्विन में है और n क्या है नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन गेन तो जो जो इलेक्ट्रोड पोटेंशियल है फॉर एनी गिवन कंसंट्रेशन ऑफ कॉपर एंड जिंक आप कैलकुलेट कर सकते हो यूजिंग नस्ट इक्वेशन तो कैथोड में क्या होता है जो कॉपर है वो इलेक्ट्रॉन गेन करता है तो कॉपर 2 प् गेंस टू इलेक्ट्रॉन टू फॉर्म कॉपर सॉलिड याद रखना यह जो इलेक्ट्रोड पोटेंशियल है ये रिडक्शन पोटेंशियल की फॉर्म में होता है इज इक्वल टू e न ऑफ कॉपर 2+ 2 कॉपर तो स्टैंडर्ड इलेक्ट्रोड पोटेंशियल - आटी ऑफ दो इलेक्ट्रॉन गेन कर रहा है 2f l ए ऑफ मेटल का कंसंट्रेशन वन है डिवाइडेड बाय कंसंट्रेशन ऑफ आयन अब एनोड की बात करेंगे एनोड पे वैसे क्या करता है जिंक इलेक्ट्रॉन लूज करता है बट हम इसे ना इलेक्ट्रोड पोटेंशियल की फॉर्म में लिख रहे हैं इलेक्ट्रोड पोटेंशियल रिडक्शन पोटेंशियल होता है तो हम यहां पे रिडक्शन शो करेंगे zn20 दो इलेक्ट्रॉन गेन करके zncl2 + 2 zncl2 प्लस नेक्स्ट अगर सेल पोटेंशियल की बात करें e ऑफ द सेल किसके इक्वल होता है e ऑफ कैथोड - एनोड e ऑफ क्या हो जाएगा कैथोड है कॉपर 2 + 2 कॉपर माइनस एनोड है zn20 n वैल्यू सब्सीट्यूट करेंगे तो e ऑफ सेल हो जाएगा e न ऑफ कॉपर 2 + 2 कॉपर - e0 ऑफ zn20 n और ये बना देगा e न ऑफ द सेल - rt2 f क्या हो जाएगा कॉमन हो जाएगा और ये क्या बन जाएगा ln1 बा कॉपर 2+ - ऑफ ln1 / zn20 ऑ a / b तो इसको हम क्या ले लेंगे कॉमन ले लेंगे a / b तो इसको इससे डिवाइड करोगे तो zn20 ऑफ zn20 की कंसंट्रेशन फॉर जनरल इलेक्ट्रोकेमिकल रिएक्शन सपोज हमारे पास कोई भी इलेक्ट्रो केमिकल रिएक्शन है तो आप उसमें e ऑफ द सेल सेल पोटेंशियल पता कर सकते हो यहां पे a a bbc1 ऑफ द सेल - ऑफ प्रोडक्ट प्रोडक्ट में कंसंट्रेशन ऑफ़ c आ जाएगा रे टू पावर c d रे टू पावर d कंसंट्रेशन ऑफ़ a रे टू पावर a b रेट पावर b और अगर यहां पे जो कंसंट्रेशन है वो सॉलिड है तो उसे हम क्या कर सकते हैं वन लिख सकते हैं क्योंकि सॉलिड की कंसंट्रेशन क्या रहती है कांस्टेंट रहती है तो उसे यूनिटी लिखेंगे ठीक है तो जब क्या हो रहा है रिएक्शन हो रहा है तो उस टाइम पे जब आप कंसंट्रेशन लेते हो बिफोर द इक्विलियम तो हम उसे q की फॉर्म में लिख सकते हैं ऐसे ठीक है सो e ऑफ द सेल इ इक्वल e नॉ ऑफ द सेल अब य याद रखना यह ln1 की फॉर्म में लिखना है तो आप यहां पे लिखोगे 2.303 rt4 l तो ln1 की फॉर्म में तो आप मल्टीप्लाई करोगे 2.303 से कंसंट्रेशन ऑफ़ c रेट पावर c d ^ पा d a ^ पा a b ^ पावर b अगर हम इजी कैलकुलेशन करना चाहते हैं तो मोस्ट ऑफ़ द क्वेश्चन में हमें टेंपरेचर दिया होगा 25° सेल्सियस और 25 डिग्री सेल्सियस होता है 298 केल्विन ठीक है तो यहां पे आप 298 केल्विन सब्सीट्यूट कर सकते हो r का वैल्यू 8.314 जूल पर केल्विन पर मोल और फैराडे का वैल्यू कितना होता है 96 487 कूलम पर मोल तो ये वैल्यू सब्सीट्यूट करोगे जब आपको टेंपरेचर दिया 298 केल्विन और 25 डिग्री सेल्सियस तो हमारा ये फार्मूला बन जाएगा e ऑफ द सेल इ e न ऑफ द सेल - 0.059 / n n क्या है एक्सचेंज ऑफ इलेक्ट्रॉन लॉग ऑफ c ^ पावर c d रे पावर d a ^ पावर a b रे पावर b तो इससे आप इ इली कैलकुलेशन कर सकते हो नेक्स्ट हमारे पास एग्जांपल है यहां पे सेल का रिप्रेजेंटेशन है n सॉलिड वर्टिकल लाइन ni2 प् एक्स डबल वर्टिकल लाइन ए + एक्स यहां वर्टिकल लाइन ए ये ऑक्सीडेशन रिप्रेजेंट करता है ये रिडक्शन रिप्रेजेंट करता है और ये दो वर्टिकल लाइन जो है ये रिप्रेजेंट करते हैं सॉल्ट ब्रिज हमें इसे नस्ट इक्वेशन लिखना है सबसे पहले ना हम क्या करेंगे इनकी ना रिएक्शन लिखेंगे अब यह ऑक्सीडेशन कर रहा है ये रिडक्शन कर रहा है ऑक्सीडेशन कैसे कर रहा है जो n सॉलिड है कन्वर्ट हो रहा है ni2 + एक्वास में और यह क्या कर रहा है रिडक्शन कर रहा है ag1 कन्वर्ट हो रहा है ने देखना है जो ऑक्सीडेशन और रिडक्शन हो रहा है उसमें जो एक्सचेंज ऑफ़ इलेक्ट्रॉन है वह सेम होना चाहिए यहां पे एईना दो इलेक्ट्रॉन लूज़ कर रहा था बट यहां पे ag1 इलेक्ट्रॉन गेन कर रहा है + से न रहा था तो यहां पे हम इसे टू से मल्टीप्लाई कर लेंगे ताकि वह दो इलेक्ट्रॉन गेन करें n ने दो इलेक्ट्रॉन लूज़ किए और जी ने दो इलेक्ट्रॉन गेन किए तो दैट्ची मल्टीप्लाई कर लिया अब इसे लिखेंगे e ऑफ द सेल = e न ऑफ़ द सेल - 2.303 rt1 की जगह एक्सचेंज ऑफ इलेक्ट्रॉन दो हुए हैं ये हो जाएगा 2f लॉग ऑफ कंसंट्रेशन ऑफ n 2+ कंसंट्रेशन ऑफ़ n 2+ लेंगे वेयर एज जो ॉलिया सॉलिड को हम इग्नोर करते हैं डिवाइडेड बाय कंसंट्रेशन ऑफ़ + रे टू पावर 2 स्टा सोमेटिक को एफिशिएंट 2 था रे टू पावर 2 वेयर एज n सॉलिड था तो इसे हम इग्नोर करेंगे नेक्स्ट क्वेश्चन है कैलकुलेट e एए ऑफ द फॉलिंग सेल मतलब हमें e ऑफ द सेल निकालना है zn20 कंसंट्रेशन दिया 0.1 मोलर ag2 ए कंसंट्रेशन 0.01 मोलर 2020 का क्वेश्चन है e0 ऑफ zn20 ए दिया - 0.76 वोल्ट e0 ऑफ ag2 ए 0.80 वोल्ट अगर हमें यहां टेंपरेचर नहीं दिया है क्वेश्चन में तो हम टेंपरेचर को 298 केल्विन लिखेंगे और ईएफ का मतलब हम e ऑफ द सेल कैलकुलेट कर करेंगे ठीक है तो zn20 बना रहा है कंसंट्रेशन 0.1 को 10 रे पा -1 भी लिख सकते हैं और जी प् बना रहा है ए रिडक्शन कर रहा है कंसंट्रेशन को हम 10 रे पावर -2 भी लिख सकते हैं जिंक दो इलेक्ट्रॉन क्या कर रहा है लूज कर रहा है तो ए प्स क्या करेगा दो इलेक्ट्रॉन गेन करेगा तो यह हो जाएगा 2ag + 2 2ag ठीक है नेक्स्ट जो e ऑफ द सेल है दैट इज इक्वल टू e नॉ ऑफ द सेल e न ऑफ द सेल के इक्वल हो जाएगा - 0.059 / n n है एक्सचेंज ऑफ इलेक्ट्रॉन यहां पे एक्सचेंज ऑफ इलेक्ट्रॉन टू हो जाएगा नेक्स्ट लॉग लॉग ऑफ कंसंट्रेशन ऑफ प्रोडक्ट प्रोडक्ट का कंसंट्रेशन zn20 करेंगे वैल्यू e ऑफ द सेल e न ऑफ द सेल क्या होगा e न ऑफ कैथोड माइनस एनोड सिल्वर रिडक्शन कर रहा है तो ये थड है तो सिल्वर का वैल्यू लिखेंगे 0.80 - e0 zn20 n - 0.76 तो ये हो जाएगा 1.56 माइनस ऑफ हमने सब्सीट्यूट किया था 0.059 / बा 2 एक्सचेंज ऑफ इलेक्ट्रॉन टू था तो ये हो जाएगा 0.02 95 ठीक है नेक्स्ट हम लिखेंगे लॉ का वैल्यू कितना है यहां पे 10 रे पा -1 है जो जिंक का वैल्यू 10 पा -1 था डिवाइड बा + का वैल्यू था 10 रे पा -2 रेट पावर 2 ठीक है तो ये 10 पा -1 है 10 -4 है ये ऊपर जाएगा तो ये 10 पा 3 हो जाएगा तो ये आ जाएगा 1.56 - 0.025 l 10 पा 3 3 जो है वो लॉग ऑफ 10 पा 3 वो 3 होता है 3 इससे मल्टीप्लाई हो जाएगा हमारा आ जाएगा 0.085 तो 1.56 - 0.085 हमारा आंसर आ जाएगा 1.47 वोल्ट तो ये ईएमएफ ऑफ द सेल होगा नेक्स्ट है इक्विलियम कांस्टेंट फ्रॉम नस्ट इक्वेशन जो गलवानिक सेल है डज नॉट कंटिन्यू टू वर्क इंडेफिनटली वो हमेशा काम नहीं कर पाता है हमें पता है एनोड में क्या होता है जो मेटल है वो ऑक्सीडेशन शो करता है उसकी जो आयस है सॉल्यूशन में आती है तो देयर इज इंक्रीज इन कंसंट्रेशन ऑफ मेटल कटाय एट द एनोड ड्यू टू ऑक्सीडेशन और डिक्रीज इन कंसंट्रेशन ऑफ मेटल कटाय एट कैथोड कैथोड में क्या होता है जो सॉल्यूशन में कटाय होती है वो इलेक्ट्रॉन गेन करके रिडक्शन करता है तो उसकी कटाय क्या होती है डिक्रीज होती है कैथोड में एज ए रिजल्ट क्या होता है ओवर ए पीरियड ऑफ टाइम जो वोल्टेज ऑफ सेल है वो कीप ऑन डिक्रीजिंग होता है एट सम टाइम आफ्टर सम टाइम क्या होता है देयर इज़ नो चेंज इन कंसंट्रेशन ऑफ़ कैटा इन एनोड और कैथोड में जो कंसंट्रेशन ऑफ़ कैटा इनस होती हैं वह क्या हो जाती है कांस्टेंट हो जाती है उनमें इक्विलियम आ जाता है और जो वोल्ट मटर है वह ज़ीरो रीडिंग शो करता है अगर ज़ीरो रीडिंग आ रही है मतलब इक्विलियम इज़ रीच हमें पता है e ऑफ़ द सेल किसके इक्वल होता है e नॉ ऑफ़ द सेल - 2.303 r नहीं करेगा e ऑफ द सेल जो वोल्टेज है वो जीरो हो जाएगा ठीक है अब रिएक्शन क्वेश्च क्या होता है इक्विलियम से पहले की वैल्यू और जब इक्विलियम आ जाता है ना तो जो सेम है कंसंट्रेशन ऑफ़ प्रोडक्ट रे टू पावर स्टा सोमेटिक कफिट डिवाइडेड बाय कंसंट्रेशन ऑफ रिएक्टेंट रे टू पावर स्टा सोमेटिक कफिट तो वो क्या बन जाता है इक्विलियम कांस्टेंट बन जाता है तो q केसी हो जाता है तो ये ज़ीरो हो जाएगा e न ऑफ सेल - 2.303 rt4 l ऑफ kc1 ऑफ़ द सेल इज इक्वल ट 2.303 rt4 l ऑफ kc2 198 केल्विन जब 298 केल्विन होगा ना तो याद रखना हमने पढ़ा था जो r t f की वैल्यू हमें पता होगी तो हम e न ऑफ़ द सेल लिख सकते हैं 0.059 / n l ऑफ kc1 हम क्वेश्चन की बात करेंगे इक्विलियम कांस्टेंट kc4 ए गिवन सेल रिएक्शन हमें दिया है 10 है हमें e नॉ ऑफ़ द सेल बताना है रिएक्शन है a सॉलिड b2 + एक्स रिजल्ट इन फॉर्मेशन ऑफ a2 + एक्स + b सॉलिड 2014 का क्वेश्चन है सबसे पहले हम इक्वेशन लिखेंगे देखेंगे कि कितना एक्सचेंज ऑफ इलेक्ट्रॉन हो रहा है a ने दो इलेक्ट्रॉन लूज किया जो b 2+ है वो दो इलेक्ट्रॉन गेन कर रहा है तो n = 2 अगर क्वेश्चन में कुछ नहीं दिया हुआ है ना तो हम टेंपरेचर ना 298 केल्विन लेते हैं और हमें पता है जो हमारा फार्मूला है व हो जाएगा e न ऑफ द सेल इज इक्वल 0.059 / n l ऑफ ट्यूट करेंगे e न ऑफ़ द सेल = 0.059 n का वैल्यू कितना है ये दो इलेक्ट्रॉन लूज़ कर र है ये दो इलेक्ट्रॉन गेन कर रहा है n का वैल्यू टू है l ऑफ 10 l ऑफ 10 1 होता है इसे डिवाइड करोगे टू से तो आ जाएगा हमारा 0.025 तो e न ऑफ द सेल हमारा आ जाएगा 0.025 वोल्ट्स नेक्स्ट है इलेक्ट्रोकेमिकल सेल एंड गिव्स एनर्जी ऑफ ए रिएक्शन ए गलवानिक सेल इज ए सोर्स ऑफ इलेक्ट्रिकल एनर्जी जो गलवानिक सेल है उससे इलेक्ट्रिकल एनर्जी मिलती है और इस से डिफरेंट काइंड ऑफ वर्क हम कर सकते हैं द रिवर्सिबल वर्क डन बाय गलवानिक सेल अब जो गलवानिक सेल है वो रिवर्सिबल वर्क कर सकता है और हमें पता है जो वर्क डन है उसे हम मेजर कर सकते हैं चार्ज इंटू वोल्टेज एंड इट इज इक्वल टू डिक्रीज इन गिव्स फ्री एनर्जी हमें पता है जो गिव्स फ्री एनर्जी है डेल्टा g है वो क्या होता है फॉर स्पॉन्टेनियस रिएक्शन वो क्या होता है नेगेटिव होता है तो जो रिवर्सिबल वर्क है डन बाय गलवानिक सेल वो किसके इक्वल हो जाएगा डिक्रीज इन गिव्स फ्री ए एनर्जी क्योंकि यह क्या है स्पॉन्टेनियस रिएक्शन है तो यह नेगेटिव में होगा सपोज ईए ऑफ ए सेल इज e सेल है एए इज द अमाउंट ऑफ चार्ज पास सबसे पहले 1 फैराडे को हम एप्रोक्सीमेटली लेंगे 96500 कूलम कैलकुलेशन के लिए 1 फेरेड क्या होता है चार्ज ऑफ 1 मोल ऑफ इलेक्ट्रॉन सपोज n मोल ऑफ इलेक्ट्रॉन पास हुए हैं तो एनफ क्या हो जाएगा टोटल अमाउंट ऑफ चार्ज पास डेल्टा r g क्या हो जाएगा गिव्स फ्री एनर्जी तो हमें पता है वोल्टेज इन टू चार्ज क्या होता है वर्क डन होता है और जो डेल्टा g है याद रखना वो क्या होता है डिक्रीज होता है क्योंकि स्पॉन्टेनियस रिएक्शन में ये डिक्रीज होता है ये नेगेटिव में होता है तो ये हमारा इक्वेशन बन जाएगा नेक्स्ट ई ऑफ द जो सेल है डिपेंड ऑन नेचर ऑफ सेल रिएक्शन ये डिपेंड करता है नेचर ऑफ सेल रिएक्शन सपोज हमारे पास दो हाफ हैं उनकी कुछ कंसंट्रेशन है अगर आप उसे कनेक्ट करते हो तो उसका जो ई ऑफ द सेल है वो क्या रहता है हमेशा सेम रहता है इट इज ए इंटेंसिव क्वांटिटी इफ वी मल्टीप्लाई द रिएक्शन सपोज हम हमारे पास रिएक्शन है उसे हम किसी इंटी जर से मल्टीप्लाई भी करते e ऑफ द जो सेल है इसकी वैल्यू हमेशा क्या रहती है सेम रहती है डेल्टा g इज एक्सटेंसिव प्रॉपर्टी जो डेल्टा g है एक एक्सटेंसिव प्रॉपर्टी है उसकी वैल्यू डिपेंड करती है ऑन n n इज एक्सचेंज ऑफ इलेक्ट्रॉन सपोज हमारे पास है zn20 2+ एक्स प्स कॉपर एक्सचेंज ऑफ इलेक्ट्रॉन दो हो रहा है तो डेल्टा rg-2 f ऑफ द सेल तो यहां एक्सचेंज ऑफ इलेक्ट्रॉन टू है बट अगर आपने सेम इक्वेशन को ना टू से मल्टीप्लाई कर दिया तो एक्सचेंज ऑफ इलेक्ट्रॉन डबल हो जाएगा क्योंकि अब हर एक चीज को आपने टू से मल्टीप्लाई कर दिया तो डेल्टा rg9 - 4f ऑफ द सेल तो याद रखना अगर n का वैल्यू चेंज हो जाए तो डेल्टा g भी क्या होता है चेंज होता है वेयर एज e ऑफ द सेल क्या होता है हमेशा सेम रहता है एक पर्टिकुलर सेल में इफ द कंसंट्रेशन ऑफ रिएक्टिंग स्पीशीज इज यूनिटी कंसंट्रेशन सपोज रिएक्टिंग स्पीशीज की आयस की अ यूनिटी है वन मोलर कंसंट्रेशन है तब हम e ऑफ द सेल को e नॉट ऑफ द सेल भी ले सकते हैं स्टैंडर्ड कंडीशन तो डेल्टा r g न क्या हो जाता है स्टैंडर्ड गिव्स एनर्जी ऑफ द रिएक्शन होता है तो स्टैंडर्ड गिव्स एनर्जी किसके इक्वल हो जाता है - nf1 ऑफ द सेल नेक्स्ट क्वेश्चन है कैलकुलेट डेल्टा g न फॉर द रिएक्शन रिएक्शन दिया है जिंक सॉलिड प्लस कॉपर 2+ एक्वास रिजल्ट इन फॉर्मेशन ऑफ़ zn20 ऑफ z 2+ 2 zn20 वोल्ट e न ऑफ कॉपर 2+ 2 कॉपर 0.34 वोल्ट r का वैल्यू है 8.314 जूल्स पर केल्विन 1 फेडे है 96500 कूलम पर मोल्ट 2020 का क्वेश्चन है सबसे पहले इक्वेशन लिख लेंगे और देखेंगे एक्सचेंज ऑफ इलेक्ट्रॉन क्या हो रहा है जिंक दो इलेक्ट्रॉन लूज कर रहा है कॉपर 2 प् 2 इलेक्ट्रॉन गेन कर रहा है n = 2 अब हमें पता है इक्वेशन क्या होता है डेल्टा g e न = - nf1 ऑफ द सेल e नोट ऑफ द सेल हमें निकालना है e नो ऑफ द सेल होता है e नॉ ऑफ कैथोड माइनस एनोड तो जिसका वैल्यू ज्यादा होता है वो क्या होता है कैथोड होता है तो e न ऑफ कॉपर 2+ 2 कॉपर - e न ऑफ zn20 n तो ये हो जाएगा 0.34 - - 0.76 तो 1.1 वोल्ट आ गया डेल्टा g0 = - n f e न ऑफ द सेल एंड एक्सचेंज ऑफ इलेक्ट्रॉन टू है फैराडे का वैल्यू दिया है 96500 e नॉ ऑफ़ द सेल 1.1 वोल्ट है मल्टीप्लाई करेंगे तो -21 2300 जूल पर मोल और किलोजूल्स में 1000 से डिवाइड करेंगे -21 2.3 k ज पर मोल आंसर होगा नेक्स्ट है रिलेशनशिप बिटवीन स्टैंडर्ड गिव्स एनर्जी एंड इक्विलियम कांस्टेंट हमें डेल्टा g0 पता है किसके इक्वल होता है - n0 ऑफ द सेल और e न ऑफ द सेल भी पता है हमें किसके इक्वल होता है 2.303 rt4 l ऑफ e0 का वैल्यू अगर आप यहां पे सब्सीट्यूट करोगे तो डेल्टा g0 = - nf2 303 rt4 l ऑफ kc4 क्या होता है इक्विलियम कांस्टेंट होता है तो n एफ कैंसिल कर सकते हैं तो डेल्टा g0 इ इ - 2.303 rtc.com एक्वास रिजल्ट इन फॉर्मेशन ऑफ़ n 2+ एक्स + 2ag सॉलिड 202122 का क्वेश्चन है इनोड ऑफ़ द सेल दिया 1.05 वोल्ट 1 फरेड दिया है 96500 कलम पर मोल डेल्टा g नॉल केसी हमें पता करना है सबसे पहले अगर आप यह रिएक्शन लिखोगे तो इसमें हम एक्सचेंज ऑफ इलेक्ट्रॉन देखेंगे निकल दो इलेक्ट्रॉन लूज कर रहा है एक जी एक इलेक्ट्रॉन गेन कर रहा है + यहां पे दो + है तो यहां पे n = 2 तो डेल्टा g0 इ इक्व - n e0 ऑफ द सेल वैल्यू सब्सीट्यूट करेंगे n का वैल्यू टू है f का 96500 e न ऑफ़ द सेल 1.05 मल्टीप्लाई करेंगे तो हमारा आंसर आ जाएगा -20 2650 ज पर मोल हमारा आंसर हो सकता है या इसे 1000 से भी डिवाइड कर सकते हैं -22 65 कि ज पर मोल हमें l ऑफ kc1 ऑफ़ द सेल है तो e न ऑफ द सेल इ इ 0.059 / n l ऑफ kc2 केल्विन ले सकते हैं तो यह हमारा फार्मूला बन जाएगा e न ऑफ़ द सेल हमारे पास है 1.05 0.059 n का वैल्यू कितना है 2 l ऑफ kc4 किसके इक्वल हो जाएगा 2 * 1.05 / 0.059 तो l ऑ kc3 5.59 तो यह हमारा आंसर होगा नेक्स्ट हम बात करेंगे कंडक्टेंस ऑफ इलेक्ट्रोलिटिक सॉल्यूशन इसको पढ़ने से पहले कुछ हम इंपॉर्टेंट टर्म्स पढ़ेंगे सबसे पहले रेजिस्टेंस यह कैपिटल r से हम रिप्रेजेंट करते हैं यह क्या होता है जो मटेरियल है वह ऑब्स्ट्रक्ट करता है फ्लो ऑफ इलेक्ट्रॉन को तो रेजिस्टेंस ऑफ़ एनी कंडक्टर इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू द लेंथ ऑफ़ द कंडक्टर लेंथ ऑफ कंडक्टर पे डायरेक्टली प्रोपोर्शनल होता है और इन्वर्सली प्रोपोर्शनल होता है एरिया ऑफ़ क्रॉस सेक्शनल a तो r इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू l / a इसको इक्वेट करने के लिए हम कांस्टेंट लिखते हैं तो r = रो l / a यह जो कांस्टेंट होता है रो इसे हम स्पेसिफिक रेजिस्टेंस और रेजिस्टिविटीज का एक पर्टिकुलर रेजिस्टिविटीज ऑफ रेजिस्टेंस होता है ओम रेजिस्टिविटीज सिवि इक्व r / l रेजिस्टिविटीज डिफाइन एज द रेजिस्टेंस ऑफर्ड बाय कंडक्टर सपोज अगर हम रेजिस्टिविटीज सेंस को इक्वेट करना चाहते हैं इट इज द रेजिस्टेंस ऑफर्ड बाय कंडक्टर ऑफ 1 सेमी तो लेंथ वन यूनिट हो जाएगा 1 सेमी एंड एरिया ऑफ क्रॉस सेक्शन 1 सेमी स् हो जाएगा तो रेजिस्टिविटीज इक्वल टू रेजिस्टेंस और हमें पता है अगर एरिया 1 सेमी स् है लेंथ 1 सेमी है तो ओवरऑल क्या हो जाता है 1 सेमी क बन जाता है ठीक है तो उस केस में रेजिस्टिविटीज इक्वल टू रेजिस्टेंस और यूनिट की बात करेंगे इसका होता है ओम सेंटीमीटर नेक्स्ट है कंडक्टेंस इसे g से रिप्रेजेंट किया जाता है इट्स द मेजर ऑफ ईज विद व्हिच करंट फ्लो थ्रू द कंडक्टर कितना इजली क्या कर सकता है जो करंट है फ्लो कर सकता है थ्रू द कंडक्टर उसे कंडक्ट कंडक्टेंस कहते हैं इट मे बी डिफाइंड एज द रेसिप कल ऑफ रेजिस्टेंस तो जो कंडक्टेंस है वो रेसिप प्रोकल ऑफ रेजिस्टेंस होता है तो g = 1 / r यूनिट हो जाता है इसका पर ओम और s से रिप्रेजेंट करते हैं s होता है सीमेंस नेक्स्ट है कंडक्टिविटी जो कंडक्टिविटी है इसका सिंबल होता है कपा रेसिप प्रोकल होता है रेजिस्टिविटीज विटी इज इ 1 बा रेजिस्टिविटीज के इक्वल होता है कंडक्टेंस के इक्वल होता है ठीक है इट इज डिफाइंड एज द कंडक्टेंस ऑफ 1 सेंटीमीटर क्यूब ऑफ कंडक्टर सपोज हमारा लेंथ कितना है कंडक्टर का 1 सेमी एरिया ऑफ क्रॉस सेक्शन 1 सेमी स् तो ओवरऑल ये यूनिट वन हो जाएगा मतलब 1 सेमी कब हो गया तो जो कंडक्टिविटी है वो किसके इक्वल हो जाता है कंडक्टेंस के इक्वल हो जाता है यूनिट की बात करें तो इसका यूनिट होता है पर ओम पर सेंटीमीटर और सीमन पर सेंटीमीटर और जो मैग्नी ूडल क्टिंग है ना वो वेरीज करता है डिपेंड कर करता है ऑन द बेसिस ऑफ नेचर ऑफ मटेरियल तीन तरह का मटेरियल हमने क्लासिफाई किया है पहला कंडक्टर होता है इसमें मेटल और उसके एलॉयज आते हैं नॉनमेटल में कार्बन ब्लैक ग्रेफाइट और सम ऑर्गेनिक पॉलीमर्स आते हैं ये इलेक्ट्रॉनिकली कंडक्टिंग होते हैं मतलब ये इलेक्ट्रिसिटी को इजली कंडक्ट कर सकते हैं नेक्स्ट है इंसुलेटर इसमें ग्लास और सेरामिक आता है इसकी काफी ज्यादा लो कंडक्टिविटी होती है तो ये इंसुलेटर होते हैं वेयर सेमीकंडक्टर में सिलिकॉन आता है डोप सिलिकॉन मतलब सिलिकॉन में इंप्योरिटीज एड इड है गैलियम आरसी नाइड आता है और इसकी जो कंडक्टिविटी है वह कंडक्टर और इंसुलेटर के बीच में होती है अगर सुपरकंडक्टर की बात करें सर्टेन मेटल्स की ना जरो रेजिस्टिविटीज जीरो रेजिस्टिविटीज कंडक्टिविटी होती है एट वेरी लो टेंपरेचर 0 टू 15 केल्विन इन्हें सुपरकंडक्टर्स कहते हैं नेक्स्ट है इलेक्ट्रॉनिक एंड मेटलिक कंडक्टेंस यह होता है बिकॉज़ ऑफ मूवमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉन तो इलेक्ट्रॉन की मूवमेंट से जो कंडक्टेंस होती है उसे इलेक्ट्रॉनिक और मैटेलिक कंडक्टेंस कहते हैं और यह सॉलिड मेटल में मोस्टली होता है और यह डिपेंड करता है सबसे पहले नेचर एंड स्ट्रक्चर ऑफ मेटल अगर जो मेटल है वो इजली इलेक्ट्रॉन लूज कर सकता है तो उसमें ज्यादा कंडक्टेंस होता है डिपेंड अपॉन द नंबर ऑफ वैलेंस इलेक्ट्रॉन पर एटम अगर नंबर ऑफ वैलेंस इलेक्ट्रॉन पर एटम ज्यादा है तो वो इजली कंडक्टेंस शो करते हैं डिक्रीज विद इंक्रीज इन टेंपरेचर जब आप टेंपरेचर इंक्रीज करो ना तो याद रखना इसमें क्या होता है जो सॉलिड है वो वाइब्रेट करता है और मूवमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉन क्या हो जाता है डिफिकल्ट हो जाता है सो दैट्ची इन टेंपरेचर वेयर एज आयनिक कंडक्टेंस एंड इलेक्ट्रोलिटिक कंडक्टेंस किसमें होता है या तो सब्सटेंस मोल्टन फॉर्म में है और या एक्वास फॉर्म में है तो इसमें आइंस होती हैं आयस की मूवमेंट को ही हम क्या बोलते हैं आयनिक और इलेक्ट्रोलिटिक कंडक्टेंस ये डिपेंड करता है नेचर ऑफ इलेक्ट्रोलाइट में अगर स्ट्रांग इलेक्ट्रोलाइट है ना वो ज्यादा डिसोसिएट होता है ज्यादा डिसोसिएट होने से ज्यादा आयस प्रोड्यूस करता है तो उसकी हायर कंडक्टिविटी होती है सेकंड है साइज ऑफ द आयस एंड देयर सॉल्वेशन तो साइज ऑफ आयन और उनके सॉल्वेशन पे डिपेंड करता है अगर सपोज आयन का साइज स्मॉल है उसका चार्ज टू मास रेशो ज्यादा है तो अट्रैक्शन हो जाता आयस एंड सॉल्वेंट के बीच में तो आयस को क्या करता है सॉल्वेंट ना सराउंड कर लेता है इसे ही सॉल्वेशन कहते हैं और अगर आयस को सॉल्वेंट मॉलिक्यूल ने सराउंड कर दिया तो उनकी जो मूवमेंट है वो डिफिकल्ट हो जाती है और लोअर कंडक्टिविटी हो जाती है ये डिपेंड करता है नेचर ऑफ सॉल्वेंट एंड इट्स विस्कोसिटी अगर पोलर सॉल्वेंट है ना तो याद रखना जो इलेक्ट्रोलाइट है वो इजली क्या कर सकता है डिसोसिएट हो सकता है वो लार्ज आयनाइजेशन शो करेगा और इंक्रीज करेगा कंडक्टिविटी क्योंकि नंबर ऑफ़ आयस इंक्रीज हो रहे हैं और विस्कोसिटी ज्यादा है तो ज्यादा विस्क होने से ना उसकी जो मूवमेंट ऑफ आयस है वो डिफिकल्ट हो जाता है एज अ रिजल्ट डिक्रीज होता है कंडक्टिविटी आल्सो डिपेंड करता है कंसंट्रेशन ऑफ इलेक्ट्रोलाइट अगर कंसंट्रेशन ऑफ इलेक्ट्रोलाइट ज्यादा है तो पर यूनिट वॉल्यूम जो आइंस है वो ज्यादा है तो ज्यादा कंडक्टिविटी होता है और फिफ्थ पॉइंट है द इंक्रीज ऑफ टेंपरेचर अगर आप टेंपरेचर इंक्रीज करो इससे इंक्रीज होता है आयनाइजेशन नंबर ऑफ आयस जो है वो ज्यादा डिसोसिएट होती हैं आल्सो मूवमेंट ऑफ आयस जो मूवमेंट ऑफ आइंस है वो भी इंक्रीज होती है तो ओवरऑल कंडक्टेंस इंक्रीज होता है टेंपरेचर इंक्रीज करने से नेक्स्ट है मेजरमेंट ऑफ द कंडक्टिविटी ऑफ आयनिक सॉल्यूशन अगर हमारे पास आयनिक सॉल्यूशन है उसकी अगर आपको कंडक्टिविटी पता करनी है तो आपको सबसे पहले उसका रेजिस्टेंस पता करना होता है द एक्यूरेट मेजरमेंट ऑफ अननोन रेजिस्टेंस कैन बी परफॉर्म्ड ऑन ए व्ट स्टोन ब्रिज तो अगर आपके पास व्ट स्टोन ब्रिज है तो उसे आप अननोन रेजिस्टेंस पता कर सकते हो आयनिक सॉल्यूशन का बट इसमें दो प्रॉब्लम फेस हुआ मेजरिंग ऑफ आयनिक रेजिस्टेंस में सबसे पहले अगर आप पास करोगे ना डीसी व्हिच इज डायरेक्ट करंट तो वो क्या करता है कंपोजीशन चेंज करता है सॉल्यूशन का क्योंकि डीसी क्या करता है आयनाइजेशन करता है एज अ रिजल्ट जो कंडक्टिविटी है वो चेंज हो जाता है सेकंड है ए सॉल्यूशन कैन नॉट बी कनेक्टेड टू द ब्रिज अब जो सॉल्यूशन है ना वो डायरेक्टली हम ब्रिज से कनेक्ट नहीं कर सकते क्यों नहीं कनेक्ट कर सकते अगर आप वायर से डायरेक्टली कनेक्ट करोगे तो शॉर्ट सर्किट हो सकता है लाइक मैटेलिक वायर और सॉलिड कंडक्टर तो दो प्रॉब्लम था तो इनके दो सलूशन थे सबसे पहली प्रॉब्लम का सॉल्यूशन था जो डीसी है उसके जगह एसी सोर्स ऑफ आवर हम यूज़ कर सकते हैं अल्टरनेटिंग करंट तो यह कंपोजीशन चेंज नहीं करता और साथ में हम एक स्पेशली डिजाइंड वेसल बनाएंगे जिसका नाम है कंडक्टिविटी सेल कंडक्टिविटी सेल में ही हम क्या डालेंगे इलेक्ट्रोलाइट डालेंगे और इसे हम कनेक्ट करेंगे वट स्टोन ब्रिज से जिससे हम रेजिस्टेंस मेजर कर पाए अब जो कंडक्टिविटी सेल है ना अगर इसकी बात करें इसमें दो प्लैटिनम के इलेक्ट्रोड होते हैं कोटेड विद प्लैटिनम ब्लैक प्लैटिनम ब्लैक क्या होता है जो प्लैटिनम है वो पाउडर फॉर्म में होता है वो क्या करता है प्लैटिनम के इलेक्ट्रोड को कोट करता है अब ये जो प्लैटिनम का इलेक्ट्रोड है इनका एरिया ऑफ क्रॉस सेक्शन ए होता है एंड आर सेपरेटेड बाय डिस्टेंस दो इलेक्ट्रोड का डिस्टेंस होता है l हमारे पास दो तरह के कंडक्टिविटी सेल हो सकते हैं यह दो कंडक्टिविटी सेल हैं दोनों में आयनिक सॉल्यूशन प्रेजेंट होगा साथ में प्लैटिनाइज्ड यहां पे प्रेजेंट है यह कनेक्टिंग वायर है जो कनेक्टिंग वायर है वह क्या करती है कनेक्ट करती है वट स्टोन ब्रिज के साथ हमें पता है रेजिस्टेंस इज इ रो l / a रो क्या होता है 1 बा कंडक्टिविटी भी होता है तो रेजिस्टेंस इज 1 / क l / a अब यह जो l बा a है इसे सेल कांस्टेंट कहते हैं क्योंकि जो l है यह डिस्टेंस बिटवीन इलेक्ट्रोड होता है a होता है एरिया ऑफ क्रॉस सेक्शन यह कांस्टेंट रहते हैं फॉर ए पर्टिकुलर कंडक्टिविटी सेल तो l / a हमारा कांस्टेंट होता है इसे सेल कांस्टेंट कहते हैं इसे g स्टार से रिप्रेजेंट करते हैं तो रेजिस्टेंस इ इक्वल l / a की जगह g स्टार डिवाइड बाय कंडक्टिविटी होगा बट जो मेजरमेंट ऑफ़ l एंड a है अनरिलायबल है क्योंकि इसे मेजर करना थोड़ा डिफिकल्ट होता है तो हम क्या करते हैं हमें पता है g स्टार = l / a हो होता है और g स्टार इल ू रेजिस्टेंट * कंडक्टिविटी हम सेल कांस्टेंट को कैसे पता करते हैं बाय मेजरिंग रेजिस्टेंस ऑफ ए सेल एक रेजिस्टेंस सेल का पता करेंगे जिसमें सॉल्यूशन है हुज कंडक्टिविटी हम ऑलरेडी हमें पता है जैसे एग्जांपल लेंगे सेल कांस्टेंट कांस्टेंट रहेगा तो वन सेल कांस्टेंट इज डिटरमाइंड वी कैन मेजर रेजिस्टेंस और कंडक्टिविटी ऑफ एनी सॉल्यूशन उसमें आप कोई भी सॉल्यूशन अगर आप डालते हो तो जी स्टार का वैल्यू क्या रहता है कांस्टेंट रहता है और उसे हम मेजर कर सकते हैं रेजिस्टेंस एंड कंडक्टिविटी ऑफ एनी सॉल्यूशन कंडक्टिविटी जो सेल है इसका हमने सेल कांस्टेंट पता कर लिया अब हम उसकी रेजिस्टेंस पता करेंगे कंडक्टिविटी सेल को हम कनेक्ट करेंगे किसके साथ वीट स्टोन ब्रिज के साथ कंडक्टिविटी सेल को हमने वीट स्टोन ब्रिज से कनेक्ट कर लिया नेक्स्ट जो रेजिस्ट है r3 r4 यह दो रेजिस्टेंस है जो हमें पता होगा r1 क्या होगा वेरिएबल रेजिस्टेंस होगा कंडक्टिविटी सेल का अननोन रेजिस्टेंस r2 होगा यहां पे डिटेक्टर है जो हमें बताएगा कि करंट पास हो रहा है या नहीं हो रहा है वट स्टोन ब्रिज इज फेड बाय ओसिट o तो o से कनेक्ट है o क्या है सोर्स ऑफ एसी पावर है और फ्रीक्वेंसी है इसकी 550 टू 5000 साइकल पर सेकंड द ब्रिज इज बैलेंस तो क्या होगा हम यहां से इलेक्ट्रिसिटी पास करेंगे और यह जो वेरिएबल रेजिस्टेंस है इसे चेंज करेंगे एक ऐसा टाइम आएगा जो ब्रिज है वोह बैलेंस हो जाएगा बैलेंस होने का मतलब क्या है नो करंट विल पास थ्रू द डिटेक्टर इस डिटेक्टर से कोई करंट पास नहीं होगा उस टाइम पे जो रेशो है r2 / r1 दैट बिकम इक्वल टू r4 / r3 ठीक है तो r2 = r1 * r4 / r3 हमें ये तीनों वैल्यू पता होंगे तो हम r2 अननोन रेजिस्टेंस ऑफ कंडक्टिविटी सेल पता कर सकते हैं तो हमें कंडक्टिविटी ऑफ़ ए सॉल्यूशन मिल जाएगा कंडक्टिव टी इ इल टू सेल कांस्टेंट बा r सेल कांस्टेंट हमें पता चल गया और r जो रेजिस्टेंस है हमने वी स्टोन बज से पता किया तो हमें कंडक्टिविटी ऑफ ए सॉल्यूशन पता चल जाएगा नेक्स्ट हम बात करेंगे मोलर कंडक्टिविटी ऑफ इलेक्ट्रोलिटिक सॉल्यूशन अगर हमारे पास इलेक्ट्रोलिटिक सॉल्यूशन है जो कंडक्टिविटी है नॉट ओनली डिपेंड ऑन टेंपरेचर जो कंडक्टिविटी है वो टेंपरेचर पे डिपेंड करता है टेंपरेचर इंक्रीज होने से नंबर ऑफ आयस भी इंक्रीज होता है क्योंकि डिसोसिएशन होता है तो कंडक्टिविटी चेंज होता है बट आल्सो वेरीज विद द कंसंट्रेशन ऑफ द सॉल्यूशन बट अगर आप कंसंट्रेशन ऑफ सॉल्यूशन चेंज करो नंबर ऑफ आयस को चेंज करो तब भी कंडक्टिविटी क्या होता है चेंज होता है तो इलेक्ट्रोलिटिक सॉल्यूशन में हम मोर एप्रोप्रियेट ऑफ़ सॉल्यूशन भी अकाउंट में लेता है और साथ में इसकी कंडक्टिविटी भी अकाउंट पे लेता है तो मोलर कंडक्टिविटी होता है इसका सिंबल होता है लडा m तो कंडक्टिविटी ऑफ ए सॉल्यूशन केप्ट बिटवीन द इलेक्ट्रोड एट यूनिट डिस्टेंस अपार्ट तो हम कंडक्टिविटी ऑफ सॉल्यूशन की बात करते हैं व्हिच इज केप्ट बिटवीन द इलेक्ट्रोड होने चाहिए यूनिट डिस्टेंस अपार्ट हैविंग एरिया ऑफ़ क्रॉस सेक्शन लार्ज इनफ टू अमेट सफिशिएंट वॉल्यूम ऑफ़ द सॉल्यूशन दैट कंटेन 1 मोल ऑफ इलेक्ट्रोलाइट तो जो क्रॉस सेक्शन एरिया है वो इतना लार्ज इनफ होना चाहिए कि वह सफिशिएंट वॉल्यूम ऑफ सॉल्यूशन ले पाए जिसमें 1 मोल ऑफ इलेक्ट्रोलाइट होना चाहिए है तो मोलर कंडक्टिविटी कहते हैं इसे और इसका सिंबल होता है लडा m मोलर कंडक्टिविटी की अगर बात करें तो लडा m = कंडक्टिविटी डिवाइड बाय कंसंट्रेशन होता है अगर सपोज हमारे पास कंडक्टिविटी हमें दिया है और उसका यूनिट है सीमन पर मीटर तो कंसंट्रेशन हम लेंगे मोल पर मीटर क्यूब क्योंकि यहां पे मीटर दिया हुआ है अब अगर हमें मोल पर मीटर क्यूब को मोल पर लीटर में कन्वर्ट करना है तो ये इक्वेट करेंगे तो हो जाएगा 1000 * मोल पर लीटर ठीक है मोल पर लीटर क्या होता है मोलालिटी होता है तो इसे कैपिटल m से भी लिख सकते हैं तो 1000 * मोलर क्या हो जाएगा कंसंट्रेशन हो जाएगा तो कंसंट्रेशन को यहां सब्सीट्यूट करेंगे तो ल m = कंडक्टिविटी डिवाइड बा 1000 * मोलेरिटी और इसका यूनिट हो जाएगा सीमन मीटर स् पर मोल तो अगर आपको कंडक्टिविटी दिया हुआ है सीमन पर मीटर में तो आप ये वाला फार्मूला मोलर कंडक्टिविटी का यूज करोगे बट मोस्ट ऑफ द क्वेश्चन में जो हमें कंडक्टिविटी दिया होता है वो सीमन पर सेंटीमीटर होता है क्योंकि जो इलेक्ट्रोलिटिक सेल है उसका साइज स्मॉल होता है कंसंट्रेशन हो जाएगा मोल पर सेंटीमीटर क्यूब अगर मोल पर सेंटीमीटर क्यूब को आपको मोल पर लीटर में कन्वर्ट करना है तो 10 पावर -3 मोल पर लीटर होता है मोल पर लीटर मोलेरिटी होता है इसे हम यहां पे सब्सीट्यूट करेंगे तो क्या हो जाएगा मोलेरिटी यहां जाएगा 10 रे पा -3 ऊपर जाके 10 रे पा 3 बनाएगा तो मोलर कंडक्टिविटी हो जाएगा कंडक्टिविटी * 1000 / बा मोलेरिटी ये तब हम फार्मूला यूज करते हैं जब हमें कंडक्टिविटी दिया है स पर सेंटीमीटर दिया है तो इसका यूनिट हो जाएगा मोलर कंडक्टिविटी का c1 सेंटीमीटर स्क्वा पर मोल अगर हम इक्वेट करें 1 सीम मीटर स्क्वा पर मोल इ इक्वल ू 10 पावर 4 सीम सेंटीमीटर स्क्वा पर मोल और 1 सीम सेंटीमीटर स्क्वा पर मोल किसके इक्वल होता है 10 पा -4 71 मीटर स् पर मोल नेक्स्ट हम p बा क क्वेश्चन की बात करेंगे द इलेक्ट्रिकल रेजिस्टेंस ऑफ ए कॉलम ऑफ 0.05 मोलर k सॉल्यूशन ऑफ लेंथ 50 सेमी एरिया ऑफ क्रॉस सेक्शन 0.625 सेमी क इज 5 * 10 पा 3 ओम तो रेजिस्टेंस दिया 5 * 10 पा 3 ओमस कंसंट्रेशन दिया है 0.05 मोलर दिया है 5 * 10 पा 3 दिया हुआ है एरिया ऑफ क्रॉस सेक्शन दिया है 0.625 डिवाइडेड बाय लेंथ दिया है 50 सेमी तो इसे कैलकुलेट करके हम रेजिस्टिविटीज 62.5 ओम सेंटीमीटर ठीक है अब जो कंडक्टिविटी होता है वो रिवर्स ऑफ रेजिस्टिविटीज इक्वल ट 1 बा रो 1 / 62.5 तो हमारा कंडक्टिविटी आ जाएगा 0.016 पर ओम पर सेंटीमीटर और सीमन पर से सेंटीमीटर भी इसे हम लिख सकते हैं नेक्स्ट हमें मोलर कंडक्टिविटी बताना है जो मोलर कंडक्टिविटी होता है दैट इज इक्वल टू कंडक्टिविटी * 1000 डिवाइड बाय मोलेरिटी कंडक्टिविटी हमें कितना दिया हुआ है 0.016 10 पा 3 डिवाइडेड बाय मोलालिटी कितना दिया हुआ है हमें क्वेश्चन में दिया हुआ है 0.05 कैलकुलेट करेंगे तो हमें मोलर कंडक्टिविटी भी मिल जाएगा 320 पर ओम सेंटीमीटर स् पर मोल और 320 स1 सेमी स् पर मोल नेक्स्ट क्वेश्चन है रेजिस्टेंस ऑफ ए कंडक्टिविटी सेल हमने कंडक्टिविटी सेल लिया है उसे फिल किया है 0.02m kc4 ओम हाउ एवर व्हेन इट इज फिड विद 0.05 मोलर agno3 तो उसके बाद हमने क्या किया उसको निकाल के दूसरा सॉल्यूशन डाला 0.05 मोलर agno3 सॉल्यूशन अब उसका रेजिस्टेंस है 78.5 ओम हमें कंडक्टिविटी दिया हुआ है पहले वाले सॉल्यूशन का 0.02 मोलर केसी का 2.76 10 पावर -3 पर ओम पर सेंटीमीटर हमें कैलकुलेट करना है कंडक्टिविटी ऑफ 0.05 मोलर agno3 और मोलर कंडक्टिविटी ऑफ़ agno3 सॉल्यूशन तो एक सॉल्यूशन हमें दिया हुआ है ठीक है कौन सा सॉल्यूशन कंडक्टिविटी सेल है ना तो दोनों केस में सेल कांस्टेंट क्या रहता है सेम रहता है तो पहले वाले सॉल्यूशन से हम सेल कांस्टेंट निकालेंगे और उस सेल कांस्टेंट से हम सेकंड सॉल्यूशन का कंडक्टिविटी और मोलर कंडक्टिविटी फाइंड कर सकते हैं तो सेल कांस्टेंट किसके इक्वल होता है कंडक्टिविटी * रेजिस्टेंस तो पहले वाले सॉल्यूशन का कंडक्टिविटी दिया हुआ है 2.76 8 10 पावर -3 और इसका रेजिस्टेंस दिया हुआ है 164 तो सेल कांस्टेंट मिल जाएगा 0.45 39 पर सेमी अब सेकंड वाला जो सॉल्यूशन है agno3 सॉल्यूशन इसमें सेल कांस्टेंट क्या रहेगा सेम रहेगा तो कंडक्टिविटी होता है सेल कांस्टेंट डिवाइड बाय रेजिस्टेंस सेल कांस्टेंट की वैल्यू डालेंगे 0.45 39 / 78.5 तो हमारा आंसर आ जाएगा 0.005 78 पर ओम पर सेंटीमीटर और c1 पर सेमी इस वैल्यू से हम मोलर कंडक्टिविटी निकाल सकते हैं मोलर कंडक्टिविटी ल m = कंडक्टिविटी * 1000 / बा मोलेरिटी कंडक्टिविटी की वैल्यू हमें यहां से मिल गई 0.005 78000 मोलेरिटी हमें इसका सॉल्यूशन का ऑलरेडी दिया हुआ है 0.05 इससे डिवाइड और मल्टीप्लाई करेंगे तो हमें आंसर मिल जाएगा 11.6 पर ओम सेंटीमीटर स् पर मोल और 11.6 सीम सेमी स् पर मोल नेक्स्ट है वेरिएशन ऑफ कंडक्टिविटी एंड मोलर कंडक्टिविटी विद कंसंट्रेशन सबसे पहले कंडक्टिविटी की बात करेंगे हमें पता है जो कंडक्टेंस है दैट इज इक्वल टू कंडक्टिविटी a / l सपोज a ए l आ यूनिटी एरिया हमारा 1 सेमी स् है लेंथ 1 सेमी है तो क्या होगा कंडक्टेंस विल बिकम इक्वल टू कंडक्टिविटी तो कंडक्टिविटी इज रेफरड टू कंडक्टेंस ऑफ 1 सेमी क ऑफ इलेक्ट्रोलाइट तो अगर एरिया 1 सेमी स् है लेंथ 1 सेंटीमीटर है तो वॉल्यूम 1 सेमी क हो जाएगा तो इस केस में कंडक्टिविटी विल इक्वल टू कंडक्टेंस विद इंक्रीज इन डाइल्यूशन सपोज आप वाटर ऐड करते हो ना नंबर ऑफ आयस प्रेजेंट इन 1 सेमी क्यूब ऑफ सॉल्यूशन डिक्रीजस तो सपोज आपने वाटर ऐड किया वॉल्यूम इंक्रीज हो रहा है बट पर सेंटीमीटर क्यूब में क्या हो रहा है नंबर ऑफ आयस डिक्रीज हो जाएंगी क्योंकि आपने एक्स्ट्रा वाटर ऐड किया सो एज अ रिजल्ट क्या हो जाएगा जो कंडक्टिविटी है ऑफ इलेक्ट्रोलिटिक सॉल्यूशन डिक्रीज होगा विद डाइल्यूशन क्योंकि पर सेंटीमीटर क्यूब में नंबर ऑफ आयस डिक्रीज हो रहे हैं और कंडक्टिविटी भी डिक्रीज होगा वेयर एज जो मोलर कंडक्टिविटी है ना ऑफ इलेक्ट्रोलाइट इंक्रीज विद डाइल्यूशन क्योंकि मोलर कंडक्टिविटी में हमें पता है हम 1 मोल ऑफ इलेक्ट्रोलाइट लेते हैं तो अगर आप वाटर ड करते हो ना तो आइंस में जो अट्रैक्शन होता है वह कम हो जाता है आइंस एक दूसरे से दूर हो जाते हैं और वह फ्रीली मूव करते हैं एज अ रिजल्ट मोलर कंडक्टिविटी इंक्रीज होता है विद डाइल्यूशन इंक्रीज इन वैल्यू ऑफ मोलर कंडक्टिविटी ऑफ स्ट्रांग इलेक्ट्रोलाइट इज क्वाइट स्मॉल अब जो स्ट्रांग इलेक्ट्रोलाइट है उसकी ऑलरेडी मोलर कंडक्टिविटी काफी हाई होती है तो अगर आप उसमें वाटर ऐड करो तो मोलर कंडक्टिविटी थोड़ी सी इंक्रीज होती है एज कंपेयर टू दैट फॉर वीक इलेक्ट्रोलाइट वीक इलेक्ट्रोलाइट की मोलर कंडक्टिविटी कम हो होती है बट जब आप उसमें वाटर ऐड करो ना तो उसमें जो इंक्रीज होता है वो काफी ज्यादा होता है एज कंपेयर टू स्ट्रांग इलेक्ट्रोलाइट नेक्स्ट हम स्ट्रांग इलेक्ट्रोलाइट की बात करेंगे फॉर स्ट्रांग इलेक्ट्रोलाइट मोलर कंडक्टिविटी इंक्रीजस स्लोली विद डाइल्यूशन सपोज हमारे पास ड करने से जो आइंस है वो एक दूसरे से दूर जा रहे हैं उनकी जो अट्रैक्शन है जैसे k+ स नेगेटिव की कम हो रही है और मोलर कंडक्टिविटी इंक्रीज हो रहा है व्हेन द कंसंट्रेशन अप्रोच रो सपोज आपने इस ग्राफ को एक्सटेंड करके यहां पे कंसंट्रेशन पे ले आए जहां पे कंसंट्रेशन क्या है जीरो है मोलर कंडक्टिविटी कंटेंस ए डेफिनेट वैल्यू जो मोलर कंडक्टिविटी है उसकी एक डेफिनेट वैल्यू आ जाती है जो मैक्सिमम वैल्यू होता है इसे हम लडा नॉ m ब कहते हैं जो होता है लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी लड नॉ m तो ये मोलर कंडक्टिविटी होता है इनफाइनों पे मैक्सिमम वैल्यू ऑफ मोलर कंडक्टिविटी हमें मिलता है जिसे लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी कहते हैं नेक्स्ट हम रिलेशनशिप पता करेंगे मोलर कंडक्टिविटी एंड लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी में हम यूज करेंगे d बाय ढकल ऑन संगर इक्वेशन तो लडा m इ इक्ट ल न m - a कंसंट्रेशन रे टू पावर 1/2 और अंडर रूट ऑफ c तो लडा ए क्या है मोलर कंडक्टिविटी है लडा नॉट m क्या है लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी है c क्या है कंसंट्रेशन ऑफ सॉल्यूशन है और अगर आपने सपोज क्या ग्राफ बनाया है अंडर रूट ऑफ c x एक्सिस है लडा ए क्या है y एक्सिस है तो ये जो स्लोप बनता है इसे - a कहते हैं और यहां पे जो इंटरसेप्ट बनता है लडा नॉ m बनता है अगर a की बात की जाए तो यह एक कांस्टेंट है डिपेंड करता है सॉल्वेंट और टेंपरेचर पे और यह टाइप ऑफ इलेक्ट्रोलाइट पे भी डिपेंड करता है तो अगर सिमिलर टाइप ऑफ इलेक्ट्रोलाइट है तो उसका a का वैल्यू सेम होगा जैसे naclo3 भी आ सकता है mg2 cl-1 सिमिलरली mgso4 mg2 so4 का टू नेगेटिव तो ये 2 2 क्या होता है इलेक्ट्रोलाइट होता है तो सिमिलर टाइप ऑफ जो इलेक्ट्रोलाइट है उसका a का वैल्यू सिमिलर हो होगा अगर हम वीक इलेक्ट्रोलाइट की बात करें इन केस ऑफ वीक इलेक्ट्रोलाइट जैसे हमारे पास एसिटिक एसिड है इट हैज लोअर डिग्री ऑफ डिसोसिएशन तो इनकी डिसोसिएशन कम होती है और मोलर कंडक्टिविटी भी कम होती है अब जो मोलर कंडक्टिविटी है इंक्रीजस टपली स्पेशली नियर लोअर कंसंट्रेशन जैसे कंसंट्रेशन क्या होती है लो होती है ना आप डाइल्यूशन करते हो कंसंट्रेशन लो होती है तो क्या होता है सडन ये ग्राफ क्या होता है स्टीप होता है क्योंकि जितना इतना आप वाटर ऐड करते हो आयस एक दूसरे से दूर जाते हैं और मोलर कंडक्टिविटी इंक्रीज होती है द ग्राफ बिकम ऑलमोस्ट पैरेलल टू y एक्सिस अब ये जो ग्राफ है ना y एक्सिस के यह ग्राफ पैरेलल हो चुका है फॉर वीक इलेक्ट्रोलाइट द वैल्यू ऑफ़ लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी कैन नॉट बी ऑब्टेंड बाय एक्स्ट्रापोलेटिव पैरेलल हो चुका है ना तो आप इस ग्राफ को एक्सटेंड करके इसके साथ टच नहीं कर सकते सो दैट्ची यूजिंग कॉलरेस लॉ तो कॉलरेस लॉ से इनडायरेक्टली हम लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ वीक इलेक्ट्रोलाइट पता करेंगे क्योंकि ग्राफ में यह वैल्यू क्या हो चुका है पैरेलल हो चुका है तो इसे हम ग्राफ से टच नहीं कर सकते नेक्स्ट है कॉलरेस लॉ ऑफ इंडिपेंडेंट माइग्रेशन ऑफ आयस इट स्टेट्स दैट लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ एन इलेक्ट्रोलाइट अगर लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ इलेक्ट्रोलाइट की बात करें इट कैन बी रिप्रेजेंटेड एज द सम ऑफ इंडिविजुअल कंट्रीब्यूशन ऑफ़ एनाइड कटाय ऑफ़ द इलेक्ट्रोलाइट तो यह क्या कहता है जब ना लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी आता है कंडक्टिविटी एट इनफाइनों इलेक्ट्रोलाइट है या वीक इलेक्ट्रोलाइट है तो एनायुम सेपरेट हो जाते हैं तो जो लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ़ इलेक्ट्रोलाइट होता है वह सम हो जाता है इंडिविजुअल कंट्रीब्यूशन ऑफ़ कटाय एंड एनायतो लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ़ इलेक्ट्रोलाइट कैन बी रिप्रेजेंटेड एज़ द सम ऑफ़ इंडिविजुअल कंट्रीब्यूशन ऑफ़ एनाइए कटाय ऑफ़ द इलेक्ट्रोलाइट चाहे स्ट्रांग और वीक इलेक्ट्रोलाइट है जैसे हमारे पास यहां पे एग्जांपल है लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ़ लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ़ na2s o4 किसके इक्वल हो जाएगा यहां पे ट्वाइंटों क्टिस 42 नेगेटिव नेक्स्ट क्वेश्चन है कैलकुलेट द लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ mgcl2 लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी का वैल्यू दिया है mg2 प और c नेगेटिव आयन का 106 c1 सेमी स् पर मोल एंड 76.6 सीम सेमी स् पर मोल रिस्पेक्टिवली 202122 का क्वेश्चन है हमें पता है लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ mgcl2 किसके इक्वल होता है लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ़ mg2 + प् ट् वाइस ऑफ़ लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ़ cl-cl क्या है ट् वाइस है वैल्यू सब्सीट्यूट करेंगे mg6 ट् वाइस ऑफ़ cl6 3 तो 106 + 152.5 ऐड करेंगे तो हमारा फाइनल आंसर आ जाएगा लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ़ mgcl2 25.6 स1 सेमी स् पर मोल नेक्स्ट है एप्लीकेशन ऑफ कॉलरेस लॉ पहला है कैलकुलेशन ऑफ लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ वीक इलेक्ट्रोलाइट वीक इलेक्ट्रोलाइट की जो लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी है वो आप ग्राफ से पता नहीं कर सकते बट हम क्या कर सकते हैं नॉलेज ऑफ लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ़ स्ट्रांग इलेक्ट्रोलाइट जो स्ट्रांग इलेक्ट्रोलाइट है उसका हम लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ग्राफ से पता कर सकते हैं तो उसी नॉलेज को यूज़ करके हम लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ वीक इलेक्ट्रोलाइट पता करेंगे सपोज हमारे पास वीक इलेक्ट्रोलाइट है एसिटिक एसिड तो लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ एसिटिक एसिड विल बी इक्वल टू अगर हम कॉलरेस लॉ की बात करें चाहे स्ट्रांग और वीक इलेक्ट्रोलाइट है दैट विल बी इक्वल टू द लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ ch3coo नेगेटिव प्लस लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ h+ क्योंकि ये कंप्लीट डिसोसिएशन हो जाती है चाहे स्ट्रांग हो या वीक इलेक्ट्रोलाइट हो इन फाइना इट डाइल्यूशन में तो लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ़ एसिटिक एसिड को पता करने के लिए हम यह तीन स्ट्रंग इलेक्ट्रोलाइट यूज़ करेंगे सबसे पहले ना हम ना जो कॉमन आयन है ना वो वाला इलेक्ट्रोलाइट ऐड करते हैं जैसे लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ ch3coona इसमें ch3coo नेगेटिव कॉमन था तो ये ऐड किया प्लस लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ hcl-insys लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ़ h+ मोलर कंडक्टिविटी ऑफ़ c नेगेटिव लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ़ na0 माइनस लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ cl-cl कैंसिल हो जाएगा और हमें इसका लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी मिल जाएगा तो लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ़ ch3cooh इज इक्वल टू द ल न ऑफ ch3co नेगेटिव + ल न ऑफ h+ तो वीक इलेक्ट्रोलाइट का ना हम स्ट्रांग इलेक्ट्रोलाइट से लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी पता कर सकते हैं सेकंड एप्लीकेशन ऑफ कलरेज लॉ है कैलकुलेशन ऑफ डिग्री ऑफ डिसोसिएशन ऑफ वीक इलेक्ट्रोलाइट जो वीक इलेक्ट्रोलाइट है वो कंप्लीट डिसोसिएट नहीं होता वो ना इक्विलियम बना देता है अपने आइंस के साथ तो उसमें हम डिग्री ऑफ डिसोसिएशन अल्फा निकाल सकते हैं इस इक्वल टू ल m / लन m ल m क्या होता है मोलर कंडक्टिविटी ऑफ सॉल्यूशन एट एनी कंसंट्रेशन डिवाइडेड बाय लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी क्या होता है मैक्सिमम मोलर कंडक्टिविटी ऑफ़ ए सॉल्यूशन एट इंफाइटिंग कर सकते हैं थर्ड है कैलकुलेशन ऑफ डिसोसिएशन कांस्टेंट सपोज हमारे पास एसिटिक एसिड है वीक इलेक्ट्रोलाइट है डिसोसिएट करके ch3co - + h+ यहां पे इक्विलियम है इनिशियल कंसंट्रेशन इसका c है c होता है मोल्स पर लीटर कंसंट्रेशन तो ये दोनों ज़ीरो होगा अल्फा क्या होगा डिग्री ऑफ़ डिसोसिएशन सो आफ्टर सम टाइम ना ये बन जाएगा c अफ ये c अफ और इसकी वैल्यू बन जाएगी c - c अ तो k इक्वल टू प्रोडक्ट का कंसंट्रेशन डिवाइड बाय रिएक्टेंट का कंसंट्रेशन यहां पे c अल्फा का होल स्क्वा c ब्रैकेट में 1 - अल्फा तो इसे आप कैलकुलेट करोगे तो आपको डिसोसिएशन कांस्टेंट मिल जाएगा c अफ स् 1 - अफ और हमें पता है अल्फा का वैल्यू क्या होता है मोलर कंडक्टिविटी बाय लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी आप वैल्यू को यहां पे क्या करोगे सब्सीट्यूट करोगे तो हमारा k बन जाएगा c ल m स् लन m ब्रैकेट में लन m - ल m तो इससे भी हम डिसोसिएशन कांस्टेंट कैलकुलेट कर सकते हैं नेक्स्ट क्वेश्चन है द कंडक्टिविटी ऑफ़ 0.001 मोल पर लीटर सॉल्यूशन ऑफ़ एसिटिक एसिड इज 3.90 10 पा -5 सीमन पर सेमी कैलकुलेट इट्स मोलर कंडक्टिविटी एंड डिग्री ऑफ़ डिसोसिएशन हमें दिया है लन ऑफ h+ 3496 सीम सेमी स् पर मोल लन ऑफ़ ch3coo नेगेटिव 40.9 स1 सेमी स् पर मोल 2020 122 का क्वेश्चन है तो हमें ना इसमें मोलर कंडक्टिविटी और डिग्री ऑफ डिसोसिएशन बताना है सबसे पहले कंडक्टिविटी दिया हुआ है 3.90 10 पा -5 सीम पर सेंटीमीटर और कंसंट्रेशन जो है वो मोलेरिटी की फॉर्म में होता है 0.001 मोल पर लीटर हमें पता है मोलर कंडक्टिविटी किसके इक्वल होता है कंडक्टिविटी * 1000 / बा मोलेरिटी तो कंडक्टिविटी यहां आ जाएगा 3905 10 पा -5 * 1000 डिवाइडेड बाय कंसंट्रेशन 0.001 तो हमारा यहां पे आंसर आ जाएगा 39.0 स1 सेमी स् पर मोल नेक्स्ट हमें क्या पता करना है लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी क्योंकि हमें पता है जो अल्फा है वो होता है मोलर कंडक्टिविटी बाय लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी मोलर कंडक्टिविटी पता चल गया तो हम लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी पता करेंगे कॉल रेश लॉ यूज़ करेंगे दैट विल बी इक्वल टू लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ़ h+ प्लस लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी ऑफ़ ch3coo नेगेटिव वैल्यू दिया हुआ है यह 3496 प् 40.9 ऐड करेंगे बन जाएगा 3905 सीम सेमी स् पर मोल तो डिग्री ऑफ़ डिसोसिएशन होगा मोलर कंडक्टिविटी बाय लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी मोलर कंडक्टिविटी है 39.0 लिमिटिंग मोलर कंडक्टिविटी है 3905 तो हमारा डिग्री ऑफ़ डिसोसिएशन अल्फा आ जाएगा 0.1 नेक्स्ट हम बात करेंगे इलेक्ट्रोलिटिक सेल एंड इलेक्ट्रोलिसिस की द प्रोसेस ऑफ केमिकल डीकंपोजिशन ऑफ़ द इलेक्ट्रोलाइट जो इलेक्ट्रोलाइट है उसकी डीकंपोजिशन हो सकती है बाय पैसेज ऑफ इलेक्ट्रिसिटी थ्रू इट्स मोल्टन फॉर्म तो इलेक्ट्रोलाइट मोल्टन फॉर्म में भी हो सकता है मतलब मेल्टेड फॉर्म में और इट्स डिजॉल्वेशन में भी हो सकता है उसकी जब हम डीकंपोजिशन करेंगे तो उसे इलेक्ट्रोलिसिस कहते हैं और जिस डिवाइस में प्रोसेस ऑफ इलेक्ट्रोलिसिस होता है उसे इलेक्ट्रोलिटिक सेल कहते हैं हमारे पास एक सिंपल इलेक्ट्रोलिटिक सेल है दो कॉपर का जो स्ट्रिप है वो डिप किया गया है कॉपर सल्फेट सॉल्यूशन में एक कॉपर का स्ट्रिप इंपोर है यह कॉपर का स्ट्रिप प्योर होता है जो इंपोर स्ट्रिप है ना हमने ना यहां पे ना डीसी वोल्टेज के साथ कनेक्ट करते हैं इंपोर स्ट्रिप ना पॉजिटिव टर्मिनल के साथ कनेक्टेड होता है तो वो एनोड बनाता है और जो नेगेटिव टर्मिनल के साथ कनेक्ट होता है वो कैथोड होता है तो ये इंपोर ये प्योर है अब एनोड पे याद रखना ऑक्सीडेशन होता है ये जो बैटरी है यहां से इलेक्ट्रॉन लेगा तो कॉपर सॉलिड कन्वर्ट इनटू कॉपर 2+ तो एक्वास फॉर्म में कन्वर्ट हो जाता है दो इलेक्ट्रॉन यहां पे मूव करते हैं तो इसका साइज डिक्रीज होता है वेयर एज कैथोड में क्या होता है जो कॉपर 2 प्लस सॉल्यूशन में है वो दो इलेक्ट्रॉन गेन करके यहां पे जाता है तो यहां पे साइज डिक्रीज हो रहा है यहां पे साइज इंक्रीज हो रहा है और यहां पे जो भी इंप्योरिटीज है वो सॉल्यूशन में या तो डिजॉल्ड्रिंग तो इंपोर कॉपर जो है व हाई प्योरिटी कॉपर बनाता है और जो प्योर कॉपर है वो डिपॉजिट हो जाता है कैथोड में तो इट्स ए टाइप ऑफ इलेक्ट्रोलिटिक सेल नेक्स्ट है क्वांटिटेशन एस्पेक्ट्स ऑफ इलेक्ट्रोलिसिस इसमें पहला हम बात करेंगे फेरडे फर्स्ट लॉ ऑफ इलेक्ट्रोलिसिस यह हमें बताता है द अमाउंट ऑफ केमिकल रिएक्शन व्हिच अकर एट एनी इलेक्ट्रोड तो कितना केमिकल रिएक्शन हो रहा है एट एनी इलेक्ट्रोड ड्यूरिंग इलेक्ट्रोलिसिस बाय ए करंट इज प्रोपोर्शनल टू द क्वांटिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी पास थ्रू द इलेक्ट्रोलाइट तो आप कितना क्वांटिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी पास कर रहे हो इलेक्ट्रोलाइट से तो उतना अमाउंट ऑफ केमिकल रिएक्शन होता है एट एनी इलेक्ट्रोड ड्यूरिंग इलेक्ट्रोलिसिस तो अगर आप ज्यादा इलेक्ट्रिसिटी पास करोगे तो ज्यादा केमिकल रिएक्शन होगा और अगर आप कम इलेक्ट्रिसिटी पास करोगे तो कम केमिकल रिएक्शन होगा एट एनी इलेक्ट्रोड इसे हम मेजर कैसे करते हैं हम मेजर करते हैं w से मास ऑफ सब्सटेंस डिपॉजिटेड तो अगर आप ज्यादा इलेक्ट्रिसिटी पास करोगे तो ज्यादा मास ऑफ सब्सटेंस डिपॉजिट होगा एट द इलेक्ट्रोड दैट इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू द q q होता है चार्ज अगर आपने ज्यादा चार्ज पास किया तो ज्यादा सब्सटेंस डिपॉजिट होगा और जो q है वो है क्वांटिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी कूलम में और हमें पता है जो q है दैट इज इक्वल टू आ करंट इंटू टाइम करंट एंपियर में लेंगे टाइम हम सेकंड्स में लेंगे इसको अगर आप इक्वेट कर लोगे तो w = z z क्या होता है इलेक्ट्रोकेमिकल इक्विवेलेंट होता है और z की वैल्यू होती है इक्विवेलेंट वेट ऑफ द सब्सटेंस डिवाइडेड बाय 96500 जो इक्विवेलेंट वेट होता है दैट इज इक्वल टू एटॉमिक मास जिसे हम मोलर मास भी कहते हैं उस एलिमेंट का डिवाइडेड बाय नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन गेन बाय आयन इसे हम n से भी रिप्रेजेंट करते हैं ठीक है अब इक्विवेलेंट वेट की बात करते हैं हमारे पास जैसे तीन आयस हैं सोडियम प्लस मैग्नीशियम 2 प् है एंड एलुमिनियम हमारे पास 3+ है ठीक है अब जो सोडियम है ना इसका एटॉमिक मास क्या होता है 23 होता है मैग्नीशियम का होता है 24 एलुमिनियम का कितना होता है 27 होता है नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन गेन सोडियम कितना इलेक्ट्रॉन गेन करेगा एक इलेक्ट्रॉन गेन करेगा तो इसका इक्विवेलेंट वेट हो जाएगा 23 मैग्नीशियम दो इलेक्ट्रॉन गेन करेगा इसका इक्विवेलेंट वेट हो जाएगा 24 / 2 12 हो जाएगा वेयर एज जो एलुमिनियम है तीन इले इलेक्ट्रॉन गेन करेगा ये हो जाएगा 27 / 3 ये 9 हो जाएगा तो हम क्या कर सकते हैं z की वैल्यू सब्सीट्यूट कर सकते हैं तो z की वैल्यू यहां पे डालेंगे इक्विवेलेंट वेट डिवाइड बा 96500 और इक्विवेलेंट वेट किसके इक्वल होता है एटॉमिक मास और मोलर मास डिवाइडेड बाय n नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन गेन तो ये हमारा फार्मूला बन जाएगा w = ए सॉल्यूशन ऑफ n3 टवा इज इलेक्ट्रोलाइज्ड बिटवीन प्लैटिनम इलेक्ट्रोड यूजिंग ए करंट ऑफ 5 एंपियर फॉर 20 मिनट्स व्हाट मास ऑफ निकल विल गेट डिपॉजिट एट द कैथोड यह हमें बताना है एटॉमिक मास दिया है निकल का 58.6 ग्रा पर मोल और 1 फेरेड दिया है 96500 कूलम पर मोल 2014 का क्वेश्चन है सबसे पहले करंट दिया हुआ है 5 एंपियर दिया टाइम दिया है 20 मिनट्स इसे हमें सेकंड्स में कन्वर्ट करना है तो 20 * 60 1200 सेकंड्स होगा मोलर मास की बात करेंगे m हो जाएगा 58.6 ग्राम पर मोल होगा अब इसमें क्या हो रहा है जो निकल है ना यह प्रेजेंट है n3 टवा तो जब इसे आप सॉल्यूशन में डालोगे ना तो no3 -1 होता है और निकल क्या होता है + 2 की फॉर्म में होता है तो निकल + 2 दो इलेक्ट्रॉन गेन करके बनाएगा निकल सॉलिड तो n इसमें 2 हो जाएगा हमें फर्मूला पता है मास ऑफ द सब्सटेंस डिपॉजिटेड इज इक्वल टू मोलर मास आ / बा n 96500 मोलर मास कितना दिया है 58.6 करंट कितना दिया हुआ है 5 एंपर टाइम कितना है 1200 सेकंड दिया हुआ है और n क्या है नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन गेड बाय ni2 + दो इलेक्ट्रॉन गेन के * 96500 आप इसको कैलकुलेट कर लोगे तो आपको फाइनल आंसर मिल जाएगा मास ऑफ निकल डिपॉजिटेड इज इक्व 1.82 5 ग्रा नेक्स्ट क्वेश्चन में हम बिना फार्मूला यूज़ किए भी चार्ज निकाल सकते हैं हमें दिया हाउ मच चार्ज इज रिक्वायर्ड फॉर द रिडक्शन ऑफ 1 मोल ऑफ zn20 n 2015 का क्वेश्चन है हमें पूछा कितना चार्ज रिक्वायर्ड है अगर हमें 1 मोल ऑफ zn20 को zn20 है हमारे पास अगर एक आयन है तो यह दो इलेक्ट्रॉन गेन करके 1 मोल ऑफ इलेक्ट्रॉन का चार्ज क्या होता है 1 फेडे होता है व्हिच इज 96500 तो यहां पे हम 2 मोल ऑफ इलेक्ट्रॉन ले रहे हैं तो हमें 2 फैराडे चार्ज की रिक्वायरमेंट होगी तो 1 मोल ऑफ zn20 रिक्वायर 2 फेडे ऑफ चार्ज 2 फैराडे चार्ज कितना होता है 2 * 96500 19300 कूलम हमारा आंसर होगा नेक्स्ट है हाउ मच चार्ज इन टर्म्स ऑफ फेडे इज रिक्वायर्ड टू रिड्यूस 1 मोल ऑफ mno4 नेटिव टू mn2 प तो हम ना पहले ना इक्वेशन बना लेंगे mno4 - mn2 प बना रहा है इसका हम ऑक्सीडेशन नंबर निकालेंगे mn1 - ऑक्सीजन का -2 * 4 ओवरऑल चार्ज -1 है सो x = + 7 तो ये -8 हो जाएगा इस तरफ + 7 तो यहां पे + से चार्ज था यहां पे + 2 है तो कितना रिडक्शन हो रहा है यहां पे ये पांच इलेक्ट्रॉन गेन कर रहा है mnnit.ac.in mno4 नेगेटिव दिया है तो हमें 5 मोल ऑफ इलेक्ट्रॉन की रिक्वायरमेंट है और चार्ज ऑफ 5 मोल ऑफ इलेक्ट्रॉन कितना होता है 5 फेडे होता है तो फ फेडे ऑफ़ चार्ज इज रिक्वायर्ड टू रिड्यूस 1 मोल ऑफ़ mno4 नेगेटिव टू mn2 प तो ये हमारा आंसर होगा नेक्स्ट है फेरडे सेकंड लॉ ऑफ इलेक्ट्रोलिसिस सपोज हमारे पास डिफरेंट इलेक्ट्रोलिटिक सॉल्यूशन है और आपने सेम क्वांटिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी पास किया है तो अमाउंट ऑफ डिफरेंट सब्सटेंस लिबरे बाय द सेम क्वांटिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी पासिंग थ्रू द इलेक्ट्रोलिटिक सॉल्यूशन तो आपके पास डिफरेंट इलेक्ट्रोलिटिक सॉल्यूशन है आपने सेम क्वांटिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी सबसे पास किया है तो अमाउंट ऑफ डिफरेंट सब्सटेंस जो लिब्रेट हुआ है दे आर प्रोपोर्शनल टू देयर केमिकल इक्विवेलेंट वेट इसका मतलब क्या सपोज हमारे पास सब्सटेंस वन एंड टू है तो वेट ऑफ सब्सटेंस वन डिपॉजिटेड डिवाइड बाय वेट ऑफ सेकंड इसका जो रेशो है दैट विल बी इक्वल टू रेशो ऑफ देयर केमिकल इक्विवेलेंट वेट तो केमिकल इक्विवेलेंट वेट ऑफ़ वन डिवाइड बाय केमिकल इक्विवेलेंट वेट ऑफ़ सेकंड तो ये इक्वल होगा का इक्विवेलेंट वेट क्या होता है एटॉमिक मास ऑफ मेटल डिवाइडेड बाय नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन रिक्वायर्ड टू रिड्यूस द कटान एग्जांपल से देखते हैं तो सोडियम प्लस की फॉर्म में होता है मैग्नीशियम 2+ एलुमिनियम 3+ की फॉर्म में होता है इक्विवेलेंट वेट की बात करेंगे सोडियम का होता है 23 / 1 मैग्नीशियम 2 प्स की फॉर्म में है 24 / 2 एलुमिनियम का 3 प् होता है 27 / 3 तो 23 12 एंड 9 होगा अगर सपोज आपने 1 फेडे ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी पास किया तो यह 23 ग्राम डिपॉजिट हो जाएगा यह 12 ग्रा डिपॉजिट होगा और यह 9 ग्रा डिपॉजिट होगा ठीक है तो यह रेशो हो जाएगा 23 12 9 जो इक्विवेलेंट वेट का रेशो है सपोज आपने 2 फेडे ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी पास किया तो ये ट्वाइंटों ये जो रेशो है दैट विल बी इक्वल टू द रेशो ऑफ़ देयर वेट डिपॉजिटेड एट द कैथोड नेक्स्ट क्वेश्चन है व्हेन ए स्टेडी करंट ऑफ़ 2 एंपियर वाज पास्ड थ्रू टू इलेक्ट्रोलिटिक सॉल्यूशन a एंड b कंटेनिंग इलेक्ट्रोलाइट znso4 cuso4 कनेक्टेड इन सीरीज़ तो हमारे पास ना दो इलेक्ट्रोलाइट है a एंड b हमारे सेल हैं और उनमें इलेक्ट्रोलाइट है znso4 cuso4 कनेक्टेड इन ए सीरीज सीरीज़ का मतलब क्या है सेम अमाउंट ऑफ इलेक्ट्रिसिटी पास हो रहा है तो करंट 2 एंपियर दोनों से पास हो रहा है जो 2 ग्रा है ना कॉपर का वो डिपॉजिट हुआ कैथोड में ऑफ सेल बी हाउ लॉन्ग डिड द करंट फ्लो तो हमें टाइम बताना है कि कितना लॉन्ग करंट फ्लो हुआ और साथ में हमें बताना है मास ऑफ जिंक डिपॉजिट एट द कैथोड ऑफ सेल a तो जिंक कितना डिपॉजिट हुआ एटॉमिक मास कॉपर का दिया है 63.5 ग्रा पर मोल जिंक का दिया 65 ग्रा पर मोल 1 फेरेड दिया है 96500 कूलम पर मोल ठीक है सबसे पहले हम निकालेंगे हाउ लॉन्ग डिड द करंट फ्लो मास ऑफ कॉपर डिपॉजिटेड टू ग्राम था करंट था 2 एंपियर और हमें पता है जो कॉपर 2+ है व दो इलेक्ट्रॉन लेके कॉपर सॉलिड बनाएगा क्योंकि cso2 जब डिसोसिएट होता है तो कॉपर 2 प् बनता है तो w = mit's लॉ में पढ़ा था फर्स्ट लॉ ऑफ फैराडे में w हो जाएगा 2 ग्रास मास कितना है कॉपर का 63.5 करंट है 2 एंपियर टाइम हमें निकालना है n कितना है दो इलेक्ट्रॉन ले रहा है 2 96500 फेडे होता है ठीक है तो टाइम निकाल लेंगे उधर जाएगा 2 * 2 96500 63.5 2 2 कैंसिल हो जाएगा इसे आप कैलकुलेट करोगे तो आपको टाइम मिलेगा सेकंड में 340 सेकंड नेक्स्ट हमें पता करना है व्हाट मास ऑफ़ जिंक वाज डिपॉजिट एट द कैथोड ऑफ सेल a सेकंड लॉ ऑफ इलेक्ट्रोलिसिस हमें पता है मास ऑफ़ जिंक डिपॉजिटेड डिवाइडेड बाय मास ऑफ़ कॉपर डिपॉजिटेड किसके इक्वल हो जाएगा इक्विवेलेंट वेट ऑफ़ जिंक डिवाइडेड बाय इक्विवेलेंट वेट ऑफ़ कॉपर मास ऑफ़ जिंक डिपॉजिटेड हमें बताना है मास ऑफ़ कॉपर डिपॉजिटेड हमें पता है टू ग्रा इक्विवेलेंट वेट ऑफ जिंक कितना होता है जो जिंक है वह भी zn20 की फॉर्म में है दो इलेक्ट्रॉन गेन करता है तो ये हो जाएगा 65 / 2 इक्विवेलेंट वेट ऑफ़ कॉपर कितना हो जाएगा 63.5 / 2 2 2 कैंसिल कर सकते हैं तो मास ऑफ जिंक डिपॉजिटेड हो जाएगा 65 * 2 / 63.5 तो मास ऑफ जिंक डिपॉजिटेड एट कैथोड ऑफ सेल a हो जाएगा 2.04 7 ग्रास नेक्स्ट है प्रोडक्ट ऑफ इलेक्ट्रोलिसिस प्रोडक्ट ऑफ इलेक्ट्रोलिसिस डिपेंड करता है नेचर ऑफ मटेरियल इलेक्ट्रोलाइट्स कि हमने क्या इलेक्ट्रोलाइट लिया है उसके नेचर पे डिपेंड करता है हमारा क्या प्रोडक्ट होगा इलेक्ट्रोलिसिस का आल्सो ये डिपेंड करता है टाइप ऑफ इलेक्ट्रोड आपने क्या यूज़ किया है अगर सपोज इलेक्ट्रोड इनर्ट है मतलब वो रिएक्टिव नहीं है जैसे गोल्ड और प्लैटिनम दे डू नॉट पार्टिसिपेट इन केमिकल रिएक्शन तो केमिकल रिएक्शन में ये पार्टिसिपेट नहीं करते एक्ट एज ए सोर्स और सिंक फॉर इलेक्ट्रॉन तो इसमें जो इलेक्ट्रॉन हैं वो प्रेजेंट होते हैं तो क्या होता है इलेक्ट्रोलाइट में जो आयस है वो इलेक्ट्रॉन गेन कर सकते हैं बट ये खुद इसमें रिएक्शन नहीं होती है इफ इलेक्ट्रोड इज रिएक्टिव सपोज इलेक्ट्रोड रिएक्टिव है वो पार्टिसिपेट करता है इलेक्ट्रोड की रिएक्शन में सो दैट्ची रिएक्शन हो सकता है आर स्लो काइनेटिकली बट इनकी जो स्पीड है ना काफी ज्यादा स्लो होता है लोअर वोल्टेज पे तो हमें ना हाई वोल्टेज देना पड़ता है ताकि यह रिएक्शन फास्ट हो पाए तो जो हायर वोल्टेज हम देते हैं उसे एक्स्ट्रा पोटेंशियल और इसे हम ओवर पोटेंशियल कहते हैं उसे हमें अप्लाई करना पड़ता है और यह जो रिएक्शंस होती हैं दे आर स्लो प्रोसेस आर मोर डिफिकल्ट टू अकर तो ये काफी डिफिकल्ट है अकर करना सो दैट्ची नेगेटिव आयस प्रेजेंट होगा इसकी इलेक्ट्रोलिसिस करेंगे तो एनोड पे क्या होता है जो वो क्या करता है ऑक्सीडेशन करता है cl2 cl2 प् इलेक्ट्रॉन क्या करता है ये रिलीज करता है वेरस कैथोड पे जो सोडियम है वो इलेक्ट्रॉन गेन करके क्या करता है रिडक्शन करता है तो हमारा सोडियम बनता है बट अगर हमारे पास एक्वास naclo3 ए2 इतने सारे प्रोडक्ट इसलिए बनते हैं क्योंकि एक्स उसका h+ एंड नेगेटिव भी होता है अब कैथोड में ना दो तरह की रिएक्शन हो सकती है एक हो सकता है जो na5 है वो इलेक्ट्रॉन गेन करके सोडियम बना सकता है इसका नोट है - 2.71 वोल्ट वेयर एज h+ भी इलेक्ट्रॉन गेन करके हाफ h2 गैस बना सकता है इसका e नो 0 वोल्ट तो याद रखना रिएक्शन विद हायर वैल्यू ऑफ e नो इज प्रेफर्ड तो कैथोड में ना जिसका नोट का ज्यादा वैल्यू है वो उतना इजी क्या कर सकता है रिडक्शन करता है तो उसकी वैल्यू क्या होती है प्रेफर्ड होती है है तो h+ एक इलेक्ट्रॉन गेन करके हाफ h2 गैस बनाएगा तो यह रिएक्शन प्रेफर्ड है क्योंकि इसका e न का वैल्यू ज्यादा है बट जो h+ है वो कैसे आया था वो प्रोड्यूस हुआ था डिसोसिएशन ऑफ वाटर से तो डिसोसिएशन वाटर होता है h2o लिक्विड रिजल्ट इन फॉर्मेशन ऑफ h+ एक्वास नेगेटिव एक्वास अब हमें क्या करना है ओवरऑल रिएक्शन शो करना है तो दोनों रिएक्शन को हम क्या करेंगे ऐड करेंगे तो नेक्स्ट रिएक्शन ऑफ कैथोड क्या हो जाएगा h+ h+ कैंसिल हो जाएगा तो h2o लिक्विड ् 1 इलेक्ट्रॉन रि ट इन फॉर्मेशन ऑफ 1/2 h2 + oh1 एट एनोड ना ऑक्सीडेशन रिएक्शन होता है दो ऑक्सीडेशन हो सकता है c नेगेटिव एक्वास रिजल्ट इन फॉर्मेशन ऑफ हाफ cl2 गैस प्लस इलेक्ट्रॉन न इसका है 1.36 वोल्ट सिमिलरली ट् वाइस h2o लिक्विड रिजल्ट इन फॉर्मेशन ऑफ o2 गैस 4 h+ एक्वास + 4 इलेक्ट्रॉन नोट है 1.23 वोल्ट तो दो रिएक्शन हो सकता है अब इसमें प्रेफर कौन सा होगा रिएक्शन एट एनोड विद लोअर वैल्यू ऑफ e न इज प्रेफर्ड जब दो रिएक्शन हो रहा है ना एनोड पे तो जिसका लोअर वैल्यू ऑफ e न है वो इजली ऑक्सीडेशन कर सकता है अगर आप दोनों को देखोगे सेकंड वाले का जो वैल्यू है वो कम है तो सेकंड रिएक्शन प्रेफर्ड होना चाहिए बट ड्यू टू ओवर पोटेंशियल ऑफ ऑक्सीजन बट जो सेकंड रिएक्शन है ना काफी ज्यादा स्लो होता है तो इसे अगर आपको फास्ट करना है तो आपको ओवर पोटेंशियल एक्स्ट्रा पोटेंशियल देना पड़ता है तो ये जो पोटेंशियल है ना इस पोटेंशियल को क्रॉस कर जाता है जब आप ओवर पोटेंशियल देते हो सो दैट्ची बना रहा है 1/2 cl2 प् इलेक्ट्रॉन अगर आप सबको ऐड कर लोगे तो हमारा नेट रिएक्शन बन जाएगा naclo4 इलेक्ट्रॉन इलेक्ट्रॉन कैंसिल हो जाएगा बनेगा हमारा na0 एक्स नेगेटिव एक्वास 1/2 h2 1/2 cl2 इन दोनों को कंबाइन करके आप na1 है ड्यूरिंग इलेक्ट्रोलिसिस ऑफ सल्फ्यूरिक एसिड अगर आपके पास सल्फ्यूरिक एसिड है उसकी इलेक्ट्रोलिसिस करते हो तो याद र ना जो कैथोड है उसपे h+ इलेक्ट्रॉन गेन करके ना हाफ h2 हाइड्रोजन गैस रिलीज होता है वेयर एज एनोड यह डिपेंड करता है अगर आपके पास डाइल्यूट h2so 4 है तो इसमें क्या होता है एट द एनोड जो वाटर है लिक्विड रिजल्ट इन फॉर्मेशन ऑफ o2 4 h+ + 4 इलेक्ट्रॉन न होता है 1.23 वोल्ट वेयर एज अगर आपके पास कंसंट्रेटेड h2so 4 है तो एनोड पे क्या रिएक्शन होता है so4 2 नेगेटिव रिजल्ट इन फॉर्मेशन ऑफ s2o 8 2 नेगेटिव + 2 इलेक्ट्रॉन और इसका नो होता है 1.96 वोल्ट नेक्स्ट है बैटरीज ये एक सेल होता है और बैटरी दैट वी एंप्लॉय एज ए सोर्स ऑफ इलेक्ट्रिकल एनर्जी तो बैटरीज को हम सेल भी कहते हैं तो इससे ना हमें इलेक्ट्रिकल एनर्जी मिलता है और ये बेसिकली क्या होता है एक कैल्वेट सेल होता है अब जो केमिकल एनर्जी होती है ना रेडॉक्स रिएक्शन से वो इसमें कन्वर्ट होता है इलेक्ट्रिकल एनर्जी में अब जो बैटरी होना चाहिए ना रीजनेबली लाइट ये लाइट होना चाहिए है ही है और इसका जो वोल्टेज है शुड नॉट वेरी एप्रिसिएशन नहीं करना चाहिए तो वो कांस्टेंट रहना चाहिए अगर हम बात करें दो तरह की बैटरीज होती हैं सबसे पहला है प्राइमरी बैटरीज दिस टाइप ऑफ बैटरीज बिकम डेड ओवर ए पीरियड ऑफ टाइम तो जब आप इस तरह की बैटरी को यूज़ करते हो ओवर ए पीरियड ऑफ टाइम ये डेड हो जाता है मतलब इसका वोल्टेज जीरो हो जाता है एंड केमिकल रिएक्शन स्टॉप तो जो भी इसमें केमिकल रिएक्शन होता है है वो स्टॉप हो जाता है दे कैन नॉट बी रिचार्ज तो इसे हम वापस रिचार्ज नहीं कर सकते और यूज्ड अगेन तो इसको वापस भी यूज नहीं कर सकते हैं तो प्राइमरी बैटरी को सिर्फ हम एक ही बार यूज कर सकते हैं सबसे पहला प्राइमरी बैटरी है ड्राई सेल इसे हम लेक लां सेल भी कहते हैं इसका साइज ना स्मॉल होता है तो इसे यूज करते हैं ट्रांजिस्टर एंड क्लॉक में सबसे पहले जो सेल है कंसिस्ट करता है जिंक कंटेनर दैट एक्ट एज ए एनोड तो जिंक का कंटेनर होता है जिंक का कप होता होता है तो यह जो कंटेनर कप है यह एनोड की तरह काम करता है इसी में ऑक्सीडेशन होता है नेक्स्ट जो कैथोड है यह कार्बन ग्रेफाइट रॉड है तो कार्बन की रॉड है इन फॉर्म ऑफ ग्रेफाइट सराउंडेड बाय पाउडर मैंगनीज डाइऑक्साइड तो इसे सराउंड करता है मैंगनीज डाइऑक्साइड एंड कार्बन तो ये एज ए कैथोड काम करता है और इसमें ना मैंगनीज डाइऑक्साइड की ही रिडक्शन होती है द स्पेस बिटवीन द इलेक्ट्रोड अब इलेक्ट्रोड्स के बीच में स्पेस है इसे फिल करते हैं बाय मोइस्ट पेस ऑफ अमोनियम क्लोराइड एंड जिंक क्लोराइड अब यह जो अमोनियम क्लोराइड और जिंक क्लोराइड है एज ए इलेक्ट्रोलाइट काम करते हैं तो इसके बीच में भी इलेक्ट्रिसिटी क्या होती है कंडक्ट होती है विद इन द सेल अब रिएक्शन की बात करेंगे एनोड पे ऑक्सीडेशन होता है तो जिंक सॉलिड कन्वर्ट a2 zn20 + 2 इलेक्ट्रॉन वेयर एस कैथोड में क्या होता है रिडक्शन होता है तो mno2 + nh4 प nh4 प कहां से आया nh4cl से + 1 इलेक्ट्रॉन रिजल्ट इन फॉर्मेशन ऑफ़ m + nh3 अगर इसमें m का हम ऑक्सीडेशन नंबर देखें तो यहां पे इसका ऑक्सीडेशन नंबर था + 4 यहां पे + 3 तो क्या हो रहा है इसमें डिग्रीज ऑफ ऑक्सीडेशन नंबर हो रहा है तो इसकी रिडक्शन हो रही है तो मैंगनीज रिड्यूस्ड फ्रॉम + 4 टू + 3 ऑक्सीडेशन स्टेट तो इसकी रिडक्शन हो रही है अब इसमें क्या हो रहा है अमोनिया बन रहा है द अमोनिया प्रोड्यूस्ड इन ए रिएक्शन फॉर्म कॉम्प्लेक्शन z nh34 2+ तो यह कॉम्प्लेक्टेड होता है अराउंड 1.5 वोल्ट्स सेकंड प्राइमरी बैटरी है मरकरी सेल इसका साइज ना काफी स्मॉल होता है और यह सूटेबल होता है फॉर लो करंट डिवाइस जिस डिवाइस में लेस करंट की रिक्वायरमेंट होती है जैसे हेयरिंग एड एंड वॉचेस अगर मरकरी सेल की बात करें इसमें एनोड क्या होता है जो एनोड होता है वह जिंक एंड मरकरी का अमलगम एलॉय ऑफ जिंक एंड मरक ी होता है जिंक की इसमें ऑक्सीडेशन होती है वेरस कैथोड क्या होता है यहां पे पेस्ट ऑफ h एंड कार्बन होता है इसे हम कैथोड कहते हैं इसमें h की रिडक्शन होती है और दोनों के बीच में पेस्ट ऑफ हेल्थ के लिए डेंजरस होता है तो अंदर से इसे सील किया जाता है यूजिंग गैस केट और यहां पे सेपरेटर होता है जो सेपरेटर होता है ना ये पोरस होता है इसमें एक्सचेंज ऑफ आयस होती हैं और ये काम क्या होता है सेपरेटर का ये एनोड और कैथोड को सेपरेट रखता है ताकि एनोड और कैथोड मिक्स ना हो जाए अगर मिक्स हो जाए ना तो शॉर्ट सर्किट होता है तो यहां पे हम सेपरेटर से इसे सेपरेट करते हैं अगर एनोड की बात करें तो यहां पे ऑक्सीडेशन होगा जिंक मरकरी + 2ohm कहां से आया k से आया नेगेटिव रिजल्ट इन फॉर्मेशन ऑफ़ zno2 में + 2 तो इसकी ऑक्सीडेशन हो रही है + h2o + 2 इलेक्ट्रॉन कैथोड में क्या हो रहा है जो hg2 + 2 इलेक्ट्रॉन इसने क्या किया यहां पे रिडक्शन किया hg2 की फॉर्म में था यहां पे ज़ीरो ऑक्सीडेशन नंबर है तो दो इलेक्ट्रॉन गेन किया तो इसकी रिडक्शन हो रही है + 2ohm इलेक्ट्रॉन इलेक्ट्रॉन नेगेटिव नेगेटिव कैंसिल तो हो जाएगा z ए + hg2 + एज लिक्विड अब जो सेल पोटेंशियल है ना इस सेल का एप्रोक्सीमेटली 1.35 वोल्ट होता है एंड रिमन कांस्टेंट ड्यूरिंग इट्स लाइफ और इसका सेल पोटेंशियल कांस्टेंट होता है वेयर जो ड्राई सेल है ना जो हमने अभी पढ़ा था उसका सेल पोटेंशियल ओवर ए पीरियड ऑफ़ टाइम क्या होता है कम होता है और जीरो हो जाता है बट इसका सेल पोटेंशियल क्या रहता है कांस्टेंट रहता है ड्यूरिंग इट्स लाइफ ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जो ओवरऑल रिएक्शन है अगर आप ये ओवरऑल रिएक्शन देखोगे डज नॉट इवॉल्व एनी आइंस यहां पे कोई आइंस इवॉल्व नहीं हो रही है यहां पे सॉलिड सॉलिड था सॉलिड लिक्विड था एनी आयन इन सॉल्यूशन हुज कंसंट्रेशन कैन चेंज हमें नस्ट इक्वेशन में पढ़ा था अगर आप आयन की कंसंट्रेशन चेंज करो ना तो वोल्टेज क्या होती है चेंज होती है बट यहां पे ना कोई आयस इवॉल्व नहीं है ओवरऑल रिएक्शन में सो दैट्ची है सेकेंडरी बैटरीज दिस टाइप ऑफ सेल कैन बी रिचार्ज बाय पासिंग करंट थ्रू इट इन अपोजिट डायरेक्शन तो जो सेकेंडरी बैटरीज है इसे हम बार-बार यूज़ कर सकते हैं इसे हम रिचार्ज कर सकते हैं बाय पासिंग करंट थ्रू इट इन अपोजिट डायरेक्शन तो अगर अपोजिट डायरेक्शन में आप करंट पास करोगे तो यह रिचार्ज हो जाएगा तो इसे हम बार-बार यूज़ कर सकते हैं अगर हम एक गुड सेकेंडरी सेल की बात करें दैट कैन अंडरगो लार्ज नंबर ऑफ डिस्चार्ज इंग एंड चार्जिंग साइकिल तो उसके डिस्चार्ज और चार्जिंग साइकल क्या होंगे काफी ज्यादा होंगे तो वो अच्छा सेकेंडरी सेल होगा सबसे पहला सेकेंडरी सेल की बात करेंगे व्हिच इज लेड स्टोरेज बैटरी ये यूज़ होता है ऑटोमोबिल एंड इनवर्टर्स में सबसे पहले जो एनोड है इसमें लेड एज ए एनोड काम करता है तो इसकी ऑक्सीडेशन होती है कैथोड में क्या होता है ग्रिड ऑफ लेड पैक्ड विद लेड डाइऑक्साइड तो लेड के साथ इसमें लेड डाइऑक्साइड भी प्रेजेंट होता है और लेड डाइऑक्साइड की इसमें क्या होती है रिडक्शन होती है अगर इलेक्ट्रोलाइट की बात करें तो इसमें 30 % सॉल्यूशन ऑफ सल्फ्यूरिक एसिड होता है और जो 38 पर होता है बाय मास होता है तो यह इलेक्ट्रोलाइट की तरह काम करता है अगर हम लेड स्टोरेज बैटरी की बात करें तो एनोड पे नेगेटिव चार्ज होता है लेड ग्रिड जो है फील्ड विद स्पंजी लेड इसमें स्पंजी लेड होता है जिसकी ऑक्सीडेशन होती है वेयर एस कैथोड पे पॉजिटिव चार्ज है लेड ग्रिड फिड विथ pbo2 इसमें pbo2 होता है जिसकी रिडक्शन होती है और हमारा 38 h2so 4 सॉल्यूशन जो इलेक्ट्रो लेड की तरह काम करता है सबसे पहले एनोड पे क्या होता है ये जो लेड है ना कंबाइन करता है so4 2 नेगेटिव ये h2so से आया रिजल्ट इन फॉर्मेशन ऑफ pbso4 + 2 इलेक्ट्रॉन लेड को देखो इसमें ऑक्सीडेशन नंबर ज़ीरो है यहां पे हो जाएगा + 2 तो इसकी क्या हो रही है ऑक्सीडेशन हो रही है वेर एस कैथोड में अगर आप देखोगे यहां पे pbo2 है pbo2 कंबाइन करेगा so4 2 नेगेटिव 4 h+ के साथ प्लसटू इलेक्ट्रॉन रिजल्ट इन फॉर्मेशन ऑफ ट वाइस pbso4 4 + 2 h2o इसमें अगर आप देखोगे यहां पे पब का ऑक्सीडेशन नंबर + 4 है यहां पे + 2 हो गया ऑक्सीडेशन नंबर डिक्रीज हो रहा है तो यहां पे रिडक्शन हो रही है ओवरऑल रिएक्शन देखेंगे इन दोनों रिएक्शन को हम क्या करेंगे ऐड करेंगे इलेक्ट्रॉन इलेक्ट्रॉन कैंसिल हो जाएंगे रिजल्ट इन फॉर्मेशन ऑफ़ pbo2 सॉलिड ट वाइस h2so एक्वास ट् वाइस ऑफ़ pbso4 सॉलिड + 2 h2o लिक्विड तो ओवरऑल क्या हो रहा है जैसे ये रिएक्शन हो रही है h2so 4 की कंसंट्रेशन भी क्या हो रही है डिक्रीज हो रही है तो ये प्रोडक्ट में कन्वर्ट हो रहा है तो ऑन चार्जिंग द बैटरी द रिएक्शन इज रिवर्स तो अगर आप इसे चार्ज करोगे तो ये दोनों रिएक्शन क्या हो जाएंगी रिवर्स हो जाएंगी एनोड और कैथोड दोनों में pbso4 बन रहा था तो क्या होगा एनोड पे जो pbso4 है वो कन्वर्ट हो जाएगा pb2 में pbso4 pbo2 में कन्वर्ट हो जाएगा जब आप इसे क्या करोगे रिवर्स कर दोगे इसकी चार्जिंग करोगे और साथ में क्या होगा h2so 4 की जो कंसंट्रेशन है वो भी वापस इंक्रीज हो जाएगी नेक्स्ट सेकेंडरी बैटरी है निकल कैडमियम बैटरी इसमें एनोड होता है कैडमियम कैथोड होता है मेटल ग्रिड कंटेनिंग nio2 इलेक्ट्रोलाइट k या n ohd3 ओ कहां से आएगा द लेड स्टोरेज बैटरी और यह ज्यादा एक्सपेंसिव होता है एज कंपेयर टू लेड स्टोरेज बैटरी टू मैन्युफैक्चर नेक्स्ट है फ्यूल सेल द कन्वेंशनल मेथड जो मोस्ट कॉमन मेथड है ना जिसमें हम फ्यूल की एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में कन्वर्ट करते हैं तो उसमें क्या होता है द कन्वेंशनल मेथड ऑफ कन्वर्जन ऑफ केमिकल एनर्जी ऑफ ए फ्यूल इनटू इलेक्ट्रिकल एनर्जी इवॉल्व कंबशन ऑफ फ्यूल टू लिब्रेट हीट तो हम ना फ्यूल का कंबशन करते हैं जिससे हीट लिब्रेट होता है द हीट एनर्जी सो प्रोड्यूस इज यूज टू जनरेट स्टीम तो उसी हीट एनर्जी से ना स्टीम जनरेट किया जाता है फॉर स्पिनिंग द टरबाइन और जिससे इलेक्ट्रिसिटी प्रोड्यूस होता है तो थर्मल प्लांट में ये मोस्ट कॉमन मेथड है जिससे हम फ्यूल की एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में कन्वर्ट करते हैं बट ये एक मेजर सोर्स ऑफ पोल्यूशन है बट अभी हम ना फ्यूल सेल भी यूज़ कर सकते हैं तो इसमें क्या होता है द सेल व्हिच कन्वर्ट केमिकल एनर्जी ऑफ ए फ्यूल तो हमारे पास एक ऐसा सेल है जो केमिकल एनर्जी ऑफ फ्यूल को को डायरेक्टली कन्वर्ट करता है इलेक्ट्रिकल एनर्जी में तो इसे फ्यूल सेल कहते हैं और ये एक तरह के गलवानिक सेल होते हैं जिसमें हम फ्यूल यूज कर सकते हैं हाइड्रोजन मिथेन मेथेनॉल इन्हें हम यूज कर सकते हैं रिएक्टेंट आर फेड कंटीन्यूअसली इन द इलेक्ट्रोड तो इलेक्ट्रोड में ना हम रिएक्टेंट ना कंटीन्यूअसली उसमें डालते हैं एंड द प्रोडक्ट आर कंटीन्यूअसली रिमूव फ्रॉम द इलेक्ट्रोलाइट कंपोनेंट और प्रोडक्ट को हम कंटीन्यूअसली रिमूव करते हैं इलेक्ट्रोलाइट के कंपोनेंट से सो एज ए रिजल्ट जो फ्यूल सेल है वो कंटीन्यूअसली वर्क करता रहता है नेक्स्ट है हाइड्रोजन ऑक्सीजन फ्यूल सेल यह जो फ्यूल सेल है ना यह अपोलो स्पेस प्रोग्राम में भी यूज़ किया गया था अब इसमें ना हाइड्रोजन ऑक्सीजन की रिएक्शन होती है और ना वाटर वेपर्स बनते हैं द वाटर वेपर प्रोड्यूस ड्यूरिंग द रिएक्शन उसे कंडेंस किया गया और उसे ऐड किया गया वाटर सप्लाई फॉर एस्ट्रोनॉट अगर फ्यूल सेल की बात करेंगे इसमें क्या होता है पोरस कार्बन के इलेक्ट्रोड्स प्रेजेंट होते हैं और इसमें ना कैटालिस्ट डाला जाता है प्ले मेटल आर इनकॉरपोरेटेड इन द इलेक्ट्रोड तो इलेक्ट्रोड में ना प्लेरियम मेटल डाला जाता है जो कटलिस्ट के तरह काम करता है और वो क्या करता है इंक्रीज करता है रेट ऑफ इलेक्ट्रोड रिएक्शन तो इलेक्ट्रोड की रिएक्शन को फास्टर करता है अब हाइड्रोजन यहां से ऑक्सीजन यहां से बबल किया जाता है थ्रू द इलेक्ट्रोड इनटू द इलेक्ट्रोलाइट अब यहां पे इलेक्ट्रोलाइट लिया जाता है एक्व सॉल्यूशन ऑफ और यहां पे कैथोड प्लस साइन तो कैथोड पे क्या रिएक्शन होता है जो ऑक्सीजन है वह टू वाटर के साथ कंबाइन करके + 4 इलेक्ट्रॉन रिज़ल्ट इन फॉर्मेशन ऑफ़ 4hd क्शन हो रहा है तो कैथोड पे यहां पे पॉजिटिव चार्ज होता है वेयर एज़ एनोड पे 2 h2 + 4ohm मेशन ऑफ़ 4 h2o + 4 इलेक्ट्रॉन तो यहां पे यह एनोड होता है यहां पे ऑक्सीडेशन होता है अगर ओवरऑल रिएक्शन की बात की जाए यहां पे 4 oh-my-zsh फ इलेक्ट्रॉन कैंसिल यहां पे 2 h2o है यहां पे 4 h2o है कैंसिल करोगे तो यहां पे 2 h2o बचेगा तो ओवरऑल रिएक्शन हो जाएगा 2 h2 + o2 रिजल्ट इन फॉर्मेशन ऑफ 2 h2o तो यहां पे h2o बनेगा अगर ओवरऑल एफिशिएंसी की बात की जाए तो कितना परसेंट जो फ्यूल की एनर्जी है वो इलेक्ट्रिसिटी में कन्वर्ट हो रहा है तो इसकी एफिशिएंसी है 70 पर वेयर एज थर्मल पावर प्लांट का जो एफिशिएंसी था वो सिर्फ 40 पर था और यह ना पोल्यूशन फ्री भी होता है नेक्स्ट है कोरोजन द प्रोसेस ऑफ स्लो कन्वर्जन ऑफ मेटल्स तो इसमें ना मेटल स्लोली कन्वर्ट होता है इनटू देयर अनडिजायरेबल कंपाउंड अनडिजायरेबल कंपाउंड में कन्वर्ट होता है यूज वो ऑक्साइड होता है जब उसकी रिएक्शन होती है मॉइश्चर से एंड अदर गैसेस प्रेजेंट इन द एटमॉस्फेयर तो कोरोजन होता है एग्जांपल है रेस्टिंग ऑफ आयरन टनिंग ऑफ सिल्वर डेवलपमेंट ऑफ ग्रीन कोट ऑन सिल्वर एंड ब्रॉज अगर कोरोजन की बात की जाए ना तो इसमें ना मेटल ऑक्सीडो है बाय लॉस ऑफ इलेक्ट्रॉन टू ऑक्सीजन और इसमें उसका ऑक्साइडस बनते हैं सबसे पहला हम बात करेंगे कोरोजन ऑफ आयरन जिसे हम रस्टिंग कहते हैं इसमें क्या होता है जो इंपोर मेटल सरफेस है ना वो बिहेव करता है लाइक ए स्मॉल इलेक्ट्रोकेमिकल सेल तो एक छोटा इलेक्ट्रोकेमिकल सेल की तरह ये बिहेव करता है इन प्रेजेंस ऑफ वाटर कंटेनिंग डिजॉल ऑक्सीजन एंड co2 अब ये जो मॉइश्चर है जिसमें डिजॉल्वेशन एंड co2 है वो कॉन्स्टिट्यूशन करते हैं इलेक्ट्रोलिटिक कंपोनेंट तो हमने अभी पढ़ा ये एक इलेक्ट्रोकेमिकल सेल की तरह बिहेव करता है तो इसमें जो इलेक्ट्रोलाइट है वह क्या है मॉइश्चर जिसमें co2 एंड ऑक्सीजन प्रेजेंट है अगर हम रिएक्शन की बात करेंगे ड्यूरिंग रेस्टिंग एट ए पर्टिकुलर स्पॉट एक पर्टिकुलर स्पॉट पे ऑक्सीडेशन होता है तो एनोड की तरह काम करता है जो fe4 है कन्वर्ट होता है fe2 + 2 इलेक्ट्रॉन में e न ऑफ fe2 + 2fe होता है - 0.44 वोल्ट्स अब ये जो fe2 प आयन जो अभी बने हैं ना दे गो इनटू द सॉल्यूशन हमें पता है वाटर ड्रॉपलेट की फॉर्म में प्रेजेंट हो सकता है तो उस सॉल्यूशन में fe2 प आयन जाते हैं और यह जो इलेक्ट्रॉन लॉस्ट है ना दे आर पुश्ड थ्रू इन द मेटल यह ना मेटल में मूव करते हैं टुवर्ड्स द कैथोडिक साइट अब कैथोड में क्या होता है द रिडक्शन ऑफ डिसोल्व ऑक्सीजन टू h2o तो ऑक्सीजन की रिडक्शन होती है h2o में इन प्रेजेंस ऑफ h+ आयन इन द इलेक्ट्रोलिटिक सॉल्यूशन तो इलेक्ट्रोलिटिक सॉल्यूशन में h+ आयन होती है उसकी प्रेजेंस में o2 h2 में कन्वर्ट होता है तो कैथोड में ऑक्सीजन + 4 h+ + 4 इलेक्ट्रॉन रिजल्ट इन फॉर्मेशन ऑफ़ 2 h2o e0 ऑफ h+ o2 h2o 1.23 वोल्ट अब h+ कहां से आया h+ आयस आर बिलीव्ड टू बी फॉर्म बाय डिसोल्यूशन ऑफ़ co2 तो co2 डिसोल्व कर सकता है वाटर में या अदर एसिडिक ऑक्साइड जैसे so2 no2 ये भी वाटर में डिजॉल्ड्रिंग देखते हैं co2 h2 के साथ ना जब कंबाइन होता है तो h2co 3 हमारा कार्बोनियम होता है जो डिसोसिएट करके h + hco3 नेगेटिव बनाता है तो अगर आपके पास कोई भी क्या है co2 है या अदर एसिडिक ऑक्साइड है तो वाटर में डिजॉल्ड्रिंग तो 2fe सॉलिड + o2 + 4h + एक्वास रिजल्ट इन फॉर्मेशन ऑफ़ 2 fe2 + एक्स 2 h2o लिक्विड और ओवरऑल e न हो जाएगा कैथोड - एनोड तो यह हो जाएगा 1.67 वोल्ट्स जो fe2 प आयन सॉल्यूशन में प्रेजेंट था वह फर्द ऑक्सीडो जाता है फेरिक आयन में बाय एटमॉस्फेरिक ऑक्सीजन और यह फर्द बनाता है रस्ट रस्ट क्या होता है हाइड्रेटेड फेरिक ऑक्साइड fe2 o3 xh2o तो यही हाइड्रेटेड फेरिक ऑक्साइड को रेस्ट कहते हैं नेक्स्ट है प्रिवेंशन ऑफ कोरोजन सबसे पहला है बैरियर प्रोटेक्शन जो बैरियर फिल्म है इट इज इंट्रोड्यूस्ड बिटवीन आयरन एंड एटमॉस्फेरिक ऑक्सीजन एंड मॉ तो जो आयरन है ना उसकी सरफेस पर एक क्या कवरिंग आती है उसे बैरियर फिल्म कहते हैं और वह उसे प्रोटेक्ट करता है एटमॉस्फेरिक ऑक्सीजन एंड मॉइश्चर से अब जो कवरिंग हो सकती है सरफेस ऑफ द मेटल वो या तो पेट हो सकता है या कुछ केमिकल हो सकता है जैसे बिस फिनोल हम क्या कर सकते हैं कवर द मेटल बाय अनदर मेटल तो मेटल को हम दूसरे मेटल से भी कवर कर सकते हैं जैसे s ए मतलब ये नॉन रिएक्टिव होंगे और ये रिएक्टिव भी हो सकते हैं टू सेव द ऑब्जेक्ट तो ये खुद रिएक्ट कर जाएंगे ऑक्सीजन और मॉइश्चर से और मेटल को सेव करेंगे सेकंड मेथड ऑफ प्रिवेंशन है सैक्रिफिशियल प्रोटेक्शन जो सरफेस ऑफ आयरन है उसे कवर किया जाता है बाय मोर एक्टिव मेटल अब ये जो एक्टिव मेटल है दैट लूजस इलेक्ट्रॉन इन प्रेफरेंस ऑफ आयरन हमें पता है जब रस्टिंग होती है ना तो आयरन की सबसे पहले ऑक्सीडेशन होती है तो हम आयरन के साथ ना कुछ ऐसे मेटल लेंगे जो ज्यादा उससे एक्टिव है तो उन मेटल की क्या होगी ऑक्सीडेशन होगी सो एज अ रिजल्ट जो सैक्रिफिशियल इलेक्ट्रोड ऑफ अदर मेटल है जैसे एज टाइप ऑफ वीडियोस आपको बाकी चैप्टर्स के मिल जाएंगे डिस्क्रिप्शन में लिंक मिल जाएगा सी यू इन द नेक्स्ट वीडियो बाय