[संगीत] बिस्मिल्ला रह रहीम अस्सलाम वालेकुम नाजरीन आप ू चैनल देख रहे हैं मैं इमरान खान हूं सबसे पहले जो अफसोस नाक खबर है वह इस्माइल हानिया की शहादत की है इस्माइल हानिया जो है वह एक फलस्तीनी लीडर है और हबास से इनका ताल्लुक था यह 2006 में फलस्तीन के वजीर आजम भी रह चुके हैं जबक 7 में फिर उसके बाद इनकी वजार उजमा खत्म हो गई थी सदर महमूद निजात के हाथों में लेकिन यह इनका बहुत पुराना ताल्लुक है हमास के साथ और यह फलस्तीन की आजादी के लिए बैतुल मकद की आजादी के लिए बड़े अरसे से जद्दोजहद कर रहे हैं 1962 में यह पैदा हुए थे अब लगभग इनकी 62 साल उम्र थी और यह ईरान के दौरे पर आए हुए थे क्योंकि ईरान के नए नौ मुंत सदर की वो जो तकरीब चल रही थी उसके लिए ये ईरान गए थे पाकिस्तान के वजीर आजम शहबाज शरीफ ने भी जाना था लेकिन शहबाज शरीफ साहब जो है वह तबीयत खराब होने की वजह से नहीं जा पाए अब उसके अंदर लोग जो है वोह चीजें ढूंढ रहे हैं कि शायद पाकिस्तान इंटेलिजेंस को पहले पता था तो उन्होंने अपने वजीर आजम को रोक लिया तो उस तकरीब में कुछ नहीं हुआ यह सबको पता होना चाहिए किसी तकरीब के अंदर यह नहीं हुआ लेकिन जब वह रात गए अपने घर पहुंचे जिस घर के अंदर वह कयाम पजीर थे तो वहां पर कातिलाना हमला हुआ है जिसमें इस्माइल हानिया और उनके एक जो सिक्योरिटी गार्ड है यह दो लोग इस वाक के अंदर शहीद हो गए हैं ईरान ने अभी तक तफसील जारी नहीं की और देखि अगर पाकिस्तानी इंटेलिजेंस को पहले से पता होता तो वो कम से कम ईरान को तो आगाह कर देते ना तो पाकिस्तान के लिए तो ज्यादा इंपॉर्टेंट ये है कि एक मुस्लिम लीडर जिसकी शहादत के ऊपर पाकिस्तान को अफसोस भी है और पाकिस्तान ने उसके लिए एतजाज भी किया मजम्मत भी की और पाकिस्तानी सियासी जमात उसपे फ्यूचर में एतजाज करने का ऐलान भी कर चुकी है और उनका गाय बाना नमाज जनाजा पाकिस्तान में पढ़ाया भी जा रहा है तो पाकिस्तान जरूर आगाह करता अगर कोई ऐसी बात होती इस तरह की चीजें जो है या इस तरह की चीजें उनको फैलाना नहीं चाहिए कुछ लोग तो इसको यूं बता रहे हैं कि जैसे वजीर आजम की जान बचा के बड़ा कारनामा किया गया एक्चुअली ऐसा नहीं है अ इसक डार साहब लिबान गए हुए हैं वहां पे अब यह जो एक तकरीब थी उसके अंदर वो शामिल हुए और वहां वो सबकी निगाहों का मरकज भी थे इस्माइल हानिया और उनकी कुछ वीडियोस भी आ रही थी जहां पर लोग उन्हें बड़ी गर्मजोशी से मिल रहे थे उनकी सदर से भी मुलाकात हुई उनकी मुलाकात हुई जो ईरान के सुप्रीम लीडर हैं आयतुल्लाह खमना उनके साथ भी मुलाकात हुई गुजर्ता रोज और फिर जब व रात को अपने घर में गए तो ईरान तफसी अभी नहीं दे रहा सिर्फ यही है कि उस जगह को टारगेट किया गया जहां पर वह मौजूद थे और उन्होंने यह कहा कि इस्माइल हनिया को यहूदी एजेंटों ने निशाना बनाया है जिसका बदला लिया जाएगा और यह है जनाब टोटल जो ईरान की तरफ से इंफॉर्मेशन आई है अभी तक उन्होंने तफसी जो है वह जारी नहीं की और जो हलफ बरदारी की तकरीब है उसमें 70 से जायद ममालाकंडम बहुत सारे और लोग भी इस्माइल हानिया के इलावा वहां पर शरीक थे बहरहाल ये इंतही अफसोस नाक वाकया है इस्माइल हानिया की बड़ी खिदमा है फलस्तीन के लिए और वह हमेशा से मुजम के साथ-साथ मफा मत की बात भी करते थे उन्होंने अमेरिकी सदर को खत भी लिखा था बतौर वजीर आजम और व यह चाह रहे थे कि अमेरिका रोल जो अगर प्ले करना है तो फिर इस तरह का प्ले करे ना कि फलस्तीन को एक रियासत के तौर पर तस्लीम किया जाए लेकिन अमेरिका ने उनके खत को नजरअंदाज कि था अब ईरान यह कह रहा है कि व इसका बदला लेगा और जरूर लेगा लेकिन इस वक्त एक डेवलपमेंट और हुई है जो बहुत बड़ी डेवलपमेंट है फलस्तीन को लेकर बेरूट में जो के दारुल हुकूमत लुबनान का वहां पर एक अटैक हुआ है और हिजबुल्ला के एक बहुत बड़े कमांडर फवाद शुकर उनको भी शहीद कर दिया गया है और यह हिजबुल्ला के जो सरब है हसन नसरुल्ला उनके फौजी मुशीर है इनका पूरा नाम है सैयद मोहसिन फवाद शक कर और इनके सर के ऊपर अमेरिका ने 50 लाख डॉलर्स का इनाम भी रखा हुआ था इनको लुबनान के दारुल हुकूमत बैरू के अंदर एक अटैक हुआ और उस अटैक के अंदर इनको शहीद कर दिया गया और इसकी अब कंफर्मेशन आ रही है तो ये दो बहुत बड़े वाक्यात है ईरान को ये देखना पड़ेगा कि इससे पहले ईरानी अ मिलिट्री से वाबस्ता लोगों को कत्ल किया गया और फिर ईरानी सदर जो है उनको एक हेलीकॉप्टर हादसे के अंदर वो शहीद हो गए और उसपे 20 श शुभत का इजहार किया जाता है फिर ईरान के अंदर बार-बार अटैक होते हैं और अब जो है वह ईरान के अंदर एक मेहमान शख्सियत आई थी और यह बहुत बड़ी शख्सियत है देखि इन्होंने अपने तीन बेटे इनके शहीद हो चुके हैं एक बहन इनकी शहीद हो चुकी है एक बेटी इनकी शहीद हो चुकी है इस्माइल हनिया की और तीन पोते और एक पोती भी शहीद हो चुकी है तो बहुत करीबी लोग इनके खानदान के शहीद हुए और अब तक की इला के मुताबिक जो मुकम्मल तफसील आत हैं उनमें 60 के करीब अफराद इस्माइल हनिया अपने खानदान के शहीद करके दफन करवा चुके हैं और दोहा में फिर ये मौजूद थे अब इनको दोहा में इनकी तद फीन की जाएगी बहरहाल ईरान ने कहा कि हम इसका बदला लेंगे तो ईरान के अंदर यह बहुत बड़ा सिक्योरिटी ब्रीच है और इस पर ईरान काफी गुस्से में भी है अब देखते हैं कि इसमें आगे क्या मामलात होते हैं हम आपके साथ शेयर कर देंगे अगली जो बड़ी खबर है वो पाकिस्तान के अंदर से है और वो एक बहुत बड़ा पोल खुल गया पाकिस्तान में जो कि नवाज शरीफ से मुतालिक है मैंने आपको इस हलके के बारे में पहले बहुत कुछ बताया था जो हजारा में नवाज शरीफ की सीट है वो तो इतनी बुरी तरह हारे और हजारा के लोग ऐसे डटकर खड़े हो गए कि उन्होंने कहा ये सीट तो हमने जीतने वाले को देनी है तो जो मियां नवाज शरीफ साहब को हजारा में शिकस्त देने वाले उम्मीदवार थे पाकिस्तान तहरीक इंसाफ के हमायत याफ्ता वह सीट उनको मिल गई और नवाज शरीफ साहब को इबरत नाक शिकस्त हुई हजारा से जहां से वह बहुत लंबे अरसे से जीतते चले आ रहे हैं क्योंकि उनके दामाद कैप्टन सदर का ताल्लुक हजारा से है तो इसलिए हजारा के लोग नवाज शरीफ साहब को वोट डालते थे उन्होंने हजारा मोटर वे भी बनाई हजारा के अंदर मिया साहब का इंटरेस्ट हमेशा से रहता था तो हजारा डिवीजन जो है वो खैबर पख्तून खा में पीएमएलएन का सबसे मजबूत एरिया समझा जाता था लेकिन वहां नवाज शरीफ साहब को बदतर शिकस्त हुई लेकिन लाहौर में मियां नवाज शरीफ साहब की जो बदतर भीन शिकस्त को कैसे जीत में बदला गया इसके पोल बार-बार खुलते हैं अब एक नई तहकीकात रिपोर्ट आई है और यह पतन की रिपोर्ट है आलमी इदरा है वो क्या बता रहा है इस हवाले से पत्तन की रिपोर्ट यह कह रही है कटेगो कली बड़ा क्लियर ली कि नवाज शरीफ ने धांधली से कौमी असेंबली की सीट जीती है जिस सीट पर वह कौमी असेंबली में इस वक्त मौजूद है और लाहौर का हल्का है एनए 130 इसमें पंजाब की इंतखाब तारीख की बदतर धांधली बेनकाब हुई है फार्म 45 में हारे हुए नवाज शरीफ को फार्म 47 में कैसे जितवा गया पत्तन की रिपोर्ट ने इंतखाब ताइज पर बहुत बड़े-बड़े सवालात खड़े कर दिए हैं पतन ने अपनी तहकीकात रिपोर्ट में अहम इंक शफात किए हैं रिपोर्ट में कहा गया कि नवाज शरीफ को जितवा के लिए इंतखाब अमले ने जाली फार्म 47 बनाए जिससे जमा कराए गए फार्म 47 में गैर मामूली तजा दत पैदा हो गए यानी जो फार्म 47 बनाया गया नवाज शरीफ साहब की जीत के लिए वो फार्म 45 की बुनियाद पर बनाया गया लेकिन फॉर्म 45 के अंदर जो कुछ किया गया और फर्म 47 के अंदर जो कुछ किया गया उसकी कहीं और मिसाल नहीं मिलती मैं आपको कुछ चीजें बताता हूं नॉर्मली जो इलेक्शन के अंदर टर्न आउट रहता है वो 40 % के पास रहता है कम हो जाए तो 35 फी ज्यादा हो जाए तो 50 या 55 फी इससे ऊपर पाकिस्तान में इलेक्शन का टर्न आउट होता नहीं है इससे ज्यादा लोग निकलते नहीं है टर्न आउट का मतलब यह है कि एक हल्के में एक हल्के का टर्न आउट यह होता है कि कितने लोग हैं टोटल वोटर फर्ज करें एक हल्के में 3 लाख वोटर है अगर ढ लाख वोटरों ने वोट डाला तो इसका मतलब है कि वहां पे जो टर्न आउट है वो 50 फी रहा और अगर 1 लाख लोगों ने वोट डाला तो इसका मतलब है 33 फी वहां पर टर्न आउट रहा तो ये टर्न आउट होता है तो ऐसा मुमकिन नहीं है कि कहीं पर 80 पर तक टर्न आउट चला जाए मुमकिन नहीं इतने वोट डाले नहीं जा सकते तो रिपोर्ट के मुताबिक जो बाद में फाम 45 जारी किए गए जो गेम डाली गई उसमें जो नवाज शरीफ साहब के हलके में 90 से लेकर 102 फीसद तक टर्न आउट दिखाया गया अच्छा 90 फीस टर्न आउट तो हो ही नहीं सकता यानी कैसे मुमकिन है कि 270000 लोग वोट डाल दे 3 लाख में से मैं आपको मिसाल दे रहा हूं इतने लोग तो वोट नहीं डाल सकते यानी अगर एक पोलिंग स्टेशन के अंदर बहुत सारे पोलिंग स्टेशन के बारे में बता रहे हैं एक पोलिंग स्टेशन के अंदर टोटल वोट अगर 1000 है तो यह कैसे मुमकिन है कि 900 लोग वोट डाल दे बल्कि 90 फीसद से लेकर 102 फीस तक भी वोट डले हैं अब 102 फीस कैसे हो सकते हैं मिसाल के तौर पर एक पोलिंग स्टेशन के अंदर टोटल वोट है 1000 और वहां जो वोट पड़े हैं व है 1020 क्या यह मुमकिन है कि 20 वोट जदा पड़ जाए यह तो तभी होगा ना जब आपने झुल फेरा हो आपने धांधली की हो और एक और अजीब चीज यह है कि जहां पर यानी एक जो पोलिंग स्टेशन होता है जब भी आप उसके अंदर जाते हैं तो आपको दो पेपर दिए जाते हैं मिसाल के तौर पर यह मेरे पास दो पेपर है ऐसे आपको दो पेपर दिए जाते हैं एक पेपर जो है वो कमी असेंबली का होगा एक जो होगा व सुबाई असेंबली का होगा तो आप दो पेपर लेकर जाएंगे ऐसे देखेंगे स्टेंप उठाएंगे और एक प मोर लगाएंगे और फिर इसको फोल्ड कर लेंगे फिर दूसरे पेपर प मोर लगाएंगे फिर उसको फोल्ड कर लेंगे फिर दोनों पेपर फोल्ड करके जाके आप डब्बे में डाल देंगे ये आपने अपना वोट डाल दिया यह है जी तरीका वोट डालने का अब हुआ यह है कि एक तरह के वोट जो है जो नवाज शरीफ साहब को पड़े कौमी असेंबली के कौमी असेंबली के फॉर्म 45 के ऊपर वोट पड़ रहे हैं 90 फीसद से लेकर 102 फीसद तक यानी अगर पोलिंग स्टेशन में 1000 वोट है तो 900 से लेकर 1002 वोट 1020 वोट तक नवाज शरीफ साहब को पड़ रहा है लेकिन उसी वक्त जो सुबाई असेंबली का फर्म 45 है यानी ये भी साथ ही पड़ा है ना हर आदमी को दो मिले थे और उसने दो ही डाले थे ये कैसे हो सकता है कि ये आधे रह गए ये पढ़ रहे हैं जी 40 फीस यानी 400 410 वो पढ़ रहे हैं 900 900 से लेके 1020 तक क्या ये पॉसिबल है कि 500 600 बंदा जो है वो आए और दोनों वोट ले ले और एक डाल दे और एक जाया करके चला जाए या एक जेब में डाल के वापस ले जाए तो ऐसा पाकिस्तान की तारीख में क्या दुनिया की तारीख में कभी नहीं हुआ जो नवाज शरीफ साहब को जिताने के लिए किया गया है इसको दोबारा समझिए कि एक ही पोलिंग स्टेशन में कौमी असेंबली के उम्मीदवार को जो वोट पढ रहे हैं वो फर्ज करें 100 वोट हैं और सुबाई असेंबली के उम्मीदवार को जो वोट पढ रहे हैं वो है 40 से 45 वोट यह फर्क ने पूरा का पूरा इलेक्शन जो है वो मशकूर बना दिया है 82 पोलिंग स्टेशन पर कौमी असेंबली का टर्न आउट औसतन 86 फ रहा यानी 82 पोलिंग स्टेशन है 10 पोलिंग स्टेशन होना तो फैसला को मामला हो जाता है 10 पोलिंग स्टेशन का रिजल्ट पूरा का पूरा नतीजा बदल देता है लेकिन यहां 82 पोलिंग स्टेशन ऐसे हैं नवाज शरीफ के हलके में यास्मीन राशिद साहिबा के मुकाबले में व इलेक्शन लड़ रहे थे जहां कौमी असेंबली का टर्न आउट औसतन 86 फीस रहा एवरेज 86 पर वोट पड़ा है जो मुमकिन ही नहीं है और अजीब बात यह है के उन्हीं पोलिंग स्टेश के ऊपर यानी उन्हीं 82 पोलिंग स्टेश के ऊपर जो सुबाई असेंबली के उम्मीदवार है उनको जो वोट पड़े हैं वोह बनते हैं 40 40 फीसद यानी आधे वोट पड़ रहे हैं जितने वोट कौमी असेंबली के उम्मीदवारों को ठप्प लग रहे हैं उससे आधे ठप्प सुबाई असेंबली के उम्मीदवारों को लग रहे हैं कोई है समझ में आने वाली बात मुमकिन ही नहीं है दोनों सफे एक साथ मिलते हैं दोनों सफे एक साथ डालते हैं जेब में डाल के आप बाहर लेजा नहीं सकते वहां प हमला मौजूद होता है इसकी सीसीटीवी फुटेज निकल आनी चाहिए मैं आपको बताता हूं अगर नवाज शरीफ के इस इलेक्शन की चोरी को पकड़ना है तो यास्मीन राशिद साहिबा के वकील को यह कहना पड़ेगा इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान को और इलेक्शन ट्रिब्यूनल को कि कुछ हो जाए ये जो मेरे पोलिंग स्टेशंस थे तमाम पोलिंग स्टेशंस की जो सीसीटीवी फुटेज है उसको फौरी तौर पर महफूज किया जाए ज्यादातर वकला ने ये कहा है कुछ वकला ने यह बात नहीं कही तो मेरे ख्याल में सीसीटीवी फुटेज को अगर महफूज किया जाए तो यह धांधली बड़े आराम से बेनकाब हो सकती है यानी दोनों उम्मीदवारों के वोटों में 78000 से जयद वोटों का फर्क है यह बात है जी और 69 पोलिंग स्टेशन के ऊपर यानी 78000 वोट जो है वो कौमी असेंबली में ज्यादा पड़ गए और सुबाई असेंबली में कम पड़ गए हैं अब आप अंदाजा कीजिए कि इतनी बड़ी तादाद में लोग कैसे गलती कर सकते हैं मुमकिन नहीं है नवाज शरीफ साहब के लगभग 12000 वोट बढ़ा दिए गए यासमीन राशिद साहेबा के 3000 वोट कम कर दिए गए और यह सिर्फ वो है जो फार्म 45 की दो नंबरी है बाकी दो नंबरी अलग है वो टोटल पता चलती है जो मेरे सोर्सेस ने मुझे बताया था उन्होंने कहा था 67000 की लीड से यास्मीन राशिद साहेबा जीत रही थ 60000 से ज्यादा की लीड और नवाज शरीफ साहब हार रहे थे लेकिन नवाज शरीफ साहब की हार को जीत में तब्दील किया गया रिपोर्ट ये कह रही है कि टर्न आउट में 40 से 45 फी का फर्क आ जाए यह मुमकिन ही नहीं है ऐसा हो ही नहीं सकता नवाज शरीफ 146 जबकि पीटीआई की उम्मीदवार यासमीन राशिद 208 फार्म 45 पर फाते थी बाद में फार्म 47 पर नवाज शरीफ को यास्मीन राशिद पर बर्थी दिखा दी गई अन्य 130 को 376 पोलिंग स्टेशन में तकसीम किया गया है जिनमें 217 एक तरफ है और बाकी जो है वो दूसरी तरफ है तो यह नवाज शरीफ साहब की बतरी धांधली अंदाजा कीजिए आपके तीन दफा पाकिस्तान का वजीर आजम रहने वाला शख्स एक मर्तबा वजीरे आला रहने वाला शख्स 35 40 साल से इस मुल्क में उरानी कर रहा है इक्दर्म है एक ऐसी खातून जिन्होंने नवाज शरीफ का बहुत ख्याल रखा जब वह जेल में थे जब वह बीमार हुए तो उनको अस्पताल में लाई एक ऐसी खातून जिनके मियां नवाज शरीफ साहब पे और उनके खानदान पे एसा नात है एक ऐसी खातून जो जेल के अंदर बंद है ना कर्दा गुनाहों की सजा काट रही है एक ऐसी खातून से बदतर शिकस्त खाने के बावजूद मियां नवाज शरीफ साहब ने हार नहीं तस्लीम की यानी कितनी बड़ी ज्यादती है यानी करैक्टर क्या होगा इस आदमी का यानी मुझे हैरत होती है कि कोई भी कैरेक्टर वाला आदमी हो वो हार जाए तो वह हार मान लेता है मियां नवाज शरीफ साहब ने कैरेक्टर नहीं दिखाया हत्ता कि खुरम दस्तगीर साहब ने कैरेक्टर दिखा दिया हत्ता कि ख्वाजा साद रफीक साहब ने अपना कैरेक्टर शो किया हार गया हूं कोई बात नहीं दोबारा लडूंगा इलेक्शन फिर आएंगे दोबारा पब्लिक के पास जाएंगे ये है डेमोक्रेसी लगता है मियां नवाज शरीफ साहब अपनी वो ट्रेनिंग ही नहीं भूली जो उनको जलक साहब से मिली थी कि जबरदस्ती आओ ताकत के साथ आकर बैठ जाओ जबर के साथ बैठे रहो फस्ताई दिखाते रहो मुखालिफ को कुचल रहो हर मुखालिफ आवाज को या तो खरीद लो या हर मुखालिफ आवाज को कुचल दो यह मियां नवाज शरीफ साहब ने सीखा था अपनी सियासी पैदाइश में और अब तक वो यही करते चले आ रहे हैं कितनी ज्यादती की और कितनी बेज्जती की बात है कि पाकिस्तान का तीन मर्तबा वजीर आजम रहने वाला शख्स एक खातून से हार गया और हार नहीं मान रहा कितनी ज्यादती है और उनको जेल में बंद किया हुआ सिर्फ इस ख्वाहिश के ऊपर कि यह बाहर आएगी तो मेरी सीट छीन लेगी मिया साहब सीट जो है ना वो आपकी छिन चुकी है जिस दिन यह मामला अदालत में गया आप क्योंकि आप कुछ भी कर ले जिस तरह की आपको बदतर शिकस्त हुई है इलेक्शन कमीशन ने आपको जिताया भी इस अंदाज में जिनके ऊपर आप इंसार कर रहे थे ना उन्होंने आपको इस गंदे तरीके से जिताया है कि आपकी जीत कभी भी हार में बदल सकती है और यह सब कुछ एक्सपोज हो जाएगा और जब आप बाद में एक्सपोज होंगे तो फिर आपके पास पछताने के अलावा कोई और रास्ता नहीं होगा इज्जत का रास्ता यही था मिया साहब जो आप बारबार शेर सुनाते होते थे कि जीना अगर जिल्लत से हो तो मरना अच्छा यानी अगर इतनी जिल्लत वाली जीत मिल रही है तो इससे बेहतर है कि आप हार तस्लीम कर लेते और इज्जत के साथ हार जाते लेकिन मिया साहब लगता नहीं कि आपने कुछ सीखा है नाजरीन रऊफ हसन साहब को एक और मुकदमे में गिरफ्तार कर लिया गया है वो अपनी जमानत के लिए आए थे लेकिन एक अजीबोगरीब मुकदमा डाल दिया गया पाकिस्तान तहरीक इंसाफ के वकला के मुताबिक ₹ लाख र राहुफ हसन साहब ने दिया जी अहमद जंजुआ साहब को अहमद जंजुआ साहब पाकिस्तान तहरीक इंसाफ इंटरनेशनल सोशल मीडिया के वो कोआर्डिनेटर है तो उनको जो है वो ₹ लाख दिया उनको इससे पहले पकड़ा हुआ था कि जी इनसे डेटोनेटर्स बम बनाने का सामान और कलाशन कोफ गोलियां पता नहीं क्या कुछ उनके बैग से बरामद हो गया था हालांकि उनको घर से उठाया गया था और यह कहा गया कि रास्ते में ये मिले और इनसे ये चीजें बरामद हो गई उनकी तो जनाब जुडिशल हो के चले गए लेकिन अब उसमें राऊफ हसन साहब को जिस झूठे मुकदमे में पहले एक बंदे को फसाया अब उस झूठे मुकदमे में राहु फसन साहब को यह कहक डाल दिया कि इन्होंने ₹ लाख दिया उसको ये दहशतगर्दी का सामान लाने के लिए 75 साल 70 साल के बुजुर्ग हैं इतनी ज्यादा उनकी उम्र है वो बेचारे सिर्फ आजादी राय की बात करते हैं बोलना चाहते हैं अपने मुफ के मुताबिक माजी में भी लोग बोलते रहे हैं तो य मैं यह देखता हूं कि नवाज शरीफ बोले फजल रहमान बोले अया सादिक बोले आसिफ अली जरदारी बोले ताकतवर लोग बोले तो कोई बात नहीं जैसे ही कोई ऐसा आदमी बोले जो पढ़ा लिखा है ऐसा आदमी बोले या मिडिल क्लास या अपर मिडिल क्लास की नुमाइंदगी करता है तो उसको पकड़ के फौरन अंदर डाल दिया जाता है व पाकिस्तान में रूल ऑफ लॉ फिर कहां है क्या हम सबके लिए एक जैसा पाकिस्तान है ये चीजें देखने के बाद तो नहीं लगता कुछ चीजें आपके साथ शेयर करते अगले लॉग में अब तक के लिए इतना ही अपना ख्याल रखिएगा अपने इस चैनल का भी अल्लाह हाफिज