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कंप्यूटर संगठन और आर्किटेक्चर का परिचय

प्रत्करता हूँ गेट वाला चैनल पे आज हम शुरू करने जा रहे हैं COA का पहला लेक्चर Computer Organization and Architecture एक ऐसा कोर्स जो की बहुत टफ लगता है स्टुडेंट्स को बट एक बार थोड़ा सा विजन के साथ में और थोड़ा सा एक इजीनेस के साथ में अगर उसे पढ़ लिया जाए तो वो कोर्स बहुत आसान भी बन जाता है सारे स्टूडेंट्स के लिए तो आज हम इस पर्टिकलर सेशन में उसको यह देखने वाले हैं कि यह सीओए कैसे हम टेकल करेंगे और कैसे हम सीखेंगे सीओए होता क्या है बेसिक्स हम शुरू करने वाले हैं तो आज की सेशन में हम डिस्कस करेंगे बेसिक्स ऑफ कंप्यूटर सिस्टम सीओए में एक्चुली दो अलग-अलग चीजें हैं एक-एक कंप्यूटर ऑर्गनाइजेशन एंड दूसरा है आर्किटेक्चर दो अलग-अलग यह चीजें क्या है सबसे पहली यह समझना जरूरी है उसके बाद कोर्स को आगे बढ़ाया जाएगा तो सबसे पहले जो आज हम डिस्कस करेंगे वो है कंप्यूटर आर्किटिक्चर वर्सेस ओरगनाइजेशन क्या अलग-अलग है दोनों में क्या अलग-अलग है वो फिर हम कॉमपोनेंट्स आफ कंप्यूटर की बात करें� अफ कॉर्स गेट में तो है ही, तब ही तो मार्क्स आएंगे, तब ही तो अच्छी रैंक आएगी, और ये तो रैंक मेकर कोर्स है, जहांपे कोई अगर अच्छा क्योशन आपने बना दिया, तो आप बाकी की भीड से काफी उपर पहुँच जाओगे, क्योंकि हर किसी से इस यही आपको बताया जाएगा कि कंप्यूटर काम कैसे करता है इसको अंडरस्टेंट करने के लिए सीओए आपको पता होना चाहिए अंदर राम का क्या फाइड फंक्शन है आपके पास हाट डिस्क होती है उसका का क्या काम होता है ऑपरेटिंग सिस्टम कैसे अंदर आपके राम में आता है कैसे आपको कंप्यूटर सिस्टम चलाने में आवेस मदद करता है कैसे अगर आप कीबोर्ड से कोई कुछ बटन टाइप करते हो तो इंटरनली व प्रोसेस होता है, CPU कैसे काम करता है, इन सारी चीजों की जानकारी मिलती है, अब यह कहां जरूरी हो सकता है, अगर आप OS Operating System समझना चाहेंगे, तो COA आपको एक base का काम करेगा, compiler design में COA directly connected होता है, क्योंकि compiler बनाता क्या है code, और जब compiler compile करता है किसी code को, और target source code बनाता है, अगर आपको by chance जानकारी है इस बात की, तो वो source code machine के लिए ही तो बनता है, तो machine कौन सी? वही CPU है और उसका architecture समझना आपको जरूरी है अगर आप detail में compiler design पढ़ेंगे आपको COA पता होना चाहिए programming etc में भी थोड़ा basic idea होना चाहिए अब मैंने आपको कहा programming में कि आपको एक variable बनाना है जिसका size है 2 byte का integer type का है तो ये 2 byte कहा मिलेगी जगह? किस जगह पे? रैम में हमें पता है पर ये रैम है क्या? क्यों है ये RAM?

इसका क्या function होता है? बस किसी ने बोल दिया, 2 बाइट की जगे मिल गई, हमने याद कर लिया, no. अगर आपको holistically programming भी सीखनी है, तो कहीं ने कहीं ये तो पता होना चाहिए न, कि RAM में होता क्या है? ये data RAM से CPU में जाता कैसे है? क्योंकि CPU ही तो processing करता है, ये सारी जानकारी हमको इस course में मिलेगी, real world अगर development की बात करें हम, DBMS, DBMS में इसका क्या काम? या DBMS जो होता है database management system जिसमें database आप store करते हो secondary memory में, पर जहाँ पे query processing की बात आती है, ये सब वो बच्चा समझ पाएगा जो computer science की basic जानता है, just for an example I am telling you ताकि आपको idea लगे कि यार ये कहां use हो सकता है, तो मैं बात कर रहा था DBMS में आप query लिखते हो ताकि database से कुछ data fetch कर पाओ, तो वो query को optimize करना अगर है है, तो आपको यह पता होना जरूरी है ना कि database disk में store होता है, वहाँ से data को लाया जाता है, कहाँ पे main memory RAM में ताकि वो display हो पाए, process हो पाए, तो यह RAM में लाने का, और वहाँ से फिर अगर हमें cache में लाना है, performance improve करना है, तो यह तभी आप कर पाएंगे ना, जब आपको पता हो कि RAM में क्या लाया जाता है, कैसे लाया जाता है disk से RAM में content, उसके लिए COA आपको जरूरी है, हाडवेर डिजाइन आप करते हो तो COA आपको जरूरी है आजकल तो इतनी सारी कमपनीज हैं जो एलेक्ट्रोनिक्स डिपार्टमेंट के स्टुएंट्स को जॉब देती हैं चिप मैकिंग में और वहाँ पे डारेक्ट COA का काम ह फिर आता है आयोटी प्रॉब्लम्स फिर आती है आपको माइक्रो कंट्रोलर डिजाइन यह सब में सीओए की जरूरत लगती है चलिए अब बात करेंगे कि कंप्यूटर ऑर्गेजेशन और आर्किटेक्चर आपको क्या अलग देता है और कैसे अलग देता है बिफोर आई विल गो अहेड मैं आपको बता दूं कि यह जो मॉडियोल में आपके लिए लेकर आया हूं इस मॉडियोल में एक शॉट टॉपिक जो है सीओए का कवर करने वाला हूं एंड बेस्ट ऑन यॉर रिस्पॉंस अ फिर हम आगे का प्लान करेंगे कि आप लोग किस तरीके से किस शिद्धत से response दे रहे हैं और किस शिद्धत से involve हो रहे हैं learning में, तो इस module में मैं आपको क्या बताऊंगा, इस module में मैं कम समय में आपके 2 marks पक्के कराने वाला हूँ, exactly 2 marks आपके gate में आ जाएंगे अगले 10 दिन म मैं आपको पढ़ाने वाला हूँ इस particular जो छोटा module है उसमें वो है Pipelining.

अब ये Pipelining के ऐसी चीज़े हैं Pipeline Processing में, जो आपने पहले मुझसे भी नहीं पढ़ी होगी, जो मैं यहाँ डिसकस करने वाला हूँ, तो ये इसे आप मिस नहीं करियेगा, ठीक है? तो ये Pipeline वाला जो chapter है, वो ही मैं अभी इस module में cover करने वाला हूँ, आप लोग बहुत अच्छे से involved रहे learning में, तो फिर और module लेके आएंगे, अलग-अलग chapter के one by one, और उस तरीके से पढ़ाया जाएगा, जिस तरीके से आप लोगों को सारे course की learning हो जाए, it totally depends कि आप लोग कैसे involved होते हैं learning में, ये learning में हमें करना क्या है, अगले दिन आपको उसका revision करके आना है, तब आपको question भी practice करने है, सारे PYQs, एक बार मैं सारे PYQs इस chapter के आप, आप पूरे कवर कर लोगे, but, pipeline, समझने के लिए, basic से, दो तीन चीज़ें, आपको समझानी जरूरी होगी, पहले वो पढ़ेंगे, और फिर, pipeline पे, shift करेंगे, चलिए, तो, सबसे पहले तो, आप मुझे, confirm कर दीज़े, कि आप लोग, चैट बॉक्स एंड विल गो अहेड यस चलिए क्या यह यूनिवर्सिटी के लिए भी हेल्पफुल है अफ कॉर्स हेल्पफुल रहेगा अगर आप सबसे पहले बात करेंगे कंप्यूटर आर्किटेक्चर की देखो यार कोई भी चीज नई डिजाइन करें चाहे वह एक नया घर बनाएंगे या एक नया टीशर्ट डिजाइन करेंगे या एक नया कंप्यूटर भी डिजाइन करें तो पहले ऑन पेपर थेरिटिकली एक layout blueprint बनाया जाता है, घर का भी एक layout बनाएंगे यार कि ऐसा इतना बड़ा plot है, यहाँ पे kitchen आ जाएगा, यहाँ पे living room आ जाएगा, यहाँ पे etc, ऐसे करके और आप layout बनाते हो, blueprint बनाते हो, जो अभी कोई implement भी नहीं हुआ है, पर बनाते हो ताकि यह पता चल जाए कि कौन सी जगे पे क्या room बनेगा और यह room का क्या काम होगा, अच्छा यह वाला room kitchen के तरीके से use होगा, यह वाला room हमारा living room के तरीके से use होगा, इसको हम bedroom बना लेंगे, इसको हम family room बना लेंगे, इसमें हम TV लगाएंगे, एचेटा, ये decide करते हो. सेम चीज यहां भी है, जब कोई एक नया type का computer बनाया जाता है, तो उसका सबसे पहले एक blueprint बनाया जाता है, और उस blueprint में ये बताया जाता है, कि इस computer system में क्या-क्या devices लगेंगे, लगाया कुछ नहीं है, सिर्फ और सिर्फ theoretical बात की है, कि यह भाई साहब एक डिवाइस लगेगी CPU है इसका नाम प्रोसेसर या Central Processing Unit है इसका नाम और यह काम करेगा इसका Operation बता दिया कि यह वाले Operation यह करने वाला है अच्छा एक RAM भी लगाएंगे हम Main Memory RAM जिसे कहते हैं और यह काम करेंगे फिर एक I.O.

डिवाइसेस के नाम पे हम एक Screen लगा देंगे Keyboard लगा देंगे, Mouse लगा देंगे, Hard Disk लगा देंगे लगाएंगे यह सारी डिवाइस जिनका क्या काम है यह बताएंगे यह सिब theoretical बताया गया है, implement कुछ भी नहीं हुआ है। अगर ऐसा आपने बता दिया, और यह जो चीज जो आपने बताई है, उसमें यह भी बताया कि इस particular मेरे नए computer में, यह कुछ खास है जो दूसरों ने अभी तक नहीं लगाया। जैसे कि मैंने CPU design किया है, पर यह CPU कुछ नया type का operation perform करता है, कुछ improved performance देता है। quickly कर देता है, कम time में कर देता है, कर देगा, अगर ऐसा भी आप बोलेंगे, claim करेंगे, बिल्कुल ये एक नया type का architecture बन जाएगा, तो यहाँ पे, कि कंसेप्ट्यूअल डिजाइन आप देंगे एक कंप्यूटर की फंडामेंटल ऑपरेशनल स्ट्रक्चर होता है यह क्या कहता है यह कहता है बॉस कि एक नया कंप्यूटर का कंसेप्ट क्या आने वाला है और उसमें हर एक डिवाइस जो लगाओगे उसका क्या-क्या ऑपरेशन होने वाला है वह कंप्यूटर आर्किटेक्चर बताता है तो दो चीजें आर्किटेक्चर में इंग्लूड होंगी एक क्या-क्या डिवाइसेस लगेंगी दूसरा उन डिवाइसेस का क्या-क्या ऑपरेशन होगा और पर अगर जहां आपने कह दिया कि हम लगाएंगे CPU और CPU क्या-क्या operation perform करेगा, तो भाई साब अब आपको जाना पड़ेगा जादा detail में, कितनी detail में, बहुत detail में, एकदम समंदर की गहराई में उतरना पड़ेगा और कोई CPU क्या operation perform करता है, इसकी जानकारी देने के लिए आपको CPU के instructions बताने पड़ेंगे. अब ये instruction होता क्या है sir? हम पढ़ेंगे, एक दो class में आगे में मैं बात करूँगा, pipeline पे जाने के पहले ही मैं बात करूँगा ये instruction क्या होता है, कैसे चलते हैं, detail में बताऊंगा, but सबसे पहले यहाँ पे जो ज़रूरी बात है, वो यह है कि computer architecture में if you say there is a CPU, तो CPU के operation में कि CPU क्या-क्या operations perform कर सकता है, उसमें आपको दो चीज़ें बहुत detail में देनी पड़ेंगी, वो है कि CPU क्या-क्या instructions support करेगा, execute कर पाएगा और दूसरा है addressing modes कि किस type के होंगे addressing modes ये दोनों चीज़ें आपको later on detail में समझ में आएंगी but CPU के operations में ये दोनों चीज़ें बहुत detail में बतानी पड़ेंगी और जैसे ही आपने बताया कि sir ये वाले type के instructions आपका CPU perform कर सकता है ये type के addressing mode CPU परफॉर्म कर सकता है, सपोर्ट कर सकता है, तो वहाँ पे फिर CPU का डिजाइन भी देना पड़ेगा, theoretically.

Theoretically only, implement नहीं किया है रे बाबा, खाली theoretically हमने बस बताया है. तो आप बोलोगे सर ये तो एकदम बत्ती बाजी होगी, नहीं देखो, बत्ती बाजी तभी होगी जब ये implement करने लायक हो ना, आप implement करने लायक एक नया architecture present कर रहे हो. तभी तो बात बन रही है, तो instruction CPU design के साथ में ही आपको देने पड़ेंगे, तो ये चीज़े हैं, जो आपको बताना पड़ेगा, कि CPU क्या-क्या operation perform कर सकता है, अब यहाँ पे एक और चीज़ आती है, आपने कहा, मेरा CPU addition कर सकता है, subtraction कर सकता है, तो जो student समझता है data को, computer system को, वो ये बोलेगा, sir, CPU तो binary में समझता है, CPU तो कोई भी data accept करता है तो binary में accept करता है, 0, 1 की भाषा समझता है, तो क्या हमें हर एक data को भी binary में भेजना पड़ेगा CPU तक, उचने वाली बात ही नहीं है, तुम खुद बोल रहे हो कि sir binary में ही समझता है, तो हर data जो CPU तक जाता है और process होता है, चाहे वो addition करें, या subtraction करें, multiplication क अब जो digital logic पढ़ चुका है और binary पढ़ चुका है, वो ये भी बोलेगा, सर integer को represent करने के तो बहुत तरीके हैं, किसी भी value को binary में represent करने के multiple तरीके होते हैं, जैसे कि, जैसे कि कोई एक normal number ले लो, अगर वो signed है, मतलब जो positive, negative दोनों हो सकता है, तो उस number को binary में represent करने के लिए basically तीन तरीके होते हैं, once compliment होता है, 2s compliment होता है sign magnitude होते है अब इनका क्या करें इन में से कोई एक आपको बताना पड़ेगा clear cut कि मेरा ये CPU अगर तुम चाहते हो कि ये वाला operation perform करें ये instruction perform करें तो मेरा CPU कौन सा data किस format में accept करेगा binary के ये आपको बताना पड़ेगा कब जब आप architecture design करोगे कि मैंने बना है CPU ये रहा क्या operation perform करेंगे इसके लिए उसका पूरा CPU का design बता दिया मैंने internally CPU ऐसे design होगा क्या instruction ये execute कर सकता है ये बता दिया मैंने क्या addressing mode ये support कर सकता है बता दिया मैंने अब ये CPU जो मेरा वाला है जो मैं design कर रहा हूँ ये CPU किस format में binary के data को accept करेगा ताकि जब भी ये वाला architecture जो मैंने अभी बनाया है नया नया, अगर ये implement होगा, किसी ने किया, तो वो इस चीज़ का ध्यान रखेगा, कि मैंने जो CPU design किया है, उसमें हर एक value इसी format में आनी चाहिए, जिस format में मैंने यहां बताई है, CPU तक उस format में आएगी, तो हम process करेंगे, जाओ हम नहीं करते हैं, हम बना कर देंगे, CPU बना कर देगा, गलत value ले लिया गया, तो यहाँ पे एक चीज जो है, वो और बतानी पड़ेगी, और वो है data का format, क्या होता है data format, quickly बस बता देता हूँ, कि data का format ये दर्शाता है, कि कोई भी value, चाहे वो integer type की हो, float type की हो, character type की हो, multiple format होते हैं, हर value के, हर value को दर्शाने के, multiple format होते हैं, उन में से मैंने अपना design, जो CPU का किया है, वो किस तरीके का किया है, मेरे को बताना पड़ेगा, फिर, जो implement करेगा, इस architecture को, वो भी इस चीज़ का ध्यान रखेगा, ताकि क्या हो पाए, ताकि, ये जो data का format है, अपने CPU की design, करी है, architecture, अब हमने blueprint तो बना दिया, ठीक है, theoretically सब बता दिया, इसका implementation करना पड़ेगा, system बनाना पड़ेगा, अगर हमने कहा, कि हमारे CPU, हमारे computer system में, एक तो CPU है, central processing unit, एक होती है RAM, main memory, फिर बहुत सारी IO devices हैं, input output devices, जिनसे हम input लेंगे, और output, आ, लेंगे computer system से, input देंगे computer system को, like screen हो गया, keyboard हो गया, mouse हो गया, hard disk हो गया, और बहुत सारे हो सकते हैं, scanner है, camera है, microphone है, speaker है, बहुत सारी I.O.

devices आप connect कर सकते हो, तो ये इनका क्या काम है, क्या करेंगे ये devices, ये क्या करेगा, तो फिर तो आपको इतना सब कुछ देना पड़ेगा, तो ये आपने theoretically बात कर दी, अब इनको अगर आप implement करें, आपने कहा रैम को हम बनाएंगे, तो रैम बनाओगे कैसे, किस type की रैम बनाओगे, addressable बनाओगे, volatile, non-volatile बनाओगे, किस type की S-RAM बनाओगे, D-RAM बनाओगे, ऐसे बहुत सारी चीज़े हैं implementation में, तो ये कैसे लगाओगे, और एक और चीज़, इनका जब implement करोगे, implementation करोगे, तो ये आपस में बाते कैसे करेंगे, CPU रैम से कैसे बाते करेगा, यह CPU, I.O. से कैसे बात करेगा? यह I.O.

और RAM के अर्थ डारेक्टली बात कर सकते हैं? यह सारी चर्चा हम करेंगे और्गनाइजेशन में. तो और्गनाइजेशन क्या कहता है?

कि जो आपने पहले थेरिटिकल बात की ब्लूप्रिंट बनाया, इसको प्रैक्टिकली इंप्लिमेंट करो, फिजिकली. और इन्टर कनेक्शन. इंटर कनेक्शन मतलब, जब CPU, RAM से कनेक्ट होने की बात करेंगे.

करते हैं हम तो यह इंटर कनेक्ट होगा कैसे यह आपस में चर्चा करेंगे हाउ टेक्निकली बोलू तो हाउ सीपीउ कैन एक्सेस द रैम हाउ सीपीउ कैन एक्सेस द आयो डिवाइस यह कम्यूनिकेशन सही तरीके से बैठना जरूरी है वरना पिछल बन जाएगी कौन सी वाली हेराफेरी हम कहां आ स्टार फिशरी को कॉल करेंगे और स्टार गराज में कॉल लग जाएगा बाबु भाईया आएंगे और बीच में पैसा कमा के चले जाएंगे ऐसा नहीं हो सकता यहां अगर CPU रैम से ही कनेक्ट करने के कोशिश करेगा तो रैम से ही कनेक्ट करेगा पर कैसे? इसके लिए ओर्गनाइजेशन सही बैठना जरूरी है और चीज़ें ज्यादा clear हो नहीं रही हैं और COA OS system के courses तो ऐसे होते हैं DBMS भी एक ऐसा course है computer network भी एक ऐसा course है जहाँ पे आपको ऐसा लगेगा कोई suspense thriller चल रही है जब तक कि पूरी पिछर खतम नहीं होगी न हमें सब कुछ clear नहीं आएगा कि किसने murder किया, किसने चोरी की, कौन कहा था, कौन किसकी side था, ये villain था, कि ये hero था जब तक आप clarity के साथ में movie देखने continue नहीं करते हैं तो आप patience के साथ बने रो मज़ा तो आएगा, समझने में ये मैं ग्यारंटी ले सकता हूँ, पर हाँ, आपको पेशेंस के साथ बैठना है, समझते रहना है, सुनते रहना है, चलिए, तो क्या कहा हमने, कि कंप्यूटर आर्किटेक्चर है, अगर आप बोलोगे, अरे सर ये CA कहां से आ गया, हम तो CS के student हैं, CS का student हो, MBA वाला हो या electrical वाला हो, पैसा सबको अच्छा लगता है, है ना, चलिए वापस आते हैं, तो ये deal करता है physical devices में, मतलब जो आपने theoretically पहले देखा, उसको physically इंप्लीमेंट करवाओ फिर उनका इंटर कनेक्शन जो डिवाइसेस आपने लिखी है बनाई है वो कैसे इंटरनली एक दूसरे से कनेक्टेड रहेंगी वो बताओ और जब ये आपस में कम्यूनिकेशन करेंगे तो जो सबसे इंपोर्टेंट पार्ट है हमारा परफॉर्में हर साल एक नया लैपटॉप आएगा जो पिछली बार के कंपारेशन में जादा अच्छा परफॉर्म करेगा। हर साल एपल एक नई चिप डिजाइन करता है और बोलता है कि पिछली बार के कंपारेशन में इतना परफॉर्मेंस हमने इंप्रूव करा दिया। कि भाईया physical device implement करो, उनका आपस में communication करवाओ, और ये communication ज्यादा से ज्यादा fast हो पाए, जितना ज्यादा से ज्यादा quick हो पाए, उसको performance को improve कराने पे ध्यान दो, तो देखो, with the perspective of improving the performance, this computer organization deals with, तो organization is nothing but implementation of architecture, अगर घर के example की बात करें, तो पहले आपने deal किया इस बारे में कि यह है plot, इसमें यहाँ पे sir आप एक काम करो, parking की जगे छोड़ दो, इतना यह living room बना दो, यहाँ पे हम एक छोटा सा room निकाल लेंगे, यहाँ dining बना देंगे, यहाँ kitchen बना देंगे, यहाँ पे कुछ और empty space back अब इसके implementation की बारी इसके जब implementation की बारी आईगी तो बोलोगे देखो ये तो घर है यहां से एक दरवाजा आएगा ताकि इन दोनों की बीच में communication बन जाए connect बन जाए ठीक है अब दरवाजा आएगा तो ये किदर खुलना चाहिए इधर किधर ये implementation detail भी वो जो है organization में हम काम कि भाईया kitchen है, kitchen में दरवाजा किदर खुलेगा, kitchen में हम sink किदर लगाएंगे, हमारा platform किदर बनेगा, chimney किदर लगेंगे, fridge किदर रखेंगे ऐसी हजारों details जो हैं धिरे करके सामने आती रहती हैं जिससे कि घर का जो design है उसका जो overall space है उसका utilization अच्छा हो जाएं यहाँ पे भी वैसे ही performance को improve करने पे हम ध्यान देते हैं तो जैसे कि हमने कहा हम organize करना चाहते हैं IO devices को तो अगर IO devices ओर्गनाइज होंगी, तो इसका क्या मतलब है? कि CPU जब IO devices को connect करने की कोशिश करेगा, तो कैसे performance improve कर सकते हैं?

क्या हम interrupt का माध्यम ले सकते हैं? बिल्कुल. अगर IO devices RAM से interconnect करेंगी, तो कैसे performance improve होगा? वहाँ पे आता है DMA का concept.

जब CPU RAM से communication करेगा, तो performance कैसे improve कर सकते हैं? तो वहाँ आता है Cache Memory का concept. ये सारे हमारे topic हैं इस COA के. जो निकल कर आया है और यह निकल कर आया है और यह निकल कर आया है और यह निकल कर आया है और अर्किटेक्चर या अर्गनाइजेशन तो जो अर्किटेक्चर या अर्गनाइजेशन तो जो कि computer architecture में क्या-क्या include होता है तो एक बहुत पहले किसी exam में चोटी-मोटी exam में ये question आया भी हुआ है तो आप याद रखेगा CPU का detailed design instructions, addressing mode और data format ये चार चीज़ें computer architecture में include होती है और computer organization में आते हैं IO device कैसे organize होती है memory कैसे organize होती है और इनको organize करने के लिए और समझते हैं components of computer, basically जो computer system बना है, तीन components से, बड़े तोर पे, मोटे तोर पे, तीन components से बना हुआ है, एक होता है CPU, दूसरा होता है memory, तीसरा होता है I.O. device, अब मैं पूछता हूँ आप से कि ये CPU क्या होता है, मैं definition पूछ रहा हूँ, full form नहीं बताने का, सर, Central Processing Unit होता है, अरे हम full form नहीं पूछ रहे हैं, definition पूछ रहे हैं, CPU का होता है, का मतबल है CPU का?

CPU जो है, वो एक component है, computer system का, जो कि सबसे महत्वपूर्ण, सबसे important है, ये हमारे computer system का brain है, heart है, kidney है, lung है, सबकुछ है, यहीं पे processing होती है, यहीं पे processes आपके program execution होता है, और यही से पूरा सिस्टम कंट्रोल भी होता है मतलब कि ये जो डिवाइसेस हैं कब, क्या करेंगी, इसका भी कंट्रोलिंग यहां से होता है। अब इस CPU के अंदर दो बड़े कॉंपोनेंट होते हैं, दो बड़े कॉंपोनेंट और कौन-कौन से हैं? वो दो बड़े कॉंपोनेंट हैं, एक तो आलू और एक CU। आलू मतलब Arithmetic Logic Unit, एक कॉंपोनेंट है जो की operation perform करता है, arithmetic और logic type के, मतलब, कोई भी एडिशन सब्ट्रैक्शन डिविजियन मल्टिप्लिकेशन एंड और एक्स नॉर्ग लॉजिकल ऑपरेशन या एरिथमेटिक ऑपरेशन करना है यह आलू करता है एडिविजियन एरिथमेटिक लॉजिकल फिर कंपोनेंट होता है कंट्रोल यूनिट यह कंट्रोल यूनिट क्या करती है यह कंट्रोल करती है किसको पूरे कंप्यूटर सिस्टम को आप समझ सकते हैं कि एक घर की व्यवस्था के अंदर कंट्रोल यूनिट है घर की मम्मी जो पूरे घर को instruction देती है, बताती है, control signal भेजती है, चलो तुम पढ़ाई करने जाओ, चलो तुम सबजी लेने जाओ, तुम ये कर दो, तुम वो कर दो, चलो तुम ऐसा करो, सब को ठिकाने पर लगाती है मम्मी, ये है control unit मम्मी, जो हर किसी unit को, हर किसी component को बताती, तुम्हें कब, क्या करना है, by sending the signals, और ये जो ALU है, घर के पापा है, वह करने का मतलब करने का सारे टाइप के एरिथमेटिक लॉजिक ऑपरेशन्स जो है एल्यू सिस्टम में करता है सीपीओ के अंदर करता है चलिए आगे बढ़ते हैं मेमिरी जो है हम मेन मेमिरी मेंली हमारे पास होती है पर मेमिरी सिस्टम में दो टाइप की मेमिरी आती है हमारे पास एक आती है प्राइमरी मेमिरी जिसे हम मेमिरी कहते हैं इस मेमिरी प्राइमरी मेमिरी में दो टाइप की मेमिरी हम इंक्लू एक होती है RAM, Random Access Memory, और दूसरी होती है ROM, Read Only Memory. इनका क्या काम है, डिटेल में हम Memory Organization में देखने वाले हैं.

और दूसरी होती है Secondary या Auxiliary Memory. ये जो Secondary या Auxiliary Memory हमने यहां लिखा है Memory System में, ये अक्शली होता है I.O. Device का पार्ट.

जी. component wise हम यहाँ लिख जरूर देते हैं कि दो type के memory हम system में use करते हैं but actually secondary memories जो होती हैं वो count किधर होती है secondary memory count होती है IO devices के part में peripheral devices में तो जब main memory हम memory की बात करते हैं तो memory में सिफ primary या main memory RAM ROM ही count होती है अब secondary memory में क्या लाते हैं हम या तो हम hard disk use करते हैं computer system के अंदर connected वाली या फिर SSD use करते हैं पता भी है आपको hard disk है कि SSD है कुछ इतना तो पता होता है हर किसी लड़के को, हर किसी लड़की को हर एक student को ये पता है कि मेरे computer में SSD है कि hard disk है क्योंकि जब भी computer लेने की बात आएगी चाहे हम game खेले चाहे हम web browser चलाए time pass करें उस computer पे पर अच्छा configuration जरूरी है ये पता होता है है न? RAM पपा 16GB तो चाहिए हम CS के student है चाहे code एक ना लिखेंगे बट कोशिश करो उसको यूटेलाइज करने का चलिए, IO devices क्या होती हैं? IO devices, input output devices हैं इन शॉर्ट अगर आप IO लिखें तो डिटेल में लिखेंगे इनपुट आउटपुट डिवाइसेस जिनसे आप सिस्टम में इनपुट और आउटपुट देते हैं input devices होती हैं, फिर output devices होती हैं अक्शुली तीन टाइप की होती हैं यहाँ पे, एक input devices हैं एक output devices हैं और तीसरी devices हैं जो storage device हैं इनसे ना तो आप input लेते हो ना output देते हो खाली store करने के काम आती है मतलब कि pen drive हुई, cd drive हुई, dvd हुई, micro sd card हुआ ये सारी devices अगर आप connect करते हो तो वे storage के काम आती है ठीक है और input devices वो devices जो हमारे computer को हम input देने के लिए काम आती है जैसे कि microphone है, camera है, keyboard है, mouse है, scanners है और output devices printer हुआ फिर स्क्रीन से हम आउटपूट लेते हैं, वो हुआ, स्पीकर हुआ, ये सारे आउटपूट डिवाइसेस में आते हैं, जहां से हम कम्यूडर से आउटपूट लेते हैं.

ये सारी आयो डिवाइसेस के अंडर आती हैं. ये है कुछ कॉंपोनेंट, पर ये तो बेसिक-बेसिक पर ये दो में इसलिए include करता हूँ ताकि आपको system का working समझ में आए कि ये काम क्या कर रहा है, मेरा computer चल कैसे रहा है, ये पूरा मेरे दिमाग के उपज है कि मैं course को जो आपको पहुचाऊं तो आपके दिमाग में एक बात आराम से settle हो जाए और आपस में connect भी हो जा आपको इन components के अलावा ये दो components जो हैं, वो भी clearly समझ में आने चाहिए. ठीक है अब यह दो कंपनेंट क्या है पहला है सिस्टम बसेस और दूसरा है सीप्यू रजिस्टर्स है ना चलिए एक बच्चे ने बोला कि सर मेरे कंप्यूटर सिस्टम में एसेसडी है बाकी के पता नहीं कहां पर खोए हुए हैं भाई लोग और बहन लोग और सारे मेरे ब� आपको पढ़ाओंगा भी, मज़ा भी आएगा आपको भी और मुझे भी, क्लास में एनरजी बनी रहेगी और आपको और अच्छे से lecture deliver होते रहेंगे, चलिए तो सबसे पहले बात करते हैं system buses, system bus का मतलब क्या है, पहले definition लिखता हूँ, फिर समझाता हूँ, system bus क्या है, system bus जो है, वो है, collection of, communication lines to connect components of computer अच्छा यहाँ पे to की जगे used लिख देते हैं used to connect ऐसा लिख देते हैं तो देखो अगर आप connect करना चाहते हो दो component को, मान लो आपने CPU को RAM से connect किया, या CPU को IOD device से connect किया, तो connection जो है, यहाँ पे wired ही होता है computer system के अंदर, अब अगर wired connection इन दोनों के बीच करेंगे, इन दोनों के बीच करेंगे, तो कैसे करेंगे, इस wired connection को ही बस कहते हैं, अब wired कितने wired सर, एक से ज़ादा होते हैं, क्यों, क्योंकि अगर एक single wire की आप बात करें, जिसे हम बोलते है single line तो एक line अगर आप यहां से यहां connect करेंगे तो उस एक line से सिफ एक bit at a time transfer हो सकती है bit क्या होती है bit होती है binary की कोई एक digit या तो 0 या 1 क्योंकि communication binary में होना है सारा का सारा खेल अंदर binary में चलता है 0 या 1 के खेल में तो यहां पे at a time सिर्फ और सिर्फ एक digit कौन सी भेजी जाएगी या तो 0 value या 1 value कोई भी एक bit भेज सकते हो आप at a time एक single line से पर हमें एक line से काम नहीं चलेगा sir हमें collection चाहिए multiple lines का अरे जैसे road बनती है ना दो city के बीच में आपने highway बना दिया जैसे कि मैं Bangalore में रहता हूँ मुझे पता चला कुछ दिन पहले of course कुछ महीने पहले भी कि Bangalore और Mysore के बीच में एक बढ़िया express highway बना दिया directly कि आप directly यहां से यहां जा सकते हो कोई gap नहीं आएगा नहीं कोई बीच में cut है कि लोग आएंगे जाएंगे एचेटरा कोई टेंचन नहीं हाई स्पीड हाईवे है एक सिंगल लेन काम थोड़ी करती है तीन लेन इधर जा रही है ताकि आराम से हाई स्पीड कार्स और नॉर्मल स्पीडिंग कार्स और ट्रक एचेटरा सब एक साथ चले जाएं यस सेम यहाँ पे भी है कि जब हम बात करते हैं बस इसका तो बस में एक लाइन नहीं होती है एक से जादा होती है आपने अगर बस लगाई, तो एक line जो है, अगर हम एक line की बात करें, तो ये एक line at a time यहां से यहां, सिफ एक bit transfer कर सकती है, अगर हमें एक से ज़ादा bit transfer करवानी है, तो हम क्या करेंगे, multiple lines एक साथ bunch बना के लगाएंगे, लोग एक एग्जांपल के लिए हमने यहां लगाया है कि चार लाइन का कलेक्शन हमने बना दिया यह चार लाइन अगर इसमें है इसको बोलेंगे एक बस है जो चार लाइन की है अब अगर चार लाइन बनाई है तो एटे टाइम एक साथ कितनी बिट्स मैं यहां से यहां भे भेज सकते हैं यहां से यहां से चार बिट एक साथ पैरलली जा सकती है तो इस चार लाइन के कलेक्शन को हमने बोला बस क्या बोला बस कलेक्शन आफ कम्यूनिकेशन लाइन एक बिट एट ए टाइम ट्रांसफर कर सकती है हम पूरा कलेक्शन बनाते ह ठीक इसी चीज को कहने का एक तरीका है जो आपको क्योशन में देखने मिलेगा फोर लाइन की अगर बस है तो इसे हम कहते हैं या फिर या फिर ये तीन तरीके हो सकते हैं क्योशन में इस बात को कहने के कि एक बस जो है उसमें चार लाइन है, फोर बिट वाइड बस का मतलब, एक बस में चार लाइन है, चार लाइन में से चार बिट एक साल, यहां से यहां या यहां से यहां भेजी जा सकती है, चार लाइन बस या चार बिट बस, एक ही बात है, केबल की वाइर जैसा, कि सिस्टम बस का मतलब तो हमें समझ में आया, एक बार अगर हम communication की बात करें अलग-अलग devices के बीच में, तो जो communication होता है, तो communication में यहां से यहां, एक ही type का content नहीं भेजा जाता, अलग-अलग variety of content भेजा जाता है, और variety of content अलग-अलग buses के थूँ भेजा जाता है, ताकि सामने वाले को पता चले कि यह वाला content जो इस बस से आ रहा है यह है, something like, कि आपके जो electricity के कोई भी connection वाले wire होते हैं उसमें कम से कम दो pin होती है एक होती है voltage की और दूसरी ground या earthing की अरे कोई भी pin निकाल लो charger तुम्हारा phone का charger में कम से कम दो pin वा तो होता है तो ये दो pin क्यों है दो अलग wire होते हैं आपके उस cable के अंदर और दोनों अलग wire अलग type का content carry करते हैं करते हैं ना yes वैसा ही है यहाँ पे, क्या है यहाँ पे, कि जब भी हम system bus की बात करते हैं, तो system bus की variety होती है, buses की types होते हैं, bus के अंदर multiple types की buses आती हैं, वो multiple types की bus, हर एक type की bus, अलग-अलग content carry करती हैं, वो क्या-क्या है, एक type की bus होती है, address bus, जो address carry करती है, data bus, जो data carry करती है, control bus, जो, कंट्रोल सिगनल कैरी करती है अब यह तीन टाइप की बसेस कहां से कहां कैसे कनेक्टेड रहती है इसका एक छोटा सा उदाहरण यहां पर हम बनाई देते हैं आप सभी के लिए तो देखिए जरा यह हमारा मास्टर आफ कंप्यूटर सिस्टम सीपियू इधर हम एक ही सिंगल आयो डिवाइस को सारी के सारी और जितनी भी आयो डिवाइस और मेमरी हैं उन तक तीन टाइप की बसेस कनेक्टेड हैं ये तीन टाइप की बसेस हैं एड्रेस बस, डाइटा बस और कंट्रोल बस अब याद रखेगा एड्रेस बस एक ऐसी बस है जो एड्रेस लेके जाती है, मल्टिपल लाइन्स हैं इसमें एड्रेस लेके जाती है CPU से memory या CPU से IO device तक, उल्टा नहीं होता, इस बस से यहां content नहीं आता, unidirectional है, फिर आता है एक data बस, यह bi-directional है, bi-directional मतलब यही बस content को यहां से यहां भी लेके जाएगी, at a time एकी तरफ लेके जाएगी, at वन वे है, वन वे मतलब की, सरी, वन वे in the sense, single lane समझ सकते हो, multiple lines है इसमें, पर multiple line मान लो आठ line है इसमें, तो आठ bit का data या तो इधर से इधर जाएगा at a time, या इधर से इधर जाएगा, एक साथ दोनों जगे से नहीं जा सकता, क्यों सर, क्यों नहीं जा सकता, मान लो इधरने ये बोलता है किसी को कि मेरे को data चाहिए तो ही ये memory इनको data भेजेगी, ये बोलता है IO device को कि मेरे को data चाहिए तो ही data IO device भेजेगा, वरना अपनी मरजी से नहीं भेजेगा, जब तक ये नहीं चाहता content इधर से इधर नहीं आएगा, और of course ये चाहेगा तब ही तो content इधर से इ� powerful है बहुत पावरफुल है, है ना, यास, बहुत पावरफुल है, इसीलिए ये Central Processing Unit है, Central, सबसे, इसको बोलते है Master of the Computer System, CPU को, इसीलिए, I did not get CS Core Branch, instead of CS Specialization, ये MLK Specialization Course same होगा, बेटा जी, एक बार आपकी University में जाके उसका Curriculum पूछ लो, बता देते हैं, कोई tension नहीं है, University का Syllabus Online भ आपको computer science का basic idea मिल जाएगा AI ML के साथ में, वैसे तो होता है, don't worry about it, ठीक है, और एक बात, ये course जो है, ये course की बात है, तो आप बीच में ना इधर उधर की queries ना पूछो, क्योंकि अभी हम जो पढ़ रहे हैं, वो course पे ध्यान दे रहे हैं, जब आप से interaction वाले sessions आते हैं, उसक विश्वदीप सर ये टेलिग्राम ग्रूप है ओपन है सबके लिए जॉइन करो वहाँ पे क्वेरीज पूछते रहो क्योशियन पूछते रहो हम आपसे डिसकेशन करेंगे सारी चीजों का ठीक है चलिए टेलिग्राम ग्रूप है ये विश्वदीप सर पीडब्यू उसका न तो कुछ सिगनल CPU memory तक control signal भेजेगा CPU को अगर कोई control signal IO device पे भेजना है तो वो signal इसके थूँ जाएगे बस के थूँ कुछ signal memory के हैं जो CPU तक जाते हैं control signal कुछ IO device के control signal हैं जो CPU तक जाते हैं CPU को बताने के लिए कुछ specific चीज तो ये सारे की सारे controlling यहां से होती है इसको अगर आप खोद के देखोगे डिटेल में तो सारी बस इस data को ऐसे लेके जाएंगे बस की सारी lines जो है सारी की सारी यहां से यहां address लेके जाएंगे ठीक है यह data bus को अगर आप देखोगे सारी की सारी lines इधर भी data लाएंगी इधर भी data लाएंगी कब कौन सी direction में जाएगा CPU control करेगा पर अगर आप इस control bus को डिटेल में देखोगे तो यह bus collectively बहुत lines का collection है पर इन में कुछ lines होंगी, जो CPU से memory तरफ जा रही होंगी, unidirectional, कुछ lines होंगी, जो memory से CPU की तरफ आ रही होंगी, कुछ lines होंगी, जो IO से CPU की तरफ आ रही होंगी, तो कहीं ने कहीं, हर एक individual line, जो control bus की है, वो unique है, एक direction की तरफ ही जाएगी, unidirectional है, इसे क्या कहा जाता है, हम लिखेंगे, each, individual line in control bus is unidirectional, हर एक individual line जो है, control bus में वो unidirectional होगी, क्यों होगी, क्योंकि वो एक control signal को एक जगे से दूसरी जगे लेके जाएगी, एक एग्जांपल देता हूँ, शायद कभी आपने सुना हो, कि मान लो CPU को memory में read करने का है, तो CPU इस control bus का एक signal, जो memory read signal है, उसको one करके memory तक भेजेगा, तो एक signal आएगा इस bus के part में, एक single line, एक single signal, जो की memory तक जाता है, memory read के लिए, अगर CPU को memory में जाके write करना है, तो CPU memory पे, memory write signal भेजता है वो भी एक single line होगी एक interrupt नाम की signal होती है जो IO device भेजती है CPU को कोई भी काम IO device को कराना है CPU से तो CPU तक वो IO device एक control signal भेजता है CPU को जिसे बोलते interrupt ये वही interrupt signal है जो generate होता है जब आप कभी कोई mouse पे click करते हैं या फिर keyboard पे press करते हैं अपने कंप्यूडर सिस्टम में तो जैसे आपने कीबोर्ड पर कोई बटन प्रेस किया तो एक इंटरव्यू जाता है कहां पर सीपीयू के पास और सीपीयू इंटरव्यू को रिया करता है अच्छा क्या चाहिए तुमको आयो डिवाइस वह बोलेगा हमने बटन प्रेस किया है वी शो कर दो वी तो सीपीयू को शो करा देगा तो यह इंटरव्यू क्या है कंट्रोल सिगनल है किसका पार्ट इसका पड़ी सिगनल कहां से आयो से किधर आया सीपीयू की तरफ इसलिए एक लाइन इंटरव्यू के लिए होगी एक अ एक पीछी और के लिए ऐसे अलग-अलग सिगनल होंगे इस कंट्रोल बस में जिनका अलग-अलग काम होगा कुछ सिगनल से मेमोरी की तरफ जा रहे होंगे कुछ आयो की तरफ कुछ आयो से सीपीए की तरफ कुछ मेमोरी से सीपीए की तर� सर मुझे COA बिलकुल नहीं आता बेटा जी आप COA अगर पहले lecture से पढ़ोगे आ जाएगा पढ़ो तो सही सर CPU और IO device साथ में control signal send कर सकते हैं बिलकुल कर सकते हैं देखो अगर CPU ने ये control signal IO के लिए भेजा उसी टाइम पर IO control signal CPU के लिए भेज सकता है पर ये तो CPU की बात है कि CPU किस signal को जादा तवज़ो देगा अगर अपना काम करवाना होगा तो पहले इसके उस पे बाद जाएगी जो ये वाले signal से CPU तक interrupt आया है CPU बोलेगा रुको पहले तुम मेरा काम करो जो तुमको मैंने कहा है उसके बाद में हम तुम्हारा काम करेंगे क्योंकि master तो यही आदमी है न master तो यही आदमी है जैसे कि मैंने तुमको कुछ question बोला कि अच्छा बताओ पहले तुम हमारा answer करो फिर हम तुम्हारा answer करेंगे क्योंकि मैं control कर रहा हूँ ना class को अभी तो समझ लो कि मैं कंट्रोल कर रहा हूँ, कंट्रोल तो तुम्हारे हाथ में होता है, है ना, अंडस्टूड, येस, तो देखो क्या है, सिंपल सी बात है, अलग-अलग सिगनल, अलग-अलग टाइम पे अलग-अलग जेगे पहुंच सकते हैं कंट्रोल सिगनल, जो CPU जनरेट करे� वो आयो डिवाइस की नहीं सुनेगा। जब तक हम अपना काम खतम नहीं करेंगे, तब तक हम किसी आयो डिवाइस का नहीं सुन सकते। है ना? चली, आगे बढ़ते हैं। System Buses के बारे में मैंने डिटेल बताई आपको, कि ये System Buses क्या होती है?

तीन टाइप की Buses होती हैं। अगर हम Address Bus की यहाँ पे बात करें, कि Address Bus Carry क्या करता है? Address Carry करता है। किसके लिए? या तो Memory या आयो डिवाइस के लिए। तो सर उल्टा Address नहीं आता?

देखो बाब। अगर CPU को memory access करनी है, तो memory, तुम्हारे computer system में कितने GB का RAM है, बताओ ज़रा, तुम्हारे computer system में RAM कितने GB का है, चलो अगर computer system नहीं है, phone तो होगा, किसी से तो तुम मेरा lecture देख रहे हो, क्या किस चीज़ पे देख रहे हो, tablet पे, phone पे, laptop पे, जिस भी device पे मेरा currently lecture चल रहा है ये, 8GB, 10GB, 4GB, 6GB का कितना? उतने GB का RAM का पूरा 8GB CPU को एक साथ थोड़ी चाहिए? CPU को पूरा 8GB एक साथ उठाके चाहिए क्या? नहीं ना, उसको तो 1, 2, 4 Byte चाहिए खाली, 2, 4 Byte अगर 2, 4 Byte का Content एक बार में चाहिए तो वो 2, 4 Byte का Content कहां रखा है? किधर है?

Memory 8GB की है 8GB जी पता है क्या होता है? 2 की पावर 30 8 x 2 की पौर 30 बाइट की है memory उसमें से अगर एक single byte CPU को चाहिए तो वो कहां रखी है कौन सी जगे पर इसके लिए memory में होता है हर एक बाइट का एक address जो CPU भेजता है कि ये इस address पर रखा हुआ बाइट मेरे को दे दो तो ये address कैसे जाता है इस address बस के थूँ जाता है memory तक आयो डिवाइस तक एड्रेस भेजने की इसलिए जरूरत है क्योंकि ये जो CPU महाराज हैं उनसे multiple आयो डिवाइस connected हैं एक keyboard भी है, mouse भी है, printer भी है, camera भी है, microphone, mic भी है, होता है आपके laptop, laptop में तो होता है, बढ़िया से होता है, अगर आप ऐसे वो वाला headphone लगाते हो उसमें microphone अलग से होता है, उसका अलग से pin लगता है, microphone भी है, scanner भी है, इतनी सारी आयो डिवाइस हैं उनमें से अगर CPU को प्रिंटर को कुछ बताना है कि प्रिंटर तुमको हम फाइल भेज रहे हैं प्रिंट करके बताओ जरा तो CPU प्रिंटर को सिलेक कैसे करेगा इसके लिए जितनी भी I.O. डिवाइसेस हैं उनको इंटरनली एक एड्रेस मिलता है हर एक I.O. डिवाइस को जितनी I.O.

डिवाइस CPU के साथ कनेक्टेड हैं सबका अपना एक एड्रेस होता है अब उन एड्रेस को CPU समझता है और जिस भी डिवाइस से CPU को कम्यूनिकेशन करना है उसका address CPU भेजता है, किसके थूँ, इस address पस के थूँ, जो IO के पास जाएगा, तो अगर CPU को hard disk पे connect करना है, hard disk से communication करना है, तो उसका address भेजेगा, अगर CPU को printer से communication करनी है, तो उसका address भेजेगा, इसलिए address भेजना जरूरी है, memory और उस IO device तक दोनों में से किसी एक पे, ठीक है, नो तो address बस का क्या काम है CPU जो है memory या I.O. device को access करने के लिए उसे communicate करने के लिए address भेजता है उल्टा क्यों नहीं होता क्योंकि इन दोनों में से कोई भी CPU को थोड़ी बोलेगा CPU तुम्हारे इस address पे जाके तुम्हारा ये data चाहिए है इनी CPU के पास कोई address उल्टा थोड़ी होता है कि memory CPU को बोलेगी जाके कि मेरे को ये तुम्हारे address का data चाहिए है ही नहीं ये IO device थोड़ी बोलेगा 4 CPU में से 1 CPU तुम मेरा काम करो ऐसा कुछ नहीं होता control इधर से होता है इसलिए address unidirectional है ताकि CPU memory या IO device में से जिसको भी access करना चाहे जिससे communication करना चाहे उसको यहां से address भेज सकता है इसलिए ये unidirectional होता है ठीके चली अभी हमने यहाँ पे system buses देखी, system bus में यह दिखा, address bus unidirectional है, data bus bidirectional है, control bus को भी हम दिखाते bidirectional है, पर अगर इसकी detail में देखें, तो कुछ line इधर जा रही है, कुछ इधर जा रही है, है unidirectional, ठीक है, इतनी हमने यह बात कही, अब आज के लिए हम इतना यहाँ पे इसको प दूसरा component हमारा एक छूट गया है CPU registers. क्या होते हैं registers अलग-अलग type के? इन registers का क्या काम है?

क्यों ये use होते हैं? इन में से जो अभी हमारे current module के लिए जो चाहिए, वो है हमारा program counter, PC. एक register होता है CPU के अंदर, ये कुछ तो ऐसा रखता है, जिस से हमें हमारे pipeline chapter में बहुत मदद मिलेगी उसको समझने में.

तो यह हम कल सीखने वाले हैं कि CPU के अलग-अलग रेजिस्टर्स क्या होते हैं, कैसे काम करते हैं, और फिर थर्ड लेक्चर में हम डिस्कस करेंगे इंस्ट्रक्शन को कि इंस्ट्रक्शन क्या होता है, कैसे एक्सिक्यूट होता है, और उस एक्सिक्यूशन में किन-किन स्टे� हो सकता है आप सब लोगों को थोड़ा अजीब लगे कि सर ये basic वाली etc. क्यों पढ़ा रहे हैं, मैं एक बात बताता हूँ, एक simple सी बात कि आप सब लोगों को अगर कोई chapter पढ़ाया जाए, तो उस chapter की हर एक बात समझ आए, इसके लिए मैं दो तीन घंटे पहले आपको एक टच कर दिया जाएगा ताकि आपको वो बाइब्लाइन चैप्टर का कोई भी एक भी टॉपिक ऐसा न लगे सर ये प्रोग्राम काउंटर तो आमको पता ही नहीं है तो हम कैसे समझें रेजिस्टर क्या होता है हमें नहीं पता हम नहीं पता तो यह सारी चीजें हम बताएंगे उसके बाद ही आपको चैप्टर की तरफ लेकर जाएंगे ताकि जो आपको डिटेल उस और अगर PYQs सारे solve कर लिए, तो आपसे सारे के सारे question बनेंगे, बिल्कुल बनेंगे, अच्छे से बनेंगे, practice की extra need हो सकती है, जो आप अपने end पे अच्छे से अगर कर लेंगे, तो फिर gate में आप 2 mark पक्का लेके आएंगे, कम से कम, एक question 2 mark का पक्का आता है इस chapter से, सर बाई डारेक्शनल क्यों only CPU can send the signal वाई memory बेटा जी memory also can send signal to CPU कैसे CPU बहुत fast होता है memory होती है slow CPU ने memory को बोला कि मेरे को कोई content read करके दो अब वो content read करने में थोड़ा तो time लेगी तब तक CPU अगला read का या write का operation CPU को ना भेजे इसलिए memory एक signal CPU को भेजती है और वो signal है ready नहीं वो signal है wait signal तो वो wait signal CPU तक पहुंचेगा तो CPU को पता चलेगा कि memory ने बोला है wait करो मतलब memory किसी काम में involved है। जब उसका काम खतम हो जाएगा तो वो wait को zero करके और ready signal भेजेगी CPU को कि अब मैं ready हूँ अगला operation आप भेज सकते हूँ मैं read write कर सकती हूँ। तो ये दो signal होते हैं wait और ready जो memory से CPU की तरफ जाते हैं ये memory के status को बताते हैं कि memory अभी busy है या काम करने के लिए ready है। ऐसे दो सिग्नल होते हैं चलिए आपको पीडीएफ जो है वह पीड़व्यू की आप पर मिल जाएंगे आप पीड़व्यू की आप पर चले जाएंगे आपको डिस्क्रिप्शन में डिटेल उसकी भी मिल जाएगी क्लास की पीड़व्यू बराबरी से देंगे ठीक है मिलें� पूरा confirm कराऊंगा एक घंटा per day lecture में आने के पहले बस आपको छोटा सा revision करना है that's it and आपका काम बन जाएगा okay thank you so much guys for joining here and attending this particular session हम बिल्कुल सर डू वी हैव मेमिरी कंट्रोलर वी मीन्स मेमिरी हैव मेमिरी कंट्रोलर कैसे डिटेल में काम करता है उसको हमें पढ़ने की ज़्यादा ज़रूरत है नहीं हमारे सिलिबस में है नहीं मेमिरी कंट्रोलर में एक मेमिरी डिकोडर होता है वो हम मेमिरी चैप और आपको बहुत ब