Hello guys, मैं आपका भाई, दोस्त, Educator of Economics, Love Kaushik, स्वागत करता हूँ आपका चानक के बेच में और दोस्तों आज की क्लास में मैं आपको कराऊँगा Business Economics का Chapter No. 1 जिसका नाम है Nature and Scope of Business Economics इस Chapter को दो पार्ट में, यानि दो Units में डिवाइड किया हुआ है Unit 1 का नाम है Introduction, Unit 2 का नाम है Basic Problems of an Economy and Role of Price Mechanism ये चैप्टर कंप्लीट कराऊँगा, साथ-साथ मैं आपको ICI मॉड्यूल के सारे MCQ कवर अप कराऊँगा, और previous year questions जो पहले आ रखे हैं examination में, वो भी यही करादूँगा, यानि एक बार में complete package of this chapter आपको मिल रहा है, तो दोस्तों शुरुवात करते हैं, सबसे पहले क्योंक फिर इस टाइटल को जस्टिफाई करेंगे और फिर चैप्टर का कॉंटेंट शुरू होगा और यह जो टाइटल को जस्टिफाई कर रहे हैं यह भी चैप्टर का ही पार्ट है तो नंबर उन पर दोस्तों हमें जानना जरूरी है कि बिजनस क्या होता है दोस्तों देखो आप कोई शॉप खोल कर बैठे हो या कोई आप मंडी में सबजी वाले को देख रहे हो या फिर कोई बड़ा राइंस का अंपायर है टाटा का अंपायर है यह सारी एक्टिविटीज या कोई दूसरा डेरी का काम भी कर रहे हो जहाँ पर आप पैसा कमा रहे हो एकाउनमिक एक्टिविटी कर रहे हो वो सारे काम धन्दे बिजनस कहलाते हैं चलो फिर आएंगे बाद में एकाउनमिक पर तो बिजनस जो आप फ्री फंड के अंदर मतलब समाज सेवा कर रहे हो पैसा कमाने वाली एकॉनोमिक अक्टिविटी होती है तुम चाहे उसको पोल्ट्री बोलो, फार्मिंग बोलो, एजुकेशन, बैंकिंग, इंशोरेंस हेल्थ सेक्टर में हॉस्पिडल भी खोल लिया आपने तो अभी आप एकॉनोमिक अक्टिविटी कर रहे हो और अगर तुम सोचोगी यार मैंने एक ऐसा बिजनस कोला है जो की non-profit organization है क्या ये economic activity है, क्या ये business कहलाएगा जी हाँ, non-profit organization भी business कहलाएगी बस फर्क ही होता है जो non-profit organization के पास पैसा earning के तौर पर आता है वो उसको surplus बोलती है और जो profit making organization है उसके पास जो earning के तोर पर पैसा आता है वो उसको profit बोलते है है सब ये business के बारे में लेकिन economics में हम क्या पढ़ते हैं अभी यह economics की definition नहीं बताऊंगा लेकिन economics की एक मोटी बात आपको जाननी है कि economics में decision making process के बारे में पढ़ा जाता है तो economics में हम पढ़ेंगे how to take decision और chapter number 1 में कुछ प्रॉब्लम्स है और उनके डिसिजन किस तरीके से लिए जाते हैं उसको भी डिस्कस किया हुआ है तो देखो ना बिजनेस एक मॉडल है जहां पर तुम पैसा कमाने की सोच रहे हो एकॉनोमिक्स एक डिसिजन मेकिंग प्रॉसेस को जस्टिफाई करने वाली चीज है औ एकॉनोमिक्स की चर्चा करते हैं कि ये सब्जेक्ट अक्शुली शिरू कैसे हुआ दोस्तो ये सब्जेक्ट बोलते हैं कि एडम स्मिथ के दुआरा स्टार्ट किया हुआ सब्जेक्ट है तो एडम स्मिथ ने 1776 में एक बुक लिखी जिसका नाम था एन इंक्वायरी इंटू दा नेचर एंड कोजेस आफ द वेल्थ आफ नेशन्स इतना लंबा सा नाम है इसको short में wealth of nations के नाम से जानते हैं इन्होंने book लिखी और इस book के अंदर economics के concepts की चर्चा करनी start की तो Adam Smith पहले बंदे थे यह लिखा भी हुआ है Adam Smith is considered as the first modern work of economics इन्होंने economics का पहला-पहला modern काम करके दिखाया और इसलिए जो बंदा किसी भी subject की शुरुवात करे तो उस बंदे को बोलते है father of that subject तो Adam Smith is called father of economics चलो जी, जब इन्होंने economic subject को शुरू किया, तब उस subject का नाम economics नहीं होता था, उसको बोलते थे political economy, तो till 90th century, 19th सदी तक economics को political economy के नाम से जाना जाता था, और बताओ आपको, आप कोई भी subject पढ़ो, कोई भी subject, उस subject के अंदर कुछ words ऐसे होते हैं, जो दूसरी foreign language से relate करते हैं उसकी relation बताई हुए है यौरोप में एक देश है ग्री ग्रीस देश में जो भाषा बोली जाती है उसे बोलते हैं ग्रीक, तो ग्रीक भाषा में एक वर्ड है ओइकोनोमिया, ध्यान रखना, question create होता है यहाँ से, ओइकोनोमिया को इंग्लिश में बोलते हैं household, यहनी घरेलू चीजे, तो एडम स्मिट जी बोलते थे कि economics का basic sense, यहनी एकानोमी वाली प्रॉब्लम होती है वह धीरे-धीर हम आगे बढ़ेंगे और तुम देखोगे कि फैमिली की नहीं वह तो यार इंडिविजुअल खुद अकेले परसनल मामले में भी वह प्रॉब्लम अटैच हो रही है मतलब रिलेट हो रही है आप समझ पाओगे तो यहां से क्वेश्चन क्या-क्या बनते हैं कि वह इकोनोमिया का मतलब क्या होता है हाउसोल्ड या फिर कहीं लिखा होगा इन बुक लिखी थी वह कौन से यह में लिखी थी इस पर लिखी थी इस बुक का पूरा नाम क्या है? ये रहा, छोटे नाम से भी जानते हैं, हाँ, The Wealth of Nations, इस बुक का छोटा नाम है, इतने सारे MCQs यहां से बहुत basic बन सकते हैं, अब फिर आता यार, ये तो चलो सर Economics के बारे में हो गया, Economics के बारे में time to time अलग-अलग Economist ने अलग-अलग definition द मतलब out of the box जाके हम ये बात नहीं करेंगे, जिस हिसाब से आपके paper में question आएगा, उससे relate करूँगा चीजों को, ठीक है न, और बोलोगे तो Adam Smith क्या बोलते थे, what is the definition of economics, तो Adam Smith बोलते थे, economics is the science of wealth, या फिर economics is the study of wealth, wealth का मतलब property, property के बारे में पढ़ना economics कहलाता है, फिर धीरे इसके बाद आपका subject आता है, that is business economics. अभी इसको आगे भी लेकर आउंगा, लेकिन छोटे से तोर पर आप ये जाल लो, economics के concepts को business में apply करना, business economics कहलाता है, तिरफ इतना ही.
अब ये business economics की सबसे पहले definition दी थी, Joel Dean ने, दी तो 1951 में दी थी, मतलब बहुत जादा ही पुराना subject नहीं है. तो आपको जानना पड़ेगा कि कुछ facts complete हो चुके हैं अब मैं असली economics की शिरुवात करना चाहता हूँ आपके साथ जिससे आपके content के अंदर जो topics दिये हुए हैं वो topics आपके बिल्कुल crystal clear होंगे सबसे पहले यहाँ पर बात की जाती है एक word discuss करता है word का नाम है या scarcity scarcity का मतलब क्या होता है तो दोस्तों normal English की भाषा में scarcity को बोला जाता है shortage जब तुम्हें किसी चीज की कमी खलती है, कोई भी resource अगर तुम्हारे पास कम रह जाए, यानि for example, तुम्हें 10,000 रुपे की जरूरत है, और तुम्हारे पास 6,000 रुपे है, तो 4,000 रुपे की कमी रह गई, तो आपके पास 4,000 रुपे की shortage रह गई, यानि जब आप demand करते हो, माल लो कि आपका birthday है, आप पापा के पास गए, पापा को बोला पापा, मेरी demand है, 10,000 रुपे मुझे दे दो, मैं दोस्तों के साथ party करनी है, धूम मचानी है, नाचेंगे गाएंगे खाएंगे पीएंगे ऐसे करेंगे पापा कहते है ले बेटा सप्लाइ तेरे को मिलेंगे सिर्फ आजार रुपए तो यार दस दर मांगे थे पापा ने डिंडा दिखाकर आपको आजार रुपए दे दिये तो यानी अब आपके पास है और उसकी सप्लाई कम होती है बहुत सिंपल सी बात है अब जब दोस्तों केर सिटी होती है ना जिंदगी में रिसोर्सेस की कमी होती है तब एक डिसिजन मेकिंग प्रोसेस दिमाग के अंदर चलता है सोचो जब हम टेंथ क्लास में थे तो जिन्दिकी तो लिमिटेड है लाइफ लिमिटेड है तो लाइफ भी एक रिसोर्स है रिसोर्स का मतलब तो जब आपने पापा से दसदार रुपे मांगे तब आपको कुछ decision लेना पड़ा, ऐसे decision सरकार भी लेती है, जैसे कि सरकार को उमीद होती है कि public से 100 रुपे का tax आ जाएगा, और भाईया public ने 60 रुपे का tax जमा कराया, तो सरकार को भी decision लेने पड़ेंगे, पहले सरकार ने सोचा हुआ था अपने budget में यार 100 रुपे का tax आ� उसको भी कुछ ना कुछ design लेना पड़ेगा तो design की बा तो आप दोस्तों को बुलाओगे पार्टी में जो आपने रखा था खाने-पीने का सामान वह सामान थोड़ा कम हो जाएगा पहले तुम चोले बुटुरी मुर्ग मुसलम रोगंजो शामी बिरियानी राजमा चावल फिर दो-चार रखोगे तो हमें लेनी पड़ती है जिन्दा हो जाती है क्योंकि resources की कमी है और सच बात बताऊं पुरी दुनिया के अंदर unlimited resource होते ही नहीं है हर एक चीज लिमिट में बनी है तो हमें choice लेनी पड़ती है तो सबसे बड़ी economic problem economics में सबसे बड़ी problem की बात की जाए तो वो problem है problem of making choice तो what is economic problem it is the problem of making choice यहां से शुरुवात होती है आपके concept की for example एक अंदर गुश के बात करते हैं बिल्कुल डेप्ट में देखो जी आपके पास माल लोग 5000 रुपीस पड़े हुए हैं आप क्या कर सकते हो पांच हजार रुपे के बहुत सारे यूज हैं आप इससे एक साइकल खरीद लाओगे या फिर आप पार्टी कर लोगे या फिर आ लोन पे दे सकते हो, इंटरस्ट अर्न कर सकते हो, या बैंक में जमा करा दोगे, बहुत सारी ओप्शन है न, और क्योंकि पांच आरोपे है तो आप सारे ओप्शन यूज नहीं कर सकते हो, अभी देखो और ढंग से रिलेट करोगे, अब देखो कोई दूद वाला है, वो भैस लेकिन वो milk से सब कुछ नहीं बनाता, बनाने को चाय, कॉफी, सीधा दूद पी जाओ, बहुत सारे use हैं इसके, लेकिन अगर दूद तुम्हारे पास limit में है, obviously वो limit में ही होता है, तीके, अगर तुम कहो कि मेरे पास दूद का कुआ है, तो it is not possible, तीके, हर जगा वो limit में ही ह क्योंकि resource आपके पास limit में है, तो आपको choice वहाँ लेनी पड़ती है, तो question यह बनता है, सबसे बड़ी problem तो choice है, यह problem आई कैसे, यह दोस्तो problem यू आई है, क्योंकि जो resource है न, वो खुद बोलता है, कि यार मेरे तो बहुत सारे use है, many uses है, many को तुम बोल दो, alternative, resource खुद बोलता है, कि मेरे alternative use है, कि आप मुझे किस काम में लेकर आते हो, हो सकता है किसी resource के 500 use हो, आप उस resource को 5 काम में, 10 काम में लेकर आते हो, हो सकता है किसी resource के 2 use हो, आप उसको 1 काम में लेकर आते हो, हो सकता है किसी के 20 use हो, आप उसको 3-4 काम में लेकर आते हो, तो depends, आपको choice लेनी पड़ेगी, और दोस् सारी कहानी हमारी wants की है, हम लोग हैं ना जो human wants है, यानि जो हमारी इच्छाएं हैं, ये हमारी इच्छाएं actually unlimited है, अगर हमारा मन शांत होता, तो हम सोचते यार पापा ने जितने पैसे दिये हैं, उतने में काम चल जायेगा, जादा के demand क्यों करनी है, अब जब तुम, अभी यार मेरे पास ये वाली earning opportunity भी है ये वाली earning opportunities भी है तो तुम भी अपने दिमाग में बहुत कुछ सोच कर चलते हो सिर्फ एक चीज के लिए strict नहीं रहता वन्दा तो हमारी wants हमारी इच्छा हमेशा limitless होती जाती है ये तो psychological fact है अगर कोई बोले नहीं बाई मेरी इच्छा limited नहीं है ये possible नहीं है practical life में ध्यान रखना ज्यादा से ज्यादा चाहता है तो हमारी इच्छा है अनलिमिटेड है और रिसोर्स लिमिट में और एक रिसोर्स के मल्टिपल यूज है तो हमें चॉइस लेनी ही पड़ेगी तो चैप्टर की शुरुआत जब होती है तो यहाँ पर दो फंडामेंटल फैक्ट डिसक्स किए गए हैं फंडामेंटल का मतलब होता है बेसिक दो बेसिक फैक्ट डिसक्स किए गए हैं और यह बेसिक फैक्ट बोलते हैं यूमन बिंक्स हैव अनलिमिटेड वांड्स मान गए आप बिल्कुल मानोगे क्योंकि यह बात हम discuss कर चुके हैं ठीक है the means to satisfy these unlimited wants means का मतलब क्या है भाई पहले यह देखो means का मतलब है यहाँ पर resources, यानि इन unlimited wants को satisfy करने के जो resources हैं हमारे पास, वो relatively scarce हैं, scarce, scarcity भी डल दो यहाँ पर, scarce का मतलब वो limit में है, scarcity का मतलब पता लग गया न, shortage है उसकी, ठीक है न, और यही main subject matter of economics है, यानि यही चीज़े economics के subject matter को बनाती है, कोई आपसे बोले इकोनोमिक्स का सब्जेक्ट मेटर क्या है तो यह नहीं है वह टॉपिक आगे आएगा अगला इकोनोमिक्स को बनाने वाली यही स्केर सिटी है अगला इकोनोमिक्स को बनाने वाली यही स्केर सिटी है अगला इकोनोमिक्स को बनाने वाली यही स्केर सिटी है अगला इकोनोमिक्स को बनाने वाली यही स्केर सिटी है अगला इकोनोमिक्स एक बन गया and, and ये technical language में, जो हमारी wants होती है न, उसको end बोलते हैं, ये बाया end result है चाहिए, ये हमारी want है, और दूसरा टकड़ा गया है means का, means का मतलब resources, अब देखो जी, कहता है resource limited है, और resource के alternative use भी है, limited है, तो उस resource की scarcity आ गई, shortage हो गई, ये तो, मीन की बात कर लिया है, रिसोर्स की बात कर लिया है, इधर से टेबल को जस्टिफाई करूँ, तो हमारी वांट के ऊपर बात आती है, कहते हैं, हमारी वांट अन्लिमिटेड इन नंबर है, जादा ही जादा चाहता है भाई, हर कोई बंदा माँबला, फिर हमें अपनी वांट क उसके बाद कौन सी satisfy होनी चाहिए अगर आपका purpose माल लो 5 करोड रुपिया कमाना है तो आप उसके लिए रस्ता डूनते हो मुझे पहले CA बनना पड़ेगा फिर मेरी earning opportunity चालू होगी फिर मैं इतना रुपिया कमाना हूँ आप अपनी wants को prioritize करते हो सबसे पहले आपने कुछ ना कुछ लगाया तो इस प्रायोटाइज करना अब जब आप अपनी वांट को प्रायोटी दे देते हो कि पहली कौन से सेटिसिफाई होनी चाहिए और बाद में कौन से सेटिसिफाई होनी चाहिए तब जो स्केर्स रिसोर्सेस है आप उसको उसके इसाप्ट से इस्तेमाल कर लेते हो तो यह जरूरत ने इतना समझ लिया बहुत काफी है और फिर सीधा आते हैं देखो जी इकानोमिक्स के दो पार्ट है यह आप यहां तक पहुंच चुके हो तो आपको पता ही है कि इकानोमिक्स के दो पार्ट होते हैं, एक माइक्रो इकानोमिक्स, एक मैक्रो इकानोमिक्स, इसको ही बोलते हैं, इस is the subject matter of economics, यानि economics has been broadly divided, broadly divided into two major parts, that is micro and macro economics, ठीक है जी, and this is the subject matter of economics, अब मैं micro और macro economics के बारे में थो� वर्जिस, मैकरो, तो बात सुनना जरा, मैं कुछ cancellation करूँगा, ये M है, ये M है, cancel कर दिया, ये C है, ये C है, cancel कर दिया, R से R cancel कर दिया, O से O cancel कर दिया, बचा क्या, I, इधर बचा I, तो I को मैं बोलूँगा, I का मतलब आप समझो, इसका मतलब है individual, और इधर बचा ए, ए का मतलब है aggregate, अब दोस्तो aggregate का मतलब क्या होता है, aggregate को तुम समझ सकते हो, इसका मतलब है totality, ठीक है जी, micro economics में हम क्या पढ़ेंगे, यहां से idea होता है, हम जो individual units हैं, जैसे कि हम individual unit है, कोई एक company हो गई, वो individual unit है, तो individual units के बारे में micro economics में पढ़ा जाता है, जो उनकी problems है, वहाँ study की जाती है, वहाँ पर decision making process के बारे में बढ़ते हैं, और macro economics में हम पढ़ते हैं पूरी economy के बारे में, यानि totality, economy as a whole, complete economy, समझ रहे हैं, उसके बारे में पढ़ते हैं, तुम पूछेगे sir economy क्या होता है, दोस्तो economy का मतलब एक ऐसा area है, जहाँ पर हम लोग रहते हैं, कि चीजें भी आएंगी आगे आएंगी ठीक है बहुत मतलब एक सीक्वेंस में मॉडल को डिजाइन किया हुआ है उस सीक्वेंस को कि अब कोई दिखकर नहीं है अब दोस्तों माइक्रो इकानोमिक्स के बारे में बोला है कि माइक्रो इकानोमिक्स इज बेसिकली द स्टेडी ऑफ द बिहेवियर ऑफ डिफरेंट इंडिविजुअल्स अलग-अलग इंडिविजुअल्स के बिहेवियर की बेड़ी माइक्रो इकानोमिक्स है अगला एक कंपनी कैसे अपने डिजिज़न लेती है कैसे प्रोडक्शन को कोशिट को या इस टाइमर के बिहेवियर को कि वह कितने डिमांड करेगा उसको जज करती है क्या उसकी लोकेशन होनी चाहिए यह सारी चीजें इंडिविजुअल कहा रहती है और इसको आप ऑर्गनाइजेशन की भी बोल सकते हो मतलब एक कंपनी के अपने डिज़िजन इंडिविजुअल के अंदर के डिज़िजन भी हो सकते हैं जैसे कि लिखा है और ऑर्गनाइजेशन विदिन एकोनोमिक सिस्टम एक टापिटलिस्टिक इस लाइक अमेरिका और सोशलिस्टिक इस लाइक चाइना ठीक है इनके बारे में बाद में बात करेंगे क्योंकि वह एंड वाला टॉपिक इस चैप्टर में यूनिट टू के अंदर है यहां पर यह बता दूं कि एक इकॉनोमिक सिस्टम में मतलब एक बिजनेस इंडिया में है मेरा एक चाइना में है और एक अमेरिका में है तीनों अलग-अलग इकॉनोमिक सिस्टम है तो क्या policy चल रही है, रहने सहने का तरीका क्या है, वो depend करता है, ठीक है, तो दोस्तों, ये चीज़े हमें ध्यान रखना है कि, micro economics में, हम basically example के तोर पर दिया हुआ है कि कौन-कौन सी चीज़ों को हम study करते हैं, तो पहला है, product pricing, product का मतलब जो भी सामान बेचा जाता है, उसका price कैसे decide होगा, ये check करते हैं micro economics में, consumer का behavior, वो कितनी demand करेगा, कितनी demand नहीं करेगा, factor pricing, फैक्टर का मतलब क्या होता है? फैक्टर का मतलब है inputs.
Inputs मतलब land, labor, capital. ये कितने का मिलेगा, कितने का नहीं मिलेगा. और economic conditions of a section of people.
लोगों का section of people का मतलब poor section और rich section की बात हो रही है. कि इनकी economic conditions कैसे है? इनके पास कितना पाईस है?
पूहर है तो कितना पूहर है? और rich है तो कितना rich है? फर्म्स का behavior भी देखते हैं.
तो मारी industry की location क्या होगी ये भी देखते हैं. 600 problem हो सकती हैं. लेकिन ये जो लिखे है ना, ये पढ़ने का फाइदा क्या है? आप CA Foundation के तियारी कर रहे हो, तो आपको strict रहना पड़ेगा यहां तक. अब इसमें कहें ना, पेपर में question आ सकता है, आपको 4 example दिये हो सकते हैं, और पूछेगा, Micro Economics की study में कौन सा element है?
तो मालो factor pricing लिख दिया, 3 कुछ और लिख दिये, तो आप इसको टिक कर दोगे, तो मैक्रो इकोनोमिक्स इस डस टेडीव ऑफ ऑवरोल इकोनोमिक फेनोमिना ठीक है उनके बारे में पढ़ना मैक्रो इकोनोमिक्स या फिर इसको बोल दो दाई कोनमी एड़ वूल कंप्लीट इकोनोमिक्स पढ़ना राधर दैन इंडिविजुअल पूरा मेरी बात जनरल प्राइस लेवल का मतलब क्या है कि देश में सभी गुड्स है न जितने भी गुड्स बनाई जाती है उसका एक एवरेज प्राइस निकाला जाता है वह स्टाइटिस्टिक्स में निकाला जाता है ठीक है वह जो प्राइस आरबिए डिसाइड कर देता है काफी सारे बैंक्स डिसाइड कर देते हैं तो पूरी कंट्री के बारे में इंटरेस्ट रेड होता है भाईया बैंक बोलता है मेरे पास अगर तो पैसा जमाओंगे तो मैं इतना परसेंट इंटरेस्ट दूंगा यानि balance of trade दोस्तों ये पूरे देश के transaction record होते है external value of currency यानि हमारी currency की दूसरे देशों में value का है external value का है इसको आप बोल सकते हो ये foreign currency का rate होता है foreign exchange rate उसको external value of currency बोलते हैं आपको ये मत पूछना internal value of currency क्या होती है दस रुपे का note तो दस रुपे का ही है मतलब हमारे देश में हमारी currency की value क्या है वो internal value of currency है ठीक है कि आधा ऑवरल लेवल ऑफ सेविंग्स एंड इनवेस्टमेंट पूरे देश के अंदर लोगों ने कितना सेव किया और कितना इनवेस्ट किया बार देखो करें ने न्यूस चैनल में आता है कि देश क वो एक पूरे देश की बात हो जाती है, individual बात में, so the level of employment and rate of economic growth, employment का level देश में क्या है, कितने लोगों को रोजगार मिला है, कितने को नहीं मिला, और rate of economic growth, पहले तो मतलब समझो, economy growth होती क्या है, economy growth का मतलब होता है GDP का बढ़ना, GDP किस speed से बढ़ रहा है, वो rate of economic growth है, अब GDP का उसकी value को बोलते है GDP माल लो एक country में 100 रुपे का सामान बनता है तो उस country का GDP 100 रुपे हो गया और एक देश में 5 रुपे का सामान बनता है तो उस देश का GDP 5 रुपे हो गया सामान बनता है मतलब जितने भी goods and services produce होती है उस देश की domestic boundary में उसकी money value को GDP बोल देते है तो micro macro के बारे में हमने कुछ किया था ठीक है जी अब simple सी बात है हमने यहाँ पढ़ लिया है business में पैसा कमाने की बात होती है, economics में resource की scarcity होती है, design लेने पड़ते हैं, और economics की दो branch होती है, जब मैं business और economics को मिला दूं, तो मेरे पास subject बनता है, business economics, और actually business economics को हम managerial economics भी बोलते हैं, manage करना होता है, देखो CA foundation में business economics बोल रखा है, अब तुम बहुत सारे देखोगे कि कोई बच्चे जो CA की तियारी करते हैं साथ में graduation भी कर रहे होते हैं तो काफी सारी universities में एक subject होता है managerial economics वो business economics ही है बिस्किली समझ गए अब देखो आपको इसके बारे में थोड़ी सी detail देता हूँ economics जब हम पढ़ते हैं मतलब मैंने तो economics universe भी किया है masters of economics भी हूँ तो इसको तो बहुत detail तक जानता हूँ अब बैं बताता हूँ economics के अंदर बहुत सारी branches होती है आपने माइक्रो पढ़ी है, मैक्रो पढ़ी है, एक मैथेमेटिकल मैथर्ड्स पर एकॉनोमिक्स भी होते हैं, स्टाटेस्टिकल मैथर्ड्स पर एकॉनोमिक्स भी होते हैं, एकॉनोमेट्रिक्स भी होती है, पबलिक फाइनांस भी होता है, वह सारे टॉपिक्स होते हैं. एक special टॉपिक होता है, economics के अंदर, applied economics, मतलब, eco की एक branch है, applied economics, applied economics के अंदर, बहुत सारी चीज़ें पढ़नी पढ़ती हैं, तो एक चीज़ उसमें यानि eco बहुत सारी जग अपलाई होती है, business में भी अपलाई होती है, तो सिर्फ इतना समझेंगे कि business में अपलाई होने वाली economics, business economics है और यह applied economics का इस्सा है, तो eco बहुत बड़ी चीज है, उसके अंदर applied economics, और उसके अंदर business economics, business economics का दूसरा नाम managerial economics हो गया, अब आपको पढ मॉडियल के हिसाब से आठ पॉइंट्स पढ़ने हैं आपको कि बिजनेस इकानोमिक्स का नेचर कैसा है तो पहली बात बोला जाता है कि बिजनेस इकानोमिक्स साइंस है साइंस पैसे यह साइंस में हम पढ़ते हैं लॉजिक्स पॉज एंड रिलेशनसिप रीजन बताओ कॉस बताओ उसका इंपैक्ट क्या होगा मतलब इफेक्ट क्या होगा चीजों पर वह दो केमिकल ही है इनको में भी लॉजिक होते हैं इनको में भी सिखाया जाता है कि प्राइस के कम होने पर लोग ज्यादा डिमांड करते हैं तो उसमें क्या रीजन होते हैं वह थिरीयर वाले चैप्टर में डिटेल में पता लगेगा ठीक है और यह जो रीजन है बीच में वह बहुत सारी कैलकुलेशन के बाद साबित होते में इसके अंदर मैथ और इसको का बहुत जबरदस्त कंबिनेशन बढ़ाया जाता है तो हम भी यहाँ पर किसी भी बिजनस एंटरप्राइस में कोई भी थिवरी को प्रूव करने के लिए कोई भी लोजिक को प्रूव करने के लिए माथमेटिकल कैलकुलेशन करते हैं उससे जस्टिफाई हो जाता है तो हम क्या कहते हैं कि इकोनॉमिक्स थोड़े से साइंटिफिक मेथड्स को फॉलो करती है ठीक है और उसको टेस्ट करती है और देखती है कि उसकी तो इकोनॉमिक्स को भी साइंस बोल सकते हैं आप ठीक है अब बोला है इकोनॉमिक्स एक आर्ट भी है आर्ट क्या होती है पहले जानते हैं देखो जी मैं डांस करूंगा तो डांसिंग एक आर्ट है पेंटिंग भी एक आर्ट है गाना सिंगिंग भी एक आर्ट है एक्टिंग भी एक आर्ट है अब शारु खान सल्मान खान आमीर खान या अक्षे कुमार चारो एक्टर है चारो क यह आप पर डिपेंड करता है तो बिजनस एकानोमिक से आर्ट है हर कोई बंदा उसको अलग तरीके से अप्लाई करता है जिंदगी में अलग तरीके से अप्लीकेशन होती उसकी लाइफ में उसके रूल्स को उसके प्रिंसिपल्स को अलग तरीके से अप्लाई किया जाता है अब मनोज वाजपही और अजय देवगण दोनों को एक निकालती है मनोज वाजपही अलग तरीके से अप्लाई किया जाता है जो इसके rules होते है principles होते है for the attainment of set objectives company के कुछ objectives already set है उनको achieve करने के लिए हर कोई बन रहा है इसके rules और principles को अपने हिसाब से apply करता है इसलिए business economics 8B है तो जो मोटी line मैं पढ़ा रहा हूँ उस पे ध्यान देना है आपको ठाड नंबर पे it is based on micro economics अब मेरी बास स मेरा बिजनेस मेरा मेटर तो बिजनेस इकानोमिक्स बहुत बड़े लेवल पर माइक्रो इकानोमिक्स पर डिपेंडेंट होती है माइक्रो इकानोमिक्स में इंडिविजुअल चीजें बढ़ते हैं ना मेरी कॉमोडिटी कैसे बनेगी क्या प्राइस होना चाहिए क्या प्रदक्षन की क्वांटिटी होनी चाहिए कितना खर्चा लग जाएगा ना ये सब बढ़ते हैं तो मेजरली तो इसके अंदर माइक्र तो यहाँ पर लिखा है, business economics is based largely on micro economics, आप सिर्फ इस बात को ध्यान रखो, फिर यहाँ लिखा है, तोते नंबर, incorporate element of macro analysis, कहता है, कि business economics के अंदर macro economics के elements भी शामिल है, मतलब incorporate है, यार यह तो confusion हो गई, मतलब paper माल लो question आ गया, कि business economics के अंदर दोनों पड़ते हैं अगर क्वेश्चन यह आएगा बिजनस इकानोमिक्स में लार्जली का पड़ते हैं वर्ड ध्यान रखना लार्जली आएगा तो लार्जली हम माइक्रो पड़ते हैं जादा माइक्रो है कम मैक्रो है लेकिन दोनों पड़ते हैं एक लाइन लिखी हुई ह बहुत फर्क पड़ता है कि गॉर्मेंट ने लेवर की सैलरी से रिलेटेड कोई रेगुलेशन या लॉ निकाल दिया है इंडॉस्ट्री पर कोई ना कोई लगाम लगा दी हो सरकार ने आर्बिए की पॉलिसी बदल गई हो इंट्रस्ट रेट से रिल तो एक line आ जाएगी, मानलो paper में लिखा है अब business unit does not operate in vacuum इसका मतलब क्या है? मतलब कि business economics micro है, business economics macro है, या दोनों है, या कोई नहीं चार option मिलेंगे, तो सिर्फ इस line का मतलब है, कि business economics macro है, क्योंकि अकेले नहीं, सिर्फ तुम सोच रहे हो कि अकेले business आगे आजाओ, जब तुम business economics पढ़ते हो, तो use करते हो theory of market and private enterprise.
Market में demand और supply की थिवरी पढ़ने पढ़ती है, कोई भी business operate कर लो, आपको पता होना चाहिए. किसी भी private enterprise का behavior कैसा होता है, कैसे वो अपने आपको develop करता है, या कैसे उसकी strategic decisions बनाए जाते हैं, वो भी पता होना चाहिए. It is pragmatic approach, इसको मैं star mark करूँगा, क्योंकि दोस्तों ये सबसे ज़ाधा important है. लो जी मित्रों, तब से पहले मैं आपको pragmatic का मतलब बताऊंगा, pragmatic का मतलब है practical, कहते हैं business, economics, कोई imagination नहीं है, ये practical problems को solve करने वाली चीज़ है, मतलब solve करने वाली क्या, मतलब practical problem को study करने वाली चीज़ है, जो हम real world में face करते हैं, ऐसी कोई imagination नहीं है, लेकिन यहाँ पर बात clear cut क में हम जो माइक्रो इकानोमिक्स पढ़ते हैं, माइक्रो इको पढ़ी होगी तुमने ग्यारवी बारवी में, तो माइक्रो इको थोड़ी सी इमेजिनरी है, बहुत सारे उसके अंदर जो अजम्शन्स पढ़ाई जाती है, वो रियल वर्ल्ड में सची नहीं होती, लेकिन हम य Analysis Economic Phenomena Under Unrealistic Assumption Micro Economics ऐसे Economic Phenomena Analysis करती है जहाँ पर Assumptions जो है वो अन्रियलिस्टिक मतलब सचाई में साबित होती नहीं है लेकिन दोस्तों इन कंट्रास्ट मतलब अगर देखा जाए फर्क लगाकर देखा जाए तो बिजनस इकॉनोमिक्स इस प्रैगमेटिक इन इट्स अप्रोच बिजनस ही को प्रैगमेटिक है मतलब प्रैक्टिकल ह यह नेचर इंटर डिसिप्लेन रही है, पहले तो डिसिप्लेन का मतलब समझो, डिसिप्लेन का मतलब तो मैं समझ में आता हूँ को, डिसिप्लेन का मतलब होता है अनुशाशन, होता है, सची बात होता है, लेकिन डिसिप्लेन का मतलब दोस्तों सबजेक्ट भी होता है, आपक Mathematics, Operations, Research, Management, Accounting आप जब B.O.P वाला चेप्टर पढ़ोगे तो Accounting भी, Debit, Credit भी आएगा Marketing भी है, Finance भी है, Statistics भी है, Econometrics भी है ये सारी चीज़ें Business Economics में पढ़ाई जाती है लेकिन इतनी बड़ी Business Economics तुम्हारे syllabus में नहीं है इसमें आप CA Foundation में इतनी सारी नहीं पढ़ोगे, सचाई में तो कहते हैं कि बहुत सारे subject बिजनस Economics के अंदर समाए हुए हैं यानि इंटर डिसिप्लेंडरी मतलब बहुत सारे सबजेक्ट है इसके अंदर ठीक है इसलिए इंटर डिसिप्लेंडरी है और दोस्तों लास्ट वाला बोला हुआ है इट इस नॉर्मेटिव इन नेचर अब यह नॉर्मेटिव का मतलब पहले समझाओंगा मैं आपको फिर और एक है expectation, expectation मतलब opinion, राय दे रहे हो कि हाँ या tax को बढ़ा देना चाहिए, सच्चाई ही है कि tax बहुत कम है, जो भी कम है या जादा है, जो सच है वो fact है, लेकिन जो तुम सोच रहे हो ऐसा होना चाहिए, वो तुमारी opinion है, तो जो भी fact होता है eco में, उसको बोलते है positive economics, और जो expectations होती हैं उसे बोलते हैं normative economics अब paper में कुछ आपको lines दे देगा पूछेगा कि यह positive economics है या normative economics है बिल्कुल पूछेगा तो जिस line में आपको दिख रहा हो कि current situation what is से related बात हो रही हो like मैं बोलूं India is over populated, India की population बहुत जादा है सची बात है तो यह line positive economics है ठीक है है और मैं बोलूं कि रिच पीपल शुट वी मोर टैक्स्ट अमीर लोगों पर ज्यादा टैक्स लगा देना चाहिए वाली बात ऑपिनियन में आ जाती है वह सारी बातें नॉर्मेटिव इकानोमिक्स है दोस्तों नॉर्मेटिव इकानोमिक्स में जो भी लाइन लिखेगी उसमें कहीं नहीं लिखा होगा आपको आट टू बी इंग्लिश का मॉडल ने इसका मतलब हो कि 90% फैक्ट यहीं कवर अप हो जाते हैं कहीं लेकिन तो मॉडल को विशेष दिखेगा वह लिखा है एक लाइन में डिटरमाइनिंग का मतलब यह डिसाइड करना है ठीक है डिसाइड करना है तो मतलब ऑपिनियन चाहिए तो मैं जब क्वेश्चन कराऊंगा तब क्लारिटी आपको ज्यादा मिलेगी तो बोलते हैं कि जो हमारी बिजनेस इकानोमिक्स है उसमें हम ज्यादा ध्यान रखते हैं नॉर्मेटिव का कि quantity होनी चाहिए, कितनी production की cost होनी चाहिए, कितना हमारा profit होना चाहिए, सब पहले ही decide करते हैं, तुम ये नहीं करते हैं, देखो जी, अगर तुम ये सोच रहे हो कि दंदा start कर दिया और देखा जाएगा कितना profit होगा, ऐसा दंदा नहीं होता, लेकिन इसका मतलब ये है क्या, कि तुम positive यानि fact को ignore कर दोगे, जो अभी चल रहा है उसको ignore कर दोगे, नहीं, तो business economics में हम पढ़ते दोनों ही हैं, पॉजिटिव और नॉर्मेटिव, लेकिन जेनरली नॉर्मेटिव पढ़ते हैं, जी हाँ मैं मॉडूल की भाषा बोल रहा हूँ, अगर मैं अपने तरीके से एक ओनोमिक्स की सच्चा ही है तुम्हें बनाने लगा, तो डिफरेंट क्लास हो जाएगी, लेकिन आपको नंबर ऐसे इकानोमिक्स में नॉर्मेटिव होती है जनरली नॉर्मेटिव होती है ठीक है लेकिन फिर एक लाइन और लिख दी उसमें मॉडिल में बिजनस इकानोमिक्स कम्बाइन द एजेंशियल्स ऑफ नॉर्मेटिव एंड पॉजिटिव एजेंशियल मतलब जो भी नॉर्मेटि कि पॉजिटिव को डिस्क्रिप्टिव इकानोमिक्स भी बोलते हैं तो बेसिकली हम बोलेंगे यह लिखा है एंफासिस एंफासिस का मतलब होता है फोकस बिंग मोर ऑन द फॉरमर दैन द लेटर अब जो फॉरमर मतलब पुराने वाला बिजनेस इकानोमिक्स इस बेस्ट ऑन नॉर्मेटिव पॉजिटिव और दो ऑप्शन हो रहे होंगे तो किसको ठीक करोगे आप उस बोथ का option होगा, normative और positive दोनों study की जाते हैं, लेकिन, जहाँ पर लिखा हो, business economics generally किस पर based है, तो generally यह normative पर based है, ठीक है, अब कुछ point भी noted देखो, ज़राँ मैं आपको बताऊंगा, इसके बाद quiz भी कराऊंगा, दोस्तो, देखो जी, business economics में micro plus macro दोनों पढ� micro को heart of business economics में बोलते हैं heart of business eco चलो जी यह बात हो गई अब बताओ जी business economics में normative पढ़ा जाता है या positive पढ़ा जाता है कौन सी lines पढ़ी जाती है तो हम बोलेंगे दोनों पढ़ी जाती है लेकिन generally normative पढ़ी जाती है तो यह words का ख्याल रखना है यही अंतर पैदा करेगा कि किसके number जादा आ रहे हैं किसके number जादा नहीं आ रहे है clarity हो गई है चलो जी आगे बढ़ते हैं, मैंने बोला था आपको quiz कराऊंगा, तो quiz देखो जी, कुछ concept जो crack नहीं होए होगे, वो quiz के question में crack हो जाएंगे, मैं बता दूँ आप, ठीक है, लो जी मित्रो, pen का color थोड़ा पतला किया, यहां से आपके लिए question ढूंढा, यह रहा, which of the following statement is correct, business economics म आर फर्मली रूटेड इन इकानोमिक प्रिंसिपल्स, कहता है बिजनस इकानोमिक्स ये अटेंट करने की कोशिश करता है, ये इशारा देने की कोशिश करता है, कि बिजनस की जो पॉलिसीज है, वो इकानोमिक्स के प्रिंसिपल में कितनी गहराई में है, रूट का मतलब जड कि हमने क्लियर कर लिया फिर बिजनेस इकानोमिक्स टेक्स अप प्रेगमेटिक अप्रोच यह प्रैक्टिकल अप्रोच है क्या बिजनेस इकानोमिक्स यह है इतने नहीं पता लगा पूरी लाइंग पढ़ने की जरूरत भी नहीं है इन बातें सची है तो डी वाले फैक्टर प्राइसिंग मतलब मैंने बताया था आपको इंपुट का प्राइस डिसाइड करना इंडिविजुअल फर्म के लिए है तो ये माइक्रो एकॉनोमिक्स है ठीक है जी आगे बढ़ो ता टर्म एकॉनोमिक्स का ओरिजिन कहां से हुआ कोई ग्रीक वर्ड है लेकिन कौन सा वर्ड है फसा देगा आपको पता होना चाहिए तो पहले ही की वर्ड कौन सा है वो ओइकोनोमिया है कौन सा वर्ड है देखो जी जब शुरुआत की थी concept की तो यहां बताया था oeconomia और बोला भी था यहां से question आ सकता है question आ भी गया चलो जी कोई नहीं अगले पर आ जाओ अडम स्मित ने publish की थी इसका masterpiece मतलब इसकी दिले इच्छा थी किताब publish करे तो जो किताब publish की थी उसको wealth of nations के नाम से जा ओइकोनोमिया का मतलब क्या होता है? हाउसोल्ड होता है, यहाँ हाउसोल्ड नहीं लिखा है, यहाँ लिखा है management of household, जब मैं पढ़ा रहा था, तब मैंने बताया था, ऐसा भी लिखा सकता है, ठीक है जी?
बिजनस इकोनोमिक्स का दूसरा नाम क्या है? यहाँ है, managerial economics है, applied economics भी business economics का दूसरा नाम है, इको के अंदर applied, applied के अंदर managerial, ठीक है? अगला concept of business eco was given by business eco का concept किसने दिया मैंने बताया था आपको जॉइल डीन ने दिया 1951 में दिया ठीक है चलो जी cash defined business eco in terms of use of economic analysis in the formulation of business policy किस बंदे ने business eco को define किया है कि वो use करेगा economic analysis business policies को बनाने के लिए business policy को बनाने के लिए economic analysis की ज़रूत पड़ती है, this is called business economics, ये किसने बताया, किसने बताया, तुम्हारे course में तो एक बंदे का नाम है, Joel Dean, इसने ही बताया था भीया, business eco के बारे में ये बता रहा है, तो ये ही है, micro economics does not study, मैंने बताया था क्वेश्चन ऐसा है का माइक्रो इको में क्या नहीं पड़ते हैं चार ऑप्शन है अब वीडियो को पोस्ट करके चार ऑप्शन पड़ सकते हो कंजीमर का बिहेवियर पड़ते हैं पैक्टर प्राइसिंग पड़ते हैं फर्म का इक्विलीब्रियम कि माइक्रो इकोनोमिक्स इस द स्टेडी ऑफ माइक्रो इकोनोमिक्स में क्या पड़ते हैं इंडिविजुअल चीजें पड़ते हैं तो मेकिंग चॉइस लेकिन सिर्फ माइक्रो का पूछा है तो इंडिविजुअल पार्ट या फिर इंडिविजुअल यूनिट्स लिखा हो हम उसको करेंगे इस विल विदा प्राइट अगर है मतलब माइक्रो पर मैक्रो पर नॉर्मेटिव पर या इकानोमिक्स डिसिप्लेन पर सिर्फ लिखो है विलीडर मतलब क्या पर लार्जली जनरली वनरली लिखा तो माइक्रो इकानोमिक्स के ऊपर बेस्ट है यह क्वेश्चन भी आगे देख लिया विच इस आप नॉर्मेटिव स्टेटमेंट तो यह नहीं है यहां पर तो मैं क्या देखूंगा पहले तो अगर मेरे कोशिश में शुरू मिल जाएगा तो लाइन पढ़ने की तो आगे अब पॉजिटिव कुछ है भाईया मैंने आपको कुछ हिंट बताया थे कि जहां भी शुरू भी आ जाए वह तो कंसेप्ट मैंने क जहां भी should भी आ जाए वो positive है और normative है ought to भी आ जाए normative है और determining आ जाएगा वो भी normative है तो अब मेरे पास question है वहीया उस question मैंने check कर लिया इसलिए आपको दुबारा मैं verify करवा रहा हूँ इस question मैंने check कर लिया तीन जगह यहां भी determining और deciding का मतलब ही determining होता है ओके report है यहाँ पर जो line लिखी वी है वो fact है एक relationship जो price और quantity purchase मतलब demand में होता है इस तो फैक्ट प्राइस और डिमांड के अंदर कोई रिलेशनसीप होता है उसका एनालिसिस माइक्रो इकारोमिक्स पढ़ाया जाता है वह पढ़ाया डिटरमाइनिंग मतलब को डिसाइड करने की ऑपिनियन है यहां पर चलो जी सॉर्टेड है भाई मामला अगला बिजनेस इकारोमिक्स इस बिजनस इकाउनोमिक्स प्राग्मेटिक है अप्रोच में, देख रहे हूँ, मतलब पूरा कोशिशन में नहीं पढ़ा, और फिर भी तुमने अंसर दे दिया, तुम पर चाहो तो वीडियो को पोस्ट करके पूरी लाइन पढ़ लो, कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इतने में ह कि होगी माइक्रो इकॉनोमिक्स इमेजिनेशन वह होगी अब्स्ट्रैक्ट लेकिन बिजनेस इकॉनोमिक्स प्रैक्टिकल है आगे बिजनेस इकॉनोमिक्स डेश है यह क्या है देख लेते हैं बिजनेस इकॉनोमिक्स अब्स्ट्रैक्ट यह प्राग्मेटिक है तो बिजनस इको में प्रैक्टिकल एप्लीकेशन होती है इंकॉर्परेट टूल फ्रॉम मल्टिपल डिसिप्लेन बिजनस इकोनोमिस्ट के अंदर शामिल होते हैं बहुत सारे टूल्स अलग-अलग डिसिप्लेन से इंटर डिसिप्लेन रियल यह हो गय यह मन जाता है important MCQ, स्टार लगा दिये हैं यहाँ पर, आगे चलो कार्नी सेट है, आगे चलो, business economics का दूसरा नाम क्या है, यह दूसरी बार question आ रहा है, ताकि आपको ध्यान रह जाए कि भाईया, इसका managerial economics यह नाम है, question repeat भी होना चाहिए, ठीक है, अब यह question आप लोगों के लिए, economics is the study of what, अब तुम इसके अंदर option पढ़ोगे, मैं screen के सामने से बेट जाता ह लाइन कैंसल, how to reduce our wants until we are satisfied मतलब अपनी wants को कैसे reduce करना है ये ही कौनों से पढ़ते हैं, अभी तक बताया है मैंने इस लाइन के बारे में, ये तो पढ़ते हैं नहीं है फिर, how society manage its scarce resources जो हमारे पास limited resource होते हैं shortage होते हैं resources की, उसको manage कैसे करना है, choice कैसे लेनी है, ये लिखा है, how to fully satisfy our unlimited wants, हमारे unlimited wants को कि एक क्वेश्चन ऐसा भी आ सकता है कि हम बिजनेस इकानोमिक्स में इकानोमिक प्रॉब्लम्स की स्टेडी करते हैं उसका सोलूशन भी ढूंढते हैं तो जी हम पढ़ते हैं कि इकानोमिक्स प्रॉब्लम्स की डिटेल क्या है फॉलोशन यहां लिखा होता है तो बंदे पर डिपेंड करता है जो भी उसको अप्लाई कर रहा है वह किसी साथ से लेगा एक बात हूं 1930 में 1930 के उनको बोलते हैं father of macro economics अलग-अलग बंदा सीख सब लेते हैं और सब बहुत सारे लोग CA बनेगे लेकिन सबकी salary सेम नहीं होगी जिसके अंदर जितनी ज़्यादा corporate knowledge होगी वो उतना अच्छा CA बन सकता है जो ज़्यादा update रखता होगा जो ज़्यादा involve रहता होगा इसलिए ICI Institute खुद बोलता है कि तुम्हें economics times और business economics जैसे newspaper business standard जैसे newspaper पढ़ने की आदन डालनी चाहिए क्योंकि अब रियल लाइफ में अपडेट ले लेते हो अब देखो ना यार तुम सोच रहे हैं मुझे सीए बनना है काम तो टेक्सेशन का है अकाउंटिंग का है ऑडिटिंग का है या फिर कंसलेटेशन का हो सकता है लेकिन इकानोमिक क्यों पढ़नी पढ़ रही है यार इको इसलिए पढ़नी पढ़ रही है राज्य कि आपको इकानोमिक क्वेश्चन के बारे में पता होना चाहिए एक सीए देश प्रसन होता है तो जब तक लोगों को सलाह कैसे दोगे ना इसलिए economics पढ़नी जरूरी होती है, आप taxation तो जान लेते हो, लेकिन tax decide करने के लिए government budget जानना जरूरी है, आखिर origination तो वहीं से हो रही है, CA किसी को भी सदा देगा, लेकिन उसको पता होना चाहिए budget कैसे बना है, क्योंकि budget में ही तो tax की rate आई थी, तो इसलिए economics पढ़नी जर तो ठीक है जी दोस्तों आगे बढ़ते हैं अगले टॉपिक पर टॉपिक का नाम है स्कॉप ऑफ बिजनेस इकानोमिक्स ठीक है जी मॉडल पर तुम पेज नंबर चेक करना चाहोगे तो यह लेटेस्ट वाले मॉडल में पेज नंबर मिल भी सकता है इसके टॉपिक है तो बिजनेस इकानोमिक्स का स्कॉप कितना है मतलब कहां तक फैली हुई है यह तो ऐसा कहा जाता है कि एक बिजनेस तरीके से डिवाइडेड है कि अगर बिजनेस की कुछ इंटरनल इशूज है जिसको operational issues भी बोलते हैं, तो उसको solve करने के लिए micro economics को समझ लो, तो आप अच्छे तरीके solve कर पाओगे, लेकिन business economics में कुछ environmental या फिर उसको external issues भी बोलते हैं, अगर तुम्हें वो solve करने हैं, तो आपको macro economics समझनी पड़ेगी, अखिर यार, ये कौन से issues की बात कर रहे हैं sir, issues वह अंदर के इशू को समझोगे तो फिर तुम्हें बता लगेगा इसके लिए माइक्रो की स्टेडी बहुत जरूरी है फिर कंपनी आउटर चीजों से कैसे रिलेटेड है आउटर इशूज क्या हो सकते हैं एक्सटरनल इशूज क्या हो सकते हैं तो दोस्तों लिखा हुआ है कि the scope of business economics is quite wide बहुत फैला हुआ है इसको दो category में divide किया हुआ है जो की subject matter भी था पहला है माइक्रो इकानोमिक्स जो की अप्लाई की जाती है operational या फिर internal इशूज पर internal इशूज और operational इशूज एक ही बात हो गई और एक है macro economics जो की apply की जाती है external या फिर environmental issues पे external issues बोलो environmental issues बोलो outer issues बोलो एकी बात है वो issues एक बार आपको देखने है कि आवे micro में कौन से issue है module में इसकी detail भी लिखी हुआ है लेकिन आपको जस्ट उपर से ध्यान रखने है इसके पर question तो वैसे बहुत कम आता है मतलब न तो वो है demand analysis, demand की forecasting, लोग तुम्हारे product की demand करेंगे, कितनी करेंगे या नहीं करेंगे, क्या तुम्हारी expectation है, forecasting का मतलब भविश्य मानी, अगले साल कितना माल बिख जाएगा, ठीक है?
तो ठीक है कितना production करना चाहिए, क्या quantity होनी चाहिए और cost का analysis करो proper कि जो तुम खर्चा कर रहे हो सामान को बनाने में वो उसकी cost justified है या नहीं है, cost कम है या जादा है internal issues है, inventory, inventory का मतलब होता है stock, तुम्हें अपने पास stock को manage करना है कितनी stock रखनी है तुम्हारे पास तयार, ये decision गलत और सही भी हो सकते है, इससे wastage भी हो सकती है इसलिए issue है ये भी, issue ये है कि market का structure और pricing policies आपको decide करनी है लड़का प्राइस क्या होना चाहिए सस्ता या महंगा वह डिपेंड करता है बहुत सारे मार्केट के स्ट्रक्चर पर रिसोर्स किस तरीके से अलोकेट करने आपको रिसोर्स एलोकेशन मतलब रिसोर्स कैसे लगाना यह बड़ा इश्य है कैसे पर तो काफी सारा खर्चा आप मार्केटिंग डिपार्टमेंट में कर रहे हो एचर पर नहीं कर रहे हैं फाइनेंस पर नहीं कर रहे और प्रोडक्शन पर नहीं कर रहे तो गलत कर रहे हो चाहिए गलत कर रहे हो कंपनी के साथ बताता हूं तो आपको डिसाइड करना चाहिए कि आपको रिसोर्स किसको ज्यादा देने यह एक इश्यू है कि रिसोर्स कहां और कितने लगाने हैं यह एक इश्यू है कि कितनी जो तुम्हारे पास कैपिटल है उसको इंशुरेंस मार्केट में कर दूं बैंकिंग मार्केट में कर दूं या फिर स्टॉक मार्केट में कर दूं या फिर अपनी क्वांटिटी में प्रोडक्शन करूं दूसरी कंपनी के शेयर कर दूं बड़ी प्रॉब्लम है और प्रॉफिट एनालेसिस तो प्रॉफिट बड़े तो यह डिपेंड करता है टाइप ऑफ इकानोमिक सिस्टम पर आपको समझना पड़ेगा कि इस देश में तुम्हारा दंधा चल रहा है अब बात करूं और डी ऑफिसली ब्रिटेइन से यूके से मतलब यूरोप की कंपनी है जो पार बनाती है वह इंडिया में भी दंधा पॉलिसी अलग होती है तो एक बहुत बड़ा इशू है कि उस देश के इकानोमिक सिस्टम को समझना होगा यह एक इशू है कि कौन सी स्टेज चल रही है बिजनेस साइकल की देखो जी बिजनेस अप्स एंड डाउन का खेल है बिजनेस ऐसे चल रहा है तो मतलब ग्रो कर रहा है और बिजनेस डाउन जा रहे हैं तो मतलब तब खराब हो रहा है यह बिजनेस साइकल का चैप्टर पूरा चैप्टर नंबर पांच है जिसमें हम देखते हैं कि देश में कितने उतार-चढ़ाव आ रहे हैं तो तुम्हें सोचना तो तुम्हें अब प्रोडक्शन करना चाहिए नहीं करना चाहिए लोग तो पैसा खर्चेंगे नहीं ध्यान रखना चाहिए अब सबकुछ ऊपर जा रहा है तो तुम्हें कैसा प्रोडक्शन करना चाहिए तो इकानोमिक साइकल को देखकर भी तुम्हें ध्यान रखना चाह कि तुम काम दंधा कर रहे हो तो सरकार उसको बैंक कर दे तो बोले लाइसेंस ले लो तो फ्री छोड़ दे या क्या कंपेटिशन होने वाला है कंपेटिशन में सरकार बोले कि कोई कंपेटिशन नहीं करेगा हमारी कंपनी जो बिजली कि वर्किंग फाइनेशल सेक्टर एंड कैपिटल मार्केट हमारे देश में फाइनेशल सेक्टर कैपिटल मार्केट कैसे वर्क कर रही है तो पैसा उठाना है कैपिटल मार्केट से उठाना है तो इसकी वर्किंग पता होनी चाहिए पैसा उठाओगे शोशिय और निकार काफी टाइम पर काफी टाइम से देखा भी गया है नीज़ पेपर नीज़ में देखा होगा काफी सारी हॉस्पिटल्स में डॉक्टर्स की स्ट्राइक हो जाती है कहीं अगर कुछ लफड़ा हो गया है ड्राइवर्स का तो ड्राइवर्स की स्ट्राइक हो जाती है कहीं म और थोड़े social और political environment को भी समझना पड़ेगा, society कैसे work करती है, politics में क्या design लिए जाएंगे, उससे भी business effect हो सकता है, कल को prime minister बूल दे यार यह वाली चीज हम नहीं बनाएंगे और जो तुम बना रहे थे उसके बारे में बोल दे तो काम दंधा गया ना तलको प्राइम मिनिस्टर जी बोल दे कि यह चीज अपने देश में बननी चाहिए तो क्या पता वह तुम बना रहे हो तुम्हारा दंधा अच्छा पहले यह मैक्रो इकॉनोमिक इशूज है कि कहलाया वह सीए शक्तिमान ठीक है तो यह हमारे विस्टर सीए शक्तिमान है शक्तिमान हायर अ बिजनेस कंसल्टेंट टू गाइड हिम एक बिजनेस कंसल्टेंट इन्होंने हायर कर लिया एक बंदा ठीक है जो इसको गाइड करेगा कि कैसे और लोन के बारे में तुम्हें लोन के अवेलिबिलिटी के बारे में चेंजिस लाने पड़ेगा और थोड़े बहुत और सो ओन तो बताओ विच अप्रोच इस डाट कंसल्टेंट यूजिंग कंसल्टेंट कौन सी अप्रोच यूज कर रहा है माइक्रो या मैक्रो पापा इं national income देख लो, तो तुम बोलते हैं कि macro economic वाला है, अगला, which of the following statement is correct, चार लाइने दियुए हैं, कौन सी लाइन यहाँ पर सही लिखी है, आपको पैचान नहीं है, चलो जी पढ़ते हैं, micro economics is important for study of a particular household and a particular firm, micro economics में एक particular household और एक particular firm को पढ़ा जाता है, आगे देखते हैं, macro economics is important for study of economic conditions of a country, macro में पूरी country की conditions, यहाँ पर किसी particular household की condition, या पर्टिकुलर इंडिविजुअल यूनिट के कंडीशन, दोनों को पढ़ा जाता है, दोने लाइने सही है, A और B दोनों सही है, यह D वाला उप्षन में लिखा हुआ है, A और B, चलो जी इसको ओक्ट कर दिया, ठीक है जी, आगे बढ़ते हैं, कह रहा है, बिजनस इकानो वरना तो जिन्दिगी चल ली रही है बाबा रे बाबा चल ली है लाइफ को चल रही है लेकिन लाइफ को सेट करना है अब यार पता है क्या जब बच्चा CA की पढ़ाई कर रहा होता है तो उसको पता होता है कि उसने बहुत सारा टाइम इनवेस्ट करना है पढ़ाई में पता है क्या तुम सोच ले यार तुमने 10 करोड़ रुपे कमाने है सोचने से कुछ नहीं होता क तो आ ना तुम किसी को किडनेप करके मडर करके थोड़ी आ रहे हो वह चीज सोड़ दो तक पर पड़े नहीं मिलेंगे माल मेहनत करने पड़ेगी तुमसे जो मेहनत मांग रहे हैं तो तुम्हारी पढ़ाई है पढ़ाई करो दस करोड़ भी क्या उससे भी ज्यादा हो गए पढ़ाई में मन लगना चाहिए लाइक अभी क्लास छूट गई बीच में हो सकता है कि यह पूरी क्लास तुमने आधी कि जितना पॉसिबल हो सके जितना पॉसिबल राज्य ठीक है इसके बाद ना इकोनोमिक्स और बिजनस इकोनोमिक्स का डिफरेंस है यार इको और बिजनस इको क्या है यह देखो जी इको तो बहुत बड़ी चीज है उसका इतना पार्ट बिजनस इको है इको यही है कि बिजनस को सुधार प्रॉफिट गमाएं तो चलो लेकिन स्टार्ट विद मिनिंग पहले नंबर पर मिनिंग देखते हैं और पैन का कलर थोड़ा यलो कर लेते हैं तो economics में बारे में आता है it involves the framing of economic principles to solve economic problem मतलब कौन-कौन से economic principles है ताकि हमारे economic problem solve हो जाए economic problem अभी और पढ़ाओंगा आगे और इसके अंदर क्या पढ़ते हैं it involves application of economic principle to solve economic problem कहता है यहाँ पर principles frame किये जाते हैं यहाँ पर principles apply किये जाते हैं यहाँ subject बनाया जाता है, यहाँ subject जमीन पे apply किया जाता है, उतारा जाता है, character के बारे में सुन लो जी, यह micro economics और macro economics दोनों है, eco में तो, लेकिन it is micro economic in character, लेकिन यह line कहीं ना कहीं तुम बोलोगे sir unjustified है, पहले तो कह रहे हो micro और macro है, तो यहाँ लिखना चाहिए, it is largely micro economics, यह The fulfillment of needs of individuals as well as entities जो एंटिटीज है जो बड़े-बड़े लेवल के एंटिटीज है या इंडिविजुअल से इन सबकी नीड्स फुल्फिल हो जाए यहां पर प्रोपर डिजन मेकिंग इन पर्टिकुलर बिजनेस एंटिटी एक बिजनस धंदे वाले को कैसे प्रोपर डिजन लेना वह सुझते हैं नेचर क्या जी यह पॉजिटिव और नॉर्मेटिव दोनों है और इधर ऑनली नॉर्मेटिव नेचर बोल दिया इसने जनरली जिस भी बंदे ने आइड किया उसने फिर पढ़ानी कि आठ कौन क्या लिखे थे नेचर के तो स्कॉप क्या है इसका वाइडर स्कॉप है और इसका कंपरेटिवली नैरो स्कॉप है क्योंकि सिर्फ बिजनस से रिलेटेड है ये तो हर चीज से रिलेटेड है देश से रिलेट बिजनस एकॉनोमिक्स एक अप्लाइड ब्रांच है, इमेजिनेशन नहीं, अप्लाइड, अप्लाइड ब्रांच है, मतलब बिजनस एकॉनोमिक्स एक ऐसी एकॉनोमिक्स है, जो अप्लाइड हो रही है रियल लाइक में, इको बोल रही है, और बिजनस इको बोल रही है, इट फ्रॉम प्रोडक्शन टू कंजम्शन इंक्लूडिंग डिस्ट्रिब्यूशन क्या प्रोडूस करना है क्या कंजूम करना है कैसे डिस्ट्रिब्यूट करना है सारी थिवरी पर पड़ते हैं लेकिन यहां पर सिर्फ प्रॉफिट थिवरी पड़ते हैं सारी थिवरी को इग्नोर कर देते हैं कहते हैं बाइम माल कहां से आएगा ठीक है एनालिसिस इनवॉल्ड इट इंक्लूड द एनालिसिस आफ मैक्रो लेवल इशूज इसके अंतर मैक्रो लेवल इशूज के आनालिसिस इनवॉल्ड होते हैं जैसे कि ग्रोथ इन्फ्लेशन अंप्लॉयमेंट अनंप्लॉयमेंट पोवर्टी वह सब पर लगा पड़ता है या अ इनक्लूड द एनेलिसिस ऑफ माइक्रो लेवल इश्यूस माइक्रो लेवल के आनेलिसिस ज्यादा होते हैं कि डिमांड कितनी होगी सप्लाई कितनी होगी प्रॉफिट कितना होगा खुद के बारे में ज्यादा सोचा जाता है ठीक है फोकस किस पर होता है कि यह कोई भी बिजनेस प्रॉब्लम उसके सिर्फ एकानोमिक आस्पेक्ट पर ध्यान देगी इकानोमिक आस्पेक्ट मतलब पैसों प्रॉब्लम उसके सिर्फ एकानोमिक आस्पेक्ट मतलब पैसों पर ध्यान देगी इकानोमिक आस्पेक्ट मतलब पैसों एकोनोमिक और नोन एकोनोमिक आस्पेक्ट दोनों पर ध्यान देंगे क्यों क्योंकि सुनो मेरी बात तुम यह उल्टा लिखा सब्सक्राइब बिजनेस जब तुम रन करते हो ना तो तुम्हें सिर्फ ऐसा नहीं है कि तुम पाइसों के बारे में ख्याल होगे मालो भाई मैं और तुम मिलकर बिजनेस कर रहे हैं और तुम मेरे सीनियर हो मेरा तुमसे झगड़ा हो गया तुम नोकरी छोड़ दूँआ तो कल को नए बंदा पता नहीं कितने दिन बाद आएगा, लेकिन जो मेरा काम था वो कौन करेगा, उस दिन तक मामला खराब हो जाएगा, तो जो बिजनस होते हैं ना सची में, वो relations भी देखते हैं, happiness भी देखते हैं, सुक दुख में भी काम आते है इसकी कुछ assumptions invalid हो जाती हैं जब उसको real life में apply किया जाता है और real life में apply करते हैं तब ही तो business economics है, these are the differences, ज़्यादा ध्यान घुमाने फिराने के ज़रूरत नहीं है, इसके अंदर जो main point मुझे लगा, वो profit theory related लगा, कि इसका भाई profit पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता है business economics में, यहाँ पर चार चोथी भी है, what provision are to be made for economic growth, लेकिन बोलते हैं कि अब चार basic economic problems होती हैं, main बड़ी, सारी की सारी problem choice की है, सबसे बड़ी economic problem क्या है, problem of choice, सब में choice की problem है, तो आप से कोई पुछे, कि सबसे बड़ी problem क्या है, तो आप बोलोगे problem of choice, अब उसकी वज़े से यह और ये basic central problem है, basic economic problem है, ठीक है, इसके बारे में पढ़ना है, लेकिन दोस्तों इसके बारे में पढ़ेंगे, चलो पहले problem पढ़ लेते हैं, फिर solution की बात करेंगे, ठीक है, पहली problem है, what to produce, एक economy के पास बहुत बड़ी समस्य होते हैं, कि कौन सी commodity का production करना है, क्योंकि there are millions of goods to be produced, या gun, bomb, tanker, pistol की तरह हम कोई wartime goods बनाएं इसके लाभी बहुत सारे option होते हैं आप कि सारी बनाओगे नहीं बनाओगे बहुत सारी बनाओगे लेकिन तो कौन सी बनाएं कौन सी ना बनाएं इस एडिट प्रॉब्लम क्योंकि अलिमिटेड रिसोर्स तो है ही नहीं विहाट टू मेक चॉइस तो इट रेफर्स टू द प्रॉब्लम आफ मेकिंग चॉइस इस पर्टिकुलर गुड्स को हमें प्रदूस करना है तो साथ में एक नई प्रॉब्लम खड़ी है इतनी क्वांटिटी में कि कल दिवाली है तो कल तो बहुत सारी मिठाई बिकेगी तो आज बहुत सारी मिठाई बना लेता हूं तो चलिए उसने प्रॉब्लम सॉल्व कर दिया अपनी कि बनानी मिठाई है वाट टू प्रोडूस्ट खत्म हो गया मतलब मिठाई बनानी है अब उसके दिमाग में इसके साथ ही अटैच है कि यह लिखा हुआ है वन्स द सेलेक्शन अबॉट द गुड टू बी प्रोडूस्ट इस मेड अगर आपने नेक्स्ट प्रॉब्लम अराईस आफ हाउ मच टू प्रोडूस नेक्स्ट प्रॉब्लम साथ में खड़ी है कि बाबारे बाबा कितना प्रोडूक्शन करना है वाट क्वांटिटी ऑफ डेट कोमोडिटी शुड बी प्रोडूस्ट यह साथ में खड़ा हुआ है मामला ठीक है एक होती है कैपिटल इंटेंसिव टेक्नोलॉजी लेवर इंटेंसिव टेक्नोलॉजी वह होती है जिसके अंदर मोर लेवर और लेस्ट कैपिटल यूज की जाती है यानि लेवर ज्यादा होगी और पैसा कम होगा पैसा कैपिटल का मतलब पैसा भी और लेकिन डिसाइड तो करना पड़ेगा तो प्रॉब्लम तो यह भी है तो इट इस द प्रॉब्लम ऑफ चॉइस रिलेटेड टो प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी पेपर में प्रोब्लम टो लिखा है ना यह थे इस आउट प्रोडूस ठीक है बच्चे को नहीं प्रोडूस अब इतना पॉइंट नहीं पड़ोगे तो मेरी बात सुनो सीधा कॉंटेंट बजाने वह तुम पड़ भी सकते हो सीधी बात फॉर हूं टू प्रोडूस का मतलब है किसके लिए सामान बनाएं ठीक है हमारे देश में अलग-अलग सेक्शन ऑफ सोसाइटी है उस सेक्शन ऑफ सोसाइटी में गरीब बंदे भी आते हैं अमीर भी आते हैं मिडल क्लास वाले भी आते हैं तो बाल लो तुम सो यूनिट बना रहे हो किसी भी कॉमोडिटी की तो भाई अगर तुमने ज्यादा अमीर के लिए बना दिया तो गरीब नराज हो जाएंगे और ज्यादा गरीब के लिए बना दिया तो अमीर नराज हो जाएंगे तो प्रॉब्लम तो यह है इसको नराज करना है और किसको खुश रखना है या तुम बोलों के लिए प्रॉब्लम तो है याद कि किसके लिए बनानी है ठीक है तो ठीक है प्रॉब्लम तो सॉल्व कैसे करते हैं बाद देखेंगे यह यह वाली प्रॉब्लम कराई मैंने कहां गई और हुआ था प्रोड्यूस एक सोसाइटी की इच एंड एवरी वांट को सेटिसफाई नहीं किया जा सकता आपको डिसाइड करना पड़ेगा कि आप जो गुड़ सेंट सर्विस बना रहे हो वह किसके लिए बना रहे हो ठीक है तो ठीक है जी आगे आते हैं चौकी प्रॉब्लम है व्हाट प्रॉब्लम शुड वी मेड फॉर इकानोमिक ग्रोथ देश देखो यहाँ पर क्या बात की हुई है इसको अंदर तक बताता हूँ पहली बात तो यहाँ बात की हुई है कि आपको अभी करंट में क्या करना पड़ेगा कि हमारी growth future तक होती रहे future की generation तक काम चलते रहे हैं तुम patrol को या दूसरे resources को करंट में कितना consume करने वाले हो कि भविश्य में भी growth चलती रहे एक concept सुनाओगा तुमने sustainable development जी हाँ sustainable development का मतलब होता है ऐसी development कि जो हम तो कर लें रिसोर्स को इस्तेमाल करने के बाद लेकिन वह रिसोर्स फ्यूचर की जनरेशन के लिए भी बचे हुए रहने चाहिए ऐसी एक डेवलपमेंट होनी चाहिए तो उसके बारे में बात की हुई है यहां पर तो लिखा है आ लेर्स लिमिट में तो आज ही सारे रिसोर्स को यूज करके खत्म नहीं करना चाहती ठीक है वह चाहती है कि कुछ फ्यूचर के लिए बचा रहे, this is because if it use all resources for current consumption, अगर वो सारे resource आज के लिए इस्तेमाल कर लेगी, कोई provision नहीं बचाएगी future production के लिए, हां तो क्या होगा द सोसाइटी प्रोडक्शन कपैसिटी वुड नॉट इंक्रीज साइटी के प्रोडक्शन कपैसिटी नहीं बढ़ेगी कि आज ही रिसोर्स खत्म हो जाएंगे कल कहां से लाओगे ठीक है तो देश इंप्लाइज डेट इंकम और स्टैंडर प्लीविंग ऑफ द पीपल वुड रिमेइन स्टैगनेंट इन फ्यूचर यानि अगर तुम आज रिसोर् वह लाइफ लोग जाएगी स्टैगनेट का मतलब होता है लोग जाएगी स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग का डाउन हो जाएगा रिसोर्स नहीं होगा भाई डाउन हो जाएगा तो द लेवल ऑफ लिविंग में एक्चुली डिक्लाइन मामला खराब हो जाएगा तो देरफोर एक सोसाइटी को डिसाइड करना ही होगा क्या डिसाइड करना होगा कि कितना पैसा सेव करना है रिसोर्स मालो रिसोर्स कितने सेव करने है कितने इनवेस्ट करने है ठीक है और हाउ मच सेक्रीफाइस ऑफ करेंट अभी कितना कंजम्शन में सेक्रीफाइस करना पेट्रोल कितना कम यूज करना है ठीक है तो शोट बी मेड फॉर तक फ्यूचर प्रोग्रेस ताकि फ्यूचर तक प्रोग्रेस चलती रहे जिंदगी भर का मामला बना रहे अभी मामला ना हो दोस्तों यह चार प्रॉब्लम्स है पहली बात तो इसके ऊपर एक बार क्विज देख लेते हैं कुछ पुराने कि यह बात क्लियर कट लिखे इकानोमिक्स में कि इंसानों की सारी बॉइंट्स को कभी भी सेडिसफाइड नहीं किया जा सकता लाइन लिखी है नॉट ऑल वांट्स कैन बी सेडिसफाइड कभी भी सारी बॉइंट्स सेडिसफाइड नहीं की जा सकती क्योंकि रिसोर्स हमारे पास लिमिटेड है लिमिट में रहेगा सब कुछ अगला इन एवरी इकानोमिक सिस्टम स्केर सिटी पोस लिमिटेशंस ऑन यानि इकानोमिक सिस्टम कोई भी हो स्केर सिटी कुछ ना कुछ लिमिटेशंस लगाएगी इस चीज पर यह चीज देखनी बाकी है हर चीज पर लगाएगी दोस्तों चाहिए जन्म हाउसोल्ड हो चाहिए कंपनी हो चाहिए सरकार हो ठीक है या पूरे देश के बारे में बात करो हर चीज पर रिसोर्स तो सबको यूज करने है तो स्केर सिटी सबके लिए है एक बंदे के लिए नहीं है तो सबके लिए लिमिटेशन सिंपोज होंगी तो एवाला विरिविदा राइट अंसर ठीक है आ गया इकानोमिक गुड्स आर गुड्स को दो पार्ट में डिवाइड किया हुआ है, एक होती है non-economic goods, non-economic goods वो होती हैं जो आपको free में मिल जाती हैं, जैसे कि air, हवा मिल जाती है ना हवा खा रहे हो, घूसा, free में मिल जाता है कभी-कभी, चाटा, धोखा, यह free में मिल जाते हैं ना, प्यार के लिए तो तो यहाँ question economy goods के बारे में था, कहां गया question, question इन तुम्हारे सामने पेश कर देता हूँ, यह रही है, economy goods are considered scarce resource, because economy goods की scarcity है, क्यों है scarcity, क्योंकि देखो, cannot be increased in the quantity, उसकी quantity हम ज़्यादा increase नहीं कर सकते, या do not exist in adequate quantity, यह exist ही नहीं करती है, एक proper quantity में, ताकि to satisfy the requirement of the society, ताकि society की, humans की wants को, शेडिसफाई कर सके यह इतनी क्वांटिटी में एक्जिस्टी नहीं करती है जी हां नहीं करती है यह भी स्केर्स है तो फुल क्वांटिटी में एक्जिस्ट नहीं करती है बी वाला विल बीजर राइट अंसर इन थे चलो जी कोई बात नहीं अब देखो तो प्रॉब्लम तो पड़ी है कि कौन-कौन सी प्रॉब्लम है अब इन सेंट्रल प्रॉब्लम को सॉल्व कैसे करना है अब इंडिया में अलग तरीके से सॉल्व कर जाएगा अमेरिका में अलग तरीके से चाइना में अलग तरीके से तो हमें पहले जो economic system है वो जानने होंगे कि किस देश में क्या system है उस हिसाब से problems को solve किया जाएगा तो इसलिए ही type of economic system लास्ट में syllabus में दिये हुए हैं तो पहले आप जानो कि ये economic इस तरीके की होती है capitalistic economy क्या है socialistic क्या है, mixed क्या है ये जान लोगे उसके बाद आप पहचान पाओगे कि ये जो central problems हैं ये इन में कैसे solve हो जाएगी ठीक है जी तो एक करके पढ़ते हैं number उन पे कहता है तीन तरीके की economy हो सकती है, या economic system हो सकता है, module के इस वाले page में दिया हुआ है, एक होता है capitalistic economy, इसको free market economy भी बोलते हैं, free market लिख दिया, इसको lazy sphere economy भी बोलते हैं, lazy sphere की spelling चेक कर लेना भाईया, lazy sphere एक phrase है, Greek language का ही, इसका मतलब होता है, socialistic को हम command economy भी बोलते हैं, इसको हम plant economy भी बोलते हैं ठीक है और एक तीसरी होती है mixed economy अब जरा धन्यवाद समझना जिस देश में किसी भी बिजनस एक्टिविटी पर या बोलो एकानोमिक एक्टिविटी पर तिर्फ सरकार की कमांड हो जहां सारे बिजनस के डिजिजन सरकार लेती हो भाई कोई मडर कर देगा तो सजा तो कोटी देगा वह हर देश में ऐसा ही है लेकिन मैं उसकी बात कि सरकार के इनवालमेंट है नहीं उस देश को बोलते हैं वह कैपिटलिस्टिक इकानोमी है वैसे तुम चल से कांसा की बाग जाओगे भाई ठीक है वह और जिस देश में थोड़े से सरकार भी लेती हो और अपने आप विदाउट सरकार यानि हम तो अपने डिज़न खुद भी ले सकते हो तो उसको बोलते मिक्स्ट इकानोमी एक करके पढ़ाता हूं कौन-कौन सा कि यह एक ऐसी कॉर्नमी है जहां पर प्राइवेट एंटरप्राइज अपने डिज़न खुद लेते हैं जो भी रिसोर्स होंगे जो प्रोडक्शन के मींस होंगे वह प्राइवेट एंटरप्राइज उस पर अपनी ऑनर्शिप रखते हैं कहते हम बाले के अपनी जो मन करेगा वो तो नहीं बनाएंगे, ये देखते हैं लोगों को क्या चाहिए, कंजीमर को क्या चाहिए, जो कंजीमर को चाहिए होता है ये वो बनाते हैं, तो ये लोग कहते हैं जो कंजीमर को चाहिए होता है वो बना देंगे, तो मांगो तो सही क्या चाहिए वो सप्ला� कि जुबर के हिसाब से सामान नहीं बनाएंगे तो उस सामान बिकेगा नहीं तो फिर वेस्ट होगा और फिर प्रॉफिट नहीं होगा तो कंजूमर की वांट को सेटिसपाइड करने की गोशिश करते हैं कंजूमर को यहां पर किंग पिन लाया जाता है तो देखो इट इस इकानोमिक सिस्टम यह कैसा इकानोमिक सिस्टम है इन विच ऑल मीन्स ऑफ प्रोडक्शन जो रिसोर्सेस है प्रोडक्शन के लिए जो जरूरी है ठीक है आर ऑन एंड कंट्रोल बाय प्राइवेट इंडिविजुअल्स प्राइवेट पी रोफिट प्रोफिट के लिए ठीक है प्राइवेट प्रोपर्टी इस द मेनस्टे का मतलब बैकबॉन है इनकी प्राइवेट प्रोपर्टी ही बैकबॉन है ऑफ द कैपिटलिजम एंड प्रॉफिट मोटिव इस इट्स डिराइविंग फॉर्स यह डिविजिए बनी क्यों है इसकी बोलता है the government has limited role in the management of the economic affairs यह जो भी economic affairs है economic issues है पाईसो के जो issues है business unit के जो issues है इसमें government का ना के बराबर role होता है ना के बराबर limited होता है अंडर this system इसका example देखोगे तो पूरे world में इसके example है capitalistic economy के America, US, UK, Germany, Japan, Mexico, Singapore, Hong Kong यह examples है book के हिसाब से दिये होने तो example भी ध्यार नखने है आपको ठीक है इसके अंदर कुछ बातें आती है बातें देखो इसकी फीचर्स क्या-क्या फीचर्स है कहते हैं जी हर किसी के पास अधिकार है कि वह अपनी प्राइवेट प्रोपर्टी खरीद सकता है तो खुद ही मालिक होगा अपनी प्रोपर्टी का और तुम्हें आप कि प्रॉफिट मोटिव के लिए काम करेंगे कंजूमर सौवरनिटी होगी यह सौवरनिटी क्या होता है यह निर्द्रिति का मतलब होता है सुप्रीमेसी बोलूं मैं तंपर और कंजूमर की परभूता हो गया पर कंजूमर का पर्चस्व है जो कंजूमर को पसंद है वही चीज यह बेची जाएगी और देद अलादन कंपडीशन भी होगा भाईया हर कोई फर्म एक absence होती है, क्या होती है? absence, सरकार यहाँ पर नहीं होती, ऐसा बोला जाता है, देखो, ताच बताओ, जो यह features बताई है न, पुरी दुनिया की किसी भी देश में यह features available नहीं है, तो जो भी economic system पढ़ाएंगे, तारी features तो available नहीं होगी, थोड़ा बहुत control government को होता ही है, अब फिर, आप मॉड्यूल में इसकी मैडिट और डिमेडिट दी हुई है हम उसको बाद में डिफरेंस में डिस्कस करेंगे तीनों इकानोमिक सिस्टम के उससे पहले मैं आपको बताना चाहूँगा सोशलिस्टिक को कमांड एकॉनमी बोलते हैं और दोस्तों इसके बारे में जो पेपर में कोशन आ सकता है कहते हैं सबसे पहले सोशलिस्टिक एकॉनमी का जो जिकर किया था वो कारल माक्स और फ्रेडरिक एंजल्स ने एक बुक लिखी थी जिस बुक का नाम है दक कमनिस्ट मै और कहते हैं पुराना रशिया तो जानते हो तुम रशिया का पुराना नाम था यूएसेसार तो अर्स्ट वाइल मतलब पुराना पहले का रशिया एक एग्जांपल है सोशलिस्टिक इकॉनोमी का कब से कब तक 1917 से लेकर 1990 तक जो गेहू बनेगा नहीं बनेगा चावल बनेगा नहीं बनेगा वह बताती है फिर किसान उस इस जाप से प्रोडक्शन करेंगे तुम्हारी अपनी नहीं माने इसके एग्जांपल देखोगे तो वियतनाम, चाइना, क्यूबा दिये जाते हैं, नोर्थ कोरिया भी इसका एग्जांपल है, जो वर्ड का सबसे बड़ा टोटालिटेरियन स्टेट है, एक ऐसी टेरिटरी है, एक ऐसा कंट्री है, जहाँ पर डंके की चोट पर जो यहाँ का कि आप देखोगे साउथ कोरिया तो साउथ कोरिया का प्रशिकल इस टिक ऑन में सैंसंग यहां की एलजी है वक्ति परीमटर लग चलो जी अब इसकी जरा फीचर देख लें यहां पर दोस्तों मैं बात करूं आपसे सोशलिस्टिक इकाउनमी के अंदर ठीक है आप देख जनरली सबकुछ सरकार का ही होता है लेकिन अगर तुम्हारे पास पैसे तुमने घर खरें लिया तो वह घर था तो तुम्हारा होगा लेकिन सरकार के डॉक्यूमेंट होगी सरकार वह तुम्हारा दोनों का मिलकर है रिसोर्स दोनों के मिलकर है तो मैं खरीदने के बाद भी सरकार उस पर अपना हग दिखाईगी तरकार यह इकॉनोमिक प्लानिंग करती अब बताऊंगा और रिलेटिवली इक्वल इंकम डिस्ट्रिबूशन देखो जी अगर मैं बात करूं इनिक्वालिटी कौन सी इकानोमी में होती है तो यह मेजर क्वेश्चन बनता है कैपिटलिस्टिक इकानोमी में इनिक्वालिटी ज्यादा होती है कैपिटलिस्टिक इकानोमी में बनता हुआ है और है नोट वाले बंदे हैं वाले बंदे होते हैं रिच है नोट जिनके पास चीजें नहीं है वह पूर उनके अमेरिका से दिखेंगे तो मैं चार-पास नाम सोच लो चाहिए रशिया से दिखेगा वह कर देते हैं काम मतलब गरीबों के बारे में सोच लेते हैं अमीरों से पैसा लेकर गरीबों को दे देते हैं ऐसा भी होता है यह यहां पर होते हैं डिमांड और सप्लाई के बेसिस पर यह डिमांड यह सप्लाई इसके बेसिस पर यहां प्राइस डिसाइड होता है और जो ये demand और supply के basis पे price decide करने का तरीका है, इसको बोलते है price mechanism, ये होता है capitalistic economy में, इसलिए ये बोल रहा है यहाँ पर ना के बराबर होता है, और यहाँ पर absence of competition देखा जाता है, क्या देखा जाता है absence of competition, पेपर में question आया, अगर पेपर में question आया, absence of competition, कौन सी type of economy में होता है, आप बता दो कि सोशलिस्टिक में होता है, सोशियलिस्टिक में होता है, लेकिन अगर question आया, waste of competition किसमें होता है, मतलब waste of competition, तो आप प्यार से लिखना, कि capitalistic economy में waste of competition होता है, और ये बहुत मुश्किल question है, लेकिन लव सर ने बताया है, ठीक है, digestion ही होगा, मतलब capitalistic economy में competition बह� वेस्ट है क्योंकि उस कंपेटिशन में तुम अपनी मर्जी से रेट डिसाइड नहीं कर पाओगे रेट डिसाइड होगा कंजिमर की डिमांड और तुमारी सप्लाई की वज़े से तो डिमांड और सप्लाई प्राइस मेकेनिजम पर रेट डिसाइड होगा कि आप आजाओ जी मिक्स इकानोमी क्या होती है भाई आप इकानोमी ऐसी कार्मी होती है जिसके अंदर सरकार और प्राइवेट फर्म्स अपने-अपने डिज़न लेती है मिलकर चलती है जैसे कि हमारा प्यारा देश भारत का भी चल लिए राइन स्टाटा तो ज्यादा रोक-टॉक नहीं करती चरस गांच तो बिगने नहीं देगी रूल तो बनाएगी तो फिर देख लो तो लिखा है इन एमिक्स डिकॉनोमी द एम इस टो डेवलप आ सिस्टम विच ट्राइट ट्राइ तो इट अप्रिशिएट द एडवांटेज ऑफ प्राइवेट एंटरप्राइस के प्राइवेट कंपनी के जो एडवांटेज होने चाहिए प्राइवेट प्रोवर्टी के जो एडवांटेज होने चाहिए वह उसको अप्रिशिएट करता है विद देर फोकस मतलब मिक्स इकानोमी का दोनों होता है प्रॉफिट मोटिव और वेलफेयर कुछ बात मैं मूज से बोलकर बता रहा हूं अब सोशलिस्टिक इकानोमी की फीचर की बात करेंगे तो यहां पर को एक्सिस्ट करेगा प्राइवेट सेक्टर और पब्लिक सेक्टर जैसे सोशलिस्टिक यह उस्ताद एक चीज आपके लिए यहां पर थोड़ी सी अपडे कि यह टाइप सोशलिस्टिक नहीं है यह आपका प्यारा सा मिक्स जराज मिक्स ठीक है जी ओके तो सोशलिस्टिक इकाउनमी के अंदर आपने पड़ा सा कलेक्टिव ओनर्शिप होती है अलग एक चीज के दोनों मालिक हो जाएंगे सरकार भी और आप भी यहां पर क्या है ओनर्शिप को एक्सिस्ट करेगी कुछ चीजों के आप प्योर मालिक को आप ही हो कुछ चीजों की सरकार मालिक है तो कि जिसका अब कुछ मिनट सरकार का तो तुम्हारा नहीं हो सकता लालखिला सरकार का तो तुम्हारा नहीं हो सकता लेकिन तुम्हारा घर तुम्हारा तो सरकार का नहीं हो सकता तो को एक्सिस्ट करती है एक साथ एक्सिस्ट करती है तो अपना प्रोडक्शन खुद का डिस्ट्रिब्यूशन कैसे करना है खुद अपने आप मैनेज कर रहा है बहुत सारी चीजें हैं ठीक है इंडस्ट्रीज इन विसेटर आर नोट प्राइमरली प्रॉफिट मोटिव लेकिन यह प्रॉफिट मोटिव के लिए नहीं है सरकार ने जो चीजें बनाई है वह जनता के वेलफेयर के लिए बनाई है बटर सेट अब बायदा बताऊं आपको पब्लिक सेक्टर में पीएस यू पब्लिक सेक्टर अंडर डिकिंग की बात करो तो पीएस यू में जैसे कि बात करों इंडियन ऑयल कि इंडियन सरकारी कंपनी है मैं मानता हूं लेकिन सो परसेंट सरकार की नहीं है उसने कुछ शेयर मार्केट में बेचा हुआ है लेकिन बात करूं रेलवे की रेलवे सो परसेंट सरकार की है एटोमिक पावर वह बंबनाने की है जो पावर है वह एटोमिक एनरजी वह सरकार की है मिलिटरी सरकार की है तो सबके वेलफेयर के लिए इस्तेमाल एंड जो इन हैंस टू प्रोडूस कमोरिटीज और दोस्तों साथ मिलकर गुड्स को प्रोडूस करते हैं और सर्विस को प्रोडूस करते हैं और एक्स्टेबलिशमेंट जो इंटर की होती है देखो जी मैंने बोला मेरा घर तो मेरा घर सरकार का नहीं है वह बात अलग है लेकिन अगर कोई कंपनी बना रहे हो आप तो उस कंपनी में तुम्हारा और सरकार इसके बाद हमें करने हैं इनके difference जिसमें इनकी merit, demerit cover हो रही है आप देखोगे तो लेकिन इनके difference कितने भी हो मुझे सबसे पहले last वाले difference discuss करना है क्योंकि ये types of economy तुमने क्यों पढ़ी? क्योंकि तुमने पढ़ी थी central problems पढ़ी थी न central problems तो central problems कैसे solve करते हैं?
वो depend करता है economy के उपर तो सबसे पहले capitalistic economy के बात करते हैं यहाँ पर central problems को कैसे solve किया जाता है तो भी या what to produce? किसको produce करेंगे, वो उस good को produce करेंगे, जिसमें उनको maximum profit होगा, तो problem solve करेगी, कौन? प्रोफिट करने में ज्यादा प्रोफिट हो रहा है प्रॉब्लम में इसको कैसे डिसाइड करते हैं कौन सी टेक्नोलॉजी को यूज करना है उस टेक्नोलॉजी को यूज करते हैं जहां पर मिनिमाइजेशन कॉस्ट लगेगी कम से कम कॉस्ट प्रोडक्शन कि कैसे भाग्या यह उसके लिए प्रोडूस करेंगे जिसकी खरीदने की ओकात है जिसकी बायिंग कपैसिटी गरीब के लिए बना देंगे वह ज्यादा खरीदने तो अमीर है तो हम अमीर के लिए बना देंगे जनरली अमीर के लिए बना रहे हैं ठीक है ठीक है जी फिर सोशलिस्टिक इकानोमी की बात करते हैं एस डायरेक्टेड बाय द सेंट्रल फॉरमेंट अथॉरिटी जो सरकार प्रोडक्ट करेगी वह प्रोड्यूस किया जाएगा देख लेगी किससे बढ़ा और जनता का और कौन सी टेक्नोलॉजी से यूज करन वो सरकार डिसाइड करेगी ऐसी टेकनोलॉजी जिसमें अनप्लोयमेंट नहीं हो कम से कम हो यार नहीं वाला तो मैटर बनता नहीं है कम से कम अनप्लोयमेंट उसको टेक्नोलॉजी को यूज करेगी सरकार इसके लिए बनाना है सरकार बोलें चैनल एजेंशियल गुड्स एंड सर्विसेस मतलब कंपनी जातों को मैक्सिमम प्रॉफिट हो जाए लेकिन जो सरकार की सेंट्रल अथॉरिटी है मतलब एंडर गॉर्नमेंट है वह उन चीजों को बनाएगी जो जनता के लिए जरूरी है एजेंशियल है सरकारी स्कूल भी है आउटू प्रोडूस को कैसे सॉल्व करेगी भाईया कहीं प्राइवेट सेक्टर वालों तुम देखते रहो कोई दिक्कत नहीं है लेकिन government ensure करेगी कि बेरोजगारी ना हो वाला इन दोनों को मिला के चलेगी ये भी होगा और home to produce किस के लिए समार बनाना है तो ये भी कहेगी सब के लिए बनाना है भाई तो ये problem तो है और आपको एक बात और बताता हूँ capitalistic economy की अंदर की बात capitalist इसके बारे में कहा जाता है कि consumer is king जो consumer बोलता है वह बनाया जाएगा कंजूमर की सौवर्निटी है ना लेकिन एक लाइन और बोली जाती है कि कंजूमर सौवर्निटी की स्पैलिंग देख लेना यार यह वाली होती है ठीक है स्पैलिंग से कुछ नहीं जा रहा है इस मित कहते छलावा है कंजूमर देखो यह तो इसका अड़वांटेज है कि कंजूमर जो बोलेगा वह बनाया जाएगा कि कंजीमर जो बोलता है वह तो बना देते हैं लेकिन कंजीमर को उल्लू भी बनाते हैं इतने सारी फर्म सूति हैं गटिया माल बेच देते हैं मिलावटी माल बेच देते हैं तो कहने को कंजीमर की बात मानी जाती है प्रोफिट के लिए खराब कर देते हैं एक इंपॉर्टेंट पॉइंट मुझे डिस्कस करना था अब आज तीनों इकानों सोशलिस्टिक इकानोमी के अंदर सोशियो इकानोमिक ऑब्जेक्टिव और कलेक्टिव वनर्शिप दोनों है और मिक्स्ट इकानोमी के अंदर दोनों की बेस्ट फीचर्स में ध्यान दिया जाता है वो ही मेंस्टे है नमवाला सेट है फिर यह बोलता है प्रॉफिट मोटिव और इक्विटेबल डिस्ट्रिब्शन दोनों पर ध्यान देना यार यह तो दोनों पर ध्यान देगा बैलेंस करता मर जाएगा ठीक है यह देखो ना सब बहुत ध्यान दिया जाता है और गॉर्वर्नेंट इसका command economy, centrally planned economy इनके दूसरे नामें इसका कोई दूसरे नाम नहीं है अगला private property का right capitalistic economy में है यहाँ दोनों की ownership हो सकती है यहाँ दोनों coexist कर सकते हैं और एक साथ भी हो सकते हैं प्रीडम टू चॉइस पर डक कंजूमर्स यहाँ सरकार decide करेगी यहाँ consumer choose करता है वो भी बनाएगा private वाला राज्ये ओनर्शिप की बात कर लेते हैं, प्राइविट प्रोपरिटी का राइट कैपिटलिस् प्राइवेट और सरकार दोनों का होता है कलेक्टिव ओनरशिप होती है किसी भी चीज मतलब हर एक चीज पर कलेक्टिव ओनरशिप होगी हर एक चीज पर यहां पर मिक्स इकार्नमी में पॉइंट करेगा कुछ चीजें सरकार की है कुछ चीजें कि अगला कंपनीशन कहां होता है प्राइस मेकेनिजम मार्केट फोर्स प्राइस मेकेनिजम दिमांड सप्लाई से कुछ डिसाइ� market force मतलब demand supply से यहाँ prevail करता है मतलब yes है यहाँ नहीं होता demand supply नहीं सरकार बताएगी क्या होता तो यहाँ पर इकाउनमी के अंदर जो fluctuations होते है ups and downs उसको avoid करने की कोशिश की जाती है तो सरकार बीच-बीच में interfere करती रहती है यहाँ पूरा नहीं होता लेकिन इसने बोला है कि comment नहीं करी income distribution यहाँ unequal होता है inequality of income यहाँ equal होता है और यहाँ बाई government ही try करती रहती है प्राइवेट सेक्टर के द्वारा किया गया कच्चरा समिटने का तो जो इनिक्वालिटी है गॉर्मेट इसको इक्वल लाने की बार-बार तो यह सब्सक्राइब करें और सरकार करें और कि पुछ करेगा प्राइविट भी तब के बास अपनी चोई से यह ठीक है कामल है ठीक है इंडिया यह है मेरा इंडिया योर मारा इंडिया वाही ऐसे बात नहीं बनती ऐसे तो तुम कोई भी टॉप की पढ़ लोगे टॉपिक की बात तब बनती है जब तुम भी है ठीक है मैं आपको बस इतना बताना चाहता हूं कि यह जो चानक्य वैश्वाद आपका इसमें जो आपको चैप्टर करा रहा हूं मैं कि इस चैप्टर के अंदर आईसीआई का मॉड्यूल सारा कॉन्टेंट सारे एमसी क्यूस पीवाई क्यूबी सब कवर अप है अगर तुमने इस चैप्टर को देख लिया तो तुम्हें कहीं पर भी जाकर इस चैप्टर को दुबारा देखने की सौरत नहीं पड़ेगी आप इसी से ही इसको कंप्लीट कर सकते हो ठीक है ओके चलो जी कोशिश आपके सामने कंसीडर को फॉलोइंग एंड डिसाइड विच नीचे चारों लाइने पड़ो और डिसाइड करो अगर आ if any economy is without scarcity कौन सी economy है जो without scarcity होती है चलो जी पढ़ो मैं बताता हूँ the pre-independent Indian economy अजादी से पहले जो Indian economy थी where most people were farmers जहाँ पर जहाँ तर लोग किसान होते थे तो बताओ consider the following and decide which economy is without scarcity इन में से कौन सी economy है जिसमें स्क्रियर सिटी नहीं है अरे भाईया अजादी से पहले का भारत हो चाहिए आज का भारत उसके रिपोर्ट है यह आप मिथिकल इकानोमी वेर एवरीबडी इस बिलियोनियर तुम इमेजिन कर लो ऐसा हो नहीं सकता मिथ हो आप वह सब पर करोड़ों रुपए वह चीजें लिमिटेड ना रज्य, बिलियनेर उसमें जो कुछ नहीं होता एक एकानोमी वहाँ इंकम इस डिस्टिबूटेड इक्वली अमंग इस पीपल एक एकानोमी अगर सभी लोगों की इंकम बराबर हो जाए तो वहाँ स्केर सिटी खतम हो जाएगी तो स्केर सिटी खतम कहीं दिखाई नहीं दे रही अगला अगर human wants की बात की जाए और उस wants को satisfy करने की बात की जाए तो बाबा wants यहाँ पर unlimited है, क्या है? unlimited है, wants limited नहीं है, wants are unlimited, okay? Which of the following is incorrect about business economics?
चार लाइने लिखी हुई है, business economics के बारे में कौन सी सही लाइन है, वो आपको देखनी है, पढ़ लो जरा एक बारी, कि क्या सही option होना चाहिए, आप भी जान जाओगे, तो point number one, it is applied economics, जो एकानोमिक थिवरी और प्रैक्टिकल बिजनेस यानि बिजनेस की जो प्रैक्टिकल बातें होती है उसके बीच का गैप फिल करता है गलत है सही है बाई बिल्कुल बिजनेस एकानोमिक इंटिग्रेट एकानोमिक थिवरी विच बिजनेस प्रैक्टिस कहते हैं इंटिग्रेट का मतलब होता है जोड़ना ऐसे जोड़ना कहता है बिजनेस एकानोमिक जोड़ती है एकानोमिक थिवरी को बिजनेस की प्रैक्टिकल बातों से हाँ दोनों बा तो गर्ज कोन होगा वो लास्ट वाले बजी का भाई यही गलत होगा business economics is more concerned with macro ना more concerned with micro है बाबा more concerned with micro है पगला अगर आप प्राइस क्या होता है यह दिखो बीच में नहीं आया था अब आ रहा है मतलब मैंने अपने हिसाब से चीजों को डिजाइन किया हुआ है तो बोलें सर वह मेरी डिवारिक नहीं पड़ा यह यहां देखो ना सारे चीजें करोपर है जब सरकार किसी चीज का प्राइस डिसाइड करती है तो कहते हैं वह प्राइस एडमिनिस्टर किया है यानि जब किसी चीज में बाहर के बंदे बुढ़ पंगे करें अब बाहर के बंदे आकर डिसाइड करें समान तुम्हारा तो यह प्राइस जो सरकार ने डिसाइड करते हैं एडमिनिस्टर प्राइस है यह जब कोई आउटर एक्सटरनल आथोरिटी तो मारी चीज के प्राइस को डिसाइड करें तो डिसाइड किया वह प्राइस एडमिनिस्टर प्राइस होता है तो जो प्राइस डिटरमाइन अब मिक्स इकानोमी टू सॉल्व इट सेंट्रल प्रॉब्लम रिलाइज होने एक मिक्स इकानोमी अपनी सेंट्रल प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए किसके ऊपर रिलाई करती है भाईया देखो मिक्स इकानोमी में दोनों हो गए प्राइस मेकैनिजम टू में डिटेल में एक्सप्लेन किया जाता है इसको टेप्टर नंबर टू में डिटेल में एक्सप्लेन किया जाता है कि यह लिखा जी वाला राइट अंसर हो जाएगा अगला इन शोशलिस्टिक इकानोमी द बेसिक फॉर्स ऑफ इकाक्टिविटी प्रॉफिट तो शोशलिस्टिक इकानोमी में बेसिक फॉर्स प्रॉफिट है यह लाइन सही गलता है अरे बाई कापिटलिस्टिक इकानोमी कि कैपिटलिस्टिक एकानोमी में गॉर्नमेंट की इंटरफेरेंस बताते ही नहीं है लेकिन मॉडल में लिखा है कि वेरी लिमिटेड है इसलिए इसको हम बोलेंगे कैपिटलिस्टिक एकानोमी के अंदर वेरी लिमिटेड है यह आपाराइट कैपिटलिस्टिक एकानोमी इसको ठीक कर देंगे इन अपने पैटरी विकान मी द अनकरण किंग कैपिटिटिव एकानोमी का होता है अनकरण किंग मतलब बिना ताज रखे भी बास्था कंजूमर है ठीक है नहीं है तब भी कंजूमर इस किंग कि हम जेव ओके वेस्ट ऑफ कंपटीशन का होता है एपसेंस ऑफ कंपटीशन तो सोशलिस्टिक में होता है लेकिन वेस्ट ऑफ कंपटीशन कैपिटलिस्टिक में होता है कंपटीशन करना वेस्ट है मैंने जस्टिफाई कर दिया था यह डूअल सिस्टम ऑफ प्राइसिंग एक्जिस्ट अब तुम बोलोगे सर डूअल सिस्टम तो पढ़ाएं नहीं अने बाबा पढ़ा रहा हूं ना आपा रहा है डूअल सिस्टम मतलब प्राइवेट और सर और यह दिस इस द राइट अंसर ओके वन ऑफ द इंपोर्टेंट फीचर ऑफ कैपिटलिस्टिक इकोनोमिक कैपिटलिस्टिक इकोनोमिक इंपोर्टेंट फीचर क्या है इकोनोमिक प्लानिंग तो सोशलिस्टिक की है शोशिया लेसर टिक की है प्राइस मेकानिजम यह हमारी कैपिटलिस्टिक है ठीक है बीवाले पर जाएंगे हाँ भाईया देखो तुम्हारे सामने लिखा है तो बिजनेस इकॉनोमिक्स इनकॉरपरेट टूल्स फ्रॉम अधर डिसीप्लेन अलग-अलग सब्जेक्ट से बहुत सारे सब्जेक्टों को शामिल किया गया है बिजनेस इकॉनोमिक्स में आगे पढ़ोगे तो मैथमेटिकल कैलकुलेशन भी होगी स्टाइटिस्टिक्स का यूज़ भी होगा काफी ज़्यादा अकाउंट्स भी यूज़ होगी तो जैसे कि नाम लिखे हैं अगले सब् आप इंटर कोई ठीक करना होता तो वैसे multiple BS का मतलब लेकिन आप इंटर ही करना operational और internal issues अंदर के जो मसले होते हैं वो कौन से economic theory के दुआरा सुलझाये जा सकते हैं या किस theory से relate करते हैं internal micro external macro internal वाले तो राजे micro हो गए ठीक है न मैंने micro पढ़ा शुरू में काम हो गया okay which of the following is not इसमें से central economic problems कौन सी नहीं है, बच्चा बता देगा, तीन देख रहे हो ABC option, ये तीनो central problem है, मुझे बोलने की ज़रूरत नहीं है, ठीक है, तो ते नंबर भी लिखा है, price fixation, ये central problem नहीं है, problem तो हो सकती है, but this is not central problem, ध्यान रखना इस चीज़ को, ओके, आगे आजो, क्यों बारे में बोला जाता है मॉडियल में लिखा है कि सोशलिस्टिक है तो इसलिए मान भी लेंगे वैसे कोई इकार्मी प्योर सोशलिस्टिक है नहीं ठीक है आज के जिंदगी में ठीक है चलो जी अगला टैश इस ऑल्टो कोई पर कमांड इकाउनमी सोशलिस्टिक इकाउनमी का दूसरा अनलिमिटेड एंड्स मतलब अनलिमिटेड वांट्स लिमिटेड मीन्स मतलब लिमिटेड होते हैं रिसोर्स टोगेदर प्रेजेंट इन द प्रॉब्लम ऑफ डेश भाईया रिसोर्स हमारे पास लिमिटेड है वांट हमारी अनलिमिटेड है तो दोनों मिलकर डेफिनेशन बन इसका अंसर तो स्केर सिटी होना चाहिए था चॉइस क्यों कर दिया तो रीजन यह है यह राज्य ठीक है ओके प्रॉफिट मोटिव इस अटी कैरेक्टरस्टिक्स ऑफ वाट प्रॉफिट मोटिव किसकी कैरेक्टरस्टिक है सोशलिजम की कैपिटलिजम की प्रॉफिट मोटिव कैपिटलिजम में आपको बताता हूं जो चैप्टर किया है ना मैंने इसमें आईसीआई के मॉडियूल का कि अब जो जमाना आ गया ना मतलब इतना रेकॉर्स में अपडेट हुई है लेटेस्ट सिलेबस के इसाब से इस चैप्टर को कराया गया है तो कुछ बच्चे प्रैक्टिस करने के लिए इंटरनेट का साहारा लेते हैं वहां से कुछ क्वेश्चन वेबसाइट में कुछ बच्चे प्रैक्टिस करने के लिए इंटरनेट का साहारा लेते हैं वहां से कुछ बच्चे प्रैक्टिस करना का साहारा लेते हैं वहां से कुछ कुछ-कुछ चीजें आई है नहीं इसलिए नया आया है तो आपको नए की तरह करना है जो कराया गया है उस हिसाब को मेंटेन रखना है अगर कभी भी दोबारा फीलों कि यह चैप्टर मुझे रिवाइज करना है तो इस वीडियो की स्पीड आपके देख लो आपके काम आएगी चीजें और एक इंपोर्टेंट चीज में बताना चाहूंगा एक क्वेश्चन था टापिटलिस्टिक इकोनोमिका भाईया एक क्वेश्चन मुझे कैपिटलिस्टिक एकानोमी यह डिस्क्यूटेड क्वेश्चन रहता है में मेन एलिमेंट क्या होता है तो डिमांड होता है सप्लाई होता है या प्राइस होता है इसका अंसर प्राइस है ठीक है बच्चा बोले नहीं है डिमांड होना चाहिए कंजूमर किंग होता है अरे नहीं प्राइस है तो प्राइस इसमें कैपिटलिस्टिक एकानोमी में दोनों की help से क्या decide हुआ है? प्राइस अडम स्मिथ demand और supply को invisible hand बोलते थे अब कराने वाले आपको अलफरेड मार्शल की definition भी कराएंगे मार्शल ने क्या definition दी भाई सैमूल सल ने क्या definition दी भाई जे बी से ने क्या definition दी भाई सब अलग definition कराएंगे लेकिन वो शायद आपको course से भटका सकते हैं समझाने को पता क्या? मैं master सुनी को onwix में मैं समझाने को तुम्हें एक ऐसी पहली चीज समझा दूं जो तुम्हें पानी की तरह समझ में आ जाएगी मैं तुम्हें पुरानी ग्यारवी को ऑनजर रिपीट कर दूं क्या तुम्हारे पास टाइम है तुम सीए फाउंडेशन की तियारी कर रहे हो तुम्हारे पास टैक करना होता है अब लोग बहुत मैं आपको नंबर लाने के लिए बढ़नी चाहिए नंबर आ जाएंगे क्योंकि अब लॉट तो मारे काम इंटर में आएगी अगें तो यह तो पहले इंटर में होती थी फॉर फाउंडेशन में आ गई है तो तो यह मामला खत्म हो जाएगा इकानोमिक लोग आएंगे इकानोमिक के लोग से फाइनल में आएंगे तो देखो ना इंटर पास करने के बाद तो दुबारे से शुरू करना पड़ेगा वह तो है फाइनल में तो है इकानोमिक के लोग तो वह अलग है अपनी अप्रोज को सेटल करो पहले मेरी सजेशन आप लोगों से यह है कि लेटस्ट करो ठीक है लेटस्ट करो इधर वेबसाइट पर जाकर नहीं शेक्ट टू द मॉडियल रो मॉडियल में जो है उससे बाहर पेपर में नहीं आता प्रक्रियंटी है ऑनडेशन लेवल पर इंटर लेवल तो बाहर अंदर सब इसे भी क्रिएट हो जाता है वह दिखत वाली बात नहीं है तो बहुत मजा आया चानक के बैच टू पॉइंट टो स्टार्ट किया और आप लोगों का रिस्पॉंस में कॉमेंट सेक्शन हो चाहूंगा कि हमारी जो बॉंडिंग है वह अब इंडिया में चर्चे होने लगे इस चीज को विश्व पूरे भारत के अं� बॉडिंग बहुत कड़े लेवल पर रहती है तो यह बॉडिंग बर्करा रहेगी आप लोगों का प्यार बना रहे साथ में और आज की क्लास को ही समाप्त करना चाहूंगा जै बाइ एवरीवन ता