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Magnetism and its Theories

हेलो अब विवन वेलकम टू दस माइंड मैप थी और मेरा नाम है मुबश्य सैयद आज के इस माइंड मैप सीरीज में हम लोग बात करेंगे मैग्नेटिजम एंड मैटर चैप्टर की तो हमारी कोशिश हमारा एजेंडा यही रहेगा इस क्लास का कि भाई एक छोटे से टाइम इंटरवल में हमेशा की तरह सारा फॉर्मुला सारा कॉनसेप्ट समझ सकें और इस तरह हम लोग सारा इंफॉर्मेशन रिट्रीव कर पाएं ठीक है तो अ जल्ली से स्टार्ट करते हैं विदाउट इनी डिले लेट्स स्टार्ट दस क्या टॉपिक कवर करने वाले हैं आज हम लोग बार मैगनेट पे बात होगी मैगनेटिक फील्ड ड्यू टू बार मैगनेट और इस मैगनेटिक फील्ड के जितने भी एलेमेंट्स होते हैं पोल से, पोल क्या होता है, पोल हमारा एक imaginary concept है, जिसमें हम लोग बोलते हैं कि this is something which produces magnetic field, पोल is something which produces magnetic field, ये एकदम imaginary concept है, सर imaginary concept है तो पढ़ क्यों रहे हैं, इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि इससे हमारे सवाल बनते हैं, हमें समझ में आता है, reality को describe कर सकता है बहुत closely, इसलिए हम पोल को क्वेंटिफाई करने के लिए पोल स्ट्रेंथ का यूज किया जाता है मतलब अगर पोल की स्ट्रेंथ ज्यादा होगी इसका मतलब है उससे ज्यादा मागनेटिक फिल्ड प्रोडूस होगा एक दूसरी तरीके से इसको समझा जा सकता है बहुत आसानी से पोल को आप ल पोल को मान लीजिए positive magnetic charge और south pole को मान लीजिए negative magnetic charge ठीक है तो अगर charge की value जादा जिस तरह से अगर charge की value जादा है तो उससे ज्यादा electric field produce होगी उसी तरह से अगर pole strength ज्यादा है तो उससे ज्यादा magnetic field produce होगा चार्ज क्या करता है electric charge क्या करता है electric field produce करता है तो magnetic charge क्या करेगा magnetic field produce करेगा magnetic charge का क्या मतलब है भाईया pole strength या pole बोल लीजिए आप ठीक है पोल को ही क्वाइंटिफाई करने के लिए पोल स्ट्रेंथ का यूज होता है, स्माल M से रिप्रेजेंट करते हैं, ठीक? अब दो तरह का पोल है हमारे पास, कौन-कौन है भाई? नौर्थ पोल है, साउथ पोल है, नौर्थ पोल किस तरह बिहेव करेगा? तो भाई जिस तरह से चार्ज अगर है, अब मुझे ये जानना है कि मालो हमारे पास North Pole है for example, Pole Strength माल लेते हैं, प्लस M है, किसी point P पे, जो की R distance पे है, कितना magnetic field produce हुआ, तो दो लोगो, मैंने क्या बोला, कि भाई Pole जो है, वो charge से मिलता जुलता है concept, charge की तरह आप इसको treat कर सकते हैं, तो अगर मैं ये सवाल आप से पू तो same चीज यहाँ पर है, बस फर्क इतना सा है, कि K के बदले, या 1 by 4 pi epsilon 0 के बदले, mu 0 by 4 pi यूज़ करना, चार्ज के बदले पता है क्या यूज़ करना है, पॉल स्ट्रेंथ M, तो KQ by R square, जो constant हम लोग यूज़ करते हैं, electrostatics में, उसके बदले यहाँ पर यूज़ होगा, mu 0 by 4 pi, वहाँ पर यूज़ होगा, magnetic field, that's it, तो, वन बाई फोर पाई एप्सलन नॉट के बदले म्यू नॉट बाई फोर पाई चार्ज के बदले पोल स्ट्रेंथ M डिवाइडेड बाई R स्क्वायर सिमिलरली अगर मान लो किसी चार्ज को हम लोग एलेक्ट्रिक फील्ड में रखते हैं तो फोर्स लगेगा मैं पूछूं कितना फोर्स लगेगा तो आप बोलेगा सर क्यों इंटू ई उसी तरह अगर किसी पोल को हम लोग किधर रखेंगे मागनेटिक फील्ड में रखेंगे है और एलेक्ट्रिक फील्ड के बदले मैंनेटिक फील्ड भी अब चुके देखो नॉर्थ पोल है तो नॉर्थ पोल पॉजिटिव चार्ज की तरह बिहेव करता है तो पॉजिटिव चार्ज पर फोर्स किस डारेक्शन में लगता है एलेक्ट्रिक फील्ड के डारेक्शन में लगता है तो यहां पर फोर्स किस डारेक्शन में लगा मैं अगर यहीं पर होता तो फोर्स का डारेक्शन यहाँ पे जो North Pole है, इसकी वज़े से जो field है, वो किस direction में कोई पूछ दे, तो North Pole किस तरह का charge है भीया, positive charge, positive charge की वज़े से field किधर होगी, outward, ठीक है, तो यहाँ पे अगर मुझे दिखाना होगा, तो मैं outward दिखाऊंगा, यह field का direction किधर होगा भाई, outward होगा, ठीक है साउथ पोल होता तो इनवर्ड होता टूवर्ड्स इट होता ठीक थर्ड डाइपोल में आ जाए जिस तरह से प्लस क्यों माइनस क्यों चार्ज दो इक्वल एन ऑपोजिट चार्ज अगर किसी स्माल डिस्टेंस पर इसमाल डिस्टेंस पर होतो डाइपोल की तरह छोटा हो स्माल हो छोटा किसके रिस्पेक्ट में कंपेर्ट टू द पॉइंट वेर वी आर फाइंडिंग द एफेक्ट ऑफ डाइपोल अ माल ले जी इस डाइपोल की विज़े से किसी X distance पे मुझे निकालना है magnetic field, ठीक है, तो भाई magnetic field निकालना है किसी X distance पे, तो उस X के comparison में अगर ये D छोटा है, तबी ये डाइपोल की तरह behave करेगा, ठीक है, तो चलो, अभी तक क्या समझ में आया, कि एक North pole है, एक South pole है, बगल म तो यहाँ पर magnetic dipole moment होता है, जिसको कि हम लोग capital M से represent करते हैं, ठीक है, तो magnetic dipole moment किसके बराबर होता है, भाई याद करो, electric field में electric dipole moment किसके बराबर होता है, P is equal to Q into D, charge into distance, तो यहाँ पर charge के बदले क्या है, pole strength है, M into distance, simple सी बात, और dipole moment vector किधर होता है, from negative charge to positive charge, negative charge यहाँ पर क्य होगा हमारा magnetic dipole moment का vector ठीक है? अब एक चीज यहाँ पर यह याद रखना है कि magnetic dipole moment जो है वो volume of the material पर depend करता है तो अगर volume of the material change करेगा तो magnetic dipole moment भी change करेगा तो इस तरह से question वगरा पूछता है कि माल लो हमारे पास एक bar magnet है इसको हमने बीचो बीच ऐसे vertically काट दिया दूसरे case में क्या हो सकता है? बीचो बीच horizontally काट सकते हैं तो दोनों case में pole strength में क्या फर्क आएगा? तो अगर हमने vertically काटा है for example, तो भाई इसका volume आधा हो गया, इसका volume इसके comparison में आधा है, तो volume आधा हो गया, और dipole moment, volume of the magnet के proportional है, तो अगर volume आधा होगा, तो dipole moment क्या होता है, m into d, dipole moment आधा हो गया, और इसका length भी तो आधा हो गया, ये length कितना बचा, l by 2 पोल स्ट्रेंथ में कोई फरक नहीं पड़ेगा तो पोल स्ट्रेंथ इसका बड़ा बर रहेगा अगर मान लीजिए मैंने इसको ऐसे हॉरिजेंटली काटा तब भी तो वॉल्यूम आधा हुआ मतलब इस केस में भी क्या हुआ डाइपोल मॉमेंट आधा हुआ और यहाँ पे यह बेटर कॉनसेप्ट है या फिर ऐसे भी याद रखो कि अगर वर्टिकली काटे हैं तो पोल स्ट्रेंथ चेंज नहीं करेगी और अगर होरिजेंटली काटे हैं तो पोल स्ट्रेंथ हो जाएगी आधी अब बात करते हैं मैगनेटिक फील्ड लाइन जिस तरह से हमारे पास उसका डायरेक्शन क्या देगा मैगनेटिक फील्ड का डायरेक्शन तो यहां पर मैगनेटिक फील्ड लाइन आपको दे रखी है किसकी वजह से एक बार मैगनेट की वजह से ठीक है बार मैगनेट की वजह से यहां पर हमारे पास क्या है भाई साहब मैगनेटिक फील्ड ला� अंदर जाती है नॉर्थ पोल से निकलती है साउथ पोल से अंदर जाती है और मैगनेट के अंदर अगर बात की जाए तो साउथ से नॉर्थ की तरफ मैगनेट के अंदर किधर साउथ से नॉर्थ की तरफ दूसरा क्या है कि ये सारे के सारे closed lines हैं यहाँ पर आपको एक दो line दिख रही होगी जो closed नहीं है इसका मतलब ये नहीं है कि यहाँ से start हुआ यहाँ पर खतम हो गया इसको आप और आगे बढ़ाईएगा तो कुछ इस तरह से आगे है तो जो एक जो सबसे बड़ा डिफरेंस है एलेक्ट्रिक फील्ड लाइन और मैग्नेटिक फील्ड लाइन में वह यह है कि एलेक्ट्रिक फील्ड लाइन क्लोज लूप नहीं बनाता है ठीक है मैग्नेटिक फील्ड लाइन हमारे पास क्या बनाता है एक और बात यह है कि भाई यह जो फील्ड लाइन है अगर हमारे पास फेरोमागनेटिक सब्सक्राइब है तो उससे हमेशा परपेंडिकुलर रहेगा किससे फेरोमागनेटिक सब्सक्राइब पैरामागनेटिक और डायमागनेटिक में परपेंडिकुलर अब यहाँ पे बात करते हैं, अगर हमारे पास मालो करेंट कैरिंग कॉयल हुआ या फिर सॉलेनॉइड हुआ, तो अगर उसकी वज़े से हम magnetic field line बढ़ा करते हैं, बनाते हैं, तो मुझे दिख रहा है कि भाई ये भी magnetic field line इसी के तो जैसा है, जैसे ये सॉलेनॉइड हो या फ वह बार मैगनेट की तरह बिहेव करता है करेंट को आईएड करेंट सॉलेनोइड दोनों किस तरह बिहेव करता है बार मैगनेट की तरह तो अगर मान लो मेरे पास करेंट को आईएड से रिलेटेड कोई भी क्वेश्चन आता है कोई भी क्वेश्चन आता है तो उसको मैं बार मैगनेट मान करके उस क्वेश्चन को सॉल्व कर सकता हूं बना चीजें एक साथ लिख सकें देख सकें अ चलो आगे बढ़ते हैं, अब बार मैगनेट की वज़े से मुझे magnetic field निकालनी है, बार मैगनेट की वज़े से magnetic field चाहिए, तो मान लो इस बार मैगनेट की वज़े से किसी axial point पे magnetic field चाहिए, वो point कहाँ पे axis पे है, axis of the dipole पे है, d distance पे है, बार मैगनेट का length है, तो किस तरह से ठीक नौर्थ पोल है इसकी वजह से इस पॉइंट पी पे फील्ड का डारेक्शन किधर होगा अब मतलब टूवर्ड्स राइट क्या होगा के क्यों भाई आर स्क्वायर किसी चार्ज की वजह से कितना होता है के क्यों भाई आर स्क्वायर होता है राइट तो कितना होगा KQ by R square, फिर से ये distance देख लो, क्या होगा ये distance D minus L by 2 whole square होगा, ठीक है, अब दोनों अलग-अलग direction में हैं, तो दोनों को subtract कर दो, और final result जो तुम्हार आएगा, वो आएगा mu naught by 4 pi 2MD divided by D square minus L square by 4 whole square, इसी में अगर हम मान लेते हैं कि L बहुत छोटा है, तो आएगा तो अगर ये dipole की तरह behave कर रहा है तब ही हम लोग लिख सकते हैं mu 0 by 4 by 2m by d3 यहाँ पे ये चीज बहुत समझने वाली है जरूरी है अगर question में दे रखा है कि ये bar magnet short है small है इस तरह के word का use हो रहा है तब हम नीचे वाला formula use करेंगे या फिर length दे रखा है और बता रखा है कि जहाँ पे मुझे magnetic field चाहिए वो distance दे रखा है और आप देख पा रहे हो कि वो distance बहुत बड़ा है मतलब ये distance बहुत चोटा है तब हम लोग लोग यह वाला फॉर्मुला का यूज करेंगे डाइपोल वाले फॉर्मुला का वरना एक्ट्रोल फॉर्मुला नॉर्मल फॉर्मुला जो हमारे पास है यह वाला वहीं यूज होगा ठीक है सिमिलरली अब मैं एक्वेटोरियल पॉइंट की बात करूं तो भाई इसकी कि इसका डारेक्शन अवे होगा कुछ ऐसे होगा और इसका डारेक्शन कुछ ऐसे होगा ठीक है थोड़ा सा करेक्ट करने की जरूरत है यहां पर या फिर बाकी सारी चीजें सेम रखते हैं काम कर लेते यहां पर कर दो माइनस एम और यहां पर कर दो प्लस ठीक है तो प्लस एम की वजह से अवेफ्रॉम इट माइनस एम की वजह से टूवर्ड सेट और रिजल्टेंट तुम्हारा इस डारेक्शन में आएगा ठीक तो वेक्टोरियल आइड करोगे तो तो भाई radial direction में जो magnetic field है, mu0 by 4π, 2m cosθ by r3, और एजीम उठल डारेक्शन एट एन आंगल थीटा बेसिकली मैं इसको क्या कर रहा हूं आर थीटा के टर्म में लिखना चाहा रहा हूं भाई आर थीटा के कॉर्डिनेट्स के टर्म में हम रिप्रेजेंट करना चाहिए तो एलांग आर और एलांग थीटा जो कि कितना डिस्टेंस पर है आर्डिस्टेंस पर है और किस एंग्ल पर थीटा एंग्ल पर कहां से भाई डाइपोल मोमेंट वेक्टर के डारेक्शन से थीटा एंग्ल मेजर हुआ है तो बी आर और बी थीटा है अब निर्जल टेंट अगर चाहिए रिजल्टेंट तो इसका स्कॉर और इसका स्कॉर करके एड करो और अंडर रूट लगाओ तो तुम्हें फाइनल रिजल्ट आएगा म्यू नॉट बाई फोर पाई एम बाई आर क्यूब अंडर रूट थ्री कॉस्ट प्लस वन सेम रिजल्ट हमारा डाइपोल में आता है किस डाइपोल में एलेक्ट्रिक डाइपोल में क्या आता है भाई के पी बाई आर क्यूब अंडर रूट थ्री कॉस्ट प्लस वन किसी भी एलेक्ट्रिक डाइपोल ठीक पी के बदले क्या है एलेक्ट्रिक डाइपोल मोमेंट के बदले मैंनेटिक डाइपोल मोमेंट कैपिटल है डिवाइडेड बायर बी आर के डारेक्शन से अल्फा एंगल मूव करना है बी आर के डारेक्शन से कितना एंगल मूव करना है बाई अल्फा एंगल मूव करना है किस डारेक्शन में मूव करना है जिस डारेक्शन में थीटा मेजर कियो उसी डारेक्शन में अल्फा एंगल मूव कर जाओ डाइपोल की वजह से किसी जेनरल पॉइंट पर राइट अब इसी में अगर मान लो तुम थीटा कर लो जीरो थीटा को अगर कर लें जीरो तो यह कौन सा पॉइंट आएगा यहां पर एक्जियल पॉइंट राइट तो थीटा जीरो करो कॉट जीरो हो जाएगा वन तो पर आर क्यों जो कि यहां पर आया है ठीक है बात समझ में आ रही तो यह जनरल पॉइंट का है अ है अब जिस तरह से हमारे पास एलेक्ट्रिक डाइपोल अगर किसी एलेक्ट्रिक फील्ड में रखते हैं तो टॉर्क वगैरह लगता है पोटेंशल इनर्जी होती है उसी तरह अगर हमारे पास कोई मैग्नेटिक डाइपोल क्या होता है सर कोई भी मान लो बार मैग्नेट है जिसका डिस्टेंस छोटा है तो उसको मैग्नेटिक डाइपोल की तरह तो पॉजिटिव चार्ज है यहां पर फोर्स का डारेक्शन क्या होगा ऊपर के डारेक्शन में कितना क्यों इन टू इन मतलब एम इन टू बी यहां पर क्या होगा नीचे के डारेक्शन में राइट तो भाई यह दोनों तो कैंसल कर लेगा राइट फोर्स क्या होगा जी रूप टार्क क्या होगा एम क्रॉस भी ठीक जैसे वहां पर पी क्रॉस ही होता था यहां पर एम क्रॉस भी होगा पोटेंशल इनर्जी वहां पर क्या होता था माइनस पीड़ और यहां पर क्या होगा माइनस एम डॉट भी कि भाई stable condition बताईए और unstable condition बताईए तो stable condition कहाँ पे होगा जहाँ पे potential energy minimum हो potential energy की value क्या हो भाई साहब minimum हो वो हुआ stable condition stable equilibrium और जहाँ पे potential energy maximum हो वो क्या हुआ unstable equilibrium तो minimum के लिए क्या होना चाहिए भाई theta अगर 0 degree होगा तभी तो ये minimum होगा minus mb cos 0 मतलब minus mb is the minimum तो theta 0 degree पे stable होगा और और अनस्टेबल के लिए क्या होना चाहिए भाई पुरेंटिशनल एनर्जी मैक्सिमम होगी तो पुरेंटिशनल एनर्जी की वैल्यू मैक्सिमम कब होगी जब कॉस्ट थीटा के वैल्यू हो जाएगा माइनस वन यानि कि थीटा 180 डिग्री होगा यहां थोड़ा सा फिर से चेंज करने की जरूरत है थीटा की वैल्यू यहां पर 180 डिग्री आएगी 180 डिग्री ठीक है तो 180 डिग्री पर अनस्टेबल इक्लीबियम होगा और जीरो डिग्री पर स्टेबल इक्लीबियम होगा अब अगर यह मान लो टॉर्क लग रहा है m x b, right, तो अभी equilibrium position पे था, हमने क्या किया, थोड़ा फा equilibrium position से displace किया, तो वापस से आ जाएगा, ठीक है, वापस से equilibrium position पे आएगा, अगर ये stable equilibrium position पे है, मतलब कि भाई ये SHM करेगा, right, तो SHM करेगा, तो पूछा जा सकता है कि भाई साब time period क्या होगा, म क्या है magnetic moment है, B क्या है magnetic field, अच्छा यहाँ पे एक चीज और आता है oscillation magnetometer, जब हम लोग earth magnetic field में जाएंगे, तो oscillation magnetometer पे बात होगी, तो oscillation magnetometer का भी time period same होता है, यह बात याद रखियेगा, 2 pi under root i by m into B के बदले बस वहाँ पे BH होता है, horizontal component of earth magnetic field, तो अभी चली हम लोग समझते ह कि आगे बढ़ते हैं अब बात करते हैं टेरेस्ट्रियल मैंग्नेटिजम की यानि कि आज मैंग्नेटिजम की बात करते हैं भाई अर्थ के अंदर क्या है बहुत सारा अर्थ के क्रस्ट के अंदर बहुत सारा मोल्टन मेटल है मोल्टन है मेटल है मतलब फ्री एलेक्ट्रोंस है और मोल्टन है तो मतलब मूव कर रहा है राइट तो कहीं भी अगर हमारे पास चार्ज मूव करता है तो मैग्नेटिक फील्ड को राइस करता है गिफ्स राइस टू मैग्नेटिक फील्ड ठीक तो अगर अर्थ के अंदर मोल्टन मेटल है बह रहा है अ तो भाईया उसकी वज़े से क्या होगा magnetic field होगा तो earth की वज़े से जो magnetic field line होती है वो कुछ इस तरह से होती है इसको याद रखना है समझना है ठीक है अब यहाँ पे दो चीज़े north pole south pole की जब बात करते हैं तो एक तो आपके पास geographical north और geographical south pole सबसे उपर geographical north pole सबसे नीचे geographical south pole earth की वज़े से जो magnetic field है उसकी वज़े से अगर हम लोग earth को एक bar magnet लेना चाहें earth की वज़े से क्या है magnetic field है बार मैगनेट की वजह से भी magnetic field होता है, तो भाई देखने में आया कि अगर इस earth को हम लोग एक magnet से replace कर देते हैं, एक bar magnet से replace कर देते हैं, तो भी कुछ इसी तरह का magnetic field line निकलेगा, ठीक है, तो अब ये जो bar magnet है, इसके दोनों end पे जो points होंगे हमारे पास, यानि कि ये point और ये तो भाई Geographical North Pole और Geomagnetic North Pole अलग-अलग चीज है, Similarly, Geographical South Pole और Geomagnetic South Pole, यह है Geomagnetic South Pole और यहाँ पे आपका क्या है, Geographical South Pole, दोनों अलग-अलग चीज है, अच्छा, इन दोनों लाइन के बीच में आंगल लगबग 11.5 डिगरी का होता है, ठीक है, तो यह Earth की वज़ासे Magnetic Field लाइन याद रखना है, अब Elements of Earth's Magnetic Field की बात करें, तो तीन Element होता है, या तीन तरीका है, अर्थ के magnetic field को totally अच्छे से thoroughly समझने के लिए उसके लिए मुझे समझना पड़ेगा declination, inclination और horizontal component of earth's magnetic field एक करके इस पे बात करते हैं तो declination क्या है? geographical meridian और magnetic meridian के बीच में जो भी angle है सर meridian क्या होता है? meridian is nothing but plane meridian क्या है? plane है तो भाई geographic meridian या geographical meridian का क्या मतलब है? और खड़ा हूँ कहीं पर ठीक है हम लोग इंडिया में मान लो कहीं पर इधर है तो भाई उस पॉइंट को जो ग्राफिकल नॉर्थ पोल को और जो ग्राफिकल साउथ पोल को जोड़ोगे तो एक प्लेन बनेगा सिंपल सी बात है एक प्लेन को मैच में पड़े होगे किसी भी प्लेन को बनाने के लिए कितने पॉइंट की जरूरत होती है तीन पॉइंट की तो मालो मैं जहां पर भी खड़ा हूँ मालो मैं इस वक्त दिल्ली में हूँ ठीक है तो दिल्ली को लोकेट करो यहाँ पर ठीक है और जो ग्राफिकल न� इस प्रिमिल ली सिमिलर ली दिल्ली को लोकेट करो और जो मैग्नेटिक नॉर्थ जो मैग्नेटिक साउथ यह तीन पॉइंट से एक और प्लेन बनाओगी तो इसको बोलते हैं मैग्नेटिक मिरीडियन प्लेन पासिंग थ्रू मैग्नेटिक नॉर्थ पॉल मैग्नेटिक साउथ पॉल एस वेल एस डेट प्लेस ठीक है तो यह क्या हो गया मैग्नेटिक मिरीडियन अब मान दो कि भाई यह पॉइंट था ठीक है यह पॉइंट था ठीक अब यहां से मैंने बनाया अ magnetic मेरीडियन कुछ ऐसा बना यह वाला जो यल्लो वाला प्लेन है या आपका जो ग्राफिकल मेरीडियन है तो दो प्लेन के बीच में जो एंग्ल होगा उसी एंग्ल को बोलते हैं डिक्लीनेशन इसको रिप्रेजेंट करते हैं थीटा नेक्स्ट कॉन्सेप्ट हमारे पास इंग्लीनेशन या डिप तो अर्थ का मैगनेटिक फील मुझे पता है तो किसी भी पॉइंट है अर्थ के किसी भी सरफेस पर भाई जो अर्थ का मैगनेटिक फील है उससे टैंजेंट अगर ड्रॉ करेंगे तो वह टैंजेंट earth के surface से जितना angle बनाता है उसको बोलते हैं angle of inclination या angle of dip क्या मतलब है भीया इसका मालो मैं इस पॉइंट की बात करता हूँ, ठीक है, मालो मैं इस पॉइंट की बात करता हूँ, तो भाई यहां से एक tangent draw कर लो, कुछ ऐसे आएगा, और यहां पे earth surface पे जो tangent है, कुछ ऐसे है, तो भाई earth surface, earth surface और उस point पे, ठीक है, वहां पे जो earth magnetic field line है, उससे जो tangent draw हुआ, इस एक्वेटर पर तो भाईया यहां पर एक्वेटर है मान लो मैंने टिप्पी बात कर रहे हैं जो रफिक एक्वेटर की नहीं तो एक्वेटर पर जो टैंजेंट ड्रॉफ करेगा कुछ ऐसे आएगा और यह अर्थ सर्फेस की बात करो यहां टैंजेंट ड्रॉफ करो अर्थ सर्फेस पर तो दोनों पैरलल है मतलब एक्वेटर पर डिप कितना होता है जीरो पूल पर डिप पोल पे अगर बात की जाए तो dip कितना आएगा 90 degree तो याद रखना है कि जैसे हम equator से pole की तरफ जाएंगे तो angle of dip हमारा बढ़ता जाएगा 0 degree से 90 degree के बीच होता जाएगा मतलब equator पे 0 degree है और magnetic pole पे क्या होगा चाहे वो south pole की बात हो चाहे north pole की बात हो 90 degree होगा अब यही पे देखो यह हमारा resultant net magnetic field था ठीक है यह magnetic field line है इससे हमने tangent draw किया तो यह कुछ इस तरह से आया है tangent right अब भाई यह अर्थ के horizontal इसको component में resolve कर दो horizontal component और vertical component में तो मतलब अगर मुझे चाहिए horizontal component of earth's magnetic field तो यह क्या होगा यह B था तो B cos delta होगा simple सी बात है तो horizontal component of earth's magnetic field कितना होगा मेरे दोस्त B cos delta अब यहीं पे देखो यह हमारा यह magnetic मेरीडियन है तो भाई अर्थ की जो magnetic field line आप draw कीजिएगा magnetic plane में होगा magnetic meridian में होगा तो ये चीज़ पर सबसे पहले याद रखना है magnetic field due to earth किस meridian में draw करेंगे किस plane में draw करेंगे magnetic plane में magnetic plane में हमने draw किया अब मान लो कि ये था हमारा ये है क्या dip अब इसी को horizontal component चाहिए तो b cos delta हमारा क्या हो जाएगा bh हो जाएगा और एक component बीवी होगा, अब ये देखो, ये जो बीवी वाला component है, ये जो white वाला है, ये same रहेगा, चाहे तुम इस blue वाले plane, यानि के magnetic meridian की बात करो, या फिर इस yellow वाले plane, यानि के geographical meridian की बात करो, ये component तो same रहेगा, तो याद ये चीज़ रखना है, कि bv जो है, vertical component of earth's magnetic field, व अब ये dip find करने के लिए हम लोग dip circle का use करते हैं, it's an apparatus equipment जिससे कि हम लोग dip find करते हैं, तो करते कुछ नहीं है, उसमें पहले से marking वगैरा रहता है, तो हमें क्या करना है, सबसे पहले उस dip circle को magnetic meridian में लाना है, और जैसे ही magnetic meridian में वो आएगा, तो भाई वो dip की value आपको दे दे� तो मैंने डिप सर्कल को लिया, magnetic meridian के along उसको orient किया, उसके लिए मुझे क्या पता होना चाहिए, कि magnetic meridian किस direction में है, मैं यहाँ पर खड़ा हूँ, मुझे क्या पता कि magnetic meridian सीधे जा रहा है, कि इधर जा रहा है, कैसे है, plane का direction किधर है, मुझे नहीं पता है तो भाई मैं डिप सरकल को क्या करूँगा, 30 degree east of north align कर दूँगा, और डिप की reading देख लूँगा, सिंपल सी बात, लेकिन अगर नहीं पता है, तो मुझे क्या करना है, सबसे पहले आप किसी भी direction में रख दीजिए, मालों मैंने ऐसे सीधे रख दिया, कुछ डिप की value दे रख एक्जाक्ट 90 डिग्री से रोटेट कर दो जैसे ही रोटेट करोगे फिर जो भी dip का reading आ रहा है उसको भी देख लो ठीक है और ये formula याद रखो cot square delta dash plus cot square delta double dash that is equal to cot square delta तो delta dash क्या है यहाँ पे apparent dip पहली बार जो तुमने dip measure किया वो हुआ apparent dip फिर 90 डिग्री से रोटेट करके फिर से dip measure किया उसको वो क्या बोला गया apparent dip after rotation by 90 डिग्री और ये जो फाइनली ये जो डेल्टा है ये तुम्हारा true dip आ जाएगा, बात समझ में आ रही है, तो अगर किसी भी जगा पे बात की जाए, अगर मालो तु एक्ट्रेड डायरेक्शन मैंने टिक मेरीडियन का थटी डिग्री स्टॉप नॉर्थ फॉर एग्जांपल और तुमने डिप सरकल को नॉर्थ में रखा तो मतलब तुम्हें एंग्ल पता है किसके बीच एंग्ल पता है मैं अग्नितिक चीज पर बात नहीं कर रहे हैं, तो यह final result यह आएगा, इसको आप लोगों को याद रखना है, cot delta dash, delta dash क्या है, apparent dip, alpha क्या है, angle between magnetic meridian, जो actual magnetic meridian है, और dip circle आपका जिस plane में है, उसके बीच का angle है alpha, ठीक है, और delta आपको true dip आजागा, तो यहां से आप लोग निकाल सकते हैं true dip की value, ठीक है, generally इस formula पे बहुत सारा question देखने को मिलता है, पहले भी आ चुका है, आगे भी आ सकता है, अब बात करते हैं, tangent galvanometer की, कि टैंजेंट गालोमीटर में क्या होता है कि हमारे पास एक यहां पर मैगनेटिक नीडल होता है तो मैगनेटिक नीडल किस डारेक्शन में पॉइंट करता है भाई साहब मैगनेटिक नीडल हमेशा और के मैगनेटिक फील्ड के कि ठीक है कोई भी अगर करेंट फ्लो हो रहा है किसी क्वाइल में उसके सेंटर पर क्वाइल के सेंटर पर मैनेटिक फील होगा कितना होगा वाकी चैप्टर में पड़ा होगा मैनेटिक एफेक्ट्स ऑफ करेंट पर म्यू और स्क्वाइल की वजह से मैनेटिक फील्ड भी है तो रिजल्टेंट मैनेटिक फील्ड का डारेक्शन चेंज हो गया मागनिट्यूट चेंज हो गया तो भाई ये नीडल तो रिजल्टेंट मैनेटिक फील्ड के डारेक्शन में पॉइंट करता है सिंपल सी बात है तो ये न टान थीटा यहाँ पर क्या होगा, बी सी बाई बी एच, तो बी सी क्या है, तुम्हारा म्यू नॉट आई बाई टू आर है, बी एच, तो बी एच ही है, ठीक है, तो अब वहाँ से हमारे करेंट की वैल्यू थीटा के टर्म में निकल जाएगी, क्या है क्या, आई इस इकॉल यह सब कॉन्स्टेंट है, इसको बोलते हैं reduction factor के से represent करते हैं, तो उसके बाद directly लिख सकते हैं, I is equal to K tan theta. Tangent Galvanometer में एक term पूछा जाता है, एक चीज़ पूछी जाती है, कि भाईया current sensitivity क्या है? Current sensitivity का यहाँ पे मतलब है, change of या फिर angle जिससे कि यह rotate हुआ, ठीक है, माल लो हम यहाँ पे current change करते हैं, तो जाहिर जा बात है, magnetic field की value change होगी, BC की value change होगी, बीसी चेंज होगा तो रिजल्टेंट मैंनेटिक फील्ड भी चेंज होगा रिजल्टेंट मैंनेटिक फील्ड चेंज होगा तो फीटा चेंज होगा सिंपल सी बात है तो भाई फॉर ए फ्राक्शनल चेंज इन करेंट जो हमारा मैंनेटिक नीडल है उसने कितना डिग्री से कितना angle change हुआ है, तो यह आपको कुछ नहीं करना है, i is equal to k tan theta है, इसी को आप एक बार differentiate कीजेगा, तो di आपको आजाएगा, तो di by i निकाल लो, और d theta भी यहाँ पर आई जाएगा, जब इसको तुम differentiate करोगे, तो k tan theta का differentiation हो जाएगा, 6 square theta d theta, तो तुम्हारे पास d theta by di आजाएगा, और ऐसे और divide कर लो, या multiply कर लो, और final result आजाएगा, half into sine 2 theta, मैक्सिमम करेंट सेंसिटिविटी थीटा की किस वैल्यू के लिए होगी तो मैक्सिमम करेंट सेंसिटिविटी के लिए साइन टू थीटा की वैल्यू मैक्सिमम होनी चाहिए मतलब टू थीटा 90 डिग्री होनी चाहिए यानि कि थीटा कितना होना चाहिए भाई 45 डिग्री होना चाहिए ठीक है एक टर्म जो और आता है यहां पर वह होता है न्यूट्रल पॉइंट तो यह न्यूट्रल पॉइंट क्या है तो न्यूट्रल पॉइंट ऐसा पॉइंट है जहां पर रिजल्टेंट हॉरिजेंटल मागनेटिक फील्ड जीरो मागनेटिक फील्ड नहीं रिजल्टेंट और इसेंटल मागनेटिक फील्ड जीवर हो ठीक है तो यह एक तो जो जियो मागनेटिक पोल पर होगा एक तो कहां पर होगा भाईया जियो मागनेटिक पोल पर क्योंकि जियो मागनेटिक पोल पर डिल्टा की वैल्यू क्या है पोल पर डिल्टा की वैल्यू डिप कितना है कि कॉस 90 हो गया जीरो तो भाई बीएट जीरो हो गया दूसरा क्या हो सकता है कि भी हम लोग बना सकते हैं मालो फॉर एक्जांपल मालो एक्वेटर की बात करते हैं तो एक्वेटर पर तो है बीएट तो है एक्वेटर पर ठीक है एक्वेटर पर मालो यहां बीएट का कुछ डायरेक्शन है ऊपर की तरफ तो हम बाहर से अपनी तरफ से कुछ बार मैगनेट इस तरह से लाओ कि उसका जो मैगनेटिक फील्ड है यह अर्थ का जो बीएट है उसको कैंसल कर देगा और रिजल्टेंट हो जाए जीरो तब भी वह फॉर इन चॉटी तब भी वो neutral point की तरह behave कर सकता है तो ये सारी चीज़ें थी आपको earth, magnetism से related मैं थोड़ा सा side हो जाता हूँ तो आप लोग एक बार सारा कुछ एक साथ लिख सकते हैं देख सकते हैं अब बात करते हैं magnetization, paramagnetic, ferromagnetic, diamagnetic material वगेरा क्या होता है इस पे बात करते हैं तो सबसे पहले अगर माल लिजिये हमारे पास कोई material है तो electrons होता है एक्ट्रोंस में इनहेरेंट मैगनेटिक मोमेंट होता है बहुत सारे रीजन होते हैं और बिटल मोशन की वजह से होता है इस पिन की वजह से होता है तो इनहेरेंट मैगनेटिक मोमेंट होता है वह अलग बात है कि अगर मैं पूरे मेटीरियल बात करूं तो पेर्स में कैंसल हो जाता है बहुत सारे मेटीरियल में तो कुछ मेटीरियल में मैगनेटिक मोमेंट कैंसल हो जाता है कुछ और मेटीरियल में मैगनेटिक मोमेंट कैंसल नहीं होता है मौजूद रहता है पहले से होता है ठीक है तो चाहे हो चाहे नहीं हो उससे कोई बहस नहीं है अ मान लो कि हमारे पास magnetic moment है, तो अगर ऐसे material को हम लोग magnetic field में डालेंगे, तो क्या होगा magnetic field की वज़े से magnetic moment है, तो भीया torque लगेगा और अपने equilibrium position पे आ जाएगा, मतलब सारे के सारे magnetic moment क्या होंगे, किसी particular direction में align हो जाएंगे, ठीक है, तो यहाँ पे, बोल सकते हैं कि भाई ये material क्या हुआ, magnetize हो गया, ये material क्या हुआ, इसमें magnetic moment आ गया, पहले इससे पहले magnetic moment था तो, लेकिन सब अलग-अलग direction में था, ठीक है, और बहुत सारा था, तो मतलब सब cancel हो जाता था, अभी क्या है, अब सब एक direction में align हो गया है, तो भाई resultant magnetic moment आ गया अगर एक बार मैगनेट की बात की जाए और इसके लिए मुझे निकालना है कि भाईया intensity of magnetization कितना हुआ तो magnetic moment क्या होगा pole strength into length, volume क्या होगा area of cross section into length, तो L, L कट जाएगा क्या बचेगा हमारे पास pole strength per unit area, ठीक है, अगर मान लो, अगर मान लो कि भाईया हमारे पास पहले से present न तो भाई इंडियूस होगा तो इंडियूस होगा अगर किसी एक्सटरनल मैनेटिक फील में रखें और अगर पहले से है तो बस सब क्या होगा रोटेट होगा और रिजल्टेट मैनेटिक मॉमेंट आ जाएगा ठीक है तो दोनों ही केस में आएगा एक इंडियोस होगा ठीक है प्रोड्यूस होगा अब बात करते परमानेटिक फेरोमानेटिक और डाइमागनेटिक मिटीरियल की तो पैरा मैगनेटिक मेटेरियल क्या है इसमें पहले से इस तरह से पहले से हमारे पास मैगनेटिक मोमेंट मौजूद रहता है वह अलग बात है कि अलग-अलग डायरेक्शन में होता है तो रिजल्टेंट जीरो होता है लेकिन मैगनेटिक मोजूद रहता है तो ऐसा मैटेरियल को अगर हम लोग मैगनेटिक फील्ड में रखते हैं एक्सटरनल मैगनेटिक फील्ड में रखते हैं तो जो रिजल्टेंट मैगनेटिक फील्ड है इसके अंदर वह बढ़ जाएगी ठीक है तो इन एक्सटरनल फिर मैंनेटिक मेटीरियल में भी पहले से मौजूद होता है मैंनेटिक मोमेंट यहां पर थोड़ा सा अलग क्या है कि इसमें डोमेन नेचर होता है डोमेन कैरेक्टरस्टिक होता है मतलब डोमेन क्या होता है कि भाई एक सेट ऑफ मैगनेटिक मोमेंट एक ही डायरेक्शन में होते हैं ठीक है तो वह सारे को हम लोग एक डोमेन बोलते हैं एक डोमेन में है डोमेन एलाइनमेंट होता है डोमेन ग्रोथ होता है जिस वजह से अगर हम तो अ थोड़ा भी small magnetic field भी अगर यहाँ पे देते हैं तो बहुत ज्यादा magnetic field produce हो जाता है मतलब अगर हम इसको ferromagnetic material को एक small external magnetic field में रखते हैं तो इसके अंदर बहुत ज्यादा magnetic field produce हो जाता है तो difference क्या है कि इसको अगर external magnetic field में रखेंगे तो भाई net magnetic field इसके अंदर small amount से बढ़ेगा इसके अंदर बहुत large amount से बढ़ेगा reason क्या है domain nature of ferromagnetic material दाय मागनेटिक में क्या होता है कि पहले से मागनेटिक मोमेंट मौजूद नहीं होता है कि पहले से मौजूद नहीं होता है तो अगर ऐसे मेटियल को हम लोग रखते हैं एक्सटरनल मैनेटिक फील्म मैनेटिक मोमेंट इंडूस होता है और वह इंडूज़ मैगनेटिक मोमेंट होता उसका डायरेक्शन एक्सटरनल मैगनेटिक फील्म के ऑपोजिट होता है जिस वजह से रिजल्टेंट मैगनेटिक फील्म इसके अंदर घट जाती है तो इसको यह समझ में आगे बात अब बाकी के जो है उसको हम लोग थोड़ा दिर बाद में देखेंगे पहले इन सारी चीजों पर चर्चा कर लेते हैं कि भाईया magnetic intensity क्या है तो अगर किसी भी material के अंदर अगर net magnetic field मुझे चाहिए माल लो ये material था इसको हमने external magnetic field में डाल दिया अब मैं पूछ रहा हूँ कि भा प्रोड्यूस हुआ वह भी है तो भाई रिजल्टेंट मैगनेटिक फील्ड किसी भी मेटीरियल के अंदर क्या होगा मैक्सरनल मैगनेटिक फील्ड बी नॉट प्लस मैगनेटिक फील्ड ड्यूट टू मैगनेटाइजेशन अब अगर मैं मैगनेटिक मोमेंट होगा जितना ज्यादा मैगनेटाइज होगा उतना ज्यादा मैगनेटिक फील्ड लोगा सिंपल सी बात तो बी आई किस पर डिपेंड करता है proportional to intensity of magnetization सिंपल सी बात तो भाई बी आई किस के बराबर mu naught into i प्रोपोशनलिटी साइन हटा हैं तो mu naught हम लोग constant का use कियें जो की permeability है इस पर थोड़ा दिर में बात करेंगे ठीक है तो बी आई किस के बराबर mu naught i तो ये बी आई जो है ये तो mu naught i के बराबर हो गया तो हमने सोचा कि भाई बी है b naught plus b i तो b naught को भी कुछ इस तरह से mu naught into something लिखते हैं ताकि इसको हम लोग easily लिख पाएं ठीक है एक साथ तो हमने एक term introduce किया, एक term define किया, उस term को बोला magnetic intensity H से represent किया, तो magnetic intensity को कैसे define किया, magnetic intensity को बोला B0 by mu0, या फिर net magnetic field के term में B divided by mu, ठीक है, B0 क्या है external magnetic field, mu0 क्या है absolute permeability, B क्या है net magnetic field, mu क्या है net permeability और just permeability, ठीक है, तो भाई magnetic intensity किस तरह से define करते हैं B0 by mu0 या फिर B by mu B, B0, B, I तीनों के बीच में difference clear रहना चाहिए B से हम किसको represent कर रहे हैं net magnetic field को किसी भी material में B0 external magnetic field, B, I magnetic field due to magnetization तो अगर हम लोग B0 को इस तरह से लिख लें mu0 into H तो B, I तो था ही mu0 into I तो इसको बड़े आराम से लिख सकते हैं net magnetic field किसके बराबर मू नॉट को कॉमन ले लो एच प्लस आई हो गया ठीक है अब एक टर्म है मैगनेटिक ससेप्टिबिलिटी यह किसके लिए वैलिड अभी आप पैरा मैगनेटिक और डाइमागनेटिक मैटीअरियल के लिए वैलिड है तो यहां पर क्या बोला जाता है भाई इंटेंसिटी ऑफ मैगनेटिजेशन जो है यह एक्सटरनल मैगनेटिक फील्ड पर डिपेंड करता है एक्स किसके एक्सटरनल मैनेटिक फील पर डिपेंड कर रहा है और यह बात भी सही है कि भाई अगर मान लो मेरे पास मेटीरियल मैंने इसको एक मैनेटिक फील में डाला जिसकी वैल्यू मान लो टेंट इसलाह और दूसरे केस में एक और मैनेटिक में डाला जिसकी वैल्यू 25 टेसला है तो जितना ज्यादा एक्सटरनल मैनेटिक फील उतना ज्यादा मैनेटिज होगा एक सिंपल सी बात है ना तो भाई इंटेंसिटी ऑफ मैनेटिजेशन किसके प्रोपोर्शनल एक प्रोपोर्शनल और अगर हम लोग प्रोपोर्शनलिटी साइन हटाते हैं तो यहां पर कॉन्स्टेंट यूज जो होता है इसको हम लोग बोलते हैं ससेप्टिबिलिटी रिप्रेजेंट करते हैं ग्रीक लेटर काई से और बोलते हैं आई इज इक्वल टू काई एच आई इज इक्वल टू काई ठीक है पहले से magnetic डाइपोल पैरा में होता है और यह बस क्या हो जाता है एलाइन हो जाता है डाइमें क्या होता है पहले से नहीं होता है तो इंडूस होता है ठीक है फिरो में डोमेन नेचर इसका थोड़ा था हिसाब किताब अलग है जिस वज़े से हमारा magnetic susceptibility बस पैरा और ड काई इंटू ह, तो म्यू नॉट ह को बाहर ले जाओ, वन प्लस काई हो गया ये क्या हुआ भाई, नेट मैगनेटिक फील्ड, अच्छा नेट मैगनेटिक फील्ड को यहां से देखो, म्यू इंटू ह भी लिखा जा सकता है, तो अगर मैं रिलेटिव परमीएबिलिटी बेसिकली नंबर ऑफ पैनेटिक फील्ड लाइन स्विच एनी मैटेरियल एलाउज टू पास थ्रू वह हुआ प्लस काई विवार किसके बराबर म्यू बाई म्यू नॉट के म्यू क्या है परमीएबिलिटी है इनसाइड एनी मैटेरियल और ए सब्सक्राइब चोटी होती है और पॉजिटिव होती है तो सब्सक्राइब चोटी होती है और पॉजिटिव होती है मतलब आई का डायरेक्शन एच के डायरेक्शन के बड़ा-बड़ा एक्सटरनल मैगनेटिक फील्ड के डायरेक्शन में एच सॉरी आई इंटेंसिटी ऑफ मैगनेटिजेशन होता है यानि कि मैगनेटिक मोमेंट होता है पांटिक मोमेंट यहाँ पर बात करें डाय में तो काई स्मॉल होता है और नेगेटिव होता है मतलब आई इक्वल टू काई एच नेगेटिव है काई इसका मतलब आई की वैल्यू एच आई की डायरेक्शन एच की डायरेक्शन के ओपोजिट ठीक है आई की डायरेक्शन के डायरेक्शन के ओपोजिट तो भाई जाहिर से बात है भाई जो मैं एक्टिव मोमेंट है हमारा वह एक्सटरनल ठीक है, वैसे काई as such define नहीं होता है फेरो के लिए, लिकिन अगर कोई पूछे, तो बोल देंगे कि भाई साहब large होगा और positive होगा, positive और बहुत large होगा, ठीक है, कहने का मतलब बस यह है कि external magnetic field की में अगर रखते हैं, तो net magnetic field बहुत ज्यादा value से, बहुत high amount से increase करेगी, that's it, तो मिवार क्या है वन प्लस 0.2 1.2 है मतलब मिवार इज जस्ट ग्रेटर देन वन यहां पर मिवार क्या होगा जस्ट लेस्ट देन वन होगा और यहां पर मिवार मच ग्रेटर देन वन होगा तो पैरामानेटिक मेटेरियल क्या करता है कि वीकली अट्राक्टेड बाई मा� कि आयरन कोबाल्ट निकल फेरोमागनेटिक और जितना भी तुम्हारे पास गोल्ड सिल्वर डायमंड इस तरह का मैटिविट होता है वह सारा का सारा डाय मैटिटिक मैटिविट होता है आगे बढ़ते हैं आप लोग इसको नोट कर लीजिए एक चीज और जो यहां पर एक यूरी जो क्या बोलता है कि मैगनेटिक सब्सक्राइब टीप का इनवर्सली प्रोपोर्शनल टू अब्सॉल्यूट टेंप्रेचर मतलब अगर टेंप्रेचर बढ़ाएंगे तो काई घटता जाएगा ठीक है तो रिलेशन क्या है का इस T इसको बोलते हैं Curie's law और ये जो C है इसको बोलते हैं Curie's constant एक और term आता है हमारे पास Curie temperature अगर माल लो मैं किसी ferromagnetic material को गरम करता जाओं उसका temperature बढ़ाता जाओं तो एक particular temperature के उपर वो ferromagnetic material अपना domain nature, domain characteristic हो देता है और वो paramagnetic material में convert हो जाता है तो वैसा temperature जिसके उपर क्या फिर मैंनेटिक मेटीएल पर में कंवर्ट हो जाए उसको हम लोग बोलते हैं क्यों इस टिंप्रेचर अब बात करते हैं हिस्टेरिस इस बस और बस पेरो मैनेटिक मेटीएल के लिए डिफाइन किया जाता है तो पेरो मैनेटिक मेटीएल लेकिन फेरो मैनेटिक मेटियल में बस एक्सटरनल मैनेटिक फील्ड पर नहीं करता है, पीवियस हिस्ट्री ओफ स्पेसिमन पर भी करता है, कि इससे पहले उस मैटियल के साथ कैसा ट्रीटमेंट हुआ है, ट्रीटमेंट से क्या मतलब है सर, तो ये ग्राफ देखो, I वर्से� जैसे ये external magnetic field B0 बढ़ेगा, तो ज़्यादा से ज़्यादा ये क्या होगा, magnetize होगा, ठीक है, तो I भी बढ़ता जाएगा, almost straight line इस तरह से गिया, अब हमने क्या किया, magnetize हो गया है, अब हम चाहते हैं इस material को demagnetize कर लेना, तो demagnetize के लिए क्या करेंगे, हेच मानी कि एक्सटर्नल मैंनेटिक फील्ड हमने जीरो कर लिया तो जब एक जीरो हुआ वहां पर आई की वैल्यू जीरो नहीं हुई कुछ मैंनेटिजेशन बच गया तो इसी को हम लोग बोलते हैं retentivity या remnants, क्या मतलब है, i का वो value, i क्या है intensity of magnetization, तो जितना magnetization बच गया, जब h 0 हमने किया, external magnetic field 0 किया, उसको बोलते है retentivity या remnants, तो हमने external magnetic field तो 0 कर लिया, अभी भी demagnetized नहीं हुआ है, तो हम क्या करेंगे, बोलेंगे चलो ठीक है, अब उल्टे direction में इसको magnetize करते हैं, तब जा करके demagnetize होगा, तो हम h को external magnetic field को, opposite direction में ले गए तब फिर से आई घटना स्टार्ट पर कहीं पर जा करके पूरा का पूरा दी मैंग्नेटाइज हो गया मैंग्नेटाइज खत्म हो गई ठीक इस पॉइंट को बोलते हैं को रसी विटी या को रसी फोर्स इसका क्या मतलब है तो कोर्सिविटी वैसे पॉइंट को बोलते हैं जो कि हमारा जिस पॉइंट पर मैटीरियल कंप्लीट लीडी मैंग्नेटाइज हो जाए वहां अब यहां से क्या करेंगे, अगर मान लो हम H को continue करते हैं opposite direction में, तो अब यह opposite direction में magnetize होगा, ठीक है, तो opposite direction में I की value बढ़ती चली जाएगी, फिर से अगर हमें demagnetize करना है, तो फिर से H को हम क्या करेंगे, घटाएंगे, फिर जब H घटा के 0 कर दिये, फिर से देखे क तो H बढ़ाये तो I भी बढ़ता गया, ठीक है, जब H 0 था, I 0 था, फिर H बढ़ाये, I भी बढ़ता गया, लेकिन अब H को जब हम घटा के 0 कर दिये, तो I 0 नहीं हो रहा है, ठीक है, तो इसी यही कहने का मतलब है, कि भाई previous history of specimen पे भी depend करता है, तो ये जो curve है, इसको बोलते कि कौन से मेटिगल की बात हो रही है फिर वाइनेटिक मेटिगल की बात हो रही है डोमेन नेचर तो डोमेन क्या हो रहा है एलाइन और रिएलाइन हो रहा है उसकी वजह से फ्रिक्शन हो रहा है जिसमें की इनरजी डिसिपेट होगा इनरजी लॉस होगा तो वह इनरजी लॉस पर यूनिट वॉल्यूम देता है एरिया अंडर हिस्टेरिसिस लूप अब दो करवाता है सॉफ्ट आरेन का और स्टील का हिस्टेरिसिस कर ड्रॉप करने को बोलता दोनों के बीच में डिस्टिंगेश करना पड़ता है ठीक है तो तो जब सॉफ्ट आरेन की बात करेंगे तो जो हिस्टेरिसिस कर है वह शॉट एंड नेरो होगा और स्टील के लिए टॉल एंड वाइड होगा शॉट नेरो का क्या मतलब है सर शॉट नेरो का जाहिर से बात है अगर शॉट और नॉट नेरो है तो यह पॉइंट और यह पॉइंट मतलब दिस वन एंड इस वन ठीक दिस टू पॉइंट की बात की जाए तो भाई रिटेंटिविटी और कोवर्सिविटी कम होगी जाहिर सी बात रिटेंटिविटी और कोवर्सिविटी कम होगी यहां पर देखो इसमाल रिटेंटिविटी लार्ज रिटेंटिविटी और कोर्सिविटी होगा तो रिटेंटिविटी कम है ठीक है मतलब जब एच जीरो हो गया तो ऑलमोस्ट डी मैगनेटाइज हो जाएगा ठीक इसमें क्या है रिटेंटिविटी लार्ज है मतलब एच जीरो कर भी दिए एक्सटरनल मैंगनेटिक कि एच की स्मॉल वैल्यू के लिए आई की वैल्यू लार्ज होती है जिसकी वजह से काई सब्सक्राइब और पर्मीएबिलिटी की वैल्यू लार्ज होती है और इसको हम इजली मैगनेटाइज कर सकते हैं अगर काई की वैल्यू लार्ज है तो कम एच पर कम एच पर आई ज्यादा हो सकता है मतलब इसको हम इजली मैगनेटाइज और डीमैगनेटाइज कर सकते हैं इसको हम इजली मैगनेटाइज या डीमैगनेटाइज नहीं कर सकते हैं एक लार्ज एक्सटर्नल मैगनेटिक फील्ड चाहिए इसको मैगनेटाइज या डिमाइनेटाइस करने के लिए किसको स्टील वाले को ठीक है इसलिए इसका यूज करते हैं क्या बनाने में परमानेंट मैगनेंट बनाने में ठीक है तो दिस वाज यूर ऑवर ऑल चैप्टर यह था पूरा ऑवर ऑल चैप्टर का समरी सारे कॉनसेप्ट तारी आप तारे फॉर्मुला बेसिकली सारे थ्यूरी हम लोगों ने एक बार डिस्कस कर लिया है एक बार पर से हट जा तो ठीक है इसी के साथ आज की क्लास यहीं पर खतम होती है और आपको यह पसंद आया होगा फिर से मिलेंगे इसी तरह की और भी माइंड मैप सीरीज के साथ तब तक के लिए पढ़ते रह