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China's Intelligence Strategy and Agencies

यदि हम intelligence operations की बात करें तो ये कहना गलत नहीं होगा कि जो चीन है वो एक ऐसा देश है जिसमें intelligence operations जिस मातरा से किये जाते हैं और जिस तरीके से किये जाते हैं और जिस purpose के लिए किये जाते हैं वो पूरे विश्व में आज तक किसी और देश के लिए नहीं किये गए जेनरली जब हम intelligence की बात करते हैं तो कोई भी देश intelligence का प्रयोग क्यों करता है वो intelligence का प्रयोग इसलिए करता है कि वो information जो उसको एक covert तरीके से, clandestine तरीके से gather की जाए उसका वो प्रयोग करके अपनी सिक्योरोटी की पॉलिसी में और अपनी फॉरन पॉलिसी में उसका प्रयोग कर पाए लेकिन जब हम चीन की बात करते हैं तो चीन यहां से बाकी सारे देशों से दो कदम आगे है सबसे पहले चीन इंफॉर्मेशन और इंटेलिजन्स गैधर सिरफ फॉरन पॉलिसी और सिक्योरोटी पॉलिसी के लिए नहीं करता चीन इंटेलिजन्स गैधर करता है इंटरनल सिक्योरोटी ओपरेशन्स के लिए भी और तो और इसके साथ साथ वह साइंस एंड टेक्नोलॉजी को लेकर इंटेलिजन्स गैधरिंग करता है जिसकी वजह से चीन intelligence operations run करके दूसरे देशों की technology को चोरी करके उस technology का प्रयोग अपने लिए करता है अब उस प्रयोग का भी एक अंतर है जो मैं आज आपके साथ वीडियो में शेयर करूँगा लेकिन ये एक broad overview रखके कि चीन दूसरी देशों की intelligence agency से अल की approaches अपना ही जाती है जेनरली चीन की जो सबसे महत्वपूर्ण और सबसे आप कह लीजिए कि फलकरम based agency जिसके आसपास पूरी intelligence operations की उसकी जो परच्छाई है वो घूमती है वो है चाइना की MSS, MSS का नाम है Ministry of State Security, चीन की जो Ministry of State Security है इसके अपनी एक central ministry है इसके साथ साथ इसके अपने provincial departments है और field units जो हम जेनरली भारत जैसे देश में या दूसरे अन्य देशों में प्रयोग करते हैं उसकी जगा पर MSS वालों ने municipal level पर चीन के अंदर bureaus बना रखे हैं जिनको वो municipal bureaus कहता है अच्छा इसके बाद सबसे बड़ी बात यह है कि चीन के अंदर MSS जो है यह तो operate करती है दूसरे देशों में लेकिन जो चीन की MSS के अंदर लोग है उनको लाने वाली वहां की सबसे महत्वपूर्ण दूसरी मिनिस्ट्री है जिसका नाम है MPS इसका basically मतलब है Ministry of Public Security Ministry of Public Security एक नजरिये से हमारे भारत की अगर हम comparison में तुलना करने की कोशिश करे तो वो भारत के ग्रेमंताले यानि की Home Ministry के बराबर की आईगी तो चीन की जो Ministry of Public Security है ये basically Ministry of State Security के लिए Manpower को त्यार करती है Ministry of Public Security चीन के लोगों को Intelligence Operations गैधर करने की Training भी देती है फर्क देखिए कि यहां पर बारवी पास करके लड़का इंस्टाग्राम जैसे दो टके के प्लेटफॉर्म पर रीले मनाना सीखता है हमारे छात्र आज की डेट में उसमें महिरता प्राप्त कर रहे हैं इसराइल में यदि लड़का बारवी पास करता है तो वो उसको कंपल्स है और तो और अगर आप देखें तो मिनिस्ट्री ओफ पब्लिक सेक्योरोटी की तहत यह जो ट्रेनिंग प्रोवाइड की जाती है यह मिनिस्ट्री ओफ स्टेट सेक्योरोटी तो प्रयोग करती ही करती है इसके साथ साथ चीन ने एक बड़ी महत्वपूर्ण न्यूस संस्थ दूसरे देशों में उनकी चीन की embassies में post किये जाते हैं सबसे बड़ी बात यह होती है कि चीन यह कहके इनको एक diplomatic cover के थेट post करता है कि यह basically communication department को handle करेंगे embassy में लेकिन reality यह है और भारत की research and analysis wing तक यह बात जानती है कि Zinua के जितने भी लोग भारत आते हैं या अन्य देशों करते वो रिपोर्टर का भेष बन कर और रिपोर्टर का भेष दान करके जब वो आते हैं तो वो बेसिकली तीन प्रकार के लोगों के उपर कड़ी नजर रखते हैं सबसे पहले वो नजर रखते हैं वहाँ पर कि किस प्रकार से टिबेटियन लोग उस देश में गतिविदिया ऐसे संगठन हैं उस स्पेसिफिक देश में जो चीन के उईगर मुसल्मानों को जो जिन जियाँ में रहते हैं उनको उकसाने की कोशिश करते हैं तो जिनुवा के रिपोर्टर्स का दूसरा सबसे बड़ा टास्क वो यह है कि वो उईगर मुसल्मानों के उपर नजर रखना ऐसी कौन सी संस्थाएं यह है human watch, human report, human right type की जो संस्थाएं बनती रहती हैं कि वो किस प्रकार की संस्थाएं हैं जो directly, indirectly Uyghur मुसल्मानों को Zinjiyang में मदद कर रही हैं और तीसरा सबसे महत्वपूर्ण वो ये देखते हैं कि उस देश में उस देश का ताइवान से क्या लेंदेन है ताइवान से क्या नाता है ताइवान के कौन से लोग उस देश में आ रहे हैं उस देश के कौन से लोग ताइवान में जा रहे हैं ये चीज के उपर खास नजर रखी जाती है जिनुवा की तरफ से जो की आज की डे की जो approach है वो आज की date में intelligence gathering में visible है United Front Work Department के तैत United Front Work Department जो है एक political influence organization है अब अगर आप United Front Work Department के बारे में उसके इतियास को समझने की कोशिश करें तो एक बार Mao Zedong ने चीन में United Front Work Department के बारे में एक बड़ी महत्वपून टिपनी की थी जो आज की date में intelligence अनस्थाई जितनी भी है विश्व विश्वतौर पर उस टिपनी को खास द्यान देती है। माउ ने बोला था कि यह जो युनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट है यह हमने क्रिएट इसलिए किया है कि यह पूरे विश्व में ओपरेट करें और चीन के जो असली दोस्त हैं उनकी मदद करें और पूरे फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट क्या कर रहा है और क्यों कर रहा है सबसे बड़ी बात आपको जुनके जो एहरानी होगी वो यह है कि United Front Work Department जो है उसके अंदर के दो लोग हैं उन सारे लोगों ने एक बिजनसमेन का रूप धारन किया हुआ है आज की डेट में उनका सिरफ दो प्रकार के ब्रॉड अपरोचित रहते हैं एक कि वो दूसरे देशों को यह कन्मिन्स करते हैं और दूसरा वो बिजनसमेन बन कर उस देश की राजनितिक वर्गों को जाकर पैसा चड़ाते हैं, पैसा खिलाते हैं, उनकी नीतियों को इंफ्लूइंस करने की कोशिश करते हैं, ये कहकर कि आप चीनी इंवेस्टमेंट लीजिए और ये इंवेस्टमेंट आपके फाइदे की हैं। पच्चे सालों से इस particular aspect पे इतना गहरा काम किया है कि आज एक synchronized approach की आवशक्ता पड़ गई थी जो चीन ने Belt and Road Initiative 2014 में बना कर उस United Front Work Department के लोगों ने जब चीन की सरकार के सामने एक mega grand initiative रखा तो इसी reason से लोगों को समझ आया कि ये जो Belt and Road Initiative है ये कोई एक चीन की तरफ से कोई इस ट्रिक इनिशियेटिव नहीं है जिसमें वह कोई विकास कार्य करना चाह रहा है पर बिल्ट एन रोड इनिशियेटिव का असली ऑब्जेक्टिव और उद्देश्य यह है कि वह युनाइटिड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट के लोगों से इनफिल्ट्रेटेड एक प् लोगों से यह लोग व्यपारी का रूप धारण करके जब उस देश में जाकर उस देश की नीतियों को बदलते हैं उस देश की नीतियों को इंफ्लूएंस करते हैं उस देश में चीन को एक मेजर इन्वेस्टमेंट पार्टनर की तरह पोजीशन रहते हैं तो इनका उद्देश्य रहता है कि वह ऐसे सेक्टर में जाए जिन सेक्टर से वह उस देश की इंटेलिजेंस गैधरिंग कर पाए इसीलिए यह जाते हैं ज्यादातार इंफ्रस्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट यह जाते हैं ज्यादातार टेलीकॉम के प्रोजेक्ट में कमर्शियल रोडवेज और रेलवेज के प्रोजेक्ट में जिसमें लोगों के प्रतीक जानकारी सबसे ज्यादा बाहरी मात्रा में यह हासिल कर पाए तो इनका उद्देश यह बहुत बड़ा रहता है अच्छा इसके साथ साथ सबसे लाइसन डिपार्टमेंट यह जो लाइसन डिपार्टमेंट है यह सुनने में और दिखने में बड़ा हमले लगता है इसके भी सारे के सारे लोग भारत की और दूसरे अन्य देशों की एमबसीज में जो चीन की है वहाँ पर पोस्टेड होते हैं इन एमबसीज में ये सारे अधिकारी वहाँ पर जाकर बड़ा महत्वपूर काम ये करते हैं कि उस देश में राज्यान राजनितिक वर्गों से ये रिष्टे बनाने की कोशिश करते हैं, ये राजनिताओं को आइडेंटिफाई करते हैं, ये देखते हैं कि उस देश में कौन से ऐसे निता लोग हैं, जो चीन के पेरोल पे काम करने के लिए तयार हैं, उन सारे निताओं के पर पर पर प को एकजूट करना उनको किसी ना किसी तरीके से directly indirectly पैसा पोचाना और वो पैसे से eventually उन नेताओं को support करके power में लाना और power में लाकर उनसे चीन के favor में नीतियां बनवाना अब आपके दिमाग में एक चीज तो स्पष्ट हो गई होगी कि चीन का United Front Work Department और License Department दोनों बहुत closely operate करते हैं License Department अगर मान लीजिए कि political level पर उस देश के अंदर license करके वहाँ पर यदि वो contacts बना रहा है तो United Front Work Department उनही contacts को leverage करते हुए projects दिलवा रहा है और यही projects जो license department start करवाता है United Front Work Department execute करवाता है इसी को Ministry of State Security eventually जाकर handle करती है तो आप 3 to year structure समझ रहे हैं कि लाइसन डिपार्टमेंट, युनाइटिट फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट, मिनिस्रियल स्टेट सेक्यरोटी तीनों किस तरीके से एक कलेक्टिव लेवल पर ओपरेट करती हैं। देखता है तो उन्होंने कहा कि आपको यह देखना है कि चीन केम कैसे खेलता है और उन्होंने एक बड़ी अच्छी अनलॉजी दी थी जो मैं आपके साथ शेयर करना चाहता हूं उन्होंने कहा कि यदि मान लीजिए कि चीन को अगर इंटेलिजेंस गैधरिंग करनी है एक समुद्री इलाके की समुद्री तट की और वहां पर पड़ी हुई समुद्री तट पर बीच के उपर सैंड की तो वो कैसे ओपरेट करेगा उसके ओपरेशन को समझने के लिए उन्होंने तीन देशों का उदारण लिया उन्होंने कहा कि यदि एक बीच पे पड़ी हुई सैंड जो मिट्टी होती है अगर उस मिट्टी को हमें गैन करना है या उस मिट्टी के बारे में कोई इंटेलिजेंस चाहिए तो अमेरिका सैटलाइट का प्रयोग करेगी सैटलाइट से वह सैंड की इमेजरी प्रोड्यूस करेगी उस इमेजरी को प्रोड्यूस करके सिम्यूलेट करके लेबोरेटरी प्रीमें सीआई यह दिखाईगी कि देखिए इस सैंड के अंदर ऐसे ऐसे पार्टिकल है फिर उन्होंने कहा कि यही काम अगर रूस को करना होगा तो रूस यह करेगी कि वो एक चुपचाप एक सबमरीन भेजेगी वो सबमरीन से कुछ लोग निकलेंगे वो लोग जाकर मि� ये लोग उस मिट्टी को सुखाने के बाद उस मिट्टी के उपर जांच परताल करेंगे लेकिन अगर चीन को ये task दिया जाए, कि चीन को बोला जाए कि आपको वो मिट्टी चाहिए और हमें उस मिट्टी से basically intelligence gather करनी है, तो चीन एक बड़ा ही अलग approach अपनाएगी, चीन उस देश में जहां से जिस beach से sand collect करनी है, वो वहाँ पर भारी मातरा में tourist बेज़ देगी, य शीशियां भर लेंगे और उन शीशियों को टूरिस्ट बनते हुए चुपचाप ले आएंगे उस देश को पता ही नहीं चलेगा कि मेरे देश में जो टूरिस्ट आए जो यहां पर हमारे देश को देखने घूमने आए थे उन्होंने इस भारी मातरा में इतना बड़ा इंट की सोच में, अमेरिका की सोच में, अमेरिका सोचती है कि कोई भी intelligence operation जो है, technology से run किया जा सकता है, रूस कहता है, तुम जो मरजी technology बनाओ, उसकी counter technology हम बना लेंगे, चीन कहता है, तुम लोग technology में लड़ते रहो, हम तुमारे घर में जाकर, महमान मन कर, तुमारा ही घर को लूट लेंगे, ये फरक यदि अगर आज समझ जाएं लोग, तो आपको समझ आएगा कि चीन की किसी भी प्रकार की कोई कतिविदी, किसी भी भी तरीके से नॉर्मल नहीं होती है अगर चीन किसी भी देश के साथ कुछ भी कर रहा है उसके पीछे एक इंटेलिजेंस एस्पेक्ट हमेशा छुपा होगा वो इंटेलिजेंस एस्पेक्ट क्या होगा क्या नहीं ये तो एक ट्रेन इंटेलिजेंस ऑपरेटिव भी डिसाइफर कर सकता है पर आई होप कि आज के इस वीडियो के बाद कम से कम आपको चीन के किस प्रकार से ओपरेशन्स होते हैं और चीन का जो एक कोवर्ट इंटेलिजेंस वर्ल्ड है उसके बारे में कुछ हल्की फुल की जानकारी जरूर मिली होगी अगर ये वीडियो अच्छी लगी तो बताईएगा जरूर आने वाले समय में चीन को लेके और चर्चाएं करेंगे आने