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कंप्लीट एथिकल हैकिंग कोर्स

[प्रशंसा] हेलो एवरीवन सो दिस इज आशीष कुमार एंड आई होप यू ऑल आर डूइंग गुड स्टूडेंट्स जैसा कि हमने आप सभी से प्रॉमिस किया था आप सभी के इस सपोर्ट और इस प्यार की वजह से हम आप सभी के लिए लेके आ गए हैं कंप्लीट एथिकल हैकिंग का बिगिनर्स टू एडवांस कोर्स इस कंप्लीट वीडियो में स्टूडेंट्स आपको बहुत सारे मॉड्यूल मिलने वाले हैं जो आपके एथिकल हैकिंग के बेसिक और एडवांस कांसेप्ट को स्ट्रांग करने वाले बट बिफोर स्टार्टिंग स्टूडेंट्स हम ये जरूर जानना चाहेंगे एथिकल हैकिंग एगजैक्टली है क्या जैसा कि हमें पता है हैकिंग का मतलब तो सर सिस्टम्स को कंप्रोमाइज करना सिस्टम को हैक करना उनका डाटा चुराना होता है और एथिकल का मतलब होता है लीगल एक्टिविटीज यानी हमारे लॉ के जरिए डिफाइन करे गए सारे रूल्स और रेगुलेशंस को जब हम फॉलो करते हैं तो वो सारी एक्टिविटी एथिकल काउंट करी जाती है अब सवाल ये है कि सर हमारा लॉ एथिकल हैकिंग को लेकर या हैकिंग को लेकर क्या कहता है हमारे लॉ का बस इतना कहना है स्टूडेंट्स कि अगर आप किसी भी सिस्टम में किसी भी डिवाइस में टेस्टिंग कर करते हैं तो आपके पास उसके ओनर की रिटर्न परमिशन होनी चाहिए और अगर आपके पास उस सिस्टम उस डिवाइस उस वेबसाइट में टेस्टिंग करने की रिटर्न परमिशन है देन आप लीगल एक्टिविटी कर रहे हैं बिकॉज़ आपका मोटिव है सिस्टम को सिक्योर करना एंड इसी फीड स्टूडेंट्स एथिकल हैकिंग यानी साइबर सिक्योरिटी की जो डिमांड है वो मार्केट में कंटीन्यूअसली बढ़ती जा रही है इसके पीछे एक रीजन है बिकॉज और जो साइबर क्राइम है वो रेपिडली ग्रो करता जा रहा है और उसके इतने कंटीन्यूअसली ग्रो करने की वजह से या इतना फास्टली ग्रो करने की वजह से हमारे नोस हमारे फैमिली मेंबर्स हमारी गवर्नमेंट हमारे कॉर्पोरेट सेक्टर्स को बहुत ज्यादा लॉस एंड प्राइवेसी इशू को फेस करना पड़ रहा है बट अगेन स्टूडेंट्स बिकॉज हम जानते हैं कि हमारी डिमांड बढ़ती जा रही है तो हमारी रिस्पांसिबिलिटीज भी उतनी ही बढ़ती जा रही है तो यह बहुत जरूरी है कि हम अपनी स्किल्स को इस लेवल पर शाप करें कि जो बुरे हैकर्स है ब्लैक हैट हैकर्स हैं उनको हम पकड़ पाए और साइबर क्राइम को जितना ज्यादा हो सके हम रोके और कम कर पाए एंड आई बिलीव आप सब भी इसी मोटिव से इस नॉलेज को गेन करना चाहेंगे और साइबर सिक्योरिटी को एज अ पैशन आप लोग जरूर जीना चाहेंगे सो एंजॉय योर प्लेलिस्ट आज के इस वीडियो में हम देखने वाले हैं नेटवर्किंग कांसेप्ट को बेसिकली हम ये समझने वाले हैं कि एथिकल हैकिंग में नेटवर्किंग क्या इंपॉर्टेंट रोल प्ले करती है एंड यहां पे हम इन चीजों को क्यों सीखने वाले हैं बिकॉज हमें पता है कि सर जब दो सिस्टम्स आपस में बात करते हैं तो एक जगह से दूसरी जगह पे शेयरिंग ऑफ डाटा या इंफॉर्मेशन तो हो रहा है जैसे अगर आज हम कम्युनिकेट कर पा रहे हैं या मैं आपको कोई मैसेज सेंड करता हूं तो वो मैसेज आप तक पहुंच तो रहा है बट हमें ये समझना है कि एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम तक वह मैसेज डिलीवर कैसे होता है क्या प्रोसेस है कौन-कौन चीजें यूज हो रही होती है कौन-कौन सी ऐसी एंटिटीज है जो उसके काम आ रही होती है ताकि वो मैसेज यहां से यहां तक ट्रांसफर हो सके तो हम इस कांसेप्ट को अच्छे से समझेंगे ताकि हम देख सके कि यहां कहीं कोई कमियां तो नहीं है लूप होल तो नहीं है जिसकी वजह से शायद इस मैसेज को कोई अटैकर या कोई मिशिस हैकर रीड कर सके तो बस इसीलिए हम समझेंगे नेटवर्किंग कांसेप्ट को ताकि हमारे लिए एथिकल हैकिंग में ऑपरेशंस को परफॉर्म करना और भी आसान हो जाए सो स्टूडेंट्स एक बहुत कॉमन टर्म है नेटवर्किंग कांसेप्ट है ना इससे रिलेटेड हम क्या-क्या सीखने वाले हैं तो हम देखेंगे कि कंप्यूटर नेटवर्किंग क्या होती है कितने टाइप्स के नेटवर्क्स होते हैं दूसरा कि लैन मैन मैन जो है यह काम करते कैसे हैं एंड देन हम देखेंगे कुछ इंपॉर्टेंट एंटिटीज इनके अलावा जो एक जगह से दूसरी जगह में कम्युनिकेशन में यानी बातचीत करने में हमारे काम आती है अब पहले पॉइंटर की तरफ बढ़ते हैं स्टूडेंट्स कि व्हाट इज कंप्यूटर नेटवर्किंग आप लोगों ने कॉमन टर्म मैं बहुत कंप्यूटर नेटवर्किंग बहुत बार सुनी होगी शायद आपको आईडिया होगा शायद ना भी हो इट्स ओके बट बेसिकली कंप्यूटर नेटवर्किंग क्या है तो कुछ पॉइंट्स के जरिए समझते हैं सबसे पहला पॉइंटर कह रहा है कि सर ये कम्युनिकेशन हो रहा है इसके अंदर है ना दूसरा पॉइंटर कह रहा है कि शायद शेयरिंग ऑफ सॉफ्टवेयर हो रहा है शेयरिंग ऑफ फाइल्स हो रही है शेयरिंग ऑफ इंफॉर्मेशन हो रही है और कुछ और भी पॉइंट्स है पहले उनको भी देख लेते हैं फिर एक साथ समझेंगे यहां पे से इंफॉर्मेशन प्रिजर्वेशन भी हो रहा है सिक्योरिटी शायद मैनेज करने की कोशिश करी जा रही होगी शेयरिंग ऑफ हार्डवेयर भी हो रहा है और शेयरिंग ऑफ डेटा भी हो रहा है अब सर ये सारे पॉइंट्स का मतलब क्या है यानी हमें क्या समझाना चाह रहे है एक बहुत नॉर्मल सी चीज है कि अगर आज मैं और आप आपस में बातचीत कर रहे हैं तो उस बातचीत का यानी कम्युनिकेशन का एक बहुत सिंपल सा रूल है कि मैं जो बोल रहा हूं आप तक पहुंचना चाहिए और आपको समझ में आना चाहिए और आप जो उसके अगेंस्ट में रिप्लाई दे रहे हैं वह मुझ तक पहुंचना चाहिए मुझे समझ आना चाहिए कम्युनिकेशन का बहुत बेसिक रूल है कम्युनिकेशन का मतलब है कि आपकी बोली गई बात सामने वाले यूजर तक पहुंच जानी चाहिए अपनी डेस्टिनेशन तक पहुंच जानी चाहिए और उसको समझ आनी चाहिए अब यही कम्युनिकेशन कंप्यूटर्स भी फॉलो कर रहे हैं यानी जब कंप्यूटर्स में कम्युनिकेशन हो रहा है तो क्या हो रहा है कि सर एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम तक कोई भी डाटा सेंड करा जा रहा है और उस डाटा का कोई ना कोई मीनिंग जरूर है कोई ना कोई यूज जरूर है वो डाटा दूसरा सिस्टम समझ पा रहा है अब सर किस तरीके का डाटा भेजा जा सकता है दो सिस्टम्स के बीच में तो अगर हम नॉर्मली देखें तो आप अपने किसी भी दोस्त को अपने किसी दूसरे सिस्टम पे डाटा शेयरिंग तो करते ही है फाइल शेयरिंग तो करते ये क्याक करते है कि सर कभी कभार हम कोई सॉफ्टवेयर शेयर कर देते हैं जैसे जूम शेयर कर दिया एड शेयर कर दिया कोई भी एक टूल गेम का कोई टूल शेयर कर दिया तो हम क्या कर रहे हैं सॉफ्टवेर को शेयर कर रहे हैं दूसरा सर फाइल्स को शेयर कर सकते हैं है ना स्टडी मटेरियल जो है हमारा वो शेयर कर रहे पीडीएफ शेयर कर रहे ये क्या है फाइल शेयरिंग हो गया तीसरा है शेयरिंग ऑफ इंफॉर्मेशन अब शेयरिंग ऑफ इंफॉर्मेशन में क्या हो रहा है सर हम नॉर्मल कम्युनिकेशन कर रहे हैं बातचीत कर रहे हैं उस बातचीत के अंदर हम कोई ना कोई बात बता रहे हैं कि आज ऐसा हुआ या ऐसा हुआ तो यह क्या है शेयरिंग ऑफ इंफॉर्मेशन है इसके अलावा सर इंफॉर्मेशन प्रिजर्वेशन बहुत ही इंपॉर्टेंट पार्ट है ये क्योंकि प्रिजर्व करने का मतलब होता है चीजों को बचा के रखना और यहां पे भी सेम चीज परफॉर्म करी जा रही है इसका मतलब कि सर अगर आज मैं आपको यानी आज अगर मैं यूजर ए यूजर बी को कोई फाइल शेयर करता है मान लो मैंने एक पीडीएफ शेयर करी है ना मैंने एग्जाम की एक पीडीएफ शेयर करी और यह पीडीएफ गलती से अगर मुझसे डिलीट हो जाए तो तो क्या मेरे पास कोई दूसरा रास्ता है इस पीडीएफ को लेने का बिल्कुल सर आपने दूसरे सिस्टम में जिस यूजर को भेजी थी उसके पास तो पड़ी होगी आप उससे मांग सकते हैं यानी आपकी इंफॉर्मेशन आपका डाटा आपकी फाइल कहीं पे प्रिजर्व हो रखी है तो जब आप शेयरिंग करते हो तो इनडायरेक्टली देखा जाए तो आप एक बैकअप बना रहे हो एक कॉपी रख रहे हो किसी और के पास फ्यूचर में अगर आपको स्वाल की रिक्वायरमेंट होगी जरूरत पड़ेगी तो आप वो उससे वापस मांग सकते हैं तो इंफॉर्मेशन प्रिजर्वेशन तो डेफिनेटली हो रहा है उसके अलावा सर सिक्योरिटी क्या स्टार्टिंग से मिलती है हमें सिक्योरिटी का मतलब क्या है कि दो सिस्टम जब बात कर रहे हैं तो उनकी बात कोई और ना पढ़ पाए सेफ्टी और सिक्योरिटी के साथ डाटा दूसरे यूजर तक ही पहुंचे थर्ड यूजर के पास ना जाए है ना हमारी क्रेडेंशियल इंफॉर्मेशन कुछ खास प्राइवेट डाटा कोई और एक्सेस ना कर सके ये सिक्योरिटी का काम होता है तो डाटा को सिक्योर रखना सिक्योरिटी का काम है लेकिन सिक्योरिटी असल में 100% अप्लाई नहीं करी जा सकती लेकिन ये कोशिश जरूर करी जाती है ऐसी ट्राय जरूर करा जाता है कि हमारी जो कम्युनिकेशन है वह बेस्ट से बेस्ट लेवल पे सिक्योर हो सके तो ये एक प्रोसेस है जो हम मेंटेन करने की कोशिश कर रहे हैं यानी हम मेंटेन करने की कोशिश कर रहे हैं सिस्टम्स के अंदर सिक्योरिटी ऑल दो सय सिस्टम सिक्योर नहीं है अभी जो बातचीत हो रही है वो कंप्लीट सिक्योर नहीं है समझेंगे ऐसा क्यों कह रहे हैं देन शेयरिंग ऑफ हार्डवेयर डेफिनेटली शेयरिंग ऑफ हार्डवेयर तो पॉसिबल है सर हम वाईफाई शेयर करते हैं हॉटस्पॉट शेयर करते हैं इसमें हम हार्डवेयर सर्विसेस को शेयर कर रहे हैं ब्लूटूथ सर्विस शेयर करते हैं हम एडीएमआई केबल के जरिए अपने लैपटॉप को अपनी टीवी से एलईडी से कनेक्ट करते हैं तो वहां क्या हो रहा है शेयरिंग ऑफ हार्डवेयर हो रहा है उसके अलावा सर एट दी एंड जो पूरा हम इसको कंक्लूजन नेटवर्किंग का मतलब है शेयरिंग ऑफ डाटा या इंफॉर्मेशन है बिकॉज डेटा इंफॉर्मेशन का ही एक पार्ट है आई होप स्टूडेंट्स आप सभी को बहुत अच्छे से क्लियर हुआ होगा कि कंप्यूटर नेटवर्किंग क्या है कुछ सिस्टम्स आपस में बातचीत कर रहे हैं उसको हम कंप्यूटर नेटवर्किंग कहते हैं अब इसको आगे कंटिन्यू करते हैं कि सर हमारे पास कितने टाइप्स है नेटवर्किंग के क्या हमारे पास यहां जो टाइप्स लिखे हैं इतने ही टाइप्स है नहीं ऐसा नहीं है हमारे पास और भी टाइप्स है लेकिन एथिकल हैकिंग को समझने के लिए साइबर सिक्योरिटी को समझने के लिए हमें ये तीन टाइप्स अभी पता होने चाहिए इसलिए हम अभी इन तीन टाइप्स को ही पढ़ेंगे तो यहां पे हमारे पास पहला टाइप है लैन जिसका फुल फॉर्म है लोकल एरिया नेटवर्क इसका नाम अपने बारे में काफी सारी चीजें बता रहा है वैसे देन मैन मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क एंड देन वन वाइड एरिया नेटवर्क अब इन तीनों नेटवर्क्स का यूज क्या है तो इसको इजी करने के लिए स्टूडेंट्स एक चीज मैं आपको क्लियर कर दूं यह कोई बहुत बड़ी चीज नहीं है यह बस एक कैटेगरी है जो बता रही है कि आप किस रेंज के अंदर बातचीत कर रहे हैं यानी आप जब किसी से कम्युनिकेट कर रहे हैं तो किस दायरे में रहकर किस रेंज में रहकर बातचीत कर रहे हैं वो कैटेगरी यहां बना रखी है लैन मैन और वन और भी है लेकिन अभी हम नहीं पढ़ेंगे क्योंकि एथिकल एंग साइबर सिक्योरिटी में हमारे लिए यही काम कि है अब लैन क्या कहता है किस रेंज में काम कर रहा है है ना हमें ये तो पता है कैटेगरी रेंज में बातचीत कर रहा है लैन का कहना है कि सर जब पाच से 10 सिस्टम्स आपस में जुड़े हैं बातचीत करने के लिए है ना वह एक दूसरे से ही डाटा शेयरिंग कर सकते हैं आपस में ही कम्युनिकेशन यानी बातचीत कर सकते हैं इन तीन से बाहर कोई भी डाटा शेयर नहीं हो सकता इस छो छोटी सी रेंज से बाहर कोई भी कम्युनिकेशन या बातचीत नहीं हो सकती उसको लैंड कहते हैं लोकल एरिया नेटवर्क कहते हैं जो एक छोटी सी रेंज में लोकल एरिया में फैला हुआ नेटवर्क होता है उसको हम लैन कहते हैं इसका एग्जांपल क्या हो सकता है तो सर इसका बेस्ट एग्जांपल दो तीन हो सकते हैं पहला हम एग्जांपल लेते हैं हमारी लैब का कौन सी लैब वो लैब जो हम हमारी फोर्थ फिफ्थ या सिक्स्थ क्लास में एक्सेस करते थे बेसिकली तब हम क्या करते थे सर तब हमें जो माइक्रोसॉफ्ट के टूल्स हैं है ना माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के टूल्स हैं जैसे पा पॉइंट हो गया वर्ड हो गया या या फिर नोटपैड हो गया ऐसे टूल्स को एक्सेस कराया जाता था ताकि हम क्या कर सके बेसिक प्रैक्टिस कर सके वहां पे उन सिस्टम्स में इंटरनेट कनेक्शन नहीं हुआ करता था वो सारे सिस्टम्स आपस में कनेक्टेड होते थे किसी केबल के जरिए है ना जैसे लैन केबल के जरिए और ये आपस में डटा शेयरिंग कर सकते थे लेकिन बाहर इंटरनेट प कोई भी कम्युनिकेशन नहीं कर सकते थे तो ये एक बेस्ट एग्जांपल है लन का 105 सिस्टम्स है आपस में जुड़े हुए हैं आपस में बातचीत कर सकते हैं डेटा शेयरिंग हो रहा है यहां पे बातचीत हो रही है लेकिन केवल एक छोटी सी रेंज में हो रहा है इसको हम लैन कहते हैं आई होप आप सभी को क्लियर होगा लैन क्या है सर कुछ नहीं है एक छोटी सी रेंज में जब आप बातचीत करते हैं तो उसे लैन कहा जाता है एक और एग्जांपल क्या हो सकता है कि सर जब हम हमारे किसी डिवाइस का हॉटस्पॉट एक्टिवेट करते हैं उस डिवाइस से जितने भी यूजर्स जुड़ते हैं उस हॉटस्पॉट से जितने भी लोग अपना वाईफाई ऑन करके कनेक्ट करते हैं इनका जो नेटवर्क बनता है इनका पर्सनल नेटवर्क इन चापा सिस्टम्स जो आपस में बातचीत करते हैं वो भी सर लैन ही कहलाता है कब तक जब तक ये इंटरनेट का यूज ना ले तो जब तक ये आपस में बातचीत कर रहे हैं तब तक वो लैन कहलाएगा लोकल एरिया नेटवर्क कहलाएगा आई होप सभी को लैन अच्छे से क्लियर होगा अब हम आगे बढ़ते हैं और देखते हैं मैन क्या है मैन जिसका फुल फॉर्म था मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क ये क्या कहना चाह रहा है ये किस तरीके से वर्क करता है तो कुछ नहीं सर लैंड से बड़ी रेंज को जब लैंड की रेंज को हम और बड़ी एरिया में फैला देते हैं तब उसे हम मैन कहते हैं मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क कहते हैं इसका मतलब लैंड में सर 1015 सिस्टम यूज हो रहे थे यहां पे 100 100 या 200 सिस्टम यूज हो रहे है 100 से 200 सिस्टम यूज हो र है इसको हम मैन कहते हैं मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क अब ये एग्जांपल क्या हो सकता है हमें ये तो पता है रेंज बड़ी हो गई है ना 100 200 सिस्टम्स आपस में कम्युनिकेट कर पा रहे हैं 100 200 सिस्टम्स के बीच में कनेक्शन बन गया है ताकि वो डेटा शेयरिंग कर सके बातचीत कर सके इसका एग्जांपल हो सकता है यूनिवर्सिटी या फिर कोई कॉर्पोरेट सेक्टर कोई कंपनी अब यूनिवर्सिटीज की अगर हम बात करें तो वहां क्या होता है सर वहां पे लैब्स है हर एक डिपार्टमेंट की वहां पे लाइब्रेरी है है ना लाइब्रेरी में बेसिकली हमारे पास एक नेटवर्क है उसके अलावा सर हॉस्टल होगा और उसके अलावा कॉलेज की क्लासेस होगी अब इन सभी जगहों पे अलग-अलग नेटवर्क कनेक्शंस तो नहीं ले रखे होंगे लेकिन जिस एक नेटवर्क को यहां पे सभी जगह इंस्टॉल कर रखा है भले ही हार्डवेयर डिफरेंट लगाए गए हो लेकिन एक ही नेटवर्क को जब शेयर करा गया है इसका मतलब ये सब आपस में कनेक्टेड है यह सब आपस में कहीं ना कहीं कम्युनिकेट या बातचीत कर सकते हैं चाहे बूस्टर्स के जरिए इनको शेयर करा गया हो या किसी भी सोर्स से लेकिन यह पूरा का पूरा जो नेटवर्क क्रिएट हो रहा है ये एक नेटवर्क है ये आपस में सब लोग कम्युनिकेट कर सकते हैं तो इसको हम कहते हैं मैन यानी मेट्रोपॉलिटन डिया नेटवर्क उसके अलावा सर हमारी लोकल सिटीज में कुछ आईएसपी होते हैं इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स होते हैं यानी वो कंपनियां जो हमें इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करती है तो अभी जो लोकल सर्विस प्रोवाइडर है जैसे मान लेते हैं कि हमारे यहां पे हमारे लोकल या नेटवर्क में आप कह सकते हैं कि सर जोधपुर में जो नेटवर्क प्रोवाइडर है वो है सिटी केबल एग्जांपल के तौर पे ठीक है तोब जो सिटी केबल है क्या कर रहा है कि सर ये पूरे के पूरे जोधपुर को नेटवर्क सर्विसेस दे रहा है हालांकि जो के जितने भी सिस्टम्स है वो इंटरनेट चला रहे हैं लेकिन इसके अलावा ये जो सिस्टम सब आपस में जुड़ चुके हैं इसकी वजह से इसका जो नेटवर्क क्रिएट हो रहा है इसको हम मैन कहते हैं मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क कहते हैं आई होप सभी को अच्छे से क्लियर होगा अब हम आगे बढ़ते हैं वन की तरफ वन जिसका फुल फॉर्म है वाइट एरिया नेटवर्क और यह नाम ही अपने बारे में सब कुछ बता रहा है इसका मतलब सर जब आप बहुत बड़ी रेंज में वाइट एरिया का मतलब है एक बहुत बड़ी रेंज में कम्युनिकेशन करते हो बातचीत करते हो तो उसको वैन कहा जाता है अब सर बहुत बड़ी रेंज मतलब क्या पूरे वर्ल्ड में जो कम्युनिकेशन हो रहा है वो एक बहुत बड़ी रेंज है अगर मैं सबसे बड़ी रेंज मानूं तो क्या होगी सर पूरे वर्ल्ड में जो कम्युनिकेशन हो रहा है अब ऐसी कौन सी सर्विस है जिसकी मदद से सर हम पूरे वर्ल्ड में बात कर सकते हैं डडड वर्ल्ड वाइड वेब यानी इंटरनेट तो सर इंटरनेट वो एकलौती सर्विस है जिसकी मदद से हम यहां बैठे हुए किसी से भी कम्युनिकेट कर सकते हैं मैं जोधपुर से जयपुर दिल्ली यूके यूएस कहीं भी कम्युनिकेशन कर सकता हूं इसका मतलब एक बहुत बड़ी रेंज में यह बातचीत हो सक है कम्युनिकेशन हो सकता है तो इसको हम कहते हैं वैन यानी वाइड एरिया नेटवर्क जिसका बेस्ट एग्जांपल हमारे लिए है डड यानी इंटरनेट सो आई होप आप सभी को क्लियर होगा कि लैन मैन और वैन क्या है अब नेटवर्किंग का बेसिक सा आईडिया तो हमें लग गया कि सर किस रेंज में कम्युनिकेशन हो रहा है वो अभी तक हमने समझा है जिसमें हमारे पास लैन मैन और वन था अब हम एक और इंपॉर्टेंट पार्थ देखने वाले हैं जो कि है कुछ इंपॉर्टेंट एंटिटीज यानी सर नेटवर्किंग में बातचीत करने के लिए चाहे लोकल एरिया में करो चाहे वाइड एरिया नेटवर्क में करो चाहे मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क यानी मैन में करो किसी भी रेंज में आप बातचीत कर रहे हो तो ऐसा तो नहीं है कि डायरेक्ट मैसेज चला जाएगा एक मैसेज को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में यानी एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने के लिए इस मैसेज को बहुत सारे लोग सपोर्ट कर रहे होंगे उसकी हेल्प कर रहे होंगे कोई मैसेज को फॉर्मेट करेगा कोई सेंड करेगा कोई रिसीव करेगा अलग-अलग टूल्स या सर्विसेस या आप कह सकते हो एंटिटीज यहां पे यूज़ हो रही है बातचीत करने के लिए वो एंटिटीज क्या है हर वो एंटिटी जो हैकिंग में हमारे लिए काम किया हमें पढ़नी पड़ेगी हमारे लिए यूज़फुल रहेगी वो चीज तो उनमें सबसे पहली एंटिटी का नाम है आईपी जिसके बारे में एक बेसिक आईडिया आप सभी को लग गया है आईएसपी का फुल फॉर्म है इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर यानी सर वो कंपनी वो एंटिटी जो हमें इंटरनेट प्रोवाइड करती है क्या आप में से कोई मुझे एग्जांपल बता सकते हैं किसी आईएसपी सर्विस का यानी आपको इंटरनेट आज के टाइम पे कौन प्रोवाइड कर रहा है सर हमें आज के टाइम प इंटरनेट प्रोवाइड कर रहा है कहते हैं देन हमारे पास आईपी एड्रेस एक बहुत ही इंपोर्टेंट एंटिटी है क्या है कैसे काम करती है यह हम नेक्स्ट वीडियो में बहुत अच्छे से समझने वाले हैं देन मैक एड्रेस क्या होता है जिसको हम मीडिया एक्सेस कंट्रोल एड्रेस कहते हैं पोट्स क्या है और प्रोटोकॉल्स क्या है ये कुछ एंटिटीज [संगीत] है आईपी एड्रेस असल में क्या है हमारे लिए क्यों इंपॉर्टेंट है इस एथिकल एकिंग साइबर सिक्योरिटी फील्ड में ये क्या रोल प्ले कर रहा है कितना ज्यादा जरूरी है हमारे लिए भी सो स्टूडेंट्स हो सकता है आप में से काफी लोगों ने इस टर्म के बारे में आईपी एड्रेस के बारे में जरूर सुना होगा और काफी हों ने नहीं सुना होगा इट्स टोटली फाइन हम देखने वाले हैं कि यह है क्या क्यों हमारे लिए जरूरी है और इसकी इंपॉर्टेंस कितनी है हम देखने वाले हैं कि सर एगजैक्टली एक आईपी एड्रेस होता क्या है ठीक है इसके अंदर हमारे पास कुछ कैटेगरी आती है जैसे आईपी v4 और आईपी v6 या टाइप्स आते हैं तो ये दोनों में क्या डिफरेंस है दोनों क्या है देन हम देखेंगे टाइप ऑफ आईपी एड्रेसस आईपी एड्रेसस कितने टाइप्स के होते हैं उसके बाद सबसे पहले उनमें से जो दो टाइप है पब्लिक और प्राइवेट उनको हम डिफाइन करेंगे दोनों में क्या डिफरेंस है क्या चीजें कॉमन है और किस तरीके से काम करते हैं और फिर हम देखेंगे बाकी के दो टाइप्स जो कि है स्टैटिक और डायनेमिक आईपी एड्रेसस तो ये हमारा पूरा फ्लो रहने वाला है हम ये सारी चीजें सीखने वाले हैं और बिना देरी करते हुए स्टार्ट करते हैं और देखते हैं कि सर आईपी एड्रेस जिस टर्म से शायद हम फैमिलियर हो शायद ना हो ये है क्या पहले इसका फुल फॉर्म देखते हैं स्टूडेंट्स आईपी का फुल फॉर्म है इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस और ताकि आप सब लोग अच्छे से समझ जाएं तो मैंने यहां पे एक डेमो आईपी आप कह सकते हैं या फिर आप कह सकते हैं कि एक रैंडम आईपी एड्रेस लिख दीया ठीक है इस आईपी एड्रेस को आपने कहीं ना कहीं तो जरूर देखा होगा और नहीं देखा होगा तो हम देखेंगे कि क्या काम कर रहा था आज तक हमारी कम्युनिकेशन में नेटवर्किंग के अंदर सो असल में यह है क्या इन शॉर्ट अगर हम समझे तो सर अगर आज यूजर ए अपने घर से कोई भी एक चीज कूरियर करना चाहता है यूजर बी के घर में है ना या यूजर ए यूजर बी को कोई चीज भेजना चाह रहा है कोई चीज कुरियर करना चाह रहा है तो यहां पर सबसे इंपॉर्टेंट चीज क्या है सर अगर यह किसी कंपनी के पास भी जाए या खुद भी एक सामान को लेकर जाए तो दो चीजें बहुत जरूरी होती है पहला कि यह जो सामान है यह जो पैकेट है या यह जो चीज है यह किसने भेजी और दूसरा है कहां भेजी या किसको भेजी अब किसने में नाम के साथ-साथ एड्रेस आना बहुत जरूरी है तभी पता पड़ेगा कि भाई किस एड्रेस से यह चीज भेजी गई है किस एड्रेस से पैकेज सेंड करा गया है और जब यह पैकेट कहीं रिसीव होगा तो रिसीव तो तभी होगा सर जब इसके पास डेस्टिनेशन एड्रेस होगा यानी जहां पर ये प भेजा जा रहा है तो एड्रेस होना तो बहुत जरूरी है इसका मतलब सर अगर आप किसी से भी बातचीत करना चाहते हैं कोई चीज शेयर करना चाहते हैं कोई चीज सेंड करना चाहते हैं तो वहां पे हर वो डिवाइस जिससे आप बात करना चाहते हैं उसका एक एड्रेस होना जरूरी है वरना आप उसे डिफाइन कैसे करेंगे है ना उसे पॉइंट कैसे करेंगे कि कहां पर जाना है तो इस एड्रेस को जब हम कंप्यूटर फील्ड में देखते हैं या जब हम नेटवर्किंग फील्ड में देखते हैं तो एक सिस्टम दूसरे सिस्टम से बात जब करता है तो उनको भी एड्रेस की जरूरत है और वो एड्रेस आईपी एड्रेस कहलाता है इसका मतलब सर नेटवर्किंग में जब भी हम बातचीत करेंगे कोई भी पैकेट किसी को भी भेजेंगे कोई भी कम्युनिकेशन करेंगे तो आईपी एड्रेस वो एड्रेस है जिसकी मदद से हमें पता पड़ जाएगा कि पैकेट किसने भेजा है और किसको भेजा है तो सोर्स और डेस्टिनेशन एड्रेस जो है वो आईपी है नेटवर्किंग में बातचीत करने के लिए आई होप आप सभी को समझ आ गया होगा सर जैसे घर के एड्रेस होते हैं वैसे सिस्टम के एड्रेस को आईपी एड्रेस कहा जाता है और ये एड्रेस यूज कहां पे होते हैं तो सर ये एड्रेस नेटवर्किंग में बातचीत कर ने के लिए यूज होते हैं अब यह दिख कैसा रहा है और यह कितना काम का यह हम समझते हैं तो यहां पे आपको दिख रहे होंगे टोटल चार पेयर्स पेयर नंबर वन पेयर नंबर टू पेयर नंबर थ्री एंड पेयर नंबर फोर जिसमें क्योंकि मैंने एक रैंडम आईपी लिखी है तो यहां पे लिखा हुआ है 17.1 72.2 2447 अब अगर इन चारों पेयर्स के बारे में कुछ बेसिक चीजें देखें तो सर हर एक पेयर की जो साइज है वह है 8 बिट्स यानी एक बाइट तो टोटल हमारी आईपी की साइज हो गई 32 बिट्स यानी फर बाइट्स चार बाइट का एक आईपी एड्रेस होता है और ये आईपी एड्रेस ऐसे ही नहीं होता सबसे खास बात अब मैं आप सभी को बताने जा रहा हूं कि ये आईपी एड्रेस हमारी काफी सारी इंफॉर्मेशन अपने पास रखता है देखो हर एक सिस्टम का एक आईपी एड्रेस है अब अगर हम ऐसा समझे कि अगर एक यूजर एक ब्लैक हैट हैकर जिसका मतलब एक बुरा हैकर है वो किसी भी दूसरे यूजर को हैक कर लेता है उसकी वेबसाइट को हैक कर लेता है किसी सिस्टम को खराब कर देता है तो फिर ये पकड़ा कैसे जाता है कैसे हमारा साइबर सेल इन क्रिमिनल्स को पकड़ता है इन ब्लैक हैट हैकर्स या हैकर्स को पकड़ता है तो सतो इनको पकड़ने के लिए जो चीज हमारे काम आती है वह है इनका एड्रेस जो कि आईपी एड्रेस है तो इसका मतलब य आईपी एड्रेस अपने साथ कोई तो ऐसी इंफॉर्मेशन लेके चल रहा है जिससे हमें पकड़ा जा सकता है जिससे हमारी लोकेशन या जिससे हमारा एग्जैक्ट एड्रेस डिफाइन करा जा सकता है अभी क्या-क्या डिटेल लेके चल रहा है ये आई थिंक इंटरेस्टिंग होने वाला है तो उसको अच्छे से समझते हैं और देखते हैं तो होता स्टूडेंट्स ये है चाहे हम आईपी की बात करें या चाहे हम किसी भी एड्रेस की बात करें मैं आपको एक बहुत कॉमन सी चीज सिखा देता हूं जो आप लोगों के हमेशा हमेशा काम आएगी कि आपको कभी भी किसी भी तरीके का एड्रेस दिया जाए वो एड्रेस अपने साथ कोई इंफॉर्मेशन लेकर चलता है वो ऐसे ही रैंडम नंबर्स का एड्रेस नहीं होता एग्जांपल के तौर प हम सबके पास एक आधार कार्ड जरूर होगा है ना आधार कार्ड में भी नंबर्स होंगे अगर आप देखेंगे आधार का नंबर तो कुछ ऐसा होगा 0214 1212 1012 एंड 2121 मैंने ऐसे ही रैंडम एड्रेस लिखा है लेकिन ये भी तो एक एड्रेस है आधार कार्ड का नंबर जो है ये भी तो अपने साथ कुछ इंफॉर्मेशन लेके चल रहा है ऐसे ही हमारे एटीएम कार्ड क्रेडिट कार्ड्स डेबिट कार्ड्स जो होते हैं उन पे भी एक नंबर लिखा होता है अब क्या ये जितने भी नंबर्स हैं चाहे हमारी बैंक अकाउंट नंबर्स हो डेबिट क्रेडिट कार्ड नंबर्स हो आधार कार्ड नंबर हो या पैन कार्ड नंबर हो क्या ये रैंडम नंबर्स है या इनके पीछे कोई मीनिंग है सर आई थिंक मीनिंग होना चाहिए ऐसे रैंडम नंबर से इतनी सारी चीजों को मैनेज करना तो पॉसिबल नहीं होगा तो कभी भी आपको कोई भी एड्रेस दिखे तो इस चीज को याद रखना कि सर जब भी एक डिवाइस को एक एड्रेस अलॉट करा जाता है इसको और अच्छे से क्लियर करता हूं आप सभी को कि हमारे पास मान लेते हैं आधार कार्ड है या फिर हम मान लेते हैं कोई क्रेडिट कार्ड है और क्रेडिट कार्ड के नंबर्स हैं ठीक सो ये हमारे क्रेडिट कार्ड के नंबर्स है एग्जांपल के तौर पर हमने नंबर्स लिए हैं अब क्या ये नंबर्स ऐसे ही रैंडम नंबर्स है तो नहीं सर जब भी किसी चीज को कोई एड्रेस अलॉट करा जाता है नंबर्स या लेटर्स या अल्फाबेट्स किसी भी फॉर्म में कोई आइडेंटिटी अलॉट करी जाती है तो यह देखा जाता है कि वो डिवाइस वो पर्टिकुलर चीज किस रेंज में काम आने वाली है तो आज अगर मैं बात करूं हमार किसी भी क्रेडिट कार्ड की है ना जैसे मान लेते हैं हमने बात करी आईसीआईसीआई के क्रेडिट कार्ड की तो अब ये जो आईसीआईसीआई का हमारा क्रेडिट कार्ड है पहले हमें इस क्वेश्चन का आंसर ढूंढना होगा कि इसका जो यूज है वो किस रेंज में है तो मुझे बताओ आईसीआईसी का क्रेडिट कार्ड क्या पूरे वर्ल्ड में यूज होता है या एक कंट्री में यूज होता है या केवल एक स्टेट में यूज होता है सर क्रेडिट कार्ड्स नॉर्मली देखा जाए तो एक कंट्री के लिए ही बनाए जाते हैं कंट्री के लिए डिफाइन करे जाते हैं इंस्टेड ऑफ के इंटरनेशनल कार्ड्स हो है ना तो यहां पे अब अगर हमें पता है कि इसका यूज केवल और केवल इंडिया यानी एक कंट्री के अंदर हो रहा है तो हमारे पास पहले क्वेश्चन का आंसर आ चुका है अब बस इस एंट्री को इस एंटिटी को जो हमें पता है कि भाई इंडिया में यूज हो रहा है हमें इसे छोटे-छोटे पास्ट में कैटेगरी इज करना है जैसे सबसे पहले अगर मैं इंडिया को डिवाइड करना चाहूं जो कि जिसका मतलब कि सर अगर हम इंडिया को डिवाइड या डिवाइड सही वर्ड नहीं रहेगा हम कहेंगे कैटेगरी इज करना चाहे इसको कुछ-कुछ पार्ट्स में डिफाइन करना चाहे तो कैसे कर सकते हैं तो सर कंट्री के बाद अगर डिफाइन करा जाता है तो दूसरी एंटिटी हमारे पास हमेशा क्या आती है स्टेट आती है इसका मतलब कि सेकंड एंटिटी से स्टेट हो सकती है है ना और उसके बाद स्टेट को और छोटा डिफाइन कर दिया जाता है यानी स्टेट के बास से सिटी आता होगा अब इन सारी चीजों का रोल क्या है तो रोल यही है कि पहले देखा जाता है कि कोई भी आइडेंटिटी किस रेंज में यूज होगी फिर उसको कुछ पास में डिवाइड करा जाता है और उसी के बिहाव पे स्पेशल आईडी यानी यूनिक आईडी बनाई जाती है और वो हमें दी जाती है यानी कि सर हमारी इस पूरी रेंज में ये जो नंबर्स हमने दिए गए थे ये जो नंबर्स हमने लिए हैं हमारे क्रेडिट कार्ड के इसका जो पहला पेयर है हो सकता है ये पहला पेयर ये बताए कि सर ये कौन से स्टेट के लिए बनाया गया पेयर है कौन से स्टेट को डिफाइन कर रहा है तो मान लेते हैं सर ये राजस्थान को डिफाइन कर रहा है अब अगर पहला पेयर राजस्थान को डिफाइन कर रहा है तो सेकंड पेयर किस चीज को डिफाइन कर रहा होगा राजस्थान को अगर हम कुछ पांच में डिवाइड करने की कोशिश करें या कैटेगरी इज करने की कोशिश करें तो क्या बनेगा एक स्टेट के बाद हमारे पास क्या एंटिटीज आती है स सिटीज आती है तो इसका मतलब सेकंड पे ये बता रहा होगा कि कौन सी सिटी के लिए बनाया गया पेयर है यानी सर ये हमें बता रहा है कि सर यह जयपुर के लिए बनाया गया पेयर है अब जब हमें स्टेट और सिटी पता पड़ चुका है तो थर्ड पेयर नॉर्मली क्या बताएगा सर अब सिटी के अंदर जाने के बाद तो थर्ड पेयर एजेक्ट ब्रांच का डिटेल बता देगा भाई कौन से ब्रांच ने एड्रेस अलॉट करा था तो हो सकता है हमें पता पड़ जाए कि सर आईसीआईसीआई का जयपुर के अंदर जो भी एड्रेस था है ना जैसे मान लेते हैं हम टॉक रोड हो गया एग्जांपल के तौर प ठीक है कि सर टॉक रोड में जो आआआ बैंक का ब्रांच है वो हमारा थर्ड पेयर डिफाइन कर रहा है तो फोर्थ पेयर क्या डिफाइन करेगा फोर्थ पेयर बताएगा यूजर कौन सा है ये मैंने एक एग्जांपल लिया है ताकि आपको ये समझ आ जाए कि जब भी आपको नंबर्स के फॉर्म में या किसी भी फॉर्म में कोई आइडेंटिटी अलॉट करी जाती है तो वो रैंडम नहीं होती वो अपने साथ एक इंफॉर्मेशन एक मीनिंग लेके चल रही होती है इसका बेस्ट एग्जांपल ये भी है कि सर हम अक्सर जब कोई ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते हैं आप सभी ने देखा होगा उस ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में जब आप अपनी डिटेल्स डालते हैं अपने नंबर्स डालते हैं क्रेडिट कार्ड के तो स्टार्टिंग का पहला पेयर फिल करने के बाद ही वह आपके कार्ड का टाइप या आपके बैंक का जो नाम है वह डिफाइन कर देता है इसका मतलब कि सर हमारा जो पेयर था वो ऐसे ही नहीं था वो एक मीनिंग लेके चला ता बिना पूरा नंबर लिखे उसने बता दिया कि कौन सी ब्रांच का आपका कौन सा कार्ड है तो एगजैक्टली सेम चीज हर एड्रेस के साथ होगी और आईपी एड्रेस के साथ भी वही चीज होगी आई होप आप सभी को यह समझ आया होगा और अगर यह क्लियर हो गया है तो आप लोग मुझे बताएंगे कि इस हिसाब से आईपी एड्रेस अपने साथ क्या इंफॉर्मेशन लेके चल रहा होगा सबसे पहला सवाल हमें ये पूछना है कि सर आईपी एड्रेस यूज़ किस रेंज में हो रही है है ना किस रेंज में आईपी एड्रेस यूज होता है तो तो सर आईपी एड्रेस की मदद से तो हम पूरे वर्ल्ड में किसी से भी बात कर सकते हैं इसका मतलब कि आईपी एड्रेस का यूज क्या हो रहा है पूरे के पूरे वर्ल्ड में हो रहा है डड वर्ल्ड वाइड वेब में हो रहा है ठीक है अब पूरे वर्ल्ड में अगर मैं कुछ एंटिटीज डिफाइन करना चाहूं वर्ड्स को कैटेगरी इज करना चाहूं कुछ सब कैटेगरी इज पार्ट में डिवाइड करना चाहूं तो क्या आएगा हमारे पास वर्ल्ड के बाद क्या आता है सर वर्ल्ड के बाद तो हमेशा कंट्रीज आती है वर्ड्स को कुछ पास्ट में अगर हम कैटेगरी इज करते हैं तो हमेशा कंट्री आती है हमारे पास इसका मतलब सर ये जो हमारा पूरा एसस का जो पहला पेयर है वो शायद यही डिफाइन करेगा कि ये कौन सी कंट्री के लिए या कौन सी कंट्री को अलॉट करा गया है कौन सी कंट्री के लिए बनाया गया है या कौन सी कंट्री को अलॉट करा गया है तो एग्जांपल के तौर पर मान लेते हैं कि सर ये इंडिया को अलॉट करा गया आईपी एड्रेस है इस हिसाब से कंट्री के बाद अगर मैं उसको कुछ सब कैटेगरी में डिवाइड करना चाहूं तो सेकंड कैटेगरी क्या होगी वेरी गुड सेकंड कैटेगरी होगी सर स्टेट और स्टेट को कुछ कैटेगरी में डिवाइड करना चाहूं तो तो सर वैसे तो हमारे पास सिटी आता है लेकिन केवल सिटी की इंफॉर्मेशन थर्ड पेयर लेकर नहीं चलेगा यानी पहले पेयर ने बताया कि इंडिया की आईपी है दूसरे पेयर ने बताया स्टेट जैसे कि राजस्थान कह सकते हैं कि राजस्थान को ये एड्रेस अलॉट करा गया था थर्ड पेयर वैसे तो सिटी बताना चाहिए सर लेकिन केवल सिटी नहीं बताएगा जिस तरीके से हमारे क्रेडिट कार्ड का जो थर्ड पेयर था व बैंक का नाम और उसका एड्रेस बता रहा था वैसे ही यह हमारे पास सिटी के साथ-साथ एक एड्रेस और बताएगा एक और इंफॉर्मेशन देगा वो है आईएसपी की एग्जांपल के तौर पे कि सर यह बताएगा कि जयपुर में जो j का ऑफिस है उसको हमने य आईपी एड्रेस अलॉट करा था इसका मतलब थर्ड पेयर ने क्या बता दिया सिटी प्लस हमारा आईएसपी का नाम तो हमें पता पड़ गया कि सर जो हमारा इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर है वोह पे अपने साथ इंफॉर्मेशन लेके चलता है डिवाइस की यानी सर डिवाइस आईडी जिस डिवाइस को या आईपी एड्रेस अलॉट करा गया था उसकी इंफॉर्मेशन उसकी सारी डाटा जो है वो फोर्थ पेयर अपने पास लेकर चलता है तो अगर कोई भी यूजर का आईपी एड्रेस आपको मिलता है तो उसको ट्रैक कैसे करा जाता है कि सर जो एक लॉजिकल प्रोसेस कहता है वो यह कहता है कि आपको थर्ड पेयर तक आते-आते यह पता पड़ जाएगा कि वो कौन सी आईएसपी है और उसका ऑफिस कहां पे है तो हमें पता पड़ गया सर आईपी जाकर हम कहेंगे कि एक पर्टिकुलर टाइम पीरियड पर जैसे मान लो हमने देखा कि भाई 12:1 पर क्राइम हुआ है ना 12:1 पीएम पे क्राइम हुआ तो हम क्या करेंगे आईएसपी के पास जाएंगे उनको कहेंगे कि 12:1 पे यह जो आईपी एड्रेस है यह आईपी एड्रेस किस यूजर को दे रखा था उसने क्या-क्या एक्टिविटीज करी है उसके लॉग्स यानी उसके डाटा हमें दे दो ताकि हम उसको ट्रैक कर सके और पता लगा पाए कि वो कहां पर है एगजैक्टली यह प्रोसेस होता है और इसी की मदद से ज्यादातर जो क्रिमिनल्स होते हैं या साइबर क्रिमिनल्स होते हैं उन्हें ट्रैक करा जाता है आई होप आपको क्लियर होगा कि आईपी अपने साथ कितनी इंफॉर्मेशन लेके चल रहा है आईपी में एक बात और खास है वो ये है कि सर जो आईपी के पेयर्स है ये कितने होंगे ये जो नंबर्स है कुछ भी आ सकते हैं यहां पे नहीं केवल जीरो से लेकर 255 की रेंज के अंदर ही आईपी एड्रेसस बनाए जाते हैं और यूज लिए जाते हैं ये इनकी लिमिटेशंस है आई होप आप सभी को आईपी के बारे में इतना तो क्लियर होगा अब सर आईपी में हमारे पास दो टाइप्स है आईपी के एक आईपी v4 और आईपी v6 क्यों इन आईपीस की जरूरत है v6 क्या है क्या दोनों में डिफरेंस है समझते हैं सबसे पहले हमारे पास हुआ यह कि आईपी v4 को इंट्रोड्यूस करा गया v4 का मतलब है वर्जन फोर v4 को इंट्रोड्यूस करने से क्या हुआ कि सर इसके अंदर जो एक आईपी का एड्रेस होता था टोटल 32 बिट होता था ठीक है इसका जो एड्रेस का फॉर्मेट है वो डॉटेड डेसीमल नोटेशन होता था यानी आप देख सकते हो हर एक पेयर के बाद डॉट के जरिए उसको डिफाइन करा जा रहा है टोटल चार पेयर्स हैं इसके अंदर हमारे पास इसमें सर हमें एक चीज का ध्यान रखना चाहता था कि 0 से 255 की रेंज के अंदर का ही आईपी एड्रेस हो सकता है इसकी जो प्रीफिक्स नोटेशन यानी जो उसकी स्टार्टिंग हो करती थी लिखने की वो होती थी 19218 और उसके बाद 00 जो होस्ट है उसको डिफाइन करया जाता था यानी यहां पे अलग-अलग नंबर्स आ सकते हैं अब यहां पे जो ध्यान देने लाइ एक पॉइंट है वो ये है कि सर आईपी v4 के जरिए हमें पता है 0 से 255 के अंदर के नंबर्स ही हम यूज ले सकते हैं और हमारे पास चार पेयर है अब अगर हम इनके कॉमिनेशन देखें है ना कि हमारे पास कितने आईपी एड्रेसस हैं यूज करने के लिए किसी को भी नेटवर्किंग में बातचीत करनी है तो आईपी एड्रेस तो उसके पास होना पड़ेगा तो यहां पर य हमें बताता है कि 2 की पावर 32 यानी 4.7 बिलियन एड्रेसस आईपीवी फ आपको दे सकता है इसका मतलब 4.7 बिलियन लोग एक ही टाइम पर इंटरनेट एक्सेस कर सकते हैं इतने आईपी एड्रेसस हमारे पास है लेकिन अगर आप आज का डाटा देखें मैं चाहूंगा आप सब लोग सर्च करें और यह देखें कि आज के टाइम पर इंटरनेट पर एक्टिव यूजर्स कितने हैं चलो हम एक काम करते हैं हम साथ में सर्च करते हैं तो हम चलेंगे अपने ब्राउजर प और वहां पर जाकर देखेंगे एक्टिव इंटरनेट यूजर्स इन वर्ल्ड तो यहां पे आप ये फिगर देख सकते हो जो कि कह रहा है 5.3 बिलियन इंटरनेट पे यूजर्स आज के टाइम पे एक्टिव है और यह हमें जो पेयर दे रहा है वो 4.7 है तो इसका मतलब इंटरनेट पे यूजर ज्यादा है और आईपी एड्रेसस कम है लद इसके भी कुछ तरीके हैं जिसकी मदद से ये आज तक मैनेज हो रहा था वो क्या है मैं आपको अभी समझाने वाला हूं टाइप ऑफ आईपी एड्रेस में बहुत अच्छे से देखेंगे लेकिन आईपी एड्रेस के कॉमिनेशन तो कम है ना यूजर्स के हिसाब से तो इसीलिए आईपी v6 को इंट्रोड्यूस करा गया ताकि हर कोई इंटरनेट बहुत अच्छे से एक्सेस कर सके आईपी ब स और कुछ नहीं है क्योंकि आईपी एड्रेस के पास जो पेयर्स थे वो कम पड़ रहे थे इंटरनेट प यूजर्स बढ़ चुके हैं डिजिटल इंडिया हो चुका है और पूरे वर्ल्ड में इंटरनेट प यूजर्स बढ़ते जा रहे हैं उस वजह से हमें और आईपीस की जरूरत है और और आईपी हमें मिल रही है आईपी v6 की मदद से तो आईपी v6 में क्या हुआ कि सर आई v6 की जो साइज है जो आई v4 का अपडेटेड वर्जन है ताकि ज्यादा आईपी एड्रेसस अलॉट करे जा सके उसकी साइज है 128 बिट जो कि 32 बिट से बहुत ज्यादा है यहां पे हेक्साडेसिमल नोटेशंस होते हैं जिसका मतलब यहां पे नंबर्स प्लस रो से लेकर जिसका मतलब यहां पे नंबर 0 टू ना एंड अल्फाबेट्स ए से लेकर एफ तक के जो कॉमिनेशन है वो बनाए जाते हैं और यह पेयर जो है वो बहुत बड़ा है इसका मतलब हमारे पास बहुत सारे कॉमिनेशन है कितने हो सकते हैं तो आप देख सकते हैं 2 की पावर 128 यानी 340 ट्रिलियन ट्रिलियन ट्रिलियन एड्रेसस हमारे पास आईपी बेसिक्स दे सकते का मतलब आने वाले कई सालों तक आईपी कम नहीं पड़ेगी है तो यहां पे इसका प्रीफिक्स नोटेशन बता रहा है प्रीफिक्स नोटेशन का मतलब और कुछ नहीं है कि आईपी के स्टार्टिंग में आपको क्या पेयर्स नॉर्मली देखने को मिलते हैं क्या फॉर्मेट देखने को मिलता है तो यह बता रहा है कि सर आपको कुछ ऐसा फॉर्मेट देखने को मिलता है आई होप इतनी चीजें आपको क्लियर होगी बहुत डिटेल में अभी नहीं जाना है धीरे-धीरे जरूर जाएंगे अभी हमें इतना क्लियर करना था कि आईपीवी 4 के जो नंबर ऑफ पेयर्स कॉमिनेशन बन रहे थे वो थे हमारे 4.7 बिलियन जबकि इंटरनेट पे एक्टिव यूजर्स 5.3 या 5.4 बिलियन के अप्रॉक्स है तो इसमें हमारे आईपी एड्रेस कम पड़ रही थी इसलिए आईपी के एक नए वर्जन को इंट्रोड्यूस करा गया जो कि आईपी v6 लद अभी आईपी v6 कंप्लीट यूज़ में नहीं आया है स्टार्ट हो गया है लेकिन हर कोई आईपी v6 को पूरा अडॉप्ट नहीं कर पाया अभी चीजें चल रही है इन प्रोसेस है काफी हद तक इसका अडॉप्ट स्टार्ट हो चुका है तो आई होप आप सभी को आई v4 और आईपी v6 बहुत अच्छे से क्लियर होगा अब सवाल यह है कि हमारे पास कितने टाइप्स हैं आईपी एड्रेसस के अभी जो हमने देखा वह आईपीवी फ आईपीवी सि वर्जंस थे आईपी के पहले पुराना वर्जन आया फिर नया वर्जन आया लेकिन कोई भी वर्जन हो इनके अंदर कुछ टाइप्स होते हैं इनके काम के हिसाब से इनके यूज के हिसाब से वो टाइप है पब्लिक प्राइवेट स्टैटिक एंड डायनेमिक अब इन चारों टाइप्स का मतलब क्या है कौन क्या काम कर रहा है क्या इनके अंदर डिफरेंस है यह समझने के लिए हम दो-दो टाइप्स को उठाएंगे जैसे हमने देखा था सबसे पहले हम समझेंगे कि पब्लिक और प्राइवेट आईपी एड्रेस क्या है कैसे काम करते हैं और दोनों में डिफरेंस क्या है इसको और अच्छे से क्लियर करने के लिए स्टूडेंट्स नेक्स्ट स्लाइड पे चलते देखते हैं कि पब्लिक एंड प्राइवेट दोनों में डिफरेंस क्या है दोनों के काम करने के तरीके में क्या डिफरेंस है हमने अभी तक टाइप्स ऑफ नेटवर्क पढ़े थे आई होप सभी को याद होगा लैन मैन और वन करेक्ट तो पहले य देखते हैं कि कौन सा आईपी कौन सी रेंज में काम आता है यानी कौन सा टाइप कहां पे काम आता है यूज क्या है कि सर जो प्राइवेट आईपी एड्रेस है वो आपके लिए यूजफुल होता है केवल और केवल लोकल एरिया नेटवर्क में अब लोकल एरिया नेटवर्क क्या कह रहा था कि सर जब 10-15 सिस्टम बात करते हैं उसको हम लोकल एरिया नेटवर्क कहते हैं तो शायद ये हमें ये कहना चाह रहा है कि सर ये जो आपके 101 या तीन-चार सिस्टम्स आपस में बातचीत कर रहे हैं जब इनको इस छोटी सी रेंज में बातचीत करनी है तब इनके पास प्राइवेट आईपी एड्रेस होना चाहिए कौन सा आईपी एड्रेस होना चाहिए प्राइवेट आईपी एड्रेस क्यों क्योंकि प्राइवेट आईपी बोल रहा है कि मेरा काम है लोकल एरिया नेटवर्क में बातचीत करने में मदद करना तो जब छोटी सी रज में बातचीत हम करते हैं तब हमारे पास कौन सा आईपी एड्रेस होना चाहिए सर प्राइवेट आईपी एड्रेस होना चाहिए हमने कहा ठीक है तो पब्लिक कहां काम आता होगा सर पब्लिक यूज होता है वेन में वन यानी वाइड एरिया नेटवर्क में इसका मतलब पूरे वर्ल्ड में तो यह कह रहा है पूरे वर्ल्ड में अगर आपको किसी से भी बातचीत करनी है या किसी को आपसे बातचीत करनी है तो कौन सा आईपी काम आएगा सर पब्लिक आईपी एड्रेस काम आएगा वहां पे कौन सा आईपी एड्रेस काम आएगा पब्लिक आईपी एड्रेस वाइट एरिया नेटवर्क पूरे वर्ल्ड में कम्युनिकेशन करने के लिए तो हमने कहा ठीक है यह तो समझ आया कि कौन सा आईपी कौन सी रेंज में काम आ रहा है प्राइवेट आईपी लोकल ले रहा नेटवर्क में काम आ रहा है और पब्लिक आईपी वाइडर नेटवर्क में बात करने के काम आ रहा है लेकिन इसको और अच्छे से समझने के लिए मैं यहां प एक एग्जांपल नॉर्मली लेता हूं वो यह है कि पब्लिक आईपी को मैं मानता हूं मैं रियल नेम की तरह अपने रियल नेम की तरह और प्राइवेट आईपी को मानता हूं मैं अपने निकनेम की तरह एग्जांपल के तौर पे अब अगर एक यूजर है है इस यूजर का जो निक नेम है वो कुछ भी हम रख देते हैं आप लोग सजेस्ट कर सकते हैं क्या निक नेम हम रख सकते हैं यहां तो मैं यहां पर फिलहाल इसका नाम रख देता हूं निक ठीक है निक ही इसका निकनेम है इस नाम से इस यूजर को कौन जानता है कौन बुलाता है कि सर इसके जो घर में दो तीन जने हैं है ना या चार पांच जने जो इसके फैमिली मेंबर्स है या क्लोज फ्रेंड्स है केवल ये लोग इसे इस नाम से एड्रेस कर सकते हैं इससे बात कर सकते हैं और इसे जानते हैं हमारे निकनेम से हमें कौन जानता है हमारे घर के कुछ लोग क्या ऐसा पॉसिबल है कि अगर आप अपनी कंपनी किसी कॉर्पोरेट सेक्टर में जाएं कहीं बाहर जाए अपने घर से दूर कहीं जाए आउट ऑफ कंट्री कहीं जाए तो क्या ये पॉसिबल है कि आपके निकनेम से आपको कोई आइडेंटिफिकेशन यानी बातचीत कर पाए पॉसिबल नहीं है बिकॉज सर हमारा वो जो नाम था वो वैलिड या उसका यूज केवल और केवल उस छोटी सी रेंज में था हमारी लोकल एरिया नेटवर्क की ही रेंज में था जो हमारे क्लोज वन थे हम वही हमें उस नाम से जानते थे और वही हमें उस नाम से बुलाते थे एड्रेस करते थे यानी इस नाम के जरिए हमसे कौन बातचीत कर सकता था केवल हमारे क्लोज वन जो हमारी लोकल एरिया नेटवर्क की रेंज में हमारी छोटी सी रेंज में लेकिन अगर मैं बात करूं रियल नेम की तो मैं वर्ल्ड के किसी भी हिस्से में चला जाऊं किसी भी कोने में चला जाऊं मुझे एड्रेस कैसे करा जाएगा मुझे अगर कोई बुलाएगा मुझसे अगर कोई बातचीत करेगा तो कैसे करा जाएगा सर मेरे गवर्नमेंट डॉक्यूमेंट में जो मेरा नाम लिखा है जो मेरा रियल नेम ऑफिशियल नेम है उसी से मुझे एड्रेस करा जाएगा उसी के जरिए मुझसे बातचीत करी जाएगी कम्युनिकेशन करा जाएगा तो यह एटली पब्लिक आई एड्रेस है सर ये आपके रियल नेम की तरह होता है पूरे वर्ल्ड में किसी को भी आपसे बातचीत करनी है तो यही एड्रेस काम आएगा और जो प्राइवेट आईपी एड्रेस है वो सर आपके निकनेम की तरह होता है जिसका मतलब इसकी मदद से इस एड्रेस की मदद से आपसे केवल आपकी रेंज में छोटी सी रेंज में लोकल ए नेटवर्क की रेंज में जो लोग जुड़े हैं वही बात कर सकते हैं आई होप इतना सभी को क्लियर होगा और इस चीज को और अच्छे से क्लियर करने के लिए एक रूल हम यहां पे डिफाइन कर रहे हैं जिससे हमें कंफर्म हो जाए इनके काम और आगे चलके हैकिंग हमारे लिए और भी आसान हो जाए साइबर सिक्योरिटी हमारे लिए और भी आसान हो जाए तो वो रूल बहुत इजी है पहला रूल कहता है कि सर एक प्राइवेट आईपी कभी भी पब्लिक आईपी से डायरेक्ट कम्युनिकेशन नहीं कर सकती एक प्राइवेट आईपी अपनी रेंज के बाहर बात कर सकती है बिल्कुल नहीं कर सकती तो प्राइवेट आईपी की रेंज लोकल एरिया नेटवर्क है और पब्लिक आईपी की रेंज वाइड एरिया नेटवर्क है पहला रूल तो यही है कि प्राइवेट आईपी पब्लिक आईपी से डायरेक्ट बात नहीं कर सकती और पब्लिक आईपी प्राइवेट आईपी से डायरेक्ट बात नहीं कर सकती यानी दोनों आपस में डायरेक्ट कम नहीं कर सकते तो सर क्या करेंगे प्राइवेट आईपी केवल और केवल बात कर सकती है प्राइवेट आईपी एड्रेस से बट यहां पे सेकंड रूल आता है जो कहता है कि रेंज जो है वह सेम होनी चाहिए अब रेंज क्या बता रही है कि सर प्राइवेट आईपी तो लोकल एरिया नेटवर्क में काम करता है इसका मतलब प्राइवेट आईपी किसी भी दूसरे प्राइवेट आईपी से बात कर सकता है लेकिन तब जब वो उसके लोकल एरिया नेटवर्क के अंदर है अदर वाइज नहीं और सेम पब्लिक आईपी के लिए भी है बस डिफरेंस यह है कि पब्लिक आईपी किसी भी दूसरे पब्लिक आईपी से बात कर सकती है वो उसकी रेंज में होनी चाहिए और उसकी रेंज वाइड र नेटवर्क है यानी पूरा वर्ल्ड इसका मतलब है किसी से भी बात कर सकती है दोनों रूल्स आप सभी को याद रखने हैं अच्छे से ताकि आगे आपके काम आ सके एंड आई होप अच्छे से क्लियर होगा आपको प्राइवेट कभी भी पब्लिक से डायरेक्ट बात नहीं कर सकती पब्लिक कभी भी प्राइवेट से डायरेक्ट बात नहीं कर सकती और प्राइवेट किसी से बात करेगी तो दूसरी प्राइवेट से करेगी वो भी अपनी रेंज में लोकल एरिया नेटवर्क में पब्लिक किसी से बात करेगी तो पब्लिक से ही करेगी वो भी अपनी रेंज वाइड एरिया नेटवर्क में सो ये तो था प्रावेट और पब्लिक आईपी एड्रेस अब सर दो और टर्म्स थी आप सभी को याद हो तो यह दो टर्म्स बाकी है स्टैटिक और डायनामिक यह दोनों हमें क्या कहती है इन दोनों का काम क्या है तो समझते हैं सबसे पहले हम बात करते हैं स्टैटिक की यह वर्ड आपने पहले कहीं ना कहीं जरूर सुना होगा क्या कोई मुझे बता सकता है स्टैटिक मतलब क्या होगा सर स्टैटिक का मतलब जैसा इसका नाम डिफाइन कर रहा है फिक्स कोई ऐसी चीज जो बिल्कुल फिक्स हो चेंज ना होती हो टाइम के साथ में और डायनेमिक का मतलब कि सर टाइम पीरियड के गैप से चेंज होती रहे उसे डायनेमिक कह नॉर्मली अब यहां पर स्टैटिक और डायनेमिक में फर्क क्या है उनका यूज क्या है नको क्यों बनाया गया इन टाइप्स को क्यों डिफाइन करा गया आप सभी को याद होगा कि आईपीवी फ एड्रेस जो था सर उससे हमारे पास केवल 4.7 बिलियन एड्रेसस ही बनाए जा सकते थे पेयर्स ही बनाए जा सकते थे जबकि इंटरनेट पर एक्टिव यूजर्स कितने हैं सर मोर देन 5.3 बिलियन अब यहां पर यह आईपी और इस आईपी की जो डिफरेंस है य ज्यादा है मतलब नंबर ऑफ यूजर्स और आईपी की हमारे पास जो रेंज है जो लिमिटेशन है उनके बीच में डिफरेंस ज्यादा है तो ये आज तक मैनेज कैसे करा जा रहा था मतलब अभी तक आईपी v4 एड्रेस जो है वो यूज कैसे आ रहा था तो यहां पे इन दोनों का रोल प्ले होता है इनका कहना बहुत नॉर्मल सी बात ये है कि सर एक सिस्टम है इसको इंटरनेट प बातचीत करनी थी तो इसको हमने एक आईपी एड्रेस दिया एग्जांपल के तौर पर मैं मान लेता हूं कि 4.4.4 4 इसको हमने एक आईपी एड्रेस दिया कोई भी दिया हो पब्लिक प्राइवेट कोई भी हो ठीक है फिलहाल पब्लिक मान लेना इसको एक एड्रेस अलॉट कर दिया इस एड्रेस की मदद से सबसे बात कर सकता है बिल्कुल कर सकता है लेकिन कैसा हो अगर यह स्विच ऑफ हो जाए अगर इसका कनेक्शन बंद हो जाए अगर ये पावर ऑफ हो जाए है ना यानी यह अभी एक्टिव नहीं है यह डिवाइस बंद पड़ा है तो सवाल यह है कि क्या ये आईपी एड्रेस अभी इसके काम आ रहा है बिल्कुल नहीं आ रहा क्योंकि आईपी एड्रेस का काम तो सर इंटरनेट पे बातचीत करने का है और जब वो डिवाइस ही बंद पड़ा है वो इंटरनेट पे बात नहीं कर रहा है तो आईपी एड्रेस इसके यूज आ रहा है क्या नहीं आ रहा हो सकता है इस यूजर का जो नेट पैक है जो नेट का बैलेंस ये कराता है इंटरनेट का जो रिचार्ज ये कराता है हो सकता है वह खत्म हो गया हो तो क्या अभी इंटरनेट चला सकता है नहीं चला सकता ऐसे ही किसी भी रीजन की वजह से अगर ये यूजर इंटरनेट एक्सेस कर ही नहीं रहा है तो इसको आईपी की क्या जरूरत है यह डायनेमिक आईपी का कहना है तो डायनेमिक आईपी और स्टैटिक आईपी कह रहे हैं कि सर इसको इस आईपी की जरूरत नहीं है तो क्यों ना ये आईपी तब तक के लिए किसी दूसरे यूजर को दे दी जाए ताकि वो इंटरनेट पर अच्छे से बात कर सके अब हमें पता है कि इंटरनेट पे आज के टाइम पे 5.3 बिलियन एक्टिव यूजर्स हैं लेकिन क्या वह एक ही टाइम पर एक्टिव है मतलब क्या 5.3 बिलियन यूजर्स एक ही टाइम प इंटरनेट चला रहे हैं सर ये तो पॉसिबल ही नहीं है अगर हम हमारा टाइम शेड्यूल भी देखें तो अभी काफी सारी ऐसी कंट्रीज है जहां पर रात हो रही है लोग सो रहे हैं इंटरनेट नहीं चला रहे कोई कुछ काम कर रहा है किसी का मोबाइल बंद है अलग-अलग रीजंस है क्या सब लोग एक टाइम प इंटरनेट प एक्टिव हो सकते हैं यह तो नहीं हो रहा अभी यहां पे तो एगजैक्टली वो सेम चीज यहां पे फॉलो करी जा रही है कि सब एक टाइम पर एक्टिव नहीं है भले ही 5.3 बिलियन यूजर्स है पर 5.3 बिलियन यूजर्स एक टाइम पर एक्टिव नहीं है तो क्यों ना जब एक आईपी किसी के काम नहीं आ रहा तो दूसरे यूजर को दे दिया जाए और यह सेम चीज हमारा डायनेमिक आईपी करता है डायनेमिक आईपी कह रहा है कि आपको एक एड्रेस दिया जब तक आपके काम आ रहा आपके पास है लेकिन जब आप उसको यूज नहीं ले रहे तो मैं वो किसी और को अलट कर दूंगा इससे आपको कभी कोई फर्क नहीं पड़ेगा और आज तक ऐसा ही होता है इसका मतलब कि सर हम हमारे मोबाइल में हमारे कंप्यूटर में जो भी नेट चला रहे हम सबके पास कौन सा आईपी एड्रेस है हम सबके पास है डायनामिक आईपी एड्रेस अब यह बात हम क्या चेक कर सकते हैं क्या य चीज कंफर्म कर सकते तो एक छोटा सा एक्सपेरिमेंट करते हैं इसके लिए हम क्या करेंगे सर हम सब अपने अपने सिस्टम से अपने ब्राउजर पर जाएंगे एक्सपेरिमेंट आप सभी को ट्राई करना और मुझे कमेंट सेक्शन में बताना है कि क्या आपके पास स्टैटिक आईपी एड्रेस था या डायनेमिक था एक्सपेरिमेंट क्या है मैं बता देता हूं आप सब लोग अपने अपने मोबाइल से ब्राउजर पर जाएंगे और वहां पर जाकर लिखेंगे व्ट्स माय आईपी माय आईपी स्पेस v4 आपको ये लिख के एंटर प्रेस करना है जो सबसे पहला एड्रेस आपके पास आया आप वहां पे क्लिक कर देंगे क्लिक करते ही आपके पास आप देख सकते हो कि आपका जो आईपी v4 एड्रेस है वो आपको दिखा रहा है इस एड्रेस को हम क्या करेंगे कॉपी करके कहीं पे नोट कर लेंगे कहीं पे सेव कर लेंगे ये टास्क आपको करना है क्या करना है वच माय आईपी की वेबसाइट पे जाना है अभी आपके पास जो आईपी एड्रेस है आपको उसको देखना है और अपने किसी भी टैब में रख लेना है या फिर इसके जो लास्ट के नंबर है जैसे 2 33 और 2 3 5 इसको याद रखना है एक चीज का ध्यान रखना है जितने भी लोग मोबाइल से इस ब्राउजर प आए हैं वह अपने मोबाइल डाटा से ही ब्राउजर को एक्सेस करें यानी सिम के नेट से ही ब्राउजर को एक्सेस करें किसी हॉटस्पॉट या वाईफाई से ना जुड़े हुए हो आपको बस इतना ही ध्यान रखना है मोबाइल में जो मोबाइल का पर्सनल नेट होता है सिम के जरिए जो हम चलाते हैं वो एक्टिव हो आप वेबसाइट प जाओ उसे रिफ्रेश करो देखो आपका आईपी एड्रेस क्या है उसे कहीं पे नोट कर लो यह करने के बाद क्या करना है कि सर हम सभी के मोबाइल्स में एयरप्लेन मोड होता है सबने देखा होगा तो मोबाइल को जो उसका नेविगेशन बार होता है उसे स्क्रॉल डाउन करेंगे ए प्लेन मोड को एक्टिवेट कर देंगे जिसका मतलब है कि वोह मेरे कंप्लीट नेटवर्क को बंद कर देगा यानी अब मैं आईपी एड्रेस को यूज़ नहीं ले रहा हूं और अगर ऐसा है तो ऐसे केस में आईपी एड्रेस चेंज हो जाना चाहिए अगर मैं पास डायनेमिक आईपी एड्रेस है तो तो हम कुछ देर के लिए आईपी एड्रेस को बंद रखेंगे यानी हम एयरप्लेन मोड को ऑन रखेंगे और अब हम एयरप्लेन मोड को ऑफ कर देंगे जिसका मतलब हमारा सिस्टम फिर से स्टार्ट हो जाएगा हमारा सिस्टम का नेटवर्क फिर से स्टार्ट हो जाएगा अब आपको करना बस इतना है कि आप जिस वेबसाइट प थे उसको रिफ्रेश करना है उसे रीलोड करना है और देखना है कि क्या आपका आईपी एड्रेस चेंज हुआ या नहीं हुआ अगर आपका आईपी एड्रेस चेंज हो चुका है इसका मतलब आपके पास डायनेमिक आईपी एड्रेस है मैंने अभी ऐसा क्यों नहीं किया बिकॉज मैं अभी किसी राउटर से हॉटस्पॉट से जुड़ा हुआ हूं अगर मोबाइल ने से जुड़ा होता तो मेरा भी आईपी एड्रेस चेंज हो चुका होता तो आई होप आप सभी को क्लियर होगा कि हम सबके पास आज तक डायनामिक आईपी एड्रेस था आगे भी रहेगा और इससे हमें कोई डिफिकल्टी नहीं होती ठीक है हम इजली नेटवर्किंग में बातचीत कर पाते हैं स्टैटिक आईपी क्या कहता है तो स्टैटिक आईपी एड्रेस का कहना है एक बार यहां पर फिर से डिफाइन कर देते हैं स्टैटिक को स्टैटिक का कहना यह है कि अगर एक बार किसी सिस्टम को मैंने कोई एड्रेस अलॉट कर दिया एग्जांपल के तौर पे 4.4.4 तो चाहे वो सिस्टम उस एड्रेस को यूज ले या ना ले वो एड्रेस उसी के पास रहेगा इसका मतलब इस यूजर को कुछ एक्स्ट्रा पे करके इस एड्रेस को खुद के लिए रजिस्टर करना पड़ेगा जो कि आज के टाइम पर सर्वर्स करते हैं आप अगर किसी भी वेबसाइट को देखो डब्लू कपटेक की वेब साइट भी किसी सिस्टम पर चल रही है है ना हर वेबसाइट एक सिस्टम प चल रही होती है तो इन सिस्टम का जो आईपी एड्रेस होता है वो फिक्स रहता है वो टाइम के साथ चेंज नहीं होता तो यह स्टैटिक एड्रेसस किसको दिया जा रहा है सर वो सिस्टम्स जिनको इसकी जरूरत है जो एक्स्ट्रा पे करके इन सर्विसेस को परचेस करते हैं यानी सर्वर्स को आई होप आप सभी को प्राइवेट पब्लिक स्टैटिक और डायनामिक ये चारों टाइप्स के आईपी एड्रेसस बहुत अच्छे से क्लियर होंगे अब खास बात यह है कि पब्लिक के अंदर भी स्टैटिक और डायनेमिक होता है प्राइवेट के अंदर भी स्टैटिक और डायनामिक होता है बस रेंज ही तो डिफरेंट है बाकी कांसेप्ट तो सेम है जिसको आईपी की जरूरत नहीं है चेंज होती जाएगी या फिर उसको फिक्स आईपी दे दी [संगीत] जाएगी मैक एड्रेस के बारे में काफी सारी चीजें आज हम समझने वाले हैं क्या-क्या देखेंगे तो सर देखेंगे सबसे पहले कि मैक एड्रेस होता क्या है फिर हम देखेंगे कि हम किस तरीके से चेक कर सकते हैं किस डिवाइस के पास क्या मैक एड्रेस है और यह देखने के लिए हम यूज लेंगे मैक लक अप नाम के एक प्लेटफॉर्म का इन शॉर्ट अगर मैं आपको समझाऊं तो स्टूडेंट्स हर वो डिवाइस जो नेटवर्किंग में कम्युनिकेशन में काम आता है उस हर हार्डवेयर डिवाइस को एक एड्रेस दिया जाता है जिसको हम मैक एड्रेस कहते हैं कैसा दिखता है इसका मतलब क्या है यह देखने के लिए हम चलते हैं हमारी नेक्स्ट स्लाइड पे तो यहां पे अगर आप देखें तो हमारे मैक का फुल फॉर्म है मीडिया एक्सेस कंट्रोल एड्रेस अब जैसा कि इसका नाम है डिवाइस को कंट्रोल करने का या आप कह सकते हो आइडेंटिफिकेशन जिसमें हमारे पास टोटल 1 2 3 4 5 एंड सिक्स यानी टोटल सिक्स पेयर्स हैं हर एक पेयर में हमारे पास यहां पे दो नंबर्स या अल्फाबेट्स के कॉमिनेशन हम कह सकते हैं देखने को मिल रहे हैं हमारे पास दो डिजिट्स है यहां पे हमारे पास जिसकी साइज जो है यानी एक पेयर की जो साइज है वो होती है 8 बिट्स यानी एक बाइट तो इसका मतलब हमारे टोटल मैक एड्रेस की साइज होगी 6 बाइट्स यानी 48 बिट्स अब यह जो एड्रेस है हमें स्टार्टिंग से ही पता पड़ चुका है यानी जब हमने आईपी एड्रेस देखा था लास्ट क्लास में तब हमें आईडिया लग गया था कि कोई भी एड्रेस ऐसे ही रैंडम एड्रेस नहीं होता है वह अपने साथ एक इंफॉर्मेशन लेके चलता है हर एक पेयर का एक मोटिव है है ना वह अपने साथ कुछ डिटेल लेके चल रहा है कुछ डाटा लेके चल रहा है तो उस हिसाब से तो मैक एड्रेस भी अपने साथ कुछ इंफॉर्मेशन लेके चल रहा होगा और वह इंफॉर्मेशन क्या होगी तो हम एक काम करेंगे मैक एड्रेस को दो पेयर्स में डिवाइड कर देते हैं पहला पेयर जो है उसमें तीन पेयर्स आ गए और यह हो गया हमारा दूसरा पेयर है ना यानी हमने तीन-तीन पेयर्स में मैक एड्रेसस को डिवाइड कर दिया यह जो हमारा पहला पेयर है जो तीन पेयर्स के कॉमिनेशन से बना है इस पर्टिकुलर पेयर को हम कहते हैं ऑर्गेनाइजेशनल यूनिट आइडेंटिफिकेशन लेके चलता है तो सर यह अपने साथ इंफॉर्मेशन लेके चलता है ऑर्गेनाइजेशन की या फिर आप कह सकते हो मैन्युफैक्चरर की इसका मतलब वो कंपनी जिसने हार्डवेयर डिवाइस बनाए हैं उस कंपनी का नाम यह तीन पेयर्स बता देते हैं यानी य मैक एड्रेस किस कंपनी को दे रखा था किस मैन्युफैक्चरर को दे रखा था वो हमें बता दी जाती है जिसको आप वेंडर भी कह सकते हो मैन्युफैक्चरर भी कह सकते या फिर कोई र्ग ना जशन भी कह सकते हो लेकिन सर हमारा जो सेकंड पेयर है वो अपने साथ क्या इंफॉर्मेशन लेके चल रहा होगा तो हमारा सेकंड पेयर हमारे साथ इंफॉर्मेशन लेके चलता है आप देख सकते हो एनसी लिखा हुआ है नेटवर्क इंटरफेस कंट्रोलर लिखा हुआ है जिसका मतलब और कुछ नहीं डिवाइस आईडी है यानी सर यह बताता है कि ये मैक एड्रेस असल में किस डिवाइस को डिफाइन कर रहा है डिवाइस को यूनिक आइडेंटिफिकेशन लिए आइडेंटिफिकेशन आईडी या ऑर्गेनाइजेशनल आईडी आप कह सकते हैं अब ये जो स्टार्टिंग के तीन पेयर्स हैं यानी हमारे पहले पेयर के अंदर जो ये तीन पेयर्स हैं ये ऐसे ही तो नहीं हो सकते रैंडम नंबर्स तो नहीं हो सकते ये भी अपने साथ कुछ इंफॉर्मेशन लेके चल रहे होंगे अब वो इंफॉर्मेशन क्या है तो जैसा हमने हमारे लास्ट वीडियोस में देखा है कि सर कभी भी आपको कोई भी यूनिक एड्रेस देखने को मिलता है नंबर्स के फॉर्म में किसी किसी भी फॉर्म में तो हमें पहले क्वेश्चन का आंसर ढूंढना पड़ेगा वो यह है कि इसका यूज कहां पे है ये किस रेंज में यूज हो रही थी हमें ये समझना पड़ेगा अब मैक का एड्रेस एक हार्डवेयर का एड्रेस है वो हार्डवेयर पूरे वर्ल्ड में यूज लिया जा सकता है तो हमें पता पड़ गया कि सर इसका जो यूज है वो पूरे के पूरे वर्ल्ड में है और वर्ल्ड को अब हमें कुछ कैटेगरी में डिवाइड करना है सबसे पहली अगर हम कैटेगरी देखें तो हमें कंट्री डिवाइड होगी इसका मतलब पहला पेयर अपने साथ ये इंफॉर्मेशन लेके चलेगा कि ये मैक एड्रेस कौन सी कंट्री का है एग्जांपल के तौर पे ये जो पहला पेयर है हमारा वो हमारी कंट्री इंडिया को अलॉट करा गया है तो इस हिसाब से सेकंड पेयर क्या इंफॉर्मेशन लेके चलेगा सर कंट्री की कुछ कैटेगरी ढूंढनी पड़ेगी जैसे कि स्टेट तो स्टेट पता पड़ गया कि सर राजस्थान को दे रखा होगा है ना सर थर्ड पेर नॉर्मली तो सिटी आना चाहिए जैसे हमने जब आईपी के बारे में देखा था तो सिटी प्लस आईएएसपी बता रहा था तो बस माइनर सा एक चेंज है यहां पे कि जो थर्ड पेयर है वो सिटी प्लस वेंडर का एड्रेस बताएगा इसका मतलब उस मैन्युफैक्चरर का है ना सिटी प्लस वेंडर डिटेल यानी वो यह बता देगा कि भाई राजस्थान के अंदर जयपुर सिटी में यह जो nokia1 पीयर्स के कॉमिनेशन में उन्होने उन हार्डवेयर्स को एड्रेस दिया होगा एक-एक आइडेंटिटी अलॉट करी गई होगी तो आई होप आप सभी को क्लियर हुआ होगा कि मैक एड्रेस अपने साथ क्या इंफॉर्मेशन लेके चलता है और इसी चीज को हम प्रैक्टिकली भी देखेंगे कि क्या रियलिटी में मैक एड्रेस ये तीन इंफॉर्मेशन लेके चल रहा है कि नहीं बट बिफोर दैट मैं आपको एक और चीज बताना चाहूंगा कि मैक एड्रेस किस हिसाब से बनता है यानी मैक एड्रेस जब क्रिएट करा जाता है तो किस बात का ध्यान रखा जाता है कि सर हमारा मैक एड्रेस बनाया जाता है रो से नाइन नंबर्स तक के कॉमिनेशन से एंड अल्फाबेट्स में बात करें तो a से f तक अगर 0 और नाइ और a से f के अलावा कोई भी लेटर या नंबर यूज़ हो रहा है लद रो से नाइन में तो कुछ बात नहीं आएगी क्योंकि सारे नंबर्स इसी रेंज के अंदर आएंगे लेकिन अगर ए से एफ अल्फाबेट के अलावा कोई भी अल्फाबेट यहां यूज होता है देन इस मैक एड्रेस को करेक्ट नहीं माना जाएगा तो उस हिसाब से क्या यह मैक एड्रेस करेक्ट लगता है आप सभी को यानी क्या ये मैक एड्रेस बिल्कुल सही है या इसमें कुछ गलती है अगर हम देखें तो सर पहला पेयर बिल्कुल सही है सेकंड भी सही है थर्ड भी सही है फोर्थ भी सही है फिफ्थ भी सही है लेकिन सिक्स्थ पेयर में सर गड़बड़ है कि यहां पे जो वी हमारा लेटर है उसका यूज़ ले रखा है और मैक एड्रेस कहता है कि वो ए से ए तक के कॉमिनेशन से ही बनाया जा सकता है आई होप आप सभी को मैक एड्रेस क्या है कैसा दिख रहा है और क्या इंफॉर्मेशन अपने साथ लेके चलता है ये क्लियर होगा अब सवाल ये है कि सर हर एक हार्डवेयर के पास ये मैक एड्रेस है तो कि क्या हम चेक कर सकते हैं कि किस हार्डवेयर को क्या मैक एड्रेस दे रखा है तो बिल्कुल करा जा सकता है अगर आप एक विज ऑपरेटिंग सिस्टम यूज देरहे हैं तो हम अपने कमांड प्रोमट सीएमडी में इस कमांड का यूज लेंगे गट मैक का अगर आप टर्मिनल यूज ले रहे हैं linux.com कर देता हूं ताकि आप सबको क्लियर विज हो तो यहां पर हमने गेट मैक लिख के जूम कर दिया अब मैं एंटर प्रेस करूंगा तो आप देखोगे मेरे पास जितने भी हार्डवेयर डिवाइस है सबके मैक एड्रेसस मुझे यहां पर शो कर देगा तो यह रहे सबके मैक एड्रेस अब सर क्या यह मैक एड्रेस अपने साथ कुछ इंफॉर्मेशन लेके चल रहा है क्या यह मुझे कुछ खास डाटा या डिटेल देगा तो हम क्या करते हैं इसको कॉपी कर लेते हैं तो हमने यहां पर ऐसे इस एड्रेस को कॉपी किया और अगर आपके सामने कभी भी कोई भी मैक एड्रेस आए तो आप उस मैक एड्रेस से उस डिवाइस की कुछ इंफॉर्मेशन कलेक्ट कर सकते हैं जो आपके काम आएगी कैसे करेंगे तो सर उसके लिए हम जाएंगे हमारे ब्राउजर पे एंड ब्राउजर पे जाके हम यहां पे लिखेंगे मैक ल अप मैक ल अप लिखते ही जैसे आप एंटर प्रेस करेंगे तो आपके सामने डिफरेंट डिफरेंट वेबसाइट आ जाएगी मैं यहां पे तीनों वेबसाइट्स को ओपन कर देता हूं फर्स्ट थ्री वेबसाइट्स को मैंने डीएनए चेकर को ओपन करा मैक वेंडर्स को ओपन करा और एक यूआरएल को छोड़ने के बाद macup101 और कितनी इंफॉर्मेशन देगा तो हमने सर्च पर क्लिक करा आप देख सकते हैं इसके स्टार्टिंग के तीन पेस के हिसाब से इसने इंफॉर्मेशन निकाली इसने हमें बताया कि आपका वेंडर देगा पेस्ट एंड एंटर तो इसने पहले से ज्यादा इंफॉर्मेशन दी और ज्यादा अच्छे से दी इसने मैं वेंडर का नाम बताया एड्रेस बताया ठीक है और उसके अलावा उसकी लोकेशन भी यहां पर मार्क करके बता दी जितनी डिटेल इसके पास थी वह बता दिया इनिशियल रजिस्ट्रेशन इस डिवाइस का कब हुआ था वह भी बता दिया इतनी डिटेल हमें केवल वेबसाइट के जरिए मिल गई एक मैक एड्रेस [संगीत] की हम देखने वाले हैं पोट्स इन नेटवर्किंग यानी हम ये समझने वाले हैं कि इस नेटवर्किंग के पूरे कांसेप्ट में जहां पे अभी तक हमने देखा आईपी क्या है टाइप्स ऑफ नेटवर्क्स क्या होते हैं मैक एड्रेस क्या होता है वहां अब हम समझने वाले हैं कि पोच असल में है क्या और इसका यूज क्या है मतलब क्यों हमारे लिए काम किए तो स्टूडेंट्स अब इस पूरे कंसेप्ट को समझने के लिए हम देखेंगे सबसे पहले व्हाट इज पोट देन देखेंगे काम कैसे करती है देन देखेंगे हमारे पास कितने टाइप्स होते हैं पोट्स के अंदर और फिर देखेंगे कुछ डिफॉल्ट पोर्ट्स और उनकी सर्विसेस तो बिना देरी करते हुए बढ़ते हैं पहले टॉपिक की तरफ जो कि है व्हाट इज पोर्ट असल में है क्या तो उसको इजस्ट तरीके से समझने के लिए पहले इसके जो पॉइंट्स है उनको देख लेते हैं जैसे कि यहां पर सर लिखा है पाथ और लिखा है कम्युनिकेशन देन लिखा है ओनली ऑन ओपन पोर्ट्स एक नंबर लिखा है जो कि वन से है 65535 तक का और उसके बाद लिखा हुआ है वन पोर्ट एट अ टाइम अभी हमसे कहना क्या चाह रहा है तो स्टूडेंट्स यह हमें पता है कि अगर नेटवर्किंग में एक सिस्टम को दूसरे सिस्टम से बातचीत करनी है यानी कम्युनिकेशन करना है तो दोनों के पास एड्रेस होना जरूरी है और वो एड्रेस कौन सा होता है सर वो एड्रेस होता है आईपी एड्रेस करेक्ट तो यहां पर हम मान लेते हैं हमारे पास आईपी एड्रेस है 4.4.4 और इसके पास भी एक आईपी एड्रेस होगा मान लेते हैं 1.11.1 अब दोनों को आपस में कम्युनिकेशन करना यानी बातचीत करनी है डेटा शेयरिंग करनी है दोनों के पास अपने अपने एड्रेस है लेकिन सवाल यह है कि जब सिस्टम ए सिस्टम बी को कोई पैकेट भेजेगा तो किसी ना किसी रास्ते के जरिए तो भेजेगा यानी अगर हम दो घरों का एग्जांपल ले यहां पे तो हमारे पास यूजर ए है और यूजर बी है एंड आई होप आप सभी ने बचपन में कार्टूंस देखेंगे और शायद आप लोग रिमाइंड कर पाए याद कर पाए रिकॉल कर पाए कि यह घर किसके हैं तो यहां पे यह शिजुका और नोबिता का घर है अब इसको हम रिनेम कर देते हैं हम एक काम करते हैं शिजुका को नोबिता से कम्युनिकेशन करना है बातचीत करनी है या फिर कोई बुक या फिर कोई डिश जो उसने बनाई है वह सेंड करनी है शेयर करनी है है ना तो अब यहां पे क्या होगा कि सर दोनों के पास एक-एक एड्रेस होगा दोनों के घर का एकएक एड्रेस होगा है ना लेकिन जब शिजुका नोबिता को कोई भी चीज कुरियर करेगी एग्जांपल के तौर पर कोई बुक कुरियर कर रही है तो ये बुक को यहां तक पहुंचने के लिए क्या एक ही रास्ता मिलेगा क्या एक जगह से दूसरी जगह एक सोच से दूसरे डेस्टिनेशन पे जाने का एक ही रास्ता होता है अगर आप भी आज डब्ल्यू एस क्यूब टेक आना चाहे या मेरे घर आना चाहे तो क्या उसका एक ही रास्ता है ऐसा तो पॉसिबल नहीं है सर बहुत सारे रास्ते होंगे इसका मतलब एक सोर्स से डेस्टिनेशन पर जाने के काफी सारे रास्ते हो सकते हैं और इन रास्तों को नेटवर्किंग में हम पोट्स कहते हैं यानी सर जिस रास्ते के जरिए डाटा सेंड करा जा रहा है रिसीव करा जा रहा है उस रास्ते को नेटवर्किंग में पोर्ट कहा जाता है तो पोर्ट का मतलब और कुछ नहीं सर वो रस्ते हैं जिसके जरिए डेटा शेयरिंग हो रहा है तो अब यहां पे हमें यह तो समझ आया कि पोट्स क्या है और इसके जरिए डेटा शेयरिंग हो रही है इन पोट्स के रूल्स को हमें समझना पड़ेगा ताकि हमें अच्छे से पता पड़ जाए कि काम कैसे करते हैं जैसे आईपी के हमने रूल्स को देखा तो हमें आईपी के बारे में काफी चीजें क्लियर हो गई वैसे ही पोस्ट के भी खुद के कुछ रूल्स है क्या-क्या रूल्स है देखते हैं सबसे पहला पार्ट यह है कि सर एक एग्जांपल लेते हैं कि शिजुका ने जो बुक कूरियर करी वो मान लेते हैं डीटीडीसी कंपनी के जरिए कूरियर करी तो डीटीडीसी कंपनी क्या कर रही है एक सर्विस प्रोवाइड कर रही है तो इस कंपनी ने या आप कह सकते हो सॉफ्टवेयर ने क्या करा कि इस बुक को लिया इस कंपनी ने इस बुक को लिया और यहां से नोबिता के घर तक पहुंच गए अब नोबिता के घर तक जाने के चार रास्ते हैं फिलहाल यहां पे गली नंबर वन गली नंबर टू गली नंबर थ्री एंड गली नंबर फोर तो यह जो कंपनी थी यह कौन सी गली पे वेट कर रही है कौन से रास्ते पे वेट कर ही है कौन से रास्ते पे पैकेट लेके पहुंची है सर गली नंबर फोर पे अब कैसा हो अगर नोबिता जो है वह गली नंबर वन पे वेट कर रहा हो और नोबिता से कम्युनिकेट करने का कोई दूसरा साधन नहीं है कोई मोबाइल या मैसेज करके नहीं बता बताया जा सकता कि हम गली नंबर फोर पे वेट करें तो उस केस में क्या होगा यानी अगर आपके घर पे कोई कूरियर आया है और जिस जगह पे कूरियर बॉय खड़ा है आपको नहीं पता कि कुरियर बॉय कहां है और आप उस कुरियर बॉय तक नहीं पहुंच पा रहे तो उस केस में क्या होगा सर अगर हम कुछ देर तक कुरियर बॉय के पास नहीं पहुंचते हैं तो वो कूरियर वापस रिटर्न हो जाएगा या फिर वो अपने ऑफिस में ले जाकर उसको रख दिया जाएगा बेसिकली हम तक तो वो कुरियर नहीं पहुंचेगा तो वही चीज यहां पे होगी पोर्ट का एक रूल है पोर्ट कह रहा है कि सर जिस रास्ते पे हमने पैकेज सेंड करा है जिस रास्ते पे बातचीत करने के लिए हमने पैकेज सेंड करा है वहां पर एक रिसीवर होना जरूरी है ओबवियस सी बात है अगर रिसीवर नहीं होगा तो पैकेट रिसीव कौन करेगा इसका मतलब उस रास्ते का ओपन होना जरूरी है वहां पर एक पर्सन होना जरूरी है जो उस पैकेट को रिसीव कर सके और अगर ऐसा नहीं होगा तो आप का पैकेट आप तक नहीं पहुंचेगा यही चीज हमें पोर्ट ने समझाई तो यह था इसका पहला रूल पहला रूल क्या कह रहा है कि सर जिस रास्ते पर पैकेट भेजा है वहां पे एक रिसीवर होना जरूरी है यानी उस पोर्ट का ओपन होना जरूरी है कि उस पैकेट को कोई एक्सेप्ट करे यह पहला रूल था अब दूसरा रूल क्या कहता है सर जैसा आप देख सकते हैं हमने जो गलियां बनाई है जो रास्ते बनाए हैं यह बहुत पतले बनाए हैं है ना मतलब बहुत बड़ी सड़क नहीं है ये बहुत पतले रास्ते हैं तो एक रूल यह भी है कि मान लेते हैं यानी इस रास्ते से जो पैकेज सेंड हो रहा था वो डीटीडीसी सेंड कर रहा था यानी इस रास्ते को कौन यूज ले रहा है फिलहाल डीटीडीसी यूज ले रहा है पैकेट भेजने के लिए है ना तो अगर इस रास्ते को कोई एक सॉफ्टवेयर यूज ले रहा है तो पोर्ट का रूल ये कहता है कि एक रास्ते को एक बार में केवल एक ही पर्सन यूज ले सकता है यानी जब तक डीटीडीसी गली नंबर फोर को यूज ले रहा है तब तक कोई दूसरा यूजर इस रास्ते को यूज नहीं ले सकता यह रास्ता फिलहाल इन यूज है और कोई भी दूसरा सॉफ्टवेयर या कोई भी दूसरा पर्सन इस रास्ते को यूज नहीं ले पाएगा ये पोर्ट का दूसरा रूल है कि एक रास्ते को एक बार में एक ही जना यूज लेगा हां लेकिन अगर इसका काम कंप्लीट हो जाए और इस रास्ते को अब यूज नहीं ले रहा है तो कोई भी दूसरा सॉफ्टवेयर यानी कोई भी दूसरा पर्सन इस रास्ते को यूज ले सकता है ये हमारे पोर्ट का दूसरा रूल है नेटवर्किंग के अंदर ऑल दो रियल वर्ल्ड एग्जांपल्स में हमारे साथ ऐसा रेयरली होता है मतलब इतनी पतनी गलियां रेयरली होती है बट फिर भी ऐसा हो सकता है कि कोई गली है और वहां से सामने से कोई ट्रक आ रहा है आपके पास रास्ता नहीं है आसपास से जाने का तो आपको उस रास्ते से हटना पड़ेगा यानी उस रास्ते को कोई दूसरा पर्सन यूज नहीं ले सकता जब तक वह ट्रक उस रास्ते पे है जब वह ट्रक अपना उस रास्ते को यूज़ ले लेगा उसका काम कंप्लीट हो जाएगा तो उस रास्ते पे कोई भी आ सकता है आई होप आपको पोर्ट के दोनों रूल क्लियर हो गए होंगे अब सवाल यह है कि सर नेटवर्किंग में बात करने के लिए हमारे पास रास्ते हैं कितने क्या केवल चार रास्ते हैं नहीं नेटवर्किंग में कम्युनिकेशन करने के लिए हमारे पास वन से 65535 65535 रस्ते हैं इनके जरिए हम सारा कम्युनिकेशन यानी बातचीत परफॉर्म कर सकते हैं आई होप सभी को यह बहुत अच्छे से क्लियर हो गया होगा एक बार हम रिकॉल कर लेते हैं पॉइंट्स के जरिए तो पोज कुछ नहीं है पाथ है यानी रास्ता है जिसके जरिए कम्युनिकेशन करा जा सकता है ठीक है कोर्ट के कुछ रूल है कि एक बार में एक पोर्ट को एक ही परसन यूज़ लेगा और पोर्ट के जरिए जिस पर कम्युनिकेशन करा जा रहा है वो पोर्ट का ओपन होना जरूरी है यानी वहां पे रिसीवर होना जरूरी है तो दोनों रूल्स हो गए नंबर ऑफ पोर्ट्स है हमारे पास 65535 आई होप आप सभी को पोर्ट्स का कंसेप्ट क्या कहता है क्लियर हो गया होगा कि सर पैकेज सेंड करने के लिए हमारे पास एक रिसीवर होना जरूरी है और हमारे पास 65535 रास्ते हैं जिसके जरिए हम कम्युनिकेशन कर सकते हैं प्लस एक बार अगर एक रास्ते को कोई यूज ले ले तो दूसरा पर्सन उसे यूज नहीं ले सकता अब क्योंकि हमें ये सारे पॉइंट्स क्लियर है तो हम एक काम करते हैं एक छोटा सा टेस्ट ले लेते हैं इसको रिकॉल कर लेते हैं यहां पे हमारे पास एक रियल सिस्टम है जिसके पास उसका एक आईपी एड्रेस होगा एग्जांपल के तौर पर 4.4.4 ये इसका आईपी एड्रेस है एग्जांपल के तौर पर हमने माना है और हमारे पास एक और है सिस्टम बी जिसका आईपी एड्रेस है 1.1 1.1 अब सिस्टम ए को सिस्टम बी से बात करनी है कम्युनिकेशन करना लेकिन यह ओबवियस है कि वह बातचीत किसी ना किसी सॉफ्टवेयर के जरिए होगी करेक्ट तो यहां पे क्या हुआ कि सर हमने जूम सॉफ्टवेयर को स्टार्ट करा अब जूम सॉफ्टवेयर मेरे सिस्टम से बाहर पैकेट भेजेगा मुझे अभी तक इतना पता पड़ा है कि सिस्टम के पास बात करने के लिए टोटल 65535 रास्ते हैं किसी भी रास्ते के जरिए हम पैकेज सेंड कर सकते हैं कम्युनिकेशन कर सकते हैं तो जब हमने जूम को स्टार्ट करा तो जम ने बोला कि मैं तो पोर्ट नंबर 080 के जरिए बातचीत करूंगा तो यहां पे हमारी जो पोर्ट 080 थी उसके जरिए जूम ने एक पैकेज सेंड करा गली नंबर बी को कौन से पोर्ट पे करा सर 8080 पे ही करा अब मेरा क्वेश्चन आप सभी से यह है कि कि हम इस यूजर को यानी सिस्टम बी को जिसका आईपी 1.11.1 है उसे कैसे बताएं कि उसकी पोर्ट 8080 प हमने एक पैकेज सेंड करा है क्योंकि पोर्ट का पहला रूल आप सभी को याद होगा जिस सस्ते प पैकेट भेजा है वहां पर एक रिसीवर होना जरूरी है तो अब ये जो यूजर बी है ये पोर्ट 8080 पर डाटा रिसीव करेगा कैसे 65535 पोर्ट्स में से इसको कैसे पता पड़ेगा कि हमने कौन से रास्ते प पैकेट सेंड करा है क्या सर इसके लिए हम एक और पैकेट भेजेंगे ताकि उसको अवेयर कर सके कि हम किस पोर्ट प पैकेट भेजने वाले हैं तो अगेन ये क्वेश्चन होगा कि अगर आपने कोई भी पैकेट भेजा तो आप किसी रास्ते प भेजोगे आप जिस भी रास्ते प भेजोगे आप यूजर भी को बताओगे कैसे कि उस रास्ते प एक पैकेट आया है यानी वो उस रास्ते को ओपन करके वहां पर लिसनिंग क्यों ऑन रखेगा या फिर एक रिसीवर क्यों बैठाए तो सर ये तो पॉसिबल नहीं होगा इस चीज को सॉल्व कैसे करा जाए हम यूजर को नहीं बता सकते कि हमने किस रास्ते पे पैकेट भेजा है कम्युनिकेशन के लिए और ये जो प्रॉब्लम है इसको सॉल्व करने के लिए जूम सॉफ्टवेयर क्या कह रहे है कि हम इसी रास्ते पे बात करेंगे तो जब हमने हमारे जूम को स्टार्ट करा और इसने अपने जूम को स्टार्ट करा तो दोनों ही 8080 पे ही कम्युनिकेशन कर रहे हैं तो हमें उसे नहीं बताना पड़ेगा कि कौन सी पोर्ट पे रिसीविंग करनी है क्योंकि उसे पता है इसी पोर्ट पे रिसीविंग करनी है तो इस तरीके से हमारा कम्युनिकेशन अच्छे से हो पाया पहला रूल जो था इस तरीके से सॉल्व हो पाया आई होप सभी को क्लियर हो गया होगा अब बात आती है दूसरे रूल की यानी सर अगर हम यहां पे मान लेते हैं और पोर्ट 8080 का ही कॉन्फिन दे रखा है क्योंकि डेवलपर्स ऐसे आपस में बात करके तो सॉफ्टवेयर बनाएंगे नहीं है ना तो अब यहां पे अगर ऐसा हो एक कोइंसिडेंस ऐसा आ जाए कि पैकेट भेजेंगे हमें उसे भी कॉन्फ़िगर करना पड़ेगा कि भाई आपको भी पोर्ट 8181 पे सुनना पड़ेगा अगर स्प से बात करनी है तो यानी जो भी पोर्ट हम चेंज करेंगे वहां भी कॉन्फिडे गी तो नॉर्मली हम यही प्रेफर करते हैं कि सर पहला सॉफ्टवेयर जो है वो अपना टास्क कंप्लीट कर दे फिर हम दूसरे सॉफ्टवेयर को स्टार्ट करें जो हमारे प्रायरिटीज है उसके हिसाब से हम सॉफ्टवेयर को यूज लेते हैं आई होप स्टूडेंट्स आप सभी को पोस्ट के बारे में अभी तक जो भी हमने समझा वो क्लियर होगा बात करते हैं टाइप्स ऑफ पोल्स की कि हमारे पास कितने टाइप्स हैं पोस के सबसे पहला देखा जाए तो वेल नोन पोस ये बेसिकली कैटेगरी डिवाइड कर रखी है कुछ ज्यादा डिफरेंस नहीं है हमारे पास 65535 पोस्ट थी उनके काम के हिसाब से उनके यूज के हिसाब से उनको अलग-अलग कैटेगरी दे दी गई है जैसे कि 0 से लेकर 1023 तक की जो पोस्ट्स हैं उन्हें वेल नोन पोस्ट क्यों कहा जाता है क्योंकि सर ये वो पोस्ट है जो बहुत ही कॉमन है कॉमन से मेरा मतलब है ये पोस्ट वो पोस्ट है जो सबसे ज्यादा यूज़ हो रही होती है ज्यादातर यूज़ हो रही होती है एग्जांपल के तौर पर अगर मैं आप लोगों से पूछूं कि एचटीटीपी सर्विस जो है वो कौन सी पोर्ट पर वर्क करती है तो आप में से काफी लोगों को पता होगा कि सर बाय डिफॉल्ट ये पोर्ट नंबर 80 पे काम करती है अब आपको ये क्यों पता है क्योंकि ये सर्विस बहुत कॉमन है बहुत ज्यादा यूज़ होती है और बाय डिफॉल इस रास्ते को यूज़ लेती है तो ऐसे ही वो सॉफ्टवेयर जो ज्यादातर हम लोग यूज़ लेते हैं चाहे एचटीटीपी हो एचटीटीपीएस हो एफटीपी हो एसएमटीपी हो इनमें से कुछ के बारे में आपको पता होगा कुछ के बारे में नहीं वो कॉमन सॉफ्टवेयर जो हम ज्यादा यूज़ लेते हैं वो बाय डिफॉल्ट इन्हीं पोस्ट को यूज़ ले रहे होते हैं तो इनको वेल नोन पोस्ट कहा जाता है कि भाई ये बहुत कॉमन पोस्ट है सबको पता है कि कौन-कौन से सॉफ्टवेयर इन पोस्ट को यूज़ ले रहे हैं हमारे लिए क्यों काम किया क्योंकि सर जब भी एक साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट एक एथिकल हैकर या ब्लैक हैट हैकर कोई सॉफ्टवेयर बनाता है तो वो यह ध्यान रखता है कि उस सॉफ्टवेयर को ऐसी पोर्ट ना दी जाए बिकॉज़ अगर उसने इनमें से कोई भी एक पोर्ट दी मान लेते हैं हमने हमारे सॉफ्टवेयर को पोर्ट 80 दी और सॉफ्टवेयर गया विक्टिम सिस्टम में ताकि उस विक्टिम सिस्टम को कंट्रोल कर सके तो जब ये सॉफ्टवेयर विक्टिम सिस्टम में जाके रन होगा तो उसको एरर आ सकती है कि सर पोर्ट 80 तो ऑलरेडी एसटीटीपी यूज ले रहा है आप यूज नहीं ले सकते तो सॉफ्टवेयर का सारा काम खराब हो जाएगा तो ऐसे केसेस हम ये डिफाइन करते हैं कि सर हम जो सॉफ्टवेयर यूज़ दे रहे हैं उसकी पोर्ट इतनी यूनिक तो हो कि पहले से इन यूज़ ना आए क्योंकि पोर्ट का रूल कह रहा है एक बार में एक रस्ते को एक ही जनह यूज़ लेगा तो हमें थोड़ी यूनिकनेक्ट पोस्ट अलॉट करते हैं वो पोस्ट जो हम लोग यूज़ ले सकते हैं रजिस्टर्ड का मतलब ये नहीं है कि फिक्स हो चुकी है कि यही पर्सन इससे यूज़ लेगा तो इसका मतलब ये नहीं है कि ये पोस्ट ऑलरेडी किसी ने रख लिए इसका मतलब यह है कि आप लोग अपने टास्क के लिए इन पोस्ट को यूज़ ले सकते हैं तो हम लोग प्रेफर करते हैं कभी भी कोई टूल बनाएं कोई भी ऐसी सर्विस बनाए या ओपन करें तो ऐसी ही पोर्ट यूज ले जो ऑलरेडी यूज़ ना हो ताकि हम एरर से बच सके उसके अलावा डायनेमिक पोस्ट है जो रैंडम यूज़ होता रहता है हम लोग इन्हें कम प्रेफर करते हैं इन डायनेमिक पोस्ट को नॉर्मली टेस्टिंग्स में ज्यादातर यूज़ लिया जाता है तो हम कम प्रेफर करते हैं कि इनमें से किसी पोर्ट को हम लोग यूज़ ले आई होप आप सभी को यह क्लियर हो गया होगा कि पोस्ट की कैटेगरी क्या है और हमारे लिए किस तरीके से काम आ रही है एक बार इस चीज को और अच्छे से क्लियर करने के लिए हमने यहां पे कुछ डिफॉल्ट पोस्ट और उनकी सर्विसेस बता रखी है यानी कौन सी पोर्ट को बाय डिफॉल्ट कौन यूज़ लेता है इससे आपको और अच्छी चीजें आईडिया लग जाएगा तो यहां पे अगर आप देखें तो पोर्ट 20 को कौन यूज ले रहा है सर एफटीपी यूज ले रहा है 21 को कौन यूज ले रहा है एफटीपी कंट्रोल 22 को एसएसए 25 को एसएमटीपी देन डीएनएस देन एटीटीपी यूज ले रहा है पट 80 को और इसी तरीके से 110 को पीओ 3 यूज ले रहा है और एसएसएल यानी एटीटीपी एस जो आप देखते हो वो एचटीटीपीएस कौन सी बोर्ड को यूज ले रहा होता है [संगीत] 443 तो अभी तक हमने आईपी पोर्ट्स मैक एड्रेस या हमारे टाइप ऑफ नेट नेटवर्क्स के बारे में काफी सारी चीजें समझी अब हम देखने वाले हैं कि हमारे पास नेटवर्किंग में प्रोटोकॉल्स क्या रोल प्ले कर रहे हैं इनकी क्या जरूरत है तो इसके लिए हम क्या-क्या समझेंगे सबसे पहले हम देखेंगे प्रोटोकॉल्स होते क्या है नेटवर्किंग प्रोटोकॉल्स है क्या असल में देन हम देखेंगे हमारे पास कितने टाइप्स के प्रोटोकॉल्स हैं और उसके अंदर हम देखेंगे टीसीपी जो कि एक बहुत ही इंपोर्टेंट प्रोटोकॉल है वो कैसे काम करता है और फिर हम देखेंगे टीसीपी वर्सेस यूडीपी तो बिना देरी करते हुए स्टूडेंट स्टार्ट करते हैं और समझते हैं कि जिस तरीके से हमने लास्ट एग्जांपल लिया था कि दो सिस्ट अगर आपस में बातचीत करना चाहते हैं या फिर एक घर से अगर दूसरे घर में हम कुछ सेंड करना चाहते हैं कुछ कूरियर करना चाहते हैं तो पहले तो दोनों के पास एक एक एड्रेस होना चाहिए अब मान लेते हैं कि घर ना हो के अगर कोई सिस्टम होते तो इनके पास एड्रेस आईपी एड्रेस होता जैसे 4 4.4.4 और इस सिस्टम के पास होता है आईपी एड्रेस 1.11.1 अब यहां पे अगर एक जगह से दूसरी जगह पर हमें कुछ कूरियर करना है तो उसके लिए हम रस्तों का यूज लेते हैं और रस्तों का मतलब है पोट आप सभी को आईडिया होगा कि हमारे पास नेटवर्किंग में 65535 पोर्ट्स हैं बात करने के लिए लेकिन सवाल ये है कि जब हम एक रास्ते पे कोई भी चीज कूरियर कर रहे हैं या फिर अगर आज मैं अपने घर से मेरे ऑफिस जाना चाहूं या ऑफिस में कोई सामान लेकर जाना चाहूं तो जब मैं सोर्स टू डेस्टिनेशन यानी एक जगह से दूसरी जगह जा रहा हूं तो जिस रास्ते पे मैं ट्रेवल करता हूं मैं वहां के रूल्स और रेगुलेशंस डेफिनेटली फॉलो करता हूं अगर नहीं करूंगा तो क्या होगा तो सर उससे हमें नुकसान हो सकता है यानी अगर हम एक रस्ते से जा रहे हैं और हमने यहां पे जो ट्रैफिक रूल्स की भी अगर हम बात करें फॉलो ना करें जैसे कि रेड लाइट पे हम नहीं रुके या हमने सीट बेल्ट नहीं लगाया या हमने हेलमेट नहीं पहना ऐसे कोई भी अगर हम रूल्स को फॉलो नहीं करते तो इससे हमें नुकसान हो सकता है हो सकता है कि सर यहां पे अगर गलती से कोई एक्सीडेंट हो गया तो हम आगे ना पहुंच सके तो इसका मतलब रूल्स और रेगुलेशंस को अगर हम फॉलो करेंगे तो हम जो है सेफली अपनी डेस्टिनेशन तक पहुंच सकेंगे और सेम नेटवर्किंग में भी अप्लाई होता है नेटवर्किंग कह रही है कि सर अगर आप एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में कोई पैकेज सेंड कर रहे रहे हो बात करने के लिए तो अगर वो पैकेट रूल्स और रेगुलेशंस अच्छे से फॉलो करेगा तो वो सेफ्टी और सिक्योरिटी के साथ सामने वाले सिस्टम तक पहुंच पाएगा यानी कम्युनिकेशन कर पाएगा लेकिन सर अगर आपने सेफ्टी और सिक्योरिटी का ध्यान नहीं रखा तो हो सकता है पैकेट ड्रॉप हो जाएगा हो सकता है पैकेट वापस चला जाएगा या खराब हो जाए करप्ट हो जाए या फिर कोई ब्लैक हैड हैकर उस पैकेट को रीड कर ले उसे बीच में एक्सेस कर ले तो हमें रूल्स रेगुलेशंस को फॉलो करना पड़ता है और इन्हीं रूल्स रेगुलेशंस को हम प्रोटोकॉल्स कहते हैं तो यहां पे डेफिनेशंस के जरिए समझने की कोशिश करते हैं कुछ पॉइंट्स के जरिए प्रोटोकॉल को समझने की कोशिश करते हैं सबसे पहला पॉइंटर बोल रहा है सर ये सेट ऑफ रूल्स है अगर मैं बात करूं स्कूल कॉलेजेस की तो आपने वर्ड सुना होगा प्रोटोकॉल्स है ना स्कूल के प्रोटोकॉल्स है कॉलेज के प्रोटोकॉल्स हैं लॉ की कुछ प्रोटोकॉल्स हैं हमें उन्हें फॉलो करना होता है तो यहां पे प्रोटोकॉल्स का मतलब सेट ऑफ रूल्स है और नेटवर्किंग में ये हमें बता रहे हैं कि डाटा किस तरीके से ट्रांसमिट करा जाएगा यानी डाटा का जो ट्रांजैक्शंस है चाहे रिसीव हो रहा हो चाहे सेंड हो रहा हो वो किस तरीके से होगा और इसकी मदद से हमारा जो जो डिवाइस कम्युनिकेशन है वो और भी अच्छा हो पाता है यह हमारे प्रोटोकॉल्स का मतलब है यानी कुछ सेट ऑफ रूल्स जिसकी मदद से हम अच्छे से कम्युनिकेशन कर सकते हैं यानी हम बताते हैं कि पैकेट किस तरीके से सेंड या रिसीव करे जाएंगे आई होप आप सभी को क्लियर हो गया होगा कि प्रोटोकॉल असल में है क्या अब सर यहां पे हमने क्या करा हमारा जो टीसीपीआईपी मॉडल होता है क्या होता है उसको और भी डिटेल में आगे चलके जरूर समझेंगे बट फिलहाल हमने यहां पे हमारा जो ओएआई मॉडल का एक अपडेटेड वर्जन है टीसीपीआईपी मॉडल उसको रखा है और उसके आगे या उसके अंदर यूज होने वाले हम ने सारे प्रोटोकॉल्स जो है वो मेंशन कर दिए हैं ऐसा हमने इसीलिए कराया ताकि आप कुछ प्रोटोकॉल्स के नाम से केवल और केवल फैमिलियर हो सके अभी आपको इसको पूरा नहीं समझना है धीरे-धीरे आगे की वीडियोस में आगे के हमारे सेशंस में आप लोग अच्छे से समझ जाएंगे फिलहाल अगर हम यहां पे देखें तो एप्लीकेशन लेयर जो है वहां पे हमारे पास टेलनेट एसएमटीपी पीओपी 3 एफटीपी एनटीपी एसटीटीपी जो आपने डेफिनेटली सुना होगा एसएनएमपी डीएनएस और एसएसए जैसे प्रोटोकॉल्स यूज होते हैं ये सब प्रोटोकॉल्स हैं सब अपना-अपना एक रोल प्ले कर रहे हैं कुछ रूल्स रेगुलेशंस के जरिए डाटा को सेफ्टी और सिक्योरिटी के साथ ट्रांसफर करने के लिए देन हमारे पास है ट्रांसपोर्ट लेयर ट्रांसपोर्ट लेयर में सर टीसीपी और यूडीपी एक बात आप सभी को बता दूं कि ये दोनों प्रोटोकॉल्स जो हैं वो कोर कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल्स माने जाते हैं कोर कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल का मतलब है कि किसी भी सिस्टम को अगर किसी भी सिस्टम से बात करनी है कोई भी दो सिस्टम्स को आपस में कम्युनिकेट करना है तो वहां पे ये प्रोटोकॉल्स पक्का यूज होंगे 100% यूज होंगे नेटवर्किंग में बात करने के लिए उसके अलावा सर इंटरनेट लेयर है जहां पे हमारे पास आईपी आईसीएमपी ए आरपी और डीएससीपी जैसे प्रोटोकॉल्स यूज होते हैं क्या है धीरे-धीरे समझ जाएंगे हम और हमारी नेटवर्क एक्सेस लेयर जिसमें हम नॉर्मली हार्डवेयर डिवाइस को यूज लेते हैं जैसे थन ट्रिपल प या डीएस है तो यहां पे हमने ये क्यों पढ़ा तो सर हमने केवल कुछ प्रोटोकॉल्स के नाम से फैमिलियर होना था ताकि धीरे-धीरे जब हम इनको पढ़ते जाए इनके बारे में इसन पे हैकिंग परफॉर्म कर पाए तो हमें बहुत क्लियर हो कि हम असल में किन पे और किस लेयर पे अटैक कर रहे हैं अब बात करते हैं टीसीपी की जैसा मैंने आपको कहा कोर कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल यानी सबसे ज्यादा यूज होने वाला प्रोटोकॉल कॉल्ड टीसीपी है जिसकी मदद से हम नेटवर्किंग में बातचीत करते हैं तो हम चाहेंगे कि सर हम टीसीपी की जो वर्किंग है वो अच्छे से समझ जाए और उसकी वर्किंग को समझने के लिए टीसीपी के पास उसके छह फ्रेंड्स है अब इन छह फ्रेंड्स के काम क्या है ये क्या यूजफुल है इस टीसीपी के ये हमें समझना है यानी टीसीपी के पास उसके छह फ्रेंड्स है जिनको हम फ्लैग्स कहते हैं यानी कुछ फंक्शंस है उनका काम हमें समझना है कि वो टीसीपी के लिए कैसे यूजफुल है तो यहां पे जो सबसे पहला फ्लैग हमारे सामने लिखा हुआ है जो सबसे इसका पहला फ्रेंड है का नाम है यू आरजी जिसका फुल फॉर्म है अर्जेंट फ्लैग का नाम क्या है सर यू आरजी है और उसका फुल फॉर्म है अर्जेंट और उसकी डेफिनेशन इसके बारे में कह रही है डाटा कंटेंड इन द पैकेट शुड बी प्रोसेस्ड इमीडिएट यानी सर ये कह रहा है कि अगर सिस्टम ए ने सिस्टम बी को कोई पैकेज सेंड करा है तो इस पैकेट में जो भी डाटा लिखा हुआ है उसकी जो प्रोसेसिंग है उसकी जो वर्किंग है वो अर्जेंट बेसिस पे होनी चाहिए यानी अभी के अभी होनी चाहिए इसका मतलब अगर मैं आप सभी को कहूं कि अभी के अभी वीडियो को लाइक करें तो आप लोग क्या करेंगे अपना काम जो भी आप कर रहे थे वीडियो देख रहे थे आप उसको दो मिनट के लिए रोक के या फिर उसको वहां पर स्किप करके पहले वीडियो को लाइक करेंगे यानी आपको पता है जब मैंने आपके सामने एक वर्ड यूज दिया कि अभी के अभी लाइक करें तो उस टास्क की जो मैंने आपको एक टास्क दिया है लाइक करना उसकी प्रायोरिटी इज हाई हो गई आपको समझ आ गया कि भाई इस काम को पहले करना है तो मैंने उसके साथ जो वर्ड यूज दिया अभी के अभी ये क्या कर रहा है अर्जेंसी बता रहा है टास्क की प्रायोरिटी बता रहा है कि ये अभी होना चाहिए सो वैसे ही यहां पे भी य आरजी फ्लैग काम आ रहा है यानी सर दो सिस्टम जब ककेट कर रहे हैं और आपने कोई पैकेट भेजा है आप चाहते हैं कोई काम हो लेकिन अर्जेंट हो बाकी सारे काम रोक के पहले ये काम करा जाए तो उसके साथ हम यू आरजी फ्लैक को यूज लेते हैं यू आरजी फ्रेंड को यूज लेते हैं आई होप सभी को क्लियर होगा कि यू आरजी का काम क्या है किसी भी टास्क को अर्जेंट बेसिस पे एग्जीक्यूट कराना प्रोसेस कराना यू आरजी का काम है देन हमारे पास आता है इसका सेकंड फ्रेंड जिसका नाम है एफ आई एन पिन का फुल फॉर्म है फिनिश और फिनिश अपने बारे में क्या कह रहा है ये कह रहा है देयर विल बी नो फर्द ट्रांसमिशन यानी या ये कह रहा है कि आगे कोई भी कम्युनिकेशन नहीं होगा कोई भी ट्रांजैक्शंस नहीं होंगे ऐसा क्यों तो एक बहुत बेसिक एग्जांपल हम लेते हैं आई होप आप सभी ने डिफरेंट डिफरेंट सॉफ्टवेयर यूज लिए होंगे फाइल शेयरिंग के लिए जैसे जेंडर शेयर इट ऐसे मल्टीपल सॉफ्टवेयर यूज लिए होंगे जिसके जरिए आप क्या करते हैं कोई मूवी कोई गेम या कोई फाइल शेयर करते हैं करेक्ट अब हम एग्जांपल के तौर पर मान लेते हैं कि सर सिस्टम ए जो था और सिस्टम बी जो था दोनों को कोई फाइल शेयर करनी थी यानी सिस्टम ए के पास एक बहुत ही अच्छी मूवी पड़ी थी ठीक है तो सिस्टम ए ने क्या करा सर जेंडर की मजद से मदद से एक फाइल सेंड करी सिस्टम ए ने सिस्टम बी को एक फाइल सेंड करी अब यहां पे यह जो फाइल थी ये 100% सैंड हो चुकी है इसको और अच्छे से समझना है तो मान लेते हैं आप और आपका एक फ्रेंड दोनों मूवी ट्रांसफर कर रहे हैं तो आपने जो मूवी सेंड करना स्टार्ट करा था वो 100% कंप्लीट हो चुका है तो क्या यह फाइल शेयर होने के बाद भी आप इन दोनों सिस्टम्स के बीच में जो कनेक्शन बना था जेंडर की मदद से उसे एक्टिव रखेंगे नहीं सर हम तो उसे तोड़ देंगे उस कनेक्शन को एक्टिव रखने का क्या सेंस है अगर फाइल ट्रांसफर हो चुकी है तो कनेक्शन को बना के रखने का क्या सेंस है हम उस कनेक्शन को तोड़ देंगे तो वो सेम चीज फिन करता है कि सर जब आपका डाटा ट्रांसफर हो चुका है अब आपको कनेक्शन बना के रखने की जरूरत नहीं है तो आप फिन फ्लैग की मदद से फिन नाम के दोस्त की मदद से उस कनेक्शन को तोड़ सकते हैं आई होप सभी को क्लियर हो गया होगा कि फिन का यूज़ कहां पे है डटा ट्रांसफर होने के बाद हमें कनेक्शन तोड़ना होता है वहां पे फिन यूज़ आता है देन हमारे पास है आर एसटी फ्लैग अब आर एसटी नाम का जो फ्लैग है या फ्रेंड है टीसीपी का इसकी फुल फॉर्म है रिसेट और इसकी डेफिनेशन कह रही है रिसेट्स अ कनेक्शन यानी सर अक्सर ऐसा होता है कि जब दो सिस्टम्स के बीच में डाटा ट्रांसफर हो रहा होता है तो हो सकता है वह स्लो हो हो सकता है सही से ना हो रहा हो हो सकता है कोई प्रॉब्लम आ रही हो कोई दिक्कत आ रही हो तो उसको रिजॉल्व करने के लिए क्या करा जाता है सर कनेक्शन को रीस्टार्ट कर दिया जाता है आधी से ज्यादा प्रॉब्लम्स हम जानते हैं किसी सिस्टम को या किसी कनेक्शन को रीस्टार्ट करने से सॉल्व हो जाती है तो वही चीज यहां परफॉर्म करी जा रही है आरएसडी फ्लग के जरिए तो जब हम आरएस फ्लक को यूज़ लेते हैं तो व कनेक्शन को बंद करके फिर से स्टार्ट कर देता है तो जो बेसिक इश्यूज आ रहे थे प्रॉब्लम आ रही थी वो सॉल्व हो जाती है आई होप सभी को क्लियर होगा आर एसटी क्या काम कर रहा है देन हमारे पास आता है पीएसएच फ्लैग पीएसएच का फुल फॉर्म है पुश ये भी एक इंटरेस्टिंग फ्लैग है क्या काम कर रहा है यहां पे लिखा है सेंड्स ऑल बफर डाटा इमीडिएट यह कह रहा है कि जितना भी बफर डाटा बचा हुआ है पहले वो सेंड करो और इसके कहने का मकसद क्या है तो एक बार फिर से हम हमारे इस एग्जांपल पे चलते हैं जहां पे यूजर ए और यूजर बी कुछ ट्रांजैक्शंस कर रहेते हैं हमें काम कते इसे क्लियर करते हैं और फिर से यहां पे डिवाइस वन और डिवाइस टू यानी डिवाइस ए और डिवाइस बी को यहां पे ऐड कर देते हैं दोनों ने जेंडर की मदद से कनेक्शन बनाया लेकिन जब कनेक्शन बनाया और यूजर ए ने एक फाइल सेंड करना स्टार्ट करा मान लेते हैं मूवी सेंड करना स्टार्ट करा अब हुआ यह कि मूवी से 95 पर ट्रांसफर हो चुकी थी 5 पर बाकी थी ऐसे केस में अगर यूजर बी डिस्कनेक्ट हो जाए किसी भी रीजन से हो सकता है उसके घर से उसको किसी ने बुला लिया हो हो पापा का कॉल आ गया हो और इस वजह से वो जल्दी से वहां से चला गया कनेक्शन टूट गया अब ऐसे केस में क्या होगा क्या ये मूवी अब यूजर बी के काम की है जो केवल 95 पर ट्रांसफर हुई है या 95 पर ट्रांसफर हुई है क्या ये मूवी काम की है नहीं क्यों क्योंकि सर ये फाइल करप्ट हो जाएगी जब तक 100% ट्रांसफर नहीं होगी उसकी कुछ इंपॉर्टेंट फाइल उस तक नहीं पहुंचेगी तब तक ये फाइल काम के नहीं है इसके करप्ट होने के चांसेस ज्यादा है तो इसी प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए क्या करा गया पुश फ्लैग का यूज लिया जाता है पुश क्या करता है कि सर जैसे आप कनेक्शन तोड़ना चाहते हैं आप देखेंगे नोटिफिकेशन आएगा एक पॉप अप आएगा तो यहां पे होगा यह कि सर आधी फाइल तो काम नहीं आएगी ऐसे ही जब दो सिस्टम्स कनेक्ट करते हो और कनेक्शन तोड़ा जाता है जब फाइल पूरा ट्रांसफर नहीं हुआ जाता तब यहां पे पुश फ्लैग भेजा जाता है इसका मतलब दो सिस्टम फाइल ट्रांसफर कर रहे थे जो सेकंड सिस्टम था उसको फाइल पूरी रिसीव नहीं हुई तो वो क्या करेगा पुश फ्लैग भेजेगा जिसका मतलब है वो सिस्टम य को कहेगा कि अभी सारा डाटा ट्रांसफर नहीं हुआ है पहले जितना भी बचा हुआ डाटा है जितना भी बफर डाटा है आप वो मुझे सेंड करो जब 100% डाटा मेरे पास रिसीव होगा तोही कनेक्शन टूटेगा तो तो कनेक्शन तोड़ने से पहले अगर आपके पास डाटा रिसीव नहीं हुआ है वहां पे पुश फ्लैग काम आता है जो यूजर को कहता है कि आप पहले सारा डाटा सेंड करो देन हम कनेक्शन को तोड़ने के प्रोसेस में आगे बढ़ेंगे आई होप आप सभी को समझ आ गया होगा पुश फ्लैग क्या काम कर रहा है उसके बाद सर हमारे पास आता है एसीके एसीके का फुल फॉर्म है एक्नॉलेजमेंट फ्लैग अब एक्नॉलेजमेंट फ्लैग का मतलब क्या है तो इसकी डेफिनेशन कह रही है एक्नॉलेजेस द रिसिप्ट ऑफ अ पैकेट अब इसका बहुत बेसिक सा मतलब है कि सर आपने अगर कोई पैकेज सेंड करा है तो आपको उसका एक्नॉलेजमेंट मिलना चाहिए आपको पता पड़ना चाहिए कि आपका वो पैकेट के साथ क्या हुआ वो पहुंचा कि नहीं पहुंचा एग्जांपल के तौर पे हम सब whatsapp2 टिक्स आ जाए तो इसका मतलब है कि सामने वाले सिस्टम पे विक्टिम यूजर पे या फिर क्लाइंट के पास वो मैसेज पहुंच चुका है और अगर ये दोनों टेक्स ब्लू हो जाए इसका का मतलब उसने रीड भी कर दिया है मैसेज को पढ़ लिया है तो ये क्या हो रहा है हमारे भेजे हुए एक मैसेज के हमें अनज मेंट मिल र है हाला कि whatsapp2 दे रहा है नॉर्मली जब हम कम्युनिकेशन करते हैं नेटवर्किंग में जो डायरेक्ट बातचीत होती है वहां पे यही एक्नॉलेजमेंट हमें मिल क्या आपका पैकेट रिसीव हुआ है या नहीं तो ये एसीके का काम है इसका मतलब अगर आपका पैकेट पहुंच चुका है कहीं पे तो आपको एसी के फ्लैग आ जाएगा जो बोलेगा कि हां भाई आपका पैकेट हमें मिल चुका है ये हमें एक्नॉलेज कर रहा है कि आपका पैकेट रिसीव हो चुका है देन हमारे पास आता है सिन फ्लैग लास्ट बट नॉट लीस्ट सिन फ्लैग असल में एक ऐसा फ्लैग है जो सबसे पहले यूज़ होता है ऐसा क्यों बिकॉज़ स सिन का फुल फॉर्म है सिंक्रोनाइज और अगर इसकी डेफिनेशन हम देखें तो वो हमें कह रही है इनिशिएटिव वन होस्ट यानी दो सिस्टम में जब कनेक्शन बनाया जाता है या कनेक्शन बनाने की रिक्वेस्ट भेजी जाती है तो सबसे पहला फ्लैग सिन ही यूज़ होता है जो कहता है कि सर मैं आपसे कनेक्शन बनाना चाहूंगा इसका एक और एग्जांपल ले लेते हैं अगर आज हम मान लेते हैं कि हम अनजान हैं हम एक दूसरे को नहीं जानते और मैं आप में से किसी भी एक पर्सन के पास आऊ और मैं आपसे कहूं कि क्या मुझे आपके कांटेक्ट डिटेल्स मिल सकते हैं तो क्या आप लोग मुझे कांटेक्ट डिटेल शेयर करेंगे डेफिनेटली नहीं क्यों बिकॉज़ हम हमारे बीच में कोई कनेक्शन नहीं है हम एक दूसरे को नहीं जानते लेकिन अगर ऐसा ना करके मैं आपके पास वापस आऊं और इस बार मैं आपसे हाथ मिलाऊं अपना इंट्रोडक्शन दूं यानी हम हैंड शेक करें मैं अपना इंट्रोडक्शन दूं आपके बारे में कुछ जानूं थोड़ा बहुत कम्युनिकेशन करके कनेक्शन क्रिएट कर दूं और उसके बाद आपको अगर मैं कहूं कि क्या मुझे आपके कांटेक्ट डिटेल मिल सकती है तो क्या अब आप मुझे अपने कांटेक्ट डिटेल देंगे सर चांसेस हैं सो बेसिकली ये सेम चीज हां पे अप्लाई हो रही है नेटवर्किंग में भी जब दो सिस्टम्स को आपस में बात करनी है तो उनके बीच में कनेक्शन क्रिएट होना जरूरी है उसके बाद ही डाटा ट्रांसफर होगा तो यहां पे कनेक्शन बनाने की शुरुआत कौन कर रहा है सिन फ्लैक कर रहा है यानी जब मैंने आपके पास आके अपना हाथ आगे बढ़ाया ताकि हम हैंड शेक कर सके तो ये जो प्रोसेस था ये सिन फ्लैग है नेटवर्किंग के अंदर आई होप आप सभी को क्लियर हो गया होगा तो ये है हमारे सिक्स फ्लैग्स टीसीपी के और उम्मीद है इन सभी फ्लैग्स का काम आपको बहुत अच्छे से क्लियर होगा अब हम ये देखेंगे कि असल में ये टीसीपी के काम आते कैसे किसका क्या काम है वो तो समझ आ गया लेकिन टीसीपी कैसे बात करता है और यह लोग कहां पर और कब यूज हो रहे होते हैं तो इनको समझने के लिए हम चलते हैं दो दोस्तों के पास एक का नाम है बिल और एक का नाम है शीला दोनों को एक दूसरे से बात करनी है यानी एक कनेक्शन क्रिएट करना है नेटवर्किंग के अंदर कंप्यूटर नेटवर्किंग के अंदर सो यहां पर अगर आप ध्यान से देखें तो सबसे पहले बिल ने क्या करा एक फ्लैग सेंड करा है कौन सा फ्लैग सर सिन फ्लैग सिन का मतलब था कनेक्शन बनाने की रिक्वेस्ट तो जब बिल ने शीला को सिन फ्लैग भेजा और ओबवियस सी बात है किसी रास्ते प भेजा होगा कौन सा रास्ता यूज हो रहा है देखते हैं यहां पे लिखा हुआ है आई वुड लाइक टू टॉक टू यू शीला ऑन पोर्ट 21 आर यू ओपन कि मैं आपसे पोर्ट 21 पे बात करना चाहता हूं इसका मतलब ये जो गली है जो रास्ता है ये कौन सा था 21 21 रास्ते पे 21 नंबर पोर्ट पे बिल ने एक सिन फ्लैग भेजा इसका मतलब बिल शीरा को कह रहा है कि क्या आप इस रास्ते पे अवेलेबल हो क्या इस रास्ते पर हम कम्युनिकेशन कर सकते हैं कनेक्शन बना सकते हैं बात कर सकते हैं अगर यह रास्ता ओपन हुआ क्योंकि पोर्ट का रूल था जिस रस्ते पर आप पैकेट भेज रहे हो उसका ओपन होना जरूरी है वहां पर एक रिसीवर होना जरूरी है तो अगर यहां पर एक रिसीवर है यानी शीला स्पोर्ट पर एक्टिव है तो व क्या करेगी रिप्लाई देगी तो देखते हैं इसके बाद क्या हुआ शीला ने एक पैकेट रिप्लाई के तौर पर सेंड करा जिसमें हमारे पास दो फ्लैग्स है एक तो है सिन फ्लैग दूसरा है एनज मेंट फ्लैग अगर आप इसे ध्यान से देखें तो यह जो एकनम फ्लैग है ये क्या बोल रहा है ये कह रहा है कि आपका पैकेट मुझे रिसीव हो चुका है आपने जो सिम फ्लैग भेजा था उसका रिप्लाई जो है उसकी रिसीव जो है हमें एक्नॉलेजमेंट के जरिए मिली तो हमें पता पड़ गया कि हमारा पैकेज तो वहां पहुंच चुका है साथ ही साथ शीला ने भी सिन फ्लैग भेजा जिसका मतलब शीला कह रही है कि हां हम कनेक्शन बना सकते हैं आप देख सकते हो य मैसेज के फॉर्म में हमने समझाने की कोशिश करी है तो शीला कह रही है ओके लेट्स टॉक बिल आई एम ओपन ऑन पोर्ट 21 तो ये कह रही है कि पोर्ट 21 पे मैं ओपन हूं और हम बात कर सकते हैं तो सिन के जरिए शीला ने भी कनेक्शन इनिशिएटिव के जरिए यह कंफर्म कर दिया कि आपका पैकेट मुझे मिल चुका था तो यहां तक की प्रोसेस में बिल को पता पड़ गया कि पोट 21 ओपन है और शीला इस रास्ते पे बात करने को रेडी है तो फाइनली बिल ने क्या करा सर एक एक्नॉलेजमेंट फ्लैग भेजा जिसका मतलब है बिल ने शीला को बोला ओके थैंक्स शीला सो अब हमारे बीच में कनेक्शन क्रिएट हो चुका है और अब इसके बाद क्योंकि दोनों में कनेक्शन बन चुका है एक रास्ता बन चुका है जिसके अंदर ये डाटा शेयर करेंगे तो अब ये जो भी डाटा ट्रांसफर करना चाहे यहां पे ट्रांसफर कर सकते हैं सारा डाटा यहां पे ट्रांसफर पॉसिबल है कनेक्शन बनने के बाद आई होप आप सभी को समझ आया होगा कि टीसीपी ने किस तरीके से कनेक्शन बनाया और अगर आप इसे ध्यान से देखें तो सबसे पहले यहां पे स्टेप नंबर वन परफॉर्म हुआ जिसमें हमने सिन फ्लैग भेजा देन स्टेप नंबर टू परफॉर्म हुआ जिसमें हमें सिन और उसका अनोज मेंट मिल गया है ना देन स्टेप नंबर थ्री परफॉर्म हुआ जिसमें हमने अनमें फ्लैग भेज के कनेक्शन बना दिया तो यानी टीसीपी जो है वो थ्री वे हैंड शेक को यूज लेता है टीसीपी के बारे में यह कहा जाता है कि सर ये थ्रीवे हैंड शेक को फॉलो कर रहा है इसका मतलब हैंड शेक जो है वो डिफाइन करता है कनेक्शन बनाने को तो तीन स्टेप के जरिए हैंड शेक हुआ इसलिए इसको थ्रीवे हैंड शेक कहा जाता है तो हमेशा याद रखिएगा टीसीपी कम्युनिकेशन के लिए थ्रीवे हैंड शेक को फॉलो करता है जिसमें सबसे पहले सिन फ्लैग जाता है देन सिन एक्नॉलेजमेंट आता है और उसके बाद एकन फ्लैग जाता है तब जाके कनेक्शन क्रिएट होता है और ये हर बार होता है अब नेटवर्किंग में जिससे भी बात करते हैं ऐसे ही काम होता है आई होप आप सभी को टीसीपी का काम क्लियर हो गया होगा सो स्टूडेंट्स अभी तक के प्रोसेस में ये तो समझ आया कि टीसीपी ने कनेक्शन बनाया कैसे अब कनेक्शन बनाने के बाद डेटा ट्रांसफर होगा और डेटा ट्रांसफर जब कंप्लीट हो जाएगा तब क्या होगा कनेक्शन तोड़ा जाएगा तो अब हम यह देखेंगे कि टीसीपी के अंदर सेशन टर्मिनेशन जब एक कनेक्शन क्रिएट हो जाता है तो उसे हम सेशन कहते हैं उस सेशन को तोड़ा कैसे जाए देखते हैं तो यहां पे जब बिल का काम और शीला का काम कंप्लीट हो चुका था बिल ने क्या करा सबसे पहले एक फिन फ्लैग भेजा जिसका मतलब यह है कि बिल शीला से यह कह रहा है आई एम डन विद द डेटा ट्रांसफर तो फिन फ्लैग बेज के बिल ने शीला को क्या कहा कि मेरी तरफ से जो डाटा ट्रांसफर करना था मैंने वो कर दिया है उसने उसे कंफर्मेशन दे दिया कि अब हम कनेक्शन तोड़ सकते हैं लेकिन यहां पर बहुत ध्यान से समझेगा बिल ने शीला को कहा कि मैं कनेक्शन तोड़ना चाहता हूं मेरी तरफ से मेरा काम हो चुका है शीला ने क्या करा जैसे ही फिन फ्लैग आया शीला ने केवल एक रिप्लाई दिया शीला ने रिप्लाई दिया एसी के फ्लैग यानी एक एक्नॉलेजमेंट फ्लैग का ही रिप्लाई दिया जिसका मतलब शीला ने कहा कि ओके आई रिसीवड योर टर्मिनेशन रिक्वेस्ट यानी आपके सेशन को तोड़ने की रिक्वेस्ट कनेक्शन को तोड़ने की रिक्वेस्ट मुझे मिल चुकी है उसने ये नहीं कहा कि हा हम कनेक्शन तोड़ देते हैं उसने ये नहीं कहा कि नहीं कनेक्शन नहीं तोड़ सकते उसने कोई रिप्लाई नहीं दिया उसने बस एक एकन भेजा जिसका मतलब उसने कहा कि आपकी रिक्वेस्ट मुझ तक पहुंच चुकी है आपकी रिक्वेस्ट मुझे मिल गई है इसके बाद क्या हुआ तो शीला ने यहां पर प्रोसेसिंग करी यानी शीला ने देखा कि भाई जितना भी डाटा था वो 100% ट्रांसफर जो है वो कंप्लीट हुआ है या नहीं हुआ है जब शीला ने देखा सब कुछ सही है ट्रांसफर कंप्लीट हो चुका है सारा तो शीला ने फाइनली एक फिन फ्लैग भेजा जिसका मतलब शीला ने बिल को कहा कि ओके आई हैव रिसीवड ऑल दी डाटा सेंड यानी मेरी तरफ से भी अब हम कनेक्शन तोड़ सकते हैं मुझे सारा डाटा रिसीव हो चुका है इस ड्यूरेशन में इसने गैप लिया जिसमें इसने प्रोसेस करा कि डाटा सारा रिसीव हुआ है कि नहीं जब फाइनली इसने फिन फ्लैग भेजा तो बिल ने इस फिन का रिप्लाई दिया एजमेंट फ्लैग के जरिए जिसका मतलब कि ठीक है आपकी तरफ से भी मुझे रिक्वेस्ट मिल चुकी है कनेक्शन तोड़ने की तो क्योंकि अब दोनों ने फिन फ्लैग बेच के कंफर्म कर दिया है कनेक्शन टूटना चाहिए तो अब यहां पे कनेक्शन तोड़ दिया जाएगा सो आई होप लर्नर्स आप सभी को टीसीपी का सेशन टर्मिनेशन समझ आ गया होगा कि वो कनेक्शन को तोड़ता कैसे है अब अगर क्लियर है तो एक मेरा डाउट है उम्मीद है आप सब लोग उस ट को जरूर क्लियर करेंगे तो डाउट यहां पर कुछ ऐसा है मैं इसको क्लियर कर देता हूं मान लेते हैं बिल ने फिन रिक्वेस्ट भेजी उसने बोला मेरा काम कंप्लीट हो चुका है मैं चाहता हूं कनेक्शन तोड़ दिया जाए शीला ने एकनम फ्लैग भेजा जिसका मतलब उसने कहा कि आपकी रिक्वेस्ट मुझे मिल चुकी है लेकिन जब यहां पे शीला ने प्रोसेसिंग करी तो उसने देखा कि उसके पास केवल 99 पर डाटा ट्रांसफर हुआ है 1 पर डाटा अभी भी बाकी है तो ऐसे केस में शीला क्या करेगी मैं चाहता हूं आप सब लोग देखें इसका सॉल्यूशन क्या हो सकता है इंटरनेट पर सर्च ना करें आप लोग समझे अभी तक हमने जो पढ़ा और कमेंट में रिप्लाई दें कि क्या सॉल्यूशन होगा अगर 1 पर डाटा अभी भी रह गया है तो शीला क्या करेगी सो देखते हैं आप में से कितने लोग अच्छे से समझे हैं और करेक्ट आंसर दे पाते हैं उम्मीद है आप सभी को टीसीपी का काम कनेक्शन बनाने का तोड़ने का समझ आ गया होगा अब बात करते हैं टीसीपी वर्सेस यूडीपी की तो जैसा मैंने कहा टीसीपी थ्री वे हैंड शेट को फॉलो करता है सर पहले सिन फ्लैग जाता है देन सिन एक्नॉलेजमेंट आता है देन एक्नॉलेजमेंट जाता है तब जाके कनेक्शन बनता है और डेटा ट्रांसफर चालू होता है लेकिन यूडीपी जिसका फुल फॉर्म यूजर डटा ग्राम प्रोटोकॉल है टीसीपी का फुल फॉर्म है ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल यूडीपी जो है वह कैसे काम करता है तो यूडीपी का बहुत सिंपल सा फॉर्मेट है यह कहता है कि आपको कुछ डाटा चाहिए आप रिक्वेस्ट करो उसके बदले में मैं आपको उसका रिप्लाई दे दूंगा रिस्पांस तो यहां पे कोई भी हैंड शेक प्रोसेस नहीं हो रहा आपको डाटा चाहिए आपने मांगा आपको वो डाटा इमीडिएट प्रोवाइड कर दिया जाएगा तो यह रिक्वेस्ट और रिस्पांस पर वर्क करता है जिसकी वजह से यूडीपी सर देखा जाए तो टीसीपी के कंपैरिजन में काफी फास्ट है लेकिन ज्यादा रिलायबल नहीं है क्यों नहीं है क्योंकि सर यहां पे प्रॉपर प्रोटोकॉल जो है वो फॉलो नहीं करे जा रहे प्रॉपर स्टेप्स फॉलो नहीं करे जा रहे चेक नहीं करा जा रहा पोर्ट ओपन है कि नहीं है जैसे थ्रीवे स्टेप्स के जरिए ये सब कुछ कंफर्म कर रहा था यहां पे वो कंफर्मेशन नहीं हो रही है जिसकी मदद से हम ज्यादा इसको रिलायबल डाटा सेफ्टी और सिक्योरिटी के मामले में नहीं मान सकते टीसीपी इस मामले में काफी ज्यादा [संगीत] रिलायबल देखने वाले हैं वर्किंग ऑफ राउटर्स यानी अब हम ये समझने वाले हैं कि जितनी भी एंटिटीज को हमने पढ़ा हमने आईपी को पढ़ा पोट्स को पढ़ा मैक एड्रेस को पढ़ा प्रोटोकॉल्स को पढ़ा और आईएसपी को पढ़ा अब ये सारी चीजें साथ मिलकर काम करती कैसे हैं वो भी हमारे राउटर की मदद से तो ये सारी चीजें हम समझने वाले हैं ताकि हमें ये कांसेप्ट क्लियर हो जाए कि असल में नेटवर्किंग में अब बातचीत हो कैसे रही है क्योंकि हमने सारी एंटिटीज को पढ़ लिया है तो उन्हें बस कंबाइन करने की जरूरत है तो उसके स्टार्टिंग करते हैं स्टूडेंट्स सबसे पहली एंटिटी हमने क्या पढ़ी थी सबसे पहले हमने पढ़ा था आईएसपी आईएसपी का फुल फॉर्म था इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर तो अगर हम इसका कोई एग्जांपल देखना चाहे क्या क्या आप मुझे बता सकते हैं आईपी का क्या एग्जांपल हो सकता है यानी आज के टाइम पे हमें इंटरनेट सर्विस कौन प्रोवाइड करता है वेरी गुड सर यहां पे jio1 reliance1 चस करते हैं इंटरनेट को एक्सेस करने के लिए तो एक एड्रेस होना चाहिए एक आईपी एड्रेस होना चाहिए जिसकी मदद से हम वाइड एरा नेटवर्क में कम्युनिकेशन कर सके कौन से टाइप का आईपी एड्रेस होना चाहिए तो सर उसके लिए हमारे पास होना चाहिए पब्लिक आईपी एड्रेस तो यहां पर j ने क्या करा jio1 10.10 से लेकर 110 ड 10.10.10 की पूरी रेंज ले ली है ना हमने एग्जांपल के तौर पर एक रेंज ली ये रेंज jio1 पब्लिक आईपी अलॉट कर सके और वो लोग इंटरनेट चला सके अब सर हुआ यह कि हमने हमारे घर में ब्रॉडबैंड लगवाया जब हमने ब्रॉडबैंड लगवाया हमारे घर में तो हमारे ब्रॉड बैंड के पास उसकी एक आइडेंटिटी उसकी एक पहचान आ चुकी है जो कि है सर पब्लिक आईपी और वो पब्लिक आईपी एड्रेस एग्जांपल के तौर पर मान लेते हैं 20.20 20.20 तो अब मेरे राउटर के पास एक एड्रेस तो आ चुका है उसकी एक पहचान तो आ चुकी है जो कि पब्लिक आईपी एड्रेस है क्या सर इसके अलावा भी इस डिवाइस के पास कुछ और आइडेंटिटी होती है खुद की खुद की कुछ और पहचान होती है तो बिल्कुल होती है स्टूडेंट्स हमें पता है एक ऐसा एड्रेस है जो हर हार्डवेयर डिवाइस के पास होता है वेरी गुड उस एड्रेस का नाम है मैक एड्रेस मीडिया एक्सेस कंट्रोल एड्रेस तो सर हमारे राउटर के पास अभी तक हम जितना देख पाए इसके पास खुद की दो आईडेंटिटीज हैं जिसमें एक है पब्लिक आईपी एड्रेस और दूसरा है मैक एड्रेस अब हमने यहां क्या करा ऑब् वियस सी बात है अगर आज आपके घर में कोई ब्रॉडबैंड लगेगा या आप अपने घर में ब्रॉडबैंड लगवाए तो क्या करेंगे सर उससे हमारे जितने भी सिस्टम्स है उनको जोड़ेंगे या तो केबल के जरिए या बिना केबल के यानी वायरलेस लेकिन एट दी एंड सिस्टम्स कनेक्ट तो करेंगे तभी तो इंटरनेट सर्विस एक्सेस कर पाएंगे तभी तो ब्रॉडबैंड लगवाया हमने है ना तो यहां पे हमने दो सिस्टम जोड़े सिस्टम ए और सिस्टम बी एक केबल से जोड़ा है एक विदाउट केबल जोड़ा है बट एट द एंड दोनों ही सिस्टम ब्रॉड ब से जुड़े हुए हैं राउटर से कनेक्ट कर दिया हमने अब यहां पे एक इशू है प्रॉब्लम है प्रॉब्लम यह है कि सर अगर ये सिस्टम्स आपस में कम्युनिकेशन करना चाहे यानी अगर मेरा ब्रॉडबैंड सिस्टम ए और सिस्टम बी आपस में बात करना चाहे तो कैसे करेंगे बिकॉज विदाउट एड्रेस बिना आइडेंटिटी के य एक दूसरे को कम्युनिकेट ही नहीं कर पाएंगे एड्रेस ही नहीं कर पाएंगे बातचीत कैसे करेंगे तो सर उसके लिए राउटर को भी पता था कि उससे कुछ लोग जुड़ने वाले हैं जिससे आगे चलके कम्युनिकेशन करने की जरूरत पड़ेगी तो राउटर ने क्या करा है राउटर ने अपने पास एक रेंज रखी वो भी प्राइवेट आईपी एड्रेस के तो यहां पर हमने लिख दिया यह प्राइवेट अब प्राइवेट आईपी की रेंज क्यों रखी क्योंकि उसको पता है ससे जो लोग जुड़ रहे हैं वो लोकल र नेटवर्क में जुड़ रहे और उससे इनको बात करने की जरूरत पड़ेगी तो अब ये रेंज हम मान लेते हैं 192.168 0.0 से लेकर 255.255 ड 255 ड 255 के बीच की ही होती है के अंदर की होती है अब इनमें से राउटर ने क्या करा कि सर जो सबसे पहला आईपी एड्रेस होता है वह खुद को अलॉट कर दिया यानी खुद के लिए भी एक आईपी एड्रेस रख दिया कौन सा आईपी स प्राइवेट आईपी एड्रेस क्यों रखा क्योंकि सर यस सी बात है अगर इसको सबसे बात करनी है तो इसके पास सेम टाइप का आईपी एड्रेस होना चाहिए तो अब इस रेंज का सबसे पहला आईपी एड्रेस क्या होगा सर इस रेंज का सबसे पहला आईपी एड्रेस होगा 192 8.0.1 यह है हमारा राउटर का प्राइवेट आईपी एड्रेस ताकि वो अपनी रेंज यानी लोकल एरिया नेटवर्क में सबसे कम्युनिकेशन यानी बातचीत कर सके तो अब यहां पर जितने भी सिस्टम इससे जुड़े हैं उनके पास भी एक एड्रेस होना कंपलसरी एड्रेस होना चाहिए तो हुआ यह कि इसने सिस्टम ए को एक एड्रेस दे दिया 192.168 010 और सिस्टम बी को भी आईपी एड्रेस दे दिया जो कि है 192 8.0.11 अब दोनों ही सिस्टम्स के पास अपना अपना प्राइवेट आईपी एड्रेस आ चुका है लेकिन इसके अलावा भी इन सिस्टम के पास खुद की कुछ आइडेंटिटी यानी पहचान होती है क्या-क्या होती है तो सर क्योंकि ये एक हार्डवेयर है तो एक आइडेंटिटी तो पक्का होगी जो कि है मैक एड्रेस दूसरी आइडेंटिटी प्राइवेट आईपी एड्रेस हो गई जो तीसरी आइडेंटिटी है वो थोड़ी स्पेशल है यानी इसके बारे में अभी तक हमने नहीं पढ़ा है वो है लोकल होस्ट जिसका आईपी एड्रेस है 17.0.1 तो यहां पर इसका जो नाम है वह है लोकल होस्ट अब यह है क्या मतलब इसके बारे में अभी तक तो हमने नहीं देखा इसके आईपी है 17.0.1 और इसका जो नाम है वह है लोकल होस्ट ये और कुछ नहीं है जैसे हमने प्राइवेट आईपी और पब्लिक आईपी को जब समझा था तो हमने देखा था कि सर जो प्राइवेट आईपी है वो होता है हमारे निकनेम की तरह करेक्ट और यूज होता है लोकल एरिया नेटवर्क में लैन में है ना और जो हमारा पब्लिक आईपी एड्रेस है वो यूज होता है वाइड एरिया नेटवर्क में एंड यह होता है हमारे रियल नेम की तरह ये हमने कुछ एग्जांपल्स लेके प्राइवेट और पब्लिक को समझा था अब लोकल होस्ट का एग्जांपल कैसे लिया जाए इसको कैसे समझा जाए तो लोकल होस्ट एक ऐसा नेटवर्क है जो हमारे मन की तरह है इसका मतलब मेरे निकनेम से मुझे घर वाले जानते हैं मेरे क्लोज वनस जानते हैं मुझे इस नाम से केवल वही एड्रेस कर सकते हैं लेकिन मेरे मन में जो चल रहा है वह किसी को नहीं पता मेरे जस्ट पास्ट में खड़े हुए मेरे को क्लोज से क्लोजेस्ट पर्सन को भी नहीं पता कि इंटरनल प्रोसेसिंग क्या चल रही है अंदर मेरे मन में क्या चल रहा है यह कोई नहीं जानता तो यह जो मन है जिसमें मैं खुद ही टास्क एग्जीक्यूट कर रहा हूं प्रोसेस कर रहा हूं देख रहा हूं क्या हो रहा है कैसे काम कर रहा है यह जो इंटरनली सिस्टम मेरे अंदर वर्क कर रहा है प्रोसेसिंग का वह लोकल होस्ट है यानी हर एक सिस्टम को उसका एक इंटरनल नेटवर्क दिया जाता है ताकि वह अपने अंदर ही सारी चीजें टेस्ट कर सके और इस इंटरनल नेटवर्क को लोकल होस्ट कहा जाता है इसका आईपी एड्रेस 127.0 होता है यह हर सिस्टम के पास होता है और सेम होता है क्योंकि इसकी मदद से बातचीत नहीं करी जा सकती मतलब मेरे मन से कोई और बात नहीं कर सकता है ना मेरे मन से मैं ही कम्युनिकेशन कर सकता हूं तो सबको एक एड्रेस दिया जाता है ताकि वह खुद के अंदर सॉफ्टवेयर्स को रन कर सके और टेस्ट कर सके आई होप आपको एक आईडिया लग गया होगा धीरे-धीरे जब हम प्रैक्टिकल करेंगे तो और भी क्लियर हो जाएगा फिलहाल हमारा सिस्टम के पास भी तीन आइडेंटिटी आ चुकी है पहला है सर मैक एड्रेस दूसरा है प्राइवेट आईपी एड्रेस और तीसरा है लोकल होस्ट आई बिलीव अब आपको यह कांसेप्ट तो क्लियर होगा बट क्वेश्चन यहां पर ये अराइज होता है कि सर यह जो हमारा राउटर था इस राउटर ने इन सभी सिस्टम्स को आईपी अलॉट करी कैसे तो आईपी अलॉटमेंट की अगर हम बात करें तो सो स्टूडेंट्स किसी भी सिस्टम को आईपी अलॉट करने के दो तरीके हैं पहला है सर मैनुअल और दूसरा है ऑटोमेशन में है ना अब ये दोनों ही प्रोसेस कैसे वर्क करे यानी मैनुअल वर्क हो चाहे ऑटोमेशन हो ये वर्क कैसे करेगा तो देखो जब बात आती है मैनुअल की तो इसमें हम क्या करते हैं सिस्टम की सेटिंग्स में जाते हैं वहां आईपी से रिलेटेड सारी डिटेल्स फिल करते हैं तब जाके एक सिस्टम को एक आईपी एड्रेस अलॉट होता है ठीक है हम राउटर के हिसाब से उस वो कॉन्फिन जो है वो सेटिंग्स जो है एक सिस्टम के अंदर जाके करते हैं इसका मतलब एक राउटर से जितने भी सिस्टम जुड़ेंगे हम सबकी सेटिंग्स में जाएंगे और वहां पे जाके आईपी एड्रेस ऐड करेंगे लेकिन क्वेश्चन ये है कि क्या आप लोग भी ऐसा ही करते हो लाइक आप लोगों के घर में जब ब्रॉडबैंड्स लगे हैं या जब आप अपने मोबाइल का हॉटस्पॉट एक्टिवेट करते हो तो उससे जितने भी यूजर्स जुड़े हैं क्या उन्हें एक-एक करके जाके आईपी देना पड़ता है हमने तो नहीं दिया पहले कभी आईपी है ना इसका मतलब कि अभी जो प्रोसेस है वो चलता है ऑटोमेशन में और इस ऑटोमेशन प्रोसेस में हो क्या रहा है तो सर यहां पे हमारे काम आता है डीएचसीपी जिसका फुल फॉर्म है डायनेमिक होस्ट कॉन्फिन प्रोटोकॉल यह हमारे काम आता है ऑटोमेशन आईपी अलॉट करने में तो यहां पे डीएससीपी अपना आप हमारा काम कर देता है और सभी सिस्टम्स को ऑटोमेशन में आईपी अलॉट कर देता है जिसमें इसकी मदद ए आरपी भी करता है ये क्या है और कैसे काम कर रहा है ये हम आगे और अच्छे से समझेंगे एआर पी का फुल फॉर्म होता है एड्रेस रेजोल्यूशन प्रोटोकॉल जो यह पता लगाने में मदद करता है कि किस सिस्टम के पास क्या एड्रेस है आई होप इतना सभी को क्लियर होगा और अब हमने अभी तक जो पढ़ा है उसको एक बार रिकॉल कर लेते हैं कि सर सबसे पहला आया आसपी एग्जांपल के तौर पे jio-complaint ताकि वह उनसे बातचीत कर सके अब यह सबका जो रेंज एक कनेक्ट हुआ है यह सबका जो एक नेटवर्क क्रिएट हुआ है यह पूरी जो रेंज बनी है यह लोकल एरिया नेटवर्क है लेकिन जब हम इंटरनेट चलाते हैं या हम किसी भी वेबसाइट से जाकर बात करते हैं तो यह होता है वाइड एरिया नेटवर्क जिसमें काम आती है हमारी पब्लिक आईपी एड्रेस अब इस बात का मतलब क्या है इसको और अच्छे से हम समझते हैं यहां पे सो स्टूडेंट्स इसको समझने के लिए हमें समझना होगा सोर्स आईपी एंड डेस्टिनेशन आईपी को इसका मतलब क्या है सोर्स का मतलब होता है सर जहां से कोई पैकेट रिलीज हुआ है और डेस्टिनेशन का मतलब जहां पे पहुंचने वाला है है ना वो उसकी डेस्टिनेशन होती है तो आईपी जब ऐड हो जाता है इसका मतलब जिस सिस्टम से पैकेट भेजा गया है उसकी आईपी सोर्स आईपी होगी और जिस सिस्टम पे पैकेट पहुंचा है वो आईपी डेस्टिनेशन आईपी होगी ठीक है मैं एंड गोल की बात नहीं कर रहा कि एंड में कहां पहुंचना चाहता है वो भी डेस्टिनेशन कहलाएगा लेकिन फिलहाल जिन-जिन सिस्टम्स के पास वो जाएगा वो भी उसके छोटे डेस्टिनेशंस ही है तो हम सोर्स और डेस्टिनेशन आईपी के बारे में कुछ डिस्कशन करने वाले हैं मान ले हमारे यूजर ए को फ एक्सेस करना था तो उसने क्या करा अपने ब्राउजर पर जाकर लिखा फ और एंटर प्रेस करा इसका मतलब उसके सिस्टम से एक पैकेज जनरेट हुआ जो कह रहा है कि मुझे फब एक्सेस करना है अब मेरा सवाल यह है कि आईपी के रूल्स के हिसाब से क्या यह पैकेज सीधा इंटरनेट तक पहुंच जाएगा नहीं जा सकता क्यों नहीं जा सकता क्योंकि स इंटरनेट पर जो फब का सर्वर है उसका आईपी है 4.4.4 और यह आईपी एक पब्लिक आईपी है लेकिन हमारे पास जो आईपी है वो तो सर प्राइवेट आईपी एड्रेस है जो कि हमें राउटर ने अलट करा था तो क्या प्राइवेट आईपी की मदद से मैं डायरेक्ट पब्लिक आईपी से बात कर सकता हूं ये तो आईपी के रूल्स के खिलाफ है यानी नहीं कर सकते तो यहां होगा क्या सर यहां पे हमारा यह पैकेट डायरेक्ट ना जाकर सीधा जाएगा हमारे राउटर के पास जिसके पास एक प्राइवेट आईपी थी जो कि थी 0.1 तो हमने अपनी प्राइवेट आईपी से पैकेट राउटर तक भेजा इसका मतलब जब पहला केस हमारा पैकेट राउटर तक पहुंचा तो सोर्स आईपी थी 19216801 जो कि हमारी प्राइवेट आईपी थी है ना और डेस्टिनेशन आईपी थी 19216801 जो कि राउटर की प्राइवेट आईपी थी जब राउटर के पास से पैकेट पहुंचा तो राउटर ने कहा ठीक है आपका काम कंप्लीट हो गया सिस्टम ए को बोला कि आपका टास्क पूरा हो गया पैकेट मुझ तक आ गया है अब मैं इस पैकेट को अपने हिसाब से आगे भेज दूंगा राउटर ने क्या करा यहां पर आईपी स्विचिंग करी यानी राउटर ने अब अपनी पब्लिक आईपी के जरिए यह पैकेट इंटरनेट पे भेजा क्योंकि राउटर के पास भी पब्लिक आईपी एड्रेस है और सर्वर के पास भी पब्लिक आईपी एड्रेस है तो यह तो आपस में बात कर सकते हैं कम्युनिकेशन कर सकते हैं तो अब यह पैकेट यहां से यहां तक पहुंचा ताकि आपस में बात कर सके और जैसे ही यह पैकेट हमारे तब सोर्स आईपी और डेस्टिनेशन आईपी क्या होगी तब सर सोर्स आईपी होगी 82.30 2501 यही है हमारी पब्लिक आईपी और यही हमारी सोर्स आईपी है क्योंकि इसके जरिए हमने पैकेट गया 4.4.4 और डेस्टिनेशन आई एड्रेस हो गया 82.30 240.320 को जिसने व नेटवर्किंग को समझना आई होप आपको क्लियर हो गया होगा कि अब हम इंटरनेट अभी तक एक्सेस कैसे करे थे यानी अगर इनमें से कोई अटैकर है कोई हैकर है और वो कोई क्राइम करता है तो आईपी किसका जाएगा सर आईपी जाएगा राउटर का क्योंकि पब्लिक आईपी इसी के पास है [संगीत] जैसा हमने लास्ट क्लासेस में देखा था कि सर जब हम राउटर की मदद से कम्युनिकेशन करते हैं किसी यूजर को इंटरनेट चलाना होता है तो उसके सिस्टम से एक पैकेज जनरेट होता है जो सर्वर तक पहुंचता है यानी जैसे अगर मुझे बता रहा है कि एक यूजर है जो आपको एक्सेस करना चाहता है आपकी वेबसाइट चलाना चाहता है इस पैकेट को क्या कहा जाता है और इसके बदले में वो हमसे क्या-क्या डिटेल्स लेके जा रही थीय हमें लाके दे रही थी यानी रिक्वेस्ट रिस्पांस में क्या इंफॉर्मेशन जा रही थी ये एनालाइज करेंगे अब स्टार्ट करते हैं और देखते हैं कि सर असल में एक रिक्वेस्ट होती क्या है पहली बात तो सबसे पहली टर्म जो हमारे पास यहां पे लिखी है वो है एचटीटीपी रिक्वेस्ट एचटीटीपी यानी हाइपर टैक्स ट्रांसफर प्रोटोकॉल एक ऐसा प्रोटोकॉल जो कि आपके काम आता है वेबसाइट प जब आप बात करते हैं तब यानी अगर आप किसी भी वेबसाइट को एक्सेस कर रहे हैं किसी भी वेबसाइट से बातचीत कर रहे हैं तो वहां पे एचटीटीपी प्रोटोकॉल ही यूज होता है अब वो एचटीटीपी प्रोटोकॉल का खुद का फॉर्मेट है यानी एचटीटीपी खुद के रूल्स रेगुलेशंस के हिसाब से पैकेज सेंड करेगा तो एटीटीपी जब एक पैकेज सेंड करता है किसी सर्वर को तो वो रिक्वेस्ट कहलाता है तो अब हम पढ़ने वाले हैं एटीटीपी रिक्वेस्ट के बारे में क्या है एचटीटीपी रिक्वेस्ट जैसा मैंने कहा कि सर जब एक क्लाइंट अपने ब्राउजर में जाके कुछ लिखता है कि मुझे facebooksignup.in ब्राउजर पे तो एक पैकेज जनरेट होगा जो सीधा सर्वर तक जाएगा हो सकता है बीच में राउटर यूज हो बट अभी हम इतना डीप में नहीं जा रहे अभी हम यह समझ रहे हैं कि हमारे सिस्टम से एक पैकेट निकलेगा और सर्वर पे जाएगा और सर्वर से पूछेगा कि मैं आपकी वेबसाइट एक्सेस करना चाहता हूं चलाना चाहता हूं इस पैकेट को हम रिक्वेस्ट कहते हैं एक बार डेफिनेशन के जरिए और अच्छे से क्लियर कर देते हैं तो यहां पे इसकी डेफिनेशन जो है वो मैं बता रही है अ पैकेट आस्किंग टू लोड अ वेबसाइट एक ऐसा पैकेट जो पूछ रहा है सर्वर से कि क्या मैं आपकी वेबसाइट चला सकता हूं क्या मैं आपका कोई पेज कोई फोटो कोई वीडियो या कोई भी रिसोर्स एक्सेस कर सकता हूं तो जब हम परमिशन मांग रहे हैं कुछ पूछ रहे हैं कि क्या हम इस काम को कर सकते हैं वो परमिशन मांगने के लिए सर हमने जो पैकेज सेंड करा है क्लाइंट ने जो पैकेज सेंड करा है इस पैकेट को हम रिक्वेस्ट कहते हैं आई होप सभी को समझ आ गया होगा कि रिक्वेस्ट क्या है अब रिक्वेस्ट दिखता कैसा है और उसके अंदर क्या-क्या तरीके का डाटा यूज़ होता है या किस तरीके से डाटा सेंड होता है तो आप यहां देख सकते हो एक रिक्वेस्ट में सर गेट ऑफ पोस्ट यानी मेथड्स आ सकते हैं और और उसके अलावा हेडर और बॉडी पार्ट आता है एंड क्या यह हम देख सकते हैं तो अगर आप यहां पे देखो तो आप सभी के लिए एक डेमो रिक्वेस्ट यहां पे रखी हुई है जो हमें बता दे कि रिक्वेस्ट में क्या-क्या डाटा जा रहा होता है और कैसे जा रहा होता है तो उसका अगर आप सबसे पहला वर्ड देखें तो ये हमें बता रहा है कि कौन सा मेथड यूज लिया जा रहा है डटा सेंड करने के लिए बेसिकली जब आप रिक्वेस्ट के जरिए डेटा शेयर कर रहे हो तो उस डेटा को शेयर करने के लिए या अलग-अलग ऑपरेशंस परफॉर्म करने के लिए कुछ मेथड्स डिफाइन करे गए हैं जिसमें अभी आप दो मेथड्स के नाम यहां पे देख पा रहे हैं गेट और पोस्ट इसके अलावा भी मेथड्स होते हैं जो नेक्स्ट स्लाइड में हम अच्छे से समझने वाले हैं फिलहाल यहां पे गेट लिखा हुआ है जिसका मतलब नॉर्मली होता है कि आप यूआरएल के जरिए सारा कंटेंट एक्सेस कर रहे हो या सारा डाटा शेयर कर रहे हो या रिक्वेस्ट सेंड कर रहे हो तो यहां पे हमारे सामने जो यूआरएल है यानी एड्रेस है अगर आप देखो तो हमारे पास एक फोल्डर है डॉक जिसके अंदर . और उसके आगे यह लिखा हुआ है कि यह जो रिक्वेस्ट पूरा पैकेज जनरेट हुआ है ये एटीटीपी के कौन से वर्जन के जरिए जनरेट हुआ है तो यहां पे लिखा है कि सर एटीटीपी 1.1 वर्जन के जरिए ये पैकेट बनाया गया है इस पहली लाइन को हम रिक्वेस्ट लाइन कहते हैं और जब ये पहली लाइन एंड हो जाती है यानी इस पहली लाइन के बाद का जितना भी हिस्सा है जिसमें आप कुछ वर्ड्स देख पा रहे होंगे यहां पे जैसे आप यहां देख सकते हैं होस्ट एक्सेप्ट एक्सेप्ट लैंग्वेज एक्सेप्ट इनकोडिंग यूजर एजेंट और कंटेंट लेंथ ये आपको जितने भी वर्ड्स दिख रहे हैं स्टूडेंट्स यहां पे इन सब वर्ड्स को हम हेडर्स कहते हैं ध्यान से देखिए यहां पे जो होस्ट कॉलन लिखा हुआ है एक्सेप्ट कॉलन लिखा हुआ है एक्सेप्ट लैंग्वेज कॉलन लिखा हुआ है है ना यूजर एजेंट देन कंटेंट लेंथ और या एक्सेप्ट इनकोडिंग ये जितने भी आपको वर्ड्स दिख रहे हैं ये सब हेडर्स कहलाते हैं हेडर्स क्या है तो सर हेडर्स कुछ ऐसे फिक्स पैरामीटर्स हैं कुछ ऐसे फिक्स नाम है जिनका काम फिक्स है कि इनके अंदर यही डाटा आएगा इसके अलावा और कुछ भी डाटा नहीं आ सकता इनको हम हेडर्स कहते हैं ये एचटीटीपी के पैकेट भेजने में एक फॉर्मेट है कि सर कुछ ऐसा डाटा है जो इनके अंदर 100% आएगा ही आएगा ताकि पैकेट को पता पड़ जाए उसको कहां जाना है और कैसे काम करना है और सर्वर को कुछ डिटेल्स मिल जाए कि उसको रिप्लाई किस तरीके से करना है इसको समझते हैं अच्छे से सबसे पहले हेडर को अगर आप देखें तो इसका नाम है होस्ट हैडर जिसके आगे क्या लिखा हुआ है सर इसके आगे उस डोमेन का नाम लिखा हुआ है जिसको हम पैकेट भेज रहे थे इसका मतलब ये जो हमारा क्लाइंट था इसने facebook.com नहीं लिखा था इसने लिखा था t 101.com तो यानी ये जो सर्वर है ये क्या है सर यह टेस्ट 101.com नाम की एक वेबसाइट थी जिसको हमने पैकेट भेजा तो वो हमें होस्ट हैडर के आगे क्या लिखा हुआ मिलता है सर होस्ट हैडर के आगे उस डोमेन का नाम या वो एड्रेस देखने को मिलता है जहां पे यह पैकेट जा रहा है जिसको हम ये पैकेट भेज रहे हैं उसके जस्ट बाद अगर आप देखें तो एक्सेप्ट नाम का एक हैडर है ये क्या बता रहा है तो इससे पहले क्या आप बाकी के हेडर्स को समझे एक बहुत बेसिक सी चीज हमें समझनी है कि सर जब क्लाइंट ने facebook.com लिखा तो ओबवियस सी बात है ये वड facebook.com उसने किसी ब्राउजर में लिखा होगा हो सकता है उसने रा मिनी में लिखा हो यानी किसी ना किसी ब्राउजर या टूल के जरिए हम इंटरनेट चलाते हैं करेक्ट तो यहां पे अगर आप किसी भी ब्राउजर में जाके हो सकता है इंटरनेट एक्सप्लोरर भी यूज लिया हो अगर आप किसी भी ब्राउजर में जाके वहां पर लिखते हो जैसे मैंने लिखा facebook.com तो यह ब्राउजर पैकेज जनरेट करके सर्वर को भेजेगा लेकिन इस ब्राउजर की कुछ लिमिटेशंस है लिमिटेशंस मतलब सर ये ब्राउजर हर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को रीड नहीं कर सकता हर तरीके की फाइल को नहीं समझ सकता कहीं ना कहीं कुछ तो लिमिटेशंस होगी तो यह ब्राउजर क्या करता है सर्वर को बता देता है सर्वर को यह बताता है कि सर मैं क्या-क्या चीजें सपोर्ट करता हूं ताकि सर्वर जब रिप्लाई दे तो वही रिप्लाई दे जो हम पढ़ सकते हैं जो हम समझ सकते हैं या जो हम रीड कर सकते हैं हमारे लिए काम का है अगर कोई ऐसा रिप्लाई आ जाए जो हमारे लिए काम का ही नहीं है तो फिर उसका सेंस क्या बनेगा एग्जांपल के तौर पे एक बहुत छोटा एग्जांपल हम यहां पे लेते हैं मान लेते हैं क्लाइंट जो था वह इंडिया से वेबसाइट एक्सेस कर रहा था जिसमें उस क्लाइंट को इंग्लिश लैंग्वेज समझ में आती है और हिंदी लैंग्वेज समझ में आती है ठीक है तो जब ब्राउजर ने पैकेट भेजा ब्राउजर ने यह नहीं बताया कि यह कौन सी लैंग्वेज सपोर्ट करता है एग्जांपल के तौर पर अगर ब्राउजर ना बताए कि हम कौन सी लैंग्वेज सपोर्ट करते हैं हमें पता है हम तो बस इंग्लिश और हिंदी पढ़ सकते हैं लेकिन ब्राउजर अगर ये चीज डिफाइन ना करें और एक पैकेज सीधा सर्वर पे भेज दे और सर्वर क्या करे कि सर्वर से जैपनीज चाइनीज या किसी भी ऐसी लैंग्वेज में है ना हमें रिप्लाई भेज दे तो क्या वो रिप्लाई हमारे काम का यानी अगर आपके सामने एक वेबसाइट ओपन हो जिसमें कोई भी ऐसी लैंग्वेज लिखी हुई है जो आप नहीं समझ सकते तो वो वेबसाइट हमारे काम की ही कहां हुई ट्रांसलेट का ऑप्शन भी नहीं आ रहा है फिलहाल ऐसा मान के चलना तो सर वो वेबसाइट हमारे काम की नहीं है इसका मतलब कि सर हम जो चीजें सपोर्ट करते हैं हमारा ब्राउजर वो पहले ही सर्वर को बता देता है हेडर्स के जरिए कि सर हम ये ये फाइल्स ये ये तरीके का डाटा सपोर्ट करते हैं आप वैसा ही डाटा भेजोगे तो हम रीड कर पाएंगे तो यहां पे अगर आप अब एक्सेप्ट हेडर को देखो हमारे सेकंड हेडर को देखो मैं उसको क्लियर कर देता हूं ताकि और अच्छे से समझ आए अब अगर हम एक्सेप्ट हैडर को देखें तो इसके आगे लिखा हुआ है इमेज स्ल जीआईएफ यानी इमेज का एक्सटेंशन है ना या आप कह सकते हो टाइप ऑफ इमेज इमेज स् जेपीजी यानी यह कह रहा है हमारे सर्वर को कि सर अगर आप कोई भी इमेज भेजते हो तो केवल जीआईएफ और जेपीजी एक्सटेंशन की ही भेजना आपने देखा होगा इमेज के एक्सटेंशन होते हैं जैसे मान लो लोगो ड जपजी है ना यह क्या है एक्सटेंशन है इसका एंडिंग पार्ट है लोगो ड पीएनजी भी हो सकता है लोगो डज भी हो सकता है है ना तो ऐसे अलग-अलग एक्सटेंशन यहां पे हो सकते हैं हम यह कह रहे हैं कि सर हम तो केवल जीआईएफ और जेपीजी ही सपोर्ट करते हैं तो अब सर्वर इस बात का ध्यान रखिएगा कि वह जो मुझे रिप्लाई भेजेगा उसमें जो भी इमेजेस हैं या जो भी टाइप का डाटा है वो वही भेजेगा जो मैं सपोर्ट करता हूं जीआईएफ और जीपीजी आई होप सभी को एक्सेप्ट हैडर का काम समझ आया होगा यह सर्वर को बता रहे है कि सर हम किस तरीके की फाइल्स या एक्सटेंशन सपोर्ट करते हैं रीड कर सकते हैं लेकिन इसके बाद एक और लाइन है एक और वर्ड है जो हमसे यहां पे मिस हो रहा है वो वर्ड है एस्टिक स् एस्टिक ये ये हमें क्या समझा रहा है तो देखो एस्टिक का मतलब क्या होता है एस्टिक का मतलब होता है कि यहां पर कुछ भी आ सकता है एनीथिंग कुछ भी यहां पर ऐड करा जा सकता है या फिर आप कह सकते हो सब कुछ तो इसका मतलब इस लास्ट वर्ड के जरिए हमारी एक्सेप्ट हेडर ने क्या बोला कि सर मैं किसी भी टाइप की फाइल क्या किसी भी टाइप की फाइल या कोई भी एक्सटेंशन की फाइल सपोर्ट करता हूं तो इसका मतलब हमने बोल दिया कि सर आप कोई भी फाइल भेज सकते हो हम आपको बिल्कुल फ्री करते हैं उस चीज के लिए आप किसी भी एक्सटेंशन का कोई भी फाइल भेजोगे तो हम रीड कर लेंगे तो सर ये स्टार्टिंग में हमने क्यों डिफाइन करा इमेज और ये जेपीजी ये बस एक डेमो रिक्वेस्ट है जो मैं समझा रही थी कि चीजें कैसे वर्क करती है तो यहां पे ये चीज लिखी हुई थी नहीं भी लिखते तो भी चलता क्योंकि हमने सब कुछ अलाउ कर दिया है एस्टिक स् एस्टिक लिक कर आई होप समझ आ गया होगा कि सर हमारा एक्सेप्ट हेडर क्या काम कर रहा है देन हमारे पास आता है एक्सेप्ट लैंग्वेज जिसके आगे आप साफ-साफ देखोगे तो यहां पे न यूएस यानी यूएस इंग्लिश लिखा हुआ है इसका मतलब कि सर आप जो रिप्लाई दे रहे हो वो यूएस इंग्लिश के ही फॉर्मेट में देना है तो हम उसको बता रहे हैं कि हम कौन सी लैंग्वेज सपोर्ट करते हैं अगर वो किसी दूसरी लैंग्वेज में आउटपुट देता है तो ओबवियस सी बात है सर वो हमारे लिए काम का नहीं होगा जैसे अभी हमने एग्जांपल देखा था देन हमारे पास आता है एक्सेप्ट इनकोडिंग इनकोडिंग मतलब डाटा सिक्योरिटी है बेसिकली डाटा को अलग-अलग तरीके से लिखना उसे कंप्रेस करना उसे जिप करना वो सब इनकोडिंग टेक्निक्स में काउंट करा जाता है तो फिलहाल ये कह रहा है कि अगर आप किसी भी तरीके की डाटा सिक्योरिटी अप्लाई करके भेज रहे हो तो मैं रिक्वेस्ट करूंगा कि जी जिप और डेफिनेट फॉर्मेट में ही भेजी जाए ताकि मैं उसे रीड कर सकूं य फम क्या है ज्यादा डिटेल में मत जाइएगा फिलहाल हमें बस ये समझना है कि सर अगर हमारा सर्वर किसी भी तरीके की डाटा सिक्योरिटी अप्लाई कर रहा है तो हमने उसे पहले ही बता दिया कि हम तो ये दो डाटा सिक्योरिटीज को डाटा कंप्रेशंस को रीड कर पाते हैं आप ऐसा ही डाटा भेजोगे तो हम समझ पाएंगे अगर आपने कोई ऐसी हाई इंक्रिप्शन लगा दिया है जो हम डिक्रिप्ट ही नहीं कर सकते जो हम देख ही नहीं सकते जो हम समझ ही नहीं सकते तो फिर वो वेबसाइट रन नहीं होगी तो ओबवियस सी बात है वो हमारे लिए काम का तो नहीं माना जाएगा देन इसके बाद हमारे पास आता है यूजर एजेंट अब यूजर एजेंट एक बहुत ही इंपॉर्टेंट हेडर है ट्रस्ट मी जब मैं कह रहा हूं इंपोर्टेंट हैडर है तो बहुत काम आने वाला है यह हैडर इंपॉर्टेंट क्यों है अगर आप इसके आगे देखो तो यहां पे मज 4.0 लिखा है अब इसका काम क्या है मैं अच्छे से समझाता हूं आप लोगों को कि सर जब एक ब्राउजर के जरिए मान लेते हैं google.com google.com या t 101.com किसी भी डोमेन का नाम किसी भी वेबसाइट का नाम जब आप लिखते हैं तो आपके सिस्टम से पैकेज जनरेट हो रहा है इस पैकेट में एचटीटीपी की रिक्वेस्ट पैकेट में बहुत सारा डाटा है और एक यूजर एजेंट नाम का हेडर भी है यह यूज ज नाम का हेडर क्या करता है कि सर यह जिस सॉफ्टवेयर के जरिए यह रिक्वेस्ट बनाई गई है उस सॉफ्टवेयर की बहुत सारी इंफॉर्मेशन लेकर सर्वर तक चला जाता है यानी यूजर एजेंट क्या-क्या इंफॉर्मेशन ले जाता है यहां तो आपको काफी कम डाटा दिख रहा है अभी मैं लाइव रिक्वेस्ट दिखाऊंगा तब आप देखोगे कि यूजर एजेंट सर हमारी क्या-क्या इंफॉर्मेशन ले जाता है यह यह बताता है कि आप कौन सा ब्राउजर यूज ले रहे हो फॉर एग्जांपल सर आप 1 एग्जांपल के तौर पे तो ये ये डिटेल तो बता ही रहा है साथ ही साथ ये ये भी बता रहा है कि सर आप ऑपरेटिंग सिस्टम कौन सा यूज़ ले रहे हो एग्जांपल के तौर पे windows10 य रिक्वेस्ट बनाई गई है और वो कितने बिट का है यह सारी डिटेल ले जाकर सर्वर को बता देता है इसका मत मतलब हमारी इतनी इंफॉर्मेशन तो ऐसे ही लीक हो जाती है तो यह जो हैडर बहुत काम का है आगे एनोनिमस रहने के लिए हम उसको चेंज करना भी सीखेंगे देन इसके बाद हमारे पास आता है कंटेंट लेंथ जो यह बताता है कि इस पूरे पैकेट में या बॉडी में कितना डाटा सेंड करा जा रहा है अब बॉडी क्या है तो सर जैसे ही यह हेडर पार्ट कंप्लीट होता है उसके बाद हमें छोटा सा गैप देखने को मिलेगा यह गैप और इस गैप के जस्ट बाद आपको कुछ कंटेंट देखने को मिल सकता है क्योंकि यह जो जगह है इसको हम कहते रिक्वेस्ट बॉडी रिक्वेस्ट बॉडी मतलब इस रिक्वेस्ट पैकेट का बॉडी पार्ट जहां पर आप जो भी कंटेंट लिखते हैं आप फॉर्म फिल करते हैं आप अपना डाटा सेंड करना चाहते हैं वो यहां पर नॉर्मली सेंड करा जाता है तो कुछ ऐसा दिखता है हमारा रिक्वेस्ट पैकेट आई होप आप सभी को एक आईडिया लग गया होगा कि रिक्वेस्ट पैकेट क्या है और कैसा दिख रहा है धीरे-धीरे आप लोग इससे और फैमिलियर हो जाएंगे और जब हम इस पर टेस्टिंग परफॉर्म करेंगे कमिया ढूंढेंगे तो और भी आप लोगों के लिए इजी बन जाएगा अब यहां पे क्वेश्चन ये अराइज होता है कि सर हमने एक रिक्वेस्ट भेजी यानी क्लाइंट ने कहा कि सर मुझे आपकी वेबसाइट एक्सेस करनी है या कोई पेज एक्सेस करना है या कोई भी हिस्सा कोई भी रिसोर्स आप कह सकते हो हमने कहा कि हमें चाहिए इसका मतलब हमने सर्वर से कहा कि सर क्या हम आपका कंटेंट एक्सेस कर सकते हैं तो सर्वर इसके बदले में कुछ तो रिप्लाई देगा अब उस रिप्लाई को हम कहते हैं रिस्पांस तो एसटीटीपी रिस्पांस क्या है कि सर क्लाइंट ने कोई भी चीज का रिक्वेस्ट करा हो कुछ भी मांगा हो एग्जांपल के तौर पर अगर मैं आज आपसे कहता हूं कि प्लीज सब्सक्राइब कर दीजिए तो मैं आपसे क्या कह रहा हूं कुछ मांग रहा हूं कि सब्सक्राइब कर दीजिए है ना जब मैं आपको ऐसा कह रहा हूं तो आपकी मर्जी है आप हो सकता है सब्सक्राइब करें आप हो सकता है अभी नहीं कुछ देर बाद करें आप हो सकता है कि नहीं करें मतलब कुछ भी पॉसिबिलिटीज आप हो सकता है अभी कर द इन चारों ही कंडीशंस में आप कुछ ना कुछ तो रिप्लाई देंगे है ना यस नो अभी नहीं बाद में नेक्स्ट टाइम कुछ भी रिप्लाई दे सकते हैं तो बेसिकली यह जो रिप्लाई है यह रिस्पांस कहलाता है कहने का मतलब कि हमने कोई चीज रिक्वेस्ट करी है उसके बदले में कुछ भी रिप्लाई आ सकता है हो सकता है वह काम अभी हो जाए हो सकता है अभी ना हो बाद में हो सकता है कभी ना हो हो सकता है कि हम ये काम कराने के ऑथराइज ना हो लेकिन ऐसा कोई भी रिप्लाई अगर हमें मिलता है सर्वर कुछ भी कहता है तो वो कहलाएगा रिस्पांस तो रिस्पांस क्या है इसकी डेफिनेशन देख लेते हैं अ पैकेट प्रोवाइड परमिशन टू एक्सेस वेबसाइट एंड कंटेंट इसको और थोड़ा मॉडिफाई सही कर देते हैं इस डेफिनेशन में छोटी सी गड़बड़ है वो यह है यह कह रहा है कि एक पैकेट जो परमिशन देता है नॉर्मली आपको किसी भी वेबसाइट के कंटेंट या डाटा को एक्सेस करने की है ना बस सवाल ये है कई बार ऐसा होता है कि डेटा वहां पे है ही नहीं तो परमिशन का तो सवाल उठता ही नहीं है दिए या नहीं दिए तो इसकी बेस्ट डेफिनेशन क्या हो सकती है इसकी बेस्ट डेफिनेशन होगी कि आपकी रिक्वेस्ट का जो रिप्लाई है उसको रिस्पांस कहा जाता है वो कुछ भी हो सकता है ठीक है आई होप सभी को समझ आ गया होगा एक एसटीडी पे रिस्पांस क्या होता है आपकी भेज हुई रिक्वेस्ट का रिप्लाई अब सर इसके अंदर भी हमें मेथड्स देखने को मिल सकते हैं और हेडर्स एंड बॉडी पास जरूर होता है जिसके अंदर हमारे पास कंप्लीट प्रोग्राम होता है हमारी वेबसाइट का जो हमारी डिस्प्ले पे हमें दिखता है एग्जीक्यूट होता हुआ जो हम अच्छी खासी ग्राफिकल वेबसाइट दिखती वो ग्राफिकल वेबसाइट के पीछे प्रोग्रामिंग होती है वो प्रोग्राम हमें रिस्पांस के जरिए हमारे ब्राउजर को मिलता है और वो उसे रन करता है आई होप आप सभी को रिक्वेस्ट और रिस्पांस समझ आ गया होगा अब सवाल यह है कि मेथड्स क्या है जिसके बारे में हमने देखा था है ना कि गैट ऑफ पोस्ट के बारे में हमने दो वर्ड्स सुने थे यह है क्या और ऐसे कितने मेथड्स हो सकते हैं तो हमारे पास अब आता है टाइप ऑफ रिक्वेस्ट मेथड क्या-क्या है सबसे पहले हम देखते हैं यहां पर गेट लिखा हुआ है जो हमने भी हमारी रिक्वेस्ट पैकेट में देखा था इसकी डेफिनेशन कै री है डेटा ट्रांसफर थ्रू यूआरएल इजली विजिबल एंड नॉट सिक्योर यानी सर जितना भी डाटा आप गेट के जरिए सेंड करते हैं रिक्वेस्ट में वो सारा डाटा यूआरएल में क्लियर विजिबल होता है जिसको हम सिक्योर नहीं मानते तो जब भी आप अपना प्राइवेट इंफॉर्मेशन क्रेडेंशियल कुछ भी खास डाटा लिखते हैं तो आपको हमेशा रिकमेंड करा जाता है कि गेट मेथड को यूज ना लिया जाए अब ऐसा क्यों ये यूआरएल क्या है तो इस चीज को समझने के लिए हम एक काम करते हैं हम चलते हैं हमारे ब्राउजर पे और देखते हैं यूआरएल असल में है क्या तो आज अगर मैं ब्राउजर पे जाऊं और मैंने लिखा डब्लू ए क्यूब टेक या फिर डब्लू एस क्यूब टेक एथिकल हैकिंग पेज तो यह जो आपको पूरा कंटेंट दिख रहा है यह http.www गेट यूज लेने के लिए मना इस वजह से करा जाता है कि सर अगर आप कुछ ऐसा करें कि मान लेते हैं हमारे पास एक लॉगिन पेज है ठीक है उस लॉगिन पेज में हमारे पास यूजर नेम मांगा गया हमसे पासवर्ड मांगा गया और एक सबमिट बटन है ठीक है तो आप नॉर्मली क्या करते हैं सर यूजर नेम में अपना नाम लिखते हैं पासवर्ड में अपना पासवर्ड लिखते हैं लेकिन जब आप यहां पासवर्ड भी लिखते हैं तो आपका पासवर्ड नहीं दिखाता वो यहां पर एस्टिक्स लगे हुए दिखाता है जिसका मतलब कुछ भी हो सकता है करेक्ट इसका मतलब हमें सिक्योरिटी दिखाता है हमें लगता है या ये तो अच्छा सेफ है सिक्योर है हमारा पास लिखा हु शो भी नहीं कर रहा है हम सबमिट बटन पर क्लिक करते हैं तो हमारे सिस्टम से रिक्वेस्ट पैकेज जनरेट होकर सर्वर तक जाएगा और जाकर चेक करेगा यूजर नेम और पासवर्ड सही है कि नहीं लेकिन सोचो कैसा हो अगर आपको यहां पर यह जो पर यूआरएल का टैब होता है इस यूआरएल टैब में कुछ ऐसा लिखा हुआ देखि एटीपी कॉल डडडड क य इट आशीष एंड p = 1 2 3 4 अब सोचो यहां पर भी आपको आपका लिखा हुआ पासवर्ड नहीं दिख रहा था लेकिन जब आपने यूआरएल को देखा तो आपने देखा कि आपका पासवर्ड तो क्लियर टैक्स में सबको विजिबल है तो यह सेफ और सिक्योर कैसे हो सकता है यानी ये डाटा तो किसी को भी दिख सकता है सामने यूआरएल में तो साफ-साफ दिख रहा है हमें ऐसा क्यों हो रहा है क्योंकि सर यह जो पैकेट रिक्वेस्ट के जरिए सेंड करा जा रहा था सर्वर को यह पैकेट गेट मेथड के जरिए सेंड करा जा रहा था जो कहता है कि सारा डाटा यूआरएल में क्लियर विजिबल होगा तो हमें इसी वजह से रिकमेंड करा जाता है कि सर कभी भी गेट मेथड के जरिए कुछ खास इंफॉर्मेशन जो होती है क्रेडेंशियल जो होते हैं जो प्राइवेट इंफॉर्मेशन प्राइवेट डाटा होता है वो कभी भी गेट के जरिए ना भेजा जाए बाकी जो नॉर्मल पैकेज है वो भेजे जाए गेट के कोई दिक्कत नहीं है जब आप मैं नॉर्मली एक पेज एक्सेस कर रहा हूं उस पेज का एड्रेस जाएगा मुझे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अगर उस पेज में मैंने अपनी कुछ इंफॉर्मेशन लिखी है कोई फॉर्म फिल करा है कोई प्राइवेट डाटा लिखा है क्रेडेंशियल लिखे हैं वो कभी भी गेट मेथड के जरिए सेंड नहीं करा जाना चाहिए डेवलपर्स को भी गाइड करा जाता है और हमें भी समझाया जाता है आई होप सभी को क्लियर हुआ होगा गेट मेथड क्या है अब बात करते हैं कि सर गेट मेथड यूज नहीं लेंगे तो क्या यूज लेंगे तो सर जब हम गेट यूज नहीं लेते तो हमें रिकमेंड करा जाता है पोस्ट मेथड पोस्ट में क्या हो रहा है समझते हैं सस यूजर इंफॉर्मेशन एंड फाइल इन बॉडी टू सर्वर यूजिंग एचटीएमएल फॉर्म्स इसका मतलब कि सर अब आप जितनी भी डिटेल्स फिल कर रहे हो यह सारी डिटेल्स हमारे रिक्वेस्ट का जो बॉडी पार्ट था उसमें ट्रांसफर हो रही है जो किसी को विजिबल नहीं होती नॉर्मली आप अगर कोई फॉर्म फिल करते हो तो क्या यूआरएल में उस फॉर्म की सारी डिटेल्स लिखी हुई दिखती है आपको इसका मतलब कि सर अगर हम फिर से किसी वेबसाइट प जाए है ना किसी भी वेबसाइट प जाए अगर हम कोई फॉर्म फिल करें जैसे हम एक काम करते हैं डब्ल्यू एस क्यूटेक की नॉर्मल सा एक फॉर्म फिल कर देते हैं कोई भी हम चलते हैं यहां पे कांटेक्ट अस में अब अगर मैं इस फॉर्म को फिल करता हूं मैं यहां पे कुछ भी डिटेल लिख देता हूं ठीक है मैंने ऐसे ही कुछ भी रैंडम डिटेल्स लिख दिए यहां पे ईमेल में टी ट t.com लिख देता हूं और पर्पस में कुछ भी लिख देते हैं मैसेज कुछ भी लिख देते हैं लेकिन जब मैं सांड मैसेज पे क्लिक करूंगा आप ऊपर यूआरएल देख सकते हैं फिलहाल केवल काक्स एएए फाइल तक का ही एड्रेस आ रहा है जब मैं सेंड मैसेज पर क्लिक कर रहा हूं तो क्या हमें यहां पे डाटा लिखा हुआ दिख रहा है क्या जो पैकेज सेंड हुआ में विजिबल है नहीं है तो यह गेट से ज्यादा सेफ है क्यों क्योंकि यह जितना भी डाटा है यह पोस्ट के जरिए सेंड करा गया है अब क्या इस चीज को हम देख सकते हैं तो बिल्कुल देख सकते हैं अगर मैं यहां पे राइट क्लिक करता हूं और इंस्पेक्ट में जाता हूं इंस्पेक्ट में जाने के बाद हमें इंस्पेक्ट से फिलहाल कुछ नहीं करना है यहां पर आपको नेटवर्क का एक ऑप्शन दिखेगा जो नेटवर्क ट्रैफिक को एनालाइज करता है नेटवर्क ट्रैफिक को रोक लेता है और यहां पर रिकॉर्ड करता है मॉनिटर करता है आप कह सकते हो और अगर मैं इस पेज को फिर से सेंड करूं यानी मैं फिर से डिटेल्स लिखूं यहां पे ठीक है तो हमने य कुछ डिटेल लिखी और अब अगर मैं सड मैसेज बटन पर क्लिक करूंगा तो आप देखेंगे यहां पे कि इसने कुछ डाटा रिकॉर्ड करा है है ना और अगर आप इस डाटा पर क्लिक करते हैं तो आप देखेंगे कि यह मेथड कौन सा यूज हुआ है पोस्ट मेथड यूज हुआ है रिक्वेस्ट मेथ मेथड में साफ दिखा रहा है कि पोस्ट मेथड के जरिए पैकेट भेजा गया है और उस पोस्ट में आपका जितना भी डाटा है वह सारा का सारा डाटा बॉडी पार्ट के जरिए ट्रांसफर करा गया ये सब क्या है सर ये सारे हमारे हेडर्स हैं है ना और एक खास चीज अगर आप यूजर एजेंट हैडर को देखो तो आपको यह भी क्लियर हो जाएगा जो मैंने बताया था अभी-अभी कि यूजर एजेंट हमारी डिटेल लेके जाता है आप देख सकते हो यहां पे windows10 मेरे ऑपरेटिंग सिस्टम का वर्जन वो कितने बिट का है और मैं कौन सा ब्राउजर यूज दे रहा था लिए ले जाकर हमारे सर्वर को बता रहा है जो कि हम नहीं चाहेंगे ओबवियसली इतनी डिटेल सर्वर को ले जाकर बता दे कैसे चेंज होगी आगे चलके देखेंगे बट आई होप आपको समझ आ गया होगा कि रिक्वेस्ट और रिस्पांस क्या है कैसा दिखता है यह रहे रिस्पांस के हेडर्स और ये रहे सारे रिक्वेस्ट के हेडर्स एक्सेप्ट एक्सेप्ट लैंग्वेज एक्सेप्ट इनकोडिंग और कुछ और भी एडस है जिसके बारे में अभी आपको आईडिया नहीं है और जानने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी एंड अगर मैं ऊपर एजे पीएपी में आऊ जहां पर हमारा डाटा में देखने को मिल सकता है तो मेथड तो पोस्ट बता ही रहा है लेकिन यहां पर अगर आप आए तो आप देख सकते हैं आपने जो डिटेल लिखी थी वो सारी दिखा रहा है लेकिन क्यों दिखा रहा है क्योंकि मेरा ही ब्राउजर है और पोस्ट का डाटा वो यहां पर शो कर रहा है ये डाटा यूआरएल में देखने को नहीं मिलेगा तो नॉर्मल से ज्यादा सेफ है ठीक है ऐसा नहीं है 100% सेफ है गेट के कंपैरिजन में पोस्ट ज्यादा सेफ है तो आई होप आप सभी को यह पार्ट तो समझ आ गया होगा तो अब हम कुछ बाकी के मेथड्स को भी देख लेते हैं क्योंकि हमने रिक्वेस्ट को रोकना और एनालाइज करना यह भी साथ-साथ समझ लिया है अब बात आती है हमारे पुट मेथड की और पुट मेथड में एक चीज हमें समझनी पड़ेगी कि सर साइबर सिक्योरिटी में दो ऐसे मेथड्स है जिनको मोस्ट डेंजरस मेथड कहा जाता है अब डेंजरस मेथड क्यों कहा जाता है बिकॉज यह मेथड्स किसी भी यूजर को किसी भी हैकर को अगर दिख गए या मिल गए तो उसकी मदद से व हमारे सिस्टम का यानी सर्वर का बहुत नुकसान कर सकता है तो इन डेंजरस मेथड्स को यूज लेने से या परमिशन देने से लोगों को इसको एक्सेस करने की परमिशन देने से मना करा जाता है डेवलपर्स को कौन-कौन से मेथड है तो सर उसमें सबसे पहला मेथड है पुट याद रखिएगा कई एग्जाम्स में भी साइबर सिक्योरिटी एग्जाम्स में पूछा जाता है कि मोस्ट डेंजरस मेथड्स कौन-कौन से माने जाते हैं तो उनमें सबसे पहला मेथड है पुट पुट डेंजरस क्यूस की डेफिनेशन के जरिए देखते हैं यहां पर लिखा हुआ है रिप्लेस ऑल करंट रिप्रेजेंटेशन ऑफ द टारगेट रिसोर्सेस विथ द अपलोडेड कंटेंट यानी यह क्या कर रहा है अगर इजी लैंग्वेज में आपको समझाऊं तो सर पुट मेथड के जरिए हमें परमिशन मिल जाती है कि एक सर्वर पे उस पर्टिकुलर हिस्से में जिस एड्रेस को हम एक्सेस कर रहे थे वहां पर हम कुछ कंटेंट अपडेट कर सकते हैं या आप कह सकते हो अपलोड कर सकते हैं और अगर मेरे पास ऐसी पावर्स आ गई कि मैं सर्वर सिस्टम पे यानी जिसकी वेबसाइट है उसके सिस्टम पे कुछ भी कंटेंट अपडेट कर सकता हूं अपलोड कर सकता हूं ओवरराइट कर सकता हूं बेसिकली तो मैं वहां पे कोई मलेशियन प्रोग्राम भेज दूंगा कोई वायरस जो आप अभी समझ पाएंगे फिलहाल लद मशियल प्रोग्राम कहते हैं उन्हे लेकिन अगर मैं कोई ऐसा प्रोग्राम जो सिस्टम का नुकसान कर सकता है सिस्टम पे भेज देता हूं पुट मेथड की वजह से तो यह तो लॉस है क्योंकि ये पूरा सिस्टम हैक हो जाएगा फिर पूरा सिस्टम खराब हो सकता है इसी वजह से पुट मेथड को मोस्ट डेंजरस मेथड कहा जाता है क्योंकि केस की की मदद से एक अटैकर को कंटेंट अपलोड करने की परमिशन मिल जाती है अपडेट करने की परमिशन मिल जाती है सर्वर पे आई होप सभी को समझ आ गया होगा देन इसके बाद हमारे पास जो सेकंड मोस्ट डेंजरस मेथड आता है वह है डिलीट डिलीट क्या है सेकंड मोस्ट डेंजरस मेथड है क्यों है तो इसकी डेफिनेशन देखते हैं रिमूव ऑल करंट रिप्रेजेंटेशन ऑफ द टारगेट रिसोर्सेस गिवन बाय अ यू आरआर है डिलीट मेथड का काम है कि सर इसके आगे आप जो भी एड्रेस दोगे जिस भी रिसोर्स का जिस भी फइल का जिस भी कंटेंट का आप एड्रेस दोगे यह उसको डिलीट करने की ताकत रखता है हटाने की ताकत रखता है इसका मतलब मैं सर्वर का कोई भी कंटेंट डिलीट कर सकता हूं मैं उसके सिक्योरिटी प्रोग्राम डिलीट कर सकता हूं जो कि बहुत ज्यादा डेंजरस साबित होगा सर्वर के लिए तो इस मेथड को सेकंड मोस्ट डेंजरस मेथड कहा जाता है एंड आई होप आप सभी को पुट एंड डिलीट अच्छे से क्लियर हो गए होंगे अब बात करते हैं ऑप्शंस मेथड की कि सर ये ऑप्शंस मेथड क्या है तो उसकी डेफिनेशन कह रही है डिस्क्राइब्स द कम्युनिकेशन ऑप्शंस फॉर द टारगेट रिसोर्सेस यानी सर जब आप कम्युनिकेट कर रहे हो तो उससे रिलेटेड कुछ ऑप्शंस आपको शो करता है ऑप्शंस नाम का मेथड क्या आप इस कनेक्शन में क्या-क्या कर सकते हैं एक्टिव है कि नहीं है क्लोज हो चुका है कि नहीं हो चुका है एक्टिव रखना है कि नहीं रखना है ऐसे कुछ फंक्शंस आपको ऑप्शन मेथड प्रोवाइड करता है देन इसके बाद हमारे पास आता है ट्रेस मेथड जो कि मोस्ट डेंजरस मेथड तो नहीं कहा जाता पर यह मेथड भी हैकर्स की काफी काम का है क्यों काम का है इसकी डेफिनेशन देखते हैं परफॉर्म्स अ मैसेज लूप बैक टेस्ट अलोंग द पाथ टू द टारगेट रिसोर्सेस यानी ये कह रहा है कि सर आपको अगर कोई फाइल डिलीट करनी है तो आपके पास उसका एड्रेस होना चाहिए अगर आपको कोई कंटेंट अपडेट करना है तो आपको उस जगह का एड्रेस पता होना चाहिए जहां आप कंटेंट अपडेट कर रहे हो यानी दोनों ही केसेस में हमारे पास यूआरएल जिसका मतलब एड्रेस होता है वो होना जरूरी है तो अक्सर कई चीजों का एड्रेस हमें नहीं मिलता मुझे नहीं पता कि यह पेज कहां पड़ा है यह पेज कहां पड़ा है सर्वर पे क्योंकि मैंने तो सर्वर को अभी हैक नहीं किया है लेकिन ट्रेस मेथड की मदद से सर हमें किसी भी रिसोर्स का एड्रेस मिलने में मदद मिल जाती है एक तरीके से जब हम कोई फाइल को फाइंड करते हैं सर्च करते हैं कुछ वैसा है तो तो ट्रेस की मदद से हमें यूआरएल मिल जाते हैं और फिर हम यूआरएल की मदद से डिलीट भी कर सकते हैं अपडेट भी कर सकते हैं अगर वो मेथड्स हमें दिए गए हैं तो तो ट्रेस हमें इंफॉर्मेशन गैदरिंग में काफी हेल्प कर रहा है आई होप क्लियर हुआ होगा आपको देन इसके बाद हमारे पास आता है कनेक्ट मेथड इसकी डेफिनेशन कहती है एस्टेब्लिश अ टनल टू द सर्वर आइडेंटिफिकेशन बनाना है कि नहीं बनाना है टीसीपी को ये चीज गाइड करनी है कि नहीं करनी है यह काम कनेक्ट मेथड करता है [संगीत] इस वीडियो में हम देखने वाले हैं डोमेन नेम एंड डीएनएस के बारे में अभी तक हमने जितना भी नेटवर्किंग पढ़ा उसमें हम इतना समझ आया कि हम एचटीटीपी रिक्वेस्ट रिस्पांस के जरिए कम्युनिकेशन करते हैं जिसमें आईपी पोस्ट प्रोटोकॉल्स हर कोई अपना रोल प्ले करता है अब हम ये समझने वाले हैं कि जब हम एक नाम लिखते हैं डोमेन नेम लिखते हैं तो हम सर्वर तक पहुंचते कैसे हैं एंड डोमेन नेम होता क्या है सबसे पहले हम देखेंगे डोमेन नेम क्या है फिर देखेंगे डीएनएस क्या होता है देन हम देखेंगे रिकॉर्ड्स डीएनएस के अंदर क्या होते हैं और क्या काम काम आते हैं और हम फाइनली देखेंगे जोन फाइल नाम की एक बहुत ही इंपॉर्टेंट और काम की फाइल को अब पहले पार्ट प अगर हम बढ़ें कि एक डोमेन क्या है तो हम बहुत इजली समझ सकते हैं कि सर जब हम एक वेबसाइट को एक्सेस करते हैं तो हमें उसका नाम लिखना होता है और ऐसा इसलिए करना होता है क्योंकि हमें उसका आईपी एड्रेस याद नहीं रह सकता और इसी कांसेप्ट को अच्छे से क्लियर करेंगे पहले इस पॉइंटर को समझ लेते हैं कि डोमेन सर और कुछ नहीं है एक आईपी का नाम है क्यों रखा गया ताकि आपको इजली याद रह सके एग्जांपल के तौर पे google.com facebook.com ws.com य सब क्या है ये सब डोमेन नेम्स है अब इसकी जरूरत क्यों पड़ी है स्टार्ट कहां से हुआ तो हुआ यहां पे कुछ ऐसा स्टूडेंट्स कि एक डेवलपर था है ना डेवलपर ए मान लेते हैं हमने इसको एक नाम दिया ए ये जो डेवलपर है इसने क्या करा सर इसने ग्रुप ऑफ वेब पेजेस बनाए अब आप सभी से मेरा क्वेश्चन है ग्रुप ऑफ वेब पेजेस को हम क्या कहते हैं यानी खूब सारे वेब पेजेस को कंबाइन करेंगे तो क्या बनेगा एक वेबसाइट वेरी गुड तो सर इसने एक वेबसाइट बनाई और ये वेबसाइट इसने अपने सिस्टम पे ले जाकर रख दी अब सवाल ये है कि इसके सिस्टम पे ये वेबसाइट पड़ी है इसके सिस्टम के पास खुद की जो आइडेंटिटी है मैं थोड़ी और डिटेल दे देता हूं इसके सिस्टम के पास खुद की जो पहचान है वह है प्राइवेट आईपी एड्रेस एग्जांपल के तौर पर मान लो 192 16801 उसके अलावा सर उसके पास है मैक एड्रेस और उसके अलावा उसके पास है लोकल होस्ट है ना जिसका आईपी होता है 17.0.1 क्वेश्चन मेरा आप सभी से यह है कि क्या बीइंग अ नॉर्मल यूजर आप जो अपने घरों पर बैठे हैं अलग-अलग स्टेट में बैठे हैं अलग-अलग में बैठे हैं क्या आप लोग इस वेबसाइट को एक्सेस कर सकते हैं डायरेक्ट क्या आप लोग ये वेबसाइट जो इस डेवलपर ने डेवलपर ए ने बनाई है क्या आप उसे एक्सेस कर पाएंगे नहीं कर पाएंगे क्यों नहीं कर पाएंगे क्योंकि सर हमें आईपी का रूल याद रखना पड़ेगा आईपी का रूल ये कहता है कि आप प्राइवेट आईपी से केवल और केवल प्राइवेट आईपी की ही बात करा सकते हो वो भी उसकी रेंज में यानी लोकल एरिया नेटवर्क में और आप लोग तो वाइड एरिया नेटवर्क में बैठे हैं तो क्या यह पॉसिबल है कि हम इस सिस्टम से किसी भी तरीके से कम्युनिकेट कर सके डायरेक्ट डायरेक्ट तो पॉसिबल बिल्कुल नहीं है आईपी का रूल तो नहीं ब्रेक होगा इसका मतलब हमारे पास पब्लिक आईपी होनी चाहिए तब हम कम्युनिकेशन कर सकते हैं तो हमारे इस डेवलपर को जब ये बात समझ आई तो उसने क्या करा उसने एक सिस्टम परचेस करा तो यहां पे एक बार इसको क्लियर करते हैं कैसा सिस्टम परचेस करा तो सर उसने एक सिस्टम परचेस करा जिसके पास एक पब्लिक स्टैटिक आईपी एड्रेस है स्टैटिक मतलब जो चेंज नहीं होती है ना पब्लिक स्टैटिक आईपी एड्रेस एग्जांपल के तौर पर हम मान लेते हैं 4.4.4 4 अब इस सिस्टम के पास एक पब्लिक आईपी एड्रेस है 4.4.4 इसने अपनी वेबसाइट को ले जाकर यहां पे अपडेट कर दिया अपलोड कर दिया ये यहां पे इसकी वेबसाइट अपलोड हो चुकी है अब मेरा क्वेश्चन यह है कि बीइंग अ नॉर्मल यूजर फिर से क्या आप चाहे किसी भी कंट्री में हो किसी भी स्टेट में हो कितना भी दूर हो या पास हो इंटरनेट की मदद से क्या इस सिस्टम से बात कर सकते हो सर डेफिनेटली कर सकते हैं क्यों क्योंकि हमारे ब्रॉडबैंड के पास पब्लिक आईपी है और इनके पास भी पब्लिक आईपी है अब बस इशू यहां पे यह हुआ कि मैंने तो फिलहाल बहुत इजी आईपी एड्रेस रखा है लेकिन अगर कोई ऐसा आईपी एड्रेस होता तो 12821 1.20.1 21 तो क्या हमें ये आईपी एड्रेस याद रहता एक याद रह भी जाता तो बाकी के आईपी एड्रेस याद रखना पॉसिबल नहीं होता इसी काम को आसान करने के लिए इन आईपी को नाम दे दिया गया डोमेन नेम दे दिया गया जैसे google.com facebook.com या जो भी आपको डोमेन नेम पता है ताकि हमें आईपी याद ना रखनी पड़े बट यहां पे एक और क्वेश्चन क्रिएट होता है सर यह नाम खरीदा कैसे गया यह जो नाम है ये कैसे रखा गया तो इस पार्ट को बहुत अच्छे से समझेगा मैं यहां पर इसको एक्सप्लेन कर रहा हूं तो हमें पता है हम आईपी याद नहीं रहेगा डेवलपर को पता है कि उसको अब एक नाम खरीदने की जरूरत है ताकि लोग उसकी वेबसाइट तक इजली पहुंच सके आईपी याद रखने का इशू ना हो लोगों को ऐसा ना करना पड़े तो डेवलपर ने क्या करा वो किसी वेबसाइट पर गया जैसे मान लो वो ग डडी प गया ग डडी वेबसाइट पर गया और वहां पर जाके उसने बोला कि मुझे एक नाम परचेस करना है अपनी वेबसाइट के लिए डोमेन नेम परचेस करना है तो गो डडी ने इससे कुछ डिटेल्स मांगी जैसे रजिस्ट्रेशन कराया डेवलपर से और उसके बाद उसको कुछ अकाउंट क्रेडेंशियल दे दिए यानी यूजर नेम और पासवर्ड दे दिया साथ ही साथ एक नाम भी दे दिया एक डोमेन नेम भी दे दिया एग्जांपल के तौर पे मान लेते हैं ws.com यह डोमेन नेम परचेस करा इस यूजर ने यानी डेवलपर ए ने अपने सर्वर के लिए अब इसको ध्यान से देख के बताओ क्या इस डोमेन नेम में इस डेवलपर के अलावा क्या कुछ भी कॉमन है यानी क्या इन दोनों के बीच में कोई भी कनेक्शन बना हुआ है फिलहाल कोई भी कनेक्शन नहीं है उसने जो सर्वर है यानी सिस्टम जिसके पास पब्लिक आईपी एड्रेस है अलग जगह से खरीदा उसने जो नाम है वो गड आईडी से खरीदा तो दोनों के बीच में कोई कनेक्शन नहीं है लेकिन सर इस यूजर को क्रेडेंशियल दे रखे थे उसका यूजर नेम और पासवर्ड जिसकी मदद से वो क्या करता है डोमेन के जो सेटिंग्स का पेज है ये जो डोमेन नेम है इसकी सेटिंग्स के पेज में पहुंच जाता है जिस सेटिंग का नाम है डोमेन मैनेजर क्या नाम है सर डोमेन मैनेजर और इस डोमेन मैनेजर सेटिंग के जरिए ये क्या कर सकता है अपने डोमेन से रिलेटेड सारी कॉन्फिन यानी सारी सेटिंग्स कर सकता है बता सकता है डोमेन को उसको किसके साथ और कैसे काम करना है तो यहां पे जितनी भी सेटिंग्स है उन सबको हम कहते हैं रिकॉर्ड्स क्या कहते हैं रिकॉर्ड्स कहते हैं सर जैसे ए रिकॉर्ड एम एक रिकॉर्ड टी एकटी रिकॉर्ड अब ये सब है क्या और इनका काम क्या है ये अब हम डिटेल में समझेंगे कि रिकॉर्ड्स क्या होते हैं और किस रिकॉर्ड में किस तरीके का डाटा आता है फिर भी अगर इन शॉर्ट आपको समझाऊं तो आपके सामने आज अगर मैं एक फॉर्म ओपन करता हूं जहां पे नेम इक्वल्स टू लिखा हुआ है कांटेक्ट नंबर इक्वल्स टू लिखा हुआ है और एड्रेस इक्वल्स टू लिखा हुआ है तो आप क्या करेंगे सर नेम में अपना नेम फिल करेंगे कांटेक्ट नंबर में कांटेक्ट नंबर और एड्रेस में एड्रेस ऐसा तो नहीं करेंगे ना कि नेम में एड्रेस लिख दिया कांटेक्ट नंबर में एड्रेस लिख दिया या अपना नाम लिख दिया ऐसी हम गलती तो नहीं करेंगे यहां पे तो वैसा ही सर यहां पे भी कुछ कॉलम्स है जिनको हम रिकॉर्ड्स कहेंगे जिनके अंदर कुछ फिक्स टाइप का डाटा आना चाहिए और जो डेटा वो सपोर्ट करते हैं वही डाटा मेंशन करेंगे सो आइए देखते हैं रिकॉर्ड्स इन डीएनएस एंड देयर यूज सबसे पहले रिकॉर्ड का नाम है ए रिकॉर्ड ए रिकॉर्ड क्या है सर ए के आगे लिखा हुआ है आईपी ऑफ डोमेन नेम इसका मतलब आपने एक डोमेन खरीदा था उससे रिलेटेड आप सेटिंग्स में गए जहां पे a इक्वल टू लिखा हुआ है और a रिकॉर्ड कह रहा है कि मेरे अंदर आपको आईपी एड्रेस लिखना है यानी इस कॉलम में हमें क्या लिखना है यहां पे हमें आईपी लिखना है और किसका लिखना है सर्वर का लिखना है इसका मतलब आप इस ws.com नाम के डोमेन को जिस भी सर्वर के साथ कनेक्ट करना चाहते हैं जिस भी सिस्टम के साथ जोड़ना चाहते हैं आप उसका आईपी एड्रेस ए रिकॉर्ड में जाके लिख दोगे तो उससे उसको पता पड़ जाएगा कि उसको किस सर्वर के साथ जुड़ के काम करना है यानी जब भी हम ws.com लिखेंगे तो हमें किस सर्वर पर जाना है ये ए रिकॉर्ड को आईडिया रहे ये डीएनएस को पता पड़ जाएगा डीएनएस क्या है ये अभी और अच्छे से समझेंगे ठीक है आई होप ए रिकॉर्ड समझ आ गया होगा ए रिकॉर्ड के अंदर क्या आता है आईपी ऑफ डोमेन नेम आपके डोमेन को आप जिस सिस्टम से जोड़ना चाहते हैं उसका आईपी आप लिख देते हैं देन आता है सी नेम एक बहुत ही इंटरेस्टिंग रिकॉर्ड है सी नेम इसकी डेफिनेशन क री है फॉरवर्ड डोमेन एंड सब डोमस टू अनदर डोमेन यानी ये क्या करता है हमारे साथ अक्सर ऐसा हुआ होगा जब हम किसी वेबसाइट पर विजिट करते हैं तो मान लेते हैं हम डब्लू क्यूब की वेबसाइट प गए और उस वेबसाइट प कोई मेंटेनेंस का वर्क चल रहा था कुछ काम चल रहा था तो वह वेबसाइट जो है वो अच्छे से काम नहीं कर रही थी है ना अपनी फंक्शनिंग अच्छे से नहीं कर रही थी तो उस दौरान जो वेबसाइट का एडमिन है या डेवलपर्स है वो नहीं चाहते कि जितने भी यूजर्स उस वक्त उस वेबसाइट पर आए उन्हें बैड एक्सपीरियंस मिले है ना वो नहीं चाहते कि उन्हें कोई बुरा एक्सपीरियंस मिले तो वो क्या करेंगे कुछ टाइम के लिए उन लोगों को कहीं और रीडायरेक्ट कर सकते हैं कहीं और बेज सकते हैं अपनी दूसरी वेबसाइट पे भेज सकते हैं तो उन्होने क्या करा कि w tech.com पे जितने भी लोग आ रहे थे उस टाइम पे जब वेबसाइट में काम चल रहा था उन्होने उन सभी लोगों को कोड t.com नाम की वेबसाइट पे डैड कर दिया ऐसा करने पे क्या हुआ लोगों को कोई ज्यादा बुरा एक्सपीरियंस नहीं मिला लोग दूसरी वेबसाइट पे गए जो अपने बेसिक काम करने थे व करे और नहीं भी करें तो कुछ खास लॉस नहीं हुआ तो यहां पे क्या हुआ हम जा कहीं और रहते हमें कहीं और भेज दिया गया रीडायरेक्ट कर दिया गया यह रीडायरेक्शन सी नेम की मदद से भी पॉसिबल है और ऐसा कहने के पीछे रीजन यह है कि रीडायरेक्शन अलग-अलग तरीकों से हो सकता है फिलहाल सी नेम से भी पॉसिबल है सी नेम का कहना है कि अगर आपने मेरे कॉलम में किसी भी डोमेन का नाम लिखा google.com को wsp.com में किसी भी डोमेन का नाम लिखा तो जब कोई आपके ओरिजिनल डोमेन पे आएगा जो कि ws.com था तो मैं उस यूजर को उस डोमेन पे रीडायरेक्ट कर दूंगा जो आपने मेरे अंदर लिखा है मेरे कॉलम के अंदर लिखा है यह सी नेम का काम है रीडायरेक्शन का सी नेम का काम है आई होप समझ आ गया होगा सभी को देन हमारे पास आता है mx7 रिकॉर्ड यहां पे आप देख सकते हो डायरेक्ट मेल टू ईमेल सर्वर अब होता क्या है इस चीज को और अच्छे से एक्सप्लेन करने की कोशिश करेंगे हम ध्यान से समझिए होता यहां पे यह है कि सर जब भी आप एक डोमेन परचेस करते हैं तो वह डोमेन अपने साथ आपको कई सारे नए यूजर्स ईमेल के यूजर्स है ना कौन सी यूजर्स मेलिंग के लिए जो हमारे ईमेल एड्रेसस होते हैं ईमेल अकाउंट्स होते हैं वो कई सारे यूजर्स प्रोवाइड कर सकता है आपने देखा होगा आपको अगर किसी भी कंपनी से मेल आता है तो उसका एक्सटेंशन जो है वो @ gmail.com नहीं होता जैसे होगा देखो कैसे होगा मेल आपका एआर @ ws.com अब सर यहां पे gmail.com क्यों नहीं है हमारी जो ईमेल एड्रेसस है उनमें तो आदर g आता है @ gmail.com आता है यहां पर hrs.com क्यों लिखा हुआ है क्योंकि सर यह जो नाम है यह जो पूरा ईमेल एड्रेस है यह जीमल से नहीं मिला है हमें यह नाम हमें हमारे डोमेन ने दिया यानी एक डोमेन के पास ताकत होती है पावर होती है कि व खूब सारे यूजर्स क्रिएट करवा सकता है ईमेल के तो हमने क्या करा जितने भी ईमेल बनाए कैसे बनाए डोमेन की मदद से बनाए और उसके लिए डोमेन खुद का मेल सर्वर देता है क्या देता है खुद का मेल सर्वर यानी हमारे पास एक मेल सर्वर है जिसके अंदर हम हमारे डोमेन से जुड़े हुए कई सारे ईमेल एड्रेसस बना सकते हैं लेकिन वो मेल सर्वर इतना अच्छा नहीं है उसका जीआई इतना अच्छा नहीं है उसकी वर्किंग इतनी अच्छी नहीं है तो हम चाहेंगे कि फ्यूचर में अगर मुझे मेरे इस मेल के जरिए hrs.com के जरिए मुझे अगर किसी को मेल करना है तो इंटरफेस अच्छा मिले एक ऐसा सॉफ्टवेयर मिले जो मेलिंग करने के लिए बेस्ट है या फिर बहुत अच्छा है अब अगर यही क्वेश्चन मैं आपसे पूछना चाहूं कि अगर आज के टाइम पे आप कोई मेल भेजना चाहो किसी को भी अपनी नॉर्मल आईडी से तो कौन सा सॉफ्टवेयर यूज लेंगे सर हम तो gmail-email तो है लेकिन हम उसको gmax.gvk यूज़ ले सकते हैं तो अप्रूवल के लिए हम mx2 जो चाहे लिख सकते हो कोई फाउंडेशन नहीं है कि आपको यही लिखना पड़ेगा देन हमारे पास आता है एनएस रिकॉर्ड अब एनएस के अंदर लिखा हुआ है नेम सर्वर इन शॉर्ट अगर मैं आपको समझाऊं तो आपके डोमेन नेम को कुछ और दो छोटे नाम में डिवाइड कर दिया जाता है ताकि आपका जो डाटा है वो बहुत ही सही तरीके से सर्वर तक पहुंचे या डीएनएस जो है आपसे रिलेटेड कुछ डिटेल्स कलेक्ट कर सके ये नेम सर्वर्स कैसे दिखते हैं कुछ ऐसे ns1 ws.com ns2 ws.com तो यहां पर ये दो नेम सर्वर्स है जो हमारे डोमेन से जुड़े रहते हैं है ना जो हमें सर्वर तक पहुंचाएंगे अब इसमें खास बात यह है कि यह हमारे लिए क्यों यूजफुल है ये इंफॉर्मेशन हमारे लिए क्यों काम की है साइबर सिक्योरिटी में हमें रिकमेंड करा जाता है कि सर आपके डोमेन के मिनिमम दो नेम सर्वर्स होने चाहिए क्योंकि कुछ स्पेशल टाइप के डॉस अटैक्स है जिससे डाटा एक साथ बहुत सारा आता है तो आपके सिस्टम्स को इशू हो सकता है आपके सर्वर्स को इशू हो सकता है है ना क्रैश हो सकते हैं खराब हो सकते हैं स्लो हो सकते हैं तो उससे बचने के लिए अगर आप दो नेम सर्वर्स रखोगे तो डाटा डिवाइड हो जाएगा जिस से उसकी पावर कम हो जाएगी तो हमें एट दी एंड साइबर सिक्योरिटी पर्सपेक्टिव से देखें तो रिकमेंड करा जाता है कि मिनिमम एक डोमेन के दो नेम सर्वर्स तो होने ही चाहिए उससे ज्यादा हो सकते हैं कोई दिक्कत नहीं है आई होप यह पार्ट भी सभी को क्लियर होगा देन हमारे पास आता है एसओ ए रिकॉर्ड और एसओ रिकॉर्ड हमें क्या इंफॉर्मेशन देता है तो इसकी डेफिनेशन कह रही है एडमिन इंफॉर्मेशन अबाउट अ डोमेन इसका मतलब आपका जो डोमेन है उसके एडमिन की जो इंफॉर्मेशन है वह एसओ रिकॉर्ड के अंदर ऐड होती है और ऐसा क्यों होता है कि सर अगर फ्यूचर में हमारे डोमेन में कोई भी इशू हुआ तो हम किससे कनेक्ट करेंगे यानी अगर एक यूजर किसी वेबसाइट को चला रहा है और डोमेन में कनेक्शन नहीं बन रहा डोमेन अच्छे से वर्क नहीं कर रहा है तो एटलीस्ट किसी एडमिन का कोई ईमेल एड्रेस से कोई डिटेल होनी चाहिए ताकि उसे य चीज रिपोर्ट करी जा सके तो वो डिटेल एस रिकॉर्ड के अंदर ऐड करी जाती है उसके बाद सर हमारे पास आता है एस आरवी एस आरवी की डेफिनेशन कहती है स्पेसिफिक पोर्ट फॉर स्पेसिफिक सर्विसेस और यह बहुत काम का रिकॉर्ड है हमारे लिए तो यहां पर ध्यान दीजिए और य रिकॉर्ड हमारे लिए बहुत यूजफुल रिकॉर्ड है तो यहां पर फोकस फकस करिएगा कि सर होता यह है हमें पता है एक सिस्टम में बहुत सारी पोर्ट्स ओपन होती है और वो पोर्ट एक हैकर के लिए बहुत काम की है अगर किसी हैकर को पता पड़ गया कि मेरे सिस्टम में एंटर होने के लिए कौन-कौन से रास्ते ओपन है तो वो सिस्टम का मिस यूज लेके उसे हैक कर सकते ओपन पोस्ट के जरिए कमिया ढूं के सिस्टम को हैक कर सकता है तो यहां पे यह डिटेल हमें एसआरबी रिकॉर्ड में कभी-कभार देखने को मिल जाती है कि हमारे सर्वर पे कौन-कौन सी पोस्ट ओपन है और वहां पे क्या सॉफ्टवेयर रन कर रहे हैं अगर ये इंफॉर्मेशन दिख जाए तो फिर ये डेवलपर के लिए गलत है उसके लिए हार्मफुल है ये इंफॉर्मेशन एक वल्नरेबल का रूप ले सकती है तो उम्मीद है एसआई रिकॉर्ड भी क्लियर हो गया होगा कि सर इसके अंदर सर हमें ओपन पोस्ट और सर्विसेस की इंफॉर्मेशन मिल सकती है जो कि हमारे सर्वर की जो कि नहीं मिलनी चाहिए है ना देन हमारे पास आता है पीटीआई रिकॉर्ड एक और इंटरेस्टिंग रिकॉर्ड ये इंटरेस्टिंग क्यों है इसकी डेफिनेशन कह रही है प्रोवाइड डोमेन नेम इन रिवर्स लुक अप अब सोचो अगर कैसा हो एक अटैकर आए है ना तो ये एक अटैकर आया अटैकर ने क्या करा उसने ws.com को स्कैन करा यानी ws.com के पास कुछ प पैकेज भेजे जो यहां से इंफॉर्मेशन लेकर आएंगे लेकिन जब यह पैकेज इंफॉर्मेशन लेकर आए तो यहां पे google.com लिखा हुआ आया ऐसे में क्या होगा हमारा जो अटैकर था वो कंफ्यूज हो जाएगा वो कहेगा मैंने तो ws.com से डेटा मांगा था मेरे पास google.com पर डटा क्यों आ रहा है तो ये जो कंफ्यूजन है ये क्रिएट करने में पीटीआर रिकॉर्ड हमारे काम आता है पीटीआर का मतलब है पॉइंटर वो किसी और की तरफ पॉइंट कर देता है है ना इसका मतलब यह है कि सर जैसे ही हमारा डाटा जा रहा होता है वो वहां पे नाम किसी और का दिखा देता है बस इतना डिफरेंस है कि नाम किसी और का दिख रहा है तो कंफ्यूजन क्रिएट करता है सो आई होप स्टूडेंट्स यह कुछ डीएनएस रिकॉर्ड आप सभी को क्लियर हो गए होंगे अब सवाल यह है कि डीएनएस असल में क्या है हमें डोमेन की सेटिंग्स तो समझ आ गई अब बात करते हैं डीएनएस के बारे में कि डीएनएस है क्या डीएनएस का फुल फॉर्म है डोमेन नेम सिस्टम इसको सर एड्रेस बुक ऑफ इंटरनेट भी कहा जाता है यह क्या करता है सर आप जितने भी डोमेन नेम लिखते हो ना वोह असल में डोमेन कीस आईपी से जुड़ा हुआ है यही वो ट्रांसलेशन करता है एंड यहां पर एक और लाइन लिखी हुई है स्टोर ऑल डाटा इन फॉर्म ऑफिक बिकॉज इन जोन फाइल इस डाटा को मैं अभी एक्सप्लेन करता हूं इस पॉइंट को मैं अभी एक्सप्लेन करता हूं आप सभी को पहले डीएनएस का वर्क समझा देता हूं तो जितना हमने पढ़ा मैं ये समझ आया कि सर जब हम हमारे सिस्टम में किसी डोमेन का नाम लिखते हैं ws.com तो वो डाटा सीधा जाता है डीएनएस के पास और डीएनएस बताता है कि सर ये आपका जो डोमेन है इसको क्या आईपी अलडा सलेट करता है तो मान लेते हैं इसने ट्रांसलेट करा 4.4.4 4 वो था एड्रेस हमारे सर्वर का जिसके अंदर हमारी ये w वेबसाइट चल रही थी है ना जो डेवलपर ने सर्वर खरीदा था वो उसका एड्रेस था सवाल ये है कि डीएनएस को ये पता कैसे पड़ा कि डोमिनस आईपी से जुड़ा हुआ है तो सर होता यह है कि डीएनएस एक्सेस करता है एक फाइल को जोन फाइल को इस फाइल का नाम क्या है जोन फाइल और ये फाइल क्या है इसको और अच्छे से समझाता हूं आप सभी को लास्ट एग्जांपल याद होगा कि हमारे डेवलपर ने क्या करा कि सर गडी के जरिए एक डोमेन परचेस करा गोड आईडी ने इसको एक पेज दिया रजिस्ट्रेशन और लॉगइन करने ने के बाद यह इस डोमेन मैनेजर के पेज में जाता है और वहां पर सारे रिकॉर्ड्स को सेटअप करता है ए एकस टी एक्सटी एनएस इन सारे रिकॉर्ड्स की लेटे सेटिंग्स करता है जब डेवलपर यह सारी सेटिंग्स करता है तो यह सेटिंग्स एक टाइम पीरियड के गैप के बाद एक फाइल में जाके अपना अपडेट हो जाती है और इस फाइल का नाम है जोन फाइल क्योंकि यह जो डाटा है यह प्राइवेट इंफॉर्मेशन है यह सारी प्राइवेट इंफॉर्मेशन है यह डीएनएस वीएनएस कोई भी रीड नहीं कर सकता यह केवल मेरी इंफॉर्मेशन है यानी डेवलपर की इंफॉर्मेशन है जिसके पास क्रेडेंशियल थे तो सर डोमेन को डीएनएस को कैसे पता पड़ेगा कौन सा डोमेन कौन से आईपी से जुड़ा हुआ है इसी प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए जितनी इंफॉर्मेशन इस रिकॉर्ड में थी या इस पेज में थी उसकी कुछ इंफॉर्मेशन एक जोन फाइल में जाके अपडेट हो जाती है यह फाइल एक पब्लिक फाइल है इसको हर कोई एक्सेस कर सकता है तो डीएनएस क्या करता है सीधा इस फाइल को एक्सेस करता है तो उसको पता पड़ जाता है कि अच्छा इस डोमेन का आईपी ये है क्योंकि इसमें ए रिकॉर्ड का डाटा आ चुका है फिर हमें वो उस यूजर के पास डाट कर दे यानी हमें हमारे सर्वर तक पहुंचा देता है आई होप आप सभी को को समझ आया होगा डीएनए कैसे काम कर रहा है और यह जो हमारी जोन फाइल है ये जुड़ी होती है नेम सर्वर से ns1 ws.com ns2 क इनमें से किसी भी एक नेम सर्वर से जुड़ी हुई होगी तो डीएनएस जाएगा नेम सर्वर्स के पास उससे पूछेगा जोन फाइल किसके पास है जैसे ns1 ने कहा मेरे पास है तो जोन फाइल को एक्सेस करेगा उसे पता पड़ जाएगा कि ए रिकॉर्ड में यह आईपी लिखा हुआ है तो हमारे डोमेन को व आईपी में ट्रांसलेट करेगा और हमारा पैकेट सर्वर तक पहुंचा देगा इस तरीके से हम पूरे इंटरनेट प वेबसाइट एक्सेस कर पाते हैं आई होप आप सभी को डोमेन डीएनएस और जन फाइल का कांसेप्ट भी क्लियर होगा इसको और अच्छे से क्लियर करने के लिए हम यहां पे जोन फाइल की डेफिनेशन देख लेते हैं पॉइंट्स के जरिए तो जोन फाइल क्या है एक टेक्स्ट फाइल है डीएनएस की डोमेन नेम सिस्टम की एक टेक्स्ट फाइल है जिसके अंदर रिकॉर्ड्स होते हैं सारे के सारे डोमस के कौन से रिकॉर्ड सर ए रिकॉर्ड एम एक रिकॉर्ड टी एकटी रिकॉर्ड ये जो रिकॉर्ड्स हमने पढ़े थे इसका डाटा इसके अंदर अपडेट होता रहता है टाइम पीरियड के गैप से ये आईपी मैपिंग में मदद करता है यानी इसी की मदद से पता पड़ता है कौन सा डोमेन कौन सी आईपी से जुड़ा हुआ है एंसर नेम सर्वर डॉट जोन यहां पे इसलिए लिखा लिखा हुआ है क्योंकि यह किसी ना किसी नेम सर्वर से जुड़ी हुई होती है कनेक्टेड होती [संगीत] है हम देखने वाले हैं ओआई वर्सेस टीसीपी आईपी मॉडल दोनों में क्या डिफरेंस है नेटवर्किंग में क्या रोल प्ले कर रहे हैं क्यों हमारे लिए जरूरी है ये चीज आज हम समझने वाले हैं तो हम क्या-क्या देखेंगे सर सबसे पहले हम देखेंगे ओआई मॉडल क्या है देन देखेंगे ये काम किस तरीके से करता है फिर हम देखेंगे व्हाट इज टीसीपीआईपी मॉडल एंड देन देखेंगे ओआई वर्सेस टीसीपीआईपी मॉडल यानी दोनों में डिफरेंस क्या है तो स्टार्ट करते हैं सबसे पहले देखते हैं ओआई मॉडल क्या है स्टूडेंट्स ओआई का फुल फॉर्म है ओपन सोर्स इंटरकनेक्शन मॉडल अब ये मॉडल की जरूरत क्या पड़ी पहले पॉइंट्स देख लेते हैं फिर अच्छे से समझेंगे तो सर यहां पे लिखा हुआ है कि कुछ फंक्शंस डिफाइन कर रखे हैं सेवन लेयर्स के अंदर जिसकी मदद से स्टैंडर्डाइज तरीके से कम्युनिकेशन पॉसिबल हो सकता है और जब इसे रीड करा जाता है तो बॉटम टू अप रीड करा जाता है अब ये समझते हैं कि पॉइंटर हमसे क्या कहना चाह र है असल में ओआई मॉडल और कुछ नहीं है सर ये स्टैंडर्डाइज तरीका बनाया गया जिसकी मदद से हमें पता पड़े कि सही फॉर्मेट में एक स्टैंडर्डाइज तरीके से स्टेप बाय स्टेप तरीके से कम्युनिकेशन कैसे पॉसिबल हो सकता है जिसमें हमें पता है अगर कोई यूजर कोई डाटा भेजेगा तो पहले हार्डवेयर के पास जाएगा फिर डाटा को अरेंज करा जाएगा सेट करा जाएगा व्यू मोड में लाया जाएगा यानी एक पूरा प्रोसेस बनाया गया कम्युनिकेशन का तो इसी सिस्टमैटिक तरीके से जब हमने कम्युनिकेशन स्टार्ट करा तो इसी सिस्टमिक तरीके को हम ओआई मॉडल मानते हैं ओआई मॉडल और कुछ नहीं है एक तरीका है जिसके अंदर सेवन लेयर्स के जरिए में फाइन करा गया है कि आप स्टैंडर्डाइज तरीके से बात कैसे कर सकते हैं अब इसको देखते हैं यहां पे कि सेवन लेयर्स क्या-क्या है तो यहां पे हमारे पास सबसे पहला लेयर है फिजिकल लेयर देन आता है डेटा लेयर देन नेटवर्क देन ट्रांसपोर्ट देन सेशन देन प्रेजेंटेशन एंड देन एप्लीकेशन और जैसा मैंने कहा था इसे बॉटम टू अप रीड करा जाता है अब कौन सी लेयर में क्या काम हो रहा है ये हम बहुत ही जल्द क्लियर कर लेंगे बट हुआ यहां पे ये कि ये जो ओआई मॉडल था जब इसको प्रैक्टिकली इंप्लीमेंट करा गया उसको यूज लेने की कोशिश करी गई प्रैक्टिकली बेसिकली फॉलो करा गया तब देखा कि इसमें कुछ अपडेशंस की जरूरत है तो वो अपडेशंस बन गए टीसीपी आईपी मॉडल टीसीपी आईपी मॉडल क्या है सर टीसीपी का फुल फॉर्म होता है ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल और आईपी का फुल फॉर्म होता है इंटरनेट प्रोटोकॉल अब ये मॉडल क्या है तो सर कुछ नहीं है ये ओआई मॉडल का ही एक वर्जन है जिसको फोर या फाइव लि मॉडल्स में डिफाइन कर दिया गया है और यह असल में एक प्रैक्टिकल मॉडल है यानी प्रैक्टिकल इंप्लीमेंटेशन जब करा गया तो ओआई मॉडल को अपडेट करके टीसीपीआईपी मॉडल बना दिया गया जिसमें फोर टू फाइव डेज हमें देख ने को मिलती है और ये यूज होता है हमारे वाडी नेटवर्क में जैसा मैंने कहा प्रैक्टिकली जब इसको वाडी नेटवर्क में यूज देने लगे तो एसआई में बेसिक मॉडिफिकेशन करे गए अब सर इसमें क्या है टीसीपी आईपी में फोर और फाइव दो लेयर्स के मॉडल है और अगर आप इन दोनों को देखेंगे तो बहुत मेजर डिफरेंस नहीं है इन फोर लेयर मॉडल को अगर आप देखते हैं तो इसमें नेटवर्क एक्सेस लेयर देखने को मिलेगा इंटरनेट लेयर ट्रांसपोर्ट लेयर और एप्लीकेशन लेयर ठीक है यहीं अगर हम फाइव लेयर मॉडल को देखें तो डिफरेंस बस इतना है कि एप्लीकेशन लेयर सेम है ट्रांसपोर्ट लेयर सेम है इंटरनेट लेयर भी सेम है बस नेटवर्क एक्सेस जो लेयर है उसको दो पार्ट्स में डिवाइड कर दिया गया जो कि है डेटा लिंक लेयर और फिजिकल लेयर या हम ये कह सकते हैं कि डटा लिंक लेयर और फिजिकल लेयर को कंबाइन करके एक लेयर बना दिया गया नेटवर्क एक्सेस लेयर तो फाइव लेयर को फोर लेयर में कन्वर्ट करा गया और असल में अगर हम आगे देखें तो हमें पता पड़ेगा ओआई में भी यही डिफरेंस हुआ है कि ओआई मॉडल की कुछ लेयर्स को कंबाइन करके एक लेयर बना दिया गया ये इसमें एक माइनर से डिफरेंस हुआ है प्रैक्टिकली जो फ करने लगे तो लगा कि भाई इसको अलग डिफाइन करने की जरूरत नहीं है इसके सारे काम इसी लेयर के अंदर हो जाएंगे तो उन्हें कंबाइन कर दिया गया और किस तरीके से कंबाइन करा गया तो यहां आप देख सकते हैं हमारे पास है टीसीपीआईपी लेयर के मॉडल जिसमें एप्लीकेशन ट्रांसपोर्ट इंटरनेट और नेटवर्क एक्सेस ये कौन सा मॉडल है फोर लेयर मॉडल है और ये रहा हमारा ओआई लेयर का मॉडल जिसमें हमारे पास एप्लीकेशन प्रेजेंटेशन सेशन ट्रांसपोर्ट नेटवर्क डाटा लिंक और फिजिक का लेयर है साथ ही साथ इनको थोड़ा बहुत यहां पे एक्सप्लेन करने की भी कोशिश करी गई है लद भी हम इसको बहुत ही डिटेल में समझ जाएंगे फिजिकल लेयर कहता है कि सर जो फिजिकल बि स्ट्रीमिंग होती है उसका जो ट्रांसमिशन हो रहा है वो मैं कंट्रोल करती हूं डटा लिंक बोल रहा है कि फ्लो और एरर्स जो आते हैं उनको मैं मैनेज करता हूं यानी फिजिकल लिंक में कोई भी इशू हो रहा है कोई चीज सही से काम नहीं कर रही है स्लो वर्क कर रही है कोई एरर आ रहा है कोई टर्ब शूट करना है तो वहां पे डटा लिंक लेयर काम आता है नेटवर्क लेयर कह रहा है कि सर मैं मल्टी नोड राउटिंग करने का काम करता हूं बेसिकली राउटिंग सेट करने का कौन कहां से जाएगा और किसके पास क्या एड्रेस है ये डिफाइन करने का काम नेटवर्क लियर कर रहा है ट्रांसपोर्ट लेयर कह रहा है कि सर आपको जो मैसेज है उसे सही फॉर्मेट में सही तरीके से सेंड करने का काम मैं करूंगा और एक्नॉलेज आपको मिल जाए कि आपका मैसेज पहुंचा है कि नहीं पहुंचा वो भी देख लूंगा और रिलायबल तरीके से सारा काम हो ये सारे काम ट्रांसपोर्ट लेयर देख लेगा शशन लेयर ने कहा कि ठीक है जो ऑथेंटिकेशन का काम है सेशन यानी जो कनेक्शन बन गया उसको मैनेज करने का काम है अगर उसमें डिफिकल्टीज आ रही है और रिकनेक्शन बनाना है तो ये जितने भी काम है ये सेशन लेयर खुद एंटरटेन कर देगा देन आता है प्रेजेंटेशन लेयर जिसने कहा कि सर जो डेटा की फॉर्मेटिंग है बेसिकली डाटा रिसीव हो गया है तो किस तरीके का डाटा है उसको कैसे रीड करना है उसे कैसे दिखाना है उसे कंप्रेस करना है ये सारे जो ऑपरेशंस है ये मैं देख लूंगा एप्लीकेशन ने कहा ठीक है जो भी हाई लेवल एपीआई वर्क है रिसोर्स शेयरिंग का वर्क है जो मेन ऊपर से सारा काम आप करते हो पैकेट भेजना स्टार्ट करते हो जो इंटरफेस आप देखते हो वो सारी सर्विसेस वो सारे इंटरफेस मैं आपको प्रोवाइड कर दूंगा इस तरीके से ओआई के सेवन लेयर मॉडल्स को कंप्रेस करके फाइव या फोर लेयर मॉडल बनाया गया अब कंप्रेशन क्या करा गया और इन लेयर्स में कौन-कौन से काम हो रहे हैं जैसे हमने देखा कि सर ये फिजिकल बीमिंग को देख रहा है लेकिन किसकी मदद से देख रहा है कौन-कौन से प्रोटोकॉल य यूज होते है ये हमारे लिए सबसे इंपोर्टेंट इंफॉर्मेशन है तो हम चलते हैं हमारे टीसीपी आईपी और ओ एसआई और प्रोटोकॉल्स के डाटा पे जहां पर आप देख सकते हो हमारे पास नटू 3 फोर फोर लेयर का टीसीपीआईपी मॉडल है और सेवन लेयर का हमारा ओ एसआई मॉडल है जिसके अंदर हम साफसाफ समझ पा रहे हैं कि एप्लीकेशन लेयर और कुछ नहीं है कॉमिनेशन है एप्लीकेशन प्रेजेंटेशन और सेशन लेयर का यानी ओआई की जो तीनों लेयर्स थी उसको कंबाइन कर दिया गया एप्लीकेशन लेयर के अंदर होस्ट टू होस्ट लेयर जो हमारी यहां पे है टीसीपी आईपी में यहां पे क्या हो रहा है कि सर जो एज इट इज ट्रांसपोर्ट था उसी को रखा गया देन नेटवर्क लेयर को क्या कर दिया गया इंटरनेट लेयर बना दिया गया और नेटवर्क एक्सेस के अंदर डटा लिंक और फिजिकल दोनों को कंबाइन कर दिया गया बस इस हिसाब से हमारा सेवन लेयर मॉडल फाइव या फोर लेयर मॉडल में कन्वर्ट हो पाया अब सर इनमें काम क्या हो रहा था तो अगर आप देखें फिजिकल जो बिस स्ट्रीमिंग का काम कर रहा था जो फिजिकल जो भी हार्डवेयर्स के जरिए कम्युनिकेशन हो रहा था वहां पे सारे प्रोटोकॉल यूज़ हो रहे हैं यानी सारे हार्डवेयर डिवाइसेज मेंशन कर दिए गए हैं जो काम करते हैं जैसे आईडी एडीएसएल सट है ना इनमें से कुछ नाम आपने सुने होंगे कुछ नहीं सुने होंगे जैसे इथरनेट तो वो सब यहां काउंट हो जाते हैं उसके अलावा बात करें डटा लिंक लेयर की तो सर वहां पे हमारे पास आ गया हमारे वाईफाई नेटवर्क्स एपी एटीए ये कुछ टेक्नोलॉजी जो है जो स्विच ऑफ ब्रिजे से रिलेटेड काम करते हैं नेटवर्क डिवाइसेज होते हैं जो हमारे पास हार्डवेयर डिवाइस जो होते हैं जो हमारे वाईफाई अडेप्ट्स हैं ब्लूटूथ एडेप्टर्स हैं वो टेक्नोलॉजीज यहां यहां पे यूज़ ली जा रही है फिर नेटवर्क लेयर की बात करें तो नेटवर्क लेयर में हमारे पास क्या-क्या प्रोटोकॉल्स है सर आईपी आईपी सेक आईसीएमपी जिसको हम इंटरनेट कंट्रोल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल कहते हैं आईजीएमपी आरआईपीडी एससीपी कुछ ऐसे प्रोटोकॉल जिनसे आप लोग धीरे-धीरे अवेयर होने वाले हैं और इन प्रोटोकॉल्स को हम पढ़ क्यों रहे हैं मैं एक और चीज आपको क्लियर कर देता हूं कि सर जब हम हैकिंग परफॉर्म करते हैं तो मान लेते हैं हमने डीएससीपी में फ्लड कर दी डीएससीपी को खराब करा तो हमें पता पड़ जाएगा कि ये अटैक हमने कहां करा है नेटवर्क लियर में करा है तो इसको पूरा पढ़ने के पीछे मेन रीजन ये है कि जब आप अटैकिंग कर रहे हैं किसी प्रोटोकॉल को यूज ले रहे हैं या किसी प्रोटोकॉल में कमी ढूंढ रहे हैं किसी प्रोटोकॉल को खराब कर रहे हैं तो आपको पता पड़ेगा कि सर आप कौन सी लेयर में अटैक कर रहे हो कौन सी लेयर का एक्सेस आपको मिला है कौन से लेयर का कंट्रोल आप ले पा रहे हैं तो यहां पे आगे बढ़ते हैं और ट्रांसपोर्ट लेयर क्या बता रहा है ट्रांसपोर्ट लेयर फॉलो करता है टीसीपी यूडीपी एसएसएल टी एलएस जो इंक्रिप्शन के काम आते हैं है ना एसएस एचट ये सारे क्या है वो प्रोटोकॉल जो बेसिकली कोर कम्युनिकेशन या कम्युनिकेशन को स्ट्रांग करने में काम आते हैं सिक्योर करने में काम आता है देन आ रहा है सेशन लेयर जो सेशन मैनेज करता है जिसमें हमारे पास सॉक्स के प्रोटोकॉल्स हैं आरपीसी है एनएफएस है एसक्यूएल है नेट बायो है इनमें से काफी में हम आगे चलके अटैकिंग करने वाले हैं यानी कमियां ढूंढने वाले हैं सिक्योर करने के पर्सपेक्टिव से रेडियस डीएनएस एपी सोप और डॉट नेट ये सारे फ्रेमवर्क्स से ये सारी टेक्नोलॉजी जो है या प्रोटोकॉल्स जो हैं ये हमारे सेशन लेयर के अंदर यूज़ हो रहे हैं प्रेजेंटेशन लेयर किस-किस को यूज़ ले रहा है सर ये फाइल के जो फॉर्मेट होते हैं चाहे जीआईएफ हो चाहे आस्की हो चाहे जेपीजी हो ये जितने भी फॉर्मैट्स है ये सारे के सारे प्रेजेंटेशन लेयर में आते हैं इसका मतलब जब मिशिस प्रोग्राम बनाते हैं तब हम इसकी फंक्शन टीज को यूज ले रहे होते हैं फिर हमारे पास एप्लीकेशन लिया जिसमें सबसे ज्यादा प्रोटोकॉल्स है जो जल्दी कंप्रोमाइज हो जाता हैं जैसे एसएमटीपी हो गया एसएनएमपी हो गया एचटीटीपी हो गया एलडीपी एफटीपी टीएफटीपी टेलनेट पीओ 3 ये आधे से ज्यादा प्रोटोकॉल जो है हम इनमें खुद भी बग्स ढूंढ के देखेंगे कमिया ढूंढ के देखेंगे और इनमें कमियां ढूंढना बहुत आसान होता है एप्लीकेशन लेयर को कंप्रोमाइज करना बहुत इजी होता [संगीत] है इस वीडियो में हम देखने वाले हैं ऐसे ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में जो हैकिंग में तो हमारे लिए यूज़फुल है ही साथ ही साथ इसके अंदर काफी सारे ऐसे कूल फ्यूचर्स हैं और सिक्योरिटी है जो कि इसे पर्सनली मेरा फेवरेट ऑपरेटिंग सिस्टम बनाती है ये कौन सा टाइप है ऑपरेटिंग सिस्टम का सो ये है ऑफ इसको यूज़ लेना फ्री है इसके अलावा यहां पे लिखा हुआ है ओपन सोर्स कोड टू मॉडिफाई हमने कहा ठीक है शायद इसके सोर्स कोड जो है वो इजली मॉडिफाई करे जा सकते हैं सबके लिए ओपन है कि वो मॉडिफिकेशन कर सके देन यहां पे एक पॉइंटर है जो कह रहा है बेस्ड ऑन ux90 लीनस स्टोरेबल एक नाम हमें देखने को मिल रहा है और कम्युनिटी नाम का एक वर्ड देखने को मिल रहा है अब ये सातों पॉइंट्स हमें क्या समझाना चाह रहे हैं तो उसको बहुत अच्छे से समझने के लिए हम स्टार्ट करते हैं एक एग्जांपल से कि मान लेते हैं यहां पे एक डेवलपर है या एक प्रोग्रामर है इसने क्या करा सर इसने एक सॉफ्टवेयर बनाया अब इस सॉफ्टवेयर में बेसिकली इसने कुछ ना कुछ फंक्शनिंग दी होगी मान लेते हैं इसने कोई ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया कोई जूम सॉफ्टवेयर बनाया whatsapp2 और सिक्योर करेगा ताकि कोई भी उसको पढ़ के समझ ना पाए ताकि कोई भी सॉफ्टवेयर का जो सोर्स कोड है उसे एक्सेस ना कर सके उसके ओरिजिनल प्रोग्राम को एक्सेस ना कर सके और फिर इस प्रोग्राम को यह क्या करेगा सेल करेगा मार्केट में लोग परचेस करेंगे इसके सॉफ्टवेयर को और यूज़ लेंगे लेकिन इस सॉफ्टवेयर का जो सोर्स कोड है वोह कोई भी एक्सेस नहीं कर पाएगा ना ही इस सॉफ्टवेयर में मॉडिफिकेशन कर पाएगा दूसरा ऑप्शन इसके पास यह है कि सर जो इसका ओरिजिनल सोर्स कोड था सोर्स कोड का मतलब होता है जो प्रोग्राम उसने लिखा था वह एज इट इज वह किसी ओपन प्लेटफार्म पे शेयर कर दे अपलोड कर दे जहां पे हर कोई इसके पूरे के पूरे प्रोग्राम को एक्सेस कर सकता है और जब हर कोई इसे एक्सेस करेगा और यूज लेगा तो अपने अपने हिसाब से क्या करता रहेगा इसे मॉडिफाई करता रहेगा यानी अगर आज आपको मैं अपना बनाया हुआ कोई सॉफ्टवेयर का ओरिजिनल प्रोग्राम दे दूं तो आप उसमें अपने हिसाब से मॉडिफिकेशन कर सकते हैं अगर आपको प्रोग्रामिंग आती है उस केस में तो हर किसी ने इसमें मॉडिफिकेशन करे अपने हिसाब से क्यों क्योंकि उसने अपना प्रोग्राम एक ओपन प्लेटफार्म पे एक ऐसी जगह पे जहां पर बहुत सारे लोग है फ्रीली अपडेट कर दिया था अपलोड कर दिया था मॉडिफिकेशन होता गया और इसका प्रोग्राम दिन बदन और भी बेहतर बनता गया और एक टाइम आया जब इसका प्रोग्राम जो था वो बेस्ट बन चुका था क्योंकि उसमें कंटीन्यूअस लोगों ने अपने हिसाब से मॉडिफिकेशन करे उसे अपना एक्सपीरियंस के हिसाब से बेहतर बनाया ये दोनों ऑप्शंस ही सही है इनमें से सही और गलत कुछ नहीं आएगा यहां पे लेकिन ये जो सेकंड ऑप्शन परफॉर्म करा गया यह कहलाता है ओपन सोर्स यानी सर जब भी किसी प्रोग्राम का किसी सॉफ्टवेयर का ओरिजिनल कोड सोर्स कोड कम्युनिटी वेलफेयर के फॉर्म में अगर हम ऐसा करते हैं यानी किसी का हेल्प करने के लिए हम क्या कर रहे हैं पूरा का पूरा प्रोग्राम फ्रीली दे रहे हैं जिसको प्रोग्राम हम को यूज लेना है वो फ्री में यूज़ ले सकता है और अपने हिसाब से मॉडिफिकेशन भी कर सकता है ये ओपन सोर्स का कांसेप्ट कहता है तो ये जितने भी ओपन सोर्स कोड है या पूरे के पूरे फ्रीली अवेलेबल सोर्स कोड है इनमें लोग मॉडिफिकेशन करते हैं इन्हें दिन बदन बेहतर बनाते रहते हैं और इस वजह से इनके टूल्स ऑपरेटिंग सिस्टम या कोई भी चीज बेस्ट होती रहती है तो यहां पे भी ये पॉइंटर हमें यही समझा रहा है कि जो है और शायद इसी वजह से आगे चलके हम जो उसके फ्यूचर्स देखेंगे जो उसके फंक्शनैलिटीज देखेंगे हमें पता पड़ेगा कि आज ये कितना बेहतर बन चुका है सेकंड पॉइंटर था ओबवियस है कि फ्री टू यूज हो गया क्योंकि इस कंडीशन के हिसाब से अगर आपके पास किसी भी सॉफ्टवेयर का पूरा प्रोग्राम पड़ा है तो फिर आप उसे परचेस क्यों करेंगे आप तो प्रोग्राम रन करेंगे और जो टास्क सॉफ्टवेयर करता था वो सारे टास्क होंगे उसके अलावा यहां पे हमें बता रहा है ओपन सोर्स कोड टू मॉडिफाई आप लोग कनेक्ट कर पा रहे होंगे कि सर सोर्स कोड अब हम मॉडिफाई कर पा रहे हैं ओपन सोर्स की वजह से यहां से एक और पॉइंटर स्टार्ट होता है एकल डेफिनेशन स्टार्ट होती है जो हमें कह रही है कि सर जो मिलते हैं एक सेम मकसद के लिए कनेक्ट होते हैं तो उस पूरे पार्ट को उन सभी ग्रुप ऑफ पीपल्स को हम कम्युनिटी कहते हैं जो कि एक बहुत बड़ा ग्रुप है है ना सो यहां पे कम्युनिटीज आज के टाइम पे इसको और अच्छे से समझने के लिए इसको विंड से कंपेयर कर लेते हैं विज भी एक ऑपरेटिंग सिस्टम है जो माइक्रोसॉफ्ट का है है ना तो हम ऐसे इसके जरिए इसकी मदद से समझ पाएंगे कि इसमें क्या चीजें खास है और क्या नॉर्मल है तो यहां हमारा पहला पॉइंटर ने हमें समझाया कि सर इसमें मल्टीपल यूजर रजिस्टर हो सकते हैं अब क्या विंडोज में मल्टीपल यूजर रजिस्टर नहीं हो सकते वहां भी हो सकते हैं तो हम इसको कोई ऐसा फ्यूचर नहीं कहेंगे जो बाकी किसी ऑपरेटिंग सिस्टम में नहीं है देन ये कह रहा है कि सर ये मल्टीटास्किंग है अब क्या बाकी ऑपरेटिंग सिस्टम मल्टीटास्किंग नहीं होते क्या विंडोज जो है वो मल्टीटास्किंग नहीं है सर शायद सारे ऑपरेटिंग सिस्टम मल्टीटास्किंग होते हैं अगर इसको हमें देखना है इस चीज को प्रूफ करना है तो मैं कंट्रोल शिफ्ट एस्केप बटन दबा के जब टास्क मैनेजर में जाऊंगा तो वो मुझे यहां शो करेगा कि एक टाइम पे कितने सारे टास्क रनिंग है एक टाइम पे कितने सारे टास्क यह परफॉर्म कर रहा है यानी मल्टीटास्किंग तो डेफिनेटली है उसके अलावा अगर हम नेक्स्ट पॉइंट देखें तो वो हमें कहता है पोर्टेबिलिटी अब यह एक फंक्शन है जो शायद दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम्स में ना देखने को मिले सर हमारे कि यह हर एक डिवाइस के साथ पोर्टेबल है दूसरा इसको एक छोटे से डिवाइस में रख के हम कहीं भी जा सकते हैं यहां पे दो फ्यूचर्स हैं पहला यह कि सर इस ऑपरेटिंग सिस्टम को आप छोटी से छोटी पेनड्राइव में इंस्टॉल करके यूज दे सकते हैं दूसरा फ्यूचर यह है कि सर जब भी आपको किसी भी आईओटी डिवाइस के साथ किसी भी डिवाइस के साथ ऑपरेटिंग सिस्टम यूज़ देना होता है चाहे वो सीसीटीवी कैमरास के डिवाइस हो चाहे वो हमारे एटीएम मशीनस हो चाहे वो ड्रोन हो चाहे वो एंड्र डिवाइस हो कुछ भी हो सर इन डिवाइस में नहीं करने पड़ते यह हर एक डिवाइस के साथ काफी हद तक कंपैटिबल होता है तो यह इसका एक बहुत ही कूल और बहुत ही शानदार फ्यूचर है कि यह हर चीज के साथ पोर्टेबल है वर्किंग में भी और उसके अंदर समाने के लिए भी यानी छोटी से छोटी पेन ड्राइव हम इसे इंस्टॉल करके यूज़ ले सकते हैं देन इसका एक पॉइंटर आता है सिक्योरिटी इस पॉइंटर को हम बहुत अच्छे से समझेंगे आगे आने वाले किसी पॉइंटर की मदद से तो कुछ देर के लिए हम इसको स्किप करते हैं देन आता है फिफ्थ पॉइंट जो कि पर्सनली मेरा फेवरेट पॉइंट है जो कह रहा है लाइव सीडी या यब ये ये समझा रहा है कि सर यह एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम है जो आप किसी पेनड्राइव या किसी सीडी में बूट करके इसको इजली कहीं भी यूज़ ले सकते हो बिना इंस्टॉल करें यानी अगर मैंने इस ऑपरेटिंग सिस्टम को अपनी एक पेन ड्राइव में इंस्टॉल कर दिया और वो पेन ड्राइव में किसी भी डिवाइस में प्लग करता हूं तो उस डिवाइस में मुझे ऑपरेटिंग सिस्टम इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं है केवल डिवाइस रीस्टार्ट होगा और उसके बाद में वो सारे अपने ऑपरेशंस को इजली परफॉर्म कर पाऊंगा ये एक बहुत खास चीज है अगर आप देखें विज भी एक पेनड्राइव में इंस्टॉल हो जाता है या बूट हो जाता है लेकिन जब मैं उसे से किसी डिवाइस में प्लग करता हूं तो मुझे पूरा इंस्टॉलेशन का जो प्रोसेस है पार्टीशन सिलेक्ट करना पड़ता है यूजर क्रिएट करना पड़ता है व पूरा प्रोसेस करूंगा तो ही विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम को हम यूज ले पाएंगे जो ना ना करते हुए हमारे 30 टू 45 मिनट्स ले लेता है लेकिन अगर मैं बात करूं रिकवरी में भी और बहुत सारे अलग-अलग जगहों पे सो आई होप यह पार्ट आपको क्लियर हुआ होगा अब बात करते हैं सिक्स्थ पॉइंट की कि सर अब तक हमने जितने भी फंक्शन और फ्यूचर्स देखे हमें ये समझ आया कि डिवाइस से फैमिलियर हो रहे थे उस वक्त हमारे पास दोनों ऑपरेटिंग सिस्टम थे ने विंडोज को जल्दी सेलेक्ट करा बिकॉज़ इजी टू यूज था वहीं अगर हम बात करें उस टाइम के होते गए बहुत फास्ट तो आज के टाइम पे मैनेज करता है तो ये हमारे लिए एक बहुत ही प्लस पॉइंट है कि हमारा ऐसा क्यों समझते हैं एट पॉइंटर हमें समझा रहा है कि सर यह फाइल सिस्टम पे बेस्ड है इसका मतलब आपका चीज एक नॉर्मल सी फाइल है जो किसी भी मलेशियन प्रोग्राम को डायरेक्ट एग्जीक्यूट होने के लिए ऑटो रन होने के लिए खराब कर देती है यानी वह चीज वर्क करेगी ही नहीं तो हमारा कम्युनिटीज भी होती है आईटी की भी कम्युनिटीज होती है है ना जैसे वेब डेवलपर्स की कम्युनिटी हैकर्स की कम्युनिटी तो अगर मैं बात करूं हैकर्स की कम्युनिटी का एग्जांपल लेके तो आप लोगों के हिसाब से हमारे इस वर्ल्ड में हैकर्स कम्युनिटी में कितने लोग होंगे सर काफी ज्यादा होंगे है ना मतलब मिलियंस में लोग इस कम्युनिटी में ऐड हो रहे हैं अब यहां पे इसका एप्लीकेशन सपोर्ट अच्छा कैसे हुआ क्योंकि सर कम्युनिटी बहुत बड़े ग्रुप्स होते हैं ये कोई कंपनी नहीं है जिसके कुछ लिमिटेड एंप्लॉयज या लिमिटेड स्टाफ होंगे कम्युनिटी मतलब बहुत बड़े ग्रुप्स है ना तो जब भी हमें कोई प्रॉब्लम होती है हमें कोई भी एरर मिलता है हमें कोई भी चीज रिजॉल्व नहीं हो रही होती हम उसे ओपन फॉर्म्स में जब जाके पुट करते हैं यानी पब्लिकली जब उसे शेयर करते हैं तो हमारे पास पूरी कम्युनिटी का सपोर्ट है यानी बहुत सारे लोगों का सपोर्ट है जो उस एरर को बहुत जल्दी रिजॉल्व कर देते हैं और इसी वजह से कूल फ्यूचर्स भी समझ आया होगा ऑपरेटिंग सिस्टम इंस्टॉल करते हुए बनाए गए हैं और इसमें विज ऑपरेटिंग सिस्टम अपना डाटा जो है वो अपडेट करता रहता है या ऐड करता रहता है डिपेंड करता है किस फोल्डर में क्या डाटा जाएगा जैसे प्रोग्राम फाइल्स में आप जितने भी सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करते हो वो जाते हैं यूजर्स में आप जितने भी यूजर्स क्रिएट करते हो वो जाते हैं वैसे ही सी ड्राइव था विंडोज की बात करें तो वो क्या था सर वो सी ड्राइव था लेकिन यहां पे वो रूट लोकेशन है और इस रूट लोकेशन के अंदर जो सबसे पहला फोल्डर हम देख रहे हैं फोल्डर्स को डायरेक्ट्रीएंट्री कमांड के लिखने पर क्या होना चाहिए एगजैक्टली क्या टास्क परफॉर्म होना चाहिए वो डाटा बिन फोल्डर के अंदर रखा हुआ रहता है कि जब आप एक कमांड रन करोगे तो वह क्या टास्क परफॉर्म करेगा व डाटा हमें बिन डायरेक्टरी के अंदर देखने को मिलता है उसके अलावा सर हमारे पास है एस बिन फोल्डर रूट लोकेशन पे एस बिन फोल्डर यानी एस बिन डायरेक्टरी इसमें किस तरीके का डाटा है तो इसमें ऐसा सिस्टम प्रोग्राम्स यानी वो सॉफ्टवेयर्स वो प्रोग्राम्स जो सीधा ऑपरेटिंग सिस्टम की मदद के लिए बनाए गए हैं जैसे सर स्टोरेज मैनेज करने वाला ड्राइवर मैनेज करने वाला टूल ये जितने भी सॉफ्टवेयर हैं जो सीधा ऑपरेटिंग सिस्टम की हेल्प करते हैं ट्रबल शूट जो है वो मैनेज करने का टूल एरर्स मैनेज करने का टूल इन सबको हम कहते हैं सिस्टम प्रोग्राम्स और ये सारे सिस्टम प्रोग्राम स्टोर होते हैं एबिन डायरेक्टरी में यानी वो सॉफ्टवेयर्स जो ऑपरेटिंग सिस्टम की डायरेक्ट हेल्प के लिए बनाए गए हैं वो एबीन डायरेक्टरीज में पड़े रहते हैं देन उसके बाद हमारे पास आता है ईटीसी फोल्डर एक बहुत ही इंटरेस्टिंग फोल्डर है ध्यान से समझिए यह आगे चलके बहुत काम आएगा हैकिंग में भी और साइबर सिक्योरिटी में भी ईटीसी फोल्डर क्या लिखा हुआ है कॉन्फ़िगरेशन फाइल्स इसका मतलब सेटिंग्स की फाइल्स यानी सर हम जितने भी सॉफ्टवेयर्स हमारे हम बहुत सारे मॉडिफिकेशन अपने सॉफ्टवेयर में कर सकते हैं तो ये नो डाउट हमारे लिए एक बहुत इंपॉर्टेंट फोल्डर है और ये आगे चलके हमारे काफी काम आएगा देन उसके बाद हमारे पास है टम फोल्डर स्लश टेम जिसकी फुल फॉर्म है टेंपरेरी फाइल्स यानी इसके अंदर किस तरीके का डाटा आता है कि सर वो डाटा जो कुछ देर के लिए बनाया जाता है लेकिन नॉर्मली डिलीट नहीं होता वो सारा डाटा टम फोल्डर यानी टाइम डायरेक्टरी के अंदर जाके सेव हो जाता है इसका मतलब जब भी सर आप एक फाइल में मॉडिफिकेशन स्टार्ट करते हो कुछ काम कर रहे होते हो तो उस फाइल की एक क्लोन फाइल बन जाती है कॉपी फाइल बन जाती है है कुछ देर के लिए होती है वो फाइल है ना ताकि वो उसका रिकॉर्ड रख सके कि आपने फाइल में क्या-क्या टास्क परफॉर्म करें हैं उस फाइल को हम टेंपररी फाइल कहते हैं जैसे ही आप अपना काम पूरा करते हो नॉर्मली ये फाइल्स डिलीट हो जाती है और अगर नहीं हुई है तो ये टाइम डायरेक्टरी में आपको देखने को मिलेगी उसके बाद हमारे पास आता है यूजर बिन फोल्डर अब इसमें किस तरीके का डाटा है तो यूजर बिन डायरेक्टरी के अंदर हमारे पास है एप्लीकेशंस यानी जितने भी सॉफ्टवेयर एक यूजर ने इंस्टॉल करे हैं जितने भी सॉफ्टवेयर्स एक यूजर इंस्टॉल कर रहा है वो सारे के सारे सॉफ्टवेयर्स यूजर बिन डायरेक्ट्रीएंट्री पढ़े रहते हैं उनका जो डाटा है वह यूजर बिन डायरेक्टरी में पड़ा रहता है देन आता है यूजर शेयर फोल्डर इसमें क्या आएगा यह भी थोड़ा इंटरेस्टिंग है एप्लीकेशन सपोर्ट एंड डाटा फाइल्स देखो काफी सारी ऐसी फाइल्स होती है जो एक सॉफ्टवेयर के लिए हेल्पफुल है कभी ना कभी उसके काम आएगी जब यूजर उस फंक्शन को यूज लेगा शायद तब काम आए तो एक सॉफ्टवेयर की कुछ सपोर्टेबल फाइल्स कुछ ऐसी फाइल जो उसके काम की फाइलें कभी ना कभी काम आ सकती है वो फाइल्स यूजर शेयर डायरेक्टरी में पड़ी रहती है एक सॉफ्टवेयर की काम की फाइल्स सपोर्टेबल फाइल्स कुछ डेटा फाइल्स यूजर शेयर डायरेक्टरी में पड़ी रहती है देन हमारे पास आता है होम फोल्डर सर यहां पे किस तरीके का डाटा आता है तो यहां साफ-साफ लिखा हुआ है पर्सनल डायरेक्टरीज ऑफ यूजर्स इसको और अच्छा करने के लिए मैं लिख देता हूं गेस्ट यूजर्स अब होता क्या है कि सर विंडोज की अगर हम बात करें तो वहां पे दो तरीके के यूजर्स होते हैं एक होता है गेस्ट यूजर्स एक होते हैं एडमिन यूजर्स एडमिन यूजर्स वो होते हैं जिनके पास एडमिन ताकत होती है एडमिन की परमिशन होती है एडमिन प्रिविलेजेस होती है जो अपने सिस्टम में जो चाहे कर सकते हैं और गैस यूजर्स वो होते हैं जिनके पास कुछ परमिशन होती है वो बेसिक टास्क ही परफॉर्म कर सकते हैं वैसा ही तो ये जो यूजर है ये होम फोल्डर के अंदर इसका फोल्डर बनेगा देन इस फोल्डर के अंदर पिक्चर्स डेस्कटॉप डाउनलोड डॉक्यूमेंट वीडियोस जो आप अपने विंडोज में देखते हो कुछ वैसे ही फाइल फोल्डर्स आपको यहां भी देखने को मिलेगी क्यों क्योंकि इस गेस यूजर के सारा डाटा आपको यहां मिलेगा फाइनली हमारे पास आता है रूट फोल्डर देखो रूट लोकेशन यानी स्लैश था उसके अंदर एक फोल्डर है रूट नाम का जिसके अंदर स्टोर होता है एडमिन का सारा [संगीत] डटा इस वीडियो में हम देखने वाले हैं बेसिक यहां पे हमारे सामने कुछ कमांड्स दे रखे हैं आप देख सकते हैं जैसे हेल्प मैन एलएस सीडी पीडब्ल्यूडी हम इन सारे कमांड्स को एक साथ समझेंगे पहले इनकी बेसिक डेफिनेशन देख लेते हैं हेल्प कह रहा है सो शोज योर बेसिक कमांड्स एंड देयर यूज यानी आपके बेसिक कमांड्स दिखाता है और उनका काम भी दिखाता है कि वो क्या और कैसे काम करेंगे मैन क्या कर रहा है शोज योर कंप्लीट मैनुअल ऑफ दैट कमांड और प्रोग्राम यानी कह रहा है कि आपका कोई भी पर्टिकुलर एक कमांड या किसी टूल किसी प्रोग्राम की कंप्लीट जो मैनुअल होती है वो आपको दिखा देता है हमने कहा ठीक है एलएस की डेफिनेशन कह रही है लिस्ट ऑल द फोल्डर्स एंड फाइल्स ऑफ अ डायरेक्टरी यानी एक फोल्डर के अंदर पड़े हुए सभी फोल्डर्स और फाइल्स हमें दिखा देता है एलएस कमांड सीडी क्या कह रहा है सीडी की डेफिनेशन कह रही है चेंज डायरेक्ट्रीएंट्री कै रही है प्रिंट वर्किंग डायरेक्टरी यानी सर ये क्या करता है कि आपकी जो करंट लोकेशन है आप जिस करेंटली फोल्डर पे फिलहाल एक्टिव है यानी जिस फोल्डर पर भी आप बैठे हैं उस फोल्डर की लोकेशन बता देगा कि यह आपकी करंट वर्किंग डायरेक्टरी है आप इस जगह पे भी अपने टास्क को परफॉर्म कर रहे हो तो ये कुछ कमांड्स की डेफिनेशन आई होप आपको आईडिया लगा होगा अब मजा तो तब आएगा जब इसे प्रैक्टिकल करके देखेंगे तो हमें काम करते हैं चलते हैं हमारी काली मशीन की तरफ और वहां पे इन्हीं कमांड्स को प्रैक्टिकल करके देखेंगे सो ये स्टूडेंट्स हमारी काली मशीन स्टार्ट हो चुकी है यहां पे अगर आप देखें तो ये हमारा टर्मिनल है टर्मिनल यानी सर एक ऐसा विंडो जिसके जरिए हम सारे कमांड्स रन करने वाले हैं तो इससे हमें फैमिलियर होना पड़ेगा ये हमारे काफी काम आने वाला है इसे थोड़ा ज़ूम कर लेता हूं आप देख पा रहे हैं यहां पे तो यहां मैं जो कमांड्स चाहूं लिख सकता हूं क्या-क्या कमांड्स है कैसे लिखने हैं फिलहाल हम देख लेंगे बट एक बहुत बेसिक सी चीज अगर हम समझे तो यहां पे जीआई भी है ग्राफिकल यूजर इंटरफेस भी तो है हम सारे काम ग्राफिकली कर सकते हैं एग्जांपल के तौर पे अगर ये थर्ड ऑप्शन को आप देखो तो ये क्या है ये फाइल मैनेजर है है ना जिसके जरिए हम फाइल्स और फोल्डर्स में जाके देखते हैं क्या-क्या डाटा पड़ा है जैसे दिस पीसीए में देखने को मिलता है विंडोज में तो कुछ वैसे ही है ये या माय पीसी आप कह सकते हैं तो मैं उस फोल्डर में ओपन फोल्डर पर क्लिक कर दूगा तो आप देख सकते हैं ये मुझे सारे फोल्डर्स उसके अंदर पड़ी हुई डिफरेंट डिफरेंट टाइप्स की फाइल्स उनके नाम उनके एक्सटेंशन सब दिखा रहा है यहां पे भी डेस्कटॉप डॉक्यूमेंट डाउनलोड्स पिक्चर्स वो सारे डायरेक्टरीज यानी फोल्डर्स हैं यह जो एक्टिविटीज अभी मैं कर रहा हूं ये ग्राफिकली कर रहा हूं अब सर यहां पे अगर मैं काली फोल्डर में जाता हूं और अपनी करंट लोकेशन देखना चाहता हूं कि मैं अभी किस फोल्डर प बैठा हूं तो मैं क्या करूंगा यहां ऊपर क्लिक करूंगा आप देख सकते हैं यह बता रहा है कि सर होम फोल्डर के अंदर काली नाम का फोल्डर है वो आपके अभी करंट लोकेशन है और उस फोल्डर में यह सारे फाइल्स और फोल्डर्स पड़े हैं अब यह सेम चीज सर अगर हम टर्मिनल के जरिए देखना चाहे तो कैसे पॉसिबल है तो पहला हमारा टास्क है टर्मिनल के जरिए यह देखें कि मेरी करंट लोकेशन क्या है तो जैसा हमने देखा था सर पीडब्ल्यूडी नाम का एक कमांड है वह बता देता है कि आपकी करंट लोकेशन क्या है हमने एंटर प्रेस करा तो यह भी बता रहा है कि सर आप होम के अंदर काली नाम का फोल्डर है उसी जगह पर आप अभी बैठे हैं यह आपकी करंट लोकेशन है एक्टिव लोकेशन है तो सर अगर हम फाइल मैनेजर में देखें इस जगह पे तो बहुत सारे फाइल्स और फोल्डर्स पड़े हैं हमें क्यों नहीं शो हो रहे तो शायद उसके लिए हमें कोई कमांड लिखना पड़ेगा जो एक फोल्डर में पड़े हुए सभी फाइल्स और फोल्डर्स हमें दिखाता है और वो कमांड एलएस कमांड है एलएस क्या कह रहा था एलएस कह रहा था कि सर एक फोल्डर के अंदर जो भी डाटा पड़ा है फाइल्स फोल्डर्स जो भी चीजें पड़ी है मैं आपको सारी शो कर दूंगा तो हमने एलएस लिख के एंटर प्रेस करा और आप देख सकते हो यहां पे हमें यही डेस्कटॉप डाउनलोड्स डॉक्यूमेंट ये सारे फाइल फोल्डर्स विजिबल है जो कि ग्राफिकली भी विजिबल थे अमित डेस्कटॉप डाउनलोड ड बस आई होप क्लियर विजिबल होगा आप सभी को हम इसे क्लोज कर देते हैं हां सो सारे फोल्डर्स हमें यहां पे विजिबल है इसका मतलब एलस की मदद से हम एक फोल्डर में पड़े हुए सभी फाइल्स और फोल्डर्स देख सकते हैं अब सवाल यह है कि सर अगर मैं यहां पे देखना चाहूं डाउनलोड फोल्डर में क्या पड़ा है तो ग्राफिकली क्या करेंगे सर डबल क्लिक करेंगे उस फोल्डर के अंदर चले जाएंगे और इसके अंदर पड़ा हुआ सारा डाटा हम देख सकते हैं अब मेरी करंट लोकेशन क्या है तो सर अगर हम यहां क्लिक करें तो आप देख सकते हैं होम काली एंड डाउनलोडस आपकी जो है वो करंट लोकेशन है सेम चीज अगर हम टर्मिनल पे करना चाहे यानी यहां पे हम डाउनलोडस फोल्डर में जाना चाहे तो उसके लिए हम कमांड यूज लेते हैं सीडी कमांड सीडी का मतलब है एक फोल्डर से दूसरे फोल्डर में जंप करना एक जगह से दूसरी जगह प पहुंचना आपको बस बताना पड़ेगा कि आपको जाना कहां है तो मैंने यहां पे लिखा डाउनलोड्स एंड एंटर प्रेस कर दिया अब अगर मुझे अपनी करंट लोकेशन देखना है वेरी गुड स्टूडेंट्स हम पीडब्ल्यूडी कमांड का यूज लेंगे एंटर प्रेस करेंगे तो मेरी करंट लोकेशन डाउनलोड हो चुकी है सेम वही लोकेशन जो मेरे फाइल मैनेजर में थी इसके अंदर पड़ा हुआ डाटा देखना चाहते हैं सर एलएस कमांड का यूज ले और हम सारे फाइल्स और फोल्डर्स देख सकते हैं जो डाउनलोडस के अंदर पड़े थे तो यहां पर हमने सीडी के जरिए एक फोल्डर से दूसरे फोल्डर में जाना समझा एरस के जरिए उसके अंदर पड़ा हुआ कंटेंट जो है जो डाटा पड़ा है वो देखना सीखा अब ऐसा अगर हम करना चाहे कि सर हमारी करंट लोकेशन तो डाउनलोड है लेकिन अगर मैं देखना चाहूं कि डेस्कटॉप प क्या डाटा पड़ा है जो मैं यहां पे क्लिक में देख पाया क्या यहां भी वो पॉसिबल है क्या एक कमांड से हम देख सकते हैं कि डेस्कटॉप में क्या डाटा पड़ा है तो हां ये पॉसिबल है सर अगर आप एलएस के आगे किसी भी फोल्डर का पूरा लोकेशन लिख दो एड्रेस लिख दो कोई भी जगह बताओ इसको तो ये उस फोल्डर के अंदर का डाटा आपको दिखाएगा जैसे अगर मैं यहां पे लिखूं होम काली एंड देन डेस्कटॉप तो ये मुझे डेस्कटॉप के अंदर पड़ा हुआ जितना भी फाइल्स और फोल्डर्स हैं जो भी डाटा पड़ा है यहां पे वो सब दिखा देगा हमने कहा देखते हैं एंटर प्रेस करते हैं तो आप देख सकते हो डेस्कटॉप में जो डाटा पढ़ाते है मुझे दिखा रहा है कैसे चेक करें तो सर यहां पे कैम फिश नाम का फोल्डर है स्ट्रम ब्रेकर नाम का फोल्डर है जो ब्लू कलर में आपको सारी चीजें दिख रही है सब फोल्डर्स को डिफाइन करती है और और अच्छे से धीरे-धीरे आप समझ जाओगे क्या फाइल है क्या फोल्डर है बट अगर आप यहां पर देखो अपने सेम फाइल मैनेजर में तो आप देख सकते हो यहां पर भी कैम फिश स्ट्रम बेकर टेस्ट नाम के डायरेक्टरीज है इसका मतलब हम दोनों सेम लोकेशन पे हैं इसका मतलब हम दोनों सेम लोकेशन पे है या फिर इसको और करेक्ट करूं अगर मैं तो मैंने अपनी लोकेशन बिना चेंज करे एलएस की मदद से देख लिया कि डेस्कटॉप फोल्डर में क्या पड़ा है क्योंकि अगर मैं पीडब्ल्यूडी लिखता हूं तो मेरी करंट लोकेशन तो डाउनलोड है लेकिन स हम ये कैसे देख पाए कि डेस्कटॉप में क्या पड़ा है क्योंकि मैंने एलएस को लोकेशन दे दी कि बिना अपनी पोजीशन चेंज करें बिना उस फोल्डर में जाए मुझे बता दो उस फोल्डर पर क्याक डाटा पड़ा है आई होप आप सभी को एलएस सडी का काम क्लियर हुआ होगा अब यहां पे ऐसे ही कमांड लिखते लिखते हमने एलएस हान एल लिखा और एंटर प्रेस कर दिया तो हमने देखा कि हमारे पास जो आउटपुट आया वो बहुत डिफरेंट आया है पहले से आप देखोगे यहां पर जो आउटपुट आया वो बहुत डिटेल में आया है जिसका मतलब हमारे पास फाइल का नाम है उसकी लास्ट मॉडिफिकेशन डेट एंड टाइम है उसकी साइज हमें बताई जा रही है किस यूजर ने उस फाइल को बनाया था वो भी बताया जा रहा है उस फाइल की परमिश भी बताई जा रही है कि उस फाइल के पास क्या-क्या परमिश है तो इतना ज्यादा डिटेल में डाटा हमें कैसे दिखा सर शायद एलएस हान एल लिखने से दिखा लेकिन हमें कैसे पता पड़ेगा कि हाइन एल क्या है क्या काम कर रहा है और ऐसे कितने फंक्शंस एलएस के पास है तो इसके लिए सर हम यूज लेंगे हेल्प कमांड को जैसा हमने देखा हमारे पास दो कमांड्स है जो अक्सर आपके काम आएंगे हमारे लिए बहुत यूजफुल कमांड्स है पहला तो है हेल्प दूसरा है मैन हेल्प को यूज लेने का तरीका क्या है कि सर पहले आप कमांड लिखो और उसके बाद हेल्प लिख दो या हाइन हेल्प लिख दो हान हान हेल्प लिख दो तो अगर मैं ऐसा लिख के एंटर प्रेस करता हूं तो आप देख सकते हैं मेरे पास एए की हेल्प आ चुकी है जिसका फॉर्मेट अभी थोड़ा बिगड़ा है मैं इसको ज़ूम आउट करता हूं ताकि आपको अच्छे फॉर्मेट में दिखे ये ठीक है आई थिंक अब आप समझ पाएंगे इसको इजली हम इसको अगर स्टार्टिंग से देखें तो यहां पे इसके यूसेज मैं बता रखा है कि सर एलएस क्या आगे आप फोल्डर्स ऑप्शंस बता सकते हैं एलएस की डेफिनेशन बता रही है कि लिस्ट इंफॉर्मेशन अबाउट द फाइल्स एक फाइल सेटेड इंफॉर्मेशन देती है फाइल जो फोल्डर्स दिखाती है उसके अंदर पड़े हुए यह भी लिखा हुआ है कि बाय डिफॉल्ट जब एलएस के आगे आप कुछ नहीं लिखते हो तो आपकी की जो करंट लोकेशन है ये उसी का डाटा दिखाती है जो हमारे साथ हुआ था अब यहां पे काफी सारे ऑप्शन है जो आप धीरे-धीरे समझ जाएंगे जैसे i a का मतलब है ऑल i कैपिटल ए का मतलब है लगभग सब कुछ जिसके अंदर हिडन फाइल जो है वो भी दिखा दी जाती है है ना हमने स्क्रोल डाउन करा हमने देखना चाहा कि सर आईन एल का मतलब क्या है तो यहां पे ये रहा हान एल जो बता रहा है यूज अ लॉन्ग लिस्टिंग फॉर्मेट ये क्या बता रहा है कि सर ज्यादा डिटेल में ज्यादा डिटेल फॉर्मेट में आपको आउटपुट दिया जाएगा जिससे आपको पता पड़ जाएगा कि वो फाइल क्या है किसने बनाई कब बनाई फाइल की साइज क्या है एक्स वाई जड जो डिटेल्स है वो मिल जाएगी तो ऐसे ही हर एक कमांड में मल्टीपल फंक्शंस होते हैं या फिर हर एक कमांड का डिफरेंट वर्क होता है तो अगर आप कहीं भी कंफ्यूज होंगे तो आप हेल्प या मैन का यूज ले सकते हैं अब मैन का यूज़ कैसे लिया जाए तो मैन को यूज़ लेने का तरीका थोड़ा सा डिफरेंट है हेल्प कैसे यूज़ ले लेते हैं पहले कमांड लिखो फिर हेल्प लिखो मैन को यूज़ लेने का तरीका यह है कि पहले मैन लिखो फिर कमांड लिखो अब अगर मैं एंटर प्रेस करता हूं तो मेरे पास एलएस की जो मैनुअल है वो आ जाएगी और ये मैनुअल नॉर्मली क्या होता है जब भी हमको कोई डिवाइस खरीद के लाते हैं जब भी हम कोई चीज परचेस करते हैं उसके साथ एक मैनुअल बुक आती है जो बहुत अच्छे से कोशिश करती है सिस्टमैटिक तरीके से हमें चीजें समझा दे कि वो चीज कैसे काम करती है तो वही चीज मैनुअल यहां पे करेगा आप देखोगे तो हेल्प के कंपैरिजन में मैनुअल जो है वो हमें अच्छी ग्राफिक्स या अच्छे फॉर्मेट में समझाएगा कि हमारा कमांड क्या है और कितना और क्या-क्या काम कर सकता है तो आप देख सकते हो यहां पे नेम में इसका नाम बताया इसका फुल फॉर्म बताया लिस्ट डायरेक्टरी कंटेंट इसको यूज लेने का तरीका बताया उसके बाद इसके सभी कमांड्स को इस ने हाईलाइट कर दिया और उसकी डेफिनेशन को अच्छे तरीके से यहां पे लिख दिया अगर यहां पे उसको किसी चीज पे ज्यादा फोकस करना होगा तो ये कलर्स भी ऐड कर देगा डिपेंड करता है कि उसको क्या चीज दिखानी है ना बट बहुत अच्छे फॉर्मेट में सारी इंफॉर्मेशन हमें यहां पे दिखा रहा है जो कि हमारे लिए काफी काम की साबित होगी आगे चलके अगर हमें कहीं भी कोई कॉम्प्लिकेशंस होती है तो कमांड्स को यूज़ लेने में आई होप स्टूडेंट्स ये जो हमारे कमांड्स थे हेल्प मैन एलएस सीडी पीडब्ल्यूडी इन सबका काम क्लियर हुआ होगा अब बढ़ते हैं नेक्स्ट कमांड्स की तरफ जहां पे हमारे पास है डीडीआईआर कमांड एक सेम कमांड एलएस की तरह एलएस क्या कर रहा था फाइल फोल्डर्स दिखा रहा था डीडीआईआर भी दिखाता है खास बात यह है कि डीआई आर सर विंडोज का जो सीएमडी होता है जिसको हम कमांड प्रोमट कहते हैं वहां भी सपोर्ट करता है एलएस नहीं करता डीआई आर करता है देन एमके डीआई आर क्या काम आता है सर एक फोल्डर बनाने के काम आता है सीपी क्या काम आता है कॉपी करने के काम मूव एक जगह से किसी फाइल को दूसरी जगह मूव करने के काम आरएम क्या करता है किसी फाइल या फोल्डर को डिलीट करने का काम करता है अब इन चीजों को भी प्रैक्टिस करके देखते हैं कि असल में वर्क करते कैसे हैं तो हम फिर से चलेंगे हमारी वाली मशीन पे और हमारी इस मैनुअल को एग्जिट करने के लिए हम क्यू बटन प्रेस करेंगे जैसा कि आप देख सकते हैं यहां पे q टू क्विट लिखा हुआ है तो हम क्य प्रेस कर रहे हैं क्विट हो चुके हैं हम अब सर हमारे जो बाकी के कमांड्स थे जिसमें हमारा सबसे पहला कमांड था डीई आर अगर मैं लिख के एंटर प्रेस करता हूं तो आप देख सकते हैं ये सभी फाइल ऑफ फोल्डर्स हमें यहां पे दिखा रहा है ये सेम कमांड विंडोज में भी काम करता है इसका मतलब अगर आप अपने विंडोज में सीएमडी यानी कमांड प्रोमट लिखते हैं और उसमें जाते हैं तो ये विंडोज का टर्मिनल है आप कह सकते हैं और यहां डीआई आर लिखोगे तो यहां भी आपको सारे फाइल ऑ फोल्डर्स ये दिखाएगा लेकिन अगर एलएस लिखोगे तो कोई आउटपुट नहीं आएगा आई होप सभी को विजिबल होगा ये सो अब हम इसको बंद करते हैं डीआर का काम समझ आ गया होगा ये बिल्कुल एलस की तरह ही फाइल फोल्डर्स दिखाता है हमें हम डिस्प्ले को थोड़ा क्लीन कर देते हैं और नेक्स्ट कमांड की तरफ बढ़ते हैं कि सर अगर हम हमारी करंट लोकेशन में एक फोल्डर बनाना चाहे जैसे एग्जांपल के तौर पर मैं यहां पे आशीष नाम का एक फोल्डर बनाना चाहूं तो क्या अभी यहां पे कोई फोल्डर है आशीष नाम का नहीं तो कैसे फोल्डर क्रिएट करा जाएगा तो सर इसके लिए हम कमांड लिखेंगे एम केडी आई आर एम कीडी आर का फुल फॉर्म है मेक डायरेक्टरी यानी फोल्डर बनाओ मुझे बस करना यह है कि कौन सा फोल्डर बनाना है और कहां बनाना है वो बताना है यानी अगर मैं केवल आशीष लिख देता हूं तो ये आशीष नाम का फोल्डर सेम लोकेशन प बना देगा और अगर मैं इसे कोई लोकेशन देता हूं कि इस जगह पे जाके फोल्डर बनाओ तो वहां वो फोल्डर क्रिएट कर देगा फिलहाल मैंने एंटर प्रेस करा और अब अगर मैं एलएस लिखता हूं तो मैं देख सकता हूं कि सर यहां पे आशीष नाम का फोल्डर क्रिएट हो चुका है जो ओबवियसली फिलहाल एमटी फोल्डर है इसमें अभी कोई भी डाटा नहीं है या यानी अगर मैं यहां पे सीडी आशीष लिखूं ऑल एलएस करूं तो इसके अंदर कोई भी डाटा नहीं है और मेरी करंट लोकेशन क्या है होम काली डाउनलोड्स एंड आशीष आई होप आपको समझ आ गया होगा कि फोल्डर क्रिएट कैसे हो रहा है अब सवाल ये है कि क्या सर हम किसी फोल्डर को एक जगह से दूसरी जगह कॉपी कर सकते हैं यानी उसकी एक फाइल तो हमारी जगह पे भी रहे उसका एक और क्लोन फाइल क्या मैं किसी और जगह पे बना सकता हूं तो सर ये शायद सीपी कमांड के जरिए पॉसिबल हो सकता है सीपी का मतलब था कॉपी करना और कॉपी करने का प्रोसेस बहुत इजी है किसको कॉपी करना है और कहां कॉपी करना है हमें बस इतना ना बताना है जैसे सर हमारे पास आशीष नाम का फोल्डर था तो हमने वो यहां पे लिख दिया अब उसको कॉपी कहां पे करना है तो उसकी लोकेशन लिख दो जैसे हमने लिखा होम काली एंड डेस्कटॉप तो यानी यहां पे मैं चाहता हूं कि मेरा जो आशीष नाम का फोल्डर है वो डेस्कटॉप फोल्डर में जाकर कॉपी हो जाए एक फाइल यहां भी रहे और उसकी एक फाइल वहां भी क्रिएट हो जाए मैंने एंटर प्रेस करा तो अब ये बोल रहा है यहां पे एक ऑप्शन हमें शो कर रहा है कि हाइन आर नॉट स्पेसिफाइड एक चीज याद रखिएगा कभी भी अगर आपको ऐसी एरर दिखे तो उसे अच्छे से पढ़ना वो एरर हमेशा आपको सॉल्यूशन बताती है कि आप क्या कर सकते हो यहां पे ये कह रहा है कि सर आपने h r को यूज नहीं लिया है और आप एक डायरेक्टरी को कॉपी करने की कोशिश कर रहे हो जो शायद डायरेक्टली पॉसिबल नहीं है h r क्या काम करता है तो हमने कहा सर हम सीपी i आफ हेल्प लिख के देख सकते हैं है ना तो यहां पे i r का काम देख लेते हैं क्या वर्क कर रहा है i r क्या आगे लिखा हुआ है रिकसिव और रिकसिव की डेफिनेशन कह रही है कि सर जो फोल्डर्स होते हैं उन्हें रिकसिवली कॉपी करने में आप कह सकते हो एक तरीके से फोर्सफुली या फिर अ आप कह सकते हो कि किसी रूल को बायपास करके कि फोल्डर हम फिर भी इसको कॉपी करना चाहेंगे वो यहां पे i r ऑप्शन कर रहा है तो इसका मतलब सर हमें हमारे कमांड में जो लास्ट हमने लिखा था सीपी आशीष और उसको कहां पे कॉपी करना है उसके साथ हमें बस न r लिखना है कहीं भी लिख सकते हो स्टार्टिंग में भी लिख सकते हो एंडिंग में भी लिख सकते हो यानी सीपी के बाद भी लिख सकते हो और फोल्डर्स के बाद भी लिख सकते हो मैंने एंटर प्रेस करा सर कोई एरर तो नहीं आया अब अगर मैं देखना चाहूं कि डेस्कटॉप लोकेशन पे हमारा यह फोल्डर की कॉपी बनी है या नहीं तो उसके लिए हम क्या करेंगे एलएस होम काली डेस्कटॉप एंटर प्रेस करा तो सर हम देख सकते हैं यहां पे आशीष नाम का फोल्डर क्रिएट हो चुका है इसका मतलब सीपी ने अपना काम बहुत अच्छे से करा अब सवाल यह है कि सर अगर मैं इस फोल्डर को यहां से उठाकर डॉक्यूमेंट फोल्डर में रखना चाहूं यानी मूव करना चाहूं कॉपी नहीं बनाना मुझे मूव करना है इसको यहां से कट करना है और कहीं और पे पेस्ट करना है यानी मूव करना है तो कैसे पॉसिबल है शायद यह एमवी कमांड के जरिए पॉसिबल होगा एमवी का भी वर्क करने का तरीका बहुत आसान है किसको मूव करना है और कहां मूव करना है तो मैंने से बताया कि होम फोल्डर में काली नाम का फोल्डर है उसमें डेस्कटॉप नाम का फोल्डर वहां पर आशीष नाम का फोल्डर है इस पर्टिकुलर फोल्डर को आशीष फोल्डर को हमें मूव करना है कहां करना है तो मैंने उसकी भी लोकेशन दे दी होम काली डॉक्यूमेंट में अब अगर मैं एंटर प्रेस करता हूं और फिर से डेस्कटॉप फोल्डर के अंदर क्या क्या डाटा पड़ा है वह देखता हूं तो आप देख सकते हो यहां से आशीष फोल्डर जो था वह डिलीट हो चुका है हट चुका है डिलीट तो नहीं कट हो चुका है और अगर मैं डॉक्यूमेंट फोल्डर में जा के देखूं यानी अगर मैं लिखूं एलएस स्पेस होम काली डॉक्यूमेंट और एंटर प्रेस करूं तो आप देख सकते हो यहां पे वह फोल्डर पेस्ट हो चुका है इसका मतलब कट पेस्ट भी सक्सेसफुली हुआ अब सर अगर हम इस फोल्डर को डिलीट करना चाहे तो कैसे होगा तो उसके लिए हम आरएम कमांड का यूज ले सकते हैं आरएमडीआईआर से भी डिलीट होगा और आरएम से हर तरीके के फाइल फोल्डर डिलीट हो जाते हैं है ना तो हमने आरएम स्पेस आशीष लिखा और एंटर प्रेस करा लेकिन सर हमारी करंट लोकेशन पे तो ऐसा फोल्डर है ही नहीं क्योंकि वो तो हमने डेस्कटॉप फोल्डर डॉक्यूमेंट में रखा हुआ है तो हमने यहां पर लिखा होम काली डॉक्यूमेंट यानी हमने हमारी लोकेशन चेंज करी पहले एलस लिख के देखा कि यहां पे आशीष नाम का फोल्डर है फिर से हमने आरएम वाला कमांड लिखा ऑल दो पुरानी लोकेशन पे भी था लेकिन हमें डिलीट कौन सा करना था डॉक्यूमेंट वाला करना था हमने आरएम आशीष लिखा इसने मुझे एरर दिया अब एरर को वापस देखेंगे एरर सेम है लेकिन हमें डॉक्यूमेंट के आशीष को डिलीट करना था इसलिए हम इस फोल्डर में आए यहां पे लिखा हुआ है कैन नॉट रिमूव आशीष इज अ डायरेक्ट सर ये तो एक फोल्डर है हम इसे रिमूव नहीं कर सकते अब क्या करें सर शायद आरएम की की हेल्प देखकर हमें एक ऑप्शन मिले जो हम पहले भी यूज दे चुके हैं और वो हमारे लिए काम का हो तो हमने स्क्रॉल अप करा यहां पे हमें हान r दिखा जिसने कहा कि सर इसकी मदद से आप फोल्डर्स को डिलीट कर सकते हो तो हमने कहा ठीक है हमने लास्ट टाइम भी हान r को यूज किया था सीपी के साथ कॉपी के साथ तो हमने अपना कमांड फिर से लिखा और इसके साथ न r लिख दिया और एंटर प्रेस करा अब अगर मैं एलएस लिखता हूं तो क्या हमें यहां पे आशीष नाम का फोल्डर दिख रहा है नहीं दिख रहा इसका मतलब हम सक्सेसफुली कॉपी पेस्ट मूव या डिलीट जो है वो ऑपरेशन परफॉर्म कर पाए फोल्डर क्रिएट करने का जो ऑपरेशन है वो परफॉर्म कर पाए सो अब स्टूडेंट्स देखते हैं कुछ और कमांड जो शायद हमें थोड़ा और अपडेट कर दे एक फाइल एडिटर है एक कमांड लाइन फाइल एडिटर है जिसकी मदद से मैं किसी भी फाइल्स में डाटा लिख सकता हूं डिलीट कर सकता हूं देन जी एडिट सर यह ग्राफिकल फाइल एडिटर है यह भी एक सॉफ्टवेयर है जिसकी मदद से फाइल एडिटिंग पॉसिबल हो पाती है जैसे अगर मैं बात करूं हमारी विंडोज मशीन की तो वहां पे नोटपैड यूज होता है कुछ वैसा ही उसके अलावा हमारे पास सीच एओडी यानी चेंज मोड नाम का एक कमांड है जो फाइल की परमिशन चेंज करने में हमारी मदद करता है सो स्टार्ट करते हैं और देखते हैं यह कमांड्स क्या वर्क कर रहे हैं और कितना ज्यादा यू युल है हमारे लिए सो स्टूडेंट्स सबसे पहला कमांड जो सुडो एयू था वो रूट परमिशन का काम करता है यानी आपको एडमिन की ताकत देना इसका मतलब आप कोई ऐसा वर्क कर रहे हैं जिसकी परमिशन एक गेस्ट यूजर को नहीं है क्योंकि अभी हम एक गेस्ट यूजर है और वो काम करने की परमिशन हमारे पास नहीं है तो हम एडमिन की परमिशन लेनी पड़ेगी एग्जांपल के तौर पे अगर मैं मेन लोकेश में जाऊं यानी रूट लोकेशंस में जाऊं जहां पे के तौर पे आरएम बिन है ना और एंटर प्रेस करा तो ये क्या बोल रहा है परमिशन डिनाइड का एरर दे रहा है इसका मतलब सर आपके पास परमिशन नहीं है इस टास्क को करने की ऑल दो हम फिर भी इस फोल्डर को डिलीट नहीं करेंगे लेकिन परमिशन तो नहीं है काम करने की तो सर क्या होता है ऐसे केसेस में हमें एडमिन से परमिशन लेनी होती है जिसके लिए हम सुडो कमांड का यूज लेते हैं अब मेरे पास दो तरीके हैं सुडो कमांड क्या करता है सर किसी भी कमांड को एडमिन की परमिशन दे देता है यानी अगर मैं सुडो के बाद में लिखता आरएम हान बिन तो ये मुझसे पासवर्ड मांगता जिसमें मैं अपने गेस्ट यूजर का ही पासवर्ड लिखता जो कि काली है के ए एल आई लेकिन ये केवल इस पर्टिकुलर कमांड को एडमिन की ताकत देता तो जितनी बार मैं कोई ऐसा ऑपरेशन परफॉर्म करता हूं जहां पे मुझे एडमिन ताकत की जरूरत है एडमिन परमिश की जरूरत है मुझे हर बार स्टार्टिंग में सुडो लिखना पड़ता है जो कि ये कंफर्टेबल चीज नहीं है है ना जो हमारा टाइम और बढ़ा रही है या फिर कई बार एरर्स भी क्रिएट कर देती है तो मैं ये नॉर्मली रिकमेंड करता हूं कि क्यों ना सुडो एयू के जरिए पूरे के पूरे टर्मिनल को पूरे के पूरे शेल को ही एडमिन ताकत दे दी जाए तो जब आप ये कमांड लिख के एंटर प्रेस करेंगे तो ये आपसे पासवर्ड मांगेगा जिसमें आपको के ए एल आई लिखना है और एंटर प्रेस करना है अब अगर आप यहां पे चेंज देखें तो पहले यहां पे गेस्ट यूजर का नाम लिखा हुआ आ रहा था लेकिन अब यहां पे रूट यूजर का नाम लिखा हुआ आ रहा है पहले यहां पे डॉलर सिंबल आ रहा था और अब यहां पे हैश सिंबल आ रहा है जो डिफाइन करता है रूट परमिशन को इस जगह पे टर्मिनल में अगर हैश लिखा आ रहा है इसका मतलब वो रूट परमिशन को डिफाइन कर रहा है तो अब मेरे पास एडमिन की पावर है अब मैं जो कमांड चा रन कर सकता हूं लद मैं बिन फोल्डर को डिलीट अभी भी नहीं करूंगा वा मेरा चाहे फाइल का नाम रख सकते हैं आप जब मैं एंटर प्रेस करूंगा तो अगर इस नाम की फाइल पहले से बनी हुई होती तो ये उसे ओपन कर देता और अगर नहीं होगी तो नई फाइल क्रिएट कर देगा इसने क्रिएट कर दी अब ये कमांड एंड एडिटर है तो कर्सर का यहां पर कोई रोल नहीं है मुझे सब कुछ एरो कीज या कीबोर्ड के जरिए ही करना पड़ेगा तो मैंने यहां पर लिखा हाय दिस इज आशीष और इसके बाद में हमने यहां पर लिखा ई सी एच ओ और ये क्या काम करता है कि सर इसके अंदर आप जो भी डाटा लिखोगे जैसे यहां पर लिखा मैंने हाउ आर यू तो हमने यहां पे एक कमांड लिखा या हमने इस ओ के अंदर एक सेंटेंस लिखा ये क्या करेगा कि सर इसके अंदर आपने जो भी डाटा लिखा ये टर्मिनल पे प्रिंट कर देगा इसका मतलब ये एक कमांड है ये एक फंक्शन है हमने यहां क्यों लिखा ये मैं आपको समझाता हूं मैं फिलहाल इस फाइल को सेव करूंगा और क्लोज कर दूंगा कंट्रोल x के जरिए सेव करने के लिए हमने कंट्रोल s कमांड का यूज लिया और एग्जिट करने के लिए कंट्रोल x कमांड का यूज लेंगे आप देख सकते हो यहां पे ये एग्जिट के लिए कंट्रोल x बताया जा रहा है तो मैंने सेव कर लिया है रोट टू लाइंस लिखा हुआ आ रहा है इसका का मतलब दो लाइन सेव हो चुकी है कंट्रोल x करा फाइल एग्जिट हो चुकी है अब सर अगर आप फाइल के अंदर का डाटा अभी भी देखना चाहते हैं तो कैट कमांड के जरिए देखा जा सकता है अगर आप cat-1 ही आपको यहां पे शो कर देगा कि उस फाइल में क्या-क्या चीजें लिखी हुई है सर अगर मैं ग्राफिकली एडिटिंग करना चाहता तो यानी अगर मैं नैनो एडिटर से कंफर्टेबल नहीं हूं तो मैं क्या करूं तो उसके लिए हम जी एडिट कमांड का यूज लेंगे जिसका मतलब है ग्राफ िकल एडिट और यहां पे हम अपनी फाइल का नाम बता देंगे youtube1 प्रेस करा तो आप देख सकते हैं यहां पे एक फाइल एडिटर ओपन हो चुका है जिसमें मैं ग्राफिकली जो चाहे कर सकता हूं यहां पे तो फिलहाल हमें कुछ मॉडिफिकेशन तो नहीं करनी है चाहे तो कर सकते हैं मैं इसको ऐसे ही सेव करके क्लोज कर दूंगा यह सारे टास्क जो मैं कर रहा हूं रूट परमिशन में कर रहा हूं आई होप सभी को विजिबल होगा अब अक्सर होता यह है कि सर जब भी आप फाइल को नॉर्मल ट्रीट करता है किसी के पास भी एक्स्ट्रा कुछ परमिशन नहीं होती डायरेक्ट रन होने की एक फाइल के पास असल में तीन परमिशन होती है इस परे भी हम डिस्कशन कर लेते हैं सो स्टूडेंट्स असल में जब हम जिसको हम r से डिफाइन करते हैं r का मतलब रीड है उसके अंदर जो भी डाटा लिखा हम उसे पढ़ेंगे या फिर हम क्या करेंगे उस फाइल के अंदर कुछ ना कुछ मॉडिफिकेशन करेंगे कुछ डाटा लिखेंगे अपडेट करेंगे तो यह हम क्या कर रहे हैं यहां पे राइट कर रहे हैं तो दूसरी परमिशन राइट की हो जाएगी तीसरा हो सकता है कि सर इस फाइल में नॉर्मल डाटा नहीं कोई प्रोग्राम लिखा हुआ है तो अगर यहां पे कोई प्रोग्राम लिखा हुआ है इसका मतलब क्या होगा यह एग्जीक्यूट होगा रन होगा जैसे आपकी डॉ फाइल्स होती है वह क्या होती है सीधा एग्जीक्यूट होती है रन होती है तो यहां पे एग्जीक्यूटेबल परमिशन तीसरी परमिशन है जो एक फाइल के पास हो सकती है अब खास बात यह है कि सर जब आप देते हैं सी एच एम ओडी चेंज मोड अगर इसके साथ मैं प्लस का यूज लेता हूं यानी मैं कोई परमिशन दे रहा हूं और अगर मैं इसके साथ माइनस का यूज़ लेता हूं इसका मतलब मैं कोई परमिशन ले रहा हूं अब यह कैसे काम करेगा तो इसको यूज़ लेकर देखते हैं तो पहले तो हम हमारी फाइल की परमिशन देख लेते हैं तो हमने यहां पे लिखा एल एफन l जो लॉन्ग लिस्टिंग फॉर्मेट में यानी डिटेल में सारी फाइल फोल्डर्स दिखाएगा और हमने यहां पे ढूंढी youtube0 रही ने बनाया सब बता रहा है और इसके पास क्या परमिशन है फिलहाल केवल और केवल रीड और राइट की परमिशन है सर एग्जीक्यूटेबल परमिशन नहीं है अब हमें अगर इसे कोई भी परमिशन देना हो या लेना हो दोनों ही चीजें पॉसिबल है कैसे हैं तो सर उसके लिए हम सीच एओडी कमांड का यूज़ लेते हैं और अगर मैंने इसके साथ लिखा प्लस x यानी एग्जीक्यूट और फाइल का नाम जैसे कि हमारा फाइल का नाम है youtube0 और एंटर प्रेस करा तो उस फाइल को य एग्जीक्यूटेबल परमिशन दे देगा एलएफ आल के जरिए आपसे को दिखा देता हूं अब इस फाइल के पास एग्जीक्यूटेबल परमिशन भी आ चुकी है इसका कलर भी ग्रीन हो चुका है जिसका मतलब इसके पास रन होने की पावर्स है और अगर सर हम इससे कोई परमिशन छीनना चाहे तो यानी सर अगर हम यहां पे कमांड लिखते सीच एओडी माइनस रीड राइट और एग्जीक्यूट या केवल राइट और एग्जीक्यूट जो भी चाहे हम कर सकते हैं है ना और एंटर प्रेस करता और फिर से एलएस लिख के देखता या फिर एलएस आफ ए लिख के देखता तो हम देख सकते हैं इसके पास केवल और केवल रीड की परमिशन ही बची है फिलहाल वापस तीनों परमिशन इसको लौटा देते हैं तो हमने यहां पे प्लस लिखा फिर से रीड राइट और एग्जीक्यूट की परमिशन यहां पर ऐड कर दी गई है फिर से एल एस फनल लिखते हैं तो अब इसके पास वापस से तीनों परमिशन आ चुकी है आई होप आपको ये तो क्लियर होगा कि इस फाइल को परमिशन दी कैसे जाती है ली कैसे जाती है किसी भी फाइल के साथ अब ये समझेंगे कि फाइल को अगर परमिशन दी है तो वो रन भी तो हो सकती है एग्जीक्यूट भी तो हो सकती है वो कैसे पॉसिबल है तो किसी भी फाइल को जिसके पास एग्जीक्यूटेबल परमिशन है अगर आपको रन करना है तो हम एक डिफॉल्ट कमांड यूज ले सकते हैं कई बार ऐसा होगा कि डिफॉल्ट कमांड वर्क ना करे हमें पर्टिकुलर वही टूल यूज लेना पड़े जो उस फाइल को रन कर सकता है ऐसे भी चांसेस हैं बट एक जो डिफॉल्ट कमांड है जो अक्सर हमारे काम आ जाता है वह है डॉट स्लश आपको डॉट स्ल और बिना स्पेस दिए फाइल का नाम लिखना है जैसे . txt.gz दिखा वो था हाय जो कि ओबवियस सी बात है एक नॉर्मल ह्यूमन लैंग्वेज का वर्ड है कोई कमांड या कोई प्रोग्राम नहीं है तो उसने बोला सर ऐसा तो हमें कुछ भी नहीं मिला कोड या कमांड लेकिन सेकंड लाइन में इसने क्या करा हाउ आर यू जो था वो प्रिंट कर दिया और क्यों करा क्योंकि वहां पे हमने एक ऐसा फंशन यूज लिया था जिसके अंदर आप अगर कुछ भी लिखोगे तो वो टर्मिनल पे प्रिंट कर देगा और वो कब करेगा जब वो एग्जीक्यूट होगा जब वो रन होगा एक बार अगर आप देखना चाहे कि इस फाइल में क्या-क्या लिखा था हमने तो यहां लिखा था हाय दिस इज आशीष तो जब पहली लाइन रन हुई पहली लाइन को रन करने की कोशिश करी गई तो यहां पे हाई वर्ड सबसे पहला आया जो कि ओबवियस सी बात है कोई भी कमांड या प्रोग्राम का हिस्सा नहीं है तो उस केस में हमारे पास पहली लाइन को लेकर एरर आ गया सेकंड लाइन को जब रीड करा गया तो यह कमांड का हिस्सा है जिसकी वजह से इसके अंदर लिखा हुआ कंटेंट जो था वो प्रिंट हो [संगीत] गया इस वीडियो में हम में भी वर्क कर सकता है ठीक है लेकिन मेरे पास टोटल 16gb की रम पड़ी है तो मैं वहां क्या कर सकता हूं सर मैं उसको 4gb के अप्रॉक्स की रैम अलॉट कर सकता हूं सर अगर हमारे पास 8gb रम होती तो तो मैं फोर से थोड़ा कम आप कह सकते हो 3.5 या 4k कुछ आसपास का रैम ही अलॉट करता या 3gb रम जो है उतना ही अलॉट करता जरूरी नहीं है वो टू के मल्टीपल में ही हो है ना तो मैं यहां पे 3gb रम अलॉट करता अगर मेरे पास 8gb रम होती बिकॉज़ आगे चलके मुझे और भी ऑपरेटिंग सिस्टम्स को रैम अलॉट करने की की जरूरत पड़ सकती है और अगर एक टाइम पे दो-तीन ऑपरेटिंग सिस्टम हमें यूज़ लेने की जरूरत पड़ी तब वहां सिस्टम ज्यादा लैग करेगा यानी हैंग हो सकता है तो हमने यहां पे 3gb के अप्रॉक्स रैम कब देंगे जब 8gb और अगर 4gb रम है तब हम 2gb रम ही अलॉट करेंगे ठीक है बट क्योंकि अभी हमारे पास 16gb रम है तो मैं यहां पे से 4gb रम जो है अलॉट कर रहा हूं उसके अलावा अगर हम बात करें प्रोसेसर्स की तो मैंने यहां पे नंबर ऑफ प्रोसेसर्स में टू सिलेक्ट करा है एंड कोज पर प्रोसेसर्स में टू सिलेक्ट करा है जिसके बाद मेरे पास टोटल कोज जो है प्रोसेसर्स की वो चार हो चुकी है और यहां पे इसके जस्ट नीचे हार्ड डिस्क की अगर हम बात करें तो 80gb का बाय डिफॉल्ट इसके पास है जिसमें फिलहाल हम कोई भी मॉडिफिकेशन नहीं करेंगे ठीक है इसके बाद सीडी डीवीडी का ऑप्शन है यहां भी हमें कोई मॉडिफिकेशन नहीं करना है लेकिन नेटवर्क एडेप्टर की अगर हम बात करें तो आपको यह ध्यान रखना है कि चाहे कुछ भी हो जाए आपका नेटवर्क एडेप्टर नेट ही रहना चाहिए यहां पे ताकि आगे के लैब्स में हम जो एक्टिविटीज परफॉर्म करेंगे वहां आपको कोई भी कॉम्प्लिकेशंस फेस करने को ना मिले ठीक है नेट और कुछ नहीं है हमारे वर्चुअल मशीन का एक प्राइवेट नेटवर्क है है जिसकी मदद से इस वर्चुअल मशीन में जितने भी ऑपरेटिंग सिस्टम बनेंगे वो सब एक लोकल एरिया नेटवर्क में आ पाएंगे और सब आपस में कम्युनिकेट कर पाएंगे लेकिन वो वर्चुअल मशीन बाहर किसी भी मशीन से विंडो से या हमारे आसपास के सिस्टम से कम्युनिकेशन नहीं करेगा जो हमें सेव भी बनाता है ठीक है उसके बाद हमारे पास यब कंट्रोलर का ऑप्शन है जहां पे हम ध्यान रखेंगे कि ये जो यब के ऑप्शंस है ये टिक रहे क्योंकि आगे चलके अगर हम वाईफाई हैकिंग जैसी चीजें अप्लाई करते हैं तो उस केस में वाईफाई एडेप्टर प्लग करने पर वो शो होना चाहिए और वो तभी होगा जब ये जो ऑप्शंस है ये ट कर यानी हम यब डिवाइस को एंटरटेन करें यानी उसे ऐड करें साउंड कार्ड्स बाय डिफॉल्ट सेटिंग सही है डिस्प्ले की सेटिंग्स भी बाय डिफॉल्ट सही है फिलहाल इसमें कोई भी मॉडिफिकेशन हम नहीं करेंगे ओके बटन पे क्लिक करेंगे तो बेसिक कॉन्फिडेंशियल मशीन को पहली बार स्टार्ट कर रहे होंगे और अगर पहले से यूज़ ले भी रहे हैं तो एक बार चेक कर लीजिएगा मेरे साथ कि अब हम जो मशीन के अंदर की कॉन्फ़िगरेशन कर रहे हैं ताकि वो हमें एरर से बचाए अच्छे से वर्क करें सॉफ्टवेयर लेटस्ट से लेटस्ट लाके दे उसके लिए जो जो सेटिंग्स भी मैं करके बताने वाला हूं वो सब आप लोग भी क्रॉस चेक कर लीजिएगा अगर पहली बार यूज़ ले रहे हो तो उसको अप्लाई कर लेना सो यहां पे हमारे पास लॉगिन पेज आ चुका है जिसके बाय डिफॉल्ट क्रेडेंशियल काली काली रहेगा यानी यूजर नेम भी काली होगा पासवर्ड भी काली ही रहेगा हमने एंटर प्रेस करा हम लॉगइन हो चुके हैं हमारी काली मशीन के अंदर हमने बेसिक टर्मिनल का जो इंटरफेस था वो देख लिया था यानी हमें कुछ बेसिक कमांड समझ आ गए थे अब वहीं प जाकर हम मॉडिफिकेशन करेंगे सबसे पहले हमें ये चेक करना होता है अपनी काली मशीन में उसे अच्छा कॉन्फिनेट नेट सर्विसेस यानी कम्युनिकेशन से रिलेटेड हमें जो नेटवर्क चाहिए वो सही से वर्क कर रहा है कि नहीं कर रहा है तो इसके लिए हम बेसिक टेस्ट क्या करते हैं सबसे पहले सर अपने टर्मिनल को स्टार्ट करेंगे हम इसे जूम कर लेते हैं और रूट परमिशन दे देते हैं यहां पे सुड एयू कमांड के जरिए और कमांड लिखेंगे हम पिप goole.com ऐसा करने पे क्या होगा कि सर हमारे सिस्टम से कुछ पैकेज जाएंगे google2 से रिप्लाई लेके आएंगे जिससे हमें यह कंफर्म हो जाएगा कि इस सिस्टम में नेटवर्क सर्विसेस अच्छे से काम कर रही है यानी इंटरनेट अच्छे से वर्क कर रहा है तो हमने एंटर प्रेस करा अब देखते हैं क्या रिप्लाई लेके आता है तो आप देख सकते हो यहां पे रिप्लाई लेकर आ रहा है कंट्रोल सी के जरिए इस रनिंग प्रोसेस को मैं रोक दूंगा एक और चीज आप सभी को बता देता हूं कि अगर कोई भी प्रोसेस चल रहा है आप उसे बीच में रोकना चाहते हैं स्टॉप करना चाहते हैं तो उसके लिए आप कंट्रोल सी शॉर्टकट का यूज़ लेते हैं जैसे आप कंट्रोल सी दबाओगे उसका मतलब है चलते हुए प्रोसेस को बीच में रोक दिया जाए ठीक है तो हमने यहां पे इस प्रोसेस को रोक दिया और इस प्रोसेस ने हमें यह बताया देखो p google.com केशन हो रहा है इसका मतलब मेरे सिस्टम के पास इंटरनेट सर्विसेस है इन केस सर यहां पर अगर ये वर्क नहीं कर रहा होता यानी अगर हम पिंग नहीं कर पाते तो हम क्या करते हैं पहले तो जाके यहां पे राइट हैंड साइड में चेक करते हैं कि हम इथ से जुड़े हुए हैं या नहीं फिर भी नहीं करता तो हमें कमांड रन करते हैं मैं डिस्प्ले को क्लियर कर देता हूं अगर सर नेटवर्क सर्विसेस वर्क नहीं कर रही है तो हम यहां पे कमान लिखेंगे सर्विस नेटवर्क मैनेजर रीस्टार्ट इसकी मदद से क्या होगा कि सर हमारा जो ओवरऑल नेटवर्क मैनेजमेंट का पूरा प्रोसेस है वो रीस्टार्ट हो जाएगा रिबूट हो जाएगा जिससे कोई अगर कॉम्प्लिकेशंस आ भी रहे हैं कोई इश्यूज हो भी रहे हैं तो अपना रिजॉल्व हो जाएंगे अगर सर इसके बाद भी रिजॉल्व ना हो तो हमें वापस हमारी वर्चुअल मशीन सेटिंग्स में जाकर यानी काली की सेटिंग्स में जाके देखना पड़ेगा कि उसका जो नेटवर्क एडाप्टर है वो एन नेट ही सिलेक्टेड हो तो यहां पे सर हमने यह कंफर्म कर लिया नेटवर्क सर्विसेस वर्क कर रही है कि नहीं कर रही इसके बाद आपका इंटरनेट सर्विस चालू हो जाएगा इंटरनेट वर्क कर रहा होगा इसके बाद किस बात का ध्यान रखना पड़ता है कि सर हमें नॉर्मली सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने की जरूरत पड़ती है सॉफ्टवेयर को अपडेट करने की जरूरत पड़ती है जिसके लिए हम एटी का यूज़ लेते हैं एटी क्या है एटी सर काली हमारे पास इसकी एक कॉन्फिन यानी सेटिंग फाइल होती है जो अपडेटेड नहीं होती जिसकी वजह से जब भी हम कोई सॉफ्टवेयर डाउनलोड इंस्टॉल करने की कोशिश करते हैं वो हम एरर दिखा देता है कि हमारे पास ये टूल नहीं है तो हमें सबसे पहले हमारे एटी को अपडेट करना पड़ेगा या एटी की सेटिंग्स अपडेट करनी पड़ेगी जिसके लिए मैं लिखूंगा सीडी स् ईटीसी स् एटी हम जानते हैं ईटीसी का मतलब है एक ऐसा फोल्डर जो हर एक सॉफ्टवेयर की कॉन्फिन फाइल यानी सेटिंग्स की फाइल अपने पास रखता है तो मैं टीसी फोल्डर में एटी के अंदर गया यानी मैं एपी की सेटिंग्स फाइल्स को एक्सेस करना चाहता हूं एंटर प्रेस करा एलएस लिखा तो यहां पे कुछ फाइल्स मेरे सामने पड़ी है जिनमें से सोसे l नाम की जो फाइल है मुझे इसमें मॉडिफिकेशन करना है और केवल पहली बार करना है यानी आप में से जितने लोग पहली बार के इस फाइल को ओपन करें है ना यानी एटीसी एटी के अंदर जाने के बाद ही सोसे लिस्ट को ओपन करें और रूट परमिशन में रन करें तो जब हमने इसे ओपन करा हमने देखा कि लाइन नंबर टू इकलौती ऐसी लाइन है जिसके आगे हैश नहीं लिखा हुआ बाकी सभी लाइंस के आगे हैश लिखा हुआ है और ये हैश क्या कर रहे है इन लाइंस को कमेंट बना रहे हैं यानी ये लाइन अभी वर्क नहीं कर रही जिस भी लाइन के आगे हैश लिखा हुआ दिखे आपको किसी फाइल के अंदर तो नॉर्मली उस हैश का मतलब होता है कि हम इस लाइन को एक कमेंट बना रहे हैं एक नॉर्मल टेक्स्ट बना रहे हैं चाहे वो कोई कोड हो या फिर कोई यूआरएल हो या फिर कोई अच्छा सा फंक्शन हो हैश लगाने से वह काम करना बंद हो जाता है क्योंकि वो एक कमेंट बन जाता है तो हमें यहां पे एक नॉर्मल सा मॉडिफिकेशन करना है एक नॉर्मल सा चेंज करना है कि जो लाइन नंबर फाइव है जहां पे डब एसआरसी आप सभी को लिखा हुआ विजिबल होगा हमें वहां पे जाना है और उसके आगे से यह स्पेस और हैश को हटाना है ताकि हम इस लाइन को एक्टिवेट कर सके यह हमारा दूसरा सोर्स है आप कह सकते हो एड्रेस है जिसकी मदद से हमारा प् स्टो यानी एटी मुझे लेटेस्ट से लेटेस्ट सॉफ्टवेयर्स लाके दे सकता है तो हमने क्या करा यहां पे इसके आगे से हैश हटाया फाइल को सेव करा कंट्रोल s के जरिए या फिर इस बटन पे क्लिक करके भी सेव कर सकते हैं और मैंने इसे क्लोज कर दिया तो अब हमारी जो सोसे लिस्ट थी यानी प st-t अपडेट कमांड जरूर रन करें ताकि हमारा प् store's को रीड कर ले जहां से वो मुझे सॉफ्टवेयर लाके दे सकता है यानी इसकी मदद से मैं मेरे प st-t की सेटिंग सही करी थी अब मैं प जो है वो अडॉप्ट कर लो यानी अपडेट हो जाओ तो आप देख सकते हैं यहां पे अपडेट हो रहा है हम इसे थोड़ा ज़ूम आउट करते हैं ताकि आपको और अच्छे से विजिबल हो तो 98 पर जो है अपडेट हो चुका है और आई थिंक कंप्लीट हो ही गया है इसका अपडेट का वर्क ऐसा करने के बाद आप जो भी सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करना चाहे बहुत इजली कर सकते हैं कैसे होंगे सॉफ्टवेयर इंस्टॉल ये हम नेक्स्ट वीडियो में देखने वाले हैं कि हम कितने तरीकों से सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल कर सकते हैं इस कॉन्फ़िगरेशन के अलावा और क्या नॉर्मल प्रॉब्लम्स हमें फेस करने को मिलती है या और क्या-क्या इश्यूज हमें देखने को मिल सकते हैं स्टार्टिंग में क्या कॉन्फिडेंस करनी चाहिए तो सर हम यहां पे एक और चीज का ध्यान रखते हैं कि हमारे पास कुछ फाइल्स है जैसे अगर मैं यहां पे लिखूं g एडिट ईटीसी स् एओस टी नेम है ना पहले होस्ट नेम में चलते हैं और एंटर प्रेस करता हूं तो यहां पे आपको ध्यान रखना है कि बाय डिफॉल्ट जो नेम होता है काली वही रहे आपने मेरे कुछ वीडियोस देखे होंगे पहले जहां पर मैंने विंडोज अप्लाई करा था एनोनिमस रहने के लिए जो गलत नहीं है सही है बट जब अननोन मस रहने की जरूरत हो केवल तब ही यहां पे वो मॉडिफिकेशन करना चाहिए फिर वापस अपने नॉर्मल यूजर का नाम जो पहले लिखा हुआ था वो लिख देना चाहिए बिकॉज़ अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो इंटरनली काली के कुछ ऑपरेशंस में धीरे-धीरे करके एरर्स आने स्टार्ट हो जाते हैं और ऐसा भी हो सकता है इस वजह से कि आप लोग अपनी काली मशीन को लॉगिन ना कर पाए तो ध्यान रखिएगा आपका जो होस्ट नेम है वहां पे बाय डिफॉल्ट अगर काली लिखा हुआ था तो काली ही रहे अगर आपको कभी एनोनिमस रहना है तो उस वक्त आप यहां पे विंडोज या एक नॉर्मल होस्ट का नाम लिख सकते हो लेकिन उसे वापस अपना काम कंप्लीट होते ही अपना टास्क पूरा होते ही चेंज कर दीजिएगा पुराना जो टैक्स्ट लिखा हुआ था पुराना जो डाटा था वो वापस ले आइएगा हमने इसे सेव करा क्लोज कर दिया यहां पे कॉन्फिन फिलहाल बिल्कुल सही है इसके अलावा एओटीएस नाम की एक फाइल होती है हमें वहां भी जाके देखना है कि बेसिक कॉन्फिन क्या कह रही है यानी यहां पे हमारे डोमेंस के नेम और उनके आईपी एड्रेसस हमें लिखे हुए दिख जाते हैं तो फिलहाल यहां पर सब कुछ सही है सब कुछ वेल कॉन्फिन ओपन कर रहे हैं तो आपको यह देखना है कि सारी चीजें बिल्कुल सेम दिख रही हो अगेन मैं इसे सेव करूंगा और क्लोज कर दूंगा तो हमारी जो बेसिक [संगीत] देखने वाले हैं कि हम अपनी ऐसे ही सर्विसेस का थर्ड पार्टी सर्विसेस यानी सर हर वो वेबसाइट या हर वो सोर्स जो आपको सॉफ्टवेयर लाके दे सकता है जिसमें हम ज्यादातर यूज लेते हैं गेट अप जैसे प्लेटफॉर्म को एक ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म जहां पे सर हमें क्या होता है मल्टीपल टूल्स ऐसे ही मिल जाते हैं लेकिन हम इन पर बहुत ज्यादा ट्रस्ट नहीं कर सकते क्यों नहीं कर सकते हैं बिकॉज सर यहां पे कोई भी आके अपने टूल्स अपने पैकेजेस अपने सॉफ्टवेयर जो है वो अपलोड कर सकता है अब उन सॉफ्टवेयर्स के अंदर सारी प्रोग्रामिंग जेनुइन है कि नहीं कहीं कोई मलेशियन कोड तो नहीं लिखा हुआ कहीं कोई वो मिशिस सॉफ्टवेर तो नहीं है जो हमारा डाटा चुराया हम नुकसान करें तो इस चीज की एश्योरिटी हमें डायरेक्टली नहीं मिल सकती इस वजह से हम उसपे थोड़ा कम ट्रस्ट करते हैं बट लद हम इन तीनों सोर्सेस को यूज लेते हैं अपने सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करने के लिए डिपेंड करता है कि हमें क्या सॉफ्टवेयर या क्या टूल या क्या पैकेज चाहिए फिलहाल स्टार्ट करते हैं एटी के जरिए तो यहां पे स्टूडेंट्स हम रूट परमिशन दे देंगे सबसे पहले और एक चीज याद रखिएगा कभी भी अगर आपको एपीटीजी अपडेट कमांड जरूर रन कर लीजिएगा ताकि एटी जो है वो खुद को अपडेट कर सके है ना अपडेट की स्पेलिंग करेक्ट कर देते हैं यहां पे अपडेट तो एटी क्या करेगा सर खुद को अपडेट कर देगा यानी हम प् स्टो को अपडेट करें ताकि वो हमें लेटेस्ट सॉफ्टवेयर्स लाके दे सके प्रोसेस कंप्लीट हो चुका है ऑलरेडी अपडेटेड था इस वजह से इसने टाइम बिल्कुल नहीं लिया अब मैं यहां पे कमांड रन करूंगा एटी इंस्टॉल सर अगर आपको कोई भी टूल चाहिए आप एटी लिखो इंस्टॉल लिखो बाद में उस टूल का नाम लिख दो एग्जांपल के तौर पे अगर मुझे बाइट कोड व टूल चाहिए तो मैं इसका नाम लिख दूंगा और एंटर प्रेस करूंगा तो इसका इंस्टॉलेशन स्टार्ट हो जाएगा बट सर ऐसे टूल्स के नाम हमें थोड़ी याद रहेंगे हमें थोड़ी पता है कि यहां पे इसके बीच में जो ड लगा हुआ है आईन लगा हुआ है यहां पे होना ही चाहिए तो उन केसेस में भी हम कुछ चीजें कर सकते हैं जैसे टैब बटन जब हम प्रेस करते हैं तो ये हमें खुद भी सजेस्ट करता है कि आप क्या टूल कहना चाह रहे होंगे यानी इसके पास क्या-क्या टूल्स अवेलेबल है एग्जांपल के तौर पे मैंने बस बाइट कोड लिखा उसके आगे कुछ नहीं लिखा है ना तो मैं अगर टैब बटन प्रेस करता हूं तो या तो ये उसका पूरा नाम फिल कर देगा या फिर अगर इससे रिलेटेड इसके पास कुछ और टूल्स है जैसे मैं थोड़ा और कम लिख देता हूं मैंने केवल बाइट लिखा तो ये मुझे बता रहा है इससे रिलेटेड इसके पास दो टूल्स है एक बाइट को व्यूअर और एक बाइट्स सर्कल अब इन दोनों में से कौन सा टूल इंस्टॉल करना है ये मैं सेलेक्ट कर सकता हूं इसका मतलब ये भी मुझे लिस्ट ऑफ टूल शो करता है जो इसके पास अवेलेबल है हमें बस टैब बटन को प्रेस करना होता है टैब बटन से क्या होता है हम उसे कहते हैं कि भाई इससे आगे हमें याद नहीं आ रहा क्या होता है तो आप हमें सजेस्ट करें आपके पास क्या-क्या टूल्स पड़े हैं तो जैसे ही मैं एंटर प्रेस करूंगा या टैब फिर से प्रेस करूंगा नाम को फिल कर देगा और अब अगर एंटर प्रेस करता हूं तो ये मेरे लिए उस टूल को इंस्टॉल कर देगा लेकिन इन केस अगर आपके पास वो टूल पहले से पड़ा है तो ये क्या करेगा उस टूल को अपडेट करने की कोशिश करे करेगा लेकिन सर अगर पहले से अपडेटेड है तो यह आपको कंफर्म कर देगा यहां पर आप देख सकते हो बाइट कोड व्यूअर इज ऑलरेडी द न्यूस्ट वर्जन यानी यह कह रहा है कि आपके पास एक तो टूल पहले से पड़ा है और ऊपर से लेटेस्ट वर्जन पड़ा है तो मैं इसमें आपको क्या ही सपोर्ट दूंगा आपके पास सब कुछ परफेक्ट है है ना लेकिन अगर सर ये सॉफ्टवेयर पुराना होता तो येय उसे अपडेट कर देता नहीं होता तो इंस्टॉल कर देता तो एटी के जरिए सॉफ्टवेयर कैसे इंस्टॉल होगा उम्मीद है आपको क्लियर हो गया हो कई बार ऐसा भी होता है कि सर हमसे एक सॉफ्टवेयर सही से इंस्टॉल नहीं हुआ है ना कोई एरर आ गई या सही से वर्क नहीं कर रहा है तो उस केस में हम क्या करते हैं हम यहां पे कमांड रन करते हैं रीइंस्टॉल कभी भी किसी भी सॉफ्टवेयर को रिमूव या ऑटो रिमूव के जरिए आपको अन इंस्टॉल नहीं करना चाहिए नहीं हटाना चाहिए बिकॉज ऐसा करते हुए आपका जो एटी है वो कई सारे और ऐसे टूल्स और पैकेजेस को हटा देता है जो आपके लिए बहुत काम के हैं तो मैं यही रिकमेंड करूंगा कि ऑटो रिमूव और रिमूव कमांड्स जो है एटी के अंदर यूज़ ना लिए जाए आप रीइंस्टॉल को यूज ले सकते हैं अगर आपको किसी भी टूल में कोई इशू हो रहा है तो तो हमने लिखा एटी रीइंस्टॉल बाइट कोर व्यूअर और एंटर प्रेस करा तो अब आप देख सकते हैं इसका जो रीइंस्टॉलेशन का प्रोसेस है है वो स्टार्ट हो चुका है सॉफ्टवेयर को अन इंस्टॉल करके फिर से इंस्टॉल करा जा रहा है तो अगर कोई कहीं पे इशू हो भी रहा था कोई चीज वर्क नहीं भी कर रही थी तो वो अब रिजॉल्व हो जाएगी सर ये करने के अलावा एक और चीज है डायरेक्ट सॉफ्टवेयर इंस्टॉलेशन की तो नहीं है लेकिन हम ए का एग्जांपल ले रहे हैं फिलहाल हम तो हमारे पास जितने भी टूल्स वहां पे इंस्टॉल थे हैं हम उन सबको एक साथ अपडेट करते हैं अपडेट ऑल के जरिए करेक्ट तो यहां पे भी तो हमें वो करने की जरूरत पड़ सकती है और करना भी चाहिए यानी एक टाइम पीरियड के गैप से आप कह सकते हैं वन मंथ के गैप से टू वीक के गैप से आपको अपने आप वाय लिख के जैसे ही एंटर प्रेस करेंगे अपडेटिंग का प्रोसेस जो है स्टार्ट हो जाएगा एंड बाय चांस अगर ये प्रोसेस रुक जाए जैसे आप देख सकते हैं फिलहाल 9 पर 10 पर कंप्लीट हो चुका है थोड़ा जूम आउट कर लेता हूं ताकि आपको क्लियर विजिबल हो ये 15 पर 16 पर हो चुका है अगर मैं गलती से इसे बीच में रोक भी दूं 19 पर प मैंने रोका था और फिर से सेम कमांड रन करूं तो ये वहीं से स्टार्ट होगा तो ये अगर आपसे गलती से रुक जाए आपका नेटवर्क बंद हो जाए सिस्टम बंद हो जाए तो आप वापस उस कमांड को वहीं से स्टार्ट कर देंगे तो सारी चीजें रिजॉल्व हो जाएगी फिलहाल मैं इसे अगेन बंद कर देता हूं है ना सो स्टूडेंट्स ये तो था एटी के जरिए यानी अपने है मैं उस पर क्लिक करूंगा और यहां पे स्टूडेंट्स डाउनलोड क्रम का बटन मेरे सामने आ चुका है मैं उस परे क्लिक करूंगा और एक चीज खास आप देखेंगे यहां पे कि हमारे पास सीधा रिक्वेस्ट में एक हैडर होता है यूजर एजेंट हैडर जो डिटेल लेके जाता है कि आप कौन से ब्राउजर को और कौन से ऑपरेटिंग सिस्टम को यूज़ ले रहे हो वही डिटेल google.de एकड डीबी फाइल को ही डाउनलोड करेंगे अपनी काली हेयर कर देते हैं यानी इस लोकेशन पे टर्मिनल को स्टार्ट कर देते हैं रूट परमिशन दे देते हैं पासवर्ड में के एल आ यानी काली लिखना है और एंटर प्रेस कर दिया हमने अब अगर मैं पीडब्ल्यूडी लिखूं तो यह बता रहा है कि सर आप होम के अंदर काली के अंदर डॉक्यूमेंट नाम की डायरेक्टरी में हो और एलएस लिखूं तो आप देख सकते हो जिसका नाम है डीपी केजी डीपीकेजी का मतलब है डेब एन पैकेज किट्स को मैनेज करने वाला एक टूल यानी जितने भी डेन पैकेजेस होते हैं ड डीबी पैकेजेस होते हैं उनको मैनेज कर सकता है तो इसके जरिए हम हमारे टूल को इंस्टॉल करना चाहेंगे तो हमने लिखा i i और ये जो आप आप कम हाइलाइटेड वे में आप आगे लिखा हुआ टैक्स दिख रहे हो क्या हो रहा है हमारा टर्मिनल हमें सजेस्ट कर रहा है कि शायद आप ये लिखना चाह रहे होंगे तो मैंने यहां पे ओ लिखा और टैब बटन दबा दिया इसका मतलब स्टार्टिंग का कुछ फेज लिखा उसके बाद टैब दबा दिया ताकि वो उस पूरे नेम को सही फिल कर अब अगर मैं एंटर प्रेस करता हूं तो आप देखेंगे google3 सोर्स क्या है और कैसे काम करेगा तो थर्ड सोर्स में हमारे पास थर्ड पार्टी सर्विसेस आती है यानी ऑफिशियल वेबसाइट के अलावा कोई भी वेबसाइट से आप अगर सॉफ्टवेयर लेके आते हो किसी भी तरीके से और वहां समझते हो कि उसे कैसे इंस्टॉल करना है वो थर्ड पार्टी सर्विस है हर एक जगह से सॉफ्टवेयर आके उ इंस्टॉल करने का तरीका थोड़ा बहुत डिफरेंट हो सकता है तो अभी हम किस थर्ड पार्टी सॉफ्टवेयर को यूज़ लेंगे हम यूज़ लेंगे गिट अप को तो मान लेते हैं हमें यहां पे एक सॉफ्टवेयर चाहिए था कोई भी सॉफ्टवेयर हम एज अ एग्जांपल ले सकते हैं फिलहाल मैं ले लेता हूं टी बम नाम का एक सॉफ्टवेयर है ना क्या काम करता है इससे फिलहाल फर्क नहीं पड़ेगा मेरे को बस एक सॉफ्टवेयर चाहिए था तो मैंने टी बम स्पेस गट हब लिख दिया एंड एंटर प्रेस करा तो ये ऑटोमेटिक मुझे कुछ यूआरएल लाके देगा जिसकी मदद से मैं टी बम सॉफ्टवेयर को अपने सिस्टम में डाउनलोड कर सकता हूं हमने इस पर क्लिक करा गिट क्या एक ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म है जहां पे हमें हर तरीके की फाइल्स टूल्स पैकेजेस और बहुत डाटा मिल सकता है हमारे लिए काफी काम की जगह भी है ये अब यहां पे ये रही टी बम की सारी फाइल्स बट हमें नहीं पता यह क्या है और कैसे यूज़ होगा तो अगर आप इसे स्क्रोल डाउन करेंगे तो इसकी वो भी बता रहा है आईएसएस में करना चाहते हैं वो भी और डेयन बेज तो हमारे टर्मिनल के पास अगर पहले से ही रूट परमिशन है तो सुडो कमांड की वहां पे जरूरत नहीं है तो मैंने पहला कमांड रन करा एट इंस्टॉल गिट अभी मेरे पास टूल इंस्टॉल नहीं था या अपडेटेड नहीं था या कुछ पैकेज मिसिंग थे तो मुझे बोल रहा है क्या आप वो टूल्स और पैकेजेस भी इंस्टॉल करना चाहोगे हमने यस लिख दिया अब ये गिट गिट से रिलेटेड जो भी टूल्स है मेरे पास इंस्टॉल कर देगा जिसकी मदद से मैं गिट के टूल्स को इंस्टॉल कर सकता हूं और अच्छे से यूज़ ले सकता हूं अगर इसके बाद हम नेक्स्ट कमांड देखें यानी सेकंड कमांड देखें तो यहां पे गिट क्लोन का कमांड दिया है अगर ये नहीं भी दिया हो तो गट क्लोन का मतलब मैं बता देता हूं इसकी मदद से आप कोई भी दिए हुए यूआरएल को जो गिट अप का यूआरएल होगा उस फाइल को क्लोन कर सकते हो यानी डाउनलोड कर सकते हो लेकिन अगर ये यूआरएल यहां पे गलत लगे आपको तो कोई दिक्कत नहीं है अगर आप स्क्रोल अप करेंगे तो कोड नाम का यहां एक बटन है ग्रीन कलर का जब आप इस पर क्लिक करते हैं तो यहां हमें वो यूआरएल मिल जाता है मैंने यूआरएल कॉपी करा अपने टर्मिनल प गया जैसा मुझे सजेस्ट करा गया था मैं वही एक्टिविटीज कर रहा हूं मैं यहां पे कमांड लिखूंगा गिट स्पेस क्लोन एंड देन हमारा जो यूआरएल था वो पेस्ट कर दूंगा एंटर प्रेस करूंगा तो ये टू डाउनलोड होना स्टार्ट हो जाएगा अभी मुझे एक एरर दिखा रहा है वो एरर कह रहा है कि सर आपने जो फाइल डाउनलोड करने का कहा है वो आपके पास ऑलरेडी एजिस्ट है यानी पहले से पड़ी है तो हमने कहा देख लेते हैं एलस लिखा यहां पे आप देख सकते हो टी बम नाम का फोल्डर पहले से पड़ा है तो अगर हम इसे डिलीट कर दें आए h r के जरिए और फिर से लास्ट कमांड जो हमने लिखा था वो रन करें तो आप देख सकते हैं अब यहां पे टी बम नाम का जो फोल्डर है जो फाइल है वो मेरे पास डाउनलोड हो रही है इंस्टॉलेशन प्रोसेस क्या है अगर आपको नहीं भी पता या मान के चल रहे मैं नहीं पता तो यहां पर हम स्टेप्स को देख सकते हैं कि इसके बाद जो स्टेप था वो हमें क्या गाइड कर रहा था वो कह रहा था फोल्डर के अंदर जाओ सीडी कमांड के जरिए और बस्ट t b.s. एए लिखकर इस फाइल को रन कर सकते हैं हमने कहा ठीक है हम फिर से गए हमारे टर्मिनल में हमने लिखा सीडी टी बम एंड एलएस लिखा यहां पे हमारे पास t बम एए नाम की फाइल पड़ी है हम लिखेंगे tbs2 करेंगे तो आप देख सकते हैं हमारा टूल स्टार्ट हो चुका [संगीत] है हम देखने वाले हैं कि हमारे एटी के जरिए जब भी हम सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करते हैं तो अक्सर एरर आ सकते हैं बहुत कॉमन चीज है लेकिन मैं आपको बताने वाला हूं कुछ टॉप ऐसे फाइव कमांड जिसके जरिए हमारे आधे से ज्यादा एपीडी के एरर्स रिजॉल्व हो जाएंगे या आप कह सकते हैं 95 पर एपीडी के जो एरर्स आते हैं या सॉफ्टवेयर जब आप इंस्टॉल करते हैं तब जो एरर्स आते हैं वो रिजॉल्व हो जाएंगे और वो एक्सेप्शन हमें कभी भी फेस करने को मिल सकते हैं बट आई होप धीरे-धीरे आप लोग उनको भी क्लियर करना सीख लेंगे इन्हीं सेशंस के जरिए तो सवाल है ये कमांड्स है क्या और एपीटीएन र्म आते क्यों है है ना पहली चीज हमें यह चेक करनी होती है कि सर जब भी हम एटी के जरिए वर्क कर रहे हैं आप लोगों ने मेरे पुराने कॉन्फिन वाले वीडियो देखा होगा जहां पे हम ये ध्यान रखते हैं कि सोर्सेस ड लिस्ट में यानी अगर मैं यहां पे लिखूं जी एडिट स् टीसी स् एटी स् सड l और एंटर प्रेस करो तो मेरे सामने एक फाइल ओपन होती है हमें यह ध्यान रखना है सबसे पहली चीज कि इस फाइल में जो लाइन नंबर फाइव है उसके आगे हैश ना हो ना स्पेस हो ना हैश हो ठीक है ये मेरी लास्ट वीडियो में भी हमने कॉन्फिन करी थी हमें पहला तो इसे क्रॉस चेक कर लेना है दूसरा हमें ये देखना है कि इंटरनेट सर्विस वर्क कर रही है तो हमने उसके लिए p google.com लिख के देख लिया कि हां स इंटरनेट सर्विस वर्क कर रही है हमारे पैकेज जो है वो यहां पे सक्सेसफुली ट्रांसफर हो रहे हैं और रिप्लाई भी आ रहे हैं तो इंटरनेट सर्विस भी वर्क कर रही है सोर्सेस डट लिस्ट भी सही है अब इसके बाद जो एपीटीएन को रिजॉल्व करने के लिए पहली कोशिश क्या रहती है सर जैसा हमने देखा था एक बार एटी अपडेट कमांड रन कर लेना चाहिए यह मेरे फाइव कमांड्स में नहीं फिलहाल आ रहा है ये एक बेसिक प्रोसेस है जो हम पहले चेक कर लेते हैं यह सब करने के बाद भी अगर सर हमारे पास एरर आ रहा है तो अब हम अप्लाई करेंगे सबसे पहला कमांड एरर रिजॉल्व करने के लिए जो कि है एपीडी इंस्टॉल हान आईन फिक्स हान ब्रोकन इस कमांड के जरिए स्टूडेंट्स अगर आपके पास कोई भी ब्रोकन पैकेज है कोई भी चीज सही से वर्क नहीं कर रही है तो ये उसे मैनेज कर लेगा उसे सही कर देगा तो कुछ एटी के एरर जिसे रिजॉल्व हो जाते हैं जिसका मतलब है कि आपको कोई सॉफ्टवेयर अधूरा इंस्टॉल हुआ अधूरा डाउनलोड हुआ जिसकी वजह से व सही से वर्क नहीं कर रहा और आपके एटी में एरर्स आ रहे हैं तो उसको रिजॉल्व करने के लिए यह कमांड हमारी मदद कर देता है हमने इस कमांड को रन कर दिया इस कमांड को रन करने के बाद मैं फिर से किसी सॉफ्टवेर को इंस्टॉल करने की कोशिश करूंगा और अगर अभी भी एरर आ रहा है तो हमें जरूरत है हमारे सेकंड कमांड सेकंड कमांड है एपीडी इंस्टॉल हान ईन फिक्स हान मिसिंग कोई भी से मिसिंग पैकेज है तो उसे इंस्टॉल करके भी चीजों को रिजॉल्व करा जा सकता है तो हम इस कमांड को को वहां पे यूज लेते हैं पहला था एपीडी इंस्टॉल आई आफ फिक्स आफ ब्रोकन देन i आ फिक्स आई मिसिंग हमारा सेकंड कमांड था सर लेकिन अगर इन दोनों कमांड्स को रन करने के बाद भी एरर रिजॉल्व नहीं हुआ तब क्या करें तो ऐसा हो सकता है कि हमारे एटी में जो बेसिक कैशे फाइल्स होती है जो हैश से रिलेटेड डाटा रिकॉर्ड करती है शायद उसकी वजह से एरर आ रहा हो है ना तो उन कैश डाटा को क्लियर करने के लिए हम कमांड लिखते हैं एटी क्लीन बस यहां पर हम एक बात का ध्यान रखना है कि जब आप इस कमांड को रन कर रहे हैं तो उसके बाद आपको ए अपडेट कमांड एक बार जरूर रन करना है और यह करने के बाद यानी थर्ड कमांड को फॉलो करने के बाद भी अगर हमारा एरर रिजॉल्व नहीं हुआ नॉर्मली हो जाता है बट फिर भी हम मान के चल रहे हैं कि सर वर्स कंडीशन है अभी भी एरर रिजॉल्व नहीं हुआ तो अब हम अप्लाई करते हैं एक बहुत ही अच्छा कमांड जो ज्यादातर एटी के एरर रिजॉल्व कर देता है ये कमांड है आरएम हान आरएफ स्वी स् एल आईबी स् एटी एंड देन एल आई एटीएस और उसके बाद एक एस्टिक इसका मतलब क्या है मैं आपको क्लियर कर देता हूं यहां पे तो आरएम के जरिए यहां पर हम क्या कर रहे हैं मैनुअली जो शशश का डाटा स्टोर होता है जो कैशे डाटा होता है उसे मैनुअली पूरा डिलीट कर रहे हैं ताकि एपीटीजी से ज्यादा प्रॉब्लम ऐसे ही रिजॉल्व हो जाएगी नॉर्मली हमारे सिस्टम में भी इशू आता है एड में इशू आता है तो हम क्या करते हैं बहुत ज्यादा इशू आ होता है तो एक बार फॉर्मेट कर देते हैं सारा डाटा क्लीन कर देते हैं ताकि वो अच्छे से काम करे यहां पर भी हम कुछ ऐसा कर रहे लेकिन इससे हमारा कोई डाटा डिलीट नहीं होगा ठीक है हमने पे कमांड लिखा आरम जिसका मतलब है फाइल को रिमूव करा जाए आरएफ का मतलब है रिकसिवली एंड फोर्सफुली ताकि हमें कोई भी ना रोके ठीक है और यह काम हम रूट परमिशन में कर रहे यह याद रखिएगा फिर हमने लोकेशन दी एपीटीएन की जहां पे सारे के सारे कैश या हैश से रिलेटेड डाटा होता है एट्रिक का मतलब है सब कुछ यानी एल आई एसटीएस फोल्डर में जो भी डाटा है सब डिलीट कर दिया जाए हमने एंटर प्रेस करा हमसे पूछ रहा है क्या आप रियल्टी में डाटा डिलीट करना चाहते हैं वाय लिखेंगे और डाटा डिलीट हो जाएगा ठीक है इसकी भी एक रिक्वायरमेंट है कि इसको रन करने के बाद आपको एक बार एटी अपडेट कमांड रन करना होता है जिसमें आप देखोगे वोह सारी यूआरएल को फिर से रीड करेगा यानी एटी को सही में वापस से अपडेट करेगा क्योंकि इसके लिए ये बिल्कुल फ्रेश पीटीएम और ऐसा करने पर सर हमारे 90 एरर रिजॉल्व हो जाते हैं अब वो 5 पर एरर्स क्या जैसा मैंने कहा था 95 एरर रिजॉल्व होने के चांसेस है इन कमांड्स के जरिए तो जो लास्ट कमांड है हमारा अगर इन सब से वर्क नहीं हो रहा है तो लास्ट कमांड हमारे वर्क आ जाता है क्या है वो डिस्प्ले को क्लियर करते हुए यहां पर कमान लिखते हैं वो है डीपी केजी हाइन ए हाइन आन कॉन्फिडो जब हम इस कमांड को रन करेंगे तो हमारा डीपीकेजी क्या करेगा सारी चीजों को सारे टूल्स को जो मिस कॉन्फिडो चुके जा इश्यूज आ रहे उनको कॉन्फिडो इसकी मदद से हमारा लास्ट 5 पर एरर भी रिजॉल्व हो जाएगा लद मेरे पास अभी कोई एरर था नहीं तो इसने रिजॉल्व भी नहीं करा लेकिन अगर इसको रन करते हो या इन पांचों कमास को एक बार आप प्रैक्टिस करोगे तो आपके एटी के ये सारे एरर्स तो रिजॉल्व हो जाएंगे हम देखने वाले हैं कि कोई भी मशीन या कोई भी सर्वर चाहे वह विज या माइक्रोटर्बाइन होस्टिंग होती कैसे है बेसिकली कौन से टूल्स काम आते हैं वह क्या काम करते हैं तो इसका एक बेसिक अगर हम कंपैरिजन देखें तो हमारे पास एक तरफ तो है हमारा विज जो कि माइक्रोसॉफ्ट का ऑपरेटिंग सिस्टम है और दूसरी तरफ है हमारा अपनी कुछ सर्विसेस का यूज लेते हैं या फिर अपने कुछ सॉफ्टवेयर्स का यूज लेते हैं ताकि यह लोगों तक अपनी सर्विसेस पहुंचा सके जिसका मतलब है वेबसाइट होस्टिंग कर सके लोग इनसे बात कर सके उसके लिए ये क्या करते हैं अपने कुछ टूल्स का यूज लेते हैं जिसे हम सर्विस प्रोवाइडर्स भी कहते हैं तो नॉर्मली अगर हम बात करें माइक्रोसॉफ्ट की तो सर माइक्रोसॉफ्ट यूज लेता है आईआईएस को इंटरनेट इंफॉर्मेशन सर्विस को इससे क्या होता है स इसकी मदद से यह अपने एक सिस्टम को सर्वर में कन्वर्ट कर पाता है यानी सिस्टम की पोर्ट्स ओपन कर पाता है वहां पे डिफरेंट डिफरेंट तरीके के फंक्शंस प्रोवाइड कर पाता है जैसे वेबसाइट एक्सेस करने की पावर फाइल शेयरिंग की पावर यह सारी चीजें हमारा है वो असल में क्या है और कैसे काम कर रहा है इसको और डिटेल में मैं आप सभी को समझा देता हूं अची 2 क्या होता है सर यह एक ऐसा टूल है जो आपकी मदद करेगा आपके सिस्टम में एचटीटीपी सर्विस को ओपन करने के लिए अब एचटीटीपी का फुल फॉर्म है हाइपर टैक्स ट्रांसफर प्रोटोकॉल और आई थिंक हम सब जानते हैं कि यह बाय डिफॉल्ट कौन से रास्ते पे अपने डाटा को शेयर करता है पोर्ट नंबर 80 पे यानी अचे को जब हम यूज़ लेते हैं या स्टार्ट करते हैं वो क्या करता है सर वो एटीटीपी सर्विस को स्टार्ट कर देता है वेबसाइट शेयर करने के लिए जिसका मतलब है एक सिस्टम की पोर्ट 0 जो है वो ओपन हो जाती यानी सर हमने अचे 2 को अगर इस सिस्टम में स्टार्ट करा तो वो इस सिस्टम का एक रास्ता ओपन कर देगा पोर्ट नंबर 80 जहां पे एचटीटीपी सर्विस वर्क कर रही है और उसकी मदद से यह अपनी वेबसाइट को होस्ट कर पाएगा अपनी वेबसाइट को शेयर कर पाएगा लेकिन सर वेबसाइट कौन सी जगह से शेयर करेगा उसकी कोई डायरेक्टरी होनी चाहिए कोई फोल्डर होना चाहिए तो यह सारा डाटा जो यह शेयर करेगा यह शेयर करता है अपने डायरेक्ट्रीएंट्री डटा पड़ा होगा अचे उस डाटा को एटीटीपी सर्विस की मदद से पोर्ट 80 पे शेयर कर देता है अब उस डायरेक्टरी की लोकेशन क्या है तो डायरेक्टरी के लोकेशन है v आर डड एटीएमएल एटीएमएल फोल्डर के अंदर जो भी डाटा पड़ा है एस्टिक का मतलब है सब कुछ व सारा डाटा अचे टू शेयर कर देता है पोर्ट 0 पे अब यह बात कितनी सही है और कैसे वर्क कर रही है इसको एक बार हम प्रैक्टिकल करके देख लेते हैं तो अब हम चलते हैं हमारे काली सिस्टम पे और यहां पे सबसे पहले हम देखना चाहेंगे कि क्या अभी करंट सिनेरियो में मेरे सिस्टम की पोर्ट 0 पे कोई भी चीज चल रही है या नहीं पर वह कैसे देखेंगे सर बिना आईपी के तो आप बात नहीं कर सकते अपने सिस्टम से भी तो हमारे सिस्टम के पास फिलहाल क्या-क्या आईपी डिटेल्स हैं यह देखने के लिए या मेरे सिस्टम के पास करेंटली क्या-क्या आईपी एड्रेसस हैं यह चेक करने के लिए मैं कमांड रन करूंगा आईएफ कॉन्ग इफ कॉफिंग या आईएफ कॉन्फिन है यह मेरे सिस्टम की नेटवर्किंग डिटेल्स और उनसे जुड़े हुए हार्डवेयर्स की कुछ डिटेल्स दिखा देता है एग्जांपल के तौर पे आप देख सकते हैं मैं इसे थोड़ा जूम आउट करके फिर से रन करता हूं ताकि आपको अच्छे से क्लियर विजिबल हो तो यहां पर आप देख सकते हैं सबसे पहला जो डिवाइस का नाम मुझे लिखा हुआ दिखा रहा है वो है टीए 0 जिसका मतलब है इथरनेट जो हमारा वीएम वेयर अपने नेट एन जो हमने नेटवर्क एडेप्टर सेलेक्ट करा था उसके अंदर प्रोवाइड करता है जिसमें वो हमें दिखाता है कि आप केबल से नेट चला रहे हो फिर चाहे आप वाईफाई से क्यों ना जुड़े हुए हो हमारा वीएम वेर ऐसा ही दिखाता है एक पर्सनल नेटवर्क बनाने के लिए कि आप केबल से जुड़े हुए हो ये एक वर्चुअल नेटवर्क है खास बात यह है कि यहां पर हमें हमारी प्राइवेट आईपी शो कर रहा है यानी हमारे वीएम वेर ने हमें जो आईपी एड्रेस अलॉट करा है वह है 192168 26.11 ये क्या है सर ये मेरे सिस्टम का प्राइवेट आईपी एड्रेस है जो लोकल एरिया नेटवर्क में बात करने में मेरी हेल्प करेगा उसके अलावा स्क्रोल डाउन करूं तो यहां पे आपको एल ओ लिखा हुआ है जिसका मतलब है लोकल होस्ट और आई होप आप सभी को पता होगा लोकल होस्ट क्या होगा सर एक ऐसा एड्रेस जो हर सिस्टम के पास होता है जो उसके मन की तरह होता है जिसके मतलब वो खुद से कम्युनिकेशन कर रहा है तो यहां उसका आईपी एड्रेस भी दिखा रहा है जो किय 17.0.1 आप सभी से मेरा एक क्वेश्चन भी है कि इस 17.0.1 यह जो आईपी एड्रेस है इसका एक डोमेन नेम भी होता है वह क्या है वेरी गुड वह है लोकल होस्ट तो अगर मैं यहां पे अपने ब्राउजर पर जाऊं और देखना चाहूं कि मेरे इन आईपी एड्रेसस पर क्या कोई सर्विस चल रही है पोर्ट नंबर 80 प यानी अगर मैं लिखूं लोकल होस्ट कॉलन और पोर्ट नंबर 80 ऐसा लिखने प यह क्या करेगा यह देखेगा कि हमारे सिस्टम की क्योंकि लोकल होस्ट मेरा एड्रेस है पोर्ट 80 पे कुछ चल रहा है कि नहीं एंटर प्रेस करूंगा कुछ नहीं दिखा रहा कुछ नहीं चल रहा सर मैंने न्यू टैब ओपन करा यहां पे मैंने आईपी एड्रेस लिख के देखने की कोशिश करी 17.0.1 कॉलन 8 है ना क्योंकि अचे बाय डिफॉल्ट पोर्ट एटी प डाटा शेयर करता है मैं देख रहा हूं कि अभी कोई डाटा शेयर हो रहा है या नहीं एंटर प्रेस करा कुछ भी नहीं चल रहा हमने सोचा अपनी प्राइवेट आईपी लिख के देख लेते हैं तो ये रही मेरी प्राइवेट आईपी जिसको मैंने कॉपी कर लिया कंट्रोल शिफ्ट सी कमांड के जरिए और यहां पे पेस्ट कर दिया कंट्रोल v के जरिए कॉलन 0 लिखा और एंटर प्रेस करा सर तीनों ही हमारे जो एड्रेसस हैं उनमें कहीं पर भी पोर्ट ए प कोई भी सर्विस वर्क नहीं कर रही है कुछ भी नहीं चल रहा है तो हमने कहा अब क्या करें अब हम एक काम करते हैं हमारी जो अचे सर्विस थी जो कहती है कि मैं पोट टी को ओपन कर दूंगी उसको जाके चेक करते हैं तो उसके लिए हम कमान लिखेंगे सर्विस अचे टू स्टार्ट ऐसा लिखने पे अचे सॉफ्टवेयर स्टार्ट हो जाएगा जो एसटीटी सर्विस को चालू करेगा पोर्ट 80 को ओपन करेगा और जो एटीएमएल फोल्डर के अंदर पड़ा हुआ डाटा है उसको शेयर कर देगा अब ये बात कैसे चेक करें तो हमने कहा फिर से हमारे ब्राउजर पे चलते हैं और वापस से सारे एड्रेसस लिख के देखते हैं तो हमने यहां पे लिखा लोकल होस्ट कॉलन ए एक बार आप फिर से एड्रेस पूरा लिखिए ताकि वो एचटीटीपी में ही वेबसाइट को कॉल करें मैंने एंटर प्रेस करा तो आप देख सकते हो अब यहां पे एक पेज आ रहा है एक ऐसा पेज जो मैंने बनाया है है ना या मैंने लिखा है थोड़ा बहुत आप लोगों के केसेस में पेज थोड़ा डिफरेंट दिखेगा आपको अपाचे लिखा हुआ दिखेगा क्योंकि बाय डिफॉल्ट जो पेज होता है वो अलग होता है मैंने थोड़े मॉडिफिकेशन कर रखे हैं बस इतना सा फर्क है नेक्स्ट पेज पे आऊ तो यहां पे मैंने आईपी एड्रेस लिख के भी बात करने की कोशिश करी 17.0.1 कॉलन 8 तो सर सेम पेज एक्सेस कर पा रहा हूं और सर अगर मैं अपना प्राइवेट आईपी से चीज ट्राई करूं यानी अगर हम अपने प्राइवेट आईपी को कॉपी कर ले फिर से कंट्रोल सी और इसको कंप्लीट रिमूव करके कंट्रोल v कॉलन 80 लिखें और एंटर प्रेस करें तो आप देख सकते हो प्राइवेट आईपी से भी मैं इस वेबसाइट को एक्सेस कर पा रहा हूं खास बात यह है कि सर जितने भी लोग मेरे इस रेंज में है लोकल रिया नेटवर्क की रेंज में वो सब लोग इस वेबसाइट को फिलहाल एक्सेस कर सकते हैं अची को आईपी से कोई लेना देना नहीं है आईपी का रूल वैसा ही रहेगा अगर मेरे सिस्टम के पास प्राइवेट आईपी है तो केवल मेरी लोकल एरिया नेटवर्क के जो लोग होते हैं वो इस वेबसाइट को एक्सेस कर सकते हैं अगर इसके पास पब्लिक आईपी होता जो हमारे सर्वर्स के पास होता है तो वायड एरिया नेटवर्क के लोग इस वेबसाइट से बात कर पाए अची को कोई फर्क नहीं पड़ेगा उसने तो पोर्ट ए ओपन कर दी अब आपके पास जो आईपी एड्रेस है उस रेंज के लोग आपसे बात कर सकते हैं आई होप आपको अची का इतना तो क्लियर हो गया होगा अब हमें यह देखना है कि यह जो डाटा हम यहां पर देखने को मिल रहा है यह कहां से आया वह जो एचटीएमएल फोल्डर था वह सही में वहीं से आ रहा है या नहीं तो इसके लिए हम यहां पर कमान लिखेंगे सीडी और उस लोकेशन पर जाएंगे ी आर डडड एचटीएम एंटर प्रेस करा और लिखा तो आप देख सकते हो यहां पे index.htm नाम की एक फाइल रखी हुई है आप सबके केस में फाइल यहां पे होगी इसके अंदर कोडिंग अलग हो सकती है अलग डाटा लिखा हुआ हो सकता है क्योंकि मैंने ये ऑलरेडी मॉडिफाई कर रखा है तो मैं यहां पे लिखूंगा जी एडिट इक्सड पेज देखोगे तो यहां पर केवल ऑल हैग लिखा हुआ है और ऑल हैग गुड लिखा हुआ है लेकिन अगर मैं इस पेज को रीलोड करूं क्योंकि मैंने चेंजेज कर दिए उस फाइल में तो आप देख सकते हो यहां पर भी ऑल हैक्ड बैड लिखा हुआ आ रहा है यानी यह बात कंफर्म होती है कि अचे ने इस ही डाटा को शेयर करा था और केवल वेबसाइट की बात नहीं है आप अपनी फाइल्स और फोल्डर्स भी शेयर कर सकते हैं कैसे कर सकते हैं तो सर अगर मैं इस फोल्डर में जाता हूं यहां पर कंट्रोल सी करके बाहर आता हूं एलस लिखता हूं तो अगर यहां कोई फोल्डर पड़ा होता जैसे मैंने यहां पे लिखा एमकेडी आई आर टेस्ट है ना और उसके बाद मैं उस फोल्डर में गया सीडी टेस्ट और मैंने यहां पे एक और फोल्डर बना दिया एक फाइल रख दी एमकेडी आई आर राहुल लिख देते हैं और एंटर प्रेस करा तो इसका मतलब सर हमने एक टेस्ट नाम का फोल्डर बनाया जिसमें राहुल नाम का एक फोल्डर पड़ा हुआ है या कोई फाइल भी पड़ी होती है और आप इसे अगर शेयर करना चाहते हैं तो हम क्या करेंगे बस अपने ब्राउजर में जाएंगे इस एड्रेस के बाद हम लिख देंगे स्लश एंटर प्रेस करेंगे तो इसके अंदर रखा हुआ फोल्डर जो है वो हमें यहां पर देखने को मिल रहा [संगीत] है हम देखने वाले हैं लेयर्स ऑफ इंटरनेट बेसिकली एनोनिमस रहने के इस कांसेप्ट में हमें लेयर्स ऑफ इंटरनेट को समझना होगा बिकॉज वहां पे कुछ ऐसी लेयर्स है जैसे डार्क वेब के जरिए हम समझ सकते हैं कि खुद को एनोनिमस कैसे रखा जाए अच्छे लेवल प सो स्टूडेंट्स बिना देरी करते हुए स्टार्ट करते हैं सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि यूआरएल क्या होती है बिकॉज यह कनेक्टेड है हमारी लेयर्स ऑफ इंटरनेट से कैसे कनेक्टेड है आइए देखते हैं पहले देख लेते हैं यूआरएल होता क्या है यूआरएल का फुल फॉर्म स्टूडेंट्स यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर होता है जैसा कि इसका नाम है शायद सर हर एक चीज का हर एक रिसोर्स का हर एक एसेट का या फाइल का जो इंटरनेट प अपलोडेड है उसके एड्रेस को शायद यूआरएल कहा जाता है ये क्या है वेब रिसोर्सेस की यूनिक आइडेंटिफिकेशन सबसे पहले प्रोटोकॉल्स आए जाते हैं जैसे एटीटीपी https.com अक्सर यहां पे पोर्ट भी देखी जा सकती है नॉर्मली दिखती नहीं है बट अदर वाइज 443 या 80 पोर्ट पे ये बातचीत करते हैं उसके अलावा सर हमारे पास किसी फोल्डर का नाम आ सकता है एग्जांपल के तौर पे मान लेते हैं इमेजेस नाम का फोल्डर हो एंड देन फाइल आ सकता है जैसे इमेजेस नाम के फोल्डर में लोगो पीएनजी नाम की कोई फाइल पड़ी है कभी कभार सर यहां पे पैरामीटर्स भी देखने को मिल सकते हैं जैसे आईडी = 1 आईडी इ 2 तो यह एक यूआरएल का फॉर्मेट है और अगर आप यहां पे देखें तो एग्जांपल के तौर पे यूआरएल लिखी भी गई है जो कि है एटीटीपी कॉल ws.com ए स् जो फोल्डर का नाम है login1 नाम का ये पैरामीटर है और उसके अंदर वैल्यू जो है वो 129 है तो कुछ ऐसा दिखता है हमारा यूआरएल और हमने देखे ऐसे बहुत सारे यूआरएल यानी आज के टाइम पे सर हम जो भी वेबसाइट एक्सेस करते हैं वहां यूआरएल तो होते ही हैं बिना यूआरएल के तो हम वेबसाइट एक्सेस नहीं कर सकते एक और चीज कि सर यूआरएल को यू आर आई भी कहा जाता है उससे सिमिलर ही है इसका फुल फॉर्म है यूनिफॉर्म रिसोर्स आइडेंटिफिकेशन ये है जिस तरीके से हमने आईपी को पढ़ा था आईपी के कुछ रूल्स थे पोच को पढ़ा था उनके कुछ रूल्स थे प्रोटोकॉल्स खुद रूल्स थे वैसे ही यहां पे हमारा जो इंटरनेट है उसका भी खुद का एक रूल है जो बहुत इंपॉर्टेंट रूल है इंटरनेट का कहना यह है कि सर आपको मेरा अगर कोई भी डाटा एक्सेस करना है कोई वेबसाइट एक्सेस करनी है वेबसाइट की कोई फाइल एक्सेस करनी है कोई वीडियो एक्सेस करनी है कुछ भी एक्सेस करना है इंटरनेट का कहना है कि बिना उसके कंप्लीट एड्रेस के यानी बिना उस फाइल के एड्रेस के आप उस कंटेंट को एक्सेस नहीं कर सकते हैं अब सर फाइल का एड्रेस क्या होगा तो फाइल का एड्रेस होता है यूआरएल इसका मतलब हमारा इंटरनेट हमें बता है कि सर आप किसी भी चीज को अगर एक्सेस करना चाहते हैं इंटरनेट की किसी भी फाइल को एक्सेस करना चाहते हैं तो बिना यूआरएल के नहीं कर सकते यानी आपको कोई भी पेज एक्सेस करने के लिए यूआरएल पता होना चाहिए अब सवाल यह है कि सर हम ह्यूमंस को तो आईपी एड्रेस भी याद नहीं हो रहे थे तभी उनका डोमेन नेम रखा गया है ना तो यूआरएल कैसे याद रख सकता है क्या आपके लिए पॉसिबल है इस यूआरएल को याद रखना या ऐसे जितने भी वेबसाइट आप एक्सेस करते हो उनके पूरे यूआरएल को याद रखना क्या ये पॉसिबल है सर ये तो पॉसिबल नहीं है हम इंटरनेट प कितनी फाइल्स ढूंढते हैं कितनी फाइल्स एक्सेस करते हैं हमें तो उनका यूआरएल याद नहीं है और अगर यूआरएल याद नहीं है तो आज तक हम इंटरनेट का डाटा एक्सेस कैसे कर पा रहे हैं तो वहां पे हमारी मदद कर रहे हैं हमारे सर्च इंजंस जैसे सर जैसे google2 जड यानी डग डग और उसके अलावा और भी कुछ सर्च इंजन है ये सब क्या है सर्च इंजंस है तो हम इनके सर्च टैब में जाते हैं और कोई ना कोई कीवर्ड लिखते हैं और उस कीवर्ड से रिलेटेड सारे यूआरएल हमें आज के टाइम पे हमारे सर्च इंजन लाके देते हैं बिकॉज अगर हमारे पास यूआरएल नहीं होता तो हम उस रिसोर्स को हम उस कंटेंट को कभी एक्सेस कर ही नहीं पाते एक एग्जांपल यहां पे देख लेते हैं इसी से रिलेटेड कि हम चलते हैं हमारे ब्राउजर में सो यहां पे स्टूडेंट्स हमारे ब्राउजर पे चलते ही हमने लिखा मान लेते हैं डब्ल्यू एस क्यूब हैकिंग अब अगर आप सबसे मैं पूछूं कि आप सभी को डब्ल्यू क्यूब टेक के हैकिंग पेज का एड्रेस पता है याद है नहीं याद होगा लेकिन अगर मैं लए क्यूब हैकिंग लिख के एंटर प्रेस करता हूं तो यहां पे आप देख सकते हो हमारे पास डब्ल्यू क्यूब टेक के एथिकल हैकिंग पेज का यूआरएल आ चुका है अगर आप इस पर क्लिक करेंगे आपने बस एक की व सर्च करा अगर आप इस पर क्लिक करेंगे तो आप देख सकते हैं यह रहा इस पेज का कंप्लीट एड्रेस जो सर अगर आपके पास नहीं होता तो आप कभी भी इस पेज को एक्सेस नहीं कर पाते इसका मतलब अगर मैं यहां से कुछ भी चेंजेज करूं अगर मैं यहां पे थोड़े माइनर चेंजेज भी करूं तो आप देखोगे ऐसा कोई पेज हमें नहीं दिखाएगा बिकॉज़ हमारा यूआरएल गलत हो चुका है और जब तक सही एड्रेस नहीं डालेंगे सर पेज एक्सेस नहीं होगा ये इंटरनेट का रूल है ये चेंज नहीं होगा तो आज तक हम पेज कैसे एक्सेस कर पा रहे हैं सर्च इंजन की मदद से एक्सेस कर पा रहे हैं तो आई होप आप सभी को अब ये क्लियर हो गया होगा कि इंटरनेट का रूल क्या है यूआरएल में कितना इंपोर्टेंट रोल प्ले कर रहा है और हमारे सर्च इंजंस कितना ज्यादा इंपॉर्टेंट रोल प्ले कर रहे हैं अब बात करते हैं लेयर्स ऑफ इंटरनेट की स्टूडेंट्स एक बात हमने जरूर सुनी होगी कि आज के टाइम पे हम हमारे इंटरनेट का केवल और केवल 5 पर डाटा एक्सेस कर पा रहे हैं हमारे इंटरनेट पे इतना सारा डाटा पड़ा है जिसमें से हम केवल 5 पर डाटा एक्सेस कर पा रहे हैं क्या यह बात सच है कि नहीं और अगर है तो इसका मतलब क्या है यह अब हम समझेंगे सो असल में हमारी जो सबसे पहले लेयर है ना सरफेस वेब वो यह 5 पर डाटा के के बारे में डिस्कशन कर रही है वो हमें इस 5 पर डाटा के बारे में बता रही है जो आज हम एक्सेस कर पा रहे हैं इंटरनेट प उसके अलावा सर 95 पर डाटा ऐसा है जो आप एक्सेस नहीं कर पा रहे तो पहले फोकस इस 5 पर पर करते हैं कि ये 5 पर क्या है और हम क्यों इतना ही एक्सेस कर पा रहे हैं तो असल में इस 5 पर को हम कहते हैं सरफेस वेब और सरफेस वेब की डेफिनेशन हमें क्या समझाती है सरफेस वेब का मतलब क्या है तो सर ये इंटरनेट की कैटेगरी है कोई हिस्सा नहीं है कोई टुकड़ा नहीं है है ना या कोई जगह नहीं है यह एक कैटेगरी है जो हमें यह बताती है कि इंटरनेट के वो सारे एड्रेसस वो सारे यूआरएल वो सारे पेजेस जो आपका सर्च इंजन आपका सर्च इंजन जैसे googlegroups.com है जब आप कोई कीवर्ड सर्च करते हैं तब वो एड्रेस दिखा सकता है वो डाटा सरफेस वेब के कैटेगरी में काउंट होता है वो डाटा 5 पर डाटा है केवल एग्जांपल के तौर पे हमारे सोशल अकाउंट्स है मान लेते हैं हमारे instagram2 हो गई कांटेक्ट डिटेल्स हो गई ईमेल एड्रेस हो गया ये सारी चीजें केवल आपको विजिबल है लोगों को विजिबल नहीं है अब क्या ये पॉसिबल है कि अगर मैं इंटरनेट प जाके सर्च इंजन पे जाके सर्च करूं एग्जांपल के तौर पे अपनी प्रोफाइल देखना चाहू और मैं सर्च करूं कि भाई आशीष कुमार का जो और ऐसे ही बहुत सरा डाटा है अगर आप कोई कोर्स परचेस करते हैं अगर आपने डबल कपट से कोई कोर्स परचेस करा है तो क्या कोई ऐसा यूजर जिसने कोर्स परचेस नहीं करा यह ब्राउजर पर सर्च करके इस कोर्स को एक्सेस कर सकता है या आपकी प्रोफाइल को एक्सेस कर सकता है नहीं कर सकता तो ऐसा इतना सारा डाटा है जो हमारा सर्च इंजन अपने आउटपुट में नहीं दिखा सकता अपने इस इंडेक्स में नहीं शो कर सकता उस पूरे डाटा को यह 95 पर में काउंट करा जाता है और जितना डाटा वो सर्च इंजन दिखा सकता है अपने आउटपुट में चाहे वो कोई भी सर्च इंजन जितना भी डाटा वो अपने इंडेक्सिंग में दिखा सकता है उसको हम 5 पर डाटा कहते हैं या सरफेस पैप कहते हैं आई होप सभी को क्लियर हो गया होगा कि सरफेस पैप क्या है स इंटरनेट का वो हिस्सा जो हमारा सर्च इंजन हमें अपने आउटपुट में दिखा सकता है यानी जिसका यूआरएल हमें हमारा सर्च इंजन लाके दे सकता है अब बात आती है इस 95 पर डाटा की ये क्या है तो ये 95 पर डाटा है हमारा डीप वेब डीप वेब इंटरनेट का वो हिस्सा है हिस्सा भी नहीं कहेंगे यह वो कैटेगरी है जिसके अंदर पूरा का पूरा पूरा वो डाटा जो बिना यूआरएल के एक्सेस नहीं करा जा सकता और जो सर्च इंजन अपना आउटपुट में नहीं दिखा सकता वह सारा डाटा डीप एप की कैटेगरी में काउंट होता है इसका मतलब सर आपका जो है वो डीप वब माना जाएगा जो सर्च इंजन अपने आउटपुट में नहीं दिखा रहा है आई होप आप सभी को क्लियर हो गया होगा अब सवाल ये है कि सर जो डार्क वेब है यह क्या है तो इसी डीप वेब में एक छोटा सा पार्ट और है जहां पे हम पार्ट तो नहीं कहेंगे कैटेगरी और है कि सर इस डीप पैब में 95 में बहुत सारी यूआरएल है जो अलग-अलग रीजन से सर्च इंजन नहीं शो कर रहा है उन यूआरएल में से कुछ ऐसी वेबसाइट है कुछ ऐसी जगह है जहां पे इल्लीगल एक्टिविटीज हो रही है तो वह सारी वेबसाइट जहां पर इलीगल एक्टिविटीज परफॉर्म करी जा रही है वह सारी वेबसाइट काउंट होती है डार्क वेब की कैटेगरी में इसका मतलब कि 95 पर डाटा में से जितना भी डाटा इलीगल एक्टिविटीज कर रहा है जितनी भी वेबसाइट इलीगल एक्टिविटीज कर रही है वह सारी की सारी वेबसाइट डार्क वेब की कैटेगरी में ऑटोमेटिक काउंट हो जाती है आई होप आप सभी को क्लियर हो गया होगा लेकिन यहां पर एक लेयर और बची हुई है और इस लेयर का नाम है हिडन वेब आप स सल ये है कि हिडन वेब क्या है तो सर हमारे इस 95 पर इंटरनेट में हमें पता है जहां इल्लीगल वेबसाइट वर्क कर रही है जो इल्लीगल एक्टिविटीज हो रही है वो डार्क वेब की कैटेगरी में काउंट होगा लेकिन इसके अलावा वो सारा डाटा जो अभी तक डिस्कवर ही नहीं करा गया है जो अभी तक लोगों को मिला ही नहीं है जिसके यूआरएल जिसके एड्रेस लोगों तक बिल्कुल नहीं पहुंचे हैं वो पूरा का पूरा इंटरनेट कहलाता है हिडन वेब या व पूरा का पूरा डाटा कहलाता है हिडन वेब की कैटेगरी में उसको काउंट करा जाता है हम ये कह सकते हैं और इसी पार्ट को समझने के लिए एग्जांपल लेते हैं सो स्टूडेंट यहां पर हुआ यह कि मैंने एक वेबसाइट बनाई ठीक है मैंने ध्यान रखा कि वेबसाइट गलती से भी सर्च इंजन पर इंडेक्स ना हो इस वेबसाइट का जो एक्सेस है वह मेरे पास है मेरे एक फ्रेंड के पास है ठीक है और एक और फ्रेंड के पास यानी हमारे दो हम तीनों के पास इस वेबसाइट का एक्सेस है हम तीनों ही इस वेबसाइट को एक्सेस करते हैं हमारे अलावा कोई नहीं कर सकता किसी को इसका एड्रेस नहीं पता अब मेरा सवाल आप सभी से यह है कि यह किस कैटेगरी में काउंट होगी देखो स्टूडेंट्स ये काउंट होगी हिडन वेब में क्यों क्योंकि सर अभी तक लोगों को नहीं मिली है ऐसा तो है नहीं किसी ने बनाई नहीं है बनाई है और जिसने बनाई है उसके पास उसका एड्रेस होगा लेकिन उस यूजर के अलावा बाकी किसी के पास उसका एड्रेस नहीं है या फिर तीन चार जनों के अलावा एक छोटे से ग्रुप के अलावा किसी के पास वो यूआरएल नहीं है इतने बड़े वर्ल्ड में तो उस केस में उसको हम हिडन वेब मानेंगे उस केस में हम इसको हिडन वेब की कैटेगरी में काउंट करेंगे अब सर हुआ यह कि इसने अपने एक फ्रेंड को बताया जि इसके भी खुद के तीन फ्रेंड्स थे और ऐसे ही करते करते बात शेयर होती गई और एक टाइम आया जब किसी वेबसाइट में या किसी ब्लॉग में एक यूजर ने इसका लिंक अपलोड कर दिया जो कि अभी सर्च इंजन पर इंडेक्स नहीं हुआ या फिर मान लेते चलो इंडेक्स हो गया है तो अब ये जो ब्लॉग हैय सर्च इंजन पर दिख रहा है और वहां पर हमारा यूआरएल भी है तो मुझे बताओ अब ये कौन सी कैटेगरी में काउंट होगी अब ये वेबसाइट जो है कौन सी कैटेगरी में गिनी जाएगी वेरी गुड अब ये सरफेस पप माना जाएगा क्यों क्योंकि सरय सर्च इजन प इंडेक्स हो अब पता पड़ा कि सर यहां पर तो इलीगल एक्टिविटीज हो रही थी तो क्योंकि यहां पर कोई क्राइम हो रहा था तो स ने क्या करा इसे ब्लॉक कर दिया इसे हटा दिया अपने इंडेक्सिंग से सर्च इंजन ने इस अपने इंडेक्सिंग से हटा दिया किसी भी रीजन से हटाया हो एग्जांपल ले रहे हम बस तो अब यह काउंट होगी हमारे डार्क वेब की कैटेगरी में क्योंकि सर यहां पर इलीगल एक्टिविटीज हो रही थी ये सर्च इंजन प इंडेक्स नहीं है तो इसको डार्क वेब की कैटेगरी में काउंट करा [संगीत] जाएगा इस वीडियो में हम देखने वाले हैं हाउ डार्क वेब मेक्स यू एनोनिमस बेसिकली डार्क वेब की मदद से एक जो यूजर है जो डार्क वेब पे ले जाके अपनी वेबसाइट होस्ट कर रहा है डार्क वेब उसे एनोनिमस कैसे बना पाता है वहां क्या-क्या टेक्नोलॉजी यूज हो रही होती है और और वो यूजर या वो एडमिन जिसने डार्क वेब प अपनी वेबसाइट होस्ट करी है उसको पकड़ना मुश्किल किन केसेस में हो पाता है या क्यों हो पाता है तो यह आज हम यहां पे देखेंगे सबसे पहला पार्ट हम सब डार्क वेब के बारे में थोड़ा बहुत अवेयर है कि सर इसे एक्सेस करने के लिए हमें चाहिए एक स्पेशल ब्राउजर तो आप लेयर्स ऑफ सिक्योरिटी देखिएगा यहां पे पहली सिक्योरिटी बता रही है कि आपके पास एक स्पेशल ब्राउजर होना चाहिए जैसे टॉ ब्राउजर उसी की मदद से आप डार्क वेब की किसी भी वेबसाइट को एक्सेस कर सकते हैं दूसरा पार्ट जो बहुत इंपॉर्टेंट है कि सर किसी भी वेबसाइट को एक्सेस करने के लिए हमें चाहिए यूआरएल यानी उसका डोमेन नेम अब खास बात यह है कि डार्क वेब की जो वेबसाइट है वह होस्ट करी जाती है टर के जरिए जिसकी वजह से उनका जो लिंक है उनका जो डोमेन नेम है वह कुछ ऐसा होता है जिसका एक्सटेंशन आप देख सकते हो डॉट ओनियन है और यह याद रखना किसी के लिए य भी पॉसिबल नहीं है खैर सर हम याद क्यों रखेंगे हम कॉपी पेस्ट कर लेंगे लेकिन कॉपी पेस्ट करने के बाद भी एक डिफिकल्टी और आ जाती है यानी थर्ड लेयल ऑफ सिक्योरिटी आ जाती है कि आपके पास जो डोमेन नेम दिया गया है वो डायनामिक है यानी एक एडमिन के पास जो डोमेन नेम है वो हर एक टाइम पीरियड के गैप से चेंज हो जाएगा या फिर जब एडमिन चाहता है तब चेंज हो जाएगा और ऐसा करने पर या ऐसा करने की वजह से अगर किसी सिक्योरिटी एक्सपर्ट के पास य एड्रेस चला भी गया है ना तो वो क्या होगा कुछ देर बाद चेंज हो जाएगा तो वो एक्सपर्ट उस वेबसाइट तक नहीं पहुंच पाएगा वो एड्रेस इनवैलिड हो जाएगा बिकॉज कुछ देर बाद एक नया एड्रेस बन चुका है तो ये यहां पे जो थर्ड लेयर ऑफ सिक्योरिटी और दे रहा है यानी आपको डायनेमिक डोमेन नेम्स दे रहा है जो कि कंटीन्यूअस चेंज होते जाते हैं तो ये उन यूजर्स को और ज्यादा सेव कर देता है हम साथ-साथ ये भी समझेंगे कि व किस केस में पकड़े जा सकते हैं और कैसे पकड़ना चाहिए है ना देन हम बात करते हैं फोर्थ लेयर ऑफ सिक्योरिटी की जो बहुत ही ज्यादा स्ट्रांग लेयर है वो ये है कि सर यहां पे लेयर्स ऑफ आईपी एड्रेसस प्रोवाइड कराई जाती है कि सर तीन लेयर ऑ आईपी एड्रेस यहां पर प्रोवाइड कराई जाती है और इनमें भी कुछ पॉइंटर है जो उसको बहुत ज्यादा सिक्योर बना देते हैं तो यहां पर तीन लेयर्स का मतलब क्या है किस तरीके से बक करता है कि मान लेते हैं यूजर ए को फ एक्सेस करना था लेकिन व अपनी आईपी से एक्सेस नहीं करना चाहता था वो उस वेबसाइट को एनोनिमस एक्सेस करना चाहता था और उसके लिए उसने ट सर्विस का यूज दिया तो उसने अपने सिस्टम में टर को स्टार्ट करा चाहे ट ब्राउजर हो या टर का कोई भी सॉफ्टवेयर हो जिसके बारे में आगे चलके देखेंगे जब उसने इसे स्टार्ट करा तो यह वर्क किस तरीके से करता है अब उसका जो पैकेट था जो पहले डायरेक्ट फ तक पहुंच रहा था जिसमें फ के पास उसका आईपी एड्रेस जा रहा था जो भी था एग्जांपल के तौर पर इसका आईपी मान लो 4.4.4 था तो फ को पता पड़ रहा था कि इस आईपी से मेरे पास पैकेट आया है लेकिन जब इसने टॉ को स्टार्ट करा तब क्या होगा इसके सिस्टम से सर पैकेज जाएगा सिस्टम नंबर ए पे या आप कह सकते हो बी पे क्योंकि ए तो हमने इसको अलट कर दिया था सिस्टम नंबर बी पे जाएगा सिस्टम नंबर बी उस पैकेट को भेजेगा सिस्टम नंबर सी प पे जो किसी अलग कंट्री में होगा सिस्टम नंबर बी भी किसी अलग कंट्री में किसी अलग जगह पे है है ना देन सिस्टम सी पे जाएगा सिस्टम सी क्या करेगा उसे सिस्टम डी पे भेजेगा अब सिस्टम डी जो कि एक अलग कंट्री में है वो उस पैकेट को करेगा तब जाके यूजर ए को तीन सिस्टम से होते हुए जा रहा है तो ओबवियसली वो टाइम लेगा और तीन सिस्टम से होते हुए उसका रिप्लाई आ रहा है तो वहां पे टाइम लगना लाजमी है टाइम लगेगा तो हमें उस चीज को समझना पड़ता हम इंटरनेट कनेक्शन कितना ही अच्छा हो ये चीज स्लो वर्क करेगी है ना लॉजिकली देखा जाए तो करनी भी चाहिए तीन सिस्टम से होता हुआ पैकेज जा रहा है और केवल य सिक्योरिटी इतनी ही नहीं है यानी इतना नहीं कि आपको तीन आईपी एड्रेस दे दिए अलग-अलग लेयर्स के वो भी कुछ टाइम बाद चेंज हो जाएंगे यह एक और पार्ट है कि सर यह आईपी एड्रेस भी डायनामिक है आपको ये जो लेयर ऑफ आईपी डस दिए जरूरी नहीं है कि यही आपके पास रहेंगे ये सर्किट कंटीन्यूअस चेंज होता रहेगा एंड एक सबसे अच्छी बात किसे चाहे कितनी बार भी आपका सर्किट चेंज हो जो आपको पहला सिस्टम अलॉट करा जाता है उस सिस्टम पे एक और सिक्योरिटी रहती है कि सर वहां पे एक गार्ड होता है आपको लिखा हुआ दिखेगा गार्ड जिसका मतलब है यहां पे एक्स्ट्रा फाइबर कॉन्फिन यानी एक्स्ट्रा सिक्योरिटी अप्लाई कर रखी है ताकि कोई भी जो मेन यूजर है वहां तक ना पहुंच पाए यानी इसको कंप्रोमाइज ना कर पाए इसमें से डाटा एक्स्टेक्स्ट ना कर पाए तो कुछ इस तरीके से टॉर मल्टीपल लेयर्स ऑफ आईपी एड्रेस के जरिए या आप कह सकते हो थ्री लेयर्स ऑफ़ आईपी एड्रेस के जरिए एक ऑयन की तरह एक प्याज की तरह कुछ वैसे ही लेयर्स हमें आईपी एड्रेस की देता है और सिक्योरिटी की देता है ताकि हम कंप्लीट एनोनिमस रह सके अब सर इस पूरी कंडीशन में ये जो डार्क वेब का एडमिन था जिसने अपनी वेबसाइट बनाई थी और उस वेबसाइट से रिलेटेड इसको डोमेन नेम मिला था ये यूजर पकड़े कैसे जाते हैं तो सर एक बार भी अगर किसी के हाथ में डोमेन लग जाए तो डोमेन के जरिए आईपी तो नहीं मिलेगी क्योंकि यही तीन लेयर्स ऑफ आईपी इन डोमस को भी दे रखी है तो डोमेन से हम सर्वर की आईपी नहीं निकाल सकते लेकिन डोमेन की मदद से सर हम वेबसाइट एक्सेस कर सकते हैं और वेबसाइट में हमें पता है अगर आप कोई भी फॉर्म फिल करते हो अपनी कोई भी डिटेल फिल करते हो तो चाहे वो 10 सिस्टम से होकर जाए या तीन सिस्टम से होकर जाए वो एंड में एडमिन के पास ही पहुंचेगी तभी एडमिन उन डाटा को स्टडी करेगा और देखेगा कि हां भाई इस यूजर ने मुझसे ये प्रोडक्ट खरीदा है या ये ये चीजें करी है इसका मतलब हमारा जो डाटा है उसकी जो एंड डेस्टिनेशन है वो ये एडमिन ही है तो हम इस डाटा में कई बार वेबसाइट में बक्स ढूंढ के स्क्रिप्ट्स मशियल कोड इंजेक्ट कर देते हैं जिसकी वजह से जब ये यहां पे जाते हैं और एडमिन से एक्सेस करता है तो उसकी सारी डिटेल हमारे पास आ जाती है एक सिक्योरिटी एक्सपर्ट के पास आ जाती [संगीत] है आज हम देखने वाले हैं बीइंग एनोनिमस के इस कंसेप्ट में कि अपना यूजर एजेंट चेंज करके हम खुद को कितना ज्यादा एनोनिमस रख सकते हैं कितना सेफ रख सकते हैं आई होप स्टूडेंट्स आप सभी को याद होगा जब हम एचटीटीपी रिक्वेस्ट और रिस्पांस को पढ़ रहे थे तो वहां पे हमारे पास एक रिक्वेस्ट हेडर था जिसका नाम यूजर एजेंट था जो सर हमारी काफी सारी इंफॉर्मेशन ले जाकर सर्वर को बता देता है जैसे कौन से ब्राउजर के जरिए वो पैकेट भेजा गया है ब्राउजर का वर्जन क्या था कौन से ऑपरेटिंग सिस्टम में ब्राउजर चल रहा था उस ऑपरेटिंग सिस्टम का वर्जन क्या था वो कितने बिट का था ऐसी काफी सारी डिटेल्स एक यूजर एजेंट हैडर हमारी हर रिक्वेस्ट के साथ हर सर्वर को ले जाकर बताता है और हम ओबवियसली नहीं चाहेंगे कहीं भी हमारी ऐसी कोई भी डिटेल जो है शेयर हो जहां पे हम एनोनिमस रहने से खुद को बचाए या फिर हमारी नॉर्मल डिटेल भी शेयर नहीं होनी चाहिए तो उसको सेफ रखने के लिए हम क्या कर सकते यानी आज हम देखने वाले हैं यूजर एजेंट को चेंज कैसे करा जाए तो बिफोर स्टार्टिंग पहले देख लेते हैं यूजर एजेंट असल में कितनी इंफॉर्मेशन लेके जा रहा है हमारी तो हम हमारे ब्राउजर को ओपन करेंगे एंड यहां पे हम लिखेंगे व्ट्स माय ब्राउजर जब हम ये लिखेंगे तो हमारे पास कुछ वेबसाइट आएगी जो हम हमारा ब्राउजर डिटेल देगी वो भी यूजर एजेंट हैडर को रीड करके ही हमें डिटेल देती है तो उससे हम आईडिया लग जाएगा हमारा यूजर एजेंट कितनी इंफॉर्मेशन लेके जा रहा है मैं यहां पे जिस वेबसाइट को ओपन कर रहा हूं वो है था एंड यहां पे हमारा एक टैब ओपन हो चुका है जो बता रहा है कि सर आपने जो रिक्वेस्ट सेंड करी है ये कितने बिट का ऑपरेटिंग सिस्टम है देन हमारे सॉफ्टवेयर जो कि google-chrome के केस में google2 कम का यहां पे बटन आएगा हम उस परे क्लिक कर देंगे जस्ट बिकॉज मेरे पास पहले से एक्सटेंशन पड़ा है इस वजह से यहां पे रिमूव फ्रॉम कोम का ऑप्शन आ रहा है अदर वाइज यहां पे ऐड टू अपने एक्सटेंशन को देख पाएंगे रैंडम यूजर एजेंट स्विचर यहां पर विजिबल है हम पहले इस पर जाते हैं और एक बार के लिए इसे बंद कर देते हैं पॉज कर देते हैं तो हमने यहां पर क्या कर दिया इसे पॉज कर दिया है और अब अगर मैं अपने ब्राउजर पर जाऊ यानी वच माय ब्राउजर वाले वेबसाइट पर जाऊ तो फिलहाल तो यह विंडोज 10 और बेसिक जो मेरी रियल डिटेल थी वो दिखा रहा था तो हमने कहा क्यों ना अब हम डिटेल चेंज करके देखें तो यहां पर हम चलते हैं रैंडम यूजर रिजन स्विचर प और हम चाहते हैं कि हमें एक नई आईडी दी जाए हमें दिखाया जाए एक मैक यूजर ठीक है तो हमने क्या करा इसको स्टार्ट कर दिया और इस पेज को रीलोड कर दिया य ऑटो रीलोड भी हो जाएगा ठीक है और क्रम भी नहीं चाहते हम चाहते हैं सफारी दिखे फिर से इसको रीलोड करेंगे पेज को तो अब आप देख सकते हैं यहां पर यह बता रहा है कि सर आप सफारी 13 ब्राउजर यूज ले रहे स्क्रोल डाउन करोगे अगर आप तो यह बता रहा है आप ओ एक 10.7 यानी मुझे एल का डिवाइस शो कर रहा है बेसिकली मैकबुक जो होता है वो शो कर रहा है मैं और स्क्रोल डाउन तो यहां पे कोई भी ऐसी डिटेल नहीं है जो मेरी रियल डिटेल है आप देख सकते हो यहां पे मैश intel.in मस रखने के लिए अब मैं कोई भी वेबसाइट एक्सेस करूं कोई भी पेज पे विजिट करूं वो यही समझेगा कि मैं सफारी ब्राउजर से उस वेबसाइट को एक्सेस कर रहा हूं बिकॉज़ यूजर एजेंट मेरी रियल डिटेल नहीं लेकर [संगीत] जाएगा हम देखने वाले हैं कि मैक एड्रेस कैसे चेंज करा जाए बेसिकली एक ऐसा एड्रेस जो कि एक हार्डवेयर एड्रेस माना जाता है और इसके बारे में एक बात और कही जाती है कि सर ये हमेशा के लिए परमानेंट बेसिस पे कभी भी चेंज नहीं हो सकता तो आज हम इसी थ्योरी को थोड़ा सा गलत प्रूफ करेंगे और हम हमारे मैक एड्रेस को चेंज करना भी सीखेंगे और हमेशा के लिए चेंज करना भी सीखेंगे सो बिना देरी करते हुए स्टूडेंट्स स्टार्ट करते हैं सबसे पहले हम जाएंगे हमारी काली मशीन एंड यहां पे हमारे टर्मिनल को स्टार्ट कर देते हैं स्टूडेंट्स मैक एड्रेस को चेंज करने के बेसिकली दो प्रोसेस है पहला ऑटोमेशन तरीका है और दूसरा मैनुअल तरीका है तो पहले हम मैनुअल तरीके को अप्लाई करके इसकी वर्किंग समझ लेते हैं ताकि फ्यूचर में अगर कोई ऑटोमेशन टूल ना भी हो हमारे पास तो अभी हम मैनुअली मैक एड्रेस चेंज कर सके डायनामिक ऑटोमेशन तरीके की मदद से अपने मैक एड्रेस को चेंज भी करेंगे और उस रूल में मोडिफिकेशंस भी करेंगे तो हमने यहां पे रूट परमिशन दे दी है सड एयू के जरिए पासवर्ड में हमने काली लिखा है डिस्प्ले हम जूम कर चुके हैं और अब हम यहां पर कमांड लिखेंगे आईएफ कॉन्फिन ये लिखने पर सर हमारे सभी इंटरफेस और उनकी नेटवर्किंग सेटी डिटेल्स हमारे सामने आ जाती है जैसे आप देख सकते हैं यहां पे ईटीच जीरो लिखा हुआ दिखा रहा है जिसका मतलब इथरनेट है और चाहे यहां पे ईटीच 0 हो डला 0 या कोई भी डिवाइस हो प्रोसेस बिल्कुल सेम रहेगा अब अगर आप इस इथरनेट की इंफॉर्मेशन में इस वेरिएबल पर ध्यान दे जिसका नाम है इथर ईटी एच ई आर इस वेरिएबल के अंदर आपको आपका मैक एड्रेस लिखा हुआ दिख और ये मैक एड्रेस हम चेंज करना चाहेंगे ओबवियस सी बात है एक हार्डवेयर एड्रेस है और हार्डवेयर का नाम है टीए 0 तो हम क्या करेंगे सर हमें अक्सर ऐसा रिकमेंड करा जाता है कि कभी भी अगर आप किसी हार्डवेयर में चेंजेज करते हैं तो पहले उस हार्डवेयर को बंद करेंगे देन उसमें मॉडिफिकेशन करेंगे एक चलते हुए हम हार्डवेयर में कभी भी चेंजेज नहीं करते लाइक हम कभी भी ऐसा नहीं करते कि हमारे चलते हुए कंप्यूटर में हम रम या हार्ड डिस्क जो है उसको निकाल रहे हैं और वहां पर दूसरी हार्ड डिस्क या रम या कोई भी डिवाइस लगा रहे हैं ऐसा हम नहीं करते तो वही सेम पॉलिसी हमें यहां पे फॉलो करनी है हम क्या करेंगे सबसे पहले डिवाइस को बंद करेंगे उसके लिए कमान लिखेंगे आई कॉन्ग डिवाइस का नाम चाहे वो कुछ भी हो डल लान जी तो डल लान 0 मन जीरो तो मन जीरो टीस जी तो टीस जी एंड देन डाउन इसका मतलब हम डिवाइस को बंद करना चाह रहे हैं आप देखेंगे कुछ ही देर में जो डिवाइस यहां पर डिस्कनेक्ट हुआ हुआ दिख जाएगा हैना पॉप अप आ जाएगा कि डिस्कनेक्ट हो चुका है आ चुका है अब हम क्या करेंगे मॉडिफिकेशन करेंगे यानी सेटिंग्स में चेंस करेंगे इसका मतलब मैक एड्रेस को चेंज करेंगे तो हमने य कमांड लिखा आई कॉन्ग टीए 0 एंड क्या चाहते हैं सर हम इसमें हार्डवेयर में चेंजेज करना चाहते हैं तो हमने लिखा एड एंड उसके बाद लिखा कि हार्डवेयर चेंस में करना क्या है कि सर इथर नाम का वेरिएबल है उस वेरिएबल के आगे जो मैक एड्रेस वो चेंज करना है बाय डिफॉल्ट मैक एड्रेस लिखा हुआ नहीं आएगा हम लिखना है य कमांड लिखना है और जो मैक एडस चाहे हम रख सकता है एग्जांपल के तौर पर मैंने कहा डब ए ड ए रख दो यानी मैंने यहां पर एंडिंग पेज में फोर टाइम्स ए लिख दिया है और मैं चाहता हूं ऐसा मेरा मैक एडर शो हो मैंने एंटर प्रेस करा आई थिंक एक बार फिर से हम कमांड लिख देते हैं आईएफ कॉन्फिडेंट प्रेस करते हैं तो आप देख सकते हैं हमारे पास कोई भी एरर नहीं आया अब करना क्या है कि डिवाइस को वापस स्टार्ट करना पड़ेगा तो हम यहां पे कमांड लिखेंगे आई कॉफिको स्टार्ट करने के लिए एंटर प्रेस करा सो आई थिंक स्टूडेंट्स हमारी तरफ से सारी कॉन्फिन हो चुकी है अब हम आईएफ कॉन्फिन लिखेंगे और देखना चाहेंगे कि क्या हमारा मैक एडस चेंज हुआ है या नहीं सो आप देख सकते हैं टीए 0 के अंदर जो इथर में अब एड्रेस है वहां पर लास्ट में फोर टाइम्स ए शो हो रहा है इसका मतलब हमारा मैक एड्रेस सक्सेसफुली चेंज हो चुका है यह मैनुअल तरीका था मैक एड्रेस को चेंज करने का ठीक है अब बात करते हैं ऑटोमेशन तरीके की लेकिन इससे पहले कि हम ऑटोमेशन तरीके पर डिस्कशन करें ऑटोमेशन तरीका क्या है उसको समझे आपको मैक एड्रेस के बारे में एक और चीज मैं बताना चाहूंगा सो स्टूडेंट्स असल में हमारे इस मैक एड्रेस को चेंज करने के प्रोसेस में हमें एक पार्ट और समझना है कि हमारे सिस्टम में हमारा जो मै एड्रेस है वो तीन लेयर्स में रखा हुआ होता है बेसिकली इसके लिए तीन लेयर्स बना रखी है सबसे पहली लेयर का नाम होता है परमानेंट लेयर ठीक अय जो परमानेंट लेयर है इसमें सर हमारा जो ओरिजिनल मैक एड्रेस है वही रहता है और ये चेंज नहीं होता यह बात बिल्कुल सच है ठीक है लेकिन सर जब भी हम किसी से कम्युनिकेशन करते हैं तो हर एक यूजर को जो मैक एड्रेस विजिबल होता है वो परमानेंट लेयर का विजिबल नहीं होता है वो उसको मैक एड्रेस विजिबल होता है करंट लेयर का यानी हमारे पास अभी यहां पर दो लेयर्स हमें शो हो रही है एक करंट लेयर और एक परमानेंट मैक एडस की लेयर अब करंट हो चाहे परमानेंट हो बाय डिफॉल्ट दोनों में ही पहले तो मैक एड्रेस ओरिजिनल वाला ही लिखा हुआ होता है यानी जो आपका ओरिजिनल मैक एड्रेस है वही आप परमानेंट लेयर में भी लिखा हुआ दिखेगा बस फर्क इतना है कि आप जितने भी ऑपरेशन परफॉर्म करेंगे आपका सिस्टम जितने भी ऑपरेशंस परफॉर्म करेगा सब जगह जो मैक एड्रेस जाएगा वो करंट लेयर का ही जाएगा बाय डिफॉल्ट सर एक और लेयर यहां पर होती है जिसको हम कहते हैं न्यू लेयर या आप कह सकते हो न्यू मैक एड्रेस है ना फिलहाल न्यू लेयर लिख देता हूं आपके लिए समझना ज्यादा आसान होगा तो अभी जो न्यू लेयर है यह बाय डिफॉल्ट वैसे तो खाली ही है और लोगों को दिखती नहीं है लेकिन अगर इसमें डाटा है तो सबसे पहले यह दिखेगी देन अगर कोई और एक्स्ट्रा एफर्स डाले भी तो ज्यादा से ज्यादा ये वाली लेयर दिखेगी यानी करंट लेयर दिखेगी परमानेंट मैक एड्रेस की जो लेयर है वो लोगों को नहीं दिखती जिससे भी हम कम्युनिकेशन करते हैं उन यूजर्स को परमानेंट मैक एड्रेस की लेयर नहीं दिखती अब सर बाय डिफॉल्ट तो करंट में भी ओरिजिनल मैक एड्रेस है और न्यू में कोई मैक एड्रेस नहीं है तो हम क्या करते हैं मैक एड्रेस चेंज करते हैं सर जब पहली बार आप मैक एड्रेस चेंज करोगे तो आपको क्या होगा नया मैक एड्रेस मिलेगा जैसे मान लेते हैं हमें मिला न्यू मैक वन है ना नया मैक एड्रेस मिला पहला नया मैक एड्रेस मिला तो जब आपको य पहला नया मैक एड्रेस मिलेगा तो यह मैक एड्रेस सीधा चला जाएगा आपकी न्यू लेयर में इसका मतलब आपकी न्यू लेयर में अब एक मैक एड्रेस आ चुका है जो कि है न्यू मैक वन अब होगा सर यहां पर यह कि आप जभी भी किसी से कम्युनिकेशन करेंगे तो न्यू लेयर का ही मैक एड्रेस उनके पास जाएगा लेकिन कहीं ना कहीं चांसेस है कि वह शायद करंट लेयर का भी मैक एड्रेस देख सके और अगर ऐसी चांसेस है और अगर उनको करंट एड्रेस में मेरा ओरिजिनल मैक एड्रेस दिख गया तो यह सेफ तो नहीं माना जाएगा और अगर मैं करंट लेयर के मैक एड्रेस को चेंज कर सकता हूं तो क्यों ना चेंज कर दिया जाए तो हम क्या करते हैं सर हम फिर से यानी हमने यहां पर क्या करा था पहले टाइम में जब मैक एड्रेस चेंज करा तो हमारे पास आया न्यू मैक एड्रेस वन जो कि पहुंच गया न्यू लेयर के अंदर लेकिन सर जब हम सेकंड टाइम मैक एड्रेस चेंज करेंगे सेम कमांड रन करके मैक एड्रेस चेंज करेंगे लेकिन जब सेकंड टाइम इस काम को करेंगे तो हमारे पास आएगा न्यू मैक 2 और ये जो न्यू मैकट है अब यहां डिफरेंस ये होगा यहां पर फर्क ये आएगा कि सर जो एड्रेस पहले न्यू मैक एड्रेस के पास था वो ट्रांसफर कर दिया जाएगा हमारे करंट मैक एड्रेस में और आपने जो न्यू मैक टू एड्रेस नया जनरेट करा है वो आ जाएगा आपकी न्यू लेयर के पास इसका मतलब न्यू लेयर में आपके पास आ चुका है न्यू मैकट एंड सर हमारी ये जो करंट लेयर थी इस करंट लेयर में हमारे पास कौन सा मैक एड्रेस आ जाएगा इसमें आ जाएगा न्यू मैक वन जो पहले न्यू लेयर में था यानी न्यू में जो डाटा था वो करंट में ट्रांसफर हो जाएगा और जो भी हम नया डाटा लिखेंगे वो न्यू के अंदर ऐड हो जाएगा अब आप जितनी बार भी ये करोगे प्रोसेस सेम रिपीट होगा परमानेंट में कोई भी चेंजेज नहीं होंगे लेकिन ये लोगों को विजिबल भी नहीं होगा विजिबल कौन सा होगा सर करंट लेयर और न्यू लेयर ओनली आई होप स्टूडेंट्स इतना आप सभी को क्लियर हुआ होगा और इसी चीज को एक बार प्रैक्टिकल करके और अच्छे से कंफर्म कर लेते हैं तो हम चलेंगे हमारे टर्मिनल पे और इस बार हम मैक एड्रेस चेंज करेंगे ऑटोमेशन तरीके से जिसमें हम एक टूल यूज लेने वाले हैं जिसका नाम है मैक चेंजर तो हमने यहां पर लिखा मैक चेंजर और हमें इसका यूज हमें इसको यूज लेने के बारे में आईडिया नहीं है कि कैसे वर्क करेगा स्पेलिंग सही कर देते हैं इसकी हमने यहां पर लिख दिया न ए यानी इसकी हेल्प शो हो जाए एंटर प्रेस करा तो इसकी हेल्प हमारे सामने आ चुकी है जिसमें स्टार्टिंग का तो हेल्प बता रहा है देन वर्जन बता रहा है देन बोल रहा है आपके जो मैक एड्रेस है हम दिखाने में भी हेल्प कर सकते हैं यानी आपके पास करेंटली कौन सी लेयर में क्या मैक एड्रेस है या i s के जरिए आप देख सकते हैं शो के जरिए e का मतलब है कि जो आपके लास्ट के तीन पेयर्स होते हैं जिसको हम डिवाइस आईडी कहते हैं ये वो लास्ट की तीन पेयर्स चेंज कर देगा और ऐसे ही हमारे पास एक ऑप्शन है i p जिसका मतलब है कि ये आपको वापस आपके ओरिजिनल मैक एड्रेस लाकर दे देगा है ना इसका मतलब अगर आप कभी चाहते हैं कि मैं अपना मैक एड्रेस चेंज नहीं करना जादा और उसे वापस ओरिजिनल वैल्यू में लाना चाहता हूं तो वहां पे i p आपके लिए यूज़फुल है उसके अलावा i r में रैंडम मैक एड्रेस मिल जाएंगे i m के जरिए आप मैनुअल मैक एड्रेस सेट कर सकते हैं जो चाहे वैसा जैसे हमने कुछ देर पहले करा था और iphone's होते हैं वो वेंडर के होते हैं यानी उस मैन्युफैक्चरर के जिसने डिवाइस बनाया जैसे apple-system जो स्टार्टिंग के तीन पेयर्स हैं वो उनको क्या दे रखे हैं वोह हम i l के जरिए देख सकते हैं अगर इसे आप देखना चाहे एक बार तो हम यहां पे फिर से लिखेंगे मैक चेंजर एंड h l और एंटर प्रेस कर देंगे न l का मतलब है लिस्ट बताओ तो आप देख सकते हो यहां पे सारे वेंडर्स और उनको अलॉट करे गए जो मैक एडस के स्टार्टिंग के तीन पेज होते हैं वो यहां पे हमें बताए जा रहे हैं अब चाहे वो हमारा डिवाइस चाहे उसको बना सकते हैं तो हम चाहेंगे कि हम अपने डिवाइस को एक बार देता हूं जो कुछ भी रख सकते हैं तो 54 a5 a5 एंड अब अगर हम एंटर प्रेस करते हैं तो सर हम यहां पे देख पा रहे हैं हमारे पास एक लेयर है परमानेंट मैक एड्रेस की जिसमें हमारा ओरिजिनल मैक एड्रेस लिखा हुआ दिखेगा ठीक है दूसरी लेयर है करंट मैक एड्रेस की जिसके अंदर सर हमारा जो लास्ट मैक एड्रेस था वो विजिबल है जो हमने मैनुअली ऐड करा था और तीसरी जो हमारी लेयर है वो न्यू लेयर की है जो अभी-अभी हमने ऐड करा है जिसमें स्टार्टिंग के जो तीन पेयर है वो बता रहे हैं कि सर आप एक ले रहे हैं सेम कमांड को सर अगर हम फिर से रन करेंगे तो जो मैक एड्रेस हमारी न्यू लेयर में था वो करंट लेयर में ट्रांसफर हो जाएगा और नया वाला मैक एड्रेस न्यू लेयर में आ जाएगा तो हमने फिर से एंटर प्रेस करा आप देख सकते हैं कि अब हमारी न्यू लेयर में भी सेम एड्रेस है और हमारी करंट लेयर में भी सेम एड्रेस है यानी अब अगर मैं कोई भी एक्टिविटी करता हूं किसी से भी कम्युनिकेशन करता हूं तो सबको मेरा नया मैक एड्रेस ही दिखेगा जो कि nokia2 यूजर और अगर किसी यूजर के पास मेरे सिस्टम का कंट्रोल आ चुका है उसने मेरे सिस्टम को कॉम्प्रोमाइज कर लिया है और वह परमानेंट लेयर देखने तक पहुंच चुका है तो वहां पे फिर नमस रहने का सेंस ही नहीं बचता यानी सिस्टम में कंप्रोमाइज हो चुका है तो उसका मैक एड्रेस चेंज करके हमें कोई फायदा नहीं होने वाला लेकिन तब तक सबको हमारा न्यू या करंट लेयर ही विजिबल होगा जो हम चेंज कर चुके हैं अब यहां भी एक प्रॉब्लम है स्टूडेंट्स प्रॉब्लम क्या है इसको समझने की कोशिश करते हैं तो हुआ यह कि सर हमने मैक एड्रेस तो चेंज कर दिया लेकिन साथ-साथ हमने यह भी पढ़ा था कि हमारे मैक एड्रेस का एक रूल है और वो यह है कि मैक एड्रेस हमेशा के लिए कभी चेंज नहीं होता इसका मतलब कि सर आपके पास था पहले एक ओरिजिनल मैक एड्रेस आपने क्या करा चेंज करा उसको न्यू मैक एड्रेस में कर दिया हमने करंट और न्यू दोनों लेयर्स में चेंज कर दिया न्यू मैक एड्रेस ऐड कर दिया लेकिन रूल ये कहता है मैक एड्रेस में होता असल में ये है कि जब सिस्टम रिबूट होता है इसका मतलब रीस्टार्ट होता है चाहे किसी भी तरीके से हो चाहे बटन से हो फोर्सफुली हो या आप मैनुअली इसको रीस्टार्ट करें किसी भी तरीके से आप रिबूट करें बेसिकली सिस्टम को तो जब सिस्टम रीस्टार्ट हो रहा होता है यानी फिर से स्टार्ट हो रहा होता है देन वहां पे वो ऑटोमेटिक अपना ओरिजिनल मैक एड्रेस वापस लेकर आ जाता है इसका मतलब सर हमने नया मैक एड्रेस चेंज करा और अगर किसी भी रीजन से मेरा वो डिवाइस या वो सिस्टम रिबूट हुआ यानी रीस्टार्ट हुआ तो वापस ओरिजिनल मैक एड्रेस आ जाता है इसका मतलब सिस्टम रिबूट होते ही हमारा नया मैक एड्रेस चला गया यानी लाइफ टाइम के लिए जितनी बार भी सिस्टम रीस्टार्ट होगा या वो डिवाइस रिटा होगा मुझे हर बार मैक एड्रेस फिर से ऐड करना पड़ेगा तो आई थिंक कहीं ना कहीं ये रूल सही था कि मैक एड्रेस हमेशा के लिए चेंज नहीं हो सकता एक बार तो चेंज हो गया लेकिन हमने यहां पर सोचा कि क्यों ना अगर हम ऐसा करें कि हम बनाए एक प्रोग्राम एक ऐसा प्रोग्राम जो मैक एड्रेस चेंज करने का काम करता है है ना तो यहां पे मैक एड्रेस चेंज करने वाले प्रोग्राम को अगर हम सिस्टम के स्टार्ट होने वाली सर्विसेस के साथ रन कर दे यानी सिस्टम के रिबूट प इसको भी एग्जीक्यूट कराए तो कैसा हो यानी ऐसा ऐसा होगा कि सर आपने एक नया मैक एड्रेस रखा आपका सिस्टम रीस्टार्ट हुआ आपके पास ओरिजिनल मैक एड्रेस वापस आ गया लेकिन बीच में आपने क्या करा एक और प्रोग्राम रन कर दिया जो मैक चेंजर का था यानी मैक चेंजिंग के लिए आपने एक प्रोग्राम रन करा जिसने वापस आपको न्यू मैक दे दिया और जैसे ही सिस्टम स्टार्ट हुआ आपके सामने वापस आपका न्यू मैक एड्रेस आ चुका था इसका मतलब अब सिस्टम कितनी बार भी रिबूट हो वो अपने ओरिजिनल लेयर में जाएगा ओरिजिनल मैक एड्रेस में कन्वर्ट होगा लेकिन जैसे ही मेरा प्रोग्राम फिर से रन होगा जो मैंने सिस्टम बूट पर रन करा दिया है यानी सिस्टम के रीस्टार्ट होने पर उसको भी एग्जीक्यूट करा दिया है तो जितनी बार ओरिजिनल मैक एड्रेस आएगा वापस न्यू मैक एड्रेस आ जाएगा और हर एक को हर यूजर को या पूरे लाइफ टाइम जितनी बार भी सिस्टम रीस्टार्ट हो सबको मेरा न्यू मैक एड्रेस ही विजिबल होगा आई होप आप सभी को एक कांसेप्ट बहुत अच्छे से क्लियर हो गया होगा अब हम इसी चीज को प्रैक्टिकल करके देखना चाहेंगे कि पहली बात ये प्रोग्राम कैसे बनाए फिर उस प्रोग्राम को टेस्ट करेंगे कि रन हो रहा है कि नहीं हो रहा है देन इसको हम सिस्टम की रिबूट सर्विसेस में ऐड कर देंगे तो चलते हैं हमारी काली मशीन की की तरफ और यहां पे हम लिखेंगे जी एडिट और एक फाइल बनाएंगे मैक चेंज करने के लिए तो हमने यहां पे लिखा चेंज मैकड ए इस फाइल का एक्सटेंशन डॉ एएच रख रहे हैं मैंने एंटर प्रेस करा एक बिल्कुल न्यू फाइल क्रिएट हमने यहां पे करी है तो कोई बहुत ज्यादा हाई लेवल की प्रोग्रामिंग या कोडिंग हमें यहां नहीं करनी है हमें बस अपने जो कमांड्स थे वो यहां पे एज इट इज पेस्ट करने हैं जो हम इससे रन करवाना चाहते हैं यही शायद प्रोग्रामिंग की खास बात है बिकॉज़ एक ऐसी प्रोग्रामिंग है जो हमारे टर्मिनल कमांड्स को रन करने में हमारी मदद करती है तो हमने क्या करा हमारा जो लास्ट कमांड था जो हमें रन करना था उसे कॉपी कर लिया ठीक है एंड यहां पे हमारी इस फाइल में फिर से हम एंटर हुए और इस फाइल में उस कमांड को एज इट इज मैंने पेस्ट कर दिया एक बार पेस्ट किया दो बार पेस्ट किया तीन बार पेस्ट किया तीन बार पेस्ट करने का मतलब यह है कि ये कमांड जो है ये तीन बार एग्जीक्यूट होगा पहली बार में न्यू लेयर में पहुंच जाएगा दूसरे में करंट लेयर में पहुंच जाएगा और फिर भी क्रॉस वेरिफिकेशन के लिए मैं कह रहा हूं प्रॉपर हमें कंफर्म हो जाए कि कहीं कोई गैप ना आ गया हो कोई इशू ना हो गया हो तो मैंने तीन बार रन कर दिया अपनी सिक्योरिटी के लिए ताकि मैं कंफर्म हो जाऊं कि न्यू लेयर और करंट लेयर में मैक एडस 100% और सक्सेसफुल चेंज हो चुका है मैंने इस फाइल को सेव करा और क्लोज करा अब हमें पता है कि सर अगर हम एलएस आफ ए लिखकर देखें तो हम यह देख सकते हैं कि हमारी जो मैक चेंजर वाली फाइल है या चेंज मैक एड्रेस वाली फाइल है यह रही चेंज मैक एड्रेस ए वाली फाइल यह एक ऐसी फाइल है जो परमिशन नहीं देता है तो यहां इसके पास केवल रीड और राइट की परमिशन है अब हम यह चाहेंगे कि इसके पास एग्जीक्यूटेबल परमिशन आ जाए जिसके लिए हम कमांड यूज लेंगे सी एओडी प् एक एंड देन चेंज मैकड ए फाइल का नाम एंटर प्रेस करा अगर फिर से एलस आफल लिखेंगे तो हम देख सकते हैं कि इस बार हमारी चेंज मैड एच के पास रीड राइट और एग्जीक्यूट तीनों परमिशन अवेलेबल है अब हम इस फाइल को रन कर सकते हैं तो पहले रन करके देखेंगे सही से काम कर रही है या नहीं उसके बाद इसको हम उन सर्विसेस में ऐड करेंगे कि सिस्टम के रिबूट होते यह भी रन हो जाए तो हम डिस्प्ले को क्लियर करते हैं और यहां पर लिखते हैं ॉ स् चेंज मैकड ए फाइल का नाम लिखा एंटर प्रेस करा आप देख सकते हो यहां पे इसने पहली बार कमांड को एग्जीक्यूट करा है सक्सेसफुली दूसरी बार कमांड को एग्जीक्यूट करा एंड तीसरी बार कमांड को एग्जीक्यूट करा यानी यह अपना काम बहुत अच्छे से कर रही है यह फाइल बिल्कुल से अपना वर्क कर रही है इस फाइल की लोकेशन देख लेते हैं तो इसकी लोकेशन है होम काली और फाइल का नाम है चेंज मैकड ए को मैं कॉपी कर लेता हूं अब हम क्या करेंगे सर तो इसको हम चाहते हैं कि सिस्टम रिबूट सर्विसेस पे रन हो जाए सबसे पहला कमान हम लिखेंगे इसके लिए क्रॉन टैब न e यानी एडिटिंग क्रॉन टैब वो टूल है जिसको मैं गाइड कर सकता हूं कि सिस्टम की रिबूट होती सबसे पहले क्या रन करना है ना या कब क्या टास्क परफॉर्म करना है तो जब आप पहली बार इस फाइल को ओपन करेंगे तो आपको ये फाइल कुछ ऐसी विजिबल होगी ये फाइल नैनो एडिटर के जरिए ओपन हुई है जिसका मतलब है यहां पे हमारे कर्सर्स वर्क नहीं करेंगे हमें थोड़ा बहुत काम कमान लाइन के जरिए कर करना होगा मैं एंटर प्रेस करूंगा न्यू लाइन मिल गई अपर एरो के जरिए मैं फ्रेश लाइन में गया और यहां पर मैंने लिखा रेट रिबूट स्ल होम स्ल काली एंड देन चेंज मैकड एस सो यहां पे हमने क्या करा है हमने बोला कि सिस्टम के रीस्टार्ट होते ही एक फाइल को रन करना है और उस फाइल का लोकेशन दे दिया कि होम फोल्डर में काली फोल्डर में चेंज m.ss नाम की फाइल है इसको आपको एग्जीक्यूट यानी रन करना है कंट्रोल s के जरिए में सेव करूंगा रो 24 लाइंस लिखा हुआ आ रहा है यानी सेव हो चुका है कंट्रोल एक्स के जरिए एग्जिट कर दूंगा ये कमांड रन करते ही हमें एक दो कमांड और रन करने है सर्विस को एक डिफॉल्ट सर्विस बनाने के लिए ताकि हर बार सिस्टम के रिबूट होते ही क्रॉन टैब स्टार्ट हो जाए और वो अपना काम करना चालू कर दे तो हम पहला कमांड लिखेंगे सर्विस क्रॉन स्टार्ट दूसरा कमांड लिखेंगे सिस्टम सीटीएल स्टार्ट क्रॉन तीसरा कमांड लिखेंगे अपडेट आरसी डॉडी क्रॉन डिफॉल्ट्स एंड फाइनली अब जो लास्ट कमांड हम यहां पे लिखेंगे वो है रिबूट यानी हम सिस्टम को रीस्टार्ट करेंगे ये देखने के लिए कि क्या हमारा क्रॉन हमारा मैक एड्रेस चेंज कर रहा है कि नहीं कर रहा है तो अगर सर सिस्टम को रिबूट करने के बाद यानी रीस्टार्ट करने के बाद हमारे पास ओरिजिनल मैक एड्रेस ही दिखा में इसका मतलब फाइल वर्क नहीं कर रही हमसे कहीं कोई गलती हुई है ध्यान रखना है पूरा प्रोसेस मैंने रूट परमिशन में कराया तो आप लोग भी जब इस ऑपरेशन को परफॉर्म करें तो रूट परमिशन में ही परफॉर्म करें अब हमें देखना है कि यह काम कर रहा है कि नहीं अगर नहीं करेगा यानी कहीं कहीं कोई मिस्टेक तो होगी हम उसे सॉल्व करने की कोशिश करेंगे यूजर नेम लिख दिया काली पासवर्ड लिख दिया काली लॉगिन कर दिया और अब हम चलते हैं हमारे टर्मिनल में और आईएफ कॉन्फिन को रन करके देखते हैं तो यहां हम हमारे टर्मिनल में पहुंच चुके हैं हमने इसे जूम करा और सीधा ही आईएफ कॉन्फिडेंट करने की कोशिश करी थी यानी [संगीत] स्टूडेंट्स बीइंग एनोनिमस के हमारे इस प्रोसेस में आज हम देखने वाले हैं कि आईपी एड्रेस के जरिए हम एनोनिमस कैसे रह सकते हैं और इसी आईपी एड्रेस के जरिए एनोनिमस रहने में हमारे पास नॉर्मली दो टर्म्स आती है और एक कंफ्यूजन भी आता है कि सर वीपीएन या प्रॉक्सी दोनों में से बेस्ट कौन है एनोनिमस रहने के लिए या फिर अच्छे लेवल पर एनोनिमस रहने के लिए दोनों में से बेस्ट किसे माना जाए सो बिना देरी करते हुए स्टार्ट करते हैं स्टूडेंट्स सबसे पहले समझते हैं वीपीएन के बारे में वीपीएन का फुलफॉर्म स्टूडेंट्स वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क होता है और जैसा कि इसका नाम है मैं यहां पे होता यह है कि आपको एक प्राइवेट नेटवर्क प्रोवाइड कर दिया जाता है यानी एक सिस्टम प्रोवाइड कर दिया जाता है जो एक मीडिएट का वर्क करेगा इसका मतलब कि सर ये एक नॉर्मल यूजर है उसने अपने सिस्टम में वीपीएन सर्विस को स्टार्ट करा जब वीपीएन सर्विस को स्टार्ट करा तो उस सिस्टम को एक नया सिस्टम अलॉट हो चुका है एक वीपीएन सिस्टम अलॉट हो चुका है और इसमें खास बात यह है कि सर ये जो सिस्टम है इसके पास एक पब्लिक आईपी एड्रेस है एग्जांपल के तौर 1.11.1 एंड इसका एक पोर्ट ओपन है मान लेते हैं पोर्ट नंबर 81 तो यहां पे हमारे सिस्टम ए ने यानी यूजर ने अपने वीपीएन सिस्टम से कनेक्ट कर लिया है उसकी पोर्ट नंबर 81 पे अब अगर ये यूजर अपने ब्राउजर में जाके कहता है कि इसे सारी रिक्वेस्ट जो है वो एक जेनुइन रिक्वेस्ट है तो वो उसका रिप्लाई देगा लेकिन किसको देगा या फिर सवाल यह है कि facebook.in सिस्टम ने उस रिक्वेस्ट को फॉरवर्ड कर दिया हमारे यूजर के पास एक बेसिक सिस्टम के पास या फिर क्लाइंट के पास तो अब इस पूरे प्रोसेस में में यह वीपीएन सिस्टम हमारे लिए एक मीडिएट बन गया जो हमारे हर एक पैकेट को इंटरनेट तक भेजेगा और वहां से आए हुए हर एक रिस्पांस को या आप कह सकते हो रिप्लाई को हमें लाकर शेयर कर देगा और जितने भी यूजर्स हम कम्युनिकेट करेंगे इस वीपीएन की मदद से सभी यूजर्स के पास जो आईपी एड्रेस जाएगा वो इस वीपीएन का आईपी एड्रेस जाएगा अब एक बार इसको टेस्ट करके देखते हैं क्या ये इसी तरीके से वर्क कर रहा है या नहीं देन हम देखेंगे कि इसके अंदर लूप होल्स क्या है कमिया क्या है तभी हमें पता पड़ेगा कि वीपीएन बेस्ट ऑप्शन है या नहीं एनोनिमस रहने के लिए या सिक्योर ऑप्शन है या नहीं एनोनिमस रहने के लिए तो हम चलते हैं हमारे ब्राउजर पे एंड यहां पे स्टूडेंट्स हम लिखेंगे व्हाट्स माय आईपी जब मैं कमांड लिख के एंटर प्रेस करूंगा तो ये मुझे मेरी करंट आईपी शो करेगा है ना जो कि मेरी रियल आईपी एड्रेस है और मैं नहीं चाहता ये रियल आईपी एड्रेस कहीं भी जाए अब हम वीपीएस कैसे यूज ले सकते हैं वीपीएन यूज लेने के बहुत सारे तरीके हैं मैं अपने सिस्टम में टूल भी डाउनलोड कर सकता था यानी एक सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करके उसके जरिए भी वीपीएन जो है यूज़ ले सकता था वीपीएन सर्विसेस यूज ले सकता था एंड साथ ही साथ ब्राउजर के टूल्स भी इंस्टॉल कर सकते हैं जिन्हें हम एक्सटेंशंस कहते हैं तो फिलहाल हम यहां पे लिखेंगे वेब स्टो स्ट और हमारी वेब स्टोर यानी ब्राउजर की प्ले स्टोर पर जाकर हम वहां से एक एक्सटेंशन डाउनलोड कर लेंगे जो वीपीएन चेंज करने में हमारी मदद करेगा ऐसे बहुत सारे एक्सटेंशन स्टूडेंट्स हमें देखने को मिल सकते हैं तो फिलहाल मैंने यहां पे लिखा वीपीएन या फिर हमने लिख दिया फ्री वीपीएन एंड एंटर प्रेस करा तो हमारे पास काफी सारे सर्विसेस या एक्सटेंशंस आप कह सकते हो यहां पे शो हो रही है जिनमें से एक मैं ऑलरेडी यूज ले रहा हूं जिसका वर्क मुझे अच्छा लगता है ठीक है तो ये है फ्री वीपीएन फॉर नहीं है बिकॉज़ ऑलरेडी ये एक्सटेंशन मेरे पास है बट आप लोगों के ऐड टू क्रम का ऑप्शन आएगा आप उसपे क्लिक करेंगे एंड ये एक्सटेंशन यहां पे इस पजल सिंबल में हमारे पास ऐड हो जाएगा आप देख सकते हैं यहां पे हमारे पास फ्री वीपीएन फॉर कम का ऑप्शन विजिबल है एंड अब हम क्या करेंगे अब हम जाएंगे हमारे पहले टैप पे जो हमें एक आईपी एड्रेस दिखा रहा था जो मेरा करंट आईपी एड्रेस है मैं नहीं चाहता ओबवियसली आई एड्रेस किसी को भी दिखे तो हम एक्सटेंशन पे क्लिक करेंगे फ्री वीपीएन पे क्लिक करेंगे और अब मैं इसे स्टार्ट कर रहा हूं आप देख सकते हैं मैंने यहां पे फिलहाल पेरिस का सर्वर सिलेक्ट कर रखा है वीपीएन को बोल रखा है कि आप मुझे पेरिस का कोई भी एक वीपीएन सिस्टम अलॉट कर दो जो आपके पास अवेलेबल हो फिलहाल स्टार्ट हो चुका है तो हमें इस पेज को रीलोड करना है और देखते हैं क्या हमारा आईपी एड्रेस चेंज हुआ या नहीं तो आप देख सकते हैं स्टूडेंट्स यहां पे हमारा जो आईपी है वो चेंज हो चुका है पेरिस का हमें आईपी एड्रेस शो कर रहा है जो कि बिल्कुल ही डिफरेंट है मेरे पुराने आईपी एड्रेस से अब मैं कोई भी एक्टिविटी करूं तो हर एक यूजर को यही आईपी एड्रेस विजिबल होगा सो आप सभी को इस वीपीएन की वर्किंग तो दिख गई सो आई होप स्टूडेंट्स आप सभी को इसकी वर्किंग तो समझ आ गई अब हमें ये देखना है कि क्या ये एक सिक्योर ऑप्शन है या नहीं या इसमें क्या-क्या लूप होज और कमियां है तो स्टूडेंट यहां पर जैसा हम देख पा रहे हैं मुझे यहां पर तीन बड़ी कमियां दिख रही है सबसे पहली कमी जो है इस वीपीएन के लिए वो यह है कि सर हमारे पास एक लंबे समय तक केवल एक ही वीपीएन सिस्टम हमें अलॉट करा गया है इसका मतलब अगर यह यूजर यूजर ए कोई भी एक्टिविटी कर रहा है और लंबे समय तक इसके पास यही सिस्टम है मान लेते हैं यह एक सिक्योरिटी एक्सपर्ट है जो एक हैकर को पकड़ने की कोशिश कर रहा है वीपीएन के जरिए तो जब य इस वीपीएन सिस्टम के जरिए कंटीन्यूअसली हैकर को पैकेज भेजेगा ताकि उसकी डिटेल कलेक्ट कर कर सके उसको हैक कर सके तो इस हैकर को एटलीस्ट ये आईपी एड्रेस तो दिखेगा कि इस आईपी से इस परे अटैक होने की कोशिश हो रही है यह बात तो हैकर को पता पड़ जाएगी और अगर सर हैकर ने यहां पे रिवर्स हैकिंग परफॉर्म कर दी हमारे इस सिस्टम पे तो एक टाइम पीरियड के गैप के बाद तो ये सिस्टम कंप्रोमाइज हो जाएगा और अगर ये सिस्टम कंप्रोमाइज हो गया सर तो इससे जुड़ा हुआ सिस्टम यानी हमारी डिटेल भी लीक हो जाएगी सिक्योरिटी एक्सपर्ट की डिटेल भी लीक हो जाएगी सो इस केस में हमें एक बहुत बड़ा लूप होल दिखा कि सर आपके पास लंबे समय तक केवल एक ही मेडिएटर है एक ही सिस्टम दे रखा है जो आपकी सारी एक्टिविटीज परफॉर्म कर रहा है अगर कोई भी यूजर उस सिस्टम तक पहुंच जाता है कोई अटैकर उस सिस्टम तक पहुंच जाता है तो आप तक पहुंचना डिफिकल्ट बिल्कुल नहीं रहेगा तो ये एक बड़ा लूप होल हमें लग रहा है कि लंबे समय तक हमारे पासस एक ही वीपीएन सिस्टम या एक ही मेडिएटर हमें अलॉट कर रखा है देन सेकंड पॉइंट जो यहां पे है वो यह है कि सर हर एक वीपीएन डिवाइस में यानी सिस्टम में एक लूप होल होने की एक कमी होने की एक वनबिल होने के चांसेस रहते हैं जिसका नाम है डीएनएस लीक अब ये डीएनएस लीक क्या है तो सर डीएनएस लीक एक वनबिल है जिसका कहना यह है कि आपका जो वीपीएन सिस्टम है उस परे कुछ स्कैंस रन करने की वजह से हो सकता है कि वह अपने साथी वीपीएन सिस्टम्स का या अपने सर्वर वीपीएन सिस्टम का या फिर अपने क्लाइंट का जो आईपी एड्रेस है वो लीक कर दे यानी आपको वीपीएन ने एक आईपी अलॉट करा जो कि था 1.11.1 एग्जांपल के तौर पे अब अगर आप यहां पर स्कैनिंग करते हैं और यह आपको कोई भी दूसरा आईपी शो कर रहा है उस स्कैन में एक डिटेल स्कैन में जिसको आप डीएनएस लीक टेस्ट कहते हैं अगर वहां पे यह कोई भी दूसरा आईपी एड्रेस आपके लीक कर रहा है कोई भी दूसरा आईपी एड्रेस आपको शो कर रहा है तो उसको हम सिक्योर नहीं मानेंगे हो सकता है वो इसके एडमिन का आईपी हो जिसके जरिए हम तक पहुंचना डिफिकल्ट ना रहे हो सकता है वो हमारा ही आईपी लीक कर दे दोनों ही केसेस पॉसिबल है डीएनएस लीक की वजह से सो ओबवियसली हम नहीं चाहेंगे कि यहां पे डीएनएस लीक पॉसिबल हो बट अक्सर किसी भी सिस्टम में किसी वीपीएन सिस्टम में मैं सर्विस का नहीं कह रहा चाहे वो नॉट वीपीएन या किसी भी वीपीएन की सर्विस हो उनके द्वारा दिए गए किसी भी वीपीएन सिस्टम में यह कमी होने की के चांसेस हो सकते हैं तो हम क्या करेंगे एक टेस्ट करके देखेंगे क्या हमें जो फिलहाल वीपीएन अटेड है वहां पे डीएनएस लीक की कमी तो नहीं है तो हम फिर से जाएंगे हमारे ब्राउजर में एंड यहां हम लिखेंगे डीएनएस लीक टेस्ट और एंटर प्रेस करेंगे हमारे पास जो सबसे पहली वेबसाइट है ये आप देख सकते हैं डीएनएस लीक टेस्ट कॉ हम उस पर क्लिक करेंगे और वो हमारा बाय डिफॉल्ट आईपी जो अभी हमारे वीपीएन के जरिए में अलडाबरा पे दो तरीके के टेस्ट रन करेंगे पहला टेस्ट जो है वो एक स्टैंडर्ड टेस्ट है एक नॉर्मल टेस्ट है जिससे हमें ओवरऑल आइडिया लग जाएगा और अगर हम चाहे तो एक एक्सटेंडेड टेस्ट यानी एक बड़ा टेस्ट भी रन कर सकते हैं ताकि हमें 100% एश्योरिटी मिल जाए कि ये जो आईपी मुझे करेंटली अलडा क्या इसमें डीएनएस लीक की कमी है या नहीं तो हमने कहा स्टैंडर्ड टेस्ट पे क्लिक करके देखते हैं सो आप देख सकते हैं स्टूडेंट्स यहां पे इसने कोई भी दूसरा जो आईपी है या दूसरा कोई डोमेन है वो लीक नहीं करा है लेकिन इसने अपना जो सर्वर का डोमेन था वो लीक कर दिया है जिसके जरिए हम सर्वर तक पहुंच सकते हैं और वहां से इंफॉर्मेशन ले सकते हैं हालांकि इतना डिफिकल्ट नहीं है ये ऐसे भी पॉसिबल हो पाता बट अच्छी बात यह है कि इसने कोई भी दूसरा आईपीए डोमेन ठीक नहीं करा अब हम चाहेंगे कि इसको और अच्छे से कंफर्म करने के लिए एक एक्सटेंडेड टेस्ट यानी एक बड़ा टेस्ट रन कर दें ताकि हमें 100% अ शोर्ट हो जाए कि यहां पे किसी भी तरीके से दूसरा आईपी एड्रेस लीक नहीं हो रहा है इसके आउटपुट आने में थोड़ा टाइम लगेगा तब तक हम वेट करेंगे सो स्टूडेंट्स यहां पे आप देख सकते हैं कि हमारा एक्सटेंडेड टेस्ट का आउटपुट आ चुका है और इसने किसी भी आईपी एड्रेस को लीक नहीं करा है बट इसका मतलब ये नहीं है कि वीपीएन सर्विस के जरिए में जो भी सिस्टम्स मिलते हैं वो सब सिक्योर होते हैं हमें हर एक सिस्टम को एक बार टेस्ट करना पड़ता है कि वहां पे डीएनएस लीक टेस्ट की वनबिल डीडीएनएस लीग की वल्नरेबल ना हो आई होप स्टूडेंट्स ये दो पॉइंट्स तो आपको क्लियर हो गए होंगे अब बात आती है तीसरा लूप होल पॉइंट क्या है या मुझे तीसरा ऐसा सिक्योरिटी इशू क्या लगता वो ये है स्टूडेंट्स कि रिसेंटली हमारे गवर्नमेंट ने जितने भी वीपीएन सर्विस प्रोवाइडर्स हैं उन्हें बाउंड कर दिया है कि आपके जो भी यूजर्स हैं अगर हमें किसी यूजर की इंफॉर्मेशन की जरूरत पड़ती है उनके लॉग्स डाटा जो उने एक्टिविटीज जो परफॉर्म करी है उसके लॉग्स की जरूरत पड़ती है तो आपको वो इंफॉर्मेशन वो लॉग्स हमें प्रोवाइड करने पड़ेंगे और नो डाउट काफी सारी वीपीएन सर्विसेस के लिए एग्री हो गई है तभी वो अपनी सर्विसेस को यहां पे यूज ले पाएगी इंडिया में सो स्टूडेंट्स देखा जाए तो अगेन प्राइवेसी फैक्टर के हिसाब से हम वीपीएन को एक सेफ ऑप्शन नहीं मानेंगे बिकॉज़ हमारी जो डाटा है वो उतना भी ज्यादा प्राइवेट नहीं रहा आई होप आप सभी को वीपीएन का पार्ट क्लियर हो गया होगा वीपीएन में होने वाले लूप होल समझ आ गए होंगे जिससे मैं एक पार्ट क्लियर हुआ किसी भी लॉन्ग टर्म एक्टिविटी या बड़ी एक्टिविटी किसी क्रिमिनल को पकड़ने के लिए भी एक लंबे अटैक के लिए हम वीपीएस पे ट्रस्ट नहीं कर सकते सो देन हमारे पास आता है प्रॉक्सी नाम का ऑप्शन अब ये प्रॉक्सी नाम का ऑप्शन क्या है और किस तरीके से वर्क कर रहा है इसको हम बहुत अच्छे से यहां पे समझते हैं हो सकता है प्रॉक्सी जो वीपीएस के लूप होस्ट है उनको हटा दें पहला पार्ट ये है प्रॉक्सी को यूज़ लेने के दो तरीके हैं एक तरीका है मैनुअल एंड एक तरीका है ऑटोमेशन लेकिन सर जब हम मैनुअल तरीके को अप्लाई करते हैं तो यह वर्क कैसे करता है या प्रॉक्सी वर्क कैसे करता है जो प्रॉक्सी सिस्टम्स को यूज़ लेना चाहता है तो प्रॉक्सी में क्या होता है सर प्रॉक्सी में एक लिस्ट होती है जिसको हम प्रॉक्सी लिस्ट कहते हैं ठीक है तो यहां पे सर हम बनाते हैं एक प्रॉक्सी लिस्ट प्रॉक्सी लिस्ट का मतलब है कि एक आपके पास लिस्ट होगी जिसमें कई सारे आईपी एड्रेसस और उनके ओपन पोर्ट्स होंगे और हो सकता है उनके के यूजर नेम और पासवर्ड भी हो अगर उस पर्टिकुलर पोर्ट पे पासवर्ड लगा रखे हैं उस केस में अदर वाइज आप क्या करेंगे आईपीओ पोर्ट की ओपन आईपीओ पोर्ट्स की एक लिस्ट बना लेंगे वो सिस्टम जो आपके लिए एज अ प्रॉक्सी वर्क करने को रेडी है तो आप जैसे ही यहां पे लिस्ट बनाएंगे आप अपना वर्क स्टार्ट कर सकते हैं इसका मतलब आप अपने सिस्टम को इस प्रॉक्सी लिस्ट से जोड़ देंगे या आपके सिस्टम के अंदर ये प्रॉक्सी लिस्ट कॉन्फिन मैं कहता हूं मुझे उसके जरिए जा रहे हैं कुछ देर बाद वो चेंज हो जाएंगे दूसरी आईपी से जाने लग जाएंगे कुछ देर बाद वो तीसरी से देन फोर्थ से तो हमारे वीपीएन में जो लूप होल था कि लंबे समय तक आपको एक ही सिस्टम अलॉट करा गया है वो यहां पे नहीं है यहां पे हमारे पास एक रेंज ऑफ सिस्टम्स है जितनी बड़ी लिस्ट आप बनाएंगे उतने ज्यादा सिस्टम्स आपके पास अवेलेबल होंगे और अब एक ही सिस्टम आपके पैकेज लेकर नहीं जाएगा इंटरनेट तक कुछ देर तक हो सकता है सिस्टम वन ले जाए देन सिस्टम टू की बारी आ जाए देन सिस्टम फोर की बारी आ जाए तो इस तरीके से आपकी आईपी जो है वो स्विच होती जाएगी यानी आप जिस भी यूजर से बातचीत कर रहे हैं उसके पास ये पैकेज अलग-अलग आईपी एड्रेसस से जाते रहेंगे हर एक टाइम पीरियड के गैप से डायनेमिक आईपी चेंज होती रहेगी तो पहले लूप होल से जो वीपीएन का पहला कमी था लंबे समय तक एक सिस्टम अलॉट करना वो यहां पे रिजॉल्व हो जाता है वो यहां पे सेफ हो जाता है बट सर यहां पे एक इशू हमें फेस करने को मिलता है कि ये जो प्रॉक्सी लिस्ट का मैनुअल तरीका है मैनुअल तरीके में हमें ये प्रॉक्सी यानी आईपी और पोट्स खुद ढूंढ के लाने पड़ते हैं जो कि एक सही ऑप्शन नहीं रहता बिकॉज हम क्या करते हैं सर हम फ्री वेबसाइट्स पर जाते हैं जैसे एग्जांपल के तौर पे हम क्या करेंगे सर हम ब्राउजर पे जाएंगे और सर्च करेंगे प्रॉक्सी लिस्ट और एंटर प्रेस करेंगे तो अब मेरे पास कुछ वेबसाइट आएगी जो कहेगी कि मैं आपको आईपीओ पोस्ट और प्रोटोकॉल्स बता रहा हूं ताकि आप अपने प्रॉक्सीस को यूज ले सके है ना हमने स्क्रोल डाउन करा आप देख सकते हैं हमारे पास यहां पे कुछ आईपीओ पोस्ट आ चुके हैं हालांकि यहां प्रोटोकॉल मेंशन नहीं करे गए आई थिंक दूसरी वेबसाइट में प्रो प्रोटोकॉल्स भी बता दिए जाए बट ऑल दो स्टूडेंट्स ये जो सोर्सेस हैं ये ओपन सोर्स है यानी ये सबके लिए विजिबल है हर कोई इन आईपीस को इन पोस्ट को देख सकता है और अगर कोई पहले से ही इन आईपीस पे एज अ अटैकर या एज अ लिसन एज अ मॉनिटर या स्नाइपर बनके बैठा है तो उस केस में वो हमारे लिए काफी ज्यादा हार्मफुल हो सकता है हमारे सिस्टम पे रिवर्स हैकिंग भी हो सकती है और हमारी इंफॉर्मेशन हमारा डाटा हमें प्राइवेसी भी शायद सेफ ना रहे तो ये एक ऑप्शन जो है मैनुअल प्रॉक्सी कॉन्फिन का हम इसको बहुत ज्यादा बेस्ट नहीं मान पाते बिकॉज इसके अंदर हमारे लिए इतने सारे आईपी एड्रेसस और पोट लाकर उनमें से फिल्टर करके या फिर बेस्ट क्वालिटी के आईपीस निकालना इतना ज्यादा फीजिबल नहीं हो पाता भा हम इतना एफर्स नहीं डाल पाते तो अब इसी काम को बहुत ही परफेक्ट लेवल पे करने के लिए हमने सोचा क्यों ना ऑटोमेशन प्रोसेस का यूज लिया जाए अब हम कहां-कहां सोर्सेस पर जाकर एक-एक आईपीओ पोर्ट लेकर आएंगे और उनमें भी हम अशोर नहीं कर पाएंगे कि कौन सा कितना सेफ तो क्यों ना हम ऑटोमेशन प्रोसेस को यूज ले यहां पे जो शायद हमें इस चीज की एश्योरिटी दे बिकॉज स्टूडेंट्स जब हम बात करते हैं ऑटोमेशन प्रोसेस की तो प्रॉक्सी के अंदर ऑटोमेशन प्रोसेस का नाम आते ही एक बहुत ही फेमस और एक बहुत ही अच्छी सर्विस का नाम आ जाता है एक प्रोजेक्ट का नाम आ जाता है जो कि है टर प्रोजेक्ट टर प्रोजेक्ट क्या है सर टर एक ऐसा प्रोजेक्ट है जो केवल और केवल कंप्लीट एनोनिमस रहने के लिए बनाया गया प्रोजेक्ट है इसका पूरा फोकस रहता है बेस्ट लेवल पे एनोनिमस कैसे रहा जाए अगर आप टर के बारे में बात करें तो टर का खुद का ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसका नाम है टेल्स एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम जो केवल और केवल एनोनिमस रहने के लिए बनाया गया है ऐसे ही इसका खुद का ब्राउजर भी है जिसके जरिए आप लोग डार्क वेब जैसी चीजों को एक्सेस कर पाते हैं जिसका नाम है टर ब्राउजर और इसके कुछ टूल्स भी है जिसका नाम टर या एक्स वाई जड कुछ एक्स्ट्रा टूल्स है जो हमें अच्छे लेवल पे एनोनिमस रहने में हेल्प करते हैं तो हमने सोचा क्यों ना एक ऐसा प्रोजेक्ट जिसका पूरा मोटिव पूरा फोकस ही एनोनिमस रहने पर है जो अपनी सर्विसेस को दिन बदन बेस्ट करता जा रहा है एनोनिमस रहने के लिए हम उसी की उन सर्विसेस को यूज लेके खुद को एनोनिमस रखें तो यहां पे बात आ जाती है कि टॉर के जरिए एनोनिमस रहने में हमें क्या-क्या प्रॉफिट्स है इससे पहले कि हम उन सारे प्रॉफिट्स को देखें एक बार टॉर के जरिए एनोनिमस रहने के प्रोसेस को प्रैक्टिकल देख लेते हैं हम चाहे तो हमारी विंडोज मशीन को भी यूज ले सकते हैं हम चाहे तो बर को यूज लेने की जरूरत है यानी डाउनलोड करने की जरूरत है तो फिलहाल आप देख सकते हैं मैंने यहां पे टप ब्राउजर को डाउनलोड करके इंस्टॉल कर रखा है हम इसे ओपन करेंगे और देखते हैं य हमें किस लेवल की सिक्योरिटी प्रोवाइड करता है और अगर ये क्वेश्चन है कि सर हम ट ब्राउजर कहां से डाउनलोड या इंस्टॉल कर सकते हैं तो बहुत इजी प्रोसेस है हम अपने ब्राउजर पे जाएंगे और वहां पे जाके लिख देंगे ट ब्राउजर और जैसे आप एंटर प्रेस करेंगे यहां पे डाउनलोड टॉ ब्राउजर का ऑप्शन आ चुका है ट प्रोजेक्ट की वेबसाइट में और जब हम यहां जाएंगे सर तो हमारे पास यह रहा डाउनलोड टॉ ब्राउजर का ऑप्शन हम किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए चाहे ए हो चाहे देखेंगे काम कैसे कर रहा है अब किस वेबसाइट को विजिट करा जाए तो हमने कहा डब्ल्यू क्यूटेक पे ही चलते हैं तो हमने यहां पे लिखा डब्लू एस क्यूब tag.com और एंटर प्रेस कर दिया अब सर टॉर स्लो क्यों चलता है इसके पीछे का रीजन भी आप सभी को बहुत अच्छे से क्लियर हो जाएगा यहां पे फिलहाल आप देख सकते हैं ws.com की वेबसाइट ओपन हो रही है एंड इसको ओपन होने में एक बेसिक टाइम जो है या उससे ज्यादा टाइम जो है वो लग रहा है नॉर्मली नहीं लगता इतना टाइम इसके पीछे भी एक रीजन है फिलहाल वेबसाइट ओपन आई थिंक करीब-करीब हो ही चुकी है अगर आप यहां पे ध्यान से देखें इसके यूआरएल वाले एड्रेस बार में तो यहां पे इस लॉक बटन के पास में आपके पास एक बटन है आपके पास एक आइकन यहां पे आपको शो हो रहा है जिस पर अगर आप होवर करें तो आप देखेंगे टॉर सर्किट लिखा हुआ दिख रहा है अब सर अगर हम इस पर क्लिक करें तो यह मुझे बताएगा कि मेरा पैकेट किस तरीके से सर्वर तक पहुंच रहा है डब्ल्यू क्यूब टेक के तो आप देखेंगे मेरे ब्राउजर से निकलते ही वो एक यूनाइटेड किंगडम के सर्वर के जरिए पहुंचा स्वीडन के सर्वर के पास देन फिर से स्वीडन के सर्वर के पास जो कि डिफरेंट सर्वर है एंड देन लए कपटेक के पास यानी आपके और डब्ल्यू कपटेक के बीच में आपको तीन मीडिएट प्रोवाइड कराए जा रहे हैं एक ही टाइम पे जो आपके पैकेट को डब्लू कपटेक के सर्वर तक पहुंचा रहे हैं और वहां से रिप्लाई लाकर आपको दे रहे हैं तो ओबवियस सी बात है स्टूडेंट्स ये उस प्रोसेस को स्लो तो करेगी यानी हमारे इंटरनेट सर्विसेस जो है या वेबसाइट लोडिंग टाइम जो है वो स्लो तो डेफिनेटली होगा बट ये एक बहुत अच्छे लेवल की सिक्योरिटी दे रहा है और इसमें अगर हम ध्यान से देखें तो जो सबसे पहला सिस्टम हमें अलॉट करा गया है आप चाहे तो सर्किट चेंज कर सकते हैं मैं आप देखिए मैंने यहां पे क्लिक करके सर्किट फिर से चेंज करा है जितनी बार भी आप सर्किट चेंज करेंगे एक बात आप डेफिनेटली देखेंगे जो भी आपको पहला सिस्टम अलॉट करा जाएगा उस पहले सिस्टम में आपको एक गाज जरूर मिलेगा जरूरी नहीं है हर भाई यूनाइटेड किंगडम का ही हो फिलहाल कोइंसिडेंस ऐसा है कि हमें उसी का मिल रहा है बट सर हमें एक जो भी पहला सिस्टम मिलेगा वहां प हम एक गार्ड प्रोवाइड कराया जाएगा और इस ट का मतलब है कि सिस्टम को एक्स्ट्रा सिक्योर कर रखा है फायर वल कॉन्फिन कर रखी है ताकि इसको हैक करना या इस तक पहुंचना डिफिकल्ट हो जाए अब इसकी ओवरऑल वर्किंग को अगर हम बहुत ध्यान से समझे तो हमें टॉर किस तरीके से एनोनिमस रख रहा है देखते हैं सो सर टर क्या कर रहा है ये यूजर है यूजर ए है ना अब यूजर ए ने टॉर सर्विसेस को स्टार्ट कर दिया अपने सिस्टम में तो टर क्या करेगा सर उसे एक सिस्टम अलॉट करेगा देन इको सिस्टम अलॉट करेगा एंड इको सिस्टम अलॉट करेगा यानी लेयर्स ऑफ सिस्टम्स अलॉट कर रहे है वो भी डिफरेंट कंट्रीज के और अलग-अलग जगहों के है ना और फाइनली हमारा पैकेट पहुंचता है एक सर्वर तक अब अगर इसने लिखा किसे से ये जाएगा सी यूजर के पास सी से जाएगा डी के पास ए डी से जाएगा यह सीधा हमारे फ के सर्वर के पास फ को किसका आईपी दिखेगा सर ओबवियस सी बात है जो डी यूजर था जो हमारा टर का थर्ड सिस्टम था केवल उसका आईपी एड्रेस विजिबल होगा फ उसको रिप्लाई करेगा वो रिप्लाई को फॉरवर्ड करेगा सी के पास सी करेगा बी को एंड बी लाएगा हमारे मेन यूजर यानी ए के पास अब इस प्रोसेस में ओबवियसली बात है मेरे पास तीन लेयर्स ऑफ आईपी एड्रेस है अलग-अलग कंट्रीज के जो सेकंड एंड जो पहली र आईपी की वहां पे सर स्पेशल गार्ड और लगा हुआ है जो एक्स्ट्रा सिक्योरिटी प्रोवाइड कर रहा है ताकि कोई भी इसको कंप्रोमाइज ना कर पाए या इसमें मलेशियन पैकेज सेंड ना कर पाए एंड इसी वजह से हमारे जो पैकेज है हमारे पास लेट आते हैं वो डिले लेते हैं एक टाइम लेते हैं बिकॉज सर अब हमारा पैकेज डायरेक्ट सर्व तक नहीं जा रहा है या एक मेडिएटर के जरिए सर्वर तक नहीं जा रहा है वो तीन सिस्टम से होकर सर्वर तक जाएगा और सर्वर से जब रिप्लाई लाएगा तो वो भी तीन सिस्टम से होते हुए आएगा तो ओबवियस सी बात है वो टाइम लेगा लेकिन स्टूडेंट्स ये जो लेयर्स ऑफ आईपी एड्रेसस हमें मिल रही है एक यन की तरह हमें एक बहुत अच्छे लेवल पे एनोनिमस रखने में मदद कर रही है मेरी कोई भी डिटेल गलती से भी यहां पे आईपी की तो शेयर नहीं हो सकती आई होप आप सभी को एक कंसेप्ट समझ आ गया होगा कि प्रॉक्सी के अंदर हम बहुत ट्रस्ट करते हैं ऑटोमेशन में टॉर सर्विस पे और इसकी मदद से हम बहुत अच्छे लेवल पे एनोनिमस भी रह सकते हैं सो स्टूडेंट्स आई होप आप सभी को आज का हमारा कांसेप्ट क्लियर हुआ होगा मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में थैंक्स फॉर वाचिंग दिस वीडियो