प्रस्तुति प्रस्तुति प् कैसे कहूं तुमसे कि तुम मेरे लिए क्या मांगा था जो रब से हाँ वो दुआ हो तुम तेरे बिना लगता नहीं दिल मेरा रह जाएगी कहानी मेरी अधूरी जो तू ना दिला मेरी बनोगी क्या, मेरी रहोगी क्या, पूछे दिल मेरा तुम से मेरी बनोगी क्या, मेरी रहोगी क्या, अब तो आतक लगी है तेरी ना ना है अदे तुम्हे करता नहीं शांद तारों के उशियां सभी खाहिश तेरी भूरी कर दूने अब जीना नहीं तेरे बेला संग रहना तेरे करीब मेरी भड़कं तुम्ही सासे भी बस कहता है तुमसे यही मेरी बदोगी क्या मेरी रहोगी क्या पूछे दुने आद तुम से यही मेरी बनोगी क्या मेरी रहोगी क्या बताओ तत्त रगी है तेरी मेरे सबसे खूब सूरत एहसास हो तुम कभी सोचो कितने खास हो तुम रह जा बंके मेरी तुझ कोई चारों ने सबाए कि तुझे से नहो हम जुदा मेरी बनोगी क्या