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डोपामिन और जीवन का संतुलन

वो एक चीज जिस पे आपकी पूरी जिन्दिगी डिपेंड करती है वो चीज सूर्या कुमार यादव के कैच के पीछे थी फिराट कोली के कमबैक के पीछे थी MSC की कामनेस का भी वही राज है और अर्जुन का फोकस हो या एडिसन के बल्ब की इन्वेंशन हो दोनों के पीछे वही कारण है ये वो चीज़ है जिसकी वज़े से कोई रोज जिम जाता है और कोई आलस में पढ़ा रहता है कोई फोकस के साथ अपना काम कर पाता है और कोई डिस्ट्रैक्टेड होकर पूरा दिन वेस्ट कर देता है आज की इस वीडियो को देखने के बाद आप ये फील करोगे कि आपको कुछ नया मिला है आपको एक सीकरेट मिल गया है आपको वो रास्ता मिल गया है जो दुनिया में कुछ ही लोगों ने समझा है मैं ये प्रॉमिस कर रहा हूँ कि आज की इस वीडियो के बाद आप अपनी हर आदत और हर एक्शन को अच्छे से समझ पाओगे आप अपने फोकस को मल्टीप्लाई कर पाओगे आपका अपनी इमोशन्स पे पूरा कंट्रोल होगा आप जादा खुश रह पाओगे आप जादा कमा पाओगे और आप खुद के साथ भी और दूसरों के साथ भी अच्छे से रह पाओगे अपनी जिन्दगी को एक री स्टार्ट दे पाओगे मैं आपके साथ एक 7 days challenge भी रहा हूँ, उस challenge को करते ही आप ये सारे differences अपनी life में feel कर पाओगे। अगर कोई ice cream या chocolate बेचने वाला आपको कहे कि वो ice cream या chocolate नहीं बेच रहा, बलकि वो dopamine बेच रहा है, तो आप हस पढ़ोगे। Topamine एक brain chemical है जिसकी वज़से हम कुछ करते हैं या कुछ नहीं करते हैं। हमारा mood, हमारी motivation और हमारी will power को ये control करता है। अब चाहे किसी लड़की का फोन नंबर लेना हो, पाटी करनी हो, अपनी पसंद की जगा पे घूमने जाना हो, चॉकलेट खानी हो, सोचल मीडिया पे रील्स देखनी हो, या फिर घंटो बैठ के पढ़ना हो, रोज जिम जाना हो, या फिर शांत मन से फोकस के साथ कुछ करना इसको ऐसे समझो कि हमारे दिमाग में कई वर्कर्स काम करते हैं और डोपामिन भी एक बहुत अच्छा वर्कर है पर वो यूनियन का लीडर है। तो जब भी हम कुछ मज़ेदार करते हैं डोपामिन को भी अच्छा लगता है और बहुत बढ़िया बहुत बढ़िया और वो पूरी फैक्टरी में शोर मचाता है कि देखो मज़ा आया कितना बढ़िया था एक और बार एक और बार और हम फिर से करते हैं वो और खुश होता ह और जब हम नहीं करते, तो वो परिशान हो जाता है, वो दुखी हो जाता है, वो नराज होकर बैट जाता है और बाकी workers को चुगलिया करता है। University of North Carolina के Professor Paul Phillips और उनके साथियों ने चुहों पर एक experiment किया। उन्होंने चुहों के brains में electrodes लगाए और एक controller के साथ dopamine release को control किया। जब electrodes activate किये गए, तो चुहों में dopamine release होने लगा। Researchers ने देखा कि चुहे, बिना थके, लीवर को घंटों तक प्रेस करते रहें। वो ना खा पी रहे थे, ना सो रहे थे, बस लीवर को प्रेस करने में बीजी थे। फिर साइंटिस्ट ने ये प्रोसेस रिवर्स कर दिया और डोपामेन रिलीज बंद कर दिया। हमारा दिमाग... डोपामिन के कारण अलग-अलग काम की priority सेट करता है। हम वो काम जादा पसंद करते हैं जिसमें डोपामिन जादा release होता है। ऐसे काम हम पहले करना चाहते हैं और जहां डोपामिन कम हो वो काम हम टालते रहते हैं या फिर उसको करने से बचते हैं। अब आप ये समझ पारे होगे कि exams के दिनों में क्यों हमारा mind सोचता था कि exams के बाद क्या करना है। क्यों लोग पांच दिन काम करने के बाद Friday को party करते हैं। और डोपामिन ही वो कारण है कि कुछ लोग रोज सुबह रणिंग करते ही करते हैं कुछ लोगों को अगर दिन में वो मेडिटेट नहीं करते तो उनको मज़ा ही नहीं आता अगर जिम में सजा है तो उनको अच्छा ही नहीं लगता क्यों कुछ लोग घंटो काम में लगे रहते हैं तो उनों तरफ कारण डोपामिन ही है मतलब हमारा पूरा दिमाग लॉजिक या रीजन से नहीं बलकि डोपामिन से चलता है इसी का एक next level भी है variable ratio reinforcement यह प्रिंसिपल कहता है कि जब रिवॉर्ड आन प्रेडिक्टेबल और इरेगुलर इंटरवल्स पर मिलते हैं, मतलब जब हमें पता नहीं होता कि इस बार रिवॉर्ड मिलेगा या नहीं मिलेगा, कोई फिक्स्ट इंटरवल नहीं होता, तो हम और ज़ादा इंक्लाइन होते हैं, और लोगों की जमीने जायदा चले जाती है इस टोपामिन के चक्कर में अब एक बहुत मज़ेदार ग्राफ से ये समझते हैं कि कौन-कौन सी एक्टिविटी है जो आपके ब्र कितना डोपामिन रिलीज होता है डोपामिन का बेस लेवल अगर 100% है तो अलकोहल लेने पे ये 140% हो जाता है पसंद का खाना खाने में ये 150% सेक्स के दुरान 200% और ओरगाजम के टाइम पे 350% 500% लॉटरी जीतने पर 800% और कुछ ड्रग्स ऐसे हैं के 1000% 1300% अब आप कहो कि क्या बात है, 1000%, 1300%, लेकिन जरूरत से ज़ादा डोपामिन जब रिलीज होता है, वो भी खतरनाक होता है। क्योंकि उसके बाद हमें नॉर्मल चीजें बोरिंग लगनी शुरू हो जाती हैं, और हमारे हेल्थ कंसर्न बढ़ने शुरू हो जाते हैं। जब डोपामिन लेवल लो होता है, मूड खराब रहता है, यादाश कमजोर होती है, चलने उठने का मन नहीं करता, कुछ केसिस में स्यूसाइडल भी फील हो सकता है। 20 units पर हम hyperactive हो जाते हैं, 140 units पर हम aggressive हो जाते हैं, 165 units पर hyper sexuality, 250 units पर rapid breathing, 330 units पर तो hallucination शुरू हो जाती है, 400 units पर seizures हो सकते हैं, 470 units पर heart attack आ सकते हैं, और 500 units के case में death भी हो जाती है. अब बात करते हैं dopamine regulation की.

अब अगर हम इंटरनेट पर जाएंगे तो हमें कई सारी वीडियो मिल जाएंगे कि डोपामिन कैसे बढ़ाएं, दिमाग में डोपामिन के फाउंटेन खोलें, डोपामिन बढ़ाने के 10 तरीके, 15 तरीके, लेकिन आप ये समझो कि अगर डोपामिन बढ़ भी गया तो उसका क तो वो उस चोरी को अंजाम दे देगा जो उसके thoughts में था। ऐसे आप किसी से बदला लेने की सोच रहे हो लेकिन आपने खुद को hold किया हुआ, आपका dopamine high है और आप कुछ ऐसा कर जाओगे, बोल जाओगे जो बाद में आपको regret देता है। लेकिन वो भेडिया है, वो पाल तो नहीं हो सकता। वो खतरनाक पड़ोशी के लिए है या नहीं, पर वो आपके लिए खतरनाक है, वो आपको मार के खा जाएगा। मेरे पास recently मेरे client आये थे, जिनके साथ COVID में यही हुआ था, COVID में उनका business बंद हो गया, उनके पास capital पड़ी हुई थी, कोई उनके पास आया, उसने उनको कोई interviews दिखाया, कि चीजे दिखाया, पूरी imagination दिखाया, dopamine hit हुआ, imagination में चले कि सोचने की शक्ती कम हो गई, अपनी सारी saving उसमें लगा दी और नुकसान कर लिया, तो dopamine basically आपका servant जरूर है, पर यह ऐसा servant है जो आपको कभी रोकता नहीं है, लेकिन डोपामीन रोकेगा नहीं वो ऐसा सर्वेंट है जो कहेगा बॉस और खेलो ना और मजाएगा अगर आप पॉन देख रहे हो और आपका डोपामीन लेवल बढ़ रहा है तो ये सर्वेंट कहेगा और देखो डू इट मोर, डू इट मोर, मोर, आई वांड मोर चाहे उसके लॉंग टर्म नुकसान है लेकिन ये सर्वेंट आपको इमिजट प्लेजर देता है पतलब डोपामीन खुशी के जूठे वादे करता है लेकिन आपके सपने आपसे चीन लेता है डोपामिन को रेगुलेट करके आपकी इंटेलिजेंस कैसे बढ़ जाती है, आपकी थिंकिंग कैसे और क्लेयर हो जाती है, आपका ब्रेन एक औरकेस्ट्रा है, और औरकेस्ट्रा में कई मिजुशियन्स हैं, जो अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट बढ़ाते हैं, यह मिजुशियन्स एक तरह के डिफरेट कॉगनिटिव फंक्शन्स को रि� लेकिन अगर ये सब मुजीशन्स अपने अपने तरीके से अपनी अपनी पेस पे इंस्टुमेंट बजाएंगे तो कोई हार्मनी नहीं बनेगी। म्यूजिक नहीं बनेगा, गडबड बन जाएगी। इस ओर्केस्ट्रा को प्रॉपरली फंक्शन करने के लिए एक क एक कंडक्टर की तरह काम करता है कंडक्टर का काम होता है सब मिदिशन को सिंक्रोनाइज करना उन्हें प्रॉपर टाइमिंग और रिदम देना ताकि ओर्केस्ट्रा एक मेलोडियस्ट म्यूजिक क्रेट करें एक हार्मोनियस्ट म्यूजिक क्रेट करें पिलकुल इसी तरह से क्योंकि डोपामीन वो कंडक्टर है जो सबको रेगुलेट करता है तो डोपामीन एक कंडक्टर है, कंडक्टर का रोल अगर कम होगा तो क्या होगा हम confused रहेंगे, distract होंगे, हमारा चीजे करने का मन नहीं करेगा लेकिन यही डोपामीन अगर आज हमने regulate कर लिया तो हम attention के साथ, focus के साथ चीजे करते जाते हैं, हम give up नहीं करते हमें rewards मिलते जाते हैं और हम अपने results तक पहुंच जाते हैं अब आते हैं present reality में कि अक्शल में हम सब की जिंदगी में क्या हो रहा है आपको पता है कि ये डोपामीन की लड़ाई सिर्फ आपकी खुद के साथ नहीं है बल्कि बड़ी-बड़ी कंपनीज के साथ है क� एक टेंपल देता हूँ, जैसे किसी को ओरेंज जूस बहुत पसंद है या फ्रूट सैलेड बहुत पसंद है, लेकिन फ्रूट सैलेड की या ओरेंज जूस की उस लेवल की क्रेविंग नहीं होती, जितनी जंग फूड की क्रेविंग होती, ऐसा क्यूं? क्यूं कि फूड कंपनी अपने प्रोड़क्स के अंदर सॉल्ट, सुगर और फैट का ऐसा कॉम्बिनेशन बनाते हैं कि आपके डोपामिन लेवल को स्टिमुलेट करें और आपका बार-बार उसको खाने का मन करें, साइकॉलो ब्लिस पॉइंट तक पहुंचे ब्लिस पॉइंट क्या है वह लेवल जहां पर डोपामेन हिट होगा और लोग बार-बार खाएंगे और जब मोबाइल एप्स केमिंग एप्स सोशल मीडिया नेटवर्क करते हैं रिसर्चर्स की टीम होती है कि कैसे आप ऐप पर ज्यादा तो अलग-अलग चीजें करते हैं नया पंद देने की कोशिश करते हैं इसलिए रियल जाए स्टोरी जाए कि आपको नई चीजें मिलती रहे वह याद है न वेरिएबल रेशियो रीनफॉर्समेंट इनको पता है कि आपको कैसे वीडियोस जाते हैं और ऐसी डोपामेन स्टिमुलेशन का हमारे दिमाग को नुकसान होता है इनको पता है इसलिए टेक चायंट्स टीव जॉब्स बिल गेट्स इन्होंने अपने बच्चों को बच्चपन में फोन से दूर रखा। एक अर्बो खर्बो रुपई की एडवाइस दे रहा हूँ, ध्यान से सुनना जो बोलने वाला हूँ। आज की डेट में सक्सेस्फूल होना मुश्किल नहीं हो रहा, आसान हो रहा है। मज़ॉरिटी दुनिया डिस्ट्रैक्टिड है, मज़ॉरिटी दुनिया कंफ्यूस हो पड़ी है, डम हुई पड़ी है, कुछ भी खा रही है, कुछ भी देख रही है, सस्ते टेकनोलोजिकल, बैलेजिकल और साइकोलोजिकल नशे में बीजी है। लिए देखना लगातार स्टिमुलेट करती है बैक टो बैक वेब सीरीज देखना मोबाइल गेम्स करना और कुछ होती है लोग स्टिमुलेटिंग एक्टिविटीज मीनिंगफुल बातें करना कोई स्किल डेवेलप करना अपने गोल्स के लिए परफेक्ट करना अब एक सिंपल सी एग्जेंपल आपको एक्सप्लेइन करो खुद सोचना अगर एक शेर है उसके बगल में शिकार पड़ा होता है कोई चीज आसानी से मिल जाती जो उसको चाहिए जो उसको चाहिए उसको मिल गया तो कितना भी इसलिए पहला स्टेप क्या है कि हमें easy और non-useful dopamine के जानसे में नहीं आना। मैं ये नहीं कहा रहा हूँ कि life को boring कर लो, phone ना देखो, मस्ती ना करो, party ना करो। इसका मतलब है कि सब चीजों को experience करो, लेकिन वो आपकी आदत ना बने। मतलब आपकी choice से हो, आपकी need से ना हो। बात बात पर डिस्ट्रैक्ट हो जाते होंगे, आज मुझे आपकी लाइफ को मीनिंगफूल बनाना है, बस इतनी सी बात है, और ये मीनिंगफूल कैसे बनेगी, अगले दो चेप्टर के साथ बनेगी, पहले हम डोपामिन डिटॉक्स को समझेंगे, कैसे आपको पहले ये जो आगे बढ़ने से पहले, मैं आपका एक मिनिट लेना चाहूँगा और आपको अपनी वर्कशॉप के बारे में बताना चाहूँगा। इस वर्कशॉप में हम आपकी कंफूजियंस को क्लारिटी में बदलते हैं, आपके फियर को कॉंफिडेस में बदलते हैं और आपके प्रिचिट्स प्लेटी है टूल्स मिलते आपने गोल सेट करते आपने विजन सेट करते हो आपने लाइफ का एक्शन प्लान रखते हैं और अपनी लाइफ को ट्रांसफॉर्म कर पाते हो और सिर्फ इतना ही नहीं आप एक ऐसी कमिनिटी का पार्ट रखते हो जिसमें आप हमेशा इंस्पायर्ड रोख खुद को ट्रेन करते रहो और मुझे अपनी वर्कशॉप्स पर पूरा कॉन्फिडेंस है इसलिए हमेशा की तरह मनी बैक गरेंटी है डिटेल्स के लिए आप नीचे डिस्क्रिप्शन में लिंक पर क्लिक कर सकते हैं और आपका बहुत पॉपुलर है जो में आदत पड़ गया बार-बार खुद को डोपामिन हिट देने की डोपामिन डिटॉक्स का मतलब है कि खुद को कि इस साइकिल से एक बार के लिए बाहर लेना एक बार के लिए ब्रेक लगाकर अपने आपको फोकस करना अपनी लाइफ को रिसेट करना सो देट आपकी प्रोडक्टिविटी आपका फोकस आपकी मेंटल वेलबींग और लाइफ के बाकी सब एरियास ग्रो कर जो बार-बार आपको आवाज दे रहा है, वो 80 बिलियन निरॉन्स आपके दिमाग के उस reward को पकड़ के बैठे हैं, जो बार-बार आपको आवाज देते हैं, देखना Instagram, देखना, अरे Snapchat चला ना Snapchat, अब जब भी आप इससे लड़ने की कोशिश करते हो, आप हार जाते हो, क्योंकि आपका subconscious mind, आपके conscious mind से कई गुना ज़्यादा powerful है, तो आप उससे जीत नहीं पाते, तो करना क्या है, वो करना है, जो विराटकोली ने भी किया, आज तो कहते हैं कि मुझे टेस्ट से फरक नहीं पड़ता, वो बॉयल्ड खाना खाते हैं, स्टीम्ड खाना खाते हैं, बड़े पर्टिकुलर है डाइट को लेके। लेकिन एक टाइम ऐसा था, 2012 तक जब वो कुछ भी खाते थे, जो सामने आया खा लिया, एक दिन में दस दस टॉफी खाते थे, इवन आईपेल के दौरान। विराट ने अपने एक इंटरवियो में बताया था कि जब 2012 में उन्होंने आईपेल में परफॉर्म नहीं किया, उसके बाद उन्होंने अपने अपको क्लोजली अब्जर्व किया, अनलाइज किया, उन्होंने देखा कि कैसे कुछ भी काने की आदत उनको पॉ कैसे यह आदत उनको खतम कर देगी, कैसे यह आदत उनके सारे करियर को बरबाद कर देगी, तो आपको क्या करना है, आपको अपनी उस आदत के negative rewards देखने शुरू करने, उसके साथ जुड़ी pain देखने शुरू करनी है, अगर आपको बार-बार mobile देखने की आदत है, यह shopping की addiction एंड क्या होगा क्या चैलेंज आएंगे क्या नुकसान होंगे क्या बीमारी होंगी कितना बुरा होगा तो जैसे आप अपने रिवार्ड की जगह पेन देखना शुरू कर दोगे तो आपका जो डोपामिन है वो एक ऐसा काम करेगा जिसको न्यूरॉन प्रूनिंग कहते हैं अब आपके न्यूरॉन को जो नेटवर्क बना हुआ जो आदत के साथ आपकी एसोसिएशन बनी हुई जो आप शुरू में ये टाफ होगा, आपके निरोन्स आपको लालच देंगे कि कर, लेकिन आप बार-बार पेन याद करोगे। निरोन्स के केस में अगर पेन और प्लेजर की ऑप्शन है, तो निरोन्स पेन को ज़्या� आपके एक नई नई जॉब लगी, बड़े महीनों के बाद आपकी जॉब लगी, आप एकसाइटेड हो लेकिन आप आफिस जाने में लेट होगे, आपका आफिस का पहला दिन और आप लेट, आप भागते आफिस जा रहे हो, तेजी से आफिस पहुंच रहे हो, रश कर रहे ह पेन को देखना हो जाएगा इसी तरह से जब विराट कोली को नजर आया जब उन्होंने लिंक किया कि जो मैं खा रहा हूं जो मैं एक लेयर दस एक लेयर दोस्त खा जाता हूं या कुछ भी जंग खा जाता हूं इसका नेगिटिव क्या है वो पेन इतनी बड़ी है कि मेरा प� और lifestyle follow कर पा रहे हैं second step emotional surges आपने ऐसे कई लोग देखे होंगे कि कपड़ों की दुकान देखी तो रुका नहीं गया कुछ shopping तो कर ली restaurant देखा food joint देखा खुश्बो है मन कर गया खा लिया ice cream parlor देखा control नहीं हुआ वो एकदम से वहाँ पहुंच जाते है क्योंकि उनके अंदर एक emotional surge पैदा होता है emotional surge मतलब emotions इतने हावी हो जाते है कि intelligence काम नहीं करती सबकी emotional surges अलग-अलग हैं, लेकिन हमें हमारी emotional surges पता होनी चाहिए। पता करने का क्या तरीका है, एक बार शांती के साथ, खुद के साथ बैठो। बैठो और सोचो कि कौन-कौन सी situations होती हैं, जहां मैं control नहीं कर पाता, जहां मेरे अंदर emotional surge पैदा होती है, वो कुछ भी हो सकता है, वो coffee की तलब हो सकती है, वो beer पीने का मन हो सकता है, वो cigarette हो सकती है, वो pawn की लट हो सकती है, वो phone देखने की आदत हो सकती है, आपको अपनी emotional surges पता होनी चाहिए। अब जब आपको आपकी emotional surges पता होंगी, मानलो आपको पता है कि यार junk food देखके या सामने TV पे ad आता है तो मैं control नहीं कर पाता, अब ऐसे में आपको क्या करना है, आपको pattern breathing करनी है, pattern breathing क्या है, 5-10 मिनित एक गैरी सांस लो, इसको मैं ऐसे समझाओं तो एक deep inhale करो अपने नाग क्योंकि emotion में जब आप होते हो तो आपकी body में भी एक anxiety पैदा होती है, आप एकदम से action लेने की करते हो, आपको तब तक satisfaction नहीं मिलती, जब तक आप action नहीं लेते, लेकिन ये 10 minute की breathing अगर आपने कर ली, तो आपको नजर आएगा कि आपकी emotional surge खतम होगी, आप rationally चीजों के बा यही एक activity है मेरे पास करने के लिए, यही available है. For example, जब भी अकेले होते हैं, फोन निकाल लेते हैं. अब mind को लगता है, यही एक option है मेरे पास.

मालो आप office में बैटे हो, खाली हो, आपने फोन निकाल ले, इतने में आपका colleague आपको आके बताता है, कि office की तरफ से हम Goa की trip plan कर रहे हैं. आप फोन स्क्रोल करना शुरू कर दोगे वापिस, या फिर अब trip की discussion करोगे. आप ट्रिप की प्लानिंग करना शुरू कर दोगे क्योंकि आपके पास दूसरी ज़ादा अच्छी एक्टिविटी है जिसने आपकी पहली कम अच्छी एक्टिविटी को रिप्लेस कर दिया है ऐसी चीजों में रिप्लेस्मेंट बहुत ज यह जा रहे हो एक जैसा कामी करते जा रहे हो तो आप लाइफ नहीं जी रहे हैं आप मशीन बन के जी रहे हो आपको मशीन बनना है कि जब खाली हो फोन निकाली है जब खाली हो फोन निकाली है ये लाइफ जी नहीं है तो क्या कर सकते हो आप assignment को replace कर सकते हो मतलब जब भी मैं यह जब भी मैं खाली होंगा ना तो मैं अपने पास e-book रखता हूँ, मैं e-book पढ़ना शुरू कर दूँगा, आपकी knowledge बढ़ेगी. ऐसा करने से आप अपने mind के patterns को break करते हो, उसको कुछ नया और better देते हो, आपका mind और strong, और clear होता है.

अब dopamine detox के तीन steps तो आपको clear हैं, और मैं यह मानता हूँ कि आदी life ना हमारी awareness से ही बदल जाती है. अब आपको पता है कि यह apps आपका कैसे नुकसान कर रही हैं, food companies क्या कर रही हैं, कैसे negative rewards के साथ negative pruning करनी हैं. अपने असाइनमेंट्स रिप्लेस करनी है इमोशनल सर्जी को कंट्रोल करना है अब आगे चलते हैं कि इस डोपामिन से हम फायदा कैसे ले सकते हैं तो हम समझेंगे कि कैसे नैचुरली इसको एक्सपीरियंस करना है कुछ चीजें आपको बताऊंगा उसके बाद हम सेवन डेज के चैलेंज को डिस्कर्स करेंगे जो आपकी लाइफ को रिसेट करेगा पांच चीजें आपके साथ शेयर करने वाला है सबसे पहला है गोल्स जिन लोगों के पास बड़े गोल्स होते हैं ना कोई बड़ा पैशन होता है वह कोबे ब्राइंट की बात करूँ तो वो अपने काम को लेके इतने सीरियस थे, उनका वर्क एथिक एकदम लिजेंडरी था। हाई स्कूल में ब्राइंट सुबह 5 बजे प्रैक्टिस शुरू करते थे और शाम के 7 बजे तक करते रहते थे। और अपने टीम्मेट्स के साथ वो वन ओन वन गेम्स खेलते थे जो 100 पॉइंट्स तक जाते थे। कि जब बैंगलाओर में माही भाई से मिला था तो उन्होंने बताया था कि वह अपनी फोन की यूजेज पर मिनिमल रखते हैं और वह जूनियर्स को दूसरे टीम प्लेयर्स को भी यही एडवाइज करते हैं क्योंकि लाइफ में बड़े गोल्स के साथ जोड़ो कि आज इस चीज पर काम करना है अब यह चीज करना उसके बाद यह करना है उस गेम को इंजॉय करो और कहीं पहुँचो दूसरे पॉइंट में मैं स्काय की एग्जेंपल दूँगा अभी वर्ल्ड कप फाइनल में जब मैंने देखा सूर्या कमार यादव का वो कैच मेरे माइंड में आया कि भाई ये एक स्पॉंटिनिटी है ये एक प्रेजेस आफ माइंड है हाई प्रेशर मैच है नीचे बाउंडरी लाइन है पैर अंदर बाहर पॉल हवा में वापिस पकड़ना इसके पीछे जरूर कोई होमवक है और मैंने समझा कि उनकी लाइफ कैसे बदली सकाई कई सालों से अच्छा खेल रहे थे लेकिन नैशनल टीम में सिलेक्ट नहीं हो रहे थे। वो अपनी गेम को नेक्स लेवल पर लेके जाना चाहते थे। तब उनकी वाइफ और वो बैठे, उन्होंने एक डीब डिसकशन करी कि कैसे वो अगले लेवल पर जा सकते हैं। सूर्य कुमार को लगा कि भाई कुछ दिन ये चेप्टर भी ट्राइ करते हैं, उन्होंने कुछ दिन मेडिटेशन ट्राइ करी, और उनको इतना बेनिफिशल लगा कि तब से उन्होंने अपना मॉर्निंग रूटीन बना लिया हर रोज मेडिटेट करने का, और कई बार, दिन जिसकी वज़े से आप high pressure situations में भी anxious नहीं होते, एक right decision ले पाते हो। So अपने dopamine को regulated रखने के लिए mindfulness practice करो, और उसके लिए best थरीका है meditation.

Diet का इसमें बहुत important role होता है, मैं nutritious नहीं हूँ, इसलिए आप अपनी body के हिसाब से देखो, लेकिन वो एकदम से peak करती हैं, लगता फॉर एक्सेंपल अगर आप एलकोहल के साथ डोपामीन इंक्रीज करते हो एकदम तो फील्ड गुड़ाएगी लेकिन बाद में आप क्रैश करते हो इसी तरीके से अगर आप बहुत ज्यादा कैफीन लेते हो कॉफी लीटी लेकिन आपको कि मिली लेकिन फिर डांस करना सुबह उठकर रणिंग करना या फिर योगा करना जब भी आपकी बॉडी इस तरह की मूवमेंट करती हैं तो आपका डोपामिन रिलीज होता है इसलिए फ़र एजेंपल अगर मैं अपनी बात करूँ तो जब सुबह उठके मैं रणिंग शूज पैन रहता हूँ तभी फील गुड आनी शुरू जाती है या जब जिम के लिए रडी हो रहा होता हूँ इन्होंने समझा, टाइम लगाया रितेश अगरवाल को भी डोपामिन चाहिए, कैसे डोपामिन मिली, वो मेशा कुछ ना कुछ नया सीखते गए। और यही चीज मैं हर entrepreneur की जर्नी में देखता हूँ, हर successful इंसान की जर्नी में देखता हूँ, हर extraordinary mindset की जर्नी में देखता हूँ, कि वो अपने दिमाग को busy रखते हैं कुछ ना कुछ नया सीखने में, उसी में उनको उस डोपामिन की hit मिलती है। तो यह choice यह decision कि हमें अपने डोपामिन को किन activities से link करना है। किन चीजों से हमें इंस्पायर होना है, किन चीजों से मोटिवेट होना है, कैसा हमें लाइफस्टेल बनाना है, यह आपकी पूरी जिन्दगी बदल देता है, आपकी हैबिट्स, आपके एक्शन्स, आपके रिजल्ट्स को बदल देता है। लेकिन मैं एक आस्क रख सकता हूँ आपसे, कि सेवन डेश देखो, सेवन डेश फ्राइ करो, खुद को सेवन डेश दो, कि जो हिमीश भाई ने कहा, लेट्स डू इट फर सेवन डेश, साथ दिन के लिए अपने डोपामिन डिटॉक्स पे काम करो। जो चीजे आप छोड़नी चाते हों, उनके negative rewards को deeply सोचो, अपने emotional surges को लिखो और उन पे काम करो, अपनी assignments को replace करो, और ये जो कुछ चीजे मैंने आपको last में बताई हैं, उनको अपनी life का 7 days के लिए part बना के देखो, एक्जेंपल दे रहो, अगर फोन की बहुत ज़ादा आदत है, तो log out कर दो ना सारी apps, use करो, पाइदा लो, कुछ दिर निकालो, लेकिन जब use करना है, तब उनको login कर लो, है तो इस तरह के एक्शन स्टेप्स आपको बनाने होंगी अभी वीडियो खत्म करते ही कुछ टाइम निकालो लिख लो स्ट्रैटेजी बना लो यह सारा टाइम जो अपने इस वीडियो पर इन्वेस्ट किया है वह वेस्ट ना हो जाए सिर्फ डोपामेन जा रहा है उसके बाद आप इतने इंटेलिजेंट हो कि इन सारी चीजों को इन सारे पॉइंट को अपने कैसे यूज करना है आप अपनी स्ट्रेटेजी खुद बना पाओगे, साथ दिन मेरे कहने पे करो, उसके बाद आप खुद अपने कहने पे कर पाओगे, I hope मेरी वीडियो और एफ़र्ट्स आपके काम आती हैं, मैं इसी तरह से आपके सफर में हमसफर बन के साथ निबाता रहूंगा,