इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट को समझने से पहले हम समझेंगे कि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी क्या होती है देखिए इंटेलेक्चुअल का मतलब होता है द पर्सन एबिलिटी टू अंडरस्टैंड टू थिंक टू क्रिएट न्यू आइडियाज कोई भी क्रिएशन हो कोई भी क्रिएशन हो उसकी शुरुआत जो है एक आईडिया से शुरू होती है यानी कि आपको कोई प्रोडक्ट बनाना है तो सबसे पहले आपके माइंड में आईडिया आएगा और उस आईडिया के बेसिस पे जो है फिर आप जो है कोई प्रोडक्ट को क्रिएट करते हो तो कोई भी क्रिएशन जो है उसकी शुरुआत आईडिया से से होती है जैसे कि कि ग्राम वेल ने जो है टेलीफोन को इन्वेंट किया तो सबसे पहले उनके दिमाग में आईडिया आया होगा उस आईडिया के बेसिस पे उन्होंने जो है टेलीफोन का आविष्कार किया लाइट बल्ब थॉमस एडिसन ने जो है लाइट बल्ब का इन्वेंशन किया इसी तरीके से बहुत सारे बुक्स जो है राइटर्स लिखते हैं अलग-अलग राइटर्स ऑथर्स होते हैं जो कि बुक्स लिखते हैं तो वो उनके क्रिएटिव आइडियाज होते हैं वो उनकी इंटेलेक्चुअलिटी होती है जैसे कि चेतन भगत का नाम आपने सुना होगा तो उन्होंने बहुत सारे अच्छी-अच्छी नोवेल्स जो है वो बुक्स जो है उन्होंने लिखी है पेंटिंग्स में मोनालिसा की पेंटिंग जो है फेमस है सोंग्स बहुत सारी म्यूजिक डाय कक्टर को देखते होंगे कि जो अलग-अलग अपने-अपने उनकी क्रिएटिव आइडिया के बेसिस पे लोग जो है अलग-अलग म्यूजिक जो है वो वहां पर क्रिएट करते हैं आपने देखा होगा कि बहुत सारे सोंग्स होते हैं और सारे सोंग्स अलग होते हैं सभी सोंग्स की लिरिक्स सभी सोंग्स के न जो है वो डिफरेंट होते हैं यानी कि ये क्या है क्रिएटिव आइडियाज हैं डिफरेंट पीपल्स की उनकी इंटेलेक्चुअलिटी है जिसके बेसिस पे आपको नए-नए सॉन्ग्स जो है वहां पर सुनने को मिलते हैं सिंबल्स नेम इमेज डिजाइन जो डिफरेंट कंपनीज यूज करती हैं तो अलग-अलग ब्रांडेड कंपनीज देखिए तो उनका नाम उनका लोगो उनका साइन उनका कलर कॉमिनेशन सब कुछ क्या होता है व होता है ये सब क्या है ये सब ह्यूमन क्रिएटिविटी और ह्यूमन के स्किल्स का प्रोडक्ट है क्लियर यानी कि ह्यूमन के अंदर ये कैपेसिटी होती है कि वो सोच सकते हैं वो समझ सकते हैं उनके अंदर ये क्रिएटिविटी होती है स्किल होता है जिसका यूज करके वो डिफरेंट डिफरेंट चीजें इन्वेंट करते हैं डिफरेंट बुक्स डिफरेंट पेंटिंग सॉन्ग सिंबल ये सब सारी चीजें जो है वो क्रिएट करते हैं तो ये जो ह्यूमन बीइंग अपना दिमाग यूज करके डिफरेंट डिफरेंट चीजें क्रिएट कर रहा है उसी को हम क्या कहते हैं इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी कहते हैं तो इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी रेफर्स टू द प्रोडक्ट प्रोडक्ट ऑफ ह्यूमन माइंड यानी कि ह्यूमन माइंड का यूज करके जो चीजें क्रिएट कर रहा है ह्यूमन उसी को हम क्या कहते हैं इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी कहते हैं आपने कहीं पर कोई जमीन खरीदा या फिर कोई आपने फ्लैट परचेज किया या फिर आपने कोई गाड़ी परचेज की तो उस गाड़ी के उस जमीन उस फ्लैट के ओनर कौन हो जाते हैं आप हो जाते हैं अब वो आपकी प्रॉपर्टी हो गई क्लियर क्योंकि आपने उसको परचेज कर लिया तो इसी तरीके से जब आप कोई खुद का माइंड यूज करके खुद कुछ नया क्रिएट करते हैं जैसे कि आपने कोई बुक लिख दी कोई आपने सॉन्ग क्रिएट किया कोई आपने सिंबल बना दिया या फिर कोई आपने इवेशन कर दिया तो वो अब आपकी प्रॉपर्टी हो गई है तो इस टाइप की प्रॉपर्टी को हम इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी कहते हैं तो जैसे अदर प्रॉपर्टी को जो है आप रेंट पे या फिर उसको किसी और को दे सकते हो या फिर उसको सेल कर सकते हो जैसे आपने कोई फ्लैट परचेज किया तो आप चाहो तो उसको जो है किसी और को रेंट पे दे सकते हो आपने कोई खेती की जमीन है तो आप उसको लीज पे दे सकते हो किसी को आपके पास कार है तो आप उसको दूसरे को बेच सकते हो तो उसी तरीके से इस इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी को भी जो है आप किसी और को रेंट कर सकते हो दे सकते हो बेच सकते हो जैसे जैसे कि आपने कोई बुक लिखी तो उस बुक का कोई कंटेंट अगर कोई और यूज करना चाहता है तो वो आपके पास आएगा वो आपसे जो है आपको पैसे पे करेगा और आपसे राइट लेगा और वो जाके आपके बुक का कंटेंट यूज कर सकता है आपने कोई म्यूजिक क्रिएट किया आपने कोई जो है इन्वेंशन किया है तो उसको अगर यूज करना है तो वो आपसे जो है आएगा परमिशन लेगा आपको उसके बदले कुछ ना कुछ फाइनेंशियल बेनिफिट प्रोवाइड करेगा और फिर वो जो है आपकी उस प्रॉपर्टी को यूज कर सकता है क्लियर तो इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी का यहां पर कहने का मतलब है कि आपने अपनी क्रिएटिविटी अपने स्किल अपने माइंड का यूज करके जो भी चीजें क्रिएट की है कोई इन्वेंशन किया कोई बुक लिखी कोई सोंग्स लिखा है तो वो चीज आपकी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी कहलाती है जैसे कि फेमस बुक है जंगल बुक तो जंगल बुक के राइटर कौन है रोड यार्ड किपलिंग तो ये जो है जंगल बुक बुक के ओनर हैं और अगर किसी को भी जंगल बुक का कंटेंट यूज़ करना होगा तो सबसे पहले रोडिड किपलिंग का वहां पर उनको परमिशन लेना पड़ेगा बिना परमिशन के बिना अथोरा के अगर वह जंगल बुक के कंटेंट को यूज़ करते हैं कहीं पर भी तो उनके ऊपर लीगल एक्शन लिया जा सकता है इसी तरीके से डिफरेंट ब्रांड के नेम देखते हैं डिफरेंट ब्रांड के लोगो देखते हैं जैसे हो गया तो प्रॉपर्टी होता है अब जैसे कि आपने कोई कार परचेज किया या फिर आपने कोई फ्लैट परचेज किया तो वहां पे क्या होता है कि वहां पे आप उसकी रजिस्ट्री करवाते हो कार का रजिस्ट्रेशन करवाते हो फ्लैट की रजिस्ट्री करवाते हो ऑफिस में जाकर तो वहां पर वो जो रजिस्ट्री होती है फिर जो रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट होते हैं वो प्रूफ होता है कि हां अब आप उस कार के या फिर उस फ्लैट के मालिक हैं और आपने उसको पर्टिकुलर रुपए देकर किसी पर्सन से परचेज किया है यानी कि आपके पास एक प्रूफ होता है कि आप इस कार के मालिक हैं और उस कार को अगर कोई और यूज करेगा तो आप उस परे जो है लीगल एक्शन ले सकते हैं आप किसी पर्टिकुलर जमीन के फ्लैट के मालिक हो गए हैं आपने रजिस्ट्री करवा ली आपके पास प्रूफ है और अगर उस फ्लैट को उस उस जमीन को कोई और यूज़ करता है तो आप उसके अगेंस्ट लीगल एक्शन ले सकते हैं तो तो सिमिलरली जैसे कि आप फिजिकल प्रॉपर्टी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाते हो उसी तरीके से इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी पे राइट पाने के लिए यानी कि यह आप ही का क्रिएटिव स्किल का यूज़ करके आपने कोई बुक लिखी कोई म्यूजिक लिखी है यह आप ही का है उसके लिए आपको रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है तो आपको जो है पैटेंट वाली डिपार्टमेंट में जाना होगा जैसे ipindia.gov.in है या फिर copyright.gov.in इ है तो यहां पर जाके आपको अपने इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रेशन करवानी पड़ती है और जब आप रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं तो वहां पर आपको एक राइट मिल जाता है कि बिना अब आपसे पूछे आपकी बुक आपका म्यूजिक आपका सॉन्ग आपका साइन सिंबल कोई और यूज़ नहीं कर सकता है तो उसी राइट को हम क्या कहते हैं इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट यानी कि आपने कोई बुक लिखी आपने उसको रजिस्ट्रेशन करवा लिया तो अब जो है उस बुक को आपके बगैर आपसे बिना परमिशन लिए कोई और यूज़ नहीं कर सकता है तो इस राइट को हम कहते हैं इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट क्लियर तो इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट क्या हो गया आर दी राइट्स गिवन टू पर्सन ओवर दी क्रिएशन ऑफ देयर माइंड यानी कि जब कोई पर्सन अपने माइंड का अपने क्रिएटिव स्किल का यूज़ करके कोई क्रिएशन करता है कोई चीज लिखता है बुक म्यूजिक साइन सिंबल बनाता है इन्वेंशन करता है तो उसके लिए जो उसको राइट दिया जाता है उसी को इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट कहा जाता है और यह जो राइट होता है यह कुछ स्पेसिफिक टाइम पीरियड के लिए होते हैं दे यूजुअली गिव द क्रिएटर एन एक्सक्लूसिव राइट ओवर द यूज़ ऑफ हिज और हर क्रिएशन फॉर अ सर्टेन पीरियड ऑफ टाइम तो कुछ टाइम पीरियड के लिए जो आपको यहां पर ये राइट्स दिए जाते हैं यानी कि परमानेंट नहीं होते हैं जैसे कि पैटेंट की बात करें ए पैटेंट प्रोटेक्ट्स एन इन्वेंशन फॉर 20 इयर्स आफ्टर व्हिच इट कैन बी फ्रीली यूज्ड यानी कि आपने कोई इन्वेंशन किया और आप उसके लिए पैटेंट लेने जाते हो तो जब आपको पैटेंट मिलेगा तो उस डेट से 20 साल तक वो सिर्फ आपके पास रहेगा यानी कि उसपे आपका राइट रहेगा उसको कोई और बिना आपके परमिशन के यूज नहीं कर सकता है और जैसे ही 20 साल कंप्लीट होंगे फिर वो पब्लिक डो डोमेन में आ जाएगा कोई भी उसको जो है यूज़ कर सकता सकता है क्लियर इसी तरीके से द टर्म ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ अ डिजाइन इज वैलिड फॉर अ 10 इयर्स व्हिच कैन बी रिन्यूड फॉर फर्द फाइव इयर्स आफ्टर एक्सपाइरेट्री किया है आपने कोई यूनिक डिजाइन क्रिएट किया है तो उसके लिए भी जो है आप रजिस्ट्रेशन करवा सकते हो जहां पर आपको 10 साल का राइट मिलेगा यानी 10 साल तक उस डिजाइन के मालिक आप होंगे उसके बाद आप चाहे तो 5 साल के लिए एक्स्ट्रा रिन्यू करवा सकते हैं क्लियर तो आईपी आर प्रोटेक्टेड थ्रू कॉपीराइट्स पैटेंट ट्रेडमार्क एट्स तो आई यानी कि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी जो है उसको अगर आपको प्रोटेक्ट करना है आपको उसके ऊपर राइट्स लेना है तो उसके लिए आपको जो है कॉपीराइट पैटेंट या फिर ट्रेडमार्क में रजिस्ट्रेशन करवाना होता है टू प्रोटेक्ट इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी इन इंडिया वन कैन अप्लाई टू द अथॉरिटी कंसर्न अंडर द गवर्नमेंट ऑफ इंडिया फॉर प्रोटेक्शन तो गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के अंदर जो है अथॉरिटी क्रिएट की गई है मिनिस्ट्री है डिपार्टमेंट है वहां पर जाक आपको जो है इस इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन करवाना होता है उसके बाद ही जो है आपको पर्टिकुलर राइट्स दिए जाते हैं आईपीआर इनेबल्स द क्रिएटर और ऑनर टू टू अर्न रिकॉग्निशन और फाइनेंसियल बेनिफिट बाय यूजिंग देयर क्रिएशन और इन्वेंशन तो आईपीआर के जरिए क्या होता है कि अगर आपने इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट ले लिया है तो अब जो है आपने जो भी चीज क्रिएट की है कोई भी चीज इन्वेंट की है तो आपको उसके लिए रिकॉग्निशन मिलेगा यानी कि आपका नाम भी होगा प्लस आप को उसके जरिए फाइनेंसियल बेनिफिट भी होगा नहीं तो आपने कोई म्यूजिक बनाया आपने कोई जो है मूवी बनाई और उस मूवी का क्रिएशन कोई और ले लेगा कोई और उसका जो है फाइनेंसियल बेनिफिट उठा लेगा लेकिन जब आप आईपीआर कर लेते हो तो उस मूवी का जो राइट होता है वो आपके पास होता है और उस मूवी को दिखाकर जो भी पैसे मिलेंगे वो उस परे आपका अधिकार होता है तो रिकॉग्निशन भी मिलेगी कि हां ये मूवी आपने बनाई है और प्लस उसको देखकर जो भी पैसा अर्न होगा उस पैसे पे भी आपका अधिकार होगा तो डिफरेंट लॉज हैं इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी को प्रोटेक्ट करने के लिए राइट्स प्रोवाइड करने के लिए डिफरेंट लॉज हैं जैसे ट्रेडमार्क एक्ट 1999 है पैटेंट अमेंडमेंट एक्ट 2005 है जो कि 1 जन 2005 से इफेक्टिव हुआ है कॉपीराइट के लिए कॉपीराइट एक्ट 1957 है तो ये जो डिफरेंट लॉज हैं ये इंडिया में है और यह जो है लॉज बनाए गए हैं जिससे कि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट को रेगुलेट किया जा सके और अगर कोई इसको वायलेट करता है तो उस केस में उसको क्या पनिशमेंट होगी वो भी वहां पर जो है इसमें डिसाइड किया जा सकता है तो दो इंपॉर्टेंट वेबसाइट हैं ipindia.gov.in एंड copyright.gov.in ये दो वेबसाइट है जहां पर जाकर आप जो है अपने इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी को रजिस्टर करवा सकते हैं तो ipindia.gov.in पर आपको डिजाइन हो गया ट्रेडमार्क हो गया इनके लिए जो है आप वहां पर जाके रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं वहीं पे कॉपीराइट पे कॉपी राइट के लिए आपको जो है रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है अब नेक्स्ट क्वेश्चन है व्हाई इज आईपीआर इंपॉर्टेंट इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट इंपॉर्टेंट क्यों है तो जो इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी की इंपॉर्टेंस है इसकी इंपॉर्टेंस पहली बार जो रिकॉग्नाइज की गई थी वो पेरिस कन्वेंशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी 1883 में हुआ था और वहीं पर वर्ण कन्वेंशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ लिटरेरी एंड आर्टिस्टिक वर्क 18864 इन ट्रीटीज को वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन डब्ल्यू आईपीओ जो है वो एडमिनिस्टर करती है तो पेरिस में कन्वेंशन हुआ जहां पर इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी के प्रोडक्शन को लेकर इंपॉर्टेंस नीड रिक्वायर हुई वहीं पर बन में कन्वेंशन हुआ जहां पर अ लिटरेरी और आर्टिस्टिक वर्क के प्रोडक्शन की रिक्वायरमेंट को वहां पर महसूस किया गया उसके बाद फिर जो है अलग-अलग कंट्री अपने यहां पर ट्रेडमार्क कॉपीराइट और पैटेंट को लेकर लॉज बनाए और उन्होंने जो है वहां पर अपना प्रोटेक्शन प्रोवाइड करना स्टार्ट किया तो आईपीआर इंपॉर्टेंट है क्यों इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट इंपॉर्टेंट क्यों है तो अभी तक आप समझ गए होंगे कि दो इंपॉर्टेंट तो आपने पहले ही देख लिया कि एक तो रिकॉग्निशन मिलती है दूसरा फाइनेंशियल बेनिफिट भी मिलता है तो इट हेल्प्स ऑथर क्रिएटर डेवलपर एंड ओनर्स टू गेट रिकॉग्निशन फॉर देयर वर्क यानी कि जब इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट हो मिल जाता है उनको तो इससे क्या होता है कि जो ऑथर होते हैं क्रिएटर होते हैं डेवलपर होते हैं उनको रिकॉग्निशन मिलती है ऑल ओवर ऑल जैसे कि टेलीफोन का आविष्कार किसने किया ग्राम वेल ने किया तो अब जो है सब लोग जानते हैं कि ग्राम वेल है अगर टेलीफोन का नाम आता है तो ग्राम वेल का नाम आता है बल्ब का आविष्कार किसने किया तो एडिशन का नाम आता है क्लियर तो रिकॉग्निशन मिलती है क्लियर नेक्स्ट जो इंपॉर्टेंस है या फिर बेनिफिट कह लीजिए इट इंसेंटिवाइज यानी कि प्रोवाइड फाइनेंसियल बेनिफिट टू इन्वेंटर्स ऑथर्स क्रिएटर्स एटस फॉर देयर वर्क यानी कि आपने कोई बुक लिखी और वो बुक सेल होगी तो उससे जो भी फाइनेंशियल बेनिफिट होगा वो आपको मिलेगा तो बुक लिखी आपने और आप ही को फाइनेंशियल बेनिफिट मिले इसके लिए इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट जरूरी होता है यानी तो नहीं तो आपने बुक लिखी उसको कॉपी करके कोई और पब्लिश करके वो पैसा कमा रहा होगा तो इससे आपको फाइनेंशियल बेनिफिट नहीं मिलता है तो फाइनेंशियल बेनिफिट आपके काम के लिए आप ही को मिले इसके लिए इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट जरूरी होता है इट इनकरेज क्रिएशन ऑफ न्यू पाथ ब्रेकिंग इंवेंशंस सच एज कैंसर क्यूर मेडिसिंस तो जो है आईपीआर आपको मोटिवेट करता है आईपीआर लोगों को मोटिवेट करता है कि वो नए-नए चीजें क्रिएट करें नए-नए इंवेंशंस करें जिससे कि उनको फाइनेंशियल बेनिफिट भी मिलेगा और उनका रिकॉग्निशन भी मिलेगा उनको रिकॉग्निशन भी मिलेगा क्लियर तो आईपीआर वहां पर भी इंपॉर्टेंट करता है आईपीआर फैसिलिटेट्स द ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी इन द फॉर्म ऑफ फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट जॉइंट वेंचर एंड लाइसेंसिंग या यानी कि अगर आपके पास इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट है तो आप अपने उस क्रिएटिव आइडियाज को या फिर उस इन्वेंशन को आसानी से किसी दूसरे कंट्री में या फिर किसी दूसरी कंपनी को लाइसेंस एज अ लाइसेंस प्रोवाइड कर सकते हैं जैसे कि आप देखते होंगे केएफसी तो केएफसी के लिए डिफरेंट डिफरेंट जगह पर फ्रेंचाइजी प्रोवाइड की जाती है तो केएफसी है कहीं और का लेकिन आप देखेंगे ऑल ओवर वर्ल्ड वो जो है केएफसी की फ्रेंचाइजी ओपन है तो जॉइंट वेंचर लाइसेंसिंग फ्रेंचाइजी करने के लिए किसी दूसरे कंट्री में इन्वेस्टमेंट करने के लिए आईपीआर की रिक्वायरमेंट वहां पर होती है यानी कि अगर आपके पास आईपीआर है तो आसानी से आप कहीं और भी भी उसका यूज कर सकते हैं जैसे आप बुक आपने लिखी बुक का आईपीआर आपके पास है तो उस बुक पे कोई दूसरा बंदा मूवी बनाना चाहता है तो तो पहले उसको आपसे परमिशन लेना पड़ेगा और कुछ फाइनेंशियल बेनिफिट्स भी देने होंगे उसके बाद फिर जो है आपके बुक पर वो मूवी बना सकता है तो बहुत सारे ऐसे मूवीज आप देखते होंगे कि जो कि लिखा होता है कि बेस्ड ऑन दी बुक तो इस तरीके से आईपीआर जो है डिफरेंट तरीके से वो इंपॉर्टेंट होता है तो इंडिया में हम बात करें तो कौन-कौन से आईपीआर प्रोवाइडेड है द फॉलोइंग टाइप्स ऑफ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स आर रिकॉग्नाइज्ड इन इंडिया कॉपीराइट ट्रेडमार्क मार्क पैटेंट जियोग्राफिक इंडिकेशन डिजाइन प्लांट वैरायटी एंड सेमीकंडक्टर इंटीग्रेटेड सर्किट लेआउट डिजाइन तो ये जो है इतने टाइप के यानी कि आपके पास सेवन टाइप के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स हैं जो कि रिकॉग्नाइज्ड हैं इंडिया में इन पे जो है आपको इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट मिलता है इनके लिए आप रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं इंडिया में क्लियर इनसे रिलेटेड अगर आपने कोई भी चीज क्रिएट की है इन्वेंट की है तो आप जाके रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं उसके लिए आपको इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट मिल जाएगा सपोज कि आपने कोई बुक लिखी है या फिर आपने कोई म्यूजिक क्रिएट किया है या फिर आपने जो है कोई मूवी बनाई है या फिर आपने कोई कंप्यूटर सॉफ्टवेयर बनाया है तो आपका जो ओरिजिनल वर्क है उस ओरिजिनल वर्क को कोई और कॉपी ना कर ले या फिर आपके ओरिजिनल वर्क का कोई दूसरा जो है उसका यूज करके कोई फाइनेंशियल बेनिफिट ना अर्न करें यानी कि आपने क्रिएट किया है तो आप ही को उसका फाइनेंशियल बेनिफिट मिले आप ही के पास उसका राइट रहे तो इस चीज के लिए कॉपीराइट एक्ट जो है वो डेवलप किया गया था कॉपीराइट एक्ट 1957 में आया था तो ये जो कॉपीराइट एक्ट है यह जो है आपको राइट प्रोवाइड करता है कि आपने जो भी बुक फोटोग्राफ ऑडियो रिकॉर्डिंग वीडियो स्कल्पचर जो भी आपने क्रिएट किया है उसका राइट आपके पास रहेगा और उसको आपके अलावा कोई और कॉपी नहीं कर सकता है और अगर किसी और को उसको कॉपी करना होगा उसको यूज़ करना होगा तो व पहले आपसे परमिशन लेगा और उसके बदले आपको फाइनेंशियल बेनिफिट भी वो देगा तो कॉपीराइट का मतलब क्या हो गया कॉपीराइट इज़ द राइट टू नॉट कॉपी कॉपीराइट इज द राइट टू नॉट कॉपी यानी कि आपने कोई बुक लिखी अब और आपने उसकी कॉपीराइट में रजिस्ट्रेशन करा लिया तो आपको कॉपीराइट हो गया यानी कि अब आपके अलावा उसको कोई और कॉपी नहीं कर सकता है ग्रांट्स लीगल राइट टू क्रिएटर फॉर देयर ओरिजिनल वर्क यानी कि जो क्रिएटर होते हैं जो वीडियो या फिर मूवी या फिर फोटोग्राफ ऑडियो बुक या फिर पोयम या फिर स्टोरी उन्होंने लिखी है तो उसके लिए उनको जो है लीगल राइट प्रोवाइड करता है तो कॉपी राइट कहने का मतलब कि आपकी चीज को आपके ओरिजिनल वर्क को कोई और कॉपी नहीं कर सकता है उसको कॉपी करने का राइट आपके पास है अगर किसी और को कॉपी कर करना है उसको यूज करना है तो पहले आपसे परमिशन लेगा तो द राइट इंक्लूड राइट टू कॉपी रीप्रोड्यूस अ वर्क यानी कि अगर आपने कॉपीराइट ले रखा है किसी भी चीज का किसी भी राइटिंग बुक या फिर फोटोग्राफ ऑडियो वीडियो का तो उसको कॉपी करने का या फिर उसको रीप्रोड्यूस करने का राइट आपके पास होगा जिसने कॉपीराइट ले रखा है जिसका वो ओरिजिनल वर्क है राइट टू क्रिएट डेरिवेटिव वर्क बेस्ड अपऑन इट यानी कि उस जो भी आपने क्रिएट किया है ओरिजिनल वर्क किया है उससे रिलेटेड कुछ और भी अगर आपको क्रिएट करना है तो आप जो है उसका राइट भी आपके पास होगा राइट टू डिस्ट्रीब्यूटर्स ऑफ द वर्क टू द पब्लिक आपने कोई बुक लिखी तो उस बुक की और ढेर सारी कॉपीज जो है आप पब्लिक में भेज सकते हो उसका राइट आप ही के पास होगा एंड राइट टू पब्लिकली डिस्प्ले और परफॉर्म द वर्क यानी कि जो भी आपने बुक फोटो वीडियो जो भी चीज की है उसको पब्लिकली परफॉर्म करने के लिए उसको पब्लिकली डिस्प्ले करने का राइट भी कॉपीराइट ओनर के पास होगा तो कॉपीराइट कहने का मतलब यहां पर जो भी आपका क्रिएटिव वर्क है उसके ऊपर आपका राइट होगा यानी कि जो जिसने जो क्रिएटर है उसका राइट होगा उसके अलावा कोई और उसको कॉपी नहीं कर सकता है जब तक कि उसको वो परमिशन ना दिया गया हो तो इट प्रिवेंट अदर फ्रॉम कॉपिंग यूजिंग और सेलिंग द वर्क यानी कि आपने कोई नई चीज क्रिएट की है कोई ओरिजिनल वर्क आपने किया है तो उसको कोई और कॉपी नहीं कर सकता कोई उसको यूज़ नहीं कर सकता ना ही कोई उसको सेल कर सकता है अगर आपने कॉपीराइट ले रखा है तो क्लियर जैसे कि राइटर रूडिया किपलिंग होल्ड जिन्होंने नोवल लिखी है द जंगल बुक जिसमें कि मोगली की स्टोरी वहां पे बताई गई है तो ये कॉपीराइट है किसके पास रुड आर्ड किपलिंग के पास उनके पास इस चीज की कॉपीराइट है जंगल बुक की कॉपीराइट है अब उस जंगल बुक को अगर कोई कॉपी करेगा कोई उसको यूज़ करेगा कोई उसको सेल करेगा तो यह जो रुड आर्ड किपलिंग है ये जो है उसके अगेंस्ट लीगल एक्शन ले सकते हैं तो अब नेक्स्ट क्वेश्चन उठता है कि व्हाट इज प्रोटेक्टेड अंडर कॉपीराइट कॉपीराइट के अंदर क्या-क्या चीजें प्रोटेक्ट कर सकते हैं तो लिटरेरी वर्क आर्टिस्टिक वर्क और ड्रामे वर्क ये तीन ब्रॉड कैटेगरी हैं जिसके लिए आप कॉपीराइट ले सकते हैं लिटरेरी वर्क में पेंपलेट हो गया ब्रॉच करस हो गए नोवेल्स हो गए बुक्स हो गए पोयम्स हो गए स सॉन्ग लिरिक्स हो गए कंप्यूटर प्रोग्राम हो गया तो ये लिटरेरी वर्क में आते हैं और इनको जो है आप कॉपीराइट करवा सकते हैं आपने कोई नया ब्राउचर क्रिएट किया है आपने कोई नया नॉवेल लिखा है कोई बुक लिखी है कोई पोयम लिखी है कोई आपने गाने के बोल लिखे हैं तो उसका कॉपीराइट आप ले सकते हैं वो लिटरेरी वर्क में आ जाएगा नेक्स्ट है आर्टिस्टिक वर्क जैसे कि ड्राइंग कोई पेंटिंग कोई स्कल्पचर कोई आर्किटेक्चर ड्राइंग कोई टेक्निकल ड्राइंग कोई मैप कोई लोगो आपने क्रिएट किया है वो ओरिजिनल है तो उसका कॉपीराइट आप ले सकते हैं आपके बगैर आपसे बिना परमिशन लिए कोई और उसको यूज़ नहीं कर सकता है अगर यूज़ कर सकता है यूज करता है तो फिर आप जो है उसके अगेंस्ट लीगल एक्शन ले सकते हैं उससे फाइन चार्ज करवा सकते हैं नेक्स्ट है ड्रामे वर्क ड्रामे वर्क में जैसे कोई डांस हो गया या फिर कोई मीम हो गया कोई स्क्रीन प्ले म्यूजिकल वर्क हो गया साउंड रिकॉर्डिंग हो गया सिनेमेट ग्राफिक फिल्म्स हो गया तो इसके लिए भी जो है आप कॉपीराइट ले सकते हैं और कॉपीराइट लेने के बाद आपका जो है उस पर राइट होता है आप ही उसको रीप्रोड्यूस कर सकते हो आप ही उसको रीयूज कर सकते हो आप ही उसको डिस्ट्रीब्यूटर सकते हो उसको आपके अलावा कोई भी रीप्रोड्यूस या फिर यूज यूज या फिर सेल नहीं कर सकता है जब तक कि आपसे उसने परमिशन ना ली हो यानी कि ओनर जो क्रिएटर होता है उससे परमिशन ना ली हो तो कॉपीराइट से रिलेटेड जो एक्ट था वो कॉपीराइट एक्ट 1957 है जो कि जनवरी 1958 से इफेक्ट हुआ था जनवरी 1958 से एप्लीकेबल हुआ था कॉपीराइट एक्ट 1957 उसके बाद इसको कई बार अमेंडमेंट किया गया पांच बार अमेंडमेंट्स किए गए 1983 में 1984 में 1992 में 1994 1999 एंड 2012 तो अभी जो करंट लेटेस्ट चल रहा है दैट इज कॉपीराइट अमेंडमेंट एक्ट 9 2012 तो कॉपीराइट के लिए आपको copyright.gov.in इस वेबसाइट पे जाना होता है और यहां पर जो है आपको फॉर्मेलिटीज पूरी करके आप यहां पर कॉपीराइट ले सकते हैं तो कॉपीराइट चाहे आपने लिटरेरी वर्क किया हो आर्टिस्टिक वर्क किया हो या फिर ड्रामे वर्क आपने परफॉर्म किया है यानी कि बुक लिखी है पोयम लिखा है सॉन्ग लिरिक्स लिखा है कोई पेंटिंग कोई ड्राइंग कोई म्यूजिकल वर्क या कोई साउंड रिकॉर्डिंग या फिर डांस आपने क्रिएट किया है तो उसके ऊपर आप कॉपीराइट ले सकते हैं और उस पे आपका ही राइट होगा उसको आप जो है यूज़ कर सकते हो सेल कर सकते हो डिस्ट्रीब्यूटर सकते हो कोई और नहीं कर सकता है जब तक कि वह आपसे परमिशन नहीं लेता है मैन्युफैक्चरिंग कंपनी जब प्रोडक्ट्स को बना लेती है फिर सर्विस प्रोवाइड कंपनी सर्विस को डिजाइन कर लेती है तो उसके बाद उस सर्विस को पहचानने के लिए उस प्रोडक्ट को पहचानने के लिए कोई नाम कोई साइन कोई सिंबल का यूज करती है तो जिसको हम ब्रांड कहते हैं या फिर साइन सिंबल इन सब का कॉमिनेशन हो सकता है जिसको हम ब्रांड कहते हैं और जब यही ब्रांड जिसके थ्रू हम किसी प्रोडक्ट को पहचानते हैं किसी कंपनी के प्रोडक्ट को पहचानते हैं किसी सर्विस को पहचानते हैं वो चीज जब रजिस्टर्ड हो जाती है ट्रेड एंड मर्चेंडाइज मार्क्स एक्ट 1958 के तहत तो उसी को हम क्या कहते हैं ट्रेडमार्क कहते हैं तो ट्रेडमार्क क्या हो गया वंस ब्रांड नेम एंड ब्रांड मार्क इज रजिस्टर्ड एंड लीगलाइज्ड इट बिकम ट्रेडमार्क और यह कहां पे रजिस्टर होता है ए ब्रांड व्हिच इज रजिस्टर्ड अंडर ट्रेड एंड मर्चेंडाइज मार्क्स एट 1958 ट्रीटेड एज अ ट्रेडमार्क होता क्या है कि आप सपोज करें कि आपने कोई डिजाइन चूज किया आपने कोई जो है मार्क या फिर कोई सिंबल बनाया और आपका जो है फेमस हो गया अब उसी को लोग क्या करते हैं फिर बहुत सारे लोग होते हैं जो कॉपी करने लग जाते हैं आप देख देखते भी होंगे बहुत सारे डुप्लीकेट प्रोडक्ट्स आते हैं अच्छे-अच्छे ब्रांड के आपके परमिशन के यूज़ करता है तो आप जो है उसपे लीगल एक्शन ले सकते हैं तो ट्रेडमार्क क्या हो गया ट्रेडमार्क इज ए ब्रांड और पार्ट ऑफ ब्रांड दैट इज गिवन लीगल प्रोटेक्शन तो ये क्या है ब्रांड का ही पार्ट होता है फिर ब्रांड ही होता है जिसको लीगल प्रोटेक्शन मिला होता है क्यों क्योंकि वो ट्रेड एंड मर्चेंडाइज मार्क्स एक्ट 1958 के तहत वो रजिस्टर्ड होता है तो ब्रांड ट्रेडमार्क कुछ अलग नहीं है देखिए ट्रेड और मार्क ट्रेड मतलब कि क्या बाइंग एंड सेलिंग यानी कि ऐसा मार्क ऐसा साइन ऐसा सिंबल या ऐसा नाम जिसका यूज़ आप जो है प्रोडक्ट को बेचने के लिए अपने बिजनेस को परफॉर्म करने के लिए करते हैं तो वही चीज ट्रेडमार्क हो गई बस वो रजिस्टर्ड होती है यानी कहां पे रजिस्टर्ड होती है ट्रेड एंड मर्चेंडाइज मार्क्स एट 1958 में रजिस्टर्ड होती है तो जो भी ट्रेडमार्क होते होंगे ना आप देखते होंगे उनके सामने क्या होता है आर या फिर टीएम लिखा होता है जैसे आप देख रहे होंगे पिक्चर में तो mcdonald's में है क्या mcdonald's में आर लिखा होता है आर यानी कि रजिस्टर्ड टीएम ट्रेडमार्क तो ये ट्रेडमार्क हो गया या फिर रजिस्टर्ड हो गया ठीक है तो ये ट्रेडमार्क कहलाता है तो ये क्या होता है प्रोटेक्ट सेलर्स एक्सक्लूसिव राइट्स टू यूज ब्रांड नेम ऑफ मार्क यहां पे क्या होता है कि अगर आपने रजिस्टर कर लिया है तो अब आप उस मार्क को उस नाम को उस सिंबल को आप ही यूज़ कर सकते हो कोई दूसरा और यूज़ नहीं कर सकता अगर बिना आपके परमिशन के यूज़ करता है तो वो इलीगल होगा और उसके अगेंस्ट आप जो है एक्शन ले सकते हैं तो ऑल ब्रांड नेम और मास्क कैन नॉट बी टर्म टर्म्ड एज ट्रेडमार्क यानी कि सभी ब्रांड नेम या फिर जो ब्रांड मार्क होते हैं उनको हम ट्रेडमार्क नहीं कहेंगे क्यों क्योंकि जरूरी नहीं है कि वो सभी के सभी रजिस्टर्ड हो तो जो रजिस्टर्ड होंगे उस ट्रेडमार्क के एक्ट के अकॉर्डिंग वही ट्रेडमार्क कहलाएंगे और जो जो है ट्रेड एंड मर्चेंडाइज मार्क्स एक्ट 1958 के तहत रजिस्टर नहीं होंगे उनको आप ट्रेडमार्क नहीं कहेंगे तो ट्रेडमार्क क्या होग गया है ए ट्रेडमार्क इज एनी वर्ड नेम और सिंबल और कॉमिनेशन ऑफ वर्ड नेम सिंबल दैट लेट्स अस आइडेंटिफिकेशन जो है कोई कंपनी जो है वो ट्रेड कर रहा है तो उससे उसको पहचाना जा सकता है क्लियर तो ये ट्रेडमार्क जो है वो वर्ड हो सकता है नेम हो सकता है सिंबल हो सकता है या फिर इनका कॉमिनेशन हो सकता है जिसका यूज़ करके हम किसी कंपनी या किसी ऑर्गेनाइजेशन को पहचान सकते हैं क्लियर ट्रेडमार्क हेल्प्स इन डिस्टिंग्विशिंग सिमिलर प्रोडक्ट इन द मार्केट फ्रॉम इट्स कंपीटीटर एक ऑर्गेनाइजेशन मोबाइल बना रही है दूसरा ऑर्गेनाइजेशन भी मोबाइल बना रहा है तो अब दोनों मोबाइल को डिस्टिंग्विश करने के लिए ट्रेडमार्क का यूज़ वहां पर किया जा सकता है क्लियर जैसे कि ट्रेडमार्क के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी नहीं है लेकिन रजिस्ट्रेशन ऑफ ट्रेडमार्क हेल्प्स एस्टेब्लिश एक्सक्लूसिव राइट ओवर द मार्क यानी कि जो लोग ट्रेडमार्क का रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं तो उससे उस मार्क पर उनका जो है एक्सक्लूसिव राइट हो जाता है उस मार्क को कोई और यूज़ नहीं कर सकता है तो उस इसलिए जो है यहां पर सजेस्ट किया जाता है कि ट्रेडमार्क का रजिस्ट्रेशन जरूर करवा लें तो ट्रेडमार्क जो है उसको हम दो कैटेगरी में डिवाइड कर सकते हैं कन्वेंशनल एंड नॉन कन्वेंशनल कन्वेंशनल ट्रेडमार्क का मतलब क्या हो गया कि जो कि जनरली होता चला आया है जिन जिन चीजों का रजिस्ट्रेशन पहले ही होता रहा है वो कन्वेंशनल ट्रेडमार्क हो गया और नॉन कन्वेंशनल ट्रेडमार्क यानी कि अब जो है नई-नई चीजों का भी ट्रेडमार्क किया जा रहा है तो कन्वेंशनल ट्रेडमार्क जैसे कि वर्ड कलर कॉमिनेशन लेबल लोगो पैकेजिंग शेप ऑफ गुड्स इन सब का जो है अभी तक हम जो है ट्रेडमार्क करते थे लेकिन अब नॉन कन्वेंशनल चीजों का भी ट्रेडमार्क होने लगा है जैसे कि साउंड मार्क जैसे कि आईपीएल का जो म्यूजिक है डायनेमिक मार्क या फिर आप देखते होंगे इसके अलावा कुछ स्मेल्स होती हैं खास स्मेल या फिर कोई खास टेस्ट होता है उसका भी जो है अब ट्रेडमार्क होने लग गया है तो ट्रेडमार्क जो है कन्वेंशनल एंड नॉन कन्वेंशनल कन्वेंशनल यानी कि जो पहले से ही जिसका ट्रेडमार्क होते चला आ रहा है वो े कन्वेंशनल ट्रेडमार्क और वहीं पर नॉन कन्वेंशनल जहां पर अब नई-नई चीजों का भी जो है ट्रेडमार्क लिया जा रहा है हालांकि अभी ये सभी जगह नहीं है कुछ स्पेसिफिक कंट्रीज में जो है ऑल ओवर वर्ल्ड में कुछ कंट्रीज में अब जो है साउंड मार्क या फिर स्मेल या फिर टेस्ट का भी जो है वहां पर ट्रेड मार्क लिया जा रहा है पैटेंट कॉपीराइट और ट्रेडमार्क की तरह ही पैटेंट भी जो है राइट प्रोवाइड करता है इन्वेंशन के लिए यूज ग्रांटेड फॉर इ यानी कि आपने कोई नई चीज डेवलप की है कोई नया आइटम क्रिएट किया है बनाया है तो उसके लिए आपको जो है यहां पर राइट दिया जाता है एज पर पेटेंट एक्ट क्लियर तो इट प्रोटेक्ट्स द साइंटिफिक इन्वेंशन जैसे कि आपने कोई नया प्रोडक्ट बनाया या फिर कोई प्रोसेस आपने क्रिएट किया तो उसको प्रोटेक्ट करने के लिए उसपे राइट प्रोवाइड करने के लिए पैटेंट का यूज यहां पर किया जाता है द गवर्नमेंट प्रोवाइड द एक्सक्लूसिव राइट टू एक्सक्लूड ऑल अदर एंड प्रिवेंट देम फॉर मेकिंग यूजिंग ऑफि फॉर सेल सेलिंग और इंपोर्टिन द इन्वेंशन या यानी कि आपने या फिर किसी ऑर्गेनाइजेशन ने कोई नया प्रोडक्ट बनाया है तो अगर आप उसका पैटेंट ले लेते हो तो इससे क्या होगा कि जो बाकी लोग हैं वो एक्सक्लूड हो जाएंगे यानी कि बाकी लोग वो जो आपने प्रोडक्ट बनाया है ना ही उसको यूज कर सकते हैं ना ही उसको बना सकते हैं ना ही उसको सेल करने के लिए ऑफर कर सकते हैं और ना ही उसको जो है इंपोर्ट करेंगे क्लियर तो ये पैटेंट होता है तो पैटेंट खासकर आपने कुछ नया चीज बनाया है कोई नया प्रोसेस डेवलप किया है तो उसके लिए यहां पर मिलता है जैसे कि न्यूटन ने देखा कि जो सेब है वो पेड़ से नीचे गिर रहा है और उन्होंने ग्रेविटी को डिस्कवर किया तो ये पैटेंट नहीं है इसके लिए आपको पैटेंट नहीं मिलेगा क्योंकि ये डिस्कवरी है यहां पर पैटेंट किसके लिए मिलता है इन्वेंशन के लिए जैसे कि जो एलेग्जेंडर ग्राम बेल हैं उन्होंने टेलीफोन का आविष्कार किया उन्होंने टेलीफोन इन्वेंट किया उन्होंने टेलीफोन बनाया तो इसके लिए उनको जो है पैटेंट वहां पर दिया गया क्लियर तो डिस्कवरी के लिए जो है पैटेंट नहीं मिलता है लेकिन हां अगर आपने कुछ नया प्रोडक्ट बनाया है नया प्रोसेस डेवलप किया है तो उसके लिए आपको पैटेंट मिलेगा पैटेंट मिलने पर आपके अलावा उस प्रोडक्ट को कोई और नहीं बना सकता है ना ही कोई उसको यूज कर सकता है ना ही उसको कोई सेल करेगा तो कोई भी इन्वेंशन को पैटेंट कब किया जा सकता है तो सबसे पहली चीज है कि इट मस्ट बी न्यू यानी कि वो इन्वेंशन होना चाहिए वो नया होना चाहिए इट शुड नॉट ऑलरेडी एजिस्ट इन द करंट नॉलेज एनी वेयर इन द वर्ल्ड यानी कि वर्ल्ड में ऑलरेडी वो पहले से एजिस्ट नहीं करना चाहिए आपने कुछ ऐसा क्रिएट किया है ऐसा बनाया है जो कि वर्ल्ड में पहली बार बना है तो उसके लिए आपको जो है वहां पर पैटेंट मिल जाता है इट मस्ट बी नॉन ऑब् वियस टू एनी पर्सन हु इज स्किल्ड इन द रिलेवेंट फील्ड ऑफ टेक्नोलॉजी यानी कि जो भी प्रोडक्ट या फिर प्रोसेस को डेवलप किया गया है इवेंट किया गया है वो इतना आसान नहीं होना चाहिए इतना नॉन ओबवियस नहीं होना चाहिए कि उसको कोई भी बना ले ऐसा नहीं होना चाहिए वो टफ होना चाहिए यूनिक होना चाहिए और उसमें काबिलियत होनी चाहिए कि वो सिर्फ आप ही बना सकते हो कोई और जल्दी उसको आसानी से नहीं बना सकता है ठीक है इजी नहीं होना चाहिए नेक्स्ट है इट मस्ट बी कैपेबल ऑफ इंडस्ट्रियल एप्लीकेशन यानी कि उस प्रोडक्ट का इंडस्ट्रियल एप्लीकेशन में यूज किया जा सके यानी कि आप उसको मैन्युफैक्चरिंग में इंडस्ट्री में यूज कर सकते हैं तो ऐसा जो है वो इन्वेंशन होना चाहिए किसी भी इन्वेंशन में अगर ये तीनों क्राइटेरिया फुलफिल होता है यानी कि वो नया है वो नॉन ओबवियस है आसान नहीं होता उसको बनाना और वो इंडस्ट्रियल एप्लीकेशन है उसका तो वो उसको पैटेंट वहां पर गवर्नमेंट जो है प्रोवाइड कर देती है अब बात कर लें कि क्या चीज पैटेंट नहीं करा सकते हैं व्हाट कैन नॉट बी पेटेंटेड किसके लिए आपको पैटेंट नहीं मिलेगा तो साइंटिफिक प्रिंसिपल्स हैं मेथड ऑफ एग्रीकल्चर और होरिक इचर मेथड ऑफ ट्रीटमेंट ट्रेडिशनल नॉलेज इंक्रीमेंटल इन्वेंशन विदाउट इंक्रीज इन एफकेसी एंड इन्वेंशन रिलेटेड टू एटॉमिक एनर्जी आर सम ऑफ द इन्वेंशन नॉट पेटेंटेबल अंडर सेक्शन थ्री एंड फोर ऑफ द पेटेंट एक्ट 1970 यानी कि पैटेंट एक्ट 1970 के तहत सेक्शन थ्री और सेक्शन फोर में बताया गया है कि कुछ चीजें हैं जिसके लिए आपको पैटेंट नहीं दिया जा सकता अब सपोज कि आप मेथड ऑफ एग्रीकल्चर के लिए पैटेंट लेने चले गए तो वहां पर आपको जो है 20 साल तक अगर पैटेंट दे दिया गया तो उस मेथड को कोई और यूज ही नहीं कर पाएगा तो भाई अगर आपने वो मेथड डिस्कवर किया है इन्वेंट किया है तो वो मेथड जो है सभी के लिए होना चाहिए जिससे कि सब लोग उसको यूज़ करके ज्यादा क्रॉप जो है वहां पर ग्रो करें तो ऐसी चीजों के लिए यानी कि कुछ ऐसी चीजें हैं जिसके लिए आपको पैटेंट नहीं मिलेगा जो कि सोशल वेलफेयर के लिए खासकर ऐसा चीज जो कि सोशल वेलफेयर के लिए है या फिर उससे जो है सोसाइटी का डेवलपमेंट हो रहा है तो उस पे जल्दी से आसानी से आपको पैटेंट नहीं मिलता है नॉर्मली जब कोई पैटेंट ले लेता है तो उसको जो है 20 इयर्स के लिए राइट्स वहां पर मिल जाते हैं ए पेटेंट ग्रांट्स एक्सक्लूसिव राइट टू द इन्वेंटर फॉर अ पीरियड ऑफ़ 20 इयर्स किसी भी इन्वेंशन के लिए आपको पैटेंट मिल गया तो 20 साल तक आपका उस पे जो है राइट रहेगा इन्वेंटर ही उसको जो है क्रिएट करेगा उसको जो है डेवलप करेगा उसको यूज़ करेगा कोई और जो है उसको ना ही सेल कर सकता है ना ही बना सकता है क्लियर तो पैटेंट के लिए जो है आपको ipindia.gov.in की वेबसाइट पर ही जाना होता है और यहां पर जो है आप जाकर आप पैटेंट के लिए अप्लाई कर सकते हैं और ट्रेडमार्क के लिए भी जो है आपको इसी वेबसाइट पर जाना होता है तो अगर हम यहां पर देखें तो जो ट्रेडमार्क है और जो पैटेंट है ये दोनों क्या है ये इंडस्ट्रियल एप्लीकेशन के लिए हैं ठीक है ये इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी होती है वहीं पर जो कॉपीराइट है वो किससे रिलेटेड है वो आपने कोई बुक लिखी आर्टिस्टिक वर्क किया है ड्रामे वर्क किया है या फिर लिटरेरी वर्क परफॉर्म किया है तो वहां पर आपको कॉपीराइट जो है वहां पर मिलता है बाकी जो ट्रेडमार्क है और पैटेंट है डिजाइन है ये इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी होती है तो होप आपको क्लियर होगा कि कि कॉपीराइट ट्रेडमार्क और पैटेंट क्या होता है वैलिडिटी ऑफ कॉपीराइट इन इंडिया तो कॉपीराइट एक्ट 1957 जो कि लेटेस्ट अमेंडमेंट हुआ है 2012 में जिसको हम द कॉपीराइट अमेंडमेंट एक्ट 2012 कहते हैं तो चैप्टर फिफ्थ के सेक्शन 22 से 29 में वैलिडिटी ऑफ कॉपीराइट इन इंडिया के बारे में बताया गया है तो जनरली जनरली जो कॉपीराइट है वो 60 इयर्स के लिए वैलिड होता है यानी कि कोई पर्सन जो है कोई बुक लिखता है तो वो 60 इयर्स तक जो है वो वैलिड होगा लेकिन इन द केस ऑफ ओरिजिनल लिटरेरी वर्क यानी कि बुक नॉवेल पोयम इस तरीके से कोई लिटरेचर का वर्क है या फिर ड्रामे वर्क है जैसे कोई प्लेज कोई कोरियोग्राफी जो है वो कर रहा है या फिर कोई म्यूजिकल वर्क है या फिर कोई आर्टिस्टिक वर्क है जैसे कि पेंटिंग ड्राइंग तो इन केस में वो जो 60 ईयर है वो काउंट होगा ऑथर की डेथ के बाद यानी कि जो ऑथर है उसकी डेथ के बाद 60 इयर्स तक जो है वो कॉपीराइट होगा उस ऑथर के नाम पे क्लियर तो ओरिजिनल लिटरेरी वर्क हो गया ड्रामे िक वर्क हो गया म्यूजिकल वर्क हो गया आर्टिस्टिक वर्क हो गया तो इस केस केस में जब ऑथर की डेथ हो जाएगी उसके 60 साल तक जो है कॉपीराइट उस ऑथर के नाम पे रहेगा वहीं पे इन द केस ऑफ सिनेमेट ग्राफ फिल्म्स यानी कि जो मूवीज देखते हैं साउंड रिकॉर्डिंग्स पोस्ट ह्यूमस पब्लिकेशन यानी कि ऑथर के डेथ के बाद जो है उसका काम जो है पब्लिश हो रहा है उसका वर्क पब्लिश हो रहा है या फिर एनोनिमस और सिडोनिया कि जो कुछ ऐसे पब्लिकेशन होते हैं जहां पर ऑथर अपना नाम नहीं बताते हैं या फिर सिडो मिनस पब्लिकेशन यानी कि वो कोई अपना नकली नाम रख के जो है वहां पर लोगों के बीच में अपनी पब्लिकेशन को पब्लिश करते हैं तो उस केस में और कोई गवर्नमेंट का वर्क है या फिर कोई इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन का वर्क है तो उस केस में तो इन केस में जिस ईयर पब्लिकेशन हुआ है उसके नेक्स्ट ईयर से यानी नेक्स्ट ईयर के बिगिनिंग से 60 ईयर काउंट होगा द 60 ईयर पीरियड इज़ काउंटेड फ्रॉम द बिगिनिंग ऑफ़ नेक्स्ट कैलेंडर ईयर तो सिनेमेट ग्राफ फिल्म साउंड रिकॉर्डिंग पोस्ट ह्यूमस पब्लिकेशन नोमिन अस एंड सिनोनिम अस पब्लिकेशन वर्क ऑफ गवर्नमेंट एंड वर्क ऑफ इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन इन सभी केसेस में जिस ईयर पब्लिकेशन हुआ है उसके अगले साल शुरुआत से ही 60 ईयर काउंट होगा और वहीं पर अगर ओरिजिनल लिटरेरी वर्क है ड्रामे वर्क है म्यूजिकल वर्क है आर्टिस्टिक वर्क है तो ऑथर का डेथ जिस ईयर हुआ है उसके अगले ईयर के बिगिनिंग से ही 60 ईयर काउंट किया जाएगा तो कुछ केस में ऑथर के डेथ के बाद से 60 ईयर काउंट होता है और कुछ केस में पब्लिकेशन के नेक्स्ट ईयर से 60 ईयर काउंट किया जाता है तो ये वैलिडिटी या फिर टर्म ऑफ कॉपीराइट है इन इंडिया एज पर द कॉपीराइट अमेंडमेंट एक्ट 2012 चैप्टर 5 सेक्शन 22 टू 29 विश यू ऑल द बेस्ट कीप वाचिंग