Users of Accounting तो एकाउंटिंग की जो डाटा होते हैं, जो भी information में, accounting में record कर रहे होते हैं, वो किसके लिए useful है? कौन से ऐसे लोग हैं, जो उन्हें use करते हैं? तो उन्हें को हम कहते हैं user of accounting. तो basically accounting का जो main function होता है, वो यही होता है कि एक useful information provide करना, जिससे कि proper decision लिया जा सके.
तो वो लोग जो इन information को, accounting information को use करते हैं अपने decisions के लिए, वो क्या कहलाते हैं? user कहलाते हैं. इनको दो तरीके से डिवाइड किया गया इन यूजर्स को दो कैटेग्री में डिवाइड किया गया है एक है हमारे इंटरनल यूजर दूसरे हमारे एक्सटरनल यूजर इंटरनल यूजर वह लोग होते हैं जो विदिन दिओ और गनाइजेशन वर्क करते हैं जैसे कि हमारे मैनेजमेंट है उनर है इंप्लॉई है यह लोग क्या हो गए विदिन और गनाइजेशन रहते हैं और एक आउंटिंग इंफोर्मेशन को वह यूज करते हैं अपने डिसीजन के लिए और एक्सटरनल यूजर वह लोग होते हैं जो देखिए तो वह क्या कहना थे हमारे एक्सटरनल यूजर तो इंटरनल यूजर में कौन-कौन इंक्लूड होता जैसे चीफ एक्सेक्यूटिव ऑफिसर फिनांशियल ऑफिसर वॉइस प्रेसिडेंट बिजनेस यूनिट मैनेजर्स प्लांट मैनेजर्स कह जाते हैं मतलब यह लोग एकाउंटिंग का इस्तेमाल करके आगे के डिसीजन लेते हैं अब जैसे यहां पर बात करें, chief executor, financial officer या voice president, तो इन लोगों को हम तरीके से अगर owner के point of view से देखते हैं, और board of directors के point of view से देखते हैं, तो मोटे-मोटे अगर कहा जाए, तो owner, management, employees, ये सब क्या हो जाते हैं, हमारे internal user होते हैं, तो इनको कैसे ये use, यूज़फुल होता है यह इनके डिसिजन में किस तरह से एक ऑन टीम यूजफुल होती है यह यूजर कहलाते हैं तो अगर हम बात करें ओनर की तो ओनर को क्या होता है ओनर को यह जानना होता है कि जो भी उनका बिजनेस चल रहा है वह enterprise का future prospect क्या होगा इन सारे decisions को उन्हें लेना होता है यह जानना होता है जो उनको जानने में कौन हेल्प करता है हमारी एकाउंटिंग मिनट हमारे जो डाटा एकाउंटिंग से जो डाटा तैयार हो रहा है हमारा वह हमें उन्हें मैनेजमेंट को या ओनर्स को इन सब चीजों के लिए यूज़फुल होते हैं सिर्फ लिए मैनेजमेंट को बात करते हैं तो मैनेजमेंट को जानना होता है कि वह जो प्रॉफिट कमा रहे हैं या जो सेल्स है उनका यह ऐसे से कौन से ऐसे से मोस्ट प्रॉफिटेबल नहीं है कहां पर उनको कंट्रोलिंग लगानी है कहां पर उनको किस के बेसेस पर आगे का plan करना है तो जो planning, controlling, decision making की management के functions होते हैं वो in accounting information के basis पे लिए जा सकते हैं similarly अगर employee की बात करते हैं तो employee क्या करते है employee इन ही data के basis पे जानते है कि उनके business की condition कैसी है वो जिस organization में work कर रहा है उनका financial position कैसी है उनकी soundness कैसी है जिससे कि वो ये expect कर पाएंगे कि हाँ उनको increment मिलेगा कि नहीं bonus का क्या scenario रहेगा उनकी salary का wages का क्या है तो ये सब चीज़े वो इन ही information की पर पर्वाप्त करते हैं इन पर इस पर देख पाते हैं तो यह सारी लोग यह सब लोग अपने रिक्वायरमेंट के बेसिस से बेसिस पर इन इंफॉर्मेशन का इस्तेमाल करते हैं यूज करते हैं अब बात करते हैं एक्सटेनल यूज की एक्सटेनल यूज में कौन-कौन इंक्लूड हो ऑर्ग्नाइजेशन यह ऑर्ग्नाइजेशन में इंवेस्ट करेंगे पैसे को तो यह कौन से लोगों के इनके लिए इस तमाज यूज़फुल है तो यह लोग इन्हीं एकाउंटिंग इन्फॉर्मेशन के बेसिस पर ये डिसाइड करते हैं कि उन्हें कंपनी में इन्वेस्ट करना है या नहीं इन्हीं कंपनी के शेयर्स परचेस करने हैं या नहीं करने हैं अगर कंपनी कंटिनिवस प्रॉफिट कमा रही है कंपनी की ग्रोथ अच्छी है तो वो अपने पैसे यहाँ पर लगाएंगे क्योंकि उन्हें पता है कि उनके पैसे यहाँ पर अच्छा ग्रोव करेंगे उन्हें अच्छा रिटर्न मिलेगा पर अगर ये एकाउंटिंग डे इन वेस्टर के लिए इकाउंटिंग काफी यूजफुल होता डिसीजन लेने के लिए इनवेस्टमेंट करें या ना करें सिमिलेली क्रेडिटर्स मतलब एक तरीके से आपकी लायबिलिटी हो गई बैंक या फ्रांच इंस्ट्रिटूशन या डिवेंचर और लेंडर जिनसे भी जिन मतलब जिनसे भी कम बैंक आपकी कंपनी लोन ले रखा है चाहिए वह बैंक से लोन लेकर रखा पोजीशन में आ गए तो यह लोग भी यूजर होते हैं काउंटिंग के क्योंकि यह इन्हीं डाटा की बस पर देखते हैं कि क्या company को loan देना better है या नहीं है company के liquidity position क्या है company की solvency position क्या है company क्या loan को repay करने की capability में है की नहीं उसकी capacity ऐसी है या नहीं है अगर वो देखेंगे कि इन्हीं डाटा के बासेज पर बैलेंट शीट पीएल इन सबके विशेष पर अगर वह यह देखते हैं कि हां भी कंपनी की पोजीशन ठीक है वह प्रॉफिट कमा रहा तो वह आपके इंट्रेस्ट को पे कर पाएगा वह हमारा लोन रिपे कर पाएगा तो उस केस मे प्रोफ़िट कर दोगे पर अगर वह देखते हैं इन डाटा के विशेष पर क्या पर कंडीशन साउंड नहीं है आपकी फिनांशल पोजीशन प्रशिक्षियों साउंड नहीं है तो उस केस में वह उधार देने के लिए रेडी नहीं होंगे तो उस केस में सारे से सारे राजिक्शन कैसे होंगे कैसे बेसिस पर होने लगेंगे तो इन क्रेडिटर्स के लिए भी क्रेडिटर्स भी क्या होते अकाउंटिंग के यूजर होते हैं वह उनको देखते हैं टैक्स अथॉर्टीज इसमें ले यूज करती है कि कितना प्रॉफिट है तो इन सब चीजों के लिए अकाउंटिंग टैक्स अथॉर्टीज यूज करती है जो रेगुलेटिंग एजन्सीज हैं जो रेगुलेट कर रही है कंपनी अफेयर्स को जो आप जिनके विशेष पर आपका कंपनी जाएप्लीकेबल हो रहा है, MCA वगैरह आपकी है, तो ये सब आपकी accounting information का इस्तेमाल करती हैं ये चेक करती हैं कि आपका company का regulation जो भी norms है वो fulfill हो रहे हैं या नहीं है और वो सही तरीके से applied हैं या नहीं वो इन ही data के basis पर करती हैं, similarly registrar of companies जो company का registrar है न उन्हें balance sheet आपको submit करनी होती है, PL आपको submit करना पड़ा, कोई change करना है, कोई object में change करना है, कुछ भी करना है जाता है आपके सारे फिर एंचर स्ट्रीटमेंट तो वह इन फ्रेंड्स ट्रेटमेंट का यूज करती है वह देखती है और फ्यूचर आपका जो भी प्लान है आपको एक्सपेंट करने के लिए परमिशन लेनी है बाकी चीजों के लिए तो इन्हीं परमिशन के बेसिस पर आपको परमिशन ग्रांड करती है से भी है आपकी जहां पर आपके शेयर्स रजिस्टर है तो वह इन्हें रिकॉर्मेंट उसके बेसिस पर डिसाइड डिसीजन लेते हैं इन्हें इन्फॉर्मेशन को देखते हुए राइट स्टॉक एक्सेंज कस्टमर यह सब आपके एक्सटेनर यूजर में आ गए अब हम बात करते हैं स्कोप ऑफ एकाउंटिंग की तो इस निजर कर पाते हैं उनको हम रिकॉर्ड करते हैं ठीक है तो यह एक ऑन कि कमेंटिंग हो गया कि सारी ट्रांजेक्शन को प्रॉपर मैनर में सिस्टमाटिकली रिकॉर्ड करना नेक्स्ट समराइज ऑफ इनफोर्मेशन एक ऑन टिंग सिर्फ रिकॉर्डिंग नहीं करती है बल्कि जितने भी इनफोर्मेशन है जितने भी आपकी ट्रांजेक्शन हुई है उनमें जितने भी रिलेवेंट आपका पूरा फिरांशल स्टेटमेंट प्रिपेयर करती है फिरांशल स्टेटमेंट में आपका ट्रेडिंग प्रॉफिट और लॉस बैलेंग शीट कैश फ्लो स्टेटमेंट यह सब आ जाता है तो यह पूरा एकाउंटिंग आपका पूरा फिरांशल स्टेटमेंट प्रिपेयर करके आपको देगी यह साथ ही इससे प्रिपेयर नहीं करेगी जितने भी इन स्टेटमेंट से जो भी ग्रॉस प्रॉफिट हुआ अगर आप इस बार 30% का कमा रहे तो प्रीवेश यह पर कितना परसेंट कमाया था तो सेल्स पर ग्रॉस प्रॉफिट का रेशियो कैसा बन रहा है तो यह सब क्या यह रेशियो आपको इंटरप्रेट करेंगे डेट और एक्विटी प्रॉफिट प् इनफॉर्मेशन से जो रिजल्ट ड्राइव हो रहे हैं वह कमुनिकेट की जाते थे थ्रू आर रिपोर्ट्स वह भी अकाउंटी में अकाउंटी रिपोर्ट्स प्रेपेयर होते हैं यह भी काउंटिंग के अंदर ही आता है और फिनांशल पोजीशन को डिटर्माइन करना यह भी काउंटिंग पूरी अकाउंटिंग विशेष पर डिसाइड कर पाते हैं अकाउंटिंग में यह काम करते हैं कि एक कंपनी की फिनांशल पोजीशन क्या है क्योंकि हम क्या करते हैं बालेंड चुक बनाते हैं इन इंडियन बनाते हैं कि 31 मार्च को आपकी आज की कंडीशन के आज आपकी पास कितनी ऐसे से कितनी रायबिलिटीज हैं आपने आपने कितना रिजर्व क्रेट करके रखा है यह सारी आज की डेट की आपकी कंडीशन बताती है तो एकाउंटिंग में हमको एज ऑन डेट थर्टी फर्स्ट मार्च की आपकी क्या कंडीशन आपकी क्या पोजीशन है वह भी एकाउंटिंग के बेसिस पर करेंगे उसको इंटरप्र कि रिजल्ट होगा आउटकम होगा उसको कम्युक्रिएट करेंगे थ्रॉर रिपोर्ट और फिनांचल पोजीशन को डिटरमाइन करेंगे यह सब हमारे स्कूल में आगे अब हम बात करते हैं ऑब्जेक्टिव ऑफ एकाउंटिंग की ऑब्जेक्टिव ऑफ एकाउं� हमारा ऑब्जेक्टिव हमारा रीजन क्या किस बेसिस पर किस वजह से हम एकाउंटिंग कर रहे हैं तो पहला क्या होगा टू मेंटेन सिस्टमाटिक रिकॉर्ड तो मेन ऑब्जेक्टिव हमारा एकाउंटिंग क्या होता है कि हम जो भी फ्रेंशल ट्रांजिक्शन है financial transactions को हम systematically and complete form में record करें क्योंकि business man के लिए possible नहीं हो पाता है कि जो भी वो transaction कर रहा है सब वो याद कर पाए लेकिन अगर वो सबके recording हो जाएगी जो कि कहां पे होती है accounting में होती है तो अगर recording हो जाएगी तो वह memorize कर पाना easy होगा जैसे मुझे अगर मैंने कैसे परचेस की है तो अगर मैंने accounting की है तो मैं पर प्रॉपर record है कि मैंने वह ऐसे कप परचेस की किससे परचेस की कितने में परचेस की है ना क्या कंडीशन है वह सारा रिकॉर्ड हमको किस डेट को पर्चेस कि वह सब रिकॉर्ड हमें प्रॉपर मिल जाएगा तो एकाउंटिंग क्योंकि हमने इंट्री की होगी प्रॉपर उस डेट में जाकर जिस डेट हमने पर्चेस किया होगा उस डेट बिजनेस की परफॉर्मेंस को एक्ट्रल पोजीशन को बिजनेस कैसा काम कर रहा है वह प्रॉफिट में है ���ा नहीं वह लॉस्ट कर रहा है उसका कैसा परफॉर्मेंस इस बिजनेस का उस बिजनेस की परफॉर्मेंस को इवेलूवेट करने के लिए अकाउंट है वह हमें बताएगा कि आपका बिजनेस प्रॉफिट कमा रहा है आपका बिजनेस लॉस्ट में है तो हम बता पा रहे हैं तो तो अपने बिजनेस की परफॉर्मेंस को असरटेन करने के लिए हम एकाउंटिंग करते हैं, next to provide information to various groups and users, जो groups हैं, जो users हैं, जो internal users, external users, owners, आपकी government, creditor, taxation authority, supplier, government वगेरा भी external user में आते हैं, क्योंकि ये लोग क्या करते हैं आपको, इन ही आपकी accounting information के basis पर आपको subsidy provide करना है कि नहीं, नई policies क्या frame करनी है business से related, वो सब आपकी इन ही data के basis वो frame करती है government, तो बेसिकली कहा जाए तो यह सब चीजें क्या होते हैं यह पूरा हम इसलिए करते कि इन यूजर्स को यह इन ग्रुप्स को आपके डिटा चाहिए होते हैं और एकाउंटिंग के बेसिस पर हम इनको एक रिकॉर्ड प्रोवाइड कर बाते हैं तो इसलिए भी हम एकाउंटिं के लिए हमें जानना होता है कि रिटर्न कैसे फाइल करना उसका बेसिस हमें कौन बताएगा एकाउंटिंग के बेसिस पर हम पूरा रिटर्न फाइल कर पाते हैं और वो डायरेट इनडायरेट टैक्सेस जो भी हम पर अप्लीकेबल हो रहे हैं ये सब हमें रिकॉर्ड एन एका इसके बेसिस पर हम वो सब देख पाते हैं कि हमें क्या करना है क्या नहीं कर पाना है तो legal requirements को meet out करने के लिए हम accounting चाहिए होते हैं तो facilitate decision making next हो गया हमें decision लेने के लिए कि हमें क्या करना है कैसे करना है जितना भी हमारा decision making process है वो हमें accounting help करता है time to time कि हमें किस project में पैसे लगाने है ये project में profitable है या नहीं है हमें कब wages बढ़ाने है salary बढ़ा सकते हैं कि नहीं तो ये सब चुचीजे हैं ये सब decision लेने में हमें accounting हमारी यह एक टाइप करता है कि कैस्ट फ्लॉट ट्रेटमेंट आपका तैयार हो रहा पीएल तैयार हो रहा बैलेंड शीट तैयार हो रही है तो वह आपको सब चीजें आपको बता रहा आपको डिसिजन लेना कि अपने बिजनेस एक्सपेंट करना है या नहीं तो आपकी सारे यूजर्स को सही इंफोर्मेशन प्रोवाइड कर पाए हम बता पाएं कि भाई हां में इन्वेस्ट करो हमारी प्रॉफिट अच्छी है तो हम सारी इंफोर्मेशन ने प्रोवाइड कर पाते हैं तो बिसिकली यह सारे मारे ऑब्जेक्टिव पर है तो आपको क्लियर होगा विश्व और