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Exploring Spiritual Healing and Science

[संगीत] मैं दवा मेरा मुर्शद ऊंचा मैं दवा मेरा मुर्शद ऊंचा उचिया ते संग लाई उते संग लाई सच की जावा ना उचे आतो में स के जावा ना उचे आतो में जीना नी में अनाल निभाई अनाल भाई मनी मा मेरा मुर्शद ऊंचा मनी मा मेरा मुर्शद [संगीत] ऊंचा परम पूज्य सदगुरु देव जी महाराज परम पूज्य गुरुमा जी के चरणों में बारंबार नमन कुटि बार नमन आज भगवान श्री कृष्ण के उस आयाम उस आलोक का जो प्राग्यवारे के अवसर पर जो समागम यहां पानीपत में हो रहा है अद्भुत दृश्य है और अभी हम किस तरह से भाई बहनों के अनुभव सुन रहे थे निश्चित रूप से विज्ञान के लिए बहुत बड़ा विषय है और भविष्य में भी होने वाला है क्योंकि यह कृपा यह महासागर की महा कृपा य निरंतर चल रही है निरंतर चल रही है 2002 से अनेक ऐसे विशिष्ट महापुरुष भी यहां पर आए हैं तो मेरी प्रार्थना है क्षेत्र की विधायक परमा आदरणीय रोहिता रेवड़ी जी और उनके पति सुरेंद्र जी पधारे हैं मेरी प्रार्थना है परम पूज्य सतगुरु देव जी परम पूज्य गुरुमा जी को आप माल्यार्पण करें [संगीत] [संगीत] परम पूज्य सतगुरु देव जी आपके चरणों में प्रार्थना है आप महा आशीर्वाद की महा कृपा प्रदान करें इस हरियाणा प्रांत के हराना राज्य के अत्यंत अनुभवी बुद्धिमान वज्ञान डॉक्टर साइंटिस्ट इंडस्ट्री के बड़े-बड़े यहां की इंडस्ट्री बड़ी फेमस है पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और यह ऐतिहासिक नगरी है बड़े-बड़े यहां पर युद्ध हुए बड़े-बड़े इतिहास लिखे गए यहां पर इसका मैदान बड़ा प्रसिद्ध था और बड़े-बड़े संत ऋषि मुनि यहां रहते हैं बड़े-बड़े तपस्वी यहां रहते हैं बड़े बड़े बड़े अनंत अनंत राजनीतिक के प्रारूपों को जानने वाले अनंत पत्र पत्रिकाओं के संपादक अत्यंत भाव भक्ति से किसान वर्ग से हर आयामों से या जो लोग हैं भाई बहन हैं हर लोकों से मंदिर से मस्जिद से गुरुद्वारों से चर्च से हर कलाओं में या निपुण रहते हैं बुद्धिजीवी वर्ग के ील के वेदों के शास्त्रों के श्री गुरु ग्रंथ साहब के गीता के कुराने पाक के बाइबल के अनंत अनंत ज्ञाता यहां उपस्थित है यूनिवर्सिट के बड़े-बड़े प्रोफेसर और बड़े-बड़े बुद्धिजीवी वर्ग से संबंधित यहां सभी उपस्थित बैठे हैं हजारों भाई बहनों के जो अनुभव सुन रहे हैं उन्हें कैसे कैसे रोग थे कैसी कैसी समस्या थी जिसका समाधान नहीं था और ोट के आधार पर वह आपको बता रहे थे कि हम ऐसे ऐसे ठीक हो गए वर्मा जी ने कहा कि यह बहुत बड़ी चुनौती है विज्ञान के लिए एक तो यह कुछ चुनौती ऐसा नहीं है चुनौती से लगता है कोई जैसे युद्ध कर रहे हैं किसी धर्म से विज्ञान से डॉक्टरों से हम लड़ाई कर रहे हैं हम उनको हरा देंगे जैसे क्रिकेट का कोई मैच हो रहा है या किसी देश की लड़ाई हो रही है अब दूसरों को बस अब हमने बढ़ चढ़ के दिखाना है तुम कुछ भी नहीं हो हम सब बहुत बड़े हैं तो उनकी भाषा भी उसी तरह की थी कुछ नहीं है यह सरल सा विज्ञान है जब किसी ने कह दिया कि भ ये चीनी मिलाने से पानी मीठा हो जाता है ऐसे करने से ऐसा हो जाता है तो इसमें कोई चमत्कार वाली बात नहीं है भी कार आप ऐसे ऐसे करोगे कार चल जाएगी ऐसे स्विच ऑन करोगे लाइट जल जाएगी पहले हम पैदल चलते थे अब कार पर चले जाओ तो 20 2 घंटे लगेंगे ट्रेन से चले जाओगे तो 18 20 घंटे लगेंगे बायर जाओगे तो दो तीन घंटों में पहुंच जाओगे तो इसमें कोई चमत्कार या कोई चुनौती वाली बात नहीं है हवाई जहाज से दो घंटे में जा रहे हो तो ट्रेन को कोई चुनौती नहीं दे रहे या किसी को कोई चुनौती नहीं दे रहे यह भाषा ही कुछ अजीब सी लगती है कि चुनौती जो हमें चीज मिल गई बस ये चुनौती बस जो हमारे पास ये आ गया तो एक क्रोध की तरह आक्रोश की तरह अहंकार की तरह लगता है कि देखो हमें देखो क्या मिल गया ऐसी कोई बात सिंपल सा है जब श्री गुरु ग्रंथ साब में वर्णित है जो आप नारायण है परमेश्वर तो भुले व्याप सभ्य रोग आपको सारी बीमारी सारी समस्या परमात्मा के भूलने से है और कुछ नहीं है अब आप यह कहते हो किय मेडिकल डॉक्टर साइंस यह क्या आप इस पर ध्यान नहीं देते गुरुद्वारे गए मथा टेका या कहोगे ये क्या मतलब जिस लोगों ने एमबीडी एमबीबीएस किया हुआ है और वो कहते परमात्मा के भूलने से रोग लगते हैं एक डॉक्टर कह रहे वायरल है बैक्टीरिया है इंफेक्शन है ट्रबल कोशिस है और यह गुरु ग्रंथ साहब कह रहे हैं परमेश्वर तो फलिया व्याप स रोग सारे एक आधे भी नहीं क सारे तो वो कोई अजीब सा लगता है यह ऐसी कोई बात है नहीं यह हमारे काम का सब्जेक्ट नहीं है क्योंकि युग मेडिकल है विज्ञान कहां से कहां पहुंच गया वह हम सुनते नहीं बस सुन लेते हैं और मथा टेक के हम आ जाते हैं करते नहीं है गीता में भगवान ने कह दिया वेदों में कह दिया कुरान पाक में कह दिया बाइबल में कह दिया इलाज भी बता दिया सर्व रोग का खद नाम तुम्हारी सारी जो दवाइया है उसका इलाज नाम है अब इससे ऊपर गुरु ग साहब क्या बताएंगे छोटे दो लफ्ज में खत्म कर दिया तुम्हारी सारी बीमारिया रोग घर की लड़ाई झगड़े यह तुम परमात्मा को भूल गए हो अंधेरा जो है ये लाइट को भूल गए हो तुम ये स्विच न कर दो तुम्हारी लाइट जल जाएगी अब लाइट जल जाएगी तो बोलो अब ये चुनौती है मोतियों को य होती है अंधेरे को अब यह भाषा ही आक्रोश की युद्ध की लगती है यह ऐसा कोई चमत्कार नहीं है कोई सिंपल सी बात है यह बड़ी सरल सी बात है कोई इसमें चमत्कार नहीं कोई इसमें आडंबर नहीं पाखंड नहीं कोई कुछ नहीं यह नाम है अब यह सतगुरु नानक कोई चमत्कार की बात कर रहे हैं यह लाइट जल गई है बटन दबाने से तो कोई चमत्कार हो गया चुनौती हो गी अंधेरे को अंधेरा कुछ चीज नहीं है प्रकाश के ना होने का नाम अंधेरा है सिंपल सी बात है प्रकाश आ जाएगा अंधेरा चला जाएगा पैसा आ गया तो अकड़ गए कोई मंत्री बन गए तो अकड़ गए रूप आ गया तो फिर अकड़ गया किसी को कुछ नहीं समझा बस मेरा रूप फिर वो 1015 साल की खेल है ये सारा रूप 101 साल से ज्यादा नहीं होता पूरी उम्र की जो कैद है वो भी 14 साल की है आधे रात का दिन का मिला के सा साल में खत्म हो जाती है बस एक लड़की बड़ी सुंदर थी वो दौड़े जा रही थी बड़ी भागी जा रही थी ना किसी की सुने ना किसी से बात करे ऐसे कपड़े ऐसे रूप ऐसा वस्त्र और ऐसे अकड़ के चल रही थी दौड़ी जा रही थी एक बुजुर्ग माता लाठी लेके रीड उसकी झुकी हुई थी ऐसे राम राम वाहेगुरु वाहेगुरु करते करते जा रही थी उस लड़की ने देख के काम ग कहता तू काप क्यों की मुझे देखकर मैं अस्थ का पंजर नजर आ रही हूं मैं भी तेरी तरह मिस इंडिया थी पहले मैं किसी को कुछ समिति नहीं थी ये 1015 साल में मेरा हाल हो गया अब तेरा हाल भी यही होने वाला है ये सा ऐसे हो गई है तू किस बात पकड़ रही है आराम से चल ठहर के चल राम राम जप तेरे को सुख मिलेगा और मैं भी राम राम कोई वाहगुरु नहीं जपती थी मैं कहता क्या बस में रूप मेरे पीछे सब पुरुष भागते हैं मेरे पीछे लड़के भागते हैं मेरा रूप देखो और अभी थोड़े दिन पहले अरुण जी से पूछ लो ऐसी ऐसी हीरोन थी जिसका नाम ही विश्व प्रसिद्ध था अब वो छुप के बाहर ही नहीं निकलती कि हमारा रूप इतना खराब हो गया इतना रूप खराब हो गया उसके नाम ही नहीं पता किसी को अमीरों के नाम नहीं पता कल पूछ रहे थे दुनिया का सबसे वर कौन है नाम ही नहीं पता अमेरिका के दूसरे राष्ट्रपति का क्या नाम है नाम ही नहीं पता भारत के दूसरे उपराष्ट्रपति का किसी को नाम ही नहीं पता बड़े-बड़े अर आए बड़े-बड़े सिकंदर आए सिकंदर का भी नाम किसी को नहीं पता सिकंदर का नाम सिकंदर नहीं था यह भी नहीं पता और बंदे ने लूट लूट के मुर्दे से भी निकाल लिया इना धन ट्रकों से भरे भरे लेया किसके लिए किसी से प्रेम हो गया कहते मैं उसको दिखाऊंगा कि बस देख मैं दुनिया का सबसे बड़ा राजा हूं मैं सबसे अमीर आदमी हूं और स्त्री को खुश करना है तो उसको सोना दे दो पैसे दे दो बस स्त्री को प्रेम धर्म नहीं चाहिए पहले सुन लेना उसको धन दे दो उसको धन दे दो सोना दे दो चांदी दे दो वह खुश हो जाएगी या शॉपिंग करा दो यह भक्ति की बात स्त्री को मत बोला करो स्त्री प्रकृतिक स्वरूप है उससे प्रकृति की बात करो भक्ति भूति ज्ञान उसको कोई लेना देना नहीं है ज्ञान को लेना देना होता तो राम घर में नारायण कि कई मां की समझ में क्या आ गया किसी एक मीरा के किसी बिल्ली के किसी दो चार के आ गया अब भगवान कृष्ण गीता में कह रहे सुनो ध्यान से जैसे एक साबन है वह साबन कपड़े का बैल उतारता है कोई कहेगा यह मेरा साबन बड़ा अच्छा है भाई तुम्हारे कपड़े साफ कर देगा छोटी मोटी मैल भी उतार देगा चाहे कोई गंदगी लगी है उसको भी उता उ देगा या बड़ी गंदी ग्रीश लगी है उसको भी उतार देगा समझ जाते सबसे रदी चीज है गीता में भगवान कहते अर्जुन मेरे पास शुद्र आ जाए नीच योनी आ जाए महा पापी आ जाए या हथियारा आ जाए कहते या चाहे स्त्री भी आ जाए भगवान रामायण में कह रहे है ढोर गवार शुद्र पशु नारी यह सब ताड़न के अधिकारी तारण का अर्थ मारना नहीं है तारण का अर्थ है इस एक व्यवस्था दे दो एक सिस्टम दे दो यह जिस सिस्टम को जानती है वह सिस्टम दे दो बस इनको धर्म ध्रुव की कोई वार्तालाप ना करो ताड़न का अर्थ है एक व्यवस्था दे दो क्योंकि यह प्रकृति स्वरूप है यह प्रकृति तुम्हारे बच्चे को पालगी तुम्हारी मां का ध्यान रखेगी तुम्हारे भाई का रखेगी तुम्हारे घर का ध्यान रखेगी तुम्हारे खाने पीने का ध्यान रखेगी तुम्हारे लिए अपनी जान भी लगा देगी पर परमात्मा की बात ना करो सेवा ही इनकी जिंदगी है सेवा में इन्हें परमात्मा मिल जाता है इन्हें परमात्मा नहीं चाहिए इन्ह सेवा दे दो इन्हें कोई कार्य दे दो इसमें लड़ाई झगड़ने वाली अकड़ने वाली बात नहीं है खाली पता नहीं है आपको पता नहीं स्विच यहां है अब ये इसका स्विच ऑफ कर दिया मैं बोलता रहूंगा आपको सुनाई नहीं देगा अब यह सुनाई देने लगया स्विच ऑन करके तो आप कहोगे यह बड़ी चुनौती की बात है हमारा यह देखो माइक बोल रहा है तुम्हें सुनाई दे रहा है पहले सुनाई नहीं देता था आपकी आज्ञा प्रश्न रखू कर लो पहले लेकिन मेडिकल साइंस जहां असफल हो गया जो अनुभव हमारे पास तथ्यों के साथ आए हैं वो अफल हो गया यानी कि कर्मों में यह दुख और यह यह पीड़ा लिखी हुई है और प्रभु के पाठ करने से कुंडली बदल गई कर्मों का पूरा हिसाब किताब बदल गया ऐसा क्यों तो लिखा है ना गुरु ग्रंथ साब में गीता में जब लिख दिया कि परमात्मा के नाम से तुम्हारे ठीक हो जाएंगे परमेश्वर से भूलने से अब मेडिकल साइंस तो परमात्मा आत्मा को मानती नहीं उसकी लैब में नहीं है आत्मा परमात्मा अब आंखों के डॉक्टर से बड़े अच्छे डॉक्टर साब बैठे हैं इनको पूछो हड्डियों के कहते मेरा विषय नहीं है क्योंकि ये भौतिक विज्ञान है बार का जो विज्ञान है ये भौतिक है ये पांच तत्वों प है पृथ्वी अग्नि जल वायु आकाश ये पांच तत्व है और यह अलौकिक विज्ञान है तबी कहते एक ओंकार सतनाम सतनाम का क्या मतलब है किसे कहते हैं सतनाम सच्चा नाम सच्चा मतलब जैसे क्या आपने बोला मैं 10 बजे आऊंगा मैं आपको कल हज दे दूं तो सच्चा है जिसका कर्ज देना है दे दिया तो आप सच्चे हो नहीं दिया तो झूठे हो यही ना ये नहीं गुरु ग्रंथ साहब कह रहे वो कह रहे आद सच जब पृथ्वी चंद्रमा सूरज बना नहीं था तब से है और जो भी खत्म हो जाता है बट जाता है अब हजार लिए पैसे लिए अच्छे बने सच्चे बने सुंदर बने ये मिट जाता है यह सच्चा नहीं है यह व्यवहारिक हम अच्छे आदमी को बोल देते हैं सत्य सत्य है कि जो कभी मिटता नहीं है नाय टूटे ना मन लगेगे नाय जले ना जाए अब तू सच्चा आदमी है तो आग में नहीं जलेगा जलेगा हम जल में भीग जाएंगे सत्य का अर्थ है जो सदा रहता है एकदम रहता है और दूसरा चुनौती इसमें क्या चीज है गीता में ग्रंथ में वेदों में साफ कह दिया भगवान शिव कह रहे हैं यह भगवान ब्रह्मा का आपको जो आज दूंगा य इसमें भगवान ब्रह्मा कह रहे पहले सुन मेरा तो है नहीं मैं एक एक चीज आपको ग्रंथों से दे रहा हूं इसमें भगवान कह रहे हैं हे विश्वामित्र आप इस पाठ को करो जिसके जानने समझने मात्र से क्षण भर में त्रिलोक की सारी प्रॉब्लम आपकी ठीक हो जाएगी यह भगवान ब्रह्मा क रहे अब आपको लगे क्षन भर में तीन लोगों की समस्या यह ऐसी कोई मजाक झूठ बोलर मैं खुद नहीं मानता था मैं कभी यह पाठ पूजा यह मेरा काम नहीं है मूर्ति पूजा धूप दीप करना यह मेरा काम नहीं था इसे मजाक समझता था भारत के राष्ट्रपति प्राइम मिनिस्टर अमेरिका कनेडा बड़े-बड़े प्रारूपों में रहा तो मैं यह मानता ही नहीं था अब आपको विश्वास आएगा कि परमात्मा के नाम से सबकी बीमारी ठीक हो जाएगी किसी को विश्वास छाता है ना हिंदू को आता ना मुसलमान को ना सिख को ना ईसाई को आता ही नहीं और गुरु ग्रंथ साहब झूठ नहीं बोलता गीता झूठ नहीं बोलती भगवान कह रहे गीता में कर्मों का डंड भोगना पड़ेगा भैया जो तूने किया उसका पाप भोगना पड़ेगा कई जन्म लगेंगे फिर अर्जुन क महाराज क्या करें बड़ा बड़ा यह कर ले ओम जप ले यह कर ले योग कर ले साधना कर ले इसमें सारी जो बातें है ना वह सारी दुनिया भर की सारी चीजें लिखी है तत् विधि प्राणी पाते परि सेव्या उद ज्ञान ज्ञानी त दर्शना आत्मा के बारे में नन सरानी नति पाव का चर बारता सारे भक्ति कर ले यह कर ले वो कर ले और बड़े जन्म लगेंगे बड़ा ऐसे लगेगा फर कहता क्या करे जब विनम्र हो गया श्रद्धा से भर गया विश्वास से भर गया कहता है ठीक है जो आपको मेरे लिए जो ठीक हो फिर कहता है सर्व धर्मानना बोला है यह सारा छोड़ दे फिर क्या कर कहते मेरी शरण में आा बस मैं तेरा एक सेकंड में तेरे पापों का नाश कर दूंगा सेकंड के अंदर वो तो भगवान ने सेकंड में कर दिया कभी गुरुद्वारे जाओ सुनो एक बहन पंडित के पास गई वो कहने लगे कि मेरी औलाद नहीं है मेरे को सारे माज कहते हैं और जिस स्त्री के बच्चा नहीं वो अधूरी है पहले समझ लेना वोह पूरी नहीं हो सकती जिसका बच्चा नहीं है वह स्त्री रह सकती है लड़की रह सकती है लेकिन उसमें अधूरापन रहेगा उसको कई जन्म लेने पड़ेंगे चाहे वह लड़की है चाहे वह अमीर है चाहे वह गरीब है चाहे वह कुछ भी है उसमें पूर्णता नहीं आएगी पूर्णता मां बनने के बाद आती है ठीक है और हम कहते एक है लड़का लड़की कोई एक आग नहीं है लड़की जैसा लड़का है ही नहीं लड़की महान है लड़का बच्चों को पैदा नहीं कर सकता लड़का मां नहीं बन सकता लड़के के स्तन नहीं है लड़के के दूध नहीं पिला सकता लड़का बच्चे को संभाल ही नहीं सकता लड़की लड़का समान हो ही नहीं सकते आदमी के समान बनने की स्त्री को जरूरत ही नहीं है एकदम स्त्री स्त्री है आम आम है केला केला है केला कहता है मैं आम बनूंगा तो पागल है वह स्त्री कंप्लीट है एकदम और स्त्री जैसा सुख आदमी नहीं ले सकता कोई भी इतना ज्ञान इतनी तपस्या इतनी शक्ति इतनी सन शक्ति धरती मा में है ह में थोड़ी है लेकिन यह किसके हाथ में है धरती किसके हाथ में है दुर्गा माहा शक्ति है चंडी दीवार शक्ति है लेकिन शक्ति हाथ में किसके है 10 महा विद्या की ज्ञाता है महारा लेकिन हाथ में किसके हैं दुर्गा मां पार्वती मां राधा शिव की शक्ति है लेकिन शिव को भी उन्होंने पैरों में दबा दिया शिव को भी फिर हाथ में किसके है अभी किसी को नहीं मालूम धरती किसके हाथ में है और धरती को किसने पकड़ा है पहले मोटा मोटा समझ लो यह कोई चमत्कार चुनौती नहीं सिंपल सी बात है सरल सी बात है जो मैं आपको दे रहा हूं ना कोई पाखंड है ना इसके कोई पैसे लग रहे हैं ना कोई धर्म बदल रहा है ना को किसी को ग्र जा रहा है उसका क्या बड़ा छोटा अब एलोपैथी के साथ होमोपैथी ले लो तो क्या हो गया आयुर्वेदिक ले लो तो क्या हो गया रोटी आप खा रहे हो चावल खा रहे हो साथ में फल खा लो तो क्या प्रॉब्लम है और बड़ा छोटा तुम्ह विश्वास नहीं आ रहा इसलिए करते नहीं हो तुम क कैसे विज्ञान बढ़ गया चंद्रमा पर पहुंच गए चंद्रमा पर पहुंच के किया क्या उन्होंने जो बड़े बड़े पढ़े लिखे गए हैं वह मुकाबला कर रहे सतगुरु नानक कभी पढ़े नहीं उनका मुकाबला कर रहे एक आदमी भी कबीर का एक जना मुकाबला कर ले हर तरह में शक्ति में धर्म में अर्थ में काम में मोक्ष में धन में यह परमात्मा के नाम में सारी समस्या का समाधान है सारी ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका समाधान नहीं भगवान शिव कह रहे भुक्ति मुक्ति प्रदम च पुत्र पुत्रा आध कम तथा धन धना कम सर्व लते ते निश्चित तुम्ह पुत्र नहीं है तुम्हारा पुत्र नहीं है तुम्हारा शरीर ठीक नहीं है तुम्हारी बीमारी है तुम्हारी बाधा है कोई समस्या है कोई झगड़े है धन नहीं है लड़ाई है झगड़े है वह सारी निश्चित फल लत गारंटी है यह इससे ठीक हो जाएगी यह भगवान शिव कह रहे हैं भगवान शिव को क्या लेना गारंटी बोल के तुम बोल देते हो गुरु ग्रंथ साहब को मानते हो गीता को मानते हो वेदों को मानते हो कुरान पाक को मानते हो पर उसकी बात नहीं मानते उसको नहीं मानते डॉक्टर को मानते हो डॉक्टर की बात नहीं मानते इसी लिए प्रॉब्लम है आपको आप सुन लिया हा जी पढ़ लिया गुरु ग्र साब में लिख है सत श्री अकाल ठीक है जी गीता में कहा है हे भगवान कृष्ण आपकी जय बांके बिहारी बा बस मेरे काम ठीक कर दे नाम नहीं जपेंगे यह सारा जो बेड़ा गर किया है हमें ना समझने से अज्ञान से हुए हमारा बस समझते नहीं मानते नहीं विश्वास नहीं आता अब आपको मेडिकली ढंग से भी डॉक्टरों के आगे एक नहीं दो नहीं हजार नहीं लाख नहीं करोड़ों लोगों के प्रमान है कि यह लोग अपनी बीमारी से ठीक हो गए मेडिकल रिपोर्टों के अनुसार और मैंने नहीं किया मेरा इसमें कोई रोल नहीं मुझे नहीं पता मैं कोई परमात्मा नहीं हूं गुरु नहीं हूं संत नहीं हूं मैं आपकी तरह हूं साधारण हूं ये आप पाठ कर लो आपकी प्रॉब्लम ठीक हो जाएगी यह भगवान ने कहता नहीं होगी तो मुझे नहीं पता भैया होगी तो मुझे नहीं पता यह ऐसा भगवान शिव कह रहे ऐसी गीता कह रही है और मैं भी नहीं मानता था मैंने जब किया अरे मेरे पास था धन बड़ा गरीब था मैं मैं ऐसी समस्या में पड़ा जिसका समाधान नहीं था फिर मैंने पाठ किया किसी ने कहाय कर लो गुरु मिले कोई हम मजाक करते थेय क्या पाठ है कहता कर लो यार मजाक समझ के कर लो विश्वास का क्या लेना देना आप कर लो बस छोड़ो तो किया काम लगे धन आने लगा सब कुछ होने लगा घर नहीं घर बन गया तो मैंने कहा हो सकता है यह ऐसे मेरी किस्मत में लिखा है होना ही है तो क्या मालूम पाठ से हुआ या नहीं हुआ क्या पता बड़ा तर्कशील था मैं सोचता था फिर छोड़ दिया मैंने पाठ छोड़ा तो सारा रुक गया एकदम कर्जा चढ़ गया फिर फिर मैंने काम किया फिर पाठ किया फिर आने लगा फिर मैंने छोड़ दिया फिर प्रॉब्लम पड़ी इतनी इतनी प्रॉब्लम समस्या का समाधान नहीं था सब गुरु के के पास गया समस्या का समाधान नहीं मैंने फिर किया मेरी समस्या ठीक हो गई बार-बार छोड़ा बार-बार किया कई साल लगाए 12 साल तक मैंने इस परे किया बंद किया किया बंद किया प्रयोग किए देखे फिर मैं तटस्थ हो गया कि अब यह पक्का है ऐसा दुनिया का कोई गुरु नहीं मैं जिसके पास नहीं गया सबके पास गया हूं सब ग्रंथों को पढ़ा है गीता ये मेरे को ऐसी याद है श्री गुरु ग्रंथ साहब ऐसी याद है क्योंकि माता गुरुद्वारे जाती व पाठ करती थी तो जब मैं पैदा हुआ तो मेरे को वैसे ही याद होने लग गया अगर मां ध्यान करे पाठ करे तो बच्चे को भी याद हो सकते अभी मन को हो गया था अभि मन्नू ने गर्भ में सीख ली आप गर्भवती मां है जैसा आप बोलोगे जो खाओगे वह बच्चे को लगेगा बच्चा वैसे बनेगा जो आप खाओगे इसमें कोई चमत्कार नहीं है वैज्ञानिक तथ्य हैय क्योंकि बच्चा मां से जुड़ा होता है बच्चा और मां दो नहीं होती अंदर तो आपको यह विश्वास नहीं आ रहा अब आपको इतना वि दे दिया तथ्य दे दिया विश्वास नहीं दे दिया फैक्ट दे दिया कि देख लो भैया ना धन है ना पैसा ना नंबर है ना झूठ है ना कोई धर्म बदल र है ना कोई किसी से वैर है ना दोस्ती ना क से दोस्ती ना क से बैर आप ये कर लो मेरी प्रॉब्लम ठीक हुई है मैं गरीब था प्रॉब्लम में था अब सारे काम हो गए पूरे विश्व के पास गया फिर मैं नेगेटिव लोगों के पास गया व कहते यह क्या पाठ लेकर बैठ ग मैं कहा त कर लो तुम्हारी यह प्रॉब्लम है तुम नेगेटिव हो इसलिए मैं तुम्हारे पास आया हूं क्योंकि तुम नहीं मा मानते इसलिए अगर तुम्हें फायदा करेगा तो मैं मानूंगा वो करते थे कते तो फायदा हो गया फिर मैंने कहा अगर अमेरिका जैसे लोग मानेंगे कनाडा अमेरिका इंग्लैंड तो मैं मानूंगा वो तो मानते नहीं है वहां गए तो वो कहते क्या पाठ मैंने कहा ये करो 100 में से 10 आदमी ने किया वो कहता हम तो ठीक हो गए एक डॉक्टर थे बहुत बड़े अमेरिका के राष्ट्रपति थे उनकी कोई क्लोज थी वो उनके घर उनके ब्रदर आए डॉक्टर आए बड़े-बड़े साइंटिस्ट तो मैं व उनके घर में था उस समय उन्होने मुझे बुलाया था तो उसका भाई आए मैं पाठ करके निकला तो पाठ बिस्किट का प्रसाद था व लड्डू वगैरह हलवा तो होता नहीं है तो मैंने सबको दिया प्रसाद है भी ले लो उसके बेटे को भी दिया कहते इसको मत देना इसको अलर्जी है गेहूं की एनर्जी है कनक की एनर्जी है और वह डॉक्टर था खुद कहते यह हाथ लगते इसका शरीर सूज जाता है हाथ लगते खाएगा तो भर भी सकता है तो मैंने कहा अच्छा तो मैं कहा अगर मैं इसको थोड़ा सा दे दूं ऐसे हल्का सा ना मात कहता ना ना मतलब ही नहीं है डॉक्टरों ने साफ लिख दिया छूते ही इसको हो जाती छूते खा रहा तो बहुत दूर की बात है तो मैंने कहा चलो यह मेरे काने से थोड़ा सा ऐसे बिंदू की तरह ले लो मैंने उसको थोड़ा बिस्कुट खिला दिया हल्का सा वो लड़का डरे खाता गया छोटा सा बच्चा था खाता रहा खाता रहा फिर मैंने थोड़ा और दे दिया खाता रहा फिर थोड़ा सा और ज्यादा दे दिया फिर मैंने पूरा बिस्कुट खिला दिया बड़ा था वो बैठा रहा वो भी हैरान कहते एक सेकंड में अलर्जी होती है जिसको एलर्जी जो होगी ना अब जैसे किसी को कोई चीज की एलर्जी है तो पा 10 मिनट में भी आदमी मर जाएगा ज्यादा टाइम नहीं लेता भयंकर एलर्जी है तो तो मैंने कहा एक घंटा यहां बैठ वो बैठा रहा उसके फादर भी बैठे रहे तो कहते आपने क्यों बेमतलब दिया हम तो आपके पास है ही नहीं हम तो यहां इनको मिलने के लिए आए हैं मैंने कहा मैं कोई देने के लिए नहीं दे रहा मैंने सोचा इसको एलर्जी है और यह ठीक होगी मैं एक एक्सपेरिमेंट करना चाहता था कि क्या इस मंत्र से पाठ से जो मैंने पाठ किया वो अलर्जी का किया था क्योंकि य मुझे आकर एलर्जी हो गई जुकाम हो गया खांसी हो गया तो वो कहते दवाई ले लो मैं कहा मैं पहले ये देखता हूं करके एलर्जी वाला तो मैं कहा अगर यह बच्चा ठीक होगा तो मैं मानूंगा वरना मैं बोलूंगा यह ग्रंथ झूठे हैं सारे ऐसी बकवास है उसको खिला दिया पूरा दो घंटे बैठा रहा फिर मैंने और बिस्कुट खिलाया फिर गेहूं खिलाया फिर रोटी खिलाई शाम तक वो आदमी हैरान और बड़े लोग कठे हो गए वहां पर डॉक्टर ये कैसे पॉसिबल है फिर इतने लोग आए वहां पर आप कल्पना नहीं कर सकते कहते कोई अवतार आ गया मैंने कहा मैं भैया कोई अवतार नहीं हूं किसी का ना कोई जिसस हू ना कोई लेना देना यह पाठ है तुम कर लो सिंपल सा ठीक होने लगो उन लोगों पर विश्वास आया उन लोगों ने माना इंग्लैंड में एनईसी आल में कभी सुनि है 208 पंड की टिकट हुई नहीं आज तक तो वो टिकटों की ब्लैक हुई वापस पर इतने लोग आए और लोग ठीक ऐसे अमेरिका कनाडा जैसे लोगों ने जब मैं देख रहा था पर्सनल मीटिंग तो कहते यह क्या देख रहे ऐसे एक मिनट में लिख देते हैं टूथ फर फ यह क्या चीज है पुलिस के अधिकारी थे वह सिक्योरिटी के लिए थे क्योंकि वहा लोग बड़े आ गए तो वहा एक नियम है कि जितना आपका हाल है अगर 500 का हाल है तो उसमें 600 आदमी नहीं होने चाहिए 500 ही होने चाहिए फिर वहा लोग कठे हो गए लाइनों प बाहर बैठ गए तो कहने लगे आप क्या क्या लिखते हो क्या देखते हो मैं इनका समाधान लिख रहा हूं कहते ये क्या समाधान हमारे तो डॉक्टर देखते हैं चेक करते हैं बताते हैं आपको कैसे पता लगता है तो मैं कहा आपको यह बीमारी इतने साल से है आपकी पत्नी को इतने साल से है तुम्हारी बेटी को तुम्हारी मां को थी वो व आदमी हैरान मैं कहा तुम्हारी पत्नी वहां पड़ी है पैरालाइज में और बेड के नीचे गिर गई है उसने फोन किया कहता मैं बेड से नीचे गिर गई हूं वो कहते तू यहां आजा यहां एक इंडिया से कोई साधु आया है फटाफट य आ जा किसी तरह कार प आा मैं क उसको जरूरत नहीं अपने आप उठ के आ जाएगी वो कहता वो जिंदगी में चली नहीं कभी मैं कहा तू खड़ा र यही यहीं पर वो टैक्सी भी आ जाएगी पाठ की भी जरूरत नहीं वो ठीक हो जाएगी उसने टैक्सी ली और वो वहां आ गई व कहते यह क्या मैं कहा मुझे नहीं मालूम मैंने प्रभु से प्रार्थना की जीसस से कहते जीसस से तो मैंने कहा तू जीसस को ही मानता है ना कहता हां तो मैं कहा जीसस ने आपकी बात सुन ली भैया अब अब जरूरी थोड़ी है ना सुने सुन ली या जिसको मानता है उसको बोल मैं उसको प्रार्थना कर दूंगा अब जैसे पानी लेना है तो रामलाल को बोल सोन सिंह को बोल वो अगर बांध लेगा तो आपको लाकर दे देगा इसमें क्या बात है इसमें बड़ी बात क्या चीज है उसकी पत्नी मैं ठीक हूं कहते कैसे हुई कहते मैं वहां बेड प लेटी थी मैंने कहा हे जीसस मुझे ठीक कर दो तो मैं ठीक होगी तो मैं कहा देख अपने आप ही हुई है मुझे क्या पता अब उसकी समझ में नहीं आया मैंने कहा ये समझ में नहीं आएगा तेरे ये शिवजी भगवान साफ कह रहे हैं एकदम यह जो मंत्र है इसका अर्थ जानना संभव नहीं है और ना जरूरी है और ना आप जान सकते हो ना आपकी समझ में आएगा ना वंच नहीं है समझ ही नहीं सकते बस आप जप लो कर लो ले लो किताब जप लो आपको कुछ नहीं होगा इसके निष्कल मंत्र है बंदूक ले लो पुलिस वालों की यह खुलेगी नहीं क्योंकि उन्होंने लाक किया हुआ है अब ले जा किताब इसलिए काम नहीं आ रहा मोबाइल दे दो अपना लक करके किसी को अपना कंप्यूटर दे दो लाक कर नहीं खुलेगा ऐसे मंत्र लाख है उसका भी ज्ञान है छोटा सा कि वो आपको लाख में दे देता हूं वो खुल जाता है वो भी ग्रंथ में लिखे हैं पंडितों के हाथ में नहीं आते जिसके हाथ में आ गए वह अकडू हो जाएगा अकड़ने लग जाएगा मैं अब चमत्कारी बन गया मैं अब गुरु बन गया मैं बाबा बन गया कोई राख निकालने लग जाएगा कोई सोना निकालने लग जाएगा यह पाखंड खा गया भारत को विज्ञान खो गया जिसको विज्ञान का पता था वो गुरु आडंबर में आ गया उसको लोग पूजने लग गए या हमारा डब्बर पैदा हो गया जैसे आपने बोला विज्ञान को चुनौती देती है चुनौती का क्या मतलब यह अलग विज्ञान है उसको कोई लड़ाई थोड़ी है हवा की धरती से लड़ाई थोड़ी है वायु की पानी से लड़ाई थोड़ी है तुम दीपक जलाते हो तो धूप की लड़ाई थोड़ी है दीपक से पृथ्वी की हवा से लड़ाई नहीं हवा की जल से लड़ाई नहीं जल की आकाश से लड़ाई नहीं इसकी अग्नि से लड़ाई नहीं कभी ये लड़ते थोड़ी है पांच तत्व और पांच तत्व के हम बने हैं हमारा सिर्फ पांच तत्व से बना है छठा तत्व नहीं है कोई उसको समझने का आपको पता नहीं है ये इस मंत्र में उसको समझने का है वो आप करोगे आपकी प्रॉब्लम ठीक हो जाएगी इसमें कोई मैं गुरु मैं चमत्कारी यह नहीं करना सभी बराबर है और सबके लिए साफ है कोई भी कर ले इसका निष्कल पत्र मैं आपको दे देता हूं वो जो लिखे है वो योग्य आदमी को दी जाती है अब बंदूक सरकार ऐसे थोड़ी सबको दे देगी आपके घर में पैसा ऐसे थोड़ी किसी को पकड़ा दोगे सोना ऐसे थोड़ी पकड़ा दोगे लिखा है जा का हृदय शुद्ध है खोज शब्द में ले जो शुद्ध है एकदम सच्चा है उस शब्द में उसको परमात्मा मिल जाएगा शब्द में अकाल पुरख आ जाएगा और अकाल पुरख शब्द से भी बरीक है शब्द से भी पार है परमात्मा इससे भी पार है शब्दात है ब्रह्म जो परमात्मा शब्द ब्रम वेद में कहा है कि शब्द ब्रह्म है यह जो शब्द है किसी ने गुरु ने जानकार ने बोल दिया तो तुम्हारा काम हो जाएगा भैया शब्द में आ जाता है परमात्मा एकदम यह पाठ जो मैं देता हूं यह कर लेना फिर आपकी समझ में आ जाएगा प्रवचनों से नहीं आएगा प्रवचनों से नहीं आएगा पढ पढ गड्डी ले पढ़ते रहो इसका कोई अर्थ नहीं है समझ लो एक वस्तु बुझे तो पाक बिन बुझे तू सदा नापाक जो मर्जी बन जाओ तुम जे जुग चारे यार जा तेरी उम्र चार युगों जितनी हो जाए और दुशमनी होए और भी 10 गुना हो जाए नवा खंडा विच जानिए सास चले सब कोए तू नौ खंडों में तेरा नाम हो जाए भारत नहीं पूरे अमेरिका कनाडा वर्ल्ड में और नौ खंड महाकाश गंगा में चंगा नाम रखा है के जे जस कीरत जगले यह समझ में नहीं आया तो बात ना पूछे कोई फिर बेकार जिंदगी है कोई काम की नहीं है अब यह बेकार जिंदगी भार डोरे है इसके बिना समझ नहीं आएगा नाल हवं ले ना सकदा सार ने मुड़ा माया मद माता िया बाता मिल जाई भर बंदरा कह नानक गुरु बिनी सजे हर साजन सबके निकट खड़ा कोई मानता निकट है तुम मानते हो निकट है परमात्मा गीता में कहे भगवान साफ कह रहे हैं मैं सर्वव्यापी हू मैं पास हूं अंग संग हू मैं पत्थर मिटी नहीं हूं मैं पास हूं एकदम और ऐसी कोई स्थान नहीं जाहा में नहीं हूं आपकी आज्ञा हो तो एक जिज्ञासा एक दृष्टांत जो देवी तालाब मंदिर में हुआ था जालंधर में जो वहां के वरिष्ठ पदाधिकारी थे जिनको फूल से एलर्जी थी गेंदे के फूल से एलर्जी थी और आपने जब उनको माला पहनाई तो उन्होंने कहा कि नहीं यह माला मुझे मत पहनाए गेंदे के फूल है इसमें और मैं अभी बहुत भयंकर मेरे पूरे शरीर में लाल लाल चिकते पड़ जाए और खुजली हो जाएगी आपने फिर एक फूल को थोड़ा सा माचिस से उसको जला के पाठ करके फिर जो माला पहनाई उसके बाद उनको कुछ ऐसा नहीं हुआ और उसके बाद अगले दिन उन्होंने अपना अनुभव सुनाया कि सारे मेडिकल डॉक्टरों को व इस समस्या के बारे में बता चुके व असफल हो गए पूरी तरह से देश में विदेश में सब जगह और आपने जो यह कृपा की जो पाठ आपने किया उससे वो ठीक हो गए और उसके बाद उनको एलर्जी पूरी तरह से समाप्त हो गई यह क्या है ये मैं बताऊंगा लिखा है आपको जिस चीज से अलर्जी है उसी चीज को जला लो एक मंत्र है वह बोल लो मन में उसी से जला लो और थोड़ी देर में वही खा लो उसी से आपकी एलर्जी ठीक हो जाएगी अभी जब प्राइम मिनिस्टर ने हमारे मोदी साहब जी ने योगा दिवस कराया था अद्भुत तो ऐसे ऐसे लोग थे जिनको अलर्जी थी बरसात से थोड़ी सी बरसात पड़ जाए अलर्जी आंधी तूफान की अलर्जी थी अस्थमा था तो वो आंधी तूफान से ही ठीक हो गए क्योंकि मैंने जब पाठ किया तो मिट्टी उठा ली आंधी तूफान की बरसात का पानी उठा लिया फिर मैंने दीपक के अंदर उसको जला दिया दोनों को एक मंत्र होता है जिससे जिसकी एलर्जी हो वो जला दो और फिर वो उसी से आपकी अलर्जी ठीक हो जाएगी इसमें चमत्कार की क्या बात है इसमें कृपा क्या है ये विज्ञान है गुरु ग्रंथ साहब विज्ञान है गीता विज्ञान है परम पूज्य गुरुदेव परम पूज्य गुरु मां के चरणों में नमन एक जिज्ञासा आज परम पूज्य गुरुदेव के समक्ष रखना चाहूंगा यदि आज्ञा हो अवश्य बहुत से धार्मिक स्थलों के बारे में हमने सुना है के वहां उस मंदिर में कई स वर्ष पहले ऐसी ऐसी घटना हुई थी और उस घटना का जो रिजल्ट था वह यह था कि एक व्यक्ति उसकी कोई एक बहुत भयंकर बीमारी थी वह ठीक हो गई उस मंदिर का नाम लोग लेना शुरू करते हैं और कोई खास दिन या कभी भी और यह शुरू हो जाता है कि यहां यदि जाओ और कोई भी मन्नत मांगो तो वह मन्नत पूरी हो जाती है उस मंदिर का नाम सबकी जबान पर चढ़ जाता है और मंदिर से संबंधित जो लोग होते हैं वह इसका प्रचार करने में नहीं चूकते मंदिर से मेरा अर्थ मंदिर से ही नहीं है मैं किसी भी धर्म स्थल की बात कर रहा हूं पूज्य स्थल है अमृतसर हरविंद्र साहब के विषय में यह कहा जाता है कि वहां एक व्यक्ति का कोड ठीक हुआ था कई स वरस पहले और भी ऐसे कितने ही स्थल है उन स्थलों का जिक्र करके यदि हम इस स्थल की बात करते हैं आज यह पानीपत का यह मैदान बड़ा यदि वह स्थल इतने प्रसिद्ध हो सकते हैं या है इतने पूज्य हैं वहां लाखों करोड़ों लोग रोज जाते हैं इस स्थल को हम क्या नाम देंगे जहां कल हजारों लोगों की बीमारियां ठीक हुई और ऐसी ऐसी बीमा ठीक हुई जो असाध्य थी एक स्थल नहीं कई स स्थलों पर समागम हो चुके हैं करोड़ों लोग यह पाठ कर रहे हैं जिनकी बीमारियां जिनके कष्ट जिनकी समस्याओं का समाधान हो रहा है वह ठीक हो रहे हैं मैं परम पूज्य गुरुदेव से के समक्ष एक प्रश्न यह रखना चाहता हूं कि कहीं जरा सी भी इस तरह की कोई घटना हो जाती है तो उस जगह का नाम उस व्यक्ति का नाम इतना ज्यादा प्रचलित हो जाता है आपके चरणों में यह प्रार्थना है कि आप यह क्यों कहते हैं कि जो भी कुछ हो रहा है यह मैं नहीं कर रहा हूं क्यों यह ऐसा है क्रेडिट लेना मुझे नहीं लगता कि किसी को भी खराब लगता होगा चलिए मान लिया कि हम यह कहते हैं कि हम यह ना कहे कि यह हमने किया है लेकिन जब कोई दूसरा कहता है सामने से और यदि हम खामोश भी रह जाए तो भी यह माना जाता है कि हां इस व्यक्ति ने इसका क्रेडिट लिया है कहते कि अपने गाल बजाने की जरूरत नहीं होती इस काम के लिए पूज्य गुरुदेव आप क्या सोचकर यह क्रेडिट नहीं लेते इस बात का यह अपने आप में असाधारण बात है पूरे विश्व में ये कहीं नहीं हुआ होगा आज तक कि करोड़ों लोगों की समस्याए ठीक हुई और व्यक्ति उसका क्रेडिट नहीं लेना चाहता क्या इसके पीछे केवल आपकी सोच है क्या इसके पीछे कोई आध्यात्मिक कारण है भौतिक कारण तो नहीं हो सकता यह तो हम सबकी समझ में आता है ये मेरी भी समझ में आता है कि भौतिक दुनियावी कारण तो नहीं हो सकता इसका कोई भी तो क्या इसके पीछे कोई आध्यात्मिक कारण है या कोई पारलौकिक कारण है लेकिन जो भी है यह अभूतपूर्व है ना पहले कभी हुआ है और मुझे नहीं लगता कि आगे कभी विश्व में ऐसा होगा भी यह केवल मेरी एक जिज्ञासा है पूज्य गुरुदेव आपके चरणों में नमन करते हुए मैं बस इतना ही जानना चाहता हूं क्योंकि यह हमने कभी देखा नहीं पहले कभी सुना नहीं है हमने पहले पूज्य गुरुदेव अरुण जी ने बड़ी विज्ञान से भाव से तथ्य से हृदय से अपने अंतर से जिज्ञासा रखी है जिसे जिज्ञासा नहीं कहना चाहिए अपने अंदर की सोच यह मंथन बुद्धि शल व्यक्तित्व का यह आयाम है यह नियम है इस घटना से आप समझ जाएंगे एक बार मैं क्लीनिक में बैठा था तो एक व्यक्ति को बड़ा भयंकर पूरे शीर में ऐसे भयंकर रोग खतरनाक कोड था ऐसा जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती तो गुरु मां के पिताजी मेरे पास बैठे हुए थे क्लीनिक में मैं उसे साफ कर रहा था उसकी दुर्गंध इतनी थी कि आप खड़े नहीं हो सकते गुरु मां के पिताजी ने बताया कि उसकी बड़ी दुर्गंध थी और आपने उसको लिटा के अंडरवियर पहरा था पूरे शरीर में कोड था और आप उसको बड़े प्रेम से सफाई कर रहे थे दूसरों से कुछ लेना नहीं और घंटा लगा साफ करने में फिर उसको आपने दवाई दी आपने बोला कि दो दिन के बाद आना उसने कहा कि मैं ऑल इंडिया मेडिकल सारे डॉक्टर के पास डॉक्टर कंधारी थे केसी कंधारी वो एचओडी थे स्किन के ऑल इंडिया मेडिकल के कहते उसके पास बड़े वर्षों इलाज कराया और बड़े डॉक्टर के नाम कराया उने और उसका कोई नहीं तो उसने कहा कि मुझे गुरु जी ने भेजा है आपके पास कोई प्रॉब्लम है तो उन्होंने बोला मेरे पास चले जाओ तो मैं आपके पास आ गया हूं तो मैंने कहा लेट जाओ मैंने उसका उपाय क्या मैंने कहा दो दिन के बाद आ जाना दो दिन बाद आया तो वह ठीक हो गया एकदम बिल्कुल नर्मल हो ग जिसका इलाज नहीं था वो ठीक हो गया बिल्कुल तो मैं भी अर च मुझे पता था कि दो दिन में ठीक हो जाएंगी इतने पुराना 20 वर्षों का रोग है दो दिन में कहां से ठीक होगा वो दो दिन में ठीक हो गया तो मैंने चार पांच लोगों को बताया देखो भाई मेरी गुण देखो यह डॉक्टर केसी क धारी बड़े-बड़े डॉक्टरों ने इलाज किया नहीं ठीक हुए और मेरे के पास गुरुजी ने भेजा है साधारण आदमी ने नहीं भेजा ये देखो मैंने दो दिन में इनको ठीक कर दिया देखो देख मैं कितना लायक डॉक्टर हूं कितना लायक हूं मैं साधारण नहीं हूं उनको नहीं बोला मन में सोचता था कि मैं कितना लायक हूं देखो मैंने यह कर दिया तो व्यक्ति चार दिन के बाद वो फिर आ गया कहते है मेरा तो पहले से ही ज्यादा हो गया तो मैं कहा तुम्हारा तो ठीक हो गया था कहता पता नहीं अब यह पहले से ज्यादा हो गया तो मैंने कहा फिर दे देता हूं दवाई वो जो दवाई दी थी लगाया उसको फिर दिया दो दिन बाद आया कहता मुझे तो कोई फायदा नहीं हुआ वैसे ही बढ़ रहा है फिर और दी कहता कोई फायदा हु और मेरे शरीर में होने लगा मैंने बड़ी टाई की वो ठीक नहीं हुआ फिर मैंने कहा यार अब तू गुरु जी के पास ही जा तो वह गुरु जी के पास चला गया तो गुरु जी ने कहा भाई क्या मतलब तू तो ठीक हो गया था कहता हां कहते फिर हो गया कहते फिर कहते फिर मैं उनके पास गया दवाई दी कहता गुरुजी कहते जाओ उन्हीं के पास जा बोलो ध्यान से दो वो मेरे पास फिर आ गया कहते गुरु जी ने कहा ध्यान से दो फिर एकदम मुझे याद आ अरे वो तो मैंने वो मंत्र जपा था वो मंत्र गुरु जी का था मेरा तो था नहीं और उसके बाद तो मेरे में अकड़ आ गई कि ये मैंने ठीक किया ठीक किया था गुरु जी के मंत्र ने उसको नहीं बताया गुरुजी ने इतना बोला ध्यान से देखना और साथ में निकाली गाली मैं एकदम समझ गया जब गुरु गाली निकालता है समझो आपका कल्याण होगा गुरु ग्रंथ साहब में लिखा है दुख दारू सुख रोग भया ज सु सुख ताम ना ई जब गुरु आपको चोट मारे तो समझना आपकी बड़ी बीमारी खत्म होने वाली है जब जिसको गुरु की बात बुरी लग जाए समझो उसका विनाश नजदीक है जो गुरु की बात का बुरा मान ले कोई चीज का और जिसको गुरु कोई बात करता है तो उसके रोग हटते हैं समस्या हटती है ये गुरु ग्रंथ साहब में लिखा है तो मैंने फिर मंत्र वो जपा और फिर वही दवाई जो थी आयुर्वेदिक लगा दी दूसरे दिन कहते मैं एकदम ठीक हो गया मैं कहा अच्छा और मेरा भी आधा ठीक हो गया उसका ठीक हुआ तो मेरा भी ठीक हो गया आधा फिर वह गुरु जी के पास गया गुरुजी मेरा ठीक हो गुरुजी कहता अच्छा अच्छा वो ज्यादा ध्यान नहीं देते थे अभी कि होगा होगा नहीं होगा नहीं होगा क्योंकि कहता अच्छा अच्छा ठीक है तो हफ्ते के बाद आया कहता मैं बिल्कुल ठीक हूं आपने कोई पैसा भी नहीं लिया डॉक्टर तो पहले फीस लेते ना फीस ली ना पैसा लिया और मैं मेरे पास लाखों रुपए है और मेरे को कोई कमी नहीं पैसे की मेरी जमीने है और वो व्यक्ति करनाल का था बड़ी जमीन आज भी उनकी तो मैं कहा नहीं मुझे पैसे नहीं लेना जब गुरु कोई भेजता है या गुरु का शिष्य भी कोई आता है तो मैं उससे पैसे नहीं लेता और पैसे भी मैं उनसे लेता हूं जिसके पास होते हैं गरीब से मैं नहीं लेता और वोह भी उसका जिसका भाव होता है दे देता है नहीं तो कोई ऐसी बात नहीं मैं कहा तू मेरे पास मत आना दोबारा कहता वो क्यों मैंने कहा अब तुझे अगर हो जाए तो गुरु जी के पास जाना वापस दुबारे घटना घट गई और पा साल हो गए पा साल के बाद वो अचानक मिला तो मुझे कहने लगे कि आप तो संत बन गए पहले तो आप चिकित्सक थे बड़े और मुझे कोई आश्चर्य नहीं हुआ कि आप संत बन गए हो क्योंकि आप जो वार्तालाप करते हो वो को डॉक्टर ऐसे नहीं करता ऐसी तरसे नहीं बोलता मैं पहले भी ऐसे ही बोला करता था तो कहते आप मेरे से पैसे क्यों नहीं लिए और ये सेम अरुण जी वाला क्वेश्चन किया उन्होंने कि इतने इतने लोग ठीक हो गए और यह आप अपना नाम क्यों नहीं लेते फिर मैंने उसको बताए कि जब तू पहले आया था तो वह गुरु जी ने भेजा तो गुरु जी ने मुझे जो ज्ञान जो मंत्र दिया था मैंने उसका ध्यान किया जपा सिमरण किया अरदास की तो तू ठीक हो गया फिर मेरे मन में आ गया ये मैंने किया है देखो मैं कितना लायक हो गया हूं जिसको कोई ठीक नहीं कर पाया उसको मैंने कर दिया और मेरे पास गुरुजी ने भेजा है उसके बाद इससे तू बीमार हो गया तो गुरुजी ने कहा ठीक है तो अब कर दुबारे गुरुजी ने बोला तूने अगर ठीक है तो फिर दोबारा कर अगर मैंने एक बार यह पुस्तक उठा ली तो दोबारा उठा सकता हूं कहता अगर एक बार तुमने कर दिया तो दोबारा करके दिखा गुरु जी ने बोला नहीं वो जो मंत्र में दूंगा उससे आप गुरु की वाणी को सुन सकते हो एकदम गुरु जो बोलता है सोचता है तो आपको एकदम समझ में आ जाएगा गुरु चाहे दूर बैठा है आपको एकदम समझ में आ जाएगा जैसे पानी है पानी में समुंदर में 100 किलोमीटर 100 मीटर आप पन डुबी में अंदर चले जाओ और पन डुबी में जो 100 किलोमीटर पे आदमी है आप धीरे से बोलो हेलो वो बिना टेलीफोन के आपको बोलेगा हेलो हल्का सा राम वो बोलेगा हां अब जब आप स्पेस पे जाओगे ना स्पेस पे तो स्पेस पे हजारों किलोमीटर दूर पे वो एक व्यक्ति एक बार बोलता है इधर आओ तो हजारों किलोमीटर वाला इधर आ जाता है उनको बात सुनाई देती है तो फिर यह जो मैं आज आपको रहस्य दे रहा हूं इससे आपकी कोई बीमारी नहीं रहेगी फिर आपको गुरु ग्रंथ साहब की शक्ति का पता लगेगा वेदों की शक्ति का पता लगेगा गीता की शक्ति का पता लगेगा उसके रेश का पता लगेगा ठीक क्यों नहीं होती इसका पता लगेगा ठीक कैसे हुई इसका पता लगेगा और कैसे हो सकता है इसका पता लगेगा फिर 5 साल बाद मुझे मिला तो मुझे नहीं याद कि मैंने उसको औषधि दी थी मैंने उसको दवाई दी थी मैंने क्या किया था मैं मुझे याद नहीं है कहता आप अपना नाम क्यों नहीं करते मैं कहा नाम मैंने एक दिन किया था तो तेरी वाली बरी मेरे में आ गई थी और तू फिर दोबारा ठीक हो गया जिस दिन यह मैं कह दूंगा यह मैंने सबको ठीक किया तो सबकी बीमारी मेरे में आ जाएगी यह गीता में कृष्ण भगवान क क्यों कहते करने वाला मैं यह भगवान करने वाला है यह शिव करने वाले ये बाकी बारी भगवान कृष्ण करने वाला है और जब ये डॉक्टर लिखते हैं ना या जब मेडिकल लिखते हैं तो आर लगा के क्रॉस करते हैं इसका किसी डॉक्टर एस डॉक्टर है कोई इधर उनको दो कि इसका क्या मतलब है पहले ऊपर आर ऐसे काटा होगा उसका मतलब क्या है गुरुदेव ऐसा सुना है कि लेटिन में उसका मतलब है कि मैंने अपनी तरफ से प्रिस्क्रिप्शन लिख दिया लेकिन इसका इफेक्ट भगवान के ऊपर है यह इसका अर्थ है कि आई ट्रीट ही क्यर मैंने जो शास्त्र में लिखा था मैंने कर दिया और मैं ठीक करने वाला नहीं हूं ठीक करने वाला परमात्मा है तू ठीक होगा नहीं होगा मुझे नहीं पता इसका मतलब यही होता है तो मैं आपको मंत्र दे देता हूं जो ग्रंथों में लिखा है मैंने तो बनाया ही नहीं ना मुझे पता है तो अगर मैं कह दूं मैंने ठीक किया है तो एक तो आपकी बीमारी मेरे में आ जाएगी दूसरा आपकी बीमारी वापस आ जाएगी इसलिए मैं क्योंकि मैं करता ही नहीं मुझे पता ही नहीं जो प्रभु की कृपा का विज्ञान है वह प्रभु आपको देवी देवता प्रभु यह आपको नजर नहीं आते यह सूक्ष्म विज्ञान से नजर आते हैं जैसे छोटे छोटे जीवाणु आपको आंखों से नजर नहीं आएंगे वो डॉक्टर को माइक्रोस्कोप से नजर आएंगे हमारे य हाथ क्यों नहीं मिलाते हिंदू सनातन में हाथ नहीं मिलाते क्योंकि उनको पता था कि हमारे हाथ में बड़े-बड़े जीवाणु कीटाणु है अब जैसे मैंने ये थ रखा टेबल पर रखा आपने जमीन पर रखा तो लोगों की पैर लोगों की धूल गंदगी सब वो हमारे हाथ पर जवान आ जाएंगे कीटाणु सूक्ष्म तो जिससे हम हाथ मिलाएंगे किसको वायरल है एचआईवी है इंफेक्शन है ट्रबल कोशिस है किसी को कोई भी एलर्जी है तो हाथ के द्वारा वह अंदर प्रवेश कर जाएगी और एनर्जी का लेवल है वह भी ट्रांसफर हो जाएगी तब भी ट्रांसफर हो जाएगा तो जब हम ऐसे हाथ जोड़ते हैं हाथ जोड़ने का अर्थ होता है कोई परिणाम हाथ जोड़ने का मतलब श्रद्धा नहीं है आप जो हाथ मिलाते हो वो तो एक दूसरे के जीवाणु कीटाणु आ गए अब डॉक्टर की समझ में आ गया अब जो बड़े-बड़े डॉक्टर है वह ऐसे अपने हाथ पे वो लगा के रखते हैं गलब पता नहीं लगता क्योंकि उनसे दूसरे के हाथ के कीटाणु उसके अंदर जाते नहीं है ऐसे एकदम दिखते नहीं है तो हाथ जोड़ने से हमारी जो तप की शक्ति है हमारा जो सारा कुछ है वो हमारे अंदर ही आ जाता है हमारा तप दूसरे में नहीं जाता ना कीटाणु जवानी जाते उसके हमारे में आते वो हमारे में ऐसे चला जाता अपने आप ही जब भी आप हाथ मि लाओगे किसी से हाथ मि लालो अगर वो आदमी कंजूस है बीमार है लोभी है तो आपके अंदर लोभ आ जाएगा सिर्फ हाथ मिलाने से एकदम अभी आप ठीक ठाक थे थोड़ी देर में क्योंकि वो एनर्जी अब तो आरा को कल्यान फोटोग्राफी ने पकड़ लिया अब हमारा शरीर है यह हमारा शरीर नहीं बोल रहा चल रहा डॉक्टर तो कहे स्पाइन में सिस्टम है ब्रेन में है माइंड में है ऐसा कुछ नहीं हमारी न में हम जो पैदा हुए थे तो मां की नाभी से पैदा हुए थे नाभी काटी फिर हमारे में शवास हैय जो रोना है ना यह हमारा शवास लेना है जो बच्चा पैदा हुए रोएगा नहीं वह या तो बहरा होगा या गूंगा होगा यह पक्का क्योंकि उसको शवास ही नहीं ऑक्सीजन नहीं मिली तो रोने से इसका मतलब है कि वह ऑक्सीजन आई तो जब आप यहां बैठते हो तो मैं प्रेयर का आहान का जब आप हवन का पता हवन करते हो तो ब्राह्मण आन करते देवी देवता के लिए आप यहां पर आओ फिर जब हवन होते तो फिर कहते आप विसर्जन हो जाओ अपने अपने लोक में चले जाओ ठीक है तो जब निष्कल मंत्र बोलेंगे तो वह देवता आएंगे और आपका रोग लेकर चले जाएंगे जब आप उसका धन्यवाद करते रहोगे भगवान शिव आपका धन्यवाद भगवान कृष्ण आपका धन्यवाद यह जो ठीक हुआ आपकी कृपा से ठीक हुआ अगर आप में अकड़ आ गई तो वो फिर देवी देवता को बोलते जा इसकी अकड़ तोड़ कर आ जा दोबारा इसको कर दे रो तो आपका ले ग जैसे यहां से देखो मंत्री होंगे कोई लोग होगे वो सच में बड़े ईमानदार होते हैं सच्चे होते हैं ऐसे नहीं अमीर आदमी बड़े सच्चे होते हैं ऐसे नहीं बड़ी मेहनत करके बनते हैं जब अमीर बन गए बड़े बन गए या रूप आ गया या कोई चीज आ गई ऐसी कि जिसकी गरूर आ गया कड़ आ गया यह मेरे से है वो मिला भगवान की कृपा से तो जब देने वाला यह कहता है कि यह मैंने ठीक किया तो फिर कृष्ण भगवान कहता है अच्छा तूने ठीक किया तो फिर देवी देवता को बोलते इंदर भैया तू जा अपने बंदे को भेज इसको दवारे कर इसकी अकड़ तोड़नी है हमने इस तरह से साफसाफ कोई आपको नहीं बताएगा अब यह सुनकर तो सारे भाग ही जाएंगे हम तो फिर शिवजी भगवान के पास जाएंगे पर शिवजी आपको सीधा नहीं सुनेगा ये भी ध्यान रख लेना शिवजी के पास जाओगे वो कहेगा अच्छा तू मेरे पास आ गया ये ले पहले खुल गया तू बिना गुरु मेरे पास मत आना गुरु के पास जा अब जो हमारे गुरु के पास गया कहता तू वापस जा उसके पास दोबारा फिर मैंने नहीं बोला मैंने ठीक किया मैंने कहा आगे से बोला गुरुजी ने ठीक किया तो गुरुजी क्यों नहीं सुनते क्योंकि गुरु जी कहते हैं मेरा काम थोड़ी है बीमारी ठीक करना मेरा काम तो मुक्ति देना है मैं ये पंगा रोग कोड़ी काड़ा करूंगा किसी का कान बह रहा है किसीकी आंख बह रही है मेरे पास तो तुम भैया मुक्ति के लिए आ जाओ मुक्ति का मंत्र देते हैं वो अब डॉक्टर आई स्पेशलिस्ट है इनके पास कल आ जाए हार्ट के ऑर्थोपेडिक के यूटिस के तो कह यार मेरे पास आई के आओ भैया दूसरे ना हो इसलिए मैं कहता हूं भैया मेरा नाम मत लो मुझे नहीं मालूम यह हमारे गुरुजी ने दिया कृष्ण भगवान ने यह हमारे शिव जीी ने दिया गुरुजी ने तो मैं फसू ना मुझे कोई प्रॉब्लम ना हो इसलिए मैं अपनी जान छुटा के लिए यह बोलता हूं आपका बहुत बहुत धन्यवाद गु मैंने जो पूज्य गुरुदेव के सामने जिज्ञासा रखी थी यह केवल जिज्ञासा भर थी इसका अर्थ कदापि यह नहीं है कि हम अपने अनुभव गुरु जी का नाम लेकर या परमात्मा का भी नाम लेकर क्योंकि जब पूज्य गुरुदेव की आज्ञा यह हुई है कि हमें अपने अनुभव समागम स्थल के अतिरिक्त नहीं सुनाने हैं तो इसका अर्थ यही है कि हमें नहीं सुनाने है वहा नाम गुरु जी का ले या परमात्मा का ले कोई आवश्यकता नहीं ये गुरु गीता कहता है कि जो भी गुरु सच बोलता है या झूठ बोलता है चाहे झूठ बोलता है गुरु की बात मत काटो यह भी है तो गुरु की आज्ञा मानना वो हमारे लिए सबसे परम धर्म है अब गुरु का अर्थ है ब्रह्मा वि शु मश गुरु का मतलब ब्रह्म श कुवार सा भी नहीं एक बार अर्जुन ने पूछा कि अच्छे आदमी के दर्शन का क्या लाभ है तो कृष्ण ने बला व कौए से पूछ लिया कौवा मर गया फिर कहता है हंस से पूछ ले हंस सुनते मर गया फिर कहता है एक किसी गरीब के घर कोई बच्चा पैदा हो उससे पूछ ले उसके घर गया वो मर गया फिर कहते है किसी सेठ के घर पैदा हुआ है वहां गया तो वो मर गया फिर कहता है किसी ब्राह्मण के घर पैदा हुआ वहां जा तो वो मर गया फिर कहता है जा यार तू राजा के घर जा कहता है तू मुझे मराए वो राजा मुझे मार देगा जहां जाते बच्चा मर जाता है सीधी सी एक मिनट में बता कहता है वो तुझे पक्का जवाब दे देगा जा क्योंकि तू बच्चे की भाषा जानता है और अर्जुन जानवरों की भाषा भी जानता था बड़े-बड़े अंग्रेज जानते हैं जानवरों की भाषा बड़ा इजी है जैसे मां बच्चे की भाषा जानती है बच्चा बोलता नहीं मां जानती है तो उसने राजा को बोला कि ऐसे ऐसे हूं कहता महाराज बड़े धन भाग की आप कृष्ण भगवान के अर्जुन यहां पर आए हो और जो मांगो बच्चे को देखा बच्चे से पूछा बच्चे ने बोला तेरी दिमाग खराब है भी समझ में नहीं आया मैं कौवा था तू कृष्ण भगवान के दर्शन करके आया तो तेरे दर्शनों से मैं कौवा से हंस बना हंस से आदमी की जोनी में आया आदमी में गरीब बना गरीब से अमीर सेठ के घर में गया फिर पंडित बना फिर ब्राह्मण बना फिर विद्वान बना उसकी अकड़ आ गई विद्वता की कहता अब अल्टीमेट राजा दशरथ का की जो राजा उसके घर पैदा हुआ हूं तेरे दर्शन से मैं आहुआ हूं क्योंकि तू सत पुरुष के साथ रहता है तू नहीं समझ पा रहा पर मैं तेरे उससे ठीक हुआ हूं पूज्य गुरुदेव आप कृपा करें कि आपके दर्शनों का सौभाग्य हमें सदैव इसी प्रकार प्राप्त होता रहे आप ऐसी कृपा कर मैं गुरु नहीं हूं गुरु कृष्ण भगवान है गुरु ब्रह्मा विष्णु मेश है शिव है जिसका भी नाम ले लो एक ही बात है गणपति का ले लो दुर्गा का ले लो ये सारे दो नहीं है एक ही के अलग अलग नाम है ये हमारी अंगूठा ये उंगली ये उंगली ये एक ही है ये जो मैं दे रहा हूं शास्त्र में एकदम साफ लिखा हुआ है कोई मेरा नहीं है मैं ठीक करने वाला नहीं हूं मुझे पता नहीं है और यह इसके बिना भगवान शिव ने कहा है और इस दुनिया में किसी के पास नहीं ये भी भगवान ने कह दिया यहां के अलावा और कहीं नहीं है इतने लोग कभी देखे कि पाच मिनट में और ये योग से थोड़ी ठीक होते हैं जो आप बात मान रहे हो उससे ठीक होते हैं उस सम शि भगा आ जाते अब मेरी बात मानोगे तो शिव भगवान प्रकट हो जाएंगे वह आपके रोग लेकर चले जाएंगे अकड़ो तो दोबारा आपको दे देंगे अब शिज के पास सीधे चले जाओ वह कहेंगे गुरु जी के पास जा आप पाठ कर लो मंत्र व कहता है गुरु जी का ध्यान नहीं करेगा तो मैं आऊंगा ही नहीं गुरु जी के पास आओगे तो गुरु जी कहेगा मुझे नहीं पता भैया मैं कोई गुरु नहीं हूं इसमें लिखा है यदि भगवान शंकर अप प्रसन्न हो जाए ब्रह्मा विष्णु महेश नाराज हो जाए तो सतगुरु देव उसे बचा लेंगे लेकिन अगर सतगुरु देव रुष्ट हो जाए आपकी किसी बात पर नाराज हो जाए तो उसको बचाने वाला कोई नहीं है अतः श्री गुरुदेव की बात मत काटो उसे प्रसन्न करो और सदैव उसकी शरण में उसकी आज्ञा में रहो शिव जी भगवान बोलते हैं गुरु के पास आओगे कहता मुझे नहीं मालूम भैया वो सच में गुरु को नहीं पता होता सच्ची नहीं बोलोगे गुरु का नाम तो शिवजी भगवान कहोगे मैं नहीं देता गुरु के पास जा कृष्ण भगवान ने गीता में कहा है ध्यान से सुने 18 अध्याय का 64 वा श्लोक है अर्जुन ने बोला कि कोई सरल ऐसा बताओ कोई बढ़िया चीज बताओ जिससे जल्दी हम सारे समस्या ठीक हो सब ठीक हो यह श्लोक है 64 वा संपूर्ण गोपियों से अति गोपया मेरे परम रहस्य युक्त वचन को तू सुन मेरा अतिशय प्रिय है इससे यह परम गोपनीय पावन मैं तुझे बता रहा हूं कृष्ण भगवान अर्जुन को बोल ले हे अर्जुन तू मुझ में मन वाला है मेरे पर विश्वास करता है इसलिए मैं तुझे यह बता रहा हूं यह जो नास्तिक है विश्वास नहीं करते उसको यह बात नहीं बतानी चाहिए कहता वो तो जगन्य अपराधी है उसकी शक्ल देखने से बीमारी हो जाएगी जो आदमी विश्वास ही नहीं करता परमात्मा पे कृष्ण भगवान प गुरु कोई बात प मंत्र पर विश्वास ही नहीं करता या काटता है कहता है वोह कई जन्म तक भयंकर पिशाच बन के भटके कई जन्म तक इतना उसका बुरा हाल होगा और काल में तो त प्रत मनुष्य से कहना चाहिए तुझे यह जो मैं रहस्य में उपदेश दे रहा हूं यह किसी भी काल में किसी भी समय में ना तो तप रहित मनुष्य को कहना चाहिए जो तप नहीं करता विश्वास नहीं करता मानता नहीं करता नहीं और ना भक्ति रहित से जिसमें भक्ति नहीं विश्वास नहीं गुरु से प्रेम नहीं गुरु की बात काटता है कहता भूल के उसको मत बताना ये कहता वो मां हत्यारे अगर कोई 100 गाय काट दे हत्या कर दे ब्राह्मणों का उससे भी जगन है वो पापी आदमी है उसको यह नहीं बताना चाहिए क्योंकि उसके पाप कट जाएंगे फिर वो फिर गलत काम करेगा इसलिए उसको मत बताओ और ना बिना सुनने की इच्छे वाला से कहना चाहिए कहते जिसकी सुनने की इच्छा नहीं उसको मत बताना चाहिए ये 67 श्लोक में बोल रहा हूं अ घर भी पढ़ लेना आप सारे भी पढ़ लेना जो मुझ में या गुरु में दोस्त दृष्टि रखता है कोई दोस्त देखता है कोई भी उससे तो कभी भी भूल के कहने नहीं चाहिए उसको तो बोलो राम राम भैया और वहां से चले जाओ बोलो ना कहता उसके अंदर इतनी भयंकर पाप आएगा उसकी सात पीढ़ियां वह खुद कभी जिंदगी में सुख नहीं पाएगा इसकी जो भावार्थ में भी देखना यह तो शलोक का शब्द का अर्थ है ना भावार्थ में ऐसे देख लेना गीता की इसकी जो बड़ा भावार्थ है राम सुख दास जी की है बहुत गहरे संत है उसकी संजीवनी टीका आप ले लेना बड़ी उसका कोड नंबर छ है छह उसमें एक एक का भाव भी बताया यह तो शब्द का अर्थ है ना भाव भी बताया कहते जो पुज मुझ में मंत्र में पाठ में शब्दों में विचारों में प्रेम करके इस रहस्य युक्त गीता शास्त्र को इस विचार को इस बात को मेरे भक्तों में कहेगा वह मुझको ही प्राप्त होगा क गारंटीड वो मैं उसको अपने में मिला लूंगा यह मैं निसंदेह इसमें कोई डाउट नहीं है यह पक्का मैं कह रहा हूं भगवान कृष्ण बोलले दूसरा कहते है उससे बढ़कर मेरा प्रिय कार्य करने वाला मनुष्यों में कोई कभी था ही नहीं और इस पृथ्वी पर इससे बढ़कर मेरा पु्य मेरा प्रय दूसरा भविष्य में होगा ही नहीं कहते जो यह बात मानेगा मेरी बात को गुरु की बात को नहीं काटेगा और इसका प्रचार करेगा सर्व में जो आप ये कह रहे हो जो मेरे प्रवचनों का मेरी गीता का यह करेगा उसको कोई कुछ करने की जरूरत नहीं है उसके सारे पापों के उसकी सात पीढ़ियों के पापों को मैं हर दूंगा खत्म कर दूंगा जो श्रद्धा विहीन है उसे यह मत देना जो बात काटता है उसे मत देना जो संदेह करता है उसे मत देना जो श्रद्धा वाला है पहले तो उससे और उससे बढ़कर इस संसार में मनुष्यों में कोई भी नहीं है तथा पृथ्वी भर में उससे बढ़कर मेरा पूरे दूसरा भविष्य में होगा ही नहीं जो पुरुष इस धर्म में हम दोनों के संवाद रूप गीता को पढ़ेगा उसके द्वारा सुनेगा ज्ञान यक्ष से पूजित होगा जो मनुष्य श्रद्धा युक्त दृष्टि से रेत जो कह र उस पर दोष नहीं देखना कुछ भी अगर दोष देख लिया तो सात पीढ़ी वो मरु स्थल के अंदर भयंकर पिशाच बनके भटके चा व स्त्री है व पुरुष है इस शास्त्र का सुनेगा भी प्रवचन भी सुनेगा वह भी पापों से मुक्त हो जाएगा उत्तम कार्य करने वालों में श्रेष्ठ लोकों को प्राप्त होगा इस जीवन में उसे सारा सुख मिलेगा जो भी संसार का है हे पार्थ क्या इस शास्त्र को तूने एकाग्र चित से सुना है जो यह वार्तालाप हो रही है यह वार्तालाप पता क्यों कर र है क्योंकि आपकी रोट है आपके अंदर श्रद्धा है यह भगवान कृष्ण बोल रहे हे पार्थ इस शास्त्र को तूने एकाग्र च से सुना और हे धनंजय क्या तेरा अज्ञान रहित मुंह नष्ट हो गया यह पहले सारा बताने के बाद फिर अर्जुन ने कहा हे भगवान अचत आपकी कृपा से मेरा यह मुह नष्ट हो गया मैंने स्मृति प्राप्त कर ली है अब मैं संशय रहित होकर स्थित हूं अतः आपकी आज्ञा का पालन करूंगा जो आप बोलोगे मैं वही करूंगा अब आगे जो चमत्कार हो रहा है वो देखने वाला य है कि इस घटना को संजय सुन रहा है कृष्ण भगवान की वार्तालाप को संजय सुन रहा है बड़ा दूर से और संजय सुन के धरत राष्ट्र को बता रहा है तो संजय का उसको सुनने से इतनी दूर और धरत राष्ट्र का सुनने से बीमारी हट गई मोह दूर हो गया और वह पापों से मुक्त हो गया त रा संजय व्यास की कृपा से दिव्य दृष्टि पाकर मैंने इस गोपनीय गुरु की कृपा से व्यास की कृपा से दिव्य दृष्टि पाकर मैंने इस परम गोपनीय योग को अर्जुन के प्रति कहते हुए स्वयं योगेश्वर कृष्ण ने सुना प्रत्यक्ष सुना हे राजन भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन के संवाद रहस्य में कल्याण काक और अद्भुत संवाद को पुनः पुनः स्मरण करके मैं हर्षित होता हूं मेरे कष्टों का दुखों का अंत हो गया हे राजन इस अत्यंत विलक्षण रूप को भी पुनः पुनः स्मरण करके मेरे चि में महान आश्चर्य महान प्रारूप जो महान क्या वो मैं इसके बाद में बताऊंगा क्या है ये और इससे बढ़कर इस संसार में कुछ नहीं भगवान ने कहा है इसीलिए हम जन्म लेते हैं और 84 लाख जुनिया कट जाएगी कई जन्म लगते हैं और यह इसी जन्म में सदा के लिए सारे देवी देवता परमात्मा हमारे पास रहेंगे सारा सुख हमारे पास रहेगा सब बाधा हमारी खत्म हो जाएगी चिंता खत्म हो जाएगी सब बीमारी दूर हो जाएगी भगवान का वचन है भगवान की बात है वो मैं आपको देने जा रहा हूं सारे मेरी तरफ सिर करके लेट जाओ कोई किसी को छुए ना यह मैं बड़ा अद्भुत आज के दिवस देने जा रहा हूं मैं 10 बार एक मंत्र बोलूंगा आपका शरीर रिलैक्स होने लगेगा शांत होने लगेंगे ऐसे समझो कि हमारी आयु 100 साल की आज हो गई है 100 साल में सबने मर जाना है जैसे युद्ध में सैनिक कटे पड़े होते हैं किसी का सिर किसी का हाथ किसी के सिर पे होता है जैसे लाशें पड़ी है डेड बॉडी पड़ी है एक दिन हमें ऐसे चले जाएंगे वेद में लिखा है तो जिस शरीर पर हम अड़ते थे उसी पर आग की लपटों से में जलाया जाएगा हम फिर जलेंगे जलने से पहले ही अगर व्यक्ति जान ले दुखों से पार हो जाए उसको आवागमन के चक्रों से मुक्ति मिलती है अभी आप महसूस करें एहसास करें भाव करें कि हम मर गए हैं अर्थ कोक आ गया है भूकंप आ गया है बाढ़ आ ग जैसे बाढ़ हुई उसमें ऐसे लाशें तैर रही थी एक दूसरे से टकरा रही थी खड़ी थी उसको कुछ नहीं पता आप ऐसे चीज को कि मृत वत इसे भगवान ने कहा है मृत मृत्यु की तरह आज 100 साल के हो गए हैं 200 साल के हो गए हैं और आज आपकी मृत्यु हो गई है समाप्त हो गए आप यह आपको एहसास होगा हमारे जो पांच तत्व है पृथ्वी अग्नि जल वायु आकाश यह जो पृथ्वी तत्व है जिससे हमारा शरीर बना है अन्न और पृथ्वी से हमारा शरीर बना है फिर वायु और जल का प्रारूप है फिर फिर आकाश का प्रारूप है पहले पृथ्वी तत्व है वो समाप्त हो गया है अब आपने महसूस करना है कि पृथ्वी जो है वह मिट गई है एक तत्व है वह समाप्त हो गया है पृथ्वी विलीन हो गई है दूसरा तत्व अग्नि अग्नि तत्व मैं ऐसे पांच मंत्र बोलूंगा पांच फिर दूसरे बोलूंगा जैसे ये पांच मंत्र बोलूंगा आपके अंदर वो तत्व विलीन होने लग जाएंगे ऐसे आपने भाव करना कि वो तत्व हो जो अग्नि का तत्व है वह विलीन हो जाता है और आप भाव करें कि जो अग्नि है पृथ्वी समाप्त हो गई है और अग्नि तत्व भी मुझे छोड़ के चला गया विलीन हो गया मेरे शर में जो ताप था जो टेंपरेचर था वह विलीन हो गया अब आप तत्व सेट के परमात्मा के पास जा रहे हैं अब आत्म रूप से जैसे पानी उबलता है दूध उबलता है तो गैस गैस से मिल जाती है भाव भाव से मिल जाती है तो ऐसे जो आपकी आत्म तत्व है व परमात्मा में विलीन होने जा रहा है आज उत्सव है जिसे कबीर ने कहा है जिस मरने से जग डरे मेरे मन अनंद मरने हीते पाइए पूर्ण परमानंद य जो पूर्म आनंद है वो मरने से मिलता है या मृत वत हो जाओ आज हम मर गए हैं आज हम खुद देख रहे हैं क्योंकि मरने से नाम के डरते हैं लेकिन कबीर कहते हैं कि कहत कबीर सुनो मेरी लोई अब हम नहीं मरना रोए ना कोई हम मर रहे हैं हम परमात्मा के अंदर विलीन हो रहे हैं हमारा आत्म तत्व परमात्मा में विलीन हो रहा है पृथ्वी समाप्त होगी अग्नि समाप्त होगी वायु तत्व विलीन हो गया पृथ्वी खत्म होगी अग्नि समाप्त होगी वायु भी विलीन होगी वायु भी नहीं है पृथ्वी अग्नि जल वायु अब जल तत्व विलीन हो रहा है पृथ्वी अग्नि वायु जल भी मिट गया अब पांचवा तत्व है जो सब तत्वों को समेटे हुए जिसने आकाश ये जो खाली शून्य है यह आकाश तत्व है शब्द यहां से बने हैं भगवान ने कहा कि मेरा जो लौकिक रूप है वह आकाश वृत है आकाश की तरह है इतना ब्रह्मांड तो वह आकाश तत्व भी विलीन हो गया पृथ्वी समाप्त होगी अग्नि समाप्त होगी यह वायु तत्व भी समाप्त हो गया पृथ्वी भी समाप्त होगी जल भी समाप्त हो गया अग्नि भी समाप्त होगी और बाकी बचा आकाश तत्व भी समाप्त हो गया विलीन हो गया आकाश आकाश से पार जिसने आकाश को भी समेटा है आकाश भी तत्व है पृथ्वी जैसे तत्व है ऐसे आकाश भी तत्व है भौतिक है और उसको बनाने वाला कितना बड़ा होगा उस तत्व में अब आप समाने वाले हैं यह पांच तत्वों को छोड़ दिया शरीर पांच तत्वों का बना हुआ है ये एक ना एक दिन जाएगा पर वह मजबूरी से जाएगा रोते रोते जाएगा हमें पता नहीं लगेगा जो कृष्ण भगवान ने कहा है कि अंत गता सो मता जो अंत आपके मन में विचा रों के वही योनि में फिर आप जाएंगे रोएंगे तो रोने की योनि में चले जाएंगे धन याद आएगा अंत काल जो लक्ष्मी सिरे सर्प योन में फिलफिल जो अंत का लक्ष्मी सिरे का वह सर्प जोनि में चला जाएगा इस समय सारे तत्व विलीन हो गे आपके अंदर आप शांति से भर रहे हैं आप मृत्यु को देख रहे हैं और उस अलोक के अंदर जा रहे हैं जो पांच तत्त्वों से पार है ये तत्वों से पार है आपको लगेगा जो आपका होना पन है आपका जो पैर है वो विलीन हो गया समाप्त हो गया कोई ऊपर चढ़ रहा है कोई आ रहा है कोई महसूस हो रहा है कुछ नहीं है पैरों से लेकर घुटने तक का सारा हिस्सा शून्य हो गया मर गया समाप्त हो गया अब घुटने से ऊपर का जो थाइज है ये आपका समाप्त हो गया विलीन हो गया आप भाव करें कि ये समाप्त हो गया ये मिट गया नाभी से नीचे का हिस्सा और गर्दन का हिस्सा ये मिट गया समाप्त हो गया ये जल गया ये बह गया ये कट गया ये मेरे से हट गया यह मेरा था मैं नहीं था यह वस्त्र मेरे थे गीता में भगवान ने कहा कि यह वस्त्र है शरीर जैसे मेरे वस्त्र हटते हैं तो मैं नहीं मरता मेरे हाथ कटते हैं किसी के हाथ नहीं है तो मैं नहीं कटता मैं वैसे ही दृष्टा हूं हमारा जो पेट है और गर्दन तक का सारा कट गया यह समाप्त हो गया यह मिट गया यह कट गया युद्ध में पानी में बाढ़ में तूफान में पहाड़ के नीचे आके यह मर गया पर मैं दृष्टा हूं ये सिर सारी समस्या की जो जड़ है दुख की सुख की स्त्री की पुरुष की नाम की हिंदू की मुसलमान की सिख की ईसाई की यह युद्ध की जो जड़ है वोह सिर है यह भी अब कट गया गर्दन जिसे मुझे गरूर था जिस रूप पर मुझे गरूर था वो नकली रूप था वो कट गया नहीं तो 100 साल में 70 साल में तो ऐसे कट जाते अपने आप ही ये मैं 100 साल की बूढ़ी बूढ़ा मेरा शरीर मैं खुद प्रार्थना कर रहा हूं कि प्रभु मेरे शरीर को ले ले उठा ले और प्रभु ने उस शरीर को उठा दिया अब आप अकेले हैं कोई दूसरा नहीं है एकम का सतनाम यह सच्चा आपका होना पर सच्चा है सारे तत्व मिल गए आपका जो तत्व है वह फैलता चला जाएगा आकाश की तरह आप हो जाओगे आपको लगेगा मैं एकदम जो आकाश है उसकी तरह लीन हो गया हूं पूरे ब्रह्मांड में मैं फैला हूं ऊपर नीचे अगल बगल चारों तरफ मैं ही मैं हूं आपका सारा जो अस्तित्व शरीर के अंदर था वह आकाश तत्व में मिलने लग जाएगा कि आप आकाश की तरह आप देखेंगे भाव करेंगे अंदर से बिना आंखों के कि आप तो दूर से दूर है वेद में क कि मैं दूर से दूर हूं नजदीक से भी नहीं दी हू और इधर भी हूं उधर भी हूं मैं नैनम छति शस्त्र मैं कट नहीं सकता नैनम देहती पाव का ना मैं आग से जल सकता ना चैन कलेन तपो ना शत मारता मुझे हवा नहीं उा सकती ये जो हमारा होना पन है ये फैल गया फैलते चले जा रहे हैं ब्रम का अर्थ है जो फैला हुआ है और फैलता चला जा रहा है लगातार फैलता चला जा रहा है आप शरीर के घरे से पार हो गए शरीर के दुख से मान के अपमान के लाभ के हानि के अपमान के उस गिरे से पहर हो गए आनंद मजर है ना कोई वैरी ना बेगाना सर्व संग हमको बनाई अब आप आकाश की तरह फैलते चले जा रहे हैं विभु से विभु और लघु से लघु यह अष्ट सिधि नव निधि के दाता अश्वर दन जानकी माता आप महान फैल गए एकदम पता ही नहीं सागर भी आपके अंदर आ ग सब ब्रह्मांड का चराचर जगत का आप ही एक को ब्रम द्वितीय नास्ति आपके अलावा दूसरा कोई नहीं है कुछ भी नहीं है ना था ना है ना होगा यह आपका असली रूप है यह आपका ओरिजिनल फेस है यह फेस नाम तो समाज ने दिया था माता-पिता ने दिया था वह कट गया वह चला गया वो पत्नी ने पति ने बच्चों ने समाज ने हिंदू ने मुसलमान ने सिख ने ईसाई ने वो नाम दिए हुए थे वो खत्म हो गए वो रोने की सपे की जड़ थी हमारे सारे दुख की हमारा नाम हमारा रूप वो हमारे वस्त्र थे पर हमने उस वस्त्रों को समझ लिया यह मैं हूं जैसे हमने वस्त्रों को समझ लिया मैं हूं पर वस्त्र मैं नहीं वस्त्र मेरे हैं ऐसे शरीर मेरा है जैसे मेरा हाथ मेरा पैर मैं हाथ नहीं हूं मैं पैर नहीं हूं मैं मैं हूं ब्रह्मांड की तरह फैलता चला जा रहा हूं फैलता चला जा रहा हूं दूर तक और सीमा रहित सीमा ही नहीं है पाताल की गहराइयों में फेरता चला जा रहा हूं मेरा कोई और नहीं कोई छोर नहीं ठिकाना नहीं कोई रुदन नहीं कोई पीड़ा नहीं कोई दुख नहीं क्योंकि मैं ही अकेला हूं सारा ब्रह्मांड मेरे में समा गया मैं ही हूं मृत्यु से पहले था जन्म से पहले था और मेरी ना मृत्यु है क्योंकि मैं नैनम चदन सरानी नैनम देहती पाव का ना चैन कलेन तपो न सुती मारुता कट नहीं सकता जल नहीं सकता शांत हू मजा ही मजा शरीर के साथ में दुख भोग रहा था मैं उसे मैं समझ रहा था कि मैं स्त्री में पुरुष मैं बच्चा मैं बूढ़ा में जवान उस घेरे से मैं पार हो गया और इतना लाद ये आज मैं मुक्त हुआ हूं 15 अगस्त तो देश मुक्त हुआ था पर मैं मुक्त नहीं हुआ मैं आज मेरा 15 अगस्त है आज मेरी 26 जनवरी है आज मैं मुक्त हो गया सब घेरे से पत्नी के पति के पिता के पुत्र के ता के यश के नाम के सम्मान के हिंदू के मुसलमान के सिख के ईसाई के ईर्ष के वैर के घरे से मैं निकल गया जो समाज ने मुझे दिया था आज मैं परमात्मा रूप जो मेरा असली रूप है एकको ब्रह्म द्वितीय नास्ति वो मैं इतना था मैं यह था मैं अरबो पति था और भीख मांग रहा था मैं एक एक पैसे की मैं रो रहा था पत्नी रो रही थी पति के आगे मुझे कुछ दो प्रेम और पति रो रहा था कहीं और मुझे कुछ दो प्रेम राजा रो रहा था और प्रजा भी रो रही थी सारे ही रो रहे थे आज मैं मुक्त हो गया प्रजा से राजा से देश से पार राज्य से पार और पृथ्वी से भी पार हो गया मैं और आकाश से पार हो गया ब्रह्मांड से पार हो गया शांत निर्बल जो मैं शुरू से था मुझे किसी ने बनाया नहीं शरीर को तो बनाया था जन्मा था मां के द्वारा यह कृष्ण भगवान ने कहा कि मुझे कोई जन्मने वाला पैदा करने वाला नहीं है यह मेरा नापन और गहरी विस्माद में मैं चला गया गहरे विस्माद में मजा ही मजा मेरे दुख चले गए आकाश में जैसे गंगा सारी नाली गंदगी को समेट लेती है ऐसे समुंदर सारी नदियों की गंदगी को समुद्र समेट लेता है मैं विलीन हो गया मैं अपने परमात्मा तत्व में विलीन हो गया जिसे वेदों ने कहा है शिवो हम अहम ब्रह्माम यह मेरा इतना विशाल तत्व मैं भेड़ बना हुआ था मैं तो सिंह था यह मैं क्या था और मैं क्या हो गया हूं आज मायरी मैं तो लियो गोविंदो मोल मैंने कृष्ण को ले लिया शाम की माला जपते जपते आप भाई में शाम अब मैं शाम हो गई अब शाम मुझ में मैं शाम में और मैं और शाम दो नहीं है ये दोई तो दुख था ये दूसरा पीड़ा थी ये दूसरा सुख था दुख अब मैं सुख दुख के पार आनंद में चला गया क्या आनंद है उठने को मन नहीं करता कट गया सिर तो कट गया हाथ पैर कट गया तो कट गया शराब से भी कहीं ज्यादा अद्भुत नशा है मैं फैलता चला जा रहा हूं फैलता चला जा रहा हूं और मजे से पक्षियों से बढ़ के मजा ले रहा हूं जैसे पक्षी उड़ते हैं उसके रास्ते में कुछ नहीं आता पक्षियों की सीमा है मेरी कोई सीमा नहीं है और इसका किसी को नहीं पता मुझे ही पता है मैं क्या हूं दूसरे मेरे शरीर को देख रहे हैं पर मैं वह शरीर नहीं हूं कहत कबीर सुनो मेरी लोई अब हमने मरना रोए ना कोई अब मुझे मत रो मैं मरूंगा नहीं जो की त्य धर दिनी चदरिया य जो चदर था शरीर था यह मैंने ऐसी धर दिया जमीन पर जैसे था और जमीन भी समाप्त हो गी पृथ्वी अग्नि जल वायु सारे समाप्त हो गए मजा ही मजा है कोई इतने विस्माद में चले गए इतने नशे में चले गए उनके रोग दुख कहां से कहां प्रभु भगवान शिव ने बा के बिहारी ने बां दुर्गा ने भगवान गणपति ने भगवान ब्रह्मा विष्णु मश ने आप अपने बच्चों को अपने स्वरूप को प्यार करके उस सारे दुर्गंध शरीर को जो गंदा था जिसे धोते थे लाते थे पर उसकी बदबू गंदी नहीं जाती थी वो विलीन हो गई सारी अब मैं खुशबू से भर गई आद से बरगी अब मुझे कोई गंदा दूषित नहीं कर सकता कोई काट नहीं सकता कोई मेरी बेज्जती नहीं कर सकता कोई मेरी इज्जत नहीं कर सकता मेरे सब दायरे टूट गए वैज्ञानिक डॉक्टर अच्छे बुरे संत साधु गुरु यह सारे जाल थे संसार के ये जालों से मैं मुक्त होगी ना मैं शिष्य ना मैं गुरु आपे गुरु आपे चेला सतगुरु नानक कह रहे हैं कि वो गुरु ही चेला आप ही है सबसे पार मजा मजा मजा मजा ही मजा है और कुछ नहीं ब तो का दिल ते मैं य रुक जाऊं गुरुजी मत हमें शरीर में लाओ हमने शरीर के चक्कर में नहीं आना हम मुक्त है हमारी कोई बंदिश नहीं है देश की पाकिस्तान की भारत की अमेरिका की इंग्लैंड की यूरोप की हमारी बंदी से पार है यह सारे हमारे अंदर है हम जिसके विजय के लिए भटकते थे जाने के लिए पत्नी के लिए पति के लिए मित्र के लिए दोस्त के लिए और छोटे हैं हमारे वो सभी हम है ना कोई वैरी ना बेगाना सर्व संग हमको बनाई हम ही है सारे तेरा रूप है य संसार यह तेरा ही रूप है तू ही है तू है आप सदा का कबीर भगवान कहते हैं तू सदा से सदा से शिवो हम हम शिव तत्व मसीह तू तत्व को जान समझ ये है इसमें अभी नहीं रुकना अभी फिर शरीर में आना है क्योंकि हमने काम करना है असली रूप जान लिया मैं हूं आपको उठने चलने की जरूरत नहीं है आप तो फैले हुए हैं आपके शरीर को आपके वस्त्रों को समेटना है ऐसे अपने सीर को समेट लेना है अपने में जैसे गीता में भगवान ने कहा है जैसे कछुआ अपने अंगों को समेट लेता है ऐसे आपने समेट लेना है जैसे भगवान ने अवतार लिया अवतार का मतलब है गिर गया शरीर में और हमने शरीर को अपना रूप समझ लिया यह मैं हूं यह भगवान कहते हैं यह मेरा असली रूप है यह मैंने सूर्य को दिया था और वो जो दूंगा उसके आगे सूर्य भी फी है जो आगे का लोग दूंगा इतना प्रकाश इतना मजा इतनी ज्योत इतने संगीत बाहर के संगीत फीके हैं था संपत्ति जो मर्जी उठा लो राजा रानी है अब धीरे-धीरे समेट लो अपना जो फैला हुआ का है उसे शरीर में समेट लो ये सारे तत्व आप आने लगे अब आप तत्वों में आए हैं पहले आप मजबूरी से आए थे अब आप जानबूझ के शरीर में आ रहे हैं पहले आप बलात्कार से जबरदस्ती आपको पैदा किया गया था भोगने के लिए मरने के लिए रोने के लिए अब आप अपनी मुक्ति से बर्जी से आ रहे हैं अब आप प्रकट हो रहे हैं ऐसे धीरे धीरे शरीर में आ रहे हैं आपने देख लिया मृत्यु शरीर तो था ही नहीं मृत्यु है ही नहीं ना जीवन है और मैं सदा से था आदि मध्यान अनंत वीर्य अनंत शशि सूर्य नेत्र सूर्य चंद्रमा तो मेरे नेत्र है मेरे हाथ है मेरे आंख है सिमट जाओ अपने आप को शरीर में छुपा लो जैसे मां बच्चे को छुपा लेती है जैसे आप वस्त्रों में छुपा लेते हो ऐसे अपने को शरीर में छुपा लो शरीर बन जाओ दुबारे जो आपका नाम है अभी लोगों को मत बताना यह गोपनी है किसी को मत बताना जब दुख में जाओ ऐसे लेट जाओ ये आपको अपने आप होने लगेगा अपने आप ये ऐसा मैंने योग दिया है जैसे दुख चिंता तनाव जैसे लेटो लेटते ही नींद नहीं आती पा मिनट में नींद आ जाएगी और बोलने की जरूरत नहीं सोचने की जरूरत नहीं अब इस तत्व में आपको अब धीरे धीरे नाभी का एहसास होने लगेगा बस नाभी में एक सास चल रहा है नाभी खिल रही है बस वो आपका मूल स्थान है मूलाधार से का है वह आपका इस शरीर में आने का वह पॉइंट है वह केंद्र है इससे भगवान ने अद्भुत आयाम बोला है आरा बोला है इसे सिल्वर कोड बोला सिल्वर कोड इसके द्वारा आप ग थे सारे ब्रह्मांड में इसके द्वारा आप आए थे यह सिल्वर कोड यह सूक्ष्म शरीर यह तत्व इससे शरीर से जुड़ा हुआ है अब उसके द्वारा फिर आप वापस आ रहे हैं अद्भुत मजा सिर्फ यह नाभी का हिलना यह नाभी आप नहीं है आप तो फैले हैं इसका धन्यवाद करेंगे मां का पिता का भगवान ने कहा जो माता-पिता का गुरु का सम्मान नहीं करता उससे निकृष्ट संसार में ना कोई था ना होगा उसके दर्शन से वह आप ही दुखी रहेगा उसके दर्शन से भी आदमी देखने वाला भी दुखी हो जाता है जो सुख है उसके देखने से सुख हो जाता है भगवान के नाम लेने से दुख फट जाता है अब आप जहां जाएंगे इतना अलदरा आपके देखने मात्र से लोग खुश हो जाएंगे जैसे बच्चे को देख के खुश हो जाते हैं जैसे फूल को देख के खुश हो जाते हैं क्योंकि आपके अंदर ये समेटा हुआ है आपके अंदर वष समाप्त होगी आप अपना रूप आपका आ गया ओरिजनलिटी आ गई अपना फेस आ गया ये ओरिजिनल फेस आ गया नकली फेस कट गया बस नाबी का ये जो एसास है जैसे ही आप रात को सो गए किसी ने गाली दे दी किसी ने बुरा बोल दिया जैसे कुर्सी पर बैठे हैं बेड पर लेटे हैं जैसे इसका ध्यान करोगे यह सब अपने आप चलने लग जाएगी अभी आपके अंदर डल गया कुछ नहीं करना ये आपको शांत कर देगा नींद मिला देगा सोना है तो सो जाओ बोल मैंने सोना है मैंने शरीर को सुलाना है मैं तो जागता सोता मेरे लिए एक ही बात है अब आ जाओ शरीर के अंदर अपने घर वापस आ जाओ शरीर जो किराया का घर है धीरे धीरे आ जाओ दिल नहीं कर र आने का इतना मजा देख नहीं ना काम में ना भोग में ना वासना में ना श्राव में ना पुरुष में ना स्त्री में है ही नहीं जो मेरे में है आप अपने आप यह किसी ने दिया नहीं और मजा दूसरे देते हैं उसे आहत नाद बोलते हैं आहत का मतलब टकराने से बाकी संसार के सुख टकराने से मिलते हैं यह अपने आप है इसमें टकराने की जरूरत ही नहीं है इसको बोलते अनाहत नाद टकराए बिना जो अपने आप है वह आप है इसलिए युद्ध आवाजें ताड़ी की आवाज टकराने से इसमें टकरा नहीं है लड़ाई नहीं है मजा मेरा दिल नहीं करता इसी मजे में यह स्वर्ग सब वर्ग अपना वर्ग अपना घर अपना मकान अपना आयाम स्वर्ग सब जैसे स्वास्थ्य सब स्थित जो सब में स्थित हो गया अब आप स्वस्थ हो गए हैं स्वय में स्थित हो गए हैं स्वय में वेद भगवान ने यह कहा है सूर्य को यह पहला आयाम भगवान श्री कृष्ण ने दिया था यह मैं आज पहला आयाम आपको दे रहा हूं अब आप धीरे-धीरे शरीर में आ जाओ और धीरे धीरे हाथों को प्रेम से मले हर चीज को प्रेम से उठना है धीरे-धीरे उठना है और हाथों पर हाथ रख के उठने का दिल नहीं करा दिल करता है पड़े रहे यही लेकिन उठ जाए धीरे धीरे उठ जाओ धीरे धीरे हाथों को मल बहुत धीरे धीरे हाथों को ऐसे मलना कि पता ना लगे जोर नहीं लगना हाथों प बिल्कुल प्रेम से जैसे चीटी चल रही है और कितने लोगों के रोग दूर हो गए कितने लोगों की टेंशन डिप्रेशन खत्म हो गई यही यह भगवान ने आप खींचा भगवान के रूप में स्थित हो गए गंगा में स्थित हो गए तो गंदगी कट गई गंगा ने ले ली ये बांके बिहारी ने गंदगी ले ली हमारे कर्मों का जाल ले लिया इतना मजा आता ही नहीं है डॉक्टरों से दवाइयों से इसमें अगर कोई डॉक्टर आपका ऑपरेशन भी कर देगा तो पता ही नहीं लगेगा और डॉक्टर भी देखेंगे आप भी अपना ऑपरेशन देखोगे आप भी बोलो काट दे मेरे पैर को और काट दे मेरे पेट को सारे को बड़ा तंग किया इसने खा खा के अभी तोम छूते थे अरे मेरा शरीर अभी हमने खुद फेंक दिया मेरे शरीर को यह मेरा है मैं नहीं अब अपने अपने अनुभव सुनाएंगे थोड़े से गुरु जी मेरे को पूरे चार साल से अंदर से घंटा डेढ़ घंटे के बाद बहुत ज्यादा पसीना आता था कल से मेरे को बिल्कुल भी कुछ पसीना नहीं आ रहा अब ये बीमारी थी बड़ी भयंकर इनका पेट में कॉन्स्टिपेशन रहती थी आंतो में सड़न पैदा हो गई थी और यह समाप्त हो गया पा 10 मिनट में गुरुजी मेरे शरीर में इतनी पेन थी इतनी पेन थी बहुत ज्यादा थी जी अब मैं जब से अब मैं लेटी हूं गुरुदेव मेरे शरीर में कोई भी पेन नहीं रही और कई सालों की पेन थी बहुत सालो रोना चीखना चिलाना कई दिल करता है मर जाऊं कमर में दर्द टांगों में दर्द सिर में दर्द माइग्रेन हो गया था अब उड़ गया पांच मिनट के अंदर उड़ गया चार पाच साल से डिप्रेशन था अब लेटने से एकदम मेरा शरीर हल्का लग रहा है और जिंदगी में सात सालों में उन्होने देखा नरक भोग रही थी साफ एकदम शांत डिप्रेशन की बीरी जाती नहीं एक मिनट भी सदा के लिए शांत होगी गुरुदेव मुझे कम से कम भी पाच छ साल से पैरालाइसिस की झटके भी बार-बार आ रहे थे और घबराहट भी बहुत रहती थी अब उसके बाद जैसे गुरुजी ने भी करवाया उसके बाद से मुझे कुछ हल्का हल्का पैराला खत्म हो गया मैं प्रताप सिंह पाजू गांव से मेरे को बेचनी बढ़कर बीपी ज्यादा हो जाता था अब मुझे कोई पता नहीं है कहां था बीी चक करो बीपी ठीक हो गया ह तक पहुच जाता था घबराहट होकर बीपी ज्यादा बढ़ जाता था गुरुदेव पेट खराब था अब मैं बिल्कुल ठीक हूं इंटेस्टाइन में प्रॉब्लम थी वो साफ होगी मेरे 2001 से नसों में खिंचाव रहता था आज मेरा नसों में खिंचाव बहुत कम हो गया है खत्म हो गया नर्वस सिस्टम अब कराएंगे अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग कराएंगे तो वो खत्म हो गया ठीक हो गया 2000 जयपुर से मेरी दवाई जल्दी कभी ठीक नहीं आज मैं ठीक हुआ हूं अब दवाई की जरूरत नहीं ठीक हो गया मेरा नाम कमल राना दिल्ली से आया हूं मेरा ब्लड प्रेशर की बीमारी वगर थ लिपिडेमिया की बीमारी हुआ करती थी हाइपरकैल्सीमिया की बीमारी हुआ करती थी मैं हमेशा टेंशन प्रेशर में रहता था किसी का शोक समाचार सुनता था तो मैं डिप्रेशन में हो जाता मेरे बड़े भाई का ससुर जी का डेथ हो गया मैं बहुत ज्यादा डिप्रेशन में आ गया था ऐसा लग रहा था सीने में मेरा दर्द हो रहा है अभी ऐसा है जैसे मेरे सर में लग रहा है कि मैं आइसक्रीम मजा आ गया अपने मरने का भी मजा ले रहे हैं पहले ससुर के मरने का दुख होता था बर्फ में मेरा सर घुसा हुआ मैं बड़ा आनंद में महसूस कर रहा ह तना मजा आ रहा है पहले आग में लगता था आग अब आइसक्रीम में और आयुष में चले गए इतना डिप्रेशन में आ जाता था ऐसा लगता था कि मैं कुद के मर जाऊ मैं डिप्रेशन सच्ची मुची आज मर के है फिर कभी मरेगी नहीं मुझे कई सालों से सर्वाइकल था मुझे घर से निकली हूं तभी मुझे दर्द हो रहा था लेकिन अभी मैंने योग किया उससे मेरा दर्द गायब हो गया मुझे सम सर्वाइकल कई सालों से दर्द बड़ा होता था ऐसे कभी सो नहीं पाती थी और यह खत्म हो ग स्पाइन का हार्मोन इ बैलेंस था मैं भीमसेन कलानौर जिला रोहतक से मेरा अनुभव यह है कि मेरी नसों का नर्वस सिस्टम बिल्कुल खराब हो चुका था मेरे दाएं हाथ काम नहीं कर रहा था ऐसी जिंदगी में ऐसे कभी बोले ही नहीं तो मैं बहुत परेशान था तो यह मैंने योग कल भी यहां पर आया था मैंने कल भी किया था फिर मैं सुबह रोहतक वापस चला गया आज मैं फिर वापस आया रोहतक से तो मेरा विश्वास था कि मेरी यह प्रॉब्लम ठीक होगी तो मैंने यह किया उसके बाद मैं उठा धीरे-धीरे तो मैंने हाथ को अपने पहले चेक किया क ऐसे मैं अंधविश्वास में तो नहीं जा रहा पर मैंने को चेक किया ये मेरा हाथ नहीं खुल रहा था मैं दसों डॉक्टर को दिखा चुका था मैं से हाथ नहीं जोड़ पा रहा था गुरुजी आज आपकी बहुत कृपा हुई है प्रणाम मित्र बो पानीपत से जी मेरे घुटनों में टांगों में दर थी नीचे और कमर में दर थी अब मैं पहले से बहुत हल्का शरीर और महसूस करता हूं इंटेस्टाइन में प्रॉब्लम थी पैरों में प्रॉब्लम थी में प्रॉब्लम थी बैक में प्रॉब्लम थी ओ हार्मोस का इ बैलेंस हो गया था गुरुदेव जी 18 साल से साइकल की प्रॉब्लम थी जब बैठी थी तब भी गर्दन पूरी अकड़ी हुई थी और यहां पर पता ही नहीं चला लेटने के बाद गर्दन की अकड़न कहां चली गई गुरुदेव नमो और ब्रेन में ऐसा ट्यूमर हो गया था तब दर्द होता था वो भी उड़ गया मेरा नाम सोनाली है मैं बरसत से आई हूं मैं कॉलेज से आ रही थी बहुत दिन से मेरे सिर में आती दर्द पता नहीं क्या हो जाता था और टांगों में भी बहुत दर्द आज मैं बहुत रिलैक्स फील कर रही हूं मैं निर्मला कुरुक्षेत्र से आई हूं मेरे बैकन में बहुत र था ए3 एल फ और ए वन बहुत प्रॉब्लम आती थी और मेरी आंख में जिस टाइम आई राइट में बहुत दर्द था अब योग के बाद बिल्कुल आराम महसूस कर रही हूं मैं ईश्वर दीवान मेरे को साल भर से बाजू में बहुत दर था मेरी बाजू ऊपर नहीं होती थी ना पीछे हाथ मिलते थे आज मैंने ऊपर पूरी अच्छी तरह से ऑर्थोपेडिक सर्जन के लिए चमत्कार है हाथ ऊपर नहीं चार साल से फिजियोथेरेपी करके थक गई थी पीछे भी नहीं होते थे फिजियोथेरेपी कराई पछ आगे कितने सालों से कर रही है ऊपर नहीं होते थे हां जील मैं शारदा निरंकारी कलोनी से आई हूं अभी जब गुरुदेव और गुरुमा जी का आगमन हुआ तब सब लोग डांस कर रहे थे नृत्य कर रहे थे तो मेरा हाथ ऊपर नहीं जा रहा था और अभी मेरे हाथ में कोई प्रॉब्लम नहीं है और मेरे शरीर में बहुत बहुत ज्यादा पेन था और अभी मेरी बॉडी में कोई भी किसी भी तरह का कोई पेन नहीं है मैं दिल्ली से शोभा शर्मा मेरी बैक पेन बहुत रहती थी गुरु जी सुबह जब भी उठती थी उठते ही मैं पहले कमर प हाथ लगाती थी और उड़ती थी मैं गुरुजी बैक पेन से बहुत ज्यादा परेशान थी जब आपने यहां योग करवाया तब मुझे बहुत ही अच्छा लगा और मेरा शरीर ऐसे फूल की तरह हो गया विजेंद्र सिंह है भिवानी से मेरी कमर में कई दिन थे दर्द था अभी वे योगा करने रहे मेरे को मुझे बहुत आराम हुआ गुरुजी मुझे पिछले एक साल से पेट में कबज और गैस बन रही थी जिसके कारण मेरे को काफी और दवाई खानी पड़ रही थी आराम नहीं लग रहा था योग करने से बहुत आराम लग रहा है मैं जगदीश चंद्र सैनी दिल्ली से गुरु जी कई साल से मेरी गर्दन पूरी घूमती नहीं थी यहां जो अनुभव मिला है मुझे पूरी गर्दन मेरी घूम रही है चारों तर गर्दन कई सालों से अब घूम रहे मेरा नाम सरिता है मैं भिवानी से हूं मुझे पहले एक महीने से पेट में बहुत ज्यादा दर्द रहता था और अब समागम अटेंड करने के बाद से मेरे पेट में मैं बहुत आराम फील कर रही हूं गुरुदेव आपके चरणों में ग सारी डिप्रेशन थी रोना था धोना था दर्दें थी पता नहीं क्या क्या मेरे लेक घूम रही थी उड़ गई सारी मेरा नाम मंजू है मैं सोनीपत से आई हूं समागम में आने से पहले मेरी गर्दन में इतना दर था कि मैं इधर-उधर नहीं कर सकती थी लेकिन समागम में आने के बाद ऐसा आनंद कभी नहीं आया था जो आज मेरे को आया और मैं बिल्कुल ठीक