आज हम पढ़ेंगे इस मैटर राउंड अस प्यॉर तो आ गए आप आज का हमारा चैप्टर है इस मैटर अरांड अस प्यॉर इस चैप्टर का नाम ही एक क्वेश्चन है यह चैप्टर पूछ रहे हैं कि हमारे आसपास जो भी चीज़ें क्या वो प्यॉर हैं तो हमें पता कै उसे हम pure substance कहेंगे जैसे हमारे पास यह copper का piece है यह copper का piece है यानि यह copper के particle से बनाव है यह सिर्फ और सिर्फ copper के particle से ही बनाव है तब इसे हम कहेंगे pure और अगर हम water ले water होता है H2O तो water भी एक pure substance है क्योंकि water सिर्फ और सिर्फ H2O के particle से बनाव है अब यह जो पूरा H2O है यह एक particle है ऐसे ही बहुत सारे particles से water बनावा होता है तो water के अंदर सिर्फ और सिर्फ एक तरह के particles है तो water एक pure substance है और अगर इस water के अंदर हम नमक मिला दें तो अब इस water के अंदर दो तरह के particles हो गए तो अब ये pure नहीं रहा ये impure हो गया तो ऐसे substances जो अलग-अलग तरह के particles से बने भी होती है उन्हें हम impure substance कहते हैं जैसे ही ये पानी के अंदर नमक तो जो चीज एक तरह के particle से बनी हुई है उसे हम pure substance कहेंगे जो अलग अलग तरह के particle से बनी हुई है उसे हम impure substance कहेंगे तो pure के भी दो types हैं एक होते है elements element क्या हुआ जैसे मैंने तुम्हें जो copper के example दिया था तो जो copper बनाव है ये छोटे छोटे particle से बनाव है ये particle सिर्फ और सिर्फ copper के ही particle है तो इस छोटे से particle को हम कहते है atom तो एलिमेंट वो चीज है जो सिर्फ और सिर्फ एक तरह के एटम से बनी हुई है और इसके एग्जाम्पल्स होगे कॉपर, आइरन, ओक्सिजन कॉपर बनावा होगा कॉपर एटम से आइरन बनावा होगा आइरन एटम से ओक्सिजन बनी हुई होगी ओक्सिजन एटम से तो ये सारी चीजे एक तरह के एटम से ही बनी हुई है और सेकंड टाइप आफ प्यूर सबस्टेंस है कमपाउंट्स तो जैसे वार्टर वार्टर बनावा होता है एच टूबो से H2O एक पूरा particle है और इस particle के अंदर 2 H है H यानि hydrogen और एक oxygen है यानि एक particle 2 hydrogen atoms और एक oxygen atoms से मिलके बना हुआ है तो इससे हम कहेंगे compound तो अब तुम कहोगे थोड़ी देर पहले हमने पढ़ा था कि अगर कोई चीज दो तरह के particle से बनी हुई है तो उसे हम impure substance कहेंगे तो इस हिसाब से तो water भी impure होना चीज है क्योंकि ये hydrogen and oxygen से मिलके बना हुए तो ये pure क्यों है तो ये pure इसलिए है क्योंकि जो hydrogen and oxygen का ratio है वो हमेशा fixed रहेगा हमेशा हमें दो hydrogen and एक oxygen ही मिलेगा तो ऐसी substances जो दो या दो से जादा चीजों से मिलके बनी हुए है और उन चीजों का ratio हमेशा fixed रहता है उन्हें हम compounds कहते हैं जैसे water hydrogen and oxygen को मिलाने से बना है and hydrogen and oxygen का ratio हमेशा fix रहेगा 2 ratio 1 तो ऐसी चीजों का हम कहते है compounds जैसे example हो गया water water यानि H2O carbon dioxide जो होती है CO2 carbon dioxide एक carbon and 2 oxygen को मिलाने पे बनी है तो ये एक pure substance है तो ये होगी pure substances अब देखता है इम pure substances को तो अगर मेरे पास कोई pure substance है जैसे water और अगर मैं इसके अंदर कोई दूसरी substance आईड कर दू तो ये एक impure चीज बन जाएगी जैसे मैंने water के अंदर sugar को आईड कर दिया तो ये एक impure चीज बन गई और water को हमने impure बनाया कैसे sugar को mix कर गए तो हम कहा सकते हैं कि जो impure चीजे होती है वो mixture होती है जैसे ये water and sugar का mixture है तो ये एक impure चीज है तो impure चीजों को हम mixtures भी कहते हैं और एक mixture के अंदर कोई नहीं चीज नहीं बनती जैसे हमने sugar and water को add करा तो इसके अंदर sugar and water है दोनों अलग ले गए इन्हें हम separate भी कर सकते हैं तो कोई चीज नहीं नहीं बनी जैसी चीज पहले थी वैसी बाद में है तो एक mixture के अंदर कोई नहीं चीज नहीं बनती and mixture दो तरह का होता है एक होता है homogeneous mixture एक और ताइट रो जीनियस में तो जैसे हमारे पास water है इसके अंदर हमने sugar एड़ गरी और इसे अच्छे से mix कर दिया तो यह एक mixture बन गया इसके अंदर हम देख सकते हैं कि जो sugar और water के particle है वो uniformly mixed है हर एक जगह water and sugar एक जैसे ही है और अगर एक और example ले हम water के अंदर oil का तो नीचे water के particles रह जाएंगे और उपर oil float करेगा तो इसके अंदर oil and water uniform नहीं है उपर oil and water थोड़े mixed है पर नीचे सिर्फ और सिर्फ water है तो इसकी जो composition है यानि बनावट वो uniform नहीं है तो जो पहला वाला mixture है इसे हम कहते है homogeneous mixture और जो दूसरा वाला है इसे हम कहते है heterogeneous mixture तो homogeneous mixture एक ऐसा mixture हुआ जिसके अंदर सारी चीज़े uniformly mixed होती है जैसे sugar and water uniformly mixed है और heterogeneous mixture एक ऐसा mixture है जिसके अंदर चीज़े यूनिफॉर्मली मिक्स नहीं होती यानि अगर हम एक मिक्सचर को नीचे से देखें तो नीचे यह अलग है उपर यह अलग है तो यह यूनिफॉर्म नहीं है तो इसे हम कहते हैं हिट्रोजीनियस मिक्सचर तो होमोजीनियस मिक्सचर के अंदर हम कोई सेपरेशन बाउंडरी नहीं देख सकते हैं ऐसा तो कुछ है नहीं कि उपर कुछ और है नीचे कुछ और है कोई भी separation boundary दिखती है यानि ऐसी boundary जो दो चीजों को separate करती है इसके अंदर हमें sugar and water को separate करने वाली कोई boundary नहीं दिखरी पर heterogeneous mixture के अंदर oil and water दोनों अलग अलग है और इनके बीच में जो line है यह separation boundary तो यह visible है तो heterogeneous mixture के अंदर separation boundary visible होती है और एक फेज होता है जैसे यह पूरा एक जैसा है तो यह एक फेज है पर रिट्रोजीनियस मिक्सचर के अंदर ऊपर वाला अलग फेज दिख रहा है नीचे वाला अलग दिख रहा है तो इसके अंदर दो या दो से जादा फेज हो सकते हैं होमोजीनियस मिक्सचर के एक्जाम्पल हो गए मिक्सचर आफ वाटर एंड सूगर मिक्सचर आफ वाटर एंड सॉल्ट और भी बहुत सारे ऐसे मिक्सचर जो यूनिफॉर्म होते हैं उन्हें हम homogeneous mixture गहेंगे और ऐसे mixture जो uniform नहीं होते है जैसे water and oil and sand and water sand नीचे settle हो जाती है उपर water रह जाता है तो वो mixture uniform नहीं होता यानि वो heterogeneous mixture होता है तो यह होगे homogeneous and heterogeneous mixture अब देखते हैं solution को तो solution एक homogeneous mixture होता है दो या दो से जादा चीज होगा जैसे salt and water, salt water के अंदर uniformly mix हो जाएगा, तो इसे हम एक solution कहेंगे, solution के example हो गए, lemon water, sugar solution, salt and water, and इसके और भी example है, जैसे air, हमारे आसपास जो हवा है, वो भी एक solution है, जो steel होता है, वो भी एक solution है, तब तुम्हारे दिमाग में सवाल आ रहोगा, कि ये चीज़े solution कैसे है, तो solution solid भ gaseous भी हो सकती है और liquid भी हो सकती है तो अब देखते हैं solid को तो solid solution में क्या होता है एक solid चीज के अंदर हम दूसरी चीज को mix कर देते हैं and condition यह है कि वो दोनों चीजे uniformly mix होनी चीज है तब जो चीज बनती है उसे हम कहते है solution जैसे इसका example हो गया alloys अगर हम एक metal को ले and उस metal के अंदर दूसरे metal को uniformly mix कर दे या फिर दूसरे non-metal को uniformly mix कर दें तब जो चीज बनती है उसे हम कहते है alloy सीधा alloy नहीं बनता heat देते देते metal एक stage पर melt हो जाता है यानि liquid बन जाता है और liquid बनने के बाद में हम उसके अंदर जो भी चीज add करनी होती है चाहे वो कोई metal हो या फिर non-metal हो उन्हें भी liquid में लेंगे फिर उन दोनों को uniformly mix कर देंगे और फिर जब temperature कम होगा तो वो फिर से सॉलिड बन जाएगा तो ऐसे जो चीज बनती है उसे हम कहते है अलॉय अब देखते हैं गैस ये सॉलूशन गैस ये सॉलूशन होती है एर एर भी बहुत सारी गैसेस का मिक्स्चर होती है और वो सारी गैसेस यूनिफॉर्मली मिक्स्ट होती है तो एर भी एक तरह की सॉलूशन है और लिक्विड सॉलूशन तो हम पढ़ते ही आ रहे हैं जैसे सूगर और वाटर, सॉल्ट और वाटर सॉलूशन के लिए सिर्फ एक कंडिशन होनी चीए कि चीजें यूनिफॉर्मली मिक्स होनी जाएं क्योंकि सॉल्यूशन एक होमोजीनियस मिक्सचर होता है तो अगर हम एक सॉल्यूशन बनाएं हमारे पास वाटर है इसके अं तो salt को add करने के बाद ये एक solution बन जाएगी पर ये solution दो चीजों से बन रही है पहली चीज़ ये water, दूसरा है salt तो ऐसी चीज़ जिसके अंदर दूसरी चीज़ dissolve होती है उससे हम कहते है solvent फिर से repeat करता हूँ ऐसी चीज़ जिसके अंदर दूसरी चीज़ dissolve होती है जैसे water, water के अंदर दूसरी चीज़ यानि salt आके dissolve हो रहे है तो इसे हम कहेंगे solvent तो हम इसे ऐसे लिख सकते हैं the component of solution in which other component dissolves क्यानी solution का एक ऐसा part जिसके अंदर दूसरी चीज आके dissolve होती है उसे हम solvent कहेंगे याद रखना solvent and वो चीज जो solvent के अंदर dissolve होती है उसे हम कहते है solute जैसे ये salt salt solute है क्योंकि ये solvent के अंदर dissolve हो रहा है तो इस example को देखे हम एक बात कहें सकते है कि जो solvent होते है वो ज्यादा quantity में होते है जैसे कि water यहाँ पर ज्यादा quantity में है and solute कम quantity में होते है जैसे salt तो अब solute and solvent का तुम्हें पता चल गया है तुम कई बार solute and solvent के बीच में confused भी हो सकते हो तो उस confusion से बचने के लिए जो उपर वीडियो आ रही है इसे देखना मत भूलना क्योंकि जित्ता भी तुमने अभी पढ़ा है वो सारा waste हो जाएगा अगर तुम confused हो गए तो अगर सॉल्यूट की जगह solvent लिख दिया तो पूरा ही गलत हो जाएगा तो उस वीडियो को जरूर देखना चोटी सी वीडियो है तो अब solution के कुछ examples देखते हैं पहला example है solution of tincture of iodine तो अगर हम iodine को alcohol में dissolve करते हैं तो जो solution बनेगी उसे हम कहते है tincture of iodine तो यहाँ पर हम कर क्या रहे हैं alcohol के अंदर iodine को add कर रहे हैं तो alcohol क्या हो गया solvent हो गया और जो आयोडीन है वो क्या हो गया सॉल्यूट दूसरा एग्जाम्पल हो गया एइ रेटेड ड्रिंक्स का जैसे कोल ड्रिंक्स कोल ड्रिंक्स को हम एइ रेटेड ड्रिंक्स कहते हैं तो इनके अंदर क्या होता है जो लिक्विड होता है उसके अंदर कार्बन डाई ओक्साइड गैस डिजॉल्व गरी जाती है तो हमने कई बार देखा होगा जब भी हम कोल ड्रिंक्स को खोलते हैं तो वो गैस होती है कार्बन डाई ओक्साइड तो इन drinks में क्या होता है? लिक्विड के अंदर गैस को dissolve करा जाता है तो यहाँ पर solute कौन सा हुआ? लिक्विड क्योंकि लिक्विड के अंदर ही गैस dissolve होती है और जो गैस है वो है solute और तरफ एक्सांपल है air हमारे आसपास जो भी हवा है इसके अंदर nitrogen होती है oxygen होती है तो हवा के अंदर ज़ादातर nitrogen होती है nitrogen का percentage होता है 78% और उपयोग 21% है इसे टोटल करने पर हमें मिलेगा 99% तो जो बचावा एक परसेंट है उसके अंदर और सारी गैसेस होती है जो छोटी-छोटी क्वांटिटी में प्रेजेंट होती है तो एयर के अंदर मेंली नाइट्रोजन और उपयोग होती है तो यहां पर जो ज़्याद तो यह होगी solution की definition and उसके examples अब देखते हैं properties of solution यानि कैसे हमें पदा चलेगा कि कोई चीज solution है या नहीं तो पहली बात तो यही है कि solution एक homogeneous mixture होता है यानि solution के अंदर जो भी चीज है वो uniformly mixed होती है और अगर मेरे पास एक salt की solution है water के अंदर तो इसके अंदर salt and water mixed है तो इस solution के particles हम देख थोड़ी सकते हैं ऐसे हम थोड़ी देख सकते हैं कि ये water particles है ये salt particles है ऐसा तो हम देख नहीं सकते क्यों नहीं देख सकते क्योंकि जो particles होते हैं वो बहुत छोटे होते हैं उन्हें हम बिना किसी microscope के देख नहीं सकते यानि सीधी आंक से नहीं देख सकते हैं अगर water के अंदर पत्थर को हम dissolve कर दें, तो उन पत्थर को हम देख सकते हैं, तो अगर हम किसी solution के particles को अलग लिख देख सकते हैं, यानि solute को अलग and solvent को अलग, तब वो कोई solution नहीं है, यानि जो पत्थर and water का mixture है, वो एक solution नहीं है, पर जो salt and water का mixture है, वो एक solution है, तो ये particles बह एक नैनो मीटर टेन की पार माइनस नाइन मीटर के बराबर होते हैं तो ये पार्टिकल्स बहुत छोटे होते हैं अब एक नई चीज को समझते हैं तो अगर किसी चीज से लाइट निगल रही है और उस लाइट के पात के बीच में कोई पार्टिकल है तो ये लाइट आएगी इस पार्टिक लाइट पार्टिकल से टेगर आई, तो ये पार्टिकल क्या करेगा, इस लाइट को एब्जॉर्व कर लेगा, और एब्जॉर्व करने के बाद ये लाइट को स्कैटर करेगा, यानि चमकने लग जाएगा, तो इस फिनॉमिना को हम कहते हैं स्कैटरिंग आफ लाइट, यानि तो अब ये particle इस light को absorb नहीं कर सकता तो अगर वो absorb भी नहीं करेगा तो scatter कैसे करेगा and same यही चीज solution के particle के साथ होती है solution के particles बहुत छोटे होते हैं तो क्योंकि वो छोटे होते हैं तो वो light को scatter नहीं कर पाते है तो हम गह सकते हैं because of small size they can't scatter beam of light तो अब ये beam of light क्या है तो अगर किसी source से light निकल रही है तो उस source से बहुत सारी राइट की रेज निकलेगी उन बहुत सारी रेज को हम कहते हैं बीम क्यानि एक group of rays is known as beam ऐसा तो है नहीं कि एक ही रेज solution से टकराएगी solution से बहुत सारी रेज टकराएगी उन सारी रेज को एक साथ हम कहते हैं बीम of light तो solution के particles इतने छोटे होते हैं कि वो light को scatter नहीं कर पाते हैं और अगर हम एक solution को ले उसे filter paper से pass कराएं तो उस solution का जो solute है वो filter paper से pass हो जाएगा जैसे हमारे पास एक solution है sugar and water गी तो sugar है यहाँ पे solute water है solvent और अगर इस solution को filter paper से pass कराए जाए यानि filtration कराए जाए तो sugar filter थोड़ी हो जाएगी sugar water के साथ ही filter paper से pass हो जाएगी तो हम कहाँ सकते हैं कि we can't separate solute from solution by filtration अब ऐसा होता क्यों है?
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि solution के particles बहुत चोटे होते हैं उनका size बहुत चोटा होता है तो वो filter paper के ports से आसानी से pass हो जाते हैं because of their small size अगर हम एक solution को undisturbed रखें तो उसके अंदर जो solute है वो नीचे settle थोड़ी हो जाएगा अगर हमने water and sugar की solution बनाई है तो थोड़ी देर बाद sugar नीचे settle थोड़ी हो जाएगी तो solution में जो solute के particles होते हैं वो नीचे settle नहीं होते हैं तो यह होगी properties of solutions अब solution दो तरह की होती है एक होती है saturated solution एक होती है unsaturated solution solution बनती है solute and solvent से तो जैसे हमारे पास यह एक solvent है यह इसके particles है और अगर हम इसके अंदर solute mix करें तो solute आएगा space के बीच में चला जाएगा तो solvent के parts particles के बीच में जो space है वो अभी भी खाली है यानि ore solute को हम इसके अंदर add कर सकते हैं तो इस solution को हम कहेंगे unsaturated solution यानि ऐसी solution जिसके अंदर ore solute add करा जा सकते है उसे हम unsaturated solution कहेंगे और अगर इसके अंदर हम ore solute add करते हैं तो solvent के particles के बीच में जो space थी वो अब सारी बर गई यानि अब और particles इसके अंदर dissolve नहीं हो सकते क्योंकि अब कोई space ही नहीं है तो इसे हम कहेंगे saturated solution यानि ऐसी solution जिसके अंदर और solute dissolve ना करा जा सके और अगर हम temperature को बढ़ाते हैं तो solvent के particles की kinetic energy बढ़ेगी उस वज़े से जो particles के बीच में space है वो भी बढ़ जाएगी तो space बढ़ेगी तो और particles इसके अंदर dissolve हो पाएंगे तो temperature बढ़ाने से solute के ज़दा particles dissolve करे जा सकते हैं इसलिए इन दोनों की definition में लिखा हुआ है at a particular temperature यानि एक fixed temperature के उपर अगर temperature हम बढ़ा देते हैं तो और solute dissolve करा जा सकते हैं तो यहाँ पर हमने temperature को fix कर दिया तो यह होगी saturated and unsaturated solution अब एक और case देखते हैं जब हमारे पास दो solutions हैं कम salt dissolved है इसके अंदर ज़्यादा salt dissolved है तो इन दोनों के बीच में difference क्या है difference कुछ नहीं है पहली solution के अंदर ज़्यादा solute है क्यानी ज़्यादा salt है दूसरी के अंदर कम solute है तो इस कम and ज़्यादा solute वाली चीज को हम कहते हैं concentration तो concentration क्या हुआ concentration of solution is the quantity of solute present in a particular amount of solution यानि एक solution की particular amount के अंदर किता solute present है उसे हम concentration कहेंगे या simply कह सकते हैं कि एक solution के अंदर कितना solute present है जैसे इस case के अंदर इस solution के अंदर कम salt present है तो इसका concentration कम है इसके अंदर ज़ादा salt present है तो इसका concentration ज़ाद है तो इस चीज़ को हम mathematically दो तरीके से निकाल सकते हैं पहला method है mass by mass percentage जैसे नाम बता रहे है mass by mass यानि mass divided by mass अब पहले हम लिखेंगे mass of solute फिर लिखेंगे mass of solution mass by mass percentage है percentage के लिए हम हमेशा hundred यूज़ करते हैं तो इसे multiply कर देते हैं hundred से तो यह हम एक formula मिल गया इस formula से हम किसी भी solution का mass by mass percentage निकाल सकते हैं और दूसरा तरीक है mass by volume percentage परसेंटेज तो यहाँ पर क्या है यहाँ पर है मास बाई वॉल्यूम यानि मास ऑफ सॉल्यूट डिवाइड बाई वॉल्यूम ऑफ सॉल्यूशन मल्टिप्लाइड बाई हंड्रेड क्योंकि यहाँ पर परसेंटेज की बात हो रही है तो यहाँ मास बाई वॉल्यूम परसेंटेज का फॉर्मला तो अब इससे रिलेटेड एक कुशन करते हैं कुशन है सॉल्यूशन आफ 40 ग्राम आफ सॉल्ड 320 ग्राम आफ वाटर कैलकुलेट द कंसेंट्रेशन इन टर्म्स आफ मास बाई है तो यहां पर हमें दिया हुआ है मास ऑफ सॉल्यूट जो कि 40 ग्राम सॉल्यूट क्या है सॉल्ट एंड जो वाटर है वह है सॉल्वेंट तो मास ऑफ सॉल्वेंट क्या है 320 ग्राम एंड मास बाई मास परसेंटेज के अंदर हमें मास ऑफ सॉल्यूशन चाहिए तो सॉल्यूशन बनेगी किस सॉल्यूट एंड सॉल्वेंट से तो मास ऑफ सॉल्यूशन इज इक्वल टू मास ऑफ सॉल्यूवेंट प्लस मास ऑफ सॉल्यूट यानि 320 प्लस 40 यानि 360 ग्राम अब जो मास पाइ मास परसेंटेज का फॉर्मूल है उसे अप्लाई कर देते हैं फॉर्मूला था मास ऑफ सॉल्यूट डिवाइडेड बाई मास ऑफ सॉल्यूशन इंटू हंडरेड तो इसके अंदर हम वैल्यू रख सॉल्ट एंड वाटर की सॉल्यूशन का इसका मतलब क्या है तो यह 11.1 परसेंट परसेंट का मतलब समझो पर सेंट यानि पर हंड्रेड सेंट का मतलब होता है 100 तो 100 ग्राम ऑफ सॉल्यूशन के अंदर 11.1 ग्राम ऑफ सॉल्यूट प्रेजेंट है यानि अगर हम इससे 100 ग्राम ऑफ सॉल्यूशन निकाले तो इस सॉल्यूशन के अंदर 11.1 ग्राम ऑफ सॉल्यूट होगा यानि 11.1 ग्राम ऑफ सॉल्ट इसके अंदर है तो यह होगे कंसेंट्रेशन ऑफ सॉल्यूशन एंड इतनी देर हम सॉल्यूशन के बारे में पढ़ रहे थे एंड सॉल्यूशन एक होमोजीनियस मिक्षर का टाइप है अब थोड़ा हिट्रोजीनियस मिक्षर के बारे में पढ़ते हैं हिट्रोजीनियस मिक्षर के दो टाइप्स होते हैं एक होता है कोलोइडल सॉल्यूशन एक होता है सस्पेंशन सॉल्यूशन या फिट सस्पेंशन सॉल्यूशन के पार्टिकल से थोड़े बड़े पार्टिकल्स होते हैं कॉलोइडल के उससे बड़े पार्टिकल्स होते हैं सस्पेंशन के तो पार्टिकल्स आफ कॉलोइडल सॉल्यूशन आर वरी स्माल एंड सस्पेंशन के लिए पार्टिकल्स आर लाजर देन कॉलोइडल अगर हम milk को थोड़ी देर बिना disturb करें रख दें तो ऐसा तो होगा नहीं कि पानी पानी उपर आ जाएगा और और चीजें नीचे settle हो जाएगी ऐसा तो होता नहीं है पर जो suspension होते हैं उनमें ये चीज होती है जैसे अगर हम muddy water को लें और उसे थोड़ी देर undisturbed रख दें तो हम देखेंगे कि नीचे mud settle होगी और उपर उपर उपर water है तो colloidal के लिए हम लेख सकते हैं they do not settle down when left undisturbed और यहां से हम कह सकते हैं सकते हैं कि कॉलोइडल स्टेबल होते हैं एंड सस्पेंशन के लिए हम लिख सकते हैं देश एक्टर डाउन फैल लेफ्ट अन डिस्टर्ब्ड यानि सस्पेंशन में जो सॉल्यूट के पार्टिकल्स है वह नीचे सेटल हो जाते हैं अगर इन्हें हम छेड़े ना तो यानि अगर हम एक सस्पेंशन को ले एंड उसे अन डिस्टर्ब्ड रखते हैं बिना छेड़े थोड़ी देर बाद सॉल्यूट के पार्टिकल्स नीचे सेटल हो जाएंगे तो यह सेटल इसलिए होते हैं क्योंकि इनका साइज थोड़ा बड़ा होते एक beam of light को scatter कर पाती है यानि अगर हम milk को लें और एक torch को लें तो उस torch से जो light निगलेगी उसका path हम उस mill के अंदर देख सकते हैं and mill क्या था colloidal solution तो colloidal solution के अंदर light का path visible होता है पात दिखेगा कैसे हमें जब particle light को scatter करेंगे ये point आगे और clear हो जाएगा and suspension भी एक beam of light को scatter कर सकते हैं जैसे अगर हम muddy water के सामने torch रखते हैं तो हमें उस torch से जो light निकली है उसका path visible होगा ये चीजे आगे और clear हो जाएगी Colloidal solution का example हो गया milk And suspension का example हो गया muddy water तो ये होगी Colloidal and suspension solution अब जो ये Colloidal solution है ये दो चीजों से बने वी होती है एक होता है dispersed phase And एक होता है dispersion medium जैसे अगर हम बात करें solution की तो solution बने वी है Solute and solvent से वैसे Colloidal बने वी होती है dispersed phase and dispersion medium से तो dispersed phase solute के जैसा होता है यानि जो चीज कम quantity में present होती है and dispersion medium solvent के जैसे होता है जो जादा quantity में हो उसे हम dispersion medium कहेंगे तो अब इस वीडियो के last topic को देखते हैं जो है Tindal effect तो जैसे हमारे पास ये एक ray of light है ये इसके सामने एक particle है तो ये ray of light इस particle से टगराएगी ये particle इस ray को absorb कर लेगा और उसे बाद स्कैटर करेगा यानि चारों तरफ बिखेर देगा और अगर इसके आसपास कोई इंसान है तो ये light उस इंसान की आँख तक जाएगी तो उस इंसान को ये particle दिखाई देगा तो अगर इस एक ray की जगए बहुत सारी rays हो तो उसे हम कहते हैं beam तो tindal effect को मैं ऐसे define कर सकते हैं the scattering of beam of light due to which we can see the path of light is known as tindal effect यानि जैसे हमारे पास ये एक solution है इसके अंदर से एक torch की light पास हो रही है इस torch की light में बहुत सारी rays होगी बहुत सारी rays को हम कहते हैं beam of light ये beam of light particle से तकराएगी particle से उस light को scatter करेंगे तो वो light हमारे आंखों तक आएगी और जब वो आंखों तक आएगी तब हम उन particle को चमकता हुआ देख सकेंगे बस इतना ही है Tindal Effect अब ये solution है Milk टॉर्च के सामने है Air Air में तो हमें ये चीज दिखाई नहीं दे रही तो क्या Air में Particles नहीं है नहीं, Air में Particles तो है पर वो बहुत छोटे हैं थोड़ी देर पहले हमने पढ़ा था Air एक तरह की Solution है और Solution के Particles बहुत छोटे होते हैं वो Light को Scatter नहीं कर पाते हैं तो Air के अंदर Light Scatter नहीं होती या कहा सकता है कि Solution में Tindal Effect नहीं होता इसके आगे ये है milk, milk एक colloidal solution है, ये light को scatter कर सकता है, तो ये एक, तो ये tindal effect शो गरता है, क्योंकि colloidal के particles थोड़े जादा बड़े होते हैं, and इसके आगे अगर हम एक muddy water की solution रख दे, तो muddy water के particles बहुत बड़े होते हैं, क्योंकि वो एक तरह की suspension solution होती है, तो ये आराम से light क तो solution के अंदर हम Tindal effect नहीं देख सकते, colloidal के अंदर and suspension के अंदर हम Tindal effect देख सकते हैं, तो ये था इस chapter का first part, अगले part में हम बच्चोवे chapter को complete कर लेंगे, उसका link तुम्हे description में मिल जाएगा, तो जल्दी आजाना,