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स्प्लिट प्लॉट डिज़ाइन की समझ
Sep 16, 2024
स्प्लिट प्लॉट डिज़ाइन पर व्याख्यान
व्याख्या करने वाला
डॉ. अमित भटनागर
सीनियर सर्च ऑफिसर, एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी विभाग, GBPant विश्वविद्यालय, पंतनगर, उत्तराखंड
स्प्लिट प्लॉट डिज़ाइन
महत्वपूर्ण प्रयोगात्मक डिज़ाइन
अन्य सामान्य डिज़ाइन:
यादृच्छिक ब्लॉक डिज़ाइन (RBD)
गुणात्मक RBD
स्प्लिट प्लॉट डिज़ाइन का उपयोग
जब प्रयोग में दो या अधिक कारक होते हैं।
एक कारक के लिए बड़े प्लॉट की आवश्यकता होती है जो छोटे प्लॉट में समायोजित नहीं किया जा सकता।
उदाहरण
टिलेज ऑपरेशन:
एक प्लॉट 5 x 5 मीटर
तीन प्रकार के टिलेज:
जीरो टिलेज
पारंपरिक टिलेज
कम टिलेज
पानी देने के तीन स्तर:
एक बार, दो बार, तीन बार
ट्रीटमेंट्स का समायोजन
छोटे प्लॉट में नहीं समायोजित किया जा सकता
बड़े प्लॉट की आवश्यकता:
टिलेज ट्रीटमेंट के लिए
जल आपूर्ति के लिए
स्प्लिट प्लॉट डिज़ाइन की स्थिति
एक कारक के लिए बड़े प्लॉट और दूसरे के लिए छोटे प्लॉट
दोनों कारकों के लिए बड़े प्लॉट की आवश्यकता हो तो स्ट्रिप प्लॉट डिज़ाइन का उपयोग करें।
निष्कर्ष
स्प्लिट प्लॉट डिज़ाइन का उपयोग तब करें जब दो कारकों में से एक को बड़े प्लॉट में होना हो।
यदि दोनों कारकों को छोटे प्लॉट में समायोजित किया जा सके तो कारक RBD का उपयोग करें।
एनोवा (ANOVA)
भिन्नता के स्रोत पर ध्यान दें:
पुनरावृत्ति
मुख्य प्लॉट कारक
उप-प्लॉट कारक
गणनाएँ:
सम स्क्वायर
मीन सम स्क्वायर
F मान का निर्धारण
गणना उदाहरण
टिलेज के ट्रीटमेंट
नाइट्रोजन की मात्रा
पुनरावृत्ति की संख्या
महत्वपूर्ण बातें
मुख्य प्लॉट में विविधता अधिक होती है जबकि उप-प्लॉट में कम।
नाइट्रोजन की उच्च विश्वसनीयता।
F मान की तुलना तालिका मान से करें।
निष्कर्ष
प्रयोगों को उचित डिज़ाइन में करने से परिणाम अधिक सटीक होते हैं।
प्रिसिशन का ध्यान रखें।
इस व्याख्यान का सारांश छात्रों के अध्ययन हेतु सहायक होगा।
कृपया इस पर ध्यान दें और अपनी समझ को मजबूत करें।
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