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National Language Debate in India

मैं इंडिया में नेशनल लैंग्वेज हम इसे डिबेट का मुद्दा रहा है और कुछ फ्रेंड्स सब संस्कृत सिस्टम आउट हुए हैं आई डोंट बी है संस्कृत एस ए नेशनल लैंग्वेज वाइट इज नॉट मैंडेटरी इन स्कूल्स आई डोंट नो द कि अब आईडेंटिटी इस जरिए लुट हिंदी एंड इड वुड ठाट विल नॉट बे एनी वे हमारे कई पॉलीटिशियंस भाषा को नेशन बिल्डिंग बहुत इंपोर्टेंट हिस्सा मानते हैं कि जब तक कोई देश सिर्फ एक भाषा नहीं बोलेगा वह अभी एकजुट नहीं हो पाएगा और उनके लिए भारत में 22 भाषाएं हिंदी अवैध डिबेट को समझने के लिए समझना जरूरी है कि प्रॉब्लम अभी की नहीं है नेशनल लैंग्वेज के डिमांड आजादी के पहले से चली आ रही है हमेशा की तरह इस विडियो में मैंने स्टोरी जोड़ रखा है पर इस बार यह कहानी एक भाषा की है [संगीत] थे इंडिपेंडेंस से पहले ब्रिटिश इंडिया में इंग्लिश ऑफिशियल लैंग्वेज के लिए रूस की जाती थी अब यह तब की बात करो जब अंग्रेजों को इंडियन सबकॉन्टिनेंट में लगभग 300 साल हो चुके हैं उन्होंने इंडियंस को अंग्रेजी से गाना चालू कर दिया है ताकि सस्ते में पढ़े-लिखे काम करने वाले लोग मिल जाए और हिस्से या कंपनी आसानी से अपना बिजनेस सेंटर्स पूरा कर सकें तब अंग्रेजी भाषा ने जो पढ़े-लिखे भारतीय थे जो मेरे लिस्ट पॉलिटिशन से उनको एक सप्लाई पर पॉलिटिशंस को पता था कि नेशनल इंटीग्रेशन के लिए आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए इंडियन मास्क मोबिलाइज करने के लिए एक मलाई में जोड़ना जरूरी है और वह भाषा कौन सी होगी क्योंकि जो इंडिया अभी है और जो तब तक उसे बहुत फर्क है तब इंडिया अलग-अलग ब्रिटिश प्रोविंस और प्रिंसली स्टेट्स पर बैठा हुआ था और शुरू में दो भाषा दावेदार थी हिंदी और उर्दू एक तरफ की ऑर्गेनाइजेशन जैसे हिंदी साहित्य सम्मेलन हिंदी प्रचार सभा और हिंदी को बढ़ावा देना चाहते हैं और एक तरफ थी मुस्लिम लीग क्यू चाहती थी उर्दू एक सिंबल मुस्लिम आईडेंटिटी का वह सबको दिखाई जाए तो महात्मा गांधी ने कहा इस बीच का रास्ता लेते हैं हिंदुस्तानी भाषा जिसमें बेसिकली हिंदी और उर्दू दोनों के शब्द दोनों का मिक्सचर मानी जाती है उस भाषा को बढ़ावा देते हैं और हिंदुस्तानी प्रचार सभा बनाए हिंदुस्तानी भाषा को बढ़ावा देने के लिए उम्र और यह और प्रिडिक्शंस अभी भी फंक्शनल है जो लोग जो हिंदी और उर्दू सिखा रही है तो तीन भाषाएं हिंदी उर्दू और हिंदुस्तानी कंटेनर थी वह बादशाह बनने के लिए जो हमें यूनाइटेड कर सके पर इसमें आयरन आपको नजर आ रही होगी हिंदी उर्दू और हिंदुस्तानी में बोलने में लगभग सेमी है एक कि वह क्या बड़ी संस्कृत से और एक की पार्टी से यूनिवर्स लिखते अलग तरीके से पर यहां पर कथा आइडेंटिटी का जितनी यह लोग अंग्रेजों से आजादी चाहते थे उतना ही हिंदू ओर मुस्लिम्स अपनी आइडेंटी को लेकर कि कैसे वह दूसरे से अलग है इस बात को लेकर आप कौन से सो रहे थे और लैंग्वेज उसका सबसे बड़ा फैक्टर बना पार्टीशन के बाद लाखों मुस्लिम्स पाकिस्तान चले गए और उन्हीं के साथ उर्दू की डिमांड भी आजादी के बाद कौन सी ट्रेन सहमति बनी थी इंडिया का नया संविधान बनाने के लिए और एक नई डेमोक्रेसी को अधिक एक भाषा की दो सब को एकजुट कर सके और आजाद भारत के युवा संख्या होनी चाहिए एक बहुत बड़ा मुद्दा था यह टिप्स आपको समझ आ जाएगा कि सिचुएशन क्या थी कि हिंदुस्तानी नहीं चाहिए उन्हें हिंदुस्तान रहने दो व्रत विधान हां यही जानते वे इस सभा के सदस्य होने योग्य नहीं है बेहतर होगा कि वह सब छोड़कर चले जाए और एक तरफ से लोग जो हिंदी को हमारी राष्ट्रभाषा बनाए जाते थे एक तरफ महात्मा गांधी और नेहरू जो हिंदुस्तानी इसमें हिंदी और उर्दू और बाकी भाइयों की भी शब्दों ऐसी भाषा में रखना चाहिए थे और एक तरफ से उन राज्यों के लिए वीडियोस जो हिंदी नहीं बोलते थे वह चाहते थे कि इंग्लिश जो हमें अंग्रेजों से मिलिए उसे ही हमारी ऑफिशियल लैंग्वेज रखा जाए 3 साल के ट्वीट के बाद सब कुछ करने का डिसीजन लिया गया भाषा का नाम हुआ हिंदी इस मुकाबले का सोर्स होगा संस्कृत पर दूसरी भाषा के शब्दों को गौर नहीं किया जाएगा तो हिंदुस्तानी पक्ष वाले लोगों की सहमति मिल गई और इंग्लिश को आजादी के बाद भी 15 साल मतलब 1965 तक ऑफिशियल परपस के लिए इस्तेमाल किया जाएगा अब क्योंकि ए कॉम्प्रोमाइज था और वे असली सब इससे खुश नहीं थे हिंदी काम बाकी नाश्ते की इंग्लिश एक ऐसी भाषा है इसे बोलने वाले लोगों ने हमें इतने सारे तो एक्सप्लोइट किया है हमारा फायदा उठा है वह हम क्यों इस्तेमाल करें कि जनसंघ इस मुझे आज की बिजली बनी है उन्हें 1968 में खूब टेस्ट किए इंग्लिश को दुकानों रोड पर स्टेट साइंस और गाड़ियों की नंबर प्लेट से भी हटाने के लिए उम्र और जैसे-जैसे 1965 पास आ रहा था non-hindi स्टेट्स प्रेस्ली आज का तमिलनाडु को फील हो रहा था कि अगर इंग्लिश हटा दी तो साउथ इंडियन स्टेट्स को डिसएडवांटेज होगा हिंदी स्पीच स्टेटस के मुकाबले तमिलनाडु में इसकी विशेष बहुत बड़े प्रोटेस्ट है कुछ तमिल फ्रेंड्स ने प्रोटेस्ट में अपने आप को आग लगा दी कि वे चलिए यह डिसाइड हुआ कि इंग्लिश और हिंदी दोनों का इस्तेमाल होगा ऑफिशियल लैंग्वेज की तरह जब तक सभी स्टेट्स एक भाषा के लिए नहीं मानती और यह करने के लिए पॉलिसी मेकर्स लेकर आए एक थ्री लैंग्वेज फॉर्मूला रिलाइंस मामला बहुत न्यूज़ में डिबेट में रहता है और इंदिरा गांधी के टाइम से चला आ रहा है जो बेसिक के लिए कहता है कि हिंदी स्टेटस में इंग्लिश हिंदी और एक इंडियन लैंग्वेज दिखाई जाए और non-hindi स्टेट्स में हिंदी इंग्लिश और एक इंडियन लैंग्वेज का इज्जत पर यह कभी काम नहीं किया क्योंकि हिंदी फिल्म सेट से थोड़ा लिमिट संस्कृत विभाग गई और non-hindi स्टेट्स से तमिलनाडु ने फ्री लेग इसकी जगह तू लैंग्वेज फॉर्मूला ही फॉलो किया और यही मेरी लड़ाई है प्रैक्टिकली अगर आप इसे देखो तो एक तरफ है क्या अपनी रीजनल लैंग्वेज ही को अपने कल्चर को आगे ले जाने के लिए प्रोटेक्ट करने के लिए और यह है कि आप इंग्लिश भाषा सीख को एक दूसरे से दूसरे स्टेट में बात करने के लिए और भारत के बाहर भी बात करने के लिए और जनसंघ और आज की बीजेपी एडवोकेट करते हैं कि आप अपनी लैंग्वेज को अपने कल्चर को बचाने के लिए फिर आप इंग्लिश सीखो अगर आप हिंदी सीखो एक दूसरे से स्टेट से बात करने के लिए अब स्टेटस तमिल नाडु यार क्यों करते हैं कि हिंदी जो 60 पर सेंट भारत योगी भाषण नहीं है वह बच्चों को सिंह आएंगे तो उनकी कल्चर को भी फ्लैट है और बच्चों का बचपन में उनकी मदर टंग के अलावा दूसरी भाषा में दिखाया जाएगा तो उनके लिए भी नुकसान है इन फैक्ट साउथ अफ्रीका-ऑस्ट्रेलिया मिक्स जैसे-जैसे मोड टर्न की जगह बच्चों को दूसरी लाइन में इस करना चालू किया बच्चों की पासिंग रेट गिरने लगे क्योंकि आप अपनी भाषा में सकते हो तो आपको ज्यादा समझ में आता है तो अभी जो थ्री लैंग्वेज पॉलिसी मोदी गवर्नमेंट 2020 में लेकर आई वहीं प्रॉब्लम से टाइटल करती है लैंग्वेज को भी तीन है पर आठवीं का तक बच्चों को उनकी मदर टंग में ही पढ़ा जाएगा और इस स्टेज पर होगा कि वह कौन सी तीन भाषा सिखाए इन हिंदी जरूरी नहीं है तो इतनी लैंग्वेज मामला अब बहुत फ्लैक्सिबल है और कुछ टिप्स को भी यह डर है कि पॉजिटिव सेंस इसे अ फॉलो पोल की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं अगर आपको भाषाओं के बारे में और जानना है कि भाषा का निर्माण कैसे हुआ कौन सी भाषा थी जो सबसे पहले आई और क्या है इसका इतिहास तो एक ऑडियो बुक जो मैं आपको रेकमेंड कर सकता हूं व हिस्ट्री आफ लैंग्वेजेस तो हमारा इस फॉर्म में कुए पर अवेलेबल है यह ऑडियो बुक एक जननी है जिसमें टॉपिक जैसे जानवर कैसे कम्युनिकेट करते हैं से लेकर पहली भाषा कैसे डेवलप हुई जिसे टॉपिक्स कवर्ड है इसके अलावा कुए पर आपको और भी दूसरी ऑडियो बुक मिल सकती है वह भी रीजनल लैंग्वेज इसमें मैं ऑडियो की एनिमेशन बनाते टाइम सुनता हूं मंडे इंटास जैसे खाना बनाते टाइम ऑडियो बुक सुनता हूं जिससे मेरा वो टाइम बचता है एंटरटेनमेंट भी होता है और मुझे नए वीडियो आइडिया से मिलते रहते हैं को फेम पर हजार ऑडियो बुक्स अवेलेबल है इसका प्राइस सिर्फ 399 एक साल का और पोस्ट्स 215 लोग जो मेरा को डीडब्ल्यू फिफ्टी यूज करेंगे उन्हें 50% डिस्काउंट मिलेगा मतलब दो सौ रुपए में एक साल तक एडिसन सकते हैं जो मेरे हिसाब से एक बहुत ही अच्छी टीवी हुकूम को एक बार जरूर ट्राई करें लिंक डिस्क्रिप्शन में अब वीडियो पर वापस आते हैं व्यक्तित्व 20 पाकिस्तान संभवत बेहद एंटर इनटू ए बिल्कुल पार्टनरशिप विद र ब्रदर्स इन पाकिस्तान अब तक 1971 यह वह साल था जब इस पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पाकिस्तान से अलग हुआ कि पाकिस्तान उसे उर्दू कोर्स कर रहे थे तब बांग्लादेश में मैच्योरिटी थे मुस्लिम्स और बंगाली उनकी भाषा और इसे अपने कल्चर पर थर्ड की तरह देख रहे थे और पाकिस्तान से अलग हो गए यह देखकर हमारे पॉलिसी मेकर्स को पॉलीटिशियंस को Reliance हो गया क्रिमिनल बाहर इंपोर्टेंट सकती है क्योंकि तब हम भी नहीं डेमोक्रेसी थे और जैसे हमने बांग्लादेश का सपोर्ट किया हमारे दुश्मन भी भाषा को लेकर हमें बांटने कोशिश कर सकते थे 1971 के बाद नेशनल लैंग्वेज और ऑफिशियल लैंग्वेज अभी तो बड़ा मुद्दा नहीं रहा अब घोषित हो गया था रीजनल लैंग्वेजेस को प्रमोट करने में यह वह टाइम था जब फिल्म इंडस्ट्री भूमिका रही थी हिंदी सिनेमा में अब नेशनल इंटीग्रेशन और भारत का कल्चर कमिटमेंट टॉपिक था इसी के साथ रीजनल लैंग्वेजेस में शर्मा ग्रो कर रही थी और कल्चरल डायवर्सिटी को बढ़ा रही है तो [संगीत] सुर बने हमारा सूर्य कि मुझे नहीं पता आपको याद है क्या पर एक टाइम था जब मैं बचपन में शक्तिमान देखने के लिए टीवी ऑन करता था और हमेशा टीवी पर मिले सुर मेरा तुम्हारा चल रहा हो तो मिले सुर मेरा तुम्हारा स्टेटस फॉर व्हाट्सएप रॉक बैंड का प्रॉफिट ब्रेंबल है एक कैसे हमारा फोकस इंडिया को एक लंच के जरिए देखने की जगह उसकी अलग-अलग कल्चरल डायवर्सिटी और स्पेशली हमारी अलग-अलग भाषाओं को इंपोर्टेंट देने के प्रसिद्ध हो गया था पर अंग्रेजी भाषा अभी भी हमें खटक रही थी इसी के बैकड्रॉप में 1981 में इंडियन डेमोक्रेसी को लेवल बोधगया नॉर्थ इंडिया में इंग्लिश भाषा को हमेशा से घायल की तरह देखा था और इसलिए वह अतिथि इसे बोलने वालों ने हमें पॉइंट क्या हम इतने सालों तक लूटा है पर अब विदेशी कंपनियां इंडिया में निवेश करी थी इंडियंस मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स बन रहे थे कॉल सेंटर स्कूल रहे थे यह इंग्लिश भाषा अब हमें अच्छा रोजगार दिला रही थी यूपी में मुलायम सिंह का नारा आज भी अंग्रेजी हटाओ था पर उनके बच्चे अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ रहे थे अब आप चाहते थे कि उनके भी बच्चे इंग्लिश सीखे अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़े बेहतर रोजगार पाए जब वाजपेई जी प्राइम मिनिस्टर बने तो एक बार फिर हिंदी के डिमांड बढ़ी और उनकी सीमित कार्यकाल के साथ वह चली गई और 2014 के बाद हर कुछ सालों में एक बार नेशनल लैंग्वेज मिटाई जाती है बस भाषा का भी संख्या होती है कब हिंदी और इंग्लिश और यह लड़े आगे आने वाले समय भी ऐसे ही रहेगी कि नेशन बिल्डिंग ने सिर्फ एक भाषा होनी चाहिए और उसका रोल बहुत ज्यादा एक्साइटेड है पर मैं आपको यह भी नहीं बोलूंगा कि बाशा ने कभी नेशन बिल्डिंग में मदद नहीं की वो मोड विजुलाइजर बन रहा था उनके लिए सबसे बड़ी प्रॉब्लम है कि वहां सुधरने वाला नहीं था जूस अलग-अलग देशों से अत्याचारों से अट्रोसिटीज से परेशान होकर वहां आए थे कोई जर्मन बोलता था कोई पॉलिश को इरेक्शन तो कोई स्पेनिश तो उन्होंने अपनी इंच लैंग्वेज नींबू को रिवाइज किया नहीं डिक्शनरी बनाई और 40 सालों में जूस के पास एक भाषा थी आपस में बात करने के लिए अब एक देश है एक भाषा के साथ या इंटरनेशनल एग्जांपल लेते हैं पहले जापान और ब्रिटेन से आजादी के बाद इस 17000 आयरलैंड के देश को एक लाइन में चाहिए थी और वह बनी भाषा इंडोनेशिया पर इंडियन गवर्नमेंट को इसे नेशनल लैंग्वेज बनाने के लिए ज्यादा लोहिया रेगुलेशन नहीं लाने पड़े वहां के लोगों ने इसे एक्सेप्ट किया क्योंकि उनकी फ्रीडम स्ट्रगल और सेंस आफ प्राईड से जुड़ी हुई थी पर आज एक लैंग्वेज प्रॉब्लम सिर्फ फेस करते हैं मगर इंडोनेशिया और इजरायल नेशन बिल्डिंग भाषा कि वे ऐसा नहीं कर पाए वह कर पाए क्योंकि उनमें इतनी चीनी थी और एक कॉमन डिपेंडेंसी कैनेडा बेल्जियम स्विट्जरलैंड फिलीपींस और एग्जांपल सजा तीन-तीन चार-चार ऑफिशियल लैंग्वेज इन फैक्ट फ्रेंड सर्विसिंग के टाइम्स इन 12 सेंड लोग फ्रेंड बोल पाते ढंग से मगर उनके पास एक पौसा यूनाइट होने का मैं भी आप डॉग दिखा सकता हूं क्या भाषा बोली जाती बता सकता हूं परसों कोई फायदा नहीं है अगर आप एक्सेप्ट नहीं करोगे कि एक देश एक भाषा से नहीं बनता है आइकॉन सिर्फ एक सिंगल एक्सक्लूसिव वन सिंगल लेग ठंडे होने चाहिए इस सोच अपने आप में गलत है फुल है ह्यूमन आइडेंटिटी जूते इधर नहीं है कि आप एक बार में एक ही पैर पहनो बल्कि हम सब multi-dimensional बींस है एक तमिल बोलने वाला युद्ध में भारतीय जितने आसामीस बोलने वाला हो या वह भारतीय से अंग्रेजी में बात करता हूं लैंग्वेज हमें इन्वाइट नहीं करती है इंडिया विजन फाउंडेशन पर डाइवर्सिटी में बना है वह हमें इनवाइट करता है है [संगीत] अजय को [संगीत] कर दो कर दो ये सब कुछ हो हुआ है