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मिट्टी का अध्ययन और उसके गुण

[संगीत] मिट्टी का अध्ययन क्या कहलाता है पेडोलॉजी मृदा का अध्ययन क्या कहलाता है पेडोलॉजी इसमें हम किसके बारे में पढ़ाई करते हैं सोइल के बारे में सोइल के बारे में या मृदा मृदा उर्दू में इसे कहते हैं मिट्टी हिंदी में क्या कहेंगे मृदा मिट्टी क्या चीज है चट्टानों के जो घिसा वट होता है तो किसी भी चट्टान को जब आप घिस दीजिएगा तो कुछ सालों के बाद वह मिट्टी में कन्वर्ट हो जाएगा क्योंकि उसकी कुछ शर्त हैं घिसा वट के बाद जो उसके कण है व बहुत छोटे होने चाहिए उसमें कई अलग-अलग जीव जंतुओं के अवशेष कार्बनिक पदार्थ इत्यादि भी मिले होने चाहिए समझ में आ रहा है तभी जाकर वो मिट्टी बनेगा मिट्टी में केवल चट्टानों का घिसा नहीं बल्कि कार्बनिक पदार्थ जीव जंतुओं के अवशेष भी रहते हैं तभी जाकर व मिट्टी उपजाऊ होगी केवल और केवल चट्टानों का घिसा वट रहेगा तो मिट्टी उपजाऊ नहीं होगी और केवल चट्टान रहेगा तो फिर तो बालू हो जाएगा बालू क्या है चट्टान का छोटा रूप है तो मिट्टी निर्माण की प्रक्रिया कोई छोटी प्रक्रिया नहीं है एक लंबा समय लेती है मिट्टी निर्माण की प्रक्रिया यह चट्टानों की घिसा वट से छोटे-छोटे चट्टान जब घिस जाते हैं उसम बहुत सारे कार्बनिक पदार्थ कार्बनिक पदार्थ का मतलब पेड़ पौधों का घिसा जानवरों का घिसा हुआ हिसा या जितने भी सड़े गले पदार्थ है यह सब आपस में मिल जाते हैं तो क्या करते हैं मिट्टी का निर्माण करते हैं मिट्टी निर्माण एक बहुत जटिल प्रक्रिया है इसमें बहुत लंबा समय लगता है मिट्टी के बारे में अध्ययन करते हैं हम लोग मिट्टी की परत जो होती है उसे हम लोग होराइजन कहेंगे क्या कहेंगे क्या कहेंगे होराइजन कहा जाता मिट्टी की परतो को क्या कहेंगे होराइजन कहेंगे य पर उसी को हम प्रोफाइल भी कहेंगे क्या कहेंगे होराइजन क्या कहेंगे होराइजन इसी को हम क्या कहेंगे प्रोफाइल होराइजन कितने टाइप का होता है भैया होराइजन पास होराइजन ओ ए बी सी और आर समझ में आ गया जब हम इन चारों को मिला देते हैं तो इसी कहेंगे सोइल प्रोफाइल सोइल प्रोफाइल सोइल प्रोफाइल जब हम चारों होराइजन को मिला देते हैं तो क्या कहते हैं सोइल प्रोफाइल य होराइजन क्या होता है होराइजन मतलब परत होराइजन मतलब परत तो जब हम सभी परतो को मिला देते हैं तो उसे हम लोग प्रोफाइल कहते हैं सोइल प्रोफाइल मृदा परिच्छेद मृदा परिच्छेद मृदा परिच्छेद समझ में आ गया और सिंगल सिंगल परत पढ़ना है तो होराइजन तो देखिए मिट्टी की जो सबसे बाहरी परत होती है ना मिट्टी की जो सबसे बाहरी परत जो सबसे ऊपरी परत होती है इसे हम लोग ऑर्गेनिक परत बोलते हैं क्योंकि इसी में आप जानवरों के गोबर से बना हुआ खाद डाल देते हैं पत्तियां वगैरह सड़ की के ऊपर पड़ी रहती है खेत वगैरह में देखिए पेड़ पौध पतिया सड़ जाएगी तो इसी में रहेगी जीव जंतु यदि मर जाते हैं कोई चूहा मर गया हो जानवर मर गया हो कुत्ता बिल्ली पक्षी कोई मर गया हो तो यह सारे ऊपरी परत प रहते हैं तो इसे हम लोग ना कार्बनिक परत या ऑर्गेनिक परत कहते हैं जिसे हम लोग ओ से दर्शाते हैं क्या दर्शाते हैं ओ से ओ वाली जो परत है इसमें सबसे ज्यादा क्या पाया जाएगा कार्बनिक क्या पा जाएगा कार्बनिक लिखा गया हो ऑर्गेनिक लिख दे अब ठीक है अच्छा इसमें रहेगा इस पर नहीं रहेगा अब सही है एक हटा दे चलो तो पछिया बच गया इसका अब अपने एडजस्ट करना कार्बनिक कहिए या इसी को हम लोग ह्यूमस कहते हैं क्या कहेंगे ह्यूमस ह्यूमस मतलब होता है उसके जो अवशेष वगैरह है वही चीज को तो जो होराइजन ओ है उसमें क्या पाया जाएगा बाहरी पर तो किसी भी मिट्टी में आप देखिएगा तो उसको हाथ से ऐसे ना ऐसे बटोरने की कोशिश कीजिएगा ऐसे हाथ से ऐसे बटोर के ऊपर से जितना परत आ रहा है उसको देखिएगा सबसे ज्यादा उपजाऊ वही परत है जो उपरा से इसे उठा लेते हैं झाड़ू मारिए जो ऊपर की परत निकलेगी ना वो क्या है होराइजन ओ है जिसे हम ह्यूमस कहते हैं इसकी खराबी थोड़ा भी मजबूती नहीं होता है इस में झाड़ू मारेंगे तो बहा के लेके चल जाएंगे तो बाढ़ आता है ना बाढ़ तो क्या उठा के लेके चल जाता है ह्यूमस उठा के लेके चला जाता है तो आपके खेत से उठाएगा और दूसरे खेत में ले जाकर पटक देगा तो जिनके यहां बाढ़ का पानी जमा रह गया उनके यहां तो दूसरे के खेत का ह्यूमस उठा के लाया था आपके यहां बाढ़ का पानी आया जमा रह गया धीरे-धीरे पानी निकल गया और ह्यूमस नीचे बैठ गया तो आपके यहां देखिएगा जहां बाढ़ आया रहेगा ना तो बाढ़ जब खत्म होगा ना तो उस टाइम कुछ भी खेत में फेंक दीजिएगा उग जाएगा बहुत उपजाऊ हो जाता है उस टाइम क्योंकि दूसरे के खेत में का सारा ह्यूमस उठा के लेके चलाया समझ में आ गया तो सबसे बाहरी परत को क्या कहते हैं ह्यूमस ओ ओ क्यों कहते हैं ऑर्गेनिक ओ फर ऑर्गेनिक ऑर्गेनिक जब भी चीज यूज होगा तो आप समझिए आजकल आपना जब तक जीवन में है ना अब आपका ऑर्गेनिक चीज बारबार ऑर्गेनिक वर्ड यूज होगा तो ऑर्गेनिक जब भी वर्ड यूज होगा उसका अर्थ होता है नेचुरल ऑर्गेनिक खेती है मतलब नेचुरल खेती है ओ फर मतलब समझ रहे हैं ऑर्गेनिक ये पहला प्रोफाइल हो गया इसका ऑर्गेनिक तो पहला में तो कोई दिक्कत नहीं है किसी को पहला क्या है सबसे पतली परत ओ सबसे पतली परत सर्वाधिक कार्बनिक ओ में है सर्वाधिक खाद में अब ओ के बाद क्या आता है ए ओ के बाद क्या आता है ए तो ये परत हो जाता है ए तो जो जितने भी छोटे पौधे हैं धान गेहूं फूल यह सब जो आप लगाते हैं छोटे पौधे इसका आकार आपके बराबर होता है उनकी जड़े केवल परत ए तक गई रहती है जितने छोटे पौधे हैं छोटे पौधे जिनकी आकार आपके बराबर है तो छोटे पौधे की जड़ कहां तक गई रती है ए ए बहुत उपजाऊ होता है कई भूगोल वेता परत ओ को मानते ही नहीं कि यह परत है समझ गया उनका कहना है कि ये मिट्टी की परत ही नहीं ये तो ह्यूमस है समझ में आ गया उनका कहना है कि मिट्टी की परत नहीं है क्या है ह्यूमस तो सर अब दूसरी परत आ गई ए ए परत मजबूत भी है ए परत क्या है मजबूत तो आप जब धान की रोपाई करते हैं या गेहूं बोते हैं या फिर मक्के का बीज लगाते हैं तो किसी भी पौधे का बीज लगाते हैं तो आप धंसा हैं किसको ओ को और ओ को हटा के किसम रख देते हैं ए में क्योंकि ओ के अंदर मजबूती नहीं है बहा के लेके चला जाएगा समझ में आ गया कि नहीं आ गया तो कहा चला गया ए में तो जितने भी छोटे पौधे उनकी जड़ कहां तक रहती है ए तक अच्छा बड़े पौधे रहेंगे तो उनका जड़ कहां रहेगा बी तक बड़े पौधे रहेंगे तो उनका जड़ कहां तक रहेगा बी और छोटे पौधे तो सी वाला जो प परत होता है इसमें चट्टान पाए जाते हैं क्या पाए जाएंगे खेती के लिए अच्छा नहीं होता है और इसके बाद तो रॉक परत होता आर आर मतलब रॉक आर मतलब रॉक बड़ी बिल्डिंगों की क द जाती है यह सबसे ज्यादा चट्टाने किसम पाई जाती है आ और सबसे मजबूत परत आर खेती थोड़ी भी नहीं की जा सकती खेती के लिए खराब माना जाता है बड़े पेड़ पौधों के जड़ कहां आते हैं छोटे पौधे का जीव जंतु जीव जंतु ए में रहते ए में उपरा कौन जीव जंतु रहेगा जी चूहा ग इस चीटी रहेगी व भी खोद के कहा जाएगी ए में चीटी दीमक सांप चूहा यह सब किसम जाएंगे स ए में केचुआ सब किसम जाएंगे ए लने आते किस ओ प इधर क्या है भाई सब अपना लल जहा कुछ कीज तो भाग जाएंगे सब अपने ए में भाग जाते हैं सब य होराइन समझ में आ गया अब देखिए अब इसमें कुछ लोग सोचेंगे कि इसकी गहराई कितनी होती है बिना मतलब के चीजों को याद करके आप अपने दिमाग पर बर्डन मत डाले ये 10 फीट हो जाएगा यह 30 फीट हो जाएगा यह 60 फीट हो जाएगा य 200 फीट हो जाएगा क्या जरूरत है याद करने की सिविल इंजीनियर है क्या आपको पुल बनाना है बस य होराइजन याद रहेगा तो देखो बा जब हम अलग अलग होराइजन को बोलेंगे जैसे होराइजन आर होराइजन सी बी एओ इसमें ओ का अर्थ होता है ऑर्गेनिक आर का अर्थ होता है रॉक बाकी ए सी हो गया तो जब हम अलग अलग बोलेंगे तो उसे हम क्या कहेंगे होराइजन बोलेंगे लेकिन अब जब हम पांचों होराइजन को मिला देंगे तो सोइल प्रोफाइल अब देखो अमेरिका में मिट्टियों को 12 कैटेगरी में बाटा है अमेरिका में मिट्टी को कितने कैटेगरी में हम लोग ने बाटा है आठ कैटेगरी में तो बता हम लोग को अमेरिका वाला पढ़ना है या इंडिया वाला इंडिया वाला पढ़ना है तो इंडिया में मिट्टियों को इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च दिल्ली है इसका मुख्यालय आईसर समझ में आ गया आईसर इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च मिट्टियों को कितने भाग में बांटे हैं आठ भाग में कितने भाग में आठ भाग में बांटे हैं तो हम लोग पहले इन मिट्टियों को पढ़ते हैं जलर मिट्टी लाल मिट्टी काली मिट्टी लेटराइट मिट्टी पर्वतीय मिट्टी मरुस्थलीय मिट्टी अम्लीय मिट्टी क्षारीय मिट्टी समझ में आ गया कि नहीं गया अमली और क्षारीय एक मरुस्थल पर पाया गया तो मरुस्थली पहाड़ पाया गया तो पर्वती एक हो गया अमली जिसमें ज्यादा हो जाएगा तो इंडियन कांसिल फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च मिट्टी को कितने भाग में बा पहले मेन चार मिट्टी पढ़ लेते हैं पहली कौन सा देखते हैं जल मिट्टी सबसे पहली मिट्टी जलो भारत में सर्वाधिक कौन सी मिट्टी है अंग्रेजी में इसे एलविल सोइल कहते हैं कौन सा सल एलविल सोइल या ज मिट्टी तो भारत में सर्वाधिक मात्रा में कौन सी मिट्टी पाई जाती है कौन सी मिट्टी जलो अंग्रेजी में क्या कहेंगे एलविल सोइल अंग्रेजी में एलविल सोइल किसी को कोई दिक्कत है अंग्रेजी में कौन सॉइल जल होड़ मिट्टी अब यह कैसे बनती है यह मिट्टी जब नदियां आती है तो उसके चट्टानों को घिसा वट करती है उन घिसा वट के कारण जल होड़ मिट्टी का निर्माण होता है जल द्वारा लाकर उड़ा दी गई मिट्टी जल होड़ मिट्टी कहलाती है जब आपके यहां बाढ़ आएगा तो देखिएगा जल जब आएगा पानी आएगा तो अपने साथ मिट्टी के कण भी लेकर आएगा और वही मिट्टी निर्माण करेगा कौन सी मिट्टी जल होड़ मिट्टी बताओ बाबू कौन सी मिट्टी एलविल सोइल यानी जल होड़ मिट्टी जल होड़ मिट्टी का निर्माण करेगा जल होड़ मिट्टी खेती के लिए बहुत अच्छी होती है खेती के लिए अच्छी होती है जल होड़ मिट्टी में कई अलग-अलग छोटे-छोटे कण मिले होते हैं यदि उसमें बालू का कण ज्यादा है तो उसे हम दोमट कहेंगे और बालू का मात्रा बहुत ही कम है तो उसे कछारी मिट्टी कहेंगे कौन सी कहेंगे कछारी तो अच्छा जल होड़ मिट्टी को हम आपको पढ़ा चुके हैं याद कीजिए जहां हर साल बाढ़ आएगा नवीन जलड़ो खादर और पुरानी जलो को बांगर अब तो उसे पढ़ाने की जरूरत नहीं है नवीन जलो को क्या कहते हैं खादा और पुरानी जलो को बांगर वो तो आप पहले से पढ़ चुके हैं यहां पर अब अगर मान के चलिए कि बालू की मात्रा किसकी मात्रा बालू की मात्रा बहुत कम है तो इसे क्या कहेंगे कछारी क्या कहेंगे कछारी और अगर बालू की मात्रा ठीक ठाक ज्यादा है तो क्या कहेंगे बालू की मात्रा कुछ ज्यादा है तो क्या कहेंगे दोमट क्या कहेंगे दोमट कहते हैं अब देखिए दोमट मिट्टी जो होती है ज्यादा गेहूं उत्पादन के लिए हो जाता है और कछारी जो होता है वो धान उत्पादन के लिए धान के लिए कछारी मिट्टी ज्यादा होता है कछारी मिट्टी में जब पानी आ जाता है कछारी मिट्टी में बालू की मात्रा कम है और जब इसमें पानी भर जाता है तो यह बहुत ज्यादा टीचर के समान हो जाती है इसलिए इसे हम लोग काप मृदा भी कहते हैं क्या कहेंगे काप मृदा कौन सी मृदा काप कछारी मृदा या काप मृदा कहते हैं कांप किसे कहेंगे जैसे आप धान की रुपैया करने के टाइम पे देखिएगा जानबूझ के खेत में पानी डाल दिया जाएगा अब पूरा कादो कादो कर देगा कीचड़ कीचड़ पूरा कर देगा यहां पे और उसके बाद सब लोग धान उसमें रोप के चले आते हैं यहां पे तो वो हो गया आपका कौन सा कछारी या काप मिट्टी तो इसमें बालू की उतनी मात्रा नहीं रहती और थोड़ा बहुत बालू र जाएगा तो जल होड़ में अगर थोड़ा बहुत मात्रा में बालू मिल गया तो कौन सी मिट्टी कह लाएगी बाबू दोमट तो दोमट मिट्टी किस चीज के खेती के लिए ओवरऑल जल होड़ मिट्टी जो होती है वह खेती के लिए अच्छी होती है अब जल होड़ मिट्टी में कैल्शियम फास्फोरस की मात्रा ठीक ठाक पाई जाती है लेकिन इसमें कमी होती है नाइट्रोजन फास्फोरस और पोटेशियम भारत की जितनी भी मिट्टी पाई जाएगी उसमें इन तीनों चीजों की कमी है उन तीनों चीजों की कमी भारत में जित भी मिट्टी है और यही तीन चीज चाहिए खेती के लिए तो भाई साहब जो चाहिए उसकी कमी पूरे भारत में है अब नाइट्रोजन की पूर्ति करने के लिए यूरिया बेचारा डालेगा फास्फोरस की पूर्ति के लिए डीएपी डालेगा और पोटेशियम के लिए पोटास क्या डालेगा पोटास तो खेत में आप देखिएगा ये तीनों चीज का उ बहुत ज्यादा मात्रा में पड़ता है जिसमें पोटाश तो बहुत कम मात्रा में पड़ता है यह भी महंगा है यूरिया बहुत ज्यादा पड़ता है यूरिया भी बहुत महंगा है लेकिन फास्फोरस इन सब में सबसे ज्यादा महंगा है डीएपी का बोरा ₹1000000 तो बीज बोते समय यह रेशियो अलग होता है 1 2:1 हो जाता है समझ में आ गया कि नहीं आ गया बीज बोते समय रेशियो अलग हो जाता है ध्यान से समझिए ऐसा क्या है देखिए जब हम पौधे को बड़ा कर देते हैं बड़े पौधे को चाहिए 4 2:1 यानी सबसे कम चाहिए पोटेशियम उससे ज्यादा फास्फोरस और सबसे ज्यादा लेकिन जब पौधा को बीच बोते हैं अंकुरित होता है छोटा होता है तो उस समय नाइट्रोजन से ज्यादा उस क्या चाहिए फास्फोरस चाहिए क्या चाहिए फास्फोरस क्योंकि बच्चों का खाना तो अलग ही होता है ना आप ही देखिएगा आप जब छोटे थे तो अलग डिजाइन का खाना खाते होंगे आपको सूजी का हलवा बना के दिया जाता होगा रोटी बनाने के बाद उसके ऊपर का पतला जो होता है परत पतला परनवा उतार ली जो रोटी फूलता है ना तो जो पतला वाला होता उसको निकाल लिया जाता है और फिर उसको दूध में बल के बच्चे को खिलाया जाता है आजकल का डब्बा वाला हुआ सेरेल खाता है एनपी के समझ में आ गया बीज बोते समय सबसे ज्यादा जरूरत और पौधे के लिए फास्फोरस के लिए किसका प्रयोग करते हैं डीएपी क्या प्रयोग करेंगे डाई अमोनियम फास्फेट डी ए प डाई अमोनियम फास्फेट उसम फास्फोरस रहता है ये तो पोटाश का यूज कर लेंगे इसके लिए यूरिया का यूज करें समझ में आ गया पोटेशियम जो होता है ये फास्फोरस होता है जानवरों की हड्डियों में क्या पाया जाता है फास्फोरस तो जितने स्लटर हाउस है उसमें उसकी जो हड्डिया निकलती है उसे क्या बना लेते है फास्फोर य जलो मिट्टी समझ में आ गया जलो के बाद आती है लाल कौन सी मिट्टी लाल मिट्टी कौन सी मिट्टी लाल मिट्टी में क्या है भैया आयरन ऑक्साइड क्या चीज है आयरन ऑक्साइड के कारण इसका रंग क्या है लाल याय हलके दानेदार होती है लाल मिट्टी हलके क्या होती है दाने इसमें अग जल की सिंचाई की व्यवस्था कर दी जाए तो इसमें मोटे अनाज हो सकते हैं यदि जल की सिंचाई की व्यवस्था कर दी जाए तो मोटे अनाज जैसे बजरा ज ज्वार गेहूं हो सकता है मक्का यह भी हो सकता है लेकिन उसके लिए फिर सिंचाई की व्यवस्था आपको ज्यादा करनी पड़ेगी यह हल्का मोटे दाने के समान होता है आयरन ऑक्साइड की मात्रा ज्यादा होती है इसमें खनिज ज्यादा पाए जाते है इसके अंदर क्या ज्यादा पाया जाएगा खनिज तो ये खेती से ज्यादा खनिज के लिए अच्छी पाई जाती है पठारी क्षेत्र पर लाल मिट्टी की अधिकता है भारत का जो पठारी क्षेत्र है ना वहां किस मिट्टी की अधिकता है लाल मिट्टी उत्तर का जो विशाल मैदान है उसमें झारखंड और उड़ीसा में लाल मिट्टी झारखंड उड़ीसा ल कर्नाटक आंध्र प्रदेश लाल मिट्टी ज्यादा है सर कैसी मिट्टी है लाल मिट्टी ज्यादा है तो खेती के लिए अच्छी होती है लाल मिट्टी उतना अच्छा नहीं है इसके तुलना में उतना अच्छा नहीं है हालांकि इसम सिंचाई की व्यवस्था रहेगी तो खेती हो सकती है सिंचाई की व्यवस्था रहेगी तो खेती हो सकती है अब देखते हैं काली मिट्टी कौन सी मिट्टी काली मिट्टी अब ये काली मिट्टी का समझिए यह ना ज्वालामुखी से जो लावा निकला है लावा में कौन सा चट्टान होता बसा चट्टान कौन सा बेसाल्ट चट्टान तो इसे लावा निर्मित मिट्टी या बेसाल्ट निर्मित मिट्टी भी कहते हैं लावा या बेसाल्ट मिट्टी भी किसे कहा जाता है काली मिट्टी को किसे काली मिट्टी को काली मिट्टी का काला रंग किसके कारण होगा देखिए उसमें लिखा हुगा टेनिस फेरस मैग्नेटाइट नहीं लिखा आपने हाईलाइट भी किया होगा पढ़ तो आयरन कालर लाइव वाले लोग आप लोग भी देखिए मटेरियल में आपके लिखा हुआ है टिटनी फेरस मैग्नेटाइट टेनी फेरस मैग्नेटाइट इतना बड़का याद रखने अ फेरस मैग्नेटाइट या र फेरस मतलब लोहा मैग्नेटाइट मतलब मैग्नेट मैग्नेटाइट मतलब लोहा तो फेरस मैग्नेटाइट बस याद रखें मैग्नेटाइट मतलब मैग्नेट से याद रखिए मैग्नेट किस कलर का होता है काला मैग्नेट किस कलर का होता है काला तो बताइए फेरस मैग्नेटाइट काला आयरन ऑक्साइड लाल फेरस मैग्नेटाइट ल आयरन ऑक्साइड लाल लाल तो बताइए ये किसके कारण होता है फेरस मैग्नेटाइट के कारण कैसा हो जाता है काला इसी का दूसरा नाम होता है रेंगर मिट्टी कौन सी मिट्टी र रेंगर मिट्टी कौन सी मिट्टी रेंगर मिट्टी काली मिट्टी का दूसरा नाम रेंगर मिट्टी किसके घिसा वट से बना है बेसाल्ट या लावा से बना बेसाल्ट या लावा से बना समझ में आ रहा है कि नहीं आगे बढ़े अब इस मिटटी की एक विशेषता समझिए कि ये पानी ठीक ठाक सोखता है पानी क्या है ठीक ठाक सोख लेकिन इसमें पपड़ी छोड़ता है पपड़ी इन द सेंस क्या है कि ये ऊपर से फट जाता है दरार पड़ जाता है लेकिन नीचे नमी रहता है ऊपर में उतनी नमी नहीं रहेगी तो पानी सोखता है सबसे ज्यादा पानी सोख लेता है कौन सी मिट्टी पानी इतना पानी सोख लेता है पनिया नीचे रखता है ऊपर पानी नहीं रखता है तो ऊपर में जब पानी नहीं रहेगा तो क्या होगा चटक जाएगा दरार आ जाएगा तो ऊपर दरार रहेगा लेकिन नीचे पानी रहेगा नीचे पानी रहेगा इसलिए ऊपर से ये जितना बंजर दिखता है इतना भी बंजर ये ता नहीं है दिखने से लगेगा बाप रे बाप यहां तो पूरा बंजर बंजर एरिया है लेकिन नीचे में नमी मेंटेन रहता है तो ये कपास और गन्ना की खेती के लिए अच्छा होता है और अपने से सोचिए ना कि अगर गन्ना की खेती हो रही है तो गन्ना में तो केवल पानी ही रहता है गन्ना में पानी ही रहता है उसे तो जूस निकाल लेता है तो अगर नीचे पानी नहीं रहेगा तो गन्ना हो पाएगा तो गन्ना और कपास की खेती के लिए जल सोखने की सर्वाधिक क्षमता ऊपर से दरार पड़ेगा गुजरात और महाराष्ट्र में काली मिट्टी बेसिकली सबसे ज्यादा काली मिट्टी कहां है महाराष्ट्र महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा काली मिट्टी है महाराष्ट्र में क्योंकि एक तो महाराष्ट्र एरिया वाइज भी बड़ा है गुजरात से दूसरा गुजरात में क्या है ना कि एक और जो कच्छ का एरिया है वो थोड़ा सा बलई मिट्टी हो जाती है यहां पे समझ में आ गया कि नहीं आ गया तो सर्वाधिक कौन सी मिट्टी महाराष्ट्र में सर्वाधिक काली कपास के लिए का अगला मिटी है लेटराइट कौन सी मिटी लेटराइट मिटी कौन सी लेट राइट लेटराइट मिट्टी अब समझिए ध्यान से एक बार क्वेश्चन पूछा था ना यूपीपीसीएस बच्चों ने मार दिया था लाल मिट्टी था दिया था या मिट्टी बड़े दानेदार होती है इसका रंग लाल होता है या बागानी खेती के लिए अच्छी होती है किंतु अनाजों के उत्पादन के लिए अच्छी नहीं होती है किस मिट्टी की विशेषता है मार देगा आदमी लाल मिट्टी गलत हो जाएगा लेटराइट मिट्टी कौन सी मिट्टी लाल मिट्टी में कौन सा बगान की खेती हो रही थी समझना ध्यान से लेटराइट मिट्टी भी लाल दिखती है लेटराइट मिट्टी भी कैसी दिखेगी लाल और इसका दाना ना लाल मिट्टी से बड़ा होता इसका दाना लाल मिट्टी से ब और इसका भी कलर कैसा होगा लाल यह बागानी खेती होती है इसमें बगान जैसे काजू का बगान लगा दीजिए मसालों का बगान लगा दीजिए चाय का बगान लगा दीजिए कॉफी का बगान लगा दीजिए यहां पर बागानी खेती बहुत ज्यादा होती है इलायची दालचीनी जितना ही सब चीज है मसाला मसाला वो पूरा लगा दीजिए तो कौन सी मिट्टी है लेटराइट मिट्टी यह सबसे ज्यादा कहां पाई जाएगी केरल में पश्चिमी तट पर देखिए यहां से यहां तक ये क्रॉस बनाएंगे ना यह कौन सी मिटी है लेट राइट मिटी तो केरल में लेट राइट मिटी तमिलनाडु में भी थोड़ा सा सॉरी कर्नाटक में और गोवा में लेट राइट अब क्योंकि गोवा इसी एरिया में खत्म हो गया है केरल इसी एरिया में खत्म हो गया महाराष्ट्र के कुछ हिस्सा में है लेकिन महाराष्ट्र में बेसिकली कौन सी मिट्टी है काली में गुजरात में भी गुजरात में काली महाराष्ट्र में काली मिट्टी होती है महाराष्ट्र में गुजरात में मेघालय में भी काली मिटी काली मिटटी महाराष्ट्र में गुजरात में का आ ये वाली लेटराइट मिटी कैसी मिटी हैय लेटराइट मिटटी है लेटराइट मिटी है यहां पर और यह एरिया जो है यह लाल मिट्टी का यह सारा एरिया लाल तो जो ब्लू कलर से रंग ये कौन सी मिटटी है लाल जो ब्लू कलर से रंग दिया है लाल मिटटी है और यह वाला लेटराइट मिट्टी कौन सी मिट्टी लेटराइट मिट्टी लेटराइट मिट्टी याद रहेगा जल होड़ कहां है भाई जड़ को किस कलर से करते यह सबका जलो समझ में आ गया कटपट मार देते हैं य कौन सी मिट्टी है बताओ पंजाब हरियाणा राजस्थान या कंप्लीट राजस्थान ज लोड़ है हा नहीं है लेकिन कंप्लीट पंजाब हरियाणा यूपी बिहार बंगाल कंपलीटली क्या है पंजाब हरियाणा यूपी बिहार बंगाल पंजाब हरियाणा यूपी बिहार बंगाल आसाम यहां से लेकर यहां तक कौन सी मिट्टी जल कौन सी मिट्टी अब यह जो लेटराइट मिट्टी है यह मसालों के लिए यह कैसे बनती है जब बहुत जोर से बारिश होती है ना तो मिट्टी के छोटे-छोटे कण अंदर चले जाते हैं बड़ा बड़ा कण कहां रहता है ऊपर तो जोर से बारिश होने का ये नतीजा होता है कि मिली के महीन कण कहां चले जाते हैं नीचे और पथरीला मिट्टी कहां रहेगी तो दिखने में ये बंजर लगेगी लेकिन सारा छोटा छोटा महीन अच्छा भाग कहां है नीचे अब यहां पर ये क्यों होती है क्योंकि यहां एक पहाड़ खड़ा है नाम है पश्चिमी घाट अब आप समझिए यहां पर कौन सा पर्वत खड़ा है पश्चिमी घाट और जब बारिश होगी क्या होगी बारिश तो बारिश होगी तो सारा पानी किससे टकराएगा पश्चिमी घाट सारा बादल टकराएगा पश्चिमी घाट से अब बरस जाएगा इधर और इधर बरस जाएगा जब यहां बरसेगा तो इधर मिट्टी के जो छोटे छोटे अंदर चले जाएंगे बड़े बड़े पथरीले भाग ऊपर हो जाएंगे पथरीले भाग कहां हो जाएंगे यहां काजू मसाला चाय कॉफी य सब ज्यादा होता है इससे अगर आप मिट्टी से इस मिट्टी में पानी तो खूब सोखा है ही अगर आप इस मिट्टी को पका के ईटा बनाइए तो वह ईटा सबसे मजबूत होगा तो सबसे मजबूत ईटा लेट