इंडिया और अमेरिका की मिलिट्री तुलना

Aug 15, 2024

इंडिया और अमेरिकन मिलिट्री कंपैरिजन

  • इक्विपमेंट वाइज: अमेरिका हमारे से बेहतर है, पर हम उन्हें 40 डिग्री में बुलाकर पहले से ही थका देते हैं।
  • हेल वीक: एक हफ्ते के लिए सोने नहीं दिया जाता, स्टार्ट पॉइंट से 100 किमी का सफर।

ऑपरेशन और ट्रेनिंग

  • ट्रेनिंग इंटेंसिटी: फिजिकल और मेंटल टेस्ट्स अनलिमिटेड होते हैं।
  • स्पेशल फोर्सेस: मारून बेरे केवल स्पेशल फोर्सेस क्लियर करने के बाद मिलती है।
  • प्रोबेशन: 90 दिनों का सिलेक्शन प्रोसेस जिसमें बहुत सारी फिजिकल और मेंटल चुनौतियाँ होती हैं।

स्पेशल ऑपरेटिव्स की विशेषताएँ

  • बॉडी क्लॉक: ऑपरेशन के लिए बॉडी क्लॉक को बदल लिया जाता है।
  • इंटेलिजेंस और ऑपरेशंस: 100 ऑपरेशन के बाद ही सक्सेसफुल कांटेक्ट मिलता है।

गंस और वेपंस

  • फेवरेट वेपंस:
    • हैकलर और कोश 416
    • M4 कार्बाइन
    • AK47

इंडिया और चाइना

  • परसेप्शन: इंडिया चाइना से डरता नहीं है, और कोई भूमि नहीं छोड़ी है।

स्पेशल फोर्सेस के मिशन

  • सीक्रेट और जोखिम भरे मिशन: कई बार लाइनों को पार करना होता है।
  • सिविलियन ब्लड शेड: खून के लिए खून का बदला।

लोकल सपोर्ट और मिलिटेंट्स

  • लोकल सपोर्ट का कारण: डर का माहौल और मिलिटेंट्स की धमकी।

आर्मी और कनेक्ट

  • नेशन के प्रति समर्पण: आर्मी के बिना कुछ संभव नहीं।

पर्सनल अनुभव

  • फिजिकल चुनौतियाँ: कारगिल में -50 डिग्री पर तैनाती के दौरान अनुभव।
  • सिलेक्शन प्रोसेस: बहुत चुनौतियों से भरा हुआ समय।

पॉडकास्ट के अंत में

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