इनऑफ गनि केमिस्ट्री का एक बेहतरीन सा चैप्टर जो कि बहुत बड़ा हुआ करता था इसको जेई मेंस ने काट छाट के छोटू सा बना दिया है शायद आपने जीवन जिंदगी में अब बाउ रूल जरूर सुना होगा अगर सुना होगा तो उसको लिखने का एक तरीका लिख रहा हूं उसको नोट डाउन करिएगा लिखना है 1s इसके बाद लिखना है 2s इसके बाद लिखना है 2p फिर लिखना भैया 3s और इसके बाद होगा 3p जहां पे आपको दिख जाए पीरियड नंबर फोर पीरियड नंबर फोर में ही तो ये देखिए फोर एंड फोर लिखा है तो यस्ट प्रिंसिपल क्वांटम नंबर ही पीरियड नंबर होता है तो फोर वाले में क्या आपको लिखना है 3d उसके नीचे लिखना है 4d फिर लिखना है जनाब 5d जब पीरियड नंबर सिक्स होता है तो पहली बार आता है 4f और इसके बाद आता है 5f जिसको धक्के मार कर के पीरियोडिक टेबल से बाहर निकाला गया है तो एक्चुअली ये जो अबाउ रूल है वो पीरियोडिक टेबल का ही एक रिप्रेजेंटेशन टाइप का है हेलो चैंपियंस कैसे आप सभी लोग आई होप आप सभी अच्छे होंगे आज मैं आपको पी ब्लॉक का एक माइंड मैप देने ने वाला हूं इनर्ग निक केमिस्ट्री का एक बेहतरीन सा चैप्टर जो कि बहुत बड़ा हुआ करता था इसको जेई मेंस ने काट छाट के छोटू सा बना दिया है और अभी के हिसाब से जो सिलेबस है उनके हिसाब से यही यही बातें जाननी है यहां पर कैटिनेशन प्रॉपर्टी इंड एलोट पस ऑफ कार्बन फास्फोरस एंड सल्फर यहां तक का कोर्स में है इसलिए क्योंकि उन्होंने जो भी कुछ पूछा है या जो कुछ भी सिलेबस में लिखा है वहां पर उन्होंने एलिमेंट लिखा है और एलिमेंट्स के फॉर्मेट में एलो ोप तो रहते ही हैं सारे ठीक है जी तो यहां पर इनको चर्चा करनी पड़ेगी है ना वैसे भी मुझे उस नालायक टेस्टिंग एजेंसी पर मतलब एनटीएस है नहीं है ना क्योंकि क्वेश्चन बनाने वाले को मुझे नहीं लगता कि इतना केयर करता होगा लेकिन मैं तब भी जानबूझकर पढ़ाने वाला हूं ताकि ऐसा हो कि अगर आ जाए तो कल को व ना कह दे कि भैया हम तो दे रहे थे आपको एलिमेंट आपने ही नहीं पढ़ाया या आपने नहीं पढ़ा हमसे तो क्या ही कहेंगे व आपसे ही कहेंगे क्योंकि पेपर आप देने जा जा रहे हैं ठीक है जी आइए बातचीत करते हैं कम से कम टाइम में इसको निपटाने की कोशिश करेंगे इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फिन पूरे के पूरे पी ब्लॉक एलिमेंट्स का कैसे करते हैं शायद आपने जीवन जिंदगी में अब बाउ रूल जरूर सुना होगा अगर सुना होगा तो उसको लिखने का एक तरीका लिख रहा हूं उसको नोट डाउन करिएगा लिखना है 1s इसके बाद लिखना है 2s इसके बाद लिखना है 2p फिर लिखना भैया 3s और इसके बाद होगा 3p यहां भैया 4s फिर लिखना है 4p कृपया इसको नोट करिए मैं इसको हटाऊ अगला होगा 5s इसके बाद होगा 5p सर सब गलत लिख रहे हो आप नालायक तुम देखते जाओ बस ठीक है जी हां पहले से समझदार बनने की कोशिश ना करें उसमें आप निश्चित रूप से हारने योग्य बन जाएंगे ठीक है जी आइए ये लिखने के बाद ये पैटर्न खोपड़ी में जल्दी से पहले सेट हो जाता है फिर सुनना क्या करना होता है जहां पे आपको दिख जाए पीरियड नंबर फोर पीरियड नंबर फोर में ही तो ये देखिए फोर एंड फोर लिखा है तो हाईएस्ट प्रिंसिपल क्वांटम नंबर ही पीरियड नंबर होता है तो फोर वाले में क्या आपको लिखना है 3d उसके नीचे लिखना है है 4d फिर लिखना है जनाब 5d फिर लिखना है जनाब 6d और ये सीरीज के नाम से जाने जाते हैं ना जी याद आ रहा है तो आप जानते हैं कि फोर्थ पीरियड में 3d सीरीज आता है फाइव में 4d फिर 5d 6d अच्छा इसी तरीके से अगले पर आइए जब पीरियड नंबर सिक्स होता है तो पहली बार आता है 4f और इसके बाद आता है 5f जिसको धक्के मार कर के पीरियोडिक टेबल से बाहर निकाला गया है तो एक्चुअली ये जो अबाउ रूल है वो पीरियोडिक टेबल का ही एक रिप्रेजेंटेशन टाइप का है या उल्टा कहिए ज्यादा अच्छा लगता है कि आप बाऊ का जो भी सेटिंग बिठा रखी है इन्होंने वो पीरियोडिक टेबल में हमें दिखता है ऐसा ही रहता है है ना सेवंथ पीरियड में आप देखोगे आपको लेफ्ट साइड में क्या मिलता है s ब्लॉक के लोग मिलेंगे फिर 5f वाले मिलेंगे जिनको निकाल कर बाहर किया गया था एक्टनाइड सीरीज फिर बगल में आता है 6d सीरीज और सबसे इधर आता है जी आपके राइट साइड में 7p तो शायद आपको ये आता होगा अगर आपको ये आता है कहानी खत्म है कहानी खत्म अगर आपको ये आता है कुछ करना ही नहीं है इलेक्ट्रॉनिक कन्फेशन बहुत आसान है और इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फिन पर बेस्ड अबकी बार क्वेश्चन मुझे लगता है बढ़ाएंगे वो क्योंकि यही सब तो इन ऑर्गेनिक में पढ़ाने को इन्होंने बोला है यही सब तो कह रहे हैं पढ़ाना है अच्छा जी आइए देखते हैं क्या कहना चाह रहा हूं भैया देखना बोरनन एलुमिनियम गैलियम इंडियम थैलियम दिख रहा है क्या सर बराबर दिख रहा है तो करना क्या है बोरनन के जस्ट पहले कौन सा इनर्ट गैस आता है एक बार पता करके बताओ चलो बताओ बोरनन के जस्ट पहले कौन आता है सर वो तो हीलियम आता है तो चलो लिख देते हैं तो यहां आपको लिखना है हीलियम सारे इनर्ट गैस इसके बाद लिखो जी हीलियम के बाद यहां आ जाएगा नियन क्योंकि हमें पता है कि एलुमिनियम के जस्ट पहले नियन आएगा हीना नीना और करीना के जेरोक्स रंगीन यही तो होता है आपको इलेक्ट्रॉनिक कन्फेशन लिखते वक्त क्या करना होता है पहले लिखना होता है इनर्ट गैसेस उनके कौन से इनर्ट गैसेस जो इस एलिमेंट के जस्ट पहले आने वाले क्या होते हैं इनर्ट गैस जस्ट पहले का मतलब इसी के जस्ट पहले थोड़ी ना आएंगे वो एलिमेंट वो एलिमेंट कहां आएंगे आपको इनर्ट गैस बोला गया तो ग्रुप नंबर 18 में आपको जाकर के चेक करना पड़ेगा इनसे पहले कौन आएगा गैलियम से पहले आर्गन आएगा लिखने के बाद अब आप बाउजी जो कहते थे उनके बाऊज की बात माननी पड़ेगी अब बाऊज है भाई बात तो माननी पड़ेगी तो हमें लिखना पड़ेगा कि देखो भैया बोरनन सेकंड पीरियड एलिमेंट है तो हम लिखेंगे क्या लिखेंगे जी 2s 2p फिर क्या लिखेंगे नीचे बोलो 3s फिर क्या लिखेंगे 3p अगला क्या लिखेंगे जी 4s 4p फिर अगला क्या लिखेंगे 5s 5p अगला क्या होगा जी 6s 6p अब ये लिखने के बाद आपको पता है बीच में कैसे लिखना होता है जब फोर्थ आ जाए तो लिखना है 3d यहां लिखना है 4d यहां लिखना है 5d समझे क्या यस अब कहां से है भैया 4f की शुरुआत होती है सिक्स वाले से एक बार देखें कृपया इसका दर्शन करें जो लिखा है कृपया इसका दर्शन करें ठीक ठाक लग रहा है सर अभी तो आपने इलेक्ट्रॉन वगैरह भरे नहीं वो भर के दिखाओ तो समझ में आएगा अब देखो भैया बोरनन की फैमिली में पांच बोरनन की फैमिली में जा रहे हैं हम तो याद रखना कि बोरनन की फैमिली के लिए जो हम जनरल इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फिन लिखते हैं वो सिंपल सा ये होता है अच्छा जी पेन नहीं चल रहा है कोई बात नहीं चल गया जी अच्छा देखिए कैसे लिखना होता है लिखना होता है इनर्ट गैस पहले सीखिए इसको बहुत सिंपल है एक्चुअली बहुत सिंपल है इनर्ट गैस इसके बाद क्या लिखना होता है कि देखो भैया ये जो है ना पी ब्लॉक का पहली फैमिली है तो इसलिए हम लिखेंगे यहां पर कि भैया एए तो हर जगह ही है जी तो एए के बाद क्या हो जाएगा में काम कम चलेगा p में एक क्यों रखा तो आप कहिए p ब्लॉक का पहला ग्रुप है तो सब में p1 p1 p1 दिखाई देगा तो ज्यादा कुछ करना नहीं है सब में क्या करना है p1 करना है सब में क्या करना है p1 करना है और बताता हूं p1 से जस्ट पहले जितने भी लोग लिखे गए हैं उन सब सेल्स में जाकर के सारे इलेक्ट्रॉन भर दो क्या करो सारे इलेक्ट्रॉन भर दो तो यहां पर देखो s में दो भरे जा सकते हैं यहां दो भरे जा सकते हैं दो डी में कितने हैं मैक्सिमम 10 s में दो डी में मैक्स मैक्सिमम 10 s में दो ए में 14 और यहां पर 10 भैया बताओ किसी को दुख समस्या तकलीफ तो नहीं है बहुत आसान है और इसी तरीके से अगले वाले में क्या यहां p1 है तो यहां पर p2 आएगा यहां पर p3 आएगा यहां पर p4 यहां पर p5 और यहां पर सब में p6 बस इसको छोड़ दीजिए क्योंकि इनका सिंपल सा होता है 1 s2 बाकी सब में आप क्या करिए वही तरीका अपना लीजिए करना क्या है पूरा का पूरा यहां फोटोकॉपी फोटोकॉपी फोटोकॉपी फोटोकॉपी छाप दिया जी सर छप गया क्या करना है सब लिखने के बाद जहां p1 है यहां p2 p3 p4 p5 p6 तो इनमें क्या मिलेगा लास्ट में इस पूरे इनर्ट गैस का अगर मैं लिख के बताऊं तो यहां पर मिलेगा ns2 np6 मिलेगा तो आउटर सेल का ये मिल जाएगा वहां पर यहां पर क्या हो जाएगा जी np2 3 4 इस तरीके से आप इनको लिख सकते हैं अब अगली एक बातचीत आती है ग्रुप ऑक्सीडेशन स्टेट तो देखें भैया आप ऐसे समझिए ग्रुप ऑक्सीडेशन स्टेट जो मैक्सिमम ग्रुप ऑक्सीडेशन स्टेट है सॉरी क्या बोलेंगे ग्रुप ऑक्सीडेशन स्टेट में जो मैक्सिमम नंबर आएगा उसको निकालने का क्या तरीका है उसको कहते हैं कि देखो भैया ग्रुप ऑक्सीडेशन स्टेट में जो मैक्सिमम नंबर आएगा उनमें क्या करना है आउटर सेल के सारे इलेक्ट्रॉन निकलवा लेने हैं तो बोरनन के लिए अगर मैं देखूं तो बोरनन के लिए भैया कितना हो जाएगा + 3 हाईएस्ट कितना हो जाएगा जी + 3 तीन निकलेगा अब कार्बन फैमिली की बात करें तो कार्बन में कितना आएगा जी + 4 कार्बन फैमिली के लिए कितना आएगा सब में + 4 क्योंकि यहां पर p2 होगा यहां p3 होगा तो इसी तरीके से नाइट्रोजन में मैक्सिमम + फ ऑक्सीजन की बात करें तो ऑक्सीजन को छोड़ते हैं क्योंकि ऑक्सीजन जो है + स में नहीं जाता सल्फर से नीचे जितने लोग हैं तो सल्फर में क्या होगा + स सिमिलरली क्लोरीन का हाईएस्ट कितना जाएगा + से इसी तरीके से जेनन का जाता है + 8 ठीक है बाकी इनको तो कोई ऑक्सीडेशन स्टेट शो ही नहीं करना चाहिए था लेकिन जेनन एंड क्रिप्टन ये रिएक्शन करते हैं और एडॉन भी एक्चुअली रिएक्शन करता है ऑक्सीजन एंड किसके साथ फ्लोरीन के साथ तो कुल मिला के हमें ये पता चला सिंपल सा है कि ये भैया देखो ये है ग्रुप नंबर 13 तो 13 में + 3 14 में + 4 15 में + 5 16 में 6 17 में हाईएस्ट जाएगा तो 7 और यहां पर 18 में वो भी जेनन का + 8 जाता है तो इस तरीके से हाईएस्ट ऑक्सीडेशन स्टेट हम पता चलता है अब बात करते हैं ऑक्सीजन की ऑक्सीजन की जो ऑक्सीडेशन स्टेट है वो -2 भी हो सकती है कैसे हो सकती है सर आपको कैसे पता चला रटना थो था आप तो ऐसा कहते थे सुनो भैया अगर मैं ऑक्सीजन की बात करूं तो हम कैसे लिखते थे हम लिखेंगे ns2 फिर लिख देंगे जी np4 क्या लिखते हैं nh2 np4 अब एक बात बताओ हमें अगर ऑक्सीजन को नियन जैसा बनाना है इनर्ट गैस क्योंकि हर शक्स यही चाह रहा है हर एलिमेंट यही चाह रहा है कि वो नियन गैस जैसा बन जाए ताकि वो स्टेबल रहे अच्छा तो इसके लिए कितने इलेक्ट्रॉन की जरूरत होगी तो आप कहेंगे देखो भैया इसके आउटर सेल में छह इलेक्ट्रॉन अगर दो और मिल जाते दो और मिल जाते तो भैया जी क्या हो जाते वो ऑक्ट ट कंप्लीट कर लेते इसलिए ऑक्सीजन पर -2 दिखाई देगा फ्लोरीन की बात करें तो फ्लोरीन हमेशा -1 में रहेगा हमेशा फ्लोरीन किस में रहता है -1 में रहता है ठीक है जी नाइट्रोजन की बात करें तो नाइट्रोजन इस हिसाब से देखो माइनस में कितना आ जी माइनस में कितना आ जाएगा जी -3 आ जाएगा तो -3 -2 -1 ऐसा क्यों क्योंकि इनके आउटर सेल का जो इलेक्ट्रॉनिक कंफीग्रशन है अगर इसमें तीन इलेक्ट्रॉन डाल दोगे तो आठ पूरे हो जाएंगे इनमें भी आठ पूरे हो जाएंगे इनमें भी आठ पूरे हो जाएंगे अगर इसमें एक डालो इसमें दो और इसमें तीन इलेक्ट्रॉन डाल दें उनके वैलेंस सेल में तो है ना जी तो यहां से मिनिमम पता चल गया मैक्सिमम पता चल गया इतनी बहुत काम की बात थी आइए अब करते हैं और बातचीत एटॉमिक रेडियस हम जानते हैं कि जब हम पीरियोडिक टेबल में लेफ्ट टू राइट जाते हैं एटॉमिक रेडियस के बढ़ने का कार्यक्रम शुरू हो जाता है है ना जी नहीं भैया घटने का कार्यक्रम शुरू हो जाता है और जान लीजिए जब हम टॉप से बॉटम की तरफ जाते हैं अच्छा ऐसा क्यों होता है शायद आप जानते हो है ना लेफ्ट से राइट जाते हैं तो लगातार नंबर ऑफ प्रोटॉन इन द न्यूक्लियस बढ़ता जाता है तो उसको कहते हैं जड इफेक्टिव बढ़ता है या पावर ऑफ द न्यूक्लियस बढ़ता जाता है वो बहुत अच्छे तरीके से फर्स ऑफ अट्रैक्शन लगा पाता है आउटर सेल पे इसलिए उसको छोटा कर देता है इसलिए एटॉमिक रेडियस छोटी मिलती है जैसे-जैसे लेफ्ट से राइट जाते हैं लेकिन टॉप से बॉटम जाते हैं तो नए-नए सेल जुड़ते जाते हैं इस वजह से एटॉमिक रेडियस जो है ऊपर से नीचे जाने पर बढ़ती है तो हमें इनमें देखना है कि कहां पर ज्यादा कहां पर कम है ऊपर से नीचे जाने पर एटॉमिक रेडियस का ये ऑर्डर आएगा पूरे पी ब्लॉक को एक साथ देख लीजिए ताकि कंफ्यूजन ही ना हो ऊपर से नीचे जाएंगे एटॉमिक रेडियस के बढ़ने का यह प्यारा सा ऑर्डर आपके सामने प्रस्तुत हो जाएगा जिसमें कोई संदेह शायद आज तक आपको नहीं रहा होगा लेकिन एक जगह थोड़ा लोचा है दैट इज एलुमिनियम एंड गैलियम तो इसमें क्या होता है एलुमिनियम बड़ा निकल जाता है ड्यू अ विद रिस्पेक्ट टू गैलियम उसका रीजन क्या बताते हैं कि देखो भैया गैलियम का जब इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फिन हम लिख रहे थे तो ध्यान रखें तो वहां पर क्या मिलता है 3d 10 मिलता है लेकिन ऐसा कुछ यहां तो मिलने वाला नहीं है गैलियम पीछे जाके चेक करो तो 3d 10 मिलता है तो होता क्या है गैलियम के पास 31 प्रोटॉन हैं और यहां पर 13 प्रोटॉन हैं ठीक है जी तो 13 प्रोटॉन में तो चलेगा मामला जैसा रहता है नॉर्मल लेकिन 31 प्रोटॉन में देखो क्या होता मान लो ये हमारा न्यूक्लियस है ध्यान से सुनिए ये हमारा न्यूक्लियस है ये सेल नंबर हम मैं कह देता हूं कि थ्री है और ये सेल नंबर फोर है और आपको पता है कि अगर मैं इसका इलेक्ट्रॉनिक क ग्रेशन लिखूं तो मैं कैसे लिखता 4s 2 3d 10 और साथ में मैं लिखता 4p 1 बोलो लिखता कि नहीं लिखता अरे बोल ना भैया ये लिखता कि नहीं लिखता एकदम लिखता तो मैं कहता कि देखो जो ये 3d 10 है ये कहां पर है इनर सेल में है तो मान लो 3d 10 ये है मान लो ऐसा थोड़ी ना होता d है ना लेकिन मैं कह रहा हूं ये है लेकिन आप जानते हो तो जो 3d सब सेल होते हैं ये पुअर सीडिंग करते हैं अगर कोई पुअर सील्ड करता है पुअर सीडिंग का काम करेगा तो यहां से फोर्स ऑफ अट्रैक्शन निकलेगा और आउटर सेल पर प्रेजेंट जो तीन इलेक्ट्रॉन हैं उनको वो अपनी तरफ खींच लेगा क्या करेगा अपनी तरफ खींच लेगा इसलिए ज्यादा अच्छे से रेडियस रिड्यूस हो पाया क्यों पता है क्योंकि ये जो डी ऑर्बिटल था थ्री सेल के अंदर थर्ड सेल के अंदर वो पुअर शिल्डिंग करता है उसकी औकात नहीं है इस न्यूक्लियस के फोर्स ऑफ अट्रैक्शन को रोकने की वो कहता है भैया जाओ अपने इलेक्ट्रॉन को पकड़ कर ले आओ मुझे दिक्कत नहीं मेरी औकात ही नहीं है तुम्हें रोकने की तो इसलिए ये जो 3d सेल था उसने कहा भैया फोर्स ऑफ अट्रैक्शन जाओ इनको खींच कर लाओ मैं रोकने वाला कौन होता हूं लेकिन वहीं अगर ए ऑर्बिटल और पी ऑर्बिटल होते तो वो न्यूक्लियस को ढक देते कहते भैया तुम्हारा फोर्स ऑफ अट्रैक्शन हमारे लिए बना है मैं बाहर निकलने नहीं दूंगा लेकिन डी एंड ए ऑर्बिटल पुअर शिल्डिंग करते हैं इस वजह से ये रेडियस को श्रिंक करा लेते हैं क्योंकि ये जो 10 इलेक्ट्रॉन मौजूद हैं ये कहीं फटे पुराने पर्दे पर मौजूद हैं पुअर शिल्डिंग करने वाले सब सेल पर मौजूद हैं एक्सप्लेनेशन ठीक-ठाक है शायद आपकी खोपड़ी में बात उधर जाए ये एक लैंग्वेज है सुनिए मैंने एलिमेंट की हर वो लाइन यहां पर लिखने की कोशिश कर दी है जो आपके काम आ सकती है क्या लिखा है कि देखो भैया आज तक तो हम ये जानते थे कि बुखार नापने के लिए हमें मरकरी एज अ लिक्विड डालना पड़ता है थर्मामीटर में लेकिन मैंने प्रश्न आपके सामने रखा कि मान लो टेंपरेचर बहुत ज्यादा हो बुखार नहीं मापना हो बल्कि 1000 डिग्री सेल्सियस मापना हो तब क्या करोगे एचजी तो वेपराइज हो जाता है इतने टेंपरेचर पे तब तो वो काम कर ही नहीं पाएगा लिक्विड फॉर्मेट में चाहिए तो उस समय हम यूज करते हैं गैलियम क्योंकि गैलियम का मेल्टिंग पॉइंट कम है तो लिक्विड के फॉर्म में रहता है और दूसरा इसका बॉयलिक पॉइंट बहुत ज्यादा होता है तो ये बॉयल होता ही नहीं लिक्विड में पड़ा रहता है मतलब एक बहुत ही बड़े टेंपरेचर रेंज में ये एज अ लिक्विड ही रहता है और ऐसे करैक्टर रखने वाले को हम हाई टेंपरेचर पर एज अ थर्मामीटर के अंदर पड़ने वाले लिक्विड के लिए यूज कर सकते हैं जिनका मेल्टिंग पॉइंट तो कम है ताकि वो आसानी से क्या बन जाएं लिक्विड बन जाएं और बॉयलिक बहुत ज्यादा है तो वो बॉयल नहीं होंगे बहुत हाई टेंपरेचर रेंज तक तो इसलिए बहुत हाई टेंपरेचर रेंज को आसानी से थर्मामीटर में मापने में ये यूज किए जा सकते हैं इस भारी अंग्रेजी का सिर्फ यही मतलब जो मैंने समझाया है ठीक है जी समर में गर्मियों के दिनों में अगर 35° 36° हो जाता है ना तो ये भाई साहब भी लिक्विड के फॉर्मेट में नास्ते उते हैं जी आइए अगला देखते हैं अगली बातचीत आयनाइजेशन एनर्जी पर है शायद आप जानते हो कि आयनाइजेशन एनर्जी क्या होती है किसी न्यूट्रल एटम से उसके आउटर सेल से इलेक्ट्रॉन निकलवाने में जो मिनिमम एनर्जी लगती है जो मिनिमम रिश्वत है उसी एनर्जी को हम क्या कहते हैं आयनाइजेशन एनर्जी कहते हैं जैसा कि हम जानते हैं कि जब हम लेफ्ट से राइट जाते हैं तो हमें पता है कि पावर ऑफ द न्यूक्लियस जड इफेक्टिव बढ़ता है क्योंकि नंबर ऑफ प्रोटॉन बढ़ते जाते हैं भैया कार्बन के बगल में कौन है नाइट्रोजन प्रेजेंट है या आप चल लो बोरनन से कार्बन तो बोरनन में तो पांच प्रोटॉन है इसके बाद देखिए तो कार्बन में छह प्रोटॉन हैं तो इसका मतलब क्या है कि न्यूक्लियस मजबूत हो रहा है किसका कार्बन का विद रिस्पेक्ट टू बोरनन के इसलिए कार्बन क्या करेगा आउटर सेल के इलेक्ट्रॉन को पकड़ कर के बैठा रहेगा कहेगा भैया हम निकलने नहीं देंगे तो मुझे और एनर्जी दोगे तब निकलने देंगे निकलने तो वो भी देंगे खाली रिश्वत खाने के चक्कर था तो बरन के बजाय कार्बन का आशन एनर्जी क्या होगा ज्यादा होगा क्योंकि न्यूक्लियस मजबूत था कार्बन का तो हम कहेंगे आयनाइजेशन एनर्जी क्या होती है ज्यादा होती है अरे समझे हां समझे अच्छा एक बात और बताओ अगर मैं टॉप से बॉटम चलता तो क्या होता टॉप से बॉटम चलता हमने सीखा साइज बढ़ जाती है और अगर साइज बढ़ गई साइज बढ़ने का मतलब क्या होता है साइज होता क्या है न्यूक्लियस से आउटर सेल के बीच की दूरी ही एटॉमिक रेडियस है अगर ये रेडियस बढ़ गई कृपया ध्यान दें ये साइज क्या हो गई अगर ये साइज बढ़ गई तो क्या होगा जी न्यूक्लियस जो है आउटर सेल के इलेक्ट्रॉन को अच्छे से पकड़ नहीं पाएगा उसको निकालना आसान होगा तो आयनाइजेशन एनर्जी की वैल्यू वहां पर कम आएगी बोलो रे बालक बात समझ में आती है क्या हां चलिए यहां पर बताइए बोरनन कार्बन नाइट्रोजन ऑक्सीजन फ्लोरीन एंड नियन में आपको बताना है कि आयनाइजेशन एनर्जी का क्या ऑर्डर होगा तो हमने कहा देखो यह खेलना आयनाइजेशन एनर्जी से पहले खेलना तो है बताना तो है लेकिन पहले इसको क्या करिए इनका इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फिन लिख दीजिए क्योंकि वो इंपैक्ट कर सकता है तो हम यहां पर लिखेंगे इसका होगा 2 p1 यहां पर क्या होगा 2p 2 सिर्फ मैं आउटर सेल लिख रहा हूं आउटर सेल में भी सब सेल भी आउटर ही ले रहा हूं 2p 3 यहां पर होगा 2p 4 यहां पर होगा 2p 5 क्योंकि इलेक्ट्रॉन इन्हीं ऑर्बिटल से निकलकर कूद ने नाचने बाहर आएंगे कृपया देखें 2p 1 2p 2 से लेकर 2p 6 तक के ये इलेक्ट्रॉनिक कन्फेशन आपको दिख रहे हैं प्रश्न ये है कि हमें ये पता है कि लेफ्ट से राइट जाएंगे तो बढ़ेगा इस हिसाब से सबके लगातार बढ़ते जाने चाहिए इधर से इधर आने पर है ना तो मैं कहूंगा कि देखो इनका बढ़ता है ये बात सही है 2p 6 का इनका भी बढ़ता है ये बात भी सही है इनका बढ़ता है ये बात भी सही है यहां बढ़ता है ये बात भी सही है लेकिन नाइट्रोजन ऑक्सीजन में एक्चुअली नाइट्रोजन का ज्यादा होता है क्योंकि ये 2p 3 मतलब ये कौन होगा जी हाफ फील्ड और हाफ फील्ड होने की वजह से हम कहते हैं कि ये स्टेबल इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फिन है ये क्या है ये स्टेबल इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फिन है अगर ये स्टेबल इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फिन रखते हैं हाफ फील्ड रखते हैं तो ये भैया इलेक्ट्रॉन देना नहीं चाहते कहते हैं मैं तो पहले से खुश हूं अरे मैं तो हाफ फील्ड हूं भैया मुझे नहीं बनना कुछ और मैंने इलेक्ट्रॉन देना नहीं चाहता तो ये कहते हैं भैया अच्छा इसका मतलब तुम भारी रिश्वत खाओगे तब अपना इलेक्ट्रॉन दोगे तो उन्होंने कहा जवाब के तौर पर धीरे से हां कि भैया हम तो स्टेबल हैं और रिश्वत दीजिए और एनर्जी दीजिए तब उछल कूद हम बचाएंगे इस चक्कर में क्या होता है ध्यान से सुनिए कि बोरनन के बाद तो कार्बन आएगा कोई दिक्कत की बात नहीं अब नाइट्रोजन का ज्यादा है विद रिस्पेक्ट टू ऑक्सीजन देखो कैसे लिखते हैं हम कहते हैं देखो ऑक्सीजन यहां लिख दो नाइट्रोजन को ऑक्स क्या करिए आगे लिख दो ऑक्सीजन के इसके बाद लिखो फ्लोरीन और इसके बाद लिखो नियन तो बस उछल कूद जो मची है आयनाइजेशन एनर्जी के ऑर्डर में उसका रीजन पता होना चाहिए क् कि वो पूछ रहे हैं ध्यान रखिएगा भैया यह बात वो पूछेंगे पेपर में तो यह एडजस्टमेंट करना आना चाहिए आइए अगला देखते हैं अब पूरे पी ब्लॉक को एक साथ पढ़ देंगे सारी नाटक नौटंकी खत्म हो जाएगी शायद आपने अगर इस तरीके से कभी नहीं देखा हो ऑर्डर तो आज देख लीजिए और पिक्चराइज करिए खोपड़ हों में ये डाटा सेट होना जरूरी है सिर्फ ये नहीं कि मुझे आता आने इनर्जी सारे डाटा खोपड़ी में यह सब जाना चाहिए सब काम का है कुछ फालतू नहीं है अच्छा खेल में हमने ये सीखा था अभी पीछे कि ऊपर से नीचे जाएंगे तो भैया जी आयनाइजेशन एनर्जी की वैल्यू कम होगी तो ऊपर से नीचे जाने पर कृपया देखें आयनाइजेशन एनर्जी की वैल्यू आपको कम होती हुई नजर आएगी ऊपर वाले का आयना एनर्जी ज्यादा नीचे वाले का कम होता है और ऐसा खेल कहां-कहां तक चलाना है देख लीजिए कहां चलाना है वो देख लो भैया जी कृपया ध्यान दें यहां नहीं चलाना है जी अच्छा फिर इसका मतलब क्या करना है सर यहां पे यहां उल्टा करना है यही कार्यक्रम कहां करना है यहां करना है यही कार्यक्रम एलुमिनियम और गैलियम में करना है तो तीन जगह ये नाटक दिखाई देंगे कहां पर एस एन पीबी में एलुमिनियम एंड गैलियम में इंडियम एंड थैलियम में बाकी कहीं नहीं ध्यान देना इन तीन जगहों पर अब यहां देखो इसको याद कराने का मैं तरीका बताता हूं क्या रखना है आप कहोगे अप अप लिखोगे अप मतलब हो गया ऊपर तो अप डाउन फिर क्या अप अप डाउन अप डाउन मुंडी देखो ये ऊपर की तरफ ये नीचे की तरफ अप डाउन अप डाउन इसमें चल दो कहानी खत्म हो जाएगी एस ए और पीबी में लेड जो होता है उस की आयन एनर्जी ज्यादा होती है अब प्रश्न उठता है क्यों ज्यादा होती है आपने कहा हमने मान लिया यह तो साइंस थोड़ी था ये तो थोड़ी ना साइंस था कुछ तो रीजन होगा इनके खेल का कुछ तो रीजन होगा सर यहां पक्का वही पुअर डी शिल्डिंग वाली कहानी सुनाओ ग आप तो चलो यह बात तो मैं मानता हूं यह बात ठीक लग रही है कि गैलियम के केस में जब 31 31 को भैया ये क्या लिख दिया जी थ्री प्रोटॉन नहीं रे भैया रुको रुको सुनियो रे बाबा क्या कहना चाह रहा था मैं कि 31 प्रोटॉन अगर न्यूक्लियस में है तो जो थर्ड सेल के अंदर d प्रेजेंट है वो तो उनको रोक नहीं पा रहा तो सुनिए हो क्या रहा है ये जो d के अंदर 3d 10 था ये क्या था भैया ये रिप्रेजेंटेशन है 3d 10 का 3d 10 क्या करता है भैया 31 प्रोटॉन के फर्स ऑफ अट्रैक्शन को रोक नहीं पाता जो कि फोर्थ सेल के अंदर इलेक्ट्रॉन प्रेजेंट है उसको अच्छे से होल्ड करके बैठा है तो इस इलेक्ट्रॉन को आप निकाल नहीं पाते अगर निकाल नहीं पाते तो आयस एनर्जी ज्यादा होगी विद रिस्पेक्ट टू एलुमिनियम के बात ठीक लग रही है उसका री क्या बताएंगे कि भैया यहां पर डी सब सेल की पुअर शिल्डिंग इवॉल्व है पुअर शिल्डिंग क्या होती है सर पुअर शिल्डिंग का मतलब है कि भैया जी ये अच्छ पहले सीडिंग समझो क्या होती है सील्ड करने का मतलब है कि भैया इसको ढक देना न्यूक्लियस को ढक देना अच्छे तरीके से अब पूवर शिल्डिंग का मतलब क्या होता है ना ढक पाना क्योंकि डी ऑर्बिटल का शेप थोड़ा कैसा होता है समझते हैं क्या डिफ्यूज्ड शेप होता है डी तभी बोला जाता है उसको डी फॉर डिफ्यूज्ड है डिफ्यूज्ड शेप की वजह से वो यहां के फोर्स ऑफ अट्रैक्शन को रोक नहीं पाते तो ये जाएंगे भैया यहां के फोर्स ऑफ अट्रैक्शन जाएगा इसको पकड़ के अंदर लाएगा जी पकड़ा रहेगा तो इसको निकालना कठिन होगा इसलिए ज्यादा होता अच्छा यही कहानी यहां पर है बतानी अगर आपको याद हो तो आपको यह पता होना चाहिए कि पीरियड नंबर सिक्स में नहीं पता तो ध्यान ली जान लीजिए कि जो भैया लैंथेनाइड कंट्रक्शन करके सुना करते थे कहां पे सुनते थे ये कहानी कहां पे कहां पे सिक्स्थ पीरियड में और इनके इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फिन में आप जाइए तो आपको क्या मिलेगा पता है 4f 144 मिलेगा साथ में फाइ d10 मिलेगा बाकी चीज जो मिलेगी मिलेगी लेकिन ये जो टीएल और लेड है इनमें ये जरूर मिलेंगे ठीक है जी तो इनका इंपैक्ट देखिए अब क्या-क्या है 5d एंड 4f दो सब सेल है तो दो जगह पर इसका इंपैक्ट आएगा ऐसे आपको याद रहेगा किसका जस्ट उल्टा हो जाएगा मैं रीजन समझा देता हूं मान लीजिए कि टीए है तो इसका ये मान लीजिए न्यूक्लियस है टी का भैया ये न्यूक्लियस है और आपको पता है कि ये सिक्स्थ पीरियड का है तो इसका पूरा इलेक्ट्रॉनिक कन्फेशन क्या होगा 6s 2 4f इसके बाद क्या लिखते हैं 5d 10 और इसके बाद लिखते हैं 6 p1 यहां पे क्या लिखते हैं 6 p1 तो देखें ध्यान से कृपया देखें ध्यान से कृपया देखें ध्यान से एक्सप्लेनेशन दे रहा हूं जी ये फोर्थ है ये फिफ्थ है ये सिक्स्थ सेल है सिक्स्थ सेल में देखो दो इलेक्ट्रॉन यहां एक यहां पर है मतलब टोटल तीन इलेक्ट्रॉन हमें दिख रहा है टोटल हमें तीन इलेक्ट्रॉन दिख रहा है अच्छा जी इसके बाद आप देखें कि 4f में मान लो एक फटा पुराना पर्दा हमने टांक दिया फटा पुराना पर्दा इस समय फोर वाला किसको बता रहा है 4f को और 5d बता रहा है ये देखिए ये लोग फटे पुराने पर्दे हैं न्यूक्लियस में बहुत सारा प्रोटॉन मौजूद है लेकिन ये पर्दे इनके फर्स ऑफ अट्रैक्शन को रोक नहीं पाते किसके न्यूक्लियस के इसलिए न्यूक्लियस धड़ल्ले से जाएगा धड़ल्ले से जाएगा आउटर सेल के इलेक्ट्रॉन पर खूब सारा फोर्स ऑफ अट्रैक्शन लगाएगा तो इस इलेक्ट्रॉन को निकालना कठिन होगा इसलिए इसकी आयनाइजेशन एनर्जी ज्यादा होती है लेकिन इन नौ टंकियों का रीजन कौन है तो भैया ये फटे फरा पुराने पर्दे 4f एंड 5d नाम के पुअर शिल्डिंग करने वाले सब सेल्स शायद समझ में आ गया हो अगली बात है इलेक्ट्रॉन एफिनिटी की इलेक्ट्रॉन एफिनिटी का मतलब है इलेक्ट्रॉन के लिए मोहब्बत इलेक्ट्रॉन के लिए प्यार कौन ज्यादा प्यार करता है ये सब हमने पढ़ा हुआ था कहां पर कहां पर पढ़ा भैया पीरियोडिक टेबल के चैप्टर में वहां हमने सीखा कि जब हम लेफ्ट से राइट चलते हैं तो जनरली जनरली शब्द यूज होता है जनरली इलेक्ट्रॉन के लिए प्यार क्या होता है बढ़ता है इलेक्ट्रॉन के लिए प्यार बढ़ता है लेकिन हम टॉप से जब बॉटम आते हैं जब हम टॉप से बॉटम आते हैं तो इलेक्ट्रॉन के लिए प्यार घटने लग जाता है उसका रीजन आपको पता ही होगा है ना आउट देखो जब ऊपर से नीचे जाओगे नए-नए सेल लगातार जुड़ते जाएंगे तो न्यूक्लियस से क्या होगा सेल दूर होता जाएगा अगर सेल दूर होगा तो जो बाहर से इलेक्ट्रॉन आता है वो इलेक्ट्रॉन आउटर सेल पर आएगा तो दूर आएगा न्यूक्लियस से तो न्यूक्लियस और बाहर से आने वाले इलेक्ट्रॉन के बीच में फोर्स ऑफ अट्रैक्शन कम होगा तो निश्चित रूप से आप कहेंगे इलेक्ट्रॉन के लिए प्यार घट रहा है जब क्या होता है साइज बढ बढ़ती है तो इलेक्ट्रॉन एफिनिटी समझते हो कि नहीं नहीं समझते न्यूट्रल एटम को हम बाहर से कोई इलेक्ट्रॉन दे रहे हैं अगर वो एटम खुद से प्रसन्न है खुद से उस इलेक्ट्रॉन को पाकर तो अपने अंदर से बहुत एनर्जी निकालता है उस निकली हुई एनर्जी को इलेक्ट्रॉन गेन एंथैल्पी कहते हैं जिसको डेल्टा एच इलेक्ट्रॉन गेन करके लिखा जाता है उसके बारे में भी मैं थोड़ा सा बता ही देता हूं चलो भैया देखो जैसे देखो क्लोरीन है क्लोरीन माना ये जाता है कि भैया इलेक्ट्रॉन से सबसे ज्यादा प्यार करता क्योंकि इसका डेटा यही चिल्ला चिल्ला कर बोलता है क्लोरीन क्या करता है इलेक्ट्रॉन को पाक के स नेगेटिव बनाता है क्या करता है स नेगेटिव बनाता है क्योंकि इलेक्ट्रॉन को पाना चाहता है क्लोरीन उसकी खुद की इच्छा तो हम कहते हैं कि क्लोरीन के अंदर इलेक्ट्रॉन एफिनिटी बहुत अच्छी है बहुत प्यार करता है वो इलेक्ट्रॉन से और जब प्यार मोहब्बत कहीं इवॉल्व है तो ध्यान रखना वहां पर एनर्जी निकलेगी क्या होगा एनर्जी निकलेगी तो निकलने वाली एनर्जी को कैसे क्या लिखते हैं डेल्टा एच इलेक्ट्रॉन गेन निकल रही है मतलब एग्जोटिवली के लिए हम लिखेंगे इलेक्ट्रॉन गेन एंथैल्पी कैसी होती है नेगेटिव होती है लेकिन वहीं पर जैसे मान लीजिए मेरे पास नाइट्रोजन है नाइट्रोजन कैसा है हाफ फील्ड खुद ही खुश है प्रसन्न है कहता है भैया मुझे कोई छेड़छाड़ नहीं चाहिए मैं जैसा हूं वैसा हूं मेरे को छेड़ो मत अच्छा जी तो ऐसी कंडीशन में अगर आप इलेक्ट्रॉन इसको देना चाहते हैं अब वो कह रहा है भैया मुझे छेड़ो मैं तुम जबरदस्ती इलेक्ट्रॉन दे रहे हो तो कहेगा भैया देखो इलेक्ट्रॉन तभी लूंगा जब बाहर से आप एनर्जी भी सप्लाई करेंगे तो इस सिचुएशन में जब नाइट्रोजन खुद कह रहा है मैं भैया हाफ हाफ फीड हूं मैं स्टे हूं उस सिचुएशन में आप ए नेगेटिव बनाएंगे तो आपको बाहर से एनर्जी देनी पड़ी एंडोर्स था इसलिए हम इसको पॉजिटिव लिख देते हैं शायद आनंद आया होगा आगे देखते हैं यहां देखेंगे भैया इनका ऑर्डर देख ले अच्छा क्या आपको यह चीज पता है क्या कि इलेक्ट्रॉन एफिनिटी के मामले में फ्लोरीन एंड क्लोरीन में क्लोरीन सबसे आगे होता है इवन क्लोरीन तो भैया पूरे पीरियोडिक टेबल में सबसे आगे होता है तो यही बात को मानते हुए हम फ्लोरीन क्लोरीन में ये ऑर्डर लगा लगाएंगे तो यही इनमें भी लगेगा यही इनमें भी लगेगा यही इनमें भी लगेगा यही इनमें भी लगेगा लेकिन बाकियों में नॉर्मल ट्रेंड चलेगा ध्यान दीजिएगा इनका एक्सप्लेनेशन आपको आना चाहिए क्या होता है कि जो फ्लोरीन होता है वो साइज में है छोटा जब साइज में छोटा है बाहर से कोई इलेक्ट्रॉन आता है तो देखो भैया यहां पर भी फ्लोरीन जो होता है उसके आउटर सेल में भी सात इलेक्ट्रॉन क्लोरीन के आउटर सेल में भी सात इलेक्ट्रॉन अब यार इसका घर ही छोटा है आउटर सल इसका बड़ा छोटा है उस छोटी सी जगह में सात लोग रह रहे हैं मुंबई का घर है एक ही कम राहा है बेचारे के पास उसमें पहले से सात लोग लेटे पड़े हैं मेहमान आएगा इज्जत तो मिलेगी मेहमान को मतलब प्यार तो मिलेगा इलेक्ट्रॉन को इलेक्ट्रॉन एफिनिटी तो होगी फ्लोरीन के अंदर इलेक्ट्रॉन से मोहब्बत तो होगी लेकिन सोचो ना सात लोग फैले पड़े हैं वहां पर लिटा में दिक्कत तो होगी ना हां तो इसको थोड़ा कम प्यार आएगा लेकिन ये है भैया हमारे गांव का भैया जैसे मैं अभी गांव गया था हाल ही में हमारे घर होते हैं गांव में सबके बड़े-बड़े सबके होते हैं वहां कोई अमीर अमीर ज्यादा गरीब दिखता नहीं सबके घर बड़े-बड़े दिखते हैं हमें तो जब घर बड़े-बड़े तो होता क्या है भैया जी बाहर से कोई रिश्तेदार है अरे बड़ी भाव बगत होती भैया तुम आज रात को रुकना तुम्हारे लिए बगल में खटिया लगाते हैं अपने ठीक है जी तो यहां पर भरपूर इज्जत मिल रही है गांव में इसको किसको बाहर से आ रहे इलेक्ट्रॉन को अगर भरपूर इज्जत मिल रही है तो उसका रीजन क्या था कि यहां पर इलेक्ट्रॉन की डेंसिटी कम थी जगह ज्यादा थी आउटर सेल में सात ही लोग यहां भी हैं लेकिन जगह ज्यादा थी तो इसलिए आसानी से एक्सेप्ट कर लिए गए ये एक्सप्लेनेशन है बाकी पर नॉर्मल ट्रेन ऊपर से नीचे जाएंगे इलेक्ट्रॉन के लिए प्यार घटेगा यही बात लगा देनी है तो ऊपर से नीचे जाने पर क्या होगा भैया घटेगा बाकी जगह घटेगा कहां नहीं घटेगा एक्सप्लेनेशन दिया जा चुका है आई होप खो पड़ियो तक ये बातें लैंड हो रही हो ठीक है जी ओके और एक बात अभी मैंने सिखाया कि जो नाइट्रोजन है ये तो इलेक्ट्रॉन से प्यार ही नहीं करता भाई इनका इलेक्ट्रॉन से कोई मोहब्बत नहीं इलेक्ट्रॉन के लिए जो एफिनिटी है दैट इज इक्वल टू 0 ये इलेक्ट्रॉन से प्यार ही नहीं करना चाहता अच्छा जी ये तो इलेक्ट्रॉन से प्यार ही नहीं करते तो ऐसी सिचुएशन में हम क्या कहते हैं इनका जो इलेक्ट्रॉन गेन ए ल्पी है क्योंकि ये प्यार तो करते नहीं तो जबरदस्ती प्यार कराने के लिए बाहर से रिश्वत देनी पड़ी एनर्जी देना पड़ा इसलिए हम कहेंगे इनके लिए तो पॉजिटिव होगा तो यहां से यहां तक में सिर्फ यही इकलौते नाइट्रोजन ही ऐसे हैं जो इलेक्ट्रॉन को प्यार नहीं करते और उसके रिस्पेक्ट में वो रिश्वत में एनर्जी खाते हैं लेकिन ये देखो ये तो पूरी फैमिली बदनाम है भाई ये तो कहता है मैं तो सुपर स्टेबल हूं क्या बात कर रहे हो मैं तो सुपर स्टेबल हूं मुझे तो इलेक्ट्रॉन ना दो ना मुझसे लो तो इस सिचुएशन में इनको इलेक्ट्रॉन दोगे तो इनको भी एनर्जी देनी पड़ेगी इसलिए पूरे फैमिली के लिए डेल्टा एच इलेक्ट्रॉन गेन जो होगा वो पॉजिटिव होता है कैसा होता है जनाब पॉजिटिव होता है उसमें भी पॉजिटिव में सबसे हाईएस्ट पूछा जाता है पेपर में किसका आता है तो जान लीजिए नियन का सबसे हाईएस्ट आता है पॉजिटिव में सबसे ज्यादा इसमें निऑन का आता है कृपया आप अपनी खोपड़ में ये बातें डाल कर के रखिएगा शायद काम की लगी हो कुछ हां चलिए आगे बढ़ जाते हैं हाईएस्ट इलेक्ट्रॉन एफिनिटी सबसे ज्यादा इलेक्ट्रॉन एफिनिटी किसकी होती है क्लोरीन की ये कई बार हमने चर्चा कर ली है आइए अब बातचीत करनी है फ फर्स्ट टर्म ऑफ द ग्रुप पर लिखा गया है आपके सिलेबस के हिसाब से चलिए फर्स्ट टर्म ऑफ द ग्रुप में अगर मैं बात करूं तो यहां पर आप फ्लोरिन भी ले सकते हैं ठीक है जी कोई दिक्कत की बात नहीं है फ्लोरिन भी ले सकते हैं लेकिन फिलहाल मैं कह रहा हूं कि देखो फर्स्ट एटम है क्या ये ग्रुप के हां भैया बोरनन में बोरनन रहेगा कार्बन फैमिली में कार्बन नाइट्रोजन फैमिली में नाइट्रोजन है ना जी ग्रुप नंबर 16 में या ऑक्सीजन फैमिली में ऑक्सीजन ऐसे फ्लोरीन रहेगा अच्छा जी इन लोगों में देखो एक खास बात होती है कि भैया ये लोग कहां पे हैं ये लोग सेकंड पीरियड के मेंबर हैं अच्छा जो लोग सेकंड पीरियड के मेंबर हैं उनका आउटर क्या होता है उनका आउटर सेल नंबर क्या होता है बताइए उनका बाहरी सेल क्या है आप क्या बता पाएंगे उनका बाहरी सेल होता है भैया दो अगर बाहरी सेल दो है आपको पता है ना जो पीरियड नंबर है वही आउटर सेल का नंबर होता है आउटर सेल नंबर टू है तो इसके पास कौन-कौन से सब सेल्स हैं आप कहेंगे सिर्फ ए सब सेल है और इनके पास प सब सेल है यहां पर कोई भी डी सब सेल अवेलेबल होता ही नहीं है सेकंड पीरियड एलिमेंट में किसी में भी अच्छा कहानी मतलब ये है कि इनमें से किसी के पास डी ऑर्बिटल है ही नहीं इनमें फर्स्ट ग्रुप के फर्स्ट एटम के पास अपने अपने ग्रुप के जो लोग नेता लोग हैं उनके पास डी ऑर्बिटल नहीं है लेकिन इनको छोड़कर बाकियों को देखें बोरनन के नीचे एलुमिनियम या सिलिकन यहां फास्फोरस यहां सल्फर इन सब में क्या होते हैं डी ऑर्बिटल होते हैं क्योंकि वो थर्ड पीरियड के हैं थर्ड सेल के हैं तो वहां पर एस प डी तीनों सब सेल मौजूद होते हैं लेकिन यही सेकंड पीरियड एलिमेंट में नहीं मौजूद होते अच्छा इससे क्या पता चलेगा अब अगर इनको हाइब्रिडाइज्ड करना है इनको सेंट्रल एटम बन कर के बॉन्ड बनाने हैं तो इनके हाइब्रिडाइज्ड होंगे d ऑर्बिटल इवॉल्व होने का कोई चांस है ही नहीं क्योंकि उनके पास तो है ही नहीं इसका मतलब हाइब्रिडाइज्ड आइजन होगा या तो sp2 या तो sp3 लेकिन ये जो लोग हैं ये कभी भी ये कभी भी गलती से भी मत लिख देना कि ये sp3d हाइब्रिडाइज्ड क्योंकि इनके पास डी ऑर्बिटल की भैया जी कमी है जी है ही नहीं अगली बात सुनिए अगली बात ये है कि पूरे पूरे अपने ग्रुप की अगर बात करें इनमें इनमें इनमें इनमें इनकी जो फैमिलीज हैं इनमें सबसे छोटू लोग कौन है यही सबसे छोटू लोग हैं सेकंड पीरियड के ये एलिमेंट अपने फैमिली के हिसाब से सबसे छोटे-छोटे एलिमेंट हैं और जो छोटे एलिमेंट होते हैं ना वो भर भर के पाई बॉन्ड बनाते हैं उसका रीजन ये होता है देखिए लिखा है मल्टीपल बॉन्ड ये इजली फॉर्म कर सकते हैं जैसे देखो कार्बन है कार्बन डबल बॉन्ड भी बनाता है कार्बन ट्रिपल बॉन्ड कार्बन बनाता है कार्बन अपने साथ छोड़ो दूसरों के साथ भी यही कार्यक्रम करता है कार्बन डबल बॉन्ड ऑक्सीजन बनाता है कार्बन जो है आप कह सकते हैं ट्रिपल बॉन्ड नाइट्रोजन इस तरीके से कई सारे बॉन्ड बना सकता है कार्बन भी बनाता है मैं तो कार्बन लिख रहा हूं अभी बाकी का चाहो जैसे नाइट्रोजन है तो नाइट्रोजन और नाइट्रोजन के बीच में भी ट्रिपल बॉन्ड बनता है नाइट्रोजन नाइट्रोजन के बीच में भी डबल बॉन्ड बनता है ऐसा क्यों हो पाता है क्योंकि भैया ये लोग साइज में छोटे हैं और साइज में छोटे होने पर ध्यान दें जो पी ऑर्बिटल इस तरीके से लैटरल ओवरलैपिंग करते हैं ये बहुत अच्छे से हो पाता है क्योंकि साइज में छोटे हैं बड़े साइज के पी ऑर्बिटल आराम से क्या करते हैं आराम से ओवरलैप नहीं करा पाते इसलिए पाई बॉन्ड उनके कमजोर होते हैं ये पढ़ते हैं हम केमिकल बॉन्डिंग में तो सिंपली हमें समझ में आया कक साइज छोटी है तो ये भर-भर के पाई बॉन्ड बनाने के चक्कर में पड़े रहते हैं तो इसलिए मल्टीपल बॉन्ड ये इजली बना पाते हैं विद रिस्पेक्ट टू अपनी फैमिली में अपनी फैमिली में इनके जितने लोग हैं उनसे अच्छा पाई बॉन्ड बनाने का कैरेक्टर इनके पास है अच्छा मैं एक सवाल पूछ सकता हूं कि एक बात बताओ यहां पर जो पाई बॉन्ड है देखो भैया यहां पर तो एक सिग्मा होगा कोई दो राय नहीं इसमें से एक पाई होगा इसमें एक सिग्मा होगा एक पाई होगा प्रश्न सुनिए एक सिग्मा है एक पाई है ये पाई बनाया किसने होगा पाई बनाया किसने होगा तो आप कहेंगे देखो भैया कार्बन जो है ना वो है सेकंड पीरियड का और सेकंड पीरियड में s ऑर्बिटल और p ऑर्बिटल ही होते हैं और पाई बॉन्ड तो s ऑर्बिटल कभी जीवन में नहीं बना सकता क्योंकि पाई बॉन्ड बनाने के लिए अगर आपने जीवन में कभी सुना हो पढ़े लिखे देखे हो तो पाई बॉन्ड तभी बना सकता है कोई ऑर्बिटल जब उसके पास मिनिमम दो लोभ हो लोभ समझते हैं ना जी जैसे s ऑर्बिटल में तो एक ही लोभ है लेकिन p ऑर्बिटल में क्या होता है जी दो लोभ होते हैं d ऑर्बिटल में चार लोभ होते हैं तो मिनिमम दो चाहिए तो इसका मतलब p और d बना सकते हैं लेकिन देखो d इनके पास है नहीं सिर्फ p है इसका मतलब पाई बॉन्ड कभी भी सेकंड पीरियड एलिमेंट अपने आप बीच में बनाए कार्बन कार्बन के साथ बनाए चाहे कार्बन नाइट्रोजन के साथ बनाए हमेशा वो p ऑर्बिटल ही यूज करेगा तो कार्बन ने अपना प ऑर्बिटल यूज़ किया इस कार्बन ने भी अपना पी ऑर्बिटल यूज़ किया लैटरल ओवरलैपिंग की पाई बॉन्ड का जन्म हो गया पैदा हो गया जी पाई बॉन्ड मुबारकबाद आपको यहां पर भी ऐसा ही होगा ठीक है जी तो हर जगह पर p प या हम इसको कभी-कभी सुनते होंगे आप ये लाइनें यहां पर हमेशा p पाई प पाई बॉन्डिंग मिलेगी हमेशा प पाई प पाई बॉन्डिंग मिलती है अगली चीज है एक्जिस्टेंस की कौन एजिस्ट करेगा क्या ncl5 एजिस्ट करेगा प्रश्न का जवाब है नहीं कारण पता करो तो पता चला देखो इसमें तो नाइट्रोजन को पांच बॉन्ड बनाना पड़ेगा पांच बॉन्ड बनाने का मतलब है स्टेरिक नंबर फाइव स्टेरिक नंबर जानते हो क्या पता स्टेरिक नंबर फाइव है तो यहां पर आएगा sp3d हाइब्रिडाइज्ड पीरियड एलिमेंट है तो ऐसा कुछ भी इवोल्व नहीं करा सकता वो डी को sp3d हाइब्रिड पॉसिबल नहीं तो इसलिए ये एजिस्ट नहीं करते बट ये भाई साहब तो भर भर के एजिस्ट करते हैं और आपको इनके स्ट्रक्चर्स पढ़ाए गए हैं कि भैया pcl5 कुछ इस तरीके से बनता क्या pcl5 कुछ इस तरीके से बनता है बनता है ना जी यहां पर फास्फोरस पर आपको पूछा जाए कि बताइए क्या आएगा क्या आएगा हाइब्रिडाइज्ड इइ जेशन आएगा ठीक है जी बोलो बोलो क्या बोला गया sp3 डी हाइब्रिडाइज्ड है बोलो रे भैया एकदम क्लियर है ना जी हां बस यही कहानी आगे खेल दो अरे भैया नाइट्रोजन पांच तो बना नहीं पा रहा छह कैसे बनाए ओबवियस सी बात है तो वो sp3 d2 हाइब्रिड नहीं कर पाएगा बट फास्फोरस आराम से कर सकता है क्योंकि इसके पास d ऑर्बिटल अवेलेबल है आपको मैंने बताया था कि फास्फोरस हो सल्फर हो या आप कोई सा भी ले लो एलुमिनियम हो ये सब के पास डी ऑर्बिटल है क्योंकि ये थर्ड पीरियड एलिमेंट है और थर्ड पीरियड का मतलब है इनके आउटर सेल का नंबर है थ्री और सेल का नंबर अगर थ्री तो यहां s ऑर्बिटल p ऑर्बिटल d ऑर्बिटल तीनों मौजूद हैं तो ये हाइब्रिडाइज्ड बट ये डज नॉट एजिस्ट क्योंकि कोवलेंको कोवलेंको यहां पे देखो bf4 नेगेटिव अब यहां पे समझा देता हूं कोवलेंको बोरनन के आउटर सेल में होते कितने इलेक्ट्रॉन है तीन ठीक है तीन इलेक्ट्रॉन तीन फ्लोरीन के साथ इस तरीके से जुड़ के रिश्ते कैसा बना देंगे द ये bf3 इस तरीके से बना देंगे क्लियर है क्लियर है क्या यस हमने कहा कि भैया देखो बोरनन तीन ही बॉन्ड बनाता है तो तुमने कहा देखो भाई एक इलेक्ट्रॉन अगर मैं और बाहर से दे दूं और बाहर से दे दूं तो ये इलेक्ट्रॉन फ्लोरीन के साथ शेयर करके हम इसको bf4 नेगेटिव इज्जत से बना सकते हैं आराम से बना सकते हैं कोई दिक्कत की बात नहीं तो बोरनन ने चार बॉन्ड बना लिए तो इसकी मैक्सिमम कोवलेंको है तो बगल में मैं मैक्स लिख देता हूं इससे से ज्यादा बना ही नहीं सकता तो चार ये बना लिए इसलिए हम कहते हैं कि बोरनन क्या कर सकता है चार को वेलेंस शो कर सकता है चार बॉन्ड बना सकता है कार्बन के साथ आपको पता है कि ch4 बनाते वक्त ch4 बनाते वक्त अपने चारों इलेक्ट्रॉन को खर्च करके हाइड्रोजन के साथ शेयर करेंगे और आठ इलेक्ट्रॉन इकट्ठा करेंगे अपने आसपास क्या यहां पर कभी पांच बॉन्ड बना सकते हो नहीं चार यहां भी बनेगा सेम कहानी नाइट्रोजन के साथ है नाइट्रोजन मैक्स टू मैक्स चार बॉन्ड बना सकता है पांचवा बॉन्ड बनाने की हिम्मत ताकत औकात उसकी नहीं है मतलब मैंने ये सही बनाया है हां ये एजिस्ट करेगा क्योंकि चार ही बॉन्ड आ रहा है लेकिन एलुमिनियम की बात करें तो भैया ये छह बॉन्ड बनाए को क्या फर्क पड़ता है एलुमिनियम तो भैया कहां पे है भैया थर्ड पीरियड का है तो इसके पास डी ऑर्बिटल है इसलिए वो क्या करेंगे जी इसलिए वो ज्यादा बॉन्ड बना पाते हैं अब बातचीत और चर्चा है इनर्ट पेयर इफेक्ट पर देखो नाम में ही मतलब करके याद करते हुए आगे बढ़ेंगे ध्यान दीजिएगा नाम है इनर्ट पेयर इफेक्ट कुछ इफेक्ट क्रिएट होने वाला है किसकी वजह से कुछ पेयर ऑफ इलेक्ट्रॉन जो है वो बॉन्डिंग में इनर्टनेस शो करते हैं वो इलेक्ट्रॉन निकलना नहीं चाहते या वो बॉन्ड बनाना नहीं चाहते जिसकी वजह से कुछ इफेक्ट आता है और उसको हमें स्टडी करनी है तो नाम से मतलब क्या निकला कि कोई सा तो इलेक्ट्रॉन पेयर है जो रिएक्शन में इवॉल्व होना नहीं चाहता जो बॉन्ड बनाना नहीं चाहता जो खुद निकलकर सामने वाले को ऑक्सीडो नहीं चाहता तो भैया जी उसकी वजह से कुछ इफेक्ट आता है उसी को इनर्ट पेयर इफेक्ट कहते हैं पहले बेसिक बात बाकी क्या आता है वो सब मैं ही बताऊंगा जी हां इनर्ट पेयर इफेक्ट कितने शब्द दिख रहे हैं इनर्ट पेयर इफेक्ट तो हो गया तीन ये बड़े काम की चीज है कभी नहीं बोलेंगे इस तरीके से याद करिए तीन तो ये जो है ना भैया जी ध्यान रखना कि ये तीन ग्रुप पर अप्लाई होंगे सिर्फ तीन ग्रुप पर अप्लाई होंगे और ये तीन एलिमेंट पर अप्लाई होंगे तीन ग्रुप के तीन एलिमेंट पर अप्लाई होंगे और तीन एलिमेंट वो कौन-कौन से होंगे सुनिए पहले तो आप कहेंगे कि सर पहले मुझे ग्रुप तो बताइए तो ग्रुप होता है ग्रुप नंबर 13 ग्रुप नंबर 14 एंड 15 तो इनके जो लास्ट एलिमेंट हमें लिखेंगे जैसे कि हम ले लेते हैं थैलियम इसके बाद हम ले लेते हैं भैया लेड और है भैया बिस्म है ना यही तो होता है चलिए देख लेते हैं यहां पर देखिए थैलियम देखिए लास्ट में दिख रहा है क्या भैया बोरनन फैमिली के लास्ट में हमें कौन दिख रहा है थैलियम दिख रहा है ध्यान रखना इसके नीचे की जो लोग हैं उनको हमारे काम के नहीं है जी हमारी स्टडी इतनी की करनी है तो लास्ट में कौन पड़ गया जी थैलियम पड़ गया ध्यान रखिएगा कौन पड़ गया जी थैलियम पड़ गया तो यहां पर ये दिखेगा यहां पर देखिए ये इफेक्ट यहां भी दिखेगा ये इफेक्ट हमें बसमत में भी दिखेगा तो यही तीन जगह ये दिखाई देते हैं अब ये इफेक्ट है क्या वो सुन लीजिए ये है इनके इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फिन से रिलेटेड पहले समझना पड़ेगा उसको यहां पर हम कहेंगे देखो यहां तो आता था 2s 2 2p 1 लेकिन यहां क्या आता था यहां आता था जनाब 4f 144 है ना पहले मैं क्या कर रहा हूं जिसका सेल नंबर कम है वो लिख रहा हूं 4f 144 इसके बाद 5d 10 ठीक इसके बाद हम क्या लिखते थे 6s 2 और इसके बाद 6 p1 अरे आप चाहो तो ये यहां भी लिख सकते हो याद जैसे करवाया था लेकिन अबकी बार मैंने सेल नंबर के हिसाब से लिख दिया कि हायर सेल नंबर हम बाद में लिख रहे हैं दैट्ची दोनों इलेक्ट्रॉन आसानी से निकल कर के अपने को इनर्ट गैस की तरह बना देंगे क्योंकि इनके सामने इलेक्ट्रॉनिक कन्फेशन में हीलियम लिखा होता है ठीक है जी लेकिन होता क्या है कि बोरनन जो + व है वो कैसे बनता है हम कह रहे हैं कि देखो दो सिचुएशन है या या तो p से एक इलेक्ट्रॉन हटा दोगे तो भैया जी क्या बन जाएगा बोरनन प्व लेकिन ये तीनों ही हटा दोगे तो क्या बन जाएगा 3 प्स है ना तो कहा ये जाता है कि देखो भैया बोरनन ये चूज करता है कि मैं तीनों इलेक्ट्रॉन को निकाल कर के अपने आप को इनर्ट बना देता हूं क्या करता हूं अपने आप को इनर्ट बना देता हूं इसलिए बोरनन जो थ प्लस है वो ज्यादा स्टेबल रहता है ज्यादा स्टेबल समझने का मतलब समझिए कहने का मतलब समझिए ज्यादा स्टेबल कोई ऑक्सीडेशन स्टेट है इसका मतलब है वो नेचर में सब सबसे ज्यादा पाया जाता है इसीलिए बोरनन आप कभी भी देखते हैं तो वो बोरनन आपको + 3 में ही दिखाई देता है ज्यादातर बल्कि ज्यादातर क्या बोरनन तो हमेशा + 3 में ही दिखता है ठीक है जी तो बोरनन आपको + 3 में दिखता है यही सबसे ज्यादा स्टेबल लेकिन देखा यहां जाता है कि टीए में जो थैलियम है उसका + व जो होता है वो ज्यादा स्टेबल होता है विद रिस्पेक्ट टू थैलियम के + 3 से अब प्रश्न आता है ये जस्ट उल्टा कैसे हो गया भैया ये गेम ये गेम ऊपर वाले से जस्ट उल्टा कैसे हो गया तो सुन लीजिए होता कुछ ऐसा है कि यहां पर देखो ध्यान से सुनिए जो थैलियम का न्यूक्लियस है जो थैलियम का न्यूक्लियस है ये देखिए भैया मैं बना देता हूं एकदम क्लियर ये फोर है ये फाइव है ये सिक्स है हमने बताया आपको कि 4f प्रजेंट होगा यहां पर 4f प्रेजेंट होगा यहां पर फडी प्रजेंट होगा और आपके देखिए 6s और प के तीन इलेक्ट्रॉन है तो मान लीजिए मैंने तीन यहां बना दिए ध्यान से सुनिए ये लाइन बड़ा इंपोर्टेंट है एक दो अब दिख नहीं रहा है इसलिए थोड़ा सा बनाना अच्छे से पड़ जाएगा वही पुरानी वाली बात है कुछ नया नहीं पढ़ा रहा हूं पीछे बताया हुआ है है ना तीन इलेक्ट्रॉन देखिए यहां मौजूद है प्रश्न ये उठता है कि सर तीन में से तो तीनों अलार्म से निकाल देते आप ये तीनों निकल जाते अच्छी बात होती क्या ये इनर्ट हो जाते एक बार देखो क्या ये आसानी से इनर्ट गैस कंफीग्रेशन गेन कर पाते जवाब है नहीं ये तीनों निकाल के भी नहीं कर पाते पहली चीज दूसरा ये जो 3p है वहां का एक इलेक्ट्रॉन निकलने के बाद होता क्या है कि ये जो 6s के इलेक्ट्रॉन है ये कतई निकलना ही नहीं चाहते तो ये जो 6s के इलेक्ट्रॉन है ये वही पेयर है जो इनर्टनेस शो करता है ये निकलना ही नहीं चाहता अब सवाल आता है क्यों नहीं निकलना चाहता p तो निकल गया ये क्यों नहीं निकलना चाहता उसका जवाब ये है कि देखिए न्यूक्लियस ऐसा होता है यहां मान लीजिए तो s ऑर्बिटल स्फेरिकल है s ऑर्बिटल स्फेरिकल है लेकिन प ऑर्बिटल कैसा होता है जी पी ऑर्बिटल डंबल की तरह होता है तो एक बात सोच कर देखो कि दो इलेक्ट्रॉन तुमने कहां डाल दिए इस गोले के अंदर एक इलेक्ट्रॉन डाल दिए आपने इस डंबल के अंदर कहां से निकलवाना आसान होगा अरे डंबल जो है न्यूक्लियस से दूर होता है ये जो सर्कल है क्योंकि ये जो सर्कल नहीं स्फेयर जो ये आपका एस ऑर्बिटल स्फेयर है उसको न्यूक्लियस ने एकदम पकड़ के रखा हुआ चारों तरफ से उनके इलेक्ट्रॉन की डेंसिटीज को वो कहीं जाने ही नहीं देना चाहता क्योंकि न्यूक्लियस को उसने चारों तरफ से घेर कर रखा हुआ है लेकिन डंबल ने तो चारों तरफ से नहीं घेरा हुआ है इसलिए डंबल पर ज्यादा फोर्स ऑफ अट्रैक्शन नहीं है तो ये आसानी से निकल सकता है लेकिन ये आसानी से निकल नहीं सकता है यही वो वजह है जिसकी वजह से नेचर कहता है मैं क्यों ज्यादा झंझट पालू मैं तो भैया सारे प्लस वन वाले बना देता हूं इसलिए नेचर में ज्यादातर t+ 1 के क्या मिलते हैं भैया कंपाउंड्स मिलते हैं ये लॉजिक सिखा रहा हूं भैया जी कहां पर आपको माइंड मैप की सीरीज में जबकि हमें डाटा बताकर आगे बढ़ना था कोई बात नहीं इतनी बातों से आपको क्लियर हो गया होगा कि देखो भैया कार्बन को अगर मैं लिखूं तो मैं लिखूंगा 2s 2 2p 6 सेम कहानी यहां लास्ट में लिखूंगा 6s 2 6p 2 तो मैं कहूंगा ये चारों निकालना आसान है तो कार्बन के + फ बन जाएंगे विद रिस्पेक्ट टू कार्बन के प्लस 2k यहां पर चारों निकाल कर के वो अपने आप को इनर्ट बनाना ज्यादा पसंद करता है क्योंकि नीचे वाले में वो निकालने के बावजूद भी इनर्ट नहीं बनते जी हां तो इसलिए वो सिर्फ क्या निकालते हैं ये निकालते हैं अभी भी 6s के कोई भी इलेक्ट्रॉन यहां से नहीं निकलता है यही वजह है हम कहते हैं कि लेड का + ट इज मोर स्टेबल देन लेड के + फ से इस गेम को आप समझ गए होंगे तो आपको समझ में आएगा कि नाइट्रोजन में हम लिख देते हैं 2s 2 2p 3 यहां पर क्या लिखे लिखेंगे जी बाकी लिखते रहना यहां 4s एंड 5d तो यहां पर लिख दो ये 6s 2 एंड हम लिख देंगे 6p 3 तो 6p 3 तो निकल जाएगा लेकिन 6s से नहीं निकलेगा इसलिए बिस्म में तीन इलेक्ट्रॉन निकले तो 3+ ये ज्यादा बनेगा विद रिस्पेक्ट टू + 5 तो नेचर में ज्यादातर कंपाउंड किसके पाए जाएंगे + 3 के अब देखो ऐसा नहीं होता कि एक को + 5 के नहीं पाए जाएंगे ऐसा नहीं होता कम पाए जाएंगे ये होता है तो स्टेबल होने का मतलब है कि इसके सबसे ज्यादा पाए जाएंगे इसका मतलब आप ये कहना चाह रहे हैं कि तीन ग्रुप ये जो आपको सामने दिख रहे हैं 13 14 15 इनके जो लास्ट एलिमेंट हैं ये लोग इनमें आप ये कहना चाहते हैं कि जो लोअर ऑक्सीडेशन स्टेट है जो लोअर ऑक्सीडेशन स्टेट है वो ज्यादा स्टेबल होता है यस जनाब मैं यही कह रहा हूं तो टॉप टू बॉटम जाने पर स्टेबिलिटी ऑफ हाई ऑक्सीडेशन स्टेट घटता है ऊपर से नीचे जाएंगे तो हाई वाला देखो ज्यादा स्टेबल नहीं रह जाता तो हाई ऑक्सीडेशन स्टेट हाई ऑक्सीडेशन स्टेट जो है उसकी स्टेबिलिटी घटती है ऊपर + 3 ज्यादा स्टेबल था नीचे + 3 कम स्टेबल है यहां + 4 ज्यादा स्टेबल है यहां + 4 कम स्टेबल है यहां + फ नाइट्रोजन का + फ इज मोर स्टेबल देन नाइट्रोजन के + 3 से ठीक है जी तो यहां पर ये रीजन बन जाएगा अगला स्टेबिलिटी ऑफ लोअर ऑक्सीडेशन स्टेट बढ़ता है ऊपर से नीचे जाएंगे लोअर ऑक्सीडेशन स्टेट आपको अच्छा मिलने जाएगा स्टेबल मिलने लग जाएगा अब इसका इंपैक्ट देखिए रीजन क्या है ड्यू टू पुअर शिल्डिंग ऑफ डी एंड ए ऑर्बिटल यही कहानी कि भैया फोर में f था ये देखिए फाइव में d था ये जो लोग हैं ये पूर शिल्डिंग करते हैं इसकी वजह से जो ये न्यूक्लियस है ये 6s के इलेक्ट्रॉन को तो बहुत अच्छे से पकड़ लेता क्योंकि वो स्फेरिकल था एक बात सोच के देखो ये पुअर शिल्डिंग कर रहे थे अच्छा जी इसका मतलब ये है कि इनका न्यूक्लियस इन इलेक्ट्रॉन पर अच्छे फोर्स ऑफ़ अट्रैक्शन लगाएगा अच्छे से लगाएगा लेकिन p पर नहीं लगा पाएगा क्यों क्योंकि p कोई स्फेरिकल सेल के अंदर नहीं स्फेरिकल ऑर्बिटल के अंदर नहीं है स्फेरिकल ऑर्बिटल में सिर्फ दो लोग इवॉल्व हैं दो लोग हैं सिर्फ दो लोग हैं सिर्फ दो लोग हैं तो ये लोग नहीं निकलेंगे कौन निकलेगा सिर्फ 6p वाले निकलेंगे है ना आइए अगला पढ़ देते हैं ठीक है आइए अगला है स्टेबिलिटी ऑफ़ ऑक्सीडेशन स्टेट वैसे मैं बता चुका हूं है ना ऊपर से नीचे जाएंगे तो देख लो एक बार देख लो ऊपर से नीचे जाएंगे तो लोअर ऑक्सीडेशन स्टेट नीचे स्टेबल होता है + व ज्यादा स्टेबल है यहां पे लेकिन ज्यादा वाला कहां स्टेबल ऊपर की तरफ ज्यादा वाला ऊपर की तरफ सिंपल है ना तो ये बातें सब में आप लागू कर लीजिएगा ठीक है अब आइए एप्लीकेशन पार्ट पे स्टेबिलिटी ऑफ कंपाउंड सिंपल है देखिए यहां पर आप लेड पे चेक करिए ऑक्सीडेशन स्टेट ऑक्सीजन का कितना होता है -2 तो लेड पे क्या आएगा + 2 यहां पर लेड पे कितना आएगा + 4 तो + 4 इज मोर स्टेबल देन + 2 अगला सुनिए यहां है भैया देखो क्लोरीन पे होता है -1 तो यहां पर लेड पे आ जाएगा + 2 यहां + 4 तो हम क्या कहेंगे भैया कौन ज्यादा स्टेबल + 2 इज मोर स्टेबल है ना अरे अच्छा यहां गड़बड़ कर दिया क्या अरे भैया + 4 कैसे होगा जी लेड पे तो इनर्ट गैस कॉन्फिन लगता है इसलिए हम यहां कह देंगे कि भैया + 2 इज मोर स्टेबल अच्छा जी अगला देखें हां जी पर थोड़ी ना लगेगा भैया लेड पर तो लगता है थैलियम पर लगता है बिसम मत पर लगता है इन पर तो लगता नहीं तो इनका जो + फ है वो ज्यादा स्टेबल है इनका + 2 कम स्टेबल है जर्मेनियम पे थोड़ी ना ये रूल अप्लाई कर देंगे जी हम इनर्ट पेयर इफेक्ट सिर्फ तीन जगहों पर लगाएंगे बाकी कहीं नहीं लगाएंगे sn2 है ये + 4 है एक बात बताओ मिस्टर मिस्टर यहां पर + 4 + 2 में ज्यादा स्टेबल कौन है जी + 4 क्योंकि कम वाला वही स्टेबल है जो लास्ट में है मतलब लेड है थैलियम या बिस्म है सिर्फ वहीं पर बाकी के साथ गेम मत खेलिए ये शानदार चीज है ये जान लीजिए कि जो tf3 होता है देखो फ्लोरीन हमेशा -1 में रहता है वो उसको किसी से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वो राजा आदमी है इलेक्ट्रोनेगेटिविटी का इसलिए हमेशा -1 में रहता है तो अगर ये हमेशा -1 में रहेगा तो थ ऐसा बन जाएगा f माइ तो इसका मतलब t पर कितना बन जाएगा + 3 बन जाएगा t पर + 3 और साथ में 3f - यहां देखो यहां पर t पर क्या हो जाएगा जी आप कहेंगे सर यहां पर भी सेम होगा नहीं क्योंकि यहां आयोडीन जो है कोई जरूरी नहीं कि हमेशा -1 में ही रहे क्योंकि वो उसके बहुत ज्यादा ऑक्सीडेशन स्टेट पॉसिबल है + 7 + 5 + 3 कुछ भी पॉसिबल है तो यहां पर कैसे रहता है कि यहां पर वही रूल लग जाएगा इनर्ट पेयर वाला तो यहां पर क्या होगा t का + 1 ये पूरे पर माइनस तो i3 माइनस करके आपने एक स्ट्रक्चर पढ़ा होगा कहां पर पढ़ा होगा बोलो बोलो केमिकल बॉन्डिंग चैप्टर में तो tli3 में t जो है वो + 1 है लेकिन फ्लोरीन के साथ ये काम नहीं चलता एक्चुअली क्या होता है फ्लोरीन एक ऑक्सीडेंट है तो अगर वो + व उसके पास भी आया तो उसको ऑक्सीडो + 3 कर देता है ये एक्चुअल रीजन होता है देखो मैं समझा देता हूं कि जो फ्लोरीन होता है ना f2 बहुत ही शानदार ऑक्सीडेंट है ऑक्सीडेंट का नेचर होता है खुद को क्या करना रिड्यूस करना तो देखो खुद को उसने क्या किया f2 जीरो यहां फ्लोरीन का जीरो ऑक्सीडेशन स्टेट है कृपया ध्यान दें यहां फ्लोरीन का जीरो ऑक्सीडेशन स्टेट है उसको अपने आप को रिड्यूस करके उसने -1 कर लिया तो अगर उसके सामने t+ 1 आ भी गया तो ये तो सबका भैया दादाजी है ये ऑ ऑक्सिडाइजिंग पावर में दादाजी है इनके सामने किसी की नहीं चलती अच्छा इसका मतलब आप कह रहे हो कि अगर इसके सामने t+ 1 आया तो अपने आप को ही वो प्लस 3 कर लेगा डर खौफ इतना है भैया जी इसलिए अब ये साथ रह सकते हैं अब ये साथ रह सकते हैं ये दोनों का भी साथ नहीं रख सकते कि t+ 1 और f माइ साथ रख दो नहीं भैया पॉसिबल ही नहीं है उसको तुरंत + 3 तक ले जाएगा क फ्लोरीन स्ट्रांग ऑक्सीडेंट है बल्कि स्ट्रांगेस्ट ऑक्सीडेंट के में आता है आइडेंटिफिकेशन ऑफ ऑक्सीडेंट एंड रिड्यूस एजेंट देखो जो हमारा लेड है + फ क्या वो स्टेबल नहीं कौन ज्यादा स्टेबल है सर लेड का प्लट ज्यादा स्टेबल है अगर एक बात बताएं ये कम स्टेबल ये ज्यादा क्या ये अपने आप से कन्वर्ट होना चाहेंगे क्या ये प्रोसेस अपने आप स्पॉन्टेनियसली हो पाएगी यस ये आराम से हो जाएगा क्योंकि ये ज्यादा स्टेबल है क्यों स्टेबल है इनर्ट पेयर इफेक्ट की वजह से ये ज्यादा स्टेबल है क्योंकि इसके 6s के इलेक्ट्रॉन क्या कर रहे हैं बॉन्डिंग में पार्टिसिपेट नहीं करें वो निकलना नहीं चाह रहे इसलिए ज्यादा स्टेबल ये होते हैं अब एक बात सोच के देखो ये रिएक्शन अपने आप होना चाहती है अच्छा मतलब कह रहा हूं कि लेड खुद को क्या कर रहा है रिड्यूस कर रहा है प्लस फोर से + ट खुद को जो रिड्यूस करता है वो क्या कहलाता है ऑक्सीडेंट कहलाता है अगर तुमको कोई बाजार में ये कहते हुए मिल जाए कि लेड का जो + फ है वो एक ऑक्सीडेंट है कहना हां भाई है क्योंकि वो खुद को रिड्यूस करता है + ट में ले जाता है क्यों ले जाता है क्योंकि ये वाला ज्यादा स्टेबल है ड्यू टू इनर्ट पेयर इफेक्ट लेकिन टिन के साथ देखो क्या है टिन का प्लट थोड़ी ना स्टेबल है ज्यादा कौन स्टेबल है + 4 ज्यादा स्टेबल है क्योंकि इस पर इनर्ट पेयर इफेक्ट तो लगता नहीं आपको पढ़ाया था कि टन पर क्या होगा + फ ज्यादा स्टेबल है अच्छा जो खुद को ऑक्सीडो दूसरे को क्या करेगा रिड्यूस करेगा इसीलिए वो रिड्यूस एजेंट है अगर बाजार में कोई मिल जाए कहते हुए कि एक बत बताइए भैया sn2 जो है रिड्यूस ंग एजेंट है क्या तो कहना हां क्यों क्योंकि वो खुद को ऑक्सीडक्सी इइ करके s + 4 में बनाने में लगा हुआ क्योंकि इसका तो + 4 ज्यादा स्टेबल है है ना जी इनर्ट पेयर इफेक्ट की वजह से + ट ज्यादा स्टेबल है किसका लेड का लेकिन यहां कोई इनर्ट पेयर इफेक्ट नहीं है तो नॉर्मल कंडीशन में भी + 4 इज मोस्ट स्टेबल अरे भाई यही तो पढ़ाया था हमने हां अगला सुनिए अगर मान लो कहीं pbcl4 मिल गया तो अपने आप को तुरंत तो वो pbcl2 में कन्वर्ट कर देगा क्योंकि + 4 + 2 में चला जाएगा सेम कहानी sncl2 है उसके सामने क्लोरीन प्रेजेंट हैं मान लो क्लोराइड के फॉर्म में तो उसको कहां लेकर के आ जाएगा sncl4 में ये अपने आप से होगा लेड का जो + 4 है यहां + 4 है वो अपने आप को + 2 बनाना चाहेगा तो पीब में कन्वर्ट करेगा बाकी साथ में ऑक्सीजन निकलेगा शायद आपको समझ में आ रहा होगा sno2 बनना पसंद करेगा है ना इसका मतलब कोई कहे कि ि एजेंट है तो कहना हां लेकिन कोई कहे pbo2 एक ऑक्सीडेंट है तो कहना हां भैया एकदम सही कह रहे हैं आप अगला देखें एसिस्टेंट एंड नॉन एसिस्टेंट कौन एजिस्ट करता है कौन नहीं करता तो सुन लीजिए तो जो टी का प्लस थ है ठीक है जी लेड का प्लस फ है बिस्म का प्लस फ है ये लोग बहुत ज्यादा जो इलेक्ट्रोनेगेटिव एलिमेंट होते हैं उनके साथ ये हायर ऑक्सीडेशन स्टेट में सरवाइव कर जाते हैं कभी-कभी फ्लोरीन के साथ कभी-कभी ऑक्सीजन के साथ भी सरवाइव कर जाते हैं इनके साथ दिखते हैं लेकिन बाकियों के साथ ये नहीं दिखते ठीक है जी ध्यान रखना बाकियों पर इनर्ट पेयर इफेक्ट लगा लेना लेकिन फ्लोरीन के साथ कंडीशन क्या है कि फ्लोरीन एक स्ट्रांग ऑक्सीडेंट होने की वजह से अगर किसी के लोअर ऑक्सीडेशन स्टेट को भी पाता है तो उसको हायर ऑक्सीडेशन स्टेट में ले जाकर जंप करवा देता है बस फ्लोरीन इनके हाईएस्ट ऑक्सीडेशन स्टेटस के साथ स्टेबल रहता है सिर्फ फ्लोरीन के साथ ये नेचर है हां कहीं-कहीं ऑक्सीजन भी दिखाई देगा क्योंकि ऑक्सीजन भी एक इलेक्ट्रोनेगेटिव एलिमेंट ही है फ्लोरीन के जस्ट बाद आता है भैया हां अब देखो pbf4 और pb4 सवाल ये है कि क्या ये एजिस्ट करता होगा तो ये तो करता ही होगा क्या दिक्कत है बताओ यहां पर लेड पे क्या है + 4 साथ में कौन है 4f नेगेटिव सर आप तो कह रहे थे कि लेड का प्लसटू ज्यादा स्टेबल होता है लेकिन फ्लोरीन के साथ नाटक नहीं चलता ना भाई क्योंकि फ्लोरीन राजा आदमी है ऑक्सीडेंट तुम इसके पास लाओगे वो खुद ही उसको क्या कर देगा + 4 में कन्वर्ट करा देगा इसीलिए ये आराम से इस फॉर्म में स्टेबल है इसमें कोई दिक्कत नहीं है प्रश्न आता है कि क्या ये है इनको चेक कर लेते हैं तो हमने चेक करने की कोशिश करी तो हमें पता चला भैया यहां पे अगर मैं ये लिखता हूं कि 4 आ नेगेटिव तो पता चलेगा नहीं भैया ये नहीं हो पाएंगे पता है क्या रीजन है क्योंकि यहां लेड का जो प्लस फोर है वो अब ऑक्सीडो का था यहां तो फ्लोरीन का था ऑक्सीडो में रह लिए लेकिन यहां पर देखो क्या है ये जो आई नेगेटिव है ना इसके पास रिड्यूस नेचर है क्या है रिड्यूस नेचर है आई नेगेटिव खुद को चाहता है आपने एचआई पढ़ा होगा एज अ रिड्यूस एजेंट तो आ जो है ना अपने आप को i2 में कन्वर्ट कराता है मतलब बल्कि कहूं आयोडाइड तो i - i2 में खुद को कन्वर्ट कराना चाहता है उसकी अपने से इच्छा होती है लेकिन अगर उसको सपोर्ट मिल जाए किसका जी किसका मिल जाए बोलो बोलो लेड प् 4 का तो यहां में से दो आ नेगेटिव कहां चले जाएंगे i2 बनाने चले जाएंगे तो इसमें से दो आ नेगेटिव चले जाएंगे तो बचेंगे कितने 2 आ बचाएंगे है ना और ये भाई साहब क्या कर रहे हैं i माइनस से i2 बना रहे मतलब इनको ऑक्सीडेंट भी तो होंगे और ये साथ में रिड्यूस हो कर के क्या हो जाएंगे ये हो जाएंगे है ना जी दोबारा बताऊंगा मुझे पता है कईयों को समझ में नहीं आया होगा ये बात इतनी खोपड़ी में जल्दी नहीं जाती ये स्टेबल क्यों था क्योंकि फ्लोरीन एक ऑक्सीडेंट है वो वो हाईएस्ट ऑक्सीडेशन स्टेट को सरवाइव कर सकता है रह सकता है लेकिन यहां पे देखो i माइनस और लेड प्लस 4 में आप कहेंगे भैया आ माइनस एक रिड्यूस ंग एजेंट है वो खुद को ऑक्सीडक्सी ाइंगकिओंग जेंट है तो ये क्या करेंगे इनको ऑक्सीडेंट कर देंगे अगर ये इनको i2 बनाएंगे लेकिन खुद को तो रिड्यूस करना पड़ेगा ना अरे नालायक यहां पे देखो दो i माइन से i2 बना है तो दो इलेक्ट्रॉन गए कहां ये खा गए दो इलेक्ट्रॉन खाकर ये क्या बन गए + 2 इसीलिए हम कहते हैं कि जो pbi4 होता है वो एक्चुअली pbi4 के फॉर्म में ना रह के pbi2 + i2 में कन्वर्ट हो जाता है तो हम कहेंगे pbi4 स्टेबल नहीं होता बल्कि वो pb2 स्टेबल होता है इसलिए वो वो इसमें कन्वर्ट हो जाता है ठीक है लेकिन यहां चलेगा यहां कोई दिक्कत की बात नहीं है अब पढ़िए थोड़ा अंग्रेजी ये देखिए क्या लिखा है पढ़िए पढ़िए द वेल करैक्टर इज्ड विस्मत + फ कंपाउंड इज विस्मत + फ के साथ क्या बनेगा b5 ओबवियसली अगर भैया + 5 है तो पांच फ्लोराइड लगाओगे ड्यू टू स्ट्रांग ऑक्सीडक्सी की लाइने हैं और ये सब आना चाहिए थर्मल स्टेबिलिटी का मतलब होता है भैया जी जो हीट बर्दाश्त कर सके जो हीट पाने पर टूटे ना उसको कहते हैं थर्मली स्टेबल होना ज्यादा स्टेबिलिटी कहां मिलेगी जी बोलो बोलो बोलो इनमें थर्मली ज्यादा स्टेबल कौन होगा आप कहेंगे कि देखो सर यहां कार्बन पे + फ है यहां पे देखो सर सब पे + फ है सब पे + फ और एक बात हमें पता है कार्बन का + फ ज्यादा स्टेबल है विद रिस्पेक्ट टू इन सबके है ना और इसका तो + फ स्टेबल ही नहीं होता यही रीजन है कि pbcl4 हीट बर्दाश्त नहीं कर पाता pbcl4 हीट बर्दाश्त नहीं कर पाता क्योंकि हीट पाते ही वो अपने आप को pbcl2 और cl2 में कन्वर्ट कर लेता है ऐसा क्यों कर रहा है भैया क्योंकि ये हीट बर्दाश्त नहीं कर पाता क्यों क्योंकि लेड का + फ ज्यादा स्टेबल नहीं है इसलिए + ट में ही जाना चाहता है तो हल्का सा हीट पा जाए तुरंत वो प्लट में अपने आप को कन्वर्ट करा लेगा समझ में आया ये इसलिए अपने आप को इस तरीके से तोड़ लेते हैं लेकिन प्रश्न अगर ये हो कि भैया इसमें बताओ ज्यादा स्टेबल कौन है तो आप कहेंगे कि अबकी बार लेड का + ट है भैया तो लेड का प्लसटू इज मोर स्टेबल तो जब लोअर ऑक्सीडेशन स्टेट नीचे की तरफ जाए तो ज्यादा स्टेबल मिलता है ऊपर की तरफ क्या होता है प्लसटू कम स्टेबल होता है कार्बन के कंडीशन में आप यहां बोल सकते हैं आइए अगली चीज पढ़नी है ऑक्साइडस वैसे मैंने शायद इसको पढ़ाया हुआ है कहां पे पढ़ाया था पीरियोडिक टेबल चैप्टर में पढ़ाया हुआ था ठीक है वैसे शायद मुझे नहीं पढ़ाना चाहिए लेकिन एक बार मैं आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूं जिन बच्चों ने नहीं पढ़ा है कृपया जा कर के एक बार देख लीजिए पीरियोडिक टेबल चैप्टर में ये एक ब्रह्म बाण है इसके अलावा मैंने अपने मास्टर्स करने में केमिस्ट्री में कहीं यूज नहीं किया सारे कांसेप्ट यही लगते हैं एक बस कैडमियम ऑक्साइड होता है जिस जो तुम्हारे सिलेबस के के हिसाब से बताया नहीं जाता कैडमियम ऑक्साइड जो होता है वो भी एंफोटेरिक नेचर का बिहेवियर दे देता है क्योंकि वो एसिड बेस दोनों से रिएक्शन करता है बट वो आपके सिलेबस के हिसाब से थोड़ा सा बाहर है वही एक फैक्टर है जो तुम्हारे मास्टर्स में एक्स्ट्रा था बाकी ये सब सेम है सब सेम है बेसिक ऑक्साइड एंफोटेरिक ऑक्साइड न्यूट्रल एंड एसिडिक ऑक्साइड तो पहले देखते हैं ये याद करिए याद कैसे करना है आज फिर सब कार वेंटो 13 आज फिर सब कार वेंटो 1 तो आज में क्या आता है ए ए ए आज हम लिखेंगे आज में कितने शब्द आ गए भैया है ना शब्द नहीं जी कितने वर्ड्स आ गए आज कैसे लिखेंगे ए ए एस फिर कैसे लिखेंगे देखना स्पेलिंग में थोड़ा सा अंतर रहेगा फिर में + थ हो जाएगा सब एक दो तीन तो यहां पर लिखिए प् थ कार सी ए आर 1 दो तीन तो यहां पर वेंटो वी ई एन टी ओ एक दोती च पाच तो प्लस फ 13 में टीई आर ए प् 4 बस ऐसा बना दिया है कि जीवन में ना भूलो तो इन एलिमेंट्स के ये ऑक्साइड ये पर्टिकुलर ऑक्साइडस अगर ये ऑक्सीडेशन स्टेट के साथ कोई ऑक्साइड बनाए तभी वो एंफोटेरिक होंगे नोट डाउन कर लीजिए जो मैंने क्या बताया आज फिर सब कार वेंटो 13 जितने जितने अल्फाबेट्स हैं वही इनके ऑक्सीडेशन स्टेट बना दीजिए अगर ये इसी ऑक्सीडेशन स्टेट में कहीं ऑक्सीजन के साथ दिखें तभी आप इनको एंफोटेरिक मानना जैसे as2 o3 एंफोटेरिक है क्योंकि यहां पर आर्सेनिक पे + 3 है क्या आर्सेनिक पे प्लस थ बट नीचे सुनो जान सुनो बे आलिया पब गई यहां पे जो बाकी लोग लिखे गए हैं इनमें कोई ऑक्सीडेशन स्टेट चेक करने की जरूरत नहीं है केवल क्या देखो कि अच्छा जिंक ऑक्सीजन के साथ था अगर जिंक ऑक्सीजन के साथ था तो पक्का कुछ उसका चल रहा होगा और वो एंफोटेरिक ऑक्साइड होंगे बाकी किसी को देख लो आप टिन को देखो टिन का टिन दिख जाए तो नीचे वाली लाइन में कोई ऑक्सीडेशन स्टेट चेक नहीं करना खाली ये देखो अच्छा टीन ऑक्सीजन के साथ घूम रहा था पक्का कुछ इनका चल रहा है जी ये एंफोटेरिक ऑक्साइड हो इस तरीके से लिख दीजिए सेम कहानी लेड के साथ है लेड का कोई भी ऑक्साइड हो चाहे आप कुछ भी बना लो pb3 o4 ये सारे के सारे एंफोटेरिक हैं तो नीचे लिखे गए एलिमेंट्स का कोई भी ऑक्सीडेशन स्टेट हो वो क्या होगा एंफोटेरिक होगा लेकिन ऊपर लिखे गए लोगों का यही स्पेसिफिक ऑक्सीडेशन स्टेट्स होने जरूरी है जैसे कि एग्जांपल के तौर पर मैं आपके सामने अगर मैं प्रस्तुत कर दूं कि cr2 o3 बनाइए तो ध्यान रखिए क्रोमियम आता है यहां पे भैया एंफोटेरिक में और क्रोमियम पे + 3 है तभी वो एंफोटेरिक है अगर + स हो गया तो एंफोटेरिक नहीं है + ट है तो एंफोटेरिक नहीं है रे बाबा हां सर याद रहेगा हमेशा पहले पेपर में कुछ आई पहले दिमाग में एंफोटेरिक नाचना चाहिए एंफोटेरिक यही इतने होते हैं इसके अलावा कच नहीं होते ठीक है जी हां न्यूट्रल की बात करें तो ये तीन लोग न्यूट्रल हैं कौन कार्बन मोनोऑक्साइड नाइट्रिक ऑक्साइड एंड नाइट्रस ऑक्साइड ये नाइट्रिक ये नाइट्रस ठीक है अगले पर आ जाते हैं आपने सुना होगा कि मेटल्स के जो ऑक्साइड होते हैं वो बेसिक होते हैं लेकिन आज आपका देखिए दिमाग ठीक करता हूं मैं जो मेटल है अगर वो + 1 में है + 2 में है और + 3 में है तभी उस मेटल का जो ऑक्साइड होगा वो बेसिक होगा सर इसके हिसाब से तो al2 o3 क्या क्या क्या al2 o3 एलुमिनियम क्या होता है एक मेटल है इस हिसाब से तो सर ये बेसिक होना चाहिए अरे बुद्धू बालक पहले हमें क्या देखना है एंफोटेरिक अगर एंफोटेरिक है तो बस मान मान जाओ कि एंफोटेरिक ही रहेगा देखो जान सुनो बे आलिया एलुमिनियम यहां दिख रहा है तो हम कहेंगे हां भैया ये एंफोटेरिक है तो हम ये कह रहे हैं कि इनमें वो लोग कंसीडर होंगे जो एंफोटेरिक नहीं है ओबवियसली है ना एंफोटेरिक की बात करें देखो मेटल का ऑक्साइड भी एंफोटेरिक होगा लेकिन तब मेटल पर + फ रहेगा ठीक है जैसे एग्जांपल के तौर पर आप लेना चाहे तो sno2 zro2 सॉरी sn1 मैग्नीज और z आ जर कोनियम ये दोनों डी ब्लॉक के एलिमेंट हैं और वो होते हैं मेटल डी ब्लॉक वाले सारे तो उनका क्या + 4 वाले क्या हो जाएंगे जी एंफोटेरिक एसिडिक ऑक्साइडस की बात करें तो आप ले सकते हो cr3 क्रोमियम पर + स है देखिए अगर क्रोमियम पर + 6 है + 5 है + 6 है + से है तो यह गारंटी है कि ये एसिडिक है गारंटी है भैया ये एसिडिक है mn2 o7 ले लीजिए ठीक है जी ये सब के सब एसिडिक है ओके अगर मैं एसिडिक की बात करूं तो नॉनमेटल के ऑक्साइड तो गारंटी के साथ क्या होते हैं क्या होते हैं भैया जी एसिडिक जैसे बोरनन सिल न नाइट्रोजन है ना फास्फोरस सल्फर अब कुछ लोग आ जाएंगे सर सिलिकन थोड़ी ना नॉन मेटल है है बिटुआ अब तुमको नहीं पता तो हम क्या करें सिर्फ पांच लोग मेटल इड होते हैं आज सबसे तेजी क्या आज सबसे तेजी केवल पांच लोग मेटल इड है आज सबसे तेजी मेटल इड होते हैं है ना देखो आज सब से तेज यही पांच लोग मेटल इड हैं बाकी कोई मेटल इड नहीं होता सिलिकन एक नॉन मेटल है मुझे पता है आप भैंस कर डालेंगे कोई बात नहीं है इसलिए मैं छोड़ रहा हूं नॉन मेटल के जो ऑक्साइड है वो निश्चित रूप से एसिडिक होंगे एग्जांपल देखना चाहे तो मैं लिख सकता हूं कि b2o 3 sio2 बताओ sio2 एसिडिक होता है कि नहीं होता है होता है तो नॉनमेटल का ऑक्साइड क्या होता है एसिडिक होता है ठीक है जी इस तरीके से आप देख सकते हैं और मेटल इड के ऑक्साइड भी क्या होते हैं भैया एसिडिक होते हैं ध्यान रखिएगा मेटल इड वाले भी क्या है जी एसिडिक होते हैं यूजुअली हम पाते हैं कि मेटल इड के ऑक्साइड क्या होते हैं एंफोटेरिक हम कहते हैं इसलिए कहते हैं क्योंकि कुछ-कुछ मैच करता हुआ आपको यहां दिखेगा कुछ-कुछ लेकिन सारा नहीं कुछ-कुछ यहां मैच करता हुआ आपको नजर आएगा ठीक है जी हां तो मेटल इड के ऑक्साइड वैसे ही जान लीजिए गारंटी के तौर पर एसिडिक होते हैं जो बताया जा रहा है वो परम सत्य है कुछ भी गड़बड़ नहीं है इनको आप चेक कर सकते हैं एग्जांपल के तौर पर मैं आपके सामने प्रस्तुत करूंगा हम जानते हैं कि आर्सेनिक क्या होता है मेटल इड है तो आर्सेनिक पर जब + ट ऑक्सीडेशन + 3 ऑक्सीडेशन स्टेट है इसका मतलब वो एंफोटेरिक है देखो यह तो एंफोटेरिक है लेकिन अगर यही आर्सेनिक यही आर्सेनिक पर + फ होता यही आर्सेनिक पर + फ होता तो हम इसको यहां गिने गे कि भैया वो क्या है एसिडिक है ठीक है तो + 3 वाला तो दिया गया था कि वो एंफोटेरिक है लेकिन + फ वाला मेटलाइट का ऑक्साइड कैसा होगा एसिडिक होगा अब इस तरीके से एक चीज और समझ में आती है कि जैसे-जैसे ऑक्सीडेशन नंबर बढ़ता जाता है उस हिसाब से एसिडिटी बढ़ती है देखो जितना ज्यादा ऑक्सीडेशन स्टेट उतना ज्यादा एसिडिक होने का चांस उसका रहता है अब बात आती है बॉन्ड डिसोसिएशन एनर्जी की ठीक है बॉन्ड डिसोसिएशन एनर्जी का मतलब मिनिमम एनर्जी रिक्वायर्ड टू ब्रेक अ बॉन्ड किसी बॉन्ड को तोड़ने में जो मिनिमम एनर्जी लगती है वही उसकी बॉन्ड डिसोसिएशन एनर्जी है अब सिंपल सी बात है जो बॉन्ड ज्यादा मजबूत होगा जो बॉन्ड सबसे छोटा होगा वही मजबूत होगा और उसको तोड़ने में ज्यादा एनर्जी लगती है लॉजिक यही कहता है तो कार्बन कार्बन और सिलिकन सिलिकन में देखें तो कार्बन कार्बन तो दोनों छोटे-छोटे हैं छोटे-छोटे साइज के हैं तो छोटे-छोटे जो होंगे वो बहुत अच्छा से सिग्मा बॉन्ड बनाएंगे लेकिन सिलिकॉन होता क्या जितने ज्यादा साइज बढ़ती जाती है एटम्स की ना तो सिग्मा अच्छा बनता ना तो पाई अच्छा बनता है तो जब छोटे रहते हैं तो वो सिग्मा अच्छा बनाते हैं इसका मतलब क्या हुआ कि ये जो बॉन्ड है इसको तोड़ना कठिन होगा इट इज टफ टू ब्रेक इस बॉन्ड को तोड़ना कठिन होगा बट इस सिलिकॉन सिलिकॉन के इस बॉन्ड को तोड़ना आसान है क्यों क्योंकि ये दोनों साइज में बड़े-बड़े हैं साइज में बड़े-बड़े लोग ज्यादा अच्छे से ओवरलैप नहीं कर पाएंगे अगर ज्यादा अच्छे से ओवरलैप नहीं कर पाएंगे तो इनके बीच में ज्यादा अच्छा बॉन्ड नहीं बनेगा अगर ज्यादा अच्छा बॉन्ड नहीं बनेगा तो इसको तोड़ना आसान होगा अगर इसको तोड़ना आसान होगा तो बॉन्ड डिसोसिएशन एनर्जी इसकी कम आएगी क्योंकि इसको तोड़ना आसान है इसको तोड़ने में कम एनर्जी लग रही है ज्यादा एनर्जी कहां खर्च हो रही है भैया कार्बन कार्बन के बॉन्ड को तोड़ने में हो रही है सिंपल बात जहां साइज छोटा था वो बॉन्ड स्ट्रेंथ था बहुत अच्छा था मजबूत था तोड़ने में ज्यादा एनर्जी लगी उसको मैंने आगे कर दिया इस हिसाब से आप यहां भी सोचना शुरू करेंगे लेकिन यहां पर थोड़ा सावधान होना है क्योंकि इन तीनों में एक कॉमन फैक्टर निकल के आएगा कृपया ध्यान देंगे इन तीनों में एक अलग ही कॉमन फैक्टर दैट इज देखना क्या इलेक्ट्रॉन पेयर रिपल्शन यहां पे इलेक्ट्रॉन है यहां पे इलेक्ट्रॉन है अच्छा यहां फास्फोरस पर भी लोन पेयर होता है यहां पर फास्फोरस पर भी लोन पेयर है आप चेक कर सकते हैं आउटर सेल के इलेक्ट्रॉन को देखकर ठीक है अब एक बात समझो यहां तो निश्चित रूप से ये नाइट्रोजन नाइट्रोजन छोटे-छोटे थे बॉन्ड अच्छा बना रहे थे वो बल्कि बनाते भी हैं लेकिन जब वो करीब आते हैं क्योंकि छोटे हैं ना तो और बॉन्ड बना कर के करीब आ जाएंगे जब करीब आएंगे तो इनका लोन पेयर असली रूप दिखाता है और हर रिश्ते में यही होता है जब बहुत करीब आते जब तक थोड़ा मोड़ा फोर्स ऑफ अट्रैक्शन दूर-दूर रहते हैं तब तक चरित्र पहचान में नहीं आता जब बहुत अच्छे तरीके से गठबंधन कर लेते हैं शादी बियाह हो जाता है तब जाकर इनका सिड फुरल शुरू होता है तो ये यहां कहानी ये है कि रिपल्शन शुरू हो गया क्योंकि दोनों पर क्या हुआ जी दोनों पर एक ही जैसा भूत सवार है एक ही जैसा क्या है लोन पेयर इलेक्ट्रॉन की डेंसिटी इनका इलेक्ट्रॉन डेंसिटी इनके इलेक्ट्रॉन डेंसिटी को रिपेल करता है क्योंकि दोनों पर सेम चार्जेस हैं अच्छा अब इस पल्शन की वजह से क्या होगा नाइट्रोजन नाइट्रोजन का बॉन्ड यह जो बीच वाला है ये इजली टूट जाएगा एक बात बताओ किसी के घर में पहले से बहुत झगड़ा हो उस घर को तोड़ना आसान है कठिन सर यहां पर पहले से ही यह इलेक्ट्रॉन पेयर इस इलेक्ट्रॉन पेयर को रिपेल कर रहा था यहां रिपल्शन पहले से ही ज्यादा था तो ये बॉन्ड कमजोर पड़ गया इनके बीच का रिश्ता कमजोर पड़ गया बॉन्ड मतलब क्या होता है रिश्ता तो कमजोर पड़ गया तो आसानी से टूट जाएगा आसानी से टूट गया तो इसका बॉन्ड डिसोसिएशन एनर्जी क्या आएगा कम आएगा तो यहां लॉजिक ऐसा फेंक के मारेंगे सर ये तो एक्सेप्शन अरे तू नालायक है अरे भैया एक्सेप्शन कहां है जब ये छोटे साइज के थे पास आए लोन पेयर ने रिपल्शन मारा उनका परिवार टूटने को हो गया तो कम एनर्जी डाला तभी टूट गया लेकिन ये देखो यहां पर तो रिपल्शन हो ही नहीं पाएगा आसानी से पता है क्यों क्योंकि साइज में बड़े-बड़े हैं साइज में बड़े-बड़े हैं तो ये दूर-दूर है साइज में बड़े हैं दूर-दूर है रिपल्शन हो ही नहीं पा रहा है तो भैया जी इस बॉन्ड को तोड़ना अब कठिन हो रखा है इस यही लॉजिक फेंक के नीचे तक मार दीजिए जहां-जहां लोन पेयर मौजूद है ऑक्सीजन पर क्या रहता है दो-दो लोन पेयर होते हैं तो इस बॉन्ड को तोड़ना बड़ा आसान होता है यहां देखिए सल्फर की मैं बात करूं सल्फर की मैं बात करूं भैया देख लें यहां पर तोड़ना क्या होगा बड़ा आसान है सेम लॉजिक फेंक के मारिए कहानी बन जाती है ज्यादा नौ टंकियों की जरूरत नहीं है फ्लोरीन की अगर मैं बात करूं तो आप ध्यान रखिएगा कि फ्लोरीन पर तीन लोन पेयर होते हैं ठीक है जी क्लोरीन पर भी तीन-तीन लोन पेयर होते हैं और तीन-तीन लोन पेयर तो सत्यानाश कर डालेंगे इसलिए भैया उनको दूर ही रखिए बॉन्ड दूर रहे बॉन्ड बड़ा रहेगा क्योंकि साइज में बड़े हैं तो ये स्टेबल है तबी जिंदा रहेंगे ठीक है लेकिन ये कमजोर हैं ये टूट जाएंगे इसलिए कहा जाता है कि फ्लोरीन आसानी से रिएक्शन में पार्टिसिपेट कर सकता है क्यों पता है क्योंकि ये इनका लोन पेयर आपस में ही झगड़ा कर रहा है तो f2 इसलिए ऑक्सीडो एजेंट अच्छा बन पाता है क्योंकि इनका आराम से क्या हो पाता है ब्रेक हो पाता है तोड़ पाते हैं हम इनको अच्छा अब एक चीज हमें याद रखनी पड़ेगी दैट इज कि ये पेपर में बहुत पूछा जाता है ध्यान रखिएगा ये आएगा भी ठीक है फ्लोरीन क्लोरीन ब्रोमीन आयोडीन हमें एक बात पता चल गया कि क्लोरीन का तो बॉन्ड डिसोसिएशन एनर्जी ज्यादा है विद रिस्पेक्ट टू फ्लोरीन लेकिन अगर मैं पूरे की बात करूं तो कहां लिखेंगे तो इसको याद रखना है cl2 फिर br2 फिर f2 फिर i2 सर इसको याद करवा दीजिए तो याद करने का तरीका है काला बंदर फिर इंडिया में काला बंदर फिर इंडिया में और इंडिया में आ भी गया तो क्या करेगा जी तोड़फोड़ मचाएगा ठीक है जी घरों में पड़े हुए चीजें क्या करेगा बंदर तोड़ डालेगा जी तो तोड़ने का काम चल रहा है यहां पर तो उस ऑर्डर को याद कर लीजिए काला बंदर फिर इंडिया में और बंदर का काम तोड़फोड़ मचाना है खोपड़ में बातें ठीक रहनी जरूरी है नौटंकी से ही सही एलोट पस क्या होते हैं तो सुनिए डिफरेंट फॉर्म्स ऑफ एन एलिमेंट है ना लेकिन हमें क्या करना है फिजिकल फेज सेम रखना आपने जीवन में जरूर सुना होगा क्या सुना होगा कि जो कार्बन होता है उसके तीन लोटोस पाए जाते हैं कौन-कौन से सर आप सुने होंगे कि भैया डायमंड होता है ग्रेफाइट होते है और फुल रींस होते हैं लेकिन आप देखें तो इन तीनों के फेजेस सेम ये तीनों ही सॉलिड फेज में पाए जाते हैं तो इन्हीं को एलोट पस कहते हैं तो एलोट पस क्या है भैया जी सेम फेज होगा लेकिन एलिमेंट का अरेंजमेंट ऐसा है रहने के इनके तरीके ऐसे हैं डिफरेंट फॉर्म में पाए जाते हैं उन्हीं डिफरेंट फॉर्म्स को एलोट पस कहते हैं हमें क्या-क्या पढ़ना है कार्बन फास्फोरस और सल्फर तो पहले पढ़ेंगे इन तीनों को डायमंड ग्रेफाइट फ्लोरीन फास्फोरस देखिए तीनों सॉलिड के फॉर्म में पाए जाते हैं रेड ब्लैक एंड वाइट इसी तरीके से सल्फर रोमिक एंड मोनोक्लिनिक यहां तक का सिलेबस आपका दिया गया है आइए देखते हैं निपटा हैं एलोट पस ऑफ कार्बन की बात करें तो बात हम डायमंड की कर लेते हैं डायमंड में क्या होता है कि एक कार्बन चार कार्बन से जुड़ा होता मतलब यह क्या करता है अपनी चारों वैलेंसी को चार कार्बन से सेटिस्फाई करता है उसके पास सिर्फ कार्बन कार्बन ही है बाकी कोई है नहीं क्योंकि हम कार्बन के ही तो एलोप पढ़ रहे हैं तो कार्बन के अलावा कोई और होने का चांस भी नहीं है अच्छा जी तो हर कार्बन क्या कर रहा है इसी तरीके से चार कार्बन से जुड़ा है हर कार्बन चार कार्बन से कनेक्टेड है हर कार्बन चार कार्बन से कनेक्टेड है देखें हर कार्बन क्या है चार कार्बन से इस तरीके से कनेक्टेड है अच्छा जी इसका मतलब हर कार्बन अगर चार कार्बन से कनेक्टेड है तो हर कार्बन यहां sp3 हाइब्रिडाइज्ड है एकदम सही बात है और हर कार्बन के अराउंड आप देखें तो हमें टेट्रा हैड्रन टीडी मतलब यहां लिख रहा हूं मैं टेट्रा हैड्रन ज्योमेट्री मिलती है तो हर कार्बन के अराउंड टेट्रा हैडल ज्योमेट्री मिलते है तो इस तरीके की शकल सूरतें होती हैं अब देखो क्योंकि हर जगह कार्बन कार्बन कार्बन कार्बन का बॉन्ड है इसका मतलब यहां पे सारे बॉन्ड डायमंड में क्या होते हैं सेम होते हैं एक जैसे होते हैं तो देख ले भैया डायमंड कैसा दिखता है क्रिस्टलाइन लेटिस क्रिस्टल की तरह उनका लैटिस होता है है ना जी और ये देखिए एक बात समझो यहां पर हो क्या रहा है है तो कुल मिला के कोवलेंको वेलेंट बॉन्डिंग हुई है इसको कहते हैं एक्सटेंडेड कोवलेंको शुरू हुआ तो लंबे दूरी तक एक्सटेंडेड मतलब पूरे मॉलिक्यूल में बहुत अच्छे तरीके से कोवलेंको वेलेंट बॉन्ड एक्सटेंडेड का मतलब होता है कि भैया एक बॉन्ड बना अगले से फिर बना अगले से फिर बना अगले से फिर बना हर जगह कोवलेंको है हां 3d नेटवर्क ही बनेगा ना जी कैसे अब भैया एक कार्बन जो है चार लोगों से जब टेट्रा हेडल अरेंजमेंट में जुड़ रहा है और जो टेट्रा हेडल अरेंजमेंट है वो 3डी अरेंजमेंट है अच्छा जी नेटवर्क ऑफ कार्बन एटम्स कोवलेंको इज होता है कोवलेंको की बॉन्ड लेंथ क्या होती है सेम होती है वेरी डिफिकल्ट टू ब्रेक एक्सटेंडेड कोवलेंको तोड़ना बड़ा कठिन है डायमंड इसलिए हार्डस्टॉप हाई पाया जाता है बहुत ज्यादा पाया जाता है ओबवियस बात है इसमें कोई रॉकेट साइंस नहीं पढ़ाया मैंने अब बात करते हैं ग्रेफाइट की थोड़ा इसको इज्जत समझना पड़ेगा ग्रेफाइट ना बहुत बड़ी सीट है मान लीजिए ठीक है उसका एक छोटू सा हिस्सा मैं आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूं जहां पर कार्बन एक दूसरे के थ्रू जुड़ कर के हेक्सागंस बनाते हैं क्या हेक्सागंस बनाते हैं अब एक बात देखो अब है तो कार्बन कार्बन ही तो क्या एक कार्बन सर तीन ही बॉन्ड बनाएगा नहीं क्या होगा वो देख लीजिए यहां पर इस तरीके से पाई बॉन्ड पाई बॉन्ड पाई बॉन्ड इस तरीके से पाई बॉन्ड बन जाएगा हर जगह इसको आप चाहो तो बढ़ा भी सकते हो सीट इधर भी बढ़ा दो सीट इधर भी बढ़ा दो कहीं भी कर सकते हो डबल बॉन्ड आप यहां लगा दो डबल बॉन्ड आप यहां लगा दो इस तरीके से आप पूरा बना सकते हो ठीक है ऐसा नहीं कि मैं छोड़ रहा हूं चाहो तो बना सकते हो लेकिन कितना बनाओगे समझने के लिए इतना काफी है अरे बोल रहे नालायक सर एक छोड़ गया चलो भैया य बना इसके आगे भी इस तरीके से होगा तो कुल मिला के आप एक चीज देख पा रहे होंगे कि यहां जो एक कार्बन है यहां जो ये वाला मान लीजिए कार्बन है उस कार्बन से कितने कार्बन जुड़े हैं एक इधर जुड़ा है एक इधर जुड़ा है दो कार्बन ऊपर देख देखिए तो डबल बॉन्ड बना कर के अगला कार्बन जुड़ा है मैं सिर्फ अभी एक कार्बन पर फोकस करना चाहता हूं इस वाले पे तो देखो इसका कार्बन का इलेक्ट्रॉन कहां खर्च हुआ है मुझे ये जानना है इस कार्बन के पास टोटल चार इलेक्ट्रॉन थे तो एक चला गया सिग्मा बनाने में दो तीन तीन सिग्मा बॉन्ड बनाने में खर्च हुआ लेकिन चौथा जो इलेक्ट्रॉन था चौथा इलेक्ट्रॉन खर्च हुआ है पाई बॉन्ड बनाने में ध्यान दीजिएगा जो फोर्थ इलेक्ट्रॉन आप देख रहे हैं ये ये कहां गया है भैया ये पाई बॉन्ड बनाने में खर्च हुआ है और जो पाई बॉन्ड्स होते हैं अगर वो इस तरीके से कंजुन्नी का मतलब डबल सिंगल डबल इस तरीके से आ जाए तो ये डबल सिंगल डबल में क्या होता है रेजोनेंस की फिनोमिना इजली परफॉर्म की जा सकती है इसलिए हम कहते हैं कि जो चौथा इलेक्ट्रॉन होता है वो कहीं बैठा नहीं रहता बल्कि पूरी सीट पर मूव करता रहता है एक जगह से घूमता रहता है दूसरी जगह तक क्योंकि यहां पर सीट के अंदर बहुत इजी रेजोनेंस पॉसिबल होता है बस अपनी लैंग्वेज में ढाल देते हैं फ्लैट लेयर्ड स्ट्रक्चर ऑफ हे गंस है निश्चित रूप से क्या रहता है हर कार्बन sp2 हाइब्रिडाइज्ड है अगर ये कार्बन sp2 हाइब्रिडाइज्ड है तो प्लेनर होने का पूरा चांस है और ये प्लेनर होता भी है कार्बन sp2 है एक मिनट लेयर्ड आर लेयर्स आर हेल्ड बाय वीक वंडरवॉल फोर्स ऑफ अट्रैक्शन ये तो लिखा है वंडरवॉल फोर्स ऑफ अट्रैक्शन जानते ही होंगे वंडरवॉल फोर्स ऑफ़ अट्रैक्शन तो समझिए जैसे मान लीजिए एक सीट है ग्रेफाइट की एक सीट दूसरी सीट के साथ वंडर बल फोर्स ऑफ अट्रैक्शन से जुड़ा होता है इनके बीच में कोई बॉन्ड नहीं होता दो सीट के बीच में ठीक है तो जो ग्रेफाइट है ये समझिए मान लीजिए इतनी मोटी ग्रेफाइट है तो इसमें लाखों लेयर्स अवेलेबल होती हैं और हर एक लेयर दूसरे के साथ वंडरवॉल फोर्स ऑफ अट्रैक्शन से जुड़ा होता है जो कि बहुत वीक होता है कार्बन कार्बन की जो बॉन्ड लेंथ है सारी सेम पाई जाएगी ड्यू टू रेजोनेंस ओबवियस सी बात है देखने में लगेगा देखो यहां डबल बॉन्ड है सिंगल बॉन्ड है लेकिन इन रियलिटी डबल सिंगल का कैरेक्टर खत्म हो जाता है अगर आपने रेजोनेंस पढ़ा हो तो इसलिए हम कहते हैं यहां पर रेजोनेंस की वजह से सारे कार्बन कार्बन के बॉन्ड सेम पाए जाते हैं अब देखिए ये मैंने एक सीट बनाई है ये मैंने एक दूसरी सीट बनाई है इन दोनों को कनेक्ट कौन कर रहा है जी इन दोनों को कनेक्ट कर रहा है ये देख लीजिए वंडरवॉल रेडियल कहां चले गए जी इतना जल्दी-जल्दी कैसे खुल जा रहा है यहां पर एक बात सुनिए इज्जत से बताना पड़ेगा जी एक लेयर ये है एक दूसरी लेयर ये है अब इन दोनों के बीच में क्या लग रहा है वंडर बल फोर्स ऑफ अट्रैक्शन लग रहा है ये जो फोर्स ऑफ अट्रैक्शन लग रहा है तो दोनों लेयर के बीच में समझिए कि थोड़ा हल्का सा फोर्स ऑफ अट्रैक्शन बहुत अच्छा फोर्स ऑफ अट्रैक्शन नहीं है अब एक बात समझो जो चौथा इलेक्ट्रॉन था वो क्या कर रहा है मान लो सीट में इधर से इधर घूम रहा है हर इलेक्ट्रॉन क्या कर रहा है इधर से इधर घूम रहा है तो इसका मतलब अगर मैं इलेक्ट्रिसिटी पास कराना चाहूं तो ये इलेक्ट्रॉन यहां से लेकर आगे तक इसको लेकर के जाएगा और ग्रेफाइट के बारे में आपको पता होगा कि उसके क्या बनते हैं इलेक्ट्रोड्स वगैरह बनते हैं ठीक है जी क्योंकि क्योंकि वो कंडक्शन कर सकता है इसकी क्षमता है आइए पढ़ते हैं कुछ और चीज अब देखो जो हमें एक चीज पता चली कि यार इन दोनों लेयर्स के बीच में ना बहुत ज्यादा फोर्स ऑफ अट्रैक्शन नहीं है तो एक दूसरे से एकदम चिपके नहीं हुए होते हल्का सा अगर इसको घुमाएंगे तो ऐसे घूम सकते हैं ऐसा एक दूसरे के ऊपर स्लिपरी बिहेवियर शो कर सकते हैं स्लिप कर सकते हैं और यही वजह है कि ये इनको ड्राई लुब्रिकेंट बना देती है ड्राई लुब्रिकेंट का मतलब समझना कहीं-कहीं आप देखते होंगे घर घरों में जब कहीं से आप समझिए कि जंग लग जाती है है ना जैसे आप मान लीजिए जिसको रस्टिंग कहते हैं रस्ट हो जाता है तो हम थोड़ा सा तेल वेल डाल कर के फिर उसको क्या करते हैं लुब्रिकेंट लगा तेल को ही लुब्रिकेंट कहते हैं तो उसकी वजह से थोड़ा स्मूथ हो जाता है फ्रिक्शन लेस बन जाता है पढ़ते हैं ना जी ये जानते हैं ना जी हां जीवन में कया ही होगा तो ऑयल डाल के तो वहां कर सकते थे अपने घर पे नॉर्मल टेंपरेचर लेकिन सोचो हाई टेंपरेचर मान लो 10 1000 डिग्री सेल्सियस का टेंपरेचर है अब कोई ऑयल डालोगे भाप बन के उड़ जाएगा तो उस कंडीशन में हमें जरूरत पड़ती है ड्राई लुब्रिकेंट की और ये एज अ ड्राई लुब्रिकेंट क्यों काम करता है क्योंकि इनका एक दूसरे पर स्लिप करने का बिहेवियर होता है लेयर्स का पढ़िए बहुत आसानी से समझ में आ जाएगा कि ग्रेफाइट क्लीवेजेस इजली बिटवीन इजली बिटवीन द लेयर्स देयर फोर इट इज वेरी सॉफ्ट एंड स्लिपरी फॉर दिस रीजन ग्रेफाइट इज यूज्ड एज ड्राई लुब्रिकेंट इन मशीनस रनिंग एट हाई टेंपरेचर वयर ऑयल कैन नॉट बी यूज्ड एज लुब्रिकेंट जो चौथा आपका इलेक्ट्रॉन होता है वो जो चौथा इलेक्ट्रॉन है वो पाई बॉन्ड की वजह से वो क्या करता रहता है जी रेजोनेंस करता रहता है इसी वजह से ये जो सीट है उसमें वो अच्छे तरीके से तो कंडक्शन करता है लेकिन सीट के परपेंडिकुलर नीचे सीट में तो ऐसे ड्रॉप तो होगा नहीं जी है ना तो हम कहते हैं कि ऊपर से नीचे अगर हम फ्लो कराना चाह ते हैं अपने इलेक्ट्रिसिटी को मान लो यहां से यहां तो आसानी से फ्लो नहीं होता सेमीकंडक्टर का बिहेवियर मिलेगा लेकिन ऐसे पास कराएं तो आराम से करेगा क्योंकि प्लेन में आराम से रेजोनेंस की फिनोमिना हो सकती है और यही वजह है कि ये लोग प्लेन में ग्रेफाइट क्या होता है गुड कंडक्टर है अलोंग द सीट बट सेमीकंडक्टर परपेंडिकुलर टू द सीट है ना जी आइए समझते हैं फ्लोरीन को फ्लोरीन का मतलब भैया कार्बन में कितने भा कार्बन कितने हैं जी 60 कार्बन है अब देखो यहां पे नंबर फिक्स है ग्रेफाइट में डायमंड में नंबर फिक्स नहीं है है ना वो लेयर बड़ी भी हो सकती है वहां कार्बन कार्बन की जो चेन बनाते हैं कोवलेंको गी जहां पर कोई कार्बन ऐसा होगा जिसकी वैलेंसी सेटिस्फाई नहीं हो पाएगी क्योंकि अगर सेटिस्फाई हो गई फिर से थोड़ा बड़ा हो जाएगा फिर से थोड़ा बड़ा हो जाएगा लेकिन ये कहां पर ये ग्रेफाइट एंड डायमंड में वहां हम नहीं बता सकते यहां कितने कार्बन है एगजैक्टली हम चाहे तो बढ़ा भी सकते हैं घटा भी सकते हैं इस तरीके से लेकिन यहां फिक्स है फुलरीन में 60 कार्बन होते हैं मैं आपको बताऊं ऐसे से फुलरीन है जहां पे 70 हैं अ 78 है 60 हैं बट आपके सिलेबस के हिसाब से 60 ही पढ़ना होता है तो अगर फिक्स कर दिया कार्बन नंबर तो हम ये कह सकते हैं कि यहां हर कार्बन क्या होगा एक कार्बन के साथ कनेक्टेड होगा मतलब एक दूसरे के साथ कनेक्टेड होगा और हर कार्बन की पूरी वैलेंसी सेटिस्फाई होगी क्योंकि नंबर फिक्स कर दिया गया है जी हां आइए देखते हैं दो तरीके की बॉन्डिंग दिखती है अ सॉरी दो तरीके के रिंग्स दिखते हैं फुलरिंग में एक होता है जी फाइव मेंबर रिंग एक है सिक्स मेंबर रिंग इनको कहते हैं पेंटागंस इनको कहते हैं हेक्सागंस जो पेंटागंस होते हैं उसमें देखिएगा इनके जो बॉन्ड है उन पर इनके बगल में सिक्स लेयर का एक सॉरी सिक्स मेंबर्ड रिंग होगा इसके इस बॉन्ड पर सिक्स मेंबर्ड इस पर सिक्स मेंबर्ड इस पर सिक्स मेंबर्ड इस पर सिक्स मेंबर्ड मतलब जो पेंटागन है उसके पांचों बॉन्ड्स पर सिक्स मेंबर्ड रिंग्स लगे होते हैं लेकिन हेक्सागंस में एक अगर सिक्स है तो अगला फाइव यहां सिक्स है तो अगला फाइव यहां सिक्स है तो अगला फ याद करना बड़ा आसान होता है होते दो ही है या तो फाइव या तो सिक्स ठीक है अब देखो यहां पर तो आप ऐसे नहीं लिख सकते देखो 6 5 6 5 करके नहीं लिख पाओगे ऐसा देखो 6 5 5 6 ऐसे नहीं लिख पाओगे ना सिंपल है है ना अरे भैया पांच ही तो है लेकिन यहां पर देखो इवन नंबर है तो तभी आसानी से ऐसा आ रहा है देखो सिक्स के बगल में फाइव सिक्स के बगल में फाइव सिक्स के बगल में फाइव फाइव के बगल में सिक्स ठीक है जी ओके तो याद करना भी आसान होता है और ये कितना पाया जाता है जी ये पाया जाता है 12 कौन भैया 12 पाया जाता है ये जो पेंटागंस है वोह 12 पाए जाते हैं लेकिन हेक्सागंस 20 पाए जाते हैं तो 20 हेक्सागंस होते हैं लेकिन 12 पेंटागंस होते हैं फुलरीन के अंदर आई होप आपको यहां तक की बात समझ में आ रही हो देखिए एक पेंटागन मैंने आपके सामने प्रस्तुत किया और मैंने क्या बोला कि पेंटागन में सारे जो बॉन्ड्स है वो किसके द्वारा ढके जाएंगे सिक्स मेंबर्ड रिंग के द्वारा बनाए जाएंगे तो हर बॉन्ड पर देखिए सिक्स मेंबर्ड रिंग आएगा हर बॉन्ड पर यहां पर सिक्स मेंबर्ड रिंग इस तरीके से दिखाई देगा कृपया देखें देखिए हर पर क्या दिख रहा है सिक्स मेंबर्ड रिंग आपको यहां यहां पे नजर आ रहा है नजर आ रहा है अरे भैया बीच में फाइव मेंबर्ड है ये देखो सिक्स है सिक्स है सिक्स है सिक्स है सिक्स है तो कुछ इस तरीके का स्ट्रक्चर आपको देखने को मिलता है अब देखिए बाकी जो आपका सिक्स मेंबर्ड होगा उसमें अगर ये देखो ये जो सिक्स है अगर इसके बगल में ये वाला सिक्स हो गया मान लो इसको टारगेट करो तो सिक्स के बल में ये सिक्स हो गया तो देखिए अब क्या आता है सिक्स ये देखिए फाइव मेंबर्ड है ये देखिए फाइव मेंबर्ड है ठीक है फिर इसके पीछे इसके पीछे अगला वाला ये बॉन्ड किससे होगा छह फिर देखिए ये फाइव मेंबर्ड है फिर देखिए ये सिक्स मेंबर्ड है फिर देखिए ये फाइव में बर्ड है ऐसा देखिए पूरे सिक्स वाले पर है ना ये वाला जो है ये ये बना के दिखाऊं ये इसमें आप चेक करो देखो 65 65 दिख रहा है क्या देखो दिख रहा है क्या यस सर दिख रहा है तो कुछ इस तरीके का हमारा फुलरीन दिखाई देता है ये केज लाइक मॉलिक्यूल है अगर मैं इसको खोल दूं बीच में डाल दूं तो बीच में होलो स्फेयर है बीच में खाली जगह है ठीक है जी केज लाइक मॉलिक्यूल है शेप कैसा होता है सॉकर बॉल की तरह होता है इसको कहते हैं बकमिंस्टर फुल रिंग इस फुल रिंग को कहते हैं बकमिंस्टर फुलरीन अच्छा जी यहां पर पाई बॉन्ड्स पाए जाते हैं कहां पाए जाते हैं जी सिर्फ पेंटागंस में पाए जाते हैं तो ध्यान रखिएगा यहां पर जो भी पाए जाएंगे यह सब समझ में आ गया होगा आई होप है ना इसको क्लियर रहने देते हैं यहां क्या बोला गया है बोला गया है कि पेंटागन में कोई भी पाई बॉन्ड नहीं आना चाहिए सिर्फ हेक्सागन में आएगा इसका मतलब रेजोनेंस नहीं होना पॉसिबल है ना यहां पे देखो क्या कह रहा है सिक्स के हेक्सागंस में पाई बॉन्ड होगा तो देखो ये हेक्सागन है ये भी हेक्सागन है इनके बीच में एक पाई बॉन्ड है हेक्सागन हेक्सागन के बीच में पाई बॉन्ड है हे हेगन हेक्सागन के बीच में पाई बॉन्ड है यहां पर हेक्सागन और इसके पीछे पाई बॉन्ड बट यहां रेजोनेंस की फिनोमिना नहीं हो सकती क्यों क्योंकि अगर आप रेजोनेंस करा दोगे तो ये कहां आ जाएगा पाई बॉन्ड देखो इस फाइव मेंबर रिंग के अंदर तो यहां ऐसा होना पॉसिबल नहीं होता एक्चुअली इसका रीजन होता है कि ये प्लेनर थोड़ी ना है भाई वो ऐसे गोले की तरह प्लेन थोड़ी है कि रेजोनेंस करा दोगे तो ग्रेफाइट में तो आराम से रेजोनेंस हो सकता था बट यहां होना पॉसिबल नहीं है ठीक है आइए अगला देख लेते हैं क्या है sp2 है जी दो तरीके का बॉन्ड लेंथ होगा देखो भैया डबल बॉन्ड भी है सिंगल बॉन्ड भी है तो डबल सिंगल दो तरीके का बॉन्ड लेंथ आना पॉसिबल है यहां पे अगली बातचीत है हमारी इसी पर जी देख लेते हैं एक बार आ जाओ भैया नंबर ऑफ वर्टेक्स कितने हैं वर्टेक्स समझते हैं कोने कितने कॉर्नर कितने तो आप 60 कॉर्नर कहेंगे कार्बन से तो बने होंगे कॉर्नर इनके तो 60 कॉर्नर होंगे फेसेस कितने होंगे तो आपने कहा था कि 12 तो पेंटागन है 20 तो हेक्सागन है तो मतलब यहां पे 32 होंगे अगर मैं कहूं यहां पर कितने एजेस होंगे एज मतलब क्या होता है समझते हो ना ये समझ सम लो बॉन्ड जो है ये ये बॉन्ड समझ लीजिए ठीक है ये एज है किनारा तो यही किनारा होगा कितने किनारे होंगे आपको पता है कि 60 कार्बन 60 कार्बन है और हर कार्बन तीन कार्बन से जुड़ा देखो एक दो तीन तीन कार्बन के साथ जुड़कर तीन क्या बनाता है कॉर्नर बनाता है देखो कॉर्नर नहीं सॉरी सॉरी सॉरी एज बनाता है हर कार्बन तीन एज बनाने में हिस्सेदारी देता है तीन एज बनाने में हिस्सेदारी देता है लेकिन जो एज होती है वो दो लोगों के बीच में है तो इसको डिवाइड बाय टू कर दीजिए ये हो जाएगा 90 तो यहां पर 90 एजल्स पाए जाते हैं अगर आप ग्रेफाइट को इलेक्ट्रिक आर्क के प्रेजेंस में हीलियम एंड आर्गन का आप एटमॉस्फियर रख दीजिए इसमें खूब टेंपरेचर रखिए तो ग्रेफाइट जो है ये डायमंड में कन्वर्ट हो सकते हैं बट ये आसान नहीं है टेंपरेचर बहुत ज्यादा लगता है ठीक है अगला शब्द फुलरीन आर द ओनली प्योर बहुत खतरनाक अच्छी बात कई लोग इसको कंफ्यूज कर जाते हैं फुलरीन में क्योंकि ये फिक्स है कि 60 ही कार्बन होते हैं तो 60 कार्बन में में हर कार्बन की वैलेंसी किसी दूसरे कार्बन से सेटिस्फाई हो रही होती है तो इसको कहते हैं कि ये प्योर फॉर्म है लेकिन लेकिन लेकिन यही बात आपको डायमंड एंड ग्रेफाइट में नहीं दिखेगी क्योंकि डायमंड एंड ग्रेफाइट के साथ नौटंकी ये हो गई कि भैया जी हर कार्बन को वैलेंसी सेटिस्फाई करने चले तो सीट बहुत बड़ी हो जाएगी ग्रेफाइट की डायमंड बहुत बड़ा हो जाएगा हो ही नहीं सकता कि लास्ट में कोई ऐसा कार्बन ना बचे जिसकी वैलेंसी सेटिस्फाई ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता तो इसको कहते हैं डांगलिंग बॉन्ड पढ़िए बिकॉज दे हैव स्मूथ स्ट्रक्चर ये क्या है इनके पास स्मूथ स्ट्रक्चर है फुलरीन का विदाउट हैविंग डांगलिंग बॉन्ड डांगलिंग बॉन्ड का मतलब होता है कि ऐसा बॉन्ड जिसकी वैलेंसी सेटिस्फाई ना हुई हो लेकिन इसमें तो सबकी सेटिस्फाई हुई है इसलिए हम लिखते हैं विदाउट हैविंग डांगलिंग बॉन्ड इसका मतलब डांगलिंग बॉन्ड कहां मिलेगा ग्रेफाइट में और डायमंड में ठीक है आइए अगला देखते हैं भैया जी अगली कहानी क्या है डेंसिटी की बात करें तो जो हमारा डायमंड है वो ज्यादा डेंस है क्यों क्योंकि ग्रेफाइट की लेयर्स में बहुत ज्यादा गैप होता है तो एक पर्टिकुलर वॉल्यूम में ज्यादा एलिमेंट्स नहीं आ पाते ठीक है जी कंडक्टिविटी की बात करें तो इलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी एंड थर्मल कंडक्टिविटी दोनों में ग्रेफाइट जीत जाएगा क्योंकि ग्रेफाइट में होता क्या है पाई बॉन्ड है सिंपल बात है पाई बॉन्ड है तो पाई बॉन्ड के अंदर इलेक्ट्रॉन क्या होते हैं मूव मूवमेंट करते रहते हैं इसी वजह से ये ज्यादा रिएक्टिव भी होता है ग्रेफाइट ठीक है आइए देखते हैं बॉन्ड लेंथ की बात करें तो डायमंड में सिर्फ कार्बन कार्बन की सिंगल बॉन्ड है लेकिन यहां पर तो कार्बन कार्बन की सिंगल एंड डबल दोनों है जहां पर रेजोनेंस की फिनोमिना हो रही है इसलिए क्या होगा सिंगल बॉन्ड के ऊपर डबल बॉन्ड का भी करैक्टर आएगा तो ये लेंथ छोटी हो जाएगी अच्छा जी थर्मल स्टेबिलिटी की बात करें तो याद रखना पड़ता है कि डायमंड जो होता है वो कम थर्मली स्टेबल है लेकिन ग्रेफाइट थर्मली ज्यादा स्टेबल है ये रटना पड़ता है कंप्लीट ठीक है खाली एक चीज रिएक्टिविटी की बात करें तो जहां पर पाई बॉन्ड है वो ज्यादा रिएक्टिव होगा इसलिए हम कहेंगे कि ज्यादा रिएक्टिव कौन है जी ग्रेफाइट इज मोर रिएक्टिव ठीक है मेल्टिंग पॉइंट नो डाउट कौन कहेगा कि डायमंड ज्यादा मेल्टिंग पॉइंट नहीं नहीं रखता हार्डेक मटेरियल है इसका मेल्टिंग पॉइंट तो ज्यादा ही आना चाहिए बात है एलो ट्रॉप्स ऑफ फास्फोरस की तीन होते हैं जी वाइट फास्फोरस रेड फास्फोरस एंड ब्लैक फास्फोरस नाम से देखकर कुछ लग रहा होगा ना वाइट बहुत ही सिंपल चीज होती है वाइट को आप रेड बना रहे हैं तो थोड़ा सा कॉम्प्लेक्शन हो जाएगा ऐसा रंग रंग देखिए कैसा हो रहा है पहले वाइट एकदम सि रेड और ज्यादा थोड़ा कॉम्प्लेक्शन कर रहा हूं थोड़ा इंटेंस कलर लग रहा है ये ब्लैक वाला एकदम ही इंटेंस कलर है सिंपल है तो इसका मतलब समझाता हूं ये स्ट्रक्चर बड़ा नॉर्मल सा होता है इनका थोड़ा कॉम्प्लेक्शन होता है ठीक है और अगर यही स्टेबिलिटी का ऑर्डर है यही इसके स्टेबिलिटी का ऑर्डर है ज्यादा स्टेबल कौन है जी तो आप कहिए का ब्लैक फास्फोरस इज मोर स्टेबल है ना ज्यादा रिएक्टिव कौन है तो आपका ये वाइट वाला ज्यादा रिएक्टिव है ठीक है आइए देखते देखते हैं तो जो वाइट फास्फोरस होता है उसमें क्या लिखाता फार्मूला p4 चार फास्फोरस एक दूसरे से कनेक्टेड होते हैं चार फास्फोरस सिंपली इस तरीके से एक दूसरे से कनेक्टेड है देखो पहले इस तरीके से चार बॉन्ड बनाइए फिर इनके बीच में इनके बीच में मतलब यहां पर फास्फोरस फास्फोरस के पूछा जाता है पेपर में कितने बॉन्ड होंगे तो कहना यहां पर सिक्स बॉन्ड्स होते हैं कितने सिक्स बॉन्ड्स होते हैं तो p4 इसका मतलब वाइट फास्फोरस का अगर मान लीजिए आप पाउडर उठाते हैं तो वहां पर क्या होगा p4 p4 बहुत सारे मॉलिक्यूल प्रेजेंट होंगे तो p4 मॉलिक्यूल क्योंकि अकेला ऐसे चार चार एटम एक साथ कनेक्ट होक के अकेला रहेगा बगल में भी ऐसा रहेगा तो समझिए कि डिस्क्रीट मॉलिक्यूल बनते हैं डिस्क्रीट मतलब अकेला जिंदा रहने वाला अकेला मतलब एटम नहीं इनके ग्रुप के साथ ये गुच्छे में रहते हैं चार लोग एक साथ छह बॉन्ड बनाकर डिस्क्रीट मॉलिक्यूल का मतलब होता है कि ये अकेले पाया जा सकता है अकेले p4 पाया जा सकता है जी है ना ये बात होती है अगली देखें पॉलीमर चेन मिलती है ये समझा देता हूं पॉलीमर चेन कैसे बनती है वो पहले देखना पड़ेगा रट्टनलॉटरी वाले बॉन्ड बीच में जो यहां वाला बॉन्ड है ये हटा दो इसके बजाय एक बॉन्ड यहां कनेक्ट करो एक बॉन्ड इधर कनेक्ट कर दो इधर कनेक्ट कर दो तो य इस तरीके से क्या होगा बहुत सारी यूनिट्स एक दूसरे के साथ कनेक्ट हो जाएंगी p4 ये कैसा है इसको क्या बोलोगे आप कहोगे ये एक p4 यूनिट है इसको भी आप कहोगे ये p4 यूनिट है और ऐसे बहुत सारे p4 एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं तभी तो लिखा है p4 n n मतलब बहुत सारे n हमें पता नहीं मान लो लाखों हो सकते हैं तो इसलिए पॉलीमर चेन बोलते हैं पॉलीमर बन जाता है पॉलीमर चेन बनता है रेड फास्फोरस में लेकिन ब्लैक फास्फोरस की दुनिया थोड़ी अलग है भैया यहां पर हर फास्फोरस क्या होता है हेक्सागन बना कर के जुड़ा होता है ठीक है एक फास्फोरस दो तीन चार पाच थोड़ा गंदा बन गया जी इतना गंदा बनाना अच्छा नहीं है फास्फोरस के सामने फास्फोरस ठीक है हर फास्फोरस हर फास्फोरस इस तरीके से जुड़ा हुआ है और यहां पर भी हेक्सागन बनते जाएंगे यहां पर भी हेक्सागन बनते जाएंगे ठीक है इधर भी हेक्सागन हेक्सागन हेक्सागन तो एक हेक्सागन के किनारे छह हेक्सागन इस तरीके से बनता जाएगा और ये कोवलेंको यहां क्या लिखा है p ए टाइम मतलब फास्फोरस एंड टाइम एक दूसरे के साथ ऐसे कनेक्टेड रहता है ठीक है आप पढ़ लीजिए जी य पे लिखा हुआ है कि जो यहां पर ये ना ये वाला ज्यादा रिएक्टिव होता है ज्यादा रिएक्टिव कौन है जी वैसे मैं बता चुका हूं कि जो देखो स्टेबल कौन ज्यादा है ब्लैक तो ज्यादा रिएक्टिव कौन होगा रिएक्टिव कौन होगा जी अपना वाइट वाला ठीक अच्छा वाइट वाला रिएक्टिव क्यों होता है ये जानना जरूरी है ये पेपर में पूछ सकता है क्योंकि यहां पर क्या पाया जाता है एंगुलर स्ट्रेन पाया जाता है स्ट्रेन का मतलब खिंचाव किस तरीके का खिंचाव वो सुन लीजिए यहां जो फास्फोरस है उस पर लोन पेयर है देखने में तो ये लग रहा है sp3 हाइब्रिडाइज्ड ये कितना आता है 60° के आसपास क्योंकि ट्रायंगल का पार्ट है तो 60° के आसपास अब होना चाहिए था 109 ° है जबरदस्ती में उसको आपने पकड़ कर के बॉन्ड बनवा दिया ऐसे करके जबरदस्ती इसको आप ओपन करो तो 109 डि पे होता लेकिन यहां जबरदस्ती करके उसको आपने 60 पर रखा हुआ है तो होता क्या है इन जो बॉन्ड्स हैं इन बॉन्ड्स में इलेक्ट्रॉन है इन बॉन्ड्स में भी इलेक्ट्रॉन है तो ये बॉन्ड्स आपस में क्या करने लग जाते हैं रिपेल क्योंकि इलेक्ट्रॉन इलेक्ट्रॉन आपस में रिपेल कर सकते हैं तो बॉन्ड पेयर बॉन्ड पेयर का ये रिपल्शन क्यों होता है क्योंकि इनको आपने जबरदस्ती इस एंगल की वजह से पकड़ कर के ऐसे रखा हुआ है इसी को कहते हैं एंगुलर स्ट्रेन की वजह से ये ज्यादा रिएक्टिव है ये कम रिएक्टिव है पता क्यों यहां देखो ओपन हो गया यहां देखो ना भाई सिंपल बात है यहां देखो ये वाला देखो कितना बड़ा एंगल मिल गया आपको ये ये देखो पहले ये नहीं था इतना बड़ा क्योंकि बीच में एक और बॉन्ड आ जाता था लेकिन अभी थोड़ा सा रिलैक्स है ये एकदम ही रिलैक्स है ठीक है जी ओके शायद समझ में आ गया होगा जी आइए अगला देखते हैं वाइट फास्फोरस एंड रेड फास्फोरस का कंपेरिजन पहले स्ट्रक्चर तो मैंने आपको दिखा ही दिया कि कैसे बनता है देखो स्ट्रक्चर कैसे बनता है दिखा दिया है रिएक्टिविटी की बात करें तो हमें पता है कि वाइट इज मोर रिएक्टिव देन रेड क्लियर है थर्मल स्टेबिलिटी की बात करें ओबवियसली ये क्या ही थर्मली स्टेबल होंगे ठीक है तो ज्यादा थर्मली स्टेबल कौन है रेड वाला अरे भैया ये पूरा पॉलीमर की चेन है आप हीट डालोगे चेन पूरी बर्दाश्त करेगा अकेला थोड़ी ना इसको बर्दाश्त करना है कि ये टूट जाए है ना ये बात समझ में आ गई होगी सॉल्बिन वाटर क्या ये वाटर में सॉलिलड़ा है डेल नेगेटिव इस पर डेल प्लस इस पर डेल प्लस अगर ये पोलर है तो इसके अंदर पोलर चीजें फरस फास्फोरस के बीच में बॉन्ड बना हुआ है कहीं पोलटी तो नजर नहीं आ रही इसका मतलब साफ है सॉल्बिन करें तो ना तो वाइट डिजॉल्ड्रिंग कुल मिला के कैंसिल आउट तो दिख ही रहा है कुल मिला के क्या दिख रहा है कैंसिल आउट दिख रहा है क्योंकि सल्फर की इलेक्ट्रोनेगेटिविटी क्या होती है कम विद रिस्पेक्ट टू ऑक्सीजन से कंपेयर करने की कोशिश कर रहा था मैं लेकिन कुछ नहीं कोई मिला के ये समझ में आता है कि ये नॉन पोलर है है ना डापोर मोमेंट जो रिजल्टेंट आएगा दैट इज इक्वल टू जीरो ठीक है अगर जीरो है जी तो क्या कहेंगे अब एक बात बताओ ये नॉन पोलर ये भी नॉन पोलर ये भी नॉन पोलर यहां पर तो कोई चार्जेस वर्जेस तो अवेलेबल नहीं है अच्छा इसका मतलब है कि भैया देखो वाइट वाला तो एटलीस्ट डिजॉल्ड्रिंग लीजिए रेड वाला डिजॉल इसलिए नहीं हुआ क्योंकि ये बहुत बड़ी पॉलीमर की चेन इतनी बड़ी चेन नहीं डिजॉल्ड्रिंग केगा अच्छे से अब देखिए अगला चीज देख लेते हैं जी अगली बातचीत है अगली बात ची क्या है भया आ जाओ जल्दी आ जाओ वक्त नहीं है जी वक्त नहीं है ये कहां चला गया इसको कुछ बीमारी हो गई जी हां आ गए देखो भैया या कहां पे क्या लिखा गया है वाइट फास्फोरस जो होता है वो वाइट कलर का वैक्सी सॉलिड है अब याद भी रहेगा वाइट भी याद है और वैक्सी भी याद है वैक्स की तरह होते हैं ठीक है ये क्या है ट्रांसलूसेंट है मतलब कि वो जो बटर पेपर होता है उसकी तरह है ट्रांसलूसेंट होता है जी ठीक है सेमी ट्रांसपेरेंट टाइप सेमी ट्रांसपेरेंट बोलते हैं जी है ना ट्रांसलूसेंट वाइट वैक्सी सॉलिड है ये भैया आयरन ग्रे कलर का होता है ये पॉइजन अस है ओबवियसली जो ज्यादा रिएक्टिव है जिसकी रिएक्टिविटी ज्यादा है वही पॉइजन अस हो सकता है ये भाई साहब रिएक्टिविटी कम है तो नॉन पॉइजन बिहेवियर में है खोपड़ी में ये बातें ऐसे ही टिकाने होती है यही रीजन है कि आप अलग तरीके से पढ़ेंगे तो टिकता नहीं है ये आप एक बार ध्यान से सुन लो ना मेरी गारंटी है मेरी खुली चुनौती कुछ नहीं बोलोगे ब ध्यान से कृपया सुन लेना नोट्स बना दिया तब तो जीवन में ना भूलो तुम एलोट पस ऑफ सल्फर में रोमिक सल्फर एंड क्या आता है मोनोक्लिनिक सल्फर अब पता है बच्चे को दर्द क्या होता है भूल जाता है वो कि रोमिक सल्फर को ही अल्फा कहते हैं मोनो क्लीनिक को बीटा कहते हैं इसमें बड़ी दिक्कत है तो उसके लिए मैं बता देता हूं रमिक में देखो एक ओ आता है रमिक में एक ओ आता है दिख रहा है क्या सर आता इसमें क्या बड़ी बात है वो तो आपके नाम में भी आ रहा है रोमिक है और ये क्या है मोनो क्लीनिक है ये क्या है मोनोक्लिनिक कृपया ध्यान देना मोनो क्लीनिक है अल्फा आप कैसे लिखते हैं अल्फा लिखते वक्त एक ओ जैसी चीज बन रही है ना लेकिन बीटा लिखते वक्त देखिए क्या बन रहा है बीटा लिखते वक्त दो ओ बन रहा है ये मेरे अपने टाइम का बनाया हुआ कोई जुगाड़ है जो मैंने याद करने के लिए बनाया था कि मोनो क्लीनिक को ही बीटा कहते हैं तो इस तरीके से याद रहेगा कि दो ओ है देखो एक दो अब जिसको ओ नहीं दिख रहा है ना भैया अब उनका मैं जुगाड़ नहीं कर सकता कुछ और सुनो जो रोमिक सल्फर होता है इसको येलो सल्फर भी कहते हैं इस वाले को येलो सल्फर भी कहते हैं एक चीज और सीखते हैं भैया जो अल्फा और बीटा है वो एक पर्टिकुलर टेंपरेचर है है ना उस पर्टिकुलर टेंपरेचर पर एक दूसरे में कन्वर्ट होते हैं तो अब मैं आपको समझाता हूं पहले रहता है शुरू में अह अल्फा लेकिन जब 96 ° सेल्सियस के आसपास पहुंचते हैं तब बीटा पहली बार जन्म लेता है तो हम कहते हैं कि अल्फा बीटा में ट्रांजीशन कर रहा है उस पर्टिकुलर टेंपरेचर पर इसीलिए उस टेंपरेचर को ट्रांजीशन टेंपरेचर कहते हैं क्या कहते हैं टीटी साहब कहते हैं उनको क्या उनको भैया ट्रांजीशन टेंपरेचर कहते हैं बस इसका आनंद लीजिए आगे ठीक है अच्छा इनके जो फॉर्मूले वह क्या है s8 मतलब आठ सल्फर एक साथ मिलक के क्या करते हैं मॉलिक्यूल बनाते हैं और और वो मॉलिक्यूल कुछ इस तरीके का दिखता है अगर आप अपनी मुंडी खोपड़ी यहां पर नीचे लगा द तो आप क्या दिखेंगे पापा के परे दिखने लग जाएंगे और मम्मी की परी दिखने लग जाएंगी है ना जी यहां पर आप एक तरीके से क्या क्राउन लग जाएगा तो जैसा भी आप सोचते हो ए एंजल या एंजला जो भी बनना है आपको आप अपनी मुंडी लगाकर बन सकते हैं तो क्राउन शेप्ड होता है रोमिक भी मोनोक्लिनिक भी लेकिन क्या होता है इन दोनों में अंतर क्या है इनमें एडजस्टमेंट होता है इनके लेयरिंग में इस वजह से ये अंतर आता है फिलहाल नहीं जानना है इसलिए नहीं पढवा हंगा ट्रांजीशन की बात देख लीजिए अ 369 केल्विन पर अल्फा जो होता है वो बीटा में कन्वर्ट हो जाता है जो अल्फा होता है वो बीटा में कन्वर्ट होता है जी ट्रांजीशन लेता है सॉल्बिन वाटर भैया वही काम वाटर में क्या ये डिजॉल्ड्रिंग कौनो डिजॉल्ड्रिंग रिजॉल्व होंगे यही याद करा देता हूं याद कर लो सॉल्बिन ch2 ये कौन है भैया कार्बन डाईसल्फाइड नॉन अरे बोलो रे भाई ये क्या है नॉन पोलर हैं अगर नॉन पोलर हैं और छोटू छोटू हैं तो सब डिजॉल्ड्रिंग यर में डिजॉल्ड्रिंग एट रूम टेंपरेचर अरे रूम टेंपरेचर पर अल्फा ही तो एजिस्ट करेगा अल्फा ही तो एजिस्ट करेगा तो इसलिए अल्फा बहुत बहुत बहुत ज्यादा स्टेबल है विद रिस्पेक्ट टू बीटा के क्योंकि 96 डिग्री सेल्सियस के आसपास जाकर ट्रांजीशन आता है बीटा बनने का चांस आता है अच्छा एक शब्द यूज होता है कि पकर्ड पकर्ड का मतलब है जैसे मान लो लेयर्ड ऐसे जो एक प्लेन में आ जाए तो उनको हम कहते हैं कि विदन द प्लेन है लेकिन र टेढ़ा मेढ़ा है देखो पहले ऐ क्राउन ऐसे होता ना अब तुमने कभी पहना हो तो समझ में आएगा हमने तो पहना नहीं है जी बस इतना जान लीजिए कि भैया ये पकर्ड होता है कॉलेज में जब आप जाएंगे तो आपको मिस्टर फेसर बनाएंगे और ऐसा बुद्धू बनाने के लिए कुछ खोपड़ी पे टांगें आपके ठीक है आइए अगली बातचीत करते हैं अगली बातचीत है फिजिकल प्रॉपर्टी जो कि डेटा बेस्ड है इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता इसको ध्यान से पढ़ना पड़ेगा बस मैं एक बार बता दूंगा कि जो बॉयलिक है उसमें टॉप से बॉटम ऊपर से नीचे जाने पर ग्रुप नंबर 13 एंड 14 में लगातार घटता है तो पढ़कर बोल रहा हूं मैं क्या ग्रुप नंबर 13 एंड 14 में ऊपर से नीचे जाने पर बॉयलिक घटता है लेकिन वहीं 16 17 एंड 18 के जो एलिमेंट्स हैं उन एलिमेंट्स का बॉलिंग पॉइंट बढ़ता है ध्यान रखिएगा बढ़ता है ये एलिमेंट्स के लिए लिखा गया है जैसे बोरनन कार्बन एलुमिनियम गैलियम की अगर मैं बात करूं तो उसमें ऊपर से नीचे जाने पर क्या होगा ऊपर से नीचे जाने पर बॉलिंग पॉइंट घटेगा ग्रुप नंबर 13 एंड 14 में बट इनमें बढ़ेगा जी ध्यान रखना पड़ेगा जैसे मान लीजिए कि मैं एग्जांपल के तौर पर यहां लिख दूं हीलियम नियन आर्गन क्रिप्टन ठीक है जी तो नीचे ऊपर से नीचे जाने पर लगातार यहां पर आपको बॉयलिक बढ़ता हुआ मिलेगा कृपया ध्यान दें इन शब्दों पे क्या मैंने बोला बॉयलिक पॉइंट यहां पर बढ़ता हुआ नजर आएगा ठीक है जी अगली बात है मेल्टिंग पॉइंट की मेल्टिंग पॉइंट की अगर मैं बात करूं तो भैया जी ये देखिए केवल गैलियम से इधर ऐसा ट्रेंड है इसके बाद ऐसा ट्रेंड है 13th में 14th में जैसा आयनाइजेशन एनर्जी का आर्डर होता है वही मेल्टिंग पॉइंट का होता है 15th में ये ऑर्डर है 16 17 18 में टॉप से बॉटम जाने पर बढ़ता है ये डेटा बेस्ड है इसमें हम कुछ नहीं कर सकते जनाब ठीक है बाकी देखें डेंसिटी की बात करें तो ऊपर से नीचे आने पर हम जैसे जानते हैं कि डेंसिटी होता है मास बाय वॉल्यूम तो हम ये कह सकते हैं कि डेंसिटी इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू मास ऊपर से नीचे जाने पर क्या होता है ज्यादातर जगह यही हमें देखने को मिलेगा कि जो हमारी डेंसिटी होती है ऊपर से नीचे जाने पर बढ़ती है लेकिन एक ही एक्सेप्शन है दैट इज कार्बन एंड सिलिकन मिलते हैं हम आप सभी को अगली वीडियो में तब तक के लिए खुश रहिए प्रसन रहिए आबाद रहिए जिंदाबाद रहिए मंजिल बैच में ऑर्गेनिक केमिस्ट्री पढ़ाना शुरू हो चुका है ठीक है पढ़ते रहिए आनंद लेते रहिए