Transcript for:
कैपिटल फिक्स और वर्किंग - क्लास नोट्स

[संगीत] हेलो गुड इवनिंग एवरीबॉडी मी नाम इस शिवम जगदीश और वेलकम बैक तू डी चैनल तो बस आज अपना चैप्टर नंबर तू कैपिटल फिक्स और वर्किंग स्टार्ट करने जा रहे हैं कोशिश करेंगे की ये आपको तीन पार्ट्स में वीडियो मिल जाए पूरे पूरे चैप्टर का मुझे पता है बहुत लेट हो रखा है आपके हाफ वाली एग्जाम सर के ऊपर हैं लेकिन कोई बात नहीं है बस वीडियो देखते चलो अगर जिसके एग्जामिनेशन में पुराने भी वीडियो पड़े हुए हैं चैनल के ऊपर तो मैंने लाइव क्लासेस में लिए थे आप उनके रेफरेंस से भी पढ़ाई कर सकते हैं तो बस ये वीडियो आपको मिला शुरू हो जाएंगे मैं इकोनॉमिक्स में ऑलरेडी आपको पूरा माइक्रो इकोनॉमिक्स खत्म कर दिया है और अकाउंट और सी में गुडविल टॉपिक खत्म हो चुका है अब आगे बाढ़ रहे हैं धीरे-धीरे वहां पे एडमिशन शुरू होगा और यहां पर आपको वीडियो मिल रहे होंगे कॉमर्स के ठीक है तो कैपिटल फिक्सिंग वर्किंग के बड़े में बात करनी है काफी कमल का चैप्टर है काफी बड़ा चैप्टर है ये और इससे काफी ज्यादा मार्क्स की वेज रखना है ये पर्टिकुलर चैप्टर चलो शुरू करते हैं कैपिटल वर्किंग में में क्या-क्या करना है पहले टॉपिक आपको दे रखा है आपकी किताब में नेचर नेचर ऑफ बिजनेस फाइनेंस तो मैं आपको मार्क भी कर दूंगा ये टॉपिक हमारे सिलेबस में नहीं है नेचर ऑफ बिजनेस फाइनेंस हमारे सिलेबस में नहीं है तो हमारे सेलवास में है क्या सर अगला टॉपिक इंपॉर्टेंट ऑफ बिजनेस फाइनेंस अब देखो मुझे यहां से तो मैं कुछ-कुछ चीज बतानी है जो की बहुत इंपॉर्टेंट हो रही है की यार वैसे तो ये बड़ा फर्जी टॉपिक है यार पैसों की जरूर क्यों है बिजनेस में मां लेते हैं ये एक बिजनेस ओनर है ये एक बिजनेस ओनर है और इनका नाम है मिस्टर टाटा अंबानी मिस्टर टाटा अंबानी एक बिजनेसमैन है इनको पैसों की क्यों जरूर पद रही है सबसे पहले फैक्टर क्यों जरूर पड़ेगी तू मीत इट्स लायबिलिटी ऑन टाइम तो चलो मेरे साथ साथ लिख लो सभी लोग तो मीत तू मीत इट्स लायबिलिटी ऑन टाइम पैसों की जरूर क्यों पड़ती है ताकि समय पर अपनी लायबिलिटी का हम पेमेंट कर सकें आपको कितने प्वाइंट्स प्रिपेयर करने हैं कर प्वाइंट्स प्रिपेयर करने हैं इतने में कम बन जान वाला है सेकंड पॉइंट क्या हो सकता है तू टेक एडवांटेज ऑफ बिजनेस अपॉर्चुनिटी बिजनेस ऑपच्यरुनिटीज का एडवांटेज आप तभी ले सकते हो जब आपके पास पैसा होगा मतलब मां लेते हैं एकदम से आपको ऑप्शन मिलता है आपने बिजनेस को एक्सपेंड करने का या कोई नया प्रोडक्ट लाइन लॉन्च करने का पैसे नहीं होंगे तो आप वो नहीं कर का रहे होंगे तीसरी फॉर्म पॉइंट पर आते हैं तू रन बिजनेस स्मूथली तू रन बिजनेस स्मूथ दिस स्मूथली का मतलब यहां पर क्या है बिना किसी रुकावट के ठीक-ठाक तरीके से आपका बिजनेस कंटिन्यू र सकता है अपडेट टुडे अपने एक्सपेंस को मीत आउट कर का रहे होंगे एक पॉइंट और पढ़ लेते हैं तू फेस रिसेशंस साइकल्स भाई अब क्या होता है ना मार्केट में एक जैसी चीज तो रहती नहीं है कभी रिसेप्शन आता है कभी आ बम की सिचुएशन होती है तो ट्रेड साइकल्स को सर मैनेज करने के लिए अगर आपके पास पैसे रहेंगे तो आप रजिस्ट्रेशन जैसी प्रॉब्लम का को एब्सर्ब कर सकते हो सर योर फाइनेंस कैन एक्ट स एन क्वेश्चन इन डेट सिनेरियो अब आपको अगर तुम सिंगल लाइन लिखकर ए जाओगे इंर्पोटेंस ऑफ बिजनेस फाइनेंस जैसे मैंने लिख कर दिया है तो वो भी आपको नंबर पूरे मिल जान हैं लेकिन एक बात का ध्यान रखें आपको चाहिए की नहीं सर मुझे नोट्स चाहिए तो डिस्क्रिप्शन में लिंक है जा के क्लिक करो फिर स्टडी मटेरियल क्षेत्र के अंदर आपको इस चैप्टर के भी नोट्स मिल जाएंगे क्या क्लियर बात समझ में ए रही है आप सभी लोगों की करना क्या है कैसे करना है और चीज कैसे बेहतर हो रही हैं आपके लिए ठीक है इंर्पोटेंस ऑफ बिजनेस ऑफ फाइनेंस पर बिजनेस हमने कर लिया यहां पर गलत लिख दिया इंर्पोटेंस ऑफ बिजनेस पर फाइनेंस गलत है इंर्पोटेंस ऑफ फाइनेंस ऑफ फाइनेंस पर बिजनेस है ठीक तो चलो यहां तक आपको समझ में ए गया अब हम बात करने जा रहे हैं सोर्सेस ऑफ फाइनेंस के बड़े में हमारे तीन तरह के बिजनेस सेक्टर से उनके सोर्सेस ऑफ फाइनेंस के बड़े में हम बात करने जा रहे हैं जैसे हमें बात करनी है सबसे पहले सोल प्रोपराइटरशिप के लिए सोल प्रोपराइटरशिप अपने पैसे कहां से जुगाड़ता है फिर पार्टनरशिप फर्म अपने पैसे कहां से जुगाड़ती है और तीसरा कंपनी अपने पैसों की कहां से यू नो जरूर पूरा करते हैं तो इनके हमको सोर्सेस जन हैं तो सबसे पहले हम शुरू करने जा रहे हैं पार्टनरशिप के लिए तो पार्टनरशिप के सॉरी प्रोपराइटरशिप के लिए प्रोपराइटरशिप के लिए सबसे पहले होता है ओल्ड फंड्स भैया यहां पर सबसे कम कैपिटल की जरूर होती है बड़े स्मॉल लेवल पर बिजनेस चल रहा होता है तो जो ओनर होता है वो अपने खुद के पैसे लगता है जिसको हम लोग बोलते हैं ऑन फंड्स ओनर कैपिटल उसके बाद यहां पर रिटन अर्निंग भी इस्तेमाल करता है रिटेंड अर्निंग क्या होते हैं आपने एयर ऑन एयर जो प्रॉफिट कमाया उससे कुछ हिस्सा जो अपने अपने यू नो फ्यूचर की लिए रखा था उसको उठाकर इस्तेमाल कर लिया उससे बोलते हैं रिटेंड अर्निंग्स या वो लोन भी ले सकता है कमर्शियल बैंक से कमर्शियल बैंक से लोन भी ले सकता है क्या बात समझ में ए रही है यहां तक ठीक है क्लियर है सभी लोग को शॉर्ट टर्म लोन को कमर्शियल बैंक चल सकता है अगर उसको लॉन्ग टर्म लोन चाहिए तो फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से भी जाकर वो लोन ले सकता है लेकिन सबसे कम फंड्स की जरूर होती है सोल प्रोपराइटरशिप को इससे ज्यादा जरूर होती है पार्टनरशिप फर्म को अब पार्टनरशिप फॉर्म कहां से इस्तेमाल करेगी कहां से लेगी पैसा एक तो होता है ओल्ड फंड ये तो है ही फिर है रिटेंड अर्निंग ये भी है ठीक उसके बाद वो लोन ले सकता है फ्रॉम कमर्शियल बैंक लोन फ्रॉम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन क्या बात समझ में ए रही है ऑलमोस्ट जैसे प्रोपराइटरशिप के पास सोर्सेस होते हैं पार्टनर्स के पास भी वही सारे सोर्सेस होते हैं कई बार वो लोन पार्टनर से भी ले सकता है लोन फ्रॉम पार्टनर कोई पार्टनर ज्यादा रईस है तो उससे भी पैसे लिए जा सकते हैं क्या ये बात तुमको समझ में ए रही है पार्टनरशिप के पास कौन-कौन से सोर्सेस होते हैं लेकिन हां ये बात सही है की प्रोपराइटरशिप से ज्यादा पैसों के रिटायरमेंट होती है मैंने कॉम तू पार्टनरशिप अब आते हैं कंपनी कहां से पैसा उठाती है भैया कंपनी को पैसा चाहिए होता है तो वो शेयर्स इशू करती है लोन चाहिए होता है तो वो कमर्शियल बैंक से लोन ले सकता है या देबेंचर्स इशू करके वो पैसों की नीदफुल फूल कर सकता है तो कंपनी के लिए मोटा-मोटा तोर पर अगर हम देखें तो पैसे कहां से जुगाड़ते हैं बोलो कंपनी जनरली शेयर्स इशू करके पैसा उसे करती है रिटेंड एंडिंग्स तो उसे करती करती है और लोन भी ले शक्ति है कमर्शियल बैंक से लॉन्ग टर्म नीड्स फुलफिल करने के लिए फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से और देबेंचर्स इशू करके वो पैसा जुगाड़ शक्ति है शॉर्ट टर्म नीड्स कमर्शियल बैंक और लॉन्ग टर्म नीड्स फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट दोस्तों को सबको समझ में ए गया की सोर्सेस क्या-क्या है तीनों फॉर्म ऑफ बिजनेस के अब बढ़ते हैं आगे और अब ए रहा है हमारी आज की क्लास का लास्ट टॉपिक क्या सर इतनी जल्दी लास्ट टॉपिक ये कैसे क्योंकि अगला टॉपिक इस चैप्टर का सबसे बड़ा टॉपिक है बेहतरीन है उसको ध्यान से पढ़ेंगे और शुरू करते हैं वो टॉपिक जल्दी से तो भाई तो भाई तो भाई तो भाई हम बात कर रहे हैं फाइनेंशियल प्लानिंग है और फाइनेंशियल प्लानिंग का ही लगा हुआ टॉपिक है कैपिटल स्ट्रक्चर तो फाइनेंशियल प्लानिंग और कैपिटल स्ट्रक्चर पढ़ लिया तो 100% यहां से आपको कुछ ना कुछ नंबर तो मिल ही रहे होंगे आपके बोर्ड एग्जामिनेशन में मेरे को लगता है की यहां से आपका करीब-करी पांच नंबर का क्वेश्चन बन रहा होगा तो चलो बात करते हैं फाइनेंशियल प्लानिंग की फाइनेंशियल प्लानिंग की जरूर क्या है और फाइनेंशियल प्लानिंग लोग करते हैं भाई सिंपल सी बात है फाइनें सियाल किया जा सके अब एक बात समझो इसके दो ही टॉपिक हमारे सिलेबस में एक फीचर्स एक इंर्पोटेंस तो फीचर्स के ऊपर आते हैं कर फीचर्स हम सभी को पढ़ने या तीन फीचर भी पढ़ोगे तो चल जाएगा तो चलो फटाफट से तीन फीचर्स मैं आपको लिखवा कर दे रहा हूं मेरे साथ-साथ नोट कर लो तो नोट्स भी बन जाएंगे भाई ठीक है ना तो सबसे पहले फीचर्स पर आते हैं आईटी इंवॉल्वेस आईटी इंवॉल्वेस आईटी इंवॉल्वेस डिसाइडिंग डिसाइडिंग व्हेन हो और वही ऑफ फाइनेंशियल प्लानिंग या फाइनेंशियल एक्टिविटीज इसका मतलब क्या हो गया व्हेन हो और वही कब पैसों की जरूर पद रही है ठीक है ना कितने पैसों की जरूर पद रही है ठीक है ना तो आप फाइनेंशियल प्लानिंग करते हो तो नो व्हेन हो और वही ऑफ फाइनेंशियल एक्टिविटीज ठीक है ना आगे बढ़ते हैं अगले पॉइंट के ऊपर ए रहे हैं अगला पॉइंट है आईटी इस फ्यूचर ओरिएंटेड आईटी इस फ्यूचर ओरिएंटेड और इंवॉल्वेस फोरकास्टिंग मतलब फ्यूचर में कितने पैसों की आवश्यकता पढ़ने वाली है यह फोरकास्ट चाहिए तो है और लास्ट पॉइंट पर आते हैं इंवॉल्व डिसाइडिंग ऑब्जेक्टिव ऑब्जेक्टिव्स पॉलिसी प्रोसीजर मैथर्ड और प्रोग्राम मैथर्ड और प्रोग्राम कंसर्निंग फंड्स ये तीन पॉइंट आप ध्यान रख के चले गए तो आपके फीचर्स 100% क्लियर है तो फाइनेंशियल प्लानिंग क्या होती है ठीक है उसके फीचर्स क्या होते हैं ये तुमको अभी तक समझ में ए जाना चाहिए फाइनेंशियल प्लानिंग का बेसिक सा मतलब ये होता है की हमें फ्यूचर में कितने पैसों के रिटायरमेंट पढ़ने वाली है आप जो फंड आप लेंगे वो किस सोर्सेस से लेंगे और उसको कैसे इस्तेमाल ऐस्टीमेशन मतलब कितने पैसों की जरूर पढ़ने वाली है सोर्स किस-किस सोर्स से हमको पैसा मिल सकता है और चूसिंग डी राइट सोर्स और उसका इस्तेमाल मतलब क्या हो गया यूटिलाइज ये तीन कर्व 3 सॉरी ये तीन अगर हम कीवर्ड मिला देंगे तो फाइनेंशियल केयर प्लानिंग का मीनिंग निकाल कर ए जाता है और फीचर्स क्या-क्या हैं तुम्हें समझ में ए गया होंगे लास्ट फीचर क्या है इंवॉल्वेस डिसाइडिंग ऑब्जेक्टिव पॉलिसीज प्रोसीजर मैथर्ड और प्रोग्राम कंसर्निंग फंड्स किस-किस प्लेन में कितना कितना पैसा लगे वाला है ये फाइनेंशियल प्लानिंग के फीचर के अंदर आता है अब बढ़ते हैं इसके इंर्पोटेंस के ऊपर इंर्पोटेंस कोई कर पॉइंट आपको प्रिपेयर करने हैं और मेरे साथ कर पॉइंट लिख लो और आपका प्रिपरेशन भी हो जाएगा तो चलो भैया चलो आते हैं भैया पहले पॉइंट के ऊपर एक्सक्यूज मी थोड़ी सी तबीयत नासा था इसलिए एनर्जी लेवल लो है भैया ठीक है अवॉइड शॉर्टेज और सर प्लस ऑफ फंड्स ना ही कभी अपने बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन में फंड्स की कमी हनी चाहिए और ना ही कभी फ्रेंड्स सरप्लस में या आइडल पड़े होने चाहिए ठीक है ना तो ये पहले है फाइनेंशियल प्लानिंग आपको इस तरह की प्रॉब्लम से बचाने के लिए होता है इसीलिए ये इसकी इंर्पोटेंस है डेवलपिंग डेवलपमेंट साउंड कैपिटल स्ट्रक्चर डेवलपिंग साउंड कैपिटल स्ट्रक्चर साउंड कैपिटल स्ट्रक्चर का मतलब यहां से क्या निकाल कर आता है साउंड कैपिटल स्ट्रक्चर का मतलब ये है की कभी भी आपके बिजनेस में जरूर पढ़ने पर हमेशा पैसा रहे ठीक है ना ऐसा ना हो जाए की अपॉर्चुनिटी मिली और आप इस्तेमाल नहीं कर का रहे हो साउंड कैपिटल स्ट्रक्चर होना चाहिए आपका ठीक है ना डेट इक्विटी के बीच में क्या रेश्यो होना चाहिए ये आपका कैपिटल स्ट्रक्चर बताता है फाइनेंशियल प्लानिंग आपको हेल्प करता है की आपको डेट और इक्विटी का क्या रेश्यो रखना है आपने बिजनेस में ठीक है समझ में ए रही हॉवेवर अगला टॉपिक वही है जो हमें पढ़ना है डिटेल में खैर कोई बात नहीं इफेक्टिव यूटिलाइजेशन ऑफ फंड्स इफेक्टिव यूटिलाइजेशन ऑफ फंड्स हम फंड्स का किस तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं वो हमें फाइनेंशियल प्लानिंग भी बताता है और लास्ट ऑफ पॉइंट पर ए रहे हैं तो प्रिपेयर तू प्रिपेयर फॉर्म्स तू सॉक्स भैया ऐसा कोई सिचुएशन ए गया ऐसे कोविंद वगैरा ए गया था तो वहां पर किसी भी तरह का सेट बैक होगा तो फाइनेंशियल प्लानिंग ही आपको उसे प्रॉब्लम से आगे लेकर जाएगी सॉल्व करवाएगी तो फाइनेंशियल प्लानिंग के फीचर्स क्या थे इंर्पोटेंस क्या थे ये क्लियर हो गया फीचर्स तीन पढ़ने हैं इंर्पोटेंस आप कर पढ़ लोग कम बन जान वाला है चलो भैया अगले टॉपिक की तरफ बाढ़ रहे हैं और अगला टॉपिक क्या है अगला टॉपिक है फैक्टर्स ये हमारे सिलेबस में नहीं है फैक्टर्स हमारे सिलेबस में नहीं है बाकी बच्चे मुझे पूछ रहे थे की सर क्या है सिलेबस में क्या नहीं है हमें पता नहीं चला है तो मैं इसलिए आपको जो पढ़ा रहा हूं टॉपिक बाय टॉपिक और जो कटवा रहा हूं वो सिलेबस पे नहीं है इजीली आप मकाउ करके पढ़ सकते हो ठीक है तो अब आगे बढ़ते हैं फैक्टर्स हमारे सिलेबस में नहीं है तो चलो अब जो टॉपिक है हमारे सिलेबस में ये यहां पर आज की क्लास को मैं फूल स्टॉप लगाऊंगा लेकिन फूल स्टॉप लगाने से पहले ये टॉपिक बेहतरीन बड़ा सा है क्या है और समझते हैं ठीक है सबसे पहले आप बात करते हैं यह फैक्टर्स अफेक्टिंग कैपिटल स्ट्रक्चर ये है क्या तो चलो चलो थोड़ी-थोड़ी बातें बताने जा रहा हूं मैं आपको आ एक कम करते हैं जी हां भाई चलो कुछ बातें बताने जा रहे हैं क्यों आपको इस पूरे टॉपिक में हेल्प करने वाली है और मेरे साथ-साथ थॉट लिखो भाई जब भी कंपनी को लॉन्ग टर्म फंड्स की नीड होती है तो उसके पास दो सोर्सेस होते हैं उसके पास दो सोर्सेस होते हैं पहले सोर्स को बोलते हैं ऑनर्स फंड और दूसरे को बोलते हैं बोर्रोवेड फंड क्या ये बात समझ में ए रही है एकदम धीरे-धीरे पढ़ा रहे हैं ऑनर्स और बोर्रोवेड फंड्स ठीक है भैया ठीक है ये भी समझ में ए रहा है चलो ऑनर्स फंड के अंदर क्या आता है शेर कैपिटल और रिटेंड अर्निंग शेर कैपिटल और शेर कैपिटल मतलब शेयर्स के थ्रू पैसा आया रिटेल अर्निंग का मतलब जो प्रॉफिट से पैसा बच्चा कर रखा हुआ था फ्यूचर के उसे के लिए ठीक है ना अब ये बोर्रोवेड फंड्स के अंदर क्या होता है फॉरवर्ड फ्रेंड्स के अंदर आता है बेटा देबेंचर्स और लॉन्ग टर्म लोन देबेंचर्स और लॉन्ग टर्म लोन सो तो वो एक बेसिक आइडिया गया की फॉर्म को अगर लॉन्ग टर्म सोर्सेस लॉन्ग टर्म फंड्स की नीड्स होती है उसके पास दो सोर्सेस होते हैं एक होता है ओनर ओनर के अंदर क्लासिफिकेशन होता है शेर कैपिटल और अर्निंग एक होता है बोर्रोवेड बौरोड के अंदर क्या आता है देबेंचर्स और तुम्हारा लॉन्ग टर्म लोन आगे बढ़ते हैं आगे बढ़ते हैं भैया आगे बढ़ते हैं अच्छा ठीक है सर तो सर हमें ये बताइए की ये कैपिटल गियरिंग क्या होता है कैपिटल गियरिंग बोलो या बेटा इसको फाइनेंशियल लेवरेज बोलो फाइनेंशियल लेवरेज बोलो ये इसका मतलब क्या है कैपिटल गियरिंग और फाइनेंशियल लेवरेज का मतलब क्या होता है लिखो भैया रेशों बिटवीन रेशों बिटवीन ऑनर्स फंड और बोर्रोवेड फंड और बोर्रोवेड फंड के बीच में जो रेशों होता है उसको हम लोग बोलते हैं कैपिटल गियरिंग या फाइनेंशियल लिमिटेड हाय गियरिंग हाय गियरिंग का एक और नाम होता है ट्रेडिंग [संगीत] ऑन थीं इक्विटी थीं नाम से ही कम बन जाएगा और दूसरा होता है लो गियरिंग इसको बोलते हैं ट्रेडिंग ऑन ठीक इक्विटी अब इसका मतलब क्या होता है सर जरा वो भी समझा दीजिए आई भैया इसका मतलब ही लिख लेते हैं भैया आओ देखते हैं इसका मतलब होता है हाय गैलिंग का मतलब होता है डेथ मतलब लोन ज्यादा होने चाहिए आगे कंपेयर तू ऑनर्स फोंट डेट ज्यादा लोन ज्यादा अब देखो पिछले वाले स्लाइड पर जो तो ओल्ड यह थे बोर्रोवेड फंड यह थे मतलब लोन ज्यादा लिया डिबेंचर ज्यादा इशू किया मतलब बोर्रोवेड फंड ज्यादा है ऑनर्स फंड के कंपैरिजन में बात समझ में ए रही सभी लोग को इसे बोलते हैं ट्रेडिंग ऑन थीं इक्विटी बिकॉज़ यहां पर शेर कैपिटल कम इशू किया गया है ऑन डी कांट्रेरी जो लोग एरिंग होती है या ट्रेडिंग ऑन थिंक इक्विटी होते हैं वहां पर क्या होता है ओल्ड फ्रेंड्स ज्यादा इस्तेमाल होते हैं आज कंपेयर तू डेथ मतलब बोर्रोवेड फंड के क्या तुम्हें यहां तक ट्रेडिंग ऑन इक्विटी सॉरी ट्रेडिंग ऑन थिंक इक्विटी ट्रेडिंग ऑन थिंक इक्विटी यह कॉन्सेप्ट क्लियर हुआ है अब टॉपिक शुरू करेंगे अभी अगर समझ में ए गया तो ही हम बात कर सकते हैं ठीक है तो चलो अब आते हैं सबसे पहले पॉइंट पर ये ट्रेडिंग ऑन इक्विटी क्या होता है ठीक है ना चलो लिखो भैया ट्रेडिंग ऑन इक्विटी का मतलब होता है व्हेन एन कंपनी वन ए कंपनी यूजेस क्या होते है अलोंग विथ इक्विटी कैपिटल अलोंग की इक्विटी कैपिटल इस चीज को बोलते हैं ट्रेडिंग मतलब क्या है की नॉर्मल बिजनेस एक्टिविटीज के लिए लोन का भी पैसा इस्तेमाल हो रहा है और ऑनर्स फंड का भी पैसा इस्तेमाल हो रहा है इसे बोलते हैं ट्रेडिंग ऑन इक्विटी कोई बच्चा जिसको समझ में ना ए रहा हो कमेंट क्षेत्र में लिखकर बताएं ट्रेडिंग ऑन इक्विटी का मतलब क्या है ट्रेनिंग और इक्विटी का साफ-साफ मतलब ये है की बिजनेस चलने के लिए लोन का भी वैसा ग रहा है और शेर कैपिटल का भी पैसा ग रहा है मतलब बोर्रोवेड फंड भी ग रहे हैं और ऑन फंड भी ग रहा है इस प्रोसेस को बोलते हैं ट्रेडिंग ऑन इक्विटी सबको समझ में ए गया है क्लियर है यहां तक चलो भैया आगे बड़ा जाए अब अब अगर आप जानना चाहेंगे तो अभी जो किताब है क गुप्ता उसके अंदर टेडी और इक्विटी को ना एक एग्जांपल के थ्रू सॉल्व कर रखा है एक एग्जांपल के थ्रू सॉल्व कर रखा है तो चलो वो एग्जांपल भी हम देख लेते हैं और क्या हो रही है बात वो भी समझ लेते हैं और एग्जाम में वो पूछे जान की संभावना नहीं रहती है तो चलो अब जरा देखते हैं अब जरा देखते हैं अच्छा बिफोर आई बेगन एक चीज बताओ एक चीज बताओ सब बच्चे अगर वो समझ जाओगे ना तो ये पूरा कॉन्सेप्ट तुम्हारे लिए बिल्कुल पीनट हो जाएगा बच्चों जैसी चीज जैसे मां लेते हैं मां लेते हैं एन एक एक बिजनेस है बिजनेस ओबीसी एक बिजनेस है बिजनेस ओबीसी ओबीसी मतलब हमारा ऑप्शन देख दूसरा बिजनेस है मां लेते हैं दूसरे बिजनेस का नाम है एन क्या नाम रखें दूसरे बिजनेस का यम यम चाचा लिमिटेड छोटी कंपनी छोटी है अब देखो हो क्या रहा है ओबीसी कंपनी में क्या हो रहा है मतलब इनके फंड्स बहुत अच्छे मैंने नहीं है रेगुलर फ्लो ऑफ इनकम नहीं है इनका क्या है रेगुलरली इनकम नहीं होती है कभी-कभी इनकम होती है लेकिन ज्यादा अमाउंट में हो जाति है लेकिन विरज जो टाटा कंपनी है इसका रेगुलर इनकम बांध हुआ है अब जब बात समझो यह भी अपने कोर्स ऑफ बिजनेस में ओल्ड फंड इस्तेमाल करती है और बोर्ड फंड इस्तेमाल करती है और ये भी अपने बिजनेस को चलने के लिए ऑन डोर बर रोड कंडीशन इस्तेमाल करते हैं अब एक यहां से एक बात समझ में आई की जो बोर्ड फंड होता है मतलब लोन या देबेंचर्स इनको बदले में क्या दिया जाता है इनको बदले में दिया जाता है बेटा इंटरेस्ट और इंटरेस्ट जाना चाहिए हर महीना अब जी कंपनी की कंडीशन रेगुलर फ्लो ऑफ इनकम की नहीं है उसके लिए बोर्रोवेड फंड का ऑप्शन अच्छा नहीं माना जाएगा उसके लिए अच्छा कौन सा ऑप्शन माना जाएगा ओल्ड फंड ऑन डी कंट्री इस कंपनी की फाइनेंशियल कंडीशन बहुत बढ़िया है रेगुलर कोर्स ऑफ इनकम में पैसा बढ़िया ए रहा है उसके लिए बौरोड फंड का ऑप्शन अच्छा माना जाएगा बशर्तेंंड कैपिटल फंड के क्या तुमको ये बात समझ में ए रही है एकदम अच्छे से ए रही है की नहीं ए रही है ये बताओ तो ऑन फंड किस कंपनी के लिए अच्छा है बौरोड फंड किस कंपनी के लिए अच्छा है ये समझ में ए रहा है ठीक अब मैं एक एग्जांपल लेकर आपको सॉल्व करने जा रहा हूं आपके बुक का एग्जांपल ठीक है ना जरा समझते हैं ये बुक का एग्जांपल है क्या दो कंपनी बता राखी हैं हमें एक कंपनी ए है और एक कंपनी भी है एक कंपनी ए है और एक कंपनी भी है अब एक कंपनी का प्रॉफिट दे रखा है हमें नेट प्रॉफिट बिफोर इंटरेस्ट और टैक्स नेट प्रॉफिट बिफोर इंटरेस्टिंग टैक्स दे रखा है इस कंपनी एक का 20 लाख और कंपनी बी का भी ₹20 लाख बात समझना कंपनी ए ने अलग सोर्सेस से फंड उठा हैं कंपनी बी ने अलग सोर्सेस से फंड उठाएं कैसे-कैसे उठा हैं वो भी बताने जा रहा हूं मैं आपको ठीक है चलो भैया बात समझ में ए गई है कंपनी ए क्या कर रही है उसने 30 लाख के देबेंचर्स 30 लाख के देबेंचर्स ठीक है भैया 10 लाख के प्रेफरेंस शेयर्स 10 लाख के प्रेफरेंस शेयर्स और 60 लाख के इक्वैशनस इस तरह से ₹1 करोड़ रेस किया है और एक और है दूसरा कंपनी जिसने एक करोड़ रेस करने के लिए क्या किया 10 लाख के देबेंचर्स इशू किया और 90 लाख के इक्विटी शेर अब मां लेते दोनों अलग-अलग कंपनी मत करो एक ही कंपनी एक कंपनी के पास दो सोर्सेस ऑफ फैंस हैं आपकी बुक में कंपनी है कंपनी भी करके दिखाए है ठीक है ना तुम समझो एक कंपनी को पैसा रेस करना है तुमको दिमाग में ये पॉइंट आएगा ही आएगा तुमको पैसा रेस करना है तुम्हारे पास दो ऑप्शन है पहले ऑप्शन ये है की 10 लाख रुपए में देबेंचर्स पे इशू कर दिया और 90 लाख दे डन वेंचर्स 10 लाख के इक्वैशनस दे रहे हैं कौन सा कंडीशन ज्यादा अच्छा होगा ये तो मैं पता लगाना है इसको न्यूमेरिकल की तरह पढ़ो तो वो दी पर अंडरस्टैंडिंग मिलेगी और तुम्हें हेल्प मिल रही होगी एग्जामिनेशन में ठीक है तो थोड़ा सा वीडियो लंबा जरूर हो रहा है लेकिन कमेंट क्षेत्र में करके बताना की मजा आया की नहीं बताया कांसेप्चुअल तरीके से तुम पढ़ रहे हो की नहीं पढ़ रहे हो कॉमर्स को पहले बार ठीक है चलो भाई यहां पर रेट ऑफ इंटरेस्ट भी दे रखा है इंटरेस्ट ऑन देबेंचर्स है 12% इंटरेस्ट ऑन देबेंचर्स दे रखा है अपने को 12% प्रेफरेंस शेयर्स पर डिविडेंड देना है हमको 14% के रेट से प्रेफरेंस शेयर्स पर डिविडेंड देना है अपने को 14% के रेट से आओ जरा चेक करते हैं की आप क्या होने वाला है लगाया जाए ऑप्शन ए और ऑप्शन बी ऑप्शन ए इसको मां लेते हैं और ऑप्शन बी इसको मां लेते हैं ठीक भैया तो चलो इंटरेस्ट लगाते हैं इंटरेस्ट इंटरेस्ट 12% का इंटरेस्ट 10 लाख रुपए पर आएगा ₹120000 ठीक है ना तो यहां से माइंस कर देंगे इंटरेस्ट और दूसरे ऑप्शन में इंटरेस्ट कितने रुपए आएगा 30 लाख का 12% 3 लाख 7000 रुपए 300000 रुपए का इंटरेस्ट आएगा यहां तक उनको बात समझ में ए गई तो अब इसके बाद क्या बचेगा हमारा प्रॉफिट में इंटरेस्ट हटा दिया तो बचेगा प्रॉफिट बिफोर टैक्स कितना ए रहा है दिस बिल बी 18 लाख 20000 1820000 1880 1880 क्लियर है की नहीं क्लियर और 20 में से तीन साल से चला गया 17 16 40 1640000 1640000 अब अपने को क्वेश्चन में टैक्स दे रखा है मां लेते हैं टैक्स का रेट है 50% मां लेते हैं टैक्स का रेट है 50% तो इसमें से अब हम लोग टैक्स को माइंस कर रहे हैं माइंस कर रहे हैं टैक्स को 50% टैक्स है तो यहां पे आएगा 940000 और यहां पर ए गया 82000 तो भैया माइंस करके आया प्रॉफिट आफ्टर टैक्स तो यहां बचेगा 940000 और यहां बचेगा 820000 बात समझ में आएगी क्या प्रॉफिट आफ्टर टैक्स है सबको समझ में ए गया है अब क्या करना है यहां तो कोई प्रेफरेंस शेयर्स है नहीं तो उनको डिपेंड नहीं देना पर यहां पर प्रेफरेंस शेयर्स हैं उनको डिविडेंड देना है कितना परसेंट 14% 10 लाख पर 14% कमिंग तू बी वन लाख 40000 - प्रेफरेंस डिविडेंड वन लाख 40000 यहां बैक रहा है आठ लाख बीस हजार ठीक है ठीक है एक सेकंड रुको यह बी वाला पॉइंट था 1 मिनट हमने डिविडेंड गड़बड़ जगह माइंस कर दिया हमें डिविडेंड देना था ऑप्शन बी में इधर माइंस करना था कितना था कितना बचेगा 680 6 लाख 80 और यहां पे कितना बचेगा 940 हजार अब यहां तक अगर देखो क्वेश्चन तो तुमको क्लीयरली विनर ग रहा होगा यार ए ऑप्शन तो ठीक है क्योंकि ए में आखरी में प्रॉफिट कितना बैक रहा है 40000 बी में प्रॉफिट कितना बैक रहा है 6 लाख 80 हजार लेकिन प्रॉफिट ही आंसर नहीं होता है क्या आंसर होता है आपने पर शेर कितना पैसा कमाया ओनर कौन होते हैं शेरहोल्डर्स आओ जरा देखो जल्दी से आओ और यहां पर अब हम निकलते हैं अर्निंग पर शेर अर्निंग पर शेर कैसे निकलते हैं प्रॉफिट और डिवाइडेड बाय नंबर ऑफ इक्विटी शेयर्स यहां पे 90 लाख की इक्विटी शेयर्स से मां लेते हैं एक शेर है ₹100 का तो 90 लाख डिवाइड बाय 100 यहां कितने शेयर्स हो गए 90000 थे तो यहां पर भी एक शेर मां लेते हैं ₹100 का था तो यहां पर भी कितना हो गया 60000 तो मतलब इस प्रॉफिट को 60000 से डिवाइड कर सॉरी इस प्रॉफिट को 90 हजार शेर से डिवाइड करेंगे और इस प्रॉफिट को 60000 शेर से डिवाइड करेंगे आप पता चलेगा की अर्निंग पर शेर कितना ए रहा है तो अर्निंग परसेंटेज निकलते हैं ₹940 तुम भी डिवाइड करो भैया मैं भी डिवाइड करता हूं बताओ कितना ए रहा है कितना कितना ए रहा है और तो इस कैसे में ए रहा है 940000 / 90000 दिस इस कमिंग तू बी 10.44 ठीक है भैया आगे आते हैं 680000 / 60000 दिस इस कमिंग तू बी 11.33 तो यहां से क्लियर विनर क्या है की अगर आपने बी ऑप्शन से पैसे रेज किया होते तो ज्यादा प्रॉफिटेबल होने के साथ-साथ ज्यादा कमाई करते इसलिए पैसा रेस करना इस कंपनी के लिए बी वाला ऑप्शन ज्यादा अच्छा है इस तरह से अगर आपको ये सब करने में मजा ए रहा है तो फ्यूचर में च का कोर्स करें का का कोर्स करें बड़े हेल्प मिलने वाली है आपको ठीक है बात समझ में आया फाइनेंशियल लेवरेज और इस सब तरह की पढ़ाई करने में शेर मार्केट की फील्ड्स में जाइए तोड़ मचा देंगे अगर आपको मजा ए रहा है तो ठीक है ट्रेडिंग ऑन इक्विटी क्या होता है ये क्लियर हो गया चलो बस अगले पॉइंट पर आते हैं और अगला पॉइंट क्या है हमारा एक्सरसाइज ऑफ कंट्रोल अब तुम्हें पता है यहां से एक बात बिल्कुल क्लीयरली की कंट्रोल किसके हाथ में होता है ईकोरि शेर होल्डर के हाथ में तो अगर कोई कंपनी ये चाहती है की मुझे स्ट्रिक्ट कंट्रोल रखना है स्ट्रिक्ट कंट्रोल अपने हाथों में चाहिए वो क्या करेगा वो देबेंचर्स या लोन के थ्रू पैसा रेस करेगा और एक विशेष या ऑनर्स फंड कम उसे करेगा ऑनर्स फंड का उसे करेगा और ऑन डी कॉन्ट्रैक्ट एक कंपनी चाहती की नहीं मुझे स्ट्रेट कंट्रोल नहीं चाहिए लॉस कंट्रोल चाहिए मेरे लिए कंट्रोल की दिक्कत नहीं है तो वह ज्यादा से ज्यादा पैसा कहां से लेकर आएगा शेर कैपिटल से और कम पैसा कहां से लगा लोन से तो एक डिपेंड तू फ्रॉम कंपनी तू कंपनी की उसको कैसा कंट्रोल चाहिए ज्यादा कंट्रोल स्टेट कंट्रोल साड़ी मुझे अपने हाथ में अपनी साड़ी कंपनी को रखना है तो मैं कम इक्वाइलोस इशू करूंगा ज्यादा लोन ले लूंगा ठीक है बात समझ में ए रही है एकदम दिल और दिमाग से कनेक्ट हो रही है ना बातें आगे बढ़ते हैं अगले पॉइंट पर आते हैं नीड पर फ्लैक्सिबिलिटी फ्लैक्सिबिलिटी का मतलब होता है जब चाहे जिसके पैसे उठाकर वापस कर दो हमारा बिजनेस में भैया आज हमारा दूर खराब है हमने लोन ले लिया कल को दो और हमारा सही हो जाएगा हम आपका लोन वापस कर देंगे फ्लैक्सिबिलिटी वो चीज होती है अब तुम समझो अगर किसी कंपनी को फ्लैक्सिबिलिटी पसंद है तो वो लोन के थ्रू पैसा लगी इक्विटी शेयर्स के थ्रू पैसा नहीं लगी ऐसा क्यों इक्विटी शेयर्स को जिंदगी भर आप कभी पैसा वापस नहीं कर सकते बिकॉज़ वो ऑनर्स ऑफ कंपनी होते हैं ऑन डी कंट्रीज जब हम लोन से पैसा लेते हैं देबेंचर्स के थ्रू पैसा लेते हैं तब हम उनका पैसा कभी भी वापस कर सकते हैं क्लियर है की नहीं क्लियर है तो फ्लैक्सिबिलिटी समझ में ए रही है किसकी कंपनी को ज्यादा फ्लैक्सिबिलिटी चाहिए तो पैसा लोन देबेंचर्स के थ्रू रेस करो बिकॉज़ जब हमको उनकी नीड नहीं होगी तो हम पैसा राउंड उठाके उनका वापस कर देंगे क्लियर है की नहीं क्लियर चलो भैया अगला पॉइंट पर आते हैं नेचर ऑफ बिजनेस अगले पॉइंट पर ए रहे हैं नेचर ऑफ बिजनेस नेचर ऑफ बिजनेस का मतलब अभी मैंने एग्जांपल लिया था ओबीसी और टाटा का अगर किसी का बिजनेस में रेगुलर लर्निंग होती है रेगुलर तो वो पैसा लोन से लेट है और अगर इन इनकम आपकी इरेगुलर है तो आप क्या उसे करोगे ऑनर्स फंड बात समझ में ए रही है की नहीं ए रही है रेगुलर कोर्स ऑफ इनकम के लिए लोन ले लो इंटरेस्ट चुकाने में आसानी मिलेगी लेकिन रेगुलर फंड्स हैं तो आप फर्स्ट जाओगे वहां पर आपको शेयर्स का और रिटेनिंग का ही इस्तेमाल करना चाहिए आगे बढ़ते हैं अगले पर आते हैं कॉस्ट ऑफ फाइनेंसिंग कॉस्ट ऑफ फाइनेंसिंग का मतलब क्या होता है किसी भी सोर्स से पैसा उठाने के लिए कुछ खर्चा लगता है ठीक है ना तो वो सोर्स शूज करें जिसमें सबसे कम घर चला रहा है ठीक है ना सबसे कम आपको वापस करना पड़ेगा क्लियर है कॉस्ट ऑफ फाइनेंशियल यहां पे सबसे सस्ती हो मतलब मां लेते हैं अभी हमने लिया ना ए ऑप्शन बी ऑप्शन तो हमको ग रहा है की यार बी ऑप्शन था क्योंकि वहां पर कॉस्ट ऑफ फाइनेंसिंग कम थी क्लियर है किसी सोर्स में कॉस्ट ऑफ फाइनेंसिंग ज्यादा हो शक्ति है तो वो ऑप्शन हमको नहीं कंसीडर करना है आगे बढ़ते हैं पीरियड और परपज ऑफ बिजनेस अगर हमें पैसा चाहिए लॉन्ग टर्म के लिए हमको पैसा कभी वापस करना ही ना पड़े लॉन्ग टर्म के लिए पैसा चाहिए तो हमेशा शेयर्स ऑनर्स लेकिन हमको लगता है की हमें शॉर्ट टर्म सोर्सेस के लिए पैसा चाहिए दो कर साल के लिए पैसा मिल जाए बाकी वापस कर देंगे तो वहां पर क्या चाहिए होगा लोन लेना है तो लॉन्ग टर्म के लिए शेर कैपिटल शॉर्ट टर्म के लिए लोन कैपिटल सॉरी लोन सोर्सेस लेने पढ़ेंगे आपको क्लियर है समझ में ए गया आगे बढ़ते हैं अब कैपिटल मार्केट कंडीशंस का मतलब क्या है की मार्केट में कौन सी कंडीशन चली मां लो बम चल रहा है तो बहुत सारे इन्वेस्टर इक्वली शेयर्स में इन्वेस्ट करने के लिए तैयार हो जाते हैं ठीक है लेकिन अगर रिसेप्शन है जैसे इस समय मार्केट में लोग पैसा लगाएंगे तैयारी नहीं है रजिस्ट्रेशन है रिसेशन के समय क्या होता है लोगों को रेगुलर सोर्सेस ऑफ इनकम चाहिए होती है इसलिए देबेंचर्स और लोन पर वो इन्वेस्ट करते हैं ना तो कैपिटल मार्केट कंडीशन समझ में ए रही है बम के समय बहुत सारे इन्वेस्टर सीक्वेंस में इन्वेस्ट करेंगे रजिस्ट्रेशन के समय बहुत सारे इन्वेस्टर्स लोन पर इस्तेमाल इन्वेस्ट करेंगे या एन देबेंचर्स पर इन्वेस्ट करते हैं अब इतने सारे प्वाइंट्स मैंने आपको बता दिए हैं कोई भी छह पॉइंट प्रिपेयर कर लो तुम्हारा कम बन जान वाला है तो आज का वीडियो मैं यहां पर कनक्लूड करूंगा इतना पढ़ लो इसके बाद हम अगले वीडियो में चैप्टर को खत्म करने वाले हैं तीन वीडियो आएंगे बेटा इस चैप्टर के सो डेट आप आराम से यह चैप्टर धीरे-धीरे मेरे साथ पढ़ने चलो जिसमें कॉन्सेप्ट थ्योरी और नोट्स का कांबिनेशन के साथ मैं आपको पढ़ा रहा हूं कॉन्सेप्ट थ्योरी क्लास के अंदर और नोट्स के लिए आपको क्या करना है आप डाउनलोड करना है भाई जो और फटाफट से इंजॉय करो तेल डी कप स्माइलिंग और कप लर्निंग मिलते हैं बहुत जल्दी अपने नेक्स्ट वीडियो को साथ तुम्हारा बस एक छोटा सा कम है की ये वीडियो अपने टीचर्स और अपने क्लास में और अपने ट्यूशन में भी शेर करना है बाय