मुख्य रूप से चर्चा होती है जिनके बारे में हम सबसे ज्यादा चर्चा कर उनमें से एक भाव बारवा भाव भी है थ हाउस और थ हाउस को इंपॉर्टेंस हम इसलिए भी देते हैं कि वैसे तो इसको त्रिक हाउस में लिया गया है जैसे 6 आ 12 को हम लेते लेकिन बवे भाव की विशेषता कई कारणों से बहुत बढ़ जाती है और उसका सबसे बड़ा कारण यह है क्योंकि प्रथम भाव से हमारे जीवन की शुरुआत होती है फर्स्ट हाउस हम है सेल्फ है हमारा अपना हमारे अपना व्यक्तित्व है सभी विषय वस्तुओं को भोग कर जब व्यक्ति अंत में किसी चीज की कामना करता है तो वह है मुक्ति या जिसको हम लिबरेशन कहते हैं लेकिन जब कभी हम बवे घर को समझने चलते हैं तो अगर हम इस विषय को या इस शब्द को इस रूप से ले कि मुक्ति तो हमें ऐसा प्रतीत होगा कि हम उस मुक्ति की बात कर रहे जो हमें अपने जन्म के बिल्कुल आखिरी पड़ाव पर जाकर मिलेगी जब हम अपने पूर्ण कर्मों को कर लेंगे लेकिन अगर इसके बहुत ही सूक्ष्म पहलू को समझा जाए इस बवे घर के सूक्ष्म पहलू को समझा जाए तो मुक्ति कोई विषय नहीं है मुक्ति का अर्थ है कि हम जो भी कार्य कर रहे हैं जो भी कर्म हम कर रहे हैं जो भी जीवन हम जी रहे हैं उस जीवन में हमारे ऊपर किसी प्रकार का बंधन नहीं है इसलिए जब गीता में बात आती है गीता में श्लोक आता है कर्मन वाधिकारस्ते मा फलेशु कदाच उसमें जो बात कही गई है वह भी मुक्ति के संदर्भ में ही कही गई है कि अगर हम कोई कार्य करने चलते हैं और उस कार्य से हम किसी तरह की अपेक्षा आशाए नहीं बांधते तो इसका मतलब हम वह कार्य जो है वह मुक्त रूप स से करते हैं यानी कि हम बंधे नहीं होते उस कार्य से तो अगर हम किसी भी टास्क को पूरा करने चलेंगे और उस टास्क से पहले कुछ एक जो इच्छाएं हैं हमारी जागृत हो जाए कि भाई हम यह चीज करने जा रहे हैं तो इसका रिजल्टेंट हमें यह मिलेगा तो इसका अर्थ यह है कि हम मुक्ति को डोमेन रखकर कार्य नहीं कर रहे हम इच्छाओं को डोमेन रख के कार्य कर रहे हैं इस लास्ट टाइम जब हमने 11थ हाउस की बात करी थी हमने 11थ हाउस को क्या कहा था 11थ हाउस सिर्फ इच्छाएं नहीं है 11थ हाउस बंधन भी है और जब तक हम उस बंधन से बाहर नहीं आ जाते तब तक हम मुक्ति के बारे में विचार भी नहीं कर सकते इसलिए बारवा घर जो है ना ये उस मुक्ति के बारे में बात करता है जो हमें तब प्राप्त होती है जब हम किसी विषय वस्तु से किसी प्रकार की अपेक्षाएं इच्छाएं जो है व नहीं बांधते तो इसलिए वह बारवा भाव है आमतौर पर देखा होगा कि हमें यह कहा जाता है कि बवे घर के अंदर जो ग्रह जाता है यानी कि बवे घर में जो भी प्लेनेट जाएगा उस प्लेनेट को लेकर हमारा व्यय होगा यानी कि हम उस ग्रह को लेकर खर्चा करेंगे जैसे मान लीजिए सेकंड किसी काथ में चला गया क्योंकि सेकंड हाउस किस चीज को लेकर चल रहा है धन को लेकर चल रहा है अब धन भाव का स्वामी जो है वो थ हाउस में चला गया तो हम क्या कहेंगे इस व्यक्ति का जो व्यय है इसका जो एक्सपेंडिचर है खर्चा है वो फैमिली पर होगा खाने पने पर होगा ठीक है लेकिन अब इसके बहुत ही आप सूक्ष्म पहलू पर अगर जाओ आप इसके बारे में अगर बहुत सूक्ष्मता से विचार करो तो आपको समझ में आएगा कि दूसरा घर किस चीज का है दूसरा घर तो हमारी अपब्रिंगिंग का भी है हमारे संस्कारों का भी है जो बचपन में हमें जब हम हा जो हमें अपनी फैमिली से प्राप्त होते हैं तो हम यह भी कह सकते हैं कि इस व्यक्ति को बचपन में कुछ ऐसे संस्कार मिलेंगे कुछ इसकी अपब्रिंगिंग होगी जिस अपब्रिंगिंग के चलते यह व्यक्ति बहुत ज्यादा इच्छाएं नहीं रखेगा इसका अर्थ यह है कि इस व्यक्ति की मुक्ति का कारण कौन बनेगा इस व्यक्ति की मुक्ति का कारण इसके संस्कार बनेंगे जो इसको बचपन में मिले लेकिन आज के संदर्भ में अगर कोई व्यक्ति यह कहे किसी का सेकंड ल धन भाव स्वामी थ हाउस में चला जाए तो इसका अर्थ क्या है अब इसका अर्थ बड़ा श्रेष्ठ है आमतौर पर यह कंडीशन क्या खाती है हम इसको किस रूप में पढ़ते हैं आप किसी भी बुक के अंदर देखोगे या किसी को भी इसको बताते हुए देखोगे तो आपको यह सुनने को मिलेगा कि यह व्यक्ति अपना जो धना आर्जन करेगा व विदेश से करेगा विदेशी विषय वस्तुओं से करेगा या विदेशी कंपनी के अंदर कार्य करके करेगा विदेश से जुड़कर करेगा लेकिन अगर इसके आध्यात्मिक पहलू पर विचार करें तो हम यह कह सकते हैं कि यह व्यक्ति जितना धनी होगा जितना इस व्यक्ति के पास बढ़ेगा उतनी ही इस व्यक्ति के अंदर विरक्ति की भावना भी बढ़ जाएगी इसका मतलब क्या है कि जो लोग यह सोचते हैं कि क्या धन और अध्यात्म यह आपस में जुड़े नहीं हो सकते क्योंकि धन को हर व्यक्ति भौतिक मानता है धन भौतिक है धन तो मैटेरियलिस्टिक है बट ऐसा नहीं है धन भी आपको अध्यात्म दे सकता है धन भी आपके अंदर विरक्ति की भावना ला सकता है और खासकर तब जब आपका सेकंड लॉर्ड दूसरे घर का स्वामी थ हाउस में बैठे तो ऐसे व्यक्ति के पास जैसे जैसे धन की मात्रा बढ़ेगी वैसे वैसे इस व्यक्ति के अंदर त्याग की भावना बढ़ जाएगी तो इसके अंदर व जो इच्छाएं जो थी पहले कि मेरे पास यह होना चाहिए वो होना चाहिए वह धन की अधिकता के साथ कम होता चला जाएगा तो यहां आप यह नहीं कह सकते कि धन अध्यात्म नहीं दे सकता धन भी व्यक्ति के अध्यात्म का बहुत बड़ा कारण बन सकता है इसलिए बवे घर को जब हम चैरिटी के रूप में दो जोड़ के देखते हैं तो चैरिटी से हमें क्या पता चलता है कि यह व्यक्ति जिसका सेकंड लॉ 12थ हाउस में है इसको चैरिटी के रूप में भी अपने धन का उपयोग करना चाहिए मतलब अगर किसी व्यक्ति को धन की आवश्यकता है तो यह चैरिटी के रूप में इस धन को दे दे तो इसका धन निरंतर बढ़ेगा घटेगा नहीं इसलिए 12थ हाउस में सबसे बड़ा जो एक गलतफहमी व्यक्ति पाल लेता है अपने अंदर वो क्या पाल लेता है कि 12थ हाउस में जो प् चला गया वो प्लेनेट वीक पड़ गया जबकि यह गलत है आपको यह सोचना है कि ईश्वर ने आपको क्या कहा है कि इस प्लेनेट को लेकर आप खर्च करोगे ना इस ग्रह को लेकर आप खर्च करोगे फॉर एग्जांपल मान लीजिए वीनस किसी का थ हाउस में शुक्र किसी का ब घर में है तो व्यक्ति किस चीज को लेकर पैसा खर्च सकता है लगजरी को लेकर कंफर्ट को लेकर अब सोचने वाली बात यह है कि अगर ऐसे व्यक्ति को लग्जरी या कंफर्ट पर पैसा खर्च ना पड़े तो व कब खर्च पाएगा जब उसके पास वो पैसा होगा तभी खर्च पाएगा ना इसका अर्थ क्या है कि 12थ हाउस में जब कोई प्लेनेट जाता है तो वो प्लेनेट के सिग्निफिकेंट आपके अंदर ऑलरेडी मौजूद है लेकिन उस अधिकता को प्राप्त करने के लिए उस अधिकता को अनुभव करने के लिए आपको उसको आगे देना पड़ेगा तभी आप उस ग्रह को ग्रहण कर पाएंगे जैसे फॉर एग्जांपल किसी का फिफ्थ लॉ 12थ हाउस में चला गया तो पंच मेश का द्वादश भाव में जाना कैसा है इसका मतलब क्या है कि इस व्यक्ति को व्यय किस चीज का करना है इस व्यक्ति को व व्य करना है अपने ज्ञान का जो ज्ञान इसने ग्रहण किया है तो अगर मान लो मेरा पंचमेश बवे घर में गया है और मैंने कोई ज्ञान ग्रहण किया लेकिन उस ज्ञान को मैंने आगे नहीं उसको दिया तो इसका अर्थ क्या है कि मैंने उसको उस ज्ञान को मुक्त नहीं किया बवे घर में जो ग्रह जाता है उस की अधिकता प्राप्त करने के लिए उस ग्रह की संपूर्णता प्राप्त करने के लिए आपको उस ग्रह को मुक्त करना पड़ेगा तभी उस ग्रह को संपूर्ण रूप से आप प्राप्त कर पाओगे तो पंचमेश का द्वादश भाव में जाने का अर्थ यही है कि आपको जो ज्ञान मिला है उस ज्ञान को जब आप आगे एक मुक्ति के भाव से जब आगे दे दोगे तो यह ज्ञान और सूक्ष्म रूप से आपके अंदर जो है वो समाहित हो जाएगा और ज्योतिष शास्त्र में यह भी लिखा हुआ है कि बारवा घर आपके हिडन टैलेंट का होता है अब हिडन टैलेंट का मतलब क्या है टैलेंट तो हम पंचम भाव से देखते हैं पंचम भाव टैलेंट है ना अब सोचने वाली बात है मैं बहुत बड़ा पहलू तुम्हें बवे घर का बताऊंगा पंचम भाव हमारे टैलेंट का है क्यों क्योंकि पंचम भाव से हम हर प्रकार का अध्ययन करते हैं हर प्रकार की हर प्रकार का ज्ञान जो है व हम पंचम भाव के द्वारा लेते हैं अब वो हिडन टैलेंट क्यों हो गया हिडन कौन सा हाउस है अष्टम भाव है अब यदि हम विचार करें तो जो विद्या हमने ग्रहण करी पंचम भाव से उसका हिडन एस्पेक्ट कौन सा घर हो गया पांचवे से आठवा घर कौन सा है बारवा घर है इसलिए बारवा घर आपकी सबकॉन्शियस लर्निंग है यानी कि जिस लर्निंग को आपका सबकॉन्शियस करे वो आपका बारवा भाव इसलिए हिडन टैलेंट का मतलब क्या होता है कि वो टैलेंट जिसको आपने जिसको आपने भौतिक रूप से कहीं पढ़ा नहीं है कहीं आपने उसकी विद्या ग्रहण नहीं की लेकिन स्टिल वो आपके अंदर है वो वो आपके अंदर है इसलिए होता क्या है कि जब किसी व्यक्ति के बवे घर के स्वामी की दशा चलती है यानी कि 12थ लॉर्ड की दशा चली और 12थ लॉर्ड की दशा चली और या 12थ हाउस में बैठे हुए प्लेनेट की दशा चली दोनों कंडीशन है थ लॉर्ड की दशा चलना या 12थ हाउस में बैठे प्लेनेट की दशा चलना इन दोनों ही केसेस में यह बहुत हद तक संभव है कि वो आपका हिडन टैलेंट निकल के आ जाए वो हिडन टैलेंट जो है जो आपके भीतर था वो बाहर आ जाए ऐसा बहुत हद तक संभव है इसलिए थ लॉर्ड के समय में या थ हा लोग पिछले जन्म से भी को रिलेट करते हैं यानी कि बारवा घर आपकी पास्ट लाइफ भी है अब इसको यदि हम अपने लिमिटेड नॉलेज के अकॉर्डिंग समझने का प्रयास करें कि क्यों बवे घर को पिछला जन्म कहा है तो हमें उसका एक उत्तर जो है वो इस लिहाज से मिलेगा कि पंचम भाव किस चीज का है पंचम भाव हमारे जन्म जन्मांतर की यात्रा है किसकी हमारे चित्त की हमारे चित्त में क्या समाया है और कब से समाया है जो जन्मो जन्म से समाया है अब एक तो वो है जो हमारे चित्त में साफसाफ विराजमान है कि देखो इसकी इस व्यक्ति के चित् में प्रेम समाया है या इस व्यक्ति के चित्त में शांति समाई है एस पर द सिग्निफिकेंट लेकिन चि का भी के अंदर क्या मौजूद है तो हमें पांचवे घर से आठवा घर ढूंढना पड़ेगा बिकॉज आठवा घर जो है वो गहराई है तो अगर पहला भाव हम है और आठवा घर हमारी गहराई है तो पंचम भाव यदि हमारा ज्ञान है तो बारवा भाव हमारे ज्ञान की गहराई है हमने जो ज्ञान ग्रहण किया उसके अंदर सूक्ष्मता कितनी है उसके अंदर गहराई कितनी है उसके अंदर डेप्थ कितनी है इसी कारण से बारवा घर भी जब हम रिसर्च करने जाते हैं जब हम इन्वेंशन करने जाते हैं जब हम किसी नई चीज को जन्म देने जाते हैं तो वहां बारवा घर भी हमारी उतनी ही सहायता करता है जितना पंचम भाव क्योंकि बारवा घर सबकॉन्शियस है एब्सलूट सबकॉन्शियस यह परम चेतना है हमारे और चेतन मन की तो इसलिए हम बवे घर को सिंपली यह कह दे कि यह नुकसान का है सिंपली यह कह दे डिसपिटर लड थ हाउस में होता है तो क्या रहता है जब चौथा घर द्वादश भाव में होगा तो इसका अर्थ क्या होगा इसका अर्थ यह होगा कि यह व्यक्ति अपने मन को स्थिर करके मुक्ति के मार्ग पर या मुक्ति की अवस्था को प्राप्त कर सकता है इसलिए अगर तुमसे कभी कोई कहे ना कि बारवा घर क्या है तो तुम्हें उसको यह नहीं कहना कि बारवा घर व्यय का है आपको कहना बारवा घर एब्सलूट फ्रीडम है बारवा घर स्वतंत्रता है इनफैक्ट गवा घर बंधन है क्योंकि इच्छाएं तुम्हें बांधें इच्छाएं तुम्हें टाइड रखेंगी आपका मन करेगा अरे यार वो व्यक्ति से मेरी मुलाकात हो जाए उस व्यक्ति से ये लाभ मुझे मिल जाए लेकिन बारवा घर किस चीज का बारवा घर देने का है बारवा घर कुछ प्राप्त करने का नहीं लेकिन अगर इसकी भौतिक अगर इसके भौतिक महत्व को समझो और आध्यात्मिक महत्व को समझो तो आपको एक अलग ही पिक्चर देखने को मिलेगी क्या अगर भौतिक महत्व को समझोगे तो भौतिक महत्व में आपको लगेगा कि बारवा घर हमसे कुछ लेने की बात कर रहा है हमसे कुछ लेने की बात कर रहा है क्या भाई आपसे पैसा भी ले सकता है आपसे और विषय वस्तु भी ले सकता है आपसे ज्ञान भी ले सकता है लेकिन अगर आप सोचे तो आध्यात्मिक रूप से बारवा घर आपको देने की बात करता है व आपसे लेने की बात नहीं करता और आध्यात्मिक रूप से बारवा घर आपको वोह देता है जो आपको कोई दूसरा घर नहीं दे सकता वह है आपकी स्वतंत्रता वह स्वतंत्रता जो आपको तब प्राप्त होती है जब आप किसी चीज के बंधन में नहीं बंधते आप किसी भी चीज से इच्छाओं को नहीं बांधते इसलिए जब दशम भाव का स्वामी भी 12थ में जाता है 10थ लॉर्ड जब 12थ में जाता है तो 10थ लॉर्ड के 12थ में जाने का अर्थ क्या है थ लॉर्ड के 12थ में जाने का अर्थ ठीक वही है जो अभी उस गीता के श्लोक से हमने समझा कि ऐसा व्यक्ति जिसका दशमेश 12थ में गया हो ऐसे व्यक्ति के प्रोफेशन में निरंतर बदलाव आते हैं चेंस आते हैं ऐसा व्यक्ति अपने प्रोफेशन में कई बार बहुत सारे डिसपिटर के कारण ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह व्यक्ति जब तक अपने कर्म को इच्छाओं से मुक्त होकर नहीं करेगा विषय वस्तुओं से मुक्त होकर नहीं करेगा तब तक यह अपने कर्म को पूर्ण रूप से करने में सामर्थ्य वान नहीं होगा इसलिए थ लॉर्ड 12थ हाउस में यही कहता है कि जब आप कोई भी कर्म करने चले तो उस कर्म को करने से पूर्व आप यह विचार करें कि इस कर्म से आप दूसरे को क्या देना चाह रहे प्रॉब्लम तब तक है जब तक आप अपना माइंड सेट यह रखोगे कि इस कर्म से मैं कुछ प्राप्त करने जा रहा हूं मुझे चाहिए क्योंकि बारवा घर चाहने का नहीं है बारवा घर चाहत को दूर करने का है तो अगर वह चाहत दूर होगी तो प्राप्ति स्वयं हो जाएगी तो सेकंड लड 12थ में हो तो आपको धन की इच्छा से दूर रहना है थ लड 12थ में हो तो आपको कर्म की उस इच्छा से दूर रहना है जो आप आपको किसी इच्छा में बांध रही है कि यार मैं ये अगर काम करूंगा तो मेरी प्रॉफिटेबिलिटी इतनी हो जाएगी तो जो भी प्लेनेट आपने इंप्रूव करना है चाहे वो फर्स्ट लॉर्ड हो चाहे वो सेकंड लॉर्ड हो चाहे वो फोर्थ लॉर्ड हो अब जैसे की मान लो चौथा घर है चौथा घर अब किसी का फोर्थ ल 12थ हाउस में चला गया ठीक है अब मन की स्थिरता कौन से घर से देखी जाती है मनसन सा भाव है फोर्थ हाउस मनसो हास को हम मन का लेते हैं फोर्थ लॉर्ड कहां चला गया 12थ हाउस में चला गया अब यदि आप किसी से कहो कि भाई तुम्हारा फोर्थ लड 12थ हाउस में है और वह व्यक्ति आपसे कह रहा है जी मैं बहुत डिस्टर्ब हूं मेरे को मान मानसिक शांति प्राप्त नहीं हो रही है मुझे कुछ भी ऐसा बताइए जो मैं अपने मनसंपल्ली मुझे तो यह चाहिए मुझे तो वो चाहिए तब तक आपको मानसिक शांति नहीं मिलेगी जिस दिन इस व्यक्ति के अंदर ऐसा भाव आ गया कि नहीं यह जीवन जो है इसमें मुझे देना भी है लोगों को मुझे जो चीजें मिली है जो मेरे पास एडेंस में है उनमें से कुछ चीजें ऐसी भी है जो मैं समाज को दूंगा मैं किसी ऐसे व्यक्तियों को दूंगा जिनको मुझसे भी ज्यादा इनकी जरूरत है तो इस व्यक्ति से सुखी व्यक्ति इस दुनिया में कोई नहीं होगा अब भौतिक रूप से हम क्या कहते हैं जब फोर्थ ल 12थ में होता है कि इस व्यक्ति को मानसिक शांति विदेश में मिलेगी या इस व्यक्ति की प्रॉपर्टी जो है वो विदेश में बनेगी तो ये तो वो डेफिनेशंस हो गई जो हमें हर जगह देखने को मिल जाएगी लेकिन अगर आध्यात्मिक रूप से किसी के जीवन में परिवर्तन लाना है तो में परिवर्तन लाने के लिए हमें उसे यही कहना पड़ेगा कि तुम्हें अपने हृदय को स्थिर करने के लिए अपने मनसो स्थिर करने के लिए मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए तुम्हें त्याग की भावना अपने मन में लानी पड़ेगी तभी तुम मानसिक शांति या मानसिक स्थिरता प्राप्त होगी अन्यथा नहीं ऐसे ही जब पंचमेश द्वादश भाव में जाता है तो यहां तुम्हारा ज्ञान तुम्हारी मुक्ति का कारण बन सकता है ज्ञान जो है मुक्ति का कारण बन सकता है देखो एक बात बड़ी इंपॉर्टेंट है के एक एक व्यक्ति वह है जिसका फिफ्थ लड थ में है एक व्यक्ति वो है जिसका फिफ्थ ल थ में अब अब भौतिक दृष्टिकोण से आप क्या कहोगे भौतिक दृष्टिकोण से आप यही कहोगे कि फिफ्थ लॉर्ड जिसका 11थ हाउस में है ना उसको प्लेसमेंट अच्छी मिली है क्योंकि वहां से वो 11थ हाउस से फिफ्थ को देख भी रहा है और उसको आप खराब कह दोगे जिसका फिफ्थ लॉट 12थ में है लेकिन सच पूछो अगर तो प्लेसमेंट फिफ्थ लॉर्ड इन 12थ वाले को ज्यादा अच्छी मिली क्यों क्योंकि फिफ्थ लॉर्ड जिसका 11थ में होगा इस व्यक्ति को जैसे ही ज्ञान मिलेगा या जैसे ही ये ज्ञान ग्रहण करेगा इसके ज्ञान की इच्छा जो है ना वो और प्रबल हो जाएगी जिका मन करेगा मैं और ज्ञान जो है वो प्राप्त कर लू मैं और जो है वो चीजें जान लू लेकिन ये जो फिफ्थ लॉड थ वाला है इसको अगर सही ज्ञान की प्राप्ति हो गई इसको अगर सही ज्ञान का अध्ययन इसने कर लिया तो एक क्षण इसके जीवन में ऐसा अवश्य आएगा जिस समय य ज्ञान को भी प्रणाम करके रख देगा और बोल देगा कि अब मुझे और ज्ञान की आवश्यकता नहीं है क्योंकि जिस भाव को लेकर या जिस कारण से ज्ञान ग्रहण करने चला था वो भाव मेरा हो गया है अब मैं अपने आप को मुक्त जो है वो कर रहा हूं वैसे फिफ्थ लॉ 12थ में क्या दिखाता है एक आम दृष्टिकोण से क्या दिखाता है बच्चे विदेश जाएंगे इस व्यक्ति की एजुकेशन जो है फॉरेन कंट्री में हो सकती है यह व्यक्ति एक डॉक्टर भी हो सकता है बिकॉज 12थ हाउस हॉस्पिटल है तो कोई ऐसी एजुकेशन जो हॉस्पिटल से जुड़ी हुई हो तो यह तो बहुत भौतिक चीजें है जो हमें हर जगह देखने को मिलती है लेट्स से किसी का छठे भाव का स्वामी 12थ में चला गया तो श का 12थ में जाना क्या कहलाता है वो यह कहलाता है कि बीमारियों पर खर्चा होगा बीमारियों पर खर्चा होगा और और क्या कहेगा और यह भी कह सकता है कि यह व्यक्ति नौकरी देश में कर सकता है छठा भाव नौकरी का है छठा भाव सेवा का है तो यह व्यक्ति अपनी सेवाएं विदेश में दे सकता है लेकिन अगर जीवन परिवर्तन के अनुसार बात करनी हो कि ऐसे व्यक्ति के जीवन परिवर्तन को करने के लिए हमें क्या करना है तो हमें यह देखना होगा कि छठा भाव किस चीज का है छ भाव सेवा है छठा भाव सेवा है निस्वार्थ सेवा है जिसमें हमारा कोई स्वार्थ नहीं है छठा भाव दुख दुख और पीड़ा भी है ठीक है इंटेंस पीड़ा नहीं है इंटेंस पीड़ा अष्टम है लेकिन दुखी लोगों का भी है अंडर प्रिविलेज लोगों का भी है जिसको शोषित समाज कहते हैं शोषित समाज आप कौन से घर से देखते हो छठे भाव से देखते हो जो अंडर प्रिविलेज लोग है तो इसका अर्थ यह है कि इस व्यक्ति को अपने जीवन में ऐसा कुछ करना पड़ेगा जो शोषित लोगों के लिए जो पीड़ित लोगों के लिए हो अगर यह उन लोगों के प्रति एक सेवा भाव रखकर कोई कार्य करेगा तो डेफिनेटली इसको मुक्ति का जो है वो मार्ग मिल जाएगा तो सिक्सथ लॉड इन 12थ इज अ ब्यूटीफुल प्लेसमेंट इफ यू वांट टू सर्व द सोसाइटी इस समाज की सेवा करने के लिए इससे अच्छी प्लेसमेंट आपको नहीं मिल सकती छठा लड बवे घर में है और अगर आपके अंदर सेवा भाव नहीं हुआ आपके अंदर वो चीज नहीं हुई इनफैक्ट आपके अंदर विरोध की भावना हुई आप लोगों का विरोध कर रहे हो तो यह क्या करेगा यह आपको नुकसान करवाएगा यह आपको मुक्ति के मार्ग पर ले जाने की बजाय यह आपको भटकाव दे देगा जीवन में क्योंकि बारवा भाव आपको मुक्त भी कर सकता है और 12वां भाव आपको भटकाव भी दे सकता है ये दोनों केसेस के अंदर आपको बहुत सजग रहना है कि मुझे भटकाव की तरफ जाना है या मुझे मुक्ति की तरफ जाना है तो यह छठे भाव की चीजें जो है वो निर्धारित करेंगी कि अगर आप छठे घर को बहुत अच्छे से लेकर चल रहे हैं तोय बहुत अच्छा है सप्तमेश जब द्वादश भाव में जाता है तो सप्तम भाव किस चीज का है ध्यान का है सप्तम भाव मेडिटेशन का है हम इसको क्या देखते हैं हम इसको बहुत भौतिक रूप से हम क्या कहते हैं मैरिज है बिजनेस पार्टनर है तो सप्तमेश जब द्वादश भाव में जाता है तो मैरिज के लिए बहुत अच्छी स्थिति नहीं है क्योंकि सप्तमेश का द्वादश भाव में जाना अपने पार्टनर से अलगाव कर सकता है कब कब अलगाव कर सकता है जब ये सप्तम भाव का स्वामी द्वादश में जाकर पीड़ित अवस्था में हो जाए तो पीड़ित अवस्था में बहुत ज्यादा अलगाव भी दे सकता है सेपरेट करवा सकता है पार्टनर्स को लेकिन हम यह भी कह सकते हैं कि इस व्यक्ति का जो पार्टनर होगा वह एक बहुत ही आध्यात्मिक व्यक्ति भी हो सकता है तो ऐसे में ऐसे में अगर हम इसका बहुत श्रेष्ठ उदाहरण ले जिसका सप्तमेश द्वादश भाव में गया हो तो हम ऐसे में यह कह सकते हैं कि इस व्यक्ति की आध्यात्मिक जागृति इस व्यक्ति की स्पिरिचुअल अवेयरनेस अपने विवाह के बाद बहुत बढ़ जाएगी यह भी हो सकता है अब स्पिरिचुअल अवेयरनेस व्यक्ति की कब बढ़ती है जब व्यक्ति को सर पर हथोड़े पड़ते हैं सर पर हथोड़े पड़ने का अर्थ क्या है कि उसको लाइफ में कोई ना कोई झटका मिले अब मान लो उसने बड़े मन से किसी से प्रेम किया हो प्रेम के बाद उस व्यक्ति से विवाह कर लिया हो अब जब विवाह किया तो विवाह के बाद कुछ और ही एक्सपीरियंस देखने को मिले तो अब जब वोह एक्सपीरियंस देखने को मिल गए पार्टनर छोड़ के चला गया अब जब कोई अपना जब जिसको आपने प्रेम किया हो जब कोई वो आपको जबो छोड़ के जाएगा तो आपके मुख से क्या बात निकलेगी आपके मुख से यही निकलेगा ना यार कोई किसी का नहीं होता आप यही कहोगे कि संसार में कोई किसी का नहीं है फिर वही गीता का श्लोक आएगा कि ना तो तुम किसी को ऑन करते हो ना तो तुम्हारा किसी पर अधिकार है ना किसी का तुम पर अधिकार है समझ रहे हो बात को तो यह बात तुम कब कहते हो यह बात तभी कहते हो जब कोई रिलेशन आपसे दूर चला जाता है तो सेवंथ लॉ 12थ हाउस में ऐसा कर सकता है आपके साथ जीवन में इसलिए इसलिए जब भी कोई बवे घर के अंदर प्लेनेट जाए तो यह समझना कि यह आपको लॉस क्यों दे रहा है यह लॉस क्यों दे रहा है इसको कोई अब मान लो मेरे कोई प्लेनेट 12थ हाउस में चला जाए और वो मुझे डिसपिटर है तो डिसपिटर रहा है क्या उसको मेरे से कोई ऐसी दुश्मनी है कि नहीं भाई इसको डिपॉट डिसपिटर है वो डिसपिटर है ताकि वो मुझे आध्यात्मिक दृष्टिकोण से यह बताने का प्रयास कर रहा है कि भाई जिस चीज के पीछे तुम भाग रहे हो उसके भौतिक दृष्टिकोण को ना देखकर उसके आध्यात्मिक दृष्टिकोण को देखोगे तो तुम्हें समझ में आएगा कि तुम कितने विशेष फल मैं तुम्हें देना चाहता हूं लेकिन तुम उसी तरफ जा रहे हो तो उसमें मैं कुछ नहीं कर सकता इसलिए कहीं ना कहीं नियति नियति ने क्या डिसाइड किया नियति ने यह डिसाइड किया है कि यह आदमी का यह प्लेनेट बव घर में जाकर इसको भटका भी सकता है और उसको मुक्त भी कर सकता है ये नियति ने डिसाइड किया है ये डेस्टिनी है आप जा नहीं सकते उससे बाहर लेकिन जो चॉइस है जो निर्णय है वह निर्णय नियति के नहीं निर्णय हमारे उस बवे घर में हम अपनी चेतना के अनुसार उस बवे घर में हम क्या करें हम बलिदान करें हम खर्च करें या हम उस ग्रह से अपेक्षा बांध ले ताकि वह ग्रह हमें और भटका है तो यह संपूर्ण रूप से हम पर निर्भर करता है इसलिए वो जो लाइन है मैं उसको बार-बार कहता हूं होत है वही जो राम रची राखा तो बात बिल्कुल सत्य है कि जो राम ने रचा हुआ है वही होगा उसके बाहर नहीं होगा लेकिन राम ने नियति जरूर रची है लेकिन नियति को लेकर जो आपके रिएक्शन है वो राम ने नहीं रचे नियति को लेकर जो रिएक्शन है वो नहीं रचे हैं भाई इसलिए आप कभी भी कोई चीज आपके साथ घटित होती है तो घटित होना आपकी उसमें नहीं था अधिकार नहीं था वोह आपके साथ घटित होनी थी वो हो गई लेकिन अब घटित होने के बाद आपने उससे क्या लर्निंग ली उसके बाद आपने क्या लाइफ से सीखा उसके बाद आपने अपनी चेतना को किस तरीके से इस्तेमाल किया किस तरीके से उसको प्रयोग में लाकर आपने जीवन को सुगम बनाया या नहीं बनाया किस दिशा में अपने जीवन को लेकर गए ये संपूर्ण रूप से आप पर निर्भर करता है इसी को हम फ्रीविल कहते हैं या पुरुषार्थ भी कहते हैं आदमी कहां पुरुष थ कर सकता है कहां नियति के हाथों वो बंधा हुआ है तो बारवा घर सिर्फ एक मात्र ऐसा घर है जो आपको संपूर्ण मुक्त होने का एक एहसास आपको करवा सकता है संपूर्ण मुक्ति का एहसास दे सकता है जैसे कहते है ना फ्रीडम यार एक एब्सलूट फ्रीडम इसलिए आप देखना कि जिन लोगों का बारवा घर बहुत अच्छा होता है ना बारवा घर अच्छा कब होगा जैसे मान लो किसी का लग्नेश बवे घर में चला गया पंचमेश बवे घर में चला गया नवमेश बवे घर में चला गया तो अच्छे अच्छे प्लेनेट बवे घर में चले गए अगर इस व्यक्ति को वास्तव में वास्तव में सुख की अनुभूति करनी है या एक फ्रीडम एंजॉय करना है तो वो फ्रीडम इसको एकांत में रहकर ही मिलेगा लोगों के बीच में रहकर नहीं मिलेगा अगर वोह लोगों के बीच में रहा तो फिर दोबारा से यही जो प्लेसमेंट है ये इसको भटकाव मिले जाए फ बारवा घर क्या कह रहा है बारवा घर कह रहा है यार दूर हो जाओ ना बारवा घर आपको इसलिए दूर नहीं करता बवे घर में हमें कौन-कौन सी चीजें देखने को मिलती है हॉस्पिटल जेल विदेश अगर सोच के देखो हॉस्पिटल विदेश या जेल अगर इसको अगर अपने मन से हम विचार करके देखें तो यह क्या है हॉस्पिटल जेल या विदेश ये क्या है अगर देखें एक स्थिति तो है और किसकी स्थिति है मनस्य की स्थिति है अगर एक व्यक्ति अपने आप को गेट में बंद कर ले घर के एक दरवाजे में बंद कर ले और 10 दिन उस घर से बाहर ना निकले उस दरवाजे से तो वो क्या है वो जेल ही तो है अगर एक व्यक्ति है अपने दरवाजे को बंद किया हुआ है परेशान है किसी से बात नहीं कर रहा है सब उससे कह रहे हैं भाई क्या हो गया हमें बता तो दो वो बेचारा पीड़ित अंदर पड़ा हुआ व हॉस्पिटल ही तो है एक व्यक्ति है जो किसी एक शहर के अंदर किसी ऐसी जगह पर चला गया जो बहुत ही अज्ञात है जहां लोग उसे जान नहीं पा रहे हैं लोग उससे मिल नहीं पा रहे हैं लोगों को ये नहीं पता वो किस जगह शिफ्ट हो गया है वो क्या है वो विदेश ही तो है तो ये जो जेल विदेश या हॉस्पिटल है ये सिर्फ हमारा एक मनस्की एक स्थिति है जिसको हम ला भी सकते हैं इसलिए जब फर्स्ट लॉड ल्थ हाउस में जाता है तो हम ये नहीं कहते कि ये आदमी हॉस्पिटलाइज हो जाएगा हम यह कह सकते हैं यह व्यक्ति अपने जीवन में एकांत का बहुत अच्छे से उपयोग कर सकता है यह स्वयं को जानने के लिए एकांत का उपयोग कर सकता है दैट इज द ब्यूटी ऑफ फर्स्ट लॉर्ड इन 12थ फिफ्थ लॉर्ड इन 12थ का अर्थ क्या है कि अगर इस व्यक्ति को ज्ञान प्राप्त करना है तो एकांत में रहकर ही ये ज्ञान प्राप्त कर पाएगा ये नहीं है इसने 10 12 लोग बिठा लिए ये उनसे बात कर रहा है वो इससे बात कर रहे हैं और यह सोच रहा है मुझे ज्ञान मिल जाएगा नहीं मिलेगा इसलिए आपको यह विचार करना है कि बव भाव से आपको चाहिए क्या तो 12वां भाव भी आपको हर चीज देगा अगर किसी का 11थ लॉर्ड 12थ हाउस में चला गया 11वें भाव का स्वामी 12थ में चला गया तो आप क्या व्यक्ति को ये कह दोगे तेरे जीवन में तेरी कोई इच्छा पूर्ण नहीं होगी क्योंकि तेरा गवे घर का स्वामी बवे में चला गया अवश्य होगी अवश्य होगी लेकिन वो इच्छा से वो इच्छा अगर इसने रख ली तो फिर इसको उस इच्छा का त्याग करना पड़ेगा मेरा मन हुआ कि मैं मैं वहां पर मेरा घर बन जाए अब यह मेरे मन में एक इच्छा आ गई ना कि वहां घर बन जाए बस आ गई कोई बात नहीं अब मैं इसका त्याग कर दूं अब मैं इसका त्याग कर दूं अब मैं इससे बंधू ना कि वहां पर मेरा घर बनेगा तो मेरे जीवन में कुछ श्रेष्ठ होगा अगर यह मैं किसी तरीके से कर पाया तो यही थ ल 12थ हाउस में घर बनवा देगा अगर किसी का सेवंथ ल 12थ हाउस में आपकी इच्छा है मेरा विवाह इस व्यक्ति से हो तो जब तक आपका विवाह नहीं होगा उस व्यक्ति से जब तक आपने वो इच्छा उससे बांध रखी है जिस दिन आप उस इच्छा से दूर हो गए यह नियति ही आपको कुछ ना कुछ उस मार्ग पर ले जाएगी कि आपका विवाह उस व्यक्ति से संभव हो थ ल 12थ हाउस में जब तक आप यह सोचोगे कि लोग मुझे रिकॉग्नाइज करें लोग मुझे जाने लोग मेरे काम को पहचाने कि मैं कौन हूं मैंने कितनी मेहनत करी है यह उस दिन तक संभव नहीं होगा जिस दिन तक वो इच्छा जानने की या लोगों के अंदर अपनी बात को लाने की कि हां भाई लोग आपको जान जाए जब तक आपके भीतर है तो आपको उस इच्छा से दूर होना पड़ेगा उस इच्छा से जैसे ही दूर होगे आपके काम के अंदर भी स्थिरता आ जाएगी इसलिए जब किसी की 12थ लॉर्ड की दशा चलती है बवे घर के स्वामी की दशा चलती है या 12वें घर में बैठे प्लेनेट की दशा चलती है तो आमतौर पर सबको डरा दिया जाता है देखो तुम्हारे लॉसेस होंगे देखो तुम जेल जा सकते हो तुम यह हो सकते हो तुम वो हो सकते हो और आदमी जो है वह डर के मारे जो है व उल्टी सीधी चीजें पढ़नी शुरू कर देता है उसको लगता है कि भाई मैं आइसोलेशन में चला जाऊंगा मैं मैं डिप्रेशन में चला जाऊंगा मेरे साथ कुछ अच्छा होने वाला है नहीं अब सारी चीजें मेरे साथ गलत ही होंगी यहां व्यक्ति को यह जानना बहुत जरूरी है कि बारवा घर आपके जीवन का श्रेष्ठ समय हो सकता है यदि आप जीवन में कभी आध्यात्मिक चेतना जागृत हुई हो तब इसलिए वो लोग वो लोग जो किसी आध्यात्मिक योग के साथ जन्म लेते हैं जन्म कुंडली में अगर किसी के कोई आध्यात्मिक योग बना हुआ है और उस व्यक्ति को बवे घर के स्वामी की दशा आ तो यही दशा उसको उसके लाइफ के पिनेकल पर ले जाएगी श्रेष्ठ शिखर पर ले जाए इसलिए बवे घर के स्वामी की दशा में भी आप लोगों को बहुत श्रेष्ठ ऊंचाइयां जो है वो प्राप्त करते हुए देखो लेकिन लेकिन जितने भी लोग होंगे जिन्होंने बव घर के स्वामी की दशा में वो ऊंचाई प्राप्त की होगी उन सबके अंदर आपको एक भाव जो है एक इंटेंट जो है ना वो एक जैसा देखने को मिलेगा क्या कि उन्होंने भले वो बवे घर के स्वामी की दशा में ऊंचाई प्राप्त की हो लेकिन वो उसके पीछे भागे नहीं होंगे वो वो उन्होंने कोई प्लान तरीके से उसको नहीं किया होगा कि जैसे होता है ना कि यार हम प्लान करें क् बवे घर के अंदर प्लानिंग आप कर ही नहीं सकते प्लानिंग क्या है प्लानिंग तो मतलब ऐसा है कि हम कुछ ऐसा बांध रहे हैं कि हम देखो ऐसा करेंगे हम वैसा करेंगे और यकीन मानना जब ये चार हाउसेस स्पेशली जब ये तीन हाउस ऑपरेट करते हैं चौथा घर आठवा घर 12वां घर आदमी को जीवन में समझ में आ जाता है कि प्लानिंग जैसी कोई चीज एजिस्ट नहीं करती जो लोग यह कहते हैं ना कि अरे यार लाइफ शुड प्लान ये 30 में हम यहां होंगे 40 में हम यहां होंगे 50 में हम सीईओ बन जाएंगे 70 में हमारी यह कंडीशन होगी ये सब बेकार की बातें हैं बेसलेस अगर आपकी दशा वो चल रही है जो आपकी प्लानिंग को फलीभूत कर सके ओनली देन यू विल बी एबल टू एग्जीक्यूट योर प्लानिंग बट व्हेन यू आर इन द डोमेन ऑफ 159 और 4812 देयर इज नथिंग कॉल्ड प्लानिंग प्लानिंग से कुछ नहीं होगा कुछ भी नहीं होगा आपका जो जीवन है वो ईश्वर चलाएगा ईश्वर के अनुसार चीजें घटित होंगी उसी के अनुसार आपको चलना पड़ेगा तो ये जो प्लानिंग शब्द होता है ये 12थ हाउस में एजिस्ट नहीं करता है 12थ हाउस में एजिस्ट सिर्फ एक चीज करती है आप क्या छोड़ सकते हो आप क्या दे सकते आप किन चीजों को अपने से दूर कर सकते हो ट इज द ब्यूटी ऑफ द मोस्ट ब्यूटीफुल हाउस इन एस्ट्रोलॉजी इस और जब मैंने कभी अपने जीवन में जब थ हाउस के फेक्ट देखे थे तो ऐसा नहीं है के यह सिंपली आपको बहुत अच्छा फील करा देगा यह डायरेक्टली आप सोचो डायरेक्टली आपको ऐसा फील होगा नहीं आई एम फ्री आईम हैविंग एब्सलूट फ्रीडम या वो वाली बात अचानक से नहीं होगी य कुछ चीजें आपसे इट विल टेक अवे समथिंग फ्रॉम यू एक बार आप छटपटा होगे क्योंकि आपको यह लगेगा यार यह तो मेरी थी यह मुझसे दूर क्यों हो गई बट जब अंततः आपको समझ में आएगा तो यही समझ में आएगा कि अगर यह चीज या यह विषय या यह वस्तु आपसे दूर नहीं जाती तब तक आपको स्वतंत्र होने का एहसास कभी नहीं हो सकता तो कई दफा कोई चीज आपसे दूर इसीलिए जाती है ताकि आपको स्वतंत्रता मिल सके अब यह बात उन लोगों को बहुत अच्छी समझ में आएगी जो लोग कभी-कभी ना किसी रिलेशन में होते हैं उस उस रिलेशन को उन्होंने बहुत दिया होता है बहुत दिया होता है अपने मन से बहुत किया होता है मेरे पास जब प्रश्न आते थे ना ऐसे तो मुझे बहुत हेल्प मिलती थी और मैं बवे घर के द्वारा ही समझाया लोग तो जब बवे घर का प्रश्न आता था और मुझसे कोई रोकर यह कह रहा है कि जी हमने उस रिलेशन के लिए बहुत किया हमने उस रिलेशन में अपना सब कुछ दे दिया तन भी दिया मन भी दिया धन भी दिया तब भी वो व्यक्ति हमें छोड़ के चला गया अब बताइए हम क्या करें हमारे लिए तो मरने के सिवा दूसरा कोई ऑप्शन ही नहीं है तो सामने वाले से ऐसे में एक प्रश्न करो कि जब तुमने तन दिया मन दिया धन दिया तुमने किस व्यक्ति को दिया एक व्यक्ति को दिया इसका मतलब तुमने तो अपनी सारी चीजें एक व्यक्ति के लिए बांध ली थी तुम तो सांस भी उसके लिए ले रहे हो तुम तो रो भी उसके लिए रहे हो तुम हंस भी उसके लिए रह रहे रहे हो तो मुझे बताओ कि जब तुम एक व्यक्ति के लिए ऐसा कर रहे हो तो तुम वहां पर स्वतंत्र हो कि बंधे हुए हो यू आर टाइड इन दैट और यू आर फ्री अब उसके पास उसका आंसर नहीं है उसका आंसर नहीं है हालांकि अगर कोई व्यक्ति सजग होगा अवेयर होगा तो उसका उत्तर देगा वह कहेगा कि हां टाइड तो था बंधा हुआ तो था क्योंकि और कुछ सोच ही नहीं आती थी दिमाग में बस ये आती थी जो करना है इसके लिए करना है हसना इसके लिए हंसना है रोना इसके लिए रोना है लेकिन अब वो व्यक्ति जब वहां नहीं है तो व्यक्ति जिस मर्जी के लिए हंस सकता है जिस मर्जी के लिए रो सकता है जिस मर्जी के लिए अपने धन को खर्च सकता है तन को मन को कहीं भी लगा सकता है वो टाइड नहीं है वो टाइड नहीं है इसलिए इसलिए एक एक एक लेमन क्या कहेगा लेमन कहेगा बवे घर ने उस व्यक्ति को इससे दूर कर दिया लेकिन एक जागृत व्यक्ति क्या कहेगा अरे बव घर ने दूर नहीं किया 12वें घर ने तुझे मुक्त कर दिया क्योंकि तू एक बंधन में बंधा हुआ तो जब कोई रिश्ता तुमसे दूर जा रहा है कोई विषय तुमसे दूर जा रहा है कोई वस्तु तुमसे दूर जा रही है तो उस विषय का उस वस्तु का दूर जाने का अर्थ यही है कि कहीं ना कहीं ईश्वर भी चाहता है कि तुम मुक्त फील करो वह भी चाहता है कि तुम स्वतंत्र रूप से अपना जीवन जि वही बारवा घर है और जिसने इस भाव को अपने अंदर धारण कर लिया कि बवे घर का अर्थ नुकसान नहीं है घर का अर्थ व्यय नहीं है बवे घर का अर्थ है एक स्वतंत्र जीवन जीना इसलिए जो लोग यह कहते हैं ना कि बारवा घर उस मुक्ति से जो है संबंध रखता है जो मर्नो प्रांत व्यक्ति को मिलती है मरने के बाद मिलती है तो वो संपूर्ण मूर्खता है श्रेष्ठ मूर्खता क्यों क्योंकि मुक्ति का एहसास व्यक्ति को जीते जी भी हो सकता है जिस मुक्ति को आप सोच रहे हो ना किय मेरे को मरने के बाद ये मुक्ति मिल जाए वो मुक्ति मुक्ति आप जीते जी भी उसको महसूस कर सकते हो पा सकते हो प्राप्त कर सकते हो क्योंकि जिस दिन आपके मन से वो चीज निकल गई कि यह तो मेरा चला गया यह तो वो चला गया यह तो मैंने ऐसा किया था फिर भी मुझे ऐसा नहीं हुआ मैंने इस चीज के लिए कितनी मेहनत करी थी फिर भी मुझे प्राप्ति नहीं हुई यह मैं जब आ रहा है यह मैं जब शब्द आ रहा है यह मैं ही तुम्हारा बहुत बड़ा बंधन है और बारवा घर इस मैं को ख करने में तुम्हारी सबसे ज्यादा करता मैं कौन सा भाव है न फर्स्ट हास और फर्स्ट हाउस के फर्स्ट हाउस के मैं के भाव को कौन मार रहा है कौन ऐसा भाव है जो मैं के भाव को खत्म कर दे रहा है अरे भाई कौन है त तू है कौन अगर मैं यह कहूं कि मैंने यह किया अरे भाई सामने वाला पूछ सकता हु आर यू आपके पास उत्तर भी नहीं होगा आप क्या कहोगे मेरा नाम राहुल कौशिक है दूसरा कहेगा राहुल कौशिक कौन क्या डिफाइन करोगे डिफाइन नहीं कर पाओगे ना तो वो जो मैं का भाव है वो फर्स्ट हाउस से आता है और उस फर्स्ट हाउस की हानि कौन करता है थ हाउस करता है और जब आपके अंदर से मैं का भाव चला गया कि मैं कौन उसके बाद में आपके पास दुख का कोई कारण नहीं बचता क्योंकि जब तुम्हारे अंदर मैं का भाव नहीं तो तुम किसी चीज को अपने से जोड़ो भी नहीं कि वह मेरा है दैट इज द प्योरिटी ऑफ 12थ हाउस दैट इज द ब्यूटी ऑफ 12थ सो न एथ लड गोज इनटू द थ जब अष्टमेश थ में जाएगा तो क्या होगा आपको जीवन में जितनी मार पड़ेगी जितनी पीड़ा आपको आएगी आपके कष्ट उतने कटते जाएंगे क्योंकि पीड़ा ही आपको मुक्ति का एहसास दिलाएगी पीड़ा के बिना नहीं हो तो जैसे कई आदमी होते हैं जिसका ए थ में होता है वो पूछ सकता है अरे यार और कितना दुख रह गया जीवन में और कितना रह गया है तो आप उसको बोलो उस दिन तक का रह गया जिस दिन तुम्ह ये नहीं फील हो जाता कि तुम तुम हो तुम वो तुम नहीं हो जिस तुम को तुम ढूंढ रहे हो तुम कोई और तुम हो जो तुम्हें तब मिलेगा जब तुम्हारे कष्ट जो है वो पूर्ण रूप से कट जाएंगे ट इ एथ लड इन 12थ लेकिन एक मॉडर्न डे कंटेस्ट में हम क्या कहेंगे एथ लड इन 12थ को क्या बोलेंगे यह व्यक्ति दूसरे के पैसे को इन्वेस्ट कर सकता है ये ये मॉडर्न डे इंटरप्रिटेशन हो गई तो ज्योतिष जो है ना वो भौतिकता और अध्यात्म इन दोनों के बीच में एक ब्रिज है एक एक पुल है लेकिन कहीं ना कहीं व्यक्ति को एक समय पर आकर यह निर्णय लेना होता है कि वो इस पुल के किस छोर पर आकर हमारी प्रॉब्लम क्या होती है कई दफा और व्यक्ति का एक डर भी होता है व्यक्ति का डर ये होता है कि अगर वो अध्यात्म के छोर पर चला गया कंपलीटली तो वो भौतिकता को खो देगा और भौतिकता के छोर पर चला गया तो अध्यात्म को खो देगा तो इसलिए क्या करता है वो पुल के अंदर ना पुल के बिल्कुल बीच में खड़ा होकर ऐसे चलता दोनों हाथ को ऐसे लेकर कि एक छोड़ से मैं उसे पकड़े रखूं एक छोड़ से मैं उसे पकड़े रखूं और यही कारण होता है ना तो वह संपूर्ण रूप से अध्यात्म को ग्रहण कर पाता ना संपूर्ण रूप से भौतिक हो पाता इसलिए जो ओशो जैसे विद्वान ने भी वो बात कही है ना संभोग से समाधि तक उसके पीछे जो उसके बात कहने का तात्पर्य है वो यही है कि संभोग से उसका अर्थ यह है कि आपको जिस विषय वस्तु का भोग करना है ना पहले कर लो क्योंकि जब तक वह भोग आप पूर्ण नहीं करोगे तब तक उस विषय की या उस वस्तु के आध्यात्मिक पहलू को आप जान नहीं पाओगे आप बस पीछे भागते रहोगे भागते रहोगे तो वो जो कथन है वो कथन इस कारण से कहा गया है जिसको आदमी किसी भी रूप से जोड़ देता है वो कथन भी कहीं ना कहीं बवे घर पर जाकर फिट बैठता है तो थ हाउस इ एब्सलूट फ्रीडम बट इट वर्क्स ब्यूटीफुली ओनली वन यू हैव ट छोड़ने का भाव ट वो लीव करने की कैपेसिटी वो जो क लेट इट गो जाने दे यार ये एक बात मैं बता रहा हूं आपको कभी भी जीवन में जो व्यक्ति इस मनोस्क्यू मानना आपका 12थ हाउस श्रेष्ठ कार्य कर रहा है श्रेष्ठ कार्य कर रहा है और इस श्रेष्ठता का अनुभव आपको उस दिन अवश्य हो जाएगा जिस दिन आपके बवे घर के स्वामी की दशा आएगी और इसी कारण से आप ऐसा कर पा रहे हो बारवा घर अच्छा है तभी आप यह कह पा रहे हो ना कोई बात नहीं तभी तो आप चीजों को छोड़ पा रहे हो नहीं तो हर आदमी अरे उसने मुझे ऐसे क्यों कहा गवा घर अरे उसने मुझसे दुश्मनी करी थी मैं बताऊंगा उसको मैं कौन हूं गवा घर क्योंकि आप एक इच्छा जाहिर कर रहे हो किस चीज की उसको मारूंगा उसको पीटू उसको सुनाऊंगा जहां इच्छा आ गई वहां कौन सा घर आ गया 11वां घर आ गया वेर देर इज डिजायर देर इज बेज जहां डिजायर है वहां बेज और जहां लेट गो है वहां मुक्ति है वहां फ्रीडम है दैट इज 12थ हाउस तो 12थ हाउस फॉरेन कंट्री में हम कहते सेकंड लॉ 12थ में है कोई कोई अच्छा योग जो है 12थ हाउस में बन गया तो इसका अर्थ है हम क्या बोलेंगे कि भाई किसी का सेकंड लॉ 12थ में चला गया फिफ्थ में चला गया हम क्या कहेंगे अच्छा धन योग बन रहा है थ में विदेश चले जाओ पैसा बहुत मिलेगा विदेश चले जाओ प बहुत मिलेगा जरूरी नहीं है विदेश में जाक पैसा मिलेगा अगर इस व्यक्ति के अंदर अगर इस ति के अंदर वह भाव है जाने देने का और यह धन से बंधा हुआ नहीं है तो यह विदेश में छोड़ो जिस जगह पर होगा उस जगह पर धन इसके पास स्वयं अपने आप न आएगा इसके पास उस जगह पर जहां भी हो तो यह समझना बड़ा आवश्यक है कि ज्योतिष किसी कार्य से पहले एक मनो का विषय एक मनो क्या है क्योंकि जब एक मनो का निर्माण आपके जीवन में होता है वह मनो क्या करती है एक विचार को जन्म देती है वो विचार किसम तब्दील होता है वो विचार एक कर्म में तब्दील होता है और उस कर्म से ही फिर हमें रिजल्टेंट जो है उसके प्राप्त होते है तो तो जो ये कहते हैं ना कि नहीं ज्योतिष में यह होगा ऐसे होगा यह लिखित है यह लिखित है आप उनसे कुछ लिखवा के ले लो कि तुम मुझे बताओ क्या होगा लिखो लिखो क्या होगा व डोमेन लिख सकता है व डोमन लिख सकता है चौथे घर का इवेंट होगा चौथे घर का इवेंट होगा व डोमेन लिख देगा बट वो एजेक्ट इवेंट नहीं लिख पाएगा यह मैं आपको बोल लिख दे कोई नहीं तो अगर इतना निर्धारित हो गया तो फिर फ्री विल का पुरुषार्थ का या जो हम कहे ज्योतिष जो वर्ड आता है ज्योतिष यानी कि ईश्वर का विजडम जो भगवान ने विजडम दिया आपको भगवान आपको विजडम किस लिए दे रहा है व इसीलिए दे रहा है ताकि आप अपने कर्मों को काट सके उसने तो कह दिया फर्स्ट लड सिक्सथ में है लेकिन उसका विजडम यह कह रहा है कि बीमारी से क्यों सोच रहे हो क्यों क्यों सोच रहे हो बीमार यह सोचो ना सेवा करूंगा दैट इज द ब्यूटी ऑफ ट ईश्वरीय विजडम ज्योतिष ईश्वर की जति तो एथ लड इन 12थ सेस कष्ट होंगे जैसे जैसे कष्ट होंगे आपको मुक्ति मिलती जाएगी दूसरा दूसरा है के अगर नाइंथ लड 12थ में है तो नाइंथ लॉर्ड नवमेश अगर 12थ में है तो क्या होगा इसका अर्थ यह है कि आपका गुरु आपको मुक्ति दिला देगा आपके पिता को मुक्ति दिला देंगे अब गुरु और पिता का मुक्ति दिलाने का अर्थ क्या होता है कि ये दो ऐसे लोग होंगे आपके जीवन में जो आपको कभी बांधें नहीं किसी चीज से ये दो लोग ऐसे होंगे जीवन में कभी बांधे नहीं आपसे देखो 12थ हाउस को जो समझ गया ना ज्योतिष में जिस व्यक्ति ने इन तीन घरों को समझ लिया ज्योतिष में पूर्ण रूप चौथे घर को अष्टम भाव को और बवे घर को और इनको समझना इतना आसान नहीं है आज मैं वीडियो दे दी तो इसका मतलब ये नहीं है कि 12वां घर खत्म हो गया ये तो बवे घर की शुरुआत भी नहीं ई लेकिन जो व्यक्ति इन तीनों घरों को समझ गया वो व्यक्ति एक अलग चेतना के स्तर पर चला जाता है कैसे चला जाता है मैं उसका उदाहरण देता हूं जैसे कई लोगों को ना एक एक मन में एक बड़ी वो होती है क्या यार मेरा जो बचपन है वह बहुत अच्छा नहीं पीता मेरे मां बाप ने मेरी बहुत अच्छी केयर नहीं की और यह चीजें वो कब सोचता है सबसे ज्यादा वो तब सोचता है जब वो बाकी लोगों के मां-बाप को उनकी र करते हुए देखता है वो ऐसी बातें तब बहुत सोचता है लेकिन जिसने बवे घर को समझ लिया जिसने ज्योतिष ज्ञान को बहुत अच्छे से अपने अंदर बिठा लिया व जानते व क्या कहेगा अच्छा है मां बाप ने मेरी इतनी केयर नहीं की अन्यथा मैं भी इन लोगों की तरह बंधन में बंद के रह जाता आज मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता मुझे कोई प्रेम करे या ना करे क्योंकि कोई मुझे प्रेम करे यह क्या है यह भी तो बंधन है मैं अगर डिजायर करूं कि भाई मुझे तुम अप्रिशिएट करो मुझे प्रेम करो कोई तो वो भी तो बंधन है क्यों करे कोई प्रेम प्रेम करने के लिए ईश्वर काफी नहीं है क्या जो तुम्हे आदमियों की आवश्यकता पड़ रही है तो यह जो एक मेंटालिटी है यह तब डेवलप होती है जब वास्तव में आप ज्योतिष के उस पहलू को समझने लगते हो जो पहलू आपके उत्थान के लिए बना है किसी और के लिए नहीं लेकिन यह वो राजयोग धन योग प्रो रिटी गुड टाइम बैड टाइम उनसे बाद की बात है ये उनसे बहुत बाद का विषय है आदमी वही अटका हुआ है नाइंथ लॉर्ड थ में जैसे मैंने बताया कि गुरु से द्वारा या गुरु के द्वारा मिले हुए ज्ञान से आपको मुक्ति मिलेगी बारवा घर क्या है दसवा घर क्या है कि दसवा घर क्या करेगा दसवा घर आपके कर्म आपकी मुक्ति का कारण बने गवा घर जब बवे घर में जाता है गवे एकादश भाव का स्वामी जब बवे घर में जाएगा तो ये क्या कहेगा किसके द्वारा आपको मुक्ति मिलेगी इच्छाओं के द्वारा मिलेगी यही बोल सकते हैं ना इस व्यक्ति की जैसे जैसे इच्छा पूर्ण होती जाएगी यह व्यक्ति खुलता जाएगा खुलता जाएगा खुलता जाएगा इसलिए 11थ लॉर्ड 12थ हाउस में जो है ना और मैंने देखा है अपने जीवन में ऐसे लोगों को देखा जिनका 11थ लॉर्ड जो है मैंने ऐसे लोगों को देखा है जिनका 11थ लॉर्ड 12थ हाउस में होता है और मैंने वास्तव में उन लोगों को पाया है कि उन लोगों की जैसे-जैसे डिजायर भगवान ने पूरी की है जैसे-जैसे उनको चीजें दी है वैसे-वैसे वास्तव में उनके अंदर का वो जो संत था उनके अंदर का वो जो एक आध्यात्मिक व्यक्ति था वो निखर कर आया है लेकिन अब जिस व्यक्ति की इच्छाएं पूर्ण नहीं हो रही उसको आप क्या सलाह दोगे कि भाई तुम्हारा 11थ लॉड 12थ हाउस में है और तुम्हें अगर अपने को अवेयर रखना है अपने को जो है वो स्वतंत्र रखना है तो इसके लिए कौन आपकी मदद करेगा 11वां घर करेगा और 11वां घर किस चीज का होता है संगति का भी होता है संगति संगति मीन कंपनी तो ऐसे व्यक्ति को जो कंपनी है वह संतुष्ट व्यक्ति की रखनी चाहिए तो जब 11वां घर का स्वामी 12थ हाउस में जाता है तो आपको आपके जीवन में उन्हीं लोगों से मित्रता का भाव प्राप्त होगा या उन्हीं लोगों से आपको मित्रता का सही सुख प्राप्त होगा जो लोग आध्यात्मिक होंगे या जो लोग कंटेंडेड होंगे संतुष्ट होंगे अगर 11वें घर का स्वामी 12थ हाउस में चला गया और अपने आसपास आपने ऐसे लोगों का जमावड़ा लगा लिया जो दिन रात यही कामना करते हैं अब मुझे यह मिल जाए अब मुझे वो मिल जाए अब ऐसा हो जाए अब मेरी प्रमोशन हो जाए अब मैं कंपनी का डायरेक्टर बन जाऊं सीईओ बन जाऊं तो यकीन मानना वो तो बन जाएगा लेकिन आप बन जाओगे क्योंकि उसकी जो इच्छा उसकी जो महत्वाकांक्षा वो आपको बंधन में बांध जबकि आपका थ ल 12थ में है तो आपको कैसे मित्रों की आवश्यकता आपको ऐसे मित्रों की आवश्यकता है जो आपको संतुष्ट होना बताए भाई तेरे को सीईओ बनके करना क्या है अभी किस बात की कमी है आप कहोगे किसी चीज की कमी नहीं है अच्छा नहीं कमा रहे हो आप कहोगे अच्छा कमा रहे हैं घर परिवार अच्छा चल रहा है अच्छा चल रहा है अरे यार फिर क्यों दुखी हो यह बारबार यह बात सोच के स्वयं को भी दुखी करोगे और जब ये इच्छा नहीं होंगी अंदर डिस्टरबेंस होगा तो अपने साथ वालों को भी दुख दोगे तो ऐसे व्यक्ति जब आपके जीवन में आएंगे तब आपको व स्वतंत्रता का एहसास दिलाएंगे अन्यथा अगर वोह लोग आ गए जो डिजायर फुल है तो वह आपके रातों की नींद भी हराम कर देंगे क्यों थ हाउस क्या है नींद वो जो है ना कि हम कहते हैं व तीन अवस्थाए जो होती है जागृत स्वप्न सुषुप्ति फिर तुरिया आ गई तो तुरिया तो बहुत बाद की बात है सुषुप्ति के अंदर भी सुषुप्ति भी बहुत अच्छी एक स्थिति है और सुषुप्ति तभी आप सुषुप्ति की अवस्था में आ सकते हो बारवा घर अच्छा काम कर रहा है तो जब आप सुषुप्ति में आ गए जब आप तुरिया में आ गए तो यह तुरिया और सुषुप्ति आपको कब अनुभूति होगी इसकी जब आपका बारवा घर बहुत अच्छा है तो वह नींद के अंदर नींद के अंदर यदि आप समाधि का एक अनुभव कर रहे हो नींद के अंदर आप एक परफेक्ट स्टेट का वो कर रहे हो तो क्या है उससे बेटर कोई स्थिति नहीं है इसलिए जिस आदमी को नींद में कोई सपना नहीं आ रहा है वोह आराम से अपनी नींद ले रहा है ये बहुत अच्छी स्थिति है य ये ब्यूटीफुल स्थिति है जो आदमी नींद में भी सोचे जा रहा है जिसका दिमाग वहां भी चल रहा है तो इसका मतलब बारवा घर अभी सेट नहीं हुआ है य बारवा घर जिस दिन बैलेंस स्टेट में आ जाएगा नींद में कोई भी स्वप्न आपको डिस्टर्ब नहीं करेगा ना तो नींद में आपको कोई ऐसा स्वप्न आएगा जिसके अंदर आप बहुत ही प्रेम जो है अनुभव कर रहे हो ना ही कोई ऐसा स्वप्न आएगा जो आपको बहुत ही उदास कर दे रहा है यू विल बी इन अ सटल स्टेट ना राग है ना द्वेष दैट इज द ब्यूटी ऑफ गा तो सुब हां नहीं वो चला जाएगा खत्म आपकी स्टेट नहीं आपकी स्टेट अफेक्ट नहीं आपकी स्टेट अफेक्ट नहीं होगी और जो आदमी 12थ हाउस की एब्सलूट स्टेट प चला गया एब्सलूट स्टेट उस व्यक्ति की जागृत अवस्था भी स्वप्न की अवस्था भी और सुषुप्त की अवस्था भी एक जैसी र एक देर विल बी नो डिफरेंस इट्स लाइक व जाग कर भी सोया है और सोकर भी जागा हुआ है यह वो स्थिति आ ट इ थ लॉथ में अच्छा है ही आपके अंदर जो है एक बहुत अच्छी एक लेट गो करने की टेंडेंसी देता है जो बहुत रेयर है तो बहुत अच्छा है तो थ हाउस कहीं ना कहीं पेशेंस को डेवलप करने का एक साधन भी है हम कहते हैं ना कि भाई धैर्य रखो हम कहते हैं एक व्यक्ति के एक गुनी व्यक्ति के ज्ञानी व्यक्ति के दो सबसे बड़े जो है वेपन होते हैं हथियार होते हैं शस्त्र होते हैं क्या एक विवेक और एक धैर्य विवेक मींस विजडम धैर्य मींस पेशेंस विवेक कहां से आता है पंचम भाव से आता है धैर्य कहां से आता है थ हाउस से आता है क्योंकि जिसके अंदर धैर्य होगा वही चीजों को छोड़ सकेगा जाने दो यार कोई बात नहीं जब आना होगा आ जाएगा तो जिस दिन ये थॉट आपके अंदर बहुत स्ट्रंग प्रीवेल करता है जाने दो तो इसका अर्थ क्या है इसका अर्थ है कि अब चीजें जाएंगी नहीं अब चीजें वास्तविक रूप में आपके पास आएंगी जिनको आना था जो तब तक रुकी हुई थी जब तक आपने बाकी चीजों को पकड़ा हुआ था इसलिए 12थ हाउस 12थ हाउस अध्यात्म की प्राप्ति का भाव है भौतिकता के जाने का भाव है और अध्यात्मिक की प्राप्ति का भाव है और वही आपको स्वतंत्र करवाता है और अध्यात्म से ऐसा कोई लेना देना नहीं है कि अगर कोई व्यक्ति अध्यात्म में बहुत ऊपर चला गया तो वो पैसा नहीं कमाए अपना घर नहीं देखेगा या आगे राइज नहीं करेगा ऐसा कुछ भी नहीं है हो सकता है कि अध्यात्म के उस स्तर को प्राप्त करके आप जो आज जिस लेवल पर है जिस स्तर पर आप कार्य कर रहे हैं हो सकता उससे बहुत बड़े स्तर पर जाकर आप कार्य करें लेकिन आज में और उस दिन में एक जो सबसे बड़ा डिफरेंस आएगा एक सबसे बड़ा जो एक जो कहते हैं एक एक चेंज आएगा वह इस बात को लेकर आएगा कि पहले जिन चीजों के साथ आप अपने को बंधा हुआ फील करते थे कि यह होगा या नहीं होगा ऐसा हो पाएगा नहीं हो पाएगा वह सब चीजें आप अब अब आपके लिए किसी प्रकार का प्रश्न नहीं रह जाएगी अब आप प्रश्नों से बाहर आ था उसको आज के बाद जब कभी पढ़ो तो इस लिहाज से पढ़ना कि वह कौन सी वस्तु है जो मुझे मुक्ति दे सकती है वो कौन सी वस्तु है जो मुझे मुक्त करेगी तब समझना आप बवे घर के समीप आ गए तब आप यह नहीं कहोगे कि बारवा घर मेरा नुकसान करेगा आप कहोगे यही तो घर है जिसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी वरना बाकी तो सब चीजों ने बांधा हुआ है माता माता के मोह ने बांधा हुआ है पिता की जो इच्छाएं मुझसे बंधी है उन्होंने बांधा हुआ है बच्चे कुछ लाइफ में अच्छा करेंगे नहीं करेंगे उन्होंने बांधा हुआ है कर्म से प्राप्ति होगी नहीं होगी उन्होंने बांधा हुआ है बैंक बैलेंस बढ़ेगा नहीं बढ़ेगा उसने बांधा हुआ है सिर्फ एक ही घर तो ऐसा है जो मुक्त करने के लिए बैठा है दैट इज 12थ हाउस दैट इज द ब्यूटी ऑफ 12थ हाउस तो व्हेन एवर द दशा ऑफ 12थ लॉर्ड और द प्लेनेट जो 12थ हाउस में है उसकी दशा ऑपरेट करें यू हैव टू सी कि आप किस डोमेन में अभी घूम रहे हैं आप वो भौतिकता के डोमेन में है तो प्रॉब्लम होगी ब बहुत प्रॉब्लम होगी लेकिन अगर आपका आध्यात्मिक स्तर ऑलरेडी बना हुआ है अगर आपकी आध्यात्मिक चेतना पहले से ही जागृत है तो बारवा घर आपको सुख की अनुभूति करवाएगा दुख की अनुभूति नहीं कर आपके साथ जीवन में य कुछ ऐसी घटनाए घटित करवाएगा जो आपके लिए भी अकल्पनीय हो आपकी पास्ट लाइफ से कोई आकर खड़ा हो जाएगा सामने आपके पास्ट लाइफ की चीजें जो है आपके सामने आ जाएंगी और अगर कोई ऐसा गुरु या कोई ऐसा व्यक्ति जो आपको गाइड कर पाए उस समय तो वह आपको यह भी बता देगा कि जिस चीज को आप विचार कर रहे हो कि यह मेरी पास्ट लाइफ से आया नहीं आया या यह मेरे पिछले जन्म से कोई चीज जो है अपना हिसाब पूरा करने आई या नहीं आई तो उसका भी वह आपको बता देगी यू विल कम टू नो कि हा यह बात सत ट इज द ब्यूटी ऑफ इसलिए दो चीजें सदैव स्मरण रखें पहला कि यह भाव मुक्ति का भाव है यह भाव स्वतंत्रता का भाव है यह खर्चे का नहीं है इसको खर्चे का कह इसको खराब मत करो वह खर्चे का इसलिए बोल रहा है कि जो यहां प्लेनेट गया है उस प्लेनेट को लेकर यदि आपने इसको नहीं दिया समाज को नहीं दिया लोगों को नहीं दिया तो इस प्लेनेट को आपने खराब कर दिया और बवे घर के अंदर इतनी शक्ति है बवे घर के अंदर इतना सामर्थ्य है कि यहां जो भी ग्रह जाएगा उससे जुड़ा आप कुछ भी दे दो सामने वाले को कितना भी दे दो आपके पास वो कम नहीं हो आपके पास वो बढ़ेगा अगर पंचमेश किसी का बवे घर में है तो इसका मतलब यह है कि आप अगर सामने वाले को प्रेम दोगे आप दुनिया को प्रेम दे रहे हो और बिना किसी लालसा के दे रहे हो कि नहीं यार रिटर्न कुछ मिले ना मिले क्या फर्क पड़ता है लेकिन मुझे प्रेम करना है यकीन मानना आपको भरपूर प्रेम मिलेगा क्योंकि यहां ईश्वर कह रहा है कि तू इतना प्रेम अपने अंदर लेके आया है कि तू जगत में बांटता रहे बांटता रहे तब भी तेरे पास कम नहीं होगा चौथे घर का स्वामी जब बवे घर में जाया है गया है तो चौथा घर किसका मनसन सुख का है तो यह किस सुख के लिए कह रहा है यह कह रहा है कि आपको सामने वाले को वो सुख प्राप्त करवाना है आपने सामने वाले की का विचार नहीं करना आपने देखना है कि यार ये सामने वाला किसी तरीके से इमोशनली हील हो जाए मेंटली हील हो जाए फिर देखो फिर आपके जीवन में कुछ ऐसा होगा जो आपने नहीं सोचा होगा कि क्या मेरे जीवन में ऐसा हो सकता है डेफिनेटली हो सकता है अगर ऐसा व्यक्ति को हाउस में मेडिटेशन करें उसके बाद हां मेडिटेशन मेडिटेशन से क्या होगा चौथा घर चौथा घर अच्छा होगा अगर वो मेडिटेटर है तो इट विल स्ट्रेंथ हिज पीस ऑफ माइंड और हर पीस ऑफ माइंड बट अगर ये सामने वाले व्यक्ति को मानसिक स्थिरता प्रदान कर रहा है मानसिक सुख दे रहा है तो फिर इसकी अध्यात्मिक चेतना जो है वो उठ जाए क्योंकि पहले ये तैयार होगा अब ये दे पाएगा हा करेक्ट करेक्ट वो तो जड़ और जीव आपस में मिलक काम करते हैं ना तो जड़ को जीव पूर्ण करता है जीव को जड़ पूर्ण करती है तो दोनों ही केसेस में ये एक दूसरे को संपूर्ण करने वाले हैं ठीक है दोनों की संपूर्णता एक दूसरे पर निर्भर करती है है ना इसलिए हम इसको ऐसा बोल सकते तो ये हमने 12थ हाउस को दिया था तो इसकी दो ही बातें है पहला स्वतंत्रता दूसरा हमें देना क्या है व्ट वी हैव टू गिव हम क्या देने आए हैं हमेशा यह नहीं होता मुझे यह चाहिए यह चाहिए अरे चाहिए चाहिए में तो सब बंधे हुए हैं देना क्या है सबसे पहले इसका विचार करो क्योंकि जब यह विचार अंदर आएगा कि देना क्या है तो जो मिलना है वह अपने आप मिल जाएगा इसलिए 12थ हाउस आज हम 12थ हाउस को यही विराम देते हैं फिर कभी इसके और जो दूसरे दृष्टिकोण है जो दूसरे पहलू है जो पास्ट लाइफ से जुड़े हुए पहलू है उन पर कैसे विचार किया जाता है यह किस तरीके से जागृति अपनी करते हैं उन पर विचार करेंगे आज के लिए इतना ही फिर नेक्स्ट क्लास में हम कुछ और स्टडी करेंगे तब तक के लिए जय श्री राम