पार्टनर के प्रवेश का महत्व

Aug 31, 2024

पार्टनर का प्रवेश (Admission of a Partner)

अध्याय की महत्वपूर्णता

  • पार्टनरशिप में "Admission of a Partner" सबसे महत्वपूर्ण अध्याय है (फंडामेंटल्स के बाद)।
  • सभी महत्वपूर्ण पहलू इसी पर निर्भर करते हैं जैसे कि रिटायरमेंट, मृत्यु आदि।

प्रवेश (Admission) की परिभाषा

  • पुराने साझेदारों के साथ 100% सहमति से नए पार्टनर का प्रवेश होता है।
  • एक पार्टनर के प्रवेश के लिए सभी पुराने पार्टनर की सहमति आवश्यक है।

नए पार्टनर के फायदे और नुकसान

फायदे:

  • नया पार्टनर पूंजी, विशेषज्ञता और अनुभव लाता है।
  • वह कंपनी की प्रतिष्ठा (goodwill) में हिस्सा लेता है।

नुकसान:

  • पुराने पार्टनर को अपनी हिस्सेदारी में कमी का सामना करना पड़ता है।

अध्ययन के विषय (Topics to Cover)

  1. न्यू रेशियो (New Ratio)
  2. सेक्रिफाइसिंग रेशियो (Sacrificing Ratio)
  3. गुडविल का ट्रीटमेंट (Treatment of Goodwill)
  4. रिजर्व का ट्रीटमेंट (Treatment of Reserves)
  5. रीवाल्यूएशन अकाउंट (Treatment of Revaluation)
  6. व्यापक प्रश्न (Comprehensive Question)

न्यू रेशियो (New Ratio)

केस 1: जानकारी नहीं दी गई (Information About Sacrifice is Not Given)

  • जब पुराने पार्टनर का कितना हिस्सा किसने त्यागा है यह नहीं बताया गया।
  • उदाहरण:
    • ABC तीन समान साझेदार हैं।
    • D को 1/4 का हिस्सा प्राप्त करने के लिए प्रवेश दिया गया।
  • नए साझेदार के प्रवेश पर पुराने साझेदार का हिस्सा कम होगा।

केस 2: जानकारी दी गई (Information About Sacrifice is Given)

  • जब स्पष्ट रूप से बताया गया कि कौन सा पार्टनर कितना त्याग रहा है।
  • उदाहरण:
    • ABC साझेदार हैं जिनका रेशियो 3:2:1 है।
    • D को 1/6 का हिस्सा A और B से समान रूप से मिला।

उदाहरण प्रश्न (Example Questions)

  1. ABC के साझेदार हैं जिनका रेशियो 3:2:1 है। D को 1/6 का हिस्सा प्राप्त करने के लिए A और B से समान रूप से लिया गया। नया रेशियो क्या होगा?
  2. ABC के साझेदार हैं जिनका रेशियो 6:5:4 है। D को 1/6 का हिस्सा A और C से लिया गया। नया रेशियो क्या होगा?

निष्कर्ष

  • अगले पाठ में हम नए रेशियो और सेक्रिफाइसिंग रेशियो के उन्नत प्रश्नों पर चर्चा करेंगे।
  • कृपया टिप्पणी अनुभाग में अपने उत्तर साझा करें।
  • आगे बढ़ने से पहले अच्छे से तैयारी करें।

"सभी का ध्यान रखना, और बढ़ते रहना!"