DFE (डिस्ट्रिब्यूटेड फाइल सिस्टम)

Jul 8, 2024

डीएफएस (डिस्ट्रिब्यूटेड फाइल सिस्टम)

परिचय

  • डीएफएस का उपयोग बड़े डेटा के प्रबंधन में होता है।
  • इसका मुख्य कार्य बड़े डेटा को स्टोर और प्रोसेस करना है।

आर्किटेक्चर

  • नेम नोड

    • मास्टर नोड के रूप में कार्य करता है।
    • डेटा के बारे में मेटाडेटा स्टोर करता है।
  • डेटा नोड्स

    • जहां वास्तविक डेटा स्टोर किया जाता है।
    • डेटा को छोटे ब्लॉक्स में विभाजित कर स्टोर करते हैं।
    • प्रत्येक ब्लॉक 128 MB का होता है।

रिप्लिकेशन

  • डेटा को विभिन्न नोड्स पर रिप्लिकेट किया जाता है।
  • रिप्लिकेशन फैक्टर आम तौर पर 3 होता है, मतलब एक ब्लॉक की कापी तीन जगह स्टोर होती है।
  • यह डेटा की फॉल्ट टॉलरेंस बढ़ाता है।

रैक अवेयरनेस

  • डेटा को विभिन्न रैक्स में रख कर फॉल्ट टॉलरेंस को और बढ़ाया जाता है।
  • कोई अगर एक रैक में समस्या हो, तो दूसरे रैक में डेटा उपलब्ध रहता है।

नेम नोड फंक्शंस

  • इमेज और एडिट लॉग
    • इमेज: फाइल सिस्टम की स्नेपशॉट
    • एडिट लॉग: फाइल्स में किये गए परिवर्तनों का रिकॉर्ड
    • सेकेंडरी नेम नोड: इमेज और एडिट लॉग को मर्ज करता है।

हार्ट-बीट मैसेज

  • डेटा नोड्स हर 3 सेकंड्स में नेम नोड को अपनी स्थिति (लाइव) की जानकारी देते हैं।
  • अगर हार्ट-बीट नहीं आता, तो नेम नोड रिप्लिकेशन चालू कर देता है।

डेटा एक्सेस

  • रीड ऑपरेशन: क्लाइंट पहले नेम नोड से परमिशन लेता है।
  • राइट ऑपरेशन: नए डेटा को तीनों नोड्स पर समकालिक रूप से अपडेट किया जाता है।

निष्कर्ष

  • डीएफएस बड़े डेटा के लिए कुशल संग्रहण और प्रोसेसिंग सिस्टम है।

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