कक्षा 10 इतिहास: अध्याय 2 - राष्ट्रीय आंदोलन का विकास

Jul 18, 2024

कक्षा 10 इतिहास: अध्याय 2 - राष्ट्रीय आंदोलन का विकास

प्रथम विश्व युद्ध और भारत

  • 1914 में प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत हुई।
  • युद्ध में एक ओर मित्र राष्ट्र (रूस, ब्रिटेन, अमेरिका, जापान) और दूसरी ओर केंद्रीय शक्तियाँ (जर्मनी और ऑस्ट्रिया) थीं।
  • भारत उस समय ब्रिटिश उपनिवेश था और ब्रिटिश सेना को सपोर्ट करना पड़ा।

प्रथम विश्व युद्ध का प्रभाव

  • ब्रिटिश शासन ने रक्षा खर्च बढ़ा दिया था, जिसके लिए कस्टम ड्यूटी और इनकम टैक्स में वृद्धि की गई।
  • महंगाई बढ़ गई, वस्तुओं की कीमतें दोगुनी हो गईं।
  • 1918 और 1919 में फसलों की बर्बादी, अकाल और भारतीय फ्लू महामारी फैलने से 13 मिलियन लोग मारे गए।

महात्मा गांधी का आगमन

  • महात्मा गांधी 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे।
  • उनका सत्याग्रह का विचार, बिना हिंसा के विरोध, भारत में लाया गया।

प्रारंभिक सत्याग्रह आंदोलन

  • चंपारण सत्याग्रह (1917): बिहार में नील की खेती के खिलाफ।
  • खेड़ा सत्याग्रह (1917-1918): गुजरात में फसल बर्बादी और कर माफी की मांग।
  • अहमदाबाद मिल हड़ताल (1918): कपड़ा मिल मजदूरों के लिए बेहतर वेतन की माँग।

रौलट सत्याग्रह (1919)

  • रौलट एक्ट: बिना मुकदमे के लोगों को दो साल तक जेल में रखा जा सकता था।
  • गांधी ने शांतिपूर्ण हड़ताल का आह्वान किया।
  • जलियाँवाला बाग हत्याकांड (13 अप्रैल 1919): जनरल डायर ने निर्दोष लोगों पर गोली चलवा दी।

खिलाफत आंदोलन और असहयोग आंदोलन

  • खिलाफत आंदोलन (1919): टर्की के सुलतान, मुस्लिम धर्मगुरु, के समर्थन में।
  • असहयोग आंदोलन (1920): ब्रिटिश शासन के खिलाफ।
    • सरकारी खिताबों की वापसी
    • सरकारी स्कूल, कॉलेज, और कोर्ट का बहिष्कार
    • विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार
    • खादी को अपनाना

असहयोग आंदोलन की समाप्ति

  • चौरी चौरा कांड (1922): उत्तेजित भीड़ ने पुलिस थाने में आग लगा दी, जिससे गांधी ने आंदोलन वापस ले लिया।

सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930)

  • दांडी मार्च (1930): गांधीजी का नमक कानून तोड़ने के लिए मार्च।
  • लोगों में ब्रिटिश कानूनों को तोड़ने की मंशा जगी।
  • अन्य कार्यक्रम: विदेशी वस्त्र और शराब का बहिष्कार, सरकारी नौकरियों से त्यागपत्र।

गांधी-इरविन समझौता (1931)

  • राजनीतिक बंदियों की रिहाई और गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने की शर्तें।
  • गांधीजी ने दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया लेकिन कोई समझौता नहीं हुआ।

विभिन्न समूहों की भागीदारी

ग्रामीण और आदिवासी

  • गरीब किसान: कर माफी और बेगार के खिलाफ आंदोलन।
  • आदिवासी: जंगलों के अधिकारों के लिए आंदोलन।

व्यापारी वर्ग

  • व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सहयोग
  • स्वतंत्र व्यापार और उद्योग की मांग

महिलाएं

  • हजारों महिलाएं: आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया, जुलूस में शामिल हुईं।

दलित और मुस्लिम

  • दलित नेता पृथक निर्वाचन क्षेत्र की मांग कर रहे थे।
  • मुस्लिम समुदाय में असंतोष: कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच विभाजन।

सामूहिक एकता की भावना

  • सभी क्षेत्रों में एकता और सांस्कृतिक पुनर्जागरण।
  • कला, साहित्य, और संगीत के माध्यम से देशभक्ति का प्रचार।
  • राष्ट्रीय प्रतीकों का उदय: भारत माता, राष्ट्रीय ध्वज।

निष्कर्ष

  • विभिन्न आंदोलनों और संघर्षों ने भारत को स्वतंत्रता के करीब लाया।
  • गांधीजी के आंदोलन ने भारतीय समाज को एकजुट किया और स्वतंत्रता की भावना को मजबूत किया।