भारतीय विधिक इतिहास

Jul 9, 2024

भारतीय विधिक इतिहास

परिचय

  • स्रोत: स्वतंत्रता पूर्व और पश्चात
  • विधायी प्रक्रियाएं: प्रमुख और अधीनस्थ विधायन

प्रमुख बिंदु

  • परीक्षा की तैयारी के लिए मुख्य बिंदु हाइलाइट किये गए हैं
  • परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करने के लिए ऑब्जेक्टिव पेपर के महत्व पर जोर

प्राचीन कानूनी प्रणाली

  • हिन्दू कानून: मनुस्मृति, उपनिषद, अर्थशास्त्र
  • धर्म का महत्व: सही और गलत का निर्णय
  • न्याय प्रणाली: कुल, श्रेणी, पंचायत, राजा का दरबार

मध्यकालीन काल

  • विदेशी आक्रमण और न्याय प्रणाली में बदलाव
  • दिल्ली सल्तनत: मोहम्मद गोरी, कुतुबुद्दीन ऐबक, लोधी वंश
  • मुगल शासन: न्याय व्यवस्था का विकास

ब्रिटिश काल

  • ईस्ट इंडिया कंपनी: व्यापार से राजनीतिक हस्तक्षेप
  • न्यायिक प्रणाली का विकास: मयर्स कोर्ट, उच्च न्यायालय
  • कुछ वर्तमान कानून ब्रिटिश काल से प्रभावित (IPC, Indian Contract Act)

स्वतंत्रता के बाद का काल

  • संविधान का निर्माण: डॉ. बी. आर. अंबेडकर
  • स्वतंत्र, धर्मनिरपेक्ष और नागरिकों के मौलिक अधिकार
  • 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान का अंगीकरण
  • सुप्रीम कोर्ट की स्थापना

विधायन की प्रक्रिया

  • भारत एक संघीय राज्य है: संघ और राज्य विधानमंडल
  • यूनियन लिस्ट, स्टेट लिस्ट, और सम्मिलित सूची
  • सेंट्रल और स्टेट विधानमंडल की शक्तियाँ
  • बिल से ऐक्ट बनने की प्रक्रिया
  • वित्तीय बिल और उनके परिचय की प्रक्रिया

न्यायिक प्रणाली

  • सुप्रीम कोर्ट: सर्वोच्च न्यायालय, संविधान के अनुच्छेदों का पालन
  • हाई कोर्ट: राज्य मामलों की उच्चतम अदालत
  • जिला और अधीनस्थ न्यायालय: सामान्य और फौजदारी मामलों का निपटारा
  • न्यायाधिकरण प्रणाली: व्यावहारिक विषयों के निपटान में विशेषज्ञता

वैकल्पिक विवाद समाधान

  • मध्यस्थता, सुलह, और लोक अदालतों का महत्व
  • लागत और समय की बचत

नियामक निकाय

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): बैंकिंग क्षेत्र का नियंत्रण
  • प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI): स्टॉक मार्केट का नियंत्रण
  • अन्य नियामक निकाय: बीमा और पेंशन क्षेत्र का संरक्षण

निष्कर्ष

  • कानूनी प्रणाली का विकास: प्राचीन से आधुनिक काल तक
  • विधायन और न्यायिक प्रणाली का समन्वय
  • परीक्षा की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु