प्रस्तावना प्रागैतिहासिक भारत का

Aug 4, 2024

प्रीहिस्टोरिक पीरियड ऑफ इंडिया

परिभाषा और महत्व

  • इतिहास: ग्रीक वर्ड हिस्टोरिया से आया है, जिसका अर्थ है इंक्वायरी, इन्वेस्टिगेशन या पास्ट नॉलेज।
  • इतिहास का अध्ययन अतीत की घटनाओं, खोजों, संग्रह और व्याख्या से संबंधित है।
  • हिस्टोरिकल सोर्सेस: दो भागों में विभाजित-
    • नॉन लिटरेरी सोर्सेस (कॉइंस, इंस्क्राइनॉक्स, आर्कियोलॉजिकल एविडेंसेस)
    • लिटरेरी सोर्सेस (लेखित प्रमाण)

प्रीहिस्ट्री और प्रोटो हिस्ट्री

  • प्रीहिस्ट्री: रिटन रिकॉर्ड्स के बिना।
  • प्रोटो हिस्ट्री: रिटन रिकॉर्ड्स उपलब्ध लेकिन स्क्रिप्ट को डिकोड नहीं किया जा सका।

प्रीहिस्टोरिक पीरियड का समय

  • लगभग 200000 बीसी से 2500 बीसी तक।
  • प्रारंभिक काल में भारतीय मानव नेगो रेस के थे और हंटिंग गैदरिंग करते थे।

स्टोन एज की शुरुआत

  • लिथिक एज: मानव के प्रारंभिक काल का नाम।
  • तीन प्रकार:
    1. पलियोथिक एज (30000-10000 बीसी)
    2. मेसोलिथिक एज (10000-6000 बीसी)
    3. नियोथिक एज (6000-1000 बीसी)

पलियोथिक एज

  • पलियोथिक: पुराना (ग्रीक)।
  • लॉवर पलियोथिक (300000-100000 बीसी): रफ और हैवी स्टोन टूल्स का उपयोग।
  • मिडिल पलियोथिक (100000-40000 बीसी): छोटे और हल्के टूल्स का उपयोग।
  • अपर पलियोथिक (40000-10000 बीसी): आधुनिक मानव (होमो सेपियंस) का उद्भव।

मेसोलिथिक एज

  • मेसोलिथिक: मध्य स्टोन एज।
  • माइक्रोलिथ्स का उपयोग छोटे जानवरों का शिकार करने के लिए।
  • गंगा प्लेंस में मानव कॉलोनाइजेशन।
  • रॉक पेंटिंग्स की शुरुआत, धार्मिक प्रथाओं का विकास।

नियोथिक एज

  • नियोथिक: नया स्टोन एज।
  • एग्रीकल्चरल प्रैक्टिसेस की शुरुआत।
  • पॉलिश्ड स्टोन टूल्स का उपयोग।
  • डोमेस्टिक एनिमल्स की शुरुआत।
  • मिट्टी के बर्तन बनाने की शुरुआत।

चालको लिथिक एज (2000-2500 बीसी)

  • प्री-हड़प्पा फेज।
  • कॉपर का उपयोग, एनिमल रियरिंग और रूरल सेटलमेंट।
  • पॉलीक्रोम पेंटेड पॉटरी।

मेगालिथिक पीरियड (1000-500 बीसी)

  • मेगालिथ: बिग स्टोंस से बनी संरचनाएँ।
  • मेगालिथिक बैरियर्स और मेमोरियल्स का निर्माण।
  • आयरन का उपयोग।

निष्कर्ष

  • प्रीहिस्टोरिक इंडिया में स्टोन एज, कॉपर एज और आयरन एज शामिल थे।
  • यह अवधि होमो सेपियंस के उद्भव और प्रोटोहिस्टोरिक पीरियड (हड़प्पा सिविलाइजेशन) की नींव का प्रतिनिधित्व करती है।