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एलकेन के प्रिपरेशन की प्रक्रिया
Aug 2, 2024
हाइड्रोकार्बन का लेक्चर: प्रिपरेशन ऑफ एलकेन
लेक्चर का विषय
आज का विषय है "प्रिपरेशन ऑफ एलकेन"
नया मेथड:
सोडा लाइम प्रोसेस (Soda Lime Process)
या
डी कारबॉक्सिलेशन (Decarboxylation)
डी कारबॉक्सिलेशन क्या है?
कारबॉक्सिलिक एसिड से एलकेन बनाने की प्रक्रिया
कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का रिमूवल
पिछले वीडियो में कोल्ब्स इलेक्ट्रोलाइटिक मेथड से भी एलकेन बनाए गए थे
सोडा लाइम क्या है?
सोडा लाइम =
NaOH (कॉस्टिक सोडा)
+
CaO (क्विक लाइम)
विभिन्न रेशियों में पाया जाता है (1:2 या 1:3)
प्रक्रिया का विवरण
सोडा लाइम के उपयोग से कारबॉक्सिलिक एसिड से एल्काइन बनाए जाते हैं
सोडियम सॉल्ट का उपयोग किया जाता है
उदाहरण:
CH3COOH
(एसिटिक एसिड) का सोडियम सॉल्ट बनाना
NaOH के साथ रिएक्शन से
NaCH3COO
(सोडियम ऐसिटेट) बनता है
पहला रिएक्शन
CH3COONa + Soda Lime → CH4 (मिथेन)
मिथेन बनाना संभव है इस प्रक्रिया से
प्रक्रिया में कार्बन की संख्या कम होती है
महत्वपूर्ण नोट्स
उदाहरण 1: सोडियम प्रोपेनोइट
यदि सोडियम प्रोपेनोइट का उपयोग किया जाए
रिएक्शन से
C2H6 (इथेन)
बनेगा
उदाहरण 2: सोडियम बेंजोएट
बेंजीन बनाने के लिए सोडियम बेंजोएट का रिएक्शन
बेंजोइक एसिड से बेंजीन बनाने के लिए प्रक्रिया का उपयोग
मेकानिज्म
रिएक्शन के मेकानिज्म को समझना आवश्यक है
बेसिक मीडियम के कारण रिएक्शन पीछे नहीं लौटती
रिएक्शन में कार्बोएनाइन का निर्माण होता है जो रेट डिटरमाइनिंग स्टेप है
रेट ऑफ डी कारबॉक्सिलेशन
स्थिरता के आधार पर रेट निर्धारित किया जाता है
अधिक स्थिर कार्बोएनाइन अधिक गति से रिएक्शन करता है
निष्कर्ष
सोडा लाइम प्रोसेस में दिये गये कार्बॉक्सिलिक एसिड की संरचना महत्वपूर्ण है
रिएक्शन में कार्बोन की संख्या कम होने की आवश्यकता होती है
डी कारबॉक्सिलेशन का महत्व और उपयोग
आगे के लेक्चर में:
एलकेन के अन्य प्रिपरेशन मेथड
एलकेन की प्रॉपर्टीज
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