आर्थिक सुधार 1991 के बाद

Aug 15, 2024

नोट्स: भारतीय आर्थिक विकास - अध्याय 3: आर्थिक सुधार 1991 के बाद

परिचय

  • अध्याय 3: आर्थिक सुधार 1991 के बाद और नई आर्थिक नीति
  • यह अध्याय 2 कक्षाओं में समाप्त होगा।
  • छात्रों से निरंतर सीखने और प्रैक्टिस करने का आग्रह।

अध्याय के उद्देश्य

  • समझें कि आर्थिक सुधार क्या हैं।
  • 1991 में सरकार द्वारा की गई नीतियों में परिवर्तन।
  • आर्थिक विकास और विकास की गति को तेज करने के लिए आवश्यक कदम।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

अध्याय 1: प्री-इंडिपेंडेंस पीरियड

  • उपनिवेशीकरण का प्रभाव।
  • कृषि, उद्योग, विदेशी व्यापार का विनाश।

अध्याय 2: पोस्ट-इंडिपेंडेंस

  • 1950 से 1990 तक की आर्थिक योजनाएं।
  • सफलताओं और विफलताओं का विश्लेषण।

1991 का आर्थिक संकट

  • आर्थिक सुधारों की आवश्यकता:
    • खराब सार्वजनिक क्षेत्र का प्रदर्शन
    • बैलेन्स ऑफ पेमेंट्स (BOP) में कमी
    • महंगाई के दबाव
    • विदेशी मुद्रा का अत्यधिक ऋण
    • सरकारी खर्च में वृद्धि
    • अक्षम प्रबंधन

आर्थिक सुधारों के उद्देश्य

  • आर्थिक सुधार: पुरानी नीतियों को समाप्त करके नई नीतियों का निर्माण।
  • 1991 में नई आर्थिक नीति की शुरुआत।

प्रमुख आर्थिक सुधार

1. लिबरलाइजेशन

  • अर्थव्यवस्था में प्रत्यक्ष और भौतिक नियंत्रणों को समाप्त करना।
  • उद्योगों के लाइसेंसिंग को समाप्त करना।
  • सार्वजनिक क्षेत्र के नियंत्रण को कम करना।
  • अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना।

2. प्राइवेटाइजेशन

  • सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को निजी क्षेत्र में स्थानांतरित करना।

3. ग्लोबलाइजेशन

  • वैश्विक बाजार के साथ भारतीय बाजार का एकीकरण।

आर्थिक सुधारों के मुख्य बिंदु

  • लाइसेंसिंग समाप्त: अधिकांश उद्योगों के लिए लाइसेंस की आवश्यकता नहीं।
  • पब्लिक सेक्टर की भूमिका घटाई गई: पब्लिक सेक्टर में उद्योगों की संख्या कम की गई।
  • D-Reserve क्षेत्रों का उन्मूलन: कुछ क्षेत्रों को निजी क्षेत्र के लिए खोला गया।
  • फाइनेंशियल सेक्टर में सुधार: प्राइवेट बैंकों की अनुमति, RBI का नया रोल।
  • फिस्कल सुधार: टैक्स संरचना को सरल बनाना।
  • विदेशी व्यापार नीति में सुधार: टैरिफ्स को कम करना।

लिबरलाइजेशन के उद्देश्य

  • आर्थिक क्षमता को अनलॉक करना।
  • प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना।

निष्कर्ष

  • छात्र जल्द से जल्द लर्निंग का अभ्यास करें।
  • अगली कक्षा में प्राइवेटाइजेशन एवं ग्लोबलाइजेशन पर चर्चा।
  • परीक्षा के लिए पूरे पाठ्यक्रम का पुनरावलोकन करें।

अनुग्रह

  • वीडियो को लाइक और शेयर करें।
  • चैनल को सब्सक्राइब करें।
  • किसी भी प्रश्न के लिए कमेंट करें।

ध्यान दें: यह नोट्स अध्ययन के लिए सहायक हैं। सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं का समावेश किया गया है।