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दिल्ली सुलतानत का ऐतिहासिक महत्व
Sep 9, 2024
दिल्ली सुलतानत का अध्याय
अध्याय का महत्व
दिल्ली सुलतानत का अध्याय महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारतीय इतिहास में कई महत्वपूर्ण परिवर्तनों का कारण बना।
यह भारतीय प्रशासनिक प्रणाली और सांस्कृतिक बदलाव का समय है।
पिछले अध्याय का सारांश
पिछले अध्याय में भारतीय इतिहास की शुरुआत और दक्षिण भारत के साम्राज्यों की चर्चा की गई थी।
दिल्ली सुलतानत का परिचय
पृथ्वीराज चौहान
और
मोहम्मद गौरी
के बीच लड़ाई, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली पर नियंत्रण स्थापित हुआ।
दिल्ली सुलतानत का आरंभ और इस पर शासन करने वाले शासकों का विवरण।
मुख्य शासक और उनका योगदान
कुतुबुद्दीन ऐबक
: पहला दिल्ली सुलतान, जिसने सुलतानत की नींव रखी।
इल्तुतमिश
: उन्होंने सुलतानत को मजबूत किया और प्रशासनिक सुधार किए।
रजिया सुलतान
: पहली महिला सुलतान, जिसने सुल्तानत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अलाउद्दीन खिलजी
: व्यापार में सुधार और प्रशासनिक नियंत्रण का विस्तार।
मोहम्मद तुगलक
: कैपिटल को दौलताबाद स्थानांतरित किया, लेकिन प्रशासनिक अस्थिरता का सामना किया।
प्रशासनिक प्रणाली
दिल्ली सुलतानत की प्रशासनिक प्रणाली में स्लेव्स का महत्वपूर्ण योगदान।
पॉलिटिकल इंस्टेबिलिटी
: नए और पुराने शासकों के बीच संघर्ष।
एकता प्रणाली
: कैसे सामंती शासन ने प्रशासन को प्रभावित किया।
टैक्स प्रणाली
खराज
: खेती पर टैक्स।
कैटल टैक्स
: पशुओं पर टैक्स।
प्रोड्यूस टैक्स
: उत्पाद पर आधारित टैक्स।
मंगोल आक्रमण
मंगोलों का आक्रमण दिल्ली सुलतानत के लिए एक बड़ा खतरा था।
अलाउद्दीन खिलजी और मोहम्मद तुगलक
ने मंगोल आक्रमण का मुकाबला करने के लिए अपनी अपनी रणनीतियाँ बनाई।
सांस्कृतिक प्रभाव
दिल्ली सुलतानत के दौरान इस्लामिक संस्कृति का विकास और मस्जिदों का निर्माण।
जामा मस्जिद
: सामूहिक प्रार्थना का केंद्र।
निष्कर्ष
दिल्ली सुलतानत ने भारत में महत्वपूर्ण बदलाव लाए, जो अगले मुग़ल साम्राज्य के लिए आधार बने।
इस अध्याय में दिल्ली सल्तनत के विभिन्न पहलुओं की गहन समझ प्रदान की गई है।
अध्ययन सामग्री
नोट्स और अध्ययन सामग्री डाउनलोड करने के लिए
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कक्षा 4 से 12 के सभी विषयों के नोट्स उपलब्ध हैं।
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