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जर्मनी का इतिहास और एकीकरण

अगर आज की तारीक में आप जर्मनी का मैप देखें यूरोप में तो आपको कुछ ऐसा नज़ा रहेगा बट अगर आप आज से 200 साल पहले जाएं तो जर्मनी ऐसा बिल्कुल भी नहीं था अगर आज जर्मनी ऐसा नहीं था तो जर्मनी ऐसा नहीं था और इसी के बारे में इस वीडियो में हम बात करेंगे कहानी शुरू होती है अठारवी सदी के बीच से उस जमाने में यूरोप जैसा आज दिखता है तीन सो से ज़्यादा city थे, states थे, या छोटे-छोटे areas थे, जिनके अपने राजा थे, अपने कानून थे, अपनी सरकारे थे, तो इन सब को मिला के एक loosely एक group बना हुआ था, जिसका नाम था Holy Roman Empire या HRE, Holy Roman Empire के अंदर जितने भी states थे, उनमें दो states काफी ताकतवर थे, एक था Kingdom of Austria और एक Kingdom of Prussia, यानि Austria और Prussia, Austria ज्यादा ताकतवर था, इसलिए जो Austria का राजा होता है, उसी को जनरली होली रोमन अमपायर का भी राजा बनाते थे बट अब ये सिचुएशन चेंज रही थी क्योंकि प्रस्या जो था वो धीरे धीरे ताकतोर हो रहा था उन्होंने ज़ादा जमीन हासिल कर ली थी उन्होंने अपनी मिलिटरी को ज़ादा अडवांस कर लिया था इसलिए अब दो तलवार नहीं रह सकती अगर आप फ्रांस से आ गया नेपोलियन हुआ ये था कि उस समय फ्रांस में अपना ही एक रेवोलूशन चल रहा था फ्रेंच रेवोलूशन जिसके बार मैंने एक पूरा डीटेल में वीडियो बनाया है उसका लिंक इस वीडियो के रिस्किप्शन में है फ्रांस का राजा बनने के बाद जितने भी उसके आसपास फ्रांस के आसपास जितने भी ऐसे किंडम्स थे जो सामराजे थे उन लोगों को नेपोलियन ने अटाक करना शुरू किया और धीरे धीरे एक एक करते करते नेपोलियन बहुत ही जबरदस्त मिलिटरी कमांडर था तो उसने सब को आलमोस्ट हरा दिया नेपोलियन ने अपने सारे दुश्मनों को हरा दिया यूरोप की रीजन में तो इन सारे स्टेट्स को मिला कि उसने एक नया ग्रूप बनाया जिसका नाम उसने रखा Confederation of the Rhine उसने अब Holy Roman Empire को तोड़ गया था और ये ग्रूप अब उसके कंट्रोल में था बट फिर नेपोल इतनी बड़ी आर्मी वो लेके गया था, लगबख साड़े चार लाख लोगों को लेके गया था वो अपनी ग्रांड आर्मी में, बट लड़ते लड़ते वन टेंथ उसकी आर्मी बची, इसके बाद एक अलग सी वीडियो बनाया है, कि क्या गलती कि नेपोलियन ने रश्या क अब जब नेपोलियन हार गया उसको दड़ी पार कर दिया गया सेंट हेलेना के आईलेन पर तो अब फिर से क्वेश्चन मना कि ये जो जर्मनी का जो एरिया है जो मिडल यूरोप में है इसका क्या किया जाए तो इसी बात पे विचार यूमर्श करने के लिए वियना में सारे जो इस एरिया के मेंने लीडर्स थे प्रसिया के औस्ट्रिया के और बाकी स्टेट्स के उन्होंने आके एक सम्मेलन किया मुलाकात की और इसका नाम था कॉंग्रेस ओफ वियना इस कॉंग्रेस में उसने डिस नाइन स्टेज को लेके उन्होंने बना दिया अब जर्मन कॉन्फिडरेशन तो अल्टिमेटली ये एक देश नहीं था बट इनके रिलेशन्स आपस में अच्छे थे ये लोग आपस में वैपार कर रहे थे तो अब जब जर्मन कॉन्फिडरेशन बन गया था तो इसमें जित हुई कि जितने भी हमारे आजपास के स्टेट्स हैं जिनकी संस्कृति हमारे जैसी है जिनकी भाषा हमारे जैसी है उन सबको एक देश में होना चाहिए और यहां से पैदा होता है यूनिफिकेशन और जर्मनी का कॉनसेप्ट यानि जर्मनी के एकी करण का बहुत कमाल की बात एक बड़ा country बनाया जाएगा उसमें greater Germany किया जाए कि smaller Germany इन दोनों में अंतर ये था कि कुछ लोग ये मान रहे थे कि जो German states को मिला के बनाया जाए उसको greater Germany बोला जाए और उसमें हम Austria को भी शामिल करेंगे दूसरी तरफ कुछ लोग का मानना था कि हमको lesser Germany बनाना चाहिए इसमें हम Austria को शामिल नहीं करेंगे और ये जो लोग थे जो कह रहे थे कि lesser Germany बनाना चाहिए इन सब लोगों में top पे तो कौन था? प्रशिया प्रशिया टॉप पर था क्योंकि वह चाहता था कि जो जर्मनी की जो जर्मन भाषा वाले जितने भी स्टेट्स हैं उनको जब मिलाकर एक ग्रूप बनाया जाए तो उसके लीडर प्रशिया हो और इसलिए चाहता था कि आस्ट्रिया यहां पर ना आए तो यह ग्र और 1848 में एक revolution हुआ इन states में अलग जगह पर यह revolution इसलिए हुआ था क्योंकि इसके बहुत सारे reason थे एक reason यह कहा जाता है कि जब 18 सदी में 1776 में जब America ने घुशित कर दिया कि वो independent है हैं British से उसके वजह से उसके बाद उसी 18 से दिके बिल्कुल एंड में आते आते French Revolution हुआ तो इन सारे important events की वजह से ये यूरोप के states में भी ये भावना आ रही थी कि हमारे उपर राजाओं का राज है हमारे अपनी कुछ अधिकार नहीं है हमारी प्रेस को freedom नहीं है हम खुलके बोल नहीं सकते इन सारे अधिकारों के लिए अगर हम revolution कर दे तो हम ये राजाओं को हटा सकते हैं और अगर राजाओं को रखे भी तो भी हमको कुछ अधिकार मिलने चाहिए हमारी मीडिया को हमारी प्रेस खुली आजादी होनी चाहिए कि जो चाहें वो छाप सकें और हमको बाते करने का, हमको लोगों के साथ घुलने मिलने का, कमिटीज बनाने का अधिकार होना चाहिए सिविल लिबर्टीज होनी चाहिए तो यह रिवोलूशन हुआ 1848 में और इसका यह भी एक मकसद था तो उसके लीडर हम मनाएंगे किसको? प्रशिया के राजा को और प्रशिया के राजा को यह कहा गया कि आप राजा बन जाएंगे बट आप अपने ज़्यादातर अधिकार लोगों को देंगे मतलब लोगों के हाथ में भी पावर होगी और सिर्फ राजा ने जो कहा है वही नहीं होगा और जो राजा के जो नोबल्स हैं सारा पावर उनके पास नहीं होगा आप अपनी ताकत छोड़ दो तो बहुत कम राजा इस बात को मानेंगे तो प्रशा के राजा में इस बात से इंकार कर दिया दूसरी तरफ आप भी इस बात को अपोस कर रहा था क्योंकि वो जानता था कि अगर इन सब लोगों ने मिलकर एक जर्मनी कंट्री बना ली तो उसका लीडर बन जाएगा प्रस्या और प्रस्या की ताकत और बढ़ जाएगी इसलिए आस्ट्रिया ने भी इस रिवोलूशन को सक्सेसफूल नहीं होन रशिया के इनका नाम था विलहम द फर्स्ट राजा बनने के बाद इन्होंने एक बंदे को वहां का पिंग्रम ऑफ रशिया का चांसलर यानि प्राइम मिनिस्टर बनाया और इस व्यक्ति का नाम था और टो वॉन बिसमार्क यह नाम आपने जरूर सुना होगा अगर आपने यूरोपियन हिस्ट्री पढ़ी है तो क्योंकि इस बंदे को कहा जाता है कि जर्मन यूनिफिकेशन का यही बंदा आर्किटेक्ट था तो बिसमार्क एक बहुत ही क्लेवर बहुत ही चालाक पॉलिटिशन था और उसने ऐसी बहुत सारी चालें चली उसने ऐसी बहुत सारी संधियां की आपस के स्टेट में मिलकर और बहुत सारी लोगों से लड़ाई की जिससे अल्टीमेटली जर्मिनी का एकी करण हुआ जिसके बारे में आपको बताता हूँ तो पहले तो उसने क्या किया कि किंग्डेम आफ प्रसि उसने डेनिश लोग के साथ लड़ाई कर ली बिस्मार्क ने, किंग विल्लम ने और जितने भी उनके प्रपागेंडा वाले लोग थे उन्होंने अपनी जनता को यह कहा कि हमारे भाई, मतलब ऐसे लोग जो जर्मन भाषा में ही बात करते हैं वैसे कुछ लोग जो श्विस लिग और होस्टीन के एरियाज में हैं जो डेनिश लोग के कभजे में हैं तो इसलिए इन दोरों एरियाज को आजाध करने के लिए जो 1864 में हुआ था बिस्मार्क भी आपके पर भी आपके साथ ले लिया तो अबिस्ली प्रशिया और आप्शिया इतने पावरफुल थे तो उन्होंने मिलके डेनिश लोग को हरा दिया और श्वस्लिक मिल गया अब प्रशिया को और होल्सीन मिल गया आपके पर बिस्मार्क ने लड़ाई करवाली और इस लड़ाई में बहुत जल्दी कुछ ही हफ्तों में प्रशिया ने हरा दिया और यह जो होस्टीन का जो एरिया था इसको भी प्रशिया ने अपने कभजे मिले लिया इसके साथ ही कुछ ऐसे कुछ चोटे स्टेट्स थे जो ने इस ल नौर्थ चर्मन फेडरेशन अगर आप समय का माप देखेंगे तो आपको नजर आएगा कि इस फेडरेशन के वेस्टर हिस्से में बवेरिया का स्टेट था और यह स्टेट अभी तक बिसमार के साथ नहीं मिला था बिसमार बद को जानता था कि इन सारे इसको भी साथ मिलना जरूरी है अगर कंफिडरेशन की ताकत बढ़ानी है तो तो फिर फाइनल एक जबरदस्त चाल चली बिसमार ने उसने क्या किया कि एक टेलिग्राम था जो प्रशिया के राजा विलेम द फर्स्ट ने बिसमार को भेजा था उस अब इस टेलिग्राम को बिस्मार्क ने मीडिया में पब्लिश करा दिया बट उस टेलिग्राम के कुछ वर्ड चेंज कर दिया अब जो उसने वर्ड चेंज के थे इस टेलिग्राम में और नीज़ पेपर आर्टिकल्स में वो पढ़ने से ऐसा लग रहा था विलेम द फर्स्ट ने फ्रांस की और फ्रांस के राजा की बेजती की है। इस बात से अब फ्रेंच लोगों के मन में गुस्सा आ गया कि ये रे कैसे हमारी बेजती कर रहे हैं हम लोगों ने हमारे राजा नेपोलियन ने इन लोगों को हराया था ये कैसे इनकी इतनी इम्मत ह गोशना कर दी कि वो अब प्रस्टियन अम्पायर से इस कंफिडरेशन से लड़ाई करेंगे तो पूरी दुनिया के सामने प्रस्टियन लोगों ने कुछ भी नहीं किया था बट उनके सामने बात हो गई कि हमारे ऊपर किसी ने वार्ड डिकलेर किया है और यह बात हो गई कि ह 1870 में फ्रांस और प्रश्यन अंपायर के बीच में इस लड़ाई में बहुत ही तेजी से प्रश्यन मिलिटरी जो ज़्यादा अड़वांस थी ज़्यादा ओर्गनाइस थी उन्होंने फ्रांस को हरा दिया फ्रेंच एंपरर को उन्होंने बंदी बना लिया और जैन्वरी साल 1871 में प्रश्या की जो आर्मी है उन्होंने जाके पैरिस को घेर लिया और इस परकार जीत हुई यहाँ पे प्रश्यन मिलिटरी की इस जीत के बार इस कॉंफिडरेशन ने एलसेस लोरेन का रीजन छील लिया फ्रांस से और वो कहते हैं ना कि जले पे नमक छुटकना, तो...

प्रशिन किंग विलेम द फर्स्ट ने क्या किया वो गए फ्रांस में वर्साय के पैलेस में वो गए और उन्होंने गोशना की कि अब ये जो कंफिडरेशन है ये कमप्लीटली मिलके इसका एकी करण हो चुका है और अब ये है एक कंट्री जर्मनी और इस जर्मन अमपायर के राजा है किंग विलेम द फर्स्ट उन्होंने जो अपना जो उनकी जो ताज पुछी है वो भी वर्साय में हुई फ्रांस के अंदर कितनी बेजती फ्यूल हुई होगी फ्रांस के लोगों को लड़ाई के बाद finally set हो गया कि अब German Empire एक हो चुका है और इसी को कहते है Unification of Germany धान रखे कि अभी भी Kingdom of Austria अलग था बट इसी के बाद इन दोनों जो जर्मनी था और Austria-Hungary की बिच में दोस्ती थी और इसी वजह से यूरोप में जो पावर बढ़ गई थी जर्मनी की उसके वजह से फ्रांस को और उसके साथ साथ ब्रिटन को खत्रा फील हो रहा था और इसी वजह से और ब्रिटेन का अलायंस हो गया और इसी वजह से जब फर्स्ट वर्ड वार्ड छिड़ा तो फ्रांस और ब्रिटेन एक साथ थे और आस्ट्रीय हंगरी का अम्पायर और जर्मन अम्पायर एक साथ था और अल्सेस लोरिंग का जो रीजन है वापस फ्रांस ने दे लिया अगर आपको पूरे वर्ड वार के बारे में एकदम डीटेल में जानना है तो कैसे ये वार्ड शुरू हुआ इस वार के दौर वरान क्या हुआ और एंड में रिजल्ट क्या निकला इस पूरे के ऊपर मैंने एक प्लेलिज बनाई है एक सीरीज बनाई है जिसका नाम है वर्ल्ड वार वन फ्रॉम बिगिनिंग टू एंड इस सीरीज का लिंक आपको इस वीडियो की डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगा और