ये मासूम अदलिया ये मासूम एस्टेब्लिशमेंट ये मासूम पॉलिटिकल लीडर्स ये बेचारे बहुत बाद में आते हैं जिनका आम बंदों से कोई लेना देना नहीं है ये आप लोगों की इल्मी शहवत वाली गुफ्तगू है जो आप बैठ के करते हैं न वालों की पॉडकास्ट में बैठ के इसका आम बंदों से कोई लेना देना नहीं ये चंद पढ़े लिखे लोगों की शहवत प मनी गुफ्तगू है आम आदमी के लिए है इया ुद वया नता बाकी ठीक है जब इस तरह की खेर तैयार होगी बड़े पैमाने के ऊपर फिर ऑन की पॉडकास्ट भी उन्हें दिखा दिया करेंगे कि हां जी अब आप पहुंच गए हैं आपका बच्चा भी एनिक स्टेज पे नहीं है और आप बैठ के ये बता रहे हैं किस यूनिवर्सिटी से उसने पीएचडी करनी है सरकार वो बच्चा पता नहीं पैदा भी होना है कि नहीं कोशिश कर रहे हैं कि वो एंब्रियो स्टेज से तहली की स्टेज में आए वो खेर तैयार हो वो बड़ी हो और फिर हम उसके सामने ये इस किस्म की बातें रखें हर चीज स्टेप वाइज होती है बुतों वाले काबे की तरफ मुंह करके नमाज पढ़ी 13 और आठ कितने हो गए 21 साल 21 साल बाद फत मक्का हुई है फिर बुत टूटे ने यानी इऑन की पॉडकास्ट कब आई 21 सालों के बाद गुफ्तगू बहुत अच्छी है इलमी डिस्कशन है जरूर करें प्रैक्टिकली काम अल्लाह के फजल से हम कर रहे हैं ये काम मुश्किल है ग्रॉस रूट लेवल से लोगों को उठाना है और देखें हमारे हक में होने की दलील ये है इस प्लेटफॉर्म के कि हम कभी भी किसी के एफर्ट को जीरो से मल्टीप्लाई नहीं करते मैं ये नहीं कह रहा कि ये जो बातें कर रहे हैं ये गलत कर रहे हैं डॉक्टर सरार साहब या मौलाना महदूद या रिया मकबूल जान या साहिदीन मैं कह रहा हूं ये गलत स्टेज के ऊपर ये बातें हो रही है बातें जरूर करें लेकिन स्टेज ग्रास रूट लेवल से लेके हम कोशिश कर रहे हैं कि वह एमक स्टेट से तकली की स्टेज में आए वह खे तैयार हो वह बड़ी हो क्या जब इस तरह की खेप तैयार होगी बड़े पैमाने के ऊपर फिर न की पॉडकास्ट भी उन्हें दिखा दिया करेंगे कि हां जी अब आप पहुंच गए हैं यह मासूम अदलिया यह मासूम एस्टेब्लिशमेंट यह मासूम पॉलिटिकल लीडर्स यह बेचारे बहुत बाद में आते हैं यह काम मुश्किल है ग्रॉस रूट लेवल से लोगों को उठाना है [संगीत] यानी एन की पॉडकास्ट कब आई 21 सालों के [संगीत] बाद प्रैक्टिकली काम अल्लाह के फजल से हम कर और देखें हमारे हाथ में होने की दलील य इस प्लेटफॉर्म के न वालो की पॉडकास्ट आम आदमी के लिए [संगीत]