भगवत विषय बोलो, भगवत नाम बोलो, तेरी आदि बैठे लोग सा धीरी जिदित की सुन करते रो भगवत नाम मुझे चर्चा रही है, और आज जीव चर्चा कर रहा है, भीरतन करो भगवत विषय बोलो, भगवत नाम बोलो पारी गायत तुम्हारा जिम मिले भूमो सहलो बात देने को एक बार आजक दाल वो जफ़तंग राजे नहीं हमेशा प्रुप्ति में कोई भिमारी में पैदा हो आज जुद्धों से कह रहे थी कि हमारे पास इन दो दाते हैं ना किसी को राजो ना बोलो ना सूओ राजे कर दो हो के बाद माराजी क्यांक्या नहीं कि अब इसके लिए कि इसके लिए क लेकर उसको फील करके आतु भागा भी शुरू हो गया, किंतन भी शुरू हो गया, कृतन भी शुरू हो गया, नौधा वक्ति करने लगते हो गये। अरे अनन्त दोष्ट भरे हैं सब में, किसी ने कुछ कहवी दिया तो क्या गलत था, तो बात क्या हो गये। तुम्हें कोई क्या रहे तुम्ही राति अलताराओं को सही। तो पैदा करो हमारी कोई भुदाई करें यह अभ्यास कर लो, बस ओके छुट्टी मिली हमेशा पर जान कर लो बोल ले कि जय विच्चा हो रखवन दार को बोलो आपको कि हमारा खून बढ़ जाएगा एक लोग खुशी के बारे में जो खान खुन लोग आ होता है और ममता से दुख हमें होता है इतनी सारी भगवत कृपाय से हमारे लोगों के ऊपर हैं अब और क्या कृपाय पेदिकों भी धलब दाओ तो दोस्त पहुंच रहा बाद भी में कई आदमी दोबारा मुकाबला करने के लिए एंड नोट बताओ आमतु वेरा हमने आधेश में इस तब लिखा है कि सबसे पहले बताओ कि हमारी ब्रह्मान्द में पाँच अरब आद्मी हैं और एक फुट गड्डे में पाँच अरब जीव होते हैं एक फुट गड्डे में बरसाती गंदगी में पाँच अरब जीव होते हैं जिनको की यंत से देखने पर मालूं पढ़ता है कितने बारी जीव होते हैं अकुल पांच अरब है मनुष्य, वो देव दुर्लव शरीर मिला है। नमबर दो, उन पांच अरब में भी वो भाग्यशाली है, जिसको भारत बर्श में जन्म मिले। जहां कनारा है राम नाम सत्य है। पैदा होती है जो सुनते रहते हैं सब भगवान राम राम। आज रशिया में जन्म हो, यह सुनने को नहीं मिले भगवान का नाम तो संसकार कहां से बने? क्या है वो कमाउ लोगी रामायाण कहें, भगीता कहें, भागवत कहें, सुनने को तो मिलता है? वो संसकार को बनता है, वो जिस भावना से करेगा अपना भोगेगा, सुनने वाले को तो फाइदा हो रहा है?
अब हारत मर्श में भी जन्म होने के बाद नमबर तीसरा सवभाग्य उसको कोई महापुरुष मिल जाए सही गाइट करने वाला वो सबसे दुरलब है चौथा सवभाग्य ग्रहस्त के प्रपंच से बच जाए जो एक सबसे असंभो बात है वो गुरू किस प्रकार से किसी जीव को निकाल के लाता है ये कोई जीव नहीं समझ सकता वरना कोई माबाब थोड़ने वाले हैं किसी जीव को तो चाहते हैं जाओ संसार में हमारे तरह एक चप्पल खाओ और फिर उसमें भी कितने ऐसे हैं जो ग्रहस्त में नहीं गए हम भी उनको मिले हैं लेकिन बिचारे नोकई कर रहे हैं उनको आठ गंटे गुलामी करनी पड़ती है किसी की ओमाग डन दे बाताबर बहुते हैं हर जगे जहां सर्विस करते हैं कितना बचे कोई आदमी वो बिचारे प्रयत्न करते हैं बचने का नहीं बच पाते क्योंकि तमाब लोगों से संपर्क करना पड़ता है उनके तुसंग है और जो उसको मनगण में रहने का सवभाग मिला हो कोई प्रपंच न कि हाँ क्या बताएं अभी कुछ मिलना बाकी है अब कौन सिक्रपा बाकी है इसके आगे कोई बतावे शास्त्र वेद का बक्ता अब न करोगे तो कब करोगे अगर ये कहो कि हम क्या कह रहे हैं नहीं करेंगे अगले साल कर लेंगे अरे कल सबेरा तुमको मिले न मिले तुम अगले साल क्या कर रहोगे और जो उधार करेगा वो कभी नहीं कर सकता अगर सब लोग प्रतिग्या कर लो कि कोई कुछ करे हम अपना सुलहार करेंगे हम ये नहीं सोचेंगे वो ऐसा क्यों करता है वो तो बात कर रहा था वो कर रहा है मरे हम अपना कल्यान चाहते हैं कोई आदमी खाना खाता है जब भुखा आदमी तो अपनी रोटी अपनी जाल अपनी तरकारी पर ध्यान रखे खाता है एक कुछ कर रहा है, हमारे बाड में जा नहीं कर रहा है, हम अपना खाएं, हम अपना लाब उठाओं हैं, दूसरे से क्या मतलब हैं, कोई आदमी गलत काम भी कर रहा है, हम उसके दोश क्यों देखें, हमको तो केवल अपने में दोश देखना है, और बाकी गुरु और भगव डेली आज हमने दिन भर में कौन सी गलती की एक बार हमें गुस्सा आया था क्यों आया था उसने ऐसा किया था नहीं हमें गुस्सा नहीं करना चाहिए था गहत बात है उसने ऐसा कह दिया था कि स्वेटर आपका टेढ़ा स्पिट बना हुआ है कह दिया था तो हम गुस्स इस प्रकार किसी भी दोष को सोच करके और उसमें चिंतन अपने विरुध करना चाहिए कि हम ठीक हो जाएं