प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र देखिए ज़राब मैंने क्या किया मैंने तीन energy states बना दी हैं एक atom की एक मेरे पास E1 है जिसे हम ground state कह रहे हैं यह stable state हमारे पास होती है मैं लिख देता हूँ कि यह हमारे पास ground या जो हमारे पास stable state है जिसमें atom या electron रहना चाहते हैं उसके बाद एक साइड सेट एड टू और फिर एक साइड सेट एड थी जो कि मैंने आपको शुरू में प्रिंसिपल बताया था कि ज्यादा एनर्जी लेवल्स होने जाएं जिसमें से एक मेटा स्टेबल स्टेट भी होनी चाहिए अब हमने किया क्या सबसे पहले हमने यह किया minus E1 के घौर से देख लीजेगा मैंने क्या लिखा है E3 minus E1 लिखा है यानि इस energy state और इस energy state के difference के बराबर मैंने energy दी जब मैंने यह energy दी तो यहां से यह jump करके कहां पर पहुँच गए यह E3 state के अंदर पहुँच गए मेरी बात समझ रहे हो तो क्या यह E1 से E3 में खुद गए या मैंने इनको energy दी और मजबूर कर दिया के यहां से यहां जाओ तो आप बोलेंगे कि ये काम तो आपने खुद की आपने energy दिये, तो ये कौन से step हो गया, जिसे हम कहते है stimulated absorption कहते है, मेरा खाल यहां तक समझ में आ रही होगी, अब ये जो हमारे पास E3 state है, इसकी जो lifetime है, वो 10 raise to power minus 8 second है, तो ये एक stable state नहीं है, इसका मतलब है, तो 10 raise to power minus 8 इसको ऐसे करके बना लेता हूँ ठीक है तो यह क्या करेंगे यहां से जंप लगाकर कौन सी स्टेट के अंदर आ जाएंगे E2 के अंदर आ जाएंगे तो E3 से यह जो E2 के अंदर आए क्या इनको मैं लेकर आया यह खुद अपना टाइम गुजारने के बाद आ गए तो आप बोलेंगे खुद ही इतने टाइम के बाद यहां से जंप लगाकर यहां पे आ गे तो इस is called spontaneous emission तो इस is called spontaneous emission तो इस पर यहां पर यह लोग मौजूद हैं ओके अब आप देखिए क्या होगा यह जो ईटू है यह मेरे पास इसका जो लाइफ टाइम है वह है टेंड्स टू पावर माइनस थ्री सेकंड इसका मतलब है यह कौन सी स्टेट है इस इज दम मैटा स्टेबल स्टेट समझ में आ रही है मैं पहले तो जनाबे आली और atoms को मैंने पहुंचा दिया कहां पे excited state के अंदर तो यहाँ पर मौझूद है यहाँ पर है आगे और जब यहाँ पर आगे तो इन्होंने इतना time यहाँ पर गुजारा और इतना time गुजारने के बाद jump लगा कर यह कहाँ पर पहुंच गए यह jump लगा कर E2 के अंदर पहुंच गए अब यहाँ पर हो सकता है कि वह इस से कब जाएंगे तो देखिए इन दोनों के टाइम में फर्क है ना यह देखिए यह है माइनस एट और यह है माइनस तो मैं आपको ऐसे समझा रहता हूं कि जिस रहा है कि एक इदारा है जिस रहा है कॉलेज है उसमें क्या है कि जी हमारे पास नीचे एक वेटिंग रूम है तो जो बच्चा आता है वह वेटिंग रूम में पहले आता है वहां पर अपनी अटेंडेस्ट लगाता है और उसके बाद वह क्लास में जाता है तो वेटिंग रूम में वह कितनी देर रहा जरूरा दो या तीन मिनट रहा उसके बाद क्लास में आए� तो इसका मतलब है waiting room में जो बचा रहा है वो तीजी से जा रहा है लेकिन जो class में आ रहा है वो एक घंटे तक बैठा रहेगा बिल्कुल इसी तरीके से जो यहाँ पर पौचे E3 में वो तो jump लगागे जल्दी से E2 में आगे लेकिन E2 का जो के lifetime इतना है इससे बहुत ज्यादा है तो वो यहाँ पर जमा होना शुरू हो जाएंगे तो E2 के अंदर ज्यादा atom जमा होने शुरू हो जाएंगे E3 तो फोरण खाली हो रहा है और ये भी खाली होता जा रहा है तो इसका मतलब यह है कि यहाँ से ये तो सब चले गए क्या खैल है ये बास समझ में आ रही है तो आप देख सकते हैं कि जो ground state है, stable state है, उसमें atoms की तादात कम है, और excited, E2, E3 दोना excited है, लेकिन E2 excited state के अंदर atoms की तादात ज्यादा है, इस चीज़ को हम कहते है population inversion, अच्छे तरीके से आद रखेगा, यहाँ पर जो कुछ हुआ, वो हमारे पास population, इन वर्जन कहलाता है ओके पॉपुलेशन मतलब वहीं अबादी तो पॉपुलेशन इन वर्जन की डेफिनेशन हमारे पास क्या बनेगी हम बोलेंगे पॉपुलेशन इन वर्जन एक ऐसा प्रोसेस है इन विच देर आर मोर एटम इन दिया एक्साइटेड स्टेट देन इन दिग्राउंड स्टेट एक्साइटेड स्टेट में ज्यादा हमारे पास एट compare to the ground state जबकि आम तोर पे से उल्टा होता ना ground state में जादा होते हैं excited state के अंदर कम होते हैं तो मेरा खाले population inversion की term समझ में आ रही होगी अच्छा अब इससे पहले कि ये time पूरा हो और यहाँ पे बहुत जादा आबादी बन गई है हमारे पास मैंने क्या किया इस दफा मैंने डेल्टा E जो के बराबर है E2-E1 के ये energy यहां से मैंने दी E2-E1 इन दोनों के difference के बराबर energy थी तो हमें stimulated emission में Einstein ने क्या कहा था कि जिन दो difference के बराबर है आप energy दे रहे हो तो अगर वो already excited state के अंदर हैं तो वो कहाँ पर आ जाएंगे ground state में आ जाएंगे जनाब याली यह क्या करेंगे यहां से जंप लगाएंगे और वापिस आना शुरू हो जाएंगे तो एक साथ यह सारे जंप लगाकर वापिस की तरह आ जाएंगे यह सारे के सारे ग्राउंड स्टेट में आ जाएंगे जब यह सारे एक साथ वापिस आएंगे तो यह सारे क्य और एक मैं यहां से E2-E1 के बराबर एनर्जी दे रहा हूँ और चुके यह मैं खुद ले कर आया हूँ तो यह कौन सा प्रोसेस हो गया Stimulated Emission मैंने Stimulate किया और मैं यह बात जानता हूँ कि यह Incident Photon और यह जो Imitated Photon है यह In Phase होंगे यह Coherent होंगे तो यह सारी Beam को हम क्या करते हैं फिर एक Assembly बना लेते हैं उस Assembly में क्या होता है मिसाल के तोड़ पर हमारे पास यह वो Material है जिस Material में हमने Laser को प्रोडूस करना है तो एक तरफ से हम उसको fully polish कर लेते हैं और दूसरी तरफ से हम उसको क्या कर लेते हैं कि half polish कर लेते हैं तो यहां जो photon आके तकरा रहे हैं वो वापिस मुड़ना शुरू हो जाएंगे side-o से कम photon निकलेंगे और जो incident photon है वो भी एक तरफ हो जाएंगे तो यहां से एक तरफ से जो incident photon है जिसको हम कहते हैं laser और इसकी characteristic क्या होगी यह सारी की सारी light coherent होगी अब जब coherent होती है तो coherent light आपस में मिलती है और constructive interference करती है याद रखीगा तो इसका मतलब है कि कुछ characteristics हमारे पास जमा होने शुरू हो जाएंगे एक तो यह है कि laser light हमारे पास क्या है coherent है दूसरा इसकी बहुत high intensity है इसकी high intensity के बारे में मैं comment करना चाहता हूँ मैंने किताब के अंदर इसको पढ़ा था एक Japanese writer की book थी, मैं आपको कभी किसी ने पूछा तो मैं comment में उसको बता दूँगा, उसने कहा था कि जो laser की intensity है, this intensity is more than the intensity of the sun, जी हाँ सूरज की रोशनी की intensity से ज़्यादा intensity है, so high, बहुत high intensity है और दूसरी बात यह है कि यह highly directional है, ठीक है यह एक बल्प की तरह यह लाइट प्रोपेगेट होकर फैल नहीं जाती बल्कि एक बीम की सूरत में जा रही होती है सो जमीन से चांद पर लेजर लाइट को मारे और वहाँ पर किसी मिरर के जरीए उसको वापिस रिफलेक्स जमीन पर करें तो हाई डिरेक्शनल है और हाई इंटेंसिटी है कोहेरेंट हमारे पास यह वह कर्रेक्टरिस्टिक्स है जो के लेजर के अंदर मौजूद होती है ठीक है और इसमें बहुत हाई एनर्जी जरिए हाई इंटेंसिटी है तो एनर्जी भी अच्छी खासी ज्यादा होगी तो यह आपको यह समझ में आगे होगा अच्छा कुछ सवलात के जवाबात यहाँ पर यह भी हो सकते हैं कि कोई यह भी पूछ सकता है कि जब मैं excited state E2 से E1 में stimulated emission वाला process करवा रहा था और मैंने E2 minus E1 के बराबर energy दी थी तो ये सारे उठके नीचे आ गये थे लेकिन उस वक्क आपने दिखाओगा मैंने एक atom यहाँ पर छोड़ा हुआ था तो वो जो एक atom था वो ये energy absorb करके E1 से E2 में क्यों नहीं चला गया ये एक सवाल है इस सवाल का जवाब बड़ा simple से सवाल का जवाब है population inversion याद रखेगा population inversion restrict करता है इस atom को कि तुम यहाँ नहीं जा सकते क्योंकि already वो state fill up हुई हुई है और यह बात आप अच्छी तीरके से जानते हैं कि क्या किसी atom के अंदर जो electron है वो किसी भी orbit को जाके fill कर सकते हैं no, जो orbits हैं they are the energy levels तो एक energy level होना चाहिए उस energy level के मताबिक अगर energy है no.1, no.2 poly exclusion principle ने बताया कि एक स्पिन भी हमारे पास एक चीज होती वहाँ पर दोनों मौजूद है तो वह एलेक्ट्रोन वहाँ पर जाकर फिट होगा वरना वह उस स्टेट के अंदर नहीं जाएगा जिस रहा है फर्स्ट टेट के अंदर आप जानते हैं कि अगर दो एलेक्ट्रोन है तो एक क्लॉक वाइज और एक एंटी क्लॉक वाइज स्प ओके यह कुछ चंद बातें हैं जो कि टेक्निकल है तो पॉपुलेशन इन वर्जन पॉपुलेशन इन वर्जन रिस्टिक दिस एटम टू जंब फ्रॉम इवन टू टू एन अलाव इटू वाले एटम को कि टू जंब फ्रॉम इटू टू इवन एन स्ट्रिमिलेटेड एमिशन टू प्लेस यह इस इवन में क्यों नहीं आ सकते फिर वही सवाल का जवाब है कि यह सारे इवन से इवन में इसलिए नहीं आ सकते कि एक एनर्जी लेवल है एक टाइम एक लाइफ टाइम है उस एनर्जी लेवल और उस क्वांटम नंबर को फॉलो करते हुए ही आएंगे ऐसे फिल्म नहीं होंगे प्लीज भी केयरफुल ओके अच्छा दूसरी बात यह है कि यहां पर पड़ा आपको खुद लीजिएगा यही तमाम प्रिंसिपल उसके अंदर है और वह रूबी के बारे में के रूबी लेजर लिखा हुए तो रूबी एक्चुली एक मिटीरियल का नाम है तो रूबी क्या होता है मैं आपको बता रहता हूं यह हम बात कर देंगे हैं रूबी के बारे में तो इन मिटीरियल है एड टू ओ थ्री यह मिटीरियल है एल्मोनियम ट्री ऑक्साइड में रखा ले तो एड टू ओ थ्री हमारे पास एक मिटीरियल है इसमें हम सम ऑफ एल्मोनियम आर रिप्लेस्ट बाय ए CR plus 3 chromium plus 3 से कुछ aluminum atom को सारे नहीं उस material में समझ लें के 10 लाख अगर AL2O3 हैं तो एक atom ऐसा होगा जिसमें AL2 की जगा पर कोन आके fit हो जाएगा chromium plus 3 जाके fit हो जाएगा ऐसे कह ले जियो सो हम ये कहना चाह रहे हैं कि जब हम AL2O3 में aluminum को replace करते हैं chromium से कुछ atoms के अंदर तो अब जो ruby कहते हैं अब रूबी के अंदर आप पढ़ लीजेगा बुक के अंदर सारा ही प्रोसेस लिखा है कि क्रोमियम एटम है क्रोमियम एटम क्यों रिप्लेस किया क्रोमियम एटम के अंदर खास बात ही है यही है कि जनाब इसमें मेटा स्टेबल स्टेट होती है यानि मोर देन यानि बहुत पिर आप E2-E1 के बराबर energy दोगे तो वो E2 से jump करके E1 में आ जाएंगे, stimulated emission होगा, same story, सारे loves ruby और सारे loves chromium के लिए इस्तेमाल होने शुरू हो जाएंगे, और इनकी lifetime लिखी होगी, book में पढ़ दीजेगा, आपके लिए इंशालला वो बिल्कुल crystal clear topic साबित होगा, but even if you find के जी कोई सवाल पूछना है या कोई confusion है, you can come at me, thank you so much.