विकास (एवोल्यूशन) पर व्याख्यान नोट्स
विकास का परिचय
- विकास क्या है:
- क्रमबद्ध परिवर्तन एक रूप से दूसरे रूप में।
- विकासात्मक जीवविज्ञान (Evolutionary Biology)
जीवन का मूल
- ब्रह्मांड का प्रारंभ: लगभग 20 अरब वर्ष पूर्व एक विशाल विस्फोट से।
- पृथ्वी का निर्माण: 4.5 अरब वर्ष पूर्व।
- प्रारंभिक पृथ्वी पर कोई वायुमंडल नहीं था।
- गर्म द्रव्यमान से वाष्प, मीथेन, CO2 और अमोनिया मुक्त होकर जल का निर्माण किया।
- सूर्य से UV किरणों के कारण जल का विघटन।
- ऑक्सीजन का निर्माण और ओजोन परत का विकास।
जीवन का प्रारंभ
- जीवन लगभग 500 मिलियन वर्ष बाद आया।
- जीवन की उत्पत्ति संबंधी सिद्धांत:
- स्वतंत्र पीढ़ी (Spontaneous Generation): जीवन गैर-जीवित पदार्थों से उत्पन्न होता है।
- पैन्सपर्मिया सिद्धांत: जीवन अन्य ग्रहों से आया।
- रासायनिक विकास सिद्धांत: जीवन की पहली रूपरेखा रासायनिक प्रक्रियाओं के फलस्वरूप आई।
- मिलर के प्रयोग ने यह सिद्ध किया कि अनैर्गिक पदार्थों से जैविक यौगिक बन सकते हैं।
जीवाश्म साक्ष्य
- जीवाश्म अध्ययन द्वारा जीवों की विकासात्मक इतिहास का अध्ययन।
- जीवाश्मों से विलुप्त जीवों (जैसे डायनासोर) और भूगर्भीय काल का अध्ययन किया जा सकता है।
शारीरिक और शारीरिक संरचना के साक्ष्य
- समान संरचना (Homology): समान मूल, भिन्न कार्य।
- उदाहरण: मानव हाथ, पंख, आदि।
- विपरीत संरचना (Analogy): समान कार्य, भिन्न मूल।
- उदाहरण: कीटों और पक्षियों के पंख।
विकास का प्राकृतिक चयन
- प्राकृतिक चयन का सिद्धांत:
- जीवों में अनुकूलन के अनुसार चयन।
- उदाहरण: इंग्लैंड में सफेद और काले मथ की स्थिति।
- मानव क्रियाएँ भी प्राकृतिक चयन को प्रभावित करती हैं।
जैविक विकास के सिद्धांत
- लेमार्किज़्म: वंशानुक्रम में अधिगृहीत विशेषताएँ।
- डार्विनिज़्म: प्राकृतिक चयन द्वारा विकास।
- ब्रांचिंग वंशानुगति और सर्वाइवल ऑफ़ द फ़िटेस्ट।
विकास की यांत्रिकी
- म्यूटेशन सिद्धांत: अचानक परिवर्तन से विकास।
- हार्डी-वेइनबर्ग संतुलन: जनसंख्या में जीन आवृत्ति का स्थिर रहना।
- विकास प्रभावित करने वाले कारक:
- जीन प्रवास, आनुवंशिक परिवर्तन, म्यूटेशन।
भूगर्भीय समय का स्केल
- प्रोटेरोज़ोइक, पैलियोज़ोइक, मेसोज़ोइक, और सीनोज़ोइक युग।
- हर युग में जीवन के विकास की कहानी।
मानव का विकास
- मानव के पूर्वजों का विकास:
- ड्रायोपिथेकस और रामापिथेकस, जिससे मानव रूपी प्राइमेट विकसित हुए।
- होमो हैबिलिस, होमो इरेक्टस और अंततः होमो सेपियन्स।
इन नोट्स का उपयोग विकास के विषय में अध्ययन और पुनरावलोकन के लिए किया जा सकता है।