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कंप्यूटेशन थ्योरी और ग्रामर की व्याख्या
Dec 18, 2024
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थियरी ऑफ कंप्यूटेशन पर व्याख्यान नोट्स
परिचय
संजित का स्वागत
विषय: थियरी ऑफ कंप्यूटेशन
पहले के डिस्कशन: फाइनाइट ऑटोमेटा, पीडीए, ट्यूरिंग मशीन
आज का विषय: ग्रामर
ग्रामर क्या है?
भाषा: सेट ऑफ स्ट्रिंग्स
भाषा की जटिलता के कारण सीधे अध्ययन करना कठिन
समाधान: मशीन का निर्माण जो स्ट्रिंग्स को एक्सेप्ट करता है
मशीन और भाषा
मशीन को ऑटोमेटा कहते हैं
फाइनाइट ऑटोमेटा: एक्सेप्ट करता है स्ट्रिंग्स जो विशेष पैटर्न से शुरू होती हैं
मशीन का उपयोग करके हम भाषा को परिभाषित कर सकते हैं
स्ट्रिंग W का सदस्यत्व:
अगर प्रारंभिक स्थिति से अंतिम स्थिति तक जाते हैं तो एक्सेप्टेड
नहीं तो रेजेक्टेड
ग्रामर का महत्व
ग्रामर एक जनरेटर है जो किसी भाषा को जनरेट कर ता है
प्राकृतिक भाषाओं में ग्रामर का उपयोग
अल्फाबेट्स से वर्ड्स बनाना और फिर वर्ड्स से सेंटेंस बनाना
सेंटेंस की संख्या अनंत है, इसलिए नियमों की आवश्यकता है
ग्रामर की संरचना
प्रारंभिक प्रतीक: प्रारंभिक स्थिति की तरह
गैर-टर्मिनल (non-terminals) और टर्मिनल (terminals)
प्रोडक्शन नियम: alpha tends to beta
डेरिवेशन: प्रारंभिक प्रतीक से स्ट्रिंग तक पहुंचने का प्रक्रिया
मशीन और ग्रामर का संबंध
मशीन: Accepts strings
ग्रामर: Generates strings
दोनों का उपयोग करके भाषा को परिभाषित किया जा सकता है
भविष्य की चर्चा
अगले वीडियो में: प्रोडक्शन नियम, टर्मिनल और नॉन-टर्मिनल
कोम्स्की हायरार्की में ग्रामर की श्रेणीबद्धता
ग्रामर के चार प्रकार: रेगुलर ग्रामर (Type 3), आदि
निष्कर्ष
ग्रामर और मशीन दोनों का उपयोग करके किसी भी भाषा को परिभाषित किया जा सकता है
ग्रामर अध्ययन की आवश्यकता: शब्दों और वाक्यों की अनंतता को नियंत्रित करना
आगे के वीडियो में और जानकारी दी जाएगी