[संगीत] हे गाइ वेलकम बैक टू माय चैनल बंसल बायोलॉजी आज का जो वीडियो है इसमें हम देखने वाले हैं कि एग्रो बैक्टीरियल टम फेसिन किस तरीके से इफेक्ट करता है प्लांट को किस तरीके से नेचुरली वो प्लांट में अपना जेनेटिक मटेरियल ट्रा र करता है और कैसे यह पूरा प्रोसेस होता है पूरी चीज हम आज के वीडियो में देखने वाले हैं गाइस ये टॉपिक बहुत इंपॉर्टेंट है एमएससी एंट्रेंस के लिए भी एज वेल एज पीएचडी एंट्रेंस के लिए भी तो अच्छे से पढ़ते हैं सो लेट्स गेट स्टार्ट विद द लेक्चर गाइ अगर हम एग्रोबैक्टेरियम ट्यूम फेशन के बारे में बात करें तो मैंने अभी आपको बताया था कि यह क्या करता है ये इफेक्ट करता है प्लांट्स को और प्लांट्स को इफेक्ट करके उनमें क्या कॉज करेगा उनमें डिसीज कॉज करता है यह जो होता है ये स्पेसिफिकली डाकड प्लांट को इफेक्ट करता है मोनोकॉट प्लांट को ये इफेक्ट नहीं करता है अगर अगर हम यहां पर देखें यह जो एक बैक्टीरिया है ये ग्राम नेगेटिव बैक्टीरिया होता है और सोइल में पाया जाता है कैसा बैक्टीरिया ग्राम नेगेटिव होता है और सोइल में पाया जाता है किस तरीके से ये प्लांट को इफेक्ट करता है अगर आपने जेनेटिक्स पढ़ी होगी तो जेनेटिक्स में आपने देखा होगा एक प्रोसेस होता है जिसको बोला जाता है कंजू कंजुरिंग मटेरियल दूसरे बैक्टीरिया को ट्रांसफर करता है इसको हम कॉन्जुलेरे इसी तरीके से यह जो बैक्टीरिया है यह भी क्या करेगा यह भी अपना जेनेटिक मटेरियल प्लांट में ट्रांसफर करेगा प्लांट के एक सेल के पास ट्रांसफर करेगा किसके थ्रू करेगा इन दोनों के बीच में भी एक चैनल की फॉर्मेशन होगी और ये इस तरीके से चैनल के थ्रू अपने जेनेटिक मटेरियल को ट्रांसफर करेगा प्लांट के अंदर तो ये किस तरीके से करता है पूरा प्रोसेस कैसे सक्सेसफुल करता है इसी के बारे में हमें पढ़ना है तो अगर हम यहां पे देखिए जो एग्रोबैक्टेरियम ट्यूम फेश है सबसे पहली बात कि अपने जेनेटिक मटेरियल में भेजता क्या है प्लांट को क्या स्पेसिफिक चीज ये भेजता भता है तो यहां पर अगर हम देखें यह ना एक पार्ट भेजता है अपने प्लाज्मिड का जिसका नाम होता है टीआई प्लाज्मिड टीआई प्लाज्मिड के फुल फॉर्म क्या होती है ट्यूमर इंड्यूस प्लाजमिड्स मिड को समझे प्लाज्मिड क्या होता है जैसे कि मैंने कहा ये एक बैक्टीरिया है बैक्टीरिया के पास तो एक तो मेन उसका कंटेंट होता है जिसको बोलते हैं क्रोमोसोम क्रोमोसोम के अलावा उसके पास एक और चीज प्रेजेंट होती है जिको बोलते हैं प्लाज्मिड ये जो प्लाज्मिड होता है ना क्रोमोजोम से अलग होता है इसलिए इसको बोला जाता है एक्स्ट्रा क्रोमोसोमल और ये कैसा होता है ये सेल्फ रेप्ट केटिंग मॉलिक्यूल होता है यानी कि किसी के ऊपर डिपेंड नहीं है ये अपनी कॉपी अपने आप बना सकता है ये बिल्कुल सेल्फ रेप्ट होता है तो इंडिपेंडेंट होता है तो यहां पर ये क्या करता है यहां पर ये प्लांट्स में जाके एक डिजीज कॉज करता है या फिर ट्यूमर क्रॉस करता है जिसको बोलते हैं क्राउन गॉल यहां पे इसको क्या बोला जाएगा क्राउन गॉल डिजीज ये किसम जाके करता है प्लांट्स में जाके करता है ऐसे यहां पर एक और होता है जिसको बोलते हैं एग्रो बैक्टीरियस राइसो जीन एक और यहां पे एक है एग्रोबैक्टेरियम ट्यूम फेसन एक है यहां पे राइसो जीन ये भी कैसा है ये भी सेम ग्राम नेगेटिव बैक्टीरिया और ये भी क्या करता है ये भी प्लांट्स को इफेक्ट करता है इसका जो प्लाज्मिड होता है उसका नाम होता है आर आई प्लाज्मिड आर आई प्लाज्मिड यानी कि रूट इंड्यूस प्लाज्मिड और ये कौन सा डिसऑर्डर करता है ये प्लांट में करता है हेयरी रूट डिसऑर्डर हेयरी रूट डिजीज ये प्लांट्स में कॉज करता है तो इतनी बेसिक बात तो हमें समझ में आ गई अब जैसा कि मैंने अभी आपको दो मिनट पहले कहा कि क्या ट्रांसफर होता है प्लाज्मिड का एक हिस्सा ट्रांसफर होता है तो हम सबसे पहले इसके प्लाज्मिड का स्ट्रक्चर जान लेते हैं सो दैट हमें चीजें बहुत आसानी से समझ में आए तो यहां पर समझे इस तरीके से मैंने कहा ये जो इसका प्लाज्मिड है गोल इसका प्लाज्मिड यहां पे प्रेजेंट है इस प्लाज्मिड में बहुत सारे जींस प्रेजेंट होते हैं एक यहां पे रीजन प्रेजेंट होता है जो कि होता है ओराई रीजन ओराई रीजन का मतलब क्या ओरिजिन ऑफ रेप्ट केशन अगर किसी को भी रेप्ट होना है तो उसके पास ओरिजिन ऑफ रेप्ट होना चाहिए तभी वो रिप्लिकेट हो पाएगा इसके अलावा इसके पास क्या प्रेजेंट होता है इसके अलावा इसके पास एक रीजन प्रेजेंट होता है जिसको हम बोलते हैं वायलेंस रीजन यह वाला जो रीजन है ये इंफेक्शन करवाने के लिए बहुत इंपॉर्टेंट है अगर ये रीजन प्रेजेंट नहीं होगा ना तो यहां पे प्लाज्मिड जो है उसका हिस्सा ट्रांसफर नहीं हो पाएगा प्लांट में इसके अलावा जो एक्चुअल में रीजन पास होता है उसका नाम क्या है उसका नाम होता है टी डीएनए यानी कि यहां पर ये जो स्पेसिफिक रीजन है टी डीएनए ये जो होता है इसको ट्रांसफर किया जा जाता है बाकी पूरा प्लाज्मिड ऐसा का ऐसा रह जाता है ये जो टी डीएनए वाला हिस्सा है इसको ट्रांसफर किया जाता है अगर हम यहां पे देखें टी डीएनए के पास बहुत सारे जींस प्रेजेंट होते हैं जैसे कि एक जीन अगर मैं बोलूं एक जीन होता है ऑक्सिन के लिए एक जीन की अगर हम बात करें तो एक होता है साइटोकाइनेटिक्स और साइटोकाइनेटिक्स तो चाहता है प्लांट में ट्यूमर करना चाहता है यानी कि प्लांट के सेल डिवीजन को बढ़ाना चाहता है तो यह उसी रोल में प्ले उसी रोल में हेल्प करते हैं अगर हम यहां पे देखिए ये जो टी डीएनए होता है इसके दोनों तरफ कुछ बॉर्डर प्रेजेंट होते हैं जिसको हम बोलते हैं राइट बॉर्डर और लेफ्ट बॉर्डर ये जो राइट बॉर्डर और लेफ्ट बॉर्डर है ये नहीं चाहते इनका ट्रांसफर नहीं होता है टी डीएनए के साथ ये सिर्फ हेल्प करते हैं टी डीएनए को ट्रांसफर करने के लिए तो यहां पर इस तरीके से लेफ्ट और राइट बॉर्डर प्रेजेंट है ये जो टी डीएनए होता है ये लगभग 15 से लेकर 30 केब का साइज का इसका होता है इसके अलावा अगर हम यहां पर देखें यहां पर ये जो राइट बॉर्डर होता हैय 25 के बेस पेयर से बना होता है और लेफ्ट बॉर्डर भी कितने से बना हुआ है 25 बेस पेयर से बना होता है अगर समझिए यहां पर मैंने क्या कर दिया मैंने यहां पे राइट बॉर्डर को डिलीट कर दिया अगर राइट बॉर्डर को मैंने डिलीट कर दिया तो ट्रांसफर होगा ही नहीं एक कंडीशन मैंने बोली इफ आई डिलीटेड इफ आई डिलीटेड राइट बॉर्डर अगर राइट बॉर्डर डिलीट हो गया तो वो अबॉलिश कर देगा ट्रांसफर को ट्रांसफर को होने नहीं देगा टीडीएन बोलेगा मैं जा ही नहीं सकता आपने राइट बॉर्डर को डिलीट कर दिया तो राइट बॉर्डर जो है वो सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट है ट्रांसफर करने के लिए और इसके अलावा जैसा कि मैंने यहां पे कहा ये जो ओवर प्रोडक्शन होगा प्लांट्स में जाके किसका ओवर प्रोडक्शन होने वाला है फाइटो हार्मोन का क्योंकि फाइटो हार्मोन प्लांट्स के खुद के पास तो है ही ऑक्सीजन और साइटोकाइनेटिक्स यहां पर टी डीएनए के आपको कुछ जीनस का स्पेसिफिकली नाम बता दूं जैसे कि मैंने कह दिया कुछ जीन ऑक्सीजन बनाते है कुछ जीन साइटोकाइनेटिक्स जीन और एक होता है एओ जीन ये जो दो दिन जीन होते हैं ये क्या बनाने के लिए रिस्पांसिबल होता है ये बनाते हैं ओपा इन की सिंथेसिस करते हैं तो ये क्या है जीन हमें पता है जो प्रोडक्ट होता है प्रोटीन होता है वो जीन से बनता है तो इस तरीके से इसके अलावा यहां पे इसके पास होता है टीएमएस व और टीएमएस ट ये दोनों क्या क्या बनवाते हैं ये दोनों बनाते हैं हक्स ऑक्सिन हार्मोन को इसके अलावा यहां पे होता है टी एमआर और टी एम एल ये किसकी सिंथेसिस करते हैं ये सिंथेसिस करते हैं साइटोकाइनेटिक्स करते हैं तो दीज आर आल्सो रिस्पांसिबल फॉर द ओपा इन सिंथेसिस तो यह कुछ जीन होते हैं टी डीएनए के ऊपर प्रेजेंट होते हैं जिनका ट्रांसफर होने वाला है अब मैंने यहां पर आपको बोल दिया कि ट्रांसफर के लिए कौन-कौन रोल प्ले कर रहा है ट्रांसफर के लिए मैंने अभी आपको बताया कि एक तो यहां पर रोल प्ले कर रहे है बॉर्डर रीजन उसके अलावा यहां पे और कौन रोल प्ले कर रहा है उसके अलावा यहां पे रोल प्ले कर रहा है वायलेंस जीन वायलेंस जीन भी यहां पे रोल प्ले कर रहा है तो हम इस वायरलेस के बारे में बात करते हैं जो कि हेल्प कर रहे हैं किसम ट्रांसफर में हेल्प कर रहे हैं तो यह किस तरीके से होते हैं वायलेंस जीन की अगर हम बात करें तो ये ओपेन के फॉर्म में प्रेजेंट होते हैं आपको पता होगा बैक्टीरिया के पास ओपेन में क्या प्रेजेंट होते हैं ओपेन में जो जीनस है वो प्रेजेंट होते हैं तो इनके पास क्या प्रेजेंट है ओपेन प्रेजेंट है इन ओपेन के नाम क्या होते हैं विर ए विर बी फर सी फर डी फर ई फर एफ विर ए विर जी इस तरीके से इसके पास बहुत सारे ऑपेरोंस प्रेजेंट होते हैं इन सभी ऑपेरोंस के जो पास है जींस का नंबर अलग-अलग है ओपेन मतलब मैं अगर आपको फिर से समझा दूं थोड़ा सा तो यहां पे प्रमोटर होता है प्रमोटर के बाद यहां पे प्रेजेंट होता है एक ऑपरेटर रीजन इस तरीके से यहां पे ऑपरेटर रीजन प्रेजेंट होता है और यहां पे प्रेजेंट होते हैं जीन तो यहां पर एक जीन भी प्रेजेंट हो सकता है यहां पे दो जीन भी प्रेजेंट हो सकते हैं यहां पे तीन बहुत सारे जीनस भी प्रेजेंट हो सकते हैं तो अगर ऐसा स्ट्रक्चर प्रेजेंट हो तो उसको आप ओपेन कहते हो तो यहां पर जो ए वाला है इसके पास कितने जीन होते हैं इसके पास सिर्फ एक ही जीन प्रेजेंट होता है ब वाले के पास 11 जीन होते हैं सी वाले के पास सिर्फ दो जीन प्रेजेंट होते हैं डी वाले के पास चार है ई के पास दो होते हैं ई के पास दो होते हैं और एफ के पास वन प्रेजेंट होता है लास्ट बच्चा जी जी के पास भी कितने जीनस प्रेजेंट है एक जीन प्रेजेंट होता है तो इसको हम क्या बोलते हैं ये ओपेन है तो ये दूसरी चीज होती है और तीसरी जो चीज ट्रांसफर करने में मदद करती है वो होता है क्रोमोसोमल वायलेंस जीन क्रोमोसोमल वायरलेस जीन मैंने अभी आपको एक बात बताई थी कि एक प्लाज्मिड होता है और एक क्रोमोसोम होता है दो चीजें यहां पे होती है एक क्रोमोसोम होता है और य ट होता है तो जो तीसरा हिस्सा मदद कर रहा है वो एक्चुअली क्रोमोजोम का हिस्सा है इसलिए हम उसे क्रोमोजोम वायलेंस जीन कह रहे हैं ये किस पे लोकेट हो रखा है यह लोकेट हो रखा है ऑन क्रोमोसोम और यह भी किसम मदद करता है यह भी यहां पे मदद करने वाला है ट्रांसफर करने में तो अब किस तरीके से कहानी चलती है कैसे शुरुआत होती है ट्रांसफर की हम यहां पे वो चीज देखते हैं ट्रांसफर एक्चुअली प्लांट ही करता है प्लांट ही यहां पे मैसेज भेजता है कि आओ मुझे इफेक्ट करो एक्चुअली यहां पे अगर वुडेड प्लांट होता है ना वडेड प्लांट यानी कि जिसको घाव लगा हुआ है वो क्या रिलीज करता है वो यहां पर फेनोलिक मॉलिक्यूल रिलीज करता है सोइल में वो यहां पर क्या करने वाला है फेनोलिक्स मॉलिक्यूल रिलीज करता है सोइल में फेनोलिक मॉलिक्यूल में ये स्पेसिफिकली क्या रिलीज करता है एसीटो संगन ये रिलीज करता है किसको रिलीज करता है एसीटो सिंगन को ये स्पेसिफिकली रिलीज करता है ये एक फेनोलिक मॉलिक्यूल है यह क्या करेगा ये अब जाता है बैक्टीरिया के पास बैक्टीरिया इसको रिकॉग्नाइज करता और इसको रिकॉग्नाइज करके पूरे ट्रांसफर को इनिशिएटिव में समझने की कोशिश करते हैं जैसे हम यहां पे समझ लेते हैं कि ये क्या है ये बैक्टीरिया ये बैक्टीरिया के मेंब्रेन प्रेजेंट है यहां पर क्या है बैक्टीरिया का साइटोप्लाज्म है अंदर की तरफ इसका साइटोप्लाज्म है और ये बाहर है ठीक है यहां पर इसकी मेंब्रेन है इसको मैं बोल देती हूं बैक्टीरियल मेंब्रेन अब यहां पर इसके मेंब्रेन पे कौन आके बैठ गया इसकी मेंब्रेन पे आ गया फेनोलिक मॉलिक्यूल अब इस फेनोलिक मॉलिक्यूल को इस बैक्टीरिया को पहचानना पड़ेगा तो इस मॉलिक्यूल को पहचाने का कैसे इसके पास यहां पे ओबवियसली कुछ तो ऐसा मॉलिक्यूल होना चाहिए जो पहचानने के लिए रिस्पांसिबल हो तो यहां पर ना दो चीजें होती हैं एक होता है विर ए और एक होता है विरज ये दोनों के दोनों इस बैक्टीरिया में कैसे एक्सप्रेस होते हैं दोनों के दोनों बैक्टीरिया में कॉन्स्टिट्यूशन होते हैं कॉन्स्टिट्यूशन होने का मतलब है कंटीन्यूअसली एक्सप्रेस होते ही रहते हैं होते ही रहते हैं जैसे हमारी हमारी जिंदगी में कुछ लोग होते हैं ना जो बोलते ही रहते हैं बोलते रहते हैं बोलते हैं भाई चुप हो जाओ वो चुप होने का नाम नहीं लेते बोलते ही रहते हैं बोलते ही रहते हैं ऐसे ही यहां पर ये दोनों के दोनों जो ओपेन है ये बैक्टीरिया में कॉन्स्टिट्यूशन एक्सप्रेस होते रहते हैं और अपने प्रोडक्ट बनाते रहते हैं प्रोटीन बनाते रहते हैं तो इन्हीं में से ही एक प्रोटीन दैट इज वेयर ए यहां पे प्रेजेंट रहता है यहां पे कहां प्रेजेंट रहता है बैक्टीरिया के मेंब्रेन पे विर ए प्रेजेंट रहता है विर ए जो है वो किस तरीके से वर्क करता है ये वर्क कर रहा है सेंसर काइनेस के तौर पे सेंसर काइनेस के तौर पे वर्क करने का मतलब है कि ये सेंस कर रहा है फेनोलिक मॉलिक्यूल को और का नेस की एक्टिविटी शो कर रहा है काइनेस का मतलब क्या होता है फास्फोराइबोसिल्ट्रांसफरेस राइले और कहां किया है हिस्टन अमानो एसिड प उसने ऑटो फास्फोराइबोसिल्ट्रांसफरेस अब ये जो विर ए है ना ये क्या कर देगा ये इस फॉस्फेट ग्रुप को ट्रांसफर कर देगा ये खुद के पास इस फॉस्फेट ग्रुप को नहीं रखेगा ये इस फॉस्फेट ग्रुप को ट्रांसफर कर देगा किसी और मॉलिक्यूल के पास और वो मॉलिक्यूल यहां पे कौन होगा ये मॉलिक्यूल यहां पे विर जीी होगा क् सिर्फ यही दो है जो बैक्टीरिया के अंदर कांस्टीट्यूटिवली एक्सप्रेस हो रहे हैं तो विरज के पास एक अमानो एसिड प्रेजेंट होता है जिसका नाम होता है एस्पार्टो एसिड ये जो फॉस्फेट है ये फॉस्फेट कहां आ जाएगा इस एस्पार्टो एसिड पे आके बाइंडर जाएगा अब यह जो विर जी है यह क्या होता है यह होता है रिस्पांस रेगुलेटर यह क्या करने वाला है यह रिस्पांस करवाएगा अब इसका काम है विर ए ने अपना मैसेज दे दिया विर जी का काम है काम करवाना यहां पर अब ये जो विर जी है ना यह क्या करेगा यह एक बॉक्स पे जाके बाइंडेक्सेप्शन यहां पे प्रेजेंट है तो यहां पर बाकी के प्रमोटर हैं उसके पास प्रमोटर के साथ-साथ यहां पे बाकी के विर जीनस भी प्रेजेंट है तो यहां पर ये जो बाकी के विर जींस है ना उनके एन हैंसर को जाके बाइंडर जाता है और ओपेन को पॉजिटिव मैसेज देता है कि भाई तुम एक्सप्रेशन करवाओ बाकी विर जींस का तो यहां पर क्या होगा अब यहां पे बाकियों का एक्सप्रेशन शुरू होगा और बाकियों का एक बार एक्सप्रेशन शुरू हो गया तो आगे का जो काम है ट्रांसफर का वो कंटिन्यू होगा तो यहां पर एक-एक करके जब एक्सप्रेशन शुरू हुआ है तो यहां पर एक तो एक्सप्रेशन होता विर d2 का हम यहां पे पहले विर d2 की बात कर लेते हैं जो कि एक एंडो न्यूक्लियस है एंडो न्यूक्लियस क्या होता है जो डीएनए के बीच में जाके कट करता है ये क्या करने वाला है ये कट करने वाला है टी डीएनए के बॉर्डर पे ये क्या कट करता है ये टी डीएनए के बॉर्डर के इधर पे कट करता है उसी के साथ-साथ यहां पर एक और होता है विर d1 जिसका जो क्या होता है जो होता है यहां पे टोपोर जो क्या है टोपोर मरेज है और ये हेल्प करता है विर d2 को इसका काम होता है कि विर d2 की मदद करें कटिंग करने में तो यहां पर किस तरीके से कहानी हम अच्छे से समझने की कोशिश करते हैं समझो मैंने यहां पे प्लाज्मिड का एक हिस्सा बनाया है यहां पर हमें पता है दोनों तरफ टी डीएनए के राइट बॉर्डर प्रेजेंट होता है और लेफ्ट बॉर्डर प्रेजेंट होता है यहां पे प्रेजेंट है लेफ्ट बॉर्डर यहां पे प्रेजेंट है राइट बॉर्डर और यहां पे इस तरीके से प्रेजेंट है टी डीएनए ठीक है अब यहां पर कौन आएगा यहां पर आ जाएगा हमारा एक मॉलिक्यूल जिसका नाम होता है र d2 विर d2 यहां प आके क्या करने वाला है यहां पे आके वो कट लगाने वाला है यहां पे अगर हम देखें ये जो आरबी है ना ये आरबी यानी कि ये जो राइट बॉर्डर है इसके पास क्या प्रेजेंट होता है इसके पास एक एन हैंसर एलिमेंट प्रेजेंट होता है इसके पास एक स्पेसिफिक सीक्वेंस प्रेजेंट होता है जिसको हम बोलते हैं एन हैंसर एलिमेंट यानी कि वो एन हैंस करेगा इस कटिंग को तो यहां पर इस एन हैंसर एलिमेंट को पहचानने के लिए कौन आते हैं यहां पर एक और विर आता है जिसका नाम है विर c2 और उसी के साथ-साथ यहां पे आता है विर स1 यहां पे ये दोनों विर भी एंट्री मारते हैं ये दोनों विर क्या करने वाले हैं ये दोनों विर जो है वो रिकॉग्नाइज करेंगे रिकॉग्नाइज करेंगे एन हैंसर एलिमेंट को और एन हैंसर एलिमेंट को रिकॉग्नाइज करके इन शॉर्ट इसको हेल्प करेंगे कटिंग करने में तो यहां पर यह भी क्या कर रहे हैं यह भी इसमें हेल्प कर रहे हैं कटिंग में तो यह एनहांस कर रहे हैं कटिंग को एनस द कटिंग तो अब यहां पर क्या हो जाएगा यहां पर इस तरीके से कट लग जाएगा तो कट लगने के बाद हमारे पास किस तरीके से कंडीशन आएगी ये देखो इस तरीके से हमारे पास आएगी और यहां पर ये जो टी डीएनए है वो कट चुका है यहां पर इस तरीके से हमने बोल दिया कि ये टी डीएनए था अब एक बार जब हमने यहां पर सिंगल स्ट्रैंड प कट कर दिया है तो अब हमें सिंगल स्ट्रैंड को अलग करना होगा हमें ये टी डीएनए का सिंगल स्ट्रैंड चाहिए तो यहां पे किस तरीके से होता है समझिए यहां पे कट लगा तो इसके फाइव प्राइम एंड है इसका थ्री प्राइम एंड है सिमिलरली यहां पे थ्री प्राइम एंड है यहां पर फाइव प्राइम एंड है यहां पर क्या होगा यहां पर इसकी सिंथेसिस फिर से कं कंटिन्यू होगी यहां पर सिंथेसिस कंटिन्यू का क्या मतलब है जैसे कि अब ये टी डीएनए थोड़ा-थोड़ा निकलता जाएगा क्यों क्योंकि यहां पर डीएनए पॉल आके फिर से सिंथेसिस शुरू कर देगा तो जैसे-जैसे डीएनए पॉल यहां पे सिंथेसिस करते रहेगा जो टी डीएनए वो खिसक खिसक खिसक जाएगा फाइनली यहां पे हमारे पास सिचुएशन किस तरीके से आ जाएगी कि यहां पर ये जो टी डीएनए है वो पूरा का पूरा निकल जाएगा और यहां पर इसकी सिंथेसिस कंटिन्यू होती जाएगी और ये जो हमारा टीडीएन है वो सेपरेट हो चुका है क्योंकि उसकी जगह आप कि और ने ले ली ना तो वो आराम से सेपरेट हो जाता है तो यहां पर अब इस टी डीएनए का फाइव प्राइम एंड है यहां पे थ्री प्राइम एंड है इसका जो फाइव प्राइम एंड है इससे विर d2 बाइंडर है विर d2 यहां पे सेपरेट नहीं होता इससे बाइंडर कैसे अटैच रहता है डीएनए से जो विर d2 का है उसका टायरोसिन अमानो एसिड अटैच रहेगा टायरोसिन अमानो एसिड और व विर d2 रिमेंस अटैच विद द डीएनए तो इस तरीके से वि d2 इससे अटैच रहता है अब य यहां पे अगर हम बात करें हमारे पास टी डीएनए जो है वो तैयार है टी डीएनए यहां पे बिल्कुल तैयार है वो जाने को अब यहां पे दिक्कत ये है कि अगर हम एक बैक्टीरिया को ले तो बैक्टीरिया के पास बहुत सारी मेंब्रेन होती है और उसी के साथ-साथ प्लांट सेल के पास भी बहुत सारी मेंब्रेन है जैसे कि अगर हम यहां पे बात करें बैक्टीरिया के पास कौन-कौन सी मेंब्रेन है बैक्टीरिया के पास उसके प्लाज्मा मेंब्रेन है तो ये जो हमारे पास जीन है इसको प्लाज्मा मेंब्रेन को कवर क्रॉस करना पड़ेगा उसी के साथ-साथ उसके पास सेल वॉल प्रेजेंट है उसी के साथ-साथ ग्राम नेगेटिव बैक्टीरिया उसके पास आउटर मेंब्रेन भी प्रेजेंट है तो ये सारी लेयर्स उस उस बेचारे हमारा जो डीएनए है उसको क्रॉस करनी पड़ेगी सिमिलरली प्लांट के पास भी होती है सेल वॉल एंड उसी के साथ-साथ उसके पास भी प्रेजेंट होती है प्लाज्मा मेंब्रेन तो इतनी सारी मेंब्रेन इस डीएनए को क्रॉस करके जाना है वो कैसे क्रॉस करके जाएगा हाउ इज इट पॉसिबल कि वो क्रॉस करके जाएगा तो हम इसी चीज को अब नेक्स्ट डायग्राम में देखते हैं तो समझिए मैंने कहा इस तरीके से हमारे पास ये क्या प्रेजेंट है हमारे पास ये है सेल किसका सेल है ये ये कौन सा सेल है एग्रो बैक्टीरियस है दूसरी तरफ यहां पर हम एक सेल बना देते हैं यह सेल किसका है ये प्लांट सेल है पूरा का पूरा सेल हमने बना दिया है प्लांट सेल जो हमने देखा यहां पर इस तरीके से डबल स्टैंडर्ड प्लाज्मिड प्रेजेंट था यह था डबल स्टैंडर्ड प्लाज्मिड टी डीएनए जो है वो अलग हो गया और सिंगल स्टैंडर्ड टी डीएनए जो है फाइव प्राइम से थ की पोजीशन में अलग हो गया और इससे कौन बाइंडर इससे वेर d2 अभी भी बाइंडर अब यहां पर हमें इसको ट्रांसफर करना है हम इसको ट्रांसफर किस तरीके से करेंगे एक्चुअली यहां पर ये जो इन दोनों के बीच में ना यानी कि प्लांट और बैक्टीरिया के बीच में एक चैनल फॉर्म होता है इस चैनल का नाम क्या होता है इस चैनल का नाम होता है t4s ए t4s एस की फुल फॉर्म क्या है t4 एसएस की फुल फॉर्म है टाइप फोर सेक्रेशन सिस्टम इसकी फुल फॉर्म होती है टाइप फोर सेक्रेशन सिस्टम तो यहां पर यह किस तौर पर प्रेजेंट होता है यहां पर य चैनल के तौर पर प्रेजेंट है ये चैनल है इस चैनल के थ्रू यहां पर क्या होगा इस डीएनए का ट्रांसफर होगा अगर हम यह देखें चैनल किसने बनाया है तो यह चैनल बनाते हैं विर बीव से लेकर विर बी 11 के जितने भी होते हैं बी12 बी3 b4 b5 इस तरीके से और उसी के साथ साथ विर d4 यह सारे के सारे मिलके असेंबल करते हैं चैनल को और इस चैनल के सिंथेसिस करते हैं वेर b1 2 3 4 11 तक और d4 इनकी वजह से चैनल बनता है और इस चैनल के थ्रू क्या कर पाते हैं यहां पर ये जो डीएनए है इसका यहां पर ट्रांसफर हो सकता है तो यहां पर इस तरीके से बना देती हूं इस डीएनए का ट्रांसफर इस तरीके से डीएनए का ट्रांसफर हो गया इसके पास यहां पे फाइव प्राइम है थ्री प्राइम है और यहां पर इसके साथ फाइव प्राइम प कौन अटैच है र d2 अटैच है र d2 इसको कट होने से भी बचाता है डीएनए को अब यहां पर सिर्फ और सिर्फ र d2 का और इसका डीएनए का ही ट्रांसफर नहीं होता है यहां पे कुछ और मॉलिक्यूल होते हैं जो भी इससे पास करते हैं जो कौन-कौन से होते हैं यहां पर एक तो होता है विर d5 विर d5 भी जाता है उसी के साथ-साथ यहां पर होता है विर e2 वो भी जाता है उसके अलावा विर e3 भी जाता है और उसके अलावा विर ए भी जाता है तो ये सारे जो विर है इनका भी इंडिविजुअली ट्रांसपोर्ट होता है ये भी क्या होगा इनका भी इंडिविजुअली ट्रांसपोर्ट होगा इंडिविजुअली ट्रांसफर होंगे तो इस तरीके से अब ये सारे विर भी आ गए और ये भी यहां पे आ चुका है अगर हम यहां पर देखें अब हमारे पास ये डीएनए है इसको हमें किसके अंदर लेकर आना है इसको हमें प्लांट के न्यूक्लियस के अंदर लेकर आना है तो इसको हम प्लांट के न्यूक्लियस में किस तरीके से लेकर आएंगे हम ये देखते हैं यहां पर हमारे पास सेम इस तरीके से प्रेजेंट है ये हमारे पास ये कंडीशन है यहां पर एक एक जो विर e2 है ना इसके पास कौन सा चीज प्रेजेंट होती है यहां पर ये जो विर e2 है इसके पास डीएनए बाइंडिंग एक्टिविटी होती है यह किसके साथ बाइंडर यह डीएनए के साथ जाके इस कंडीशन में बाइंडर अब इस पूरे के पूरे चीज को आप क्या बोलोगे इस पूरे के पूरे चीज को बोला जाता है t कॉम्प्लेक्शन होता है इनके पास न्यूक्लियर लोकलाइजिंग सीक्वेंस होता है न्यूक्लियर लोकलाइजिंग सीक्वेंस का क्या मतलब मतलब है कि इनके पास एक ऐसा सिग्नल है जो कि इस पूरे के पूरे हमारे स्ट्रक्चर को न्यूक्लियस के अंदर ले जा सकता है तो यहां पर अब कैसी स्थिति आएगी यहां पर इस तरीके से आ गया न्यूक्लियस न्यूक्लियस के पास प्लांट के पास ओबवियस सी बात है खुद का जेनेटिक मटेरियल तो प्रेजेंट होगा अब यहां पर क्या होगा ये पूरा का पूरा ग ग्रेट करना है क्या करना है प्लांट के जिनोम के साथ इंटीग्रेट करना है तो ये इंटीग्रेशन कैसे होती है री कॉमिनेशन से होती है अगर आपने जेनेटिक्स पढ़ा होगा तो आपको पता होगा डीएनए का एक्सचेंज हो सकता है दो क्रोमोजोम से हम डीएनए का एक्सचेंज कर सकते हैं कुछ हिस्सा एक्सचेंज कर सकते हैं र कॉमिनेशन से तो यहां पर कैसा एक्सचेंज होगा यहां पर होगा नॉन होमोलॉग एक्सचेंज यहां पर होगा नॉन होमोलॉग अस री कॉमिनेशन और नॉन होमोलॉग र कॉमिनेशन होने की वजह से ये जो हमारा पार्ट है अ बैक्टीरिया का डीएनए है वो किससे जाके जॉइन हो जाएगा यह प्लांट से जाके जॉइन हो जाएगा प्लांट के जिनोम से जाके जॉइन हो जाएगा और एक बार ये प्लांट के जिनोम से जाके जॉइन हो गया है तो ये अब क्या कॉज करेगा ये अब ट्यूमर कॉज करेगा तो इस तरीके से यहां पे ट्रांसफर होता है एग्रोबैक्टेरियम ट्यूम फेशन के जीन का डीएनए का इसके अंदर अगर हम यहां पे फिर से थोड़ा सा इन सब वेर का एक्टिविटी देख ले कि वेर क्या-क्या होते हैं तो वेर ए जो है वो कैसा होता है वो यहां पे प्रोटीन काइनेस होता है या सेंसरी काइनेस होता है और यह किसको रिकॉग्नाइज करता है यह यहां पे रिकॉग्नाइज करता है फेनोलिक ग्रुप को यह फेनोलिक ग्रुप को रिकॉग्नाइज करता है इसी के साथ-साथ अगर मैं यहां पे देखूं विर वन टू लेकर बर 11 उसी के साथ-साथ अगर हम बात करें विर d4 की तो ये क्या होते हैं ये असेंबल होते हैं और असेंबल होने के बाद ये किसकी फॉर्मेशन करते हैं फॉर्म करते हैं t4 एए चैनल को जिसके थ्रू यहां पे ट्रांसफर होना पॉसिबल हो पाएगा उसके अलावा अगर हम यहां पे बात करें फर d1 की तो फिर d1 यहां पे किसका काम करते हैं एंडो न्यूक्लियस का काम करते हैं और ये सिंगल स्टैंडर्ड हमारा यहां पे किसके सिंथेसिस करेंगे डीएनए के सिंथेसिस करेंगे उसके अलावा यहां पर होता है विर d2 जो कि क्या है जो कि टोपोर मरेज है टोपोर मरेज के साथ-साथ ये क्या करता है हेल्प करता है विर d1 की ये क्या करने वाला है हेल्प करने वाला है विर d1 की उसके अलावा यहां पर था विर c12 और उसी के साथ-साथ फिर c2 था ये दोनों क्या कर रहे थे ये दोनों भी एनहांस कर रहे थे थे किसको एनेंस कर रहे थे विर d1 की एक्टिविटी को किस तरीके से कर रहे थे वो हमने देखा था बाइंडर किससे बाइंडर थे अ आरबी के एक सीक्वेंस से बाइंडर रहे थे इसके अलावा यहां पर फिर e2 है इसके पास क्या है इसके पास न्यूक्लियर लोकलाइजिंग सीक्वेंस है न्यूक्लियर लोकलाइजिंग सीक्वेंस के बाद ही जो सीक्वेंस है हमारा अंदर जा पाएगा तो इसके पास न्यूक्लियर लोकलाइजिंग सीक्वेंस प्रेजेंट है जिसको बोला जाता है एनएलएस जिसके वजह से डीएनए अंदर जा पाएगा न्यूक्लियस के इसके अलावा विर इवन होता है जो कि स्टेबलाइज करेगा e2 को इसका काम होता है कि e2 को स्टेबलाइज करें इसके अलावा यहां पर विर h भी होता है जो कि होस्ट स्पेसिफिसिटी का काम करता है ये होस्ट को स्पेसिफाई करता है तो ये होस्ट स्पेसिफिसिटी का काम करता है तो इस तरीके से यहां पे ट्रांसफर होता है इसी के अलावा मैं यहां पे आपको एक और स्टेप बता दूं कि यहां पर एक बार जो सिंगल स्टैंडर्ड डीएनए एंटर करता है ये सिंगल स्टैंडर्ड टी डीएनए जो है पहले कन्वर्ट होता है डबल स्टैंडर्ड डीएनए में यानी कि इसका क्या होगा इस इसका रेप्ट केशन होगा एक बार इसका रेप्स हो जाता है न्यूक्लियस के अंदर फिर ये क्या करता है फिर ये यहां पे इस तरीके से इंटीग्रेट होता है तो यहां पर सिंगल स्टैंडर्ड डीएनए विल बी कन्वर्टेड इनटू द डबल स्टैंडर्ड डीएनए देन ओनली इट विल बी इंटीग्रेटेड विद द न्यूक्लियर क्रोमोजोम और ये सारा प्रोसेस होता कहां है न्यूक्लियस में होता है तो हम इसको यहां पर इन शॉर्ट में लिख सकते हैं कि न्यूक्लियस में क्या चल रहा है न्यूक्लियस में सिंगल स्टैंडर्ड डीएनए इज कन्वर्टिंग इनटू डबल स्टैंडर्ड डीएनए और उसके बाद ही क्या होगा उसके बाद ये इंटीग्रेट होगा हम हमारे न्यूक्लियर क्रोमोसोम के साथ तो इस तरीके से पूरा प्रोसेस चलता है अगर हम इसको शॉर्ट में फिर से देख ले तो यहां पर पूरी कहानी किस तरीके से हमने देखी थी कि यहां पे तीन चीजें जो होती है वो रिस्पांसिबल होती है ट्रांसफर करने के लिए बैक्टीरियल डीएनए को इन दी प्लांट इसके अलावा हमने यहां पे देखा था कि शुरुआत कैसे होती है प्लांट जो है फेनोलिक मॉलिक्यूल रिलीज करता है जो वेर ए से बाइंडर है वेर ए ऑटो फास्फोराइबोसिल्ट्रांसफरेस को सिंगल स्टैंडर्ड डीएनए अलग होता है फिर विर d2 इससे बाइंडर है उसके बाद यहां पर क्या होता है उसके बाद बाकी सारे मॉलिक्यूल भी बनते हैं और विर ब b1 से लेकर b11 और bd4 जो है वेर d4 जो है वो चैनल बनाता है जिसकी वजह से ये ट्रांसफर होता है उसके अलावा ये सारे जितने भी विर है इनका भी ट्रांसफर होता है और e2 जो है यहां पे आके बाइंडर है तो इसको t कॉम्प्लेक्शन लोकलाइजिंग सीक्वेंस होता है तो ये न्यूक्लियस में लेकर जाता है इस टी कॉम्प्लेक्शन स्टैंडर्ड डीएनए डबल स्टैंडर्ड में होगा और नॉन होमो लगस से इनका र कॉमिनेशन हो जाएगा जब ये यहां के जीनस चले जाएंगे प्लांट के क्रोमोसोम में तो फिर वो क्या करेंगे वो ट्यूमर इंड्यूस करेंगे तो ये सारा इसके बारे में