नमस्कार दोस्तों आज हम लोग बात करेंगे मोदी जी के बारे में ओ ये गलत चैनल का स्क्रिप्ट मेरे हाथ ल हेलो एवरीवन वेलकम बैक टू एडिकेशन भैया आज की वीडियो में हम लोग पढ़ने वाले हैं तुम्हारे हिस्ट्री के सबसे पहले चैप्टर को और इस चैप्टर का नाम है द राइज ऑफ नेशनलिज्म इन यूरोप अच्छे से कॉपी पिन लेके बैठ जाओ हर एक पॉइंट को नोट डाउन करते जाओ और वीडियो को पूरे एंड तक अच्छे से देखना और अगर वीडियो पसंद आता है तो वीडियो को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना और लाइक करके कमेंट करना मत भूलना और बाकी instagram2 में एक इंसान था जिसका नाम था फ्रेडरिक सोरियो वो अपनी इमेजिनेशन से चार पिक्चर्स बनाता है जिसमें से एक पिक्चर जो है ना तुम्हारे हिस्ट्री बुक के सबसे पहले पेज में गिवन है और इस पिक्चर का नाम है द पैक्ट बिटवीन नेशन अब ये पिक्चर क्या दिखा रही है उसके बारे में बात करते हैं यह पिक्चर एक ऐसी सोसाइटी को दिखा रही है जिस सोसाइटी में राजा महाराजाओं का रूल खत्म हो चुका है और वहां के लोग फ्री होते जा रहे हैं और उनके अंदर देशभक्ति की भावना जागते जा रही है मतलब धीरे-धीरे वो डेमोक्रेसी की तरफ बढ़ते जा रहे हैं अगर तुम इस पिक्चर को ध्यान से देखते हो तुम्हें सबसे आगे में यहां स्टैचू ऑफ लिबर्टी दिखाई देगा जिसके एक हाथ में बुक ऑफ ह्यूमन राइट्स और दूसरे हाथ में एक टॉर्च है और ये जो स्टैचू है ना ये डेमोक्रेटिक और फ्री सोसाइटी को दिखाता है स्टैचू के बगल में राजा महाराजाओं के टूटे हुए मुकुट और बहुत सारे मोनार्की के कचड़े फैले हुए हैं यह दर्शा रहा है कि लोग कैसे आगे बढ़ते जा रहे हैं और स्टैचू ऑफ लिबर्टी को पार करके एक डेमोक्रेटिक सोसाइटी में कदम रख रहे हैं और मोनार्की को पीछे छोड़ते जा रहे हैं और सभी लोग अपने-अपने देश के झंडा लेकर स्टैचू ऑफ लिबर्टी को पार कर रहे हैं और इनके जो गॉड्स हैं वो ऊपर से इनको देखकर बहुत ज्यादा खुश हो रहे हैं और तुम आसमान में बीचोबीच जीसस क्राइस्ट को भी देख सकते हो ये जो पेंटिंग है ना ये उटोपियन सोसाइटी को दिखा रहा है मतलब कि ऐसी सोसाइटी जिसकी उस वक्त पे सिर्फ कल्पना की जा सकती है मतलब उस वक्त सचमुच ऐसा नहीं हो गया था आई होप सो तुम्हें ये पेंटिंग अच्छे से समझ में आ गई होगी अब हम अगले पेज को देखते हैं अब देखो हमारा अगला टॉपिक है द फ्रेंच रिवोल्यूशन एंड आइडिया ऑफ नेशन तो देखो 1789 से पहले फ्रेंच रिवोल्यूशन नहीं हुआ था इसलिए उस टाइम पे मोनार्की का राज था मतलब कि कॉमन लोगों के पास कोई अधिकार नहीं था उन्हें राजा महाराजाओं के सामने झुक कर रहना पड़ता था और ऑब् वियस वो अपने राजा महाराजाओं को चुन तो नहीं पा आंगे डेमोक्रेसी तो नहीं चल रहा है जो राजा का बेटा होता था वही राजा बनता था लेकिन 1789 में फ्रेंच रिवोल्यूशन होता है फ्रांस के अंदर बहुत सारे पॉलिटिकल और कांस्टीट्यूशनल चेंजेज आते हैं चलो कुछ चेंजेज को देख लेते हैं जो तुम्हारे एग्जाम्स में कई बार पूछे भी जाते हैं मैं यहां पे तुम्हें छह चेंजेज बताऊंगा किन्हीं पांच को अच्छे से याद कर लेना अगर पांच मार्क्स का क्वेश्चन आता है तो यहां से आ सकता है पहला चेंज ये था कि पहले जो पावर मोनार्की के पास थी अब वो कॉमन लोगों के पास आ चुकी थी दूसरा चेंज ये था कि लोगों ने पुराने फ्लैग को हटाकर एक नया ट्राई कलर फ्लैग को ऑप्ट कर लिया मतलब से देश का फ्लैग बना लिया तीसरा चेंज यह था कि फ्रेंच को नेशनल लैंग्वेज बना दिया गया चौथा चेंज यह था कि फ्रेंच के लोगों ने नया नेशनल एंथम बनाया और उसपे ओत भी लिया पांचवां चेंज यह था कि अब फ्रेंच लोगों को वोटिंग राइट्स मिल गई थी इसलिए उन्होंने वोटिंग के थ्रू एक स्टेट जनरल को चूज किया हालांकि बाद में चलके स्टेट जनरल का नाम चेंज करके नेशनल असेंबली रख दिया गया और छठा और आखिरी चेंज यह था कि इंटरनेशनल कस्टम ड्यूटी को हटा दिया गया मतलब देश में सामान लाने और ले जाने का जो हाई टैक्स था उसे हटा दिया गया अब देखो 1789 में ज जैसे ही फ्रेंच के लोग आजाद होते हैं उनको चुल मच जाती है वो सोचते हैं हमारे अंदर जो देशभक्ति की भावना है हम उन्हें बस अपने तक क्यों सीमित रखें हम उसे पूरे यूरोप में फैलाए इसलिए वो पूरे यूरोप में ढंडोरा पीटने लगते हैं कि जैसे हमने मोनार्की को खत्म किया है तुम लोग भी कर सकते हो फ्रेंच के जो सोल्जर्स थे वो ये ढंडोरा पीटते रहते थे कि अगर फ्रेंच एक डेमोक्रेटिक नेशन बन सकता है तो दूसरे यूरोपियन कंट्री क्यों नहीं बन सकते इसके कारण यूरोप में काफी कुछ होने लगता है लेकिन फिर 1799 में एक मेजर इंसान की एंट्री होती है जिसका नाम है नेपोलियन बोनापार्ट डेमोक्रेसी को ड़ करके फेंक देता है और फिर वो फ्रांस का एक बहुत ही पावरफुल लीडर बन जाता है और फिर वो एक कोड भी लेकर आया था जिसे वोह पूरे फ्रांस में इंप्लीमेंट करता है अब ये जो कोड है ना ये बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है इसे भी अच्छे से लर्न कर लो तुम्हारे एग्जाम्स में यहां से भी आते हैं बेसिकली इन कोड्स के अंदर कुछ रूल्स है उन सब चीजों को याद करना है पहला ही एस्टेब्लिश इक्वलिटी बिफोर लॉ मतलब पहले के टाइम में क्या था ना लोग अलग-अलग स्तर में डिवाइडेड थे चर्च और नोबल्स थे जिन्हें बहुत ज्यादा एक्स्ट्रा प्रिविलेज मिलता था जो अपने आप को सुपीरियर मानते थे और वहीं दूसरे साइड में कुछ गरीब लोग थे जिन्हें कोई वैल्यू नहीं मिलता था लेकिन नेपोलियन के आते ही सबको इक्वल करार दे दिया गया दूसरा कोड था सिक्योर राइट टू प्रॉपर्टी मतलब अगर किसी के पास पैसे हैं तो वो जमीन खरीद सकता है बहुत ही सिंपल बात है तीसरा था अबॉलिश फेडरल सिस्टम मतलब पहले के टाइम में क्या होता था ना जो बहुत बड़े-बड़े लैंडलॉर्ड्स होते थे वो किसानों से फ्री में काम करवाते थे और बाद में उन्हें पैसा भी नहीं देते थे उन्हें कोई भी प्रॉफिट नहीं होने देते थे वो उनका जो सारा उगाया हुआ क्रॉप होता था ना वो उसे खुद रख लेते थे और खुद प्रॉफिट कमाते थे तो नेपोलियन के आते ही इस रूल को खत्म कर दिया गया फेडरल सिस्टम को खत्म कर दिया गया चौथा कोड था ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन सिस्टम को इंप्रूव किया गया पांचवां कोड था जो वेट और मेजरमेंट था ना उसे स्टैंडर्डाइज्ड कर दिया गया क्योंकि उस टाइम पे फ्रांस पे बहुत सारी अलग-अलग चीजें यूज किए जाते थे वेट मेजर करने के लिए लेकिन जैसे ही नेपोलियन आता है ना वो उसे स्टैंडर्डाइज कर दिया जाता है जैसे अगर सेंटीमीटर में नापना है तो सेंटीमीटर में ही नापेगा और इस कोड में जो छठा पॉइंट है वो यह है कि गिल्ड रिस्ट्रिक्शंस को हटा दिया गया मतलब कि अब जो ट्रेडर्स है ना वो फ्रीली एक दूसरे से ट्रेड कर पाएंगे पहले फ्रेंच में क्या था जो ट्रेडर्स थे ना वो एक दूसरे के साथ फ्रीली ट्रेड नहीं कर पाते थे कुछ ट्रेडर्स थे जो आपस में बना लिए थे कि हम ही बस तुमसे ट्रेड करेंगे तुम हमसे ट्रेड करोगे लेकिन जैसे ही गिल्ड रिस्ट्रिक्शंस को हटाया गया अब कोई भी ट्रेडर किसी भी ट्रेडर के साथ ट्रेड कर सकता था लेकिन अब तुम्हारे मन में एक थॉट आया होगा कि जो नेपोलियन है वो अच्छा आदमी है या फिर बुरा आदमी है क्योंकि वो आते ही फ्रांस से डेमोक्रेसी को उखाड़ फेंकता है लेकिन फिर वो सिविल कोड ऑफ 1804 को लाता है जिसमें बहुत ही अच्छे-अच्छे लॉज होते हैं जो कि अभी मैंने तुम्हें जस्ट बताया राइट टू प्रॉपर्टी क्वालिटी बिफोर लॉ वगैरह वगैरह तो हां जैसे तुम्हारे मन में डाउट्स आ रहे हैं ना यूरोप के दूसरे एरियाज में भी लोगों के मन में सेम डाउट था वो तो नेपोलियन और उसके आर्मी का स्वागत तक कर करने लगे थे वो तो यह सोचने लगे थे कि नेपोलियन आएगा हमारे राजा महाराजाओं को मारेगा और अपना कोड यहां पर भी लगा देगा और फिर हम लोग चैन से शांति से रहेंगे बेसिकली यूरोप के दूसरे पार्ट्स में भी लोग नेपोलियन का अच्छा इमेज बनाकर बैठे थे लेकिन ये जो नेपोलियन बुना पाट का जो अच्छा वाला चेहरा था ये ज्यादा दिन तक नहीं टिकता है पर ऐसा क्यों चलो पॉइंट्स में जानते हैं सबसे पहला जो कि ऑब् वियस है नेपोलियन ने किसी को भी पॉलिटिकल फ्रीडम नहीं दिया था अब ऑब् वियस नेपोलियन वोटिंग राइट थोड़ी दे देगा कि तुम बाद में चलके मुझे ही चेंज कर दो दूसरा जो नेपोलियन था ना उसने टैक्सेशन को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया दिया था मतलब देश के अंदर टैक्स को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया था हालांकि आई डोंट थिंक इंडियन गवर्नमेंट जितना टैक्स लेती है उससे ज्यादा बढ़ाया होगा तीसरी गलती जो उसने की थी उसने पूरे कंट्री में सेंसरशिप लगा दिया था मतलब बिना नेपोलियन के जाने तुम कोई भी चीज छाप नहीं सकते हो और ना ही टीवी में कुछ भी दिखा सकते हो इवन कि तुम कोई मूवी वगैरह भी रिलीज नहीं कर सकते हो बिना नेपोलियन से पूछे और चौथा कारण था कि नेपोलियन जबरदस्ती लोगों को अपनी आर्मी में भर्ती कर रहा था और वो ऐसा इसलिए कर रहा था क्योंकि उसे पूरे यूरोप में कब्जा करना था और यही कारण है जिसकी वजह से नेपोलियन का बुरा चेहरा भी लोगों के सामने आ गया और धीरे-धीरे लोग पोलियन को भी हेट करने लगे अब देखो आगे बढ़ने से पहले जैसा कि मैंने तुम सबको पहले भी बता रखा है कि इस वीडियो को देखने के साथ-साथ अच्छे से नोट्स भी बना लेना और नोट्स बनाने के बाद इस चैप्टर के प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस को सॉल्व कर लेना और अगर तुम ऐसा सारे चैप्टर के साथ कर लेते हो ना तो तुम्हें कोई नहीं रोक सकता एसएसटी में 100 में 100 लाने से और इस चीज के लिए बहुत सारे लोग बुक रिकमेंडेशन भी मांगते हैं तो तुम लोग ओसवाल क्वेश्चन बैंक बुक को खरीद सकते हो ये 100% अपडेटेड सिलेबस के साथ है और इसमें तुम्हारे बोर्ड्स के फुल्ली सॉल्वड क्वेश्चन पेपर भी है विद आंसर इस बुक में तुम्हें 2000 से भी ज्यादा क्वेश्चंस देखने को मिल जाएंगे और तुम खुद से बिल्कुल किसी बोर्ड एग्जामिनर की तरह अपने आंसर्स को चेक भी कर सकते हो क्योंकि इन बुक्स में जितने भी क्वेश्चन के आंसर्स गिवन है वो सारे बोर्ड मार्किंग स्कीम के अकॉर्डिंग है इसके अलावा इन बुक्स में तुम्हें रिवीजन नोट्स माइंड मैप्स और मेमो निक्स भी देखने को मिल जाएंगे और तो और 500 से भी ज्यादा कॉन्सेप्ट्स को एकदम इजी में समझा रखा है वैसे मैंने भी अपने एग्जाम्स में यही बुक को फॉलो करा था तुम लोग भी चाहो तो कर सकते हो तो चलो वीडियो को कंटिन्यू करते हैं हमारा अगला टॉपिक है मेकिंग ऑफ नेशनलिज्म इन यूरोप यानी कि यूरोप में 18 सेंचुरी में जो ऑटोक्रेसी और मोनार्की थी वो कैसे खत्म हुआ यूरोप के सारे रीजंस एक नेशन स्टेट बन गए तो एक नेशन स्टेट क्या होता है तो कोई भी एक ऐसा रीजन या कंट्री जहां के लोगों में देशभक्ति की भावना हो और वो कॉमन आइडेंटिटी शेयर करते हो यानी कि उनका कल्चर और लैंग्वेज सेम हो एग्जांपल जैसे आज के टाइम पे इंडिया है तो हम एक नेशन स्टेट हम एक कॉमन आइडेंटिटी शेयर करते हैं और हमारा कल्चर भी ऑलमोस्ट सिमिलर ही है अभी तुम अपने स्क्रीन पे यूरोप का 18 सेंचुरी का मैप देख सकते हो जैसा कि तुम इसमें देख सकते हो ये मैप आज के जैसा नहीं दिखता है मतलब इसमें वो सारी कंट्रीज नहीं है जो आज यूरोप में एजिस्ट करती है इसमें तुम रशियन एंपायर ऑस्ट्रियन एंपायर और ऑटोमन एंपायर को देख सकते हो आज के टाइम पे यह सारी अंपायर्स एजिस्ट नहीं करती है तो उस समय पे सोसाइटी दो कैटेगरी में डिवाइडेड थी एक होते थे अरिस्टो क्रेट्स और एक होते थे पीजेंट तो अरिस्टो क्रेट्स बहुत ही ज्यादा पावरफुल और रिच लोग हुआ करते थे वो लोग पॉलिटिकली पावरफुल हुआ करते थे वो लोग बड़े-बड़े रियल स्टेट्स ओन किया करते थे सिटी एरियाज में और ये सारे लोग फ्रेंच लैंग्वेज बोलते थे और ये लोग रिलेशनशिप्स भी और मैरिजस भी आपस में ही किया करते थे अपने सेम क्लास के लोगों के साथ वहीं दूसरी ओर पीजेंट्स मेजॉरिटी में थे पर वो लोग बहुत ही पुअर थे और उनके पास पावर भी नहीं था और ना ही वो लैंड ओन करते थे सोसाइटी जब इन दो कैटेगरी में बटी हुई थी तभी इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन आया और इसी बीच राइज हुआ मिडिल क्लास लोगों का तो मिडिल क्लास लोग ऐसे लोग थे जो ना तो ज्यादा अमीर थे ना ज्यादा गरीब ये लोग प्रोफेशनल्स हुआ करते थे जैसे कि इंडस्ट्रियलिस्ट लॉयर्स डॉक्टर्स टीचर्स ये लोग मिडिल क्लास कैटेगरी में आते थे क्योंकि मिडिल क्लास लोग बहुत ही पढ़े लिखे और होशियार हुआ करते थे वो लोग ऑटोक्रेसी और मोनार्की से बहुत ही परेशान थे और वो लोग भी अपना एक नेशन स्टेट बनाना चाहते और उनकी कुछ डिमांड्स थी जैसे नेशन यूनिटी और लिबरल नेशनलिज्म सारे देशवासियों के बीच में जो आपस में एकता होती है उसे हम नेशन यूनिटी कहते हैं और ये नेशन यूनिटी कहां से आती है जब हम कॉमन कल्चर रिलीजन ये सब आपस में शेयर करते हैं और लिबरल नेशनलिज्म क्या होता है ये हम जानेंगे आगे के टॉपिक तो लिबरल नेशनलिज्म को हम तीन बेसिस पे समझेंगे पहला पॉलिटिकल दूसरा सोशल और तीसरा इकोनॉमिकल पहले हम ये जानेंगे कि पॉलिटिकली लिबरल नेशनलिज्म का क्या मतलब होता है तो तुम्हारे एग्जाम में ये क्वेश्चन आ सकता है कि व्हाट डज लिबरल नेशनलिज्म स्टैंड फॉर अगर ये फाइव मार्क्स में आता है तो तुम्हें तीनों फैक्टर्स को एक-एक करके पूरा लिखना होगा और वहीं अगर सिंगल मार्क्स का अगर ये क्वेश्चन आता है तो तीनों फैक्टर में से किसी भी एक फैक्टर को तुमसे पूछा जा सकता है पहले हम शुरुआत करते हैं पॉलिटिकल फैक्टर से तो पॉलिटिकली लिबरल नेशनलिज्म का यह मतलब था कि ऑटोक्रेसी का एंड हो यानी कि राजा महाराजाओं के रूल का एंड हो दूसरा मतलब यह था गवर्नमेंट विथ पीपल्स एग्रीमेंट यानी कि लोग अपने गवर्नमेंट को खुद चूज करें यानी कि डेमोक्रेसी हो और लोग अपने लीडर को खुद इलेक्ट कर पाए तीसरा पॉइंट है फ्रीडम ऑफ इंडिविजुअल यानी कि देश के हर व्यक्ति के पास फ्रीडम हो अपने लाइफ को जीने मतलब उसके ऊपर कोई कंट्रोल ना कर सके हर व्यक्ति फ्री हो चौथा पॉइंट है इक्वलिटी बिफोर लॉ यानी कि लॉ के सामने यानी कि कानून की नजरों में हर एक व्यक्ति को इक्वली ट्रीट किया जाए इसी के स्टेटस के बेसिस पे उसे प्रिविलेजेस ना मिले लॉ के सामने पांचवां पॉइंट है एंड ऑफ क्लर्जी प्रिविलेजेस और सिक्स्थ और लास्ट पॉइंट है अ कॉन्स्टिट्यूशन एंड रिप्रेजेंटेटिव गवर्नमेंट यानी कि मिडिल क्लास लोग एक कॉन्स्टिट्यूशन भी चाहते हैं ताकि कंट्री के के सारे रूल्स और रेगुलेशन एक बुक में लिखे हो और उसे प्रॉपर्ली फॉलो किया जाए अब हम जानेंगे कि सोशली लिबरल नेशनलिज्म का मतलब क्या होता था तो जैसा कि हम जानते हैं कि ऑटोक्रेटिक रूल था लोगों के पास वोटिंग राइट्स नहीं थे लोग प्रोटेस्ट वगैरह भी नहीं कर सकते थे तो सोशली लोग राइट टू वोट और इक्वल पॉलिटिकल राइट डिमांड कर रहे थे तो पहले के टाइम पे क्या होता था कि ट्रेडर्स को बहुत ही हाई टैक्स देना पड़ता था तो इसी को ध्यान में रखते हुए इकोनॉमिकली लिबरल नेशनलिज्म का मतलब यह हुआ कि फ्रीडम ऑफ मार्केट हो यानी कि कोई भी किसी के साथ भी ट्रेड कर सके और टैक्स कम हो यानी कि लोगों को बहुत ज्यादा हाई टैक्स ना पे करना पड़े ताकि मर्चेंट्स को कुछ प्रॉफिट भी हो उस टाइम फ्रांस में मल्टीपल करेंसीज और मल्टीपल वेट एंड मेजर्स थे यानी कि तुम फ्रांस के एक रीजन से दूसरे रीजन में मूव करोगे तो तुम्हारे मेजर करने का तरीका भी बदल जाएगा और यूनिट्स भी बदल जाएंगे और साथ ही साथ करेंसी भी बदल जाता था जिसके कारण ट्रेड करने में बहुत ही दिक्कत आता था और वहीं दूसरी ओर फ्रांस में मल्टीपल कस्टम बैरियर्स भी थे कस्टम बैरियर्स यानी कि किसी भी एक स्टेट से दूसरे स्टेट जाने पे 5 पर टैक्स देना पड़ता है यानी कि अगर तुम फ्रांस के एक पॉइंट से दूसरे पॉइंट पे मूव करते हो तो तुम्हें मल्टीपल कस्टम बैरियर्स मिलेंगे और तुम्हें हर जगह 5-5 पर टैक्स देना पड़ेगा जिसके कारण टैक्स का अमाउंट बहुत ज्यादा हाई हो जाता था और मर्चेंट्स ट्रेड नहीं कर पाते इसी को ध्यान में रखते हुए 1834 में कस्टम यूनियन फॉर्म किया गया जिसका नाम जल्व रखा गया इस कस्टम यूनियन को पहले प्रशिया के द्वारा बनाया गया था और आगे चलके बहुत से जर्मन स्टेट्स भी इसे जॉइन करते गए तो ये जो यूनियन था ये कस्टम यूनियन को अबॉलिश कर दिया यानी कि जो मल्टीपल जगह पे टैक्स देना पड़ता था अब लोगों को नहीं देना पड़ता पहले जर्मनी में 30 करेंसीज थी उसे घटा कर के सिर्फ दो करेंसी पे ला दिया गया ताकि ट्रेडिंग आसान हो जाए और रेलवे नेटवर्क्स और ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम को भी इंप्रूव किया गया ताकि गुड्स को एक जगह से दूसरे जगह पे ले जाने में इजी हो और ट्रेडिंग आसान हो अभी तक तो यूरोप में सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन तुम्हें याद होगा हमने नेपोलियन के बारे में पढ़ा नेपोलियन का रूल भी सही चल रहा था लेकिन तभी नेपोलियन और कुछ यूरोपियन एंपायर के बीच में लड़ाई हो जाता है और इस लड़ाई का नाम था द बैटल ऑफ वाटरलू और इस बैटल को नेपोलियन हार जाता है तो बैटल ऑफ वाटरलू में पार्टिसिपेट करने वाली जो कंट्रीज थी ब्रिटेन प्रशिया रशिया और ऑस्ट्रिया ये चारों कंजरवेटिव कंट्रीज थी यानी कि ये लोग नहीं चाहते थे कि यूरोप में कभी भी डेमोक्रेसी आए और नेपोलियन के हारते ही ये लोग नेपोलियन के बनाए हुए सारे कोड्स और कानून जो भी थे इन सबको ये लोग हटा दिए यानी कि मोनार्की को रिस्टोर कर दिए चर्च का जो पावर था वो वापस आ गया जो सोशल हायरा की था यानी कि सोसाइटीज के बीच में जो डिवीजन था और जो स्पेशल प्रिविलेजेस दिए जाते थे सोसाइटी के कुछ लोगों को उसे भी वापस ले आया गया और सेंस शिप को भी वापस ले आया गया यह सब होने के बाद फ्रांस में जो बर्बन डायनेस्टी थी वो भी वापस से रिस्टोर हो गई और 1815 में ट्रीटी ऑफ विएना साइन किया गया इन चारों कंट्रीज के बीच जो कि थी ऑस्ट्रिया प्रशिया रशिया और ब्रिटेन जिसके बाद फ्रांस में बर्बन डायनेस्टी रिस्टोर हो गया फ्रांस की बाउंड्रीज पे कुछ स्टेट्स सेटअप किए गए ताकि फ्रांस का और एक्सपेंशन ना हो पाए और फ्रांस के जो कुछ इंपॉर्टेंट वेस्टर्न रीजंस थे उसे प्रशिया को दे दिए गए ऑस्ट्रिया ने नॉर्दर्न इटली का कंट्रोल ले लिया और रशिया ने पोलैंड को कंकर कर ली पर ट्रीटी ऑफ विएना में जो कन्फेडरेशों हाथ नहीं लगाया गया और उसे वैसे ही रहने दिया गया चूंकि अब ऑटोक्रेसी और मोनार्की वापस आ चुका था तो जो लिबरल नेशनलिस्ट लोग थे यानी कि जो मिडिल क्लास लोग थे वह अब खुश नहीं थे और मोनार्की के वापस आने के बाद यह सारे लोग अंडरग्राउंड हो गए यानी कि छुप गए मोनार्की के वापस आने के बाद यह लोग ज्यादा प्रोटेस्ट नहीं कर सकते थे क्योंकि मोनार्की का रूल था इन लोगों ने चोरी छुपे ही कुछ सीक्रेट ग्रुप्स फॉर्म किए ताकि ये प्रोटेस्ट कर पाए और आजादी की लड़ाई लड़ इन्हीं लिबरल नेशनलिस्ट और रिवोल्यूशन में से एक आदमी था जिसका नाम था गुस पी मजनी इनका जन्म 1807 में जियोना में हुआ था और एक इटालियन रिवोल्यूशन थे और एक सीक्रेट सोसाइटी कार्बोनरी का हिस्सा भी थे और इन्होंने खुद भी दो सीक्रेट सोसाइटीज को बनाया जिनका नाम था यंग इटली और एक था यंग यूरोप और ये इटली का यूनिफिकेशन करवाना चाहते थे तो यहां पे यह टॉपिक खत्म होता है द मेकिंग ऑफ नेशनलिज्म इन यूरोप आई होप तुम्हें यह टॉपिक अच्छे से समझ में आया होगा और तुम सारे पॉइंट्स को अच्छे से समझे होगे और इसे एग्जाम में लिख अब हमारा अगला टॉपिक है द एज ऑफ रिवोल्यूशन तो देखो 1830 से 1848 के बीच में यूरोप के बहुत सारे पार्ट में बहुत सारे रिवोल्यूशन होते हैं जिनमें दो बहुत ही फेमस रिवोल्यूशन है पहला है जुलाई रिवोल्यूशन दूसरा है ग्रीक रिवोल्यूशन हमें इन दोनों को पढ़ना है तो सबसे पहले हम लोग जुलाई रिवोल्यूशन से स्टार्ट करते हैं जो जुलाई रिवोल्यूशन था वो दो जगहों पे होता है पहला होता है फ्रांस दूसरा होता है बेल्जियम तो देखो क्या होता है 1815 में लिबरल रिवोल्यूशन के द्वारा अर्बन किंग को हटा दिया जाता है तुम्हें याद ही होगा कंजरवेटिव लोगों ने इस चीज को सेट अप करा था इसके बाद कांस्टीट्यूशनल मोनार्की को सेट किया जाता है मतलब देश में तो मोनार्की ही रहेगा राजा ही राज करेगा लेकिन जो नियम कानून है वो कांस्टिट्यूशन के हिसाब से होंगे अब तुम सब के मन में सवाल होगा कि मोनार्की अगर तब भी था तो उस टाइम पे राजा किसे बनाया जाता है तो इसका बहुत ही सिंपल सा आंसर है लुईस फिलिप्स को जैसे ही बोरबंद किंग को हटाया जाता है लुईस फिलिप्स को वहां का राजा बना दिया जाता है अब हम लोग बात करते हैं कि बेल्जियम में रिवोल्यूशन क्यों होता है तो देखो बात यह है कि बेल्जियम पहले यूनाइटेड किंगडम ऑफ नीदरलैंड का एक पार्ट था मतलब बेल्जियम कोई सेपरेट कंट्री नहीं नहीं था लेकिन बेल्जियम के जो लोग थे ना वो बहुत ही डिफरेंट कैटेगरी के थे उनका मानना था कि वो अलग है इसलिए उन्हें अलग नेशन चाहिए इसलिए यूनाइटेड किंगडम ऑफ नीदरलैंड में बहुत सारे रिवोल्यूशन होते हैं जिसके बाद बेल्जियम को सेपरेट कर दिया जाता है तो आई होप सो तुम्हें जुलाई रिवोल्यूशन समझ में आ गया होगा अब हम लोग ग्रीक रिवोल्यूशन पढ़ते हैं तो देखो जो पहले ग्रीस था ना वो ऑटोमन एंपायर का एक छोटा सा पार्ट था लेकिन फिर क्या होता है ग्रीस के जो लोग होते हैं ना वो फाइट करने लगते हैं रिवोल्यूशन लड़ने लगते हैं कहते हैं कि हम तुम लोग से अलग हैं हमें सेपरेट नेशन चाहिए बिल्कुल बेल्जियम के जैसा जैसे हमने पिछले टॉपिक में पड़ा था 1821 से ही ग्रीस के जो लोग थे वो एफर्ट डालने लगते हैं अपने आप को सेपरेट कंट्री बनाने के लिए लेकिन उस टाइम पे वो इतने ज्यादा पावरफुल नहीं थे कि वो अपने रूलर से लड़ पाएं लेकिन तभी जो वेस्ट यूरोपियन कंट्रीज थी ना वो ग्रीस की मदद करते हैं और साथ ही में जो पोएट और राइटर्स थे जो आर्टिस्ट थे वो भी ग्रीस की मदद करते हैं वो लोग अपने राइटिंग्स के थ्रू पेंटिंग्स के थ्रू नेशनलिज्म के जो फीलिंग होती है उसे लोगों के अंदर जगाते हैं इसलिए पूरे 11 साल लड़ने के बाद एक ट्रीटी साइन होता है जिस ट्रीटी का नाम था द ट्रीटी ऑफ कांस्टेंटिनॉपल जिसमें ग्रीस को एक एक इंडिपेंडेंट नेशन का करार दिया जाता है मतलब कि फाइनली 11 साल लड़ने के बाद ग्रीस को सेपरेट कर दिया जाता है बिल्कुल बेल्जियम की तरह आई होप सो तुम्हें ग्रीक रिवोल्यूशन भी अच्छे से समझ में आ गया होगा अब हम लोग अगले टॉपिक में बढ़ते हैं इस टॉपिक का नाम है द रोमांटिक इमेजिनेशन एंड नेशनल फीलिंग नहीं यहां पे उस वाले रोमांस की बात नहीं की जाएगी जिस बारे में तुम सोच रहे हो यहां पे लड़के लड़कियों वाली रोमांस नहीं होने वाली यहां पे नेशन को लेके रोमांस होने वाला है जो नेशन को लेके फीलिंग होती है ना उसके बारे में तुम जानोगे खैर चलो टॉपिक में आगे बढ़ते हैं अब देखो लोगों के अंदर यह जो लिज्म की फीलिंग थी ये सिर्फ वॉर की वजह से नहीं आई थी इसका मेजर रीजन है उनका कल्चर तो बहुत सारे राइटर्स ऑथर्स और जो आर्टिस्ट थे ना उन्होंने इस कल्चर का बहुत ही अच्छे से इस्तेमाल कि लोगों के अंदर नेशनलिज्म की फीलिंग जगाने के लिए तो इसी चीज को हम रोमांटिसिजम बोलते हैं कोई भी कल्चरल मूमेंट जो लोगों के अंदर नेशनलिज्म की फीलिंग जगाए उसे हम रोमांटिसिजम बोलते हैं तो इसी तरह से एक बहुत ही ज्यादा इनफेमस फिलोसोफर थे जिनका नाम था जोहान गॉट फ्राइड हां इनका टाइटल ऐसे याद कर लेना मैंने भी ऐसे ही याद किया था गॉट फ्राइड इनका यह मानना कि अगर तुम्हें किसी भी देश के कल्चर के बारे में जानना है ना तो उनके लोगों के साथ रह लो उस देश के लोगों के साथ रह लो तुम उनके कल्चर के बारे में जान जाओगे तुम्हें बड़े-बड़े महलों में रहने की कोई जरूरत नहीं है और इन्होंने यह भी कहा कि जो कल्चर होती है ना वही नेशन की आत्मा भी होती है मतलब ट्रू स्पिरिट होती है मतलब कल्चर से ही एक नेशन जो होता है ना वो जिंदा रहता है जैसे हमारे अंदर जो आत्मा है उसी की वजह से तो हम जिंदा हैं ये वाला पार्ट कट कर देना फालतू तो अब हम लोग देखते हैं कि कैसे जो लैंग्वेज होती है ना वो लोगों के अंदर नेशनलिज्म की फीलिंग को जगा सकती है इसके लिए हमें एक कहानी को जानना पड़ेगा और ये कहानी है पोलैंड की तो देखो 1830 से 1848 के बीच में पोलैंड में रशिया का राज था मतलब पोलैंड का जो ज्यादातर हिस्सा था ना वो रशिया के कब्जे में था और तुम सबको तो पता ही होगा कि पोलैंड के अंदर लोग पॉलिश भाषा का इस्तेमाल करते हैं लेकिन जैसे ही वहां पे रशियन लोग कब्जा करते हैं वो वहां पे पॉलिश लैंग्वेज को हटा देते हैं और लोगों को फोर्स करने लगते हैं कि तुम लोग रशियन लैंग्वेज ही बोलोगे मतलब कि पोलैंड में रशियन लैंग्वेज को इंप्लीमेंट कर देते हैं इसके कारण लोगों के अंदर नेशनलिज्म की फीलिंग जाग जाती है और वो लोग प्रोटेस्ट करने लगते हैं इसलिए 1831 में पोलैंड के काफी सारे लोग रशिया के अगेंस्ट रिवोल्यूशन स्टार्ट कर देते हैं लेकिन तुम सबको तो पता ही है कि जो रशियन लोग होते हैं वो वार और बेड दोनों में बहुत ज्यादा पावरफुल होते हैं समझ रहे हो समझ रहे हो आप समझ रहे हो आज भी वैसा ही है और तब भी वैसा ही था तो इसलिए जो रशियंस होते हैं वो रिवोल्यूशन को चुप करवा देते हैं डरा धमका के मारपीट के तुम्हें पता ही है और साथ ही साथ कुछ जो प्रीस्ट थे उन्हें जेल में बंद कर दिया गया और कुछ को तो साइबेरिया तक भेज दिया गया ताकि वो ठंड में जाकर मर जाए ये सारी पनिशमेंट्स उन्होंने इसलिए दी ताकि आगे से पोलैंड में कोई भी उनके अगेंस्ट आवाज ना उठा सके तो इस इवेंट से हमें यह पता चलता है कि जो लैंग्वेज होती है ना वो भी लोगों के अंदर नेशनलिज्म की फीलिंग को जगा सकती है हमारा अगला टॉपिक है हंगर हार्डशिप्स एंड पॉपुलर रिवोल्ट तो 1830 में क्या हुआ ना पूरे यूरोप में इकोनॉमिक हार्डशिप चल रहा था जिसका कारण यह था कि यूरोप में पॉपुलेशन बहुत ज्यादा बढ़ गया था इसके कारण बहुत से लोग अनइंप्लॉयड थे और अनइंप्लॉयड होने के कारण लोग अपने-अपने गांव से शहरों की तरफ बढ़ रहे थे इसके कारण सिटीज की पॉपुलेशन बहुत ज्यादा ज्यादा बढ़ गए और शहर के आसपास बहुत सारे स्लम्स बन और यूरोप में जो भी प्रोडक्ट्स या गुड्स आ रहे थे वो सारे इंग्लैंड से आ रहे थे क्योंकि इंग्लैंड में वो सारे गुड्स बहुत ही कम दाम में बन जाते थे क्योंकि तब इंग्लैंड में इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन चल रहा था जिसके कारण मशीन से प्रोडक्ट बहुत ही सस्ते में बन जाते थे इससे क्या होता था कि यूरोप के जो लोकल प्रोड्यूसर्स और इंडस्ट्रियलिस्ट थे उनका प्रोडक्ट नहीं बिक पा रहा था जिसके कारण वो लोग इकोनॉमिक डिप्रेशन में जा रहे थे और यूरोप में बैड हार्वेस्ट के कारण यानी कि अच्छी खेती नहीं होने के कारण लोगों के पास खाने का भी कमी था इतने सारे प्रॉब्लम झेलने के कारण लोगों ने रिवोल्ट कर दिया और फ्रांस की सिटी पेरिस में लोग सड़कों पर उतर आए और बहुत ही ज्यादा रिवोल्ट करने लगे इसके कारण फ्रांस का जो राजा था लुई फिलिप वह भी डर के मारे भाग गया राजा भाग जा रहा है हम इमेजिन करने लगी कि राजा कैसे भागता होगा इतना सब कुछ महंगा महंगा कपड़ा पपड़ा पहन केसे धोती उठा के भा घागरा चोली जैसा कपड़ा पहनता था अ जो लिखा हुआ है लिखा तो वही ना बोलेंगे तो लुई फिलिप के जाने के बाद फ्रांस के लोगों के पास उनका लीडर नहीं रहा था क्योंकि लुई फिलिप एक डिक्टेटर था और वो एक एंपरर था तो उसके जाने के बाद फ्रांस को एक रिपब्लिक नेशन डिक्लेयर कर दिया गया और फ्रांस के लोगों ने नेशनल असेंबली सेटअप किया नेशनल असेंबली सेटअप होने के बाद जो 21 इयर्स और अबब एज के थे उन्हें वोटिंग राइट्स मिल गए यहां पे वूमेंस को अभी भी वोटिंग राइट्स नहीं मिला और साथ ही साथ लोगों को राइट टू वर्क भी मिला यानी कि सारे एडल्ट सिटीजंस को वर्क प्रोवाइड किया जाएगा ताकि कोई भी अनइंप्लॉयड ना रहे हमारा अगला टॉपिक है सिलिसिया रिवोल्ट जो कि 1845 में सिलिसिया में हुआ था इस रिवोल्ट का शुरुआत एक इंसिडेंट से हुआ था जो कि ये था कि सिलिसिया में कुछ व्यूवर्स ने एक कांट्रैक्टर के अगेंस्ट रिवोल्ट कर दिया था क्योंकि कांट्रैक्टर ने उन व्यूवर्स को पेमेंट नहीं किया था इन व्यूवर्स ने कांट्रैक्टर के घर के ऊपर हमला कर दिया और काफी तोड़फोड़ किया यह सब होता हुआ देख वो कांट्रैक्टर भागा और एक गांव में चला गया जब गांव वालों ने उसकी हेल्प नहीं की तो वह आर्मी के लोगों के पास चला गया और आर्मी वालों ने उसकी हेल्प तो व्यूवर्स और आर्मी के लोगों का जब आमना-सामना हुआ तो 11 व्यूवर्स मारे गए और यह रिवोल्ट अनसक्सेसफुल हुआ पर बात यहां पर रिवोल्ट के अनसक्सेसफुल होने के नहीं थी बात यह थी कि एटलीस्ट कोई प्रयास कर रहा था डिक्टेटरशिप के अगेंस्ट रिवोल्ट करने का [संगीत] [प्रशंसा]