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भारत में राजनीतिक पार्टी का प्रभुत्व

Apr 14, 2025

क्लास 12वीं राजनीतिक विज्ञान: एक दल के प्रभुत्व का युग

परिचय

  • वक्ता: पूर्वा
  • चैप्टर: क्लास 12वीं राजनीतिक विज्ञान, चैप्टर 2
  • विषय: एक दल के प्रभुत्व का युग
  • प्लेलिस्ट: स्मार्ट बोर्ड सीरीज

एक दल का प्रभुत्व

  • डोमिनेंस: बार-बार एक ही पार्टी का जीतना
  • पार्टी: कांग्रेस पार्टी
  • इतिहास: स्वतंत्रता संग्राम में लीडर्स, जैसे जवाहरलाल नेहरू

स्वतंत्रता के बाद का समय

  • स्वतंत्रता के बाद: कई नए स्वतंत्र देश बने
  • डेमोक्रेसी का डर: नए देशों को लोकतंत्र का डर, क्योंकि यह एकता के लिए खतरनाक हो सकता था

भारत का परिप्रेक्ष्य

  • डेमोक्रेसी का चयन: समस्याओं के समाधान के लिए राजनीति का चयन
  • अंतरिम सरकार: चुनाव के बिना एक अस्थायी सरकार
  • संविधान: 26 नवंबर 1949 को फ्रेम, 26 जनवरी 1950 को लागू

पहले चुनाव की तैयारी

  • चुनौती: निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाएँ बनाना
  • मतदाताओं की संख्या: 17 करोड़ पात्र मतदाता, 3200 विधानसभा सदस्य और 489 लोकसभा सदस्य
  • साक्षरता: केवल 15% साक्षर

स्वतंत्रता के बाद के पहले चुनाव

  • तिथि: अक्टूबर 1951 से फरवरी 1952
  • चुनाव प्रक्रिया: मतपत्रों का उपयोग
  • परिणाम: कांग्रेस की जीत, बड़ी सफलता

कांग्रेस का प्रभुत्व

  • पहले तीन चुनाव: कांग्रेस का भारी बहुमत
  • कारण: लोकप्रियता, नेहरू की करिश्माई नेतृत्व, नेशनल मूवमेंट की विरासत

विपक्षी दलों का उदय

  • विपक्षी दलों की भूमिका: सरकार को लोकतांत्रिक बनाए रखना
  • प्रमुख विपक्षी दल: सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय जनसंघ, कम्युनिस्ट पार्टी

कांग्रेस का आंतरिक स्वरूप

  • इंटर्नल फेक्शंस: विभिन्न विचारधाराओं के समूह
  • कांग्रेस का समावेशी चरित्र: सभी सामाजिक समूहों का प्रतिनिधित्व

महत्वपूर्ण व्यक्तित्व

  • मौलाना अबुल कलाम आज़ाद: स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षा मंत्री
  • राजकुमारी अमृत कौर: स्वास्थ्य मंत्री
  • श्याम प्रसाद मुखर्जी: भारतीय जनसंघ के संस्थापक
  • बी. आर. अंबेडकर: संविधान सभा के अध्यक्ष, हिंदू कोड बिल पर मतभेद