भारतीय विदेश नीति - 20 मिनट रिविजन

Jul 21, 2024

इंडियन फॉरेन पॉलिसी का सारांश (20 मिनट रिविजन)

परिचय

  • यहाँ सिद्धार्थ पटेल ने इंडियन फॉरेन पॉलिसी का तेजी से रिविजन दिया।
  • कवर की मुख्य बातें: भारतीय विदेश नीति, द्वितीय विश्व युद्ध के प्रभाव, औपनिवेशिक देशों की आजादी, नॉन-एलाइनमेंट मूवमेंट, भारतीय उपमहाद्वीप और चीन के साथ संबंध तथा न्यूक्लियर पॉलिसी।

द्वितीय विश्व युद्ध और उसके प्रभाव

  • द्वितीय विश्व युद्ध के बाद आर्थिक संकट और देशों को पुनर्निर्माण की चुनौतियाँ।
  • एशिया और अफ्रीका के देशों को स्वतंत्रता हासिल होने लगी, जिसमें भारत भी शामिल था।
  • स्वतंत्रता प्राप्त देशों के समक्ष राष्ट्र के पुनर्निर्माण की चुनौती।

भारत की स्वतंत्रता और विदेश नीति

  • भारत को 1947 में आजादी मिली और सही नेतृत्व का सामना किया गया।
  • पंडित जवाहरलाल नेहरू ने फॉरेन पॉलिसी को स्थापित किया।

नॉन-एलाइनमेंट मूवमेंट

  • द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया दो हिस्सों में बँटी: यूएसए का कैपिटलिज्म और यूएसएसआर का कम्युनिज्म।
  • भारत ने नॉन-एलाइनमेंट मूवमेंट को अपनाया, जिसमें किसी पक्ष में न जाकर स्वतंत्रता से निर्णय लिया।

चीन और तिब्बत के साथ भारत के संबंध

  • 1950 में चीन का तिब्बत पर आक्रमण और दलाई लामा का भारत में शरण लेना।
  • भारत-चीन के संबंधों में तनाव और 1962 का युद्ध।

पाकिस्तान के साथ भारत के संघर्ष

  • 1965 का युद्ध: भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर लड़ाई।
  • 1971 का युद्ध: बांग्लादेश की स्वतंत्रता और भारत की जीत।
  • 1999 का कारगिल युद्ध: LOC को क्रॉस करके पाकिस्तान के मुजाहिदीन का हमला।
  • इन सारे संघर्षों में भारत की जीत।

न्यूक्लियर पॉलिसी

  • भारत की न्यूक्लियर पॉलिसी: मुख्यत: शांति और उर्जा की जरूरतें।
  • नो-फर्स्ट यूज़ पॉलिसी: भारत पहले न्यूक्लियर वेपन का उपयोग नहीं करेगा, परंतु अगर अटैक हुआ तो जवाब देगा।
  • 1974 और 1998 के न्यूक्लियर टेस्ट, और उन पर लगे प्रतिबंध।

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