अस्लाम एकूम, आज हम जिस टॉपिक को डिस्कस करने जा रहे हैं, वो पाकिस्तान स्टाइडीज का इंपोर्टन टॉपिक है, आइडियोलोजी ओफ पाकिस्तान। आइडियोलोजी ओफ पाकिस्तान में हम फर्स्ट देखेंगे कि आइडियोलोजी है क्या, उसके बाद हम ये स्टाइडी करेंगे कि पाकिस्तान की आइडियोलोजी क्या है, पाकिस्तान की आइडियोलोजी के सोचेस के हैं, यानि किन चीज़ों पर, देखें, डिफरेंट स्� अपनी इस वीडियो में डिस्कस करेंगे कि पाकिस्तान जो बना है वह किस आइडियोलॉजी की बेस पर बना है तीन चीजों की बेस पर तो आप हमारी comment section में mention कर सकते हैं उस वीडियो के उसके लावा already uploaded notes के लिए आप हमारी comment section में मज़ूद website के link को visit कर सकते हैं तो हमारा lecture है आज का ideology of Pakistan फर्स्ट हम यह देखेंगे कि ideology है क्या फर्स्ट तो आपको यह understanding होनी चाहिए कि ideology क्या है तो ideology है यह एक nation है कोई भी nation to have shared purpose and identity और उनका purpose जो यह same है तो वो उनकी क्या बन जाती है ideology ऐसा ही कुछ sub-continent में हुआ था एकी जगा पर एक society में जब आप इतने साल रहते हैं तो आपकी same condition हो जाती है तो ऐसा ही उस time पर Muslims को भी लगता था कि Hindus और वो same हैं और बहुत सारे readers को भी ऐसा लगता था बट सरसयद अहमद कान को for the first time very first time उनको ये realize हुआ उर्दू हिंदू controversy के बाद कि हम तो nation same नहीं है because language हमारी different है और language पे हमारे इतनी controversies हो रही है हमारा religion same नहीं है तो जो चीज एक एक कंट्री एक किसी भी किसी एक स्पेसिफिक रिलीजियन के लोगों को एक नीशन बनाती है उसको आइडियोलॉजी का रहता है तो अलाव जनेशन टू है शेयर पर पर्वेशन डेंटिटी फिर उनके डेंटिटी से मुझा थी और फिर उनका पर्पस हो जाता देखें आज वर्ड वर्ल्ड तो एवरी इंटर है दिया ओन कल्टर्स एथनिसिटी रिलिजियंस एंड लैंग्वेजेस मतलब एक डिफरेंट एथनिसिटेज हैं, डिफरेंट रिलिजियंज हैं और डिफरेंट लैंग्वुजिज हैं, बट नेशन एक वो ही है, जिनकी सीम चीज़ी होगी, जिन लोगों का सीम कल्चर होगा, वो एक नेशन होगे, किसी भी स्टेट के अंदर, जिनका रिलिजियंज सीम होग जो थिंकिंग है उनका परपस है कि इनकी एडेंटिटी है कि वह एक दूसरे को पहचानते हैं जिस बेसिस पर वह उनकी क्या हो जाएगी आईडियोलोजी तो हमारा जो टॉपिक है वह है कि वह इज आईडियोलोजी ऑफ पाकिस्तान उसको हम डिस्केस करेंगे फर्स्ट तो वह टू नेशन थेरी थी इट प्लेड अ की रूल इन क्रिएशन ऑफ पाकिस्तान और वन अफ्टी key elements of Qaid-e-Azam's demand for a separate homeland for Muslims in British India जैसे हमने pre-partition की complete history को discuss किया कैसे Congress राज जो था या फिर Congress ministries थी 1937 से 1939 तक उसमें जो Muslims के साथ Hindus की leadership के अंडर सलूग किया गया उसने Qaid-e-Azam को इस चीज़ पर जैसे आपने अगर history understand की है भी Muslim Hindu Unity के जो है उनको ambassador कहा जाता था इतना वो Muslims और Hindus को इकठा देखना चाते थे पर विद पैसेज ऑफ टाइम उनको रियलाइजेशन हुई और उनको यह लगा कि नहीं हमारी तो आइडियोलोजी ही डिफरेंट है और जब own distinct religious, social and cultural identities, तो अब यह आप यहाँ से देख सकते हैं कि जो ideology है उसमें religion भी आदाता है हमारे social, हमारे cultural यह तमाम चीज़ें आदाती हैं, बट पाकिस्तान की ideology कुछ basic तीन चीज़ों पर base करती थी, जिनको हम next study करेंगे, तो इसी से यह ideology से ही, यह two nation theory से ही एक idea हुआ, separate nation का far Muslims was born, उस time पे leaders को, Muslims के leaders को यह realization हुई कि हमें अलग से state चाहिए जिसकी basis पर हम जो है वो फिर अपना एक स्टेट बनाएंगे और उसमें हम according to their ideology रहेंगे, अब ideology में क्या है, वो हम complete discuss करेंगे. अगर हम summarize करेंगे ideology of Pakistan की, तो ये three lines हैं जो summarize करती हैं कि ideology of Pakistan is the name of moulding individuals and collective lives according to Islam and saving from conflicted ideologies तो basically जो हमारे different leaders हैं उनकी different perception थी but जो लामा इकबाल जिन्होंने first time separate state का खुआब देखा तो उन्होंने यही कहा कि हमारी जो ideology वो इस पर base करती है इसलाम पर दिखे हर nation की ideology same basis पर नहीं होती जिस तरह से हम Muslims हैं अगर तो पाकिस्तानी मस्लिम्स जो है पाकिस्तान की अगर आइडियोलोजी है तो वो किस पे बेस करती है बेसिकल इसलाम पर कि हमने अलग स्टेट ले ही कियों थी मकसदी क्या था इसका यही था कि ���म इसलाम के अकोडिंग जनदगी एकविजार सकें तो इट वो अकोडिंग टू इसलाम कि हमारा जो दीन है तो यह चीज रोकना चाहते थे और यही आइडियोलोजी थी पाकिस्तान की तो यह जो आइडियोलोजी आपको अंडेस्टेंटिंग हो गई होगी अब क्या आइडियोलोजी है क्या पाकिस्तान की आइडियोलोजी के तीन बेसिक सौर्सेज हैं मतलब तीन चीजों पर डिपे तो उनकी ideology की basis कुछ और हो सकती है, उनकी sources कुछ और हो सकती है, but Pakistan की ideology के यह तीन basis थी, तीन sources थे, Islam, Culture और Two Nations Theory, यही तीन चीज़ें हैं, जिन्होंने compel किया Muslim leaders को, कि वो अलग से state लें, किसके लिए, Muslims के लिए, तो the struggle of freedom, Islamic way of life was the primary force, Islam is the main source of ideology, तो हमारी जो ideology develop हुई as a nation, वो यही थी, कि हमें किसके according जिन्दगी spend करनी है, Islam के according, तो इस चीज़ को सबसे पहले बुनियाद बनाया Muslim leaders ने, तो उसका प्रकृति था, जिसमें आप पहले जा रहे हैं कि उसके प्रकृति के अगर मुस्लिम्स को उनके प्रकृति के अगर नहीं रहने दिया जा रहा था या फिर जो वैलियोज है हमारी, जो हमारा स्ट्रक्चर है, हमारी पुलिटिकल हिस्ट्री है उस सब को मर्च किया ज कि हमारे इस्लाम भी मर्च हो रहा है हिंदूइजम में और हमारा कल्चर हर दिखिए हर जगह पर मुस्लिम हैं डिफरेंट जगह पर मुस्लिम है तो डिफरेंट कल्चरल वैल्यूज होंगे इनकी इस्लाम सबके लिए रिलीजियन सेम है बट कल्चर जो है वह हर जगह के कल्चर था मस्लिम का उसको मर्च किया जा रहा था हमारी जो भी मारा ड्रेस कोड है यह हमारे कुछ वैल्यूज है तो जो हमारी ideology का source है, first source was Islam, इस base पे हमारी ideology बनी, और दूसरा था culture, और third was two nation, कि हम तो nation ही अलग हैं, हिंदूस से Muslims क्या है, बिल्कुल क्या है, different है, two nation theory, entire freedom movement basically revolve करती है around the two nation theory, अगर आप, उन्होंने, इस time पे leaders ने उनसे यह कहा, Britishers से, कि अगर आप यह भी नहीं मानते, कि Islam क इस बेसिक डिमांड पर पाकिस्तानी मुस्लिम कल्चर पैटरन वैल्यू सिस्टम और नेशनल गोल्स आल स्टेंड डिस्टिंग्ट फ्रॉम द नेशन जितनी भी नेशन है और यहां पर बिकोस हम एक तो हिंदूस मेजॉरिटी और दूसरे नंबर पर हम मेजॉरिटी में यहा तो लहोर resolution के बाद का जो time है 1940 के बाद का 1947 तक ये 7 years थे जो basically जिसमें promote किया, promulgate किया two nation theory को हमारे Muslim leaders ने और फिर Muslims ने, तो ये I hope so के understanding होगी कि ideology है क्या, ideology different countries की, different states की, different जगा पर रहने वाले लोगों की different हो सकती है, Pakistan की जो ideology है वो तीन चीज़ों पर ही base करती है basically, Islam पर, Culture अब देखें ये किस तरह से इसलाम पर, कल्चर पर और टू नेशन थेरी पर है, बिकोस हमने जो अलग स्टेट हासिल की है, हिंदूस और बृतिशर से, तो उसकी बेसिस यही थी, कि एक तो हम अपने इसलाम को मर्ज नहीं होने देना चाते हैं हिंदूइजम में, हिंदूज से जो सरसयद आहमद कान है, और उससे पहले भी हमारे जो जैसे शेख सर हिंदी उन्होंने भी बहुत ज़्यादा प्रामलगीत किया था ये टू नेशन को कि हम दो डिफरेंट नेशन्स हैं हम हिंदूस से डिफरेंट हैं बट वो एक ही सुसाइटी में रह रहे है कि मुस्लिम्स को और कुछ लीडर्स हमारे जिस तरह से आपको बताया उसको यह बता रही थी कि वह सेम ही है लोग बट जब वह अपनी प्रैक्टिस नहीं कर पाते थे अपने एक रिलीजियन की अपनी कल्चर की तो फिर उससे और उसके दावा जो बेसिक देखें हिस्ट्री को अगर आप प्री पार्टिशन को अंडरस्टेंट करना चाहते हैं त और उसने फिर किस तरह से वो two years की वज़ासे ही, Congress Ministries के दो सालों के अंदर ही Muslim leaders को ये realize हुआ वाकी, और Muslims को भी के हम Hindu leadership के अंडर नहीं रह सकते, और क्योंकि sub-continent में Hindus की जो है वो majority है, Muslims are in minority, तो जो Britishers अगर यहां से जाएंगे, तो absolutely किसकी ही government बनेंगी Hindus की भी, Hindus की ही, तो फ एक्ट्स में दिया गया था मुस्लिम्स को तो मुस्लिम्स ने कहा कि अब हमें सेपरेट एलेक्टरोरेट नहीं बलकि हमें क्या चाहिए अलग से स्टेट ही चाहिए तो वो स्टेट के स्पेस पर थी इस आइडियोलोजी पर इसलाम, कल्चर और टू नेशन थेरी उसको हम डिसकस करेंगे अगर हम पाकिस्तान के आइडियोलोजी को देखें और टू नेशन थेरी को देखें, तो इसके जो सबसे बड़ा रिफॉर्मेस्ट आइडियोलोजी को प्रॉमलगेट करने वाले हैं, वो हमारे पास तीन लीडर्स हैं, सरसयद अहमद खान, अलामा इकबाल और काईदी आजम culture different है तो आप किसी भी तरह से हिंदूज के साथ नहीं मिलें, हलाके पहले उर्दू हिंदू controversy से पहले, काइद आजम की तरह सरसेयद अहमद खान भी इनकी unity के ही supporter थे, कि Muslims और Hindus जो हैं वो एक साथ रहने चाहिए एकी state में, तो Muslim reformist movement begins with the reformers, इससे पहले concept, प्रेजेंट किया गया था शेख सरहन की तरफ से, बट जो इसको प्रॉमलिगेट किया, इसको आर्किटेक्चरिस्के जो बेसिक थे, वो कौन थे, सरसयद अहमद खान, वो इनेक्वलेटेड दा आईडिया और सेपरेट नीशन, सेपरेट स्टेट का आईडिया तो अलामा एकबाल ने दिया था, बट सेपरेट नीशन का फर्ट फर्स्ट टाइम आईडिया किसका था सरसयद अहमद खान का, उन्होंने मुस्लिम्स को जब उस टाइम पे देखे व कि सारा कुछ Muslims नहीं किया है, तो at that time, Sir Syed Ahmed Khan ही थे for the first time, जो उठे, उन्होंने Muslims की reforms की, उन्होंने Muslims के लिए, उन्होंने Muslims को मना किया, उनके लिए institutions बनाए, रस्या लीगर, बहुत बड़ी example है इसकी, उन्होंने Muslims को रोका, कि वो Indian National Congress को join नहीं करें, because 1885 में Indian National Congress बनी थी, और Indian National Congress यह कहती थी कि हम पूरे इंडिया के representative जो party हैं, but सरसेज़ अहमद खान ने कहा कि आपने politics को join तब तक नहीं करना जब तक आप education नहीं एन करते। सरसेज़ अहमद खान को इस तीस की realization थी कि without English को study किये किसी भी तरह से हम आगे नहीं निकल सकते। जैसे आपको पहले बताया कि पहले वो पुकमल तरह पर support करते थे Hindu Muslim Unity को, नहीं कह सकते यह दूसरे नेशन ने वह इनको डिफरेंट तरीके से टैकल करना होगा तो इस टाइम पर मस्लिम जो नहीं चाहते थे कि वह इंग्लिश लैंग्वेज की या इंग्लिश मिंग की तालीम हासिल करें उसके लिए सरसयद अहमद खान नहीं मस्लिम को इस चीज पर मजबूर किया और फिर अली घर से जो या वह बहुत बड़े लीडर निकले जिन्होंने फिर पाकिस्तान की जो फ्रीडम मूवमेंट है उसमें बहुत ज्यादा रोल प्ले किया तो यह जो आप यह कह सकते हैं कि इ किसके लिए? Two Nation Theory के लिए कि अवाम को उन्होंने इस चीज को अवाम में इनेकुलेट किया, देखें बाते करना डिफरेंट चीज है, इनेकुलेशन करना किसी Motivational Speech की उसको Practically इनेकुलेट करना, वो जो है, वो किसने किया सरसयद अहमद खान ने, तो इस वो जो इन्होंने ही सबसे पहले dream देखा था कि अगर हम ठीक है सर्फिया दामन्थन ने कहा हम separate nation है तो लामा इकबाल ने कहा कि क्यों ना हम लोग separate state भी गेंड कर सकते हैं इसके लिए जहां पर हम इसलाम के according रह सकी तो देखे जो ideology है पाकिस्तान की वो तीन चीज़ों पर ही बेस जिनमें सबसे important है वो इसलाम है हम इसलाम के नाम पर बने हैं और second जो चीज जिसको promulgate किया उस time पे हमारे leaders ने वो चीज थी two nation theory तो Iqbal believes that religion, politics are not two distinct events देखें जैसे आज भी अगर हम modern politics की बात करें तो उसमें यही का जाता है कि religion और politics को mix नहीं करना या जिस तरह से Westphalia ट्रिडियो तो इस चीज में भी यही था कि religion, church और politics उसको अलग कर दिया था लामा इकबाल पॉइंट ओफ व्यू से कहते थे कि रिलीजियन और पॉलिटिक्स दो डिफरेंट चीज़े नहीं है, अगर रिलीजियन को एक्स्क्लूट कर दिया रहा है पॉलिटिक्स से, तो जो रिजल्ट है वो फिर यही होता है जो इस टाइम पिक हो रहा है सबकॉंटिन तो उन्होंने अपने आलाबाद में जो first address किया था उन्होंने, उन्होंने कहा कि India is a continent of human beings belonging to different languages and professing different religions.
दो चीज़ों पर उन्होंने इस जोर दिया, एक language पर और एक इस पर, देखे language barrier बहुत ज्यादा हो सकता है, तो ये चीज़ जो इस पर उन्होंने profess किया, I therefore demand the formation of Muslim state in the best interest, कि जो मुस्लमान हैं इंडिया के और जो हमारा इस्लाम हैं, उसके best interest के लिए यही चीज़ है, क्योंकि कुछ specific areas हैं, जैसे सिन, बलोजिस्तान और NWFP. ये states और Punjab half जहाँ पर Muslim population ज्यादा है वो आप areas अलग करके एक separate state बना दें और उसको किसकी base पर हम चलाएंगे Islam की base पर means लामा इकबाल ने जैसे वो words यूज़ किये कि मैं religion और politics को different नहीं मानता तो उसी base पर उन्होंने फिर demand भी की आलाबाद में इस pre-partition की complete video है उसकी link है handwritten notes के साथ आप उसको तमाम को playlist जाके visit कर सकते हैं last but most important जो है वो वह आइडियालोजी थी काइदियाजम की देखिए सेपरेट नेशन का आइडिया दिया सरसेज़ रहमद खान ने एंड थें सेपरेट स्टेट का आइडिया दिया लामा इकबाल ने और इस सब चीजों को प्रक्टिकली जो प्रोज किया वह किसने किया प्रक्टिकली जो वो बेस्ट अपना इस्लाम कल्चर एंड टू नेशनल थेरी तो यह बहुत स्ट्रोंग आईडियोलोजी थी सिंस इट्स इस्टेब्लिशमेंट एडियोलोजी विच एस टू बी प्रिज़ाउट कि हम यह इंडिपेंडेंस या फिर यह फ्रीडम नहीं है बल्कि हमने किसकी बेस्ट तो ये काइदियाजम के words थे, means कि वो भी इस चीज को ही promulgate करते थे, इसी की base को support करते थे, कि हम किस के लिए हमारी ideology, Pakistan की ideology है, completely किस पर है, Islam पर, और इन ही तीन चीजों से Pakistan की ideology बनी है, इसके जो माखस आप कह सकते हैं, इसके sources हैं, वो क्या है, Islam, हमारा culture, और two nation theory. In another speech, he declared that Pakistan is a state found on the ideological basis, not on territorial grounds.
टेरिटोरियल ग्राउंड्स पर नहीं हमने ये स्टेट बनाई बलकर किसकी बेसिस पर बनाई है आइडियोलोजिकल बेसिस पर और उस आइडियोलोजी में कौन से चीज़ें आती हैं उनको हमने डिसकस किया हमारी आइडियोलोजी में हमारे पाकिस्तान की आइडियोलोजी मे तो यह बेसिकली यह थी जिसका फर्स्ट कंसेप्ट किया गया या दिया गया फ्रॉम सरसयद अहमद खान थे प्रेस का कंसेप्ट दिया गया फ्रॉम अलामा इकबाल और उसको प्रैक्टिकली जो है वह किसने अप्रोच किया काइदीयाजम मुहमद अली जना ने वह फिर आप उसको mention करें, हमारी website के link को visit करें, जो के comment section में mention है, we will provide you with PDF notes, thank you very much, Allah Hafiz