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Current Affairs and Environmental Information

हेलो एवरीवन, वेलकम टू रेक्टिफिकेशन सीरीज ऑफ स्टडी स्मार्ट आईएस पीसीएस। इन आवर टुडेेस लेक्चर वी आर गोइंग टू रीड अबाउट एनवायरमेंट एंड साइंस एंड टेक रिलेटेड करंट अफेयर्स। फर्स्ट थिंग्स फर्स्ट देखो सबसे पहले एक बात नोट कर लो। डरो मत। आपने बहुत पढ़ाई की है। अगर आपने लास्ट सिर्फ लास्ट के 30 दिन भी पढ़ाई अच्छे से करी है ना तो हो जाएगा। बिल्कुल डरो मत। और करंट अफेयर्स की टेंशन मन से निकाल दो। यह मत सोचो मैंने करंट अफेयर्स नहीं पढ़ा है। आपने सब कुछ पढ़ा है करंट अफेयर्स में। ठीक है? करंट अफेयर्स कुछ नहीं है। करंट अफेयर्स इट्स जस्ट अ स्टैटिक स्टैटिक इन न्यूज़। स्टैटिक जब न्यूज़ में आता है तो करंट अफेयर्स बन जाता है। तो आपने स्टैटिक अगर अच्छे से पढ़ा है तो करंट अफेयर्स के क्वेश्चन कर लोगे। इसलिए डरो मत और कमेंट्स में पहले लिखो। करंट अफेयर्स डन डन डन। खुद को कॉन्फिडेंस दिलाओ। करंट अफेयर्स हो गया है। डन डन डन। ठीक है? इस तरह से लिखो। खुद को बिलीव दिलाओ दैट यू हैव कंप्लीटेड करंट अफेयर्स। बाकी यह लेक्चर एज अ रिवीजन यूज़ करो कि आपको फोमो ना हो। आपने पूरा करंट अफेयर्स पढ़ लिया है। एक लेक्चर अभी आएगा। एक शाम को 4:00 बजे आएगा और हम पूरा करंट अफेयर्स आपका रिवाइज करवा देंगे। ठीक है? तो चलो शुरू करते हैं फटाफट। देखो करंट अफेयर्स के सोर्सर्सेस हमने पीटी 365 लिए हैं। विज़न आईएस के इंडिया ईयर बुक और फाइनल लैप ये सारे सोर्सर्सेस हैं। इनमें से जो भी इंपॉर्टेंट चीजें मिली हैं वो सारी चीजें इस कंपाइलेशन में मिल जाएंगी आपको। ठीक है? और दूसरी चीज है हमने सिर्फ मोस्टेंट जो करंट अफेयर से रिलेटेड जो स्टैटिक है वही कवर किया है क्योंकि यूपीएससी न्यूज़ नहीं पूछेगा। यूपीएससी बैकग्राउंड पूछता है। राइट? तो हमने बैकग्राउंड वाला सारा इनफो कवर किया है। साइंस एंड टेक में तो जो न्यूज़ है वो न्यूज़ रहेगी। ठीक है? उसमें तो कुछ कर नहीं सकते। तो चलो शुरू करते हैं। देखो पहले वाटर वेपर के बारे में देख लो कि वॉटर वेपर जो है, लार्जेस्ट कंट्रिब्यूटर है ग्रीन हाउस इफेक्ट में। वॉटर वेपर लार्जेस्ट कंट्रीब्यूटर है ग्रीन हाउस इफेक्ट को प्रोड्यूस करने में। ठीक है? वहीं पर अगर ग्लोबल वार्मिंग पोटेंशियल की बात करें तो फिर कार्बन डाइऑक्साइड सबसे कम उसके बाद मीथेन फिर नाट्रस ऑक्साइड फिर एचएफसीस पीएफसीस और एसएफसी ठीक है देखो ग्लोबल वार्मिंग पोटेंशियल एक्चुअली होता क्या है कौन सी गैस में कितना ज्यादा ग्रीन हाउस गैस को ट्रैप कौन सी गैस में कितना ज्यादा ग्रीन हाउस गैसेस को ट्रैप करने की कैपेबिलिटी है ठीक है तो इस वजह से इसका जो बेस होता है वो कार्बन डाइऑक्साइड होता है कंपैरिजन इसी से करते हैं। ठीक है? तो इसलिए कार्बन डाइऑक्साइड को वन माना जाता है। बाकी कंपैरिजन इसी से होता है ग्लोबल वार्मिंग पोटेंशियल में। इसका कितना पोटेंशियल है ग्लोबल वार्मिंग कॉज करने में। राइट? तो CO2 के बाद मिथेन का 25 है। ठीक है? N2O का 298 है और HFC इसका 1K से 10 के तक जाता है। उसके ज्यादा उसके बियों्ड ये हैं। राइट? तो ये एक बार देख लेना ग्लोबल वार्मिंग पोटेंशियल के बारे में। ब्लू कार्बन की बात करें तो जो ब्लू कार्बन है वो नाम से ही पता चल रहा है। ऐसा कार्बन जो कहां स्टोर है? कोस्टल या मरीन इकोसिस्टम में। ठीक है? ये ब्लू ब्लू कार्बन हो गए। राइट? कोस्टल या मरीन इकोसिस्टम में। राइट? जहां पे वेव्स आती हैं, आती जाती रहती हैं। स्टैटिक वाटर में मैंग्रोज़, टाइडल मार्शज़, सी ग्रासेस, मिडोज़ ये सब क्या करते हैं? कार्बन को स्टोर करते हैं अपने अंदर। तो ब्लू कार्बन तो ये हो गया जो स्टर्ड कार्बन है कोस्टल और मरीन इकोसिस्टम में। टील कार्बन क्या है? टील कार्बन है जो वेटलैंड्स में कार्बन स्टोर होते हैं। नॉन टाइटल वेस्टलैंड्स जहां पे वेव्स नहीं आती, टाइड्स नहीं आती। ठीक है? वैसे वेटलैंड्स जो होते हैं जैसे मार्शज़ हो गए, स्वम्स हो गए, पीटलैंड्स हो गए। इन सब जगहों पे टील कार्बन स्टोर होता है। रिसेंटली इंडिया की पहली स्टडी हुई है जिसमें टील कार्बन को पाया गया कहां पे? केवलादेव नेशनल पार्क में। राजस्थान के भरतपुर में। राजस्थान के भरतपुर में केवलादेव नेशनल पार्क है। वहां पे मिला है टिल कार्बन। ठीक है? तो ये इंपॉर्टेंट न्यूज़ है। याद रखना शायद क्वेश्चन आ जाए। ब्लू कार्बन टिल कार्बन में डिफरेंस याद रखना। नाम से ही पता लग रहा है वैसे तो डिफरेंस। पर्पल कार्बन क्या होता है? ऐसा कार्बन जो इंडस्ट्रियल एमिशंस की वजह से निकलता है। ठीक है? एयर जो एयर में और इंडस्ट्रियल एमिशंस की वजह से कार्बन कैप्चर होता है उसको पर्पल कार्बन कहते हैं। ठीक है? ओजोन इन द स्ट्रेटोस्फीयर इज बेनिफिशियल। ठीक है? अगर ओजोन स्ट्रेटोस्फीयर में है तो बेनिफिशियल है। अगर ओज़ोन ट्रोपोस्फीयर में है तो पॉलटेंट है। मतलब हम यहां रहते हैं धरती पे तो हमारे ही आसपास अगर ओज़ोन आ गया। ट्रोपोस्फीयर में नीचे ही ओज़ोन है। ठीक है? मतलब हमारे धरती हमारे जमीन से लेके सिक्स माइल्स तक अगर ओज़ोन है तो वो हार्मफुल है हमारे वो पॉलिटेंट की तरह है। लेकिन उसके ऊपर अगर सिक्स माइल्स से लेके 30 माइल्स तक स्ट्रेटोस्फीयर में अगर ओजोन है तो फिर वो बेनिफिशियल है। क्यों बेनिफिशियल है? क्योंकि वो हार्मफुल यूवी रेज को अर्थ तक पहुंचने से रोकता है। यूवी रेडिएशंस को अर्थ तक पहुंचने से रोकता है। है ना? तो क्या होता है कि सनलाइट फॉर्म्स एंड डिस्ट्रॉयज़ ओजोन। सनलाइट क्या होती है? सनलाइट की वजह से ही ओज़ोन फॉर्म होता है और सनलाइट की वजह से ही ओजोन डिस्ट्रॉय होता है। जब कोल्ड कंडीशन होती है तो वहां पे वो डिप्ल्यूशन और ज्यादा बढ़ जाता है ओजोन का। राइट? तो याद रखना कि जब डिप्ल्यूशन ओजोन का ज्यादा बढ़ जाएगा तो क्या होगा? अर्थ पे ज्यादा यूवी रेडिएशन आएगा। अर्थ पे और ज्यादा यूवी रेडिएशन आएगा। राइट? अगर ओजोन लेयर डिप्लीट हो गई तो और यूवी रेडिएशन आती है तो क्या होता है? क्रॉप्स एग्रीकल्चर हैंपर होता है। राइट? हमारी हेल्थ हैंपर होती है। तो यूवी रेडिएशन बहुत खतरनाक है हम लोग के लिए। इसलिए ओजोन लेयर होना बहुत जरूरी है स्ट्रेटोस्फीयर ट्रोपोस्फीयर में तो पोलटेंट है बट स्ट्रेटोस्फीयर में ओज़ोन लेयर का होना बहुत जरूरी है। ओजोन होल फॉर्म हो जाता है। अगर ओजोन डिप्ल्यूशन बहुत बढ़ जाता है तो ओज़ोन होल फॉर्म हो जाता है। ठीक है? आर्कटिक और अंटार्कटिका वाले रीजन में जब ओजोन का लेवल बिलो 220 डॉप्स यूनिट हो जाए तो उसको ओज़ोन होल कहते हैं। राइट? याद रखना बिलो 220 डॉप्स यूनिट अगर हो गया तो उसको ओज़ोन होल बोला जाएगा। नेक्स्ट इज़ ये सारे ओज़ोन के रिलेटेड कन्वेंशंस एक जगह दे दिए हैं। इसको देख लेना। वियना कन्वेंशन 1985। सबसे पहला कन्वेंशन यही था ओजोन प्रोटेक्शन को लेके कि ओज़ोन जो हमारे स्ट्रेटोस्फीयर में ओज़ोन है उसको प्रोटेक्ट करना चाहिए हमें वरना यूवी रेडिएशन आएगा अर्थ पे बहुत ज्यादा। तो ये जो कन्वेंशन है सिर्फ याद रखना ये दिस वियना कन्वेंशन इज़ जस्ट अ कन्वेंशन। ये लीगली वाइंडिंग नहीं है। ठीक है? इसलिए यहां पे क्रॉस लगाया हुआ है। लीगली वाइंडिंग नहीं है वियना कन्वेंशन। राइट? 1985 में। उसके 2 साल बाद एक मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल हुआ। जिसमें कहा गया है कि जो सीएफसीस हैं क्लोरोफ्लो कार्बन इसी की वजह से ओजोन डिप्ल्यूशन होता है। तो इनको फेज आउट करेंगे और इसकी जगह एचएफसीस को लाएंगे। ठीक है? 1987 के मोनोट्रियल में हुआ कि सीएफसीस को हटाओ सीएफसीस को और एचएफसीस को लाओ। ठीक है? तो 1987 में तो ये हुआ। अच्छा मोनोट्रियल है कहां पे? कनाडा में है। राइट? उसके बाद 2016 में सबको रियलाइज़ हुआ कि एचएफसीस जो हमने यूज़ करना शुरू किया था मोनोट्रियल प्रोटोकॉल के बाद उनकी वजह से तो ग्रीन हाउस एमिशंस हो रहे हैं बहुत ज्यादा। ग्रीन हाउस गैस है वो एक बहुत पोटेंशियल ग्लोबल वार्मिंग कॉज कर रहा है। तो किगाली अमेंडमेंट में कहा गया कि अब एचएफसीस को भी रिड्यूस करना है। तक 80 से 85% एचएफसी का यूजेज रिड्यूस करना है। ठीक है? ये किगाली अमेंडमेंट में बात की गई 2016 में। किगाली कहां पे है? रवांडा में है। इनकी जगह भी याद रखा करो। जो इंपॉर्टेंट कन्वेंशन पढ़ते हो ना मॉन्ट्रियल कहां है? वियना कहां है? किगाली कहां है? कई बार ऐसे मैच करने को दे देते हैं एग्जाम्स में। तो रवांडा में किगाली है। मॉन्ट्रियल कनाडा में है। राइट? अच्छा। वर्ल्ड ओजोन डे कब मनाते हैं? 16 सितंबर को। ये चीज याद रखना। नेक्स्ट इज़ क्लाइमेट टेक्नोलॉजी सेंटर एंड नेटवर्क। मतलब क्लाइमेट से रिलेटेड टेक्नोलॉजी की बात हो रही होगी ना? तो एक्चुअली इसका काम क्या है? जो यूएफसीसी है उसका एक टेक्नोलॉजी मैकेनिज्म है। जो भी टेक्नोलॉजी डेवलप की जाती है। ठीक है? ग्लोब वार्मिंग कम करने के लिए तो उसको टेक्नोलॉजी मैकेनिज्म बोलते हैं। यूएनएफसीसी का एक टेक्नोलॉजी मैकेनिज्म है। उस टेक्नोलॉजी मैकेनिज्म को इंप्लीमेंट करने के लिए यही बॉडी काम आती है। क्लाइमेट टेक्नोलॉजी सेंटर एंड नेटवर्क। ठीक है? तो यह इंप्लीमेंटेशन आर्म है ऑफ टेक्नोलॉजी मैकेनिज्म ऑफ यूएनएफसीसी। ठीक है? यूएफसीसी का जो टेक्नोलॉजी मैकेनिज्म है उसका इंप्लीमेंटेशन आर्म है ये क्लाइमेट टेक्नोलॉजी सेंटर एंड नेटवर्क सीटीसीएन। अच्छा याद रखना कि यह किसके कौन इसको होस्ट करता है? इसकी एक मीटिंग वगैरह होती है तो तो यूएनईपी इसको होस्ट करता है यूनाइटेड नेशन एनवायरमेंट प्रोग्राम और यूनीडो। यूडो का फुल फॉर्म क्या है? यूनाइटेड नेशन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन। ठीक है? क्योंकि टेक्नोलॉजी की बात हो रही तो यह भी तो रहेगा ना इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट वाला ऑर्गेनाइजेशन। तो यूएईपी और यूडो मिलके इसको होस्ट करते हैं। यूनेडो का हेड क्वार्टर कहां पे है? वियना में है। यूएनईपी का हेड क्वार्टर कहां पे है? नैरोबी में है। इस तरह से आप कॉम्प्रिहेंसिवली हम आपको सब कुछ कवर करवा देंगे। राइट? इट प्रमोट्स द एक्सलरेटेड ट्रांसफर ऑफ एनवायरमेंटली साउंड टेक्नोलॉजी। जितनी भी आजकल नई-नई टेक्नोलॉजीस बन रही हैं। ठीक है? जो एनवायरमेंट एनवायरमेंट फ्रंटली हैं उन टेक्नोलॉजी को प्रमोट करना और उनको ट्रांसफर करना वही वही इस इसका मकसद है सीटीसीएन का राइट यानी कि कार्बन रेिलियंट डेवलपमेंट करना जैसे डेवलपिंग कंट्री की बहुत डिमांड होती है कि हमारे पास टेक्नोलॉजी नहीं है जो कार्बन रेिलिएंट हो एनवायरमेंटली साउंड हो आप लोग हमें प्रोवाइड करवाइए टेक्नोलॉजी तो इसका वही काम है टेक्नोलॉजी को डेवलप करना और डेवलपिंग कंट्री जब डिमांड करें ऐसी किसी टेक्नोलॉजी की तो फटाफट से डेवलप करके ऐसी टेक्नोलॉजी को डेवलपिंग कंट्रीज में ट्रांसफर किया जाए तो बेसिकली इट्स अ डिमांड ड्रिवन मैकेनिज्म तो तो स्टेटमेंट ये भी आ सकता है कि सीसीटीएन इज़ अ डिमांड ड्रिवन मैकेनिज्म। डिमांड ड्रिवन मैकेनिज्म। तो कंफ्यूज मत होना। यस इट इज़ अ डिमांड ड्रिवन मैकेनिज्म। क्योंकि डेवलपिंग कंट्रीज डिमांड करती है ना डेवलप्ड वर्ड से कि हमें टेक्नोलॉजीस दीजिए जो एक एनवायरमेंटली फ्रेंडली हो जो क्लाइमेट रेिलिएट हो। तो फिर हम अपने देश में उसको लागू करेंगे। तो तो यही बॉडी होती है जो ऐसी टेक्नोलॉजीस को डेवलप करने में हेल्प करती है यूएफसीसी की। राइट? ये बॉडी इस्टैब्लिश कब की गई थी? सीओपी 16 में कानकुन में इन 2010 और ऑपरेशनलाइज कब से है? 2014 से। ठीक है? नेक्स्ट इज ऑपरेशनलाइज ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट्स इन इंडिया। एयरपोर्ट से रिलेटेड आई गेस लास्ट ईयर क्वेश्चन आया था। राइट? तो ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट्स की बात हो रही है। ग्रीन फील्ड का मतलब ऐसे एयरपोर्ट जो स्क्रैच से बनाए जाए। स्क्रैच से बनाने का मतलब जहां पे जो ऐसे लैंड पे जो पहले यूज़ ही नहीं हुआ कभी। एकदम खेत खलिहान थे। वहां पे बिल्कुल जमीन खरीद के वहां पे कोई नया इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया जाए उसको ग्रीन फील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर बोलते हैं। व्हाट इज़ ब्राउन फील्ड इन इंफ्रास्ट्रक्चर? ब्राउन फील्ड मतलब पुराने किसी एसेट को फिर से रिन्यू किया जाए। एयरपोर्ट समझ लो कोई पुराना है उसको फिर से डेवलप किया जा रहा है तो वह ब्राउन फील्ड ब्राउन फील्ड एयरपोर्ट होगा। राइट? तो याद रखना ग्रीन फील्ड और ब्राउन फील्ड में डिफरेंस। ग्रीन फील्ड बिल्कुल स्क्रैच से बनाई जाती है चीजें। उसको ग्रीन फील्ड बोलते हैं। तो यहां पे कुछ इंडिया में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट्स के नाम दिए गए हैं और उनके एसोसिएटेड स्टेट्स दिए गए हैं। इसको देख लो। ऐसे क्वेश्चंस आता है। लास्ट ईयर भी आया था। तो दुर्गापुर वेस्ट बंगाल में काजी नसरुल काजी नजरुल इस्लाम एयरपोर्ट है। नाम याद रख लेना। ठीक है? शिरडी तो पता ही है महाराष्ट्र में है। सिंधु दुर्ग पता ही है महाराष्ट्र में है। पकयोंग सिक्किम नाम से ही लग रहा है कि पकयोंग सिक्किम ही होगा। कन्नूर केरला ठीक है। कालाबुर्गी कर्नाटका नाम से पता लग रहा है। काला बुरागी कर्नाटका। ओरवाकल याद रख लेना। आंध्र प्रदेश में है। ओरवाकल आंध्र प्रदेश। ओरवाकल आंध्र प्रदेश। ठीक है? नेक्स्ट देखो कुशीनगर। कुशीनगर यूपी में है। ईटानगर अरुणाचल प्रदेश में है। दो पोलो एयरपोर्ट। राइट? फिर मोपा ढोलेरा। मोपा गुजरात में है। ढोलेरा मोपा गोवा में है। ढोलेरा गुजरात में है। राइट? राजकोट हिरासर यह गुजरात में है। यह सबसे लेटेस्ट यही ऐड हुआ है ग्रीन ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट में। ठीक है? ये देखो डोनियो पोलो वाला लास्ट ईयर पूछा गया था इसलिए बोल रहा हूं। सिर्फ जगह का नाम नहीं एयरपोर्ट के अभी नाम याद कर लेना। ठीक है? राजकोट हिरासर गुजरात में है। मोपा गोवा में है। ढुलेरा गुजरात में है। राइट? तो इस तरह से आप इन चीजों को याद रखो। नेक्स्ट इज़ 1 मिलियन यूथ एक्शन चैलेंज। यह 1 मिलियन यूथ एक्शन चैलेंज क्या है? यह यूथ को जो यंग है हमारे देश हम पूरे वर्ल्ड वाइड इनफैक्ट जो यूथ है 10 10 साल से लेकर 30 साल तक का यूथ टू एक्ट फॉर एसडीजीस 6 12 13 15 6 12 13 15 इन चारों एसडीजीस को इनकरेज करना है मतलब इनके लिए एक्शन लेना है यूथ को याद रखना यही इनिशिएटिव है राइट अब यहां पे आपको मौका मिला है एक बार एसडीजीस रिवाइज कर लेते हैं फटाफट ठीक है सबसे पहले देखो कैसे एसडीजीस को याद करना होता है सबसे पहले आपको गरीबी हटानी है। इंडिया में सबसे पहला नारा क्या लगा था? गरीबी हटाओ। तो यहीं से शुरुआत करते हैं। गरीबी अगर हटेगी तो लोगों की भूख खत्म हो जाएगी। ठीक है? तो जीरो प्रॉपर्टी और रिड्यूस्ड हंगर। तो याद रखना पहले गरीबी मिटाओ फिर भूख मिट जाएगी अपने आप। और भूख मिट जाएगी तो आपकी हेल्थ अच्छी हो जाएगी। राइट? तो 1 2 3 याद हो गया। पहले गरीबी मिटी फिर भूख भूख कम हुई और फिर आपकी हेल्थ अच्छी हो गई। हेल्थ अच्छी रहेगी तो आपका पढ़ाई लिखाई मन लगेगा। तो आप एजुकेशन लेने जाओगे। राइट? और एजुकेशन जब लेने जाओगे तो आपको पता लगेगा कि वहां तो लड़के लड़की सब इक्वल है। तो जेंडर इक्वलिटी की बात हो गई। राइट? और जब आप एजुकेशन जाओगे तो वहां पे आपको सिखाया जाएगा कि आपको हमेशा हैंड वाश करना है। क्लीन वाटर, क्लीन सैनिटेशन इन सब की बातें सिखाई जाएंगी। राइट? तो यहां तक तो आपको समझ आ गया। एजुकेशन लेने गया तो आपको ये सब चीजें शुरू हुई। ठीक है? फिर आपको बारी आई इकोनमिक ग्रोथ में पार्टिसिपेट करने की। लेकिन जब इकोनमिक ग्रोथ में पार्टिसिपेट करने की बारी आई, उससे पहले आपको सिखाया गया कि हमेशा रिन्यूएबल एनर्जी ही यूज करना। इकोनमिक ग्रोथ में हिस्सा बनने जा रहे हो ना हमेशा रिन्यूएबल एनर्जी यूज करना। ठीक है? यह चीज आपको सिखा के भेजा गया। फिर आप इकोनमिक ग्रोथ वगैरह में पार्टिसिपेट करने लगे। जब इकोनमिक ग्रोथ में आपने पार्टिसिपेट किया तो फिर आपने क्या किया? इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया। बहुत ज्यादा इंडस्ट्रीज डेवलप करी। ठीक है? इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्रीज रोड वगैरह बनाई, इंडस्ट्रीज बनाई। ठीक है? तो, यह नाइन तक कंप्लीट हो गया हमारा। उसके बाद आपको रियलाइज़ हुआ इतना ज्यादा इकोनमिक डेवलपमेंट होने के बाद कहीं पे इनकलिटी ना आने पाए। ऐसा ना हो कंसंट्रेशन ऑफ वेल्थ ही हो जाए। इसलिए इनकलिटी ना आने पाए। इकोनमिक ग्रोथ होने के बाद, इंडस्ट्रीज डेवलप होने के बाद इनकम इनकलिटी ना हो जाए। तो इनकलिटी को रिड्यूस करना है। ये 10 है हमारा। एक चीज़ ध्यान रखनी है कि अब इतना ज्यादा डेवलपमेंट हो गया इंफ्रा का। पहली बात तो इनकलिटी ना होने पाए और जो हम सिटीज वगैरह डेवलप कर रहे हैं वो सस्टेनेबल सिटी रहे। वहां पेड़-पौधे भी रहे और अच्छी बिल्डिंग्स भी रहे। दोनों रहे। ठीक है? तो इनकलिटी नहीं होगी और जो सिटीज बना रहे हैं हम वो सब सस्टेनेबल रहें। पेड़-पौधों से रहेंगे। अच्छी-अच्छी हाईटेक बिल्डिंग भी रहेंगी। राइट? तो 11 तक हमारा कंप्लीट हो गया। उसके बाद जब इतनी सारी पापुलेशन सिटीज में रहेंगी तो बहुत सी डिमांड बढ़ेगी। मतलब बहुत ज्यादा प्रोडक्शन होगी चीजों की और बहुत ज्यादा कंजमशन होगा चीजों का। तो दोनों ही चीज रिस्पांसिबल होनी चाहिए। जो हम कंज्यूम कर रहे हैं वो भी रिस्पांसिबली कंज्यूम करें और जो हम प्रोड्यूस कर रहे हैं वो भी रिस्पांसिबली प्रोड्यूस करें। जैसे सपोज हम बिजली कंज्यूम कर रहे हैं। तो बिजली हम बचा के कंज्यूम करें। और प्रोड्यूस भी हम सस्टेनेबल तरीके से करें। एनवायरमेंट फ्रेंडली तरीके से करें। तो इसलिए यह बनाया गया कंजमशन और प्रोडक्शन का जो वो है साइकिल वो सस्टेनेबल रहे रिस्पांसिबल रहे। यहां तक कंप्लीट हो गया। अब जब ये सारी चीजें हो गई हमने पढ़ाई लिखाई कर ली, इकोनमिक ग्रोथ कर ली और लोगों को अच्छी खासी शिक्षा दे दी कि क्या-क्या करना चाहिए तो हमारा ध्यान ग्लोबल लेवल पे जाता है कि अब वर्ल्ड में क्या-क्या चीजें करनी चाहिए। सबसे पहली बात हमें क्या करना है? क्लाइमेट चेंज हो रहा है। क्लाइमेट चेंज को प्रोटेक्ट करना है वर्ल्ड को क्लाइमेट चेंज से। राइट? क्लाइमेट चेंज से जब प्रोटेक्ट करना है तो पहले आप बात करोगे समुद्र के अंदर की। समुद्र के अंदर की और उसके बाद बात करोगे धरती के ऊपर की। क्लाइमेट चेंज से बचाना है पहले समुद्र के अंदर फिर धरती के ऊपर। ठीक है? और उसके बाद जब क्लाइमेट चेंज वगैरह हो जाएगा सही से रहेगा तो फिर हमें बात करनी है लास्ट में पीस एंड जस्टिस की। इसलिए यहां एक कबूतर बनाया है, एक हथौड़ा बनाया है। ठीक है? पीस एंड जस्टिस। पीस रहे पूरे वर्ल्ड में और वर्ल्ड में सब कुछ सबको जस्टिस मिले। ठीक है? और यह सारी चीजें अचीव करने के लिए आपको क्या करना पड़ेगा? पूरे वर्ल्ड को पार्टनर बनना पड़ेगा। पार्टनरशिप करनी पड़ेगी। इसलिए लास्ट गोल है पार्टनरशिप 17। इस तरह से करके सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल को अपने माइंड में बिठा लो। फिर कभी नहीं भूलेगा। राइट? नेक्स्ट इज़ कार्बन फार्मिंग। कार्बन फार्मिंग मतलब ऐसे मैकेनिज्म्स जिससे सॉइल को सॉइल में कार्बन को सेक्वेस्टर किया जा सके। मतलब सॉइल में कार्बन को स्टोर किया जा सके और ग्रीन हाउस गैस एमिशंस को कम किया जा सके। ठीक है? नेक्स्ट इज़ फोर पर थाउजेंड इनिशिएटिव। यह इनिशिएटिव 2015 में ल्च किया गया था एट सीओपी 21। इसमें क्या किया गया कि सोॉइल में जो कार्बन है उसको इंक्रीस करना है बाय 0.4% एनुअली यह फिगर याद रखना यहीं पर ये यूपीएससी जो है खेला कर देता है राइट तो 0.4% एनुअली है ये फोर पर थ000 इनिशिएटिव तो फोर दिख रहा है और यहां पे 0.4 दिख रहा है राइट फोर पराउजेंड ऐसे करके देख लेना 0.4% राइट नेक्स्ट इज़ बायोडायवर्सिटी क्रेडिट बायोडायवर्सिटी क्रेडिट नाम से पता चल रहा है कि एक इकोनमिक इंस्ट्रूमेंट है जो जो कि प्राइवेट कंपनीज को अलऊ करता है टू फाइनेंस एक्टिविटीज सच एज फॉरेस्ट कंजर्वेशन, रिस्टोरेशन। ठीक है? डिलीवर नेट पॉजिटिव बायोडायवर्सिटी गेंस। मतलब यह कंपनी प्राइवेट कंपनीज़ को ये क्रेडिट दिया जाता है ताकि वो ऐसी एक्टिविटीज को फाइनेंस कर सकें जो कि फॉरेस्ट कंजर्वेशन कर रही हैं। रिस्टोरेशन कर रही हैं। ठीक है? पॉजिटिव बायोडायवर्सिटी गस हो रहे हैं। तो मेनली प्राइवेट कंपनीज़ के लिए है ये बायोडायवर्सिटी क्रेडिट। ठीक है? प्राइवेट कंपनीज़ इन क्रेडिट्स को परचेस कर सकती हैं ताकि वह अपने बायोडायवर्सिटी गोल्स को या नेचर के प्रोटेक्शन वाले गोल्स को कमिटमेंट्स को पूरा कर सके। ठीक है? और ये बायोडायवर्सिटी ऑफसेट क्या है? बायोडायवर्सिटी ऑफसेट देखो बायोडायवर्सिटी क्रेडिट और बायोडायवर्सिटी ऑफसेट में डिफरेंस है। बायोडायवर्सिटी क्रेडिट क्या करता है? आपको क्रेडिट देता है कि आप जाके प्लांट्स लगाओ, रिस्टोर करो। आपके जो भी एनवायरमेंट के कमिटमेंट है उनको फुलफिल करो। लेकिन बायोडायवर्सिटी ऑफसेट क्या है? अगर किसी कंपनी ने ऑलरेडी एनवायरमेंट को नेगेटिव अनअवॉयडेबल नुकसान पहुंचा दिया है तो उसको कंपनसेेट करेगी वो कंपनी। ठीक है? तो यह एक तरह का कंपनसेशन मैकेनिज्म है बायोडायवर्सिटी ऑफसेट। ठीक है? तो यह कंपनसेशन मैकेनिज्म है बायोडायवर्सिटी ऑफसेट और यह क्रेडिट जो है इंप्लीमेंटेशन मैकेनिज्म है। तो दोनों में थोड़ा सा डिफरेंस है। इसको देख लेना। राइट? नेक्स्ट इज़ 2025 को डिक्लेअ किया गया है इंटरनेशनल ईयर ऑफ़ ग्लेशियर्स प्रिजर्वेशन। ग्लेशियर बहुत तेजी से मेल्ट हो रहे हैं। तो ग्लेशियर को भी प्रिजर्व करना है हमें। राइट? इंटरनेशनल सोलर अलायंस की बात करते हैं तो कहां कब ल्च किया? किसने? इंडिया ने ल्च किया और फ्रांस ने लांच किया। कब ल्च किया? सीओपी 21 में। सीओपी 21 में और क्या हुआ था? यह हुआ था आपका फोर पर थाउजेंड इनिशिएटिव। राइट? और देख लो। यहां पे बात हो रही है। इसका जो हेड क्वार्टर है, वह कहां पे है? गुड़गांव में है। क्या इसमें नॉन ट्रॉपिकल कंट्रीज ज्वाइन कर सकती हैं? यस कर सकती हैं लेकिन वो वोट नहीं कर सकती। ठीक है? नॉन नॉन ट्रॉपिकल कंट्रीज जॉइन तो कर सकती हैं बट दे कांट वोट। इतना याद रखना। नाउ व्हाट इज़ फर्स्ट मूवर्स कोशन? ये फर्स्ट मूवर कोशन जो है यह वर्ल्ड इकोनमिक फोरम एंड यूएस का इनिशिएटिव है। ठीक है? इसमें इंडिया भी मेंबर है। फर्स्ट मूवर कोशन। इसमें देख लो इसका मतलब क्या है? डीकार्बोनाइजिंग वर्ल्ड्स हैवी एमिटिंग सेक्टर्स क्रिएटिंग अर्ली मार्केट्स फॉर इमर्जिंग टेक्नोलॉजी। वर्ल्ड में जितने भी हैवी एमिटिंग सेक्टर्स हैं उनको जो है डीकार्बनाइज़ करना है और अर्ली मार्केट प्रिपेयर करना है फॉर इमर्जिंग टेक्नोलॉजीस के लिए जो कि ग्रीन एनवायरमेंट फ्रेंडली होंगे। ठीक है? तो फर्स्ट मूवर कोशन यही है। नेक्स्ट इज़ फिट फॉर 55। यह फिट फॉर 55 इनिशिएटिव है यूरोपियन यूनियन का। इनका टारगेट है 55% एमिशन को कट करना है फ्रॉम 1990 लेवल्स बाय 2030। ठीक है? फिर आता है यूरोपियन यूनियन का ग्रीन डील इंडस्ट्रियल प्लांट। यह क्या कह रहे हैं? यह कह रहे हैं कि नेट जीरो टेक बाय 20040। ठीक है? हमें नेट जीरो टेक्नोलॉजीस क्रिएट करनी है। जिससे ऐसी टेक्नोलॉजी जिससे नेट ज़ीरो एमिशन हो। 20040 तक हमें ऐसी टेक्नोलॉजीस को डेवलप करना है। उनका प्रोडक्शन स्केल करना है। यह है यूरोपियन यूनियन की ग्रीन डील इंडस्ट्रियल प्लान। देखो इस टेक्नोलॉजी के क्योंकि यह इंपॉर्टेंट है थोड़ा सा। तो, इसके चार पिलर हैं। हो सकता है यूपीएससी यह चार पिलर ऑप्शन में दे दे। तो, इनके चार पिलर्स को देख लो। पहला पिलर है प्रेडिक्टेबल एंड रेगुलेटरी एनवायरमेंट। ठीक है? हमारे पास प्रेडिक्टबल और रेगुलेटरी एनवायरमेंट होना चाहिए ऐसी टेक्नोलॉजी को प्रोड्यूस करने के लिए। दूसरा हमारे पास फास्टर एक्सेस टू फाइनेंस होना चाहिए। क्योंकि ऐसी टेक्नोलॉजीस के लिए फाइनेंस बहुत चाहिए होगा। तो हमें तुरंत फाइनेंस चाहिए। तीसरा हमें स्किल्स एनहांस करनी होगी। और चौथा ओपन ट्रेड एंड रेिलिएंट सप्लाई चेन। एक अच्छी सप्लाई चेन और अच्छा ओपन ओपन ट्रेड होना चाहिए ताकि ये चीजें पूरे वर्ल्ड में फैले। राइट? तो फोर पिलर्स हैं ये। किस चीज के? यूरोपियन यूनियन के ग्रीन डील इंडस्ट्रियल प्लान के। ठीक है? नेक्स्ट इज चाइना इशूज़ फॉरेस्ट कार्बन क्रेडिट स्टैंप्स फॉर CO2 परमिट्स। सिंपल है। चाइना ने क्या किया? CO2 परमिट्स के लिए फॉरेस्ट कार्बन क्रेडिट स्टैंप ल्च कर दिए। मतलब किस कंपनी के पास कितना कार्बन क्रेडिट है वो प्रूफ करने के लिए उस पे स्टैंप लगा दिया जाएगा। उस कंपनी के पास कितना CO2 परमिट है। ठीक है? क्योंकि उसने कुछ ऐसी एक्टिविटीज़ की होंगी जिससे CO2 रिस्टोरेशन हुआ होगा। तो उसको CO2 परमिट मिल गया। कार्बन क्रेडिट मिल गया। तो इसके लिए स्टैंप बना दिए गए कि आपकी कंपनी को ये स्टैंप मिला है। मतलब आपके पास CO2 परमिट्स हैं। राइट? नेक्स्ट इज पेस। पेस का मतलब है पार्टनरशिप टू एडवांस क्लीन एनर्जी। पार्टनरशिप टू एडवांस क्लीन एनर्जी। यह इंडिया और यूएस का इनिशिएटिव है फॉर क्लीन एनर्जी में रिसर्च और डेवलपमेंट करने के लिए। क्लीन एनर्जी में रिसर्च और डेवलपमेंट करने के लिए। यह इंडिया और यूएस का इनिशिएटिव है। क्या नाम है? पेस। कब से ल्च हुआ है? 2009 से चल रहा है। ठीक है? पेस इनिशिएटिव। बहुत बार पढ़ा होगा आपने अपनी स्टैटिक बुक्स में पेस के बारे में। लेकिन पेस एक नासा का भी मिशन है। नासा का पेस मिशन उससे कंफ्यूज मत करना। नासा का जो पेस मिशन है वो अर्थ के अंदर जो ओशियन के अंदर और क्लाउड वगैरह में प्लटन, एरोसोल, क्लाउड इकोसिस्टम को ऑब्जर्व करना इसका काम है। सेटेलाइट है एक पेस। एक सेटेलाइट होती है जो प्लटन को, एरोसोल को, क्लाउड को, ओशियन के इकोसिस्टम को ऑब्जर्व करती है। उस पे नजर रखती है। ठीक है? तो पेस का फुल फॉर्म क्या है? प्लटन, एरोसोल, क्लाउड और इकोसिस्टम इन सब पे नजर रख लेंगे। नासा का भी एक मिशन है। सेटेलाइट मिशन है। राइट? नेक्स्ट इज़ ग्लोबल एनवायरमेंट फैसिलिटी। यह सेटअप की गई थी 1992 में जब रियो समिट हुई थी ना यूएफसीसी की यूएफसीसी की तभी यह तभी ये एकिस्टेंस में आई थी। और इसको जो है कौन एडमिनिस्टर करता है? वर्ल्ड बैंक। क्यों वर्ल्ड बैंक क्यों एडमिनिस्टर करता है? क्योंकि फैसिलिटी का काम ही है। यह जो पांच ऑर्गेनाइजेशन है ना एनवायरमेंट से रिलेटेड इनको फाइनेंशियल असिस्टेंट प्रोवाइड करना। तो फाइनेंसियल असिस्टेंट प्रोवाइड करने का काम है ग्लोबल एनवायरमेंट फैसिलिटी का। इसलिए इसको एडमिनिस्टर करता है वर्ल्ड बैंक। इसमें कितने मेंबर है? 184 मेंबर है। इंडिया मेंबर है। यस है। तो यह जो ग्लोबल एनवायरमेंट फैसिलिटी है, यह किसको-किसको फाइनेंसियल असिस्टेंट देता है? एक तो यूएफसीसी को जो कि ग्लोबल वार्मिंग वाला है। एक सीबीडी को जो कि बायोडायवर्सिटी प्रोटेक्शन के लिए बनाया गया है। एक यूएनसीसीडी को जो कि डेजर्टिफिकेशन से बचने के लिए बनाया गया है। एक पीओपीस को पर्सिस्टेंट ऑर्गेनिक पोलटेंट्स को जो कि स्टॉकहोम कन्वेंशन से रिलेट करते हैं। ठीक है? दूसरा मीनामाता कन्वेंशन जो कि मरकरी से रिलेटेड है। तो ये सारी चीजों के लिए ग्लोबल एनवायरमेंट फैसिलिटी आपको फाइनेंसियल असिस्टेंट देगी। मतलब आपको तो नहीं देगी इन लोगों को देगी। ठीक है? नेक्स्ट इज डायमंड डस्ट। डायमंड डस्ट क्या होती है? एक जिओ इंजीनियरिंग मेथड है जिससे सनलाइट को रिफ्लेक्ट किया जा सकता है। बहुत ज्यादा सनलाइट आती है, सोलर फ्लेयर्स आते हैं तो उनको रिफ्लेक्ट कर सकते हैं। टू मिटिगेट टू मिटिगेट ग्लोबल वार्मिंग। ठीक है? यहां पे डायमंड डेस्क जो है यह कैसे क्या होती है? डायमंड डेस्क। इसको अपर एटमॉस्फेयर में स्प्रे कर दिया जाता है डायमंड डेस्क को। ठीक है? जैसे स्टॉटस्फीयर में एरोसोल का इंजेक्शन किया जाता है ना? एरोसोल इंजेक्शन करते हैं। उसमें सल्फर डाइऑक्साइड यूज़ करते हैं टू रिफ्लेक्ट सनलाइट। वैसे ही डायमंड डस्ट भी है। सेम चीज है। इसको स्प्रे किया जाता है अपर एटमॉस्फेयर। याद रखना यूपीएससी स्टेटमेंट देगा कि डायमंड डस्ट पहली बात तो ऐसा क्वेश्चन आ सकता है इज़ न्यूज़ इज़ रिलेटेड टू। ठीक है? तो रिफ्लेक्स सन लाइट या फिर आ सकता है डायमंड डस्ट को लोअर एटमॉस्फेयर में स्प्रे करना होता है। तो वो गलत हो जाएगा। अपर एमॉस्फेयर में स्प्रे करना होता है। तो क्वेश्चंस कैसे बनते हैं? यह भी उस टाइम दिमाग में सोचा करो। तब चीजें याद आ जाएंगी। नेक्स्ट इज़ आईपीसीसी का एआर सिक्स रिपोर्ट है ये। एआर सिक्स मतलब सिक्स्थ असेसमेंट रिपोर्ट ऑफ आईपीसीसी। इसके तहत यह बात की गई कि ग्रीन हाउस गैस एमिशंस में सबसे ज्यादा कंट्रीब्यूशन एनर्जी सेक्टर का है। उसके बाद इंडस्ट्रीज का है। उसके बाद एग्रीकल्चर का है। ठीक है? ग्रीन हाउस गैस एमिशंस में। तो यह नाम रखना। और यह आईपीसीसी इंटर गवर्नमेंटल बॉडी है यूएन की। कोई एनजीओ नहीं है। याद रखना यह इंटर गवर्नमेंटल बॉडी है यूएन की। ठीक है? यहां पर यह भी याद रखना कि 40% इंडियंस विल फेस वाटर स्कसिटी बाय 20050 आईपीसीसी की रिपोर्ट ने बोला है। ठीक है? और दूसरा यहां पे एक और चीज याद रखना कांसेप्ट ग्लोबल स्टॉकेट का। हो सकता है यूपीएससी इसको पूछ ले। ग्लोबल स्टॉकेट क्या होता है? ये एक एक्चुअली असेस करने का टू असेस प्रोग्रेस टुवर्ड्स गोल ऑफ पेरिस एग्रीमेंट। यूएनएफ सीसी कंट्रीज जो है एक मैकेनिज्म डेवलप किया है ग्लोबल स्टॉकेट का कि पेरिस एग्रीमेंट में कौन सी कंट्री प्रोग्रेस कर रही है कितना उसको असेस करने के लिए ठीक है ये हर पांच साल पे एक तरह का सर्वे किया जाता है सबसे पहले 2022 में किया गया था अब अगला 2028 में होगा तो ग्लोबल स्टॉक याद रखना यूएससीसी कंट्रीज से रिलेटेड है वो असेस करती हैं पेरिस एग्रीमेंट में हुए प्रोग्रेस से रिलेटेड तो इतना हमने देख लिया नेक्स्ट इज़ स्टेट ऑफ क्रायोस्फीयर रिपोर्ट है एक जिसने वर्न किया है कि सी लेवल राइज बहुत तेजी से हो रहा है और 6.5 मिमी पर ईयर बाय 2015 50 ठीक है? यह यहां तक पहुंच सकता है। मे रीच 6.5 mm पर ईयर बाय50। इस रिपोर्ट में भी कहा गया है कि सी लेवल राइज़ जो है वो डबल हुआ है। लास्ट 30 ईयर में डबल हुआ है। ठीक है? मेनली क्वेश्चन क्या बनेगा इस कि कौन रिलीज़ करता है इसको? तो बाय इंटरनेशनल क्रायोस्फीयर क्लाइमेट इनिशिएटिव बाय इंटरनेशनल क्रायोस्फीयर क्लाइमेट इनिशिएटिव रिलीज़ करता है इसको। ठीक है? इस रिपोर्ट में यह भी पता चला कि जो वेनेजुला है उसने उसके बाद एक लास्ट ग्लेशियर बचा था हमबोल्ट वो ग्लेशियर भी मेल्ट हो गया। तो वेनेजुला जो है सेकंड कंट्री बन गई जिसका लास्ट ग्लेशियर भी मेल्ट हो गया। इसके पहले कौन सी कंट्री थी? स्लोवेनिया। स्लोवेनिया का भी लास्ट ग्लेशियर जो है मेल्ट हो चुका है और अभी वेनेजुला का भी हो गया। तो वेनेजुला और स्लोवेनिया दो ऐसी कंट्रीज हैं जिनका ग्लेशियर मेल्ट हो चुका है। लास्ट ग्लेशियर वहां ग्लेशियर्स नहीं बचे। अब ठीक है? और एक चीज याद रखना कि ये यूएनजीए जो है इसने 2025 से 2034 तक 2025 टू 2034 तक डिकेड ऑफ़ एक्शन फॉर क्रायोस्फेरिक साइंसेस रखा है। एक्शन लेना है क्रायोस्फेरिक साइंसेस के लिए। ठीक है? यूएनजी का डिकेड है यह। नेक्स्ट इज़ स्टेट ऑफ ग्लोबल क्लाइमेट रिपोर्ट 2024 वाज़ रिलीज्ड बाय डब्ल्यूएमए। ड्यूरिंग सीओपी 29 इन बाकू। ठीक है? बाकू कहां है? अज़र भाईजान में। तो डब्ल्यूएमए वर्ल्ड मेटोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन ये रिपोर्ट रिलीज़ करी है। इतना ही जानना है। स्टेट ऑफ ग्लोबल क्लाइमेट रिपोर्ट किसने रिलीज़ करी? डब्ल्यूएमओ ने रिलीज़ करी। ठीक है? एमिशन गैप रिपोर्ट कौन रिलीज़ करता है? यूएईपी रिलीज़ करता है। इसमें सबसे ज्यादा एमिटर्स कौन है? चाइना। यूएस फिर इंडिया इंडिया थर्ड नंबर पे है। फोर्थ पे है इयू। ठीक है? अच्छा एमिशंस के बारे में एक चीज और इसने बोली है इस रिपोर्ट में कि टेंपरेचर जो है वो राइज कर सकता है 2.6 डिग्री तो 3.1 सेल्सियस डिग्री सेल्सियस दिस सेंचुरी। इस सेंचुरी में टेंपरेचर 2.6 से 3.1 डिग्री सेल्सियस तक राइज कर सकता है। इसलिए जो ग्रीन हाउस गैसेस हैं उनको मस्ट है। मस्ट है 40% तक नीचे लाना बाय 2030 तक। मतलब बहुत कम टाइम बचा है धरती को बचाने के लिए अकॉर्डिंग टू एमिशंस गैप रिपोर्ट। ठीक है? नेक्स्ट इज क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स 2025। कौन पब्लिश करता है? जर्मन वॉच एक थिंक टैग है। मेनली इन्हीं का रोल रहता है। और भी कुछ थिंक टैंक्स होते हैं। बट मेन नाम जर्मन वॉच का याद रखना आप। इसमें इंडिया की रैंक है 10थ। 10थ किस चीज में रैंक है इंडिया की? इन एफर्ट्स टू फाइट क्लाइमेट चेंज। क्लाइमेट चेंज से फाइट करने के लिए इंडिया की रैंक फर्स्ट है। याद रखना कि डेनमार्क की रैंक फोर्थ है। तो आप सोचोगे कि फर्स्ट कौन आया? देखो टॉप थ्री रैंक्स तो खाली छोड़ा गया क्योंकि कोई भी अच्छे से काम नहीं कर रहा है क्लाइमेट चेंज से फाइट करने के लिए। तो डेनमार्क को फोर्थ रैंक दी गई डायरेक्ट। नेक्स्ट इज़ ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स। ये भी जर्मन नॉर्श ही पब्लिश करता है। ठीक है? मेजर एयर पॉलटेंट्स कार्बन मोनोऑक्साइड SO2, NO2, ओजोन, PM10, PM 2.5, NH3 ये क्या है? एयर पॉलटेंट्स हैं। इनका देख लेना नाम। और एयर पॉलटेंट्स और क्या-क्या होते हैं? लेड, आर्सेनिक, निक, एक्रोल,न, एस वेस्टस, बेंजीन ये सब भी एयर पोलटेंट थे। एयर पोलटेंट की बात हो रही है तो याद रखना नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स और नैक्स नेशनल ए्बियट एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड्स यह कौन रिलीज़ करता है? सीए सीपीसीबी। ठीक है? सीपीसीबी जो होती है सेंट्रल पोलशन कंट्रोल बोर्ड और एमओएफसीसी। यह दोनों मिलके इसको नैक्स वगैरह को कंट्रोल करते हैं। नेक्स्ट इसी के अंडर बनाया ही गया है। कौन से एक्ट के अंदर? एयर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ़ पोलशन एक्ट। प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ़ पोलशन एक्ट 1981। ठीक है? ठीक है? इसका ईयर भी याद रखना इस एक्ट का। और यह जो नैक्स है ना, यह नेशनल एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम बाय सीपीसीबी। यह मॉनिटर करता है नैक्स को। नेक्स को मॉनिटर कौन करता है? सीपीसीबी का एक प्रोग्राम है। नेशनल एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम। वो इसको मॉनिटर करते हैं। तो नैक्स के अंदर 12 पोलटेंट्स हैं। पहला तो लेड, आर्सेनिक, निकल, बेंजीन, बेंजोपा ये हैं। इनके नाम याद रख लेना। बाकी तो कॉमन वाले हैं। PM 1010, PM2.5, NO2, SO2, CO2, ओजोन। ठीक है? NH3 ये सारे भी हैं। तो इनका नाम याद रखना। राइट? फिर मिनिस्ट्री ऑफ़ अर्थ साइंस का सफ़र भी है। यह भी एयर क्वालिटी को और वेदर फ़कास्टिंग के लिए बनाया गया है। मिनिस्ट्री ऑफ़ अर्थ साइंस का है। फिर है कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट सीए क्यूएम। ये सिर्फ एनसीआर रीजन में और एडजॉइनिंग एरियाज के लिए बनाया गया है। किसने बनाया है? इसने ईपीसीए को रेगुलेट रिप्लेस कर दिया। पहले ईपीसीए नाम की बॉडी थी। उसको रिप्लेस करके सीए क्यूएम बना दिया है। ये एक स्टचटरी बॉडी है। ठीक है? और सीपीसीपी जो है यह भी एक स्टचरी बॉडी है। कब बनी थी? वाटर एक्ट 1974 में। वाटर एक्ट 1974 के थ्रू सीपीसीबी बनाया गया था। पोलशन कंट्रोल बोर्ड याद रखना इसको। आपको कई बार लगेगा कि एयर पोलशन एक्ट ने बनाया सीपीसीबी को बट नहीं वाटर एक्ट के तहत बनाया 1974 में। ठीक है? नेक्स्ट इज़ एनसीएपी नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम। इसमें 131 नॉन अटेनमेंट सिटीज को टारगेट किया जा रहा है। 131 नॉन अटेनमेंट सिटीज को टारगेट किया जा रहा है एनसीएपी में। इसके तहत एक पोर्टल बनाया गया है प्राण पोर्टल। प्लान पोर्टल का फॉर्म है पोर्टल फॉल रेगुलेशन ऑफ एयर पोलशन इन नॉन कंटेनमेंट सिटीज। ठीक है? स्वच्छ वायु सर्वेक्षण भी होता है जिसमें सूरत की फर्स्ट रैंक आई है। जबलपुर, आगरा ये सब बेस्ट है। ठीक है? मिलियन प्लस सिटीज मिलियन प्लस पॉपुलेशन वाले सिटीज में सूरत, जबलपुर, आगरा बेस्ट है। फिर सीसीएसी देख लो। सीसीएसी मतलब क्लाइमेट एंड क्लीन एयर कोशन। यह भी यूएईपी के अंडर इनिशिएटिव है। इनमें शॉर्ट लिव्ड क्लाइमेट पोलटेंट्स होते हैं जो बहुत कम लाइन पॉलटेंट की होते हैं। जैसे मीथेन, एचएफसीस इनको टारगेट किया जाता है। पीएम एमिशंस की बात करते हैं। पीएम एमिशंस किस-किस चीज से होते हैं? क्रॉप बर्निंग से होते हैं। ठीक है? तो क्रॉप बर्निंग सबसे ज्यादा क्रॉप कौन से क्रॉप की बर्निंग जो है पीएम पार्टिकुलेट मैटर्स का एमिशन करती है। सबसे ज्यादा शुगरकेन की क्रॉप करती है। पार्टिकुलेट मैटर्स का एमिशन। ठीक है? उसके बाद मेज़ फिर कॉटन, फिर राइस फिर वीट। आप ये स्टार्टिंग के दो याद रखना। शुगरकेन और मेल्स सबसे ज्यादा करते हैं एमिशन। अच्छा राइस का जो रेसिड्यू होता है वो 43% ऑफ इंडिया का क्रॉप रेसिड्यू बर्निंग के लिए रिसोंसिबल होता है। मेनली क्रॉप बर्निंग राइस की वजह से ही होती है। इंडिया इज द लार्जेस्ट SO2 एमीटर ग्लोबली। सबसे ज्यादा सल्फर डाइऑक्साइड का एमीटर कौन है? इंडिया है। टॉरेक्शन क्या होता है? टॉरेक्शन मतलब राइस स्टेमवर को बायो कोल में कन्वर्ट कर देना। यूजिंग फेडिश टेक्निक। यह इजी ये अच्छा तरीका है ना? फिर गोंडवाना कोल की बात करें तो गोंडवाना कोल जो होता है वो 99% उसमें हाई ऐश होती है और लो सल्फर होता है। टर्शरी कोल जो नॉर्थ ईस्ट के होते हैं वो इसके अपोजिट होते हैं। वो बहुत यंगर है। उसमें लेस कार्बन होता है और बहुत मॉइस्चर कंटेंट होता है। तो टर्शरी कोल जो नॉर्थ ईस्ट वाले हैं वो ऐसे होते हैं। याद रखना गोंडवाना कोल कब फॉर्म हुआ था? पैिजोइक एरा में 200 मिलियन इयर्स पहले। ठीक है? यह चीज याद रखना। फिर आती है बात यह पावर पावर प्लांट में पावर कंट्रोल वाला लगा है। पावर कंट्रोल टेक्नोलॉजीस। ठीक है? इंक्लूडिंग एलएनबी। एलएनबी मतलब लो नक्स बर्नर। ओएफए मतलब ओवर फ्री एयर सिस्टम। मतलब पावर प्लांट में बहुत ज्यादा हवा चला दी। इंजेक्ट कर दी एडिशनल एयर। ठीक है? सीएफबीसी सर्कुलेटिंग फ्लूइड, बेड कंबस्शन और लाइम स्टोन इंजेक्शन। मतलब ये सारी टेक्नोलॉजीस पावर प्लांट में यूज़ होती हैं ताकि पावर प्लांट से रिलीज़ होने वाला पोलशन को कंट्रोल किया जा सकता है। तो इन इन टेक्नोलॉजीस का नाम याद रखना। ऐसे आएगा। यह टेक्नोलॉजी आर रिलेटेड टू पावर प्लांट पोलशन कंट्रोल मैकेनिज्म्स। ठीक है? इतना याद रखना इसके बारे में। अब इसके आगे कुछ फैक्ट्स लिखे हुए हैं। इसको फटाफट देख लो। रेडॉन क्या है? रेडियोएक्टिव गैस है जो सॉइल में मिलती है। क्लाउड सीडिंग क्या है? सिल्वर आयोडाइड, सोडियम क्लोराइड या ड्राई आइस इनको यूज़ करके क्लाउड सीडिंग की जाती है। ठीक है? लेकिन याद रखना कि क्लाउड में सुपर कूल्ड वाटर होना चाहिए। अगर क्लाउड सीडिंग करनी है तो। इसमें अगली चीज दी गई है कि डिॉल्व ऑक्सीजन जो होती है उसमें अगर किसी भी वाटर में अगर डिॉल्वड ऑक्सीजन जो है वह 8 मिलीग्राम पर लीटर से ज्यादा है तो वह हेल्दी वाटर है। मतलब ऑक्सीजन इतनी होनी चाहिए। ठीक है? अच्छा बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड और केमिकली केमिकल ऑक्सीडेशन डिमांड। ठीक है? बायोलॉजिकल ऑक्सीडेशन डिमांड और केमिकल ऑक्सीडेशन। इसमें क्या डिफरेंस होता है? बीओडी मतलब कि जो ऑक्सीजन माइक्रोब्स को चाहिए टू डिग्रेड ऑर्गेनिक वेस्ट। ठीक है? सीओडी मतलब जो ऑक्सीजन चाहिए ऑक्सीडाइज करने के लिए सारे ऑर्गेनिक वेस्ट को चाहे बायोडिग्रेडेबल हो चाहे नॉन बायबल हो तो बीओडी में सिर्फ बायोडिग्रेडेबल वेस्ट को जो है वो किया जा रहा है। ठीक है? रिक्वायरमेंट की डिग्रेड किया जा रहा है। लेकिन सीओडी में बायोडिग्रेडेबल और नॉन डिगबल दोनों को जो है डिग्रेड किया जा रहा है। इसलिए सीओडी जो है वो बीओडी से ज्यादा ऑक्सी ऑक्सीजन को ऑक्सीडाइज करता है। क्योंकि केमिकल ऑक्सीडेशन इज़ मच मोर फास्टर दैन बायोलॉजिकल ऑक्सीडेशन। ठीक है? इस तरह से इनको याद रखना। नाइट्रेट्स इन वाटर कॉज ब्लू बेबी सिंड्रोम। ठीक है? ब्लू बेबी सिंड्रोम जो है नाइट्रेट की वजह से होता है। इसको मेथोग्लोबिनियामी भी बोलते हैं। डीसीपीए डेथाल ये एक हर्बीसाइड है जो अफेक्ट करता है फीिटल के ब्रेन को और मोटर डेवलपमेंट को। एक तरह का डिजीज है। ठीक है? एक हर्बीसाइड है डीसीपीए जो कि अफेक्ट करता है ब्रेन को। फिटल के अच्छा फीिटस अगर इसको एक्सपोज हो गया ना तो उसका बर्थ से ही बहुत कम वेट होगा। किसी छोटे जो जनजात शिशु होते हैं उनका जन्म से ही कम वेट होगा और उनका ब्रेन डेवलपमेंट ठीक से नहीं हो पाएगा। आईक्यू डिक्रीज रहेगा क्योंकि उनको बचपन में ही कोई हर्बीसाइड कहीं से अफेक्ट कर गया ब्रेन में। तो ये चीज याद रखना। ई वेस्ट के रूल्स 2022 में आए हैं जिसने एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिसोंसिबिलिटी वाला कांसेप्ट है ना उसके लिए डिजिटल सर्टिफिकेट वगैरह रिलीज़ करना शुरू कर दिया है। ठीक है? प्रोड्यूसर रिसोंसिबिलिटी ऑर्गेनाइजेशनंस बनाए गए हैं। कब से? ई वेस्ट रूल्स 2016 के तहत यह ऑर्गेनाइजेशन बनाए गए हैं। जो प्रोड्यूस कर रहा है उसी की रिसोंसिबिलिटी है उस वेस्ट को रिसाइकल करने की। प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी हाइड्रोजल का मतलब क्या है? हाइड्रोलजिक वाटर अब्सॉर्बिंग। बहुत ज्यादा वाटर को अब्सॉर्ब करने वाला एक 3D पॉलीमर नेटवर्क है। ठीक है? तो इसका यूज़ कहां-कहां होता है? ड्रग डिलीवरी कंट्रोल्ड करने में। माइक्रोप्लास्टिक रिमूवल में और कैंसर के ट्रीटमेंट में भी हाइड्रोजल का यूज़ होता है। ऑटोट्रक एक पोर्टेबल वाटर पोलटेंट डिटक्टर है। वाटर पोलटेंट को डिटेक्ट कर लेता है। और किसने डेवलप किया है? आईआईटी बॉम्बे ने। ग्रेट पैसिफिक गार्बेज बैग पेसिफिक ओशियन में एक ओशियन गायर है जिसमें प्लास्टिक वेस्ट फ्लोट कर रहा है। बह रहा है खुलेआम। ग्लो लीटर पार्टनरशिप यह आईएमओ और एफएओ इन दोनों का इनिशिएटिव है। क्यों? मरीन प्लास्टिक के जो लीटर है उसको कंबैट करना है। उसको हटाना है। ठीक है? तो ग्लो लीटर पार्टनरशिप ग्लोबल लीटर जितना मरीन में लीटर है सबको हटाना है। मारपोल कन्वेंशन यह भी आईएमओ का ही है। प्रिवेंट शिप रिलेटेड मरीन पोलशन जो शिप जाती है ना मरीन में इंपोर्ट एक्सपोर्ट के लिए उन सबको जो उन सब से पोलशन होता है उसके लिए मारपोल कन्वेंशन है 1973 का। लंदन कन्वेंशन क्या है? यह भी मरीन पापुलेशन बाय वेस्ट डंपिंग एट सी जो सी में लोग वेस्ट फेंक देते हैं उस उसको कंट्रोल करने के लिए लंदन कन्वेंशन है। होनलू स्ट्रेटजी क्या है? मरीन डेबिस के इंपैक्ट को ग्लोबली कम करना। अच्छा इंडिया में ग्राउंड वाटर की क्या हालत है? लार्जेस्ट ग्लोबल यूजर है इंडिया ग्राउंड वाटर का। यूएस और चाइना को पीछे छोड़ दिया है। 25% एक्सट्रैक्शन करता है 90% इरीगेशन के लिए और 10% डोमेस्टिक और इंडस्ट्रियल यूज़ के लिए। सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी बनाई गई है जो कि स्टचटरी बॉडी है अंडर एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट ऑफ 1986। इसका हेड क्वार्टर कहां है? न्यू दिल्ली में। हर अथॉरिटी का हेड क्वार्टर जरूर ध्यान दे दिया करो। हेड क्वार्टर में यूपीएससी गलत दे देता है और वो स्टेटमेंट गलत होता है। ठीक है? तो न्यू दिल्ली में है ग्राउंड वाटर अथॉरिटी का हेड क्वार्टर। फिर सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड यह नॉन स्टचरी बॉडी है। इसका हेड क्वार्टर फरीदाबाद में है। सेंट्रल वाटर कमीशन भी नॉन स्टचटरी है। याद रखना यह तो स्टचटरी है और ये दोनों नॉन स्टचटरी बॉडी है। यह वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट के लिए है। फिर रिवर सिटीज अलायंस यह मिनिस्ट्री ऑफ जलशक्ति का इनिशिएटिव है। 202 से स्टार्ट किया गया 202 से। इसका मतलब कि सभी जो इंडियन रिवर सिटीज हैं। ठीक है? उनको सस्टेनेबल अर्बन रिवर मैनेजमेंट किया जाए। सिटीज हैं उनको नदियां जो उसमें बह रही हैं उनके जोड़ा जाए और सब आपस में नदियां लिंक हो सिटीज के सिटीज और नदियां आपस में एक दूसरे को सिंबायोटिक रिलेशनशिप हो दोनों में। ठीक है? सिंबायोटिक दोनों एक दूसरे को ग्रो करने में हेल्प करें। तो इस तरह से अर्बन रिवर मैनेजमेंट रिवर सिटीज अलायंस के तहत किया जा रहा है। और सभी इंडियन रिवर्स इस इनिशिएटिव का पार्ट बन सकती हैं मिनिस्ट्री ऑफ़ जलशक्ति के अकॉर्डिंग। नेक्स्ट इज़ ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम। इसको कौन मैनेज कर रहा है? आईसीएफआर। इंडियन काउंसिल ऑफ़ फॉरेस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन। पार्टिसिपेशन कोई भी पार्टिसिपेट कर सकता है। इंडिविजुअल हो, कम्युनिटी हो, कंपनी हो। ठीक है? वन क्रेडिट इज इक्वल टू वन ट्री। ठीक है? पोस्ट वेरिफिकेशन आफ्टर टू इयर्स। मतलब कोई भी इंडिविजुअल है, कोई भी है इसमें। ठीक है? उसने अगर सपोज कहीं पे आप आप गए कहीं पे आपने एक पेड़ लगा दिया तो ये लोग 2 साल बाद उस पेड़ को वेरीफाई करेंगे। वो सच में उग गया कि नहीं? फिर 2 साल बाद आपको एक क्रेडिट मिल जाएगा। उस क्रेडिट को पहले तो वेरीफाई किया जाएगा कि जो एजेंसी है या आप हो। सच में आपको ये क्रेडिट देना चाहिए कि नहीं। अगर आपको ये क्रेडिट मिल गया तो उस क्रेडिट को आप कहां-कहां यूज़ कर सकते हो कंपनसेटरी या फॉरेस्टेशन के लिए। ठीक है? ठीक है? एनवायरमेंटल, सोशल गवर्नेंस रिपोर्टिंग के लिए, कॉर्पोरेट सोशल रिसोंसिबिलिटी के लिए कंपनियां यूज कर सकती हैं। और बिय्ड ट्री प्लांटिंग वाले जो एरियाज है उसमें वाटर मैनेजमेंट कर सकते हो, सस्टेनेबल एग्रीकल्चर कर सकते हो, वेस्ट मैनेजमेंट कर सकते हो, जहां पे ट्री नहीं लगाया जा सकता वहां पे ये सब काम तो कर सकते हो ना, एयर पोलशन को कंट्रोल कर सकते हो। इन सब चीजों के लिए इस क्रेडिट का यूज़ हो सकता है। तो, यह एक अच्छा इनिशिएटिव है। ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम। ठीक है? तो, यह देख लेना कहां-कहां इस क्रेडिट को यूज़ कर सकते हो। को क्योंकि ये क्रेडिट अगर मिल गया वेरिफिकेशन वगैरह के बाद तो इन सब चीजों पे ही यूज़ किया जा सकता है। यूपीएससी इनको ऑप्शन में दे देगा। राइट? वेस्ट टू एनर्जी मेथड्स तीन तरह के होते हैं। इंसनरेशन जिसमें ऑक्सीजन के प्रेजेंस में बर्निंग होती है। पाोलिसिस जिसमें ऑक्सीजन के बिना बर्निंग होती है वेस्ट की। ठीक है? इंसनरेशन में वेस्ट को बर्न किया जाता है विद ऑक्सीजन। पैरोलिसिस में वेस्ट को बर्न किया जाता है विदाउट ऑक्सीजन। और गैसफ़िकेशन में कंट्रोलोल्ड ऑक्सीडेशन के साथ वेस्ट को बर्न किया जाता है। और बायोमेथेशन में वेस्ट को बायोगैस में कन्वर्ट कर दिया जाता है। ठीक है? फिर कुछ कन्वेंशंस है एनवायरमेंट रिलेटेड। इनका देख लेना कौन सा किससे रिलेटेड है? स्टैटिक का पार्ट है। स्टॉकहोम पीओपी से रिलेटेड है। बेसल कन्वेंशन ट्रांस बाउंड्री हज़ार्डस वेस्ट से रिलेटेड है। रटरडन कन्वेंशन हज़ार्डस केमिकल और पेस्टिसाइड से रिलेटेड है। मीना माता कन्वेंशन मैंने बता दिया। मरकरी से रिलेटेड है। वाशिंगटन कन्वेंशन इंडेंजर्ड स्पीशीज साइट्स वाला है। ठीक है? थ्रू ट्रेड रेगुलेशन इनका ट्रेड रेगुलेट करना है। इंडेंजर्ड स्पीशीज का वाशिंगटन कन्वेंशन बोन कन्वेंशन माइग्रेटरी स्पीशीज सीएमएस। ठीक है ना? कार्टाजेना प्रोटोकॉल लिविंग मॉडिफाइड ऑर्गेनिज्म से डील करता है। नेगोया प्रोटोकॉल एक्सेस एंड बेनिफिट शेयरिंग ऑफ जेनेटिक रिसोर्सेज। जो भी जेनेटिक रिसोर्सेज हैं उनकी बेनिफिट शेयरिंग और उनको एक्सेस गवर्न करता है नगोया प्रोटोकॉल। तो यह इतने याद होने चाहिए। जुबान पर रटे होने चाहिए बिल्कुल आपको। ठीक है? अब बायोडायवर्सिटी से रिलेटेड न्यूज़ देख लो। प्रोजेक्ट टाइगर पता ही है 1973 में स्टार्ट हुआ था। ठीक है? सेंट्रली स्पों्सर्ड स्कीम है टाइगर कंजर्वेशन के लिए। कौन मैनेज करता है? एनटीसीए नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी। टाइगर रिजर्व्स की बात करें। इंडिया में 58 टाइगर रिजर्व हैं। 18 इंडियन स्टेट्स में। सबसे लेटेस्ट वाला कौन सा है? माधव नेशनल पार्क मध्य प्रदेश में। ठीक है? इसमें कंजर्वेशन एसड टाइगर स्टैंडर्ड्स कैट्स इनिशिएटिव है। ठीक है? कंजर्वेशन एसड टाइगर स्टैंडर्ड इसमें एक्रेडिटेशन दिया गया है 23 इंडियन टाइगर रिजर्व्स को। ठीक है? इस इनिशिएटिव के तहत 23 58 में से 23 को एक्रेडेशन मिला है कैट्स इनिशिएटिव के तहत। सस्टेनेबल फाइनेंस फॉर टाइगर लैंडस्केप कॉन्फ्रेंस। एक कॉन्फ्रेंस हुई है। इस कॉन्फ्रेंस को कौन किसने होस्ट किया है? भूटान ने। और सपोर्ट किसने किया है? टाइगर कंजर्वेशन कोशन ने। अब आप सोचोगे कि यह लोग टाइगर कंजर्वेशन कोशन क्या है? यह ग्रुप ऑफ एनजीओस है जो टाइगर को प्रोटेक्ट करने के लिए लगे रहते हैं। इन लोगों ने मिलकर ये कॉन्फ्रेंस करी है। ठीक है? सस्टेनेबल फाइनेंस फॉर टाइगर लैंडस्केप कॉन्फ्रेंस। टाइगर बंड्स कौन ल्च करता है? एशियन डेवलपमेंट बैंक टू फंड टाइगर कंजर्वेशन। सिंपल चीजें हैं। ज्यादा टाइम नहीं लेगा। फटाफट रिवाइज़ कर लो। इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस क्या है? वही इंडिया ने जो टाइगर बिग कैट के प्रोटेक्शन के लिए है ना 2023 में लांच किया था इंडिया ने सेवन बिग कैट्स को प्रोटेक्ट करने के लिए। याद रखना इन सेवन बिग कैट्स में पूर नहीं है। अगर ऑप्शन में पूार रहे सेवन बिग कैट्स में तो उनको काट देना। उसके अलावा सारे सही होंगे। ठीक है? यह याद रखना इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस के बारे में 2023 में लांच किया था। एशियाटिक चीता एक्सटिंट हो गया था इंडिया में 1952 में। अभी सिर्फ ईरान में है। और एशियाटिक लायन की बात करें तो इंडेंजर्ड है। फाउंड ओनली इन गिर नेशनल पार्क एंड नियर बाय सेंचुरीज इन इंडिया। अच्छा एशियन एलीिफेंट की बात करें तो इंडिया में नेशनल हेरिटेज एनिमल माना जाता है एशियन एलीिफेंट। और सबसे ज्यादा कहां पे है? कर्नाटक में है, असम में है, केरला में है, तमिलनाडु में। सबसे ज्यादा कर्नाटक में है एशियन एलीिफेंट। ये चीज याद रखना। और याद रखना एलीिफेंट से रिलेटेड इनिशिएटिव कौन-कौन से हैं? माइक। ये साइट्स ने चलाया है ये इनिशिएटिव। साइट्स जो कंजर्वेशन प्रोग्राम है ना अभी बताया था पीछे माइग्रेशन वाला वाशिंगटन कन्वेशन वाला उसने चलाया है माइक। और ई8 ई 50-50 सब में ईई आ रहा है। तो मतलब एलीफेंट्स से रिलेटेड है इनिशिएटिव। राइट? फिर इंडियन राइनो की बात करें तो ये वनरेबल है। लार्जेस्ट कौन है? एशियन रनो स्पीशीज 80% इन आसाम। सबसे ज्यादा आसाम में है ये। ड्राइन हो रिवल डॉल्फिनस की बात करें तो सुसु जो डॉल्फिन है वो गंगा में रहती है फ्रेश वाटर में और जो इरावती डॉल्फिन है वो चिल्का लेक में रहती है ब्रैकेश वाटर में दो तरह की डॉल्फिन इंडिया में है गेंगेट्रिक डॉल्फिन की बात करें तो ये एंडेंजर्ड है और फंक्शनली ब्लाइंड होती हैं इकोलेशन को यूज़ करती हैं गंगा ब्रह्मपुत्र रिवर सिस्टम में देखो ये सारे स्पीशीज ना जो भी नए स्पीशीज हैं इनको मैंने ऑलरेडी अपने स्पीशीज वाले वीडियो में कवर कर रखा है 15-20 मिनट के वीडियोस हैं दो अगर टाइम मिले तो उनको देख लेना इसके भी ज्यादा बियों्ड मैंने स्पीशीज को डिटेल में कवर किया है तो वो वहां से कवर कर लेना आप ठीक ठीक है? नेक्स्ट देखते हैं व्चर थ्रेट्स। व्चर को पहले याद है किससे थ्रेट होता था? डाइक्लोफेनक्स से ना तो अभी उसको रिप्लेस कर दिया गया है। उसके लिए नई नई ये दवाई यूज़ करा जाती है। मेलोक्सिकम मेलोक्सिकम उसको डाइक्लोफेनिक का रिप्लेसमेंट है। मेलोक्सिकम और साथ-साथ निमेसोलाइट नाम का जो ये ड्रग था इसको भी बैन कर दिया गया। डाइक्लोफेनक की तरह निमेसोलाइट को भी बैन कर दिया गया। रिप्लेसमेंट क्या है? मेलोक्सिकम। ये नाम याद रखना। हुलग गिबोन की बात करें तो यह इंडेंजर्ड है। ओनली एप इन इंडिया वेस्टर्न स्पीशीज है। ठीक है? डगोंग सीकाऊ की बात करें यह भी वनरेबल है। यह ओनली हार्वोरस मैरिन एनिमल है। सिर्फ सरफेस से ब्रीथिंग होती है इसकी। घोल फिश की बात करें तो गुजरात की स्टेट फिश है। स्विम ब्लैडर्स हैं इसके पास। और क्यों जरूरी है? मेडिसिनल वैल्यू है इसकी। रेड सैंडर सबको पता है। एंडेंजर्ड है। नॉन फ्रेगरेंट सैंडलवुड है। एंडेमिक टू आंध्र प्रदेश। पुष्पा मूवी देखी है ना रेड सैंडर्स वाली वही है ये यूज़ फॉर एक्सट्रेक्शन ऑफ सेंटलिन रेड पिगमेंट अच्छा ढोले जो है एशियाटिक डॉग है ये कर्नाटक महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में मिलता है इतने स्पीशीज देख लेना अगर मेरा स्पेशल वाला वीडियो नहीं देखा है तो एटलीस्ट इतने स्पीशीज तो देख के चले ही जाना ठीक है एक बार केसरी हिंद क्या है अरुणाचल प्रदेश की स्टेट बटरफ्लाई है टर्टल और टर्टलॉयज में डिफरेंस क्या होता है टर्टल सी में होते हैं कार्निवोरस होते हैं टॉयज लैंड पे होते हैं हबीबीवोरस होते हैं अच्छा फॉरेस्ट रिपोर्ट देख लो फटाफट फॉरेस्ट कवर कितना है 21.76% है ट्री कवर कितना कितना है? 3.41% है। एब्सोल्यूट फॉरेस्ट कवर में एमपी लीड करता है। परसेंटेज वाइज़ लक्षद्वीप लीड करता है। एमपी और लक्षद्वीप के नाम याद रखना। मैंग्रोव कवर में वेस्ट बंगाल लीड करता है। बमबू कवर में भी एमपी लीड लीड करता है। ठीक है? रैंकिंग वगैरह मत याद रखो। उससे पहले वाला याद रखो सब में। वेटलैंड्स की बात करें तो गुजरात में सबसे ज्यादा वेटलैंड्स हैं। ठीक है? याद रखना। वेस्ट बंगाल से ज्यादा गुजरात में है। और टाइगर रिजर्व्स की बात करें तो नागार्जुना सागर श्रीसलम टाइगर रिजर्व्स एब्सोल्यूट टाइगर रिजर्व्स है। ठीक है? और परसेंटेज टर्म से बात करें तो पक्के टाइगर रिजर्व है। सबसे ज्यादा टाइगर वहां पे है। ठीक है? एब्सोल्यूट सबसे ज्यादा इसमें है टाइगरर्स परसेंटेज टर्म्स में पक्के टाइगर रिजर्व्स में है। ठीक है? तो ये याद रखना और परिवेश पोर्टल क्या है? फैसिलिटेट्स एनवायरमेंटल क्लीयरेंसेस। एनवायरमेंटल क्लीयरेंसेस को फैसिलिटेट करने के लिए परिवेश पोर्टल बनाया गया है। बस इतना याद रखना कि एनवायरमेंट से रिलेटेड है। यूपीएससी यही पूछेगा रिलेटेड टू। ठीक है? परिवेश कोरल्स इन इंडिया की बात करें तो एब्सेंट इन सुंदरल एंड गल्फ ऑफ खंबत। ठीक है? क्रिप्टोबायोसिस की बात करें तो यह एक ऑर्गेनिज्म स्टेट है विद नो विज़िबल लाइफ साइंस मिनिमम मेटाबोलिक एक्टिविटी। कोई ऑर्गेनिज्म जो है जब बिल्कुल ही लाइफ साइंस देना बंद कर दे लगेगा डेड हो गया बट थोड़ी-थोड़ी मेटाबॉलिक एक्टिविटी होती रहेगी। उसको बोलते हैं क्रिप्टोबायोसिस। फैकल्टेटिव पार्थेनोजेनेसिस। यह क्या होता है? एसेक्सुअल रिप्रोडक्शन इनसेक्सुअली रिप्रोडक्सिंग स्पीशीज। ठीक है? क्रोकोडाइल आल्सो नोन एज वर्जिन बर्थ। जैसे कोई सपोज क्रोकोडाइल है एसेक्सुअल रिप्रोडक्शन होता है उसका और सेक्सुअली रिप्रोड्यूस कर सकता है वह फिर भी उसमें एसेक्सुअल रिप्रोडक्शन होता है। इसको बोलते हैं फकल्टेटिव पार्सिनोजेनेसिस। ठीक है? स्टेमेटोलाइट्स क्या होता है? साइनोबक्टीरिया के द्वारा कुछ लेयर्ड स्ट्रक्चर फॉर्म कर दी गई हैं। रेड सी में रिसेंटली ऐसा मिला स्ट्रक्चर। तो उसको स्टेमेटोलाइट्स बोलते हैं। गुरुदक्षी कर्नाटका में ऑनलाइन एफआईआर सिस्टम शुरू किया गया है वाइल्ड लाइफफ़ क्राइम को रिपोर्ट करने के लिए। गुरुदक्षी। ठीक है? यूएन कन्वेंशन ऑफ़ बायोलॉजिकल डायवर्सिटी। यह तो पता ही है। 1992 की ट्रीटी है। इसका सेक्रेटरीट कहां है? मॉन्ट्रियल कनाडा में। सीओपी 16 यह यूएनसीसीडी का है। डेजर्टिफिकेशन वाला। यह कहां पे हुआ? रियाद में हुआ। डेजर्टिफिकेशन और रड से डील करता है। लिविंग प्लनेट रिपोर्ट कौन रिलीज करता है? वर्ल्ड वाइड फंड बायोडायवर्सिटी मॉनिटरिंग रूल्स। और ग्लोबल बायोडायवर्सिटी आउटलुक कौन रिलीज़ करता है? सीबीडी रिलीज़ करता है। सीबीडी। ग्लोबल बायोडायवर्सिटी की बात हो रही तो सीबीडी रिलीज़ करेगा ना? नेशनल ग्रीन ट्राइबनल कब बना? 2010 में बना। हेड क्वार्टर कहां है? न्यू दिल्ली में है। जुरिसडिक्शन कहां है? ऑल सिविल केसेस इनवॉल्विंग सब्सटैंशियल एनवायरमेंट क्वेश्चंस। क्रिमिनल केसेस से डील नहीं करता ग्रीन टर्मिनल। याद रखना इंपॉर्टेंट है। अच्छा इसमें जो मेंबर होते हैं उनका अपॉइंटमेंट कैसे होता है? चेयरमैन को अपॉइंट करती है सेंट्रल गवर्नमेंट। बहुतेंट पॉइंट है। याद रखना इसको। ठीक है? इन कंसल्टेशन विद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया। और इसमें जुडिशियल एक्सपर्ट और मेंबर्स भी होते हैं जिसको अपॉइंट करता है सिलेक्शन कमिटी फाउंड बाय सिलेक्शन सेंट्रल गवर्नमेंट। सेंट्रल गवर्नमेंट एक कमेटी बनाती है और बोलती है कि आप इनके जुडिशियल एक्सपर्ट्स को भी चुन लीजिए। इनका जो टेन्योर होता है वो 3 इयर्स और 65 इयर्स जो भी अर्लियर होगा वो होगा और इनका रीअपॉइंटमेंट बिल्कुल नहीं होगा। साइज मिनिमम 10 और मैक्सिमम 20 हो सकता है फॉर ईच जुडिशियल एंड एक्सपर्ट मेंबर्स। इतना याद रखना इसके बारे। अच्छा ये जो एनजीटी है ना ये सुमोटो कॉग्निशन दे सकता है। किसी भी सिविल क्रिमिनल पोजीशन के कोर्ट से बाउंड नहीं है। और इसका जो प्रिंसिपल है जैसे कि पोलटर पेस प्रिकॉशनरी प्रिंसिपल सस्टेनेबल डेवलपमेंट इन सब चीजों को प्रिंसिपल को अप्लाई करने का काम एनजीडी का है। अच्छा एनजीडीपी के जुरडिक्शन से कौन-कौन चीजें एक्सक्लूसिव है? जैसे वाइल्ड लाइफ प्रोडक्शन एक्ट इज़ नॉट लिस्टेड अंडर एनजीटी जुरिडिक्शन। ठीक है? है तो ये बहुत इंपॉर्टेंट डिस्टिंशन है। इसलिए इसका नाम याद रखना कि वाइल्ड लाइफफ़ प्रोडक्शन एक्ट जो है एनजीटी के जुरडिक्शन में नहीं आता है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट की कुछ बात कर लेते हैं। इसको लेके सबसे इंपॉर्टेंट जो अलायंस है वो है ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस। बायोफल से तो होगा ना सस्टेनेबल डेवलपमेंट। तो यह इंडिया ने लांच किया है G20 समिट में। इसका पर्पस क्या है? एक कैटलेटिक प्लेटफार्म प्रोवाइड करना टू फास्टर ग्लोबल कोलैबोरेशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ वाइड स्पेट अडॉप्शन ऑफ़ बायोफ्यूल्स। ठीक है? और ग्लोबल बायोफील्ड मेंबर्स की बात करें तो सेवन G20 कंट्रीज हैं। अर्जेंटीना, ब्राजील, कनाडा, इंडिया, इटली, साउथ अफ्रीका, यूएसए। ठीक है? इनका इतना सा है। ये याद रख लेना। मेनली इंडिया ने लांच किया है और ग्लोबल बायोफिल नाम से ही पता है क्या करने वाले हैं। ठीक है? मेंबर्स याद रखना उतना जरूरी नहीं है मेरे हिसाब से। हाइड्रोजन के दो टाइप्स होते हैं। एक तो ग्रे और एक ब्लू। ग्रे हाइड्रोजन जब प्रोड्यूस होता है तो उसमें जो प्रोडक्शन के दौरान जो CO2 एमिट होता है ना वह CO2 एमिट ही हो जाता है। फिर CO2 जो प्रोडक्शन टाइम प्रोड्यूस होता है ग्रे हाइड्रोजन में वो एमिट हो जाता है। लेकिन जब ब्लू कार्बन प्रोड्यूस होता है, ब्लू हाइड्रोजन प्रोड्यूस होता है तो उसमें जो CO2 एमिट होता है उसको कैप्चर कर लेता है ब्लू कार्बन। तो इसलिए ब्लू कार्बन ज्यादा अच्छा है। ठीक है? दोनों ही दोनों ही तरह के हाइड्रोजन चाहे ग्रे हाइड्रोजन हो या ब्लू हाइड्रोजन दोनों के प्रोडक्शन में कार्बन डाइऑक्साइड रिलीज होता है। बट ग्रे हाइड्रोजन के प्रोडक्शन में जो कार्बन डाइऑक्साइड रिलीज होता है वो एमिट कर जाता है और ब्लू हाइड्रोजन के प्रोडक्शन में जो कार्बन डाइऑक्साइड रिलीज़ होता है वो कैप्चर करके स्टोर कर लिया जाता है। दोनों ही एक नेचुरल प्रोसेस से बनते हैं जिसका नाम है स्टीम मेथड रिफॉर्मिंग। क्वेश्चन आ सकता है स्टीम मेथड रिफॉर्मिंग किससे रिलेटेड है? हाइड्रोजन प्रोडक्शन से रिलेटेड। ग्रे और ब्लू हाइड्रोजन से रिलेटेड। ठीक है? नेक्स्ट इज़ फ्यूजिडिटी एमिशंस की बात कर लेते हैं। कुछ अनइेंशनल लीक्स होते हैं पोलटेंट के। जैसे कभी-कभी सरफेस सील कर दी, पाइप लाइन है। इनसे पॉलटेंट्स निकलते रहते हैं। उनको बोलते हैं फ्यूजिव एमिशंस ऑफ पोलटेंट्स। रिट की बात करें तो यूएस और इंडिया का इनिशिएटिव है रिन्यूएबल एनर्जी को लेके। ठीक है? मीथेन हाइड्रेट्स की बात करें ये बहुत बड़े एनर्जी के सोर्स हैं। नेचुरल गैस में ट्रैप्ड रहते हैं वाटर मॉलिक्यूल के अंदर। ठीक है? मीथेन आइस भी बोलते हैं इसको। इंडिया में कृष्णा गोदावरी बेसिन में बहुत मिलते हैं। और हाई यह जो इथेनॉल 100 है ना इथेनॉल 100 यह हाई परफॉर्मेंस इंज के लिए है। याद रखना 90 से 93% एनथॉन फ्यूल यूज़ करता है विद हाई ऑक्टेन नंबर। ग्रीन जीडीपी की बात करें जितनी भी जीडीपी है उसमें से जो एनवायरमेंट डिग्रेडेशन हुआ है इकोनमी कुरत करने में उसको माइनस कर दो तो ग्रीन जीडीपी आ जाती है। छत्तीसगढ़ पहला स्टेट है जिसने ग्रीन जीडीपी को अडॉप किया है। जीईपी क्या है? हमारे एनवायरमेंट जितने भी हमारे पास एनवायरमेंट प्रोडक्ट हैं उनको हम मॉनिटरी वैल्यू देकर कैलकुलेट करेंगे तो ग्रॉस एनवायरमेंट प्रोडक्ट आ जाएगा। उत्तराखंड ने अडॉप किया है जीईपी का मेथड और छत्तीसगढ़ ने अडॉप किया है जीडीपी का मेथड ग्रीन जीडीपी का। नेट जीरो बैंकिंग अलायंस क्या है? ग्लोबल बैंक्स टारगेट कर रहे हैं नेट ज़ीरो मिशनंस बाय 2015। लेकिन इसमें इंडियन बैंक्स नहीं है। यह इंपॉर्टेंट स्टेटमेंट है। याद रखना। एसडीजी रिपोर्ट की बात करें तो यूएन देसाई ने पब्लिश करी है। इंडिया की 109वीं रैंक है। एनर्जी ट्रांजिशन इंडेक्स कौन पब्लिश करता है? वर्ल्ड इकोनमिक फोरम एनर्जी आउटलुक कौन पब्लिश करता है? इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी और ग्लोबल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स आउटलुक कौन प्रोड्यूस करता है? इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी। इतनी चीजें आपको ये इंडेक्स भी याद रखने हैं। एग्रीकल्चर की बात करें तो पार्टिसिपेटरी गारंटी सिस्टम पता ही है कि लोकल ग्रुप सर्टिफिकेशन देते हैं ऑर्गेनिक प्रोड्यूस को। ठीक है? ऑर्गेनिक प्रोडक्शन जो कि लोकल ग्रुप्स के द्वारा बनाई गई उसको सर्टिफिकेशन मिलता है। पार्टिसिपेटरी गारंटी सिस्टम के तहत। वर्ल्ड ऑफ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर रिपोर्ट। इसमें इंडिया की रैंक वन है। ऑर्गेनिक फार्मर्स मतलब अच्छा कर रहे हैं इंडिया में। ठीक है? सिक्किम जो है इंडिया का फर्स्ट फुलली ऑर्गेनिक स्टेट है। एग्री वोल्टेक फार्मिंग की बात करें तो कंबाइन क्रॉप कल्टीिवेशन विद सोलर एनर्जी जनरेशन। क्रॉप कल्टीिवेशन भी हो रही है और सोलर एनर्जी भी प्रोड्यूस हो रही है। दोनों चीजें कंबाइन कर दी गई इसमें। ठीक है? एग्रीकल्चर में। अच्छा सेलुलर एग्रीकल्चर क्या होता है? देखो ऐसे क्वेश्चंस हैं। यूपीएससी के फेवरेट होते हैं। दे देगा सेलुलर एग्रीकल्चर होता क्या है? तो एनिमल बेस्ड प्रोडक्ट्स जहां प्रोड्यूस किए जा रहे हैं फ्रॉम सेल कल्चरर्स उनको बोलते हैं सेलुलर एग्रीकल्चर। ठीक है? अब एक महर्षि इनिशिएटिव है। यह क्या है? मिलेट्स एंड अदर एंशिएंट ग्रेंस इंटरनेशनल रिसर्च इनिशिएटिव। महर्षि मतलब मिलेट्स और एंशिएंट ग्रेंस रिलेटेड है महर्षि इनिशिएटिव। यही देगा बस महर्षि इनिशिएटिव रिलेटेड टू और चार स्टेटमेंट दे देगा। फूड वेट फूड वेस्ट इंडेक्स क्या है? यूएनएपी का तरीका है मेजर करने का। ग्लोबल फूड वेस्ट। कितना फूड वेस्ट कर रहे हो आप लोग? वो सब मेजर हो रहा है फूड वेस्ट इंडेक्स में। ठीक है? तो खाना खा के फेंका मत करो। पूरा खा लिया करो। साइंस एंड टेक्नोलॉजी की न्यूज़ देख लेते हैं फटाफट। देखो सबसे पहली न्यूज़ है मैसिपेट्रिस ऑब्लक लटा की। ये एक कदर का फन है जो पेसिफिक आइलैंड में पाया जाता है। इस फन की खासियत ये है इसके पास जो अर्थ में सबसे लार्जेस्ट जीनोम है इसका। ह्यूमन जीनोम होता है ना उसका 50 गुना ज्यादा साइज है इसके जीनोम का। बट ये भी पाया गया कि लार्ज जीनोम का कोई बहुत बड़ा फायदा नहीं है। जीनोम साइज का और ऑर्गेनिज्म की कॉम्प्लेक्सिटी का कोई रिलेशनशिप नहीं है। यह पाया गया इस स्टडी में। तो याद रखना यूपीएससी ये दे सकता है कि जीनोम स्ट साइज जितना बड़ा होगा उतना ही ऑर्गेनिज्म कॉम्प्लेक्स होगा। तो ये बिल्कुल गलत स्टेटमेंट होगा क्योंकि जीनोम के साइज का और ऑर्गेनिज्म के कॉम्प्लेक्सिटी का आपस में कोई लेना देना नहीं है। एंजाइम रिप्लेसमेंट थेरेपी नाम से ही पता लग रहा है आपके बॉडी में कोई एंजाइम डेफिशिएंट है तो एंजाइम रिप्लेसमेंट थेरेपी कर दी जा रही है। किसने अप्रूव किया है? यूएसएफडीए ने। इसके लिए एक एडजाइमा फर्स्ट जेनेटिकली इंजीनियर्ड थेरेपी है। यह एडजाइमा नाम की। यह एक थेरेपी है। एंजाइम रिप्लेसमेंट थेरेपी। इसको यूएसएफडीए ने अप्रूव किया है कि बॉडी में एंजाइम वगैरह को इजेक्ट कर सकते हैं। अगर आपको कि एंजाइम काम नहीं कर रहा है या है ही नहीं। ठीक है? कोई डिफेक्ट है आपकी बॉडी में। तो फिर जीन थेरेपी फॉर सिकल सेल डिजीज। इसके लिए यूएसएफडीए ने क्या प्रूव किया है? जीन थेरेपी फॉर सिकल सेल डिजीज के लिए। कैसगवी यह क्रिसपर बेस्ड क्रिस्पर बेस्ड टेक्नोलॉजी है। ठीक है? बताया था ना कैसा नाइन क्रिसपर ठीक है? जिससे प्रोटीन कट वो डीएनए कट होता है वो चीज कैसगवी लबजेनिया ये सिकल सेल डिजीज के लिए जीन थेरेपी का काम करेगी। यूनिफाइड जीनोमिक चिप ठीक है? ये जीनोमिक चिप लगाई जा रही है। जैसे गऊ चिप महीष चिप बफेलो में लगाई जाएगी। गऊ चिप गाय में लगाई जाएगी। कैटल में क्यों? जीनोमिक प्रोफाइलिंग के लिए। इसका फायदा क्या होगा? इंडिया में जेनोमिक टिप लग गई मान लो गाय में और भैंसों में तो फायदा क्या होगा? फार्मर्स को हाई क्वालिटी गाय भैंस आइडेंटिफाई करने में आसानी होगी। इसकी वजह से इंडिया का जो डेयरी सेक्टर का प्रोडक्शन है वो बढ़ेगा। हेलिक लिमिट क्या होती है? हमारी जो सेल जब डिवाइड होती है ना उनकी मैक्सिमम लिमिट होती है। तो जो सेल जब मैक्सिमम डिवाइड होती है 40 50 ठीक है? एट द रेट ऑफ़ 40 टू 50 पर मिनट ऐसे करके। तो उसमें जब ह्यूमन सेल्स मैक्सिमम सेल डिवीजन हो जाता है बिफोर सेल बिल्कुल डेड हो जाए। सेनेसेंस आ जाए स्टेबल हो जाए। ठीक है? सेनेसेंस उस स्टेज को कहते हैं। जब सेल बिल्कुल स्टेबल हो जाए डिवीजन होना बंद हो जाए उनमें। तो उसके पहले एकदम मैक्सिमम डिवी मैक्सिमम डिवीज़ हो जाता है। एक सेल 40 50 में डिवाइड हो जाती है। वो मैक्सिमम डिवीज़ जो होता है उसको बोलते हैं हेफलिक लिमिट। कि सेल की डिवाइड होने की एक लिमिट है। उसके बाद सेल स्टेबल हो जाएगी। उस लिमिट को बोलते हैं हेलिक लिमिट। समझ गए ना? नफथ्रोमाइसिन इंडिया का पहला एंटीबायोटिक डेवलप्ड है फॉर बैक्टीरियल इंफेक्शन। ठीक है? नमस्ते पोर्टल मिनिस्ट्री ऑफ आयुष का है। ठीक है? स्टैंडर्डाइज टेक्नोलॉजीस के लिए। मॉबिडिटी कोड आयुर्वेदा, सिद्धा और यूनानी सिस्टम का है। ठीक है? नमस्ते पोर्टल। याद रखना ये नमस्ते पोर्टल इंपॉर्टेंट है। मिनिस्ट्री ऑफ़ आयुष का है ना? स्टैंडर्डाइज टर्मिनोलॉजीस देगा किसको? आयेदा, सिद्धा और यूनानी सिस्टम्स को। ठीक है? कुछ कोड वगैरह दे देगा इन लोग के नाम को। जो भी चीजें इनसे बनेगी प्रोडक्ट उसको। नॉन शुगर स्वीटनेस की बात करें वो तो पता ही है कि लो और जो जिसमें कैलोरी नहीं होती स्वीटनेस से जैसे एस्पार्टेम ज़ाइलेटोल स्टीविया इन सब में बहुत हाई स्वीटनेस इंटेंसिटी होती है कंपेयर टू शुगर ठीक है नॉन ये नॉन शुगर स्वीटनर्स होते हैं बट इसमें स्वीटनेस इंटेंसिटी बहुत ज्यादा होती है जैसे एकटल है नेचुरल शुगर अल्कोहल फाउंड है ये प्लांट के थ्रू मिलता है एस्पार्टेम आर्टिफिशियल स्वीटनर है ठीक है डाइट कोला वगैरह में यूज़ होता है जो होता है ना जीरो डाइट आजकल आ रहा है कोला पेप्सी में तो यही मिला रहे हैं एस्पार्टम मिला बता रहे हैं। ग्लिसमिक इंडेक्स क्या होता है? कितनी जल्दी आपका कार्बोहाइड्रेट रिच फूड आपके ब्लड शुगर को रेज करता है। ठीक है? वह बताता है ग्लिसमिक इंडेक्स। ठीक है? एथिलन ऑक्साइड क्या होता है? स्टेरलाइजिंग एजेंट है जो कि जैसे स्पाइसेस वगैरह बिकते हैं ना मार्केट में तो उसको स्टेरलाइज ना हो पाए, खराब ना हो इसलिए उसमें एथिलाइन ऑक्साइड मिलाया जाता है ताकि वो लंबे समय तक चले। उसमें पैथोज ना आने पाए। इसलिए कभी सड़क किनारे जो मसाले मिल रहे होते हैं ना वो नहीं खाने चाहिए क्योंकि उसमें ये सब नहीं मिलाते। इसलिए जो महंगे वाले आते हैं पैकेट में बिल्कुल अच्छे से पैक्ड रहते हैं। उसमें ये चीजें डाल के दी जाती हैं ताकि कोई पैथोज्स ना लगे। स्पाइसेस वगैरह क्योंकि खुले में बिकते हैं। इसमें बहुत इजी होता है पैथोज्स का लगना। तो एफएसएसएआई जो है इथाईलाइन गैस को अलऊ करता है। ठीक है? फ्रूट ट्राइपनिंग के लिए भी अलऊ करता है। अच्छा गावी अलायंस क्या है? इम्यूनाइजेशन को इंक्रीस करने के लिए पुअर कंट्रीज में। ठीक है? अब कुछ इंफॉर्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी रिलेटेड न्यूज़ देख लो। सबसे पहला भाषणी प्रोजेक्ट। सिर्फ यह जो नेशनल लैंग्वेज ट्रांसलेशन मिशन है ना उसके तहत बनाया गया है। जो 22 ऑफिशियल लैंग्वेज है इंडिया की उसको ट्रांसलेट कर सके एक्सेसबल बना सके एआई पावर्ड मतलब डिजिटल कम्युनिकेशन के लिए जितनी भी लैंग्वेज हैं 22 इन सबको एक्सेसबल बनाया जाए लोगों के लिए डिजिटल कम्युनिकेशन के लिए। तो भाषणी प्रोजेक्ट बनाया गया लैंग्वेज को ट्रांसलेट करने के लिए। ठीक है? नेशनल ट्रांसलेशन मिशन भी चल रहा है जो कि डिजिटल सर्विज पे 22 इंडियन लैंग्वेज को एक्सेसबल बनाने का काम है मिनिस्ट्री ऑफ इनेशन एंड टेक्नोलॉजी का होगा। ऑब्वियसली ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस क्या है? आप ब्रेन से कुछ सोचो और आपका डिवाइस वो काम कर दे। ब्रेन टू डिवाइस कम्युनिकेशन। ठीक है? ऐसे दो डिवाइसेस बने हैं अभी तक न्यूरालिंक और ईईजी। तो जो न्यूरालिंक होता है वो इन्वेसिव होता है। मतलब वो जो चिप होगी न्यूरलिंग वाली वो आपके ब्रेन के अंदर डाली जाएगी। इंप्लांट किया जाएगा डिवाइस आपके ब्रेन के अंदर। तो इसलिए इसका जो रेोल्यूशन है वो हाई होगा। और जो नॉन इन्वेसिव है वो ईजी नॉनवेजी मतलब आपके हेड के स्कैल्प पे लगा दी जाएगी। ऊपर टच कर दी जाएगी। आपके हेड पे इलेक्ट्रोड्स लगा दिए जाएंगे। तो इस पे रेोल्यूशन कम आता है। ठीक है? तो ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस याद रखना ये ब्रेन टू डिवाइस कम्युनिकेशन ये बहुत चीजों में काम आता है। सपोज आपका ब्रेन बिल्कुल डेड हो चुका है तो भी आप कुछ इंस्ट्रक्शन देके लाइक कप होल्ड कर लिया। ठीक है? कप होल्ड हो गया या ऐसे कुछ इंस्ट्रक्शन आपने रोबोटिक आर्म्स मूव करवा लिए। ठीक है? तो ये आगे चलके इसका बहुत यूज़ है। ठीक है? अच्छा मजुराना वन। ठीक है? ये क्या है? ये क्वांटम प्रोसेसर है। बस इतना याद रखना है। मजुराना वन क्या है? Microsoft का क्वांटम प्रोसेसर है। ठीक है? ऐसे ही Google का भी क्वांटम प्रोसेसर उसका क्या नाम है? विलो। आईबीएम का भी क्वांटम प्रोसेसर है। उसका क्या नाम है? आरजे हररो। आरजेड हरॉन। तो यह क्वेश्चन आएगा कि मनोरंजना वन विलो आर जेड हररोन ये सब क्या है? ये सब ये सब क्वांटम प्रोसेसर्स हैं। अच्छा Amazon ने एक क्वांटम कंप्यूटिंग चिप डेवलप करी है। उसका नाम है ओसेलॉट। ठीक है? ताकि ये जो क्वांटम कंप्यूटिंग में जो करेक्शन का चैलेंजज़ आता है ना उसको दूर किया जा सके। तो Amazon का है ओसेलॉट। यह क्वांटम कंप्यूटिंग चिप है और यह जो है मधुराना वन विलो आर हररोन यह क्वांटम प्रोसेसर है। इतना याद रखना। स्पेस टेक्नोलॉजी की बात करें तो इसरो ने ल्च किया है इसरो के पहले तो व्हीकल इंजन की बात कर लेते हैं कि सबसे पहले जो हमारी पीएसएलवी है। ठीक है? उसमें पहले पहला जो फर्स्ट स्टेज होता है, उसमें सॉलिड यूज़ होता है। सॉलिड इंजन यूज़ होता है। ठीक है? यानी कि एचटीबीपी यूज़ होता है। एचटीबीपी ये कब होता है? पीएसएलवी के फर्स्ट और थर्ड स्टेज में यह सॉलिड यूज़ होता है एसटीबीपी। ठीक है? और इस इसके पीएसएलवी के सेकंड और फोर्थ स्टेज में क्या होता है? लिक्विड विकास जिसको हम बोलते हैं प्रोपलेंट। ठीक है? विकास यानी कि जो व्हीकल इंजन है पहले सॉलिड रहेंगे। फिर लिक्विड होंगे। ठीक है? प्रोपलेंट्स हैं ये याद रखना। और फिर क्रायोजेनिक कहां पे यूज़ होते हैं? ये जीएसएलवी में यूज़ होते हैं। जीएसएलवी ल्च व्हीकल्स में। ठीक है? इसका इसका नाम है जैसे E20 हमारा एक क्रायोजेनिक है। ठीक है? और यह विकास क्या है? लिक्विड है। एसटीबीपी वगैरह क्या है? यह सॉलिड है। राइट? इस तरह से चीजें याद रखना। अच्छा इसरो ने एक रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल बनाया जिसका नाम है पुष्पक। मतलब ये प्लेन जैसा होगा। जैसे अभी हमारे जो ऊपर जाते हैं सेटेलाइट्स वगैरह वो रीयूज़ नहीं हो पाते। तो हमारे लॉन्च व्हीकल्स जो हैं वापस नहीं आ पाते। जाते हैं स्पेस में तो वहीं पे वो सस्टेनेबल नहीं है और कॉस्ट भी हमारी वेस्ट होती है फालतू। अब ऐसे लॉन्च व्हीकल्स बनाए जाएंगे जो वापस आ सके। मतलब एक प्लेन की तरह होंगे। उसमें विंग्स होंगे। विंगड्ड व्हीकल्स होंगे वह। ठीक है? वह वापस अर्थ में आ सकते हैं प्लेन की तरह ग्लाइड करते हुए और रन अवे पे लैंड कर सकते हैं। ठीक है? ऐसे लॉन्च व्हीकल्स का नाम है पुष्पक। इसको अगर आर एलवी टीडी लिख दे तो कंफ्यूज मत होना। आर एलवीडी का यही फुल फॉर्म है। रयूज़ लॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट डेमोंस्ट्रेशन। ठीक है? बस इतना याद रखना। इंडिया की पहली एनालॉग इंडिया का पहला एनालॉग स्पेस मिशन क्या है? इसरोज़ अर्थ बेस स्टिमुलेशन इन लद्दाख टू मेमिक स्पेस कंडीशन। लद्दाख में स्पेस लाइक कंडीशन बनाई जा रही है ताकि सारे एक्सपेरिमेंट लद्दाख में ही हो जाए। ठीक है? तो स्पेस मिशन एनालॉग एक नकली स्पेस का एटमॉस्फेयर क्रिएट किया जा रहा है स्टिमुलेट करने के लिए स्पेस लाइक कंडीशन को। नाविक की बात करें तो पता ही है इंडिया का रीजनल नेविगेशन सिस्टम है। जापान का क्या है? क्यूड एस यूएस का क्या है? जीपीएस जो सब लोग यूज़ करते हो। रशिया का ग्लोनास यूरोपियन यूनियन का गैलीलियो और चाइना का बडू। ये मैच द कॉलम करने में आ चुका है पहले। शायद फिर दे दे तो एक बार रिवाइज कर लेना। मेस टेलिस्कोप क्या है? यह गामा रे टेलिस्कोप है ताकि हाई एनर्जी कॉस्मिक फेनोमना जैसे कि ब्लैक होल्स पल्स को मेजर किया जा सके नोटिस किया जा सके। ठीक है? ऑब्जर्व किया जा सके, स्टडी किया जा सके। गगन क्या है? गगन इनिशिएटिव इसरो और एआई का है। ठीक है? नेविगेटिंग सिस्टम है यह भी एक फॉर एयर ट्रैफिक कंट्रोल और क्रॉप पे स्प्रे वगैरह करना हुआ ऊपर से। एयर ट्रैफिक कंट्रोल तो यह गगन हमारा यूज़ करते हैं नेविगेशन सिस्टम। तो गगन याद रखना कौन यूज़ कर रहा है? एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और इसरो ये दोनों यूज़ कर रहे हैं इसको। ठीक है? गगन नेविगेशन सिस्टम को। अच्छा यूनिवर्स का कंपोजशन में 5% मैटर है। 27% डार्क मैटर है और 68% डार्क एनर्जी है। डार्क मैटर क्या होता है? एक ऐसा मैटर जो कि लाइट से इंटरेक्शन नहीं करता है। इसलिए वो डार्क है। लेकिन उसका ग्रेविटेशनल इन्फ्लुएंस फील होता है। डार्क एनर्जी क्या है? एक ऐसी मिस्टीरियस फ़ जिसकी वजह से यूनिवर्स लगातार एक्सपेंड होते चला जा रहा है। बस इतना डिफरेंस याद रखना और इनका कंपोज़िशन याद रखना। लास्टली हम डिफेंस रिलेटेड कुछ बातें देख लेते हैं। अलग-अलग कंट्री के मिसाइल डिफेंस सिस्टम देख लो। थाड़ पैट्रियट ये सब यूएसए का है। आयरन डोम बहुत फेमस है। इजराइल का है। विोरेड्स अक्षतीर सीडोम ये सब इंडिया के हैं। ठीक है? विड्स अक्षतीर सीडोम ये इंडिया के हैं। याद रखना मिसाइल डिफेंस सिस्टम। अच्छा अस्त्र मिसाइल क्या है? डीआरडीओ की इंडीजनी डेवलप्ड मिसाइल है। बियों्ड विजुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइल। अब इसको बी वीवीआर एएम बोलते हैं। वीवीआर एएम मतलब बियों्ड विजुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइल। इसका मतलब क्या है? कि अगर कोई टारगेट है बिय्ड 100 कि.मी. जो कि डायरेक्ट विजुअल कांटेक्ट में नहीं है इस मिसाइल के। फिर भी यह उसको अटैक कर देगी। ठीक है? डायरेक्ट दिख नहीं रही है। 100 कि.मी. दूर है फिर भी अटैक कर देगी। तो डीआरडीओ की अस्त्र मिसाइल याद रखना। वरुणस्त्र ये डीआरडीओ का एंटी सबमरीन टॉरपेडो है। मतलब ये क्या करेगा? जो सबमरीन इसको टारगेट करेगा। अगर कोई शैलो वाटर में डीप वाटर में कोई सबमरीन हमारी तरफ आ रही है उसको टारगेट करके अटैक कर देगा। तो ये जो वरुणास्त्र है ये एंटी सबमरीन टॉरपेडो है। तो ये हैवी वेट होगा ना। हैवी वेट क्यों होगा? ताकि सबमरीन को टारगेट करके सबरीन ध्वस्त हो जाए। इसलिए हैवी वेट होना जरूरी है इसका। दूसरा ये शिफ्ट से ल्च होगा और इलेक्ट्रिकली प्रोपेल्ड होगा। इलेक्ट्रिसिटी चाहिए इसको प्रपेल करने के लिए वरुणास्त को। तो वरुणास्त्र क्या है? एंटी सबरीन टोरपेडो है। तो हमने डिफेंस तक का देख लिया। राइट? अभी हम कुछ मिसलेनियस में जब शाम को कवर करेंगे ना 4:00 बजे वाले लेक्चर में तो उसमें हम नोबेल प्राइज वगैरह भी देख लेंगे। उसमें बाकी का करंट अफेयर जो पॉलिटी इकोनमी रिलेटेड है। ठीक है? आर्ट एंड कल्चर की वो सब शाम को 4:00 बजे मिलते हैं। फिर कवर करते हैं। फिलहाल एनवायरमेंट और साइंस में किसी के पीडीएफ को तीन-चार बार रिवाइज कर लेना। आधे घंटे में हो जाएगी तीन-चार बार रिवाइज। तो ये आपके करंट अफेयर्स गलत नहीं होंगे। ठीक है? टिल देन टेक केयर एंड ऑल द बेस्ट फॉर प्रिपरेशन। थैंक यू।