कि अजय अ कि अ कि को अ कि अ कि अ कि अ कि अजय को अ कि अ कि अ कि अ हेलो फ्रेंड्स गुड आफ्टरनून वेलकम बैक वंस अगेन एक बार फिर से हेलो फ्रेंड्स गुड आफ्टरनून विलकम बैक वंस अगेन एक बार फिर से आप सभी का बहुत शौकात है आपके अपने इस चैनल पर आप सभी का बहुत शौगत है आपके अपने इस चैनल पर चलिए चलिए नेस्ट लाइफ क्लास ले लेते हैं नेस्ट लाइट क्लास ले लेते हैं और यहाँ जो आपकी क्लास है बी एस डी जी वन सेवन थ्री और यहां जो आपकी क्लास एप बीजी वर्ड से अंतरी समा चार पत्र और फीचर लेकर को ले लेते हैं और देख लेते हैं क्या इंपोर्टन्ट कोशिश इसके हो सकते हैं ओके राइट चलिए वीडियो को शेयर कर देती हूं सवा चार पत्र फीचर लेकर बोले लेते हैं और देख लेते हैं क्या इंपोर्टेंट क्वेश्चन इसके हो सकते हैं ओके राइट चलिए अ कि मैं तो वीडियो को शेयर कर देती हूं कि कि अब कि अब कि चलिए चलिए वीडियो शेयरिंग का काम जो है वह हो चुका है वीडियो शेयरिंग का काम जो है वह हो चुका है अब चलिए यहां पर स्टार्ट कर देते हैं ठीक है ना अब चलिए आप पर स्टार्ट कर देते हैं ठीक है ना तो यहां पर आप देख रहे हैं कि फॉर ब्लॉक है ब्लॉक बहुत ज्यादा है तो यहां पर आप देख रहे हैं कि फॉर ब्लॉक है ब्लॉक बहुत ज्यादा है लेकिन ज्यादा इसको लेकिन ज्यादा इसको नहीं नहीं आपका वीडियो आलरी डला हुआ है तो इसको ज्यादा लिंदी खीचने की ज़रूरत नहीं है ठीक है नहीं होकर रहे चलिए आज यहां से यहां पर शुरू कर देते हैं आपका वीडियो आलरेडी डला हुआ था इसको ज्यादा लिंदी खीचने की ज़रूरत नहीं ठीक है नाओ कराइब चलिए आज आज यहां पर शुरू कर देते हैं बीपी सीजी 173 ले लेंगे वह भी लेंगे बीपी सीजी 173 ले लेंगे वह भी लेंगे इसके बाद कौन सा पेपर है इसके बाद है इसके बाद कौन सा पेपर है इसके बाद है कर दो कर दो बीपी एजी वर सेवन तो इससे भी वो कांटिनू लेते हुए चलते हैं ठीक है ना ओके राइट ओ सॉरी बीपी एजी वर सेवन तो सभी को कांटिन्यू लेते हुए चलते हैं ठीक है ना ओके राइट ओ सॉरी तो चलिए फिर यहाँ पर शुरू कर देते हैं ब्लॉक वन ले लेते हैं ब्लॉक वन है हमारा तो चलिए फिर यहाँ पर शुरू कर देते हैं ब्लॉक वन ले लेते हैं ब्लॉक वन है हमारा समाचार पत्त और फीशर लेकर ठीक है ना क्या इंपोर्टेंट कोश समाचारपत और फीचर लेखन ठीक है ना क्या इंपोर्टेंट कोशिश लेते तो चलिए यहां पर देख लेते हैं हैं लेवल बने हुए तो चलिए यहां पर देख लेते हैं पहले लेते हैं तैयार लेते हैं समाचार पत्र और फीचर लेकर समाचार पत्र और फीचर लेकर हमारे लिए समाचार पत्र और फीचर लेकर और समाचार पत्र और फीचर लेकर में हमारे लिए समाचार पत्रों की दुनिया यूनिट वन ठीक है ना समाचार पत्र की दुनिया यूनिट वन ठीक है ना तो इस समाचार दो कल भी जो वीडियो बनाया था डाला था तो इस समाचार दो कल भी मैंने जो वीडियो एक बनाया था डाला था वो वह वीडियो कौन सा था वह समाचार पत्र लेखन से ही ताटी के ना वीडियो कौन सा था वो समाचार पत्र लेकर से ही था ठीक है ना वो भी सेम यही वीडियो था वह भी सेम यही वीडियो था मुझे वो याद नहीं आ रहा है, मुझे वह याद नहीं आ रहा है, चाहिए वो हिंदी में था, सहर वह हिंदी में था, B.S.G.A.R.A.136 था बियर जियरे 136 था, और जो समाचाल लेकन से संबंधित था, और जो समाचाल लेकन से ही संबंधी था, फीचर से संबंधी था, फीचर से संबंधित था, ठीक है ना? ठीक है ना, गुड आफ्टरनो निकिल जी गुड़ आप्टर नो निकिल जी, तो चलिए यहाँ पर सबसे पहले देख लेते हैं तो चलिए यहाँ पर सबसे पहले देख लेते हैं, क्या कुछ शरमारे ने क्वे कि आप देखो समझ क्या कह रहा है हम सभी को पता होता है कि जनरली एक नई ख़वर नहीं किसी घटना आप देखो समाचार क्या कह रहा है हम सभी को पता होता है कि जनरली एक नई ख़वर नई किसी घटना कोई घटना हमारे अगल बगल में आज पड़ोस में हो जाती वो हमारे लिए समाचार बन जाती ठीक है ना है तो जो नई घटना होती है वह समाचार के रूप ले कोई घटना हमारे अगर बगल में आज पर उसमें हो जाती हुआ हमारे लिए समझार बन जाती है ठीक है ना तो जो नहीं घटना होती है तो समझार का एक रूप ल समाचार क्योंकि जो है इतना important समाचार क्या है वो नहीं है, इतना इंपोर्टेंट समाचार क्या है वह नहीं है ठीक है न कि समाचार क्या है यह नहीं पूछेगा, ठीक है तो समाचार क्या है यह नहीं पूछेगा समाचार का छेतर बहुत बड़ा होता है, समाचार का छेतु बहुत बड़ा होता है हमारे समाच से जीवन से हमारे समाच से, जीवन से, राजनितिक, राजनितिक, आर्थिक, आर्थिक, समाजिक, समाजिक, सांस्कृतिक, सांस्प्रतिक सभी चीजों से जो भी जुड़ी करते हैं सभी चीजों से जो भी जुड़ी गटनाएं हो गणाएं होती हैं होती है कोई घटना हो गई कोई शमस्या है किसी भी चीज को लेकर के कोई गणा हो गई कोई शमस्या है किसी भी चीज को लेकर के जो भी चीजें आ जाती हो समाचार हो जाती है जो भी चीजें आ जाती हो समाचार हो जाती है यहां पर यहां पर इंपोर्टेंट यह हो जाता है इंपोर्टेंट ही हो जाता है क्या कि समाचार यहां पर से प्रश्न हो रहा है देखिए क्या कि समाचार यहां पर से प्रश्न हो रहा है देखिए कि यहां पर समाचार को प्रश्न कैसे किया जाता है कि समाचार को प्रस्तुत कैसे किया जाता है समाचार की प्रश्न करन कैसे की जाती है और साथ में समाचार के अंग देख लेते हैं समाचार की प्रश्न करन कैसे की जाती है और साथ में समाचार के अंग देख लेते हैं सबसे पहले यहां पर समाचार के अंग को देख लेते हैं सबसे पहले यहां पर समाचार के अंग को देख लेते हैं अंग का मतलब यहां आपको मतलब यहां पर कि कौन-कौन से अंग होते हैं यानी समाचार को किस प्रस्तुत किया जाता है पर तो मुक्य सीर्शक सबसे पहले समाचार में आपके होता है, तो मुख सीर्शक सबसे पहले समाचार में आतके होता है ठीक है ना, ठीक है ना, मुक्य सीर्शक का मतलब होता है कि में विडिंग इसको बोला जाता है, मुख सीर्शक का मतलब होता है कि मेल इडिंग इसको बोला जाता है, तो अगर आप एक बार उसे पढ़ ले तो आपके समझ में आ जाता है कि समाचार क्या लिखा हुआ संचिप्त में, तो अगर आप एक बार उसे पढ़ने तो आपके समझ में आ जाता है कि समाचार क्या लिखा हुआ संचित में, सार में, सार में, वो वो म� मुख सीर्श उनको और संशेत में कर दिया जाता है देखो तो मुख्य सिर्षक जो होता है पूरा समचार होता है उसका सार मुख्य सिर्षक हो जाता है तो जो मुख्य सिर्षक होता है उसको और संशिप्त में कर दिया जाता है ठीक है तो उप सिर्षक हो जाता है बिंदु अग्रमाद्यम से बता दिया जाता है मुख्य सीर्शक जो होता है पूरा समाचार होता है उसका सार मुख्य सीर्शक हो जाता है तो जो मुख्य सीर्शक होता है उसको और संशेत में कर दिया जाता है तीक है ना तो उप सीर्शक हो जाता है बिंदों के माध्यम से बता दिया जाता है फिर समाचार श्रोत हो जाता है तीसर चार श्रोत हो जाता है समाचार श्रोत एक्शली होता है कि मान लिजे ख़वर शुरू हो रही है समचार श्रोत एक्शन यह होता है कि मान लीजिए खबर शुरू हो रही है तो उसमें तो उसमें तारीख के साथ संभावदाता एजेंसी संभावदाता का नाम है ना तार अखवार विशेष की सूचना सेवा का नाम यह सभी चीजें समाचार श्रोत हो जाता है कि समाचार ब्यूरो से प्राप्त है समाचार के श्रोत है तो यह समाचार श्रोत हो जाता है फिर इंट्रो होता है आपके समाचार में बिरो से प्राप्त है समाचार के शोती है तो ये समाचार शोत हो जाता है फिर इंट्रो होता है आपके समाचार में अच्छा इंट्रो क्या होता है अच्छा इंट्रो क्या होता है तो यह इंट्रो में समाचार के मुख बातें लिखी हुई होती है तो ये इंट्रो में समाचार के मुख बाते लिखी होती है मेल इंपोर्टेंट बाते लिखी होती है कि आप एक नजर में में इंपोर्� इंट्रो आम तरफे समाचार के पहले पैरे को कहते हैं। जैनरी अन्मूख देखते हैं, इंट्रो आम तोर पे समाचार के पहले पैरे को कहते हैं। जनरे लिए हम लोग देखते हैं समाचार जब आप देखो समाचार जब आप देखो, आज तक देखो, आज तक देखो जी टीवी वगरे देखो जी न्यूज देखो जी टीवी वगड़े देखो, जी एर न्यूज देखो, तो उसमें समाचार शुरू होने के पहले एक तो उसमें समाचार शुरू होने के पहले एक स्क्रीन आती है और उसमें कुछ पांच स्क्रीन आती है, और उसमें कुछ पांच चीजे उसमें लिखी होई होती हैं, चीजे फिर ब्योरा होता है, तो इंट्रो के बाद समाचार की घटनाओं को बिस्तार से बताया जाता है, तो इंट्रो के बाद समाचार की घटनाओं को बिस्तार से बताया जाता है और बाक्स मैटर होता है, और बाग्स मैटर होता है, बाक्स मैटर यहाँ पर होता है जो भी घटना, बाग्स मैटर यहाँ जो भी बातें होती, जो भी परशंग होती, प ठीक है न, किसी भी चीज को लेकर के आप पुष्ट की जाती है तो ये समाचार के अंग हो गए किसी भी चीज को ले करके यहाँ पर पुष्ट की जाती है, तो समपात की मैंने कल भी आपको बताया था समपात की जनरली अगर हम देखे समपात की क्या होता है तो एक तरह से अखवार का यह सम एक तरह से बिचार पक्ष होता है माल लिजिए कोई गटना हुई कोई समस्या हुई जैसे रूशिव के अंका यूद जैसे रूस-युक्रेन का यूज़ चल रहा है उसमें अखवार अपना विचार रखना चाहता है क्या यह सही है कि नहीं है चल रहा है क्या ये सही है की नहीं है कौन सही है कौन गलत है क्या समस्याएं हो सकती क्या यह जायज है कौन सही है कौन गलत है क्या समस्या हो सकती है क्या ये जायज है तो इन चीजों में अच्छा जो इन चीजों में अच्छा जो अब वह खबार होता है वो ख़वार होता है देखें फिर से मैं कहना चाहूँगी कि जब मैं लाइफ क्लास लेती है तो प्लीज कॉल मत किया करें देखिए फिर से और इस नंबर से कॉल मेरे पहले वाले भी लाइफ क्लास में आया था सेम यही नंबर था 205 लास्ट का देखें फिर वाले भी लाइफ क्लास में आया था सेम यही नंबर तक 205 लास्ट का देखिए फिर से आ रहा है आपको मालूं होता है कि जब मैं लाइफ क्लास चल रही है तो प्लीज कॉल मत किया करें वह चलिए से आ तो संपात की वही जो भी घटना जो समस्याएं होती है उन चीज को लेकर के लिखा जाता है तो हम लोग देखते हैं कि अखवार में अगर पढ़ते हैं ना तो उसमें क्या होता है एक कॉलम होता है अखवार में ठीक है ने फेज होता है तो संपाद की वही जो भी घटना, जो समस्या होती हैं उन चीज को ले करके लिखा जाता है, तो हम लोग देखते हैं कि अखवार में गए ले पढ़ते हैं ना, तो उसमें क्या होता है, एक कॉलम होता है अखवार में, ठीक है, एक पेज होता है, जिसमें जिसमें संपात की लिखा होता है तो उसमें क्या होता है वह अपने विचार को रखता है किसी नहीं घटना को लेकर के कोई संसामायक टिपणी हो जाती है सरकार कोई फैंसने लेती है कोई नीति बनाती है ठीक है ना राइट है तो आप अखवार जो होता है अपनी प्रतक्रिया देता है फीद अगेन अ संपाद की लिखा हो मत करिए कॉल क्यों परशान कर रहे हैं मत करिये कॉल, क्यों परशान कर रहे हैं? ऐसा तो रहनी कि आपको पता नहीं है, ऐसा तो है नहीं कि आपको पता नहीं है मैं ग्रूप में पहले शेंड कर देती हूँ मैसेज दे देती हूँ मैं ग्रूप में पहले ही सेंड कर देती हूँ, मैसेस दे देती हूँ, लिंक शेयर कर देती हूँ कि मतलब लाइव होने जा रहा है तो आप बार कॉल करते हैं ठीक है आप लिंक शेयर कर देती हूँ, कि मतलब लाइव होने जा रहा है, तो आप बार कॉल करते हैं, ठीक है आपको आपने लिंक नहीं देखा अपने एक बार कॉल किया मैंने नहीं उठाया तो आपको समझ जाना चाहिए आपने लिंक नहीं देखा अपने एक बार कॉल किया मैंने नहीं उठाया तो आपको समझ जाना चाहिए जिन नहीं उठा रही हूं तो बार कॉल करना अच्छा नहीं लगता है चले जिन नहीं तो यह संपाद की हो जाती है ठीक है तो यहां पर उठा रही अखवार के बैचारी की लेक य हूं आ तो आप विचार विचार शंपात्की के माध्यम से रखता है ठीक है अग्शंसमाई घटना पर शर्कार के फैसले और नितियों पर तो शंपात्की हो जाती है शमपात्की के माध्यम से रखता है ठीक है वह समसमाई घटना पर शर्कार के फैसले और नितियों पर तो शमपात्की हो जाती है अब यहां पर शंपात्की प्रिष्ट के लेखन वाले पार्ट में अब यहां पर जनरली शंपात्की क्या-क्या चीजें रखिए अब हम यह चीजें पढ़ रहे हैं यहां पर समचार के अंतरगत पढ़ रहे टीक है ना राइट अब यहां पर शमपात्की प्रिष्ट के लेखन वाले पार्ट में अब यहां पर जन्मी शमपात्की क्या चीज है तो अब हम यह चीजें पढ़ रहे हैं तो यहां पर समाचार के अंतरगत पढ़ रहे ठीक है ना राइट समाचार समचार के अंतरगत शंपात्की भी आ जाती है फिर यहां पर फोटो भी आ जाता है क्योंकि अखवारों पत्रकाओं में में फोटो कमात होता है जितना उतना ही समाचारों में भी होता है फोटो कमात होता है लुटा ठीक है ना और इसी पूछ को सजाने के लिए रखे जाते हैं महत्वपूर्ण जो घटनाएं होती है तथ्यों उनको प्रस्थुत करने के लिए भी यह रखे जाते हैं जो गटनाएं तक प्रस्तुत करने के लिए भी यह रखे जाते हैं ठीक है ना राइट यहां पर फोटो भी आपके उसमें हो जाता कभी-कभी ठीक है ना राइट तो यहां पर फोटो मान लीजिए कोई अखवार कोई घटना होती है और वहां पर कैप्शन के रूप में फोटो लगा दिया भी आपके उसमें हो जाता करी आप क्या समझते हैं तो इनको थोड़ा सा पढ़िए न पुराने वीडियो को जरूर आप वाच कर दीजिए आप ज्यादा इसमें ज्यादा इस प्लेन नहीं कर सकते हैं ठीक है ना होकर राइट थे आप क्या समझते हैं तो इनको थोड़ा सब यह नपर आने वीडियो को जरूर आप वाच कर लीजिए आज ज्यादा इसमें ज्यादा स्पेन नहीं कर सकते हैं ठीक है ना होकर राइट ए बीपी एसी 134 मैंने कहा ना बीपी एसी एक सो चौंटीस मैंने कहा ना सभी आपकी क्लासेस करवा होंगी दिखो जिसके पहले एग्जाम सा रहे हैं ना उनकी क्लासेस करवा रहे हो सब भी आपकी क्लासिस करवाऊंगी दिखो जिसके पहले इजाम सा रहा है ना उनकी क्लासिस करवा रही हो यह चार की डेट पर चल रहा है क्या आपका बीपी यह चार की डेट पर चल रहा है क्या आपका बीपी एसी 134 के पहले इजाम नहीं है ना तो सभी करवा दूंगी ठीक है ना राइट नहीं है ना, तो सभी करवा दूँगी, ठीक है ना, राइट, और यह फोटो जो होता है जनरली और ये फोटो जो होता है, जनरली, समाचार के साथ प्रकार से तो अने वाले फोटो जो तो घटना के संबंधित होता है दस्ता वेश की तरह ने रखा जाता है ठीक है ना समाचार के साथ प्रकार से तो अनिवाले फोटो जो होता है, गटना जो संबंदित होता है, एक दस्ता बेश के तरह में रखा जाता है, ठीक है ना, तो जिस प्रकार सम होता है वैसे फोटो कीचना भी एक कला होता है ठीक है और पत्रकार्यता का एक हिस्सा माना जाता जिसे फोटोग्राफर लोग उते हैं जैसे संबाद दाता होता है उसी तरह से फोटो कीचने वाला फोटोग्राफर होता है ठीक है वैसे इस फोटो कीचना भी एक कड़ा होता है ठीक है और पत्रकार्यता का एक हिस्सा माना जाता है जैसे फोटोग्राफर लोग उते हैं जैसे संबाद दाता होता है उसी तरह से फोटो कीचने वाला फोटोग्राफर होता है ठीक है राइट जैसे जैसे मान लीजिए वह पहले हो कि आपके आपके आप कालोनी की और आपके सहर की सडके बिल्कुल खस्ता हाल कालोनी की और आपके सहय की सडके बुलकुल खस्ता हाल है तो अखवार में समझ चल लिखने वाले से काम नहीं चलेगा ना प्रूफ देना पड़ेगा तो फिर वहाँ पर फोटो भी लगा दी जाती की देखिए है तो बिल प्रूफ पर देखिए कि अगर वहाँ के कलेक्टर इसे लोग अगर उस अख़वार उस समचार को पढ़ रहे हैं सड़क के हाल को पढ़ रहे हैं ध्यार जर हो गई तो कम सकम फोटो से भी समझ में आ जाता है ना तो एलेक्ट्रोनिक मेडिया में तस्वीरों का महत्व जाता हो जाता है लोग अगर उस अखवार उस समाचार को पढ़ रहे हैं चड़क के हाल को पढ़ रहे हैं जरजर हो गई तो कम सम फोटो से भी समझ में आ जाता है तो इलेक्ट्रोनिक मीडिया में तस्वीरों का महत्व ज्यादा हो जाता है अब यहां पर क्वेश्चन क्रिएट कर सकता है कि फोटो समाचार में फोटो का त्याहम होता है बताइए समाचार फोटो से आप क्या समझते हैं बताइए क्या ना इस तरह के क्वेश्चन पूछे जा सकते हैं तो इलेक्ट्रोनिक मीडिया में तस्वीर का महत्व अधिक जाता है समझार पर जो भी प्रश्न पर अगर आप एक क्वेश्चन क्रिएट कर सकता ह अगर आप तो अख़वारों में शपने वाली एक तस्वीर भी इलेक्ट्रानिक वागनों पर दिखाए जाए वाली अपने प्रश्न पर दिखाए जाते हैं, तो अख़वारों में शपने वाली एक तस्वीर भी एलेक्ट्रानिक वादमों पर दिखाए जाएगा। वाली अब जो जो चित्र होती है उससे प्रभाविक बुश्णित चित्र होती है उसे प्रभावित और विश्वित होती है माली जिन लोगों ने सुखे की मार जेलते केतों में सहाय किसान के तस्वीर होती सुनामी में तवाही के तस्वीर खींच ली हो ना तो सभी अकवार पत्रकाओं चपी थी इस बात का अंताजा लगा स है। अखवार के बारे में दिया फिर यहां पर फीचर आ गया अखवार के बारे में दिया है फिर यहां पर फीचर आ गया यह सभी यह सभी अखवार के अंग है अखवार के अंतरगत क्या-क्या चीजी आती है कौन-कौन से अंग होते हैं ठीक है ना तो फीचर जो होता है अखवारों के बहुत सुंदर और आकरशक अंग होता है ठीक है अखवार के अंग है अखवार के अंतरगत क्या-क्या चीजें आती हैं कौन-कौन से अंग होते हैं ठीक है ना तो फीचर जो होता है अखवारों के बहुत सुन्दर और आकरशक अंग होता है ठीक है और प्रकृति लेकों की तरह होती है इसकी प्रकृति और प्रकृति लेकों की तरह होते इसकी प्रकृति मतलब यहां पर यह थोड़ा सा संपात की पृष्ट होता जो पढ़कर आएं वह थोड़ा अश्लील अलग होता है मतलब यहां पर यह थोड़ा सा संपात की प्रिष्ठ होता है पढ़क आ है वह थोड़ा अच्छे अलग होता है संपात की पृष्ट जो होती है ना अ संपात की प्रिष्ठ जो होती है ना वह बड़ा फीचर होता है फीचर संपात की में दियांतर पूछता है तो संपात की पृष्ट के लेख से अलग जो होता है से बड़ा फीचर होता है फीचर संपात की अधियात पूछता है तो संपात की पृष्ट के लेख से अलग जो होता है फीचर होता है संपात की पृष्ट के लेखों से बड़ा होता है फीचर ठीक है ना और संपात की पृष्ट के लेख जो होते हैं वह समाई करना पर फीचर होता है संपात की पृष्ट के लेखों से बड़ा होता है फीचर ठीक है ना और संपात की पृष्ट के लेख जो होते हैं वो समसमाई करना पर आधारित होते अजब कि feature क्या होता है, हैं मुनरंजन को लेकर, अजब ज्यागरुपता फैलाना है, कोई शमस्या हो गई, कि इन चीजों को लेकर, इनके मकसर से feature लिखे जाते हैं, फीचर क्या होता है म ठीक है न, ओके राइट, तो इसकी भासा में रवानली, काव्याकमता, नाट किता सबी चीजे यहाँ पर होता है, पर होती है तो पहले अकवारों में फीचर पर सिष्ट आमतव पर रहिवार के दिन जिसके आम तक पर रही वार के दिन जनरली हम लोग देखते ना बुद्धवार रही वार शनिवार के दिन प्रकाशित हुआ करता था जनरली लोग देखते हैं ना बुद्धवार रहिवार रहिवार के दिन प्रकाशी तो वह करता था अब इसका दारा बहुत बढ़ गया है तो यहां पर जनरली जो हर दिन किसी ना किसी इसके पहले छेत्र भी बहुत कम होने अब इसका दारा बहुत बढ़ गया है तो यहां पर जनरली जो हर दिन किसी ना किसी छेत से संबंधित फीचर यहां पर की हलचर समाजिक सांस्पितिक जत्विधि लगे हैं नगरों की छेत्र भी इन सभी संबंधित फीचर लिखे जाने लगे शिक्षा करियर विज्ञान स्वास्थ्य बहुत कम होने लगे हैं रेसेंट जीवन सेली फैशन ग्रेया निर्मार ग्रेश अजाशा ही संस्कृत के लिए यह निर्माण गिरेश अज्जाशा ही संस्कृति खेल यह इतने सारे सब्जेक्ट है इतने सारे छेत नजल पर फीचर लिखे जाते हैं ठीक है यह इतने सारे सब्जेक्ट है इतने सारे छेत रजन पर फीचर लिखे जाते हैं ठीक है और इनके लिए तो पेपरों में अब दे भी बांठ दिया जाता है कि इस दिन यह आएगा इस दिन यह जाया जाएगा इसका फीचर आएगा तो फीचर सिफ अखवारों में भी टेलीविजियल के सवचार शेयरों में भी आते हैं वह तो पूर्ण बन जाते हैं और इनके लिए तो पेपरों में अब दे भी बांठ दिया जाता कि इस दिन यह आएगा इस दिन यह जाया जाएगा इसका फीचर आएगा तो फीचर सिर्फ मतलब क्या होता है मक्षद क्या होता है तो फीचर का मतलब क्या होता है मक्षद क्या होता है सूचनाएं देना लोगों में जावगुटा पैदा करना और मनरजन पदान जाना तो फीचर का ओम सूचनाय देना लोगों ने ज्यादा पैदा करना और मंद्रण जनपदान करना तो फीचर का ओर महत्त क्या है फीचर महत्व क्या है फीचर क्यों आवश्यक है फीचर का क्या मकसद है फीचर क्यों आवश्यक है फीचर का क्या मकसद है तो सुचनाई देना होता है लोगों में जावरूपता वंजन जनपदान करना होता है ठीक है ओके दाई चलिए तो सुचनाई देना होता है लोगों में जागरूपता मंजब प्रदान करना होता है ठीक है ओके रहिए चलिए तो यह समचार पत्तों के अंग्रप साक्षातकार आता है तो यह समझार पत्र के अंगाप साख्षातकार आया था साख्षातकार पता है ना किसी मुद्दे पर लेकर किसी वक्त से बातचीत करना है साख्षातकार कर आता है कभी-कभी साख्षातकार में एक दो लोग होते हैं और कभी-कभी यह साक्षातकार पता रहे हैं ना किसी मुद्दे पर लेकर कभी-कभी यह दो लोग भी दो लोग होते हैं या पर जनरली दो लोग होते हैं साक्षातकार में और कभी-कभी उसमें ज्यादा भी हो सकते हैं ठीक है भी होते हैं या पर यह जनरली साक्षातकार अधिकारी राजनेत अव्यक्ति दोपति बिद्दानों इस अधिकारी, राजनेता, जैति, दोखपती, बिद्वानु, वहीं सभी के किसी का भी साक्षातकार हो सकता है, सभी के किसी का भी साक्षातकार हो सकता है ठीक है ना राइट तो यह साक्षातकार हो गया कार्टोन करता है ज्यादा चित्र ठीक है ना तो यहां पर अकवार पत्त पत्तिकाओं में भी प्रकाशित होते हैं तो टेलीवीजियन में समाचार ठीक है न, राइट, तो यह साक्षातकार हो गया कार्टून, कार्टून करता होता है जैम भी चिक्त, ठीक है चैनल भी कार्टोन का इस्तेमाल करने लगे जैसे आप उसमें आप न, तो यहाँ पर इन आप उसमें अक्वारों देखिए ओशोस्वारी जो आज पत्त पत्तिकाओं में तक यह में कर दो शुद्ध मनुरणजन के लिए होता है के लिए होता है तो समझारों पर आधारित कार्टून एक वास्ट वाले होते हो रामतार पर अखवारों के मुख्य पृष्ट पर होते हैं ठीक है तो यह कार्टून हो गए वेरी इंपोर्टेंट यह क्वेश्चन और यह ग्राफिक्स हो गए वह आप पर अखवारों के प्रिष्ट पर होते हैं ठीक है तो यह ग्राफिक सब्सक्राइब समझार की अंग है तो समझार पत्र में जो अंग होते हैं क्या होते हैं यह सभी चीजें उसमें होती है ठीक है ना ओके कर दो फिर इसमें विज्ञातन भी आ जाता है विज्ञातन तो बहुत इंपोर्टेंट होता है एक तरह से चलिए पैसे कमाने का एक साधन विज्ञातन हो गया है प्रश्न विज्ञा पर हो गया है ना आमधनी का बेहतर जरिया विज्ञा पर हो गया इस पर खास तो आमदनी का बहतर जरिया विज्ञातन हो गया है तो इस पर खास दोर पर द्यान दिया जाता है देखो ना निज बगड़े पर द्यान दिया जाता देखो ना न्यूज वगैरह देखने पर टीवी में एक मिनट से भी कम की न्यूज होती है और कम से चार से पांच माटों से वे विज्ञापन होते हैं एवरिटेजमेंट होते हैं और यहां पर विज्ञापन जुटाने के लिए समाद्धाता कर्नचारी नेज होती है और कब सकन चार से पांच माटों से विज्ञापन होते हैं एवरिटेजमेंट होते हैं और यहां पर विज्ञापन जुटाने के लिए संभावदाता कर्मचारी जो होते हैं एजेंटिश के अलग होते हैं सुतंत्र विभाग इसका होता है ठीक है ना और जो होते हैं एजेंटिशन अलग होते स्वतंत विभाग इसका होता है ठीक है और जिस समाचार माद्यम को जितने अधिक यापन मिलते हैं यह समझ जाता है कि उसकी आया जो होती है उतनी ज्यादा होती है तो विज्ञापन समाचार माद्यम के प्रमुख अंग बन गए हैं तो पर मिलते हैं यह सबसे जाता है कि उसकी आयाज होती उतनी ज्यादा होती है तो विज्ञाता समचार मात्रों के प्रमुख अंग बन गए हैं तो समचार मात्रों के प्रमुख अंग में समाचार माद्यम के प्रमुख अंग में विज्ञाता भी आता है ठीक है ना जैसे कोई बस तो पाद वह जरानीत बनी है उसकी जानकारी लोग तक पहुंचाने के लिए विज्ञाता कर यूज किया जाता है विज्ञापन भी है आता है ठीक है ना जैसे कोई बस्त पद पाद हो जो नामित कोई बनी है उसकी जानकारी लोग तक पहुंचाने के लिए विज्ञापन करें उसकी या जाता है सासज्जा की जाती है जनरी तुकबंदी सासज्जा की जाती है जनरी तुक्वंदी लाइन गायक वगैरह में गाय की वगैरह में कंत्र वगैरह में विज्ञाता जनरी बहुत आते हैं ताकि लोगों की जवाब पर चल जाए जवाब पर रहे ठीक है ना में गाय लाइन गायक वगैरह तो एक तरह से विज्ञातन के माध्यम से लोगों को अपने होर एक्ट्रक्टिव किया जाता है, खींचा जाता है, ताकि उसको एक बात को में गाय की खरीदे और योज करें, तो बेरी इंपोर्टेंट है, सभी चीज़े आपके ल इसमें से कोई भी एक कुछ पूछा जा सकता है ठीक है ना पत्र भी सी कहता है ताज आतर जाना देखने की ज़रूरत नहीं है ठीक है ना कि उठा जा सकता है ठीक है ना पत्र भी सीखें तरफ दाजातर जाना देखने की जरूरत नहीं है ठीक है ना प्रिंट लाइने से भी प्रिंट लाइन समझ आया पत्र के जो मैं अंग्र कह लाते हैं पत्र के अंग्र कहलाते हैं अंग्रिश को शरीर कोशिश बहुत सारे इसमें अमनिष्ट कुशन इसमें देखिए अगर एक आजी में कर देखते हो गए आजी में ही करते हैं प्रवाद उक्षम पूछ लिया पत्त का विज्ञापन के प्रकासित किया जाते हैं पाठकों को क्या लाभ मिलता है प्रवादु कम मुझे यहां पर क्वेश्चन देखिए पूछ लिया हां कोशिश पूछा ना पत्त काम में विज्ञापन के प्रकासित किया पाग्या में पते नहीं नया प्रोडक्ट मार्केट में आगे में पते में चलता तो विज्ञापन के माध्यवजन में पता चल जाता है यह सभी चीजें होती हैं चलिए कि चलता तो विज्ञापन के मार्केट में पता चल जाता है यह सभी चीजें ह अ अब अगला हमारा कुछ चाना पत्र लेखन के लिए अब अगला हमारा कुछ नहीं पत्र लेखन के लिए लेखन की पद्धत थोड़ा सा कम कर लेते हैं पत्र समाचाव पत्र के लिए लेखन की पद्धत थोड़ा सा कम कर लेते हैं समाचाव पत्र के लिए लेखन की पद्धती क्या है ठीक है ना होके चलिए लेखन की पद्धती क्या है ठीक है ना होके चलिए तो बेरी इंपोर्टेंट यहां पर बन जाता है अब सबसे पहला तो बेरी इंपोर्टेंटी क्वेश्चन यहाँ पे बन जाता है हम सबसे पहला क्व कुछ ले ल समचार पत्र के लिखन का विप्राय क्या है?
लेखन का विपराय क्या है? लेखन का विपराय मतलब होता है लिखना. लिखन का विप्राय मतलब होता है लिखना. आप देखो समझार जो होता है बहुत बड़ा होता है इसमें बहुत सारे कॉलम होते हैं, आप देखो समचार जो होता है बहुत बड़ा होता है इसमें बहुत सारे कालम होते हैं, बहुत सारे टॉपिक होते हैं और यहाँ पे हर एक कॉलम है टॉपिक को लिखने वारे लोग जो होते बहुत सारे टॉपिक होते हैं और यहाँ पे हर एक कालम है टॉपिक को लिखने वारे लोग हैं अल� समझ दिए कुछ आर्थिस्ट समझ दिए कुछ अनुसास समझा मंगित लेखन काम की जाते तो इसके लिखने वाले भी अलग-अलग होते हैं रहा तो समझ पत्रों को में जो समझ पत्र होता है पत्रों को में जो समझा पत्र होता है वह मुख्य उद्देश होता है वह मुख्य देश होता है हजारों और लाकों पाठक होते तो उन्हें हजारों और लाकों पाठक होते तो इन तक सूचनाएं और समझा पहुंचा रहा ठीक है ना तो समझा पत्रों के पाठकों में सभी तरह के लोग होते हैं मान लीजिए सब्सक्राइब करें लोगों तो होते हैं लोग तो होते लोगों लोगों लोग होते हैं और सबकी रुष्य सबकी जरूरते आवश्यकता है सबकी जानकारी अपनी अलग-अलग होते सबका अस्तर अपना अलग-अलग होता है ठीक है ना लोग होते हैं और सबकी रुष्य सबकी जरूरते आवश्यकता है सबकी जानकारी अपनी अलग-अलग होते सबका अस्तर अपना अलग-अलग होता है ठीक है ना तो समाचार पत्रों को तो समाचार पत्रों को सभी पार्ट को का बराबर ध्यान रखना पड़ता है तो कोई है कोई समाचार पत्र इसी के अपने पार्ट क्यों पेक्षा करके सभी पार्ट को का बराबर ध्यान लगना पड़ता है तो कोई है कोई समाचार पत्र चीज अगर इसी के आप तो लेखन अपने पार्ट क्यों पेक्षा करके यहां पर तो लेकर से ली यानि से यानि कि लेखन कब प्राय मतलब कि लेकर करता है मतलब यहां पर हो जाता है लेखन सेली मतलब यहां पर हो जाता है लेखन सेडी जनरली जो यह समाचार पत्र का लेखन होता है वह पाठकों को ध्यान में रखे पाठक वर्क को ध्यान में रखे किया जाता है जनरली जो आशा पत्र का लेखन होता है वह पाठकों को ध्यान में रखे पाठक वर्ग को ध्यान में रखे किया जाता है सबसे पहली बात तो यह होती है कि समाचार पत्र का लक्षित पाठक वर्ग कौन है यह सबसे पहली बात तो यह होती है कि समाचार पत्र का लक्षित पाठक वर्ग और नहीं है जानना जरूरी होता है जानना जरूरी होता है लक्षित पाठक वर्ग यानि कि एक पढ़ने वाला हम आप समाचार पत्र पढ़ते हैं लक्षित पाठक वर्ग यानि कि एक पढ़ने वाला हम आप समाचार पत्र पढ़ते समझना चार पत्रों को जरूरी होता है ठीक है ना जरूरी होता है ठीक है ना और उसी के हिसाब से हमारी समाजिकार्थिक और उसी के हिसाब से मारी समाजिक आति प्रिष्ट्र भूमिक कितने पड़े लिखे हैं पर लिखे हैं और उसी के हिसाब से लेखन का कान किया जाता है लेकर की शहरी को उसी के हिसाब से ढाला जाता है ठीक है तो समाचार पत्र का अपने लक्षित पाटक वर्क के अरुसार ही लेखन वासा सहबी का निधारण करता है राइट ओके ठीक है ना चलिए और उसी के हिसाब से लेखन का काम किया जाता है लेखन की शहरी को उसी के हिसाब से ढाला जाता है ठीक है तो समाचार पत्र का अपने लक्षित पाटक वर्क के अनुसार ही लेखन और भाषा शहरी का निधारन करता है राइक जेले के इसके अलावा भी कुछ ऐसे समाचार पत्र से ओके जनसत्ता नवभारा टाइल जैनि जैवरण जैनि भासकार राष्ट्री सहारात प्रमुख समाचार पत्र ठीक है ना चलिए है जो लेकर लेकि तो ये तो हो गया तो ये तो हो गया लेकन की प्रक्रिया लेखन की प्रक्रिया किस तरह की लेकन से भी आप अपनाई जाती ठीक है और अब किस तरह की लेखन से भी आपनाई जाती क्योंकि अब चलिए अखे चले कुछ बुनियादी बाते हैं, कुछ बुनियादी बाते हैं, लेखन लिखने के पहले क्या चीज़ें लेखन लिखने के पहले क्या चीज़ें जरूरी होते हैं, ज़रूरी होते, समचार को लेखन करने के पहले लिखने के पहले, समचार को लेखन करने के पहले लिखने के पहले, तो यहाँ पर तो यहाँ पर जो लेखन समचार लिखता है, जो लेखन समचार लिखता है, तो सबसे पहली बात कि आप किसी भी अकवार या पत्यका के लिए काम करें और लिखें तो सबसे पहली बात कि आप किसी भी अखवाय या पत्रिका के लिए काम करें या ल बातें उन्हें पहला वह पहला बातें उन्हें पहला वह पहला कि आप पत्रकारी लेखन आजोध बज्ड़निष्ठता कि आप पत्रकारी लेखन आजव बस्तुनिष्ठता तत्य परक्ता निष्पक्षता और संतुरम पर आधारित चाहिए तत्य परक्त निष्पक्षता और संतुरम पर आधारित जाना चाहिए तो यहां पर किसी भी समाचार पत्र को लेखन के पहले और लेखन की क्या-क्या विशेषता हैं बेरी तो यहां पर किसी भी समाचार पत्र को लेखन के पहले या लेखन की क्या-क्या भी सेस्ताएं होती बेरी इं� प्रश्न साथ के लिए बन जाता है प्रोशन साथ के लिए बन जाता है कि पत्रकारी लेखन के लिए समझ और पत्र लेखन की क्या-क्या विशेषता होती है कि पत्रकारी लेखन के लिए समझ जाए पत्र लेखन की क्या-क्या विशेष्टा होती है तो देखिए वस्त निष्ठता होना जरूरी है तत्त परक्ता निष्पक्षता संतुनन तो देखिए वस्त निष्ठता होना जरूरी है तत्त परक्ता निष्पक्षता संतुनन इन सभी चीजों को अरख करके जो है इन सभी चीजों को रख करके जो है एक लेखक जो होता है वह लेखन का काम करता है ठीक है एक लेखप होता है वह लेखन का काम करता है ठीक है और फीचर और विचार पर जो आलेक होते हैं थोड़ा ही अलग हो जाता है तो और फीचर और विचार पर जो आलेक होते हैं थोड़ा ही अलग हो जाता है तो भाषा और शहली जो होती है सरल होनी चाहिए सहज होनी चाहिए भाषा और शहरी जो होती है सरल होनी चाहिए सहज होनी चाहिए आसान होनी चाहिए ताकि पढ़ने वालों समझ में आ जाए पटिन वर्डों का यूज नहीं करने चाहिए आसार होनी चाहिए ताकि पढ़ने वालों के समझ में वह वाक छोटे होने चाहिए सरन होने चाहिए ताकि पाठक पढ़े वाक छोटे होने चाहिए, सरल होने चाहिए, ताकि पाटक पढ़े, और तुरंत उसका अर्थ उसका समझ में आ जाए ऐसा ना हो कि आपने ऐसे वाक्ति लिख दिया कुछ पर डिक्शनरीय शब्द को निकालना पड़े हैं और तुरंत उसका अर्थ उसका समझ में आ जाए, ऐसा ना हो कि आपने ऐसे वाक की लिख दिये, कुछ पर डिक्सनरिय शब्द को इस निकालना पढ़े हैं, फिर तीसरी महत्वपूर्ण बात के अखवारी लेखन कद्देश पार्टों को सूचित करना जावरूम बनाना होता है हाँ ना, फिर मजरंजन करना होता है इन इसमें रख करके बात तीसरी महत्वपूर्वात के करने की अब देखो यहां पर उसके वह दिए विशेषताएं है अ� लेखन शैली की विशेषता देखो दियू नहीं थी क्या ना तो सहर जो सहर तरीका होना चाहिए दिये तो सहज और सर्व तरीका होना चाहिए ठीक है ना कि आप जिस अक्वार पर ठीक है ना कि आप जिस अक्वार तो इसकी भाषा लेखन सहली प्रस्वतिकण लिखना चाहते हैं उस पर आपको खुब ध्यान लगना चाहिए तो उसकी भासा लेखन सहली प्रस्थिति करण सरल और सहज होनी चाहिए ताकि पढ़ने वाला उसको सरर और सहज होनी चाहिए ताकि पढ़ने वाला उसको आराम से पढ़ सके आराब से पढ़ सके हारा गई तीसरी यहाँ पर वही है कि सबसे आप हरा राइट तीसरी यहाँ पर वही है कि सबसे बस तो निष्ट्र तत्त बस तो निष्टर तत्त पढ़ेगी पर अक्तानिस्पक्षिता होनी चाहिए, पर अत्तर निस्पक्षिता होनी चाहिए, ये दूसरी और तीसरी बात यहाँ पे हो गई, ये दूसरी और तीसरी बात यहाँ पे हो गई, तो ये कुछ इंपोर्टन चीज़े हैं, तो ये कुछ इंपोर्टन चीज़े हैं, जो लेखन को करने के पहले, जो लेकंग को करने के पहले लेकंग को ध्यान में रखना चाहिए, लेखन को ध्यान में रखना चाहिए, अनुसासन का पारण करना चाहिए, अनुसासन का पारण करना चाहिए, ठीक है राइट, ठीक है, राइट, तो कुछ चीज़ तो जाएंगी समाचार पत्र के लिए लेखन के प्रमुख रूप कौन-कौन से हैं लेखन के प्रमुख रूप कौन-कौन से हैं अब यहां पर रूप में देखेंगे अब यहां पर रूप में देखेंगे समाचार लेखन होता है समाचार लेखन होता है क्योंकि समाचार पत्रों के लेखन का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष समाचार लेखन होता है क्योंकि समाचार पत्रों के लेखन का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष समाचार लेखन होता है अब क्वेश्चन दो अब क्वेश्चन तीन दो हिस्सों में बांटा जाता है समाचार पत्र की सामग्री को तीन हिस्सों में पहला समय अ यहां पर ना राइट तो देखो समाचार पत्र जो प्रकाशित होते हैं उस शामग्री को तीन हिस्सों में बांटा जाता है समाचार पत्र की शामग्री को तीन हिस्सों में पहला समझ दो समचार समचार दोसरा फीचर दूसरा फीचर और तीसरा विचार परक्ष सामग्री और तीसरा विचार परक शामग्री इन तीनों की लिखने की जो सेल्डी होती है बिल्कुल अलग-अलग होती ठीक है ना राइट इन तीनों के लिखने की जो सैली होती है विल्कुल अलग-अलग होती ठीक है ना राइट तो अब यहां पर पहला समचार पत्र लेखन के प्रमुक रूप या प्रकार कौन-कौन से हैं तो अब यहां पर पहला समचार पत्र लेखन के प्रमुख रूप या प्रकार कौन-कौन से है सबसे पहले समचार लेखन होता है ठीक है सबसे पहले समचार महत्वपूर्ण होता है साथ सबसे फीचर समचार सामग्री होती है अखवार में अखवारों का मुक्त का पाठ को खबर देना होता है ठीक है ना लेखन राइट समचार किसी ताजी घटना ह विचार या समच्चा की दुपया समस्या अच्छा है तो इसकी रिपोर्ट होती है इस लोगों की रूप से इसमें हो मान लीजिए कोई समस्या हो गई कोई घटना कोई विचार है अगर रिपोर्ट समाचार नहीं होती है ठीक है ना तो किसी घटना विचार समस्या के समाचार बनने ले कई सबस्क्राइब करें और समचार नहीं होती है ठीक है ना तो किसी घटना विचार समचार के समचार बनने के लिए कई सरते होती है मां कोई जरूर कोई घटना हो गई तो समचार बन जाए ठीक है ना समचार वह होता है जो किसी को अपनी ओर नहीं थी उसको जानने के लिए लोग उपशुक हो उसको जानने के लिए उसमें नवीनता होना चाहिए उसमें नवीनता होनी चाहिए नया पर होना चाहिए ठीक है ना कोई बदलाव उसमें हो यह समचार कहना आता है ठीक है ओके यहां पर कोई बदलाव उसमें यह समाचार कहलाता है ठीक है यहां पर यहां पर यहां पर समाचार और फीचर लेकर दूसरा उसका प्रकार रूप हो गया ठीक है तो समाचार फीचर का ताक पर ऐसे आलेक्स इसमें किसी समाचार के समाचार और फीचर लेकर दूसरा उसका प्रकार रूप हो गया ठीक है तो समाचार फीचर का ताक पर ऐसे आलेक से इसमें किसी समाचार के शामान पक्ष से अलग हिटकर उसकी किसी दूसरे पहलों को शामान पक्ष से अलग हिटकर उसे किसी दूसरे पहलु कोड़ को समाचार से अलग समाचार से अलग शहर में प्रस्तुत किया जाता है प्रस्तुत किया जाता है मतलब समाचार फीचर का मतलब होता है कोई आलेक हो गया मान लीजिए मतलब समाचार फीचर का मतलब होता है कोई आलेक हो गया मामलीजिए मनुरंजन हम लेते मनुरंजन हम ले लेते हैं एक आलेक मनुरंजन के बारे में लिखना ठीक है ना जब आप मनुरंजन के बारे में लिखोगे तो समाचार में जो सवाचार होता है जो समचार होता है उससे यह अलग हट करके होता है क्योंकि इसको देखने का नजरिया अलग होता है इसकी सैनी भी अलग होती है लिखने का दंग प्रश्चिति करना का उससे यह अलग हट करके होता है क्योंकि इसको देखने का नजरिया अलग होता है इसकी सैली भी अलग होती है लिखने का डंग प्रस्थिक करका अलग डंग होता है मनुरंजन को अलग धंग होता है मनुरंजन को तो मनुरंजन फीचर तो मनुरंजन फीचर अभी सवाचार से अलग हो गया ठीक है तो शैली में रुपात्मक लेकर के साथ अभी समसार से अलग हो गया ठीक है तो शैली में रुपात्मक लिखन के साथ जो जो मानों के ख़वर होता है बढ़नन जो होता है उसको छोड़ने की कोशिश की जाती तो मैंने कहा मानों का ख़वर होता है बढ़ना जो होता है उसको छोड़ने की कोशिश की जाती तो मैंने कहा कि मनुरंजन वह मनुरंजन फीचर तो मनुरंजन फीचर में अब इसके बारे में बताएंगे कि मनुरंजन वह मनुरंजन फीचर तो मनुरंजन फीचर में आप गीत संगीत के बारे में फिल्मों के बारे में बताएंगे तो उनका यहां पर वर्ण किया जाता है ठीक है राइट ओके गीश संगीत के वारे में फिल्मों के वारे में बताएंगे तो उनका यहाँ पर वर्डम किया जाता है ठीक है राइट ओके इसका प्रमुख को 10 मनरंजन करना होता है पाठको का मनरंजन करना होता है ताकि उनको सूचना मिल जाए और उसकी विवेक्षण ही की जाती है इसका प्रमुख कुद्देश मनुरंजन करना होता है पाठको का मनुरंजन करना होता है ताकि उनको सूचना मिल जाए और उसकी विशेष नहीं की जाती है तो देखिए गांव अच्छा फीचर आपके लिए इंपोर्टेंट होता है ठीक है ना तो देखिए गासमांचार फीचर आपके लिए इंपोर्टेंट हो समाचार और फीचर की बीसरवादी के और मातपूर्ण जो फर्क होता है उनकी लेखन सहली को लेकर के होता है। मैंने कहा ना समाचार और फीचर की भी सर्वादिक अमात पूर्ण जो फर्क होता है उनकी लेखन सहली को लेकर के होता मैंने कहा ना कि फीचर की लेखन सहली बिल्कुल अलग होती है। कि फीचर की लेखन सहली बिल्कुल अलग होती है समाचार लेखन की सहली मिश्चित होती है और जिसका सभी समाचार पत्र पारंग करते है समाचार लेकर की सहली निश्चार निश्चित होती है और जिसका सभी समाचार पत्र पारंट करते हैं पहली विशेषता अंतर देख लो आप इसे इस तर अंतर देख लो आप, समाचार लेखन में और फीचर लेखन में क्या अंतर है, समाचार लेखन में और फीचर लेखन में क्या अंतर है समाचार समाचार लेखन और फीचर लेखन में तो पहला अंतर सहली लेखन सहली का होता है कि समाचार लेखन की सहली निश्चित होती है फिक्स होती है पैटर्न प्रारूप होता है लेखन और फीचर लेखन में, तो पहला अंतर सैनी लेखन सैनी का होता है, कि समाचार लेखन की सैनी निश्चित होती है, फिक्स होती है, पैटर्न प्रारूप होती है, होता है जरिए समी समाचार पत्रुषी में लिखते हैं जरिएलिस समी समाचार पत्र सी में लिखते हैं लेकिन फीचर लेकर में ऐसी कोई निष्चित सहली नहीं होती है लेकिन फीचर लेखन में ऐसी कोई निश्चित सहली नहीं होती है फिर दूसरा अंतर फिर दूसरा अंतर फीचर लेकर में स्रिजनात्मकता फीचर लेखन में स्विष्णात्मकता प्रयोग और संबेदन सीलता की काफी गुणजाहिस होती है प्रयोग और संवेदन सीलता की काफी गुणजाईस होती है यानि feature लेकर में सुझनात वक्ता प्रयोग संबेदन सीलता पाई जाती है यानि फीचर लेकर में स्रिजनात्मकत और समाचार लेकर में जबकि ये नहीं होता है और यही कारण होता है कि feature अपने नए बंसे पाटकों को आकरशित कर लेता है तो feature को दो इस्सों में बाटा आ सकता है समाचार feature और गैर समाचार feature समाचार feature का समझ समाचारों से होता है और होक खबरों से बिस्तार से होता है soft news जैसे हो गया ठीक है समाचार feature और गैर समाचार feature समाचार feature का समझ समाचारों से होता है और हुँक खबरों से बिस्तार से होता है soft news जैसे हो गया ठीक है ना और समाचार feature एक प्रकार से कई बार समान खबरों को भी कहा जाता है ना प्रकार से कई बार समान खबरों को भी कहा जाता है तो यहां पर हमने देखा दो तो यह यहाँ पर हमने देखा दो अमने अंतर यहाँ पर ले लिए अंतर यहां पर ले लिए समाचार लेकरन में फीचर लेकरन में क्या अंतर होता है समाचार में और फीचर में क्या अंतर होता है ठीक है और गहर समाचार फीचर क्या होता है आम किसमें के फीचर से होता है समाचार लेकर में और feature लेकर में क्या अंतर होता है समाचार में और feature में क्या अंतर होता है ठीक है और गैर समाचार feature क्या होता है आम किस्म के feature से होता है यानि तत्कालिकता का दबाव इसमें नहीं होता है और नहीं उनका समाचार से कोई सीधा संबंध होता है ठीक है ना मान ले समाचार पत्र के फीचर पीछर के फीचर प्रिष्ट में ना इसमें नहीं होता है अन्ना यह उनका समाचारों से कोई सीधा संबंध होता है ठीक है ना मामली समाचार पत्र के फीचर पीछे फीचर प्रिस्ट में जो पुल आउट होता है उसमें चाते दुनिया बड़की विश जो नियुक्त के बिश्यों पर तो feature को तो feature को सवा चार feature के तुलना में जगए भी ज़्यादा मिलती है और उसकी एक खाशियत भी होती है प्रस्थुतिकर्ण, सवा चार फीचर के तुलना में जगई भी ज़्यादा मिलती है और उसके खाशियत भी होती है प्रस्थितिकर्ण, फोटो, फोटो, रेखांकन, रेखांकन, ग्राफिक्स, ग्राफिक्स, कार्टून आज काफी एहियत होते हैं, कार्टोन आज काफी अहिम्यत होते हैं, ये सब होते हैं किसमें, ये सब होते हैं किसमें, ये सब ही होते हैं और उसमें feature में, ये सब ही होते हैं उसमें फीचर में, देखो जब मैंने कहा कि मनरंजन फीचर, देखो जब मैंने कहा कि मनुरंजन feature, अब मनरंजन एक फीचर के अंतरवेथ हमने मनरंजन सबजेट को ले लिया है क्योंकि मनरंजन फीचर में ही आता है, अब मनुरंजन एक feature के अंतरगत हमने मनुरंजन subject को ले लिया क्योंकि मनुरंजन feature में ही आता है तो भाई हम किसी हीरो हीरोन के बारे में किसी के बारे में फिल्म के बारे में बता रहे हैं, बारे में फिल्म के बारे में बता रहे तो आप फोटो भी डालते हैं रेखांकित भी करते ग्रॉफिक्स भी लेते हैं काट्रून भी बना देते हैं तो यह सभी चीजें फीचर के अंतर गता जाती है बेरी इंपोर्टेंट फीचर से तो आप ग्राफिक्स भी लेते हैं, काटून भी बना देते हैं, तो ये सभी चीज़े फीचर के अंतरगत आ जाते हैं, वेरी इंपोर्टेंट फीचर से कुछ अन्य परसेंट पूछेगा, पूछेगा तो फीचर का मुख्य देश होता है पाठकों का मनुरंजन करना होता है तो फीचर का मुख्वदेश जो होता है, पाठको का मनुरंजन करता होता है, और मन� और मनुरंजन करते वे रोजमर्राह के जीवन में जो भी उपयोग आने वाली जानकारी होती है जो भी उपयोग आने वाली जानकारी होती है खान पान रहन से हन फैशन हन लाइव स्टाइल संस्कृति स्वास्त्यात्र सब भी चीजों के वारे में उपलब्द कराना होता है तो feature एक लोग प्रिता की और बढ़ता हुआ पक्ष है खान पान रहन से फैशन लाइव स्टाइल संस्कृति स्वास्थ्याता सभी जो के बारे में उपलब्ध कराना होता है तो फीचर एक लोग प्रेटर विदा की ओर बढ़ता हुआ पक्षे बेरी इंपोर्टेंट है आपका फीचर तो इसको आप देख लेना देखिए विचार प्राप्त लेक्ट क्या होता है तो विचार प्राप्त लेक्ट का मतलब होता है बिचार प्राक्ट लेक क्या होता है जिसमें लेकर के विचारों को महत्व किया जाता है कोई समाचार पत्र उसका संपाद की प्रिष्ट पर छटने वाले जो लेक होते हैं ना जिसमें लेक के बिचारों को महत्व दिया जाता है कोई समाचार पत्र है उसका संपाद की प्रिष्ट पर छपने वारे जो लेक होते राइट उसको इसी स्नेडी के अंतरगत लगा जाता है संपाद की में क्योंकि यहां पर विचार को रखा जाता है और जो विचार आलेक होते हैं ना संपात की में क्योंकि यहां पर बिचार को रखा जाता है और जो बिचार आलेक होते हैं उनका उद्देश पाठकों को ज़्यादा बनाना होता कोई ताजानिस है कोई मुद्दा हो गया कोई समस्या कोई सरकार ने कानून नियम पॉलिसी बना है तो उसके बारे राय रखना होता है और साथ ही साथ में सब जो अखवार होते हैं संपात की में पॉलिसी बना है तो उसके बारे में राय रखना होता है और साथ ही साथ में सब जो अखवार होते हैं समपातकी में जो बिचार रखते हैं समपातकी में बिचार रखा जाता है यही बिचार परक लेखन है तो उसमें जो बिचार रखते हैं संपात की विचार रखा जाता है यह विचार प्रक्लेक्शन है तो उसमें पाठकों की राय नहीं जानी जाती ठीक है तो तो समचार ऐसे आले किसी समचार पत्र की पहचान बनाते हैं समाचार प्रक्रम तो बिचार पर प्रक्रम परक लेखन में तक्त, पता चलता है तो विचार पर लेखन में तक तरफ और विश्वशन होता है उसके जरिए मिक्सकर्स तक पहुंचने की कोशिश की जाती है ठीक है ना ओके तर्ग और बिचलेशन होता है उसके जरिये निस्कर्स तक पहुँचने की कोशिश की जाती है समचार लेकर समझ अपने प्रक्रिया और सहड़ी बेरी इंपोर्टेंट क्वेश्चन प्रक्रिया और सहरी बेरी important questions फर्स्ट आया है तो बेरी important को फर्स्ट आया है तो इसके पहले जो भी पढ़ाया वो basic जानकारी कि आप जानो इसके पहले जो भी पढ़ाया वह बेसिक जानकारी थी आप जानो ये चीजे क्या कहलाती कि अब आप पूरे subject में ये ही चीजे वागे पढ़ेंगे यह चीजें क्या कहलाती कि आप पूरे सब्जेक्ट में यही चीजें पड़ेंगे ठीक है ना तो यह आप यह नहीं जानो कि फीचर क्या है विचार प्रकार क्या ठीक है ना तो अगर आप ये नहीं जानोंगे feature क्या है विचार परकाख्यान क्या है ये समाचार क्या है है यह समाचार क्या यह नहीं जानेंगे तो कैसे ये बेसिक चीज था फीचर वाला क्वेश्चन जो भी जस्ट ऊपर बता है वह बेरी इंपोर्टेंट था ठीक है ना आपकी क्वेश्चन इंपोर्टेंट वाले सुन जाते हैं समाचाल लेखन की प्रक्रिया क्या होती है और उसकी सहली क्या होती ठीक है ना राइट नहीं जानेंगे तो कैसे तो ये basic च क्या होती है और उसकी सहली क्या होती ठीक है ना राइट क्योंकि किसी भी समाचार पत्र जो होते हैं उनकी जो क्योंकि किसी भी समाचाल पत्र जो होते हैं उनकी जो एंपॉर्टेंट चीज विशेष्टा में होती है और लेखन होती ठीक है ना तो यहां पर देख लेते हैं सबसे पहले अपनी समाचार पत्र उसका पारण करते हैं किसका एंपोर्टेंट चीज विशेष्टा में होती हो लेखन होती ठीक है ना तो यहां पर देख लेते हैं सबसे पहले समिश समाचाल पत्र उसका पारण करते हैं इसका शहरी का पारण करते हैं तो लेखन की प्रक्रिया ही सहली कहना दिया शहरी का पारण करते तो लेखन की प्रक्रिया ही सहली कह रहती है लिखन लिखने की क्रिया तो उल्टा पिरामिन सबसे पहले यहां पर आ जाता है तो समाचार पत्र की शहरी या पर लेखन की प्रक्रिया क्या कहला दिया ठीक है ओके अ लिखने की क्रिया तो उल्टा पिरामिन सबसे पहले यहां पर आ जाता है तो समाचार पत्र की शैली या भी समाचार पत्र लेखन की प्रक्रिया क्या कहलाती है ठीक है ओके तो उल्टा पिरामिंड क्या होता है तो उल्टा पिरामिन क्या होता है उल्टा पिरामिन पिरामिन जो होता है ना यह समाचार लेखन की उल्टा पिरामिंड जो होता है यह समाचार लेकन की सबसे पुरानी पारंपरिक और स्विकार शैली है सबसे पुरानी पारंपरिक सबसे पुरानी पारंपरिक और स्विकार शैली है सबसे पुरानी पारंपरिक शैली है और दुनिया बर के समाचार चाहें वो मीडिया हो वक्वार वो रेडियो टेलीजन जो भी हो रेडियो टेलीजन जो भी यो जहां पर भी समाचार लिखन के सहली लोग प्रेव होती थी क्या ना जहां पे भी समाचार लेकर के सहली लोग प्रेवोती थी के ना और उन्निस्विष्ट वे इस सहली को अपनाया गया था तो उल्टा पिरामिन सहली है क्या देखो वो सकता है लग से भी कुछ और उन्नीस्विष्ट शदी में इस सहली को अपनाया गया था तो उल्टा पिरामिन सहली है क्या देखो वो सकता है अलग से भी कुछ सम पूछ सकता है तो उल्टा पिरामिन सहल सकता है तो उल्टा पिरामिन सहली लिखिए समाचार को लिखने की वैसे होती इसमें किसी किसी घटना विचार समस्या को सबसे अहर समाच और नए तत्व सूचना को सबसे पहले लिखा जाता है देखो पिरामिंड कैसे होता है पिरामिंड कैसे होता है, पिरामिंड ऐसे होता है न, पिरामिंड ऐसे होता है ना इस तरह का होता है न, इस तरह का होता है नीचे सकरा ऊपर चौड़ा नीचे निचे चोड़ा उपर शक्रा, चौड़ा ऊपर सकरा लेकिन उल्टा पिरामिंड शहरी होता ना जस्ट अपोजिट होता है यह इस तरह का होता है यह ऐसे होता है लेकिन जो उल्टा पिरामिंड शेंदी होता है न, जस्ट अपोजिट होता है, ये इस तरह का होता है, तो इसमें क्या होता है ये ऐसे होता है, कोई मान लीजिए घटना है विचार समस्या समाचार यही है, तो इसमें क्या समाचार में हम क्या लेते हैं, किसी घटना, होता है, विचार, समाचार तो समाचार बनता है न, कोई मान लिजे घट तो कोई घटना, विचार, समाचार होती है न, और मान लीजिए, जो समाचार, विचार, विचार गटना हो गई उसके तथ होते हैं जो सूचना होते हैं इसको सबसे पहले लिखा जाता है यह घटना हो गई, तत्थ होते हैं, जो सूचना होते हैं, उल्टा पिरामिन शैली होता है तो सबसे इंपोर्टेंट वाली जो गटना विचार समस्या होते इसको सबसे पहले लिखा हैं इसको सबसे पहले लिखा जाता है फिर उसके बाद तो सबसे पहले important वाली सबसे पहले लिखा जाता है, फिर घटे वे करम में मात्र के हिसाब से नीचे चलता जाता है, गटते वे करम्ये तो इस सहली में किसी घटना का ब्योरा जो होता है ना, वो काल के हिसाब से, के इसाब से कालनुक्रण के हिसाब से नहीं होता है कालनुकरम के हिसाब से नहीं होता है, बल्कि तथ और सूचना के हिसाब से होता है जो तो सूचना जितनी ज्यादा इंपोर्टेंट होती है बर कि तथ और सूचना के हिसाब से होता है, जो सूचना जितनी ज़्यादा important होती है, उस चीज को उतना ज्यादा ऊपर रखा जाता है ठीक है तो यह सही कथा या कहानी लेकर की अपने रखें ठीक उल्टा होता है तो यह सहली कथा या कहानी लेखक की प्रक्रिया के ठीक उल्टा होता है, यानि कि कथानी और प्रण्यास में क्लाइमेक्स जो होता है वो सबसे बाद में आता है पन्नियास में क्लाइमेट्स जो होता है वो सबसे बाद में आता है हाँ ना, हाँ ना, में इंटरेस्टिंग चीज़ जो होती है क्लाइमेक्स वो बाद में आता है मेल इंटरेस्टिंग चीज जो होती है क्लाइमेट्स वो बाद में आता है उल्टा पिराविन्ड में क्या होता है समचार में कि क्लाइमेट्स सबसे पहले ही आ जाता है चरम सीमा पे सब उल्टा पिरामीन में क्या होता है समचार में कि क्लाइमेक्स सबसे पहले ही आ जाता है चरम सीमा पे सबसे उ लेता है तो काथा या कहानी लेखा को अगर सीधा पिरामिंड मान लिया जा तो समचार लेकर में उल्टा हो जाता है ठीक है तो का लेकर अगर सीधा पिरामिंड मान लिया जाता है इसलिए इसको उल्टा पिरामिंड कहते हैं ठीक है तो इसके बाद घटते हुए महात्रप्रम में सूचनाय दी जाती है इसलिए इसको उल्टा पिरामिंड कहते हैं ठीक है तो इसके बाद गटते वे महत्वक्रम में सुचनाय दी जाती है तो इस तरह से सुरूत तब से पहले इस तरह से शुरू तो सबसे पहले प्रमुख उबिंद्र से होता है लेकिन उसका समापन कहीं भी हो सकता है ठीक है बेरी इंपोर्टेंट है उटा पिरामिंट शैली को तीन भागों में बाटा गया है बिंदु से होता है लेकिन उसका समापन कहीं भी हो सकता है ठीक है बेरी इंपोर्टेंट है उटा पिरेमिन सेली को तीन भागों में बाटा गया है मुखडा या इंट्रो में मुखडा या इंट्रो में लीड बाड़ी और समापन में ठीक है तो मुखडा इंट्रो क्या बनाता है जो समचार की पहले तीन-चार पक्तियों की पैराग्राफ होते हैं ठीक है लिंड बाड़ी और समापन में ठीक है तो मुखडा इंट्रो क्या बनाता है जो समचार की पहले तीन चार पक्तियों की पैराग्राफ होते हैं ठीक है और उसके बाद की पक्तियों में खवर बेहरे जो आते हो बाड़ी में आ जाते हैं और उसके बाद खवर कहीं भी समापन हो जाता है कहीं पर और उसके बाद की पक्तियों भी तो कहीं पर भी गोष्टा नहीं करने पड़ती है कि उल्टा पिरामिन देख लीजिएगा इंपोर्टेंट हो सकता है फिर आता है यहां पर तो कई पर भी गोष्टा नहीं करने पड़ती है तो यह उल्टा पिरामिन देख लीजिए का इंपोर्टेंट हो सकता है फिर आता है यहाँ पर रेत घड़ी सहली यह आपके समाचार लेखन के लिखने की सहली है लेकर के रेत घड़ी सहली यह आपके समाचार लेकर के लिखने की सहली यह लेकर की तो रेत घड़ी सहली जो है उल्टा पिरामिन तो रेत घड़ी सहली जो है उल्टा पिरामिन सहली और क शैली यानि दोनों का मिश्रण होती है और इस शैली का प्रयोग बहुत कम होता है लेकिन खेर सांस्पितिक और घटना प्रधान में यह सहली और शैली प्रभावी माने जाती है ठीक है न राइट है इस सेलिये समाचार के मुखडे के सुरुवात उल्टा तिरामेड में होती है, इस सेलिए समाचार की मुखडे की सुवात उल्टा पिरामिन में होती है, यानि सबसे महत्वपूर्ण बाते जो होती है, यानि सबसे महत्वपूर्ण बाते जो होती है, पैराग्राफ शुरु में होती है, पैराग्राफ शुरू में होती है, दो तीन पैराग्राफ में आ जाती है, दो तीन पैराग्राफ में आ जाती है, और उसके बाद समाचार को एक कथा के तरह शुरू से और उसकी वाँस समाचार को एक कथा के तरह शुरुव से कालकरम के इ कालकरम के हिसाब से क तो पूरा घटना कराँ कुछ इस तरह से घटा है इससे पहले आज सुबह जब मैं शुरू हुआ तो सचिन तेनों का विरेज सेवार में पानी की शुरुवात की ये पंक्तियां है कुछ रेत गड़ी सैली की ठीक है न राइट है तो रेत गड़ी सैली क्यों कहते हैं इसको पूरा घटना क्रम कुछ इस तरह से घटा है इससे पहले आज सुबह जब मैं शुरू हूँ तो सचिम तेनों का बेरेज सहवाग ने पाले की जुरुवात की ये पंगतिया कुछ रेट गड़ी सेवी की जी क्या ना राइट है तो रेट गड़ी सेवी क्यों कहते ह प्रक्रिया प्रक्रिया में दोनों इसे रेरकड़ी की सक्लवे दिखने लगते हैं ठीक है ना तो अश्लील पाठा को कहानी कारण में मिलता है उसे लगता है कि पूरे गठना ग्राम उसके सामने चल लाया जैसे कमेंटरी की जाती है रेडियो में उस तरह दिया ना में दोनों इसे रेडगड़ी की सक्ल में दिखने लगते हैं ठीक है ना तो वह सहली पाठा को कहानी कारण में मिलता है उसे लगता है कि पूरे घटना ग्राम उसके सामने चल लाए जैसे कमेंटरी की जाती है रेडियो में इस प्रेस है यहां पर जैसे किया गया यह कमेंटरी यहां पर जैसे किया गया यह कमेंटरी यह जल्दी कमेंटरी रेडियो में यह जब नहीं कमेंटरी रेडियो में रेरकड़ी सेलिवेक की जाती है वह चलो रेडगड़ी सहली लेकर जाती है ओके चलो फिर आगे इसका फिर आगे इसका कुछ है कि आप कुछ है कि आहां चलो गया यहां पर चलो गया यहां पर तो वह लेखन सक्त प्रक्रिया थी दो थी देख लीजिए आप तो वह लेखन सक्त प्रक्रिया थी दो थी देख लीजिए आप समझा समझ आप प्रमुख रूप कौन-कौन से होते हैं इंपोर्टेंट नहीं है लेकिन फिर भी आप देख सकते हो कि समचार फीचर समचार पत्त समचार फीचर के कई प्रकार दिखते हैं आपके सबसे पहले बैकग्राउंड तो बैकग्राउंड फीचर समचार है और उसके अतिर्ध की घटनाओं को पृष्ट की घटनाओं को प्रस्तुत किया जाता है तो प्रमुख रूप के फीचर का उदेश क्या होता है पाठक को प किसी घटना की पृष्टि भूम और इतिहास से अवध कराना यह होता है बैकग्राउंड अ जैसे रेल उगटना के बारे में अगर कोई ख़वर दी जा रही है तो background feature के पिछले कुछ एक साल या पांच साल में प्रमु जैसे रेल उर्गटना के बारे में अगर कोई घवर दी जा रही है तो background feature के पिछले कुछ एक साल या पांच साल में परमु रेल उगटनाओं का रेल उर्गटनाओं का यह background feature कहलाता है ठीक है ना उस पर रूस नहीं डाली जाती है तो background का मतलब ही होता है पिछे के वारे में ठीक है ना ओके चलिए सिर्सी रेवर उनलाइक कर दिया जाएगा कि इस सर में ये उगटना हो इस सर में उगटना हो ये background feature कहलाता है ठीक है न उस पे रूस नहीं डाली जाती है तो background का मतलब ही होता है पिछले के बारे में ठीक है न ओके चलिए पिर साक्षात कार feature आ जाता है फिर साक्षातकार feature आ जाता है साक्षात कार feature जो होता है प्रच्टित और लोगप्री feature होता है किसी गटना साक्षातकार feature जो होता है प्रच्टित और लोगप्री feature होता है कि किसी घटना या मुद्दे किसी व्यक्त ही है या मुद्दे किसी जट ही है व्यक्तियों की साक्षातकार के आदापर व्यक्तियों की साख्षातकार के आदा पर किसी घटनाया मुद्दे के पहलों को सामने लाने की कोशिश की जाती है ठीक है ना तो मालिए यह कोई अवनिता उसके बारे में लेते हैं इंटरव्यू टेक किसी घटना मुद्दे के पहलों को सामने लाने की कोशिश की जाती है ठीक है ना तो माल लीजिए आपको यह नहीं था उसके बारे में लेते हैं इंटरव्यूट एक इन जर्नल आपके बारे में इनफॉर्मेशन ठीक है ना रहे इन जर्नल के बारे में इन्फॉर्मेशन दे जाती ठीक है ना रहे इतने यहां पर जानकारियां विचार और भावनाएं साक्षात्कार के माध्यम से तेहां पर जानकारियां विचार और भावनाएं साख्षातकार के माध्यम से प्राप्टिक की जाती है ठीक है इस समाचार फीचर हो गया प्राप्त की जाती है ठीक है वह समाचार फीचर हो गया फिर व्यक्ति पर फीचर होता है व्यक्ति पर फीचर क्या होता है फिर द्रिश्व पर फीचर होता है द्रिश्व पर फीचर क्या होता है इसमें जो इसमें जो सुरक्ष शुक्यों में आए किसी व्यक्ति पर फोकस करके उस व्यक्ति के विभिना पूर्व पर फोकस करके उस व्यक्ति के विभिन्न आप खास कर कुछ अनजाने अंचूर पर लोगों को सामने लाने की कोशिश की जाती तो कोई व्यक्ति है खास कर कुछ अनजाने अनचुए पर लोगों सामने लाने की कोशिश की जाती तो कोई व्यक्ति है चर्चित हो गया फिर उसको यहां पर स्टूडियो में बिठा लिया चर्चित हो गया फिर उसको यहां पर स्टोडियो में बिठा लिया जाता है उससे पूरी या जाता है फीचर है बेरी इंपोर्टेंट क्वेश्चन से इसको प्लीज आप देख लेना ठीक है ना ओके बिस है तो यह व्यक्ति पर अपने फीचर है बेरी इंपॉर्टेंट पूछता इसको प्लीज आप देख लेना ठीक है ना ओके बिजल अपने अनुभवों को भ्यात करता है आप एक इस पूर्ण सिक्षा की बूर्ण का पूरा दिन बिताने के बाद अपने कुछ करना का पर उस स्कूल स्कूली सिक्षा का हाथ बता सकते हैं यह होता चलिए लिए अब अन्य प्रकार के फीचर में हम नहीं देखेंगे बहुत लि कि अब इंपोर्टेंट क्वेश्चन सारांच यहां पर हो गया तो यह फर्स्ट जो मारा यह फिर जो गया है हम यहाँ पर अब संपात की प्रिष्ट के लिए लेखन संपात की प्रिष्ट के लिए लेखन अब संपात की प्रिष्ट के लिए लेखन में प्रिष्ट है, अब संपात की प्रिष्ट के लिए लेखन में प्रिष्ट है संपात की प्रिष्ट का माक्त क्या है संपात की प्रिष्ट का मात्र क्या है आप चाहो तो इसको देख सकते हो क्योंकि संपात की प्रिष्ट हम सुरू में भी बता चुके है ठीक है, आप चाहो इसको देख सकते हो क्योंकि संपात की प्रिष्ट हम सुरू में भी बता चुके है ठीक है ओके राइट ओके संपात की टिपडिया होते हैं जहां पर राइट पाउट पर शमपादक की टिपड़ियां होती जहां पर विचार रखे जाते हैं कुछ छोटे विचार रखे जाते हैं कुछ छोड़े लेख होते हैं पाठ को के पत्र होते हैं जिनके जरीदी विभीर समस्याओं पर विचार प्रकट किया जाता है लेख होते हैं पाटकों के पत्र होते हैं समचारों में सुचनाई दी जाती है कोई गटना हो गई समचारों में सुचनाएं दी जाती कोई नाम इफेक्शन प वाला कार्य दी जाती है ठीक है ना तो संपाद की पृष्टों पर छपने वारे लेकों टिपड़ियों में ताकिक और विशार पत्रों के बिश वेशायत्मग्ञान लिए जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को भी एक दिशा मिल जाती है जाती है मान लीजिए कहा ना कि कोई सवस्या है सरकार ने सिख्षा नीति बनाई और सिख्षा नीति सही है कि नहीं है मान लीजिए कहा ना कि कोई समस्या है सरकार ने सिख्षानीति बनाई और सिख्षानीति सही है कि नहीं है इसके समाचार पत्र उसकी संपाद की है इसके वारे में तरफ की बितर किया जाता है अपनी राय दी जाती है जो समाचार पत्रों के मामले दैनिक जावरा समाचार पत्र संपाद की है वहां पर संपाद अपना विचार रखें वहां पर संपाद अपना विचार रखें रखेगा कि क्या सिक्षा ने 2022 सरकार ने बनाया है वह सही है कि नहीं है ठीक है ना राइट तो संचार माध्यम की जिम्मेदारी सिर्फ सुच राय देना नहीं होता है लगेगा कि कैसे शामित दो हजार बाइज जो सरकार ने बनाया है वह सही है कि नहीं ठीक है ना राइट तो संचार माध्यम की जिम्मेदारी सिर्फ सुचनाएं देना नहीं होता है बल्कि समस्याओं की तरफ सासन का ध्यान आकर सुच करना भी होता है जानकार पैदा करना भी होता है बल्कि समस्याओं की तरफ सासन का ध्यान आकर शुद्ध करना भी होता जाऊंगता पैदा करना भी होता है मां जी सिक्षा मित में कोई कमी है तो उस कमी को मान जिस इसमें कोई कमी है तो उस कमी को अपने विचार के रूप में संपादक रखता है और उस मंत्रालय में बैठे हुए लोग संचार संपादकी को पढ़ते हैं तो शायद कहीं न कहीं फिर होता है कि हां यह कमी इसमें रह गई है और उसमें काम की किया जाता है समस्याओं को कमी को तो शायद कहीं न कहीं फील होता है कि हां यह कमी इसमें रह गई है और उसमें काम की किया जाता है समस्याओं को वो संग्यार मिल जाता है वह संघ्यान में लिया जाता है कई कभी सरकार कुछ संपात की टिपड़ी ऐसी होती है कई कभी सरकार कुछ संपात की टिपड़ी ऐसी होती है कि उनके असर से दालतों तक वह पहुंच जाते हैं ठीक है और सरकार को जलाब जब जवाब तलब कर दें वहां देखा जाता है सरकार को अपने प्रश्न पुनरविचार करने के लिए मजबूर होना पड़ता है कि उनके असर से दालतों तक वह पहुंच जाते हैं ठीक है और सरकार को जला अब जवाब तलब कर दें वहां देखा जाता है सरकार को अपने प्रश्न पर पुनर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ता है यह संपात की टिपड़ी का महत्व है इसकी वश्चकता है यह संपात की टिपड़ी का महत्व है इसकी तर्विय प्रदुषण की वर्षकता को लेकर के बहुत सारी ग्रामीय दोस्त गार्योजना को लेकर के पंचानों की है पर बूम का सब्सक्राइब कर लेकर के भी संपाद के लिखी जाती है तो यह महत्व हो गया ठीक है बेरी इंपोर्टेंट है बूम का सड़क विजली पानिस जूरियोजनाओं को ले करके भी संपात के लिखी जाती है तो यह महत्व होगा ठीक है और बेरी इंपोर्टेंट है चलिए अब इसमें अगला कुछन क्या इंपोर्टेंट बन जाता है चलिए अब इसमें अलग विश्वन क्या इंपोर्टेंट वन जाता है कि साक्षातकार क्या होता है बता चुके हैं साक्षातकार क्या होता है, हम बता चुके हैं, ठीक है न, ठीक है ना जब दो व्यक्ति आपस में बैठते हैं बातचीत बारता लाभ करते हैं वह साक्षातकार कह रहा है साक्षातकार बहुत स्विधु से जुड़ा हुआ होता है जब दो व्यक्ति आपस में बैड़ते हैं, वापचीत बारता लाप करते हैं, वो साक्षातकार कहराता है, साक्षातकार बहुत शेतू से जुड़ा हुआ होता है, कोई समस्या होती है, कोई समस्या होती है उसके बारे में साक्षातकार न उसके बारे में साक्षातकार आपको इन इति कोई पॉलिसी बनती है उसके बारे में नहीं थी कोई पॉलिसी बनती है उसके बारे में या ऐसे दो लोग आपस में मिलते कोई पर चर्चा कर लेते किसी टॉपिक को लेकर कितना पर साक्षातकार होता ठीक है ना या ऐसे जब दो लोग आपस में मिलते हैं कोई पर चर्चा कर लेते हैं किसी टॉपिक को लेकर कि तो वहां पर साक्षातकार होता है ठीक है ना तो और साक्षातकार जो होता है अखवारों के संबाद दाता संपाद की तो अश्लाह का जो होता है वह आरों के संभाव दाता है आपके ट्रीम के रोग में से स और साखशातकार लेने के पहले सब कुछ तैकर लिया जाता है, और साक्षातकार लेने के पहले सब कुछ तैकल लिया जाता है, कि किस मुद्दे पर पाठकों की रुची है, कि किस मुद्दे पर पाठकों की रुची है, यानि पाठक सबसे से टीवी में साक्षातकार आते हैं, यानि पाठक सबसे से टीवी में साखशातकार आते हैं, अगर किसी एक्टर को टीवी में ला दिया जा, अगर किसी एक्टर को टीवी में ला दिया जा, जैसे आस तक तैक काइकरम जैसे आस तक का एक काइकरम आता है, कोई रात में जंडा कुछ क्या करके आता है, कोई रात में चलता है, एजेंडा आपके दालत जो है, जाता है और उसी के हिसाब से व्यक्तियों का चुनाव किया जाता है ठीक है ना राइट तीसा क्षातकार होता है और साक्षातकार की प्रवाप्त जो भी प्रश्न पूछे जाते हैं मुद्दे उठाया जाते हैं जाता है और उसी के हिसाब से व्यक्तियों का चुनाव किया जाता है ठीक है ना राइट जी साक्षातकार होता है और साक्षातकार की प्रवाप्त जो भी प्रश्न कूछे जाते हैं मुद्दे उठाये जाते हैं उन पर पहले से विचार होता है ठीक है ना पहले से साक्षातकार को बता दिया जाता है उनको पहले से विचार होता है ठीक है ना कि आपसे इन बिंदों पर जो है सवार उठाए जाएंगे पूछ जाएंगे पहले ऐसा ना हो कि वहां पर पर्सनल क्वेश्चन हो जाएं उसका जवाब ना दे पाए ठीक है ना और जनरली साक्षातकार से ही साक्षातक चले जाते हैं तो एक तरह से परमीशन भी वहाँ पर उसे ले जाती है ठीक है ना राइट चले जाते हैं तो एक तरह से परमिशन भी वहां पर उसे ले जाती है ठीक है ना राइक तो यह साक्षातकार हो जाता है तो साक्षातकार हो जाता है है तो साक्षातकार में दो बातों का संकेत मिलता है तो साक्षातकार में दो बातों का संकेत मिलता है ठीक है ना एक तो साक्षातकार लेने वाले ने पहले से विषय खाका तैयार नहीं किया था ठीक है ना एक तो साक्षातकार लेने वाले ने पहले से बीचे का खाका तैयार नहीं किया था मालिए अगर ऐसे जो मैंने ऊपर से बताया कि आप खाका नहीं तैयार करोगे तो भाई वहां पर उनकी पर्शनल बातों को भी उठा मान दीजिए अगर ऐसा जो मैंने ऊपर से बताया क्या खाका नहीं तैयार करोगे तो भाई सकते हो और हो सकता है कि साक्षातकार का जो है आपकी कुर्षी छोड़कर आपके इस तेज को मंच को छोड़कर चला जाए रखते हो और हो सकता है कि साक्षात करता जो है आपकी कुर्षी छोड़कर आपके स्टेज को मंच को छोड़कर चला जाए इसलिए वहां पर जन्मी साक्षात कार्य का खाका जो है मतलब प्रारूप जो है इसलिए वहां पर जन्मी साक्षातकार का खाका जो है मतलब प्रारूप जो है पहले से तैयार कर लिया जाता है ठीक है ना राइब चलिए तहले से तैयार कर लिया जाता है ठीक है ना राइब चलिए तीने देखियेगा तीने देखियेगा, शम्पाद की और फीचर पिछ के शम्पादकी और फीचर पिछ्च के लेखों की प्रकित में क्या अंतर है?
लेखों की प्रकित में क्या अंतर है? यानि जो शम्पाद की और फीचर शुरू में देख चुके हैं, यानि वो शम्पादकी और फीचर शुरू में देख चुके हैं, इनके लेखों की प्रकित में क्या अंतर होता है? इनके लेखों की प्रकित में क्या अंतर होता है? मैंने कहा ना शैली का भी बहुत बड़ा अंतर होता है, मैंने कहा ना शैली का भी बहुत बड़ा अंतर होता है, ठीक है ना, ठीक है ना, राइट है, राइट है, शम्पाद की प्रिछ के शम्पादकी पिछ किसी ताजा ख़वर पर तत्याक्माक और तातिक विचार होते हैं किसी ताजा ख़बर पर तक्थ्यात्मक और ताज़किक विचार होते हैं विचार रखा जाता है, विचार रखा जाता है ना संपात की प्रिष्ट क्या होता है उसमें विचार रखा जाता है तो वो ताजा ख़बर होती संपात की प्रिष्ट क्या होता है, उसमें विचार रखा जाता है तो वो ताजा ख़वर होती है, लेटेस्ट है लेटेस्ट होती होती है, ठीक है है ठीक है ना न तो कभी भी कुछ भी हो सकती है ठीक है ना सिर्फ मनुरंजन के उद्देश से उठाई जाती है ठीक है तो इस सामान जीवन देवार और समस्याओं पर केंदित हो सकती है ये सामान जीवन बिवार और समस्याओं पर केंदित हो सकती है और उनकी विशेकत दाइरा अधिक होती है आधिक हो सकता है फीचर का ठीक है आधिक हो सकता है फीचर का ठीक है और जो भी नहीं किसी घटना पर अधारित विषय परी फीचर लिखा जाए ठीक है और जब नहीं किसी घटना पर आधारित विषय पर ही फीचर लिखा जाए ठीक है है तो यहां पर तो यहाँ पर ललिश दिवंदों के तरह भी उसको प्रसुथ किया जा सकता है, ललित निवंदों के तरह इसको प्रशुट्र किया सकता है शेयर और सारी श्रक्र का तक भी सेरों साविस रेकट कान तक भी फीचर फीचर को इस रूप में प्रसुथ किया जा सकता है, ठीक है तो यहाँ पर अंतर दिया हुआ है, ना देखो अंतर थोड़े अब दूसरा यहां पर देख लेते हैं अब अच्छी क्या होता है साथ आप चाटने कि जब हम संपात की प्रिष्ट की बात करते वे तत्तों और घटनाओं पर जिक्र किया जाता है ठीक है न विशे में तो आप तर्कों का ज्यादा महत्व होता है तर्क और तक्त के जरिए निष्कर्ष निकालना पड़ता है संपात की प्रेश्ट में तो यहां इसमें बटकाओं और सैली गत लेक को टाइम लगेगा, ठीक है ना, दे निकालना पड़ता है संपात के प्रिष्ट में तो यहां इसमें भटकाओ या सैलिगत लेक को यहां पर आप लेक की धार को मार्ग दे देते हैं तो जहां पर तर्क और तक्त का यूज किया जाता है वहां पर सैली भी बदल जाती है लेक की धार को माप दे देते हैं तो जहां पर तरक और तर्थ का यूज किया जाता है वहां पर सैली भी बदल जाती है राइट ओके क्योंकि लोगों में जागरूटा प राइट ओके क्योंकि लोगों में जागरुक्ता पैदा करना होता है लेकिन जो फीचर लेक होते हैं उनका मकसद कुछ नहीं होता वाला वह सिर्फ मंदरंजन के उद्देश से किए जाते हैं लोगों की शंबेदना को जगाने की मकसद नहीं होते कुछ जागरूपता फैलाना तो उनकी शंबेदना को जगाना है बल्कि लोगों को उद्देश का मंदरंजन बिल्कुल जगाना है बल्कि लोगों को उद्देश का मनरंजन करना इंटरेटेनमेंट करना है ठीक है इस दोनों में थोड़ा ज्यादा अंतर देखने को मिलता है करना एंटरेटेनमेंट विश्वन बन जाता है बेरी इंपोर्टेंट यह आपके लिए क्वेश्चन बन जाता है शमपात की और फीचर शंपात की और फीचर प्रिस्ट के लेगों की प्रकृति सम्पात के और स्विचर प्रिस्ट में क्या अंतर होता है पृष्ट के लिए को की प्रकृति संपात के और फीचर पृष्ट में क्या अंतर होता है कि यहां पर भी अंतरदिया आप इसको देख सकते हूं यहां पर भी अंतर दी आप इसको देख सकते हो कि संपाद की पृष्ट्रालांग को चलके फुलके लेक संपात की प्रिष्टालांट कुछ हल्के पूल के लेग भी दिये जाते हैं, दिए जाते हैं हर जन सक्ता में प्रकाशित होने वाले दुनिया मेरे आग, जनसक्ता में प्रकाशित होने वाले दुनिया मेरे आग नव भारत टाइम्स में काटे की बात राष्टि साहरा में अटाक्ट्स हल्ती फुलके यहां पर लेक दिए आते हैं मगर इन लेकों की प्रकत नव भारत टाइम्स में काटे की बात, राष्टी सारा में कटाक्ष, हल्की पूल के यहाँ पे लेग दिगे आते हैं, मगर इन लेग लेकर तो लेको तो किसी ना किसी रूप में विचार प्रकट होते हैं और वह विचार किसी रूप में विचार प्रकट होते हैं और वह विचार प्राप्त पिछले लेकर से बिन होते हैं तो इसमें किसी ना किसी समस्या पर ब्यांध कटाक्ष जो होते हो तार्थिक होते हैं पीछे प्रिष्टो के लेकों से बिन होते हैं तो इसमें किसी ना किसी समस्या पर ब्यंक कटाक्ष जो होते हैं तार्किक होते हैं जागरूपता वाले एक संदेश एक मैसेज जाता है ठीक जागरुक्ता वाले एक संदेश एक मैसेज जाता है ठीक है और संपात की प्रिष्ट के और संपात की प्रिष्ट के लेखर कभी से कचुनाव करते समय लेखन का विशेख को चुनाव करते समय यह भी ध्यान रखना पड़ता है कि बिसे किसी ताजा गटना नीति से जुड़ा हुआ हो ठीक है ना और जबकि फीचर में ऐसा नहीं होता है तो आप इसको देख लेना आपके लिए इंपोर्टेंट बन जाता यह भी ध्यान लगना पड़ता है कि विशेख किसी ताजा गटना नीत से जुड़ा हुआ हो ठीक है ना और जबकि फीचर में ऐसा नहीं होता है तो आप इस वो देख लेना आपके लिए इंपोर्टेंट ह समाचार शंकलन समाचार शंकलन लेखन और शंपादन बेरी इंपोर्टेंट कोशिशन से लेखन और शंपादन बेरी इंपोर्टेंट कोशिश से देख लेते हैं इसमें क्या बन सकता है देख लेते हैं इसमें क्या बन सकता है समाचार क्या है देख लिया समाचार क्या है देख लिया समाचार शंकलन क्या होता है समाचार शंकलन क्या होता है जैसे कहा ना कि जैसे कहा ना कि समाज में दुनिया समाज में दुनिया या में अगल-गगल में आज पर उसमें नामें अगर गगल में आज पर उसमें हर पर कोई ना कोई घटना घटती रहती है समाचार हो सकती ठीक है ना हर पर कोई ना कोई घटना घटती रहती है समाचार हो सकती ठीक है ना लेकिन समाचारों का संकलन एक पेचीदा काम होता है क्यों होता है लेकिन समाचारों और संकलन एक पेचीदा काम होता है क्यों होता है क्योंकि वह संचार माध्यम की कोशिश होती है कि महत्म क्योंकि वे संचार माध्यम की कोशिश होती है कि वह अपनी घटना पर नजर लगे जो महत्वपूर्ण घटना है तुरंत उसको समचार बना दिया जाए ठीक है ना अपनी घटना छूट भी नहीं चाहिए ठीक है ना अब यह छूट जाती है तो उसे पिछला वह मान भी आ जाता है वह समचार बन नहीं पाती बोलते हैं कि आ अपने नजर रखें जो महत्वपूर्ण घटना है तुरंत उसको समचार बना दिया जाए ठीक है ना और कोई घटना छूटनी नहीं चाहिए ठीक है ना अजय को छूट जाती है तो इसे पिछड़ा हुआ मान लिया जाता है समचार बनी नहीं पाती बोलते प्यार बाजी समचार आप सुना रहे हो यह हो जाता है ना बाजी समचार आप सुना रहे हो यह हो जाता है ना तो संचार माध्यमों में खास कर इलेक्ट्रानिक माध्यम में तो संचार माद्यूम में खास कर लेक्टरानिक माद्यूम में खबरों को ज्यादा से ज्यादा तक पहुंचाने के खोड़ लाइन ची लगी होती है तो समाचार संक्रम को लेकर सत्तर्पता खबरों को ज्यादा से ज्यादा तक पहुंचाने के ओर लाइन से लगी होती है तो समचार शंक्रम को लेकर सतर्वता भी बड़ी जाती है टीवी के समचार चैनलों में विज्ञापन सबसे तेज़ भी नंबर वन सबसे आगे से जुंगले शाह नंबर वन सबसे आगे से जुम्बेशा आज तक नंबर वन आज तक नंबर वन ठीक है ना ठीक है ना जी न्यूज बुलेटिन तेज बुलेटिन तो यह जो होते हैं तो यह संचार के माध्यम होते हैं अपने जी न्यूज बुलेटिन तेज बुलेटिन तो यह जो होते हैं तो यह संचार के माध्यम होते हैं अपने समाचार को अपने अक्वार को अपने समाचार को अपने अकवार को अपने जो भी चैट टीवी पर जो भी चाहिए टीवी पर हो हो चैन समाचार पर उसको आगे चाहिए समाचार को उसको आग पर एक सहर का एक गाउ का तहसील का जिले का कहीं कभी हो सकता है ना तो फिर उस जगह लोगों को भी तो होना चाहिए तो फिर हर एक जगह संबाददाता होते हैं फिर वह संबाददाता क्या करते हैं समाचार तैयार करते हैं और समाचारों का शंक्रण कर सके तो यह ही होता है सम जो समाचार शंक्रण होता है एक सहर का, एक गाउ का, तैसील का, जिले का, कहीं कभी हो सकता है ना, तो फिर उस जगर लोगों को भी तो होना चाहिए, तो फिर हर एक जगे संबाद दाता होते हैं, फिर वो संबाद दाता क्या करते हैं, समाचार तैयार करते हैं, और समाचारों का शंकलन कर सकें, तो यही वह गांव ह में कस्वे में तहसील में जिले में कि संबाददाता नियुक्त कि संबाददाता निर्प्त भीजे जाते हैं और जो संबाददाता होते हैं वहां जाकर समाचार क्या करते हैं तैयार करते हैं तो वह समाचारों का शंक्रण कहलाता है भीजे जाते हैं जो संबाददाता होते हैं वहां जाकर समाचार क्या करते हैं तैयार करते हैं तो वह समाचारों का शंकलन कहलाता है समाजिक विषयों के अलावा केंद्र राजपंचाय सरकार समाजिक विषयों के अलावा केंद्र राज पंचाय सरकार खेल उद्योग सभी चैसे जो समाचार होते हैं सूचनाएं होते पर नजर रखी जाती है ठीक है ना और उनको जब इकठा किया जाता है वही समाचार शंक्रण कहला जाता है खेर उद्योग सभी चेहर समचार होते हैं सोचनाएं होते पर नजर रखी जाती है ठीक है ना और उनको जब इकठ्ठा किया जाता है वही समाचार शंकलन कहला जाता है संग्रम का मतलब क्या होता है इकठा करना ठीक है ओके राइट है संगल का मतलब क्या होता है इकठ्ठा करना ठीक है ओके राइट अ तो समाचार संक्रण के क्या तो समाचार संकलन के क्या-क्या तरीके होते हैं क्या तरीके होते हैं समाचार संकलन कैसे इकठा किया जाता है ठीक है ना समाचार शंकलन कैसे एकठा किया जाता है कि यह ना प्रोसेस प्रक्रिया क्या होती समाचार शंकलन की तो पहले इसमें संबाद दाता होता है जो मैं आपको बता दी है जो आप प्रोसेज पर क्रिया क्या होती समाचार संकलन की तो पहले इसमें संभाद दाता होता है जो हम आपको बता दिये जो आप अख़वार में पत्रकार अक्वार में पत्तप्रामिक टीवी में चैनल में बोलता है संबाद दाता अपना नाम बताकर बोलता है संबाद दाता यहां से तो क्या होते हैं वह समाचार जैनसियों पर परिपेंड करते हैं और संबाद दाता का छेत्र बटा होता बीट बोलते उसको छेत्र बोलते हैं अ में सभ बोलते हैं उसको छेत्र बोलते हैं कोई राजनीत का देखता है कोई पर रहा वर्ड का कोई आर्थिक कोई समाजिक ठीक है इस तरह कोई खेल कर देखता है तो सबके अपने अलग-अलग संभादाताओं के छेत्र होते हैं इसलिए छेत्र बटे होते हैं क्योंकि उसको इसमें स्पेशलाइजेशन मिलता है राजनीत का देखता है कोई पर्यावण का कोई यार्थिक कोई समाजिक ठीक है इस तरह कोई खेल कर देखता है तो सबके अपने अलग-अलग संभादाताओं के छेत्र होते हैं इसलिए छेत्र बटे होते हैं क्योंकि उसको इसमें इस्पेसिडेशन मिलता है वह उसमें इस्पेसिड होता है उसको उसका नालेज वह उसमें स्पेशल होता है उसको उसका नालेज ज्यादा होता राजनीत का नालेज ज्यादा होता राजनीत बिटवा दीजिए राजनीत का नालेज ज्यादा होता का नालेज है तो इसलिए कम है यहां पर थोड़ा सा knowledge भी important रखता है, रखता है ठीक है ना राइट ओके ठीक है ना राइक, ओके, चलिए यह हो जाता है संबाद दाता, चलिए यह हो जाता है संबाद दाता यह बहुत जादा है आप इसको थोड़ा अपने से भी देखिएगा ठीक है ओके यह बहुत जाता है, आप इसको थोड़ा अपने से भी देखिएगा, ठीक है, ओके, पिस समाचार लेकर न और जवाब देखें। देखो जब समाचार लेकर आने और समाचार पिस समाचार लेकर ना जवाब देखें, दिखो जब समाचार ब्राता होता है ना, तो यसे कहा कि छेतर उसके बटे हुए होते हैं, जिस छेतर में जो भी वो लिखता है, जो भी न्यूज इकट्ठा करता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उसकी बन जाती है, बनाएं। क्योंकि न् तक काम उसका होता है ठीक है ना अब पूरे दिन में पूरी दुनिया में तो एक दिन में पूरी दुनिया में या पूरी सहम में बहुत सारी घटनाएं घटती रहती ठीक है ना तो पुलिस कंट्रोल लूग में आसपास के लोग तक काम उसका होता है ठीक है ना आप पूरे दिन में पूरी दुनिया में तो एक दिन में पूरी दुनिया में या पूरे दुनिया में बहुत सारी गटनाएं गटती रहती है ठीक है ना तो पुलिस कंट्रोल लूंग आजपास के लोग उसकी सुचना संबादाताओं को उसकी सुचना संबादातां को दे प्रतियत की कब्लों के बारे में वाला तो बिल्कुल सब्सक्राइब से पता करें तो यही होता है तो उसकी जवाब देखी भी हो जाती है तो सपर संबाद दाता वहीं जाना जाता है करता रहता है तो यही होता है तो उसकी जवाब देखी भी जाती है तो सबस्क्राइब जाता है जो प्रत्यश रूप से प्राप्त घटनाओं पर याशित नहीं रहता जो प्रतर्ष रूप से प्राप्त घटनाओं पर यह नहीं रहता मतलब कि मतलब कि वह एक तरह से वह एक तरह से उसको खबर मिली और दोड़कर वहां पर चला गया उसको ख़बर मिली हो दोड़ के वहाँ पे चला गया जरूरी नहीं है कि जिसने कॉल किया हो बिल्कुल सही उसको बता रहा हो तो अपनी सूजबूज के आधार पर अपने दिमाग के आधार पर खबरी कटना करता है ठीक है ना जरूरी नहीं है ना कि जिसने कॉल किया हो बिल्कुल सही उसको बता रहा हो तो अपने सूज बूज के आदार पर अपने दिमाग के आदार पर उस ख़बरी कटना करता है ठीक है ना और कई और कई खबरेंस रूप से उजागर नहीं हो पाती है लोगों तक पहुंच नहीं पाती है ठीक है ना उन्हें उजागर करना पड़ता चलेगा ख़बरी इस पस्ट रूप से लेकिन यह होता है ना कि उन्हें उस समस्या के बारे में पता चल जाता है क्योंकि यही उन्हें यह इनकी स्पेशलाइजेशन होती है इनकी विशेष्टा होती है इनकी स्पेशलाइजेशन होती है इनकी विशेष्टा होती है संभावदाता की मान लिए ब्रस्टाचार से प्राश से जुड़े ख़बर होते जन्मी लोगों को नहीं पता चल पाता बलक तक नहीं लग पाती है संबाद दाता की मालिज यह ब्रस्टाचार से अपना से जुड़े खबर होते हैं जनरली लोगों को नहीं पता चल पाता बनक तक नहीं लग पाती है लेकिन संबाद दाता जो होता है लेकिन संभावदाता जो होता है जो कुछ संभावदाता होता है उसको पता चल जाता है और पूरी उससे जुड़े तत्व को इकठा कर लेता है ठीक है तो यहां पर यह हो गया आप फिर आगे देवे बहुत नंबर इसको आपको थोड़ा सा पढ़ना पड़ेगा अपने से जो कुछ संबाद दाता होता है उसको पता चल जाता है और पूरी उससे जुड़े तत्व को इकठा कर लेता है ठीक है तो यहां पर यह हो गया आप फिर आगे देगा बहुत नंबर इसको आपको तो अपने से ठीक है फिर ठीक है फिर इस ट्रिगर का एक साइड स्ट्रिंगर का मतलब होता है इस नहीं बोलते हैं अगेश्या स्ट्रिंगर का मतलब होता है इसने बोलते हैं अगेश्चा आधार पर खबरें तो यह नहीं कि ऐसे संबाद दाता नीमित बेतन पर काम करने की बजाय अनीमित अधार पर खबरें देते हैं लोग नीमित बेतन पर काम करने की वजह आनीमित आधार पर खबरे बेसते हैं ठीक है ना यानी कि ऐसे संभावदाता नीमित बेतन पर काम करने की वजह अनीमित आधार पर खबरे बेसते हैं मतलब अनीमित होने के नाथ अपनी मरजी से खबरें दे मतलब अनीमित होने के नादे अपनी मरजी से खबरे दे ठीक है ना जब उन्हें कोई छेत्र घटना घटती है तो उसकी जिम्मेदारी बनती कि उससे जुड़े ठीक है ना जरूरी नहीं कोई चेक तत्त अगर को दे जुटाए तो इस ट्रिंग्राम कह लाते हैं ठीक है ना उपसंद आता हो तो उससे समबाद आप पुरिस वाले में इस तरह के लोग रखे जाते पुरिस वालों में रखे जाते हैं अगर यह घबर आपने दे रहे हो कोई ठीक है ना जरूरी पुलिस वाले में इस तरह के लोग रखे जाते पुलिस वालों में भी रखे जाते हैं गुप्त रूप से वो तेरी तो इसी तरह गुफ्त रूप से होते हैं ठीक है तो इसी तरह से अकवार वगैर वाले भी होते ठीक है ना कि अ से फिर एजन्सी आ जाती है तो यह देखिए आपके लिए इंपॉर्टेंट बन जाएगा प्रश्व विद्यक्ति आती बहुत बड़ा है फिर एजन्सी आ जाती है तो यह देखिए आपके लिए इंपोर्टेंट बन जाएगा प्रश्न विज्ञाति आती बहुत बड़ा है अब अभी आपके ब्लॉक पड़े हुए मैं तो जब सोच रही थी कि मैं कैसे इतना पढ़ा पाऊंगी बहुत बड़ा है आपका अब क्वेश्चन कहां से क्या पूछेगा कुछ भी नहीं पता रहता है चलिए कि समझ चाल लेखन एक दिन के उसमें बहुत बड़ा है बहुत बड़ा ही एलेशन आपका अब क्वेश्चन कहां से क्या पुछेगा कुछ भी नहीं पता रहता है चलिए समाचाल लेखन के लिए आपके प्र क्या कहलाता है?
क्या कहनाता है? बता चुके हैं लिखने की कला जो सहली होती किस तरह से समाचाल लेकन बता चुके हैं लिखने की कला जो सेली होती किस तरह से समाचाल लेकन लिखा जाता है ठीक है ना? लिखा जाता है ठीक है न?
लेकिन समाचाल लिखने के पहले कुछ आदर्श बाक, लेकिन समाचाल लिखने के पहले कुछ आदर्श बाक फीचर सोर्ज सेरो शारी करने को यहाँ पर मना किया जाता है समाचाल लेकन किस तरह का फीचर सोर्ज, सेरो शारी करने को यहाँ पर मना किया जाता है लेकिन अब यह परपराधी, रेटोट, समाचाल लेकन किस तरह का होता है? फिर रिपेट कर दिया, होता है? क्या यह है?
तो यह किस तरह से लिखा जाता है? हाई दिल्ली की कहानी यहाँ पर बताया गया है हाई दिल्ली की कहानी, सीने में है प्यास और बोतल में पाने, सीने में है प्यास और बोतल में पाने यह होता है समाचाल लेकन यह होता है समाचाल लेकन यह ताकि लोग पढ़ें, लोग पढ़ें समझें पढ़ते हैं आपने लाइन पढ़ी आप बोलोगे वह वाली क्या हो गया फिर आप पूरा चीज को पढ़ डालो वे समझें, पढ़ते यह लाइन पढ़ी आप बोलोगे गवान यह क्या होगया, फिर आप पुरा चीज को पढ़ डालोगे, अट्रैक्टिव करने के लिए होता है समाचार अट्रेक्टिव करने के लिए होता है, समचार संपादन अब ऊपर भी तो पढ़ चुके हैं जो समाचार संकलन होता है हम ऊपर इसके बारे में पढ़ चुके समाचार संपादन दे समचार को संपादन करना संपादन, अब उपर भी तो पढ़ चुके हैं जो समचार स क्योंकि देखो समाचार जब मालिए समाचार संकलन होता है समाचार को एकठा कर दिया एकठा करके उसने क्या कर दिया समाचार कक्ष में भेज दिया नहीं जाना अब यहां पर जो खबरें समचार समाचार कक्ष में पहुंचती जहां से प्रश्न पहुंचने रिलीज होती है खबरे से पहुंचाई जाती है तो चेहरित खबरों को अखवार समाचार चैनलों की प्रकृति के हिसार संपादन की जरूरत पड़ती इसको फिर इसकरने की जरूरत पड़ती है तो समाचारों संपादन का कार समाचार डिस्ट में बैठे उपसंपादक लोग करते हैं ठीक है वाइट ओके पहु अब जारतार जो सम्बाब दाता है वो भासा और तत्थों के परते काफी जागरूक हो गए हैं, अब ज्यादाता जो समाचार संबाद सम्बेदर सील हो गए हैं, दाता है वहां सा तो खबरों सम्बंदित तत्थों और पुष्ट्रों और भासा के लिए काफी मेरत करते हैं, करते हैं पुष्ट के पत्र काम प्रकासित लिखों का अध्यान करते हैं और बहुत सारी सुचनाओं के पत्र जागरों को बोते हैं तो टेलीविजियन पर समचारों की प्रशायन के बक्ति खबरों के बारे में संबाद दाताओं से सीधे बातचीत के जानकारी ली जाती है ठीक है तो इसका संपादन किस तरह से किया जाए किस तरह से समचार को पुष्ट्र के पत्र काउमिन प्रकासित लेको पर जागरोख होते हैं तो टेलीविजियन पर समचारों के प्रसायां के बगति ख़वरों के बारे में समबाद दाताओं से सीधे बातचीत करके जानकारी भी जाती है ठीक है तो इसका समपादन किस तरह से किया जाए किस तरह समचार को हम तक और आप तक पहुंचाया जा� हम तक और आप तक पहुंचाया जाए समचार संपादन कह लाता है तो समचार संपादन नेजर से बुज़रे बिना समाचार संपादक कहलाता है तो समाचार संपादक ने रिजर से गुजरे बिना प्रकासी तो प्रशावित करना उचित नहीं माना चाहता था किसी भी संबाद आता कि निकी कवर को प्रकासित प्रशादित कहां भेल जाता है समाचार संपादक के पास बेहा जाता है जाता है सवाचार संपादक के पास बेजा जाता है उसको पढ़ता है निरेक्शन करता है उसको पढ़ता है निरिश्चन करता है सही है कि नहीं है क्या इसे लिखना चाहिए छापना चाहिए प्रशालित करना चाहिए सही है कि नहीं है क्या इसे लिखना चाहिए छापना चाहिए प्रशावित करना चाहिए अगर वह जब प्लीज दे देता है तब जाकर कि वह चिपती है तो वार की पन्ने बनवाना उसकी साथ सज्जा खबरों के लिए स्थाने जारेद करने की जिम्मेदारी अगर वह जब क्लिक चिप दे देता है तब जाकर कि वह चीज छपती है तो अकवार की पन्ने बनवाना उसकी सार सज्जा कवरों की रिस्थाने बरिष्ट उपसंपाद को गिर दी जाती है ठीक है राइट ओके जाती है ठीक है राइट ओके और इसलिए उस खबरों के उसके महत्व के हिसाब से देखते हैं बन फिर जगह कभी नहीं धरान करते हैं तो यह क्या कहलाता है समाचार शमपादन कहलाता है ठीक है अ कि और इसलिए ना उस खबरों के उसके महत्व के हिसाब से देखते हैं बल्कि जगह कभी निधारन करते हैं त सब स्वादी बहुत बड़ा ये लिशन आपका है बहुत बड़ा ये लिशन आपका है और जनरली एक एकी चीज़े है ना तो confusing से बड़ा हो जाता है कि अरे तो जस्टी पढ़के आये थे और जनरली एक एकी चीज़े है ना तो कन्फूजिन से बड़ा हो जाता है करें तो जस्टी पढ़के आये थे ये क्या feature लेकन की विशेष्टा है very important feature लेकन ये क्या फीचर लेकन की विशेष्टा है बेरी इंपोर्टेंट फीचर लेकन पूर्व तयारी क्या होना चाहिए very important पूर्ग तयारी क्या होना चाहिए इंपोर्टेंट है और फीचर लेकर तीरों कोशिश आपके लिए इंपोर्टेंट है दिखे ना इंपोर्टेंट है और फीचर लेकर सीतीरों को शनाब के लिए इंपोर्टेंट है दिखिए ना फीचर लेकर लिखने के पहले फीचर लेकर लिखने के पहले क्या-क्या तैयारी लिखा को करना चाहिए क्या-क्या तैयारी लेकर को करना चाहिए फीचर लेकर तैयारी कर ले तो प्रक्रिया क्या होनी चाहिए फीचर लेकर तैयारी कर ले तो प्रक्रिया क्या होनी चाहिए और ध्यान चाहिए फीचर लेकर और ध्यान लेकर ध्यान रखने तो यहां पर आप देख सकते हैं यहां पर दिया हुआ है तो यहाँ पर आप देख सकते हो, यहाँ पर दिया होगा है, कि यहां पर फीचर लेखन और समाचाल लेखन में अंतर दिया है कि यहाँ पर feature लेखन और समाचाल लेखन में अंतर दिया है, यह question important बन सकता है आपके लिए, यह क्वेश्चन इंपोर्टेंट बन सकता है आपके लिए और देखो और देखों पहले भी यहाँ पर उसके अंतर विशेष्टा को देख गया है, हम पहले भी यहां पर उसके कि समाचाल लेखन का धाचा अंतर विशेष्टा को देख या है कि समाचाल जो होता लेख है, ठीक है ना, तीक है ना, यानि कि feature लेकन फार्मूला बद्दिन नहीं होता है, यानि कि feature लेकर formula बद्ध नहीं होता है, right, right, फिर feature लेकर में लेखक के पास तीसरा, फिर feature लेकन में लेखक के पास तीसरा, feature लेकन में लेखक के पास कापी स्वतंत्रता होती है, feature लेकर में लेखक के पास कापी स्वतंतरता होती है, लेकिन समाचाल लेकन में लेकिन समाचाल लेकर में लेखक के पास स्वतंत्रता नहीं होती है, लेखक के पास स्वतंतरता नहीं होती है, ठीक है ना, तीक है ना, ओके, ओके, यहाँ पे तीर, यह यहाँ और फीचर लेकर में शेली लिखने की सुतंतरता होती, पे तीसरा, चोथा अंतर हो किसी भी शेली में आप लिख लो, लेकिन समाचार लेकर में ऐसा नहीं होता, समाचार लेकर की पर्टिकुरार एक ही शेली होती है, और उसी एक फॉर्म होता है वहाँ और उसी फॉर्म उसी शेली की हिसाब से लिखा फॉर्म उसी तरीके इसाफ से लिखा जाता तो चार पांच वह हो गया पांच अंतर हमने आपको यहां पर बता दी है फीचर लेकर और समझ चार लेकर में अंतर और बेरी इंपोर्टेंट एक विशेष आपके लिए बन जाता है ठीक है ना ओके राइट झाल जाता, तो अब यहाँ पर कुछ चैनल फीचर लेकन पूर तैयारी फीचर लिखने के पहले क्या-क्या तैयारी कर लेनी चाहिए फीचर लेकर शुरू करने के पहले लेकर को अब यहाँ पे कुछ चेन है, फीचर लिखन पूर तयारी, फीचर लिखने के पहले क्या तयारी कर लेनी चाहिए, फीचर लिखन, सुरू करने के पहले लिखकों, उसकी तैयारी कैसी करनी चाहिए चीज उसकी तयारी कैसी करनी चाहिए, चीक है ना, तो यहाँ यहां पर सबसे पहले भी से का चैन किया जाता के लिए पे सबसे पहले हो तो भी से का चैन हो गया ठीक है ओके इसे ज्यादा नहीं बताएंगे बिसे का चेन किया जाता बहुत लिंदी है यह आपका तभी वन ब्लॉक भी नहीं हो पाए है, किस ठीक है फिर दूसरा शोध हो जाता है, ठीक है फिर दूसरा शोध हो जाता है शोध का मतलब यह होता है कि अगे अच्छे सूचना प्रदुप्योगी फीचर के लिए शोध का मतलब यह होता है कि अगे अच्छे सूचना प्रदुप्योगी फीचर के लिए सूचनाये जो होती तत्व जुटाने की सोध की ज़िवरत पड़ती है, सूचनाएं जो होती तत्व जुटाने की सूचनाएं की जुबरत पड़ती है ठीक है ना ठीक है न, शोध का मतलब होता है कि जो सूचनाये जो तत्व होते शोध का मतलब होता है कि जो सूचनाएं हैं जो यह सही है विश्वश्रम किया जाता है यह सही है कि नहीं है यहां पर बहुत सारे तरीकों का उपयोग किया जाता है प्रशिक्रिया कि यहां पर बहुत सारे तरीकों का उपयोग किया जाता है प्रेसिडेट के लिए किए जाने वाले जो व्यापक जो ब्यापक देहन अध्यम होते हैं उसके विश्वश्रम प्रशिक्रिया जाता है ऐसा नहीं है जाता है ऐसा नहीं है बस उसकी विश्वस्थिति को बनाए रखने के लिए ठीक है ना इसलिए यहां पर सोध का उपयोग किया जाता है ठीक है क्योंकि अखवार पत्रों पत्रिकाओं में चपने वाले फीचर के शब्द सब्द का 1000 से तो जाता होती है बस इसकी विश्वस्थिति बनाए रखने के लिए ठीक है ना इसलिए यहां पर सोध का उपयोग किया जाता है ठीक है क्योंकि अखवार पत्रों पत्रिकाओं में चपने वाले फीचर के शब्द सब का 1000 इसलिए सोध की जरी सामग्री जुटाने का दायरा भी सीमित हो जाता है तो यहां पर सोध हो गया ठीक है ओके अब इसे आप और आगे देख लीजिएगा से 2000 सब तक होती ओके अब इसे आप और आगे देख लीजिएगा फिर सामग्री शंग्रह होता है फिर सामग्री शंग्रे होता है आप जब फीचर लेकर की प्रक्रिया में सबसे जब समय लगता है अब जब फीचर लेकर की प्रक्रिया वह सामग्री को जुटाने में लगता है क्योंकि में किसी ने लेकर के लिए इस सबसे कठिन काम अपने फीचर के लिए तो सबसे कठिन काम अपने फीचर के लिए उपयुक्त सामग्री जुटाना हो जाता है ठीक है ना उपयूक्त सामग्री जुटाना हो जाता है ठीक है ना उसको यह भी नहीं पता होता है कि से संबंधी सामग्री कहां पर मिलेगी और जब सामग्री का श्रोथ का पता चल जाता है तो इसको कैसे छांटा उसको यह भी नहीं पता होता है कि से संबंधी सामग्री कहां पर मिलेगी अजय का स्रोध का पता चल जाता है तो इसको कैसे छांटा जाएंगे ना जाएं कि स्रोध लेकर है ना आप और पढ़ लीजिएगा अ और सामग्री का जो जुटाता है वो संग्रे करता है वो फीचर की मांग के और सामग्री का जो जुटाता है वो संग्रे करता है वो फीचर की मांग के अनुरूप ही करता है ठीक है ना ओके अनुरोप ही करता है ठीक है ना ओके फिर साक्षात कर और यात्रा हो जाता है ठीक है ना फिर साक्षात कर यात्रा हो जाता है ठीक है ना अब सा जो सामग्री श्रूप संकलित कर लिया कट्टी कर लिया तो यहाँ पर जो लिकिस रोध के राज अब साजो सामग्री जो संकलित कर लिये कट्टी कर लिए तो यहाँ पर जो लिकिस रोध के राज़ा आवभी से स्रम्बन्दित लोग की साक्षातकार इंटरव्यू और उनकी जबहों पर यात्रा भी महत्वपूर्ण हो जाती है, आवभी से संबंधित लोग के साथ शात्कार इंटरव्यू और उनकी जगहों पर यात्रा भी महत्वपूर्ण हो जाती है ठीक है ना यहां पर सूचना तक आदिकों फीचर के लिए होता है यहां पर सूचना ठीक है न, क्योंकि feature की मूर्प्रकित को ध्यान में अगर रखें, तो यह रोचक और सूचना पर फीचर के लिए होता है यहाँ पर, तो यहाँ तक आदिकों फीचर के लिए होता है फीचर के चरित के रूप में देखा जाता है तो यहां पर साख्षातकार और संबंधित प्यार्टिक जीवित ब्योरे माहत्ते फीचर के चरित के रूप में देखा जाता है तो यहां पर साख्षातकार और समझने प्याद जीवित ब्योरे मात्र पूर्ण रखते हैं तो फीचर की सामग्रह जुटाते हुए साख्षातकार और यात्रा को पूर्ण रखते हैं तो फीचर की सामग्रह जुटाते हुए साख्षातकार और यात्रा को ना सिर्फ सर्वादिक माहत्त देता है बटनी पड़ती है तो साख्षातकार और यात्रा भी इंपोर्टेंट हो जाता मांग जो व्यक्ति न आपसे दूर सिर्फ सर्वादिक मात्र लेता है बल्कि इसको तैयारी आप उसके वारे बंबे जाना पड़ेगा सर्मान खान से मिलना पड़ेगा उसका साख्षात कर लेना पड़ेगा तीर तीए यहां पर ठीक है ना होकर राइट तो यहां पर ठीक है ना ओके राइट फिर फोटो रेखांग करना ग्राफिक तो आप देख लेना ठीक फिर फोटो रेखाँ करना व्राफिक तो आप देख लेना ठीक है इसके बाद तो फिर भी कर्पने नहीं कर सकते ना अब सल्वान काम के पास गए हो भाईया तो उसकी फोटो भी तो आपको किचनी पड़ेगी फोटो लगानी है इसके बगार तो फिर भी कर्पने नहीं कर सकते ना अब सल्मान खान के पास गए हो भाई तो उसकी फोटो भी तो आपको किछनी पड़ेगी कल के बारे में फ्रॉम पास्ट के बारे में फिर राफिक्स के माध्यम से उसको आपको दिखाना पड़ेगा कि उस इंपोर्टेंट पड़ेग आप फोटो रेखाकन और वाफिट्स भी फोटो रेखालकन और ग्राफिक्स भी इंपोर्टेंट हो जाते हैं, इंपोर्टेंट हो जाते हैं आले क्यों जाना की प्रस्थुति बनाई जाती है आले क्योजना की प्रस्थुति बनाई जाती है, इन सब चीजों के बाद और इसके बाद जो फीचर होता है, इस चीजों के बाद और इसके बाद जो फीचर होता है तो क्या कर दिया जाता है उसको क्या कर दिया जाता है, उसको यहाँ पर उसको यहां पर प्रजेंट प्रस्थुत कर दिया जाता है ठीक है ओके प्रस्थुत चलिए अब फीचर लेकर की प्रक्रिया क्या है बेरी इंपोर्टेंट तो फीचर लेकर की प्रक्रिया देख लीजिए कर दिया जाता है, तो ठीक है, यहां पर ओके, बी इजिल 135 यार आप लोगों कितनी बार बोले बी इजिल 135 की BEGL 135 यार आप लोगों कितनी बार बोलें BEGL 135 की मैंने कल लाइफ लास ले ली आप लोगों वीडियो नहीं मिल पाते हैं क्या मैंने कल लाइफ लास्ट ले ली आप लोगों को वीडियो नहीं मिल पाते हैं क्या प्रारम देखिएगा, प्रारब देखेगा, भी से थोड़ा अपने से पढ़ियेगा, विसे तो अपने से पढ़ियेगा, मैं ठायड हो चुकी हूँ, मैं टायर हो चुकी हूँ, ठीक है, ठीक है, मेरा गला है, मेरा गला है, आज ये तीस्वी क्लास है, आज ये तीसरी क्लास है, फीचर का फिर धाचा तयार किया जाता है, फीचर का फिर धाचा तैयार किया जाता है, ठीक है ना, ठीक है ना, यानि कि शुरू से लेकर के आखरी तक उस फीचर को बादे भी रखना यानि कि शुरू से लेकर के आखरी तक उस फीचर को बादे भी रखना तो जुर� वाला देखने वाला होता है उसका इंटरेस्ट बना रहे हैं ना तो फीचर के ठाचा तैयार किया जाता है कि फीचर को 1000 शब्दों में दिखा जा रहा है उसमें थीम क्या होंगे एंगल क्या होंगी क्या बातें होंगी हर ना केस इसको जाया कि पढ़ने व देखने वाला होता है उसका इंटरेस्ट बना रहे हैं ना तो फीचर के अंधार चाहिए जाता कि फीचर को 1000 शब्दों में लिखा जा रहा है उसमें थीन क्या होंगे इंगल क्या होंगी क्या-क्या बातें होंगी हर ना कैसे उस जायां कि पढ़ने वाला दे� वह बना रहे हैं वह शुरू से लेकर के आखिर तक देखे बना रहे हो शुरू से लेकर के आखिर तक देखे ठीक है ना और फीचर का विकास करते हैं प्रवाय बेरी इंपोर्टेंट पहले यह क्वेश्चन यहां पर बन जाता है फीचर दूसरा बन जाता है ना ठीक है ना और फीचर का विकास कर दिया प्रभाई बेरी इंपोर्टेंट पहले यह क्वेश्चन यहां पर बन जाता है फीचर दूसरा बन जाता है ना फीचर की भाषा क्या हो फिर तीसरा प्रोशन बनेगा फीचर लेखन में ध्यान रखने के बाद फीचर की भाषा क्या हो फिर तीसरा क्वेश्चन देखो हमने देखा फीचर समाचाल लेकर फीचर लेखन में पर फीचर लेखन के लिए क्या चीजें की जाती है प्रक्रियाम में देखा फिर उसके बाद हमने देखा कि बने� फीचर लेखन किस तरह से किया जाता है जाता है ठीक है ना प्रक्रिया प्रोसेस क्या होती है प्रिशन लेकर जब तैयार किया जाता है तो कौन-कौन सी बातें ध्यान में रखी जाती हैं जब तैयार किया जाता है तो कौन-कौन सी बातें ध्यान में रखी जाते हैं टाइड लग रहा है एक ब्लॉक करवा देती है तीन ब्लॉक बाद में करवा दूं क्या लगना एक ब्लॉक करवा देती हूं तीन ब्लॉक बाद में करवा दूं क्या कर अ दो कि फीचर की भाषा देख लीजिए इंपोर्टेंट हो सकती है पर फीचर की भाषा फीचर की भाषा देख लीजिए का इंपोर्टेंट हो सकती है आपका फीचर की भाषा ठीक है ओके ठीक है ओके बेरी इंपोर्टेंट हो सकती है बेरी इंपोर्टेंट हो सकती है क्योंकि देखो एक्चली ये क्या होता है कि फीचर की जो भाषा होती है आम बोलचाल की भाषा होती है क्योंकि देखो एक्शन यह क्या होता है कि फीचर की जो भाषा होती आम बोरुचाल की भाषा होती है थोड़ी नरम सौफ्ट होती है थोड़ी नरम सॉफ्ट होती है लोगो चूठे लेने वाली होती है चूठे ठीक है ना तो शर्म भाषा का प्रयोग किया जाता है यानि किसमें सब्द चुने से रवापो होते हैं रब्बा का कुछ गजब की नाटिक था नाटिक हुए चुना होता है वह सब्दी होता है बहुत आसान वाक्ति संबचना होती छोटे सर वाक्ति होते हैं रब्बा कुछ गजब की नाटिक था ना नाटकीता की रूप में होता है तो यहां पर ब्यंग रखा जाता है बहाव होता है नार्किता की रूप में होता है, तो यहाँ पर बेंग रखा जाता है, बहाव होता है, पाठकों को थोड़ा सहज लगे आसान लगे पाठकों को थोड़ा सहज लगे, आसान लगे, समझने में आशान हो तो बात छोटे होते ठीक है ना समझने में आशान है, तो बाप छोटे होते हैं, तीके ना, गलती की संभावना यहां पर नहीं होती ठीक है ना तो गलती की सम्मावना यहाँ पर नहीं होती है, फीचर को आकर्षक बनाने के लिए कठी शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाता है तीके ना, तो बल्कि यहां पर आरंख करें कि अभाषा का इस्तेमाल किया जाता है फीचर को राइट लोकिन आर्थ का अनर्थ ना हो इसलिए यहां पर जनरी आकर्ष ग्रामर का ब्याक्रण का खासतौर पर ध्यान रखा की भासा आपके लिए important हो सकती है की भासा आपके लिए important हो सकती है, अब यहाँ पर दिया हुआ है feature लेकर में ध्यान रखने वातित इसको आप देख लेना और इस तरह से हम कह सकते हैं कि यह first block हमारा अभी तक में finished हुआ है first block अभी तक में finished हुआ है block 2 हम चलो बाद में ले लेते हैं ठीक है ना यहाँ old वाला आपको होगे तो मैं important questions पर इसे बता देती हूँ क्योंकि अब यहाँ पर दिया हुआ है, feature लेकर में ध्यान लखने वाते पर इसको आप देख लेना, और इस तरह से हम कह सकते हैं कि यह first block हमारा अभी तक में finished हुआ है, first block अभी तक में finished हुआ है, ब्लॉग 2 हम चलो बाद में ले लेते हैं, ठीक है न, यहाँ old वाला वीडियो तो आप उसे विवाज कर सकते हो, आप कहोगे तो मैं important questions विशीब बता देती हूँ, क्योंकि पढ़ा पाना थोड़ा से यहाँ पे मुश्कीर है, ठीक है न, पढ़ा पाना थोड़ा मुश्कीर है यात्रा लेखक की योगता अब इसमें हम क्या देख रहे हैं ब्लॉक टू यात्रा लेखन यात्रा लेखन की योगता अब इसमें हम क्या देख रहे हैं ब्लॉग टू यात्रा लेखन अब यात्रा लेखन यहां पर आ गया है कि यात्रा लेखन क्या होती है ठीक है ना अब यात्रा लेखन यहां पर आ गया है कि यात्रा लेखन क्या होती है ठीक है ना यहां पर इंपोर्टेंट क्वेश्चन क्या बन सकता है यह देख लेते हैं देखो यहां पर इंपोर्टेंट प्रोशन्स क्या बन सकता है यह देख लेते यात्रा लेखन जो होता है ना उसमें इसमें शक्ति तीब्र होनी चाहिए हैं क्योंकि दिन भरमान लीजिए देखो यात्रा आत्रा लेखन लेखन का तो वही कर सकता है कि उसकी तीवर यारे मेमरी जो उसकी है तो वही कर सकता है कि उसकी तीवर यारे मेमरी जो उसकी है बहुत तेज होनी चाहिए, बहुत तेज होनी चाहिए दिर बढ़की यात्रा के दौरान उसने बहुत कुछ देखा है ठीक है ना दिन बर की यात्रा के दौरान उसने बहुत कुछ देखा है, ठीक है न, और उसे यात करके और उसे यात्र करके रात को सोनने की पहले डायरी में निश्चा के ठीक है ना तो सूर्ष रात को सोने के पहले डायरी में लिख सके, ठीक है न, तो सूख्षम आवलोकन वाम लोकन की शम्ता उसमें की शम्ता तो यहां के लोगों से लोगों से मिल जाए हस्मुक्र होना चाहिए मिल जाए हमारे हमारे लोगों से मिल जाए हमारे हमारे लोगों से मिल मेरा मतलब कि आगर उस जानना चाहता है पूछना चाहता है तो गुलमिल के उसके संस्कृति को समाज को समझ सकता है तीब्रबुद्धिवाला होना चाहिए जाए वह जब यात्रा करता तो बहुत से लोगों से मिलता जूता है ठीक है तो बहुत सारी महत्वपूर्ण तभी जान सकता जब उसका स्वाम हमारे हमारे लोगों से मिल जाए हमारे हमारे लोगों से मिलनसार और बिनंब्र होगा ठीक है मिल जाए हमारे हमारे तो यहां पर कि यात्रा लेकर जो होता उसको साहसी और जोखिम में न घवराने वाला होना चाहिए लोगों से मिल जाए हमारे यानि उसको साहसी होना चाहिए तो किसी यानि उसको साहसी होना चाहिए, तीज़ चौती विशेष्टा और पाचवी जोखिन में न घवराने वाला होना चाहिए, क्योंकि आप प्यात्रा कर रहे हो तो किसी भी तरदी कुछ भी परिसितियां हो सकती है, तरह के कुछ परिस्थिति आप नहीं हो सकती है ठीक है ना होकर राइट यह आपके लिए इंपोर्टेंट हो जाता है तो चलिए आप यहां पर यह हो गया तो मैं इसको क्या करती हूं ना कि मैं इसको बता देती हूं इंपोर्टेंट क्वेश्चर ठीक है न, ओके राइट, तो देखो तो आप इसको ले लेना तो आप वीडियो वाच कर लेना जला दला हुआ है ठीक है ना यह आपके लिए राइट सामग्री का शंकरन तो इसको हम बाग मिल रहते हैं टायर हो चुकी हूं ठीक है ना इंपोर्टें� अभी बहुत सारे आपके सबजेक्टे जो पढ़ाने हैं तो इतना काफी है ठीक है ना अभी बहुत सारे आपके सब्जेक्ट जो पढ़ाने है इतना काफी ठीक है ना चलो आज के लिए इतना काफी है, चलो आज के लिए इतना काफी है, ठीक है, ठीक है, बाब में करा दूँगी, बाग में करा दूँगी, पार्ट वन, पार्ट वन, पार्ट वन में करा दूँगी, पार्ट वन में करा दूँगी, तो तो देखती हूँ आप तीन बज़र है न, देखते हूँ आप तीन बज़र हैं न, आप पाँच के सम्तिंग आती हूँ, आप पाँच के सम्थिंग आती हूँ, डिल दो गंटे बाद आती हूँ, देर दो गंटे बाद आती हूँ, तो फिर इसके बाद आपका जो निष्ट तो फिर इसके बाद आपका जो निष्ट प