तो दोस्तों आज हम पढ़ने वाले क्लास टेंथ हिस्ट्री का चेप्रे नमर फर्स्ट जिसका नाम है The Rise of Nationalism in Europe इन 1848 फैडरिक सोरियो नाम के एक फ्रांच आर्टिस्ट थे उन्होंने कलपना करके चार पिक्चर्स बनाई जिनमें से ये जो पिक्चर आप देख रहे हो उसका नाम है The Pact Between Nations इस पिक्चर में फैडरिक सोरियो एक Democratic and Republic World की कलपना कर रहे है जो की आजादी को दर्सा रहे है इस स्टेचू की एक आद में टॉर्च है और दूसरे आद में मानव अधिकारों का चार्ट है इस मूर्ति के सामने जमीन पर मुनार्की सिस्टम का कचड़ा डला हुआ है यानि कि राजा महाराजाओं के मुकोट, कपड़े और भी राजा साई बस्तुय जमीन पर पड़ी हुई है इसमें जो आर्टेश्ट हैं वो ये बताना चाह रहे हैं मतलब राजा महाराजाओं के सासन को ध्वस्त करते जा रहे हैं यह देखकर उनके कोड ईसा मसी और जीसस आस्मान से उन्हें आसीरवाद दे रहे हैं इस चेप्टर में हम ऐसे कई सारे टॉपिक को पढ़ेंगे जिनकी कल्पना सोरियो ने अपनी इस पैंटिंग में की है इसके अलावा हम ये भी पढ़ेंगे कि यूरोप पे नेशनलिज्ड कैसे आया क्या कै चेंजिस देखने को मिले और कैसे नेशनलिज्ड स्टित्र में आया तो चले स्टार्ट करते हैं दोस्तों 1789 में जब फ्रांस रेवोलूशन हुआ तो उसका इंपेक्ट पूरे यूरोप पर पड़ा क्योंकि 1789 से पहले जब फ्रांस रेवोलूशन नहीं हुआ था तब फ्रांस के उपर राजा माराजाओं का सासन था वह रूल करते थे फ्रांस के लोगों के पास कोई पावर नहीं होती थी राजा जैसा कहेगा लोगों को बैसा ही करना पड़ता था राजा का बेटा राजा बनता था फिर उसका बेटा फिर उसका बेटा यही सिस्टम चलता था लेकिन जब फ्रांस में revolution हुआ तो फ्रांस में political और constitutional changes देखने को मिले अब क्या क्या changes देखने को मिले देखो तो फ्रांस revolution के दोरान पहला change ये देखने को मिला कि जो power monarchy के पास थी वो monarchy से हट कर फ्रांस के common citizen के पास पहुँच जाती है दूसरा change था लोगों ने पुराने flag को अटा कर एक new flag को introduce किया जिसमें तीन color था थर्ड change था फ्रांस language को national language घोसित कर दिया फूर्थ चेंज था फ्रांस के लोगों ने एक नया नैशनल एंथम कमपूज किया और साथ में सफध भी लिया फिब्ट चेंज था कि कॉमन लोगों ने वोटिंग के थूँ स्टेज जनरल को इलेक्ट करना सुरू कर दिया और उसका नाम बदल कर नैशनल असेंबली रख दिया इसके अलावा जो फ्रांस आर्मी थी उसने क्या किया कि जो नैसलेंस की भावना थी मतलब ने नेशन के प्रति प्यार और देशवक्ती की जो भावना थी उसे पूरे यूरोप में फैलाना सुरू कर दिया इन्होंने कहा कि अगर हम मुनार्गी को अटाकर डेमोक्रिसी ला सकते हैं तो आप लोग क्योंने सब को सही चल रहा था, फ्रांस से मुनार्की सिस्टम अट चुका था और डेमोक्रेसी आ गई थी, लोग खुशी खुशी रह रहे थे, लेकिन 1799 में एक ऐसे बैक्ती के एंट्री होती है, जो फ्रांस से डेमोक्रेसी को हटा देता है और सारी पावर अपने हाथ में ले लेता तो क्या क्या किया था नेपूलियन ने देखो पहले क्या होता था कि फ्रांस में सारे लोगों को एक्वल नहीं माना जाता था जो चर्च और नोबल्स होते थे उन्हें सुपीरियर माना जाता था उन्हें वर्थ की बेसिस पर प्रिबलेजेज भी मिलते थे सेकंड सिक्यूर द राइट ऑफ प्रॉपर्टी नेपोलियन ने क्या किया कि लोगों को राइट टू प्रॉपर्टी दिला दिया मतलब अगर किसी के पास पैसा है तो वो प्रॉपर्टी खरीज सकता है और वो प्रॉप अब वोल इस फ्यूडल सिस्टम पहले क्या होता था कि जो बड़े बड़े लेंडलोर्ड्स होते थे उन्हें फ्यूडल लोड्स भी कहते थे वो क्या करते थे वो पीजेंड्स पर काम करवाते थे और सारा प्रॉफिट खुद ले जाते थे उनका कोई फायदा ही नहीं होता था नेपूलियन ने ट्रांसपोर्टेशन और कमॉनिकेशन सिस्टम को काफी इंप्रूव कर दिया था जिसकी वज़े से फ्रांस वर डबल बजन और माप को स्टेंडराइज कर दिया और इसके अलाबा जो अलग लग प्रकार की करेंसी चलती थी फ्रांस के अंदर उनको आटा कर एक तरह की करेंसी में बदल दिया नेपोलियन ने गिल्ट रिस्ट्रिक्शन को हटा दिया इससे फायदा क्या हुआ कि मर्चेंट्स, आर्टीसियल्स अब सब फ्रीली ट्रेड कर सकते थे मतलब बिना किसी वेरियर के ट्रेडर सासानी से बैपार कर सकते थे पर ये जो चेंज नेपोलियन ने किये थे वे लोगों को इतने पसंद आई कि लोग नेपोलियन को मसिया समझने लगे क्योंकि उनको लग रहा था कि नेपोलियन ही हमें इस मुनार्गी सिस्टम से आज़त करा सकता है ऐसा उनको इसलिए लग रहा था कि नेपोलियन जहां कई भी जा रहा था वहाँ से मुनार्गी खतम होती जा रही थी तो ऐसे क्या कारण थे जिससे नेपोलियन से लोग नफरत करने लगे तो पहला रीजन था नेपोलियन ने लोगों को पॉलिटिकल फ्रीडम नहीं दी थी दूसरा कारण था टैक्स बढ़ा दिया था तीसरा कारण था लोगों के उपर सेंसरसिब लगा दी थी और चौता और सबसे बुरा कारण था नेपूलियन जबरदस्ती लोगों को आर्मी में भरती कर रहा था अब वो ऐसा क्यों कर रहा था क्योंकि उसे पूरे यूरोप को कॉंकर करना था तो इसके लिए उसे आर्मी की चरूरत तो थी तो उसने लोगों को जबरदस्ती आर्मी में भरती करना शुरू करती है ये उसकी सबसे बड़ी कलती थी और दोस्तों ये जो कारण थे इनी कारणों के बज़े से लोग नेपुलियन से नफरत करने लगे थे The Making of Nationalism in Europe Mid 18th Century में यूरोप के अंदर कोई भी Nation State नहीं था Nation State का मतलब होता है कि कोई भी ऐसी Country जिसमें Most of the People Common Language, Culture, Identity को फॉलो करते हो For Example, आज के टाइम पर जितनी भी Countries हैं वे सारी Nation States हैं लेकिन पहले ऐसा नहीं होता था अगर हम Mid 18th Century वाले यूरोप के मैप को देखेंगे तो हमें कोई भी Nation State देखने को नहीं मिलेगा बल्कि हमें बड़े-बड़े सामराज्य देखने को मिलेंगे जिनके ऊपर राजा माराजा रूल करते थे फूर एग्जांपल अगर हम बात करें हुपस्वर्ग एमपायर की तो इसके अंदर भाती-भाती प्रकार के लोग रहते थे जिनके आइडिया, कल्चर, ट्रिड अब आप खुद ही सोचो कि अगर इनमें इतनी ज़्यादा diversity होगी तो क्या कभी इनके मन में ऐसा idea आएगा कि हम एक nation state बनाना चाहिए जैसा सबकी common language, culture, tradition सबको same हो आप मेंसे कई लोग कहेंगे कि नहीं आएगा पर actually मैं nation state का idea इनके पास आता है अब वो कैसे आता है चलिए जानते हैं दोस्तों उस समय पर यूरोप के अंदर दो तरह के लोग रहते थे aristocrats और peasants अरिस्टोक्रिट्स वो लोग थे जिनको सुसाइटी में रहीस माना जाता था मतलब इनको पैसे वाले लोगों में गिना जाता था इनके पास जमीने थी, बड़े बड़े टाउन आउसेस थे ये लोग माइनॉल्टी में थे, मतलब इनकी जो संख्या थी वो कम थी क्यों? क्योंकि इनके पास पैसा था ये जो लोग थे भी आप उसकी फैमिलीज में साधी करते थे इसके अलावा इनका जो standard of living था वो सबका common था एक जैसे कपड़े पहनते थे एक जैसा खाते थे मतलब एक जैसी lifestyle जीते थे वहीं जो peasants से वे गरीव थे इनके पास खुद की कोई जमीन नहीं थी ये aristocrats की जमीन होती थी उन पे जागर काम करते थे और उनकी जमीन की देखवाल करते थे ये जो थे वो majority में थे मतलब इनकी जो population थी वो जादा थी लेकिन उसके बावजूद भी इनके बस power कम थे because due to lack of money अब क्या होता है की Industrial Revolution आता है जिसकी बज़े से एक नई Working Class ओवर के आती है जिसका नाम था Middle Class Middle Class में बो लोग आते थे जो नाई जादा गरीव थे और नाई जादा अमीर थे ये Educated लोग थे जैसे की Businessman, Industrialist and Other Professionals ये सब Middle Class में आते थे तो ये जो Middle Class के लोग थे इन्हीं के मन में Idea आया क्या Idea आया? एक तो आया Nation Unity का पताब Same Culture, Traditional Language वाले लोग एक साथ रहेंगे मतलब simply nation state का idea है और दूसरा idea आया liberal nationalism का यानि की liberalism का तो ये idea क्या कहता था इसके लिए हम पढ़ते हैं इस topic को what did liberal nationalism stand for तो liberal nationalism का idea क्या कहता था कि जो autocracy है वो खतम होनी चाहिए और जो government बने वो जनता के हिसाब से बने जो चर्च के लोग होते थे उन्हें जनम से privileges मिलते थे जो की गलत था तो उन privileges को खतम कर देना चाहिए और एक constitution होना चाहिए जिसके साब से government काम करे और government एक representative form of government होनी चाहिए तो इनी सब चीजों के लिए जो educated middle class लोग थे वो struggle कर रहे थे पर इसमें एक प्रॉब्लम थी अब वो प्रॉब्लम क्या थी कि जो middle class लोग थे वो women's को support नहीं कर रहे थे ये भले भोटिंग rights की मांग कर रहे थे पर केवल men's के लिए women's के लिए नहीं कर रहे थे और वो भी ऐसे men's के लिए जिनके बस property हो अब आप खुदी सोचो कि जिन लोगों को छोड़ा जाएगा वो क्या करेंगे प्रोटेस्ट करेंगे इसलिए जो men's without property थे और जो women's थी वे यूरोप में अलग अलग जगों पर जाकर प्रोटेस्ट कर रहे थे इन सब के अलाबा एक और प्रॉब्लम चल रही थी यूरोप के अंदर वो थी कि जो ट्रेडर्स होते थे उन्हें काफी ज़दा टेक्स परना पड़ता था तब जाके ट्रेडर्स ट्रेड कर पाते थे तो जब ट्रेडर्स हम्सवर्क से न्यूरिनवर्क जा देते वैपार के लिए तो उन्हें ग्यारा जगों पर टेक्स देना पड़ता था वो भी 5-5% के इसाप से अब आप खुदी सोचो कि इतना टेक्स अगर ट्रेडर्स पे करेंगे तो कमाएगे क्या तो इनको बहुत प्र लगभग 30 अलग अलग प्रकारी करेंसी चलती थी तो इससे traders को बहुत दिक्कत आती थी उन्हें हर नई state में currency change करनी पड़ती थी तो क्या हुआ 1834 में custom union form हुआ जिसका नाम था Zolvering इससे Prussia ने start किया था और इसमें बाद में जाकर other German state भी join हो गए थे इसने क्या किया इसने तीन काम के पहला जो ट्रेड वेरियस्ट ते मतलब जो अलगला जगों पर टेक्स देने पड़ रहे थे उनको हटा दिया दूसरा जो अलगला प्रकार की 30 करेंसी चल रही थी यूरूप के अंदर उनको रिडूस करके दो तरह की करेंसी में कर दिया तीसरा रेलवे नेटवर को प्रमोट किया जिसे ट्रेडिंग और भी आसाली से हो सके अन्यू कंसर्वेटिस्म आफ्टर 1850 अब दुस्तों मैंने आपको नेपूलियन की स्टोरी सुनाई थी मैंने आपको बताया था कि नेपूलियन ने 1799 से रूल करना श्टार्ट किया था और उसका रूल 1815 तक चलता है तो 1815 में ऐसा क्या हुआ कि नेपूलियन का रूल खतम हो जाता है तो एक्चुली में 1815 में होता क्या है कि एक फाइट होती है इसमें एक तरफ नेपूलियन होता है और दूसरी तरफ होती है चार कंट्रीज बृतेन, रसिया, प्रूशिया और ओस्ट्रिया इस फाइट को बैटल आफ वाटरलू बोला जाता है तो इस फाइट का रिजल्ट क्या होता है कि जो नेपोलियन होता है वो हार जाता है नेपोलियन की हार के बाद जो जीते हुए स्टेट्स थे बृतेन, रसिया, प्रूशिया और ओस्ट्रिया ये कौन थे ये कंजरवेटिव लोग थे इन्हें मुनार्गी पसंद थी तो ये क्या करते हैं मतलब नेपोलियन ने जो कुछ भी किया था उसको आटाका जो पुराना सिस्टम था उसको बापुस लाते हैं और साथ में यूरोपे जो भी चेंज हुए थे उनको पहले जैसा कर देते हैं और नाई कोई इनके किलाब आवाज उठा सकता है किसी भी तरह से इन सब के अलावे इन चारों स्टेट ने एक ट्रीटी साइन की जिसका नाम था ट्रीटी ओफ वैना ये 1815 में ही साइन की गई थी इसको होस्ट कर रहे थे ओस्ट्रियन चांसल ड्यूक मेटरनिज प्राप् तो इस ट्रीटी में से क्या था?
क्या क्या चिंजेस आए थी इस ट्रीटी के बज़े से? चलिए देखते हैं फर्स्ट, बरवन डाइनेस्टी वाज रीस्टोर्ड इन फ्रांस फ्रांस में जो बरवन डाइनेस्टी चलती थी पहले जिसे बीच में हटा दिया था उसे फिर से रीस्टोर कर दिया सेकिन्ट, फ्रांस के चारों तरफ बॉंडरीज पर स्टेट सेटप किये गए जिसे फ्रांस का एक्सपेंडेशन नहों थार्ड पुरुसिया को कुछ इंपोर्टेंट टेरिटरीज दी गए ओन इट्स बेस्टर्न बॉर्डर फूर्थ ऑस्ट्रिया को भी नौर्थ इटली पर कंट्रॉल मिल जा फिर रसिया को पोलेंट दे दिया गया नेपोलियन ने एक कॉंफ़िडरेशन बनाई थी थर्डी नाइन स्टेट की उसको इन्होंने अंटर्ज रहने दिया बाकि तुम्हें तो पता ही है कि नेपोलियन की हर एक चेंज ���ो तो इन्होंने चेंज कर दिया था और जो कंजर्वेटिव लोग थे उनके पास पावर आ चुकी थी तो इस कंजर्वेटिव से बहुत से लिवरल नेशनलिज लोग खुस नहीं थे तो 1815 के बाद जितने भी लिवरल नेशनलिज्ब लोग थे फिर अंडरग्राउंड हो गए क्योंकि अब पावर कंसर्वेटिव लोगों के पास पहुँच चुके थे ये नहीं चाह दे थे कि यूरोपा मोनार्की या ओटोक्रेटिक रूल रहे इन्हें पूरी तरह से आजादी चाहिए ऐसे ही एक बैखती थी जिनका नाम था गोसिपी मर्जीनी इनका जन्म 1807 में गेनियो में हुआ था ये एक इटली के रेवोलूशनरी थे ये एक सुसाइटी के मेंबर भी थे जिसका नाम था कारवोनरी और साथ में इन्होंने दो सीगरेट सुसाइटी बनाई थी पहली यांग इटली इन मर्सेलिस और दूसरी यांग यूरोप इन वर्ग तो ये दो सुसाइटी बनाई थी ये इटली के थे इसलिए ये चाहते थे कि इटली एक नेशन स्टेट बने तो क्या होगा? रेवोलूशन होगा? अफकॉस होगा ता एज ओफ रिवोल्यूशन 1830 से लेकर 1848 का जो दौर है इसमें यूरोप के अंदर कई सारे रिवोल्यूशन होते हैं इसलिए इस दौर को एज ओफ रिवोल्यूशन बोला जाता है तो इस पीरिट में दो ही में रिवोल्यूशन हुए हैं तो सबसे पहले हम बात करते हैं जुलाई रिवोल्यूशन की पहला फ्रांस के उपर और दूसरा वेल्जियम के उपर तो फ्रांस में क्या होता है फ्रांस से बर्वन किंग को हटा दिया जाता है मतलब कंजर्वेटिव लोगों ने जो बर्वन डाइनिस्ट्री सेट अप की थी फ्रांस के अंदर उसको हटा दिया जाता है और साथ में कंस्टिटूशनल मुनार्की सेट अप की जाती है मतलब मुनार्की तो रहेगी बट उसमें काम कंस्टिटूशन के इसाब से होगा इन सब के अलावा लूइस फिलीपी को फ्रांस का हैड बना दिया जाए अब बात करते हैं बैल्जियम की पहले क्या था कि जो बैल्जियम था वो United Kingdom of Netherland का ही पार्ट था मतलब बैल्जियम United Kingdom of Netherland के कंट्रोल में आता था तो जो बैल्जियम के लोग थे उनको आजादी चाहिए थी वो अपना एक अलगी नेशन बनाना चाहते थे और इसी कारण से बैल्जियम में भी रिवोलूशन होता है और इस रिवोलूशन का रिजल्ट यह आता है कि बैल्जियम को फ्री कर दिया जाता है मतलब बैल्जियम आजाद हो जाता है United Kingdom of Netherland से अब हम बात करते हैं दूसरे revolution की जिसका नाम था Greek revolution तो पहले क्या था कि जो Greek था वो Ottoman Empire का पार्ट था तो जो Greek के लोग थे वो भी और देशों की तरह freedom की demand कर रहे थे वो भी चाह रहे थे कि हमारा एक nation state हो मतलब अलग से एक country हो तो इसी feeling के लिए 1821 में ग्रीस के लोग स्टर्गल करना शुरू कर देते हैं पर ग्रीस के लोग इतने जादा powerful नहीं थे कि भी अपने आपको आज़दी दिला पाएं तो इन्हें मदद की जरूरत थी तो इसके लिए जो West European countries थी वो इनकी मदद करती हैं और साथ में जो ग्रीक के पोएट्स और आर्टिश्ट थे बेबी अपनी पोएम्स और पेंटिंग के थूरू लोगों के बीच में नेसलेंस की फिलिंग जगाने में लगे हुए थे तो इन सब की बज़े से फाइनली 1932 को एक ट्रीटी साइन होती है जिसका नाम था दोस्तों आपको क्या लगता है कि जो नेशनलिस्ट की फीलिंग थी मतलब जो देशबक्ती की जो भावना थी वो लोगों में केबल वार और टेरिस्टोरियल एक्सपेंशन से आई थी नहीं ऐसा नहीं था बलकि इसके अलाबा एक और चीज थी वो था कल्चर इसलिए श्टार्ट वो रोमांटिसिसम रोमांटिसिजम का मतलब होता है अकल्चरल मूमेंट टू डबलप अप पर्टिकुलर फर्म अप नेशनल सेंटिमेंट्स मतलब कोई भी ऐसा कल्चरल मूमेंट है जिसकी बज़े से लोगों में अपने नेशन के प्रति प्यार पैदा हो यहां हम कह सकते हैं लोगों के मन में अपने देश के प्रति सेंटिमेंट जागरों क तो ऐसे कई सारे romantic artists थे जो romanticism फैला रहते अपनी arts, poetry, stories और music की मदद से ऐसे एक German philosopher थे जिनका नाम था Zorn Gottfried इन्होंने इसी से related अपनी feelings share की इन्होंने कहा कि अगर आपको पता करना है कि इसी देश का culture कैसा है बलकि कॉमल लोगों के पास में रहने से पता चलेगा कि उस देश का culture कैसा है और इन्होंने ये भी कहा कि जो कल्चर है वही तो आत्मा है नेशन की मतलब कल्चर is the true spirit of the nation अब हम एक story सुनने जो की Poland की story है ताकि हम और अच्छे समझ सके कि romanticism क्या है तो जो पोलेंड था उसका जातर इस तर रसिया के कंट्रोल में था और जो पोलेंड के लोग थे वो पॉलिस बासा बोलते थे तो रसिया ने क्या किया कि पोलेंड से पॉलिस बासा को अटा दिया तो पोलेंड के कुछ लोगों ने 1831 में इसकी अगेज्ड रिवोलूशन स्टार्ट किया पर हमें एक बात पता है कि रसिया आज भी पावरफुल है और उस समय पर भी पावरफुल था और बैसे भी जो Poland था वो Russia के ही कंट्रोल में आत तो हुआ क्या कि पोलेंड को दवा दिया गया मतलब जो लोग रेवॉलूशन कर रहे थे उनको चुप करा दिया गया इन फैक्ट कुछ प्रीष्ट को तो उन्होंने जील में बंद कर दिया और कुछ को तो उन्होंने साइबेरिया बेज दिया मरने के लिए ताकि आगे से कोई उनके खिलाब आवाज ना उठा सके लेकिन ये स्टोरी हमें एक चीज सिकाती है कि जो ये लैंगबेज होती है किसी भी निशन की वो भी एक बेपन बन सकती है जिससे नेसलिव्स की फिल्म वो जगाया जा सकती है भले ही रसी अपनी language को Poland के ऊपर थोपना चाहता था पर Poland के लोग अपनी cultural language को छोड़ना नहीं चाह रहे थे ये जो प्यार था अपने culture से related अपनी cultural language से related उसी को तो romanticism बोला जाता है तब ही तो जो romantic thinkers थे वो लोगों में romanticism फैला रहे थे ताकि लोगों में culture के परती प्यार बना रहे और लोगों में nationality की feeling बरकर आते हैं हंगर, हार्डसिप और पॉपुलर रिवॉल्ड 1830s में यूरोप के अंदर एक ऐसा दोर आता है जिसमें लोगों की एकॉनिमिक कंडिशन बहुत ज़ादा खराब हो जाती है एकॉनिमिक हार्डसिप आ जाती है जिसके कारण जो गाउं के लोग थे वो सहरों में जाने लगते हैं ये सोचकर कि वहाँ जाकर उनको काम मिलेगा लोगों के आने से सहरों में सलम्स क्रियेट होने लगते हैं और cities की condition भी खराब होने लगती है अब हुआ क्या कि अब जो सामान तब वो यूरोप पर इंग्लेंड से आने लगा और इंग्लेंड का सामान लोगों के लिए सस्ता पड़ता था क्योंकि ये सामान मसीनों से बनता था जिससे जो small scale producer थे उनको भी loss होने लगा और यही वो तोर था जब लोगों की फजले भी खराब हो गए जिससे food prices आस्पान चू रहे थे लोगों खाने के लिए भी struggle करना पड़ रहा था सबसे ज़्यादा हंगर और हार्टसिप का असर उन लोगों पर पढ़ रहा था जो सहरों से काम के तलास में आये थे यानि के 1848 वे फ्रांस की सिटी पेरिस की आलत ऐसी हो जाती है कि लोग सडको पर आ जाते हैं ये देखकर जो फ्रांस का रूलर था लूइस फिल्पी वो डर जाता है और वो अपनी पोजिशन छोड़ कर भाग जाता है इसके लिए फ्रांस में एक National Assembly फॉर्म होती है और National Assembly फ्रांस को एक Republic Country डिकलियर कर देती है मतलब अब फ्रांस जो है वो एक Nation State बन चुका था National Assembly के आने के बाद कुछ चेंजेज होते हैं बेसिकली दो चिंजेस होते हैं पहला सबको बोटिंग राइट दिया जाता है मतलब जितने भी 21 साल से उपर के आदमी हैं उनको बोटिंग राइट दे दिया जाता है अमीर गरीब सबको बोटिंग राइट दे दिया जाता है वूमन्स को छोड़कर सेकिन्ड राइट टू वर्क प्रोवाइड कराया जाता है मतलब सबको काम दिया जाएगा वो धीरे धीरे खतम होने लगती 1845 में एक और incident हुआ था जिसको सिलेसिया revolt बोला जाता है क्योंकि ये सिलेसिया में हुआ था तो हुआ क्या था कि कुछ beavers से जिन्होंने contractor के against में revolt कर दिया था क्यों किया था क्योंकि contractor ने इनका payment कम कर दिया था इस बास से beavers को गुस्सा आ गया और उन्होंने contractor के घर में तोड़ फोड मचा दी contractor beavers के डर से एक पास के गाउं में जाकर छिप जाता है लेकिन गाउं वालों ने भी उसे रखने से इंकार कर दिया तो वो जाकर आर्मी के पास पहुंच जाता है और उनसे जाकर मदद मांग ले रखता है तो यहाँ पर जो वीवर्स उसका पीचा कर रहे थे उनकी आर्मी से फाइट होती है जिसमें 11 वीवर्स मर जाते हैं बट बात तो यह थी कि रिवॉल्चन हो रहे थे और पूरे यूरोप में हो रहे थे तो जो middle class लोग थे वो भी 1848 में revolution कर रहे थे और ये क्यों कर रहे थे क्योंकि ये nissan state establish करना चाह रहे थे और साथ में demand कर रहे थे parliamentary principles की parliamentary principles का मतलब होता है कि लोगों के पास एक constitution होना चाहिए freedom of press होना चाहिए और freedom of association होना चाहिए मतलब किसी को भी अपनी association या party बनानी की आजादी होनी चाहिए तो इन सब चीजों की demand कर रहे थे middle class के लोग अब दोस्तों यहां से हम जर्मन रीजन की बात करने वाले तो जर्मन रीजन में क्या होता है कि जो वहां के मिडल क्लास लोग होते हैं वो क्या करते हैं वो एक असेंबली बनाते हैं जिसको आल जर्मन नेशनल असेंबली बोला जाता है जिसमें 831 मेंबर्स को यह लोग एलेक्ट करते हैं बोटिंग के थूँ और 18 में 1848 को यह सारे 831 मेंबर्स एकट्टे होते हैं जहां पर एक चर्च है सेंट पूल नाम का वहाँ पर जाकर ये सारे लोग एगट्टे होते हैं जैसा कि आप इस पिक्चर में भी देख सकते हो इसी को फ्रांकपोर्ट पारलियमेंट भी बोला जाता है क्योंकि जर्मनी में पारलियमेंट तो था नहीं तो ये जो 831 मेंबर्स थे वो क्या करते हैं पर एक प्रॉबलम थी जो ये 831 मेंबर्स सिलेक्ट हुए थे विशारे मिडल क्लास लोग तो ये क्या करने लगे कि जो workers और artisans थे उनको ignore करने लगे उनकी demands नहीं सुनी जा रहे थे तो workers और artisans को गुस्ता आ गया और उन्हें अपना support बापुस ले लिया बैसे workers और artisans support कर रहे थे इनको लेकिन अव नहीं कर रहे थे इस कारण से जो middle class के लोग constitution की लड़ाई लड़ रहे थे वो कमजोर पढ़ने लगे लेकिन उसके बावजूद भी ये लोग गए राजा के पास अपना constitution का idea लेकर उस समय पर जो राजा था वो था Fedris William IV ये पूरे Prussia का राजा था तो actually में उस समय पर जर्मनी नामी कोई country होती ही नहीं थी बलकि उस समय पर जर्मन reason हुआ करते थे इसलिए सारे लोग Prussia के राजा के पास गए थे अब आप खुदी सोचो कि क्या राजा चाहेगा कि Constitution आए राजा क्यों चाहेगा अपनी Power कम करना इसलिए राजा अपनी Army को बुलाता है और इनकी अच्छे से खातरदारी करवाता है और यहाँ पर तो यहाँ पर कमी क्या रही इन्होंने workers और artisans का support नहीं लिया अगर लेती तो यह movement थोड़ा broad level पर होता और साइद राजा को pressure में आगा इनके बाद मान नहीं बढ़ती लेकिन अब सो जैसा नहीं हुआ movement fail हो गया लेकिन जो monarchs थे उन्हें एक चीज समझ में आ गई थी कि भी जादा समय तक ये liberals लोगों को रोक नहीं पाएंगे कभी ना कभी तो ये middle class लोग जीती जाएंगे ऐसा ही ने realize होने लगा तो ये क्या करते हैं ये थोड़ा थोड़ा concession देना शुरू कर देते हैं तो क्या करते हैं?
पहला सैपडम और बाउंडेड लेबर को अबोलिस कर देते हैं हुप्सपर डॉमिनेशन से और रसिया से और दूसरा हंगेरियन को ओटोनॉमिक ग्रेंड कर दी जाती है इन 1867 देखिए जर्मनी और इटली के बारे में इस टॉपिक में हम पढ़ेंगे कैसे जर्मनी और इटली यूनिफाई नीशन बनते हैं और कैसे उनका यूनिफिकेशन होता है तो सबसे पहले हम देखते हैं जर्मनी के केस को बट राजा जो होता है वो असेप्ट करनी से मना कर देता है और उन्हें सप्रेस कर देता है आर्मी की मदस से अब सवाल ये उठता है ये क्या middle class लोगों ने आगे कोई movement नहीं किया किया कैसे किया देखो तो जो middle class लोग होते हैं वे क्या करते हैं वे जाते हैं पुरूशिया के बड़े बड़े landlords के पास जिनने जंकर्स और पुरूशिया भी बोला जाता है उनसे जाकर ये लोग मदद मांगते हैं तो जो जंकर्स होते हैं वो इनकी मदद के लिए तैयार हो जाते हैं और सारा जिम्मा अपनी उपर ले लेते हैं जर्मनी के unification अब सारी जिम्मेदारी पुरूशिया के पास आ चुकी थी उस समय पर प्रूशिया का जो चीप मिनिस्टर था वो था ओर तो आटुमन बिस्मार और उसकी मिलेटरी और सारी जंकस मिलके लड़ाई करना सुरू कर देते हैं किसके खिलाब फ्रांस, ओस्ट्रिया और डेनमार के खिलाब क्यों करते हैं क्योंकि जर्मन स्पीकिंग रीजन था वो इनके कंट्रोल में था उनसे छीडने के लिए ये लड़ाई करते हैं ये लड़ाई 7 सालों तक चलती है मतलब जर्मनी एक यूनिफाइड निशन बन जाता है और फाइनली 18 सनबरी 1871 को जर्मनी का एक नया राजा बनता है जिसका नाम था कीजर विलियम फश्ट ये जो राजा बनाता है वो काफी सदा महत्व देता था करेंजी को मोडरनाइज करने में बेंकिंग और जूडिशियल सिस्टम को इंप्रूव करने में इससे पहले टॉपिक में हमने पढ़ाता है की जर्मनी का यूनिफिकेशन कैसे हुआ था तो देखो 19th century में इटली जो था वो 7 states में बटा हुआ था अब दोस्तों ये जो स्टेट आप देख रहे हैं वो है सरडेनिया पेडमोंड यही एक मातर स्टेट था जहाँ पर एक ऐसा राजा रूल करता था जो इटली लैंग्वेज बोलता था और वो एक्चुली में ही इटालियन प्रिंच था उसका नाम था बेक्टर रमूनल सेकेंड अब देखो इटली के नौर्थ का जो एरिया था वो आश्टरिया हुमस्वर के कंट्रोल में था इटली के सेंटर का जो एरिया था वो पॉप के कंट्रोल में था और जो साउथ का एरिया था वो बर्वन किंग ओफ स्पेन के कंट्रोल में था मैंने आपको एक बैक्ती के बारे में बताया था जिसका नाम था गोसिपी मजीनी ये भी इटली को यूनिफाइड करना चाहते थे इन फेक्ट इसके लिए इनोंने एक सीकरेट सोसाइटी भी बनाई थी जिसका नाम था यांग इटली पर अब सो ये फेल हो गए थ बट 1848 में जो सरडेनिया पिडमोंट का जो किंग था बेक्टर इम्मूनियल सेकंड वो ये ठान लेता है कि अब मैं यूनिफाई करूँगा इटली को इसके लिए वो अपने चीप मिनिश्टर को बलाता है जिसका नाम था काउंट कैवर और उसे रिस्पॉंसिबिलिटी दे देता है किसकी इटली वो यूनिफाई करने की और यहां से रिवोलूशन स्टार सबसे पहले क्या होता है कि 1859 में कैवर फ्रांस के साथ मिलकर औस्टेडिया हूमस्वर को हरा देता है और जो एरिया उन्होंने कैप्चर करके रखा था उसको वो अपने कंट्रोल में ले लेता है अब बारी थी साउथ वाले रीजन की जो की बर्वन किंग ओफ स्पैन के तो इसके लिए क्या और क्या करता है एक बैक्ती की मदद लेता है जिसका नाम था गुसिपी गरीब बाल्डी जिसकी खुद की एक आर्मी थी जिसमें हजारों वॉलेंटियर थे तो ये सारे लोग मिलके लड़ाई करते हैं और 1860 में इटली के साउथ वाले रीजन को ये स्पेन से आजात करा अब अच्छा Central Italy, तो Central Italy पॉप के कंट्रोल में था, पर पॉप से आजात कराने में इनको कोई दिक्कत नहीं होते, क्योंकि पॉप जो है वो डर जाता है, इसलिए वो पहले ही सरेंडर कर देता है, तो इस तरह से Italy जो है वो Unified हो जाता है, और Finally 1861 में जो Bacterimonial Second थे, उनको पू देश्ट्रेंज केस ऑफ ब्रिटेन अभी हमने जर्मनी और इटली का यूनिफिकेशन पढ़ा था लेकिन इस टॉपिक में हम पढ़ेंगे कि ब्रिटेन का यूनिफिकेशन कैसे हुआ था तो चलिए देखते हैं दोस्तो जो ब्रिटेन का यूनिफिकेशन हुआ था वो ऐसे यह इंग्लैंड है, यह वेल्स है और यह आर्लैंड है यह जो स्टेट्स आप देख रहे हो इन सब में आलग-अलग इथिनिक आइडेंटिटीज वाले लोग रहते थे जैसे कि स्कॉटलैंड में स्कॉट लोग रहते थे, इंग्लैंड में इंग्लिस लोग रहते थे, वेल्स में वेल्स लोग रहते थे और आर्लैंड में आइरिस लोग रहते थे और दोस्तों जो वेल्स था वो 1535 से इंग्लैंड का पार्ट था अब क्या होता है कि जो इंग्लैंड होता है उसमें 1688 से पहले मुनार की थी और उसके पास पावर भी थी लेकिन 1688 के बाद महवार मुनार्की तो रहती है लेकिन most of the power इंग्लिस पारलेमेंट के पास पहुँच जात अब इंग्लेंड ने सोचा कि क्यों ना इन सारे आसपास के स्टेट्स को कैप्चर किया जाए और अपने टेरिटरीज को एक्सपेंड किया जाए और इंग्लेंड ऐसा ही करता है सबसे पहले वो फोकस करता है स्कॉर्टलेंड पर और उसे कन्वेंस करता है और उसके साथ एक एक्ट ओफ यूनियन साइन करता है इन 1707 और इस एक्ट ओफ यूनियन के साइन होते ही इंग्लेंड और स्कॉर्टलेंड एक हो जाते हैं और बनाते हैं यूनाइटेट किंगडाम ओफ ग्रेट ब्रिटेंग अब धीरे धीरे क्या हुआ कि ब्रिटिस पारलेमेंट के अंदर इंग्लेंड के लोगों का डॉमिनिशन बढ़ने लगा और वे धीरे धीरे स्कॉटलेंड के लोगों को सप्रेस करने लगे ना ही भी अपनी भाजा बोल सकते थे और ना ही भी अपने इसाब से कुछ भी पैन सकते थे सिविलर केस आइरलेंड के साथ हुआ था आइरलेंड में क्या था आइरलेंड में दो तरह के लोग रहते थे कैतुलिक्स और प्रोटेस्टन्ट कैथुलिक जो थे वो मुझॉर्टी में थे और प्रोटेस्टेंट जो थे वो माइनॉर्टी में थे इन दोनों के बीच में हमेशा टेंशन बना रहता था मतलब आप उसमें लड़ते रहते थे इसी बात का फायदा उठाता है इंग्लेंड इंग्लेंड क्या करता है प्रोटेस्टेंट को सपोर्ट करता है अब Catholics सांध नहीं रहेंगे Catholics ने इसका ब्रोध भी किया In fact एक पैक्टी थे जिनका नाम था वोल्फ टॉन इनोंने 1978 में इसके अगेंस्ट रिबॉल्ट भी किया था पर उन्हें दवा दिया गया और फाइनली 1801 में इन यूनाइटिट किंगडम और एक नया बृतिस नीशन बना जिसमें बृतिस फ्लैग था नेशनल एंथम भी उनी लोगों का था सब को प्रोमोट किया जाने लगा बिजुलाइजिंग दा नेशन 18-19 सेंचुरी में जो आर्टिस्ट होते थे उन्होंने सोचा कि क्यों ना नेशन को बिजुलाइज किया जाए मतलब नेशन को रूप दिया जाए जैसे कि अगर हम बात करें इंडिया की तो इंडिया को किसे रिप्रेजेंट किया जाता है भारत माता से और क्यों किया जाता है ताकि हम सबको ये फीलो कि हम सब एक हैं और भारत माता हम सबकी माता है ठीक इसी तरह से यो यूरोप के अलग अलग आर्टिस्ट थे उन्होंने अपने अपने नेशन्स को रूप देना स्टार्ट कर दिया अलग अलग फीमिल्स फ्रिगर्स के तुरू जिनने एलोगोरीज भी बोला जाता है ताकि लोगों में यूनिटी बनी रहे हैं जैसे कि फ्रांस के एलोगोरीज थी मेरियन और इसी तरह से जरमने के एलोगोरीज थी जरमेरियन तो इस तरह से ने नेशनलिज्म और इंपीरियलिज्म नेशनलिज्म तो हम पढ़ते हुए आ रहे हैं नेशनलिज्म का मतलब होता है अपने देश के प्रती देशवक्ति की भावना या हम कह सकते हैं अपने देश के प्रती प् तो होता कि 19th century के end तक जो nationals की feeling होती है वो convert होने लगती है imperialism में imperialism का मतलब होता है सामराजवाद मतलब कोई बड़ा nation छोड़े छोड़े nations को capture करने लगे अपने territories को expand करने के लिए इसी को imperialism बोला जाता है इसी से related एक case study है जो की Balkans reason की है झाल तो होता क्या है कि बलकान्स एक जगह थी यूरूप के अंदर जो कि ओटोमन अंपायर के अंदर आते थी इस बलकान्स रीजन के अंदर बहुत सारे स्टेट्स आते थे जैसे कि रुमैनिया, बलगेरिया, एलवानिया, ग्रीस और भी बहुत सारे स्टेट्स तो क्या हुआ कि जो आटोमन अमपायर था वो धीरे धीरे कमजोर होने लगा जिस कारण से जो बालकान रीजन के जो स्टेट थे पे अपनी आपको इंडिपेंडेंट करने लगे मतलब अपनी अपनी अलग लग कंट्रीज बनाने लगे ये सारी कंट्रीज आप उसमें जलती थी जिस बज़े से हर कंट्रीज यही चाह रही थी कि मेरा डॉमिनेशन रीजन सबसे बड़ा हो जिस बज़े से सारी कंट्रीज आप उसमें लडने लगती हैं अपने एरिया को एक्सपेंड करने के लिए इन सब को देखा जो बड़े बड़ी कंट्रीज होती है जैसे की रशिया, जर्मनी, इंगलैंड, ओस्ट्रोंग्री उनको भी लालच आ जाता है और वे भी इस लड़ाई में पार्ट ले लेती हैं और यही कारण बनता है फर्स्ट वर्ल्ड वार का पाद में जाकर कई सारे लोग एंटी इंपीरियल मुवमेंट भी चलाते हैं और कहीं ना कहीं जो इंपीरियलिज्म था उसकी बज़े से लोगों में नेसलेंस की फीलिंग भी जागती ह I hope आपको इस वीडियो पसंद आई होगी अगर आपको इस वीडियो पसंद आई तो आप इस वीडियो को like कर सकते हो और चाहो तो इस चैनल को subscribe भी कर सकते हो ऐसे ही class 10 की वीडियो जागे देखने के लिए मिलते हैं next वीडियो में तब तक के लि