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Lecture on Understanding True Wisdom and Worldly Illusions

[संगीत] श्री श गणा नमो अरिहंताणं नमो सदानम नमो रिण नमो ण नमो लो सानम सु पंच नमो का श पाव पनास मंगला च सवे स पवाम हव कल हमारी बात हो रही थी अतम पवेज वजम अवज स्वाव मुचे पर पास तंतु मंदे न देही मंदे जिसकी प्रज्ञा मंद होती है वह भई को नहीं पहचान सकता जिसकी प्रज्ञा मंद होती है वो फ्यूचर को देख नहीं सकता जिस प्रज्ञा मंद होती है वह पाप को समझ नहीं सकता जिसकी प्रज्ञा मंद होती है वह अयोग्य को जान नहीं सकता उसे लगता है यह योग्य ही कर रहा हूं उसे लगता है यह मैं योग्य ही कर रहा हूं जो भी लोग एडिक्शन वाले होते हैं ना वो बहुत ज्यादा बुद्धिमान होते हैं कि उसकी थोड़ी प्रज्ञा म होती मंद होती है य उसकी प्रज्ञा जोरदार होती तो उसके पर लिखा ही सरकार खुद लिखती है क्या यह नुकसान कारक है लेकिन वह भी वह पढ़ नहीं सकता लेकिन वह भी वह समझ नहीं सकता क्यों क्योंकि उसकी प्रज्ञ उस एडिक्शन के पीछे दबी हुई होती है सेम टू सेम हमारे साथ ऐसा होता है मालूम है कि संसार में इतने सारे पाप है इतने सारे दोष इतने सारे कर्म बंधन है मालूम है कि संसार का रिजल्ट लास्ट में जीरो है मालूम है कि संसार का रिजल्ट लास्ट में जीरो है लेकिन फिर भी आपको संसार का क्या होता है बोलो एडिक्शन है कि नहीं कितने लोग ऐसा मानते नमने संसार न व्यस उनको लगता ही नहीं कि हमको संसार का व्यसन है आपको लगता है कभी संसार का व्यसन आपको व तो सब ऐसे ही तो रहते सब ऐसे तो रहते सारे लोग पीने वाले होते हैं तो किसी को ऐसा नहीं लगता हम व्यसनी है सारे लोग पीने वाले होते हैं ना तो उसको लगता ही नहीं नहीं है लगते सब तो पित यही तो होता है ऐसा ही तो होता है इसी प्रकार से संसार नाम का व्यसन जिसको लगा हुआ होता है वो सारे संसार के बीच में रहते हैं उसको लगता ही नहीं कभी कि ये मेरा अज्ञान है उसे लगता है सब यही करते हैं ऐसे ही तो करने का होता है बड़े होते हैं उसको पूछे बड़ा हो के क्या करेगा शादी करूंगा ना क्यों अरे क्यों दादा ने नहीं की थी पापा ने की है मैं भी करूंगा शादी करेगा कि नहीं हेलो नहीं यस नो करेगा ना हां यस बो शादी करना गलत नहीं है ना शादी करना गलत नहीं है देखो क्या क शादी करना गलत नहीं है क्यों गलत नहीं है हेलो बेटा नहीं कर गलत क्यों नहीं अच्छा बड़े को पूछ देवान प्रियो य संसार की स्थिति है क्या य संसार की स्थि कि जब सारे संसार में होते हैं तो उनको लगता ही नहीं कि हमय एडिक्शन में है भगवान ने कहा तंतु मंदे न दे न देही व देखता नहीं अपनी मंदता के कारण अपनी प्रज्ञा की मंदता के कारण उससे कभी रिलाइज नहीं होता है कि मैं जो यह कर रहा हूं यह रिजल्ट लेस एक्शन है क्या है रिजल्ट लेस एक्शन हरमान वर्थलेस एक्शन यह किसको कहते हैं आपके दादाजी को कोई पूछे अभी थोड़ी दिन पहले अभी कितना छ महीने हो कितने महीने दादा जीी को छ महीने हो गए ना सा आ महीने हो गए शायद आ 10 महीने पहले दादाजी की विदाई हो रही लोग वही पर थे आप लोग सब वही पर थे ब जब उनकी विदाई हो रही थी तो उनको को पूछ अचीवमेंट क्या था उसकी लाइफ का वर्थ क्या उसकी लाइफ में वर्थ क्या था और जब उनकी डेथ हुई तब आज वो कहां है आज कहां है आज कौन है उनके पास में आप लोगों में से कौन है उनके पास में आप लोग में से कौन उनकी केर कर रहा है आप लोग में से क उनकी उनकी उनकी संभाल कर रहे है आप लोगों में से कितने उसको रोज दिन में 10 बार याद करते हैं नो आर्यमान भी जब दादाजी बन जाएगा ना क्या तेरे भी ब बच्चे और उसके भी बच्चे होंगे और वह पूरा परिवार होगा और दादा जी चाय पीलो ना चाय पिला देंगे शायद कभी कभी और फिर एक दिन दादा जी कहेंगे अरे मेरे को नहीं बरोबर है ना तब क्या होगा फिर आ का क्या मान रहेगा रहेगा कि नहीं रहेगा नहीं रहेगा फिनिश इसलिए आपका एडिक्शन जैसे उस टोबे को के उसके ऊपर लिखा होता है ना क्या डेंजरस फॉर हेल्थ लिखा होता है ना राइट इसी प्रकार से डेंजरस फॉर आत्मा संसार के लिए क्या होता है लेकिन भगवान का शब्द को याद करना तंतु मंदे ना अभी प्रज्ञा की मंदता होने के कारण अभी प्रज्ञा की मंदता होने के कारण वास्तविकता रिलाइज नहीं होती है सत्य रिलाइज नहीं होता है ज्ञान रिलाइज नहीं होता है न प्लस व इक्वल टू एकदम क्लियर है यह भी याद नहीं तो उसको लगता है कि नहीं न प्सव 11 है अ 11 नहीं हैव प्व है नहीं है ना कैसा होता है अज्ञान मा हमेशा ने माटे अज्ञान मा हमेशा ने माटे सु थाय व्यक्ति ने सत्य रिलाइज नाथा व्यक्ति ने सत्य रिला ले आप जित ज्ञान प्रकट थ छ ने कारण आपने जत सत्य समझाई छ य सत्यन वारंवार उपकार सत्यन वारंवार एहसास य ज्ञान रबार उपकार प्रभु तार शासन म अने सत्य समझा ले कम से कम आज ह ले कम से कम आज ह संसार जम संसार ना एडिक्शन मा नथी ला ह संसार जम हा भले ब छुट नथी परंतु संसार जम संसार एडिक्शन मा संसार एडिक्शन संसार एशन स पलो शब्द माय संसारी का सबसे पहला वर्ड क्या होता है माय क्या माय माय फादर माय ब्रदर माय चाइल्ड माय वाइफ माय वाइफ माय होता है कि नहीं होता है लेकिन आई मी एंड माइन तीनों ही वर्ड तीनों ही वर्ड वर्थलेस जिसको आई मानते हो व भी रंग जिसको मी मानते हो वह भी रंग जिसको माइ मानते हो वह भी लास्ट में तो यस और नो यस सत्य तो ही है लेकिन सत्य आपके सामने क्लियर होते हुए भी समझ में क्यों नहीं आता व जिसने ड्रिंक बहुत लिया होता है ना उसको कहते वो दरवाजा नहीं वहां पर दरवाजा है नहीं नहीं यही डोर अरे वो डोर नहीं है वो तो सिर्फ वो नहीं नहीं वो डोर उसी डोर से जाना है हमारे महासती जी एक बार गोची लेने के लिए गए थे कौन प्रभु का भा बा स्वामी और फिर दूसरे तीसरे फ्लोर पर गए होगे जिसके घर से गोची लेकर बाहर नि तो बाजू वाले के घर का दरवाजा खटखटा र थ जोर जोर से न अंदर वाला खोलता ही नहीं था उस और जोर से खटखटा रहे थ तो भी खोला नहीं सामने वाले ने तो बा सामी है तो थोड़े वो हो गए क्या अरे खुलता थी दरवाजो तो उन्होंने जिसके घर से गोची लेकर निकले थे उनको बुलाया घरवाला ने कने घर दरवाज खुलता थी तो उस घरवाले ने कहा बा स्वामी यह किसी का घर नहीं है य लिफ्ट का दरवाजा है किसका दरवाजा है और लिफ्ट का दरवाज लिफ्ट को खटखटा रहे थे लिफ्ट में कोई खोलने वाला आएगा कोई आ रहा है समझ में कुछ लिफ्ट के दरवाजे में कभी घर नहीं होता है लिफ्ट के दरवाजे में कभी घर नहीं होता है लेकिन फिर भी क्या होता है होता है बस सेम टू सेम क्या होता है हां भा वो लिफ्ट के दरवाजे पर क्या था 24 भगवान का नाम लिखा था और स्टकर मार दिया होगा किसी लिफ्ट पर तो उनको लगा कि किसी का घर है लेकिन वह घर नहीं था वोह तो क्या था लिफ्ट का दरवाजा था तो क्या होता है जो है नहीं वह लगे जो है नहीं वो लगे उसको भगवान ने मोह कहा है जो है नहीं वह लगे उसको भगवान ने मोह कहा है और जहां मोह होता है वहां व्यक्ति का प्रयत्न व्यर्थ होता है वहां व्यक्ति के प्रयत्न में कोई अर्थ नहीं होता है वो सिर्फ एंड सिर्फ इल्यूजन होता है क्या होता है सिर्फ एक इल्यूजन होता है हमारी दृष्टि से भगवान के शास्त्रों में संसार को एक इल्यूजन कहा है भगवान के शास्त्र में संसार को एक इल्यूजन का है आज लगे कि ना लगे आज लगे कि ना लगे अंत में तो लगता ही है कि इल्यूजन था और इल्यूजन में इल्यूजन में क्या हो गया वो छोटे बच्चे होते हैं बबल से खेलते मालूम है वो बबल्स निकालते हैं इतने खुश होते इतने खुश होते हाथ में लेकर घूमते दादा जी दादा जीी देखो मेरे पास कितना अच्छा बबल कितना अच्छा वो है इतना खुश इतना खुश कितनी देर तक खुश जिंदगी भर नहीं साल भर नहीं महीने भर नहीं वीकली नहीं कक भी नहीं अच्छा चलो 24 घंटे 24 घंटे भी नहीं एक घंटा एक घंटा भी नहीं तो फिर हाफ एन ववर अरे एक दो मिनट तो भी क्या वो तो जैसी हवा आई नाई होता है ना ऐसे निकलते है साबुन के पानी से यूं करके निकाल दे फर जस्ट फॉर सेकंड एंड फिनिश क्या हो जाता है होता है कि नहीं होता है होता है कि नहीं होता वो मेरे को कह रहे संसार में क्या होता है संसार में ही होता है लेकिन फिर भी हमको क्या लगता है हमारा सब कुछ सेटप है याद रखो सेटअप चाहे कितना ही हो लेकिन लास्ट में तो अपसेट होना ही है सेटअप चाहे कितना ही हो लेकिन लास्ट में तो क्या होना है अपसेट होना ही है इसलिए आज के दिन के लिए सिर्फ दो ही लाइन एक ही लाइन याद रखनी मंदे न देहे मंद मंद की क्या है जिसकी बुद्धि कम है भगवान ऐसा नहीं कहा अज्ञानी भगवान ने कहा मंद बुद्धि है तो मंद बुद्धि वाला कभी सत्य को देखता नहीं है मंद बुद्धि वाला कभी सत्य को देखता नहीं है कि आखिर वर्थलेस है आखिर मेरी पूरी लाइफ रिजल्ट लेस है बड़ा हो के क्या करेगा होटल मैनेजमेंट करा फिर मानो होटल हो गई मैनेजमेंट हो गया उसके बाद में और एक होटल फिर दो हो गई फिर तीसरी होटल फिर चौथी होटल आ फिर चार हो गई फिर बहुत सारा स्टाफ हो गया बहुत सारा मैनेट हो गया फिर तो तेरे अंडर में भी बहुत सारे ऐसे लोग होंगे फिर तो तेरे को कुछ करना नहीं पड़ेगा फिर तू क्या करेगा फिर तो सारा सेटप हो गया होगा फिर फिर तेरी उम्र भी बढ़ गई होगी थोड़ी फिर शादी है ना सिंपल सी बात है ना राइट फिर उसके बाद में उसके बाद का प्लान क्या होगा हेलो शादी हो गई ना उसके बाद का प्लान क्या होगा कितनी स्माइल आ रही है उसके चेहरे पर फिर क्या बच्चे है ना देखो कितनी मस्तिष्क हा बच्चे कितने दो तीन चार दो वो भी प्लानिंग है उसका ठीक है नो प्रॉब्लम ठीक चलो दो बच्चे मस्ती करो भाई फिर बच्चे को पढ़ाए का कौन से स्कूल में उसका प्लानिंग करना पड़ेगा फिर यह स्कूल वो स्कूल क्योंकि तेरे को जो स्कूल में जाना है वो उसी स्कूल में जाने मिलता भी या नहीं भी मिलता है कभी-कभी ऐसा भी होता है हमारे अमेरिका के एक भाई है वो हमेशा के लिए मुझे कहते गुरुदेव मैंने आज स्कूल में छोकरा ने मकल प प स्कूल में एडमिशन मथ 50 करोड़ आप एडमिशन थ आपता मेरे भाई वहां पर अमेरिका वाले कते एडमिशन नहीं मिलता है चलो तेरे बच्चे को एडमिशन मिल जाएगा उसके बाद में व वो पढ़ेंगे तू क्या करेगा फिर हेलो वो पढ़ेंगे आप क्या करोंग आप बड़े हो जांगे और फिर अपने वाइफ के साथ घूमने जाओगे यह करोगे वो करोगे राट बाद में प्लानिंग होना चाहिए ना अपने पास लाइफ का फिर क्या होगा वर्ल्ड टूर पर जाओगे चलो वर्ल्ड टूर हो गई फिर उसके बाद में सोचा है कभी लाइफ क्या होती फिर एक बच्चा था मेरे पास तेरे जैसा ही बरोड़ा के अंदर में आया था मेरे पास शाम को मैंने कहा नहीं मैंने कहा क्या करेगा ये स्कूल में पढ़ूंगा फिर फिर मैं इंजीनियर बनूंगा फिर मैं इतने बड़े बड़े सब पूल वो वो सब बनाऊंगा करूंगा फिर मैं वो मेरे को है ना व सामने रहता था मेरे को य घर पसंद नहीं अच्छा घर बनाऊंगा ओके प गुजराती था तो मैंने कहा प प पछ गुरुदेव बंगला बनाऊंगा फिर अपने पास बंगला होगा अपना इतना सारा काम होगा तो मेरे लिए सब आएंगे ना ड कितना था मालूम है सात आ साल का था मैंने कहा अच्छ फिर बाद में तो क्या उसमें से चॉइस करेंगे कौन है कौन है कौन है इसमें से अच्छा च जो पसंद आगा उसके शादी करूंगा फिर फिर क्या फिर हम उनके साथ में रहूंगा फिर फिर क्या फिर हमारे बच्चे होंगे फिर फिर क्या मैं उसको है ना मेरे पापा मेरे को वो स्कूल में प पढ़ना लेकिन पढ़ने देते ही नहीं मैं तो मेरे बच्चों को उसम पढ़ाऊंगा ठीक है उसके बाद में फिर वह बड़े हो जाएंगे फिर फिर क्या उसकी शादी कर दूंगा वो सा साल का और अपने बच्चे की शादी का प्लानिंग कर रहा था हेलो मैंने कहा फिर फिर क्या फिर वो भी अपना काम करेंगे मैं अपना काम करता आऊंगा फिर फिर एक दिन में दादाजी हो जाऊंगा फिर फिर क्या मैं दादाजी बंद कर फिर मैं खाट में सोया हंगा और फिर मैं यह करता हूंगा फिर मेरी वाइफ मेरे लिए सब कुछ लाती होंगी यह करती हो मैंने कहा फिर व ऐसा सोचता रहा ऐसा सोचता रहा उसके बास फिर का जवाब नहीं था उसके बात का एक दिन गुरुदेव फिर मैं भी दादा जी की तरह ऑफ हो जाऊंगा मैंने कहा फिर मैंने उसको बोला पी य पनत क्यों ना होवे उसके पास अपनी लाइफ का प्लानिंग था इतने से बच्चे के पास लेकिन आफ्टर डेथ का कोई प्लानिंग भी नहीं था मैंने कहा तो फिर तू यह जब जो कुछ भी करेगा उसका रिजल्ट क्या वह इतना सोच में पड़ गया इतना सोच में पड़ गया इसका कोई रिजल्ट तो है ही नहीं तो मैंने कहा तेरी लाइफ वर्थ है कि वर्थलेस गुरुदेव एक खबर ना थी बधा अमज तो करे बधा आमज तो करे सब ऐसा ही तो करते हैं सब तो ऐसा करते हैं लेकिन सबका एंड क्या भगवान महावीर ने कहा मंदे न देई जिसकी मंद बुद्धि होती है वो अपना फ्यूचर देख नहीं सकता है वो सत्य को देख नहीं सकता है आफ्टर डेथ का कोई प्लानिंग नहीं कर सकता है वो अपनी आत्मा के लिए कभी सोच नहीं सकते है वो सत्य को कभी जान नहीं सकता है उसकी लाइफ बस बड़ा होना है यह करना है होटल मैनेजमेंट करूंगा फिर शादी करूंगा फिर बच्चे होंगे उसको पढ़ाऊंगा फिर वो भी बड़े हो जाएंगे फिर उनका यह होगा फिर वो होगा फिर मैं दादाजी हो जाऊंगा फिर यह होगा फिर फिर फिर बाद में क्या बाद में वर्थ क्या लाइफ तो कुछ नहीं जी लेंगे लेकिन जीने के बाद क्या होगा मंदा न देही इस मंत्र को घूट लो क्या मंदे न देही जो जिसके पास सत्य का महा ज्ञान नहीं है वह सिर्फ एक ड्रीम में जीरहे ड्रीम में क्या बस खाएंगे पिएंगे बड़े होंगे यह होंगे वो होगा वो होगा यह होगा लेकिन लास्ट क्या तो लास्ट का कुछ रिजल्ट उसके सामने नहीं है उसका कोई प्लानिंग उसके पास में नहीं है और प्लानिंग करने जाए तो भी कैसे प्लानिंग करें उसका भी कोई एंड क्या है हेलो एंड क्या है नहीं है कुछ फिर आफ्टर आफ्टर का क्रिया होंगी क आएंगे य सा आएंगे चल चल तेरे साथ में आता हूं मैं त अकेली मत जा ऐसा होगा कि नहीं होगा नहीं होगा वहां पर क्या होगा आप लोगों को भी सोच नहीं आती कि इस य 20 30 40 60 साल के बाद क्या होगा आफ्टर क्या प्लानिंग होगा होता है किसी के पास वो प्लान था भगवान महावीर के पास ज्ञानी वही होता है जो अपना परमानेंट प्लानिंग करता है अज्ञानी वह होता है जो सिर्फ अपना टेंपररी प्लानिंग करता है बस किसी ने हमको पूछा किसी ने हमको पूछा य तुमने दीक्षा क्यों ले ली हमने कहा हमारा परमानेंट प्लानिंग करने के लिए क्यों संसार में संसार में सब लोग प्लानिंग करते हैं क्या प्लानिंग करते हैं जिस फैमिली को अपना बनाते हैं जिस फैमिली को अपना बनाते हैं लास्ट में तो उस फैमिली से उसे आउट कर दिया जाता है लास्ट में उस फैमिली से उसे आउट कर दिया जाता है जिस फैमिली से हमें आउट कर दिया जाता है उस फैमिली को हम सामने से आउट कर देते हैं कर देते हैं कि नहीं कर देते हैं आउट करेंगे कि नहीं करेंगे नहीं नहीं दादाजी को बहुत रखा नहीं ताराबाई को एकदम कॉर्नर में एकदम इसका मंदिर बनाकर रखा है वहां पर उनको रखा है हम रोज देखते करते नहीं करते तुरंत ही फिनिश कितने बजे का अभी तो डेथ हुई ना आधे घंटे में लोग पूछने लगते क्या टाइम दिया है क्या टाइम दिया मालूम है फोन करते क्या टाइम है समाचार मिला कि आपका टाइम क्या दिया है हां जाने के पहले भी आउट कर देते लेकिन जाने के बाद तो राइट इसीलिए हम कहते क्या मैं हमारे महास जी प्रश्न पूछ रहे कि काकरिया जी को एक प्रश्न पूछो कि वह जब आर्यमान जितने थे तब वह क्या प्लानिंग करते थे कुछ भी नहीं कुछ कुछ प्लानिंग नहीं किया इना प्लान लोग सुना मेरे तो कोई प्लान था ही नहीं प्रियो यह संबंध जैसी बात है क्या यह सिर्फ हंसने की बात नहीं है ये आत्मा को रोने की बात है क्या ये हसने की बात नहीं आत्मा को रोने की बात है क्या क्यों क्योंकि हम सब कुछ करते हैं मंदा न देई हम अपने सत्य को देख नहीं पाते हैं हम उस सत्य को समझ नहीं पाते हैं कि हमने बर्थ क्यों लिया है य ये यहां पर जन्म क्यों हुआ है इसके पीछे इसके पीछे क्या कारण है क्यों हम उस हमास में और इजराइल में नहीं है हम क्यों यहां पर है हम क्यों वो वर नहीं कर रहे क्यों हम यहां पर है हम क्यों वो निर्दोष लोगों को परेशान नहीं करो हम लोग यहां पर क्यों है ज्ञानी वो है जो सत्य की खोज करता है अज्ञानी वो है जो सिर्फ सुख की खोज करता है सुख की व्याख्या अनुकूलता अज्ञानी अनुकूलता को ही पूरा दिन खोजता है देखो चिठी होती है ना पूरा दिन खाना खोजती है गाय होगी ना पूरा दिन खाना खोजती होगी जो भी जो भी संसार के जीवन पूरा दिन सुख को खोजने वाले होते हैं सत्य को खोजने वाले नहीं होते हैं ज्ञानी वो होता है जो किसको खोजता है जो सत्य को खोजता है आप सुख को खोजने वाले हो कि सत्य को खोजने वाले हो मेरा बर्थ यहां क्यों हुआ है रीजन क्या है क्यों मैं इसी फैमिली में मेरा जन्म हुआ है मेरे इस इस जन्म के पीछे सीक्रेट क्या है इस जन्म के पीछे हेतु क्या है पास का पुण्य किया था तो अी मेरा फ्यूचर प्लान क्या हो रहा है राइट देखो सोचो जनानी वह होता है जो देखता है मंदा मंदे न दे वो कभी देखता नहीं है क्या है वो तो आज का सुख गता अनुकूलता सभी प्रकार का ब शुभ हो मंगल हो कल्याण आजनी वाचना कोई प प्रकार है प्रभु आजा विरुद्ध परप हे परमात्मा आत्मा साक्षी भाव इसलिए महावीर खोज में निकल गए इसलिए महावीर खोज में निकल गए थे किस खोज में सत्य की खोज में महावीर के दादा के दादा के दादा वही महल में रहते थे आज उसका कोई नाम निशान नहीं है वो खुद के सुख को देखने वाले थे इसलिए उन्होंने दुनिया पर कोई उपकार भी नहीं किया महावीर ने अपना सुख नहीं देखा इसलिए पूरी दुनिया पर उपकार भी किया और अपने आप को भी शाश्वत को पा लिया राइट आइए हम सब साथ मिलकर दोनों हाथों को जोड़ते हुए प्रभु वाणी के प्रति अहो भाव व्यक्त करते हुए विनय प्रतिपति करेंगे हमको सुनाई सबको [संगीत] सुहाई धन्य है जिनवाणी गुरु वर्धन न है जिनवाणी धन्य है जिनवाणी गुरुवर धन्य है जिन वाण तमेव सचम नि शकम वाणी अमृत सार है तमेव एव मयम भंते जिन वाणी सुख का है सद हाम भंते पतिया भंते रोए मी फासे मी पाले मी भंते धन्य है जिनवाणी गुरुवर धन्य है जिनवाणी धन्य है जिनवाणी गुरुवर धन्य है जिनवाणी खो तो आया हीनम पया हीनम नमन सामि सक्कारे में समाम कल्याणम मंगलम देव्यम यम पजवा सामि मण बंधाम खु तो आया ही पयाम वंदावन सामि सक्कारे समाने मि कल्याणम मंगलम देव्यम यम पजवा साम मण बंदा में ख तो आया हीनम पया हीनम वं नमन सामि सक्कारे समाने में कल्याणम मंगलम देव्यम यम पजवा सामि मण बंधाम शासन पति श्रमण भगवान महावीर स्वामी की जय हो जय हो जय हो पूज्य डूंगर जय माणिक प्राण रती गुरुदेव की जय हो जय हो जय हो राष्ट्र संत परम गुरुदेव व श्री नम्र मुनि महाराज साहेब की जय हो जय हो जय हो सर्व गुरु भगवतो और महासती जियों की जय हो जय हो जय हो जिन शासन देवों की जय हो जय हो जय हो