जेनर डायोड और वोल्टेज रेगुलेशन पर व्याख्यान
परिचय
- जेनर डायोड: एक विशेष प्रकार का पी एन जंक्शन डायोड है।
- उपयोग: मुख्य रूप से वोल्टेज रेगुलेटर के रूप में काम करता है।
जेनर डायोड का कार्य सिद्धांत
- प्रतीक: पीएन जंक्शन डायोड जैसा प्रतीक होता है।
- कनेक्शन: हमेशा रिवर्स बायस्ड कंडीशन में कनेक्ट किया जाता है।
- नेगेटिव टर्मिनल को पॉजिटिव टाइप सेमीकंडक्टर से जोड़ते हैं।
- पॉजिटिव टर्मिनल को नेगेटिव सेमीकंडक्टर से जोड़ते हैं।
रिवर्स करैक्टेरिस्टिक्स
- करंट: रिवर्स बायस में बहुत कम करंट फ्लो होता है।
- ब्रेकडाउन वोल्टेज: एक विशेष वोल्टेज पर करंट अचानक बढ़ जाता है।
- इलेक्ट्रॉन्स का प्रभाव: पोटेंशियल बढ़ने पर इलेक्ट्रॉन्स का ट्रांसफर होता है।
इंप्योरिटी और डिप्रेशन लेयर
- इंप्योरिटी: पेंटावैलेंट इंप्योरिटी डालने से इलेक्ट्रॉन्स बढ़ते हैं।
- डिप्रेशन लेयर: इलेक्ट्रॉन्स बढ़ने पर डिप्रेशन लेयर घटती है, जिससे इलेक्ट्रिक फील्ड बढ़ती है।
वोल्टेज रेगुलेशन
- सर्किट डायग्राम: इनपुट वोल्टेज और जेनर डायोड का उपयोग।
- वोल्टेज ड्रॉप: करंट बढ़ने पर पोटेंशियल ड्रॉप होता है, जो आउटपुट वोल्टेज को स्थिर रखता है।
एप्लीकेशन्स
- वोल्टेज रेगुलेटर: जेनर डायोड का उपयोग मुख्य रूप से वोल्टेज को स्थिर रखने के लिए होता है।
- लूप कंडीशन: पोटेंशियल डिफरेंस की गणना के लिए लूप थ्योरी का उपयोग।
निष्कर्ष
जेनर डायोड इलेक्ट्रॉनिक्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खासकर वोल्टेज रेगुलेशन में। इसका सही कनेक्शन और सही प्रकार की इंप्योरिटी का उपयोग इसके कार्य में बुनियादी है।