इलेक्ट्रिक करंट और मैग्नेटिक इफेक्ट

Sep 7, 2024

मैग्नेटिक इफेक्ट ऑफ इलेक्ट्रिक करंट

परिचय

  • जब हम सफल होते हैं, कई लोग पहचानना शुरू कर देते हैं।
  • संघर्ष के समय कोई नहीं होता।
  • आज का लेक्चर महत्वपूर्ण है जिसमें "मैग्नेटिक इफेक्ट ऑफ इलेक्ट्रिक करंट" पर चर्चा होगी।
  • यह चैप्टर पूरा CBSE के अनुसार है लेकिन अन्य बोर्ड्स के लिए भी उपयुक्त है।

लेक्चर सामग्री

  • नोट्स टेलीग्राम पर उपलब्ध होंगे।
  • प्रैक्टिस के लिए विभिन्न प्रश्न मिलेंगे।
  • बिना किताब खरीदे भी 100 में से 100 अंक लाने की गारंटी।

मैगनेटिक फील्ड की अवधारणा

  • बार मैगनेट: मैग्नेटिक फील्ड की लाइन्स बाहर से नॉर्थ से साउथ की ओर जाती हैं और अंदर साउथ से नॉर्थ।
  • मैग्नेटिक फील्ड की लाइन्स एक क्लोज़्ड लूप बनाती हैं।
  • मैग्नेटिक फोर्स की तीव्रता लाइन्स की नज़दीकी पर निर्भर करती है।

प्रकार के मैगनेट्स

  • बार मैगनेट, डिस्क मैगनेट, हॉर्स शू मैगनेट
  • पोल्स को अलग नहीं किया जा सकता।

मैग्नेटिक इफेक्ट ऑफ इलेक्ट्रिक करंट

  • करंट पास करने से कंडक्टर में मैग्नेटिक फील्ड पैदा होती है।
  • राइट हैंड थम्ब रूल: करंट की दिशा और मैग्नेटिक फील्ड की दिशा को निर्धारित करने के लिए।

सर्कुलर कंडक्टर

  • सर्कुलर कंडक्टर में मैग्नेटिक फील्ड की दिशा: करंट घूमने की दिशा के अनुसार बदलती है।
  • क्लॉकवाइज करंट का सामने वाला पोल साउथ होता है, एंटी-क्लॉकवाइज का नॉर्थ।

सॉलिनॉयड

  • कई रिंग्स में करंट पास करने से स्ट्रॉन्ग मैग्नेटिक फील्ड बनती है।
  • बार मैगनेट की तरह व्यवहार करता है।

इलेक्ट्रोमैगनेट

  • करंट पास करने पर एक कंडक्टर आयरन की नेल पर लपेटकर स्ट्रॉन्ग मैग्नेट बन जाता है।
  • उपयोग: चुंबकीय पावर को नियंत्रित किया जा सकता है।

फ्लेमिंग का लेफ्ट हेंड रूल

  • फोर्स की दिशा निर्धारित करने के लिए जब करंट और मैग्नेटिक फील्ड होती है।
  • थम्ब: फोर्स की दिशा, इंडेक्स फिंगर: मैग्नेटिक फील्ड की दिशा, मिडल फिंगर: करंट की दिशा।

AC और DC करंट

  • DC: डायरेक्शन या पोलारिटी हमेशा समान रहती है।
  • AC: डायरेक्शन बार-बार बदलती है।
  • घरों में AC का उपयोग: पावर लॉस कम है और वोल्टेज को बदला जा सकता है।

अर्थिंग और शॉर्ट सर्किटिंग

  • अर्थिंग: करंट लीकेज को धरती में स्थानांतरित करना।
  • शॉर्ट सर्किट: लाइव और न्यूट्रल वायर के मिलन से होता है।

निष्कर्ष

  • चैप्टर की प्रैक्टिस और नोट्स की रिविज़न से अच्छे अंक पाना संभव है।
  • हर प्रकार के प्रश्न पैटर्न पर तैयारी करें।