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कोलकाता हॉस्पिटल केस का विश्लेषण

हॉस्पिटल की जो बाउंड्री थी उसके पीछे बैठ के ये शराब पीना स्टार्ट कर देता है सोनागाची नाम से एक रेड लाइट एरिया है वहां पे जाने का ये प्लान करते हैं पुलिस जब ब्लूटूथ ईयर पीस को इसके मोबाइल के पास ले गई तो वो उससे कनेक्ट हो जाता है फीमेल डेड बॉडी आई हुई होती है तो ये उसको यूज करके फिल्म बनाते हैं इसकी हिस्ट्री रही है फीमेल्स के साथ वायलेंस करने की लड़ाई करने की बिना एफआईआर दर्ज हुए ही पोस्टमॉर्टम तक कर दिया जाता है बॉडी का पास के सोनागा जीी से स वर्कर्स को कॉलेज के अंदर लेके आते हैं कुछ लोगों की फोटो आई बाहर जिनके लिंक टीएमसी से निकले ये पूरे हॉस्पिटल में अपना शिकार ढूंढता [संगीत] है देखिए जो कोलकाता केस हुआ है इसकी वजह से पूरे देश में बहुत ज्यादा गुस्सा है 24 घंटे के अंदर एक्यूज जो था उसको भी पकड़ लिया गया सीबीआई को भी केस ट्रांसफर कर दिया गया लेकिन ऐसी क्या चीजें सामने आ गई जिसकी वजह से लोग अभी भी प्रोटेस्ट कर रहे हैं और ऐसी क्या सिचुएशन वहां प बनी हुई है कि अथॉरिटी ने साफ कह दिया कि हमने एक्यूज जो है उसको पकड़ लिया है तो फिर लोग इसको गैंग से क्यों जोड़ रहे हैं तो देखिए जो पूरा केस है ये जितना सिंपल लग रहा है उतना है नहीं इस वीडियो के अंदर मैंने कोशिश की है कि जो एक्चुअल रूट कॉस है वो आपको समझ में आए ताकि आप अपना ओपिनियन बना सक अभी आगे वीडियो के अंदर मैं डिटेल्स जो बताऊंगा वो मैंने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जो ऑर्डर्स हैं न्यूज़ रिपोर्ट्स हैं और इसके साथ साथ पोस्टमॉर्टम की जो ओरिजिनल कॉपी है वो सब आपको डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगा कुछ भी मैं अपने मन से नहीं बोल तो देखिए वेस्ट बंगाल के अंदर कोलकाता में ये यहां पर लोकेटेड है आरजी करर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल अब ये जो कॉलेज है इस कॉलेज के अंदर साल 2016 का टाइम था और इस टाइम पे कॉलेज के अंदर एक कुक काम करता था जिसका नाम था संजय रॉय ये जो पूरा इंसीडेंट हुआ है इसकी पूरी जड़ वो इसी आदमी के ऊपर है और उस टाइम पे इसकी फैमिली में इसकी मदर और सिस्टर थी और वाइफ थी जिसका इससे डिवोर्स हो चुका था और अर्निंग के लिए एज अ कुक की आर्जी करर कॉलेज में काम करता था अब एक दिन संजय रॉय जो था वो काम करते-करते बिना किसी को बताए इस कॉलेज से गायब हो जाता है और एक कुक गायब हो गया था ज्यादा कुछ फर्क पड़ा नहीं था तो किसी ने इस पर ध्यान भी नहीं दिया अब अगले 3 साल तक जो संजय रॉय था उसका कुछ पता नहीं चलता है कि वो कहां पे था फिर 3 साल बाद यानी कि ईयर 2019 में संजय रॉय वेस्ट बंगाल की सिविक वॉलिंटियर फोर्स को जॉइन कर लेता है एक्चुअली वेस्ट बंगाल पुलिस में वर्क फोर्स कम होने की वजह से साल 2012 में वेस्ट बंगाल गवर्नमेंट जो थी वो सिविक वॉलेटर फोर्स का कांसेप्ट लेके आई थी जिसमें टेंपरेरी बेसिस पे पुलिस के सपोर्ट के लिए सिविक वॉलेटर रखे जाने लगे जो पुलिस के अलग-अलग कामों में हेल्प करते थे और जितना ये काम करते थे उसकी जरूरत के हिसाब से इनको पैसा दे दिया जाता था ₹1 ज दिए जाते थे शुरू में संजय रॉय जो था उसने सिविक वॉलेटर फोर्स के डिजास्टर मैनेजमेंट ग्रुप को जवाइन किया था लेकिन कुछ जुगाड़ लगा के नेताओं की चापलूसी वगैरह करके इसने अपने आप को डिजास्टर मैनेजमेंट से शिफ्ट करके सिविक वॉलेटर फोर्स के वेलफेयर सेल में शिफ्ट करा लिया था क्योंकि वेलफेयर सेल जो था उसमें हॉस्पिटल वगैरह आते थे तो जुगाड़ से हॉस्पिटल के अंदर फ्री में बेड दिलवा के एडमिशन करा के ऊपरी कमाई बहुत होती थी तो हर करप्ट सिविक वॉलेटर जो था वो इसी सेल में जाना चाहता था तो अपने आप को इस डिपार्टमेंट में शिफ्ट करा के डेली बेसिस पे ये गवर्नमेंट हॉस्पिटल में जाने लगा और ऊपरी कमाई करने लगा तो शिफ्ट होने के बाद ये जो अर्जिकल मेडिकल कॉलेज था इसके अंदर इसका आना-जाना बहुत रेगुलर हो गया कोई इसको रोकता टोकता नहीं था ये जाके वहां पे पेशेंट्स को फ्री में जुगाड़ लगा के बेडस वगैरह डलवा था और पैसे बनाता था वेलफेयर सेल में शिफ्ट होने के बाद संजय रॉय जो था वो कोलकाता पुलिस की फोर्थ बटालियन में आ गया था क्योंकि वेलफेयर सेल इसके अंडर ही आती है तो करीब 1 साल के अंदर ही अर्जिकल मेडिकल कॉलेज के अंदर इसकी पकड़ बहुत अच्छी हो गई थी आना जाना तो पहले से था ही था इसका क्योंकि पहले इसने बॉक्सिंग वगैरह भी करी थी तो इसकी वजह से इसको आर्ज करर हॉस्पिटल के इमरजेंसी गेट और ट्रॉमा वर्ड के आसपास सिक्योरिटी संभालने का काम दिया गया लेकिन इसका जो मेन फोकस था वो ब्रोकर की तरह बस बेड वगैरह दिला के पैसा कमाने में था अपने कनेक्शन बनाने में था और इसके साथ-साथ जो नए लड़के आते थे उनसे पैसे लेके उनको सिविक वॉलेटर भी बनवा आता था अब देखिए जैसे कांग्रेस की स्टूडेंट विंक है एनएसयूआई ऐसे ही बीजेपी की एबीवीपी है ऐसे ही तृणमूल कांग्रेस की स्टूडेंट विंक है तृणमूल छात्र परिषद जिसका काफी अच्छा इन्फ्लुएंस है आरजी करर मेडिकल कॉलेज की स्टूडेंट यूनियन में और आरजी करर मेडिकल कॉलेज के जो स्टूडेंट इलेक्शंस होते हैं हर साल उसमें भी इनका बहुत अच्छा इन्फ्लुएंस होता है तो ये जो संजय था ये स्टूडेंट विंग के प्रॉमिनेंट लीडर जो थे उनकी भी बहुत चापलूसी करता था और उनसे इसने काफी अच्छे लिंक बना लिए थे एक पुलिस वेलफेयर बोर्ड होता है जिसमें 14 मेंबर्स की सेंट्रल कमेटी होती है जिसमें पुलिस की फैमिली वगैरह जो होती है उनके वेलफेयर के लिए काम होता है तो इसके लिंक इतने स्ट्रांग हो गए थे कि इस वेलफेयर के अंदर इसको भी रखा गया था इनफैक्ट ये भी कहा गया कि इसके चक्कर में यानी कि इसके डिस अप्रूवल की वजह से कई पुलिस का ट्रांसफर भी हुआ इसकी वजह से इसकी कंप्लेन भी हुई थी कि थाला पुलिस स्टेशन और श्याम बाजार पुलिस स्टेशन जो है वहां के छह पुलिस वालों का ट्रांसफर में भी इसका बहुत बड़ा रोल रहा था और उस टाइम पे ये जो इशू हुआ था ट्रांसफर वाला जिसमें संजय रॉय का नाम आया था इसको टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी रिपोर्ट किया था लेकिन उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ अब इसके साथ-साथ सेम ईयर यानी कि 2020 में संजय रॉय को हॉस्पिटल के अंदर रहने के लिए बैरक भी मिला जो जनरली पुलिस कांस्टेबल ओसी रैंक के होते हैं उनके लिए होता है तो ये बैरक इसको भी मिलता उस टाइम पे ये जो बैरक था ये एएसआई अनूप दत्ता का था जिसको संजय रॉय यूज करने लगा था इसको एएसआई दत्ता के भी बहुत करीब माना जाता है अभी रिसेंटली भी आपने फुटेज वगैरह देखी होंगी न्यूज़ मीडिया में एएसआई दत्ता जो थे वो भाग रहे थे और मीडिया उनका पीछा कर रही थी तो इनकी भी इंक्वायरी हो रही है इस समय अभी आएंगे उसपे भी तो संजय रॉय को डेली 5 लीटर पेट्रोल मिलता था इसकी बाइक के लिए काम के हिसाब से ₹1 हज भी मिलते थे हॉस्पिटल में फ्री बेड वगैरह दिलवा के इसकी कमाई तो ऊपर से हो ही रही थी तो इसकी हर तरफ से इसके मजे थे अब इसके एक साल बाद यानी कि ईयर 2021 में अर्जिकल हॉस्पिटल में एक बड़ा चेंज होता अर्जिकल कॉलेज के अंदर एक नए प्रिंसिपल बनाए जाते हैं डॉक्टर संदीप घोष ये इससे पहले नेशनल मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रेसिडेंट भी थे तो वहां पे काफी एलिगेशन वगैरह लगे इनके ऊपर तो इनका ट्रांसफर करके अर्जिकल मेडिकल कॉलेज में लाया गया प्रिंसिपल बना के और जब ये प्रिंसिपल बने थे तो अर्जिकल कॉलेज के अंदर ही 16 साल से डेप्युटी सुपरिंटेंडेंट अख्तर अली जो थे उनका ये कहना था और ये चीज उन्होंने ऑन रिकॉर्ड भी बोली थी कि उन्होंने ऑब्जर्व किया कि ये सिविक वॉलेटर संजय रॉय जो है ये प्रिंसिपल के बहुत क्लोज हो गया था उस टाइम पे ये प्रिंसिपल के चार खास लोग थे जैसे अफसर खान जैसे सोनू तो उसमें यह संजय रॉय भी एक था और यही वो टाइम था इस टाइम पे संजय रॉय जो था उसने अपने आसपास के लोगों पे इन्फ्लुएंस बनाने के लिए अपनी बाइक के ऊपर कोलकाता पुलिस लिखवा दिया था जबकि वो सिविक वॉलेटर था और जो वो टीशर्ट भी पहनता था उसके ऊपर भी इसने कोलकाता पुलिस लिखवा लिया था उसके आसपास के जो लोग थे वो इसको पुलिस समझते थे उनको डिफरेंस नहीं पता था सिविक वॉलेटर और पुलिस फोर्स में और इस टाइम प इसका काफी अच्छा रुतबा था हॉस्पिटल के कैंपस के अंदर भी इसकी बहुत चलती थी बिना किसी गार्ड के रोक टोक के आराम से जिस वर्ड में जाना चाहता था जिस फ्लोर में जाना चाहता था जिस रूम में जाना चाहता था बड़े आराम से जाता था और 2022 का जब टाइम आता है तो ये दोबारा से भी शादी करता है और बिना किसी दिक्कत के इसकी आराम से शादी हो जाती है लेकिन शादी के कुछ ही दिन बाद ये डोमेस्टिक वायलेंस शुरू कर देता है जैसे अपनी पहली पत्नी को मारता था ठीक उसी तरीके से इसके साथ भी इसने मारा पीटी शुरू कर दी थी लेकिन हद तो तब पार हो गई थी जब इसकी वाइफ थ्री मंथ प्रेग्नेंट थी और इसने उसके बाद भी इसको लात मार दी थी इसकी तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी इलाज भी नहीं कराता था मारता अलग से ताए और फिर इसको लेके पुलिस स्टेशन में इसकी कंप्लेन भी होती है लड़की की मां आती है और वो कंप्लेन करती है और उसके बाद भी जब कुछ नहीं होता है तो लड़की की मां थक हार के अपनी बेटी को वापस ले जाती है लेकिन कुछ ही टाइम बाद इसकी जो दूसरी वाइफ थी उसकी भी डेथ हो जाती है इसमें बीमार गिरा मारा धरा बीमार गिरा तीन महीना का पेट में बच्चा था वो भी खराब किया फिर पुलिस को रिपोर्ट लिखाया पुलिस रिपोर्ट लिया काली घड़ थाना में अब इसके बाद ईयर आता है 2023 इस टाइम पे संजय रॉय आराम से अपनी जिंदगी काट रहा था लेकिन इस टाइम पे प्रिंसिपल जो थे अर्जिकल कॉलेज के उनका टाइम सही नहीं चल रहा था और जून 2023 में बात काफी ज्यादा आगे बढ़ गई थी और लोगों ने स्टूडेंट्स ने जो स्टाफ थे उन्होंने एलिगेशन लगाना चालू कर दिए थे कि ये जो प्रिंसिपल है ये करप्ट है फाइनेंशियल फ्रॉड करे हैं इसने ह्यूमन बॉडी के पार्ट की भी तस्करी करी है इस तरीके के भी एलिगेशन लगाए गए और ऐसा सब कह क्यों रहे थे इसके पीछे मेन रीजन था बंगाल हेल्थ डिपार्टमेंट के स्पेशल सेक्रेटरी देपाल कुमार घोष जो थे उनकी इंक्वायरी का सबके सामने आना जो इन्होंने रिपोर्ट पब्लिश की थी उसमें स्पेशल सेक्रेटरी डे बाल कुमार घोष ने कहा था कि ये जो अर्जिकल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष हैं इनके और कांट्रैक्टर के बीच में इल्लीगल एक्टिविटी हो रही है प्रिंसिपल संदीप गो जो है इन्होंने कॉलेज के कंस्ट्रक्शन और रिनोवेशन के काम में बहुत सारे पैसे का घपला किया और एक सीक्रेट एग्रीमेंट भी साइन किया इन कांट्रैक्टर के साथ बिडिंग प्रोसेस के लिए दूसरी चीज बोली गई कि अर्जिकल हॉस्पिटल के बायोमेडिकल वेस्ट में प्रिंसिपल जो है वो धांधली कर रहे हैं एक्चुअली जो हॉस्पिटल होता है उसमें नॉर्मल वेस्ट के साथ-साथ बायोमेडिकल वेस्ट भी होता है जैसे यूज सिरिज हो गई ऑक्सीजन मास्क वगैरह हो गए तो ये सारी चीजें जो होती हैं ये ऐसे ही कूड़े में नहीं फेंक दी जाती है इसका बहुत नुकसान हो सकता है आम जिंदगी पे तो इसके लिए एक जाती है और उसको मैनेज करती है ताकि दोबारा से यूज़ ना हो ताकि एचआईवी वगैरह या फिर कोई और बीमारी हो किसी को तो वो ना फैल जाए तो इसलिए tv9 बांगला एक स्टिंग ऑपरेशन भी करता है वीडियो का लिंक मैंने डिस्क्रिप्शन में लगा रखा है और जब बहुत ज्यादा प्रोटेस्ट होने लगते हैं इसको लेके तो सिर्फ दो महीने बाद ही वेस्ट बंगाल गवर्नमेंट जो थी वो एक एसआईटी बैठा है और इसकी पूरी इन्वेस्टिगेशन स्टार्ट करती है इसमें कई सारी चीजों को लेके जो प्रिंसिपल थे वो फंस गए थे जैसे इसमें कहा गया कि एनआरएस मेडिकल कॉलेज जो है उसकी और अर्जिकल मेडिकल कॉलेज जो है उसकी बेड कैपेसिटी सेम थी लेकिन एनआरएस मेडिकल कॉलेज का बायोमेडिकल वेस्ट 13650 केजी था और वहीं अर्जिकल मेडिकल कॉलेज की बात करें तो उसका बायोमेडिकल वेज जो था वो सिर्फ 4944 केजी था जो कि बहुत बड़ा डिफरेंस था ऐसे ही हर कॉलेज की जैसे डिजिटल स्किल लैब बनाई जाती है तो अर्जिकल हॉस्पिटल की भी डिजिटल स्किल लैब जो थी जब बनाई गई तो उसमें 2 करो 97 ख 36000 लगे और सेम डिजिटल स्किल लैब डायमंड हार्पर मेडिकल कॉलेज में 6147 294 में बनाई गई कॉलेज के पुराने गवर्नमेंट एंप्लॉई डेप्युटी सुपरिटेंडेंट अख्तर अली ने कहा कि ये क्या मजाक चल रहा है इस टाइम पे कंप्लेन भी की इन्होंने इन्होंने रिपोर्ट भी सबमिट की एसआईटी ने भी अपनी रिपोर्ट बनाई ये उस रिपोर्ट की ओरिजिनल कॉपी है आप पॉज करके पढ़ लेना साइड में सारे एविडेंस मेंशन है और राइट में जो ऑफिशियल के ऑब्जर्वेशन थे वो सारे मेंशन है इसमें बांग्लादेशी लोगों के भी कई नाम आए हैं सारे लिंक आपको डिस्क्रिप्शन में मिल जाएंगे और इसके बाद लोग खुल के प्रिंसिपल के अगेंस्ट में बोलने लगे अगस्त 2023 में कोलकाता पुलिस जो थी उसने डॉक्टर संदीप घोष के ऊपर अंडर द प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट फाइनेंशियल मिसकंडक्ट मल्टीपल केस रजिस्टर किए और जब कुछ होता नहीं है तो कॉलेज के डेप्युटी सुपरिटेंडेंट अखतर अली जो थे वो प्रिंसिपल के पीछे पड़ गए उन्होंने अलग से रिपोर्टें बना बना के एंटी करप्शन डिपार्टमेंट विजिलेंस डिपार्टमेंट हेल्थ केयर डिपार्टमेंट सबको ये रिपोर्ट भेजना चालू किया अख्तर अली ने ममता बनर्जी को भी लेटर लिखा और जब अख्तर अली मान नहीं रहे थे बहुत ज्यादा कर रहे थे तो उल्टा उनका ट्रांसफर हो गया कॉलेज से लेकिन कुछ टाइम बाद स्टूडेंट्स ने ये कहा कि प्रिंसिपल उनके अगेंस्ट में जाने की वजह से स्ट्राइक करने की वजह से उनको जानबूझ के फेल कर रहे हैं थ्योरी में जिनके 70 मार्क्स थे वो भी प्रैक्टिकल में फेल हो रहे थे और इंटर्नशिप कंप्लीशन सर्टिफिकेट जो था वो भी नहीं मिल रहा था इसके बिना स्टूडेंट जो हैं वो रजिस्ट्रेशन नहीं मिलता उनको स्टूडेंट्स जो हैं वो प्रैक्टिस नहीं कर सकते बात यहां तक बढ़ गई थी कि कई मेडिकल स्टूडेंट्स ने प्रिंसिपल को मारने के लिए दौड़ा भी लिया था ओरिजिनल वीडियो आप सर्च करोगे तो आपको मिल जाएगी प्रिंसिपल को कॉलेज के अंदर चलने के लिए बाउंसर रखना पड़ता था तो अभी जो प्रोटेस्ट चल रहे हैं उसमें ये वाले स्टूडेंट्स भी हैं जो पहले से ही खुश नहीं है उनसे तो अब आते हैं करंट सिचुएशन में तो इधर ये सारी चीजें चल रही थी ऐसा करते-करते ईयर आ चुका था 2024 तो ऐसे ही मार्च 2024 में यानी के इसी साल एक औरत थी जिसका बेटा बहुत बीमार था तो संजय रॉय जो था उसकी गलत नजर पड़ जाती है इसके ऊपर वो इस औरत औरत की मदद करता है बेटे का इलाज करवाता है दवाइयों तक के जो पैसे होते हैं वो संजय रॉय जो था वो खुद देता है और औरत बहुत ज्यादा खुश हो जाती है इससे लेकिन उसके बाद संजय रॉय क्या करता है वो मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन में से नंबर निकाल लेता है उस औरत का और उसको बैक टू बैक गंदे मैसेज और कॉल वगैरह करने लगता है ये जो मैं बता रहा हूं ये न्यूज़ 18 बंगला ने उस टाइम पे कवर भी किया है तो ये उस टाइम पे उस औरत को बहुत ज्यादा हैरा करने लगता है और जबरदस्ती उसको मिलने के लिए बुलाता है कि तुझे आना पड़ेगा और उसको डराता धमका भी है तो औरत जो थी जब उसके पास कोई चारा नहीं बचता और बहुत ज्यादा परेशान हो जाती है तो उसको लाल बाजार पुलिस स्टेशन में जाके कंप्लेन करनी पड़ती है लाल बाजार में ही कोलकाता पुलिस का हेड क्वार्टर है तो ये कंप्लेन आने के बाद पुलिस जो है वो संजय रॉय को बुलाती है पुलिस ने इसका कॉल डाटा रिकॉर्ड सीडीआर निकलवाया और इसका मोबाइल वगैरह चेक किया तो उसमें ये पकड़ा जाता है कि ये सच में परेशान कर रहा था जितनी भी कॉल वगैरह थी सारी की सारी पुलिस ने ट्रेस कर ली थी अब कायदे में तो इसके ऊपर आईपीसी के तहत हरासमेंट के चार्जेस लगने थे क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट वगैरह ये दुनिया भर के चार्जेस लग सकते थे इनफैक्ट इसकी जो सिविक वॉलेटर की जो पोजीशन थी उससे भी इसको हटा देना चाहिए था लेकिन पता नहीं क्या रीजन था कि इसके साथ कुछ होता ही नहीं है इस पूरे केस में और शायद इन्हीं सब रीजंस की वजह से इसकी इतनी हिम्मत बढ़ती जा रही थी अगर उसी टाइम पे इसके ऊपर एक्शन हुआ होता तो आज जो इंसिडेंट हुआ है वो होता नहीं रूल्स के हिसाब से सिविक वॉलेटर की जो पोस्ट है उसमें आप किसी को भी हायर करोगे तो उसका क्रिमिनल बैकग्राउंड नहीं होना चाहिए कोई भी केस नहीं होना चाहिए उसके ऊपर लेकिन संजय रॉय जो था उसके ऊपर तो ऑलरेडी उसकी वाइफ ने डोमेस्टिक वायलेंस का केस कर रखा था ऊपर से ये वाला केस भी हो गया था उसके बाद भी इसको रखा गया अब ये जो कंप्लेन वगैरह की थी इस औरत ने इसका तो कुछ नहीं हुआ लेकिन एक चीज ये हुई थी कि इस औरत को इसने दोबारा परेशान करना बंद कर दिया था और ठीक इस इंसीडेंट के एक वीक बाद संजय रॉय के ऊपर एक और कंप्लेन होती है जिसमें इसने एक फीमेल डॉक्टर के साथ मिसबिहेव किया था इससे बदतमीजी की थी तो कहने का मतलब यह है कि इसकी हिस्ट्री रही है फीमेल्स के साथ वायलेंस करने की लड़ाई करने की उनके साथ आर्गुमेंट करने की किसी लड़के के साथ इसका कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ तो अब ये जो आजकल मेडिकल कॉलेज है इसके अंदर जो अभी करंट इंसिडेंट हुआ है उसकी जो विक्टिम थी वो भी यहां से अपनी एमबीबीएस पूरी करने के बाद इसी कॉलेज से एमडी कर रही थी सेकंड ईयर में थी वो एक्चुअली एमबीबीएस करने के बाद डॉक्टर 3 साल के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम एमडी या फिर एमएस ऑप्ट करते हैं इनको रेसिडेंट डॉक्टर बोला जाता है इंडिया के अंदर रेसिडेंट डॉक्टर जो होते हैं उनकी हालत बहुत खराब रहती है उनसे बहुत ज्यादा काम कराया जाता है एक तरह से हॉस्पिटल जो है वही इनका रेसिडेंट बन जाता है इसलिए इनको रेसिडेंट डॉक्टर बोला जाता है तो ऐसे ही आर जीगर कॉलेज में ऐसे 3400 से ज्यादा रेसिडेंट डॉक्टर थे और विक्टिम जो थी जो यहां से अपनी एमडी कर रही थी पूरी वो अपने मां-बाप की अकेली लड़की थी पेरेंट जो थे इनके इन्होंने अपनी बेटी को बहुत ही मेहनत से कमा के पढ़ाया था फादर इनके टेलर थे तो फाइनेंशियल कंडीशन में इनकी कोई अच्छी नहीं थी पूरी फैमिली जो थी इस कॉलेज से एमडी पूरे होने का इंतजार कर रही थी क्योंकि सेकंड ईयर में थी तो बहुत कम टाइम बचा था ताकि जल्दी से डॉक्टर बन सके तो अब यहां से होता क्या है कि अगस्त मंथ का फर्स्ट वीक स्टार्ट हो चुका था और फिफ्थ ऑफ अगस्त से एथ ऑफ अगस्त इसी साल की मैं बात कर रहा हूं 2024 की ये जो संजय रॉय था ये एज अ सिविक असिस्टेंट खड़कपुर के सालवा जाना पड़ता है सिविक वॉलेटर के किसी काम की वजह से अब ये वहां पे जाता है और 8 अगस्त को वापस आता है और यही वो दिन था जिस दिन संजय रॉय इस हॉस्पिटल की हिस्ट्री का सबसे बड़ा क्राइम करने वाला था तो इस दिन यानी कि एथ ऑफ अगस्त 2024 को दिन में ही संजय रॉय जो था वो हॉस्पिटल में आता है एक पेशेंट का एडमिशन कराना था इसको ये पेशेंट जो था वो इसके जैसे एक सिविक वॉलेटर था उसके रिलेशन में आते थे और जब ये हॉस्पिटल में आया था इस पेशेंट के काम से उसी टाइम जो विक्टिम थी उनको इसने फॉलो भी किया था सीसीटीवी फुटेज से पता चला तो पेशेंट का एडमिशन कराने के बाद थोड़ी देर हॉस्पिटल में घूमता है और उसके बाद हॉस्पिटल से ये बाहर निकल जाता है इसके बाद फिर से एक एक्स से रिलेटेड इसको कोई काम आता है इसी पेशेंट से रिलेटेड तो दोबारा ये रात में 11:00 बजे हॉस्पिटल में आता है वो काम कराता है और पेशेंट की जो सर्जरी थी वो करीब 1 बजे प्लान थी तो ये वहीं पे रुकता है अब इधर सर्जरी स्टार्ट होती है और ये उसी पेशेंट के रिलेटिव जो कि इसका दोस्त था और सिविक वालंटियर भी था उसके साथ हॉस्पिटल की जो बाउंड्री थी उसके पीछे बैठ के ये शराब पीना स्टार्ट कर देता है अब जब शराब पीते-पीते इनको थोड़ा टाइम हो जाता है तो ये वहीं से थोड़ी दूर पे एक सोनागाची नाम से एक रेड लाइट एरिया है वहां पे जाने का ये प्लान करते हैं और फिर ये वहां पहुंचने के बाद इसका जो दोस्त था वो अंदर चला जाता है संजय जो था वो वहीं बाहर रोड पे वेट करता है और जो बाहर औरतें जा रही थी उनको छेड़ता है इसके बाद इसका दोस्त वापस आता है ये दोनों वहीं से थोड़ी दूर पे चेटल एक दूसरा रेडलाइट एरिया है वहां पे दोनों साथ में मिलक जाते हैं दोबारा से इसका दोस्त अंदर जाता है और संजय जो था वहीं बाहर रोड पे ही एक लड़की थी उसको पैसे देके उसके प्राइवेट फोटो मोबाइल में मंगा लेता अब इसके थोड़ी देर बाद इसका दोस्त वापस आता है ये दोनों उसी एरिया में घूमते हैं और उसके बाद इसका जो दोस्त होता है वो u बाइक को बुक करता है और वहां से दोस्त निकल जाता है अब यहां से संजय जो था वो नशे की हालत में धता और अकेला था यहां से वो वायलेंट एडल्ट कंटेंट देखता है अपने मोबाइल में दोबारा से अल्कोहल जाके पीता है और फिर ये कुछ देर बाद हॉस्पिटल की तरफ जाना स्टार्ट कर देता है इस टाइम करीब 2 से 230 बज रहे थे और ये हॉस्पिटल की तरफ बढ़ने लगता है वहीं दूसरी तरफ जो विक्टिम थी वो भी हॉस्पिटल में आई थी उनकी 36 आवर की शिफ्ट चल रही थी जिसमें कंटीन्यूअसली लिमिटेड ब्रेक्स के साथ 36 आवर्स तक काम करना होता और इस टाइम पे आप घर नहीं जा सकते उसी हॉस्पिटल में रहना होता है तो सोना खाना पना सब कुछ हॉस्पिटल में ही करना होता है तो लास्ट 36 आव से ये हॉस्पिटल में ही थी रात में करीब 11 बजे के करीब ये जो विक्टिम थी इनकी अपने पेरेंट्स से फोन पे बात होती है उसके बाद इनको भूख लगती है तो जो विक्टिम थी वो अपने फर्स्ट ईयर के दो जूनियर थे इनके रको और सौमित्र उनके साथ मिलक बाहर से फूड आर्डर करती हैं और उसके बाद ये लोग प्लान करते हैं कि नीरज चोपड़ा का ओलंपिक में उस समय लाइव जव थ्रो होना था तो उसको देखने का प्लान करते हैं और टीवी जो था वो थर्ड फ्लोर पे सेमिनार हॉल में था तो ये तीनों लोग थर्ड फ्लोर पे सेमिनार हॉल में पहुंचते हैं और ये तीनों ही चेस्ट मेडिसिन डिपार्टमेंट के ही थे अब इसके बाद ये जो टीवी पे लाइव मैच देख रहे थे वो खत्म हो जाता है रको और सुमित्रा जो थे वो सेमिनार हॉल से चले जाते हैं और विक्टम वहीं अपनी स्टडी करती हैं इसी सेमिनार हॉल में रात के 2:00 बज रहे थे और एक स्टाफ मेंबर था वो विक्टिम के पास जाता है और पेशेंट के ट्रीटमेंट के बारे में कुछ चीजें डिस्कस करता है और फिर चला जाता है तब तक सारी चीजें ठीक थी इसके बाद 2:3 पे जो विक्टिम थी उनकी कजन का एक मैसेज आया था और 235 पे विक्टिम जो थी उन्होंने रिप्लाई किया था उस मैसेज का इसके बाद 3:00 बजे एक स्टाफ जिसका नाम गोलन था वो सेमिनार हॉल के बगल से गुजरता है और इस टाइम तक जो विक्टिम थी वो एक रेड ब्लैंकेट लेके गद्दा पड़ा था फ्लोर पे सेमिनार हॉल के अंदर और उसी के ऊपर सो रही थी उस टाइम पे जो स्लीप रूम था वहां पे पॉलीसोम्नोग्राफी स्लीप डिसऑर्डर का एक टेस्ट चल रहा था इसकी वजह से कहीं और जगह नहीं थी सोने की तो वो वहीं सो गई थी ये हमेशा अपने साथ एक डायरी रखती थी और सोने से पहले लिखती थी उसमें तो उस दिन भी इनके पास एक डायरी थी और उस दिन भी इन्होंने लिखा था इस डायरी में ये अपने फ्यूचर के प्लांस वगैरह लिखती थी जैसे अर्जिकल कॉलेज से इन्हें गोल्ड मेडल अचीव करना है कुछ बड़े हॉस्पिटल्स के नाम लिखे थे और उसमें लिखा था कि यहां पे आगे चलके इन्होंने काम करना है तो यहां पे अब ये सो रही थी सेमिनार हॉल के अंदर और अब टाइम हो चुका था 3:5 और इस टाइम तक संजय रॉय जो था वो हॉस्पिटल में पहुंच चुका था सीसीटीवी में जब चेक किया गया था तो इसी पर्टिकुलर टाइम पे ये हॉस्पिटल के मेन गेट से एंट्री करते हुए दिखता है अब इसके बाद ये पूरे हॉस्पिटल में अपना शिकार ढूंढता है ऐसा नहीं कि ये गया था वहां पे धोखे से मिल गई ये एक्चुअल में वहां पे अलग-अलग ऑपरेशन थिएटर थे टेस्ट डिपार्टमेंट थे ये वहां जाके देखता है कि कहीं कोई फीमेल पेशेंट हो बेहोश हो तो एक्चुअल में किसी को ढूंढ रहा था कि कोई क्राइम करने के लिए मिल जाए क्योंकि सीसीटीवी में देखा गया है कि अलग-अलग रूम में जा जा के ये देख रहा था और फिर 4:3 पे थर्ड फ्लोर पे ये पहुंचता है और सेमिनार हॉल में घुस जाता है ये इसकी ओरिजिनल पिक है सीसीटीवी से निकली हुई जब ये सेमिनार हॉल में घुस रहा था तो इसके गले के अंदर एक ब्लूटूथ ईयर पीस था और इसी ब्लूटूथ डिवाइस की वजह से आगे चलके पकड़ा जाएगा अभी आएगा आगे सेमिनार हॉल में पहुंचने के बाद ये वहां विक्टिम को देखता है और फिर अटैक कर देता है गला दबाता है काफी ज्यादा मारता है विक्टिम बहुत ज्यादा स्ट्रगल करती हैं 4:3 पे सेमिनार हॉल में घुसा था और पोस्ट मोटम में 4:1 के बाद का टाइम मेंशन था डेथ का तो इसका मतलब है कि काफी देर तक स्ट्रगल हुआ था और सेमिनार हॉल जो था वहां पे स्पीच वगैरह दी जाती थी और साउंड प्रूफिंग थी वहां पे तो इसकी वजह से जो भी हल्ला हो रहा था वो बाहर आवाज नहीं जा पा रही थी बाकी जो डिटेल्स हैं वो आपको ऑलरेडी पता है तो उसकी डिटेल में मैं नहीं जाऊंगा लेकिन इसने अपनी सारी लिमिट तोड़ दी थी और ये क्राइम करने के बाद करीब 4:4 पे सेमिनार हॉल से बाहर निकलता है तो करीब 37 मिनट तक सेमिनार हॉल में रहता है ये और यहां से निकलने के बाद जो वहीं हॉस्पिटल कैंपस के अंदर जो बैरक थी जो इसको मिली हुई थी बड़े आराम से जाके वहीं पे सो जाता है कहीं पे भागता नहीं है कोई इसके दिमाग में टेंशन नहीं थी अब इसके बाद सुबह होती है और रोको जो था वो इस सेमिनार हॉल में जाता है और जैसे ही वो जाता है वहां से बहुत ज्यादा चीखता है और वहां से निकलने के बाद वो सबको पूरी सिचुएशन बताता है बॉडी पे आधे कपड़े पड़े हुए थे मुंह पे चोट थी चश्मा टूटा हुआ था आंखों से खून आ रहा था पूरी बॉडी पे चोट थी और ये सब पता चलने के बाद 1 घंटे यानी 6:00 से 7:00 7:30 बजे के बीच में बहुत ही ज्यादा भीड़ इकट्ठी हो जाती है सेमिनार हॉल में लोग जूते वगैरह पहन के काफी ज्यादा घुस जाते हैं तो जो क्राइम सीन था उसकी भी धज्जियां उड़ चुकी थी जगह-जगह पे फिंगरप्रिंट्स भी आ गए थे और इसी टाइम पे हायर अथॉरिटी जो थी वो प्रिंसिपल संदीप गोज को फोन भी कर देती है वहीं हॉस्पिटल से पास में ही रहते थे वो लेकिन फोन करने के करीब एक घंटे बाद वो हॉस्पिटल पहुंचते हैं और राइट अवे पुलिस को कंप्लेन करने की बजाय पहले वो खुद सेमिनार हॉल में जाके देखते हैं और इस चीज को लेके बहुत ज्यादा क्रिटिसाइज किया इनको कि पहले इनको पुलिस को जाके इंसीडेंट बताना था ना कि खुद जाके पहले चेक करना था अब इसके बाद करीब 1 घंटा बीत चुका था और जो प्रिंसिपल थे वो अपने ऑफिस में पहुंचते हैं और वहां से पुलिस को फोन करके इफॉर्म करते हैं और सेम टाइम पे कॉलेज के असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट करीब 10:5 के करीब विक्टिम के घर पे फोन मिलाते हैं विक्टिम की मदर फोन उठाती हैं और उनसे कहते हैं कि आपकी बेटी की तबीयत खराब है आप कॉलेज आ जाइए और इसके अलावा और कुछ नहीं कहते और फोन काट देते हैं अब ये सारी चीजें सुनके विक्टिम के घर वाले दोबारा कॉल करते हैं कि क्या हुआ दोबारा से फोन मिलाते हैं तो पेरेंट्स के अकॉर्डिंग असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ने कहा कि आप की लड़की ने सुसाइड कर लिया है और ये सारी चीजें सुनते ही घर वालों के होश उड़ जाते हैं और वो कॉलेज की तरफ दौड़ना स्टार्ट करते हैं और वहीं दूसरी तरफ कॉलेज के अंदर करीब 11:30 पे एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस और फॉरेंसिक टीम जो थी वो क्राइम सीन पे पहुंच गई थी लोग बहुत ज्यादा प्रेशर बनाते हैं कि सारी की सारी चीजें जो हैं वो जुडिशियस मजिस्ट्रेट जो है उनके सामने ही होगी क्योंकि उनको जो इससे पहले जो चीजें हुई थी उसको लेके डाउट था इसलिए वो कहते हैं कि जुडिशियस मजिस्ट्रेट जो है उनके सामने ही सारी चीजें होंगी अब सेम टाइम पे करीब 12:00 बजे पेरेंट्स जो थे वो भी कॉलेज पहुंच जाते और पेरेंट्स जो थे वो पहुंचते ही कहते हैं कि उनको अपनी बेटी से मिलना है लेकिन उनको मिलने नहीं दिया जाता है तीन घंटे तक वो कंटीन्यूअसली ट्राई करते हैं कि अपनी बेटी को एक बार देख ले लेकिन उनको नहीं मिलने दिया जाता है इसके बाद 3:30 पे पेरेंट्स को उनकी बेटी की बॉडी दिखाई जाती है और पेरेंट्स देखते ही कहते हैं कि ये कोई साइड नहीं है आप कैसी बात कर रहे हो ये तो किसी ने मारा है अब यहां से बात फैलने लगती है और जितने भी डॉक्टर्स थे वो सब काम वगैरह छोड़ के इकट्ठा होना स्टार्ट हो जाते हैं बहुत ही गुस्से में थे सारे लोग क्योंकि एक ऑन ड्यूटी डॉक्टर के साथ इतनी बड़ी चीज हो गई थी अब शाम के 6:00 बजते बजते जो बॉडी थी उसको ऑटोप्सी के लिए भेज दिया जाता है और इस टाइम पे विक्टिम की जो दोस्त थी वो बहुत समझदारी दिखाती है वो कहती हैं कि बिना वीडियोग्राफी के कोई भी टोप्सी नहीं होगी तो वो इस चीज की डिमांड रख देती है वहां पे और इसकी वजह से जो टोप्सी होती है वो पूरी की पूरी उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग होती है और इनिशियल रिपोर्ट में जब बताया जाता है कि कहां-कहां पे चोट लगी है तो सब लोग समझ जाते हैं कि ये कोई सो का केस नहीं है ये तोर का केस है ये उस ऑटोप्सी की ओरिजिनल कॉपी है आप पॉज करके पढ़ लेना इतना टाइम हो चुका था लेकिन किसी ने भी एफआईआर दर्ज नहीं की थी और बिना एफआईआर दर्ज हुए ही पोस्टमॉर्टम तक कर दिया जाता है बॉडी का यह पोस्टमॉर्टम की कॉपी है यह रिपोर्ट आते ही लोग कहना स्टार्ट कर देते हैं कि यह कोई एक आदमी ने नहीं किया है यह तो है क्योंकि यह बात फैलने लगी थी कि 150 एज सीमेन मिला है और ऑन एन एवरेज एक इंडियन मेल बॉडी 5 एजी तक ही प्रोड्यूस करती है तो ये चीज पॉसिबल नहीं है इसलिए लोग कहने लगे कि ये है हालांकि आगे चलके ये चीज थी ये गलत निकलती है इसमें और भी बहुत सारे सब्सटेंस थे इस पूरे सिचुएशन को जिस तरीके से हैंडल किया जा रहा था वो डॉक्टर्स देख रहे थे और उनको शक हो रहा था कि इसमें कोई गहरी साजिश है ये सारी की सारी चीजों को छुपाया जा रहा है और जिस तरीके तरीके से किया जा रहा है वो सही नहीं है सारी चीजें हो चुकी थी पोस्टमॉर्टम वगैरह तक हो गया था लेकिन किसी ने भी एफआईआर नहीं कराई थी फिर विक्टिम के जो फादर थे उन्होंने जाके एफआईआर लिखवाई स्टूडेंट्स ने बताया कि पुलिस भी बहुत ज्यादा जल्दी कर रही थी उन्होंने तुरंत जाके शमशान घाट में जाके क्रीमेशन कर दिया तीन बॉडी ऑलरेडी लगी हुई थी लाइन में पुलिस ने उनको हटा के ये जो विक्टिम की बॉडी थी इनका क्रीमेशन स्टार्ट कर दिया और इसको लेके लोग बहुत ज्यादा गुस्सा हो रहे थे कि इतनी क्या जल्दी पड़ी हुई है इन लोगों को अब यहां से जो है वो पॉलिटिक्स स्टार्ट होती है लोग बहुत ज्यादा गुस्से में थे और गवर्नमेंट को समझ में आ गया था कि कि अब ये जो सारी चीजें हैं उनके कंट्रोल से बाहर हो जाएंगी अगर सही तरीके से इसको हैंडल नहीं करेंगे तो पुलिस डिपार्टमेंट को तुरंत बता दिया जाता है कि कैसे भी करके जो एक्यूज्ड है उसको कैसे भी करके पकड़ के लेके आओ अब यहां से पुलिस पूरी जान लगा के इन्वेस्टिगेशन स्टार्ट करती है पुलिस जब क्राइम सीन पे पहुंची थी तो उसको वहां से एक ब्लूटूथ ईयर पीस मिला था और इसको लेके पुलिस जो है वो सारे कॉलेज के जो कैमरा थे उनको देखना स्टार्ट करती है सेमिनार हॉल जो था उसके अंदर कैमरा नहीं था लेकिन सेमिनार हॉल की जो लॉबी थी उसकी एंट्री और एग्जिट दोनों जगह पे कैमरा था और जो थी वो 3:00 बजे के बाद से कौन-कौन सेमिनार हॉल के अंदर आया कौन-कौन बाहर गया सबको देखना स्टार्ट करती है और उसी टाइम पे पुलिस जो है वो संजय रॉय को सेमिनार हॉल में जाते हुए देखती है और इस पे पुलिस को ज्यादा डाउट इसलिए होता है क्योंकि ये अकेला ऐसा था जो डॉक्टर नहीं था और सेमिनार हॉल में गया था और वो भी इतनी रात में और इसके साथ-साथ 3:00 बजे के बाद विक्टिम और संजय रॉय जो था ये सबसे ज्यादा देर तक सेमिनार हॉल में थे और संजय रॉय 37 मिनट सेमिनार के अंदर बिताने के बाद जब एग्जिट कर रहा था तो इसके गले के अंदर जो एंट्री करते समय ब्लूटूथ ईयर पीस था था वो निकलते समय था ही नहीं तो इसकी वजह से इसके ऊपर डाउट होता है और पुलिस जो है वो इसके बैरक में पहुंचती है इसने जो कपड़े थे उनको धो के चेंज कर दिया था बाकी आराम से वहां पे सो रहा था और पुलिस जब ब्लूटूथ ईयर पीस को इसके मोबाइल के पास ले गई तो वो उससे कनेक्ट हो जाता है तो यहां से इसको उठा के इससे पूछता शुरू होती है और यह सारी चीजें बिना किसी डर के बताना चालू कर देता है इसका जब मोबाइल चेक किया गया तो उसके अंदर से वायलेंट ो ग्राफिक कंटेंट मिलता है पूरी सर्च हिस्ट्री इसकी इन्हीं सब चीजों से भरी हुई थी अब इधर ये सारी चीजें चल रही थी और कॉलेज के प्रिंसिपल ने यह कह दिया था कि विक्टिम जो है व अकेली क्यों गई सेमिनार हॉल में तो इसको लेकर लोग और गुस्सा हो जाते हैं और 11 अगस्त तक छोटे-छोटे स्केल पर इन सारी चीजों को लेकर डॉक्टर जो थे वो प्रोटेस्ट करना स्टार्ट कर देते [संगीत] हैं और प्रिंसिपल का रेजिग्नेशन मांगना भी स्टार्ट होता है कि इनका जरूर कुछ लिंक निकलेगा इसमें और स्टूडेंट जो थे वो ऑन रिकॉर्ड बोल रहे थे कि ये जो एविडेंस है ये जान पूछ के मिटाए जा रहे हैं आजकर कॉलेज के अंदर सारी चीजें सही से नहीं हो रही हैं जरूर इसमें कुछ दिक्कत है और इसमें सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह थी कि एक तरफ इतना बड़ा केस हो गया था उसी टाइम पे सेम फ्लोर पे सेमिनार हॉल जो था उससे 20 मीटर दूर पे कंस्ट्रक्शन का काम स्टार्ट करवा दिया मैनेजमेंट ने और इसके अगले ही दिन इतना ज्यादा प्रेशर गवर्नमेंट और प्रिंसिपल के ऊपर हो जाता है कि प्रिंसिपल रिजाइन कर देता है लेकिन उसका रिजाइन एक्सेप्ट करने की बजाय उसको नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल जो कि कोलकाता में ही है वहां पे उसका ट्रांसफर कर दिया जाता है इसको प्रमोशन की तरह देखा जाता है कि एक तरफ इतना कुछ हो गया है और उसको सेम पोजीशन पे दूसरे और अच्छे कॉलेज में डाल दिया जा रहा है लिंक में मैंने हाई कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी लगाई है आप जरूर एक बार देखिएगा हाई कोर्ट ने कहा कि प्रिंसिपल ने रेजिग्नेशन मारा था दो ऑप्शन थे या तो आप रिजेक्ट कर देते या एक्सेप्ट कर देते इन दोनों ऑप्शन के अलावा आपने ट्रांसफर क्यों किया ये चीज आपको हाई कोर्ट के जजमेंट के 10थ पेज के 23 पॉइंट पे ये चीज मिल जाएगी हाई कोर्ट ने बहुत ज्यादा हार्श लैंग्वेज का यूज़ करके गवर्नमेंट को बहुत ज्यादा फटकार लगाई लाइन बाय लाइन गलतियां बताई इस पूरी सिचुएशन में कि प्रिंसिपल ने जिस तरीके से सिचुएशन को हैंडल किया उसको सजा देने की बजाय उसको प्रमोशन दिया जा रहा है उसको और अच्छे मेडिकल कॉलेज में भेजा जा रहा है और इसके साथ-साथ एक चीज और बोली हाई कोर्ट ने कि अथॉरिटी जो थी वो विक्टिम की फैमिली के साथ नहीं खड़ी थी और फिर इन सारी चीजों को देखते हुए ये जो केस था यानी के रिड पिटीशन 332 ऑफ 2024 इसको 13 अगस्त को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया जाता है अभी जो सिचुएशन थी यहां पे भी प्रोटेस्ट ऐसा था कि गवर्नमेंट के कंट्रोल में था लेकिन इसके अगले दिन यानी कि 14 अगस्त को एक प्रेसिडेंसी कॉलेज की स्टूडेंट थी रिमझिम सिन्हा इन्होंने एक पोस्ट डाल दिया और आउट ऑफ कंट्रोल हो रहा था और दिक्कतें गवर्नमेंट के लिए चालू हो रही थी तो 7 से 8000 अननोन लोग बैकेट वगैरह तोड़ के और अर्जिकल हॉस्पिटल की जो बाउंड्री थी उससे कूद कूद के कैंपस के अंदर घुस जाते हैं एमआरआई मशीन तोड़ी जाती है सीसीटीवी फुटेज तोड़ी जाती है प्रोटेस्ट जो लोग कर रहे थे उनको भागना पड़ता है हॉस्टल के अंदर जो लड़कियां थी वो भी और ज्यादा परेशान हो जाती कि अब ये सब क्या चीजें चल रही है और इसके साथ-साथ ये जो अननोन लोग थे ये थर्ड फ्लोर पे भी घुसने का ट्राई करते हैं जहां ये क्राइम हुआ था पुलिस भी कुछ नहीं कर पाती पुलिस कुछ करने की बजाय टॉयलेट में छुप जाती है ये देखिए इस तरीके से ये हाल कर दिया था इन लोगों ने अब बात यहां पे ये थी कि जो स्टूडेंट प्रोटेस्ट कर रहे हैं इससे दिक्कत किसको होगी कौन इनको भेजेगा इस प्रोटेस्ट को खराब करने के लिए तो इसकी वजह से चीजें और खराब हुई और सीधे जो जवाबदेही थी वो गवर्नमेंट की बन रही थी अब ये जो भीड़ आई थी इस भीड़ में से कुछ लोगों को पहचाना गया उनकी फोटो बाहर आ गई इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट पब्लिश की थी जिसमें भीड़ में से कुछ लोगों की फोटो आई बाहर जिनके लिंक टीएमसी से निकले पहली फोटो सौमिक दास ये सुकांता सेन शर्मा ये लोकल टीएमसी लीडर है उनके लिए काम करता था लेकिन टीएमसी ने इस क्लेरिफिकेशन दिया कि सपोर्टर तो ऐसे कोई भी हो सकता है इसमें हमारा कोई लिंक नहीं है दूसरी फोटो में ऋषिकांत मिश्रा दिखा ये भी टीएमसी का वर्कर है और साथ में बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर है ऐसे ही सुबो दीप कुंडू इसके आगे जो खड़ा है सौम्यदीप ये दोनों भी टीएमसी से निकले ऐसे ही तुसी हलदर ये भी टीएमसी से हैं तो ऐसे करके और भी लोगों के नाम आए जिनका लिंक टीएमसी से निकला तो यहां से भीड़ और गुस्सा हो गई कि 100 200 लोग नहीं थे ये कई हजार लोग थे वेल कोऑर्डिनेटेड तरीके से एक ही जगह पे एक ही टाइम पे स्टेप बाय स्टेप सेमिनार हॉल की तरफ कैसे पहुंच गए थे ये लोग अब देखिए देखिए ये जो पूरे प्रोटेस्ट चल रहे थे ये पूरी सिचुएशन जो चल रही थी इसमें अब आपका एक क्वेश्चन ये होगा कि 24 घंटे के अंदर जिसने क्राइम किया उसको पकड़ लिया जो केस है वो भी सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया तो ये प्रोटेस्ट हो क्यों रहे हैं तो देखिए ये जो हॉस्पिटल है इसकी जो पुरानी हिस्ट्री है उसकी वजह से जो लोग हैं जो स्टूडेंट्स हैं जो डॉक्टर्स हैं वो इस इंसिडेंट में पूरी तरीके से यकीन नहीं करना चाह रहे हैं इस हॉस्पिटल की हिस्ट्री की वजह से लोग कह रहे हैं कि केस इतना सिंपल नहीं है इसमें और गहरी साजिश है इसलिए इसमें फेयर इंक्वायरी होनी चाहिए जो कि नहीं हो रही है एक्चुअली हुआ क्या था कि ईयर 2001 में बैरकपुर में एक सौमित्र विश्वास नाम का एक लड़का रहता था उसने अगस्त के मंथ में अपने पेरेंट्स को बताया था कि आर्ज करर हॉस्पिटल जो है यहां पे सारी चीजें सही नहीं चल रही है यहां पे कुछ गलत काम होते हैं और फिर इसके कुछ दिन बाद यानी कि 25th ऑफ अगस्त 2021 को आर्ज करर कॉलेज में सुमित्रा विश्वास से लटके हुए मिलते हैं और अभी जो केस चल रहा है इसी तरीके से कोलकाता पुलिस आई थी कुछ इन्वेस्टिगेशन की थी और उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कह दिया था कि ये केस है और जैसे ही वो ये कहते हैं कि सुसाइड केस है मां-बाप साफ मना कर देते कि लड़का खुश था कोई दिक्कत नहीं थी ये कोई केस नहीं है बल्कि किया गया है सुमित्रा के जो मां-बाप थे वो गवर्नमेंट को मल्टीपल लेटर लिखते हैं कि आरजी करर कॉलेज जो है वहां पे कुछ गड़बड़ चल रही है उनका बेटा ऐसा नहीं कर सकता कुछ करिए इसको लेके और जब कुछ नहीं होता है तो मां-बाप कोर्ट में चले जाते हैं और कोर्ट जो है वो सारी चीजें देखता है उसके बाद सीबीआई तो नहीं लेकिन सीआईडी की जांच शुरू करवा दी जाती है दो-तीन साल तक इन्वेस्टिगेशन चलती है और इस इन्वेस्टिगेशन में कई स्टूडेंट्स और सौमित्र के जो फ्रेंड थे उन्होंने अपने बयान में बोला कि आरज करर कॉलेज की यूनियन के कुछ पावरफुल लोग यहां पे पोनोग्राफी का काम करते हैं इस चीज के बारे में पता सबको है लेकिन कोई कुछ कर नहीं पाता है क्योंकि ये पावरफुल लोग हैं आगे इसमें ये चीज कही गई कि ये लोग पास के सोना गाजी से वर्कर्स को कॉलेज के अंदर लेके आते हैं उनसे पोर्नोग्राफी कंटेंट बनाते हैं और जो फेमस हीरोइन होती है उनकी इमेज से इनको रिप्लेस कर देते हैं और कई बार जब कोई अवेलेबल नहीं होता है तो अर्जिकल हॉस्पिटल के अंदर कोई फ्रेश फीमेल डेड बॉडी आई हुई होती है तो ये उसको यूज करके फिल्म बनाते हैं और उसको बेचते हैं और उस टाइम भी इसी अर्जिकल हॉस्पिटल के अंदर सेमिनार हॉल और रूम नंबर 15 का नाम आया था और ये भी इसमें कहा गया था कि कभी-कभी कॉलेज की जो लड़कियां होती थी उनका फेस भी यूज कर लिया जाता था उनकी फिल्म बनाई जाती थी क्योंकि वो ज्यादा जल्दी बिकती थी तो इस केस में भी यह बताया गया कि एक बार सुमित्रा विश्वास जो थे उनकी गर्लफ्रेंड के बर्थडे की एक पिक थी उसको इन लोगों ने निकाल के वीडियो बना ली थी और सर्कुलेट कराना स्टार्ट कर दिया था सुमित्रा इस चीज को लेके लड़ने चले गए और फिर सेम वीक में रूम नंबर 15 में ये से लटके हुए मिले और जब इन सारी चीजों को लेके इन्वेस्टिगेशन चल रही थी तो एक रूम ऐसा भी मिला था जहां पे ट्राइपॉड और लाइट रिफ्रैक्टर जो होता है वो भी सीआईडी को मिला था आज की डेट में तो ये फिर भी नॉर्मल है लेकिन 2001 में ये मिलना नॉर्मल नहीं था तो इसको लेके भी बहुत कुछ हुआ था लेकिन इस केस में भी कोई पकड़ा नहीं गया और ये भी सुइड केस रहा इसीलिए आज की डेट में भी आरजी कल कॉलेज के जो स्टूडेंट्स हैं वो इसकी डिटेल इंक्वायरी करवाना चाहते हैं क्योंकि इस केस को भी साइट से जोड़ दिया गया और आरिक कॉलेज की हिस्ट्री रही है केसों को साइड में जोड़ने की 2003 में अर्जित दत्ता हर कोई शॉक्ड हो गया था कि इनकी जान कैसे चली गई बाद में पता चला इन्होंने ड कर लिया ऐसे ही 2016 में अर्जिकल हॉस्पिटल की डिपार्टमेंट हेड गौतम पाल की बॉडी मिली उनका भी बताया गया कि उन्होंने सुसाइड कर लिया 2020 में भी पलमी शाह के केस में बताया गया कि उन्होंने सुसाइड कर लिया एक इंटर्न भी थी उसका भी ये बताया गया कि ओवरडोज हो गई थी इसीलिए सारे लोग इस पे एक डिटेल इंक्वायरी चाहते हैं कि एक्चुअल में चल क्या रहा है इस कॉलेज में वो पता चले ये कोई एक कोइंसिडेंस है या फिर कोई एक गहरी साजिश अभी आज की डेट की बात करूं तो सीबीआई ने अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट जो है वो सबमिट कर दी है सुप्रीम कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है इसमें ये कहा गया है कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई है तो एक्चुअल में हुआ क्या है ये तो टाइम आने पे सामने आएगा लेकिन देश के अंदर इसकी वजह से जगह-जगह प्रोटेस्ट कर र लोग लोग डरे हुए हैं मां-बाप अपने बच्चों को कहीं भेजने से डर रहे हैं विक्टिम जो थी जिसके साथ ये इंसीडेंट हुआ है वो बहुत ही होनहार लड़की थी उसके बारे में मैंने पढ़ा है सारी चीजें मैं इंक्लूड नहीं कर सकता इस वीडियो में वो बहुत ही होनहार लड़की थी और अपने मां-बाप का बहुत ज्यादा ध्यान रखती थी बीबीसी को विक्टिम के जो पेरेंट्स हैं उन्होंने इंटरव्यू दिया है आप पढ़ोगे तो आप सोच भी नहीं सकते कितना गलत उस फैमिली के साथ हुआ है विक्टिम के साथ इस एक्यूज्ड संजय राय ने बहुत ज्यादा दरिंदगी करी है मैंने जानबूझ के इस वीडियो में उसको ऐड नहीं किया है क्योंकि ना मैं बता पाऊंगा और ना आप सुन पाओगे और हर बार आप देखोगे ऐसा ही होता है फिर कुछ टाइम बाद लोग भूल जाते हैं और फिर दोबारा से वही सारी चीजें होती हैं तो इसके लिए गवर्नमेंट को जरूर कुछ ना कुछ करना चाहिए कुछ ना कुछ ऐसा करना चाहिए कि ये चीज दोबारा ना हो [संगीत]