Overview
यह व्याख्यान कम्युनिकेशन के अर्थ, इसके प्रमुख मॉडल्स और उन मॉडल्स के घटकों की व्याख्या करता है।
कम्युनिकेशन की परिभा षा और महत्व
- कम्युनिकेशन एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें विचारों, सूचना और भावनाओं का आदान-प्रदान होता है।
- ग्राफिकल मॉडल्स कम्युनिकेशन के जटिल स्वरूप को सरल और दृश्य रूप से समझाने में मदद करते हैं।
- सही कम्युनिकेशन समस्याओं की पहचान और समाधान के लिए मॉडल्स उपयोगी हैं।
कम्युनिकेशन के मॉडल्स
1. लिनियर मॉडल (Linear Model)
- यह एकतरफा (one way) कम्युनिकेशन है जहां संदेश भेजने वाले से रिसीवर तक जाता है।
- इसमें फीडबैक नहीं होता, जैसे टीवी देखना—टीवी आपकी बात का जवाब नहीं देता।
- इसका मुख्य दोष फीडबैक की कमी है, जिससे पारस्परिक समझ नहीं बन पाती।
2. इंटरएक्टिव मॉडल (Interactive Model)
- यह द्विपक्षीय (two way) प्रक्रिया है जिसमें फीडबैक शामिल है।
- सेंटर और रिसीवर के बीच अनुभवों की समानता कम्युनिकेशन को प्रभावी बनाती है।
- सोशल मीडिया चैट्स जैसे फेसबुक मेसेंजर इसका उदाहरण हैं, जहाँ कभी-कभी फीडबैक धीमा मिलता है।
- इसका एक दोष यह है कि फीडबैक हमेशा तुरंत नहीं मिलता।
3. ट्रांजैक्शनल मॉडल (Transactional Model)
- इसमें दोनों पक्ष (सेंटर और रिसीवर) एक साथ संदेश भेजते और प्राप्त करते हैं।
- फीडबैक निरंतर और त्वरित होता है।
- यह मॉडल परस्पर निर्भरता और निरंतरता दर्शाता है, जैसे आमने-सामने बातचीत।
- नॉन-वर्बल प्रतिक्रियाएँ (जैसे हाव-भाव) भी इसमें शामिल होती हैं।
प्रमुख घटक और तत्व
- स्पीकर (Speaker) — संदेश भेजने वाला।
- रिसीवर (Receiver) — संदेश प्राप्त करने वाला।
- मैसेज (Message) — संप्रेषित विचार/सूचना।
- चैनल (Channel) — माध्यम जिससे संदेश जाता है।
- फीडबैक (Feedback) — रिसीवर की प्रतिक्रिया या उत्तर।
Key Terms & Definitions
- कम्युनिकेशन — सूचना, विचार या भावनाओं का आदान-प्रदान।
- मॉडल — किसी प्रक्रिया की दृश्य प्रस्तुति।
- फीडबैक — रिसीवर द्वारा दी गई प्रतिक्रिया।
- लिनियर मॉडल — एकतरफा कम्युनिकेशन मॉडल।
- इंटरएक्टिव मॉडल — द्व िपक्षीय, फीडबैक के साथ कम्युनिकेशन मॉडल।
- ट्रांजैक्शनल मॉडल — निरंतर और परस्पर कम्युनिकेशन मॉडल।
Action Items / Next Steps
- विभिन्न कम्युनिकेशन मॉडल्स के उदाहरण लिखें।
- कौन सा मॉडल सबसे प्रभावी है—इस पर अपने विचार तैयार करें।