Overview
इस लेक्चर में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना, भारत में आने के कारण, ब्रिटिश नियंत्रण के विस्तार तथा रेलवे निर्माण के कारणों और प्रभावों पर चर्चा की गई।
ईस्ट इंडिया कंपनी का बैकग्राउंड
- ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 1600 में ब्रिटिश सरकार द्वारा हुई थी।
- 1600 में क्वीन एलिजाबेथ ने ट्रेड की अनुमति दी।
- शुरुआत में डच और पुर्तगालियों का कंट्रोल था, जिससे व्यापार शुरू करने में कठिनाई हुई।
- 1608 में पहली बार सूरत में पहुंचे; 1612 में सूरत में ट्रेड करने की अनुमति मिली।
- 1615 में पूरे भारत में ट्रेड की अनुमति प्राप्त हुई।
- कंपनी के तीन मुख्य केंद्र - कलकत्ता, मद्रास और बॉम्बे थे।
- 18वीं सदी तक, कंपनी भारत से 10% राजस्व कमा रही थी।
भारत में ब्रिटिश आने के कारण
- भारत को 'सोने की चिड़िया' कहा जाता था - धन, मसाले, कपास, और धातु कार्य के लिए प्रसिद्ध।
- ब्रिटिश इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन का युग था; उन्हें कच्चा माल (raw material) और बड़ा बाजार चाहिए था।
- मुग़ल साम्राज्य के पतन और मजबूत केंद्र सरकार की अनुपस्थिति ने ब्रिटिश को हस्तक्षेप का अवसर दिया।
- भारत की भौगोलिक स्थिति व वार्म वाटर सीपोर्ट्स ब्रिटिश के लिए रणनीतिक लाभदायक थे।
ब्रिटिश नियंत्रण के विस्तार क े कारण (1750-1850)
- ब्रिटिश के पास औद्योगिक क्रांति के कारण आधुनिक हथियार और तकनीक थी।
- बैटल ऑफ प्लासी (1757) और बक्सर (1764) में जीत से बंगाल पर नियंत्रण और अधिक राजस्व मिला।
- भारतीय सेना अनुभवहीन और असंगठित थी, जबकि ब्रिटिश सेना प्रशिक्षित और संयुक्त थी।
- पिट्स इंडिया एक्ट (1784) ने सरकारी नियंत्रण और सुरक्षा बढ़ाई।
- डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स (1852) से बिना वारिस वाली रियासतों को ब्रिटिश ने कब्जाया।
- स्थायी बंदोबस्त (1793) से भूमि-स्वामियों से टैक्स लेकर सेना मजबूत की गई।
रेलवे के निर्माण के कारण और प्रभाव
- ब्रिटिश को भारत से कच्चा माल बंदरगाहों तक जल्दी व सस्ते में पहुँचाना था।
- सैनिकों की त्वरित आवाजाही और विद्रोह नियंत्रण के लिए रेलवे आवश्यक थी।
- प्रशासन में सुगमता और कुशल प्रबंधन के लिए रेलवे बनाई गई।
- रेल यात्रा से भारतीयों में ब्रिटिश सरकार के लिए सहानुभूति बढ़ ी।
Key Terms & Definitions
- ईस्ट इंडिया कंपनी — ब्रिटिश व्यापारिक कंपनी जिसने भारत में व्यापार और फिर शासन की स्थापना की।
- पिट्स इंडिया एक्ट (1784) — कानून, जिसने कंपनी के प्रशासन में सरकारी हस्तक्षेप बढ़ाया।
- डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स — नीति जिसमें बिना वारिस वाली रियासतें ब्रिटिश शासन में चली जाती थीं।
- स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) — भूमि-राजस्व व्यवस्था जिसमें जमींदारों को निश्चित कर देना होता था।
- बैटल ऑफ प्लासी/बक्सर — निर्णायक युद्ध जिनसे ब्रिटिश का बंगाल पर नियंत्रण मजबूत हुआ।
Action Items / Next Steps
- बुधवार को टेस्ट: मैप्स, टोपोग्राफी व क्लाइमेट के बेसिक्स।
- छूटी हुई क्लासेज की रिकॉर्डिंग देखें।
- पास्ट पेपर्स हल करें।
- अगले लेक्चर के लिए नोट्स तैयार रखें।